Hindi Chudai Kahani मेरी चालू बीवी
08-08-2020, 01:51 PM,
RE: Hindi Chudai Kahani मेरी चालू बीवी
अपडेट 111

अब बड़ा ही मजेदार नजारा बन चुका था…
मेरे हाथ में सलोनी की चूची थी जिसको मैं मसल रहा था, सलोनी के हाथ में मेरा लण्ड था जिसे वो हिला रही थी और उसके पीछे मामाजी का हाथ सलोनी के चूतड़ों पर था जिनको वो ना जाने कैसे कैसे मसल रहे थे.
तभी मैंने सलोनी के होंठों के बीच अपने एक हाथ का अंगूठा डाल उसको लण्ड चूसने को बोला.
सलोनी बिना किसी शर्म के पूरी तरह चादर से बाहर आ अपने घुटनों के बल होकर मेरे लण्ड को अपने मुँह में दबा कर चूसने लगी.
वो बहुत ही सेक्सी तरीके से बैठी थी, उसकी पीथ ठीक मामाजी की ओर थी.
मैंने ध्यान दिया कि सलोनी का पेटीकोट सरककर उसके चूतड़ के ऊपर को हो गया है फिर भी मामाजी के लेटे होने से उनको नीचे से काफी कुछ दिख रहा होगा.
सलोनी मेरे लण्ड को पूरा अपने मुँह में दबाकर बहुत ही आवाज करते हुए उसको चूस रही थी.
मैंने भी अपना हाथ एक बार फिर से उसके चूतड़ पर रख सलोनी के पेटीकोट को खींच कर कमर से भी ज्यादा ऊपर कर दिया.
अब तो मामाजी को उसके चूतड़ और बीच की दरार के अलावा चूत के दर्शन भी हो रहे होंगे.
मैं बस इन्तजार कर रहा था कि क्या वो अब कुछ करेंगे?या फिर देखते ही रहेंगे?
सलोनी ने अपने थूक से मेरे लण्ड को पूरा भिगो दिया था, उसके चूसने से ऐसे आवाजें आ रही थी कि कोई अगर कमरे के बाहर से भी सुन रहा होगा तो उसको एकदम पता चल जाता कि लण्ड चुसाई चल रही है.
सलोनी आधे से ज्यादा लण्ड कस कर मुँह में दबा लेती, फिर गप्प की आवाज से बाहर निकालती, जैसे किसी ने कोई कोल्ड ड्रिंक की बोतल का कॉक खोला हो!
इतना सेक्सी माहौल हो रहा था कि मैं ये सोच रहा था कि मामाजी का क्या हो रहा होगा?
जब सलोनी मेरे से चिपकी थी तब तो उन्होंने उसके चूतड़ों को छूआ था पर इस समय सलोनी के नंगे चूतड़ खुली अवस्था में उनके बहुत पास थे पर वो खुद पर काबू किये हुए थे.अभी तक उनका हाथ वहाँ नहीं आया था, शायद उनको डर था कि इस समय सलोनी को पता चल जायेगा और वो शोर मचा देगी इसीलिए वो अपने हाथों को रोके हुए थे.
फिर सलोनी के इतने गर्म प्रयास से मेरे संयम जवाब दे गया और मेरे लण्ड से मलाई की पिचकारी छूट गई.
अह्ह्हाआ… अह्हह… आह्ह्ह…हओहह… आआह्ह्ह…!
आह्ह्ह्ह्ह… और मैंने कई पिचकारियाँ सलोनी के मुख पर ही छोड़ दी, थोड़ी मलाई तो उसके खुले हुए मुँह में गई.
सलोनी ने चाट चाट कर मेरे लण्ड को अच्छी तरह साफ़ कर दिया.
मैंने मामाजी की ओर देखा, उनका हाथ चादर के नीचे उनके लण्ड पर ही था, चादर से उनके खड़े हुए लण्ड के आकार का पता चल रहा था और ये भी दिख रहा था कि उनका हाथ भी वहीं है, वो लगातार खुद ही उसको मसल रहे थे.
तभी मैंने सलोनी को हल्का सा धक्का दिया, वो घुटनों से उठकर पीछे को गिरी.
मामाजी ठीक उसके पीछे थे, सलोनी उनके लण्ड वाले हिस्से पर ही बैठ गई.
सलोनी के हाथ मामाजी के दूसरी ओर टिक गए मगर चूतड़ ठीक लण्ड के ऊपर थे.
सलोनी का पेटीकोट हल्का सा नीचे हो गया था पर चूतड़ों के ऊपर नहीं था.
अतः सलोनी के पूर्णतया नंगे चूतड़ मामाजी के लण्ड के ऊपर थे.
सलोनी हिल भी नहीं रही थी, शायद डर की वजह से! और उठ भी नहीं पा रही थी.
मैंने ही उठकर उसको बैलेंस किया और नीचे को करके उसके पेटीकोट को फिर से पेट तक ऊँचा कर दिया, सलोनी के दोनों पैर खोलकर उसकी चूत के ऊपर जोर से चाटा.
‘आःह्हाआआह…’ एक जोरदार सिसकारी सलोनी ने ली.
मैंने ऊपर को देखा, सलोनी केवल इतना ही नीचे आई थी कि उसका सर मामाजी के कमर के ऊपर था, बाकी शरीर जरूर नीचे आ गया था.
मामाजी भी सांस रोके सब कुछ देख रहे थे, उन्होंने एक बार भी हिलने तक की कोशिश नहीं की थी.
मैंने सलोनी को हल्का सा बायीं ओर किया, अब सलोनी का सर ठीक मामाजी के लण्ड के ऊपर था.
मैं आराम से उल्टा लेटकर सलोनी की चूत को चाटने लगा.
सलोनी- अह्ह्हाआआ आह्ह आआअह्ह्ह ओह्ह्ह उफ़्फ़ आह्ह्ह्हाआ अह्ह!उसकी सिसकारियाँ निकल रही थी.
उसका सर अब मामाजी के लण्ड पर था, जिसके हिलने से मामाजी को वाकयी बहुत मजा आ रहा होगा.
मैंने और भी मजा लेने की सोची, सलोनी के पैरों को पकड़ मैंने उसको उल्टा कर दिया तो अब सलोनी का चेहरा लण्ड के ऊपर हो गया.
मैंने बिना उसको हिलाये सलोनी के मदमस्त चूतड़ों को काटना शुरू कर दिया.
सलोनी ने भी अपना मुँह मामाजी के लण्ड से नहीं हटाया.
मैं चूतड़ों को मसलते हुए और काटते हुए ही तिरछी नजर से सलोनी के चेहरे को देखता रहा.
सलोनी सिसकारी लेते हुए ही पहले तो अपने गालों को ही वहाँ रगड़ रही थी, फिर उसने जरा सा उठकर उसको देखा और अपने होंठ वहाँ रख दिए.
कुछ देर तक वो ऐसे ही लेटी रही.
मैंने भी उसकी दोनों टांगों को खोलकर गैप कर दिया जहाँ से उसकी चूत का त्रिकोण फिर से दिखने लगा.
मैं अपनी जीभ की नोक से उस जगह को कुरेदने लगा.

