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RE: Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ
वहीं दूसरी तरफ रूबी अनूप के कमरे से निकली और किचेन में घुस कर साहिल के लिए दूध गर्म करने लगी।
साहिल सोच रहा था कि आज जो उसने अपने बाप के साथ किया क्या वो ठीक था ? उसके दिल और दिमाग के बीच गहरी जंग चल रही थी जिसमे आखिर कार जीत उसके दिल की हुई कि उसने बिल्कुल ठीक किया क्योंकि ऐसे कमीने बाप को तो मार मार कर ही ठीक करना चाहिए। मेरे बाप को गलत राह पर ले जाने के लिए सिर्फ नीरज जिम्मेदार हैं और मैं उसे ऐसा सबक सिखाने वाला हूं जो वो मारते दम तक नहीं भूलने वाला हैं।
दूसरी तरफ रूबी पर अब विटामिन सिरप का असर फिर से होने लगा और उसकी आंखे अपने आप लाल होने लगी। शरीर का तापमान बढ़ने लगा और गला सूखता हुआ महसूस हुआ। किचेन की गर्मी और दूसरा सिरप का असर जल्दी ही रूबी की हालत खराब होने लगी और उसने दूध को एक ग्लास में लिया और अपने बेटे के कमरे की तरफ चल पड़ी। कान में लटकते हुए बड़े बड़े बूंदे, माथे पर बीचों बीच गाल रंग की गोल बिंदी और मांग में सजा हुआ सिंदूर। कुल मिलाकर वो बेहद कामुक थी और आंखो में तैरते हुए लाल डोर उसकी खूबसूरती को और बढ़ा रहे थे। उसकी साड़ी का पल्लू उसे बार बार कंधे पर से गिरकर परेशान कर रहा था इसलिए उसने पल्लू को कंधे पर सारी ब्लाउस के साथ बांध दिया और अपने बेटे के कमरे की तरफ चल पड़ी। जब से आज साहिल ने उसके आगे अनूप पर हाथ उठाया था तब से उसे साहिल पर बहुत प्यार अा रहा था।
रूबी कमरे के अंदर दाखिल हुई और जैसे ही साहिल की नजर उस पर पड़ी तो साहिल की सोच को विराम लगा और वो अपनी खूबसूरत मम्मी को देखने लगा। रूबी धीरे धीरे चलती हुई उसके पास पहुंच गई और लेते हुए साहिल की तरफ झुक कर दूध का ग्लास बढ़ाते हुए एक बहुत ही प्यारी स्माइल के साथ बोली:"
" लो बेटा दूध पियो "
रूबी के झुकने से उसकी मस्त चूचियो का उभार साफ़ नजर आया और साहिल को एकपल के लिए तो समझ ही नहीं आया कि उसकी मम्मी उसे कौन सा दूध पीने के लिए बोल रही हैं। उसने रूबी की चूचियों को देखते हुए अपना हाथ ग्लास की तरफ बढ़ा दिया लेकिन नजरे अभी भी रूबी की चूचियों पर ही टिकी हुई थी।साहिल जब ग्लास नहीं पकड़ पाया तो रूबी स्माइल करते हुए बोली:"
" कहां खो गए बेटा? ग्लास तो पकड़ लो ध्यान से तुम !!
साहिल को अपनी मम्मी की बात सुनकर झटका सा लगा और उसे अपने आप पर शर्म महसूस हुई और उसने नजरे झुकाते हुए ग्लास पकड़ लिया और दूध पीने लगा। रूबी उसकी ये हालत देखकर अंदर ही अंदर मुस्कुराने लगी।
रूबी: बेटा आज तो तुम्हे सब कुछ साफ हो गया होगा क्योंकि आज तो तुमने अपने बाप के मुंह से सब सुन लिया।
साहिल:" हान मम्मी मैं सच में कितना गलत था मुझे आज एहसास हुआ। मैं अपनी नजरो में खुद को गिरा हुआ महसूस कर रहा हूं।
रूबी ने उसका हाथ पकड़ लिया और बोली:'
" बेटा ज्यादा दुखी होने की बात नहीं है, गलती इंसान से ही होती हैं और तुमसे भी वही हुआ।
साहिल ने एक घूंट में ग्लास खाली कर दिया और अपना सिर रूबी की गोद में रख दिया तो रूबी प्यार से उसका सिर सहलाने लगी। दोनो मा बेटे को बहुत अच्छा लग रहा था क्योंकि आज दोनो के मन में छाए सब बादल साफ हो गए थे। जहां एक और साहिल खुद अपने बाप के मुंह से सब सुन चुका था वहीं रूबी ने भी आज देख लिया था कि साहिल उसका बेटा पूरी तरह से रूबी के साथ हैं।
रूबी:' बेटा आज तुमने जब अपने बाप पर हाथ उठाया तो मैं तो जैसे यकीन हो नहीं कर पा रही थी।
साहिल अपनी मां की आंखो में देखते हुए बोला:_
" अच्छा तो मुझे भी नहीं लगा मम्मी, लेकिन कोई आपको गलत कहे मैं बिल्कुल बर्दाश्त नहीं कर सकता चाहे तो अनूप ही क्यों ना हो ! मुझे तो लगता हैं कि पापा पर मैंने बहुत पहले ही हाथ उठा देना चाहिए था तो अब तक तो सुधर जाते।
रूबी:" बेटा मुझे नहीं लगता कि तुम्हारे पापा अब सुधर सकते हैं, बल्कि कहीं ऐसा ना हो वो अब तुम्हारे भी दुश्मन बन जाए और ये सब मेरी वजह से हो रहा था।
इतना कहकर रूबी हल्का सा उदास हो गई तो साहिल उठ कर रूबी की गोद में बैठ गया और अब उसकी सांसे रूबी के मुंह पर पड़ रही थी। साहिल रूबी की आंखो में देखते हुए बोला:"
" मम्मी आपके लिए तो मैं पापा क्या सारी दुनिया से टकरा सकता हूं मम्मी।
रूबी साहिल के गाल को हल्का सा खींचते हुए बोली:'
" अच्छा जी, इतना प्यार करते हो तुम अपनी मम्मी से मेरे लाल।
साहिल रूबी की आंखो में पूरे आत्म विश्वास के साथ देखते हुए बोला'"
" इससे भी कहीं ज्यादा मम्मी, आपसे बढकर मेरे लिए दुनिया में कोई नहीं हैं।
रूबी ने साहिल के बालो को सहलाना शुरू किया और बोली:"
