Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ
04-14-2021, 12:40 PM,
#91
RE: Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ
रूबी साहिल के दिल में अपने लिए इतना प्यार और इज्जत देकर पूरी तरह से भाव विहल होकर उससे कसकर लिपट गई और साहिल ने भी अपनी मम्मी को अपनी बांहों में समेट लिया।
दोनो ऐसी ही खड़े रहे। रूबी जिस सम्मान और प्यार के लिए तरस रही थी वो आज मिला भी तो उसे अपने बेटे से, आज रूबी के जिस्म का रोम रोम अपने बेटे का कर्जदार होता चला गया और उसकी आंखो से आंसू टपक पड़े। जैसे ही साहिल को रूबी के सिसकने की आवाज महसूस हुई तो साहिल ने अपनी मम्मी का चेहरा उपर उठाया और बोला:"

" मम्मी आपकी प्यारी सी आंखो में आंसू किसलिए ? क्या मैंने अनूप के साथ कुछ ग़लत किया ?

रूबी ने बार फिर से अपने बेटे की आंखो में देखा और बोली:"

" नहीं बेटा कुछ गलत नहीं किया, लेकिन इतने साल अनूप के साथ गुजारने क्रे बाद कहीं ना कहीं मेरे दिल में उसके लिए थोड़ी हमदर्दी तो हैं बेटा, लेकिन तेरी कसम ये आंसू उसके लिए नहीं हैं साहिल।

साहिल ने हाथ आगे बढाया और अपनी मा के चेहरे को साफ किया और बोला:'

' मम्मी मैं समझ सकता हूं, फिर ये बताओ आपके आंसू क्यों निकल पड़े ?

रूबी:" बेटा ये तो तेरे लिए प्यार और इज्जत हैं, एक मर्द की जिम्मेदारी होती हैं कि वो अपनी पत्नी को प्यार दे और उसकी रक्षा करे लेकिन तो सारे फ़र्ज़ तो अनूप की जगह तू ही निभा रहा है।

साहिल को अपनी मम्मी की बात सुनकर अच्छा लगा और माहौल को थोड़ा हल्का करने के लिए बोला:"

" इसका मतलब आपका आधा पति तो मैं भी बन चुका हूं।

इतना कहकर साहिल जोर से हंस पड़ा और रूबी के होंठो पर स्माइल अा गई और बोली:"

" आधे पति, तुम भी ना साहिल के बच्चे, चुप कर बेशर्म अपनी ही मा पति बनेगा तू क्या ?

साहिल ने रूबी का हाथ पकड़ लिया और बोला:"

" ओह मम्मी उस दिन तो आप खुद ही मुझे अपना पति बनाकर ले गई थी और आप जानती हैं कि आज से अनूप के बाद बंद हो जाने के बाद कल से मैं ही अनूप बनकर रहूंगा। तो ऐसे में तो मैं आपका आधा क्या पूरा पति हुआ ना मेरी मम्मी।

रूबी जोर से खिल खिला कर हंस पड़ी और बोली:"

" अच्छा ठीक हैं जब तू इतना कह रहा है तो ठीक हैं आज से तू आधा पति हुआ। बस अब खुश।

अपनी मा के मुंह से ये सब सुनते ही साहिल ने फिर से एक बार अपनी मम्मी को गले लगा लिया और और बोला:"

" मम्मी देखना आप, आपका ये आधा पति आपके उस पूरे पति अनूप से ज्यादा आपको खुशी देगा।

रूबी अंदर ही अंदर मुस्कराए जा रही थी और बोली:'

" अच्छा ज्यादा सपने मत देख, रात बहुत हो गई हैं, मुझे सोना है अब। जाओ कपडे बदल कर अा जाओ तुम।

साहिल:" ठीक हैं मम्मी, आज साथ में नहाना नहीं है क्या ?

रूबी:" चल भाग जा, आया कहीं से साथ में नहाने वाला।

साहिल:" अच्छा मम्मी गुस्सा मत करो, मैं आता हूं कपडे बदलकर।

इतना कहकर साहिल अपने कमरे में चला गया और कपडे बदल कर आगे के प्लान करने लगा।

रूबी अपने कमरे में अा गई और आधे पति वाली बात को सोचकर स्माइल कर रही थी। उसने अपनी सारी बदलने की सोची और शीशे के सामने खड़े होकर अपने कपड़े उतारने लगी।

उसने अपनी साड़ी को खोलकर अलग कर दिया और एक बार उसने शीशे में खुद को देखा तो अपने आप से नजर मिलते ही वो शरमा गई और गाल अपने आप गुलाबी हो उठे।

उसकी नजर अपने आप अपने लाल सुर्ख होंठो पर टिक गई और धीरे धीरे नीचे फिसलती हुई अपने पेटीकोट में कैद चूचियों पर अा गई तो उसकी सांसे अपने आप तेज हो गई। रूबी ने अपने पूरे जिस्म पर एक भरपूर नजर डाली और अपने आप पर ही मोहित होती चली गई। सच में इस उम्रमें भी उसका जिस्म और उसके कटाव बड़े ही आकर्षक और जानलेना थे।

रूबी ने अपना हाथ अपने पेटीकोट को तरफ बढाया ही था कि साहिल अंदर आया जिसके जिस्म पर नीचे सिर्फ एक लोअर और उपर एक आधी सफेद रंग की बनियान थी।

रूबी उसे देखते ही शर्मा गई मानो कोई बहू को उसके ससुर ने देख लिया हो। रूबी का इतना सेक्सी अवतार देखकर साहिल अपने होश खो बैठा और आगे की तरफ बढ़ा। साहिल के चेहरे के भाव देखकर रूबी पलटी और जाने लगी तभी साहिल ने उसका हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींच लिया तो एक झटके के साथ साहिल की बांहों में थी।

आज रूबी ने विटामिन सिरप नहीं पिया था और पूरी तरह से अपने होशो हवास में थी। उसने साहिल से छूटने की कोशिश करी लेकिन साहिल के हाथ जैसे ही उसके नंगे मखमल से मुलायम पेट पर पड़े तो उसके जिस्म में हलचल सी मच गई और बोली:"

" आह साहिल छोड़ दो बेटा, मुझे कपडे बदलने दो ना, क्या कर रहे हो तुम ?

साहिल ने रूबी के पेट को अपने हाथो में भर लिया और अपनी गर्म गर्म सांसे उसकी गर्दन पर छोड़ता हुआ उसके कान में बहुत ही प्यार से बोला"

" ओह मम्मी अभी तो सारी रात पड़ी है, रुको ना अपने बेटे को थोड़ा सा प्यार तो करने दो।

इतना कहकर साहिल ने रूबी के पेट को बहुत ही प्यार और मस्ती से सहला दिया तो रूबी की आंखे मस्ती से बंद हो गई और उसने अपने जिस्म को हल्का सा ढीला छोड़ दिया और साहिल ने अच्छे से अब अपनी मा के जिस्म को सहलाना शुरू कर दिया।
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04-14-2021, 12:40 PM,
#92
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रूबी की सांसे उखड़ने लगी और उसकी बड़ी बड़ी चूचियां उपर नीचे होने से उसके ब्लाउज से बाहर आने को बेताब हो गई। साहिल ने धीरे धीरे पेट को सहलाते हुए हल्का सा हाथ को चुचियों की तरफ ले जाना शुरू किया और उसका लंड देखते ही देखते पूरी तरह से खड़ा हो गया और रूबी की गांड़ में घुसने लगा। लंड के गांड़ पर पड़ते ही रूबी के मुंह से एक मस्ती भरी आह निकल पड़ी। रूबी की आग आज एक बार फिर से भड़क उठी और उसने साहिल के एक हाथ पर अपना हाथ टिका दिया और साहिल के हाथ को अपने पेट पर घुमाने लगी।

साहिल ने नीचे अंडर वियर नहीं पहना था और उसने धीरे से अपने लोअर को नीचे सरका दिया और जैसे ही रूबी को नंगे लंड का सुपाड़ा अपनी गांड़ पर महसूस हुआ तो उसके मुंह से अपने आप एक मस्ती भरी सिसकारियां निकलने लगी और एक झटके के साथ वो साहिल की पकड़ से छूट गई। ये सब अनजाने में हुआ और रूबी साहिल की बांहों से निकल कर थोड़ा मायूस हुई क्योंकि कहीं ना कहीं उसे ये सब बहुत अच्छा लग रहा था।

वहीं साहिल डर गया कि कहीं उसकी मम्मी नाराज ना हो जाए और उसने एक झटके के साथ लंड को अंदर छुपा लिया और अपने मम्मी की तरफ देखने लगा। रूबी अब कमरे के दरवाजे के पास खड़ी हुई थी और उसकी पीठ साहिल की तरफ थी। रूबी के पैर मानो किसी जंजीर से बांध दिए गए हो। कम से कम एक बार और लंड को अपनी गांड़ पर महसूस करना चाहती थी लेकिन एक तो नारी सुलभ लज्जा और दूसरा उसका अपना सगा बेटा। इसलिए चाहकर भी अपनी तरफ से पहल कर पाने की स्थिति में नहीं थी। रूबी के जिस्म में अभी भी उत्तेजना के मारे हल्का हल्का कम्पन हो रहा था और उसकी उपर नीचे गिरती हुई चूचियों के साथ उसकी कमर हल्की सी हिल रही थी। रूबी का मन कर रहा था साहिल एक बार उसे पीछे से आकर कसकर दबोच ले।

साहिल को अपनी मा की हिलती हुई कमर देख जोश अा गया और वो धीरे से हिम्मत करते हुए आगे बढ़ा और रूबी के बिल्कुल पास जाने लगा। साहिल के अपनी और बढ़ते हुए कदमों की आहट सुनकर रूबी की आंखे फिर से लाल होने लगी और उसकी सांसे एक बार फिर से तेज हो गई। जैसे जैसे साहिल पास आता जा रहा था वैसे वैसे रूबी की सांसे तेज होती जा रही थी और उसके जिस्म में कम्पन बढ़ रहा था। रूबी आगे बढ़ते हुए बिल्कुल रूबी के करीब पहुंच गया और रूबी की सांसे उसे अपने बिल्कुल करीब महसूस करके धोकनी की तरफ चल पड़ी और उसकी चूचियां अब रबर गेंद की तरह उछल रही थी।

साहिल उसके थोड़ा और करीब हुआ और साहिल की गर्म गर्म सांसे अब अपनी मा की गर्दन पर पड़ रही थी। रूबी के लिए तो ये मानो आग में घी पड़ गया और उसकी चूत गीली हो गई, साहिल ने उसके पीछे खड़े होकर आगे की तरफ देखा और उसे अपनी मा की चूचियां उछलती हुई नजर आईं और उनकी तेज गति से चलती हुई सांसे साहिल को सब समझा गई कि उसकी मां की क्या हालात हैं।

साहिल अपनी मा के काले लहरा रहे बालो की खुशबू सूंघने लगा और रूबी ये सब महसूस करते ही बुरी नजर से कांप उठी और अपना एक पैर दूसरे पैर पर चढ़ा कर रगड़ने लगी।

साहिल ने अपना एक हाथ आगे लाते हुए अपनी मा रूबी के पेट पर टिका कर उसे अपनी तरफ खींचा और रूबी किसी कटी पतंग की तरह उसकी तरफ खींचती चली गई और उसके मुंह से एक मस्ती भरी आह निकल पड़ी

" आह साहिल मेरे बेटे !!!

