Desi Sex Kahani नखरा चढती जवानी दा
01-30-2021, 11:44 AM,
RE: Desi Sex Kahani नखरा चढती जवानी दा
कड़ी_25

शाम के 7:00 बजे चुके थे, और लेडीस संगीत शुरू करने की पूरी तैयारी चल रही थी। सारे आस-पड़ोस और रिश्तेदार घर में आ चुके थे। सारी औरतें मस्त पटोला बनकर आ गई थी। इसी बीच सुखजीत और रीत दोनों अपने रूम में मेकप करके तैयार हो रही थी।
उन दोनों की मोटी-मोटी चूचियां कमीज में फँसी हुई थीं, और पीछे से उनके चूतरों ने उनकी कमीज का पल्ला ऊपर उठाया हुआ था, और दोनों के चूतरों के बीच उनके बालों से लगा हुआ लाल फूल, कभी बांयें वाले चूतर से लगता तो कभी दायें वाले चूतर से लगता।

नीचे पटियाला शाही रेशमी सलवार जिसमें उन दोनों की टाँगें और भी मस्त लग रही थी। सुखजीत ने हल्का सा मेकप किया हुआ था। जिससे उसके चेहरे का नूर और भी ज्यादा बढ़ चुका था। आज सुखजीत 28 साल की जवान लड़की से कम नहीं लग रही थी।

जब सुखजीत तैयार हो रही थी, तो रीत बाथरूम में नहा रही थी। इतने में पिंकी रूम में आ गई। पिंकी भी किसी से कम नहीं लग रही थी। उसने आज पिंक कलर का सूट डाला हुआ था। जिसमें उसकी जवानी उसपर चढ़कर बोल रही थी।

पिंकी सुखजीत को देखकर बोलती है- “हाँ चाचीजी आप तो बहुत सुंदर लग रहे हो..”
सुखजीत शर्माते हुए बोली- “बैंक यू बेटा जी। वैसे आप मजाक अच्छा कर लेते हो.."

पिंकी- “नहीं चाचीजी कसम से मैं मजाक नहीं कर रही। आप सच में बहुत अच्छे लग रहे हो आज.."

सुखजीत मजाक में बोली- “अच्छा जी आज सारे गाँव वालों को पता लगना चाहिये की शहर से लड़के की चाची आई है..."

पिंकी- सच्ची चाचीजी, आज तो सारे गाँव में आपने धमाल मचा देना है।

सुखजीत - “चल हट पागल कहीं की..."
पिंकी- अच्छा वैसे मम्मी बुला रही है आपको, उन्हें कुछ काम है शायद आपसे।

सुखजीत- “ठीक है मैं जाती हूँ..” फिर सुखजीत चली जाती है।

रीत बाथरूम में नहा रही थी। रीत को पता था की पिंकी उसके रूम में है। फिर अचानक पिंकी का फोन रिंग करने लगता है। फोन रणबीर का होता है, और रूम खाली होने के कारण पिंकी फोन उठा लेती है। पर उसे ये नहीं पता था की बाथरूम में रीत नहा रही है। जो उसकी सारी बातें सुन रही थी।

पिंकी- हेलो।

रणबीर- क्या हाल मेरी जान?

पिंकी- तेरे बिना मेरा क्या हाल हो सकता है,

रणबीर- अगर इतना मुश्किल है मेरे बिना, तो शाम को मुझे क्यों छोड़कर भाग गई थी?

पिंकी- जान उस टाइम मेरे पापा का फोन आ गया था, ऊपर से रीत भी मेरे साथ थी।

रणबीर- अच्छा अच्छा... ये वही लड़की है ना, जो आजकल गाँव में बहुत मशहूर है?

पिंकी- हाँ यार, मशहूर तो होनी ही है। शहर की लड़की है एकदम सुंदर पटाका।

रीत बाथरूम के अंदर से ये सारी बातें सुन रही थी, ये सब बातें सुनकर वो शर्मा रही होती है।

रणबीर- मेरे दोस्त मलिक को वो पसंद आ गई है। तू कर कोई जुगाड़ जरा।

पिंकी- शहर की लड़की है, ऐसे वो किसी के हाथ नहीं आएगी आसानी से।

रणबीर- इस बारे में मुझे कुछ नहीं पता। मलिक मेरे दोस्त हैं, और तू उसका जुगाड़ कर जैसे मर्जी?

पिंकी- जान मैं अपनी तरफ से पूरी कोशिश करूँगी।

रणबीर- ठीक है, और सुनाओ क्या प्रोग्राम है आज का?

पिंकी- कुछ नहीं। बस तैयार हो रही हूँ, लेडीस संगीत के लिए।

रणबीर- तैयार तो तू हर टाइम रहती है, बस हाथ लगाने की देर है।

पिंकी- तुम ना एक नंबर के गंधे हो, हर टाइम बस ऐसी बातें करते रहते हो।

रणबीर- क्या करूं जान? अगर अब मेरा बस चलता, तो मैं अभी आ जाता तेरी मारने के लिए।

जी... अगर तू मेरे घर आ गया ना, तो मेरे बापू ने तुझे अपना दे देना है समझा। बात नहीं संभाल लूँगा मैं तेरे बाप को भी।

पिंकी- जान तुम आ रहे हो आज लेडीस संगीत में?

रणबीर- एक शर्त पर आऊँगा।

पिंकी- क्या?

रणबीर- अगर तू मलिक की बात कराती है रीत के साथ?