" बेटा मुझे हमेशा ऐसे ही प्यार करते रहना, अब तुम्हारे सिवा मेरा कोई नहीं हैं बेटा। अनूप का अब मुझे कोई भरोसा नहीं। मेरी ज़िन्दगी बहुत मुश्किल हालात से गुजर रही हैं।
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साहिल ने रूबी का हाथ पकड़ लिया और बोला:"
" मम्मी आप अपने बेटे पर यकीन रखे, आपको मेरे होते हुए कुछ नहीं हो सकता।
रूबी को साहिल की बात में सच्चाई नजर अाई और बोली:"
" चल अच्छा बेटा, रात बहुत हो गई हैं, अा चल सो जाते हैं।
इतना कहकर रूबी ने अपनी बांहे फैला दी तो साहिल अपनी मा की गोद में समा गया और दोनो आंखे बंद करके सोने की कोशिश करने लगे। साहिल आज बहुत दिन भर भाग दौड़ की वजह से बहुत थक गया था इसलिए जल्दी ही सी गया। रूबी की आंखो से नींद बहुत दूर थी क्योंकि एक तो वो नीरज लीमा अनूप की वजह से पहले से ही परेशान थी उपर से अब प्रिया के शांता की बेटी होने की सच्चाई जानकर वो ज्यादा महसूस कर रहीं थीं।
सबसे ज्यादा दुख उसे अनूप की रिपोर्ट का था क्योंकि उसका पति अनूप अब लंड से सिर्फ मूतने का ही काम कर सकता था। जिस्मानी सुख तो रूबी को पहले भी नहीं मिल रहा था लेकिन कहीं ना कहीं उम्मीद थी कि एक दिन सब ठीक हो जाएगा लेकिन आज सब कुछ शीशे की तरह बिल्कुल साफ हो गया था कि अनूप खुद को खत्म कार चुका है।
साहिल ने नींद में ही करवट ली और रूबी से कसकर चिपक गया जिससे रूबी और उसके दूर की दूरी बिल्कुल समाप्त हो गई। रूबी की नजर साहिल पर पड़ी तो उसे अपने बेटे पर बहुत प्यार आया और उसने साहिल का गाल चूम लिया और सोचने लगी कि साहिल मुझसे बहुत प्यार करता हैं। तभी उसकी नज़र साहिल की चौड़ी छाती पर पड़ी तो उसे उसके सीने पर काले घने बाल नजर आए तो रूबी को एहसास हो गया कि उसका बेटा अब भरपूर मर्द बन गया हैं।
रूबी की आंखे अब बिल्कुल लाल सुर्ख हो गई थी और उसने उत्तेजना के वशीभूत होकर अपने पैर की उंगलियों की आपस में रगड़ना शुरू कर दिया। रूबी की सांसे तेज हो गई और गला प्यास के मारे सूखने लगा।
पैर की उंगलियों को रगड़ने से रूबी की जांघें आपस में रगड़ खाने लगी और साहिल की जांघो से बार बार छू रही थी। साहिल हालाकि गहरी नींद में था लेकिन फिर भी उसके जिस्म में असर होने लगा जिसके चलते साहिल के लंड में तनाव आना शुरू हो गया। रूबी इस बात से बिल्कुल बेखबर अपने सूख चुके होंठो को बार बार जीभ फिराकर गीला कर रही थी।
कुछ ही मिनट में साहिल का लंड खड़ा हो गया और रूबी की जांघो से टकराने लगा तो रूबी को झटका सा लगा और उसने अपनी आंखे खोलकर एक बार साहिल के चेहरे को देखा तो उसे साहिल में एक जवान मर्द नजर आया।
रूबी की चूत पूरी तरह से गीली हो गई थी और वो अपने होशो हवास खो बैठी और रूबी अपने बेटे के चेहरे पर झुक गई और उसके गाल को चूम लिया और जीभ निकाल कर चाट भी लिया।
रूबी थोड़ा सा आगे हुई और अपनी टांगो को खोलते हुए साहिल की टांगो को अपनी टांगो के बीच में कस लिया जिससे लंड रूबी की टांगो के बीच में घुस गया और उसके मुंह से एक मस्ती भरी आह निकल पड़ी। रूबी ने साहिल के चेहरे को दीवाना वार चूमना शुरू कर दिया और उसकी जांघें अपने आप ही साहिल के लंड को दबाने लगी। उफ्फ कितना सख्त हैं, एकदम पत्थर सा, पता नहीं क्या खाता है।
लंड की सख्ती को महसूस करके रूबी की हिम्मत और बढ़ गई और उसने अपनी जांघों को पूरी तरह से खोल कर बिल्कुल साहिल से कसकर लिपट गई जिससे लंड का एहसास उसे अब सीधे उसकी चूत पर हो रहा था। रूबी की चूत लंड की रगड़ पाकर निहाल हो गई और पूरी तरह से टप टप करने लगी। रूबी को आज सालो के बाद लंड का जादुई एहसास हुआ था और उसने बिना सोचे समझे बिना देर किए अपनी चूत को लंड पर रगड़ना शुरू कर दिया। लंड अब पूरी तरह से अपनी औकात पर अा चुका था और रूबी की आंखे इस अद्भुत सुख को महसूस करके बंद हो गई थी।
रूबी की साडी अस्त व्यस्त हो गई थी और उसकी टांगो से हट चुकी थी जिसका उसे कोई एहसास नहीं था और अब पूरी ताकत से अपनी चूत को अपने बेटे के लंड पर रगड़ रही थी। रूबी की चूचियों में एक अकड़न पैदा हो गई थी और साहिल ने नींद में ही अपना मुंह उसकी चूचियों के उभार पर रख दिया तो रूबी को अपने बेटे की सांसे अपनी चूचियों पर महसूस हुई तो रूबी मस्ती से लरज उठी और रूबी ने अपनी सब शर्म लिहाज छोड़ते हुए अपने दोनो हाथों को साहिल की कमर में लपेट कर जोर से अपनी तरफ खींचा और अपनी चूत को कसकर उसके लंड पर दबा दिया और उसके साथ ही रूबी की चूत ने अपना रस छोड़ दिया तो रूबी ने मदहोश होकर साहिल के चेहरे पर झुकते हुए अपने दांत उसके गाल पर गडा दिए तो साहिल दर्द से कसमसा उठा और उसकी आंख खुल गई तो उसने अपने आपको पूरी तरह से अपनी मम्मी की गिरफ्त में पाया और रूबी आंखे बंद करके लंबी लंबी सांस ले रही थी। साहिल को लगा कि उसकी मम्मी नींद में उससे कसकर चिपक गई हैं और उसे एहसास हुआ कि उसका खड़ा हुआ लंड उसकी मा की जांघो के बीच घुसा हुआ हैं तो उसे खुद पर बड़ी शर्म महसूस हुई और अपनी आंखे फिर से बंद कर ली।