रूबी की आंखे मस्ती से बंद हो गई। साहिल ने अपनी मा के मस्ती में डूबे हुए चेहरे को देखा और एक हाथ से फिर से अपना लोअर नीचे सरका कर खड़े हुए मोटे लंड को बाहर निकाल लिया और रूबी के कंधे पर फैले हुए बालो को एकतरफ करते हुए उसकी गर्दन पर अपने होंठ टिका दिए। रूबी के मुंह से एक और मस्ती भरी आह निकल पड़ी और साहिल ने उसे जोर से अपनी तरफ खींचा और लंड फिर से उसकी गांड़ की दरारो
में घुस गया।

रूबी लंड का गांड़ पर एहसास होते ही पूरी तरह से मदहोश हो गई और उसके चुचियों में तनाव पूरी तरह से अा गया और साहिल ने हल्का सा पीछे होते हुए फिर से लंड को गांड़ पर रगड़ा तो रूबी ने अब मस्ती में आकर खुद ही अपनी गांड़ को लंड पर आगे पीछे करना शुरु किया और साहिल ने अब खुलकर अपनी मा के पेट को सहलाना शुरू कर लिया। रूबी की हालात और खराब होती जा रही थी और उसकी चूत से रस टपकना शुरू हो गया। साहिल अब मजे से रूबी की गर्दन को चूम रहा था जिससे रूबी ने अपना एक हाथ अपनी जांघ पर रख दिया और सहलाने लगी।

साहिल ये देखकर पूरी तरह से अपने होश खो बैठा और अपने एक हाथ को रूबी के हाथ पर रखकर उसकी जांघ को सहलाते हुए अपनी जीभ उसकी कान की लौ पर टिका दी और दांतो से हल्का सा काटते हुए चूसने लगा।
रूबी के मुंह से मस्ती भरी सिसकारियां निकल रही थीं और उसने मस्ती से बेहाल होते हुए अपने घुटनों को हल्का सा मोड़ दिया जिससे अब लंड उसकी चूत पर अड गया। साहिल ने अपनी मा की तरफ से इसे खुली सहमति समझकर उनकी चूत पर कपडे के उपर से ही तेज तेज धक्के लगाने शुरू कर दिए।

रूबी की चूत पूरी तरह से भीग गई और रस उसकी जांघो तक अा रहा था। रूबी ने अपने एक हाथ को पेटिकोट के अंदर घुसा दिया और अपनी उंगली को रस से भिगो कर चाटने लगी। साहिल ने सीधे रूबी की चूत को मुट्ठी में दबोच कर पीछे से एक तेज झटका मारा और इसके साथ ही रूबी ने झटका खाते हुए अपनी चूत को पूरी ताकत से लंड पर धकेल दिया और उसके साथ ही उसकी चूत ने अपना रस छोड़ दिया और वो मस्ती से सिसकते हुए पलटी और साहिल के होंठो पर अपने होंठ टिका कर चूसने लगी। साहिल ने भी रूबी की गांड़ को दोनो हाथो में भर कर मसलते हुए एक तेज धक्का मारा और उसके लंड ने भी अपना रस छोड़ दिया और अपनी मा के होंठो पर टूट पड़ा ।

एक लंबे किस के बाद दोनो के होंठ अलग हुए और रूबी ने एक बार साहिल की तरफ देखा और उससे पूरी ताकत से कस गई।साहिल ने भी अपनी मा को अपने सीने से लगा लिया और धीरे से उसके कान में बोला:"

" मम्मी आई लव यू।

साहिल की बात सुनते ही रूबी के दबे हुए जज़्बात उफन पड़े और उसने भी प्यार से अपने बेटे के कान में कहा

" लव यू टू मेरे बेटे।

साहिल उसके बालो में उंगली घुमाते हुए:"

" बेटा या आधा पति ?

रूबी ने अपना मुंह उसके सीने में छुपा लिया और उसकी कमर में हल्के हल्के मुक्के मारते हुए बोली:"

" चुप कर बेशर्म, मार दूंगी अगर ज्यादा परेशान करेगा तो। अच्छा रात बहुत हो गई है। चल सोते है।

इतना कहकर रूबी बेड की तरफ चल पड़ी तो साहिल ने उसे किसी खिलौने की मानिंद अपनी बांहों में उठा लिया और उसकी आंखो में देखते हुए बोला:"

" मम्मी अब आपको अपने पैरो को कष्ट देने की कोई जरूरत नहीं,आपका बेटा हैं ना।

रूबी ने शरमाते हुए अपनी हथेली से अपना चेहरा छुपा लिया और देखते ही देखते साहिल ने अपनी मा को बेड पर लिटा दिया और खुद उसके साथ ही बेड पर लेट गया और रूबी बोली:"

" साहिल बेटा रात बहुत हो गई है और हमें सुबह जल्दी उठना होगा ताकि लीमा से पूछताछ हो सके।

साहिल ने गर्दन झुका कर अपनी मा की बात को मान लिया और उनका गाल चूमकर बोला

" गुड मॉर्निंग मम्मी मेरी प्यारी मम्मी रूबी।

रूबी ने भी अपने बेटे का गाल चूम कर उसे गुड नाईट कहा और दोनो मा बेटे एक दूसरे की आगोश में लिपट कर सो गए।

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04-14-2021, 12:41 PM,
#93
RE: Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ
सुबह जल्दी ही रूबी की आंखे खुल गई तो उसने देखा कि साहिल उससे कसकर लिपट कर सोया हुआ हैं तो उसे अपने बेटे पर बहुत प्यार आया और उसने साहिल के गाल पर चूम लिया और धीरे से खड़ी हो गई।

रूबी बाथरूम जल्दी और जल्दी से नहाकर बाहर अा गई और साहिल को उठाया तो साहिल ने अपनी आंखे खोलते ही अपनी मम्मी के खुबसुरत चेहरे को अपनी आंखो के सामने पाया और उनका गाल चूम लिया और बोला:"

" गुड मॉर्निंग मम्मी, आप आज भी अकेले अकेले ही नहा ली, ये अच्छी बात नहीं है।

रूबी के होंठो पर मुस्कान अा गई और उसका गाल पकड़कर खीचते हुए बोली:"

" ज्यादा सपने मत देखा करो तुम, मेरे तेरे हाथ नहीं आने वाली इतनी आसानी से, जल्दी से उठ और नहा कर अा जा फिर लीमा का भी हिसाब होगा आज।

लीमा याद आते ही साहिल के हाथो की मुट्ठियां भींच गई और बोला:

" बस मम्मी मैं अभी आया आप थोड़ा सा टाइम इंतजार कीजिए।

साहिल तेजी से बाथरूम के अंदर गया और फुर्ती से नहाकर बाहर अा गया और दोनो मा बेटे घर से बाहर निकले और साहिल ने गाड़ी आगे बढ़ा दी।

सुबह ट्रैफिक कम होने के कारण तेजी से दौड़ती हुई गाड़ी जल्दी ही रूबी के योगा सेंटर पहुंच गई। रूबी ने ताला खोला और अंदर दाखिल हो गई।

लीमा एकदम उदास सी दिखाई पड़ी। शायद रात भर सो नहीं पाई थी और उसकी आंखे हल्की हल्की सूज कर लाल हो गई थी।

साहिल और रूबी अब दोनो लीमा के ठीक सामने बैठे हूए थे और उसे घूर् रहे थे। लीमा को अंदाजा हो गया था कि वो उसका अंजाम बहुत बुरा होने वाला है।

साहिल: " देखो लीमा तुम मेरे सवालो के जवाब ठीक ठीक दे दो। तुम बच सकती हो।

लीमा ने एक बार नजर उपर की और साहिल की तरफ देखा तो उसे लगा कि साहिल सच बोल रहा है लेकिन फिर भी चुप रही।

साहिल: " मैं जानता हूँ कि तुम सिर्फ एक मोहरा हो असली खिलाडी कौन है बताओ !

लीमा ने अपने दोनो हाथ साहिल के आगे जोड दिए और बोली: "

" आप चाहे तो मेरी जान ले लीजिये लेकिन मैं मजबूर हु, अपना मुह नही खोल सकती।

साहिल के होंठो पर मुस्कान आ गई और लीमा का एक हाथ पकड़कर दबाते हुए बोला: "

" तुम्हे शायद नही पता कि मैं तुम्हारे साथ क्या क्या कर सकता हु।

लीमा: " मेरी जान ले सकते हो, इज्जत लूट सकते हो इससे ज्यादा और क्या कर सकते हो!!

साहिल ने हैरानी से लीमा की तरफ देखा और फिर एक नजर अपनी माँ पर डाली और कुछ इशारा किया। साहिल ने लीमा के दोनो हाथ पकड़ लिए और रूबी ने फिर से लीमा के मुह पर कपडा बांध दिया तो डर लीमा की आँखों मे साफ दिखाई दिया। साहिल ने एक जोरदार मुक्का उसके पेट मे जड़ दिया और लीमा के मुह से एक दर्द भरी आह बहुत हल्की सी निकली क्योंकि उसकी आवाज मुह पर बंधे हुए कपड़े मे घुट कर रह गईं और लीमा दर्द के मारे पीछे को पलट गई।

साहिल: " अब बताओ क्या इरादा हैं?

लीमा ने एक बार साहिल की तरफ देखा और मुह नीचे कर लिया तो गुस्से मे साहिल ने एक के बाद एक चार पांच मुक्के उसे जड़ दिए और लीमा दर्द के मारे फर्श पर फैलती चली गई।

साहिल उठकर लीमा के मुंह के पास बैठ गया और फिर से बोला::"

" हान तो अब बताओ क्या कहना हैं ? कुछ फर्क पड़ा क्या ?

लीमा की आंखो में दर्द के मारे आंसू छलक उठे और वो दर्द से कराह उठी और बोली:"

" मैं मजबूर हू साहिल, नहीं बता सकती, तुम्हे कुछ भी। मेरी मजबूरी समझने की कोशिश करो।

रूबी का मूड खराब हो गया और गुस्से से बोली:"

" बेटा ये ऐसे नहीं मानने वाली, तुम एक काम करो इसका मुंह पानी में डुबो कर इसे मार दो। मैं बाल्टी लेकर आती हूं।

रूबी जल्दी ही बाल्टी लेकर अा गई लेकिन लीमा के चेहरे पर डर के बजाय एक सुकून साफ झलक रहा था। लीमा स्माइल करते हुए बोली:"

" साहिल तुम मुझे मार नहीं सकते क्योंकि मैं सब कुछ जानती हूं और मेरे बाद तुम्हे कोई कुछ नहीं बता पायेगा।

साहिल:" मैं सब जानता हूं कि तुम ये सब नीरज के कहने पर कर रही हो। तुम मरने ये लिए तैयार हो जाओ।

लीमा की आंखो में एक पल के लिए खौफ साफ नजर आया लेकिन अगले ही पल बोली:"

" ऐसा सोचने की गलती मत करना, मैं नीरज के लिए काम नहीं करती, वो तो एक छोटा सा मोहरा हैं। असली खिलाड़ी कौन हैं ये सिर्फ मैं जानती हूं।

साहिल के माथे पर बल पड़ गए और सोचने लगा कि क्या सच में नीरज सिर्फ एक मोहरा हैं, तो फिर असली खिलाड़ी कौन हैं ?

साहिल:" देखो लीमा तुम मुझे सब कुछ सच सच बता दो, मैं वादा करता हूं कि तुम्हे छोड़ दूंगा मैं अपनी मम्मी की कसम खाता हूं।

लीमा:" मैंने जानती हूं तुम अपनी मम्मी से बहुत प्यार करते हो लेकिन सच्चाई सामने आते ही तुम मुझे मार दोगे। लेकिन मैं अभी तुम्हे कुछ नहीं बता सकती। मुझे मरना कुबूल हैं लेकिन मुंह खोलना नहीं ।

साहिल:" मैं सब कुछ कर सकता हूं लेकिन अपनी मम्मी की कसम झूठी नहीं खा सकता। तुम्हे छोड़ दूंगा ये एक मर्द की जुबान हैं।

लीमा:" थोड़ा और सब्र कर लो, जल्दी ही तुम्हे सब बता दूंगी। बस एक हफ्ते कि ही तो बात हैं।

साहिल समझ गया कि लीमा मर जाएगी लेकिन अपना मुंह नहीं खोलेगी। एक हफ्ते में ऐसा क्या हो जाएगा जो लीमा अपना मुंह खोल देगी। जरूर अनूप के साथ कुछ उल्टा पुल्टा हो सकता हैं।
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04-14-2021, 12:41 PM,
#94
RE: Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ
साहिल:" ठीक हैं लीमा मैं एक हफ़्ते का इंतजार कर लेता हूं। लेकिन तब तक तुम यहीं कैद रहोगी।

लीमा ने होंठ स्माइल कर उठे मानो उसे यहां कैद में रहने से कोई ऐतराज़ ना हो। साहिल और रूबी ने उसे खाना दिया और फिर से उसे बेहोश करके दोनो घर की तरफ चल पड़े।

साहिल:' मम्मी और कौन हैं जो हमें बर्बाद करना चाहता है ?

रूबी:" बेटा मुझे तो इस बारे में कुछ भी नहीं पता। शायद शांता को कुछ पता हो क्योंकि वो काफी पहले से हैं।

साहिल:" ठीक हैं मा, लेकिन वो तो एक नौकरानी हैं उसे क्या पता होगा।

रूबी:" लेकिन बेटा बहुत पहले से ही वो इस घर में काम करती हैं, यहां तक कि अनूप को भी उसने है पाल पोश कर बड़ा किया है।

साहिल:" ठीक हैं मम्मी।

थोड़ी देर बाद दोनो घर पहुंच गए और देखा कि शांता काम में लगी हुई थी और रूबी को देखते ही बोली:"

" अरे आप दोनो सुबह सुबह कहां चले गए थे ? मैं परेशान हो गई थी। कम से कम बता कर तो जाते।

रूबी:" मम्मी वो हम दोनो मॉर्निंग वॉक पर चले गए थे। आप सो रही थी इसलिए नही बताया।

साहिल बाथरूम में घुस गया और नहाकर अा गया और सोच में डूब गया कि एक हफ्ते में ऐसा क्या होने वाला हैं।

वहीं रूबी भी नहा चुकी थी और नाश्ता तैयार हो गया तो सभी लोग खाने लगे।

शांता:" बेटी अनूप नहीं दिख रहा हैं?

रूबी और साहिल ने एक दूसरे की तरफ देखा और साहिल बोला:"

" वो रात अपने किसी दोस्त के यहां गए हैं पार्टी में। वहीं से सीधे ऑफिस जाएंगे।

शांता:" ठीक हैं लेकिन अनूप की गड़ी तो यहीं खड़ी हैं। फिर कैसे चला गया वो ?

