Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ
04-14-2021, 12:44 PM,
RE: Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ
सुबह रूबी की आंखे खुली तो अपनी हालत देख कर वो खुद ही शर्मा गई। वो बिल्कुल नंगी अपने सगे बेटे से लिपटी हुई सोई थी और साहिल का लंड पूरी तरह से तना हुआ था और उसकी जांघो में घुसा हुआ था जिससे सुपाड़ा उसकी चूत पर दस्तक दे रहा था। लंड के मोटे सुपाड़े ने चूत को पूरी तरह से ढक लिया था जिसे देखकर रूबी की सांसे एक बार फिर से उखड़ने लगी।

" हाय भगवान ये क्या घोड़े जैसा लंड हैं इसका, क्या ये चूत में घुस जायेगा। उफ्फ मेरी चूत का सत्यानाश हो जाएगा अगर घुसा तो।

तभी उसके मन में दूसरा विचार अाया कि अब मैंने चूत का करना भी क्या हैं, सब कुछ तो अपने बेटे साहिल के नाम कर ही दिया हैं तो मेरी चूत भी अब उसकी ही हुई। ये साला अनूप तो अब किसी काम का रहा नहीं अब और मेरी चूत की गर्मी दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही हैं। इसलिए मुझे ही इस लंड को अपनी चूत में लेना होगा ताकि मेरी प्यास बुझ जाए और साहिल भी हमेशा पूरी तरह से मेरे काबू में रहेगा।

रूबी ने आखिरी फैसला किया और उठ गई। उसकी नजर एक बार फिर से लंड पर पड़ी और वो अपना चेहरा लंड के पास ले गई और ध्यान से देखने लगी। आज पहली बार था जब वो अपने बेटे के लंड को इतने पास से और ध्यान से देख रही थी।

उसकी लम्बाई और मोटाई को महसूस करते ही रूबी की चूत के होंठ फड़क उठे। सच में रूबी को वो अपनी कलाई से भी ज्यादा मोटा लग रहा था, बिल्कुल लाल सुर्ख सुपाड़ा किसी देसी टमाटर की तरह गोल, नशे बाहर की तरफ उभरी हुई जो उसे और खतरनाक बना रही थी। रूबी का मुंह अपने आप आगे की तरफ आया और वो लंड के पास सूंघने लगी तो उसे एक तेज भीनी भीनी सी खुशबू महसूस हुई। रूबी की आंखे मस्ती से बंद हो गई और वो लम्बी लम्बी सांसें लेने लगी। पल पल उसकी उत्तेजना बढ़ती जा रही थी और उसकी जीभ अपने आप ही बाहर निकल गई और उसने लंड के सुपाड़े को चाट लिया तो रूबी के मुंह से अपने आप ही एक मस्ती भरी आह निकल पड़ी।

रूबी की गर्म जीभ का एहसास लंड पर होते ही साहिल के जिस्म ने एक झटका खाया जिससे रूबी डर गई और भगाकर बाथरूम में घुस गई। रूबी ने अपनी चूत को अच्छे से साफ किया और थोड़ी देर बाद ही नहा धोकर बाहर अा गई।

उसने धीरे से साहिल को उठाया और साहिल रूबी को देखते ही उसके गाल पर किस किया और नहाने के लिए बाथरूम में घुस गया। शांता भी अा गई और घर के काम में लग गई।

साहिल नहाकर बाहर आ गया था और रूबी नाश्ता बना रही थी। जबसे रूबी को शांता की असलियत पता चली थी तब से उसने खुद ही खाना बनाना शुरू कर दिया था कि कहीं शांता खाने में कुछ मिला ना दें। शांता कोई भी काम करती थी तो रूबी की नजर उस पर हमेशा रहती थी।

साहिल और रूबी दोनो खाना खाने बैठ गई और शांता भी आज उनके साथ ही बैठी हुई थी।

शांता:" बेटी आज कल अनूप बहुत कम दिखता हैं, कहीं बाहर गया हैं क्या ?

रूबी:" नहीं हैं तो यहीं, बस आजकल काम में ज्यादा लगे रहते हैं। एक टेंडर का काम चल रहा हैं।

शांता:" अच्छा ठीक है फिर तो। अच्छा ही होगा अगर वो पहले की तरह अपना काम संभाल ले तो।

साहिल:" आप चिंता ना करे मा जी, पापा सब ठीक कर रहे हैं। आपको किसी भी चीज की दिक्कत हो तो मुझे बोल दीजिए।

शांता:" अरे नहीं बेटा, मुझे किस चीज़ की ज़रूरत होगी अब, बस सपना मिल जाती तो एक बार उसे देख लेती।

रूबी:" मा जी आप परेशान मत होइए, मै और साहिल लगे हुए हैं आपकी बेटी को ढूंढने के लिए। जल्दी ही मिल जाएगी।

खाना खाने के बाद शांता बाहर अपने कमरे की तरफ अा गई और रूबी ने दो प्लेट खाना लगाया और साहिल के साथ नीचे की तरफ चल पड़ी। आज फिर से उसने अनूप के खाने में नींद और लीमा के खाने में सेक्स पॉवर की दवा मिला दी थी। साहिल ये सब देख रहा था और स्माइल कर रहा था। थोड़ी देर बाद ही दोनो अंदर घुस गए।

अनूप और लीमा दोनो के दूसरे को गाली दे रहे थे और साहिल को देखते ही दोनो चुप हो गए। रूबी ने खाना रखा और दोनो खाने पर टूट पड़े।

साहिल:" देखो लीमा मैं जानता हूं तुम एक अच्छी लड़की हो, तुमने जो कुछ भी किया हैं जरूर किसी मजबूरी में किया होगा। अगर तुम मुझे सब बता दोगी तो मैं तुम्हारी मदद करूंगा नहीं तो तुम मरते दम तक यहीं इसी तहखाने में बंद रहोगी।

लीमा ने एक बार साहिल की तरफ देखा और फिर से खाना खाने में लग गई। साहिल इतना तो समझ गया था कि लीमा जरूर हालत की सताई हुई हैं और वो अगर सच बोल दे तो जरूर कुछ ना कुछ सच्चाई सामने अा जाएगी लेकिन लीमा अपना मुंह खोलने के लिए तैयार नहीं थी।

खाना खाने के बाद देखते ही देखते अनूप फिर से नींद के आगोश में चला गया। रूबी को अपने योगा सेंटर जाना था और वो लेट हो रही थी इसलिए वो भी साहिल को बाय बोलकर चली गई। अब तहखाने में सिर्फ बेहोश पड़ा हुआ अनूप और लीमा बच गए थे।

साहिल:" देखो लीमा मेरा विश्वास करो तुम, मैं तुम्हारी मदद करूंगा। बताओ मुझे तुम

लीमा के सिर पर अब सेक्स पॉवर की सिरप का असर चढ़ गया था और वो साहिल की तरफ देखते हुए बोली:"

" तुम मेरी कोई मदद नहीं करोगे उल्टा मेरी मूह खोलते ही मैं बर्बाद हो जाऊंगी।

साहिल उसके पास अा गया और उसका हाथ पकड़ कर बोला:"

" मेरा यकीन करो, अपनी मम्मी की कसम, मैं तुम्हारे साथ कुछ भी गलत नहीं होने दूंगा।

लीमा के जिस्म में हलचल सी मचने लगी और उसके होंठो पर अपने आप ही स्माइल अा गई और साहिल को देखते हुए अपने होंठो पर जीभ फेरते हुए बोली:"

" क्या तुम सच में मेरी मदद करोगे ?

साहिल ने उसका हाथ सहलाते हुए कहा:"

" हान मेरा यकीन करो, मैं तुम्हे कुछ नहीं होने दूंगा। अब बताओ क्या बात हैं?

लीमा के होंठ अब कांपने लगे थे और आंखे बंद हो गई थी। वो थोड़ा सा साहिल की taraf खिसक अाई और अपनी एक चूची को अपने हाथ से मसलते हुए बोली:'

" देखो ना मुझे पता नहीं क्या हो रहा है, मेरे सीने में दर्द हो रहा है साहिल, उफ्फ मुझे की हो रहा हैं देखो मा मेरी सांसे कितनी तेज हो गई है साहिल ?

इतना कहकर लीमा ने साहिल का हाथ अपनी चुचियों पर रख दिया और उसके हाथ पर अपना हाथ रखकर दबाने लगी और थोड़ा सा उसके पास और खिसक गई और उसकी गर्दन चाटने लगी।

साहिल की हालत खराब होने लगी और उसके हाथो की पकड़ लीमा की चूचियों पर बढ़ गई और उसने उसकी चूचियों को दबाना शुरू किया तो लीमा के मुंह से हल्की दर्द भरी मीठी आह निकल पड़ी और उसने साहिल के लंड को पकड़ लिया और पेंट के उपर से ही सहलाने लगी।

साहिल भी जवान मर्द था और बहकता चला गया। लीमा एक पल के लिए उठी और देखते ही देखते पूरी नंगी हो गई। साहिल ये देखकर पूरी तरह से मदहोश हो गया और लीमा के उपर टूट पड़ा। लीमा की गोल गोल मस्त चूचियां दबाने और मसलने लगा।

लीमा पूरी तरह से नंगी फर्श पर पड़ी हुई थी और साहिल उसकी चूचियों पर अपना दम दिखा रहा था। देखते ही देखते साहिल उसकी चूत पर अा गया और मुट्ठी में भर कर जोर से भीच दिया।

लीमा मस्ती से सिसक उठी और अपने टांगे पूरी तरह से खोल दी। साहिल उसकी चूत पर झुकता चल गया और चूसने लगा। लीमा के मुंह से मस्ती भरी आह निकल पड़ी

" आह साहिल, उफ्फ कितने अच्छे हो तुम,

साहिल: बताओ ना कौन हो तुम ? क्यों हमारे साथ ये सब किया तुमने ?

साहिल ने अपनी एक उंगली को उसकी चूत में घुसा दिया और अंदर बाहर करने लगा। लीमा पूरी तरह से मचल उठी और बोली:"

" आह सब बता दूंगी, मुझे चोद दे साहिल नहीं तो मैं मर जाऊंगी आह।

साहिल के अपना चेहरा उठाकर एक बार लीमा की तरफ और उसे एक झटका सा लगा। साहिल अपनी आंखो पर यकीन नहीं कर पा रहा था। ये भगवान क्या ये सच हैं ?

नहीं नहीं ये नहीं हो सकता, लेकिन जो मैं देख रहा हूं वो भी तो गलत नहीं। जरूर मुझे इसकी गहराई तक जाना ही होगा।
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04-14-2021, 12:44 PM,
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साहिल एक झटके के साथ खड़ा हो गया और तहखाने से बाहर की तरफ निकल गया। वहीं लीमा पीछे से उसे पुकारती रह गई।
आज फिर उसकी प्यास बुझते बुझते रह गई और उसका मूड पूरी तरह से खराब हो गया।

साहिल उपर अपने कमरे में अा गया और देखा की रूबी अपने योगा सेंटर जा चुकी थी। इसलिए वो भी जल्दी से तैयार हुआ और अपने ऑफिस की तरफ निकल गया लेकिन पहले रास्ते में उसने अपना मेक अप किया और फिर से अनूप बन गया था।

साहिल ऑफिस में घुस गया और उसे देखते हुए दुबे जी खुशी के साथ उसके पास आए और बोले

" बेटा कैसे हो ? देखो टेंडर का काम बहुत अच्छे से चल रहा हैं, देखना हम समय से काफी पहले ही ऑर्डर पूरा कर लेंगे।

साहिल ने उपर से नीचे तक दुबे को ध्यान से देखा और बोला:"

" हान आप सबकी मेहनत जरूर रंग लायेगी, बस एक बार ये टेंडर पास हो जाए फिर तो सब कुछ ठीक हो जायेगा। मैं ये टेंडर सिर्फ मजदूरों और आपके जैसे पुरानी साथियों के लिए पूरा का रहा हूं बस।

दुबे:" बेटा यही तो इंसानियत हैं, कितने गरीब और कमजोर लोगो के लोगो के परिवार पल जाएंगे।

साहिल:" अच्छा ठीक हैं, एक काम करो आप मुझे इस टेंडर से जुड़ी हुई सारी फाइल लाकर दो। मैं एक बार फिर से सब चेक करता हूं।

दुबे खुशी खुशी चला गया। अब साहिल ने प्लान किया कि वो सबसे पहले ये पता करेगा कि क्या रवि मिश्रा गोआ गया भी हैं या सच में वो धोखा दे गया है। लेकिन इसके लिए एक ही रास्ता है कि जो रूम उसके लिए बुक किया था उसके बारे में पता किया जाए।

साहिल दुबे से ये सब बाते नहीं कर सकता था और पूरी कंपनी में उसे दूसरा कोई अपना ऐसा वफादार नजर नहीं आया जिस पर वो यकीन कर सके।

साहिल सोच में पड़ गया कि ये कं किसको दिया जाए कि वो गोवा जाए और नीरज मिश्रा के बारे में पता करे। आखिरकार उसे एक रास्ता सूझा और उसने अपने दोस्त आरव का नंबर मिलाया।

साहिल:" आरव कैसे हो भाई ?