पिंकी- ठीक है करा दूंगी, जान तुम खुश रहो बस।

रणबीर- ठीक है बाबू गुड बाइ, मिलते हैं शाम को।

पिंकी- मुआअहह... बाइ।

पिंकी बात करके रूम से बाहर चली जाती है। अंदर रीत सारी बातें सुन चुकी थी, और वो सब कुछ अच्छे से
समझ गई थी की पिंकी उसकी किसी के साथ सेटिंग करवाना चाहती है। नहाने के बाद रीत बाहर आती है। और तैयार हो जाती है। रीत ने लाल रंग का सूट डाला हुआ था। टाइट कमीज जो सिर्फ उसके चूतड़ों तक थी। नीचे धोती सलवार और पंजाबी जती। रीत ऐसे लग रही थी, मानो वो कोई आसमान से आई हई परी हो।

दूसरी तरफ जब सुखजीत बाहर आई तो सबकी नजरें सुखजीत पर जम गई। सारे मर्द तो सुखजीत के आशिक हो गये थे, और तो और गाँव की औरतें भी अपनी आँखें फाड़-फाड़कर सुखजीत को देखकर कह रही थी, की ये इतनी खूबसूरत औरत भला कहां से आ गई है।

ऊपर बिटू और मीता बैठे दारू पे रहे थे, जैसे ही मीता की नजर सुखजीत पर पड़ी तो वो दोनों आपस में बातें
करने लगे।

मीता- "आए हाए... देख भाई साली क्या मस्त रंडी लग रही है। भाई इस साली का कोई जुगाड़ कर अब मुझसे और इसकी खूबसूरती नहीं देखी जाती। देख साली गश्ती कैसे मटक-मटक कर चल रही है..."

बिटू- "मीते अभी अपनी गरमी बचाकर रखा, जब इसकी चूत मरेगा तो तू उस टाइम ठंडा हो जाएगा। इसलिए
इस गरमी को बचाकर रख अभी..."

मीता- भाई मैं क्या करूँ, साली के चूतर देख जरा, चूतर देखते ही मेरा लण्ड खड़ा हो जाता है।

बिटू- कोई बात नहीं यार, आज तेरा भी जुगाड़ करवाता हूँ मैं, तू फिकर ना कर मेरे भाई।
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01-30-2021, 11:44 AM,
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update_26

सुखजीत की आँख बाहर बैठे बिटू के साथ लड़ जाती है, और सुखजीत सेक्सी स्माइल देकर अपनी आँखें नीचे कर लेती है। फिर वो अपने दोनों चतर बिट्ट के आगे जोर से मटकाते हए आगे चली जाती है।

मीता सुखजीत की ये हरकत देखकर अपना लण्ड मसलते हुए बोला- "भाई ये मस्त माल तो ठकने के लिए एकदम तैयार बैठा है। इसको देखकर तो लगता है, ये लण्ड लेने के लिए तड़प रहा है। मेरा मन तो कर रहा है, अभी इसे घोड़ी बनाकर इसकी गाण्ड में अपना लण्ड घुसा दूँ..”

बिटू- नहीं। ओये मीते इतनी जल्दबाजी ना कर। बड़े कहते है सबर का फल मीठा होता है। इसका जुगाड़ तो मैं
आज रात को ही लगाऊँगा।

मीता- ठीक है भाई तू इसको चोद और मुझे तू चरणजीत की चूत दिला।

बिटू- कोई बात नहीं, तेरी चरणजीत का भी कुछ करते हैं।

इतने में रीत भी तैयार होकर बाहर आ जाती है। जब रीत बाहर है तो सबकी नजरें उसपर होती है। वो भी अपनी माँ की तरह एक आसमान से आई हुई परी जैसी लग रही थी। उसकी मोटी-मोटी और आगे से नोकिली

चूचियां पतली सी कमीज में खड़े होती है। उसकी सेक्सी गाण्ड बहत अच्छी लग रही थी। ऊपर से उसके बालों से लगा हुआ लाल रंग का फूर उसके दोनों चूतरों पर इधर-उधर लग रहा था।

कुछ ही देर में लेडीस संगीत शुरू हो जाता है। और फिर सब अपनी-अपनी जगह ले लेते हैं। हरपाल बलविंदर बिटू, मीता और सरपंच एक साइड बैठकर दारू पी रहे थे। बाहर आगन में डी.जे. चल रहा था। रात के 8:00
बजे चुके थे, और तभी पिंकी के मोबाइल पर एक मेसेज आता है।

रणबीर- जान कहां हो?

पिंकी रिप्लाइ करती है- मैं बाहर आगन में हूँ।

रणबीर- ओके मैं आ गया, मेरे साथ मेरा दोस्त मलिक भी है।

पिंकी- ओके स्वागत है।

दूसरी तरफ हरपाल और उसके साथ बैठे दारू पी रहे थे, और दारू पी पीकर फुल हो रखे थे।

बलविंदर- भाई बिटू आज तो शराब का नशा ही नहीं हो रहा है।

बिटू- भाईजी नशा कैसे होगा, आज आपका जिश्म एक जिश्म की माँग कर रहा है।

बलविंदर- हाँ भाई आज लगता है, मस्त जिश्म का जुगाड़ करना ही पड़ेगा।
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01-30-2021, 11:45 AM,
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मीता- भाई मैं एक रंडी को जानता हूँ, साली बहुत मस्त है। ₹1000 पर शाट लेती है साली, इतनी मस्त रंडी है।

बलविंदर- “ओये मीते साले एक शाट से क्या बनेगा जाट का? जाट को सारी रात के लिए चाहिये.."

हरपाल भी एक पेग मारकर बोला- “सही कहा भाईजी आपने, आज तो सारी रात लेनी है फुद्दी.."

बलविंदर तभी देखता है, की दारू के साथ मीट खतम हो गया है। वो तभी बोला की चरणजीत को बुलाओ की मीट और लेकर आए। चरणजीत का नाम सुनते ही मीते के कान खड़े हो जाते हैं, और तभी वो बोला।

मीता- मैं ले आना भाईजी, भाभी ये काम करती अच्छी नहीं लगेगी।

बलविंदर सिर हिला देता है, और मीता चरणजीत के पास चला जाता है। चरणजीत सुखजीत के साथ किचेन में होती है। मीता किचेन में ही चला जाता है, और वो वहां चरणजीत को सिर से पैर तक अच्छे से देखता है और बोलता है- “सत श्री अकाल भाभीजी.."

चरणजीत- सत श्री अकाल भाईजी।

मीता- “वो मीट खतम हो गया था..."

चरणजीत- “हाँ जी ये पतीला पड़ा है, उसमें से निकल लो जितना चाहिये..."