रूबी:" मम्मी मैं उसे अपनी गाड़ी से छोड़कर अाई थी क्योंकि अनूप की गाड़ी खराब हो गई है।

शांता:" अच्छा बेटी। बेशक वो थोड़ा अक्खड़ और गुस्से वाला हैं लेकिन मैंने ही उसे पालकर बड़ा किया हैं इसलिए उसकी फिक्र होती हैं मुझे।

रूबी:" ठीक हैं मम्मी, शाम को अा जाएंगे वो आज।

नाश्ता खत्म होने के बाद शांता बर्तन धोने के लिए चली गई जबकि साहिल बोला:"

" मम्मी आपको नहीं लगता कि शांता घर के काम में कुछ ज्यादा ही दखल दे रही है।

रूबी:" हान बेटा, लेकिन अनूप को उसने है पाला हैं ये बात तो सच है। फिक्र करती हैं उसकी।

साहिल:* अच्छा ठीक हैं। अभी मैं अनूप को खाना देकर आता हूं।

साहिल ने एक प्लेट में खाना लिया और अनूप के पास नीचे पहुंच गया। अनूप सारी रात ठीक से नहीं सो पाया था। साहिल को देखते ही वो बिलख उठा:"

" साहिल मेरे बेटे, मुझे बाहर निकाल यहां से, मुझ पर इतना ज़ुल्म ना कर, मैं तेरा सगा बाप हूं बेटे।

साहिल:" बाप होने का कोई फर्ज़ तुमने अदा नहीं किया है। लेकिन तुम्हे यहां से निकाल लूंगा मैं ये वादा हैं एक बेटे का, बस तुम्हे कुछ दिन और अंदर ही रहना होगा।

साहिल ने खाने की प्लेट सामने रख दी और अनूप बोला:"

" नहीं बेटा, मैं नहीं रह सकता यहां, मेरा दम घुटता हैं यहां। प्लीज़ मुझे निकाल दो।

साहिल:" चुपचाप खान खाओ अगर ज्यादा परेशान करा तो दिक्कत भर यहीं सड़ोगे
तुम।

अनूप डर गया और चुपचाप खाना खाने लगा। साहिल उठा और गेट बंद करके बाहर की तरफ निकल गया जबकि अनूप उसे बेटा बेटा करते रह गया।

शांता बर्तन धोकर जा चुकी थी और रूबी अपने ऑफिस जाने के लिए तैयार हो रही थी। साहिल अपनी मम्मी को बड़े ध्यान से देख रहा था क्योंकि रूबी ने आज एक नीले रंग की साडी पहनी हुई थी जिसमें वो बेहद खूबसूरत लग रही थी।

रूबी:" खिला दिया अपने पापा को खाना साहिल ?

साहिल:" मम्मी मुझे अच्छा नहीं लगता जब आप अनूप को मेरा बाप कहती हो। ऐसा लगता हैं जैसे आप गाली दे रही है।

रूबी:" अच्छा ठीक हैं, बेटा, मैं आगे से ध्यान रखेगी। चलो तुम भी जल्दी से तैयार हो जाओ अब।

साहिल ने जल्दी से अपने कपड़े बदल लिए और रूबी ने बैग में अनूप के कुछ कपडे रखे और दोनो मा बेटे घर से चल दिए।

थोड़ी देर बाद ही अनूप ड्रामा एंड मेकअप सेंटर से बाहर निकला। रूबी उसे देखते ही स्माइल दी और बोली:"

" साहिल मैं सच में यकीन नहीं कर पा रही हूं कि ये तुम हो या अनूप हैं। बाप रेे बाप बिल्कुल एकदम बिल्कुल अनूप जैसे लग रहे हो।

साहिल:" हान मम्मी ये कमाल का आर्टिस्ट हैं, सच में तो मैं खुद यकीन नहीं कर पा रहा हूं।

रूबी:" लेकिन बेटा तुम्हे बहुत सावधानी से काम करना होगा। अनूप की चाल, उसके बोलने का तरीका तुम बिल्कुल उसके जैसे ही सब करना है।

साहिल:" ओह मम्मी आप चिंता ना करे। मैं सब कुछ जानता हूं कि क्या करना हैं मुझे और कैसे करना ह। वैसे एक बात कहूं ?

रूबी:" हान बेटा बोल ना?

साहिल ने स्माइल करते हुए रूबी की आंखो में देखते हुए कहा:"

" आज मै आपका आधा नहीं बल्कि पूरा पति लग रहा हूं।

रूबी के होंठो पर लाली अा गई और साथ ही साथ होंठ हल्के से खुले और बोली:"

" सुधर जाओ तुम, नहीं तो मार खाओगे मुझे।

साहिल:" ओए होए आपके नखरे भला कोई भारतीय नारी अपने पति पर हाथ उठाती हैं क्या ?

रूबी:" मुझे तुम अभी ठीक से नहीं जानते हो साहिल कि मैं चीज क्या हूं , मेरे इतनी आसानी से हाथ नहीं आती।

साहिल:" मम्मी मैं बहुत अच्छे से जानता हूं कि आप क्या चीज हो। और रही बात हाथ आने की तो मैं भी आपका ही बेटा हू। आपकी तरह जिद्दी।

रूबी स्माइल करते हुए बोली:"

" अच्छा बेटे महाराज अभी चले , मुझे लेट हो रहा हैं ऑफिस के लिए ?

साहिल:" हान चलता हूं लेकिन एक मुसीबत हैं कि अनूप तो पिछले कई सालों से टाइम पर ऑफिस नहीं गया हैं। इसलिए मैं लेट ही जाऊंगा।

रूबी:" अच्छा चलो ठीक हैं , मैं तुम्हे घर के बाहर ड्रॉप कर देती हूं। वहां से तुम अनूप की गाड़ी लेकर ऑफिस चले जाना। किसी को ज्यादा शक भी नहीं होगा।
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04-14-2021, 12:41 PM,
#95
RE: Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ
साहिल को रूबी का आइडिया पसंद अाया और रूबी ने गाड़ी आगे बढ़ा दी और साहिल को घर के पास ही ड्रॉप करके अपने सेंटर की तरफ बढ़ गई।

साहिल ने अपनी कमर को हल्का सा झुका दिया और चाल बदल दी और अंदर की तरफ चल पड़ा। वो एक बार अंदर घर में गया और फिर थोड़ी देर बाद ही वापिस पार्किंग में आकर गाड़ी निकाल ली और बाहर जाने लगा तो पीछे से शांता की आवाज अाई:"

" अरे अनूप बेटा खाना तो खाकर जाओ, आते ही चल दिए।

साहिल ने शांता की तरफ देखा और गुस्से से बोला:"

" तुम अपने काम से मतलब रखा करो, मैं खाउ या नहीं उससे तुम्हे मतलब नहीं होना चाहिए। समझी

शांता ने गुस्से से अनूप की तरफ देखा और मन हूं मन गालियां देने लगी और अनूप गाड़ी लेकर बाहर की तरफ निकल गया।

साहिल के होंठो पर स्माइल अा गई और सोचने लगा कि उसे बस सबसे ऐसे ही बदतमीजी और गुस्से से बात करनी हैं , लोग उसे अपने आप ही अनूप मान लेंगे।
साहिल गाड़ी दौड़ाते हुए ऑफिस पहुंच गया और जैसे जी अंदर अंदर घुसा तो सिक्योरिटी गार्ड ने उसे सलाम किया। साहिल ने उसकी तरफ गुस्से से देखा और अंदर घुस गया।

अनूप अपने ऑफिस में बैठा हुआ था और दुबे जी उनसे मिलने अा गए। अनूप:"

" हान दुबे जी टेंडर का क्या हुआ ?

दुबे:" सर माल अा गया है और काम शुरू हो गया है। आपके कहे के मुताबिक हमने सारा माल नीरज के यहां से ही खरीद लिया हैं। काम तेजी से चल रहा हैं।

अनूप:" अच्छा, मेरे पास जो माल आया हैं उसकी फाइल लेकर आओ।

दुबे हैरान हुआ लेकिन अंदर चला गया और जल्दी ही फाइल साहिल की आंखो के सामने थी। साहिल एक एक पेज बड़े ध्यान से पढ़ रहा था। उसने अपने मोबाइल खोला और नेट पर सारे माल की क्वालिटी के बारे में देखा और बोला:"

" चलिए दुबे जी माल कहां हैं मुझे एक बार दिखा दीजिए आप। ये सारा माल कौन लेकर आया हैं ?

दुबे:" सारे माल की जिम्मेदारी आपने हमेशा कि तरह इस बार भी रवि मिश्रा को ही दी हैं। वहीं लेकर आया हैं।

साहिल:' ठीक हैं, आओ मेरे साथ।

साहिल ने दुबे के साथ जाकर सारा माल चेक किया तो वो समझ गया कि ये ही नीरज की असली चाल हैं। माल बिल्कुल बेकार था। लकड़ी तो एकदम खराब थी मानो उससे बना हुआ बल्ला ट्रायल में ही टाइट जाएगा।
साहिल के होंठो पर स्माइल अा गई और उसने एक आदमी की तरफ देखा जिसके ई कार्ड पर रवि मिश्रा लिखा हुआ था।

साहिल:" अरे मिश्रा जी आपका काम तो हमेशा ही शानदार रहा है और इस बार तो आपने हमारा दिल जीत लिया है। इसलिए कंपनी ने आपको एक हफ्ते के लिए दुबई की ट्रिप पर भेजने का फैसला किया है।

साहिल की बाते सुनकर रवि मिश्रा अंदर ही अंदर बहुत खुश हुआ लेकिन दिखावे के लिए बोला:"

" सर बहुत बहुत धन्यवाद आपने मुझे इस लायक समझा लेकिन मैं अब इस टेंडर को पूरा करने के बाद ही ट्रिप पर जाऊंगा क्योंकि मेरी भी कंपनी के लिए जिम्मेदारी बनती है।

साहिल:" लेकिन आपने अब तक जो भी किया हैं वो बहुत ही अच्छा है। आप जाइए और गोवा ट्रिप का आनंद लीजिए।

रवि:" जी सर जैसे आपको ठीक लगे।मेरी इच्छा तो यहीं रहकर काम करने की थी।

साहिल:" अरे भाई मस्ती करके वापिस आओ और फ्रेश दिमाग के साथ फिर से काम पर लग जाना। शाम को आपकी फ्लाइट होगी, टिकट और पैसा आपको दुबे जी दे देंगे।

दुबे ने साहिल की तरफ अजीब सी नजरो से देखा लेकिन बोला कुछ नहीं। उसके बाद साहिल ने दूसरी सभी चीज़े चैक करी और दुबे के साथ अंदर ऑफिस में अा गया।

दुबे:" सर हमारे पास किसी फ्लाइट के पैसे तक नहीं है और आप रवि के लिए गोवा ट्रिप का प्लान कर चुके हैं।

साहिल:" चिंता क्यों करते हो दुबे जी ? सब हो जायेगा। अच्छा आप एक बात बताए मुझे क्या आप सच में कंपनी को डूबने से बचाना चाहते हैं ?

दुबे:" बेटा बिल्कुल चाहता हूं, मैंने आपका नमक खाया हैं और साथ ही साथ मैं गरीब मजदूरों को बर्बाद नहीं होते देख सकता।

साहिल:' ठीक हैं, तो समझ लीजिए कि अब कुछ सजी दिशा में चल पड़ा हैं और अगले कुछ ही महीनों में कंपनी अपना सारा कर्ज उतार देगी।

दुबे जी ने अपनी आंखे बंद करते हुए ईश्वर को स्मरण किया और बोले:"

" भगवान करे ऐसा ही हो बेटा, सब कुछ बदल जाए।

साहिल:" अच्छा ठीक है दुबे जी आप आराम कीजिए मैं आपको खुद बुला लूंगा।

दुबे जी के जाते जी साहिल ने देखा कि 1 बज गया था और रूबी अब फ्री होगी इसलिए उसने अपनी मम्मी को कॉल किया और उन्हें सारी बाते बताई कि किस तरह से नीरज ने अपने आदमी के द्वारा खराब माल दिया और पूरा टेंडर फेल कराने का उसका प्लान हैं और फिर साहिल ने रूबी को अपना प्लान बता दिया।

रूबी:" लेकिन बेटा 2 करोड़ रुपए बहुत बड़ी रकम होती हैं। इतनी कहां से आएगी ?

साहिल:" मम्मी आप एक बार दिल्ली आशा मैडम से बात करके देख लीजिए शायद कुछ काम बन जाए नहीं तो घर तो गिरवी रखना पड़ेगा क्योंकि घर आपके नाम हैं।

रूबी: बेटा घर नहीं, पहले मैं आशा से बात करके देखती हू।

रूबी ने साहिल का फोन काट दिया और आशा का नंबर मिलाया तो आशा बोली:"

" नमस्कार मैडम, कैसे हैं आप ?

रूबी:" मैं ठीक हूं , मैं एक बहुत बड़ी मुश्किल में फंस गई हूं और तुम्हारी मदद चाहिए।

आशा:" अरे बताए आप मैडम मुझे क्या मदद कर सकती हूं।

रूबी:" मुझे दो करोड़ रुपए चाहिए। क्या आप दे सकती हैं उधार एक महीने के लिए ?