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08-08-2020, 01:51 PM,
RE: Hindi Chudai Kahani मेरी चालू बीवी
मुझे पता था कि यह चूत का सबसे संवेदनशील भाग होता है, यहीं लण्ड प्रवेश करता है, पीछे से चाटने में यह भाग सबसे ऊपर होता है तो जीभ की नोक आसानी से इसमें प्रवेश कर जाती है.
मैंने सलोनी के चूतड़ों को और भी उठाने के लिए उसकी कमर में नीचे हाथ डाल उसको ऊँचा किया इससे उसका मुँह मामाजी के लण्ड से चिपक गया.
मेरी जीभ सलोनी के चूत का स्वाद ले रही थी और आँखें उसके चेहरे की ओर ही थीं.
तभी सलोनी ने अपना चेहरा जरा सा हटाकर अपने बाएं हाथ से मामाजी का लण्ड पकड़ लिया. चादर के अन्दर होने पर भी वो लगभग नंगा सा ही देख रहा था.
सलोनी उसको अपनी मुट्ठी में पकड़ अपनी गर्दन मामाजी के चेहरे की ओर घुमा उनको देख रही थी.
मामाजी तो अपनी आँखें कसकर बंद किये और दांतों को भींचे बिल्कुल शांत पड़े थे, सलोनी लण्ड को पकड़कर हिलाया और फिर उसकी टिप पर अपने होंठ रख दिए.लगता है अब सलोनी भी उस लण्ड से मजा लेना चाह रही थी.पर शायद मेरे कारण वो दोनों ही बिल्कुल नहीं खुलेंगे.
मैंने सलोनी को पूरा गर्म तो कर ही दिया था, मैं तुरंत उठकर खड़ा हुआ और पंजों पर गिरी अपनी पैंट उठाकर बाँधी.
सलोनी ने अचानक मुझे देखा, वो मामाजी के ऊपर से उठकर खड़ी हो गई.
मैं- कुछ देर रुको जानू… बहुत तेज आ रही है, कुछ देर में आता हूँ.
जैसे सलोनी सब कुछ समझ गई हो, वो मामाजी के पास ऐसे ही लेट गई.मैं कमरे से बाहर आ गया, चाहता तो वहीं से भी उन दोनों की चुदाई देख सकता था.परन्तु वहाँ कोई भी आ सकता था.
मैंने कमरे को ठीक से बंद किया और उसके बराबर वाले कमरे की ओर गया. मैंने पहले से ही यह सब सोच लिया था.उस कमरे और मेरे कमरे के बीच एक दरवाजा था, वो मामाजी के पीछे ही था, वहाँ से आसानी से दोनों को देखा जा सकता था.मैं दुआ कर रहा था कि वहाँ कोई भी ना हो और अगर हो भी तो सो रहा हो.
वैसे भी मैं वहाँ किसी को जानता तो नहीं था, यह भाग लड़के वालों के रिश्तेदारों के लिए ही था.
मैं उस कमरे में गया, वहाँ भी हल्की ही रोशनी थी.
एक नजर में मुझे वहाँ कोई नहीं दिखा, मैं खुश होकर जैसे ही उस दरवाजे की ओर गया जो मेरे कमरे के बीच था, अचानक मुझे रुक जाना पड़ा.
ओह… यह क्या हो रहा है यहाँ?वहाँ तो एक जोड़ा पहले से ही था.
माय गॉड… इन्होंने तो पहले से ही दरवाजा खोल कर जगह बना ली है, ना जाने कब से ये दोनों हमको देख रहे होंगे?
मैं कमरे में आ गया था मगर उनको कुछ पता नहीं चला था.दोनों ही जवान लग रहे थे पर पता नहीं दोनों में क्या रिश्ता था, पति पत्नी या फिर कुछ और?
मैंने दोनों की बातें सुनने की कोशिश की.
लड़का- यार रानी… यह तो इस छम्मकछल्लो को नंगी ही छोड़ कर कहीं चला गया?
ओह! इस लड़की का नाम रानी था.
वो पीछे से बहुत ही सेक्सी लग रही थी.
जरा सी देर में ही पता चल गया कि ये दोनों भी पति पत्नी हैं और मामाजी के बेटे और बहू हैं.
बेटा अपने बाप को ही मस्ती करते हुए अपनी बीवी के साथ देख रहा था.
मैंने देखा दोनों केवल देख ही नहीं रहे थे बल्कि आपस में मस्ती भी कर रहे थे.
मामाजी की बहू भी बहुत सेक्सी लग रही थी, 30-31 साल की बहुत सुन्दर थी, उसके बदन पर भी इस समय एक ब्रा और पेटीकोट था.
मैंने सोचा सही मौका है इसके साथ मस्ती करने का!
यह भगवान भी एकदम से भलाई का बदला भलाई से दे देता है, उधर मैंने मामाजी का ख्याल रखा और अपनी बीवी को उनके लिए छोड़कर आया, इधर उन्हीं की बहू इस रूप में मिल गई.
देखता हूँ साली अपने पति के सामने हाथ रखने देती है या नहीं?

कहानी जारी रहेगी.

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08-08-2020, 01:51 PM,
RE: Hindi Chudai Kahani मेरी चालू बीवी
अपडेट 112