मीता- भाभी आप निकालकर दो, कभी अपने देवर खुद भी खिला दिया करो।

चरणजीत- नहीं। देवर अपनी भाभी का ध्यान रखते है, या भाभी देवर का?

मीता- पर भाभी आपने कभी इस गरीब को मोका ही नहीं दिया अपनी सेवा करने का।

चरणजीत अपनी आँखें नीचे करके बोली- “पागल कहीं का..” कहकर चरणजीत मीते की प्लेट में मीट डाल देती है, और मीता वहां से चला जाता है।

सुखजीत मीट की नियत को जान जाती है और शुखजीत चरणजीत को बोली- “बहनजी ये बंदा तो मुझे कुछ ज्यादा ही तेज लगता है...”

चरणजीत हँसते हुए बोली- “बहनजी यहाँ तो सारे मर्द ही ऐसे ही हैं। और ये मीता तो साला जनम से ही हरामी है। अपने गाँव की हर औरत और लड़की पर इसकी नजर रहती है.."

सुखजीत- “देखकर बहनजी, कहीं ये कुछ कर ही ना दे?"

चरणजीत- “कुछ बस में हो तो वो कुछ करे। साला सारा दिन तो शराब पीता रहता है, ऊपर से इससे किसी ने शादी नहीं करी...”

चरणजीत की बात सुनकर सुखजीत समझ जाती है, की चरणजीत का भी चूत मरवाने का दिल करता है।

इतने में एक औरत आती है और वो चरणजीत से बोलती है- “आओ बहनजी गिधा शुरू करते हैं..."

चरणजीत सुखजीत की तरफ देखर बोली- "आओ बहन चलते हैं, और जमकर गिधा डान्स करते हैं..”

फिर चरणजीत और सुखजीत दोनों बाहर आँगन में डी.जे. गाने के ऊपर गिधा डान्स शुरू करती हैं। सुखजीत
अपनी कमर हिला-हिलाकर जोर से ठुमके लगा रही थी। इतने में उसे देखने वालों की भीड़ लग जाती है। हरपाल, बलविंदर, सरपंच, मीता और बिटू वहीं बैठे दारू पी रहे थे और सुखजीत और चरणजीत का गिधा डान्स देख रहे थे।
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01-30-2021, 11:45 AM,
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कड़ी_27

मीता बड़े ध्यान से चरणजीत को देख रहा था, और सबसे चोरी-चोरी अपनी धोती में अपना हाथ डालकर अपना लण्ड मसल रहा था। इतने में रिश्तेदार हरपाल और बलविंदर को खींचकर नाचने के लिए लेकर जाते हैं, और उसके साथ बिटू और मीता भी साथ में घुस जाते हैं।

अब वहां काफी ज्यादा भीड़ हो जाती है। डी.जे. के आगे सुखजीत पहले से ही अपनी गाण्ड मटका-मटकाकर नाच रही थी। जब वो वहां बिटू को देखती है, तो उसको और ज्यादा जोश आ जाता है। बिटू हरपाल के पीछे नाच रहा था, और सुखजीत हरपाल के सामने नाच रही थी। पर सुखजीत के ठुमके और उसकी आँखों के इशारे सिर्फ बिटू के लिए थे।

इतने पिंकी भी नाचते हुए हरपाल के पास आ जाती है। हरपाल का सारा ध्यान पिंकी की तरफ चला जाता है,
और फिर वो दोनों साइड में चले जाते हैं।

अब सुखजीत बिटू के सामने आ जाती है। सुखजीत अपनी सेक्सी नजरों से देखते हुए, बिटू के सामने अपनी गाण्ड को हिलाती है। फिर वो बिटू की तरफ अपनी गाण्ड कर देती है, और वो भीड़ का फायदा उठाकर जानबूझ कर नाचते हुए पीछे जाती है, और अपने दोनों चूतर बिटू के लण्ड पर मारती है।

सुखजीत के चूतर जैसे ही बिटू के लण्ड पर लगते हैं, तभी बिटू का लण्ड खड़ा हो जाता है। बिटू से अब और बर्दाश्त नहीं हुआ, और वो नाचते हुए सुखजीत के एकदम पास चला जाता है, और मोका देखकर अपना एक हाथ उसके पल्ले के अंदर डालकर उसके चूतरों को मसल देता है। डान्स करते-करते ही सुखजीत की आँखें बंद हो जाती हैं।

दूसरी तरफ मीता चरणजीत के आगे-पीछे नाच रहा था। मीता मोके का फायदा उठाकर बार-बार चरणजीत के चूतरों पर हाथ लगा रहा था। पर चरणजीत डान्स में इतनी मस्त थी, की उसे इस बात का पता तक नहीं चला।

हरपाल को शराब का पूरा नशा हो गया था, और वो पिंकी के साथ डान्स कर रहा था। नशे में हरपाल को पिंकी बहुत ही सेक्सी लग रही थी। नाचते हुए पिंकी की दोनों चूचियां जोर-जोर से हिल रही थीं। जिस पर हरपाल की नजर बार-बार जा रही थी। हरपाल सोच रहा था, की ये वो ही चूचियां हैं, जो मेरे छाती पर लगी थीं, जब ये मुझसे मिली थी। हरपाल के मन में पिंकी के लिए गलत बातें आ रही थी।

उधर बिटू सुखजीत को नाचते हुए अपने हाथ उसके जिश्म पर फेरकर उसे गरम कर देता है। फिर बिटू
सुखजीत के कान में कुछ बोलता है- “भाभी यहाँ से नजरें बचाकर सीधा मेरे घर आ जा, बाकी का गिधा वहीं पर करेगे..” कहकर बिटू वहां से चला जाता है।

सुखजीत अब पूरी गरम हो चुकी थी, उसकी चूत अब सिर्फ और सिर्फ लण्ड माँग रही थी। वो इधर-उधर देखती है, तो सारे डान्स करने में मस्त होते हैं। फिर सुखजीत सबसे नजरें बचाकर वहां से बाहर आ जाती है। सुखजीत गेट से बाहर जाने लगती है।

तभी एक औरत जो उसे जानती थी वो उसे मिल जाती है और कहती है- “क्या हुआ बहन कहां जा रहे हो?"

