Hindi Sex Kahani सियासत और साजिश
12-20-2019, 01:33 PM,
#91
RE: Hindi Sex Kahani सियासत और साजिश
जैसे ही राज के लंड का सुपाडा सुमन की चूत के छेद अंदर घुसा, सुमन दर्द से बिलबिला उठी…उसकी आँखे फॅट गयी….और आँखों से आँसू बह निकल आए….

सुमन: अहह बहुत दर्द हो रहा है ओह निकालो इसे बाहर….

राज : आहह कोई बात नही जान थोड़ी देर दर्द होगा….फिर ठीक हो जायगा,,,,..

राज ने सुमन के दर्द की परवाह किए बिना फिर से एक और जोरदार धक्का मारा…इस बार राज का आधे से ज़्यादा लंड सुमन की चूत की दीवारों को फैलाता हुआ अंदर घुस्स गया….सुमन दर्द के मारे चिल्ला उठी…उसकी चूत से खून बह कर बेड शीट पर गिर रहा था….उसके गाल उसकी आँखों से निकले आँसुओ से गीले हो चुके थे…

राज ने थोड़ी देर रुक कर उसकी चुचियों को चूसना चालू कर दिया….कुछ ही देर मे सुमन की चुचियों के निपल एक दम तन गये…अब सुमन का दर्द काफ़ी हद तक कम हो चुका था….और उसने रोना बंद कर दिया था…सुमन के बदन मे फिर से एक बार मस्ती छाने लगी थी…..राज ने सुमन की चुचियों को बारी-2 चूस्ते हुए, जितना लंड अंदर घुसा था….उसे धीरे-2 अंदर बाहर करना चालू कर दिया…जैसे ही राज अपना लंड और अंदर घुसाने की कॉसिश करता…सुमन दर्द के मारे चीख उठती…और राज की पीठ पर अपने हाथों को कस लेती….

सुमन की चूत मे आ रहे पानी के कारण राज का लंड एक दम चिकना हो गया. और आसानी से उसकी चूत के दीवारों से रगड़ ख़ाता हुआ अंदर बाहर होने लगा…थोड़ी ही देर मे राज का पूरा लंड सुमन की चूत के अंदर बाहर होने लगा…..

जब राज के लंड का सुपाडा सुमन की टाइट चूत की दीवारों से रगड़ ख़ाता हुआ अंदर बाहर होता…सुमन के बदन मे मस्ती की लहर दौड़ जाती….उसे अपनी चूत की दीवारों पर राज के लंड की रगड़ दर्द के बावजूद मदहोश किए जा रही थी…राज अपने धक्को की रफतार को हर धक्के के साथ बढ़ा रहा था…और सुमन के हाथ तेज़ी से राज की पीठ को सहला रहे थे….

अचानक से सुमन को ऐसा लगा मानो उसकी चूत मे से आग निकलने लगी है….उसके बदन का सारा खून उसकी चूत की तरफ बढ़ने लगा….अब लंड की रगड़ चूत के दीवारों पर होती…तो सुमन मदहोशी से भरी आवाज़ मे सिसका उठती….राज को पता चल गया था, कि सुमन झड़ने के बेहद करीब है….और उसने अपने धक्कों की रफ़्तार को और बढ़ा दिया….

सुमन तेज़ी से अंदर बाहर हो रहे हो राज के लंड के सुपाडे की रगड़ को अपनी चूत पर बर्दास्त नही कर पाई….उसका पूरा बदन एक दम से ऐंठ गया….और उसने अपने होंठो को राज के होंठो की तरफ बढ़ा दिया…राज ने पूरे जोश के साथ अपने लंड से उसकी चूत को चोदना चालू कर दिया….और फिर सुमन की चूत से उसके लावा उगल पड़ा..

सुमन इतनी मस्त हो चुकी थी, कि उसने अपने होंठो मे राज के होंठो को बुरी तरहा से जाकड़ रखा था……और राज भी सुमन की कुँवारी चूत की गर्मी को ज़्यादा ना झेल सका…उसके लंड से वीर्य की पिचकारियाँ छूट कर सुमन की चूत की दीवारों पर गिरने लगी….सुमन अपनी चूत की दीवारों पर राज के लंड से निकल रहे गरम वीर्य को महसूस करके मस्ती मे सिसक उठी….अगले ही पल जैसे सुमन को होश सा आया, तो उसने अपने होंठो को राज के होंठो से हटा लिया….और शरमाते हुए दूसरी ओर देखने लगी…..

अगली सुबह जब सुमन उठी….तो उसने अपने आप को राज की बाहों मे नंगा पाया…वो अपनी हालत देख कर एक दम से शरमा गयी….और जल्दी से उठ कर अपने बॅग मे से अपने लिए, एक सलवार कमीज़ निकाल कर बाथरूम मे घुस गयी….उधर डॉली सुबह से उठ चुकी थी….और अपने ससुराल वापिस जाने के तैयारी कर रही थी…उसके सास ससुर पहले से ही जा चुके थे……

दूसरी तरफ सुमन के घर पर अमित और उसकी छोटी बेहन तैयार होकर कॉलेज जाने की तैयारी कर रहे थे….9 बजे दोनो घर से निकल पड़े…..जब दोनो कॉलेज पहुँचे , तो टीना सीधा अपनी क्लास मे चली गयी…पर अमित क्लास मे नही गया, और सीधा पार्क की तरफ चल पड़ा….तभी उसे रघु के गॅंग के कुछ आदमी वहाँ बैठे हुए दिखाई दिए.

जब वो उनकी तरफ बढ़ा तो अमित को ये देख कर बहुत हैरानी हुई, कि सभी के चहरों पर कोई शिकन तक नही है….कुछ दिन पहले उनका माल पकड़ा गया था. और वो लोग बिना किसी डर और खोफ़ के पार्क मे बैठे हुए हंस रहे थे….अमित ने तुरंत अपना इरादा बदल दिया, और उनके पास लगे एक पेड़ के पास जाकर खड़ा हो गया, ताकि उनमे से कोई उसे देख ना सकें…जैसे ही वो वहाँ पेड़ के पीछे छुप कर खड़ा हुआ, तभी उसे सामने से रघु भी आता हुआ दिखाई दिया…..

रघु: और कैसे हो पन्टर लोग…..सब मस्त हैं ना….

आदमी: एक दम मस्त रघु भाई…..पर उस साले का क्या हुआ…

रघु: कल ही पता चला है, उसे छोड़ दिया गया…..भाई जिस काम के लिए उसे अंदर करवाया था, अब वो हो गया है, तो उसे अंदर रख कर कोई फ़ायदा नही था…उसकी बेहन की शादी राज जी से हो गयी है….अब हम लोग ये बेकार के धंधे छोड़ देंगे…और जाकर अपना खुद का बिज्निस करते हैं….राज बाबू जी ने 25 लाख रुपये दिए हैं….

अमित के पैरो के नीचे से मानो जैसे ज़मीन खिसक गयी हो, वो मन मे सोचने लगा…..मे कितना बड़ा बेवकूफ़ था, मेरी वजह से मेरी बेहन की जिंदगी बर्बाद हो रही थी….और मे छी कैसा भाई हूँ मैं…..मुझ ये सारी बात घर जाकर सब को बतानी होगी….हां मुझ बतानी होगी…..मैं अपनी बेहन की लाइफ को ऐसे खराब नही होने दूँगा….इन्होने ने मेरे साथ धोखा किया है….इसकी सज़ा इन्हे भुगतनी पड़ेगी….

अमित ने टीना की पहली क्लास ख़तम होने का इंतजार किया, जैसे ही टीना पहली क्लास ख़तम होते ही बाहर आई. अमित उसके पास गया….

अमित: टीना हमे अभी घर चलना है…कुछ ज़रूरी काम है.

