Desi Sex Kahani रंगीला लाला और ठरकी सेवक
10-16-2019, 02:50 PM,
RE: Desi Sex Kahani रंगीला लाला और ठरकी सेवक
शंकर के झड़ने के बाद तूफान थम गया, और अब वो काम युद्ध के दोनो योद्धा एक दूसरे की बाहों में पड़े लंबी-लंबी साँसें ले रहे थे…!

यहाँ शहर के जन्नत भरे माहौल में शंकर और प्रिया की

मस्तियाँ जारी थी, और उधर गाओं में…,

लाजो अपनी चूत की प्यास के बशिभूत आए दिन भोला के उड़ानखटोले में झूलने उसके घेर में पहुँच जाती..,

दोनो सारी सारी रात एक दूसरे के साथ मल्लयुद्ध लड़ते रहते, हां लेकिन ये भी अपनी जगह सच है कि लाजो अपनी तरफ से यथा संभव भोले का खाने पीने का पूरा ध्यान रखती…!

वो कभी भी खाली हाथ नही गयी उसके पास कुछ ना कुछ ऐसी लज़ीज़ चीज़ें ले जाती जो काजू, बादाम, पिस्ता से भरपूर खाने में स्वादिष्ट होती…!

अब भोला का लंड और जीभ दोनो ही चटोरे हो गये थे, ऐसे ही एक दोपहरी जहाँ पूरी हवेली चैन से अपने अपने कमरों में आराम फर्मा रही थी,

वहीं लाजो रसोईघर में भोला के लिए बादाम का हलवा बनाने में जुटी हुई थी…, तभी वहाँ किसी काम से उसकी चहेती नौकरानी मुन्नी आ गयी..,

लाजो को भरी दोपहरी में चूल्हा फूँकते देख पूछ बैठी – अरे छोटी मालकिन आप खुद ही इतनी गर्मी में क्या बनाने में लगी हैं, मुझे बोल दिया होता, मे बना देती…!

अचानक से मुन्नी की आवाज़ सुनकर एक बार को तो लाजो सकपका गयी, जल्दी से कोई जबाब उसे नही सूझा.., फिर कुछ संभलते हुए बोली-

अरी कुछ नही री, थोड़ा मेरा हलवा खाने का मन किया, अब वक़्त बेवक़्त किसी को क्या तक़लीफ़ देती, और वैसे भी जो स्वाद अपने हाथ से बनाके खाने में है वो तेरे हाथ के बने हुए में नही आता..!

मुन्नी – मेरी कुछ मदद की ज़रूरत हो तो बताओ छोटी मालकिन..,

लाजो – नही..नही तू जा, मे कर लूँगी, बस हो ही गया.., और हां एक बात कान खोलकर सुन.., इस बात का भूलकर भी किसी से जिकर मत करना समझी…!

मुन्नी अपनी गर्दन इधर से उधर झुलाती हुई वहाँ से चल दी.., लेकिन उसके अल्प दिमाग़ में ये बात नही समा पा रही थी कि हलवा बनाने की बात किसी को क्यों पता नही लगनी चाहिए…?

बड़ी मालकिन तो वैसे भी किसी भी बहू के कुछ भी खाने पीने पर रोक नही लगती, तो फिर इन्होने ऐसा क्यों कहा…?

मुन्नी ऐसी ही उधेड़बुन में अपनी गर्दन लटकाए अपने आप से ही बातें करती अपने नौकर वाले कमरे की तरफ बढ़ी चली जा रही थी की उधर से आती हुई रंगीली से टकरा गयी..!

रंगीली ने उसे प्यार से डाँट’ते हुए कहा – अरी मुनिया की बच्ची कहाँ जवानी के जोश में बड़बड़ाती हुई चली जा रही है, ये भी नही देखती की सामने से भी कोई आ रहा है कि नही…!

मुन्नी – माफ़ करना काकी, मे देख नही पाई तुम्हें.., मे वो..मे.. कुछ नही..

रंगीली – अरी मे..वो..मे..वो..क्या बकरी की तरह मिमिया रही है, मेने पुछा कहाँ से घोड़े पे सवार होकर चली आ रही है..?