आरव :' मूड खराब है यार बहुत ज्यादा। बस कमरे पर पड़ा रहता हूं यार रेखा भाभी अपने पति के साथ गोवा घूमने गई है तो मुझे भी बोला था लेकिन पैसे के चलते नहीं जा सकता था। लेकिन उसके पति को ऑफिस के काम से वापिस आना पड़ा और वो अकेली ही वहां रुक गई है।

साहिल के लिए तो जैसे ये इच्छित वर मिलने वाली बात थीं। उसने मौके को भुनाते हुए कहा:

" अरे तेरा भाई किस दिन काम आएगा यार, मैं भेज देता हूं तुम्हे गोवा। बस मेरा एक काम कर देना यार।

आरव:" हान भाई बोल ना एक क्या मैं तो तेरे दो काम कर दूंगा। तू बोल तो सही भाई।

साहिल:" देख यार मैंने एक आदमी को अपने कंपनी के काम के लिए गोआ भेजा रहा लेकिन मुझे खबर मिली हैं कि वो गोवा गया ही नहीं है। मैं उसी आदमी के होटल में बराबर वाले कमरे ने तुम्हारा रूम बुक करा दूंगा। बस तुम्हे ये पता करना होगा कि वो वहां ही हैं या नहीं ?

आरव:" ये तो बहुत आसान सा काम हैं भाई। बताओ कब जाना होगा मुझे ? आज शाम को ही निकल जाऊ क्या ?

साहिल:" ठीक हैं, मैं तुझे टिकट और कमरा नंबर सब भेजता हूं, उस आदमी की फोटो भी, बस ध्यान रखना कि उसे शक नहीं होना चाहिए।

आरव:" तू चिंता मत कर भाई, मैं बहुत सावधानी के साथ ये सब काम कर दूंगा।

साहिल ने फोन काट दिया और अपने लैपटॉप से आरव का टिकेट बुक और कमरा बुक किया और आरव को भेज दिया। साथ ही साथ उसने रवि मिश्रा की कुछ फोटो भी भेज दी।

आरव खुशी के मारे उछल रहा था। वो जानता था कि अगला एक हफ्ता उसके लिए हनीमून से कम नहीं होगा।

साहिल अपनी चेयर पर बैठा हुआ कुछ सोच रहा था तभी दुबे जी फाइल लेकर अंदर अा गए। साहिल दुबे को जाने का इशारा किया और उसने एक प्लान करते हुए पुलिस स्टेशन में कॉल किया और इंस्पेक्टर को अपना नाम बताते हुए दुबे जी का नंबर बताया एयू उसकी कॉल डिटेल्स के लिए कहा।

अनूप का मार्केट में नाम ही नाम था बस। पुलिस वाले ने 8000 में मामला फाइनल किया और अगले एक घंटे बाद उसकी सारी कॉल डिटेल्स साहिल के पास थीं लेकिन किसी भी कॉल से ऐसा नहीं साबित हो रहा था कि साहिल के बाद दुबे जी ने किसी को भी कंपनी के बारे में कोई जानकारी दी हो या कुछ भी गलत बोला हो।

मतलब एक बात साफ थी कि प्रिया झूठ बोल रही थी। इसका मतलब साफ है कि जो बात उसे रूबी ने बताई थी वो बिल्कुल सही थी। अब बस उसे इंतजार था इस बात का कि आरव रवि मिश्रा के बारे में बताए।

धीरे धीरे शाम होने लगी। दूसरी तरफ रूबी दोपहर को घर अा गई और खाना खाने के बाद आराम कर रही थी। साहिल से उसने एक बार फोन पर बात करी तो साहिल ने उसे बताया कि वो आज बहुत ज्यादा बिज़ी हैं इसलिए रात को ही घर वापिस अा पाएगा।

आरव गोवा पहुंच चुका था और उसने सबसे पहले बराबर के कमरे में देखा तो पाया कि गेट बंद था। आरव की किस्मत बहुत अच्छी थी कि उसके ठीक सामने के कमरे में रेखा रुकी थीं । जैसे ही आरव ने रेखा को कॉल करके बताया कि वो गोवा अा गया है और मोहन होटल में रुका हुआ हैं तो रेखा ने उसे बताया और जल्दी ही दोनो बाहर कॉरिडोर में खड़े हुए थे।

आरव रेखा के कमरे में घुस गया और उसको बांहों में भर लिया। रेखा भी उसके अचानक आने से मस्त हो गई।

आरव:" अच्छा एक बात बताओ ये सामने वाले कमरे में कौन रुका हुआ हैं ?

रेखा:" पता नहीं, मुझे क्या करना कोई भी, तुम अा गए सब मिल गया।

आरव समझ गया कि रेखा उसे कुछ नहीं बता सकती क्योंकि उसे नहीं पता। एक किस करने के बाद आरव बाहर अा गया और घूमने लगा। रेखा उसके पीछे पीछे ही अा गई और उसके साथ साथ ही घूम रही थी, तभी कमरे का दरवाजा खुला और उसने देखा कि एक बुज़ुर्ग आदमी करीब 65 साल के आस पास कमरे से बाहर निकला और उसने इधर उधर देखा

रेखा को वो पिछले दो दिन से उसके पति और आज एक नए लडके के साथ देखकर हैरान हो गया । उसे समझते देर नहीं लगी कि रेखा ने अपना ब्वॉय फ्रेंड बुलाया है। उसके होंठो पर स्माइल अा गई और वो आज कल के जमाने के बारे में सोचने लगा और कमरे में ताला लगाने लगा। आरव ने एक सरसरी नजर उस पर डाली और एक ही बार में समझ गया कि ये रवि मिश्रा नहीं हो सकता।

बूढ़े आदमी ने अपना कमरा बंद किया और बाहर घूमने के लिए निकल गया।

उसके जाते ही आरव बोला:"

" रेखा मैं नहा लेता हूं जब तक तुम भी फ्रेश हो जाओ, उसके बाद चलते हैं समुन्द्र किनारे।

रेखा उसे स्माइल देते हुए अपने कमरे में घुस गई और आरव ने आते ही सबसे पहले साहिल को कॉल किया

साहिल:' हान आरव पहुंच गया क्या गोवा भाई ?

आरव:' पहुंच भी गया और रवि मिश्रा के बारे में भी पता कर लिया। रवि मिश्रा यहां आया ही नहीं हैं भाई , यहां उसके कमरे में कोई 65 साल का बूढ़ा आदमी हैं उसकी जगह।

साहिल को पहले से ही उम्मीद थी और अब वो समझ गया था कि रवि मिश्रा उसके साथ खेल खेल गया हैं। साहिल बोला

" आरव ठीक हैं भाई। अब उसे किसी भी तरह से शक नहीं होना चाहिए और ना ही तुम उसके बारे में आगे कुछ बात करोगे उससे और ना ही उसका पीछा करना हैं। अब तुम रेखा भाभी के साथ अपनी मस्ती करो।

आरव:" मैं समझ गया यार, लेकिन अगर टाइम हो तो तु भी आजा, दोनो भाई मिलकर रेखा को आगे पीछे से एक साथ बजाएंगे।

साहिल:" मन तो हैं यार लेकिन मेरी अपनी मजबूरी हैं। मैं नहीं अा सकता यार, अब बाद में बात करता हूं मैं।

इतना कहकर साहिल ने फोन काट दिया और उसके बाद आरव मस्ती से झूमता हुआ रेखा भाभी के रूम में घुस गया।
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04-14-2021, 12:44 PM,
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रूबी उठ गई थी और साहिल के बारे में सोच रही थी। उसका बेटा उसके लिए अपनी ज़िन्दगी दांव पर लगा चुका था। वो समझती थी कि अगर साहिल ना होता तो उसकी इज्जत अब तक कभी की नीलाम हो गई होती। या फिर उसे अपनी इज्जत बचाने के लिए मौत को गले लगाना पड़ता क्योंकि उसके पास कोई और रास्ता नहीं बचने वाला था।

आज करवा चौथ था और रूबी ने अपने बेटे साहिल के लिए फास्ट रखा था लेकिन उसे बताया नहीं क्योंकि वो उसे पूरी तरह से सरप्राइज देना चाहिए थी।

रूबी को साहिल की फिक्र हो रही थी क्योंकि इतनी कम उम्र में जिस तरह के हालात का सामना वो कर रहा था ये सब उसके लिए बहुत ज्यादा घातक हो सकता था। इसलिए साहिल को थोड़ा सुकून और आराम मिलना जरूरी था और उसके लिए रूबी ने एक प्लान किया।

रूबी को भी घर में अकेले रहते हुए डर लग रहा था क्योंकि शांता कभी भी कुछ भी कर सकती थी इसलिए रूबी ने घर से बाहर निकलने का फैसला किया ताकि वो थोड़ा बाहर घूम आए और साथ ही साथ साहिल को भी एक सरप्राइज देगी।

रूबी के होंठो पर स्माइल अा गई और वो नहाने के लिए बाथरूम में घुस गई। उसने अपने जिस्म के बालो को अच्छे से साफ किया और उसकी नजर उसकी जांघो पर पड़ी जहां अभी हल्के हल्के बाल अा गए थे।

रूबी की सांसे अपने आप तेज हो गई और उसने अपनी चूत पर से बालो को साफ करना शुरू किया। थोड़ी ही देर में उसकी चूत बिल्कुल साफ होकर चमक रही थी। रूबी के ध्यान से अपनी चूत को देखा तो महसूस हुआ की इतने सालो से चुदाई ना होने के कारण उसकी चूत के होंठ बिल्कुल मुलायम एयू सिकुड़ कर छोटे से हो गए थे।

रूबी ने प्यार से अपनी चूत के छेद पर उंगली फिराई तो उसके मुंह से खुद ही एक मस्ती भरी आह निकल पड़ी और उसकी आंखो मस्ती से बंद हो गई। उसने धीरे से एक उंगली को थोड़ा सा अन्दर डाला तो उसकी चूत के होंठ हल्के से खुल गए। रूबी का जिस्म मस्ती से कांप उठा और एहसास हुआ कि उसकी उंगली के मुकाबले साहिल की उंगली से कहीं ज्यादा मजा आ रहा था।

रूबी ने अपनी उंगली बाहर निकाली और अपने कमरे में अा गई। वो लेट नहीं होना चाहती थी क्योंकि अभी सात बज गए थे। उसने अपने पूरे जिस्म को शीशे में देखा और उसे अपने आप पर गर्व महसूस हुआ। उसका जिस्म पूरी तरह से सांचे में ढाला हुआ था बिल्कुल किसी फिल्मी हीरोइन की तरह या उनसे भी कुछ बेहतर। उसने एक मदमस्त करने वाला परफ्यूम उठाया और अपने पूरे शरीर पर छिड़क दिया।

रूबी ने अपनी एक हल्के पीले रंग की साड़ी निकाली और उसे पहन लिया। रूबी ने जान बूझकर आज नीचे ब्रा और पेंटी नहीं पहनी। उसने अपना खूब अच्छे से मेकअप किया। उसने दोनो हाथो में साड़ी से मिलते हुए रंग की चूड़ियां पहनी और अपने होंठो पर गहरे चॉकलेटी रंग की लिपस्टिक लगाई।

उसने अपने आपको शीशे में देखा और खुशी खुशी अपनी साडी को हल्का सा नीचे किया तो उसकी चूचियां आधे से ज्यादा बाहर नजर आने लगी। रूबी समझ गई कि अब वो साहिल पर जादू चलाने के लिए पूरी तरह से तैयार हो गई हैं।

रूबी ने अपनी साड़ी को ठीक किया और घर से बाहर जी की तरफ निकलने लगी तभी उसकी नज़र शांता पर पड़ी जो शायद घर के अंदर घुसने वाली थी।

शांता:" मैडम आप आज बहुत खूबसूरत लग रही हैं। आप कहीं जा रही है क्या ?

रूबी:" हान मेरी एक सहेली के बेटे के जन्मदिन हैं तो आज हम सभी वहां जा रहे हैं। आप अपने लिए कुछ बना लेना और हम आज खाना बाहर ही खायेंगे।

शांता:" जी ठीक हैं। मुझे भी ज्यादा भूख नहीं हैं तो मैं कुछ नहीं बनाऊंगी।

रूबी:" देख लेना आप अपने आप हिसाब से, वैसे आप मत बनाना, मैं आते हुए आपके किए कुछ खाने के लिए लेती आऊंगी। आपकी क्या पसंद हैं ?

शांता:" अरे नहीं बेटी उसकी कोई जरूरत नहीं, मुझे भूख नहीं हैं।

रूबी:" आज जब देखो मना ही करती रहती हो। बेटी किसलिए बनाया हैं फिर मुझे , आप चुप रहो और आराम करो। मुझे जो अच्छा लगेगा मै लेती आऊंगी

शांता मना करती रह गई और रूबी अपनी गाड़ी निकाल कर बाहर निकल गई।

साहिल को अब पूरी तरह से साफ हो गया था कि प्रिया नीरज से मिली हुई हैं। प्रिया और नीरज ने मिलकर दुबे को फसाने की कोशिश करी हैं ताकि मैं दुबे जैसे ईमानदार आदमी को भी खो दू और पूरी तरह से अकेला पड़ जाऊ।

साहिल अपनी सोच में डूबा हुआ था तभी उसका मोबाइल बज उठा। उसने देखा कि रूबी का फोन था।

साहिल:" अच्छा मम्मी कैसे हो ?