टीना: पर अचानक से क्या….

अमित: तुम चलो तो सही….मे घर चल कर बताता हूँ.

टीना: पर बात क्या है.

अमित: मैने कहा ना पहले घर चलो…

और अमित टीना को लेकर घर आ गया…..जैसे ही वो घर पहुँचा …घर के बाहर राज की कार खड़ी थी…जिसे देख अमित और बौखला गया…वो जल्दी से बाइक से नीचे उतरा, और घर के अंदर जाने लगा…टीना ने जब राज की कार देखे…तो वो एक दम से खुश हो गयी….
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12-20-2019, 01:34 PM,
#92
RE: Hindi Sex Kahani सियासत और साजिश
टीना: भाई लगता है….सुमन दीदी आई हैं….

और टीना भागते हुए अंदर चली गयी….अंदर हाल मे राज और टीना सोफे पर बैठे हुए थी….उनके साथ अजीत शर्मा, बैठा हुआ था…और वीना अंदर किचिन मे थी…सुमन को देखते ही…टीना उसकी तरफ तेज़ी से बढ़ी….और सुमन भी सोफे से खड़ी हो गयी….दोनो बहनें एक दूसरे के गले लगी…टीना की आँखों मे आँसू झलक आए…

सुमन: अर्रे पागल हो क्या, क्यों रो रही हो….

टीना: (मुस्कुरा कर अपने आँसू सॉफ करते हुए) दीदी आपके जाने के बाद ये घर एक दम सूना सा हो गया है…आप की बहुत याद आती है…..

सुमन: मुझ भी आप सब की बहुत याद आती है.

ये कहते हुए सुमन की आँखों मे भी आँसू आ गये….अमित वहाँ दूर खड़ा सब देख रहा था…जब राज ने उसे इस तरहा से देखा तो…उसने अमित से पूछा.

राज : कैसे हो अमित.

अमित: ठीक हूँ…

ये कह कर वो सीधा अपने रूम मे चला गया…..टीना सुमन को साथ लेकर अपने रूम मे आ गयी, और उससे बातें करने लगी….उधर अमित अपने रूम मे तेज़ी से इधर उधर टहल रहा था…उसे कुछ समझ मे नही आ रहा था, कि वो क्या करे …अब बहुत देर हो चुकी थी….और बिना सोचे समझे कुछ भी करना ठीक नही था…तभी उसे टीना के रूम से सुमन और टीना के हँसने की आवाज़ आई….वो सीधा टीना के रूम मे चला गया…

जैसे ही अमित रूम मे आया, तो सुमन खड़ी हो गयी…और अपने भाई के गले लग कर उससे उसका हाल चाल पुन्छने लगी….

सुमन: क्या बात है अमित….मुझसे बात किए बिना ही अंदर चला आया…अपनी दीदी से बात नही करेगा….

अमित: (होंठो पर झूठी मुस्कान लाते हुए) नही दीदी ऐसे बात नही है…दरअसल मेरी तबीयत कुछ ठीक नही थी आज…..आप कैसे हो…

सुमन: मे ठीक हूँ….

अमित: दीदी आप वहाँ खुश तो है ना ?

सुमन: हां मे खुस हूँ….बहुत खुस….

अमित: दीदी मुझ आपसे कुछ बात करनी थी….

सुमन: हां बोल ना क्या बात है…

अमित: दीदी अकले मे….

सुमन: ऐसी क्या बात है जनाब…

अमित: दीदी प्लीज़…

सुमन: अच्छा-2 चल तेरे रूम मे चल कर बात करते हैं….

दोनो अमित के रूम मे आ गये….

सुमन: बेड पर बैठते हुए) हाँ अब बोल क्या बात है.

अमित: वो बात ऐसी है वो मे…

सुमन: ये वाउ ओ क्या कर रहा है….सही से बोल ना क्या कहना चाहता है….

अमित की आँखों मे आँसू आ गये….सुमन जल्दी से खड़ी हुई, और अमित के झुके फेस को अपने हाथों मे भरते हुए, ऊपेर उठा कर उसके आँसुओं को सॉफ किया….

सुमन: पागल लड़कियों की तराहा क्यों रो रहा है…

अमित: मुझ माफ़ कर दो दीदी मुझ से बहुत बड़ी ग़लती हो गयी है….

सुमन: तू बता तो सही क्या कहना चाहता है…

अमित ने अपने आँसुओं को सॉफ किया, और सुमन को सारी बात बता दी….सुमन के पैरो तले से ज़मीन खिसक गयी….उसकी आँखे खुली की खुली रह गयी….उसे यकीन नही हो रहा था, कि अमित ने जो कहा वो सच है…..अमित की बात सुन कर सुमन की आँखे भी आँसू से भर गये….

अमित: दीदी मुझ लगता है…हमे ये बात मम्मी पापा को बता देनी चाहिए….

सुमन: (जल्दी से अपने आँसुओं को सॉफ करते हुए) नही अमित..ये ठीक नही होगा…वो तो पहले से बहुत दुखी हैं…ऐसे मे अगर उन्हे ये बात पता चली, उनके दिल पर नज़ाने क्या बीते गे….और वैसे भी अब बहुत देर हो चुकी है…तुम ये बात किसी को नही कहोगे…अब यही मेरी जिंदगी की नीयती है…प्लीज़ मम्मी पापा से कुछ ना बोलना…

अमित: पर दीदी ?

सुमन: तुम्हे मेरी कसम अमित. प्लीज़ तुम ये बात किसी को नही बताओगे…

तभी अजीत शर्मा अमित के रूम मे आ गया…..

अजीत शर्मा: अब दोनो भाई बेहन बातें ही करते रहोगे..चलो नीचे नाश्ता तैयार है कर लो….मे टीना को बोल कर आता हूँ…

सुमन बुझी हुई सी नीचे आ गयी….अमित वहीं अपने रूम मे बैठा , अपनी किस्मत को कोस रहा था….अब वो चाह कर भी कुछ नही कर सकता था….भले ही राज का सुमन को पाने का रास्ता ग़लत था….पर उसने सुमन से शादी की थी….वहाँ से चलने के बाद जब राज और सुमन हवेली की ओर जा रहे थे…..तब सुमन का फेस एक दम उतरा हुआ सा था…उसकी तो एक ही पल मे सारी खुशियाँ छीन ली गयी थी…उसे पति तो मिला. पर दौलत के नशे मे उसके पति की आँखे बंद थी….


आज राज की शादी को तीन महीने हो चुके थी….जून का मंथ शुरू ही हुआ था, और साहिल की सम्मर वकेशन स्टार्ट हो चुकी थी….जैसे ही साहिल घर वापिस आया, तो वो डॉली से गाँव जाने की ज़िद्द करने लगा….और आख़िर डॉली ने साहिल की बात मानते हुए, गाँव जाने का फैंसला कर लिया….अगले ही दिन साहिल डॉली और रवि तीनो गाँव पहुँच गये…..राज अपनी बेहन और भानजे को देख कर बहुत खुश हुआ,….

दोस्तो मे आप को यहाँ पर ये बता देना चाहता हूँ, कि ये उस समय की बात है जब मोबाइल फोन की शुरुआत भी नही हुई थी.….और अगर किसी का हाल चाल जानना होता तो लॅंड लाइन के सहारे रहने पड़ता था…जिस दिन डॉली साहिल और रवि गाँव पहुँचे , तो अजीत शर्मा (डॉली का ससुर) गाँव हवेली मे फोन करना भूल गया था, कि डॉली और साहिल ठीक से पहुँचे है कि नही…..
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12-20-2019, 01:34 PM,
#93
RE: Hindi Sex Kahani सियासत और साजिश
इतफाक से उस दिन सुमन अपने मायके गयी हुई थी…..दोपहर का खाना खाने के बाद तीनो आराम करने के लिए चले गये….जब शाम को डॉली उठ कर नीचे आई तो, राज कहीं जाने की तैयारी कर रहा था…

डॉली: भैया आप कहीं जा रहे हैं…..