मैं दूसरे कमरे में आ गया था मगर उनको कुछ पता नहीं चला था.दोनों ही जवान लग रहे थे पर पता नहीं दोनों में क्या रिश्ता था, पति पत्नी या फिर कुछ और?
मैंने दोनों की बातें सुनने की कोशिश की.
लड़का- यार रानी… यह तो इस छम्मकछल्लो को नंगी ही छोड़ कर कहीं चला गया?
ओह! इस लड़की का नाम रानी था.
वो पीछे से बहुत ही सेक्सी लग रही थी.
जरा सी देर में ही पता चल गया कि ये दोनों भी पति पत्नी हैं और मामाजी के बेटे और बहू हैं.
बेटा अपने बाप को ही मस्ती करते हुए अपनी बीवी के साथ देख रहा था.
मैंने देखा दोनों केवल देख ही नहीं रहे थे बल्कि आपस में मस्ती भी कर रहे थे.
मामाजी की बहू भी बहुत सेक्सी लग रही थी, 30-31 साल की बहुत सुन्दर थी, उसके बदन पर भी इस समय एक ब्रा और पेटीकोट था.
मैंने सोचा सही मौका है इसके साथ मस्ती करने का!
यह भगवान भी एकदम से भलाई का बदला भलाई से दे देता है, उधर मैंने मामाजी का ख्याल रखा और अपनी बीवी को उनके लिए छोड़कर आया, इधर उन्हीं की बहू इस रूप में मिल गई.
देखता हूँ साली अपने पति के सामने हाथ रखने देती है या नहीं?
मैं वहीं रानी की कमर के पास बैठ गया, मैंने उसकी नंगी कमर पर अपना हाथ रखा, उसने कुछ नहीं कहा, शायद वो अपने पति का हाथ ही समझ रही थी.
मैं हाथ को खिसकाते हुए सीधे उसके मोटे मोटे चूतड़ों तक ले गया, उसके चूतड़ थे कुछ छोटे और बाहर को भी निकले हुए थे.
क्या बात है! यह भी सलोनी की तरह ही बहुत हॉट निकली.
रानी ने भी पेटीकोट के अंदर कच्छी नहीं पहनी थी.
मेरे हाथों को बहुत ही मुलायम और गद्दे जैसा एहसास हुआ, मैंने पेटीकोट के ऊपर से ही उसके एक चूतड़ को अपनी मुट्ठी में लेकर दबाते हुए मसला और बहुत ही हल्की सी आवाज में बल्कि फुसफुसाते हुए ही कहा- यह क्या हो रहा है?
दोनों ने एक साथ चौंककर मुझे देखा, उनकी साँसें रुक सी गई.मैं समझ गया कि दोनों बेइंतहा डर गए हैं, उनको शायद यह चिंता थी कि उनके पिता क्या सोचेंगे.
बस मैंने उनकी इसी मज़बूरी का फायदा उठाने की सोची, मैं वहीं दोनों के बीच दरवाजे के पास बैठ गया.उन्होंने दरवाजा इतना तो खोल ही रखा था कि अंदर क्या हो रहा है, उसका पूरा नजारा मिल रहा था.
इस कमरे में आने के बाद मैंने पहली बार ही देखा कि सलोनी और मामाजी क्या कर रहे हैं!
सलोनी पेटीकोट और ब्लाउज में सीधी लेटी थी, जबकि मामाजी ने उसकी ओर करवट ले ली थी.सलोनी का पेटीकोट भी उसके घुटनों तक था, सब कुछ सामान्य ही लग रहा था.सलोनी शायद खुद पहल करना नहीं चाह रही थी.
तभी मामाजी ने अपना हाथ सीधे ही सलोनी की चूत के ऊपर रखा.मैंने साफ़ साफ़ देखा कि मामाजी ने पेटीकोट के ऊपर से ही चूत को अपनी मुट्ठी में लेकर मसला है.
सलोनी अपनी आँखें बंद किये चुपचाप लेटी थी.मुझे यकीन था कि वो जाग रही है और उसको पता है कि मैं कमरे में नहीं हूँ.फिर भी वो मामाजी को नहीं रोक रही, उसको भी दिल मजा लेने का कर रहा है.
इधर मैंने रानी को ध्यान से देखा, 28-30 साल की जवानी से लबालब, भरपूर माल दिख रही थी, रंग गोरा, लम्बे बाल, 5 फ़ीट 4 इंच कद और करीब 34 के मम्मे, चूतड़ जरूर सलोनी से कुछ छोटे थे 32 के आस पास होंगे पर उनकी गोलाई और कसावट मस्त थी.
मैं उस कमरे में देखते हुए रानी के चूतड़ मसल रहा था, रानी को भी अपने ससुर की रासलीला देख़ने में मजा आ रहा था.वो मेरी गोद में आकर झुककर उधर देख रही थी, उसके मस्त मम्मे मेरी जांघों पर दबे थे.
हालांकि उसने ब्रा पहनी हुई थी पर नंगे मम्मों का एहसास होते हुए मैं जान गया कि वो ब्रा से बाहर निकले होंगे.जांघों पर उसके नुकीले निप्पल बहुत ही सुखद मजा दे रहे थे.
मैं सलोनी की चूत की मसलाई देखते हुए ही रानी के चूतड़ को मसल रहा था.
रानी का पति भी केवल सलोनी को देखने में ही लगा था, उसने मेरे हाथों से रानी को बचाने का कोई प्रयास नहीं किया.
जबसे पिंकी से मेरे सम्बन्ध बने थे, तभी से मेरे दिल में उसको उसके ही पति के सामने चोदने की तमन्ना थी मगर वो इतनी आसानी से नहीं हो सकता था.
मैं यह देखना चाहता था कि क्या मेरे में ही ऐसी इच्छा होती है या फिर दूसरे पति भी अपनी बीवी को दूसरे से चुदवाकर मजा लेते हैं?
और यह सब कितनी आसानी से हो गया था, आज बिना कुछ सोचे एक जवान जोड़ा मेरे साथ था.
वो भी ऐसा संजोग कि रानी के पति का अपना सगा बाप उन्हीं के सामने मेरी बीवी संग मस्ती कर रहा था.
मैं रानी के चूतड़ों को मसलते हुए उसके पेटीकोट को ऊपर को खींचने लगा.
रानी ने अब कुछ विरोध किया, वो जरा सा तिरछी होकर अपने हाथ पर टिक गई.इससे उसका एक मम्मा तो अभी भी मेरी जांघ पर थ मगर वो आधी लेटी अवस्था में करवट से हो गई थी.

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08-08-2020, 01:52 PM,
RE: Hindi Chudai Kahani मेरी चालू बीवी
मैंने ध्यान से ऊपर से नीचे तक उसको देखा.कमरे में इतनी रोशनी तो थी कि मैं सब कुछ अच्छी तरह देख सकता था.उसके मम्मे वाकयी ब्रा से बाहर को थे जो हाथ रखा होने के बाद भी दिख रहे थे.
जबकि उसका पेटीकोट घुटनों तक था.
रानी की गोरी गोरी पिंडली और पाँव में पड़े पाजेब बहुत ही सेक्सी लग रहे थे.
तभी मुझे उसका मस्ताना रूप दिखा, उसके पेटीकोट को बांधने वाला हिस्सा उस ओर ही था और वहाँ इतना गैप था कि आसानी से मेरा हाथ अंदर जा सकता था.
अँधेरा होने से उसके अंदर तो नहीं दिख रहा था, पर मैं हाथ से उसकी चूत को छू सकता था, वो भी उसके पति की मौजूदगी में…!
मैं यह सोचकर ही रोमांचित था कि उसकी चूत बिना किसी परदे के होगी.क्योंकि यह तो मैंने देख ही लिया था कि उसने पेटीकोट के अंदर कच्छी या कुछ और नहीं पहना है.
मैं रानी की चिकनी कमर पर हाथ रख फिसलाता हुआ वहाँ तक ले गया.वो तो सलोनी की मस्ती देख खुश हो रही थी, मैंने अपना हाथ उस गैप में घुसा दिया और सीधे उँगलियों को जांघों के जोड़ तक ले गया.
रानी- ओह प्लीज… मत करो ना… अह्ह्हाआ!उसने बहुत हल्की सी ही आवाज निकाली और घूमकर अपने पति की ओर देखा.पर उसको कुछ पता नहीं चला, उसने एक बार तिरछी नजर से तो देखा, फिर वापस उसी कमरे में देखने लगा.
रानी भी ज्यादा शोर तो कर नहीं सकती थी, अपने पति की ओर से संतुष्ट होकर उसने भी विरोध करना बंद कर दिया.
मैंने आसानी से ही अपनी उँगलियाँ उसकी चिकनी चूत तक पहुँचा दी.उसने भी अपनी चूत के बाल पूरी तरह साफ़ कर रखे थे, उसकी चूत के होंठ बाहर को उठे ही बहुत ही कोमल महसूस हो रहे थे.
मैंने उसकी पूरी चूत को सहलाते हुए उसके चूत के दाने को रगड़ना शुरू कर दिया.
रानी ने खुद ब खुद अपने पैरों के गैप को बढ़ा दिया जिससे मैं सरलता के साथ उसकी पूरी चूत को सहला पा रहा था.
रानी की चूत को सहलाते और एक उंगली से उसकी चूत के अंदर तक करते हुए मैंने दूसरे कमरे में देखा, मामाजी भी सलोनी से कुछ ज्यादा ही मजा ले रहे थे, वो उससे पूरी तरह सट गए थे.
अरे यह क्या… उन्होंने सलोनी का पेटीकोट पूरा ऊपर तक उठा दिया था और वो उसकी नंगी चूत को चूम रहे थे.
हम जहाँ थे, वहाँ से पूरा दृश्य साफ़ साफ़ दिख रहा था.
तभी रानी अपने पति को बोली- ओह, यह पापा को क्या हो गया? देखो, मैं आपसे नहीं कहती थी कि इनकी हरकतें ठीक नहीं है… पर आपको मेरी बात पर भरोसा ही नहीं था? उस बेचारी को सोते हुए भी परेशान कर रहे हैं.उसका पति केवल ‘ह्म्म्म्म्म’ बोल कर रह गया.
मैंने दोनों को चुप रहने को बोला और रानी की चूत में ऊँगली करता रहा.
उसकी चूत से भरभरा कर रस बाहर आ रहा था.
रानी इतना अधिक मदहोश हो गई थी कि उसने मेरे लण्ड तक को टटोलना शुरू कर दिया था.
मैंने भी उसकी मर्जी को समझा और ज़िप खोलकर अपना पहले से ही तनतनाया लण्ड बाहर निकाल लिया.
मैंने रानी की आँखों में प्रशंसा देखी, उसने मेरे लण्ड को पकड़ लिया.इतना कुछ तो हो गया था, अब यह देखना था कि क्या रानी का पति अपने सामने ही मुझे रानी की इस रस भरी चूत में लण्ड डालने देगा या नहीं?
मैं तो मान भी जाऊँ पर मुझे नहीं लगता कि अब मेरा लण्ड मानेगा.
और उधर मामाजी क्या केवल सलोनी की चूत चाटकर ही संतुष्ट हो जाएँगे या फिर आगे भी बढ़ेंगे.
फिर अगर बढ़े तो क्या सलोनी मना करेगी या उनका सहयोग करेगी?
देखो क्या होता है?