रूबी:" अच्छी हूं साहिल, बस तेरी याद अा रही थी बेटा। कब तक अा जाओगे तुम ?

साहिल:" बस मम्मी थोड़ी देर और उसके बाद निकल जाऊंगा। एक फाइल देख रहा हूं।

रूबी:" अच्छा तुम तो सिर्फ काम में लगे रहते हो, अपनी रूबी की कोई फिक्र हैं या नहीं तुम्हे ?

साहिल ने एक लम्बी सांस ली और बोला:"

" रूबी मेरी प्यारी रूबी तुमसे बढकर तो मेरे किए कुछ भी नहीं, खुद मैं भी नहीं। लेकिन आप तो जानती ही हो क्या हमारी ज़िन्दगी में क्या उठक पुथल मची हुई है

रूबी:" सब समझती हूं साहिल लेकिन मुश्किलों का मतलब ये तो नहीं कि हम जीना भूल जाए, स्माइल करना बंद कर दें।

साहिल:" मम्मी सच कहूं तो मै इस सबसे अब तंग अा चुका हूं। मुझे अच्छा नहीं लगता है सब शानो शौकत जो कभी हमारी थी ही नहीं, उसके लिए क्या लड़ना ?

रूबी:" मतलब तुम चाहते हो कि हम अपने आपको शांता यानी ज्योति के हवाले कर दे। अपने सभी दुश्मनों के आगे हाथ खड़े कर दे।

साहिल:" नहीं मम्मी बिल्कुल नहीं, लेकिन बात ये हैं कि को कुछ हमारा हैं ही नहीं उसके लिए क्यों खून खराबा करना ? लेकिन एक बात तो साफ हैं कि मेरे दिल में ज्योति के लिए हमदर्दी हैं। लेकिन नीरज को मैं किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ने वाला।

रूबी:" बेटा हमे खून खराबा नहीं करना हैं, किसी भी तरह से हमे ज्योति को यकीन दिलाना होगा कि हम सब बुरे इंसान नहीं हैं। मैं खुद चाहती हूं कि ये सब माल पैसा ज्योति के हवाले किया जाए ताकि हम अपने बड़ों के द्वारा किए गए पापो का थोड़ा सा तो प्रायश्चित कर सके। लेकिन नीरज जैसे हरामखोरो से हमे हर हाल में ये जंग जीतनी ही होगी।

साहिल:" नीरज और एक एक साथी को मैं छोड़ने वाला नहीं हूं, चाहे तो प्रिया हो या रवि मिश्रा। अच्छा मम्मी मुझे आपको कुछ बताना था लेकिन फोन पर नहीं घर आकर।

रूबी ने गाड़ी को ऑफिस की तरफ घुमा दिया और बोली:"

" ठीक हैं अच्छा मैं फोन रखती हू, थोड़ा जल्दी आना घर, अच्छा एक बात बताओ आज खाने के क्या बनना हैं ?

साहिल:" कुछ भी जो आपको पसंद हो मम्मी, बस हो सके तो मेरे लिए चॉकलेट।

रूबी के होंठो पर स्माइल अा गई और बोली:"

" लगता है तुझे चॉकलेट ज्यादा पसंद है साहिल। मैं तेरे लिए आज ही एक पूरा पैकेट मंगा लूंगी।

साहिल के होंठो पर स्माइल अा गई और बोला:"

" ओह मम्मी बाहर की चॉकलेट अच्छी नहीं होती, मुझे तो घर में बनी हुई चॉकलेट खानी है जो आपने रात खिलाई थी। बताओ ना मम्मी मुझे आज फिर से चॉकलेट मिलेगी क्या ?

रूबी ने धीरे से एक हाथ अपनी चूत पर रखा और सहलाते हुए बोली:"

" तू एक बार अपने ऑफिस से बाहर तो निकल, आज तुझे ऐसी चॉकलेट खाने को मिलेगी कि रोज खाना चाहेगा।

रूबी एक बहुत ही अच्छे होटल के सामने अा गई थी और उसने अपनी गाड़ी को थोड़ा पीछे लगा दिया.

साहिल:" बस मम्मी निकल रहा हूं , सीधे घर।

रूबी:" जितनी जल्दी घर आएगा उतनी ही जल्दी चॉकलेट मिलेगी।और हान मेरे सामने अनूप बनकर तो बिल्कुल भी मत आना।

इतना कहकर रूबी ने फोन काट दिया और गाड़ी से निकल कर बाहर की तरफ अा गई और अपनी साडी को थोड़ा सा नीचे सरका दिया ताकि उसकी चूचियां अच्छे से उभर कर सामने अा जाए।

साहिल ने ऑफिस बंद किया और दुबे जी को बोला:"

" आप एक काम कीजिए काम खत्म करके घर चले जाना, मुझे कुछ जरूरी काम हैं।

इतना कहकर वो बाहर की तरफ निकल गया और अपनी गाड़ी में बैठ गया। साहिल ने पानी की बोतल निकाली और अपने चेहरे को साफ किया। फिर उसने पीछे से एक टॉवेल उठाया अपने चेहरे पर लगे पानी को साफ किया। उसने अपने आपको शीशे में देखा और पाया की वो पूरी तरह से अब साहिल बन गया था।
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04-14-2021, 12:47 PM,
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इससे पहले की गाड़ी आगे बढ़ती उसका मोबाइल फिर से बज उठा। उसने देखा कि रूबी का कॉल था

साहिल:" हान मम्मी क्या हुआ ?
बस निकल गया हूं।

रूबी:" अरे बेटे मेरे लिए आते हुए गुप्ता होटल से गुलाब जामुन लेते आना। मुझे बहुत पसंद हैं।

साहिल: ठीक हैं ले आऊंगा मैं। अब मैं निकल रहा हूं बाय।

रूबी के होंठो पर फिर से स्माइल अा गई और वो खुद अपनी गुप्ता के बाहर खड़ी हुई थी। उसने देखा कि उसके उपर हल्की गुलाबी रोशनी पड़ रही थी जिसमे वो और भी ज्यादा कामुक लग रही थी। रूबी ने अपनी साडी को नीचे किया और अपनी चूचियों को पूरी तरह से बाहर कि तरफ उभार दिया।

सामने एक गाड़ी आकर रुकी और रूबी की सांसे तेज हो गई। साहिल गाड़ी से बाहर निकला और होटल के अंदर की तरफ आया तभी अचानक से रूबी उसके सामने अा गई।

साहिल ने एक नजर अपनी मा को देखा और देखता ही रह गया। रूबी बेहद कामुक और सुन्दर लग रही थी। साहिल उसकी चूचियों के उभार को देखते ही रह गया।

साहिल को पहले तो कुछ समझ ही नहीं आया फिर उसके चहेरे पर स्माइल अा गई और उसके होंठ खुले और बोला:"

" मम्मी आप यहां . कितना अच्छा सरप्राइज दिया आपने मुझे ? आप सच में बहुत अच्छी लग रहा है। लव यू सो मच।

रूबी के होंठो हिले और बोली:"

" तुम्हे अच्छा लगा क्या साहिल मुझे यहां ऐसे देखकर ?

साहिल आगे बढ़ा और रूबी का हाथ चूम किया और बोला:"

" अच्छा नहीं बहुत जायदा अच्छा लगा मुझे। सच में रूबी तुमने मेरा दिल जीत लिया।

रूबी ने देखा कि सामने से कुछ लोग अा रहे हैं इसलिए उसने अपनी साड़ी का पल्लू ठीक किया और बोली:"

" अब यहीं खड़े रहोगे क्या, आओ अंदर चलते हैं।

रूबी चल पड़ी और उसके पीछे पीछे ही साहिल उसका हाथ पकड़े अंदर अा गया। अंदर घुसने से पहले रूबी ने अपने चेहरे को ढक लिया क्योंकि वो जानती थी कि उसे यहां लोग जानने वाले मिल जाएंगे। रूबी को ऐसा लग रहा था मानो वो घर वालो से चोरी छिपे अपने आशिक से मिलने अाई हो।

उसकी सांसे तेज हो गई थी और आंखे अपने आप लाल होना शुरू हो गई थी। रूबी और साहिल दोनो अंदर अा गए और एक कोने वाली खाली टेबल पर बैठ गए।

साहिल ने गुलाब जामुन का ऑर्डर किया और थोड़ी देर बाद ही लड़का गुलाब जामुन रख गया।

साहिल:" लो मम्मी अा गए आपकी पसंद के गुलाब जामुन।

रूबी :" तुम ही खाओ बेटा, मैं तो घर चल कर तुम्हारे हाथ से ही खाऊंगी।

साहिल हैरानी से:" अरे मम्मी खाओ भी आप, गर्म गर्म ही ज्यादा अच्छे लगते हैं। लाओ मैं खिला देता हूं।

तभी रूबी के होंठों पर स्माइल अा गई और बोली:"

" मैं तो आराम से तुम्हारी गोद में बैठकर खाऊंगी। तुम जल्दी से खाओ साहिल।

इतना कहकर रूबी फिर से स्माइल करने लगी। साहिल

:" क्या हुआ मम्मी ? बड़ी स्माइल अा रही आपको ?

इतना कहते हुए उसने अपना पैर रूबी के पैर पर रख दिया और सहलाने लगा। रूबी साहिल के पैर महसूस करते ही मस्त हो गई और बोली

" बस ऐसे ही हंसी अा गई किसी बेचारे पर, कहां कोई चॉकलेट खाने का सपना देख रहा था और अब देखो कैसे गुलाब से काम चला रहा हैं।

इतना कहकर रूबी ने अपने पैर के नाखून से साहिल के पैर में हल्का सा दबाव दिया तो साहिल ने अपने पैर को उठाकर सीधे रूबी की जांघो के बीच में रख दिया और सहलाते हुए बोला

:" चॉकलेट का तो मैं आज वो हाल कर दूंगा कि उसका सारा रस निचोड़ दूंगा रूबी।

इतना कहते उसने अपने अंगूठे को उसकी चूत पर दबा दिया। रूबी की चूत में चिंगारी सी दौड़ गई और उसने साहिल के पैर को अपनी जांघो के बीच में कस लिया और बोली:"

" चुप कर बदमाश तुझे आज कुछ नहीं मिलने वाला, बड़ा आया सारा रस निचोड़ने वाला

रूबी ने अपने होठों पर जीभ फेरते हुए फिर से अपनी जांघो को थोड़ा सा खोल दिया और साहिल ने मौके का फायदा उठाते हुए अपने अंगूठे से उसकी चूत को सहलाना शुरू किया।

रूबी को झटके पर झटके लग रहे थे और बड़ी मुश्किल से अपने आप पर काबू कर रही थी। रूबी ने इशारे से साहिल को मना किया लेकिन साहिल और ज्यादा जोर से उसकी चूत सहलाने लगा।

रूबी ने थोड़ा सा आगे हुई और बोली:"

" मत कर साहिल अभी से ये सब, कहीं ऐसे ही यहीं चॉकलेट पिघल जाए और तुझे रस भी चाटने को ना मिले।

साहिल:" ओह रूबी पिघलने दो ना, जितनी ज्यादा रसीली होगी उतना ज्यादा मजा आएगा। वैसे एक बात कहूं

रूबी:" हान बोलो ना साहिल ?

साहिल:" मम्मी मैं समझता हूं कि वो चॉकलेट नहीं कुछ और हैं,

रूबी की आंखे लाल सुर्ख हो गई थी और चूत पूरी तरह से भीग गई थी। रूबी ने इधर उधर देखा तो उसने देखा कि कोई उनकी तरफ नहीं देख रहा था। रूबी ने सुकून की सांस ली और उसे साहिल की हिम्मत पर आश्चर्य हो रहा था यहां इतने लोगो के बीच वो अपनी मा से कितनी सेक्सी बाते कर रहा था। रूबी थोड़ा धीमे से बोली:*

" चॉकलेट नहीं हैं तो फिर क्या हैं?

साहिल ने अपने पैर के अंगूठे को रूबी के पेटीकोट में फसा दिया और एक झटके के साथ खोल दिया। रूबी के मुंह से आह निकलते निकलते बची और उसके चेहरे पर हैरानी सी अा गई। हाय भगवान ये मेरे बेटे ने क्या कर दिया, कमीने ने इतने लोगो के बीच ही मेरे पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया।

साहिल ने धीरे से अपने पैर से उसके पेटीकोट को हल्का सा नीचे सरका दिया और उसकी जांघो के बीच में अपना पैर घुसा दिया। रूबी की नंगी चूत पर जैसे ही साहिल के पैर की ऊंगली छुई तो रूबी ने अपने आप अपना पैर साहिल की जांघो पर रख दिए। साहिल पूरी तरह से आगे खिसक गया और उसने अपने अंगूठे को रूबी की चूत पर रगड़ दिया और बोला:"

" मम्मी बताओ ना ये क्या हैं ? देखो कितनी अच्छी और मुलायम हैं बिल्कुल रस से भरी हुई, बताओ ना मम्मी मुझे।

रूबी की हालत पूरी तरह से खराब हो गई थी और उसकी चूत से रस टपक रहा था। रूबी थोड़ा सा आगे सरक गई और बोली:"

" आह साहिल, मुझे क्या पता, देख ना कितनी गीली हो गई है, हाय मेरी जांघं भी भीग गई है।

साहिल ने अपने अंगूठे को उसकी चूत के छेद पर टिका दिया और हल्का सा दबाव बढ़ाते हुए बोला:'

" मम्मी ये तो पूरी भीग गई है, आह क्या आपको सच में नहीं पता कि ये क्या हैं ?