रूबी की चूत से निकलता हुआ रस उसकी जांघो तक अा गया और साहिल को अपने लंड पर कुछ हल्का गीला गीला महसूस हुआ तो उसने डर और शर्म के मारे अपनी आंखे बंद कर ली। रूबी की चूत झड़ने के बाद शांत पड़ गई और रूबी को अपनी हालत का एहसास हुआ तो उसे खुद पर शर्म महसूस हुई और वो चुपचाप धीरे से उठी और बाथरूम में घुस गई।
साहिल रूबी के जाते ही अपनी पैंट के उभार पर बने हुए गीले निशान को देखने लगा और उसे पता था कि इस जगह पर तो मेरी मम्मी की चूत थी। उफ्फ इसका मतलब ये सब रस मेरी मा की चूत से निकला हैं। साहिल को आज यकीन हो चला कि उसकी मा सचमुच बहुत प्यासी हूं और अनूप से अब कुछ होने वाला नहीं है। क्या मेरी मा अब सारी उमर ऐसे ही इस जिस्म की आग में जलती रहेगी।
तभी साहिल को रूबी के आने की आने की आहत सुनाई दी तो साहिल की सोच को ब्रेक लगा और उसने फिर से अपनी आंखे बंद कर ली। रूबी ने लाइट को बंद किया और कमरे में नाईट बल्ब जला दिया और बेड पर लेट गई। दोनो मा बेटे अब जाग रहे थे लेकिन कोई कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं था। रूबी ने फिर से साहिल की तरफ करवट ली तो लंड फिर से उसकी जांघो से जा टकराया तो रूबी को फिर से एक झटका सा लगा। उफ्फ अभी तक कितना टाइट हैं।
रूबी थोड़ा सा पीछे हो गई और सोने की कोशिश करने लगी लेकिन लंड को एक बार से महसूस करके उसकी नींद उड़ गई थी और उसके जिस्म में फिर से बेचैनी महसूस होने लगी। रूबी को समझ नहीं आ रहा था कि आखिर उसे हो क्या रहा हैं आज ? क्यों उसकी चूत इतनी ज्यादा भीग रही हैं, उफ्फ कहीं मेरे बेटे के लंड की वजह से तो। धत तेरी की उफ्फ मैं ये क्या गन्दा गंदा सोच रही हूं। रूबी फिर से सोने की कोशिश करने लगी लेकिन नींद तो जैसे उसकी आंखो से गायब हो चुकी थी। उसने मोबाइल उठाकर देखा तो रात के तीन बज चुके थे। रूबी के जिस्म से रह रह कर आग की लपट सी निकल रही थी। जब उससे बर्दाश्त नहीं हुआ तो वो बिना आवाज लिए धीरे से उठी और कमरे से बाहर चली गई।
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रूबी के जाने के बाद साहिल भी धीरे से उठा और उसके पीछे पीछे ही चल पड़ा।मदहोशी से रूबी के कदम बहक रहे थे और वो आज फिर चुदाई लोक की तरफ जा रही थी जिसे देखकर साहिल हैरान हो रहा था कि एक बार झड़ने के बाद रात के दो बजे उसकी मा फिर से चुदाई लोक में जा रही हैं शायद फिर से पत्थर पर अपनी चूत रगड़ने के लिए या आज और भी कुछ नया देखने के लिए मिलेगा।
रूबी स्टोर रूम में घुस गई और बिना देर किए चुदाई लोक में दाखिल हो गई। जैसे ही वो अंदर घुसी तो चुदाई लोक लिखी स्क्रीन देखकर उसकी चूत चुदने के लिए तड़पने लगी। रूबी ने आज अपने ब्लाउस को उतार कर फेंक दिया और अब वो उपर से सिर्फ हल्के लाल रंग की ब्रा में थी और सीधे झरनें के नीचे जाकर खड़ी हो गई और नहाने लगी।
देखते ही देखते उसका पुरा जिस्म पानी से भीग गया और कपडे उसके बदन से पूरी तरह से चिपक गए। साहिल भी अब चुदाई लोक में घुस चुका था और एक पत्थर के पीछे छुप कर अपनी मम्मी को नहाते हुए देख रहा था। रूबी के हाथ अपने बदन पर बहुत ही कामुक अंदाज में घूम रहे थे जिसे देखकर साहिल के लंड में तनाव पूरी तरह से अा गया था। रूबी की नजर उस रात वाले पत्थर पर पड़ी तो उसकी चूत मचल उठी। उफ्फ ये तो वहीं पत्थर हैं जिसने उस रात मुझे स्वर्ग का आनन्द दिया था। रूबी के कदम खुद ही पत्थर की तरफ बढ़ते चले गए और उसने पत्थर को अपनी जांघो के बीच में कस लिया और उसके मुंह से मस्ती भरी सिसकारियां निकलने लगी। रूबी को पत्थर की सख्ती महसूस करते ही साहिल का लंड याद अा गया। वो भी बिल्कुल इतना ही सख्त हैं बिल्कुल इस पत्थर की तरह कठोर।
बस फिर क्या था रूबी के उपर जैसे पागलपन सवार हो गया और उसने पूरी तेजी से अपनी चूत को पत्थर पर घिसना शुरू कर दिया। साहिल की तो आंखे फटी की फटी रह गई रूबी का ये कामुक अवतार देखकर। रूबी के मुंह से निकलती हुई मादक सिसकारियां माहौल में पूरी तरह से आग लगा रही थी और साहिल थोड़ा करीब से देखने के लालच में जैसे ही आगे हुआ तो एक छोटा सा पत्थर का टुकड़ा नीचे गिर गया और उसकी आवाज सुनकर रूबी की मस्ती को ब्रेक लगा। उसने मुड़कर देखा तो उसे उसका बेटा साहिल नजर अाया तो एक पल के लिए वो शरमा गई लेकिन वासना उसके उपर इस कदर हावी हो गई थी उसने पत्थर को अपनी जांघो में कस लिया और साहिल की तरफ देखते हुए बोली':"
" साहिल क्या हुआ रात को यहां ? नींद नहीं आ रही है क्या?