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08-08-2020, 01:52 PM,
RE: Hindi Chudai Kahani मेरी चालू बीवी
अपडेट 113

रानी इतना अधिक मदहोश हो गई थी कि उसने मेरे लण्ड तक को टटोलना शुरू कर दिया था.
मैंने भी उसकी मर्जी को समझा और ज़िप खोलकर अपना पहले से ही तनतनाया लण्ड बाहर निकाल लिया.
मैंने रानी की आँखों में प्रशंसा देखी, उसने मेरे लण्ड को पकड़ लिया.इतना कुछ तो हो गया था, अब यह देखना था कि क्या रानी का पति अपने सामने ही मुझे रानी की इस रस भरी चूत में लण्ड डालने देगा या नहीं?
मैं तो मान भी जाऊँ पर मुझे नहीं लगता कि अब मेरा लण्ड मानेगा.
और उधर मामाजी सलोनी की चूत को चाटने में लगे थे.
सलोनी की आँखे बंद थी… इसलिए नहीं कि वो सो रही थी या फिर सोने का नाटक कर रही थी, बल्कि उसके चेहरे से ही उसकी मस्ती झलक रही थी, उसको बहुत ही मजा आ रहा था, सलोनी के होंठ कभी बंद तो कभी खुल रहे थे, कभी कभी वो उनको गोल सीटी बजाने जैसा कर ले रही थी.
उसके दोनों हाथ अपने आप ही उसकी ऊपर उठी हुई चूचियों पर आ गए थे जिनको वो मसल भी रही थी.
इस सेक्सी दृश्य को देखते हुए रानी जैसी सुकोमल नारी के मक्खन जैसे जिस्म से खेलने का मजा दुगना हो गया था.
और ऊपर से उसका पति भी साथ था, उसके सामने तो रानी को चोदने में मजा ही आ जाता.
रानी डरते हुए बार बार अपने पति की ओर देख रही थी मगर उसने एक बार भी हमारी ओर नहीं देखा, वो अपने बाप की रासलीला देखने में मशगूल था.
मैंने रानी की चूत सहलाते हुए ही उसके पेटीकोट का नाड़ा ढीला कर दिया, उसने कोई प्रतिरोध नहीं किया बल्कि वो भी कमरे में देखने का प्रयास करती रही.
अब मैंने पेटीकोट के ऊपर से हाथ अंदर डालकर उसकी चूत को अपनी मुट्ठी में भर लिया. मैं चूत को मसलते हुए पेटीकोट को नीचे करने लगा.
रानी अपने पति को देखते हुए पलट गई, अब वो मेरे नीचे दबी थी.
उसकी मदमस्त चूतड़ मेरी कमर के नीचे थे, उसका पेटीकोट घुटनों से नीचे तक सरक गया था.
मैंने नीचे हाथ कर उसको पूरा निकाल दिया तो अब रानी केवल एक छोटी सी ब्रा में मेरे नीचे दबी हुई लेटी थी.
हम तीनों के मुँह उस दरवाजे के बनाये गैप में थे और सलोनी-मामाजी की मस्ती देख रहे थे.
रानी का पति कोने में सिकुड़ा सा बैठा हुआ था, रानी और मैं दूसरी तरफ उलटे लेटे थे, मैं रानी के ठीक ऊपर था, मेरा लण्ड पैंट से बाहर था, मैंने पैंट को अपने चूतड़ से नीचे को सरका दिया पर पूरी उतारी नहीं.
मेरा लण्ड अब पूरी तरह से स्वतंत्र होकर रानी के चूतड़ों की दरार में घुसा हुआ था.उसने जरा से ऊपर को होकर लण्ड को चूत के ऊपर कर लिया, रानी ने अपने दोनों पैरों के बीच इतना गैप कर लिया था कि लण्ड आसानी से चूत में प्रवेश कर सकता था.
मैंने लण्ड के टॉप को रानी की पानी छोड़ रही चूत के द्वार पर रखा और हल्के से धक्का दिया तो बिना कोई आवाज निकले मेरे लण्ड का टोपा रानी की चूत में चला गया.
उसकी चूत इतनी गर्म लग रही थी जैसे आग निकल रही हो, बहुत ही गरम थी रानी की चूत!
मैं बहुत धीरे धीरे लण्ड को अंदर सरकाने लगा, रस में डूबी, भीगी हुई चूत में मेरा लण्ड फिसलता हुआ अंदर सरक रहा था.
उधर मैंने देखा कि मामाजी ने सलोनी के ब्लाउज को खोल दिया था और उसकी ब्रा ऊपर कर वो सलोनी के चूची को चूसने लगे.
वाह, यह क्या, मामाजी ने भी अपना पजामा पूरा ही निकाल दिया था, उनके बदन पर केवल एक बनियान ही था जो ऊपर तक सरका हुआ था.
सलोनी के बाएं हाथ में उनका लण्ड था जिसे वो हिला रही थी.
इधर रानी का पति उसको ऐसा करते देख सिसकारी लेते हुए अपने हाथ से ही अपने लण्ड को हिला रहा था.
और तभी मामाजी ने सलोनी के दोनों पैरों को अपने हाथ से पकड़ घुटनों से मोड़ ऊपर को कर दिया.
ऊपर को खिलकर निकल आई सलोनी की चूत पर मामा ही ने थूका और अपना लण्ड वहाँ लगा दिया.
सलोनी बिलकुल भी मना नहीं कर रही थी, इसका मतलब वो उनका लण्ड लेने को तैयार थी.
और तभी मामाजी ने एक जोरदार धक्क्का लगाकर अपना लण्ड सलोनी की चूत में डाल दिया.
आज मैं एक और लण्ड को अपनी बीवी की चूत में जाते हुए देख रहा था.
‘आह्ह्ह्ह्हा आआह’ सलोनी की जोरदार सिसकारी के साथ ही रानी भी सिसकार उठी- आअह्ह्ह्ह्ह्हाआआ!
मैंने भी एक तेज झटके से अपना लण्ड जड़ तक रानी की चूत की गहराइयों में उतार दिया था.
रानी का पति- क्या हुआ?
रानी- अह्ह्ह… देखो, मैं ना कहती थी कि यह बुड्ढा अब मुझे भी गन्दी नजर से देखता है पर आपको तो मुझ पर भरोसा ही नहीं था, अब देख लिया ना आपने अपनी आँखों से?
रानी का पति कुछ नहीं बोला.
उधर मामाजी खुलकर अपनी कमर हिला हिला कर सलोनी को चोद रहे थे, इधर मैंने भी गति पकड़ ली.
अब उसके पति ने मुझको देखा तो उसको ज्यादा कुछ तो पता नहीं चला.
मैं- तेरा बाप तो बहुत हरामी है साला?
पति- पर यह आप क्या कर रहे हो मेरी रानी के साथ?
मैं- बदला… जब वो खुलकर कर रहा है तो क्या मैं ऊपर से भी नहीं कर सकता?