रूबी अपनी चूत के मुंह पर अपने बेटे का अंगूठा महसूस करके पूरी तरह से बहक गई और बोली:'

" हाय साहिल, नहीं पता पर ये बहुत गीली होती हैं बेटा, देख ना कैसे पूरी भीग गई है मेरी ,

साहिल ने अपने दोनो हाथ टेबल पर टिका दिए और उसके करीब मुंह करते हुए हुए बोला

" चूत, हाय मेरी मम्मी, इसको चूत कहते हैं। मेरी रूबी की चूत, मेरी मा की चूत, कितनी गीली और चिकनी चूत।

रूबी अपने बेटे के मुंह से चूत सुनकर पागल सी हो गईं और अपनी चूत को उसके अंगूठे पर रगड़ते हुए सिसकी:"

" आह साहिल, है भगवान कितना गंदा हो गया हैं तू, उफ्फ बेटा, साहिल उफ्फ उई मा, घर चले क्या ?
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04-14-2021, 12:47 PM,
RE: Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ
रूबी की हालत पूरी तरह से खराब हो चुकी थी और उससे बर्दाश्त नहीं हो रहा था लेकिन वो यहां सबके सामने कुछ करने की हालत में नहीं थी, उसने अपने बेटे को फसाने के लिए सोचा था और उल्टे खुद ही उसके जाल में फस गई।

साहिल ने अपनी पैंट की चेन खोलते हुए अपने लंड को बाहर निकाल लिया और हाथ के रूबी के पैर को उठा कर अपने लंड पर रख दिया तो रूबी की आंखें मस्ती से बंद हो गई।

साहिल:" मा इसमें गन्दा होने की बात कहां से अा गई, चूत ही तो हैं आपकी टांगो के बीच में। हाय मेरी मम्मी की चूत , एकदम रसीली चूत।

रूबी ने लंड को हल्का अा अपने पैर से सहलाया और मस्ती से सिसकते हुए बोली:"

" आह साहिल, मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है अब, आह चल ना घर तुझे चॉकलेट खाने को दूंगी।

साहिल ने अपने अंगूठे रूबी की चूत पर रगड़ दिया और बोला:"

' हाय मम्मी, चॉकलेट नहीं चूत बोलो, बोलो ना कि तुझे चूत चूसने को दूंगी अपनी।

रूबी ने थोड़ा आगे होते हुए अपने हाथ टेबल पर टिका दिए और उसके लंड के सुपाड़े को उंगलियों से रगड़ते हुए सिसकी

" आह गंदे साहिल, बोला ना तुझे अपनी चॉकलेट दूंगी चूसने को, पूरी मुंह में भर कर चूसना मेरे बेटे, आह उफ्फ चल ना अब, देख कैसे पिघल रही है तेरी चॉकलेट,

साहिल के होंठ अब बिल्कुल रूबी के होंठो के सामने थे और उसकी मा के होंठ पूरी तरह से कांप रहे थे। साहिल ने अपने पैर के अंगूठे को पूरी तरह रूबी के चूत रस में अच्छे से भिगोया और उसकी चूत से छेद पर हल्का सा जोर लगाया तो रूबी को उसकी चूत खुलती हुई महसूस हुई और उसने अपनी जांघो को बंद कर लिया और सिसकते हुए उसकी आंखो में देखते हुए बोली:"

" आह साहिल, तेरी मा की चूत, तुझे चूत दूंगी चूसने के लिए, पूरी चूत तेरे मुंह में घुसा दूंगी मेरी जान, आह बस, और मत तड़पा मुझे,चल घर आह सआईआईआई

साहिल ने अपनी मा की हालत को समझते हुए अपने पैर को हटा लिया और रूबी ने कपडे को ठीक किया और साहिल ने लंड को जोर से दबाते हुए खड़ी हो गई। रूबी ने जल्दी से कुछ मिठाई पैक कराई और साहिल के साथ बाहर अा गई।

रूबी ने अपनी गाड़ी का दरवाजा खोला और साहिल भी उसके साथ ही साथ गाड़ी में बैठ गया। रूबी ने तुरंत गाड़ी की लाइट बंद करी और साहिल के होंठो पर अपने होंठ रख दिए। दोनो मा बेटे एक दूसरे के होंठो को चूसने लगे और साहिल ने देर ना करते हुए अपने हाथ को उसके लहंगे में घुसा दिया और उसकी चूत को मुट्ठी में भर लिया।

रूबी का जिस्म कांप उठा और किस अपने आप टूट गई। उसने अपना सिर साहिल के कंधे पर टिका दिया । साहिल ने धीरे से एक उंगली उसकी चूत में घुसा दी तो रूबी मचलती हुई उससे लिपट गई।

साहिल:" आह मम्मी, आपकी चूत कितनी गीली हो गई है, उफ्फ देखो ना कितनी गर्म हो गई है।

रूबी: आह बेटे चल बस अब घर चल, जान ही लेगा क्या आज मेरी तड़पा तड़पा कर तू?

साहिल:"आह मम्मी जान नहीं, चूत लूंगा आपकी, चूत लूंगा चूत, दोगी ना मुझे अपनी चूत !!

इतना कहते उसे साहिल ने पूरी उंगली अपनी मा की चूत में घुसा दी तो रूबी मस्ती से बिफर पड़ी और सिसकी:

" आह मेरे बेटे साहिल, पूरी चूत दूंगी, तेरे लिए तो इतनी चिकनी करी हैं। आह बस चल घर

साहिल ने अपनी उंगली को बाहर निकाला और रूबी को दिखाते हुए चूस लिया तो रूबी ने उसे स्माइल दी और दोनो मा बेटे घर की तरफ चल पड़े। आगे आगे रूबी और पीछे साहिल था, दोनो धीरे धीरे गाड़ी चला रहे थे।

देखते ही देखते थोड़ी देर में गाड़ी घर के अंदर घुस गई। रूबी अपनी गाड़ी से उतरी और अंदर चली गई। साहिल भी पीछे पीछे आया और घर के अंदर घुसते ही उसने गेट को बंद किया और रूबी को अपनी बांहों में भर लिया।

रूबी:" आह साहिल देखो ना पहले मिठाई पहले तुम शांता को दे आओ।

साहिल ने मिठाई का डिब्बा उठाया और बाहर अा गया और शांता उसे कमरे के बाहर ही मिली तो उसने नमस्ते करी और मिठाई का डिब्बा उसे दिया।

शांता:" अरे बेटा इसकी क्या जरूरत थी,

साहिल:" कैसी बाते करती हो आप मा, आप भी हमारे ही परिवार का हिस्सा हो।

लीमा:" बेटा ये सब तो तुम्हारा बड़प्पन हैं नहीं हो आजकल कौन मजदूरों और गरीबों को इतनी इज्जत देता हैं।

साहिल:" बस करो मा, मुझे अच्छा नहीं लगेगा जो आज के बाद आपने ऐसी बात कही थी। सब इंसान हैं और कोई अमीर गरीब नहीं हैं।

लीमा:" सच में बेटा तुम अपने पूरे परिवार में सबसे अलग हो, अपने बाप को देख लो, गुस्सा और अकड़ उसकी नाक पर हमेशा रहती हैं।

साहिल:" मैं अपनी मा पर गया हूं क्योंकि आप मेरी मम्मी रूबी को देख लो उनके मुंह पर हमेशा शांति और प्यार रहता हैं। अच्छा मैं चलता हूं अभी। आप अपना ध्यान रखना।

साहिल इतना कहकर घर की तरफ चल दिया और थोड़ी देर बाद ही वो घर के अंदर घुस गया और गेट को अच्छे से बंद किया और रूबी के कमरे की तरफ बढ़ गया। उसका लंड पूरी तरह से अकड़ रहा था और साहिल की हालत खराब थी।

साहिल को रूबी नहीं मिली तो साहिल परेशान हो गया, किचेन में, बाथरूम में सब जगह देखा लेकिन कहीं नहीं मिली, एक तो उसके अंदर भरा हुआ सेक्स और उपर से अपनी मम्मी के लिए प्यार और चिंता। साहिल ने सब जगह देखा और आखिर में उसको एक ही उम्मीद नजर आईं और वो हॉल से होता हुआ स्टोर की तरफ अा गया।

वो स्टोर में आया और उसने पेटिंग के पीछे स्विच को ओंन किया तो एक रास्ता नजर आया और साहिल उसमे घुस गया। जैसे ही साहिल दरवाजे पर पहुंचा तो उसे चुदाई लोक के गेट पर रूबी दिखाई दी। बिल्कुल किसी दुल्हन की तरह सजी हुई, लाल रंग की साड़ी, कमाल का मेक अप, मांग में सिंदूर, गले में मंगल सूत्र और हाथो में भरी भरी चूड़ियां, मानो साक्षात रति उसके लिए स्वर्ग लोग से उतर अाई हो।

रूबी के हाथ में एक छलनी और थाली थी। थाली में एक पानी का ग्लास और कुछ मिठाई, साहिल को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि ये सब क्या हैं।

जैसे मंत्र मुग्ध सा अपनी मा की सुंदरता को देखने हुए आगे बढ़ा और रूबी ने उसे रास्ता दे दिया। साहिल जैसे ही अंदर अाया तो रूबी ने साइड में लगा हुआ एक स्विच ऑन किया और चुदाई लोक की छत अपने आप हट गई और दूर आसमान में चांद नजर अाया।

साहिल हैरानी से रूबी की तरफ देखने लगा और रूबी ने उसे वहीं खड़े रहने का इशारा किया और हाथ में छलनी लेकर उसमें से चांद के साथ साथ साहिल को देखने लगी। रूबी के होंठो पर मुस्कान थी और साहिल को अब जाकर समझ अाया कि आज करवाचौथ हैं। उसने सपने में भी नहीं सोचा था कि उसकी मम्मी उसके लिए करवाचौथ का व्रत रख सकती है। साहिल की आंखो से खुशी के मारे आंसू निकल पड़े। उसे यकीन नहीं हो रहा था ये सब हकीकत में हो रहा है।

रूबी भी साहिल को देखकर भावुक हो गई और साहिल ने आगे बढ़कर ग्लास उठाया और रूबी के होंठो से लगा दिया। रूबी ने एक घूंट पानी पिया और ग्लास को वहीं रख दिया और साहिल को अपनी बांहों में भर लिया। साहिल भी किसी पागल दीवाने की तरह अपनी मा से अपनी पत्नी से लिपट गया।

साहिल उसकी पीठ सहलाते हुए कहा:" मम्मी मैंने सपने में भी नहीं सोचा था कि आप मेरे लिए करवाचौथ का व्रत रखेंगी।

रूबी धीरे से उसके कान में बोली:" साहिल अब मम्मी नहीं सिर्फ रूबी बोल, साहिल की रूबी, मेरा सब कुछ तूने जीत लिया हैं साहिल, बेटा होने के साथ साथ तूने पति का फर्ज़ भी निभाया हैं।

साहिल:" ओह मेरी रूबी आई लव यू सो मच। सच में आज मुझे ज़िन्दगी की सबसे बड़ी खुशी मिल गई। जिस के मैं सपने देखता था वो आज मेरी पत्नी बनकर मेरी बांहों में हैं।

रूबी:" क्या सच में साहिल, तुम मुझे पसंद करते थे ?