इतना कहकर रूबी हल्का सा पीछे को हुई और फिर से धीरे से आगे हो गई जिससे पत्थर की रगड़ फिर से उसकी चूत पर पड़ी और उसके चेहरे पर सुख के भाव साफ नजर आए।
साहिल:" मम्मी आपको देखने के लिए चला आया कि कहीं आप किसी मुसीबत में तो नहीं फस गई हो ?
रूबी:" ओह मेरे लाल, कितना अच्छा है तू, सच में बहुत ध्यान रखता है मेरा। आज गर्मी बहुत थी इसलिए बहाने के लिए अा गई देख ना यहां कितना अच्छा लग रहा है ?
रूबी ने खुले शब्दों में साहिल को बुलावा दिया तो साहिल बिना देर किए झरने के नीचे जाकर खड़ा हो गया और अपनी मा को ध्यान से देखने लगा तो रूबी शर्म के मारे स्माइल करते पलट गई।
साहिल को अब साहिल की नजरो का सामना नहीं करना पड़ रहा था जिससे वो अब फिर से अपनी चूत पत्थर पर रगड़ने लगी। साहिल बीच बीच में गर्दन घुमा कर रूबी की तरफ देख रहा जिससे रूबी हल्की सी शर्मा रही थी और बोली:"
" क्या हुआ ऐसे क्यों घूर घूर कर देख रहे हो मुझे तुम ?
साहिल रूबी की तरफ घूम गया और उसकी चूचियों के बीच में देखते हुए बोला:"
"देख रहा हूं मेरी मम्मी कितनी खूबसूरत लग रही हैं आज ? सच में मम्मी आपको देखकर कोई नहीं कह सकता कि आप एक जवान बेटे की मा हैं !!
रूबी ने हल्का सा आगे होते हुए पत्थर पर फिर से अपनी जांघो को कस लिया और बोली:"
" साहिल बेटा दिल्ली में कोई आंटी नहीं मिली क्या जो अपनी मा पर डोरे डाल रहे हो ?
साहिल रूबी की आंखो में देखते हुए आत्म विश्वास के साथ बोला:"
" ओह मम्मी कहां वो और कहां आप? आपने सामने तो जवान लड़की भी पानी मांगे आप आंटी की बात करती हो।
रूबी अपनी तारीफ सुनकर अंदर ही अंदर खुश हो गई और बोली:'
" बेटा तुम्हारी तबियत तो ठीक हैं आज जो मेरी इतनी तारीफ कर रहे हो ? आओ नहा लो तुम भी झरने ये नीचे !!
साहिल थोड़ा सा आगे बढ़ा और रूबी के ठीक सामने पहुंच गया और झरने का पानी उसके उपर गिरने लगा तो उसके कपड़े भी भीग गए और तभी अचानक पत्थर भीग कर गीला होने के कारण हल्का सा टूट गया तो रूबी गिरने लगी तो साहिल ने अपने दोनो हाथ आगे बढ़ा कर उसकी कमर को थाम लिया। गिरने के डर से रूबी भी साहिल से कसकर लिपट गई और दोनो के चेहरे एक दूसरे के बिल्कुल सामने आ गए और एक दूसरे की आंखो में देखने लगे।
रूबी की आंखो से साहिल को लाल डोरे तैरते हुए साफ नजर आ रहे थे वहीं रूबी अपनी लगभग नंगी कमर पर साहिल के हाथ पड़ते ही कांप उठी और बोली:'
" ओह साहिल बेटा, तुमने मुझे गिरने से बचा लिया, सच में तुम मेरा कितना ध्यान रखते हो।
साहिल का खड़ा लंड अब रूबी की जांघो में घुस रहा था जिससे साहिल भी अब बहकने लगा और बोला:'..
" मम्मी आप को मेरे होते कुछ नहीं हो सकता, मैं आपसे बहुत प्यार करता हूं।
रूबी जो कि पत्थर पर चूत रगड़ रगड़ कर पूरी तरह से गरम हो गई थी लेकिन पत्थर टूट जाने के बाद अब जैसे ही लंड उसकी जांघो में घुसा तो उसे फिर से मस्ती का एहसास हुआ और उसने थोड़ा आगे होते हुए अपनी एक टांग को मोड़कर साहिल की टांग पर चढ़ा दिया जिससे उसकी जांघें पूरी तरह से झुक गई और रूबी की चूत सीधे लंड पर जा लगी तो रूबी मस्ती से बहक गई और साहिल की गर्दन पर अपनी गर्म गर्म सांसे छोड़ते हुए बोली:"..
" क्या सच में तू अपनी मा से इतना प्यार करता हैं? बेटा कहीं अपने आप की तरह तो नहीं बदल जाएगा।
साहिल ने अपनी एक उंगली को रूबी के होंठो पर रख दिया और बोला:"
" मम्मी उस अनूप चूतिया की बात मत करो, तुम्हारे लिए तो मेरी जान भी हाज़िर है चाहे तो मांग कर देख लो!!
इतना कहकर साहिल ने रूबी को जोर से कस लिया तो रूबी भी उससे पहले से ज्यादा जोर से चिपक गई और उसके गाल को चूमने लगी।
।
" ओह साहिल आई लव यू बेटा, तुम बहुत अच्छे हो।
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रूबी के जलते हुए होंठ अपने गाल पर लगते ही साहिल भी मचल उठा और उसकी उंगलियां रूबी की कमर पर घूमने लगी तो रूबी इस मर्दाना एहसास को महसूस करके पूरी तरह से मस्ती में आ गई और जीभ निकाल कर उसके गाल को चाटने लगी तो साहिल के हाथ भी अब रूबी की कमर पर ज्यादा सख्ती से कस गए। अब दोनो मा बेटे पूरी तरह से बहक गए थे और रूबी धीरे से अपनी चूत को लंड पर रगड़ने लगी तो साहिल के जिस्म को झटका सा लगा और दोनो अलग हो गए।
रूबी ने एक बार फिर से साहिल की तरफ कामुक नजरो से देखा और बोली:
" क्या हुआ साहिल ? मैं ज्यादा मोटी हूं क्या जो डर गए ?