राज : हां कुछ ज़रूरी काम है….इसीलिए जाना पड़ रहा है…..एक काम करना. तुम्हारा जो भी दिल करे हरिया काका से कह कर बनवा लेना रात के खाने मे…मेरा इंतजार ना करना..हो सकता है मे आज रात को वापिस ना आ पाऊ….

डॉली: ठीक है भैया…..आप जाए….

राज ने बाहर आकर अपनी कार स्टार्ट के और चला गया…..रात हो चुकी थी….पर राज अभी तक नही आया था….हरिया ने उनके लिए रात का खाना तैयार कर दिया, और पीछे बने अपने रूम मे चला गया…तीनो ने खाना खाया, और डॉली साहिल को लेकर अपने रूम मे सोने के लिए चली गयी…..

आज राज घर पर नही था….डॉली की ससुराल मे भी अक्सर घर पर कोई ना कोई होता था….इसीलिए आज डॉली और रवि दोनो के लिए बहुत अच्छा मोका था….पर डॉली हवेली मे रवि से दूर ही रहना चाहती थी….रात के 12 बज रहे थे….चारो तरफ सन्नाटा छाया हुआ था….बाहर बादलों की हो रही गड़गड़ाहट की आवाज़ हवेली की दीवारों को चीर कर अंदर आ रही थी…..

आज हवा तूफ़ानी रूप ले चुकी थी….जोरो के आँधी चल रही थी….और सारा गाँव अपने घरों मे दुबका हुआ था…..जैसे आज कोई कयामत आने वाली हो…बारिश के साथ तेज हवा और बिजली की तेज कान फाड़ देने वाली आवाज़ ने खोफ़नाख़् माहॉल सा बना दिया था…

इस बीच रवि हवेली के अंदर है एक रूम मे लेटा हुआ था….जब उससे रहा नही गया तो वो उठ कर ऊपेर चल दिया….ऊपेर पहली मंज़िल पर डॉली के रूम के सामने जाकर खड़ा हो गया, और डोर को हल्का सा नॉक किया….जब डॉली ने उठ कर डोर खोला, तो रवि ने एक झटके से डॉली का हाथ पकड़ कर उसे बाहर खैंच लिया….और डोर को बंद कर दिया…

डॉली: ये क्या रहे हो….पागल हो गये हो क्या ?

रवि: ओह्ह मेरी महा रानी जी आपका ये दास कब से आपके दीदार को तरस रहा है…और आप है कि घोड़े बेच कर सो रही हो…

डॉली: (रवि की बात सुनते ही डॉली के होंठो पर मुस्कान आ गयी) तुम अब बहुत तंग करने लगे हो…अब तुम्हारी शादी करनी पड़ेगी….

रवि: मुझ शादी करने की क्या पड़ी है….मे तो सारी जिंदगी आपके साथ यूँ ही रहना चाहता हूँ….

डॉली: क्यों मुझमे ऐसी क्या बात है…..और अब मेरी उम्र भी तो धल रही है….

रवि: आप चाहे 80 साल की हो जाएँ…पर मे हमेशा आप से यूँ ही प्यार करता रहूँगा….आप हैं ही इतनी खूबसूरत….

ये कहते हुए….रवि ने डॉली को अपनी बाहों मे भर लिया….और अपने होंठो को डॉली के होंठो की तरफ बढ़ाने लगा….डॉली ने अपने फेस पर रवि के गरम साँसों को महसूस करके मदहोशी मे अपनी आँखे बंद कर ली….और अपने होंठो पर रवि के होंठो के स्पर्श का इंतजार करने लगी….

रवि ने उसके होंठो को अपने होंठो मे भर लिया, और चूसने लगा….डॉली आज कई दिनो बाद अपने जिस्म को रवि के जिस्म के साथ महसूस कर रही थी…उसके बदन मे मस्ती की लहर दौड़ गयी….और उसने अपनी बाहों को रवि की पीठ पर कस लिया….रवि डॉली के दोनो होंठो को अपने होंठो मे भर कर चूस रहा था…..

और रवि के हाथ डॉली के पीठ को सहलाते हुए, नीचे उसके चुतड़ों की तरफ जा रहे थे…पतली सी नाइटी पर से डॉली रवि के हाथों को अपने जिस्म पर रेंगता हुआ सॉफ महसूस कर पा रही थी….जैसे ही रवि ने डॉली के चुतड़ों को नाइटी के ऊपेर से अपनी हथेलियों मे भर कर दबया….डॉली के पूरे बदन मे सिहरन दौड़ गयी.. और उसके मुँह से मस्ती भरी आह निकल गयी…..

डॉली: सीईईईईई उम्ह्ह्ह्ह्ह रवि अब यहीं खड़े रहोगे…. क्या….मुझ कहीं लेकर चलो….मेरी चूत मे आग लगी हुई…अब इसे जल्दी से बुझा दो…

रवि ने डॉली की बात सुनते ही, उसे अपनी बाहों मे उठा लिया, और नीचे की ओर आने लगा…डॉली उसके गले मे अपनी बाहें डाले हुए, रवि की ओर देख कर मुस्कुरा रही थी..और रवि नीचे उतर रहा था….

रवि: (जब उसे डॉली को यूँ मुस्कुरा कर अपनी तरफ देखते हुए देखा) ऐसे क्यों देख कर मुस्कुरा रही हो आप…

डॉली: मे देख रही हूँ, कि अब तुम इतने बड़े हो गये, कि मुझे गोद मे उठा कर लेजा रहे हो….

रवि: ओह्ह वैसे आप तो फूल से भी हल्की हो….मे तब भी आप को ऐसे उठा सकता था…जब मे आपके प्यार मे दीवाना हुआ था…

रवि नीचे आकर सीधा उस रूम की ओर बढ़ा, जहाँ वो कुछ देर पहले लेटा हुआ था… अंदर आते ही उसने डॉली को बेड पर लिटा दिया….डॉली ने उसके शर्ट को पकड़ कर उसे अपने ऊपेर खैंच लिया…और रवि के होंठो से अपने होंठो को सटा दिया….और पागलों की तरहा रवि के होंठो को चूसने लगी…

रवि बेड पर डॉली के ऊपेर आ गया….और डॉली को अपनी बाहों मे भरते हुए, उसके होंठो को चूसने लगा….उसके हाथ डॉली की चुचियों को मसल रहे थे…डॉली के बदन मे मस्ती की लहरें दौड़ रही थी….डॉली ने जल्दी से अपने हाथों को नीचे ले जाकर रवि के पाजामा की इलास्टिक मे डाल कर उसे नीचे सरका दिया….

जैसे ही रवि का पजामा उसकी जाँघो तक आया…..उसका तना हुआ लंड झटके ख़ाता हुआ बाहर आ गया…दोनो के होन्ट अभी भी आपस मे उलझ रहे थे….फिर डॉली ने जल्दी से अपनी नाइटी को कमर तक ऊपेर किया, उसने नीचे पैंटी नही पहनी हुई थी…और रवि के लंड को पकड़ कर अपनी चूत के छेद पर लगा दिया…

डॉली: (रवि के होंठो से अपने होन्ट अलग करते हुए) ओह्ह्ह रवि जल्दी करो, कहीं साहिल उठ ना जाए….प्लीज़ फक मी हार्ड….रवि ने डॉली की टाँगों को घुटनो से मोड़ कर ऊपेर उठा कर दोनो तरफ फैला दिया, और अपने लंड को आगे की तरफ धकेला….लंड का सुपाडा डॉली की चूत के भीगे हुए छेद मे अंदर घुसता चला गया…जैसे ही रवि के लंड का सुपाडा डॉली की चूत मे गया….डॉली ने अपने चुतड़ों को ऊपेर की तरफ उछाला…उसके चूतड़ सीधा रवि की जाँघो से थप की आवाज़ से टकराए….
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12-20-2019, 01:34 PM,
#94
RE: Hindi Sex Kahani सियासत और साजिश
रवि का लंड पूरा का पूरा एक ही बार मे उसकी चूत मे समा गया था…..डॉली ने अपनी बाहों को रवि की पीठ पर कस लिया….और रवि ने तेज़ी से शॉट लगाने चालू कर दिए. रवि का लंड तेज़ी से डॉली की चूत के अंदर बाहर हो रहा था….और डॉली की सिसकारियाँ पूरे रूम मे गूँज रही थी….बाहर अभी भी तेज़ी से बारिश हो रही थी. बाहर जेनरेटर चल रहा था, क्योंकि लाइट कट थी….