सुखजीत- “ओह्ह... बहनजी बाथरूम आया है, जोर से बस वो ही करने जा रही हूँ..."

औरत- "ठीक है बहनजी..” कहकर फिर वो चली जाती है, और सुखजीत गेट से बाहर आ जाती है। पूरी गली शादी वाले घर में आई हुई थी, इसलिए सारा रास्ता एकदम सुनसान हो रखा था।

बिटू का घर पास में ही था। बिटू सुखजीत को देखकर काफी खुश हो जाता है, और उसे घर के अंदर आने का इशारा करता है। बिटू के घर में कोई नहीं होता, क्योंकी सारी लेडीस संगीत में गये हुए थे। सुखजीत दबे पैरों से घर के अंदर चली जाती है। सुखजीत के अंदर आते ही बिटू अंदर से कुण्डी लगा देता है। और वो वहीं दीवार से सुखजीत को लगाकर उसके होंठों को चूसने लगता है।

सुखजीत भी पूरी गरम होती है, इसलिए वो भी बिटू का पूरा साथ दे रही थी। बिटू सुखजीत के होंठों को चूसते हुए, सुखजीत की चुन्नी को खींचकर नीचे जमीन पर गिरा देता है। फिर बिटू सुखजीत की चूचियों को मसलने लगता है और साथ ही बोलता है- "भाभी आज तो तू मेरे ऊपर दारू के नशे की तरह चढ़ी हई है। कसम से आज तो मैं तेरी चीखें निकाल दूँगा

सुखजीत बोली- "आए हाए मेरे जालिम आशिक... अभी तक पिछली बार के जख्म नहीं भरे हैं, धीरे-धीरे करियो आहह..."

बिटू चूचियों को जोर से मसलकर बोला- “भाभी तू वो नहीं है, जिसकी आराम से मारने में मजा है। तू तो वो
बला है, जिसकी जितनी कसकर मारो उतना ही मजा आता है..."
सुखजीत- “आहह...आहह...”

बिटू अपने हाथ सुखजीत की चूचियों से हटाकर उसके दोनों चूतरों पर लगा देता है। और उसके दोनों चूतरों को
जोर-जोर से मसलने लगता है।

सुखजीत- “आहह... आहह... भाईजी आराम से करो..."

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01-30-2021, 11:45 AM,
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बिटू- “क्या आराम से बहनचोद... साली डान्स करते हुए तो बड़ी जोर-जोर से हिला रही थी और अब क्या हुआ? भाभी सच में तेरी ये मोटी गाण्ड बड़ी मस्त है। जब तू मुझे दिखाकर अपनी गाण्ड हिला-हिलाकर नाच रही थी। कसम से एक अजीब सा नशा हो रहा था मेरे ऊपर। मैं उस टाइम अपने ऊपर कैसे कंट्रोल कर रहा था, ये सिर्फ मुझे पता है। आज तो मैं तेरी चूस-चूसकर मारूँगा..."

सुखजीत सुनकर गरम हो जाती है। फिर सुखजीत बिटू को कसकर अपनी बाहों में भरकर बोलती है- “आहह... बिटू आज अपनी भाभी को अच्छे से कसकर पकड़ ले ना..."

बिटू अपने दोनों हाथ सुखजीत के दोनों चूतरों के बीच की लकीर में लेजाकर बोला- “आज तो तुझे नहीं छोड़ता
मैं भाभी। तेरी आज की रात रगीन कर दूंगा मैं। तेरे ये मटकते हुए चूतरों के बिना अब मुझसे और नहीं रहा जाता। आज सुबह से ही तेरे मोटी-मोटी चूतरों ने मुझे अपना दीवाना बनाया हुआ है...”

सुखजीत- अब तो तेरे हाथ में मेरे दोनों चूतर हैं, अब कर ले जो तूने इनके साथ करना है।

बिटू सुखजीत को सीधा अपने बेडरूम में ले जाता है। वहां वो सुखजीत की कमीज का पल्ला उठाकर उसकी
कमीज को उतार देता है। फिर बिटू थोड़ा नीचे होकर सुखजीत की दोनों चूचियों को अपने हाथ में लेकर चूसने लगता है। सुखजीत को मजा आने लगता है, और उसके मुँह से आह्ह... आह्ह... की आवाजें आने लगती हैं।

बिटू सुखजीत की चूचियां चूसते-चूसते सुखजीत की चूचियों के निपलों को अपने दांतों से काट लेता है।

सुखजीत दर्द से तड़प कर बोली- “आह्ह... आह्ह... आए हाए आराम से कर..."

बिटू सुखजीत की एक नहीं सुनता और बार-र सुखजीत के निपलों को अपने दांतों से कटता रहता है। जिससे
सुखजीत और भी पागल हो जाती है। सुखजीत की चूत नीचे बुरी तरह से पानी निकालने लगती है। फिर बिटू सुखजीत की चूचियां चूसते हुए ही अपने हाथ नीचे लेकर जाता है, और अपने दोनों हाथ नीचे लेकर जाता है।
और फिर सुखजीत की सलवार और पैंटी एक साथ वो नीचे कर देता है।

सुखजीत के मुँह से आह्ह... निकलती है, और बिटू से लिपट जाती है। बिटू का लण्ड पूरा खड़ा हो जाता है। बिटट अपने दोनों हाथ सखजीत के चतरों पर रखता है, और जोर से उसे ऊपर उठाकर बेड पर सीधा लंबा लेटा देता है। फिर बिटू बेड के किनारे खड़ा होकर सुखजीत की दोनों टाँगें ऊपर उठाकर अपने कंधों पर रखा लेता है। बिटू एक हाथ से सुखजीत के चूतड़ों को पकड़ा होता है, और दूसरे हाथ से उसने अपनी धोती को खोल देता है।

फिर वो अपना 9" इंच लंबा लण्ड बाहर निकाल देता है। सुखजीत बिटू का इतना लंबा लण्ड देखकर हैरान रह जाती है। फिर बिटू सुखजीत की चूत पर अपना लण्ड मसलने लगता है, और धीरे-धीरे धक्का मारकर अपना थोड़ा सा लण्ड सुखजीत की चूत में डाल देता है।

सुखजीत- “अया आए होये अब डाल भी दे अंदर अपना लण्ड, अंदर आग लगी हुई है मेरे...”