इतना कहकर रूबी पलट गई तो साहिल फिर से आगे बढ़ा और रूबी के पीछे आते हुए अपने दोनो हाथ उसके नंगे कंधो पर टिका दिए।
साहिल के हाथ अपने कंधे पर पड़ते ही रूबी की आंखे मस्ती से बंद हो गई और वो अपने आप थोड़ा सा पीछे को सरक गई जिससे लंड उसकी गांड़ पर जा लगा। साहिल ने रूबी का इशारा समझते हुए आगे होते हुए अपने एक हाथ को रूबी की कोहनी पर रखते हुए दबाव दिया तो रूबी की चूचियां हल्की सी दब गई और रूबी पूरी तरह से बहक गई। साहिल अपना चेहरा आगे लाते हुए उसकी गर्दन पर गर्म सांस छोड़ते हुए बोला:"
" मोटी कहां हो आप मम्मी, कहीं से भी नहीं , बिल्कुल कमाल का फिगर हैं आपका तो।
साहिल की सांसे अपनी गर्दन पर महसूस करते ही रूबी की गर्दन अपने आप पीछे खींचती चली गई और उसकी चूचियां बाहर की तरफ उभर कर आधे से ज्यादा नंगी नजर आने लगी। रूबी की गांड़ अपने आप धीरे धीरे लंड पर हिल रही थी और रूबी बोली;"
" क्या सच में मेरा फिगर तुझे इतना अच्छा लगता है साहिल?
साहिल ने अपना एक हाथ धीरे धीरे नीचे लाते हुए रूबी के नंगे पेट पर टिका दिया तो रूबी से अब बर्दाश्त नहीं हुआ और वो एक झटके के साथ पलटी और साहिल से कसकर लिपट गई। रूबी के पलटते ही उसकी चूचियां साहिल के सीने में घुस गई और साहिल के हाथ उसकी पीठ पर कसते चले गए और बोला:"
" ओह मम्मी आपकी ये चिकनी कमर, उफ्फ नागिन की तरह बलखाती हुई है।
रूबी ने अपनी टांगो को खोलते हुए साहिल की टांगो के पीछे रखकर उसे जोर से कस लिया और बोली:"
" सच में बेटा, मुझे तो लगता था कि मैं मोटी हो गई हूं। ठीक से देख ना बेटा एक बार
साहिल को तो जैसे मुंह मांगी मुराद मिल गई और वो रूबी की नंगी कमर पर हाथ फेरते हुए बोला:"
" उफ्फ मम्मी बिल्कुल चिकनी है, आपका फिगर क्या हैं मम्मी ?
रूबी:" मुझे नहीं पता तू खुद ही देख ले कितना हैं ?
इतना कहकर रूबी एक झटके से साथ अलग हुई और वहीं पत्थर पर लेट गई। साहिल रूबी का इशारा समझते हुए उसके पास बैठ गया और उसकी कमर पर हाथ फेरते हुए बोला:"
" मम्मी ये तो 30 से कम नहीं होगी। सच में मम्मी बहुत अच्छी है आपकी।
रूबी की आंखे मजे से बंद थी और रूबी आपके आप ही थोड़ा सा ऊपर को खिसक गई जिससे अब साहिल की आंखो के आगे उसकी गांड़ अा गई तो साहिल ने बिना देर किए अपने दोनो हाथ नीचे घुसा कर उसकी गांड़ को पकड़ लिया और अच्छे से महसूस करके हल्का सा दबाते हुए बोला:"
" मम्मी ये तो 40 से कम नहीं होगा। उफ्फ सच में कितनी अच्छी से आपने अपने हिप्स बनाए हुए हैं।
रूबी अपनी तारीफ सुनकर खुश हो गई थी। आज अजीब तो लग रहा था उसका बेटा उसका फिगर माप रहा है लेकिन अच्छा भी बहुत लग रहा था। साहिल ने इस बार रूबी के नीचे खिसकने का भी वेट नहीं किया और अपने दोनो हाथ उसकी चूचियों पर रख दिए और बहुत हल्के से उपर घुमाते हुए महसूस करने लगा और बोला:"
'" मम्मी कमाल की फिटनेस हैं आपकी, कम से कम 36 होगा, आप तो कयामत हैं मा क़यामत।
रूबी का बदन थर थर कांप रहा था और साहिल के हाथ उसके जिस्म को पूरी तरह से बहका गए थे। रूबी ने साहिल की आंखो में देखा और अपनी दोनो बांहे उसकी तरफ फैला दी तो साहिल ने उसे अपनी बाहों में भर लिया और दोनो फिर से झरने के नीचे खड़े हो गए।
रूबी ने अपनी एक टांग को मोड़कर साहिल की टांग पर चढ़ा दिया और फिर से उससे चिपकती चली गई और बोली:..
" आह बेटा मुझे ठंड लग रही है, उफ्फ कस ले मुझे अपनी बाहों में बेटा।
साहिल ने रूबी को अपनी तरफ खींच लिया और दोनो मा बेटे फिर से चिपक गए। रूबी के हाथ अब अपने आप साहिल के बदन पर घूम रहे थे और साहिल भी अब अपनी मम्मी की कमर हो खुलकर सहला रहा था।
रूबी के हाथ धीरे धीरे साहिल की छाती पर घूम रहे थे और चूत जैसे लंड पर चिपकी हुई थी। रूबी और साहिल दोनो ही थोड़ा थोड़ा हिल रहे थे जिससे लंड का दबाव बढ़ता जा रहा था। रूबी आंखे बंद किए ही बोली:"
" आह साहिल बेटा मुझे कभी मत भूलना, मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूं।
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साहिल घर के अंदर आया तो वो सबसे पहले प्रिया के कमरे में गया और देखा कि प्रिया अभी तक कमरे में बेहोश पड़ी हुई थी। साहिल ने एक बॉटल से पानी निकाला और पानी में कुछ छींटे उसके मुंह पर मारे तो धीरे धीरे प्रिया ने अपनी आंखे खोल दी और अपने आपको फिर से कमरे में बंद पाया तो उसे निराशा हुई।
उसने साहिल की तरफ देखा और बोली:"
" आखिर मैंने तुम्हारा क्या बिगाड़ा हैं ? पहले तुमने ने मुझे बंद कर दिया था और इस बार मुझे अनूप उठा लाए। आखिर क्यों मेरे साथ तुम ऐसा कर रहे हो ?