और जेनरेटर की आवाज़ दूर -2 तक गूँज रही थी…..तभी हवेली का मेन गेट खुला, और राज की कार अंदर आ कर रुक गयी….अंदर डॉली और रवि वासना के सागर मे इस कदर डूबे हुए थे, कि उनको अंदाज़ा तक भी नही था, कि बाहर क्या हो रहा है…और होता भी कैसे…एक तो जेनरेटर की आवाज़ और दूसरी बादलों के गऱजने की आवाज़…हाल का मेन डोर लॉक था….

अंदर डॉली तेज़ी से अपनी गान्ड हिलाते हुए रवि के लंड को अपनी चूत मे पेलवा रही थी, और दोनो झड़ने के बेहद करीब थे….जब दोनो झड गयए….वो वैसे ही लेटे रहे…इस बात से अंजान कि बाहर चोखट पर उनकी मौत दस्तक दे रही है….

राज अपनी कार से नीचे उतरा….और साथ मे सुमन भी….डॉली और साहिल घर आए हुए थे….इसीलिए राज वापिस आता हुआ, सुमन के घर जाकर उसे भी साथ ले आया था….राज ने जैसे ही डोर के पास पहुँच कर डोर खोला, तो डोर अंदर से लॉक था….राज ने अपनी पेंट की जेब मे हाथ डाला, और उस डोर के दूसरी चाबी निकाल ली.

जो हमेश राज के पास रहती थी….राज ने डोर खोला, और सुमन के साथ अंदर आ गया…अंदर आते ही राज ने डोर लॉक किया….और अपने रूम की तरफ जाने लगा. सुमन भी उसके पीछे जाने लगी….

राज : लगता है डॉली और साहिल सो गये है…..चलो कल सुबह मिल लेना….

सुमन: जी सुबह ही मिलेंगे….

दोनो अपने रूम मे आ गये….जब राज ने रूम मे आकर देखा, तो रूम मे पानी नही था…उसने सुमन को कहा कि, वो चेंज करे….मे पानी लेकर आता हूँ…और ये कह कर राज पानी लेने के लिए किचिन के तरफ जाने लगा…किचिन हवेली के सबसे आगे वाले हिस्से मे एक साइड मे था….और उसी के साथ वाले रूम मे रवि और डॉली थे….जैसे ही वो किचिन के पास पहुँचा ….तो उसे उस रूम से डॉली के हँसने की हल्की सी आवाज़ सुनाई दी….

डॉली की आवाज़ सुनते ही, राज एक दम से चोंक गया…और उस रूम की तरफ बढ़ने लगा….जैसे -2 वो उस रूम की तरफ बढ़ रहा था, डॉली और रवि की आवाज़ और सॉफ होती जा रही थी…..राज मन मे सोच रहा था, कि आख़िर डॉली इतनी रात को इस रूम मे क्या कर रही है…पर इस रूम मे तो नौकर सोते हैं….जब राज रूम के पास पहुँचा, तो उसने देखा कि रूम का डोर हलका सा खुला हुआ है…राज ने डोर को धकेला, और अंदर आ गया…..

रवि अभी भी वैसे ही डॉली ऊपेर लेटा हुआ था….जब डोर खुल कर दीवार से टकराया. तो दोनो एक दम से घबरा गये….अपने सामने खड़े राज को देख कर दोनो के हाथ पैर काँपने लगे…मानो जैसे सामने यमराज खड़ा हो…दोनो के दिलो ने धड़कना बंद कर दिया…..राज ने जो देखा, उसे देख कर उसकी बाहों के मांसपेशियाँ फडफडाने लगी..आँखे गुस्से से ऐसी लाल हो गयी….जैसे मानो उनमे खून उतर आया हो….डॉली ने जल्दी से अपनी नाइटी ठीक की, और उठ कर राज के पैरों मे गिर पड़ी….

डॉली: भैया हमे माफ़ कर दो…..हम से ग़लती हो गयी….

राज ने नज़रे उठा कर रवि की और देखा, वो सर को झुकाए खड़ा था…उसका पूरा बदन डर के मारे थर-2 कांप रहा था..

राज : हराम की औलाद….साले जिस थाली मे खाया, उस मे छेद करता है….

ये कहते ही, राज ने अपनी पिस्टल निकाल ली, और रवि की तरफ तान दी…

रवि: बाबू जी मुझे माफ़ कर दो….(सामने तनी हुई पिस्टल को देख कर रवि एक दम से घबरा गया)

इससे पहले कि रवि कुछ और बोलता….राज ने उस पर गोली दाग दी…गोली उसके माथे मे छेद करते हुए. पीछे से उसके से निकल गयी….और रवि पीछे की ओर दीवार से जा टकराया….और अगले ही पल उसके जिस्म से प्राण निकल गये….उसके सर के पिछले हिस्से से निकले खून की फुँहार से दीवार लथपथ हो गयी….

जैसे ही डॉली ने रवि की तरफ देखा, वो एक दम से चीख उठी….और खड़ी होकर रवि की तरफ भागी…..पर फिर से एक और गोली चलने की आवाज़ से पूरी हवेली गूँज उठी..,.दोनो गोलयों के चलने मे महज 8 सेकेंड का फाँसला था….गोलियों के चलने की आवाज़ सुन कर सुमन एक दम से घबरा गयी…और तेज़ी से बाहर की तरफ भागी….

दूसरी गोली डॉली के ठीक सर के पीछे लगी….और वो वहीं रवि के ऊपेर ढेर होकर गिर पड़ी….डॉली के सर से बहता खून पूरे फर्श पर फैल गया…जब सुमन उस रूम मे पहुँची ….तो सामने का नज़ारा देख कर, डर के मारें चीख उठी….और वो वहीं नीचे थप से बैठ गयी….और रोने लगी….कुछ देर राज ऐसे ही खड़ा रहा….और सुमन वहीं नीचे बैठी रोती रही….जब राज के सर से गुस्से का उन्माद उतरा…तो एक पल के लिए वो भी घबरा गया….

उसने रोती हुई. सुमन की ओर कोई ध्यान नही दिया….और हाल मे आकर विशाल को फ़ोन लगाया….और विशाल को सारी बात बताई…..विशाल ने उसे हॉंसले से काम लेने के लिए कहा, और बोला कि, वो अभी उसकी हवेली मे पहुँचता है….राज फोन रख कर वापिस आ गया, और सुमन को उसके कंधों से पकड़ कर ऊपेर उठाया…

सुमन: (रोते हुए) ये आप ने क्या कर दिया….दीदी को मार डाला….ये आप ने ठीक नही किया….पर आप ने ऐसा क्यों क्या……

राज : (झल्लाते हुए) पहले तुम चुप करोगी….तुम देख नही रही….ये हमारी पीठ के पीछे कैसे गुल खिला रही थी….अर्रे मुझसे कहती….एक से बढ़ कर एक लड़के ढूँढ लाता इसके लिए….पर ये तो मेरी इज़्ज़त को नीलाम कर रही थी…..इसे ज़रा भी मेरे रुतबे मेरी इज़्ज़त और प्यार का ख़याल नही आया, जो एक नौकर के साथ…तुम ही बताओ मे क्या करता…जब इन दोनो को मैने ऐसे देखा, मे अपने आप को रोक नही पाया….