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08-08-2020, 01:52 PM,
RE: Hindi Chudai Kahani मेरी चालू बीवी
मैंने उसको बरगलाया, उसको ऐसा दिखाया कि मैं ऊपर-ऊपर से ही कर रहा हूँ जबकि मेरा लण्ड रानी की चूत में गहराई तक आ-जा रहा था.
रानी के पति को अपने बाप के ऐसे कृत्य को देखते हुए कोई पछतावा नजर नहीं आ रहा था बल्कि वो पूरा मजा ले रहा था, उनकी चुदाई देखते हुए वो खुद अपना लण्ड जोर जोर से हिला रहा था, उसका ध्यान मेरी या फिर रानी की ओर बिल्कुल नहीं था.
रानी को मैंने लगभग पूरा नंगा कर दिया था, उसकी चूत में लण्ड भी डाल दिया था, मगर उसको जैसे पता ही नहीं चला था और वो बड़बड़ा भी रहा था- आह्ह्हा यार कुछ भी बोलो, तुम्हारी बीवी है बहुत मस्त माल! मेरा बाप तो कई साल से भूखा है, अगर मैं भी होता तो खुद को नहीं रोक पाता, इसको पूरा नंगा करके खूब चोदता!
मैं- साले… हरामी… मेरे सामने ही ऐसा बोल रहा है?मैंने एक चपत उसके सर पर लगाई.
‘सॉरी यार… पर क्या करूँ? वो है ही ऐसी… काश इसको पूरी नंगी करके, कमरे में खड़ी करके इसको घुमा घुमाकर चारों ओर से देखता!
बस उसका इतना कहना था.
मामाजी ने उधर सलोनी की चूत से अपना लण्ड बाहर निकल लिया, सलोनी अब आँखें खोलकर उनको देख रही थी.
उन्होंने अपनी बनियान हाथ ऊपर करके उतार दी, फिर सलोनी को उठाकर खड़ा किया, उसकी बाँहों में फंसे हुए ब्लाउज और ब्रा को उसके शरीर से अलग कर एक ओर फेंक दिया.
सलोनी- नहींईइ… अरे कोई आ जायेगा?
मामाजी- चुप्प… कुछ नहीं होगा!
और फिर उन्होंने सलोनी के पेटीकोट का नाड़ा भी खोल दिया. पेटीकोट टाइट था, वो एकदम नहीं उतरा, उन्होंने उसको अपने हाथ से सलोनी के चूतड़ों से उतारा.
सलोनी मदहोशी सी हालत में थी, वो उस कमरे में मामाजी के सामने पूरी नंगी खड़ी थी और मामाजी भी पूरे नंगे खड़े अपने लण्ड को हाथ से सहला रहे थे.
लण्ड सलोनी के चूत से अभी ही निकला था अतः वो चूत के रस से भीगा हुआ था और चमक रहा था.
सलोनी ने एक मस्त अंगड़ाई ली, उसकी चूचियाँ और चूतड़ दोनों ही उठे और हिले, कमरे में जैसे भूचाल सा आ गया.
मामाजी ने जोर से सिसकारी ली, उनका लण्ड उछल उछल कर हिल रहा था, उन्होंने अपने दोनों हाथों से सलोनी के यौवन को सहलाना शुरू कर दिया, वो कभी उसकी चूचियों को मसलते तो कभी उसके चूतड़ों को!
सलोनी कमरे में घूम घूम कर मस्ती ले रही थी.
तभी सलोनी ने मामाजी के लण्ड को अपने मुट्ठी में भर लिया, वो उसको पागलों की तरह हिला रही थी.
मामाजी ने सलोनी को बालो से पकड़ उसके सिर को अपने लण्ड की ओर झुकाया.सलोनी तो जैसे नशे में थी, वो घुटनों पर बैठ उनके लण्ड को अपने होंठों के बीच दबा कर चूसने लगी.
रानी का पति और भी कमीनपने पर उतर आया है- देख, मैं सही बोल रहा था ना, यह तो बिल्कुल रण्डी जैसा चूस रही है, साली कितनी मस्त है यार!
मुझे गुस्सा आ गया, मैंने गप की आवाज के साथ अपने लण्ड को रानी की चूत से बाहर निकाला.
उसने चौंककर मुझे देखा.
मैंने उसके बालों को कसकर खींचा- साले तेरा बाप तो हरामी है ही, तू उससे भी बड़ा हरामी है. कमीने चल, अपने बाप का क़र्ज़ अब तू चुकाएगा, साले चूस मेरे लण्ड को वैसे ही!
और मैंने अपने लण्ड को उसके खुले मुँह में घुसेड़ दिया.
बहुत ही गर्म माहौल हो गया था.

कहानी जारी रहेगी.

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08-08-2020, 01:52 PM,
RE: Hindi Chudai Kahani मेरी चालू बीवी
अपडेट 114