आशा थोड़ी देर के लिए सोच में पड़ गई क्योंकि दो करोड़ रुपए सच में उसके लिए भी बहुत बड़ी रकम थी। रूबी परेशान हो रही थी कि कहीं आशा मना ना कर दे।

आशा:" देखिए मैडम दो करोड़ रुपए सच में एक बहुत बड़ी रकम होती हैं लेकिन आपने मुझे बहुत मदद और काम को बढ़ाने के सहयोग दिया है। मैं एक बिजनेस मैन हूं इसलिए आपके साथ एक डील करना चाहती हूं।

रूबी खुशी से उछल पड़ी और बोली:" बोलिए आप मुझे क्या करना होगा ?

आशा:" देखिए आप मेरी बात को गलत मत समझ लेना। अगर आप एक छोड़िए दो महीने के बाद पैसे नहीं से पाई तो आपको अगले 10 साल के लिए हमारे सेंटर पर एक ट्रेनर के रूप में काम करना होगा जिसके लिए आपको सही पैसा और रहने के लिए बंगला मिलेगा।

रूबी:" ठीक हैं मुझे सब मंजूर हैं।लेकिन पैसा मुझे अगले एक घंटे के अंदर ही चाहिए।

आशा:" आप बैंक नंबर दीजिए, पैसा मिल जाएगा।

रूबी ने अपना बैंक नंबर दिया और फोन काट दिया और साहिल को ये खुश खबरी सुनाई तो वो भी बहुत खुश हुआ।

कुछ टाइम बाद ही पैसा साहिल के पास अा गया और उसने दुबे जी की मदद से रवि के लिए टिकट और खर्चे का पैसा दिया और शाम होते ही रवि ऑफिस से निकल कर गोवा के लिए निकल गया।

साहिल:" दुबे जी ये सारा माल खराब हैं इसे हम इस्तेमाल नहीं करेंगे। पैक करके वापसी रखवा दीजिए। बाद में वापिस करा देंगे। आप कंपनी के सारे वर्कर को इकट्ठा कीजिए मुझे कुछ बात करनी हैं।

देखते ही देखते सारे वर्कर मैसने इकट्ठा हो गए और साहिल बोला:"

" देखिए आप सभी लोगो की वजह से ये कंपनी फिर से कामयाब होगी और आपके परिवार को किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं होगी। आप सबके खाते में 20000 हजार रूपए कल तक अा जाएंगे और बाकी पैसा आपको टेंडर खत्म होने के बाद मिल जाएगा। मुझे उम्मीद हैं कि आप सभी अपनी कंपनी को बचाने में जान लगा देंगे।

भीड़:" हान हान हम आपके साथ हैं।

साहिल:" तो ठीक हैं आप लोग अभी छुट्टी कीजिए और कल से सुबह से काम पर अा जाइए।

सभी लोग एक एक करके जाने लगे और साहिल ने दुबे के साथ मिलकर कुछ बाहर से मजदूर पकड़े और जल्दी ही सारा खरान माल पैक हो गया। साहिल ने दिल्ली फोन करके एक बहुत बड़ी कंपनी से नकद माल खरीद लिया और सुबह होने तक सारा माल उसकी कंपनी में अा गया था और मजदूर काम पर लग गए।

पूरी रात जागकर काम करने के बाद साहिल ऑफिस में ही कुर्सी पर लेट गया और उसे नींद अा गई। रूबी को उसने फोन करके बता दिया था आज रात घर नहीं अा पाऊंगा।

अगले दिन सुबह सुबह रूबी ने अनूप को खाना खिलाया और फिर खाना लेकर साहिल के पास अा गई और बाहर से ही फोन किया, साहिल हल्की नींद में था इसलिए फोन उठाया और बाहर आकार खाना लिया और फिर से ऑफिस के अंदर चला गया। रूबी ने सिर्फ अपना हाथ बाहर निकाला था और गाड़ी के काले शीशे से किसी को नजर नहीं आया कि गाड़ी में कौन आया था।

साहिल ने नाश्ता किया और फिर से अपने काम में लग गया
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04-14-2021, 12:41 PM,
#96
RE: Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ
रूबी साहिल को खाना देने के बाद अपने योगा सेंटर पहुंच गई और लोगो को उसने योग कराया। उसके बाद वो आराम से अपने ऑफिस में बैठ गई और उसके ठीक सामने लीमा पड़ी हुई थी।

रूबी:" अच्छा लीमा एक बात बताओ तुम तो खुद एक औरत हो, फिर तुमने मेरे साथ ऐसा क्यों किया कि तुमने अनूप को नामर्द बना दिया।

लीमा ने उसकी तरफ देखा और बोली:"

" अनूप को उसके कर्मों की सज़ा मिली हैं। जब उसने मुझे काम पर रखा तो उसने शुरू से ही मुझे गंदी नजर से देखना शुरू किया और धीरे धीरे उसने मुझे पैसा देना शुरु किया और मैं पैसे के लालच में उसकी तरफ झुकती चली गई।

रूबी:" वो सब तो ठीक हैं लेकिन उसे नामर्द क्यों बनाया ? ये बताओ मुझे तुम।

लीमा के होंठो पर स्माइल अा गई और बोली:"

"एक एक करके सब बता रही हूं ना इसलिए ध्यान से सुनती रहो। एक दिन उसने मुझे ऑफिस से जुड़ा हुआ कमरा दिखाया और मुझे जबरदस्ती दारू पिला दी और मैं बहक गई और हमारे बीच में सेक्स हो गया। वैसे वो तुमसे बहुत नाराज़ रहता था। जब देखो तुम्हे गाली देता रहता था, बोलता था कि तुमने उसकी ज़िन्दगी खराब कर दी।

रूबी ने हैरानी से लीमा की तरफ देखा और बोली:"

" ऐसा तो कुछ नहीं था, वो दारू बहुत पीता था और अय्यासी में रहता था इसलिए मैंने उसे समझाया शायद यही बात उसे बुरी लग गई।

लीमा:" जो भी हो मुझे इससे क्या, उस दिन जो हुआ मेरी गलती थी लेकिन उसके बाद उसने मुझे जबरदस्ती सेक्स करना शुरू कर दिया और मैं कुछ नहीं कर पाई क्योंकि मैं मजबूर थी। लेकिन मै अपना बदला लेना चाहती थी इसलिए मैंने धीरे धीरे उसका साथ दिया और उसको दवा देनी शुरू कर दी। और उसके बाद क्या हुआ तुम जानती ही हो।

रूबी:" लेकिन इसमें मेरी गलती क्या थी ? तुमने मुझे उस सुख से वंचित कर दिया जो दुनिया की हर औरत के लिए अदभुत होता हैं लीमा।

लीमा:" मैंने तुम्हे नहीं उसे सजा दी थी, बाद उसका असर तुम पर भी अा गया।

रूबी:" अच्छा एक बात बताओ तुम नीरज को जानती हो क्या ?

लीमा के चेहरे के रंग एक पक के लिए बदल गए लेकिन अगले ही पल बोली:"

" मैं किसी नीरज नाम के लड़के को नहीं जानती हूं।

रूबी ने थोड़ी देर के लिए कुछ सोचा और बोली:'

" अच्छा प्रिया को तो जानती होगी जो तेरे साथ ही ऑफिस में काम करती थी।

लीमा ने प्रिया का नाम सुनते ही बहुत मुह बनाया और बोली:"

" प्रिया वो कमीनी एक नंबर की रण्डी हैं। पैसे के लिए अमीर आदमी के बिस्तर पर लेट जाती थी। वो एक टॉप क्लास कॉल गर्ल हैं। जॉब तो सिर्फ समाज में इज्जत के लिए करती थी।

रूबी:* क्या तुम जानती हो उसके सम्बन्ध किस किस के साथ थे ?

लीमा:" नहीं जानती, वो बहुत ही गंदी और घटिया लड़की हैं, मैं इतनी गिरी हुई नहीं हूं।

रूबी के होंठो पर स्माइल अा हुई और बोली:"

" तू कितनी गिरी हुई हैं मैं बहुत अच्छे से जानती हूं, सफार्इ देने की जरुरत नहीं हैं तुम्हे।

लीमा ने रूबी की गुस्से से देखा और अपना मुंह दूसरी तरफ कर लिया। रूबी समझ गई कि अब ये इससे ज्यादा कुछ नहीं बता पाएगी। रूबी ने उसे फिर से बेहोश किया और अपने घर की तरफ चल पड़ी।

वहीं दूसरी तरफ नीरज ने अपने दोस्त रवि मिश्रा को फोन किया और बोला:"

" हान रवि कैसे हो दोस्त ?

रवि एयरपोर्ट पर था और वो नहीं चाहता था कि वो ये ट्रिप मिस कर से क्योंकि वो जानता था कि नीरज उसे नहीं जाने देगा इसलिए बोला:"

" अच्छा हूं, आपने जी माल दिया था उससे ही सब काम हो रहा हैं। देखना सब कुछ इतना खराब बनेगा कि इस के बाद अनूप को कभी कोई काम नहीं मिलेगा।

नीरज:" बहुत बढ़िया रवि। शाबाश तुम पूरे काम का ध्यान खुद रखना।

रवि:" आप चिंता मत कीजिए सर। मैं हूं ना सब देखने के लिए।

नीरज ने खुशी के फोन काट दिया और उसने अनूप का मोबाइल नंबर मिला दिया जो साहिल के पास था। साहिल ने नीरज का नाम देखा और उसकी आंखो में गुस्सा साफ उभर आया और कॉल को रिकॉर्ड करना शुरु कर दिया।

नीरज:' हान भाई अनूप जी क्या हाल हैं ? काम कैसा चल रहा हैं ?

साहिल:" अरे सर सब बहुत अच्छा हैं, काम बिल्कुल सही और तेजी से चल रहा है।

नीरज:" अच्छा है यार, बस इस टेंडर के बाद तेरी कंपनी ठीक से चल पड़ेगी। अच्छा यार मेरे काम का क्या हुआ ?

साहिल को कुछ समझ नहीं आया कि क्या जवाब दे इसलिए बोला:"

" यार थोड़ा और सब्र कर लो, बस हो जाएगा आपका काम जल्दी ही।

" क्या यार कब तक सब्र करू, अब तो रात को नींद भी नहीं आती रूबी के बारे में सोचकर, बस एक रात के लिए उसे मेरी रानी बना से ना अनूप मैं तेरी ज़िन्दगी बना दूंगा।

नीरज की आवाज में बेचैनी साफ महसूस हुई और साहिल की आंखो में खून उतर आया लेकिन अपने आपको काबू करते हुए बोला:"

" मैं कर रहा हूं अपनी तरफ से कोशिश, जल्दी ही उसे मना लूंगा मैं, बस थोड़ा समय और।

नीरज:" आखिर कब तक थोड़ा थोड़ा समय करते रहेंगे तुम ? चार साल से ज्यादा हो गए तुम्हे, बस अनूप एक एक वीक और नहीं तो अपने आदमियों से उसे उठवा कर अपनी रण्डी बना लूंगा। समझे तुम।

नीरज की बाते सुनते ही साहिल की आंखो में खून उतर आया और उसके हाथो की मुट्ठियां भींच गई लेकिन फिर भी उसने खुद को संभाला और बोला:"

" ऐसा कुछ भी मत करना तुम, टेंडर पूरा होते ही तुम्हारा नाम हो जायेगा। ये अनूप का वादा हैं।
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04-14-2021, 12:42 PM,
#97
RE: Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ
नीरज:" ठीक हैं बस एक हफ्ता, अच्छा तुम एक काम करो मेरे फार्म हाउस पर अा जाओ, बहुत दिन हो गए तुमसे मिले हुए।

साहिल:" टेंडर के बीच में ही अा जाऊ क्या ? काम चल रहा हैं यहां ?