थोड़ी देर बाद बाहर हाल का में डोर पर नॉक हुआ, राज ने जाकर डोर खोला, तो सामने विशाल खड़ा था….उसके साथ चार आदमी और भी थी….

विशाल: (अंदर आते हुए) ये कर दिया तूने….पागल तो नही हो गया? कहाँ है उनकी लाशें ?

राज : उधर उस रूम मे…..

विशाल ने अपने आदमियों से इशारा किया और वो अपने आदमियों के साथ अंदर आ गया, और राज के साथ रूम मे चला गया…जब विशाल ने उस खोफ़नाक मंज़र को देखा, तो एक पल के लिए सकते मे आ गया…वो एक बुत की तरहा खड़ा था…राज ने उसे हिलाया…..

राज : क्या सोच रहा है. ?

विशाल: (एक दम से चोन्कते हुए) कुछ नही यार…..एक बात बता क्या डॉली के ससुराल वालों को उसके यहाँ पहुँचने की खबर मिल गयी है…मतलब जब डॉली यहाँ पहुँची तो, क्या उसकी ससुराल से फोन आया था…या डॉली ने यहाँ से अपने ससुराल फोन किया था….

राज : यार मैं ये यकीन के साथ नही कह सकता….क्योंकि मे शाम से बाहर था. अब जब लोटा तो ये…..

विशाल: (थोड़ी देर सोचने के बाद) अच्छा छोड़….मुझे फोन करने दे…

और विशाल ने अपने घर पर फोन लगाया…..थोड़ी देर बाद विशाल के पापा ने फोन उठाया, तो विशाल ने भीमा जो कि विशाल का खास आदमी था….उससे बात करवाने को कहा. जब भीमा से विशाल ने फोन पे बात की, और उसे सब कुछ समझा दिया….

विशाल: (फोन रखने के बाद राज को) चल अब इनकी लाशों को ठिकाने लगाते है सबसे पहले….फिर बाद मे देखते है क्या करना है…

और दोनो उसी रूम के तरफ जाने लगे…पर जैसे ही राज रूम की तरफ पलटा…उसके पैर वहीं जम गये….एक पल के लिए उसके दिमाग़ ने काम करना बंद कर दिया…उसने विशाल की तरफ देखा….विशाल की भी वही हालत थी….सामने साहिल डोर के पास खड़ा था….वो बुरी तरह घबराया हुआ था….और उसके पास मे सुमन खड़ी थी…
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12-20-2019, 01:34 PM,
#95
RE: Hindi Sex Kahani सियासत और साजिश
साहिल: (रोते हुए) मम्मी जी मम्मी ये मम्मा को क्या हुआ, उनके इतना ब्लड क्यों निकल रहा है सर से….प्लीज़ जल्दी से डॉक्टर को बुलाओ ना…प्लीज़ मम्मी जी…डॉक्टर को बुलाओ….

जब सुमन ने साहिल के मासूम से चहरे की तरफ देखा, तो वो फुट-2 कर रोने लगी…साहिल रोते हुए, सुमन को डॉक्टर बुलाने के लिए कह रहा था….

राज : (विशाल की और देखते हुए) अब क्या करें…

विशाल: अब इसको भी ख़तम करना पड़ेगा….नही तो अगर इसने मुँह खोला तो, तू जिंदगी भर के लिए सलाखों के पीछे होगा….

राज : तू पागल तो नही हो गया….वो वो मेरा भांजा है….मे उसे कैसे…नही ये मुझसे नही होगा….

विशाल: दोस्त इस वक़्त और कोई चारा नही है….अगर इसने मुँह खोला, तो तेरे-2 साथ-2 मे भी अंदर जाउन्गा…….

राज ने एक पल के लिए अपनी आँखों को बंद किया…और धीरे-2 साहिल की ओर बढ़ा…सुमन उसे सीने से लगाए रो रही थी….जब साहिल ने राज को अपनी तरफ आता देखा, तो वो भाग कर राज के पास चला गया…

साहिल: (सुबक्ते हुए) मामा जी देखिए ना मम्मा को क्या हो गया है, कितना खून निकल रहा है…डॉक्टर को बुलवाइए ना….प्लीज़ मामा जी….

राज ने अपने हाथों को साहिल की तरफ बढ़ाया….सुमन सामने बैठी रो रही थी….उसे इस बात का बिल्कुल भी अंदाज़ा नही था, कि राज अब साहिल को भी जान से मार देने वाला है….

राज ने अपने दोनो हाथों को साहिल के कंधों के ऊपेर गर्दन के पास रख लिया, साहिल अभी भी रोते हुए, राज को डॉक्टर को बुलाने के लिए कह रहा था…आज राज के हाथ भी कांप रहे थे….उसने एक पल के लिए फिर से अपनी आँखे बंद की…और एक लंबी साँस लेकर अपने आँखे खोली…..इस बार जब उसने अपनी आँखे खोली….तो उसके आँखों मे हैवानियत सॉफ नज़र आ रही थी….

फिर एक दम से उसके दोनो हाथों ने साहिल के गले मे फँदा सा बना लिया….और उसके हाथ साहिल की नाज़ुक सी गर्दन के चारो ओर कसते चले गये….और राज ने अपनी पूरी ताक़त के साथ साहिल के गले को दबा दिया…..सुमन को तब अहसास हुआ, जब साहिल ने अपने हाथों से राज के हाथों से अपनी गर्दन को छुड़वाने की कॉसिश की…साहिल के आँखे ऊपेर की ओर उठ गयी…

सुमन जल्दी से खड़ी हुई, और तेज़ी से राज की तरफ भागी….और साहिल को छुड़वाने की कॉसिश कररने लगी….

सुमन: ये क्या कर रहे हो छोड़ो साहिल को....आप ऐसा कैसे कर सकते इस मासूम सी जान के साथ प्लीज़ छोड़िए.....आपको भगवान का वास्ता.....इस बच्चे पर तो रहम करिए....

पर साहिल की आँखे बंद होने लगी….और थूक उसके मुँह से बाहर आने लगा…फिर अचानक से उसके मुँह से खून की धार निकली, और उसका बदन ढीला पड़ गया…राज ने उसकी गर्दन को छोड़ दिया….साहिल धडाम से नीचे गिर पड़ा….और जिसे देख कर सुमन की चीख निकल गयी….जो हवेली की दीवारों मे क़ैद सी होकर रह गयी…..

सुमन की आँखे जैसे पथरा गयी हो……सामने खोफ़नाक मंज़र देख कर…एक पल के लिए उसका सर चकरा गया….और लड़खड़ाई…राज ने जैसे ही, उसे सहारा देने के लिए थामा….उसने राज के हाथ को झटक दिया…और साहिल के पास नीचे बैठ कर फुट-2 कर रोने लगी….

सुमन: (रोते हुए) ये आप ने किया ? इस नन्ही से जान पर भी आपको तरस नही आया…एक इंसान इस कदर कैसे गिर सकता है…..

विशाल ने राज को कंधे से पकड़ कर हीलिया, जब राज ने उसकी तरफ देखा, तो उसने राज को बाहर आने के लिए कहा…राज विशाल के साथ बाहर आ गया….

राज : क्या बात है..

विशाल: कुछ नही….बस उसे कुछ पलों के लिए अकेला छोड़ दो….