बिटू सुखजीत को तड़पना चाहता था। क्योंकी इसमें उसे बहुत मजा आ रहा था। फिर बिटू अपना लण्ड जोर
से रगड़कर बोलता है- “बहुत आग लगी हुई है भाभी तुझे?” कहकर एक जोरदार धक्के से अपना पूरा लण्ड सुखजीत की चूत में डाल देता है।

सुखजीत थोड़ा सा चिल्लाकर चादर को कसकर पकड़ लेती है, और अंदर से अपनी चूत को कस लेती है। बिटू अपना लण्ड बाहर निकालकर एक और जोरदार धक्का मारता है। इस बार बिटू का लण्ड सुखजीत की चूत के बच्चेदानी पर लगता है।

सुखजीत- “आहह... आहह... मेरी बच्चेदानी... आराम से कर बिटू..."

बिटू उस समय पूरे जोश में आया हुआ था। इसलिए उसने अपना लण्ड सुखजीत की चूत में डाला और जोर जोर से धक्के मारने शुरू कर दिए। सुखजीत की आँखें अब मस्ती में बंद होने लगती हैं। करीब 20 मिनट की जोरदार चुदाई के बाद बिटू अपने लण्ड का सारा पानी सुखजीत की चूत में ही डाल देता है। फिर वो दोनों अपने-अपने कपड़े डालते हैं। फिर बिटू बाहर निकलकर माहौल देखता है, और मोका देखकर वो सुखजीत को अपने घर से निकाल देता है। सुखजीत बिटू के घर से निकलकर सीधा लेडीस संगीत में जाकर फिर से नाचने लगती है।

थोड़ी देर बाद बिटू भी वहां आ जाता है, और बैठकर दारू पीने लगता है।

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01-30-2021, 11:45 AM,
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कड़ी_28

सुखजीत बिटू को चूत देने के बाद नाचने लगती है, और दूसरी तरफ रणबीर और मलिक भी आकर नाच रहे थे। पिंकी के इशारे और उसकी गाण्ड के ठमके रणबीर की तरफ थे, और मलिक की आँखें रीत की आँखों से लड़ रही थीं।

मलिक की बहुत अमीर लड़का था, उसकी 100 किल्ले जमीन है। जिस वजह से गाँव का बड़े से बड़े आदमी उनके आगे झुकता था। मलिक बहुत ज्यादा ऐश करने वाला लड़का था, वो रोज सुंदर से सुंदर लड़कियों को चोदता था। अब उसका अगला निशाना रीत थी। वैसे मलिक दिखने में एक पर्फेक्ट लड़का था।

रीत भी मलिक को देखकर फिसल गई थी, और डान्स करते हुए वो एक स्माइल कर देती है। मलिक को वो रीत की सेक्सी स्माइल मार देती है। मलिक भी समझ गया था की रीत को सेट करने में उसे ज्यादा दिक्कत नहीं होगी।

दूसरी तरफ मीता चरणजीत के आगे-पीछे हो रहा था। वो एक मोके की तलाश में कब से चरणजीत के आगे-पीछे नाच रहा था। चरणजीत को भी अच्छे से पता था की मीता किस चक्कर में उसके आगे-पीछे नाच रहा है। पर उसका सरदार उसके सामने नाच रहा था। इसलिए चरणजीत ने फिलहाल कुछ नहीं करने का फैसला किया।

लेडीस संगीत बहुत ही अच्छा रहा और 11:00 बजे तक सारे अपने-अपने घर चले गये। रणबीर और मलिक भी जाने लगते है, पर रणबीर एक बार पिंकी से मिलना चाहता था, इसलिए उसने उसे फोन किया।

रणबीर- जान कहां हो?

पिंकी- घर पर।

रणबीर- मैं जा रहा था, पर मैंने तुझसे मिलना था। आ जा अपने घर की पीछे वाली गली में।

पिंकी- हाए नहीं यार रणबीर। मैं अभी काम में बिजी हूँ। और इतनी रात को मैं घर से बाहर नहीं आ सकती।

रणबीर- "आ जा ना यार, मेरा बहुत दिल कर रहा है, तुझसे मिलने का। और आते हए रीत को भी साथ में ले
आईओ। उसे रणबीर से मिला दियो, और प्लीज़्ज़... अब की ना मत कहियो तुझे मेरी कसम..."

पिंकी को अब हाँ कहना पड़ता है, क्योंकी पिंकी रणबीर से सच्चा प्यार करती थी। ऊपर से रणबीर ने अब उसे अपनी कसम भी दे दी थी। फिर पिंकी ने उससे कहा- “ठीक है मैं कोई बहाना लगाकर 5 मिनट में आती हूँ..”

फिर पिंकी रीत के रूम में जाती है। रीत रजाई में लेटी हुई थी। उसने एक टी-शर्ट और पाजामा डाला हुआ था। रीत ने नीचे सिर्फ पैंटी ही डाली हुई थी, उसकी टी-शर्ट में उसके निपल साफ-साफ दिख रहे थे। रीत के पाजामे में उसकी बड़ी-बड़ी गाण्ड खुली-खुली दिख रही थी।

पिंकी उसके पास आकर बोली- "रीत क्या बात इतनी जल्दी सो गई?"

रीत अंगड़ाई लेते हुए बोली- “हाँ आज मैं डान्स करके थक गई हूँ..”

पिंकी- अच्छा चल जरा मेरे साथ मुझे एक काम है तुझसे। जल्दी खड़ी हो और चल मेरे साथ।

रीत- कहां जाना है?