साहिल::" हान बहुत ज्यादा, आपकी मीठी मीठी बाते, सच कहूं तो आपका फिगर अपने आप में कमाल हैं, मेरे उम्र के लडको के लिए तो आप काम देवी है मम्मी।

रूबी ने उसकी आंखो में देखा और स्माइल करते हुए बोली:"

" अच्छा अब तुझे तेरी मा काम देवी नजर आने लगी, बड़े हो गए हो तुम अब।

इतना कहते हुए रूबी ने अपनी जांघो को जोर से उसकी तरफ दबा दिया तो साहिल ने रूबी की कमर सहलाते हुए बोला:"

" मम्मी अब आप मा के साथ मेरी पत्नी भी तो हो, और सच में मैं कितना बड़ा हो गया हूं आपको पता तो हैं ही।

रूबी:" हान जानती हूं तो सच में बहुत बड़ा हो गया है, अच्छा चल तुझे मिठाई खिलाती हूं।

इतना कहकर रूबी ने थाली की तरफ हाथ बढ़ाया तो साहिल ने उसका हाथ बीच में ही पकड़ लिया और बोला:*

" मिठाई नहीं मम्मी, आज तो करवाचौथ हैं, चॉकलेट खिला दो ना अच्छे से खोलकर मुझे।

रूबी ने एक बार साहिल की तरफ देखा और फिर से चुदाई लोक के बोर्ड को देखा तो साहिल की नज़रे अपने आप रूबी की नजरो से मिल गई और दोनो मा बेटे अब चुदाई लोक के गेट पर खड़े हुए थे। साहिल ने रूबी को अपनी बांहों में उठा लिया और बोला:"

" मेरी जान रूबी, आज तो आपके साथ चुदाई लोक में अनोखा करवाचौथ होगा।

रूबी ने अपने आपको उसकी बाहों में पूरी तरह से ढीला छोड़ दिया और रूबी ने एक हाथ आगे बढ़ा कर चुदाई लोक की छत को फिर से बंद कर दिया और बोली:'

" अनोखा करवाचौथ नहीं साहिल चुदाई लोक में करवा चोद।

इतना कहकर रूबी शर्मा गई और साहिल से लिपट गई। साहिल रूबी को लेकर आगे बढ़ गया।

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04-14-2021, 12:47 PM,
RE: Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ
साहिल ने देखा कि एक बड़े से पत्थर के पीछे एक गद्दा पड़ा था जो पहले नहीं था। मतलब रूबी ने आज दिन में ही यहां वो गद्दा डाल दिया था।

साहिल ने रूबी की आंखो में देखा और रूबी ने उसे इशारा किया तो साहिल ने रूबी को गद्दे पर लिटा दिया और खुद उसके उपर लेट गया। रूबी के शरीर से निकलती हुई मादक खुशबू उसे पूरी तरह से मदहोश कर रही थी। साहिल ने रूबी के होंठो की तरफ देखा और रूबी ने खुद ही अपने होंठो को आगे बढ़ाया और साहिल के होंठो पर रख दिया। साहिल अपनी मा के होंठो को अपने मुंह में भरकर चूसने लगा। साहिल का खड़ा हुआ लंड नीचे रूबी की चूत पर अड रहा था जिससे रूबी की आग बढ़ रही थी।

किस करते करते रूबी ने अपनी जीभ को साहिल के मुंह में घुसा दिया और साहिल ने खुशी खुशी अपनी मा की जीभ को चूसना शुरू कर दिया। रूबी ने मस्ती में आते हुए अपनी टांगे खोल दी और अपनी चूत को नीचे से ही लंड पर रगड़ने लगीं।

एक लंबे किस के बाद दोनो के होंठो अलग हुए और साहिल ने रूबी की साडी को खोल दिया। रूबी अपनी आंखे बंद किए हुए पड़ी थी और साहिल ने देखते ही देखते उसका ब्लाउस और पेटीकोट भी निकाल दिया और रूबी अब सिर्फ ब्रा पेंटी में रह गई थी। हल्के गुलाबी रंग की रोशनी में उसका जिस्म आग का शोला लग रहा था और साहिल ने अपने कपड़े उतार फेंके और पूरी तरह से नंगा हो गया। साहिल ने अपनी मा की चूचियों को हाथ में भर लिया और रूबी का जिस्म मस्ती से कांप उठा। उसने अपने हाथो कि साहिल की गांड़ पर कस लिया और नंगी गांड़ का एहसास होते ही उसके मुंह से आह निकल गई। साहिल ने एक हाथ पीछे ले जाते हुए उसकी ब्रा को खोल दिया और रूबी की चूचियां बाहर को उछल पड़ी।

गोल गोल ठोस चूचियां देखते ही साहिल ने एक को अपने मुंह में भर लिया और चूसने लगा। रूबी के मुंह से मस्ती भरी आह निकल पड़ी

" Aaah sahil ufff chussssss ja meriiiiiii chuchiiii aahhhhh betaa।।।

साहिल ने अपने मुंह को पूरा खोलते हुए रूबी की आधे से ज्यादा चूची को मुंह में भर लिया और जोर जोर से चूसने लगा तो रूबी की आंखे मस्ती से बंद हो गई और उसने हाथ आगे बढाया और साहिल के लंड को पकड़ लिया और सहलाने लगी और सिसक उठी

" हाय बेटा, उफ्फ कितना बड़ा हैं ये उफ्फ , कितना टाइट हो रहा है है तेरा तो।

साहिल रूबी की इस हरकत से जोश में अा गया और उसकी एक चूची को हाथ में भर कर जोर से दबा दिया तो रूबी के मुंह से एक दर्द भरी आह निकल पड़ी।

" आह क्या करता हैं पागल, दर्द होता हैं थोड़ा प्यार से कर ना।

साहिल ने उसकी चूचियों को प्यार से दबाना और सहलाना शुरू कर दिया तो रूबी ने नीचे से अपनी टांगे चौड़ी करते हुए अपने दोनो हाथों को उसकी गांड़ पर दबा दिया जिससे साहिल का लंड रूबी की चूत पर जा लगा और दोनो मा बेटे इस अनोखे एहसास से एक साथ तड़प उठे।

साहिल ने रूबी के निप्पल को मुंह में भर लिया और चूसने लगा तो रूबी ने अपनी चूत उपर उठाते हुए लंड पर रगड़ना शुरू कर दिया और मस्ती से सिसकने लगी। साहिल के मोटे लन्ड का तगड़ा सुपाड़ा उसकी चूत पर रगड़ रहा था। जैसे ही सुपाड़ा चूत के मुंह से टकराता तो रूबी का पूरा जिस्म कांप जाता और उसकी आंखे बंद हो जाती और रूबी सिसक पड़ती। रूबी जी की मस्ती भरी सिसकारियां निकल रही थी और साहिल को इससे और ज्यादा जोश अा था। रूबी की चूत पूरी गीली से गीली हो गई थी और साहिल के लंड का पूरा सुपाड़ा रस से भीग गया था।

रूबी ने अपना हाथ नीचे ले जाते हुए लंड के सुपाड़े को हाथ से पकड़ लिया और चूत के छेद पर टिका दिया और नीचे से अपनी चूत उस पर रगड़ने लगी और साहिल की आंखो में देखते हुए सिसकी

" आह साहिल मेरे बेटे, मना लें अपनी मा के साथ चोद। आह एसआइआईआईआई

साहिल थोड़ा सा नीचे को हुआ और अपने दोनो होंठ सीधे रूबी जी की चूत पर टिका दिए और रूबी मस्ती से सिसक उठी

' आह साहिल मेरे बेटे, मेरे पति, उफ्फ हाय मेरी चूत, तेरी मा की चूत, उफ्फ पूरी मुंह म भर ले मेरे पति जान।

साहिल ने अपने मुंह को खोलते हुए रूबी की चूत को अपने मुंह में भर लिया और चूसने लगा। रूबी मस्ती और उत्तेजना से पागल सी हो गई और अपनी टांगो को उठा उठा कर पटकने लगी। साहिल ने उसकी दोनो टांगो को अपने हाथो में कस लिया और उसकी चूत को जोर से चूसने लगा तो रूबी अपने जिस्म को फिर से पटकने लगी और उसने अपने हाथ को साहिल के सिर पर दबाते हुए अपनी चूत में घुसा दिया और सिसक उठी

""ahhhh sahil ufffff siiiiii ohooooo meri chutttt, sahil aaahhh lollla de de meri chuttt me

रूबी पूरी तरह से तड़प रही थी और अपने जिस्म को इधर उधर पटक रही थी। साहिल ने एक उंगली रूबी की चूत में घुसा दी और रूबी का जिस्म काबू से बाहर हो गया और वो किसी घोड़ी की तरह अपने टांगे फेंकने लगी और सिसक उठी

" Aaahhhhjj teri ma ki chutttt, aaah mar jaungi ufff, चोद दे मुझे, लोला घुसा दे मेरी चूत में आह्हह हाय राम

इतना कहकर रूबी ने अपनी टांगो को पूरी तरह से फैला दिया और साहिल को अपने उपर खींच लिया। रूबी ने साहिल की आंखो में देखते हुए लंड को पकड़ लिया और सुपाड़े को अपनी चूत के मुंह पर टिका दिया और साहिल की आंखो में देखने लगी और उसके होंठ चूम लिए।

साहिल:" मम्मी क्या आपको बहुत ज्यादा दर्द तो नहीं होगा, क्या आप झेल जाएगी

रूबी के चेहरे पर मुस्कान अाई और बोली:'

" वो मा ही क्या जो अपने बेटे को अपने अंदर ना ले सके, आह बस साहिल चूत में घुस जा मेरी।

रूबी अब कांप रही थी क्योंकि लंड का सुपाड़ा बहुत मोटा था इसलिए उसने अपने मुंह से थूक निकाल कर लंड को पूरा चिकना कर दिया और साहिल ने रूबी की चूत में धक्का लगाया तो लंड का सूपड़ा चूत में घुस गया और रूबी के मुंह से एक दर्द भरी आह निकल पड़ी। उसने साहिल को अपनी बांहों में कस लिया और साहिल ने देर ना करते हुए अपने लंड को बाहर निकाला और रूबी की आंखो में देखते हुए एक पूरी ताकत से धक्का लगाया और लंड जड़ तक रूबी की चूत में उतरता चला गया। रूबी दर्द के मारे सिसक उठी और उसका चेहरा खीचता चला गया। रूबी कसकर साहिल से लिपट गई। दर्द के मारे उसकी आंखे बंद हो गई और आंसू निकलने लगे लेकिन उसके मुंह से एक आह तक नहीं निकली।

साहिल ने उसके आंशू को साफ किया और रूबी की चूचियों को चूमने लगा। साहिल ने अपने लंड को बाहर निकाल और फिर से पूरी ताकत से घुसा दिया तो रूबी के होंठो से एक आह निकल पड़ी और साहिल को पूरी ताकत से अपनी बांहों में कस लिया।

साहिल ने रूबी की आंखो में देखते हुए धक्के लगाने शुरु कर दिए और देखते ही देखते रूबी के मुंह से अब मस्ती भरी सिसकारियां निकलने लगी और उसने अपनी गांड़ को उठाना शुरू कर दिया और साहिल ने जोश में आते हुए तेज तेज धक्के लगाने शुरू कर दिए।

लंड बाहर आता और फिर से अंदर घुस जाता। हर धक्के पर रूबी सिसक उठी थी, मचल रही थी और पूरे चुदाई लोक में उसकी सिसकियां गूंज रही थी। तभी साहिल पूरी ताकत से धक्के लगाने लगा और रूबी मस्ती से सिसक उठी

" आह साहिल, ऐसे ही बेटे, आह चोद मुझे, आह कितनी तड़प रही थी मैं। उफ्फ बेटा।

साहिल ने लंड को पूरा बाहर निकाला और एक ही धक्के में पूरा अंदर कर दिया और रूबी फिर से सिसक उठी। साहिल के लंड में तूफान आने लगा और उसने बिजली कि उसकी रफ़्तार से धक्के लगाने शुरू किए तो रूबी का जिस्म गद्दे पर उछलने लगा और सालो से तड़प रही उसकी चूत जवाब दे गई और उसने पूरी ताकत से साहिल को कस लिया और सिसक उठी

" आह साहिल गई मेरी चूत तो, चोद दिया तूने, आह मा

इसके साथ ही रूबी की चूत ने अपना रस बहा दिया और वो अमरबेल की तरह साहिल से कस गई। अपनी मा की चूत की गर्मी के आगे साहिल भी ज्यादा नहीं टिक सका और उसने एक जोरदार धक्का लगाते हुए अपने लंड को उसकी चूत में घुसा दिया और वीर्य की पिचकारी मारने लगा। रूबी की जलती हुई चूत पर वीर्य की पिचकारी शीतल जल की तरह बरसने लगी और उसने प्रेम पूर्वक अपने बेटे का मुंह चूम लिया और साहिल रूबी के उपर गिर पड़ा।

दोनो मा बेटे एक दूसरे से चिपक गए और अपनी सांसे दुरुस्त करने लगे। दोनो एक दूसरे को चूम रहे थे सहला रहे थे।

थोड़ी देर के बाद दोनो की सांसे नॉर्मल हो गई। रूबी ने अपना मुंह उपर करते हुए साहिल के माथे को चूम लिया मानो उसे अपनी चुदाई के लिए इनाम दे रही हो।

साहिल ने रूबी की आंखो में देखा और बोला:"

" मम्मी कैसा लगा ? ज्यादा दर्द तो नहीं हुआ आपको ?