साहिल :" तुम्हे तो सब पता हैं प्रिया कि तुम नीरज के साथ मिलकर मेरे परिवार को तबाह करने पर तुली हुई हो। बस इसलिए तुम्हे यहां फिर से लाया गया हैं।
प्रिया:" मैं माफी मांग चुकी हू और वादा करती हूं कि आगे से ऐसा नहीं करूंगी अब प्लीज़ छोड़ दो मुझे आप।
साहिल:" चिंता मत करो तुम्हे आज शाम तक छोड़ दूंगा, जहां मन करे चले जाना।
प्रिया खुश होती हुई बोली:"
" क्या सचमुच तुम मुझे छोड़ दोगे ना पक्का?
साहिल:" मैं झूठ नहीं बोलता, आज शाम को तुम्हे आजाद कर दिया जाएगा। अच्छा एक बात बताओ क्या तुम सच में शांता की बेटी हो ?
प्रिया:" नहीं, लेकिन पता नहीं वो क्यों मेरे पीछे पड़ी हुई है और बार बार बेटी बेटी करती रहती है ?
साहिल:' तो फिर तुम्हारे मा बाप कौन हैं ?
प्रिया:' पता नहीं मुझे, नीरज के घर में काम करने वाले हरी राम ने मुझे पाला था। मरने से पहले उन्होंने मुझे बताया कि मै उसकी बेटी नहीं हूं। इससे पहले कि वो मेरे मा बाप के बारे में बताता उसकी मौत हो चुकी थी।
साहिल:" ओह इसका मतलब तुम्हे अपने मा बाप का नहीं पता हैं कि कौन हैं।
प्रिया:" नहीं पता लेकिन नीरज के के यहां भी पल बढकर मैं बड़ी हुई इसलिए मैं उसकी हर बात मानती हू।
साहिल एक पल के लिए गहरी सोच में डूब गया और बोला:"
" चलो तुम आराम करो, मैं तुम्हारे लिए कुछ खाने के लिए लाता हूं। ध्यान रखना अगर इस बार तुमने भागने की कोशिश करी तो तुम्हारी टांगे तोड़ दूंगा।
प्रिया साहिल की बात सुनकर सहम सी गई और साहिल कमरा बंद करके बाहर निकल गया।साहिल ने देखा कि अनूप तैयार हो गया था और शांता घर में सफाई कर रही थी। साहिल को डर था कि कहीं शांता फिर से प्रिया को ना भगा दे इसलिए उसने चाभी अपनी जेब में रख ली और बोला:"
" शांता अम्मा, आप कितना काम करेगी और जाओ आप आराम करो। मैं खुद घर का सारा काम कर लूंगा मम्मी के साथ।
शांता:" तुम क्या खुद सफाई करोगे बेटा ? तुम अच्छे नहीं लगोगे मैं ही कर देती हूं।
और शांता घर के काम में लग गई और साहिल ने अपनी नजर उस पर बनाए रखी। अनूप ऑफिस जाने लगा तो साहिल ने टेबल पर पड़ी गाड़ी की चाभी उठाई और उसकी तरफ बढ़ा दी और बोला:"
" आपकी गाड़ी आपको मुबारक हो पापा, मुझे नहीं चाहिए ये गाड़ी।
अनूप अपने बेटे के मुंह को हैरानी से देखता रह गया और बोला:"
" बेटा मैं जानता हूं कि रात मुझसे गलती हुई हैं और कितना जलील करोगे तुम मुझे ? अपने बाप पर हाथ भी उठा दिया तुमने।
साहिल:' बस करो , मुझसे तुमसे बात नहीं करनी, नहीं चाहिए आपका कुछ भी मुझ। मुझे खुद पर शर्म आती है कि तुम जैसा गिरा हुआ और घटिया आदमी मेरा बाप हैं।
साहिल ने गाड़ी की चाभी अनूप की जेब में डाल दी तो अनूप बुरी तरह से टूट गया और साहिल के पैरो में गिर पड़ा और बोला:"
" बस कर बेटा, गलती हो गई मुझसे, माफ कर दे प्लीज़, आगे से मैं ध्यान रखूंगा।
अनूप की आंखे भर आई तो साहिल पिघल गया और बोला:"
" अगर आप अपने आपको सुधार लेंगे तो आपको ही फायदा होगा पापा। रही बात गाड़ी की तो मैं अब एक लेने वाला नहीं हूं।
अनूप ने पूरी कोशिश करी लेकिन साहिल अपनी जिद पर अड़ गया तो अनूप ने मजबुर होंकर गाड़ी की चाभी अपनी जेब में रख ली और बैग उठा कर बाहर चला गया।
रूबी नाश्ता बना चुकी थी और अनूप को आवाज लगाई लेकिन बिना उसने पीछे मुड़कर देखा तक नहीं और चला गया।
शांता , रूबी और साहिल तीनो नाश्ता कर रहे थे।
शांता:" रूबी मेरी बेटी का कुछ पता चला क्या ?
साहिल रूबी से पहले ही बोल उठा:" अभी नहीं लेकिन आप चिंता मत करो, मैं जल्दी ही उसका पता लगा लूंगा।
शांता चुप हो गई और नाश्ता करने के बाद चुपचाप बिना कुछ बोले नीचे अपने कमरे में चली गई।
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04-14-2021, 12:38 PM,
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RE: Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ
रूबी को अपने बेटे की बात ठीक लगी और उसने फाइल को साइड में रख दिया और अपनी साडी को घुमा घुमा कर साहिल को दिखाने लगी। रूबी की गांड़ आज बेहद कामुक तरीके से मटक रही थी मानो वो कामुक डांस कर रही हो।
रूबी अपने होंठो को गोल गोल घुमाते हुए बोली:"
" ठीक से देख लो बेटा सब ठीक हैं ना ?