मुन्नी सोच में पड़ गयी.., बताए कि नही, वैसे ऐसी तो कोई बात भी नही है जो रंगीली काकी से छुपानि पड़े.., ये सोच कर वो बोली –

वो मे रसोईघर में गयी थी किसी काम से तो देखा कि वहाँ छोटी मालकिन कुछ पका रही थी, मेने पुछा भी कि तुम क्यों ऐसी गर्मी में चूल्हा फूँक रही हो..,

रंगीली की उत्सुकता ये सुनकर जाग उठी, उसने मुन्नी को कुरेदते हुए कहा – तो फिर क्या जबाब दिया उन्होने तुझे..?,

वो बोली की कुछ नही थोड़ा हलवा खाने का मन किया तो सोचा इतने से के लिए क्यों किसी को तक़लीफ़ दी जाए, खुद ही बना लेती हूँ..,

मुन्नी की बात सुनकर रंगीली के दिमाग़ के घोड़े सरपट दौड़ने लगे.., जो लाजो एक पानी का ग्लास खुद से लेकर नही पीती वो इस भरी दोपहरी में चूल्हा फूँके..

बात कुछ हजम नही हो रही, कुछ तो गड़बड़ चल रहा है, शक़ तो उसे था ही लाजो पर, क्योंकि कुछ दिनो से उसने उसके कान खाना छोड़ दिए थे शंकर को लेकर..,

ज़रूर कहीं ना कहीं चक्कर तो चल रहा है, लेकिन ऐसे यार के साथ की जिसकी सेवा में खुद चूल्हा फूँक रही है छिनाल..,

उसने इस बात की तह तक पहुँचने का मन ही मन निश्चय कर लिया..और दबे पाँव रसोई की तरफ बढ़ गयी..!

रसोईघर की खिड़की से आती हुई सुगंध से ही रंगीली जान गयी.., बादाम के हलवे की सुगंध सूंघते ही वो मन ही मन बुदबुदा उठी…!

अरे वाह ! बादाम का हलवा बन रहा है, लगता है कोई खासम-खास है, तभी इतनी मेहनत की जा रही है..,

फिर इस’से पहले की लाजो हलवा एक डिब्बे में बंद करके रसोई से बाहर आती उससे पहले रंगीली वहाँ से हट गयी..,

डिब्बा लिए लाजो अपने कमरे में आ गयी.., रंगीली की नज़र अब हर समय लाजो के कमरे पर ही टिकी रही.., शाम तक वो अपने कमरे से बाहर नही निकली..!

रात हुई, सब लोग खाना खा पीकर आराम करने चले गये.., रंगीली ने अपना काम धंधा ख़तम किया इस दौरान भी उसके कान लाजो की आहट ही लेते रहे..,

अपने घर आकर उसने अपने पति रामू को खाना वग़ैरह दिया और जल्दी ही ये कहकर अपने कमरे से निकल गयी कि, खाना खा कर वो अपने घर चला जाए, उसे सेठानी के पास देर हो जाएगी..!

लाजो अपने निर्धारित समय पर हवेली से निकली, बाहर आकर हमेशा की तरह उसने इधर उधर नज़र दौड़ाई और फिर अपने गन्तव्य की ओर बढ़ गयी.., इस बात से बेख़बर कि दो आँखें निरंतर उसका पीछा कर रही हैं…!

रंगीली का माथा तब ठनका जब लाजो के कदम उसके खुद के घेर के बाहर आकर थम गये.., लाजो ने गेट के अंदर जाने से पहले एक बार फिर इधर उधर का जायज़ा लिया.., और अंदर चली गयी…!

रंगीली ये जानती थी कि उसके घेर की सांकल लंबी है, थोड़ा कोशिश करने पर वो बाहर से भी खोली जा सकती है दोनो किवाड़ के बीच की दरार में हाथ फँसा कर..,

पहले तो उसने बाहर से झाँक कर देखा.., कुछ देर भोला के बगल में बैठ कर लाजो ने उसे हलवे का डिब्बा दिया.., खोलते ही भोला की बान्छे खिल उठी..,

मारे खुशी के उसने लाजो को खींच कर अपनी गोद में बिठा लिया और दोनो किसी नवजात विवाहित जोड़े की तरह प्यार से एक दूसरे को हलवा खिलाने लगे…!
Reply


Messages In This Thread
RE: Desi Sex Kahani रंगीला लाला और ठरकी सेवक - by sexstories - 10-16-2019, 02:50 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Thriller Sex Kahani - मोड़... जिंदगी के sexstories 21 8,578 06-22-2024, 11:12 PM
Last Post: sexstories
  Incest Sex kahani - Masoom Larki sexstories 12 4,056 06-22-2024, 10:40 PM
Last Post: sexstories
Wink Antarvasnasex Ek Aam si Larki sexstories 29 2,899 06-22-2024, 10:33 PM
Last Post: sexstories
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,749,987 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 576,481 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,340,625 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 1,024,559 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,800,113 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,202,672 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,162,051 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 8 Guest(s)