रूबी के होंठो पर स्माइल अा गई और साहिल के होंठ चूम कर बोली:"

" दर्द तो बहुत हुआ लेकिन इतना मजा आज नहीं आया साहिल, सच में तूने मुझे आज पूरी तरह से भर दिया।

साहिल:" मम्मी ये सिर्फ शुरवात हैं, आपको मैं बहुत ज्यादा खुशी दूंगा, इतनी मस्ती की आपने सोचा भी नहीं होगा।

रूबी साहिल के बालो में हाथ फेरते हुए बोली:"

" साहिल अच्छा चल उठ अब, मुझे धोना होगा, नीचे से कितना गंदा हो गया है।

साहिल रूबी की चूचियों को प्यासी नजरो से देखते हुए उसके उपर से उतर गया तो रूबी स्माइल करते हुए बोली:"

" मन नहीं भरा क्या अभी ? क्यों घूर घूर कर देख रहा है मुझे।

साहिल ने अपनी टांगो के बीच लटकते हुए अपने लंड को हल्का सा मसला और बोला:"

" मम्मी ऐसे मन भर जाता तो बात ही और होती। आज तो पूरी रात करवा चोद मनाएगा जाएगा।

रूबी खिल खिला कर हंस पड़ी और झरने की तरफ चल पड़ी तो साहिल ने उसे आगे बढ़ कर अपनी बांहों में उठा लिया और बोला:"

" आज से आपके सब नाज और नखरे मैं उठाऊंगा, मेरे होते हुए आपको ये गोरे पैर जमीन पर रखने की जरूरत नहीं।

रूबी खुश होती हुई उसके सीने से लिपट गई और साहिल उसे लेकर झरने के नीचे अा गया। ठंडे ठंडे पानी की बौछार उन पर पड़ने लगी और साहिल ने अपनी मम्मी को वहीं एक पत्थर पर लिटा दिया और उसके जिस्म को पानी से साफ करने लगा।

रूबी:" उफ्फ मैं खुद कर लूंगी बेटा, मान जाओ

साहिल:" गंदा मैंने किया हैं तो साफ भी मैं ही करूंगा।
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04-14-2021, 12:47 PM,
RE: Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ
इतना कहते हुए उसने रूबी की गर्दन को अच्छे से साफ किया और धीरे धीरे नीचे की तरफ बढ़ने लगा। रूबी के जिस्म में फिर से रोमांच बढ़ रहा था और जैसे ही साहिल ने साहिल ने अपने हाथ रूबी की चूचियों पर रखे तो रूबी के मुंह से आह निकल पड़ी। रूबी की चूचियों पर मसले जाने और हल्के हल्के काटे जाने के निशान थे।

रूबी:" उफ्फ साहिल बेटा, दर्द करती है, देख ना क्या हाल कर दिया तूने इनका!

साहिल ने उसकी चूचियों को प्यार से सहलाया और पानी से धीरे धीरे साफ करने लगा। साहिल के कठोर हाथो की रगड़ से रूबी की चूचियां फिर से अकड गई और निप्पल बाहर की तरफ निकल गए।

साहिल ने एक निप्पल को हाथ में पकड़ लिया और दोनो उंगलियों के बीच में हल्का सा सहलाते हुए बोला:"

" देखो ना मम्मी ये कैसे अकड़कर मुझे चिडा रहे हैं, उफ्फ कैसे तने हुए हैं

निप्पल मसले जाने से रूबी के जिस्म में आग लग गई और वो फिर से गर्म होती चली गई और बोली:'

" क्या करता हैं साहिल, मार ही देगा मुझे, उफ्फ बेटा।

रूबी के मुंह से निकलती हुई सिसकियां सुनकर साहिल समझ गया कि रूबी फिर से बहक गई है और साहिल ने हाथ नीचे करते हुए उसके पेट को सहलाना शुरू कर दिया मानो वहां भी साफ कर रहा हो। सच्चाई ये थी कि रूबी का जिस्म शीशे की तरह साफ चमक रहा था लेकिन साहिल उसे और साफ करना चाह रहा था।

रूबी की सांसे एक बार फिर से तेज हो गई और उसका जिस्म कांपने लगा, साहिल ने रूबी की दोनो टांगो को खोल दिया और उसकी वीर्य और चूत रस से भरी हुई चूत पर अपनी उंगलियां फिराई तो रूबी सिसक उठी।

साहिल ने हाथ में पानी लेकर उसकी चूत को धोना शुरू किया और देखते ही देखते रूबी की चूत बिल्कुल साफ हो गई। एक भी बाल नहीं, एकदम चिकनी चूत, हल्की सी लाल रंग की, दो पतले पतले नाजुक से होंठ जो लंड की मार से बिल्कुल हल्के से खुल गए थे।

साहिल आज पहली अपनी मा की चूत को अच्छे से देख रहा था और उसने चूत पर एक बार अच्छे से उंगली फिराई और रूबी के मुंह से आह निकल पड़ी।

साहिल ने अपनी मा की टांगो को विपरीत दिशा में फैला दिया जिससे उसकी चूत पूरी तरह से उभर कर सामने अा गई। साहिल की आंखे चमक उठी और उसने रूबी को थोड़ा सा आगे करते हुए पानी की धार के नीचे कर दिया और उसके पेट पर पानी गिरने लगा। साहिल ने अच्छे से मसल मसल कर उसकी चूत को साफ किया और धीरे से एक उंगली उसकी चूत में घुसा दी तो रूबी के मुंह से फिर से एक मादक आह निकल पड़ी। साहिल ने रूबी की चूत को उंगली से अच्छे से साफ किया और फिर अपनी उंगली बाहर निकाल ली।

साहिल ने अपनी मा की तरफ , उसकी आंखे वासना के मारे लाल हो गई थी मानो फिर से चुदने के लिए तैयार हो गई हो। साहिल ने रूबी को पलटने का इशारा किया और रूबी वहीं पलट गई जिससे उसकी कमर और गांड़ साहिल की आंखो के सामने अा गई।

साहिल ने उसके दोनो कंधो को साफ किया और फिर धीरे धीरे उसकी कमर सहलाते हुए बोला:"

" मम्मी मेरी रूबी, तुम्हारी कमर कितनी पतली और चिकनी हैं, सच में तुम कमाल हो।

रूबी अपनी तारीफ सुनकर खुश हो गई और अपनी गर्दन घुमा कर उसकी तरफ देखते हुए बोली:"

" अब तो बस सब कुछ तेरे लिए हैं मेरे बेटे, मेरे पूरे पति साहिल।

साहिल ने अपनी मा की कमर को सहलाया और उसके कंधे को चूम लिया। रूबी की आंखे फिर से मस्ती से बंद हो गई। साहिल ने उसकी कमर से नीचे हाथ करते हुए उसकी गांड़ के उभार को सहला दिया तो रूबी के जिस्म ने हल्का अा झटका खाया और रूबी की टांगे अपने आप खुलती चली गई।

साहिल अपनी की टांगो के बीच बैठ गया और उसके गांड़ के दोनो उभारों को अपने हाथ में भर लिया और जोर से मसलने लगा। रूबी के मुंह से मस्ती भरी सिसकारियां निकलने लगीं और उसकी गांड़ अपने आप उछलने लगीं। रूबी पूरी तरह से मस्त हो गई और उसकी चूत एक बार से गीली हो गई।

साहिल अब खुलकर रूबी की गांड़ मसल रहा था और रूबी ने अपने दोनो हाथ नीचे करते हुए अपनी चूचियों को पकड़ लिया और मसलने लगी। साहिल ने रूबी को गांड़ को मसलते हुए उसकी टांगो के बीच में देखा तो उसे रूबी की गुलाबी चूत नजर आईं।

चूत पूरी तरह से रस से भीग गई थी और उसके होंठ बिल्कुल हल्के से खुले थे मानो साहिल को पुकार रहे हो। साहिल ने चूत का इतना मनमोहक नजारा देखा तो उत्तेजना से भर गया और रूबी की पीठ पर लेट गया। साहिल के उपर लेटते ही रूबी के मुंह से आह निकल गई और उसने अपने बेटे की तरफ देखा और गद्दे की तरफ इशारा किया लेकिन साहिल ने अपनी मा की आंखो में देखते हुए अपने पैरो को उसकी टांगो के फसा दिया और रूबी की चूत पूरी तरह से खुल गई और साहिल का लंड उसकी चूत पर जा लगा। लंड के चूत पर लगते हुई रूबी के मुंह से आह निकल गई और साहिल ने लंड को चूत के होंठो पर रगड़ दिया तो रूबी की आंखे मस्ती से मजे से खुल गई और साहिल ने उसकी आंखो में देखते हुए अपने लंड का सुपाड़ा उसकी चूत में घुसा दिया। रूबी को दर्द का एहसास हुआ और उसके मुंह से फिर से आह निकल पड़ी।

साहिल ने उसकी चूत में एक तगड़ा धक्का लगाया और पूरा लंड एक बार फिर से रूबी की चूत को चीरते हुए अंदर घुस गया और रूबी फिर से दर्द से कराह उठी

" आह साहिल,उफ्फ मा हाय आह दर्द होता हैं बेटा, एक ही धक्के में क्यों घुसा दिया

साहिल ने पूरे लंड को बाहर निकाला और फिर से पूरी ताकत से एक ही धक्के में लंड जड़ तक घुसा दिया तो रूबी फिर से दर्द से तड़प उठी

" आह तेरी मा की चूत, दर्द होता हैं मुझे, उफ्फ क्या करता है तू। आह उफ्फ

साहिल ने रूबी के कमर को चूम लिया और धक्के लगाने लगा। रूबी के मुंह से हर धक्के पर दर्द भरी आह निकल रही थीं और कुछ धक्कों के बड़ी उसकी चूत खुल गई तो रूबी के मुंह से अब मस्ती भरी आह निकलने लगी और उसने साहिल की देखा और स्माइल दी तो साहिल ने पूरे लंड को बाहर निकाला और फिर से घुसा दिया तो रूबी फिर से तड़प उठी

" आह साहिल उफ्फ मार मेरी चूत, आह चोद मुझे, जोर जोर से चोद, दिखा अपनी मर्दानगी

इतना कहकर रूबी के अपनी कमर को हल्का सा उठा दिया जिससे उसकी चूत और खुल गई और साहिल ने उसकी चूत में तेज तेज धक्के लगाने शुरू कर दिए । रूबी का पूरा जिस्म हिल रहा था और उसके मुंह निकल कर मादक सिसकियां गूंज रही थी।

रूबी को आज तक चुदाई में इतना मजा नहीं आया था और उसने साहिल की तरफ देखते हुए अपने मुंह को उपर उठा दिया और साहिल ने एक हाथ से अपनी की गर्दन पकड़ते हुए उसके होंठो पर अपने होंठ टिका दिए और उसके होंठ चूसने लगा।
रूबी ने पूरी तरह से मदहोश होते हुए अपने जीभ साहिल के मुंह में घुसा दी और साहिल अपनी मा की जीभ चूसते हुए धक्के लगाने लगा। एक लम्बे किस के बाद दोनो के होंठ अलग हुए और साहिल ने अपनी मा की आंखो में देखते हुए धक्के कि गति बढ़ा दी तो रूबी की चूत में तूफान सा मच गया और उसके मुंह से फिर से सिसकियां निकल पड़ी

" आह साहिल, उफ्फ कितना अच्छा हैं तेरा लंड, आह मेरी चूत, हाय कितना अच्छा चोद रहा हैं, उफ्फ मेरी चूत हाय मा, आह मुझे क्या हो रहा हैं।

साहिल ने उसकी चूत की कलिट को उंगली से मसला दिया तो रूबी ने मस्ती में आते हुए पूरी ताकत से गांड़ उपर उछाली और इसके साथ ही उसकी चूत ने एक बार फिर से अपना रस बहा दिया और रूबी की आंखे मस्ती से बंद हो गई। साहिल ने उसकी चूत में लंड के धक्के लगाने जारी रखे और रूबी का जिस्म फिर दे कांपने लगा। हर धक्के पर अब रूबी कराह रही थी, उसकी चूत में तूफान सा मचा हुआ था। लंड उसकी चूत की दीवारों को पूरी ताकत से रगड़ रहा था जिससे रूबी को अब जलन हो रही थी और मुंह से दर्द भरी आह निकल रही थी

" आह साहिल, उफ्फ दर्द होता है, उफ्फ दुख रही हैं अब, प्यार से कर आह।

साहिल ने रूबी की आंखो में देखते हुए पूरी ताकत से धक्के लगाने शुरू कर दिए तो रूबी की हालत खराब हो गई और उसकी चूत में तेज जलन होने लगी। रूबी अपने हाथ से अपनी चूचियों को मसलने लगी और उसकी चूत फिर से गर्म हो गई और रूबी सिसकते हुए बोली

" आह साहिल मार मेरी चूत, उफ्फ पूरा घुस जा मेरी चूत में, उफ्फ मा

साहिल ने रूबी को अब पूरी ताकत से पेलना शुरू कर दिया और रूबी का पूरा जिस्म उछल रहा था।

साहिल का हर धक्का अब पहले से तेज पड़ रहा था और रूबी की मस्ती भरी सिसकारियां पूरे चुदाई लोक को महका रही थी। आज सालो के बाद चुदाई लोक अपने पूरे शवाब पर था

तभी साहिल के टट्टो में भी उबाल आने लगा और उसने एक पागल सांड की तरह धक्के लगाने शुरू किए तो रूबी की चूत फिर से कांप उठी और दर्द और मस्ती से सिसक पड़ी

" आह साहिल, तेरी मा की चूत, हाय मेरी चूत, उफ्फ भगवान फट गई मेरी चूत, आह मा उफ्फ नईई।

साहिल ने अपने लंड को बाहर निकालते हुए फिर से एक तगड़े धक्के के साथ अंदर घुसा दिया और रूबी को अपनी बच्चेदानी हिलती नजर आईं और साहिल के मुंह से भी आह निकल पड़ी

" आह रूबी मेरी मम्मी तेरी चूत, मेरी रूबी की चूत चुद गई।

इस जोरदार धक्के के साथ ही रूबी की चूत ने भी फिर से अपना रस छोड़ दिया और रूबी का पूरा बदन कांप उठा। साहिल रूबी की पीठ पर ही गिर पड़ा और दोनो एक दूसरे की आंखो में देखने लगे। रूबी ने एक बार फिर से अपने बेटे का चूम लिया।
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04-14-2021, 12:48 PM,
RE: Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ
साहिल और रूबी दोनो ऐसे ही पड़े रहे और पानी की धार उनके उपर पड़ रही थी। रूबी को बहुत तेज भूख लगी थी लेकिन वो चाहती थी कि साहिल खुद उसे कहे। दोनो की सांसे अब नॉर्मल हो गई थी और साहिल रूबी के उपर से हट गया।

रूबी ने सुकून की सांस ली और शिकायती लहजे में बोली:"

" कोई अपनी मा को इस तरह प्यार करता हैं ज़ालिम, जान ही ले लेता आज तो तू मेरी।

साहिल ने रूबी को पीछे से अपनी बांहों में भर लिया और उसकी चूचियां दबाते हुए बोला:"

" चुदाई से कभी किसी की जान नहीं जाती, अच्छा नहीं लगा क्या तुम्हे ?