रानी का पति और भी कमीनपने पर उतर आया है- देख, मैं सही बोल रहा था ना, यह तो बिल्कुल रण्डी जैसा चूस रही है, साली कितनी मस्त है यार!
मुझे गुस्सा आ गया, मैंने गप की आवाज के साथ अपने लण्ड को रानी की चूत से बाहर निकाला.
उसने चौंककर मुझे देखा.
मैंने उसके बालों को कसकर खींचा- साले तेरा बाप तो हरामी है ही, तू उससे भी बड़ा हरामी है. कमीने चल, अपने बाप का क़र्ज़ अब तू चुकाएगा, साले चूस मेरे लण्ड को वैसे ही!
और मैंने अपने लण्ड को उसके खुले मुँह में घुसेड़ दिया.
बहुत ही गर्म माहौल हो गया था.
उसने अपनी आँखें फाड़े लण्ड को मुँह में ले लिया, लण्ड उसके हलक तक चला गया.
मैंने उसके बालों को इतने कसकर पकड़ा कि वो कहीं काट ना ले!
रानी को बहुत ही मजा आ रहा था, वो हंस रही थी.
मैंने उसके मुँह में ही धक्के लगाने शुरू कर दिए, उसकी बीवी की चूत से भीगे लण्ड को वो चूसने लगा.
मैं- साले, अब पता चला जब बीवी चुदती है तो कैसा लगता है? और लण्ड चूसने में कितना मजा आता है?मैंने रानी को अपने चिपका लिया.
उधर सलोनी मामाजी का लण्ड चूसने में लगी थी और इधर मैं उनके बेटा बहु से मजे ले रहा था.
पहले तो मेरे लण्ड से उसको परेशानी सी हो रही थी, फिर अचानक ना जाने क्या हुआ, उसकी आँखे लाल हो गई, वो बड़े प्यार से मेरे अंडकोषों को सहलाते हुए लण्ड को चूसने लगा.
यह देखकर रानी की भी आँखों में चमक आ गई… वो खुद अपने हाथ से मेरे लण्ड को पकड़ उसके मुँह में डालने लगी.
मेरा मजा तिगुना हो गया था!
उधर सलोनी पूरी नंगी उकड़ू बैठी मामाजी के लण्ड को चूस रही थी.
उसके उठे हुए नंगे चूतड़ मुझे साफ दिख रहे थे.
मेरी सीधी बगल में रानी मुझसे चिपकी थी, उसने अपनी ब्रा भी हटा दी थी. उसकी नंगी चूचियों को एक हाथ से मसलते हुए मैं दूसरे हाथ से उसके चूतड़ सहला रहा था और वो अपने पति को मेरा लण्ड चुसवा रही थी.
मेरी शुरू से ही आदत है सेक्सी बातें करते हुए चुदाई करने की, मैं रानी को छेड़ते हुए बोला- क्यों मेरी जान… यह बूढ़ा तो बहुत हरामी है… तुमको भी बहुत चोदता होगा या फिर परेशान करता होगा?
रानी- हाँ सही बोला आपने… यह सब तो नहीं, पर हाँ परेशान बहुत करता है. इनको कई बार बताया पर ये मानते ही नहीं थे… अच्छा हुआ आज इन्होंने सब कुछ अपनी आँखों से देख लिया.
उसका पति केवल गों गों की आवाज निकाल रहा था.मैं एक सेकंड भी लण्ड उसके मुँह से बाहर आने नहीं दे रहा था.
रानी मेरे चेहरे के आगे ही झुकी थी, उसकी नंगी चूची मेरे होंठों से टकरा रही थी, मैंने उसकी एक चूची को सही से पकड़ कर अपने होंठों के बीच उसके निप्पल को लिया और चूसने लगा.
वो भी यही चाहती थी, इसीलिए ऐसा कर रही थी.
रानी मजे से अपनी चूची चुसवाने लगी.
मैं- तुम बताओ मेरी जान, क्या क्या किया है इसने अभी तक तुम्हारे साथ?
रानी- मुझे तो लगता है हर समय उसकी नजर मेरे अंगों पर ही रहती है. पहले तो विश्वास नहीं होता था पर अब सब कुछ सच लगता है.
मैं- फिर भी बताओ न वो सब कुछ… जरा विस्तार से!.!
रानी- अब क्या बताऊँ… इनको तो सब पता ही है. मुझे लगता है जैसे कई बार बाथरूम में झाँकने की कोशिश करते हैं, कई बार मैंने मेरे कमरे में झांकते हुए भी पकड़ा है जब मैं कपड़े बदल रही हूँ या फिर ऐसे वैसे बैठी या लेटी हूँ, तब ही ये ताक झांक करते रहते हैं.
मैंने उसकी चूत में उंगली करते हुए पूछा- और क्या तेरी चूत नहीं देखी कभी या फिर अपने हाथ से नहीं सहलाई?
रानी- मैं पूरे पक्के तौर पर तो नहीं कह सकती, वैसे तो मुझे छूने का कोई मौका नहीं छोड़ते… पर हाँ, मेरे होशोहवास में ये सब नहीं किया. हाँ कई बार मुझे ऐसा लगता है जैसे… मेरे सोने पर कोई मुझे छू रहा है, कई बार मेरे कपड़े भी अस्त व्यस्त होते हैं.
मैं- अरे तो हो सकता है कि तुमको कोई गोली दे चोद भी दिया हो बूढ़े ने…
रानी- अब ये तो पता नहीं… पर हाँ कई बार ऐसा तो होता है कि मेरे पेट या चूतड़ पर कुछ चिपचिपा सा हो और किसी ने पोंछा हो!
मैं- तुमको कुछ पता नहीं चलता था?
रानी- अरे अक्सर मैं बहुत गहरी नींद ही सोती हूँ ना… और अगर कोई मेरे अंगों को सहलाये तो मुझे बहुत मजा आता है, मैं और भी गहरी नींद में सो जाती हूँ और ऐसे मजा लेती हूँ जैसे कोई सपने में कर रहा हो!
मैंने उसके चूतड़ों को कसकर दबाया- क्या बात है यार… फिर तो जो भी तुम्हारे पास होता होगा, उसको मजा आ जाता होगा?
तभी उसके पति ने कुछ इशारा किया, हम दोनों ने उधर देखा.
ओह! यह तो सलोनी आज पूरे चुदाई के मूड में थी!
मामाजी ने सभी गद्दे एक के ऊपर एक करके सलोनी को उन पर झुका कर खड़ा कर दिया.
उनका लण्ड टनटना रहा था, अब यह पक्का था कि वो सलोनी को नहीं छोड़ने वाले, वो उसको चोदने की पूरी तैयारी कर रहे थे.

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08-08-2020, 01:52 PM,
RE: Hindi Chudai Kahani मेरी चालू बीवी
मामाजी सलोनी के चूतड़ों के पीछे बैठ अपने दोनों हाथों से उसके मखमली चूतड़ों को चीर कर खोला, वहाँ ढेर सारा थूका, फिर हाथ से उस जगह को चिकना बना दिया.अब मामाजी ने खड़े होकर अपने लण्ड को सेट किया.
यह पता नहीं चला कि वो चूत में डालने वाले हैं या गांड में!पर अपना लण्ड सेट कर एक धक्का लगाया उन्होंने!
सलोनी- अह्ह्ह्हाआआ…
सलोनी उचक गई… लण्ड काफी हद तक अंदर चला गया था.
रानी का पति- उफ़्फ़, तू सही कह रही है रानी… इन्होंने तो चोद भी दिया इसको!
मैं- चुप साले… अब देखना कैसे इसका बदला तेरी बीवी से लूँगा.
मैंने रानी को वही अपने आगे घोड़ी बनाया- चल साले, सही से चुदवा इसको, नहीं तो तेरी गांड मारूंगा.
वो बहुत डर गया था, उसने खुद रानी की चूत को गीला किया, मेरा लण्ड तो पहले से ही उसके थूक से लबालब था, रानी के पति ने मेरे लण्ड को पकड़ रानी की चूत में खुद सेट किया.
यह मेरा बहुत पुराना सपना था जो आज पूरा हुआ था कि किसी हसीना का पति खुद अपने हाथों से मेरा लण्ड अपनी सुन्दर बीवी की चूत में डाले!
आज सलोनी के कारण मेरा यह सपना भी पूरा हो गया.
मैंने एक जोरदार धक्का मारा!
आह्ह्ह्ह्हा आआआह…और मेरा आधे से ज्यादा लण्ड रानी की सुरंग में चला गया.
रानी की चूत इतना पानी छोड़ रही थी कि एक ही बार में पूरा लण्ड निगलने को तैयार थी.
मैंने रानी के चूतड़ों पर हाथ रख एक और धक्के में ही अपना पूरा लण्ड उसकी गहराई तक उतार दिया.
और अब एक मस्त चुदाई का माहौल बन गया था, दोनों कमरों से केवल सिसकारी और चुदाई की आवाजें आ रही थी.
उधर मामाजी सलोनी को पीछे से ही चोद रहे थे.
इधर मैं भी रानी को घोड़ी बनाकर उसके चूतड़ों को दोनों हाथों से पकड़ चोद रहा था.
रानी का पति दोनों ओर देख रहा था और कभी रानी के सर पर हाथ फेरता तो कभी उसकी नीचे को लटकती हुई चूचियों को सहलाता.
मेरे लण्ड में एक अलग ही उबाल आया हुआ था, मन कर रहा था कि यह चुदाई कभी ख़त्म ना हो.
मैं बहुत तेजी से धक्के लगा रहा था, मेरा लण्ड तेजी के साथ रानी की चूत में आ जा रहा था.
तभी मैंने सलोनी को देखा, वो भी जमकर मजा ले रही थी, मामाजी भी लम्बी चुदाई करने के लिए अपना पूरा अनुभव का प्रयोग कर रहे थे.वो बार बार अपने लण्ड को सलोनी की चूत से बाहर निकाल ले रहे थे, उसके बाद या तो खुद नीचे बैठ सलोनी की चूत अपनी जीभ से चाटने लगते या फिर सलोनी से अपना लण्ड चुसवाते!
और फिर मामाजी ने एक और किलकारी की, उन्होंने सलोनी को गद्दे के ऊपर सीधा लिटाकर उसके दोनों पैर हवा में उठा दिए, सलोनी की चूत सामने खिलकर आ गई, उन्होंने अपना लण्ड एक ही झटके में अंदर डाल दिया!और फिर से उसको चोदने लगे.
पर मैंने अपना आसन नहीं बदला वरना सलोनी की चुदाई देखने में परेशानी हो जाती.हाँ, मैंने छेद जरूर बदलने की सोची और मैंने अपना लण्ड रानी की चूत से बाहर निकाल लिया.