पिंकी- बताती हूँ यार तू खड़ी तो हो पहले।

रीत खड़ी हो गई, उसे लगा की शायद कोई घर का काम होगा। फिर पिंकी और रीत दोनों चोरी चुपके सबसे नजरें बचाते हुए घर से बाहर निकल जाते हैं। रीत को कुछ समझ में नहीं आ रहा था, की पिंकी उसे कहां लेकर जा रही है। फिर वो दोनों घर की पीछे वाली गली में चली जाती हैं। वहां एक कार खड़ी हुई थी, पिंकी देखकर समझ गई की ये रणबीर की कार है।

वो दोनों कार के पास गई, ड्राइवर वाली जगह पर मलिक बैठा था और पीछे वाली सीट पर रणबीर बैठा था। पिंकी को देखकर रणबीर ने पीछे वाली सीट पर बैठने का इशारा किया। फिर पिंकी ने रीत को आगे वाली सीट
पर बैठने को कह दिया, और पिंकी पिछली सीट पर रणबीर के साथ बैठ गई।

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01-30-2021, 11:45 AM,
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जब रीत आगे वाली सीट पर बैठी तो मलिक को देखकर अपनी नजरें नीचे कर ली। मलिक ने रीत को स्माइल पास करी और कहा- "बहुत अच्छा डान्स करते हो आप..."

रीत शर्माते हुए- थॅंक यू ।

जब रीत की नजर मिरर पर गई तो उसने देखा की, पीछे पिंकी रणबीर की बाहों में बाहें डालकर दोनों एक दूसरे को किस कर रहे थे। ये देखकर रीत की गाल लाल हो गये। मलिक को पता था की पीछे वाली सीट पर क्या चल रहा है। पर वो रीत पर अपनी आँख टिकाकर बैठा हुआ था।

मलिक- कहां से हो आप जी?

रीत नखरा करते हुए बोली- क्यों आपने क्या करना है मुझे पूछ कर?

मलिक- यार हमको भी तो पता चले, की ऐसी परियां कहां रहती हैं?

रीत ये सुनकर शर्मा गई और बोली- "अच्छा जी... परियां तो स्वर्ग में रहती हैं। उनको देखने के लिए तो आपको स्वर्ग में जाना पड़ेगा...”

मलिक- हमने तो जीते जी स्वर्ग देख लिया आपको देखकर।

रीत ये सुनकर और ज्यादा शर्मा जाती है। और जब उसकी नजर फिर से शीशे पर गई तो उसने देखा की रणबीर पिंकी की कमीज के गले के अंदर हाथ डालकर उसकी चूचियों को मसल रहा था, और साथ में उसके होंठों को चूस रहा था। रीत ये देखकर पानी-पानी हो गई।

इतने में पिंकी ने अपने होंठ रणबीर के होंठों से निकले और बोली- “जान अब मुझे जाने दो, घर वाले मुझे देख रहे होंगे?"

रणबीर पिंकी के चूतरों पर हाथ फेरते बोला- “दो मिनट और रुक जा ना, तुझसे दूर जाने का मन नहीं होता..."

पिंकी- "रणबीर प्लीज़्ज़... यार समझा करो, कोई पंगा ना पड़ जाए। मैं कल आ जाऊँगी कमाद में वहां जो करना
है वो कर लियो...”

रणबीर- तेरे बिना अब रहा नहीं जाता।

जैसे ही रणबीर पिंकी के चूतरों को मसलता है, तो पिंकी मचलकर रणबीर को अपनी बाहों में भर लेती है और बोलती है- “जान अब मुझे जाने दो प्लीज़्ज़...” फिर पिंकी रणबीर के होंठों पर एक किस करती है, और वो कार
से बाहर आ जाती है।

रीत भी कार से बाहर निकल जाती है।

जाते जाते मलिक रीत को बाइ कहता है, और रीत भी उसे बाइ कह देती है। फिर वो दोनों वहां से चले जाते हैं।

पिंकी और रीत दोनों घर की ओर निकल जाती है। जाते हये रीत पिंकी को छेड़ कर बोली- “क्या बात जान के बिना रहा नहीं जाता, बहुत कस-कसकर झफ्फियां डाली जा रही थी..."

पिंकी- तू चुप कर। घर में ना किसी को बता दियो समझी। ‘

रीत- नहीं बताती यार, पर ये सब कब से चल रहा है?

पिंकी- दो साल हो गये हैं, रणबीर मेरी जान बन गया है अब।

रीत- हाँ वो तो पता चल ही गया है, जब कमीज के अंदर हाथ डाला था उसने।

पिंकी- कमीनी चुप कर जा... तू मरवगी मुझे। किसी के सामने ना बोल दियो। और तू ज्यादा मत बन अपने आपको। मुझे सब पता है, उस दिन तू कमाद में छुप-छुपकर मुझे देख रही थी, और अपनी सलवार के अंदर अपना हाथ डाल रही थी।

रीत पिंकी की ये बात सुनते ही पानी-पानी हो गई और सोचने लगी- "पिंकी को ये सब कैसे पता चल गया इस गश्ती को...”

पिंकी- “सोचती क्या है रीत? मैंने उस दिन सब देख लिया था। और तू फिकर ना कर मैं किसी को कुछ नहीं बताऊँगी..."

रीत शर्मा गई।

फिर पिंकी ने पूछा- अच्छा एक बात बता मलिक कैसा लगा तुझे?

रीत- ठीक है।

पिंकी- ओके।

फिर वो दोनों घर के अंदर चली जाती है।

* * * * * * * * * *
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01-30-2021, 11:45 AM,
RE: Desi Sex Kahani नखरा चढती जवानी दा
कड़ी_29

पिंकी और रीत दोनों घर चली जाती है। रीत अपने गेस्ट वाले रूम में चली जाती है। वो रूम में अकेली ही होती है। क्योंकी हरपाल अभी भी बलविंदर के साथ बैठकर दारू पी रहा था। सुखजीत चरणजीत के साथ घर का काम करवा रही थी।

रीत रूम में आते ही सीधा रजाई के अंदर लेट जाती है। पर जब रीत अपनी आँखें बंद करती है, तो उसकी आँखों के सामने पिंकी का कार वाला सीन आ जाता है। अब रीत का भी दिल करने लगा था, मजे लेने का। रीत का अब अंदर से मन का रहा था, की कोई उसकी चूचियों को मसल-मसलकर चूसे। उसके दोनों होंठों को चूसे और उसके चूतरों पर कोई हाथ फेरे।
ये सब सोचकर रीत इतनी गरम हो जाती है, की वो अपनी टी-शर्ट चूचियों तक ऊपर कर लेती है। और अपना एक हाथ मजमे के अंदर डाल लेती है। रीत अपनी चूत को मसलते हुए अपनी आँखें बंद कर लेती है। फिर रीत अपनी कमर उठाकर अपनी चूत में अपनी दो उंगलियां डाल लेती है।