रूबी के होंठो पर स्माइल अा गई और पलटते हुए उसकी आंखो में देखते हुए बोली:"

" अच्छा तो लगा बहुत लेकिन दर्द बहुत हुआ साहिल, पता नहीं कैसे तूने इसे इतना बड़ा कर कर लिया और उपर से इतनी तेज तेज धक्के मारता हैं।

साहिल ने उसका गाल चूम लिया और बोला:" सब तुम्हारे ही दूध का असर हैं मम्मी। ओह रूबी अभी तो सिर्फ शुरुवात हुई हैं, आगे आगे देखो होता हैं क्या ।

इतना कहते हुए साहिल ने उसकी गांड़ को मसल दिया तो रूबी के मुंह से आह निकल गई और साहिल की कमर में मुक्के मारने लगी।

साहिल:" ओह माई गॉड, मैं तो भूल ही गया आज आपका फास्ट था। भूख लगी होगी आपको।

रूबी:" अच्छा चलो आखिरी में तुम्हे याद अा ही गया।

साहिल ने अपने दोनो कान पकड़ लिए और उठक बैठक करने लगा। रूबी स्माइल करते हुए बोली:"

" बस कर अब, अा चलते हैं।

इतना कहकर रूबी आगे चली तो उसे अपनी टांगो में दर्द का एहसास हुआ। सालो बाद हुई इस दमदार चुदाई के कारण उसकी चूत की फांके लाल हो गई थी। अपनी मम्मी को लंगड़ाते हुए देखकर साहिल ने रूबी को अपनी बांहों में उठा लिया और बोला:*

" क्या हुआ मम्मी आपको ?

रूबी:" शैतान सब कुछ जानकर भी अनजान बनता हैं, तूने मेरी फाड़ दी हैं अच्छे से।

साहिल को अब समझ आया कि रूबी चुदाई के कारण लंगड़ा रही हैं इसलिए वो बोला:"

" ओह मम्मी मुझे नहीं पता था आपको इतना दर्द होगा, आगे से मैं ध्यान रखूंगा।

रूबी ने अपने बेटे के भोलेपन को समझते हुए उसका मुंह चूम लिया और बोली:"

" चल पागल, इस दर्द के लिए तो हर औरत तरसती हैं। इस दर्द में भी एक अलग ही मजा हैं।

साहिल ने रूबी की आंखो में देखते हुए कहा:"

" मतलब अगली बार मैं फिर से तुम्हे ये दर्द दे सकता हूं। या इससे भी कहीं ज्यादा।

रूबी ने साहिल की आंखो में देखते हुए उसे स्माइल दी और हाथ से उसका लंड दबा दिया। साहिल सब समझ गया और दोनो मा बेटे अब चुदाई लोक से निकल कर घर के अंदर अा गए थे।

रूबी ने नाईट पहन लिया और साहिल ने जल्दी से किचेन में जाकर मैगी बना दी और साहिल ने रूबी को अपनी गोद में बिठा लिया और अपने हाथ से खाना खिलाने लगा।

साहिल:" मम्मी मुझे आपको कुछ बताना था। आज सुबह मैंने लीमा को देखा तो मैं हैरान हो गया।

रूबी:" अच्छा ऐसा क्या हुआ ?

साहिल:" मम्मी यकीन कर पाना मुश्किल हैं। लेकिन जो सामने हैं वो तो मानना पड़ेगा ही।

साहिल ने रूबी को बताया तो रूबी को जैसे यकीन ही नहीं हुआ और बोली:"

" हाय भगवान क्या ये सच हैं, ऐसा कैसे हो सकता है बेटा ?
मुझे यकीन नहीं हो रहा।

साहिल:" यकीन तो मुझे भी नहीं हुआ था, लेकिन वो ही सब सच्चाई बता सकती हैं। हमे उससे बात करनी चाहिए।

रूबी:' हान बेटा, अरे वो दोनो तो भूख से पागल हो गए होंगे।

साहिल:" मम्मी मैंने मैगी ज्यादा बना ली है। आप पहले खाओ फिर उनके पास चलते हैं।

रूबी ने खाना खाया और उसके दोनो मा बेटे नीचे तहखाने की तरफ चल पड़े। अंदर लीमा और अनूप दोनो का भूख के मारे बुरा हाल था।

साहिल ने दरवाजा खोला तो उसकी आंखो में चमक अा गई और दोनो खाना खाने लगे।
साहिल और रूबी दोनो बैठे हुए उन्हें देखते रहे। उनके खाना खाने के बाद साहिल बोला

साहिल:" लीमा मुझे कुछ जरूरी बात करनी थी।

लीमा की भूख शांत हो गई तो उसने चैन की सांस ली और बोली:"

" देखिए मैं आपको कुछ नहीं बता सकती, मैं मजबूर हू।

साहिल:" अरे तुम्हारा मन करे तो बताना नहीं तो मना कर देना। आओ मेरे साथ।

लीमा मजबूर थी इसलिए साहिल के साथ साथ चल पड़ी। अनूप धीरे से मरी हुई आवाज में बोला:"

" बेटा मुझे भी अपने साथ ले चलो।

अनूप के बोलते ही रूबी ने एक जोरदार थप्पड़ उसे जड़ दिया और अनूप की बोलती बंद हो गई। लीमा की भी हालत खराब हो गई और साहिल ने तहखाने के गेट को बंद किया और उपर की तरफ चल दिया।

साहिल,रूबी और लीमा तीनो एक कमरे में बैठे हुए थे और साहिल ने एक बार अच्छे से इधर उधर देखा कि कहीं शांता तो नहीं है।

साहिल:" लीमा मेरी बात ध्यान से सुनो मुझे सब सच बोलना, मैं तुम्हारी मदद करूंगा।

लीमा ने साहिल की तरफ देखा और कुछ बोली नहीं। साहिल समझ गया कि ये ऐसे नहीं मानने वाली इसलिए उसने सच्चाई बताने का फैसला किया।

साहिल लीमा की आंखो में देखते हुए बोला:"

" तुम्हारा असली नाम लीमा नहीं सपना हैं और तुम शांता की बेटी हो।

साहिल की बात खतम होते ही लीमा की आंखे हैरानी से खुल गई और डरते हुए बोली:"

" नहीं नहीं मैं कोई सपना वपना नहीं हूं, मैं किसी शांता को नहीं जानती।

साहिल ने लीमा का हाथ पकड़ लिया और बोला:"

" तुम डरो मत, में जानता हूं कि तुम झूठ बोल रही हो क्योंकि तुम्हारे कंधे पर बना निशान ये साबित कर रहा है कि तुम सपना हो। मैंने आज सुबह देखा था। मैं जानना चाहता हूं कि शांता कहां हैं ?

लीमा समझ गई कि साहिल को सब सच्चाई पता चल गई है इसलिए झूठ बोलने से कुछ फायदा नहीं होने वाला। सपना फफक कर रो पड़ी।

साहिल:" देखो अपने आपको संभालो, तुम्हारी मा हमारे यहां ही काम करती थी। मै उन्हें कुछ नहीं होने दूंगा। बताओ मुझे।

लीमा:" मेरी मा नीरज के कब्जे में है, उसके इशारे पर ही मैंने ये सब किया हैं। मेरी मजबूरी थी अपनी मा की जान बचाने के लिए मुझे ये सब करना पड़ा।

साहिल और रूबी चौंक गए।

साहिल:" इसका मतलब तुम्हारे मा को किडनैप करके उसकी जगह ज्योति को लाया गया तो साफ हैं कि शांता और नीरज मिले हुए हैं, रवि मिश्रा और प्रिया ये सब एक ही डौर से बंधे हुए हैं और उन्हें सबको अपने इशारे पर ज्योति नचा रही है।

रूबी ने अपना सिर पकड़ लिया और बोली:'

" है भगवान, सबसे मासूम दिखने वाली ही सबसे ख़तरनाक निकली, बेटा मैंने तो तुम्हे पहले ही बता दिया था कि शांता ने जान बूझकर प्रिया को भगाया हैं और वो जरूर शांता के साथ मिली हुई हैं तभी तो उसने ऐसा किया हैं।
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04-14-2021, 12:48 PM,
RE: Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ
साहिल पूरी तरह से सारी कहानी समझ गया था कि उस दिन जो रूबी ने उसे बताया था वो बिल्कुल ठीक था।

साहिल:" सपना ये बताओ तुम्हारी मा कहां हैं ?

लीमा:" मुझे नहीं पता, बस इतना पता है कि वो नीरज के कब्जे में हैं। मेरी मा को बचा लो साहब।

साहिल:" चिंता मत करो, उन्हें कुछ नहीं होगा। अब मैं वो करूंगा कि नीरज खुद तुम्हारी मा को लेकर आएगा। बस कल टेंडर का फैसला हो जाए।

रूबी:" लेकिन बेटा टेंडर तो हमारे हाथ नहीं लग सकता, तुमने बताया था कि वो सब कुछ बदल चुके हैं।

साहिल:" मा तुम्हारा बेटा इतना बेवकूफ नहीं हैं, अभी भी बाज़ी पूरी तरह से मेरे हाथ में हैं।

रूबी:" मैं समझी नहीं कैसे ?

साहिल:" लीमा मुझे तुम्हे वापिस अभी तहखाने में ही बंद करना होगा। लेकिन शांता मा को अब कुछ नहीं होने दूंगा।

साहिल ने फिर से लीमा की वापिस बंद कर दिया और अपनी मा के पास अा गया। दोनो मा बेटे बेड पर लेते हुए थे।

रूबी:" बताओ मुझे तुम कैसे टेंडर हासिल कर लोगे ?

साहिल ने रूबी की आंखो में देखा और बोला:"

" मा मैं जानता था कि ये सब हो सकता है इसलिए मैंने पहले ही बाहर दूसरी कंपनी से बोंड कर दिया था और टेंडर के असली सैंपल वहां बन गए हैं। ये सारा खेल जान बूझकर खेला गया ताकि उन्हें बेवकूफ बना सकू।

रूबी की आंखे में अपने बेटे के लिए तारीफ साफ दिखाई दी और उसका मुंह चूम कर बोली:"

" सच में कितना तेज निकले तुम, साहिल मुझे तुम पर गर्व हैं। मेरी किस्मत अब तुम मेरे पति हो।

इतना कहकर रूबी ने अपने होंठ साहिल के होंठो पर रख दिए। साहिल ने अपनी मा के होंठो को मुंह में भर लिया और चूसने लगा। एक बार फिर से दोनो के कपड़े उतरते चले गए और रूबी बिल्कुल नंगी अपने बेटे की बांहों में मचल रही थी।

साहिल ने रूबी की चूत में एक उंगली घुसा दी तो रूबी के मुंह से आह निकल पड़ी और उसने साहिल का लंड पकड़ कर दबा दिया और अपनी टांगे खोल दी।

साहिल रूबी के उपर अा गया और उसकी चूत के मुंह पर लंड को सेट किया और एक धक्का लगाया तो आधा लंड रूबी की चूत में घुस गया और रूबी के मुंह से फिर से दर्द भरी सिसकारियां निकलने लगी

" आह उफ्फ साहिल, कितना मोटा लन्ड हैं, हाय मेरी चूत,

साहिल ने अपने लंड को बाहर की तरफ खींचा और फिर से एक ही धक्के में पूरा लंड घुसा दिया और रूबी का बदन एक बार फिर से दर्द से ऐंठता चला गया।

" आह मार दिया, उफ्फ हाय राम, कितना बेरहम हैं तू और तेरे लॉला। आह पूरा घुस गया

साहिल ने रूबी की आंखो में देखते हुए धक्के लगाने शुरू कर दिए और देखते ही देखते रूबी की मजा आंने लगा उसकी सिसकियां फिर से गूंज उठी। साहिल जितनी जोर से धक्का मारता रूबी भी अपनी गांड़ उपर की तरफ उठा देती। दोनो पसीने पसीने हो गए लेकिन कोई हार मानने को तैयार नहीं था।

साहिल ने रूबी की चूत को उंगली से सहला दिया और रूबी के मुंह से आह निकल पड़ी और वो कसकर साहिल से लिपट गई और साहिल ने तक तगड़े धक्के के साथ उसकी चूत को हिला दिया और दोनो मा बेटे एक साथ झड़ते चले गए। साहिल रूबी की चूचियों पर गिर पड़ा और रूबी उसकी कमर सहलाने लगी। थोड़ी देर बाद दोनों नींद के आगोश में चले गए।

रूबी और साहिल दोनो उठ गए थे और आज उनकी ज़िंदगी का सबसे बड़ा दिन था क्योंकि आज टेंडर के लिए सैंपल जमा होने थे ताकि आगे काम शुरू किया जा सके।

रूबी:" साहिल बेटा सब कुछ ध्यान से करना, मुझे आज किसी भी कीमत पर जीत चाहिए।

साहिल:" मम्मी आप चिंता मत करो, लेकिन ऐसा क्या हो गया कि आपको हर कीमत पर जीत चाहिए ?