कहानी जारी रहेगी.

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08-08-2020, 01:52 PM,
RE: Hindi Chudai Kahani मेरी चालू बीवी
अपडेट. 115

मैं बहुत तेजी से धक्के लगा रहा था, मेरा लण्ड तेजी के साथ रानी की चूत में आ जा रहा था.
तभी मैंने सलोनी को देखा, वो भी जमकर मजा ले रही थी, मामाजी भी लम्बी चुदाई करने के लिए अपना पूरा अनुभव का प्रयोग कर रहे थे.वो बार बार अपने लण्ड को सलोनी की चूत से बाहर निकाल ले रहे थे, उसके बाद या तो खुद नीचे बैठ सलोनी की चूत अपनी जीभ से चाटने लगते या फिर सलोनी से अपना लण्ड चुसवाते!
और फिर मामाजी ने एक और किलकारी की, उन्होंने सलोनी को गद्दे के ऊपर सीधा लिटाकर उसके दोनों पैर हवा में उठा दिए, सलोनी की चूत सामने खिलकर आ गई, उन्होंने अपना लण्ड एक ही झटके में अंदर डाल दिया!और फिर से उसको चोदने लगे.
पर मैंने अपना आसन नहीं बदला वरना सलोनी की चुदाई देखने में परेशानी हो जाती.हाँ, मैंने छेद जरूर बदलने की सोची और मैंने अपना लण्ड रानी की चूत से बाहर निकाल लिया.
फिर मेरे मन में केवल बदला लेने की भावना भी न जाने कहाँ से आ गई थी.
मामाजी को बार बार अपना लण्ड सलोनी की चूत से बाहर निकालकर उसको चुसवाने लगते थे, बस यही देखकर मैंने भी रानी की चूत से निकले लण्ड को फिर से उसके पति के मुँह में दे दिया.
पर अब उसने कोई विरोध नहीं किया, वो मजे से उसको चूस रहा था, इस बार रानी भी नीचे बैठकर मेरे अंडकोषों को चूसने और सहलाने लगी.
अब कभी उसका पति तो कभी रानी खुद मेरे लण्ड को अपने मुँह में लेकर चूस रही थी, दोनों में जैसे होड़ सी लगी थी कि कौन उसको चूसेगा.
इस सबमे मेरा लण्ड गुर्रा सा रहा था, वो पूरा लाल हो गया था.
मैंने एक बार फिर रानी को घोड़ी बनाया और इस बार लण्ड उसके गांड के छेद पर सेट किया.
उसने एक बार हल्के से अपने चूतड़ों को हिलाया पर मैंने उसके चूतड़ों को कस कर पकड़ा और एक तेज झटके के साथ लण्ड को अन्दर पेल दिया.
मुझे एहसास हो गया कि रानी की गाण्ड का छेद बहुत ही कसा था, उसने गांड चुदवाई तो है पर ज्यादा नहीं, शायद 2-3 बार ही!
ऐसा महसूस हो रहा था जैसे गांड के छेद में कसकर डाट लगा दी हो, बहुत ही फंसा फ़ंसा सा अन्दर जा रहा था मेरा लौड़ा!
रानी बार बार सर हिलाकर मना कर रही थी मगर जब उधर मेरी सलोनी की गाण्ड मारी जा रही हो तो भला मैं कैसे मान जाता?
मैं कसकर रानी के चूतड़ों को पकड़े हुए ही अपने लण्ड को अन्दर किये जा रहा था और तभी रुका जब पूरा लण्ड अन्दर प्रवेश कर गया.
अब मुझे ऐसे लग रहा था जैसे किसी ने मेरे लण्ड को किसी शिकंजे में कस लिया हो.
और फिर शुरू हुई उस सिकंजे से बाहर निकलने और उसको कसकर रखने की कशमकश.
लण्ड बहुत ही धीरे धीरे अन्दर बाहर हो पा रहा था मगर मजा बहुत ज्यादा आ रहा था.
कुछ देर तक तो रानी ने विरोध किया मगर अब शायद उसको भी मजा आने लगा था, वो भी अपने कूल्हों को आगे पीछे करके मज़ा लेने लगी.
फिर हम तीनों ने इस ओर से ध्यान हटा, उधर लगा दिया.
मैं धीरे धीरे गाण्ड मारते हुए सलोनी की चुदाई देखने लगा.
अरे उधर शायद मामाजी का काम तमाम हो गया था, मामाजी अपना लण्ड हाथ में पकड़े हंम्फ हंम्फ! हांफ रहे थे और सलोनी के पेट और जांघें दोनों ही उनके वीर्य से भीगी थीं, वहाँ से पानी भी टपक रहा था.
सलोनी की हमेशा की आदत है कि वो कभी भी सेक्स को बीच में नहीं छोड़ती!
उसने यहाँ भी ऐसा ही किया, उसने उठकर मामाजी के लण्ड को अपने हाथ से सहला कर सही किया, फिर उसको अपनी जीभ से साफ़ कर उसको अपने मुँह में लेकर चूस कर सही कर दिया.
चुदाई के बाद मुँह में लेकर चूसने से लण्ड को बहुत आराम मिलता है, यह बात सलोनी को अच्छी तरह से पता है.
यह सब मामाजी को भी भाया, वो प्यार से सलोनी के सर पर हाथ फेरने लगे, फिर मामाजी ने वहाँ पड़ी एक चादर से सलोनी के पूरे बदन को साफ़ किया.
सलोनी अपने कपड़े पहनने लगी, मामाजी ने भी अपना पजामा और बनियान पहना और वहीं लेट गए.
मामाजी- अरे, यह साहिल कहाँ चला गया? मुझे तो डर था कि कहीं बीच में ना आ जाए!
सलोनी अपना ब्लाउज और पेटिकोट ही पहन वहीं लेट गई.
सलोनी- हाँ, शायद कहीं चले गए होंगे… चलो अच्छा ही हुआ… वरना आपका क्या होता?? अहा हा हा…
मामाजी- हा हा… वैसे बेटी, बुरा मत मानो तो एक बात पूछूँ?
सलोनी- जी हाँ, क्या?
मामाजी- क्या साहिल के अलावा तुमने आज मुझसे ही चुदवाया है या फिर किसी और से भी? देखो सच-सच बताना?