बाहर विशाल ने अपनी कार को खोला, और अपने आदमियों को लाशों को लाने के लिए कहा…उसके चारो आदमी अंदर चले गये, और रवि और डॉली की लाशों को उठा कर बाहर ले जाने लगी…सुमन वहीं रोते हुए, सब कुछ देख रही थी….उसने तो जिंदगी मे ये कल्पना भी नही की थी, कि उसे अपनी जिंदगी मे ये दिन भी देखने पड़ेंगे…तभी सुमन को अपने घुटनो पर कुछ अहसास हुआ, जब उसने नीचे देखा तो, साहिल के हाथ मे हल्की सी मूव्मेंट हो रही थी…

राज के डर के कारण वो बुरी तरहा से घबराई हुई थी…उसने बाहर की तरफ देखा, बाहर विशाल अपनी कार मे डॉली और रवि की लाशों को रखवा रहा था….सुमन जल्दी उठ कर बाहर नज़र रखते हुए, फोन के पास गयी….और अपने घर पर फोन लगाया.
जब उसके पापा जय शर्मा ने फोन उठाया, तो उसने अमित से बात करने को कहा…

थोड़ी ही देर मे अमित भी फोन पर आ गया, और सुमन ने उसी जल्दी है हवेली मे आने के लिया कहा…

अमित: पर बात क्या है दीदी…इतनो रात को.

सुमन: देख सुमित. मुझे तुम्हारी मदद की सख़्त ज़रूरत है. तू जल्दी से यहाँ आजा..और सुन जब तक मे हवेली के बाहर ना आऊ….तू बाहर हवेली के आस पास कहीं छुप कर रहना….

अमित: ठीक है दीदी मे अभी आता हूँ.

अमित ने जल्दी से फोन रखा, और बाहर आकर अपनी बाइक स्टार्ट के, और राज के गाँव की तरफ चल पड़ा….राज का गाँव शहर से 15 किमी दूर था…और रात को सभी सड़कें खाली थी….अमित अपनी बाइक को फुल स्पीड दौड़ते हुए, राज के गाँव की तरफ बढ़ रहा था….उधर इतने मे विशाल का आदमी अंदर आ गया…सुमन साहिल की लाश को अपनी गोद मे लिए रो रही थी…..

उसके पीछे राज भी आ गया, और सुमन के हाथों से साहिल को लेकर उस आदमी को पकड़ा दिया….सुमन एक बार फिर से फुट-2 कर रोने लगी….और उसने आगे बढ़ कर उस आदमी से साहिल को छीनने की कॉसिश की….क्यों कि वो जानती थी…साहिल को शायद बचाया जा सकता है…पर अगर राज को ये पता चलता तो, वो साहिल की आख़िरी साँसों को भी बंद कर देता….

उधर अमित को घर से निकले हुए, 10 मिनट हो चुके थी….सुमन ने सिर्फ़ अंदाज़ा लगाया कि, अमित गाँव मे पहुँच आने ही वाला होगा…उसने राज का रास्ता छोड़ दिया, और वो आदमी साहिल को लेकर कार की तरफ चल पड़ा….साहिल को कार मे डालने के बाद विशाल ने कार स्टार्ट की, और हवेली से बाहर निकल कर अपने गाँव की तरफ चल पड़ा…

राज ने भी अपनी कार को बाहर निकाला, और विशाल के पीछे अपनी कार लगा दी…सुमन दौड़ कर हवेली के गेट के पास आई….बाहर एक सिक्योरिटी गार्ड खड़ा था. सुमन ने उन्हे पीछे हरिया को बुला कर लाने को कहा… वो हरिया को बुलाने के लिए चला गया…. जब हरिया पीछे से आया तो, सुमन ने हरिया को हाल के अंदर ले जाकर सारी बात बता दी. और हरिया से मदद करने के लिए कहा…पर हरिया राज के खोफ़ के कारण मना करने लगा… जब सुमन काफ़ी मिन्नत की तो, हरिया मदद के लिए तैयार हो गया…

फिर हरिया गार्ड को बहला कर पीछे की तरफ ले गया…जैसे है वो गार्ड पीछे की तरफ गया….सुमन हवेली के बाहर आ गयी. तभी अमित भी अपनी बाइक पर आ गया….

सुमन: (जल्दी से अमित के बाइक पीछे बैठते हुए) चलो जल्दी करो….

अमित: पर हुआ क्या है दीदी कुछ तो बतो…..

सुमन: रास्ते मे बताती हूँ…पहले चलो…वैसे भी अभी हमारे पास वक़्त बहुत कम है….जल्दी से एप्रा गाँव की तरफ चलो…

अमित ने बाइक को मेन रोड के तरफ बढ़ा दिया…..सुमन ने रास्ते मे उसे सारी बात बताई….और कहा कि, किसी भी हाल मे साहिल को बचाना ही होगा…..जब अमित थोड़ी आगे बढ़ा…उसे कुछ दूरी पर आगे दो कार चल रही थी….अमित ने अपनी बिके लाइट बंद कर डी….और उनके पीछे-2 अपनी बिके चलाने लगा….थोड़ी देर मे कार ने मेन रोड से उतर कर गाँव की तरफ जाने वाले रोड पकड़ लिया….और फिर गाँव की गलियों मे घूमती हुई, खेतो की तरफ जाने लगी…..

पीछे अमित अपनी बाइक को उनकी नज़रों से बचाते हुए, उनका पीछा कर रहा था…थोड़ी ही देर मे राज और विशाल दोनो की कार्स खेतो के सामने जा रुकी…और वो लोग कार से नीचे उतर आए…थोड़ी दूरी पर अंधेरे मे अमित ने अपनी बाइक भी बंद कर दी. सुमन और अमित भी दोनो बाइक से नीचे उतर गये….

दोनो ने देखा कि, विशाल के पाले हुए गुंडे….उनकी लाशों को कार से नीचे उतर रहे थे. और उसके बाद उन्होने साहिल को भी नीचे उतारा….सुमन मन मे यही दुआ कर रही थी, कि साहिल अभी भी ठीक हो…शायद उसकी साँसें अभी भी चल रही हो. और वो उसे बचा सके….

फिर विशाल के चारो आदमियों ने रवि और डॉली के लाशों को उठा लिया….और राज ने साहिल को उठा लिया, और खेतो मे जाने लगा…जैसे ही राज ने साहिल को उठाया, तो सुमन एक दम से घबरा गयी….और मन मे दुआ करने लगी, कि अगर साहिल की साँसे अभी भी चल रही है, तो राज को पता ना चले….

जैसे ही वो लोग खेतो के बीच की ओर बढ़े….सुमन और अमित दोनो छुपते छुपाते उनके पीछे पीछे जाने लगे…काफ़ी देर चलने के बाद एक वीरान से जगह पर वो लोग रुक गये, उनसे कूछ ही दूरी पर अमित और सुमन पेड़ों के पीछे छुपे हुए थी….वहाँ पहले से भीमा और कुछ आदमी और खड़े थी…
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12-20-2019, 01:34 PM,
#96
RE: Hindi Sex Kahani सियासत और साजिश
जब विशाल ने हवेली से अपने घर पर फोन से भीमा से बात की थी, तो उसने भीमा से कहा था कि, वो उनके गाँव पहुँच आने से पहले ही, दो कबरे खुदवा ली…ताकि लाशों को गाढ़ा जा सके…पर साहिल को तो राज ने बाद मे मारा था….जब भीमा ने तीन लाशों को देखा, तो विशाल की तरफ देखने लगा….आदमियों ने लाशों को क़ब्रों के पास रख दिया, और एक एक कर कबर मे डाल दिया…

भीमा: बाबू जी इसका क्या करना है….इसे भी इसी कबर मे डाल दे…

राज : (विशाल के बोलने से फैलाए ही राज बोल उठा) नही विशाल इसके लिए दूसरी कब्र खोड़ो….इसकी माँ इस लायक नही है, कि इसके बेटे की लाश को इसके साथ गाड दिया जाए….