नीरज:" अरे वहां हमारा एक दोस्त हैं ना रवि मिश्रा वो सब देख लेगा। बहुत अच्छा आदमी हैं।

साहिल:" रवि सच में बहुत अच्छा आदमी हैं। ठीक हैं मैं आता हूं।

साहिल ने फोन काट दिया और सारी रिकॉर्डिंग रूबी को भेज दी और उसे कॉल किया

साहिल:" मम्मी मुझे नीरज ने बुलाया हैं इसलिए जाना होगा। हो सकता हैं रात को थोड़ा लेट हो जाऊ मैं आते आते।

रूबी:" क्या बेटा, वहां मत जाओ तुम, मुझे डर लगता है उससे, कहीं तुम्हे कुछ हो ना जाए,

साहिल:" मम्मी आप मत डरो, आपका बेटा सब कुछ ठीक कर देगा। अच्छा मैने आपको एक रिकॉर्डिंग भेजी हैं वो सुन लेना आप और समझ जाओगी कि मेरा वहां जाना क्यों ज्यादा जरूरी है मम्मी।

रूबी:" ठीक हैं बेटा, लेकिन अपना ध्यान रखना तुम, खाना मैं तुम्हारे साथ ही खाऊंगी। जल्दी आना वापिस।

साहिल:" ठीक हैं मम्मी। मैं जल्दी आने की पूरी कोशिश करूंगा।

इसके बाद साहिल ने फोन काट दिया और गाड़ी लेकर नीरज के घर की तरफ चल दिया। रास्ते में जाते हुए वो कुछ सोचता जा रहा था कि उसे वहां कैसे रहना हैं और क्या करना हैं।

जल्दी ही साहिल नीरज के फार्म हाउस पर अा गया। नीरज ने बाहर लॉन में कुछ चेयर और एक टेबल रखी हुई थी जिन पर महंगी विदेशी शराब, देशी शराब, बियर सब तरह का सस्ता महंगा नशा मौजूद था। मतलब मेहमान अपने हिसाब से कोई भी नशा कर सकता था।

अनूप को देखते ही नीरज खुशी से खड़ा हुआ और आगे बढ़ा लेकिन दारू के नशे के कारण उसके कदम लड़ खड़ा रहे थे और बोला:"

" आइए हमारे परम मित्र अनूप आपका इस गरीब के घर में स्वागत हैं।

साहिल धीरे धीरे चलता हुआ आगे बढ़ा और उससे हाथ मिलाया, साहिल का मन तो किया कि उसका हाथ उखाड़ दे लेकिन अभी शायद इसका समय नहीं आया था।

साहिल:" अरे ये तो आपका बड़प्पन हैं कि आप हमें मित्र कहते हैं। वरना मैं तो आपके सामने कुछ भी नहीं हु।

नीरज:" अरे भाई ऐसा नहीं हैं, मेरा बड़प्पन नहीं सच कहूं तो ये सब रूबी के हुस्न का कमाल हैं जो उसने मुझे ऐसा करने पर मजबुर कर दिया। बैठो अनूप देखो यार मैंने तुम्हारे लिए एक से बढ़कर एक दारू का इंतजाम किया हैं मेरे भाई।

साहिल अनूप की बात सुनकर एक बात तो समझ गया कि नीरज रूबी की वजह से अनूप से दोस्ती किया हैं। साहिल बोला:"

" नहीं नीरज भाई, मैंने कसम खाई है कि जब तक टेंडर पूरा नहीं होगा मैं दारू नहीं पी सकता।

नीरज:' क्या यार अनूप बच्चो जैसी बात मत करो तुम, मै हूं ना सब देखने के लिए, फिर तुम परेशान मत हो।

साहिल:' लेकिन मैं नहीं चाहता हूं कि मैं अपनी कसम तोड़ दू।

नीरज:" क्या यार, कैसे दोस्त हो तुम, कुछ तो मेरा साथ दो। बस एक छोटा पैग।

इतना कहकर नीरज ने रेड वाइन की बॉटल उठा लिया और पैग बनाने लगा तो साहिल समझ गया कि आज नीरज नहीं मानने वाला। इसलिए साहिल बोला:"

" अच्छा ठीक हैं लाओ पैग मैं बना देता हूं। लेकिन मैं थोड़ी ही पीऊंगा।

नीरज:" वाह ये हुई ना मर्दों वाली बात अनूप। दोनो पैग बड़े और बराबर होने चाहिए।

साहिल ने दो पैग बना दिए और दोनो ने चीयर्स किया और साहिल ने जैसे ही पहला घूंट भरा तो उसे कड़वा एहसास हुआ क्योंकि उसने आज तक दारू को हाथ नहीं लगाया था।

नीरज ने आंखे बंद करी एक ही सांस में पूरा पैग खाली कर दिया। साहिल ने मौके का फायदा उठाकर अपने पैग को घास में फेंक दिया।

साहिल ने इसके बाद तीन पैग और बनाए। लेकिन मौका देखते ही वो उधर इधर फेंक देता था लेकिन फिर भी अब तक उसने तीन घूंट दारू पी लिया था। ये एक अलग तरह की शराब थी जिसमे से बदबू तो बिल्कुल भी नहीं आती थी। बस हल्का हल्का मीठा मीठा नशा हो जाता था।

नीरज:" अनूप यार मेरी इच्छा पूरी करो तुम। मुझे रूबी चाहिए। हर दिन और ज्यादा सेक्सी और जवान नजर आती हैं।

साहिल:" करता हूं मैं कुछ। आप चिंता मत कीजिए।

नीरज की आंखे नशे के कारण बंद हो गई और वो वहीं सोफे पर गिर गया। साहिल ने उसे उठाया और अंदर लेकर चला गया और बेड पर लिटा दिया। बेड पर पहले से ही प्रिया बिल्कुल नंगी लेटी हुई थी। शायद दिन में इसे नीरज ने जमकर चोदा था इसलिए उसके जिस्म पर लाल लाल निशान बन गए थे।

साहिल ने मन ही मन सोचा कि ये प्रिया भी किसी काम की नहीं निकली, इसे छोड़कर मैंने गलती कर दी। साहिल उस कमरे से बाहर निकल गया और तभी उसकी नज़र कमरे में लगी हुई एक तस्वीर पर पड़ी जिसमे एक बहुत छोटी लड़की थी और साहिल को लगा कि उसने इस लड़की को कहीं देखा हैं।

लेकिन कहां देखा हैं ये उसे याद नहीं आया। दिमाग पर काफी जोर डालने के बाद भी उसे कुछ याद नहीं आया तो उसने फिलहाल घर जाने का विचार किया। साहिल ने अपनी गाड़ी निकाली और घर की तरफ चल दिया।

उधर घर में रूबी ने साहिल का फोन कटने के बाद वो रिकॉर्डिंग सुनी तो उसके होश उड़ गए। कमीना अनूप और इस नीरज की हिम्मत तो देखो कैसे खुलकर बोल रहा था।

साहिल ना होता तो मैं अब तक शायद नीरज की हवस का शिकार हो गई होती।

रूबी के मन में नीरज के लिए नफरत तो थी लेकिन आज जब उसने रण्डी बनाने वाली बात बोली तो उसने रूबी ने मन को झकझोर कर रख दिया। उस कुत्ते की इतनी हिम्मत सिर्फ अनूप के चुटियापे की वजह से हैं। अब अपने कर्मो की सजा भुगत रहा हैं कमीना।

लेकिन मैं इस नीरज को नहीं छोडूंगी। इसे दिखा दूंगी कि मैं अपने उपर गंदी नजर डालने वालों का क्या हाल करती हूं। जब तक साहिल हैं नीरज तो क्या दुनिया की कोई भी ताकत मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकती। सच में मेरा कितना ध्यान रखता है और सिर्फ मुझे बचाने के लिए ही उसने अनूप बनकर अपनी जान को खतरे में डाल दिया हैं। सच में मेरा बेटा बहुत अच्छा है।

रूबी ये सब सोचते हुए खड़ी हुई और घर के काम में लग गई। धीरे धीरे उसने खाना बना दिया और शांता भी आकर उसकी मदद करने लगी।

शांता:" रूबी मेरी बेटी सपना का कुछ पता चला क्या ?

रूबी:" मा हम ढूंढ रहे हैं आप चिंता मत कीजिए मिल जाएगी।

शांता फिर से उदास हो गई और बोली:"

" साहिल बाबा भी कल से घर नहीं है, क्या एक वापिस दिल्ली चला गया क्या ?

रूबी:" हान पढ़ाई का कुछ काम था इसलिए चला गया था। हो सकता है आज रात में ही वो वापिस अा जाएं।

शांता:" हान ठीक हैं, बेटा अगर घर में रहे तो घर अच्छा लगता है नहीं तो खाली घर काटने के लिए दौड़ता हैं।

रूबी:" हान मम्मी, अच्छा आप खाना खा लो और जाकर आराम करो। रात बहुत हो गई है।

शांता ने खाना खाया और चुपचाप घर के बाहर बने अपने कमरे में चली गई। रूबी ने खाना लिया और अनूप को खिलाने के लिए चल पड़ी। उसने तहखाने को खोला और अनूप को खाना दिया तो अनूप उसे देखते ही रों पड़ा। उसका रंग हल्का पीला पड़ गया था और आंखे लाल हो रही थी।

अनूप:" रूबी तुम तो मेरी मदद करो, मुझे यहां से निकाल दो नहीं तो यहां मेरा दम घुटता हैं।

रूबी ने अपना मोबाइल निकाला और रिकॉर्डिंग चला दी। अनूप ने सारी रिकॉर्डिंग ध्यान से सुनी और बोला:"

" रूबी ये मैं नहीं हूं, कोई और हैं जिससे नीरज ऐसी बाते कर रहा हैं। ये सब मुझे फसाने की कोशिश है कोई।

रूबी ने जोरदार थप्पड़ अनूप के गाल पर जड़ दिया और बोली:"

" हरामजादे मैं जानती हूं कि ये तुम नहीं हो लेकिन तुम्हारी वजह से उसकी इतनी हिम्मत हुई जो वो इतनी बाते कर रहा हैं।

अनूप के गाल पर थप्पड़ लगते ही उसकी आंखे भर आई और बोला:"

" मुझे बस एक बार यहां से बाहर निकाल दो फिर उस कुत्ते नीरज को तुम्हारे क़दमों में ना झुका दिया तो कहना।

रूबी:" उसकी अब कोई जरुरत नहीं है, मेरा बेटा अभी ज़िंदा हैं अनूप। वो तुम्हारे साथ नीरज का भी भी वो हाल करेगा कि उसकी रूह तक कांप जायेगी।

अनूप:" रूबी प्लीज़ मुझे यहां से निकाल दो तुम। अनूप ने अपने दोनो हाथ जोड़ दिए लेकिन रूबी ने उसकी एक नहीं सुनी और गेट बंद करके बाहर अा गई।
रूबी ने टाइम देखा तो रात के 10 बज गए थे और साहिल अभी तक नहीं आया था इसलिए उसे अपने बेटे की चिंता हुई कि कहीं वो किसी मुसीबत में तो नहीं फंस गया। रूबी ने अपना मोबाइल निकाला और अनूप का नंबर मिला दिया। साहिल रास्ते में था और जैसे ही उसने रूबी का कॉल देखा तो उठाया और बोला:"

" हान मम्मी मैं रास्ते में हूं बस, थोड़ी देर में पहुंच जाऊंगा। आप खाना गर्म कर लीजिए।

रूबी:" ठीक हैं बेटा अा जाओ। मुझे तुम्हारी बड़ी चिंता हो रही थी। मैं करती हूं खाना गरम।

रूबी ने फोन काट दिया और साहिल ने गाड़ी घर की तरफ बढ़ा दी लेकिन वो ज्यादा तेज नहीं चला पा रहा था क्योंकि उसे अभी हल्का हल्का सुरूर हो रहा था।
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04-14-2021, 12:42 PM,
#98
RE: Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ
वहीं रूबी अपने कमरे में गई और उसकी नजर विटामिन सिरप पर पड़ी तो उसने एक घूंट पी लिया क्योंकि कई दिन से वो इसे पीना भूल गई थी। रूबी ने बॉटल को वापिस रखा और रसोई में घुस गई खाना गरम करने लग गई।

रूबी की परेशानी साहिल से बात होने के बाद खतम हो गई थी इसलिए अब वो खुशी खुशी काम कर रही थी। जल्दी ही डोरबेल बजी और रूबी ने दरवाजा खोल दिया तो सामने एक पल के लिए तो वो अनूप को देखकर डर गई कि ये बाहर कैसे अा गया लेकिन अगले ही पल उसे एहसास हुआ कि ये तो साहिल हैं जो अनूप बना हुआ हैं।

साहिल ने रूबी को देखा और स्माइल करते हुए बोला:"

" मम्मी डरो मत, मैं अनूप नहीं बल्कि आपका आधा पति साहिल हूं।

रूबी ने उसे देखा और उसके गले लग गई। साहिल ने रूबी को अपनी बांहों में कस लिया और जोर से भींच दिया। रूबी को पता नहीं कैसे एहसास हो गया कि साहिल आज कुछ बदला बदला सा लग रहा हैं।

रूबी:" क्या हुआ बेटा,आज तुम कुछ अजीब से लग रहे हो, आंखे देखो कितनी लाल हो गई है।

साहिल समझ गया कि रूबी को पता चल गया कि उसने दारू पी हैं इसलिए मुंह नीचे करते हुए बोला:"

" मम्मी वो मुझे नीरज में साथ मजबूरी में थोड़ी दारू पीनी पड़ गई। शायद उसका ही असर हो।

रूबी ने साहिल की बात पूरी होने से पहले ही एक जोरदार थप्पड़ उसके मुंह पर जड़ दिया और बोली:"

" बस उसकी ही कमी रह गई थी, तू भी अपने बाप की लाइन पर चल पड़ा है।

रूबी ने गुस्से से उसे देखा और रूबी की आंखे छलक उठी। साहिल को कुछ समझ नहीं आया कि ये अचानक क्या हुआ। रूबी गुस्से से बोली:"

" तू तो बोलता था कि तू मुझे ज़िन्दगी की हर खुशी देगा, मेरी ज़िन्दगी को फिर से खुशियों से भर देगा और तू आज ये सब कर रहा हैं ? मुझे कोई बात नहीं करनी तुमसे।

रूबी पलटी और अपने कमरे में रोती हुई चली गई। साहिल को समझ नहीं आ रहा था कि उससे गलती कहां हुई है। वो पीछे पीछे गया लेकिन रूबी ने दरवाजा अंदर से बंद कर दिया था।

साहिल:" मम्मी पहले मेरी बात तो सुनो आप, प्लीज़ दरवाजा खोलो।

रूबी:" मुझे तुमसे कोई बात नहीं करनी साहिल, मुझे तुमसे ये उम्मीद नहीं थी।

साहिल:" मम्मी आपकी कसम मैनें अपनी मर्जी से नहीं पी, अनूप दारू पीता रहा है इसलिए उसने मुझे अनूप समझकर जबरदस्ती पिला दी। मैने बहुत थोड़ी सी पी , ज्यादा पीता तो घर तक कैसे आता और अगर नहीं पीता तो उसे शक हो जाता ।

रूबी के दिमाग में साहिल की बात सुनकर धमाका सा हुआ और उसे अपनी गलती का एहसास हुआ और तेजी से उठी और गेट खोलकर साहिल से लिपट गई और रोने लगी। सुबकते हुए रूबी बोली:"

" बेटा मुझे माफ़ कर दे, मुझसे गलती हो गई। असल में इसी दारू की वजह से मेरी ज़िन्दगी खराब हो गई। इसलिए मुझे लगा कि कहीं तुम भी अनूप के रास्ते पर ना चल पड़ो।

साहिल उसके आंसू साफ करते हुए बोला:'

" मम्मी आपको मुझ पे भरोसा करना चाहिए। आपका बेटा कभी ऐसा कोई काम नहीं करेगा जो आपको गलत लगे। आपकी खुशी में ही मेरी हर खुशी हैं।

रूबी ने अपनी नजर उठाई और बोली:" मुझे अपने बेटे पर पूरा यकीन हैं। जाओ तुम पहले नहाकर आओ ये अनूप की शक्ल देखकर मुझे तुमपे और ज्यादा गुस्सा अा जाएगा।

साहिल ने अपनी मम्मी कि तरफ देखा और बोला:"

" इतनी नफरत करती हो मुझसे आप ?