रीत मजे में अपने एक हाथ से एक चूची को मसलने लगती है। रीत के मन में पिंकी की चुसाई वाला सीन चल रहा था। रीत के दोनों हाथ बहुत तेज चलने लगते हैं रीत का जिश्म एकदम अकड़ जाता है, और अपनी सारी मलाई निकल देती है। जैसे ही उसकी चूत का पानी निकलता है, उसकी जान निकल जाती है। रीत वैसे ही लेट जाती है, जैसे उसके जिश्म में जान ही ना हो।

दूसरी तरफ हरपाल, बलविंदर बिटू और मीता सारा प्रोग्राम खतम होने के बाद मोटर पर चले जाते हैं। और वहां बैठकर दारू पी रहे होते हैं। वहां उन्होंने चूत मारने का प्लान बनाया हुआ था, मोटर पर उन्होंने नवनीत नाम की लड़की बुलाई होती है, जो एक जुगाड़ होती है।

पर हरपाल वहां बैठा भी पिंकी के बारे में सोच रहा था, उसको अपनी भतीजी ही पहली नजर में भा गई थी। पिंकी की नोकीली चूचियां जब हरपाल के सीने में घुसी थीं, तब हरपाल का लण्ड खड़ा हो गया था।

दर्शल बात ये थी की हरपाल पिंकी की जवानी और उसके मस्त जिश्म को देखकर उसपर फिदा हो गया था। जब भी हरपाल पिंकी के जिश्म के बारे सोचता था, तो वो ये भूल जाता था। की वो उसकी भतीजी है। अभी बलविंदर मोटर वाले रूम में मंजा लगा रहा होता है। और हरपाल मीता और बिटू बाहर बैठे पेग मार रहे थे। बिटू को पता था की हरपाल की नजर पिंकी के हश्न पर है। इसलिए वो जानबूझ कर मजा लेने के लिए बोला।

बिटू- भाई क्या बात है?

हरपाल- कुछ नहीं बिटू तू सुना।

बिटू- भाई आज जो लड़की आ रही है, वो पिंकी जैसी है।

बिटू की ये बात सुनते ही हरपाल के कान खड़े हो जाते हैं, और वो बोला- "भाई तू क्या कह रहा है?"

बिटू- हाँ भाईजी, उसके मोटे-मोटे चूतर और चूचियां एकदम बलविंदर की लड़की जैसी है। यानी आपकी भतीजी
जैसी।

हरपाल- ओये तू क्या बात रहा है, मेरी भतीजी जैसे?

बिटू मीता को देखकर आँख मारकर इशारा करके बोला- “हाँ यार, हरपाल तू तो ऐसे बन रहा है। जैसे तूने
अपनी भतीजी के चूतर और चूचियां कभी देखे ही नहीं.."

हरपाल ये सुनकर चुप हो जाता है। नशे में बोला- "ओये साले तूने कब देखा लिया मुझे उसके नजारे लेते हुए?”

मीता- ओ भाई रहने दे तू, तू जब से आया है ना। तब से तू अपने बड़े भाई की लड़की को ही देख रहा है।

बिटू पेग बनाकर बोला- “भाई देखे भी क्यों ना... साली इतनी मस्त जिश्म की मालेकिन जो है। सुनने में आया
है वो सरपंच के लड़के के साथ सेट है, और रोज उसके नीचे लेटती है.."
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01-30-2021, 11:45 AM,
RE: Desi Sex Kahani नखरा चढती जवानी दा
हरपाल उन दोनों की बातों से गरम हो जाता है।

बिटू- "भाई जवान लड़की जब अपनी सलवार खोलती है, तो इसका मतलब उसके अंदर आग लगी होती है नीचे
आने की। फिर उन्होंने ये नहीं देखना की वो किसी लड़के के नीचे लेटी हुई है, या अपने चाचे के नीचे.."

मीता- हाई ओई एक लाख की बात कर दी भाई बिटू तूने।

फिर वो तीनों पेग मारने लगते हैं, इतने में बलविंदर आ जाता है। और वो अपनी बातें एकदम बदल देते हैं। रात
के 12:00 बजे चुके होते है, मीता को काल आती है, वो कहता है की मोटर पर आ जा। करीब 15 मिनट बाद एक लड़की मोटर पर आती है। वो नवनीत गश्ती होती है। उसकी उमर 26 साल होती है। गुलाबी रंग का उसने सूट डाला हुआ था।

वो लड़की आते ही बोलती है- “ओये मीते जो करना है, जल्दी कर ले। मेरे पास टाइम नहीं है..."

मीता नवनीत की चूचियों को पकड़ लेता है और फिर से धक्का देकर हरपाल के चूतड़ों के ऊपर बिठा देता है। वो झट से हरपाल को अपनी बाहों में भर लेती है।

नवनीत- "ओये तूने तो मुझे गदी में पहुँचा दिया...”

हरपाल उसकी गाण्ड में उंगलियां डालकर बोला- "आज तू देखती जा, तुझे कहां कहां पहुँचाते हैं..”

नवनीत ये सुनकर हरपाल को अपनी बाहों में कसकर बोली- "मुझे लगता है की आज मेरी खैर नहीं है...”

हरपाल उसको उठाकर मोटर के रूम में ले जाता है। रूम में थोड़ी सी रोशनी वाला बल्ब लगा होता है। जब हरपाल नवनीत को देखता है, फिर उसे पता चलता है की नवनीत पिंकी जैसी जवान लड़की है। ये देखकर हरपाल एक भूखे शेर की तरह उसपर पड़ता है।

हरपाल बोलता है- “हाए पिंकी तेरी चूचियां... आए तेरे मोटे-मोटे चूतर.”