विशाल ने अपने आदमियों से इशारा किया, और दो आदमी तीसरी कब्र को खोदने मे लग गये….जब डॉली और रवि की लाशों को दबाया जा रहा था, उसको देख कर राज पता नही कॉन से ख्यालों मे खोाया था….राज को परेशान देख कर विशाल से रहा नही गया…

विशाल: क्या सोच रहा है राज .

राज : कुछ नही यार…..ये क्यों हुआ….मुझ कुछ समझ मे नही आ रहा था…

विशाल: तू चल मेरे साथ….ये लोग यहाँ सब ठिकाने लगा देंगे….

विशाल ये सोच कर राज को खेतों मे बनी हवेली मे ले गया कि, अगर राज वहीं खड़ा रहा तो, तो वो शायद टूट जाए…..उनके जाने के बाद विशाल के आदमियों ने तीसरी कब्र खोदी, और साहिल को बीच मे डाल दिया…

भीमा: साली अभी इतनी बारिश हुई है….फिर भी गरमी जान ले रही है..चलो रे थोड़ी देर पानी पीकर आराम करते हैं….बाद मे इस आखरी कब्र पर मिट्टी डालना है…बाकी आदमियों ने अपने औजारों को वहीं छोड़ दिए, और भीमा के साथ थोड़ी दूरी पर चल रहे ट्यूबिवेल की तरफ जाने लगे….

सुमन: अमित यही मोका है….हमे कैसे भी करके साहिल को बाहर निकालना होगा…

अमित: हां दीदी आप यही रूको…मे जाकर देखते हूँ, की साहिल के साँस चल रही है कि नही….

और अमित उस कब्र की तरफ बढ़ने लगा….जिसमे साहिल को डाला था….अमित की नज़रें विशाल के आदमियों पर टिकी हुई थी.,…अंधैरा बहुत था….इसीलिए दूर से देख पाना मुस्किल था..पास पहुँच कर अमित कब्र मे उतर गया, और साहिल की नब्ज़ पकड़ कर चैक करने लगा…उसकी नब्ज़ अभी भी चल रही थी…और वो धीमे -2 साँस भी ले रहा था…

ये तो भगवान का चमत्कार था कि, जब राज ने साहिल को उठाया, तो राज को इस बात का अहसास नही हुआ कि, साहिल अभी जिंदा है….उसने साहिल को बाहर निकाला, और तेज़ी से बाहर निकल कर सुमन की तरफ भागा….जैसे ही वो सुमन के पास पहुँचा ….तो विशाल के आदमी पास आ गये….गहरे गड्ढे मे उन्होने ठीक से देखा भी नही, और आते ही उस पर मिट्टी डालनी शुरू कर दी….

अब सुमन और अमित को इस बात का पता था, कि विशाल के आदमियों को पता नही था, की गड्ढे मे साहिल नही है….वो जल्दी से अपनी बाइक की ओर बढ़ी…अमित ने बाइक स्टार्ट की, और सुमन को बैठा कर,वापिस चल पड़ा…सबसे पहले अमित सुमन और साहिल को लेकर हवेली के पास पहुँचा ….हवेली से कुछ दूरी पर हरिया सुमन का इंतजार कर रहा था….सुमन बाइक से नीचे उतरी, और साहिल को हरिया को पड़का दिया….

सुमन: अमित अब इसकी ज़िम्मेदारी तुम्हारे ऊपेर है…इसे जल्दी से हॉस्पिटल ले जाओ….मैं अभी अंदर जाकर पापा को फोन करती हूँ….और वो तुम्हे वहाँ हॉस्पिटल मे मिलेंगे. जाओ अब जल्दी जाओ देर ना करो….हरिया साहिल को पकड़ कर पीछे बैठ गया, और अमित ने बाइक को फुल स्पीड पर सिटी की तरफ दौड़ा दी….

सुमन जब हवेली के गेट पर पहुँची …तो गार्ड वहीं गेट पर खड़ा था….सुमन को देख कर वो हैरान हो गया….वो सोच रहा था, कि सुमन अंदर है….सुमन उससे नज़रें मिलाए बिना अंदर चली गयी….और अंदर आकर डोर लॉक किया, और फिर से घर पर फोन किया….और इस बार अपने पापा को सारी बात बता दी….

सुमन की मासी जो कि उसे सिटी के बहुत बड़े हॉस्पिटल मे डॉक्टर थी….जय शर्मा ने उसे फोन करके हॉस्पिटल पहुँचने को कहा,…और जय शर्मा भी हॉस्पिटल की तरफ निकल पड़ा….

जब अमित और हरिया साहिल को लेकर हॉस्पिटल पहुँचे तो, जय शर्मा हॉस्पिटल के गेट के बाहर खड़ा उनका इंतजार कर रहा था. अमित ने अपनी बाइक रोकी, और हरिया नीचे उतर गया. जब जय शर्मा ने साहिल की हालत देखी, तो वो एक दम से हैरान रह गया. उसके मुँह से एक ही लफ़्ज निकाला. जल्लाद. और फिर जय शर्मा ने साहिल को अपने हाथों मे उठा लिया, और तेज़ी से हॉस्पिटल के अंदर ले जाने लगा.

अमित भी भागता हुआ उसके पीछे चला गया…..हरिया भी उनके पीछे हो लिया…जैसे है वो सब अंदर पहुँचे, तो वहाँ जय शर्मा की साली पहले से खड़ी, उनका इंतजार कर रही थी. उन्होने साहिल को स्ट्रेचर पर लिटाया, और आइसीयू मे ले गया….और वहाँ उसका इल्जाज शुरू हो गया…तीनो बाहर खड़े इंतजार कर रहे थे….करीब 1 घंटे बाद जय शर्मा की साली बाहर आई….

ज़य शर्मा: कैसे हो वो अब ?

ज़य शर्मा की साली: जी वो अब ठीक है…..अगर थोड़ी देर और हो जाती, तो उसका बचना नमुनकीन था…

ज़य शर्मा: (अमित से) बेटा तुम जल्दी से घर जाओ. हो सकता है, सुमन का फोन आ जाए…फिर उसे बात करके तय करना है कि, आगे क्या करना है.

अमित: जी पापा मे घर जाता हूँ.

हरिया: हां अब मुझ भी चलना चाहिए…..(अमित को) आप मुझ गाँव से थोड़ी दूरी तक छोड़ देना….वैसे भी सुबह होने वाली है….मे हवेली वापिस चला जाता हूँ…नही तो राज बाबू जी शक करेंगे….

अमित: हां चले मैं आप को छोड़ देता हूँ.

हरिया और अमित दोनो चले गये…….जब अमित हरिया को गाँव छोड़ कर वापिस घर आया, तो उसने देखा की उसकी माँ वीना और छोटी बेहन टीना दोनो परेशान हाल मे बैठी हुई थी….अमित के अंदर आते ही, वीना ने उसे साहिल और सुमन के बारे मे पूछा….जब अमित ने सारा सिलसिला अपनी माँ और बेहन को बताया. तो दोनो एक दम हक्केबक्के रह गये….

सुबह के 5 बजे फोन की रिंग बजी….अमित फोन के पास है सोफे पर लेटा हुआ था…..नींद उसकी आँखों से कोसो दूर थी….जो मंज़र उसने देखा था…..उसे देख कर किसी को नींद भी कैसे आ सकती है. उसने जल्दी से फोन उठाया…फोन सुमन का था….

सुमन: हां अमित मैं सुमन…..वो साहिल कैसा है. (उसकी आवाज़ मे अभी भी घबराहट थी.)

अमित: दीदी वो अब ख़तरे से बाहर है….आप फिकर ना करो….आप कैसे हो….