रूबी:" नहीं मेरे बच्चे तुमसे नहीं, बिल्कुल नहीं, सपने में भी नहीं, बस ये अनूप की शक्ल मुझे बिल्कुल पसंद नहीं। जाओ जल्दी तुम फिर खाना खाते हैं मुझे भूख लगी हैं बहुत।

साहिल बाथरूम में अंदर घुस गया और मल मल कर अच्छे से नहाने लगा ताकि सारे मेकअप धूल जाए। आखिरकार उसकी मेहनत रंग लाई और उसने शीशे में खुद को देखा तो उसे अपना अपना असली चेहरा नजर आया। साहिल ने टॉवल लिया और अपने जिस्म को साफ किया और एक शॉर्ट केप्री और टी शर्ट पहनकर बाहर अा गया।

साहिल के बाथरूम में घुसते ही रूबी भी उपर बने बाथरूम में चली गई। नहाते हुए रूबी सोच रही थी कि मैंने अपने बेटे के साथ बहुत गन्दा बर्ताव किया हैं। कहीं ऐसा ना हो वो मुझसे नाराज़ हो जाएं। अब मैं क्या करू कैसे अपने बेटे को समझाऊं। रूबी जानती थी साहिल उसे पसंद करता हैं और कहीं ना कहीं साहिल उसे अब खुद भी अच्छा लग रहा था। इसलिए रूबी के मन में एक विचार अाया और उसके होंठो पर स्माइल अा गई। वो जल्दी से नहाकर बाहर निकली और अपने कमरे में चली गई और उसने कल रात वाली सुर्ख लाल ब्लाउस और पेटीकोट पहन लिया। उपर उसने जान बूझकर ब्रा नहीं पहनी और पेटीकोट को उसने नाभि के काफी नीचे बांध लिया। दवा का असर अब साफ दिख रहा था और रूबी ने हल्का सा मेकअप किया और गहरे लाल रंग की लिपस्टिक से अपने होंठो को सजाने लगीं। उसने खुद को शीशे में देखा और बुरी तरह से शर्मा गई क्योंकि उसे एहसास हुआ कि वो ये सब अपने बेटे को रिझाने के लिए कर रही थी। उसके मन में जितनी उत्तजेना और रोमांच था उससे कहीं ज्यादा उसे शर्म महसूस हो रही थी। वो खुद से नजरे नहीं मिला पाई और उसकी आंखे लाल होने लगी और वो खुद ही बाहर की तरफ चल पड़ी। रूबी ने खाना टेबल पर लगाया और उसने देखा कि उसके झुकने से उसकी चूचियां अंदर ब्रा ना होने के कारण हिल रही थीं। वो कुछ करती उससे पहले ही बाथरूम का दरवाजा खुला और साहिल बाहर अा गया। जैसे ही उसकी नजर अपनी मा पड़ी तो साहिल सब कुछ भूल गया और पागलों की तरह अपनी मा को एकटक देखने लगा

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साहिल की नजर जैसे ही अपनी मम्मी पर पड़ी उसके होश उड़ गए।

रूबी स्वर्ग से उतरी हुई किसी अप्सरा सी सुंदर लग रही थी। चांद सा खूबसूरत चेहरा बिल्कुल गोल गोल, बड़ी बड़ी आंखें, लाल सुर्ख होंठ, लंबी सी गर्दन, और चेहरे के चारो तरफ फैले हुए काले घने बाल।

साहिल की नजरे नीचे गई तो ब्रा ना होने के कारण ब्लाउस से बाहर निकली हुई उसकी आधी चूचियां, साहिल अपनी पलके तक झपकाना भूल गया।

रूबी समझ गई कि उसके हुस्न का जादू उसके बेटे पर चल गया और वो खड़ी हुई और सीधी चलती हुई उसकी आंखो के सामने अा गई और बोली:'

" क्या हुआ साहिल ? सब ठीक है बेटा ?

साहिल जैसे नींद से जागा और बोला:" हान मम्मी सब ठीक है, आप आज सचमुच परी लग रही हो मम्मी।

रूबी के होंठो पर स्माइल अा गई और बोली:"

" बस कर क्यों तू हमेशा मेरी झूठी तारीफ करता रहता हैं ?

इतना कहकर रूबी ने अपने होंठो पर हल्की सी जीभ फिरा दी जिससे उससे होंठ और ज्यादा रसीले हो गए। साहिल की तो हालत खराब हो गई और उसने रूबी को अपनी बांहों में भर लिया और रूबी भी उससे लिपट गई।

तभी रूबी को साहिल पता नहीं कैसे साहिल के मुंह से दारू की बहुत हल्की सी बदबू महसूस हुई और वो बोली:"

" साहिल बेटा देखो ना तुम्हारे मुंह से अभी भी दारू की हल्की बदबू अा रही है।

साहिल समझ गया कि शायद उसके मुंह से दारू की हल्की बदबू अा रही हैं इसलिए वो अपने आप ही पीछे हट गया। तभी उसकी नजर विटामिन सिरप पर पड़ी और उसने देखा कि ये ऑरेंज फ्लेवर था। रूबी उसे ध्यान से देख रही थी और बोली:"

" हान बेटे ये ठीक हैं, उसकी खुशबू बहुत अच्छी हैं। मैं इसे पीती हूं।

साहिल आगे बढ़ा और एक घूंट पी लिया। रूबी टेबल पर बैठ गई और खाना निकालने लगीं। काश उसे पता होता कि साहिल को विटामिन सिरप पीने के लिए बोलकर उसने कितनी बड़ी गलती हसीन गलती कर दी है।

साहिल और रूबी दोनो मा बेटे टेबल पर बैठ गए और रूबी खाना निकालने के लिए झुकी तो उसकी चूचियां और ज्यादा बाहर को छलक अाई जिससे साहिल की नजरे एक बार फिर से उन पर जम गई। रूबी ने एक बार अपने बेटे की तरफ देखा और सब समझते ही साहिल को स्माइल दी और फिर थोड़ा और झुकते हुए प्लेट को उसकी तरफ बढ़ा दिया। साहिल की आंखो के आगे तो जैसे बस कयामत थी।साहिल के लंड ने एक झटका खाया और साहिल के तन बदन में आग सी सुलगने लगी।

रूबी आज कोई मौका नहीं छोड़ना चाहती थी इसलिए बोली:"

" मेरा प्यारा बेटा आज मुझसे नाराज़ हैं, अा मेरी गोद में तुझे अपने हाथो से खाना खिलाती हूं।

साहिल के लिए तो ये जैसे मुंह मांगी मुराद थी। वो खड़ा हुआ और सीधे अपनी मा की गोद में बैठ गया। अब साहिल के रूबी की गोद में बैठ जाने से रूबी की चूचियां साहिल की पीठ पर लग रही थी।

रूबी ने थोड़ा आगे झुकते हुए खाने का एक निवाला बनाया और साहिल के मुंह में दिया तो साहिल ने खुशी खुशी निवाला खा लिया। अभी रूबी ने दो या तीन निवाले ही उसे खिलाए थे कि रूबी को वाहनू लगने लगा और बोली:"

" कितना मोटा हो गया हैं तू, देख ना कितना वजन हैं तेरे अंदर ?

साहिल:" मम्मी अब आपका बेटा जवान हो गया हैं थी वजन हो होगा ही। अच्छा आप एक काम करो मेरी गोद में बैठ जाओ, आपने मुझे बहुत खाना खिलाया हैं आज तक। आज मै आपको अपनी गोद में बिठाकर खाना खिलाता हूं।

रूबी:" अच्छा देख ले, कहीं ऐसा ना हो कि बाद में तुझे वजन लगे और तेरी सारी जवानी हवा हो जाए।

साहिल ने मुंह से कुछ नहीं बोला और अपनी मम्मी को गोद में से खड़ा हुआ और सोफे पर बैठ गया। रूबी का हाथ पकड़ कर उसने रूबी को अपनी गोद में बैठा लिया और बोला:"

" बस मम्मी, अब जब तक आपके मन करे आप मेरी गोद में बैठ सकती हैं।

साहिल खाने का निवाला बनाने के लिए आगे को झुका और उसके साथ साथ ही रूबी भी झुक गई जिससे उसकी चूचियां फिर से छलक उठी। साहिल की आंखे फिर से चमक उठी और उसने खाने का एक निवाला बनाया और रूबी को खिला दिया। रूबी आज बहुत खुश थी क्योंकि जिस प्यार की उम्मीद वो अपने पति से करती थी आज वहीं उसे मिल रहा था लेकिन अपने सगे बेटे से।
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04-14-2021, 12:42 PM,
#99
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साहिल फिर से निवाला बनाने के लिए झुका और रूबी फिर से आगे को हुई जिससे फिर से उसकी चूचियां बाहर निकलने को तड़प उठी। साहिल की आंखे मस्ती से चौड़ी हो गई। ऐसे ही कुछ निवाले खिलाते हुए साहिल का लंड पूरी तरह से खड़ा हो गया और साहिल की गर्म गर्म सांसें अब रूबी की गर्दन पर पकड़ कर उसे बहका रही थी जिससे रूबी की सांसे अब काफी तेजी से चल रही थी और उसकी चूचिया हिल रही थी। अपनी मा की हिलती हुई चूचियां देखकर साहिल की हालत खराब हो गई और इस बार जैसे ही उसने रूबी को निवाला दिया तो उसे तेज प्यास लगी और वो अपनी लेने के लिए झुकी। साहिल का दबा हुआ लंड सीधा खड़ा हो गया और रूबी जैसे ही वापिस उसकी गोद में पीछे हुई तो उसे अपनी गांड़ पर लंड का एहसास हुआ और उसके तन बदन में एक अजीब सी मस्ती भरी लहर दौड़ गई। अब तो हर निवाले पर साहिल का लंड रूबी की गांड़ में घुसने लगा और रूबी को ये सब अच्छा लग रहा था जिससे उसने अपनी गांड़ को थोड़ा उपर उठाते हुए लंड पर रगड़ना शुरू किया।

साहिल:" मम्मी देखो मैं आपको वो चॉकलेट खिलाता हूं।

चॉकलेट थोड़ा दूर रखी हुई थी। साहिल से पहले ही रूबी बोल पड़ी:_

" तुम रुको मैं लाती हू।

इतना कहकर रूबी आगे को झुकी तो पीछे पहले से ही तैयार साहिल भी आगे को झुक गया और लंड रूबी की गांड़ में घुसा तो रूबी के मुंह से एक हल्की सी मस्ती भरी आह निकल पड़ी। रूबी जान बूझकर ऐसे ही खड़ी रही और लंड को महसूस करती रही। फिर उसने आगे को झुककर चॉकलेट हो उठा लिया और साहिल की गोद में बैठ गई और लंड फिर से उसकी गान्ड में घुस गया।

साहिल ने रूबी के हाथ से चॉकलेट ली और उसे खोलने लगा। अब साहिल ने अपना मुंह रूबी के कंधे पर टिका दिया था। रूबी उसकी गर्म गर्म सांसे अपनी गर्दन पर महसूस करके पूरी तरह से गरम हो गई थी।

साहिल ने चॉकलेट को रूबी के होंठो से लगा दिया और अपने पैर अपनी मा के पैरो पर टिका दिया और हल्का हल्का सहलाने लगा। रूबी पूरी तरह से मस्त हो गई और उसकी जीभ बाहर निकल अाई और मस्ती में चॉकलेट को चाटने लगी।

साहिल ने अपना दूसरा हाथ रूबी के पेट पर रख दिया और हल्का हल्का सहलाने लगा तो रूबी ने साहिल के पैर में अपने अंगूठे का नाखून चुभा दिया और साहिल ने मस्ती में आकर रूबी के पेट को कसकर पकड़ लिया।

रूबी ने चॉकलेट को हल्का सा काटा और जीभ से अपने होंठो पर रगड़ने लगी। साहिल की हालत ये सब देखकर खराब हो गई और उसने चॉकलेट को टेबल पर रख दिया और दूसरे हाथ से अपनी मा की जांघ सहलाने लगा।

साहिल ने अपने होंठ रूबी के कान पर रख दिए और गरम गरम सांसे छोड़ते हुए बोला:"

" मम्मी मैं आपसे बहुत ज्यादा नाराज हूं। आपने आज मुझ पर हाथ उठा दिया।

इतना कहकर उसने अपनी जीभ को रूबी के कान की लौ पर हल्का सा फेर दिया तो रूबी बुरी तरह से मचल उठी और अपना चेहरे को पीछे को होते हुए उसके छाती पर टिका दिया जिससे उसकी चूचियां पूरी तरह से उभर गई मानो ब्लाउस फाड़कर बाहर आना चाहती हो।

साहिल ने ये कामुक दृश्य देखकर रूबी की जांघ को जोर से कस लिया और उसके पेट पर अपने दूसरे हाथ का दबाव बढ़ा दिया। रूबी ने बंद आंखो के साथ अपनी जीभ अपने होंठो पर फेर कर कहा:"

" मैं जानती हूं साहिल, लेकिन क्या तू अब अभी अपनी इस खूबसूरत मा से नाराज़ हैं बेटा ?