रूबी:" बेटा मैं चाहती हूं कि जीतकर हम ये सब कुछ को कभी हमारा था ही नहीं उसे फिर से वापिस शांता यानी ज्योति को दे दे और हमारे बड़ों से जो गलती हुई हैं उसका थोड़ा सा प्रायश्चित कर सके।

साहिल:" मम्मी सच कहूं तो मुझे खुद भी अच्छा नहीं लगता ये सब। आप बेफिक्र रहे आज मै जीतकर ही वापिस आऊंगा।

दोनो बात कर ही रहे थे कि गेट खुला और शांता अंदर दाखिल हुई। शांता धीरे धीरे चलती हुई उनके पास अा गई और आज उसके चेहरे पर एक अलग ही खुशी, चमक नजर आ रही थी।
साहिल समझ गया कि ये सब इसलिए हैं क्योंकि वो जानती है कि मैं टेंडर हार जाऊंगा।

साहिल और रूबी दोनो ने शांता के पैर छुए और शांता ने उनके सिर पर हाथ रख दिया और बोली:"

" बेटा आज तो शायद तुम्हारा टेंडर का रिजल्ट हैं ना।

साहिल:" जी मा जी, मुझे आश्रीवाद दीजिए ताकि मैं जीत कर अा सकू।

शांता के चेहरे की चमक एकदम से गायब हो गई क्योंकि वो चाहकर भी उसे आशीर्वाद नहीं दे सकती थी लेकिन अब कर भी कहा सकती थीं।

शांता:" भगवान तुम्हे कामयाब करे बेटा।

रूबी के होंठो पर मुस्कान अा गईं और वो चुपचाप किचेन में चली गई। साहिल अपने कमरे में अा गया और जरूरी काम में लग गया। शांता भी पोचा उठाकर सफाई में लग गई।

रूबी ने नाश्ता तैयार किया और फिर जल्दी ही शांता और रूबी के साथ साथ साहिल भी नाश्ता कर रहा था।

साहिल:" शांता मा आज मम्मी मेरे साथ जाएगी मीटिंग में और आप घर ही रहेगी।

रूबी खुश हो गई लेकिन साथ ही साथ उसे इस बात की फिक्र थी कि कहीं शांता पीछे कुछ गडबड ना कर दे। लेकिन आराम से खाना खाती रही। शांता नाश्ता करने के बाद अपने कमरे में बाहर कि तरफ अा गई और साहिल और रूबी दोनो अंदर तहखाने में चले गए।

अनूप और लीमा दोनो ने नाश्ता किया और अनूप एक बार फिर से रूबी के पैरो में गिर पड़ा और माफी मांगने लगा। लेकिन रूबी उसे नजर अंदाज करते हुए बाहर अा गई।

रूबी ने घर को बाहर से बंद किया और साहिल अपनी गाड़ी निकाल चुका था और रूबी उसमे बैठ गई। शांता अपनी जासूस नजरे गड़ाए हुए दोनों को देख रही थी।

साहिल ने सबसे पहले अपने आपको बदला और अनूप के रूप में अा गया। उसके बाद दोनो दोनो ऑफिस की तरफ चल दिए। रूबी को ऑफिस में देखते ही दुबे जी गदगद हो गए और रूबी ने उनकी उम्र का लिहाज करते हुए प्यार से उनको नमस्कार किया।

साहिल:" दुबे जी मुझे ये सभी सामान चाहिए ताकि हम आज की जंग जीत सके।

दुबे:" बेटा देख लो एक बार मैंने पहले ही सब कुछ तैयार कर दिया है जैसा तुमने कहा था।

साहिल ने सारी चीज़े एक के एक चेक करी और बोला:"

" वाह दुबे जी , आप ने बहुत ही अच्छा काम किया हैं। जब तक आप जैसे अनुभवी साथी मेरे साथ हैं तो मुझे क्या दिक्कत होगी। अच्छा रवि मिश्रा का क्या हुए?
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04-14-2021, 12:48 PM,
RE: Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ
दुबे: रवि मिश्रा कल वापिस अा गया हैं लेकिन उसकी तबियत थोड़ी खराब हैं। लगता हैं बेचारे को गोवा की ठंड लग गईं हैं।

साहिल ने होंठो पर स्माइल अा गई और दुबे जी इसका पीछे का रहस्य नहीं जानते थे और सोच में पड़ गए।

साहिल:" ज्यादा सोचिए मत आप, आज आपको ही पूरे दिन सब कुछ देखना होगा। मैं शायद टेंडर के बाद सीधे घर चला जाऊंगा ।

दुबे: ठीक हैं बेटा, आप चिंता ना करे, मैं सब देखा लूंगा।

साहिल और रूबी टेंडर के लिए निकल गए। साहिल ने एक नंबर पर फोन किया और अगले ही मोड़ पर उन्हें एक लड़का जिसे साहिल ने डील करी थी मिल गया और सारे सैंपल साहिल को सौंप दिए।

साहिल:* दोस्त मैं तुम्हारा ये एहसान ज़िन्दगी भर नहीं भूल सकता।

लड़का ने एक नजर रूबी पर डाली और :" इसमें एहसान की कोई बात नहीं है अनूप जी, ये तो बिजनेस हैं यहां फायदा दिखता हैं आदमी अपने आप घूम जाता हैं।

साहिल ने उसे स्माइल दी और अपनी गाड़ी अपने लक्ष्य की तरफ दौड़ा दी। रूबी को पता नहीं क्यों अच्छा नहीं लग रहा था, उस लड़के के देखने का नजरिया बहुत ही गंदा था।

रूबी:" साहिल मुझे ये लड़का अच्छा नहीं लगा, इसकी नजर मुझे बड़ी खराब लगी। हमे इस पर यकीन नहीं करना चाहिए।

साहिल ने रूबी की आंखो में एक पल के लिए देखा और स्माइल करते हुए बोला:"

" मेरी जान रूबी तुम्हारे हुस्न के आगे अच्छे अच्छे की नीयत और नजर खराब हो जाती हैं। फिर ये बेचारा किस खेत की मूली हैं।

रूबी ने साहिल को फीकी सी स्माइल और और तभी उसकी नज़र सामने से अा रही कार पर पड़ी और डरते हुए बोली:"

" साहिल सामने देखो बेटा।

साहिल ने सामने देखा और कार को बिल्कुल अपने पास देखकर बौखला गया और ब्रेक मारते हुए बचने की कोशिश करी लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।

एक जोरदार आवाज के साथ दोनो गाडियां टकरा गई। साहिल और रूबी को एक झटका सा लगा लेकिन शायद उनका समय अच्छा था और दोनो की जान बच गई।

साहिल हल्का सा घबराते हुए बाहर निकला और देखा कि गाड़ी का ज्यादा नुकसान नहीं हुआ था। वहीं सामने वाला भी ठीक था।

दोनो ने एक दूसरे को इज्जत और प्यार से देखा और सोरी बोला और उसके बाद साहिल अपनी गाड़ी में आकर बैठ गया और कार स्टार्ट करने लगा तभी उसकी नज़र पीछे पड़ी और और साहिल को लगा कि जैसे वो कोई सपना देख रहा है और उसके मुंह से हैरानी भरे शब्द निकले

* नहीं भगवान, ये नहीं हो सकता।

रूबी तुरंत पीछे घूम गई और देखा कि उस लड़के ने जो टेंडर सैंपल साहिल को दिए थे वो हल्के से झटके से ही टूट गए थे। रूबी की भी हालत खराब हो गई।

रूबी:" वो कमीना भी धोखा दे गया, अब क्या होगा साहिल।

साहिल के चेहरे पर निराशा साफ झलक रही थी। उसे समझ में नहीं अा रहा था कि अब क्या किया जाए। साहिल ने अपने निराशा में अपना माथा पकड़ लिया और अपनी आंखे बंद कर ली। उसे कुछ रास्ता नजर नहीं आ रहा था।

रूबी साहिल को ऐसे उदास देखकर टूट सी गई लेकिन वो जानती थी कि अपने बेटे की आखिरी हिम्मत वहीं हैं इसलिए खुद को संभाल कर बोली:"

" साहिल ऐसे परेशान होने से कुछ नहीं होगा। उठो अभी तो टाइम बाकी हैं हमारे पास, हम अपनी आखरी सांस तक लड़ाई लड़ेंगे।

साहिल ने अपने चेहरे पर से हाथ हटाया और रूबी की तरफ देखा और उसे रूबी की आंखो में दुख के साथ साथ चमक नजर आईं और बोला:"

" हान मम्मी, हम ऐसे हार नहीं मान सकते, हम हर हाल में जीत कर ही दम लेंगे।

रूबी ने साहिल का माथा चूम लिया और उसका हाथ पकड़ कर अपनी गोद में रख लिया। साहिल ने उस लड़के का नंबर मिलाया जिससे उसने डील करी थी जिसका नाम आबिद था।

साहिल:" ये सब क्यों किया मेरे साथ तुमने ? मैंने तो तुम्हे आधे का पार्टनर भी बना दिया था।

आबिद:" मैं सिर्फ अपना फायदा देखता हूं, तुम मुझे आधा दे रहे थे अच्छे सैंपल के लिए और दूसरी पार्टी ने मुझे पूरा टेंडर दे दिया। अब तुम्हीं बताओ मैं क्या करता।

साहिल समझ गया कि ये सब नीरज का किया धरा हैं इसलिए गुस्से से बोला:"

" तुम्हारे लिए जुबान की कोई कीमत नहीं, अपने वादे कोई मायने नहीं रखते।

आबिद:" आवाज नीचे रखकर बात करो, मुझे सिर्फ पैसा अच्छा लगता हैं। वादे जुबान ये सब बाते किताबो में ही अच्छी लगती है।

साहिल:" तुम एक बेहद ही घटिया और नीच किस्म के इंसान निकले।

आबिद:" बकवास मत करो, बिजनेस में सब चलता हैं। भाड़ में जाओ तुम।

इतना कहकर आबिद ने फोन काट दिया। साहिल का मूड पूरी तरह से खराब हो गया और उसने रूबी को सारी बाते बताई।

रूबी उसे समझाते हुए बोली:"

" बेटा आजकल नीच और बुरे लोगो का ही बोलबाला हैं। लेकिन हर पाप का घड़ा भरता हैं और इनके सब पाप का भी घड़ा भर चुका हैं। कोई ना कोई रास्ता निकाल आएगा। चलो गाड़ी चलाओ।

साहिल ने उदास मन से गाड़ी को आगे बढ़ा दिया और दुबे जी को कॉल किया।

साहिल:" दुबे जी मैं आपको एक लिस्ट भेज रहा हूं। आप उसके हिसाब से सामान लेकर खुद ही अा जाओ।

दुबे:" ठीक हैं बेटा।

साहिल ने फोन काट दिया और टेंडर ऑफिस के बाहर ही दुबे का इंतजार करने लगा। रूबी और साहिल दोनो गाड़ी से बाहर अा गए और दोनो खड़े हुए आपस में बात कर रहे थे।

तभी साहिल का फोन बज उठा और साहिल ने देखा कि आरव का नंबर था इसलिए वो कार के दूसरी तरफ चला गया और बात करने लगा। रूबी वहीं खड़ी हुई कुछ सोच रही थी।

तभी एक कार वहां आकर रूकी और उसका दरवाजा खुला और उसमे से एक करीब चालीस साल का गोरा बिल्कुल सुंदर लेकिन गंजा आदमी बाहर निकला जिसके साथ कुछ गार्ड भी थे।
अंदर जाते जाते उसकी नजर रूबी पर पड़ी और वो एक पल ही में ही पहचान गया कि ये तो वहीं योग के लिए प्रसिद्ध रूबी हैं।

आदमी जिसका नाम सुनील था एक पल के लिए ठिठका और उपर से नजर तक एक भरपूर नजर उसने रूबी के जिस्म पर डाली और रूबी को जैसे ही उसका आभास हुआ तो आदमी हल्का सा सकपका गया और स्माइल करते हुए बोला

" अरे आप रूबी मैडम हैं ना, वही जो योगा के लिए प्रसिद्ध हैं।
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