नवनीत भी मजे में अपनी चूचियां और चूतर हरपाल से मसलवा रही थी। नवनीत हरपाल से पूछती है- “ओये ये पिंकी कौन है?"

हरपाल चूचियां मसलते हुए बोला- “तूने क्या लेना मजे दे मुझे..."

नवनीत हरपाल का लण्ड पकड़कर सेक्सी आवाज में बोली- "लण्ड पकड़ लिया है पिंकी ने.."

हरपाल ये सुनकर पागल हो जाता है, और वो नवनीत को किस करते-करते उसके कमीज में अंदर अपना हाथ डालकर उसकी चूचियां मसलने लगा जाता है, और वो बोला- “आहह... हाँ पिंकी पकड़ ले अपने चाचे का लण्ड.."

नवनीत समझ जाती है की हरपाल उसे अपनी भतीजी समझकर चोद रहा है। और फिर वो भी मजे लेने लगती है वो बोली- “आह्ह... ले चाचा ये देख आज तेरी भतीजी तेरे सामने अपनी खोलकर पड़ी है, जो करना है कर ले आज...” फिर नवनीत हरपाल का सिर पकड़कर उसके होंठों को चूसने लगती है।

हरपाल नवनीत को मंजे पर बिठाता है और उसकी कमीज का पल्ला पकड़कर ऊपर उठाकर उसकी कमीज उतार देता है। हरपाल देखता है, की उसने ब्लैक कलर की ब्रा डाली हुई है। हरपाल उसकी ब्रा के अंदर हाथ डालकर उसकी चूचियां ब्रा में से ही बाहर निकाल देता है। हरपाल के सामने अब उसकी गोरी-गोरी चूचियों के ऊपर काले काले निपल देखकर वो पागल हो जाता है। अब उससे और नहीं रहा जाता और हरपाल नवनीत की चूचियों के निपलों को अपने मुँह में भर लेता है।

नवनीत मजे में बोलती है- “हाईए... चाचा तूने आज मुझे मार ही दिया."

हरपाल निपलों को चूसते हुए, उसे दांतों से काट देता है, जिससे नवनीत को काफी दर्द होता है और वो दर्द से तड़प उठती है।

नवनीत- “हाए हाए चाचा तू आज तो अपनी भतीजी को दर्द से मार ही देगा..."

हरपाल नशे में नवनीत को पिंकी समझ रहा था। फिर हरपाल नवनीत की सलवार का नाड़ा खोल देता है। फिर हरपाल अपना हाथ उसकी सलवार में डालता है, और नवनीत की पैंटी को सलवार के साथ ही उतार देता है। अब नवनीत पूरी नंगी हो चुकी थी। अब नवनीत मंजे के ऊपर पूरी नंगी लेटी हुई थी हरपाल के सामने। हरपाल पिंकी को सोचते हए अपनी पैंट में से 8” इंच का लण्ड बाहर निकाल लेता है, और वो अपना लण्ड नवनीत के हाथों के पकड़ा कर बोला।

हरपाल- "ले पिंकी चूस अपने चाचे का लण्ड.."

नवनीत हरपाल का लण्ड अपने हाथ में पकड़कर अपने मुँह के आगे करके बोली- “हाए चाचा... ये अपना मस्त लण्ड डाल दे अब मेरे मुँह में..."

हरपाल नवनीत का सिर पकड़ता है, और अपना लण्ड नवनीत के मुँह में डाल देता है। नवनीत भी हरपाल का लण्ड जोर-जोर से चूसने लगती है। नवनीत से लण्ड चुसवाने में हरपाल को बहुत मजा आ रहा था। नवनीत हरपाल का पूरा लण्ड अपने मुँह में लेकर अपने होंठों से उसके लण्ड को कस-कसकर चुप्पे मार रही थी। इससे हरपाल पागल हो जाता है, फिर हरपाल 5 मिनट और मुश्किल से अपना लण्ड चुसवाता है। उसके बाद वो अपना लण्ड नवनीत के मुंह से निकालकर जल्दी से नवनीत को मंजे पर लेटाकर खुद उसके ऊपर चढ़ जाता है।

फिर नवनीत बोलती है- “हाए चाचा अब ठोंक दे अपनी भतीजी को आज..”

हरपाल ये सुनकर पूरा लण्ड नवनीत की चूत में डाल देता है, और नवनीत की चूत को जोर-जोर से मारना शुरू कर देता है। नवनीत भी मजे लेते हुए हाए चाचा चाय चाचा बोल रही थी। जिसे सुनकर हरपाल अपने पूरे जोश में आ जाता है। और वो नवनीत नवनीत को जोर-जोर से चोदना शुरू कर देता है। फिर हरपाल नवनीत को घोड़ी बनाकर चोदना शुरू कर देता है।
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01-30-2021, 11:45 AM,
RE: Desi Sex Kahani नखरा चढती जवानी दा
हरपाल ये सुनकर पूरा लण्ड नवनीत की चूत में डाल देता है, और नवनीत की चूत को जोर-जोर से मारना शुरू कर देता है। नवनीत भी मजे लेते हुए हाए चाचा चाय चाचा बोल रही थी। जिसे सुनकर हरपाल अपने पूरे जोश में आ जाता है। और वो नवनीत नवनीत को जोर-जोर से चोदना शुरू कर देता है। फिर हरपाल नवनीत को घोड़ी बनाकर चोदना शुरू कर देता है।

हरपाल नवनीत को चोदते हुए उसके चूतर पर थप्पड़ मारकर बोला- “आहह... पिंकी तेरे चूतर, किसने नीचे लेटकर तूने अपने चूतर इतने मोटे कर लिए हैं?"
नवनीत- चाचा ये सब तेरे लण्ड का कमाल है।

एक घंटा नवनीत को पिंकी समझकर चोदने के बाद हरपाल ने अपना सारा पानी नवनीत की चूचियों के ऊपर निकल दिया, और फिर वो बाहर जाकर दारू पीने लगा। उसके बाद बलविंदर, मीता और बिटू ने नवनीत की जमकर चुदाई करी और फिर नवनीत वो वहां से भेजकर वो वहां से रात को 3:00 बजे अपने-अपने घर वापिस गये।
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