रूबी ने एक सास के साथ अपनी चूचियों को हल्का सा हिलाया और साहिल ने अपना हाथ थोड़ा उपर करते हुए रूबी की चूचियों पर टिका दिया और और उसकी गर्दन चाटकर बोला:"

'" नहीं ना मम्मी। आप जैसे खूबसूरत मम्मी से कोई बेटा कैसे ज्यादा नाराज रह सकता हैं। एक बात कहूं आपसे ?

रूबी ने अपनी चूचियां अपने बेटे के हाथो में उभार दी और गांड़ हल्का सा उपर उठाकर लंड पर फिर से रगड़ते हुए टिका दी और बोली:"

" बोल ना मेरे आधे पति ?

रूबी को साहिल की सांसे अब अपने चेहरे पर महसूस हुई तो रूबी ने अपना चेहरा बिल्कुल उपर उठा दिया और पहली बार अपनी आंखे खोली और देखा कि साहिल पूरी तरह से उसके मुंह पर झुका हुआ था बस दोनो के होंठो के बीच थोड़ी सी ही दूरी थी।

साहिल सब कुछ भूल गया क्योंकि अब रूबी की गर्म गर्म सांसे साहिल की सांसों से टकरा रही थी। साहिल ने रूबी की आंखो में देखा और अपने होठ आगे बढ़ा दिए तो रूबी ने भी मस्ती में अपनी बंद कर ली और उसके होंठ थरथरा उठे। साहिल ने अपने होंठो को आगे बढ़ाया और दोनो के होंठ आपस में मिल गए। इस अद्भुत और अनोखे एहसास में दोनो मस्ती से भर उठे और साहिल ने रूबी के होंठो को मुंह में भर कर चूसना शुरू कर दिया। रूबी ने अपने हाथ आगे करते हुए साहिल की गर्दन में डालकर उसे हल्का सा अपने उपर खीच लिया और साहिल के होंठ चूसने लगी। रूबी ने साहिल के होंठो के बीच अपनी जीभ घुसा दी तो साहिल ने मुंह खोलते हुए अपनी मा की जीभ को होंठो में भर लिया और चूसने लगा।

साहिल पूरी तरह से मदहोश हो गई और अपने जिस्म को बिल्कुल ढीला छोड़ दिया। साहिल ने अपनी मा के होंठ चूसते चूसते ही उसकी चूचियों पर हल्का सा दबाव दिया तो रूबी के सीने में मीठा मीठा दर्द हुआ और उसने अपने हाथो कि पकड़ साहिल की गर्दन पर बढ़ा दी।

इस पोजीशन में किस करते हुए थोड़ी दिक्कत हो रही थी इसलिए साहिल ने एक पल के लिए रूबी को अपनी गोद से उठाया और फिर से सोफे पर बैठ गया। रूबी की आंखे अभी तक बंद ही थी, अब दोनो के चेहरे एक दूसरे के सामने थे और रूबी का पेटीकोट थोड़ा उपर चढ गया था। साहिल ने फिर से फिर से अपने होंठ रूबी के होंठो पर टिका दिए और चूसने लगा। रूबी भी अपने बेटे का साथ दे रही थी और उसके होंठ चूस रही थी। रूबी की दोनो टांगे साहिल की कमर में कसी हुई थी और दोनो एक दूसरे में पूरी तरह से डूबे हुए थे।

रूबी बार बार अपनी चूचियों को साहिल के सीने से रगड़ रही थी। साहिल ने अपना हाथ रूबी की जांघो पर रख दिया और सहलाने लगा। उसकी नंगी जांघ सहलाते हुए कब साहिल के हाथ उसकी पैंटी तक पहुंच गए दोनो को पता ही नहीं चला। जैसे साहिल ने अपना हाथ पेंटी पर रखा तो साहिल की उंगलियां भीग गई और रूबी को एक जोरदार झटका लगा और वो डर और शर्म के मारे उसकी गोद से उतर गई।

साहिल ने रूबी की तरफ देखा और रूबी की पीठ अभी भी कल की तरह उसकी तरफ ही थी। रूबी अपनी जगह खड़ी रही और साहिल धीरे धीरे चलता हुआ उसके पीछे अा गया। रूबी की चूचियां आज किसी टेनिस बॉल की तरह उछल रही थी। रूबी का पूरा जिस्म आग का शोला बनकर दहक रहा था और आंखे अभी भी बंद थी। साहिल ने उसके ठीक पीछे जाकर उसके कान में कहा :

" मम्मी नाराज तो नहीं हो ना आप ?

रूबी ने सिर्फ अपनी गरदन इनकार में हिला दी और साहिल ने अपनी पैंट को नीचे खिसका दिया और उसका लंड पूरी तरह से हवा में लहरा उठा। साहिल थोड़ा अा आगे हुआ और रूबी को फिर से अपनी बांहों में भर लिया। रूबी की गांड़ पर लंड लगते ही उसके मुंह से आह निकल पड़ी और उसने अपने आपको फिर से साहिल की बांहों में ढीला छोड़ दिया।

साहिल ने मौके की नजाकत को समझते हुए उसे अपनी बांहों में उठा लिया और बेड पर लिटा दिया। रूबी ने बेड पर लेटते ही अपनी आंखे खोल दी और एक बार साहिल की तरफ देखा और फिर से अपनी आंखे बंद कर ली। साहिल बेड पर चढ़ गया और सीधे रूबी के उपर लेट गया। रूबी ने मस्ती में आते हुए अपनी बांहे उसकी कमर पर कस दी तो साहिल ने फिर से अपनी मा के होंठो को मुंह में भर लिया और चूसने लगा।

साहिल का लंड पूरी तरह से खड़ा होकर रूबी की जांघों में घुस रहा था और रूबी अपनी जांघो को थोड़ा सा और खोल दी। साहिल ने अपने दोनो हाथ उसकी चूचियों पर टिका दिए और हल्का हल्का सहलाने लगा।

रूबी की चूत पूरी तरह से उसके काबू से बाहर हो गई और उसने धीरे से खुद ही अपने पेटिकोट को उपर उठा दिया। साहिल का नंगा लंड जैसे ही रूबी की नंगी जांघों में घुसा तो किस अपने आप टूट गई और रूबी के मुंह से मस्ती भरी सिसकारियां निकलने लगी।साहिल ने अब रूबी की गर्दन को चाटना शुरू किया तो रूबी खुद ही अपने होंठो को अपनी जीभ से चाटने लगी। रूबी की कच्छी पूरी तरह से भीग गई थी और रस निकल कर उसकी जांघो पर अा गया था। साहिल कच्छी के उपर से उसकी चूत पर लंड रगड़ रहा था जिससे रूबी के मुंह से मस्ती भरी आह निकल रही थीं। लंड के धक्कों से रूबी की कच्छी एक तरफ खिसक गई और लंड सीधे उसकी चूत पर जा लगा। रूबी इस मस्ती भरे एहसास से पागल सी हो गईं और सिसकते हुए बोली:"

" आह साहिल मेरी जान हैं तू, उफ्फ हाय भगवान। आह बेटा।

साहिल का लंड रूबी की चूत पर अब पूरी तरह से रगड़ खा रहा था और रूबी भी नीचे से अपनी गांड़ उठा उठा कर चूत रगड़ रही थी। साहिल अब जोर जोर से अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ रहा था और तभी रूबी का जिस्म पूरी तरह से कांपने लगा और पूरी ताकत से अपनी जांघं उठाकर साहिल से कस गई और अपने दांत उसके कंधे में गडा दिए। रूबी की चूत ने उसके साथ ने इसके साथ ही अपना रस छोड़ दिया और अपनी टांगे कसकर भींच ली और रूबी मस्ती से सिसक उठी

" आह साहिल, हाय बेटा उफ्फ मा हाय।

साहिल ने भी इसके साथ ही एक आखिरी धक्का मारा और रूबी को अपनी चूत खुलती हुई महसूस हुई लेकिन लंड का सुपाड़ा ज्यादा मोटा होने के कारण अंदर नहीं घुस पाया और उसके लंड ने रूबी की चूत पर ही अपने वीर्य रस की बौछार कर दी।

साहिल ने कसकर अपनी मा को बांहों में भर लिया और रूबी भी उससे लिपट कर सो गई।

अगले दिन सुबह रोज की तरह रूबी जल्दी ही उठ गई तो देखा कि वो अपने बेटे से लिपटी हुई पड़ी हैं। रूबी को थोड़ी शर्म महसूस हुई और वो अपने बेटे के गाल को चूमकर उठ गई और बाथरूम में नहाने के लिए चली गई।

जल्दी ही वो नहाकर बाहर अा गए और खाना बनाने में जुट गई। शांता अा गई थी और घर में सफाई कर रही थी। रूबी ने देखा कि शांता कुछ परेशान सी लग रही है तो रूबी ने पूछा :"

" क्या हुआ मा ? आपकी तबियत तो ठीक हैं ?

शांता ने रूबी की तरफ देखा तो रूबी को उसकी आंखे हमेशा के मुकाबले थोड़ी अजीब सी लगी तो उसे हैरानी हुई। शांता बोली

" ठीक हूं बेटी, बस थोड़ी तबियत ठीक नहीं है मेरी।

रूबी:" क्या हुआ आपको?

शांता:" कुछ खास नहीं , बाद थोड़ा कमर में दर्द हैं और कमजोरी भी है और बढ़ती उम्र में दर्द होना कोई बड़ी बात नहीं है बेटी।

रूबी:" लेकिन फिर भी आप अपना ध्यान रखा करो, मैं आपको आज डॉक्टर को दिखा दूंगी।

शांता एक दम जल्दी से बोली:"

" नहीं नहीं उसकी कोई जरूरत नहीं है बेटी, मैं ठीक हूं।

रूबी:" बेटी भी कह रही हो और मना भी कर रही हो। ऐसा नहीं होना चाहिए। मैं आपको आज लेकर जाऊंगी। कोई बहाना नहीं चलेगा समझी आप। आप आप जाकर आराम कीजिए।

शांता को कुछ समझ में नहीं आया कि क्या जवाब दे। वो रूबी से बहस नहीं करना चाहती थी इसलिए उसने काम बंद किया और अपने कमरे में आराम से चली गई।
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04-14-2021, 12:42 PM,
RE: Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ
उसके जाने के बाद रूबी फिर से अपने काम में जुट गई। वहीं दूसरी तरफ साहिल उठ गया और रात जो हुआ था वहीं सब याद आते ही उसके होंठो पर स्माइल अा गई। साहिल ने अपने कपड़े पहने और देखा कि रूबी किचेन में काम कर रही है तो धीरे से चलता हुआ उसके करीब गया और पीछे से अपनी बांहों में भर लिया। रूबी एक पल के लिए तो चिहुंक गई लेकिन फिर देखा कि ये तो साहिल हैं तो उसके होंठो पर स्माइल अा गई और बोली:"

" शैतान लड़के, मुझे डरा ही दिया था तुमने, हटो अब अगर शांता ने देख लिया तो।

साहिल ने रूबी को थोड़ा और कसकर पकड़ लिया और बोला:"

" देखने दो, क्या एक बेटा अपनी मा को प्यार नहीं कर सकता क्या ? वैसे भी मैं तो आपका आधा पति भी हूं।

रूबी ने उसे घूरकर देखा और उसका हाथ दबाते हुए बोली:"

" पहले नहा लो जाकर, आज दिन में बहुत काम है, उसके बाद रात में अपनी मा को प्यार कर लेना।

साहिल ने रूबी को अपनी तरफ घुमाया और उसके गाल चूम कर बोला:'

" इसका मतलब मैं आज भी आपको अपनी गोद में बिठाकर खाना खिला सकता हूं ना मम्मी।

इतना कहते हुए उसने रूबी की गांड़ को हल्का सा सहला दिया तो रूबी के जिस्म में हलचल सी मच गई और स्माइल करते हुए बोली:"

" ज्यादा सपने मत देख, अब जल्दी से नहाकर अा जा।

साहिल जल्दी से बाथरूम की तरफ चल दिया और जैसे ही वो घुसने वाला था पीछे से रूबी बोली:"

" साहिल बेटा वैसे अब तुम पूरे मर्द बन गए हो। एक दम तगड़े जवान मर्द।

साहिल ने अपनी मा को स्माइल दी और नहाने के लिए घुस गया। साहिल आज बहुत खुश था क्योंकि वो जानता था कि अब उसकी मा जल्दी ही पूरी तरह से उसकी हो जाएगी।

वहीं दूसरी तरफ रूबी भी खुश थी कल जो उसने अपने बेटे के साथ बदतमीजी की थी उसे अब साहिल भूल गया था और उसकी तरफ पहले से ज्यादा आकर्षित हो गया था।

थोड़ी देर बाद ही दोनो नाश्ता करने के बाद घर से निकल गए और साहिल फिर से अनूप बनकर ऑफिस में पहुंच गया और काम में लग गया।

वहीं दूसरी तरफ रूबी ने सुबह पहले लीमा को खाना दिया और फिर लोगो को योग कराया। उसके बाद रूबी घर की तरफ निकल गई और साहिल को फोन किया

" साहिल बेटा मैं आज शांता को डॉक्टर के पास लेकर जाऊंगी करीब एक बजे। तुम एक काम करना लीमा को योगा सेंटर से निकालकर घर में बंद कर देना। यहां उसका रहना ठीक नहीं है।

साहिल:" ठीक हैं मम्मी। मैं कर दूंगा ये सब लेकिन शांता को क्या हुआ ?