साहिल ये नजारा देखकर अपनी मम्मी की अदाओं पर मर मिटा और बोला:"
" हान मम्मी सब ठीक हैं आप बेहद खूबसूरत रही हैं इस साड़ी में, सच में मम्मी आपका फिगर कमाल का है।
अपनी तारीफ़ सुनकर रूबी बेहद खुश हुई और एक बार फिर से उसने जान बूझकर अपनी साड़ी का पल्लू सरका दिया तो साहिल की आंखे फिर से चमक उठी और वो फिर से रूबी की चूचियां देखने लगा। रूबी को अब अच्छे से समझ आया कि उसका बेटा उसे किस नजर से देख रहा था। स्माइल करते हुए अपनी साडी का पल्लू ठीक करने लगी और बीच बीच में साहिल को स्माइल भी दे रही थी।
रूबी:" अच्छा बेटा अगर सब ठीक हो तो मैं सेंटर चली जाऊं क्या ?
साहिल:" हान मम्मी आप चली जाओ, अब ठीक है।
रूबी ने साहिल को बाय किया और बाहर की तरफ चल पड़ी। रूबी जान बूझकर अपनी गांड़ को बेहद कामुक तरीके से मटका रही थी। साहिल बिना पलके झपकाए अपनी मा की मटकती हुई गांड़ को देख रहा था।
रूबी जैसे ही दरवाजे पर पहुंची तो उसने पीछे मुडकर देखा और साहिल को अपनी गांड़ घूरते हुए पाया तो साहिल को एक कामुक स्माइल दी और बाहर की तरफ निकल गई। साहिल समझ गया था कि उसकी मा उसे गांड़ देखते हुए पकड़ चुकी हैं लेकिन इसने डांटने के बजाय स्माइल दी। उफ्फ काजीनुम्मी भी तक मुझे पसंद नहीं कर रही हैं।
साहिल रूबी के जाते ही प्रिया के कमरे में अा गया और बोला:"
" प्रिया तुमसे मैं आखिरी बार पूछ रहा हूं कि लीमा कौन हैं ? वो कहां रहती हैं और क्यों तबाह करना चाहती हैं वो हमे? वो किसके लिए काम करती हैं ?
प्रिया ने साहिल की आंखो में देखा और बोली:"
" देखो मुझे सच में लीमा के बारे में कुछ नहीं पता हैं। मैं नहीं जानती वो कौन है और क्यों ऐसा कर रही हैं ?
साहिल ध्यान से उसके चहरे को देख रहा था और उसे वहां सच्चाई नजर आईं। साहिल उठा और कमरे का दरवाजा बंद कर दिया तो प्रिया डर गई और बोली:"
" साहिल मेरे साथ कुछ ग़लत मत करना तुम, प्लीज़ मैं तुम्हारे हाथ जोड़ती हूं।
साहिल:" तुझे बहुत शौक हैं दूसरे की वीडियो बनाने का, चल आज मैं तेरी वीडियो बनाउंगा।
प्रिया डर के मारे थर थर कांप उठी और साहिल के पैरो से लिपट गई और बोली:'
" नहीं मुझे माफ कर दो, आज के बाद मैं ऐसा कुछ भी नहीं करुंगी।प्लीज़ मुझे जाने दो।
साहिल ने अलमारी खोलकर उसमे से एक तेजाब की बॉटल निकाल ली और बोला:"
" प्रिया अगली एक मिनट के बाद अगर तुम्हारे शरीर पर एक भी कपड़ा रहा तो तुम्हारे इस खूबसूरत चेहरे को इतना बदसूरत बना दूंगा कि अपनी शक्ल देखते हुए भी डरोगी तुम।
प्रिया थर थर कांप उठी। उसकी आंखो से आंसू निकल पड़े और सिसकते हुए बोली:"
" मुझे मत बर्बाद करना, प्लीज़ मुझे जाने दो मैं कसम खाती हूं आज के बाद आपको शहर में भी नजर नहीं आऊंगी।
साहिल ने बॉटल का ढक्कन खोल दिया और बोला:"
" अब सिर्फ 50 सेकंड बचे। अपना टाइम खराब मत करो तुम,
इतना कहकर साहिल ने थोड़ा सा तेजाब फर्श पर गिरा दिया तो फर्श पर उबाल सा अा गया और फर्श काला पड़ने लगा। प्रिया को कुछ समझ नहीं आया तो वो रोने लगी और अपनी जीन्स और टॉप को देखते ही देखते उतार दिया। प्रिया की आंखो से लगातार आंसू बह रहे थे।
साहिल:" अब जल्दी से ब्रा पेंटी भी उतार दो बस 20 सेकंड बचे है तुम्हारे पास।
इतना कहकर साहिल उसके बेहद करीब पहुंच गया तो प्रिया ने डर के मारे आंखे बंद कर ली और अपनी ब्रा पेंटी को उतार दिया। साहिल ने अब तेजाब की बॉटल को एक तरफ रख दिया और जेब से मोबाइल निकली कर प्रिया की वीडियो बनाने लगा।
प्रिया रोने लगी तो साहिल आगे बढ़ा और प्रिया ने अपने टांगो को बंद करते हुए अपने दोनो हाथों को अपनी चूचियों पर रखते हुए इन्हें छुपा लिया। साहिल ने जेब से रुमाल निकाला और उसके आंसू साफ किए और बोला:"
" आंसू नहीं मुझे तुम्हारे चेहरे पर स्माइल चाहिए मानो तुम अपनी मर्जी से वीडियो बनवा रही हो ?