कहानी जारी रहेगी.

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08-08-2020, 01:53 PM,
RE: Hindi Chudai Kahani मेरी चालू बीवी
अपडेट. 116

मामाजी- अरे, यह साहिल कहाँ चला गया? मुझे तो डर था कि कहीं बीच में ना आ जाए!
सलोनी अपना ब्लाउज और पेटिकोट ही पहन वहीं लेट गई.सलोनी- हाँ, शायद कहीं चले गए होंगे… चलो अच्छा ही हुआ… वरना आपका क्या होता?? अहा हा हा…
मामाजी- हा हा… वैसे बेटी, बुरा मत मानो तो एक बात पूछूँ?सलोनी- जी हाँ, क्या?
मामाजी- क्या साहिल के अलावा तुमने आज मुझसे ही चुदवाया है या फिर किसी और से भी? देखो सच-सच बताना?
उनकी बातचीत का विषय देख मेरे कान भी खड़े हो गए, मेरी चुदाई की गति कम हो गई क्योंकि मैं उनकी हर बात ध्यान से सुनना चाहता था.
सलोनी मुस्कुरा रही थी- क्यों जानना है आपको ये सब? आपको अच्छा लगा ना आज! बस भूल जाइये अब ना!
मामाजी- प्लीज यार… बताओ ना… अब हम दोनों में ये सब बातें तो होनी चाहिए ना?
सलोनी- अच्छा आप भी सब कुछ बताइये फिर… साहिल को तो आपने ना जाने क्या क्या बता दिया. फिर मुझे क्यों नहीं?
मामाजी- नहीं यार, उससे तो बस ऐसे ही नार्मल बातें ही हुई हैं.
सलोनी- तो पहले आप बताओ, आपने किस किस के साथ चुदाई की है? अब आपकी पत्नी तो है नहीं… यह तो मुझे पता है.
मामाजी- अरे यार, वो बहुत पहले ही मर गई थी… तभी तो मुझे ना जाने कब से प्यासा ही रहना पड़ा! सच बताऊँ तो केवल तुम ही हो जिसने मुझे पत्नी के मरने के बाद आज इतनी शांति दी, वरना मैं तो ना जाने कब से प्यासा ही था.
सलोनी- तो आपने तब से किसी औरत-लड़की के साथ कुछ नहीं किया?
मामाजी- कहाँ यार… एक तो मेरी उम्र… और फिर समाज में रुतबा… कभी मैंने गलत करने की नहीं सोची.
सलोनी- ओह… फिर तो मैंने आपके बारे में काफी गलत सोचा.
मामाजी- हो सकता है! वैसे तुमसे झूठ नहीं बोलूँगा, जब से मेरी बहू घर आई है, उससे जरूर…
सलोनी- वाह… सच? मुझे लगा था…!! वो रानी ना… उससे मैं मिली थी… बहुत ही सेक्सी है वो तो!!
मामाजी- अरे यार, उसको कुछ मत बोलना… उसको कुछ नहीं पता.
सलोनी- क्याआआ…? फिर क्या??
मामाजी- बता रहा हूँ यार… वो तो बहुत ही सीधी-सादी है… उसके साथ भी कुछ करने की मेरी हिम्मत नहीं है, बस छुपकर ही उसको देखता हूँ, या फिर मौका लगता है तो थोड़ा बहुत!!
सलोनी- ओह… क्या कह रहे हैं आप? सब कुछ पूरा खुल कर बताओ ना?
मामाजी- हम्म्म… अरे यार, उसको छुपकर नहाते हुए… या जब बेसुध सो रही होती है तो उसे निहार लेता हूँ.
सलोनी- बस उसके बदन को देखते ही हो या फिर कुछ और भी?
मामाजी- अब तुझसे क्या छुपाना… दरअसल उसकी नींद बहुत गहरी है, तो जब वो सो जाती है, तो वो सब भी थोड़ा बहुत कर लेता हूँ.
सलोनी- ओह… क्या मामाजी? आप भी ना… जरा खुल कर बताओ ना… क्या चोदा भी है आपने अपनी बहू को?
मामाजी- कोशिश तो की है… पर डर के कारण अच्छे से नहीं हो पाता है.
सलोनी- मतलब, उसको नंगी करके अच्छी तरह से सब कुछ देखा है?
मामाजी- हाँ यार, वो तो कई बार… उसकी फ़ुद्दी भी खूब चाटी है… और चूचियाँ भी कई बार पी हैं. उसके चूतड़ों के बीच लौड़ा घुसा कर लेटा रहता हूँ, बहुत मजा आता है…
सलोनी- तो उस रानी को कुछ पता नहीं चलता?
मामाजी- मैंने बोला न कि उसकी नींद बेहोशी की नींद है… एक बार सो जाने के बाद वो घण्टों तक बेहोश सी सोई रहती है.
सलोनी- फिर तो आपने अपना लौड़ा उसकी फ़ुद्दी में घुसाया भी होगा?
मामाजी- हाँ, कई बार कोशिश की तो है… पर अब शरीर में इतनी ताकत तो है नहीं, इसलिए सही से पोजीशन नहीं बन पाती, हाँ… थोड़ा सा डालकर ही कर लेता हूँ.
सलोनी- हा हा… बात तो वही हुई… अपनी बेटी जैसी बहू को चोद चुके हो… और बातें ऐसी करते हो?
मामाजी- वो तो आज भी चोदा है… और सही मायने में तो इसे ही चुदाई कहते हैं जहाँ दोनों एक साथ सही से करें! उसमें सच म बिल्कुल मजा नहीं आता. बस मन की संतुष्टि के लिए कर लेता हूँ.
उनकी बातें सुन रानी और उसका पति भी काफी उत्तेजित हो गए थे और मेरा भी बुरा हाल था.तभी मेरा भी पानी निकलने वाला हो गया और मैंने रानी को कस कर जकड़ लिया.
मैंने सारा पानी रानी की गाण्ड के अन्दर ही छोड़ दिया.
रानी भी बहुत गर्म हो गई थी, सही मायने में उसको आज ही गाण्ड मरवाने में सही मजा आया था.
फिर अपने ससुर की चुदाई कहानी सुनकर तो उसको और भी मजा आया होगा.
मैं लण्ड से पानी की एक एक बूंद निकाल वहीं लेट गया जिसको रानी ने पकड़ सलोनी की तरह ही अपनी जीभ और मुँह में लेकर साफ़ कर दिया.
उधर सलोनी अपनी कहानी बताने लगी जिसको सुनने के लिए रानी और उसके पति से ज्यादा, मैं लालयित था.
अतः मैंने फिर से अपनी आँखें और कान वहाँ लगा दिए… पता नहीं क्या राज अब खुलने वाला था??

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