रूबी:" कमर में दर्द हैं और और कमजोरी है , बढ़ती उम्र के कारण शायद ऐसा हो रहा हैं।

इतना कहकर रूबी ने फोन काट दिया और घर पहुंच गईं लेकिन उस शांता कहीं दिखाई नहीं पड़ी।रूबी परेशान हुई और शांता के कमरे में अाई तो देखा कि शांता बेहोश पड़ी हुई थी।

रूबी डर गई और उसके मुंह पर पानी के छेंटे मारे लेकिन वो होश में नहीं अाई तो रूबी ने डरते हुए उसकी धड़कन सुनी और सुकून हुआ कि अभी वो ज़िंदा हैं।

रूबी ने जैसे तैसे करके उसे गाड़ी में पिछली सीट पर लिटा दिया और हॉस्पिटल की तरफ चल पड़ी। जाते ही शांता को डाक्टर ने चेक किया और इलाज शुरु किया।

रूबी:" क्या हुआ डॉक्टर इन्हे ?

डॉक्टर:" ऐसा कुछ घबराने वाली बात नहीं है। कुछ देर में रिपोर्ट अा जाएगी तभी कुछ साफ होगा।

रूबी खामोश हो गई और शांता के पास ही बैठ गई और साहिल को सब कुछ बताया। साहिल काम में लगा हुआ था इसलिए बोला कि आप ध्यान रखो मैं शाम को अा जाऊंगा।

थोड़ी देर डॉक्टरों रिपोर्ट लेकर आया और बोला और रूबी को रिपोर्ट के बारे में बताया तो सुनकर रूबी की आंखे हैरानी से फटने को तैयार हो गई। उसके चेहरे पर जमाने भर का आश्चर्य फैल गया और बोली:".

" नहीं ये नहीं हो सकता डाक्टर साहब , कह दो कि ये सब झूठ हैं। इस उम्र में ये प्रेगनेंट नहीं हो सकती।

डाक्टर:" अरे हो क्यों नहीं सकता, आप ज्यादा परेशान मत हो।

रूबी को लग रहा था कि जो वो अपने कानो से सुन रही है सब झूठ हैं लेकिन डॉक्टर भला झूठ क्यों बोलने लगा। डॉक्टर फिर से अपने केबिन में चला गया और शांता अभी तक बेहोश ही पड़ी हुई थी।

रूबी थोड़ा बाहर निकली और साहिल को फोन लगाया और उसे सारी बात बताई तो उसका भी मुंह आशचर्य से खुला रह गया और बोला :"

" नहीं मम्मी, ये नहीं हो सकता, जरूर डॉक्टर से गलती हुई होगी।

रूबी:' नहीं बेटा ये बात बिल्कुल सच है, तू जल्दी अा जा मुझे बहुत डर लग रहा हैं।

साहिल थोड़ा अा परेशान होते हुए बोला:"

" बस फिक्र मत करो, मैं अभी निकल रहा हूं।

इतना कहकर साहिल ने फोन काट दिया और अपनी गाड़ी हॉस्पिटल की तरफ दौड़ा दी।

जल्दी ही वो रूबी के सामने था और दोनो मा बेटे की समझ में नहीं अा रहा था कि शांता प्रेगनेंट कैसे हो सकती हैं।

साहिल डॉक्टर से मिला और उससे बात करी तो डॉक्टर ने फिर से अपनी पहले वाली बात कही। साहिल ने अपनी जेब से 50000 रुपए निकाले और डॉक्टर को दिए और बोला:"

" आप शांता की कमजोरी की रिपोर्ट बना दो, उसे नहीं पता चलना चाहिए कि हमें पता चल गया हैं कि वो प्रेग्नेंट हैं।

डॉक्टर ने स्माइल दी और थोड़ी देर बाद ही शांता की नकली रिपोर्ट बन गई थी। साहिल ने रूबी को कुछ समझाया और फिर से अपने ऑफिस की तरह निकल गया।

शांता को थोड़ी देर बाद होश अा गया तो अपने आपको हॉस्पिटल में देखकर डर के मारे उसका खून सूख गया। उसने उधर इधर नजर दौड़ाई लेकिन उसे कोई नजर नहीं आया। तभी डॉक्टर अंदर आया और बोला:"

" अभी कैसा महसूस कर रही हैं आप ? सब ठीक हैं ना ?

रूबी कांपती हुई बोली:"

" डॉक्टर साहब मुझे क्या हुआ हैं ? मुझे यहां लेकर कौन आया हैं ?

डॉक्टर:" आपको कमजोरी हो गई हैं इसलिए आप बेहोश हो गई थी। आपको यहां लेकर एक मैडम अाई हैं।

तभी रूबी अंदर अाई जिसके हाथ में कुछ खाने की चीज़े और अनार का जूस था। शांता उसे देखते ही डर के मारे कांप उठी , शांता को ऐसे लग रहा था मानो उसने कोई भूत देख लिया हो।

रूबी:" क्या हुआ मम्मी ? आप इतनी परेशान मत हो, कुछ नहीं है बस थोड़ी सी कमजोरी हैं जो कुछ दिनों में ठीक हो जायेगा

शांता रूबी के चेहरे को ध्यान से देखने लगी जहां असीम शांति फैली हुई थी। ये देखकर शांता ने सुकून की सांस ली और बोली:'

" ठीक हैं बेटी, लेकिन मुझे यहां अच्छा नहीं लग रहा है। तू मुझे घर लेकर चल।

रूबी: डॉक्टर साहब क्या मैं अपनी मा को लेकर घर जा सकती हूं ?

डॉक्टर:" ठीक हैं, लेकिन आप कुछ जरूरी कागज पर साइन कर दीजिए और बिल देकर आप जा सकती हैं।

रूबी:" ठीक हैं चलिए आप।

डाक्टर ने कमरे में लगा हुए फोन से अपनी नर्स को फोन किया और बोला:"

" रोजी शांता की रिपोर्ट उनके कमरे में भेज दीजिए और बिल तैयार कीजिए। उनकी अभी छुट्टी होगी।

इतना कहकर डाक्टर ने शांता को कुछ बाते और समझाई तब तक रिपोर्ट अा गई थी।

डॉक्टर:" आइए मैडम आप मेरे साथ चलिए ताकि कागजी कार्यवाही खत्म जक की जा सके।

रूबी डॉक्टर के साथ चली गई और उनके जाते ही शांता ने रिपोर्ट को चेक किया और देखा कि सचमुच उसकी कमजोरी की ही रिपोर्ट थी। दूर दूर तक उसमे प्रेगनेंट होने का जिक्र नहीं था। शांता को पीरियड की तारीख हुए 2 से 3 दिन उपर हो गए थे इसलिए वो पूरी तरह से डर गई थी। रिपोर्ट देखकर उसने चैन की सांस ली और उसके होंठो पर फिर से एक रहस्यमई मुस्कान नाच उठी।

रूबी वापिस शांता के पास अा गई और उसके बाद दोनो घर की तरफ चल पड़े।

शांता:" बेटी क्या जरुरत थी इतने पैसे खर्च करने की ? मेरा ही हैं कौन इस दुनिया में जिसके लिए जिंदी रहूं।

रूबी का मन तो किया कि अभी साली बुढ़िया का गला घोटकर मार दे लेकिन वो साहिल के बनाए हुए प्लान पर काम करना चाहती थी इसलिए बोली:"

" मा जी ऐसे बाते क्यों करती हैं आप ? आपकी बेटी सपना को भी तो अभी ढूंढना हैं और फिर मै भी आपकी बेटी जैसी ही हूं।

शांता:" ठीक हैं बेटी लेकिन फिर भी मेरे उपर इतना पैसा मत खर्च किया करो। उम्र हो गई है अब।

रूबी उसे प्यार से स्माइल देती हुई बोली:' मा आपके हम पर कितने एहसान हैं ये उसके मुकाबले ये कुछ भी नहीं हैं।

शांता चुप हो गई और समझ गई कि अभी तक रूबी उसके बारे में कुछ भी नहीं समझ पाई है। थोड़ी देर बाद दोनो घर पहुंच गए और रूबी शांता को बाहर उसके कमरे में छोड़कर उपर चली गई।

शांता ने कमरे में जाते ही अपनी ब्रा से बहुत छोटा सा स्मार्ट फोन निकाला और एक नंबर मिला दिया।

शांता:" अरे यार मैं तो आज डर ही गई थी। मैं बेहोश हो गई और आंखे खुली तो अपने आपको हॉस्पिटल में पाया। मुझे डर था कि कहीं प्रेगनेंट ना हो जाऊ। लेकिन रिपोर्ट में कुछ नहीं है। बस कमजोरी अाई हैं थोड़ी।

अजनबी:" ठीक हैं, लेकिन एक बात का ध्यान रखना किसी को तुम पर अगर थोड़ा सा भी शक हो तो तुरंत मुझे बता देना और वहां से निकल जाना। नहीं तो तुम बहुत बड़े खतरे ने पड़ जाओगी।

शांता:" बिल्कुल मैं ये सब जानती हूं, लेकिन जब तक मै अपनी कसम पूरी नहीं कर लेती तब तक पीछे नहीं हट सकती , चाहे मेरी जान ही क्यों ना चली जाए।

अजनबी:" मैं हर तरह से तुम्हारे साथ हू लेकिन तुम्हे किसी भी कीमत पर खोना नहीं चाहता।

शांता:" कुछ नहीं होगा मुझे। कम से कम अनूप की बर्बादी तक कुछ नहीं होगा।

अजनबी:" भगवान करे ऐसा ही हो।

तभी अचानक शांता को कुछ आवाजे महसूस हुई और उसने फोन काट दिया। शांता ने फोन को वापिस अपनी ब्रा में रखा और इधर उधर ध्यान दे देखने लगी लेकिन उसे कोई नजर नहीं आया। शांता ने देखा कि एक चूहा घुस आया था जिसकी वजह से आवाज हुई थी और चूहा अभी जाल में फंस गया था।

शांता ने उसे घूर कर देखा और धीरे धीरे आगे बढ़ी और चूहे को बीच में से पकड़ किया और गुस्से से बोली:'

" कमीने तेरी हिम्मत कैसे हुई मुझे डराने की? तू नहीं जानता तू आज कहां फंस गया है ?

शांता ने चूहे की पूंछ को पकड़ा और उसे हवा में गोल गोल लगी। सारे कमरे में उसकी चूं चूं की आवाज घूम रही थी। शांता ने उसके दोनो पैर पकड़े और उसे बीच में से चीर दिया।

चूहे की दर्द भरी आवाज़ पूरे कमरे में गूंज उठी और उसके खून के कुछ छींटे शांता के चेहरे पर पड़े। शांता ने चूहे को गुस्से से वहीं एक पॉलीथीन में फेंक दिया और अपने चेहरे को शीशे में देखने लगी।

अपने खून से सने हुए चेहरे को देखकर उसकी आंखे लाल हो गई। शांता के खुले बाल उसके चेहरे के चारो और फैल गए और इस वक़्त शांता किसी खौफनाक चुड़ैल से कम नहीं लग रही थीं।

शांता अपने ही आंखो में देखते हुए गुस्से से बोली:"

" जब तक अनूप और उसके सारे खानदान को ऐसे ही चीर कर उनके खून से नहीं होली खेलूंगी तब तक मुझे चैन नहीं मिलेगा।

शांता ने अपने अपनी जीभ बाहर निकाली और अपने होंठ के उपर लगी हुई खून की एक बूंद को चाट लिया और जोर जोर से ठहाके मारने लगी।
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