प्रिया:" मैं बर्बाद हो जाऊंगी, मत करो मेरे साथ ऐसा तुम प्लीज़।
साहिल:" मुझे तुम्हारी फालतू बकवास नहीं सुननी हैं। जैसे मैं कह रहा हूं बस वैसे करो।
प्रिया के पास कोई और रास्ता नहीं था। आखिर में साहिल ने अपने तरीके से उसकी वीडियो को सूट कर लिया और फिर बोला:'
" तुम अपने कपड़े पहन कर बाहर आ जाओ , नीचे हूं मैं। कुछ बात करनी हैं तुमसे।
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RE: Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ
आशा:" ये सब कुछ आपकी मेहरबानी की वजह से हुआ हैं। मैैं तो आपको कॉल करने ही वाली थी मैडम आपने इतना कुछ किया और हम आपके लिए कुछ भी नहीं कर पाए। आप हमारी तरफ से वो एक छोटी सी भेंट होंडा सिटी गाड़ी स्वीकार कर लिजिएं"
आशा की बात खत्म होते ही रूबी का चेहरा खुशी से चमक उठा। दरसअल उसने आश को सिर्फ गाड़ी के लिए बोलने के लिए ही फोन किया था लेकिन अपने स्वाभिमान के चलते ऐसा नहीं बोल पा रही थी। वो अपने बेटे को कार गिफ्ट में देना चाहती थी और आशा ने खुद ही उसकी मुश्किल को आसान कर दिया।
आशा:" क्या सोचने लगी मैडम आप? प्लीज़ इस बार मना मत करना, मैं आपके घर के पते पर गाड़ी भेज रही हूं।
रूबी:"वैसे इसकी जरूरत तो नहीं थी लेकिन अगर आप नही मान रही हो तो ठीक हैं।
आशा:" ठीक है मैडम। अच्छा आपके लिए एक ऑफर था, लोग यहां आपसे जिम सीखने के लिए डिमांड कर रहे हैं। अगर आप शनिवार और रविवार सिर्फ दो दिन अा सके तो आपकी बड़ी मेहरबानी होगी। आपके आने जाने का सारा खर्च और दिल्ली में जहां आप कहेगी आपको एक बंगला मिल जाएगा।
रूबी:" ठीक हैं मैं अपने परिवार में बात करके बता दूंगी आपको।
आशा:" ठीक हैं मैडम। मैं आपके जवाब का इंतजार करूंगी। और मुझे पूरी उम्मीद हैं कि आप मुझे निराश नहीं करोगी। बाय मैडम।
फोन कटने के बाद रूबी खुश हो गई कि आज वो अपने बेटे को कार गिफ्ट में दे देगी। सच में मेरे बेटे को कार देना मेरा फर्ज़ था क्योंकि रात जिस तरह से उसने अनूप की कार वापिस करी उसने मेरा दिल जीत लिया। रूबी उठी और ऑफिस बंद करने के बाद घर की तरफ चल पड़ी।
वहीं दूसरी तरफ लीमा होटल के एक कमरे में बंद होकर परेशान हो गई थी। ना कहीं अा रही थी और नहीं उसका मन कमरे में ही लग रहा था। सच पूछो तो उसे अब घुटन महसूस हो रही थी उसे लग रहा था मानो उसकी सारी आजादी छीन ली गई थी। वो आज भी उस मनहूस दिन को कोस रही थी जब उसके मा बाप बीमार लीमा के लिए इलाज के पैसे मांगने के लिए उसके बॉस के पास गए थे और उस कमीने ने उन्हें बंधक बना लिया।
लीमा का इलाज तो हुआ लेकिन उसके बदले में उसके मा बाप गिरवी रख लिए गए। लीमा मजबूर थी और इसलिए वो अपने बॉस का हर हुक्म मान रही थी। बस किसी तरह से एक बार मेरे मा बाप इसके चंगुल से निकल जाए फिर मैं इसका वो हाल करूंगी किट मेरे नाम से ही कांप उठेगा।
अनूप के साथ जो कुछ उसने किया उससे वो बहुत ज्यादा टूट गई थी और रूबी को देखने के बाद तो जैसे लीमा की रही सही हिम्मत भी जाती रही। उफ्फ मैंने एक औरत की सबसे बड़ी खुशी पर डाका डाला है।
भगवान एक दिन मुझे मेरे गुनाहों कि सजा जरूर देगा। ये सब सोचते सोचते आज फिर से लीमा की आंख भर आई और गहरी सोच में फिर से डूब गई।
अनूप बुरी तरह से बेइज्जत होकर घर से निकल गया। उसे समझ नहीं अा रहा था कि जो कुछ भी रात हुआ वो उसका जिम्मेदार किसे माने।
रूबी को तो वो जानता था कि वो उसके खिलाफ हैं लेकिन साहिल ने अपने बाप पर हाथ उठाने से पहले एक बार भी नहीं सोचा। मुझ पर हाथ उठा दिया और अब गाड़ी भी वापिस कर दी। ये सब इस कमीनी रूबी का ही किया धरा हैं। मैं इसे देख लूंगा।
अपने विचारों में डूबा हुआ अनूप ऑफिस पहुंच गया तो देखा कि बैंक वाले आए हुए थे। उन्हें देखते ही अनूप का मूड खराब हो गया पूरी तरह से।
अनूप:" अरे मैनेजर साहब आपने यहां आने की तफ्लीफ क्यों करी मुझे ही बुला लिया होता।
मैनेजर:" मेरे बुलाने से आप आते ही कहां हो श्रीमान जी ? लॉन क्यों नहीं भर रहे हो आप ?
अनूप:" बस सर कुछ ही दिन की बात हैं मुझे टेंडर मिल गया है, एक दो दिन में काम शुरू हो जाएगा। फिर सारा लॉन एक साथ फाइनल कर दूंगा।
मैनेजर:" आप पिछले छह महीनों से हमे गोली दे रहे हो, एक बार साफ साफ़ बोल दो तो हम कानून का सहारा ले लेंगे।
अनूप:" बस सिर्फ कुछ दिनों की मोहलत और दे दीजिए। फिर आपको शिकायत का मोका नहीं दूंगा।
मैनेजर:" लेकिन ध्यान रखना, ये आखिरी मौका होगा, उसके बाद सीधे कानून के हिसाब से होगा सब कुछ।
अनूप ने अपने दोनो हाथ बैंक मैनेजर के आगे जोड़ दिए और बोला:"
" आप निश्चिन्त रहे। मैं इस बार आपको निराश नहीं करूंगा।
अनूप की बात पूरी होते ही बैंक मैनेजर उठा और चला गया जबकि अनूप आज और ज्यादा दुखी हो गया। चारो तरफ से उस पर मुसीबत अा रही थी और ये तो बस एक नीरज ही था जो उसके साथ खड़ा हुआ था।
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