सुमन: मे ठीक हूँ….राज अभी तक घर नही आए हैं…..इसीलिए फोन कर रही हूँ….मेरी बात ध्यान से सुनो…..हो सकता है मे कुछ दिनो तक फोन ना कर पाऊ….तुम साहिल को लेकर कहीं दूर चले जाओ…जहाँ पर राज की परछाई भी उस पर ना पड़े…..

अमित: ठीक है दीदी मे हॉस्पिटल जाकर पापा से बात करता हूँ.

सुमन: हाँ तुम जल्दी जाओ….इसे पहले के राज को इस बात की भनक भी लगी… तुम उस नन्ही सी जान को उसके चंगुल से दूर ले जाओ…..

जैसे ही सुमन ने फोन रखा…..अमित उठ कर बाहर आ गया, और अपनी बाइक स्टार्ट की, और हॉस्पिटल की तरफ चल पड़ा….




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उस घटना के 13 साल बाद जय शर्मा की छोटी बेटी टीना की शादी हो चुकी थी…..जय शर्मा ने अपना ट्रान्स्फर देल्ही मे करवा लिया था…..ताकि वो साहिल को उस जालिम राज की नज़रों से दूर रख सकें. आज साहिल **** साल को हो चुका है….पर जो राज ने उसे घाव दिए थे….वो आज भी नासूर बन कर उसके दिलो दिमाग़ मे जिंदा थे……वो आज भी रातों को सोते वक़्त अचानक से डर कर उठ जाता….

और तभी को वो मंज़र उसके आँखों के सामने ऐसे आ जाता….जैसे अभी भी वो सब उसके सामने हो रहा हो…..साहिल गुस्से से एक दम बिलबिला उठता…….इस दौरान सुमन की छोटी बेहन की शादी एक आइपीएस ऑफीसर से हो गयी थी….और उसका भाई अमित भी शादी के बाद यूएस मे सेट्ल हो गया था….अमित अपने माँ पापा को अपने साथ चलने के लिए कई बार कहा….पर जय शर्मा ने ना जाने क्या सोच कर अमित को उस जाने से मना कर दिया…..
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12-20-2019, 01:34 PM,
#97
RE: Hindi Sex Kahani सियासत और साजिश
टीना भी 2 महीने पहले अपने पति और ननद के साथ देल्ही मे कुछ दिनो पहले सेट हुई थी. सुबह का वक़्त था, आज साहिल का कॉलेज का पहला दिन था….आज वो बीएससी 1स्ट एअर के पहले दिन कॉलेज जाने वाला था…..कॉलेज का पहला दिन हर किसी के लिए बहुत खुशियों भरा होता है. पर साहिल के अतीत ने उसके जिंदगी पर ऐसे असर क्या था, कि वो तो जीना ही भूल गया था……बाहर जय शर्मा और उसकी पत्नी वीना सुबह-2 उठ चुके थे…..जय शर्मा अब एक स्कूल मे प्रिन्सिपल का जॉब कर रहा था…..

ज़य शर्मा: अर्रे वीना सुनो साहिल को उठा दो….आज उसका कॉलेज का पहला दिन है.

वीना: जी मैं अभी उठा देती हूँ..

वीना साहिल के रूम मे गयी….साहिल अभी भी सो रहा था…..भगवान ने उसे बहुत खूबसूरत बनाया था…..जो भी उसे देखता, उसी मे खो जाता….गोरा रंग कसरती बदन भूरे रंग के आँखे और सुनहरी बाल…..वीना ने जब साहिल को सोते हुए देखा, तो वो उसके पास जाकर बेड पर बैठ गयी…..और एक टक उसके रूहानी चहरे को देखने लगी….फिर उसने साहिल के माथे पर आए हुए बालों का अपने हाथों से सहलाते हुए, पीछे किया, और साहिल को आवाज़ दी.

वीना: बेटा उठो…..आज कलाज का पहला दिन है…..देर हो जाएगी….

जब साहिल नींद से बाहर आया, तो उसे अपने बालों मे नरम और ममता भरी उंगलियाँ महसूस हुई, वो उठ कर बैठ गया, और वीना की ओर देखने लगा….वीना ने उसके बालों को एक बार फिर से उसके माथे से पीछे किया, वीना के ममता भरे स्पर्श को पाकर साहिल की आँखे भर आई…..

वीना: अर्रे क्या हुआ, क्यों रो रहा है, पागल आज तेरे कॉलेज का पहला दिन है.

साहिल: (वीना की और देखते हुए) माँ मे कितना ख़ुसनसीब हूँ….जो मुझ आप जैसे माँ और बाबा जी मिले, वरना माँ के बाद तो, मे तो अनाथ हो गया था.

वीना: चल पागल ऐसी बात नही करते….हम नही है क्या….चल जल्दी से उठ कर तैयार हो जा. मैं नाश्ता लगाती हू,….जल्दी से नीचे आ जा….वीना उठ कर नीचे आ गयी…

ज़य शर्मा: हां उठ गया साहिल.

वीना: जी उठ गया…पर वो आज भी वैसे ही उदास है…..मुझ समझ मे नही आता…उसकी ये उदासी कब दूर होगी…हर वक़्त दुनियाँ से अलग रहता है, ना किसी से मिलना जुलना, ना कोई दोस्त और ना ही कोई एक्सट्रा आक्टिविटी…..कभी-2 तो डर लगता है कि, कहीं वो यूँ ही उदासी मे हमेशा- 2 के लिए ना डूब जाए….

ज़य शर्मा: ह्म्म तुम साहिल कह रही हो….पर जो उसके साथ हुआ, और जो उसने देखा, उसे भूल जाना भी तो आसान नही होगा उसके लिए….और भूल भी कैसे सकता है, आख़िर उसने अपनी माँ खोई है….जिस उम्र मे बच्चों के खेलने के दिन होते हैं….उस उम्र उसने वो देख लिया, जिसे देख कर बड़े बड़ों के हॉंसले पस्त हो जाए…..वो तो फिर अभी बच्चा है…..धीरे-2 सब ठीक हो जाएगा…..

तभी साहिल भी नीचे आ गया….तीनो ने साथ बैठ कर नाश्ता किया….नाश्ता करते वक़्त जय शर्मा उसे कॉलेज की लाइफ के बारे मे समझा रहा था….तीनो ने नाश्ता ख़तम किया, और जे शर्मा और साहिल बाहर आ गये….

ज़य शर्मा: चलो साहिल मे तुम्हे कलाज छोड़ देता हूँ….

साहिल: नही बाबा मे चला जाउन्गा….

ज़य शर्मा: अर्रे तेरा कॉलेज मेरे स्कूल के रास्ते मे ही है ना….चल बैठ …

और साहिल जय शर्मा के साथ कार मे बैठ गया….जब साहिल का कॉलेज आया, तो जय शर्मा ने कार रोकी, और साहिल ने जय शर्मा के पावं छुए, और कॉलेज मे चला गया…साहिल के जाने के बाद जय शर्मा प्रार्थना करने लगा कि, साहिल की जिंदगी को भगवान खुशियों से भर दे….अब उसने बहुत दुख देख लिए हैं…..

साहिल कलाज के कॅंपस मे आगे बढ़ रहा था, तभी उसे पीछे से आवाज़ आई, कोई उसे बुला रहा था….ये आवाज़ जानी पहचानी लग रही थी….जब साहिल ने मूड कर देखा, तो टीना खड़ी थी….सुमन की छोटी बेहन…साहिल टीना के पास जाने लगा…तब उसने देखा की टीना के साथ एक लड़की खड़ी थी…जो शायद **-18 साल की थी….

साहिल: नमस्ते मासी जी….आप यहाँ कैसे…

टीना: नमस्ते ये मेरी ननद है. आज इसका कॉलेज का पहला दिन था..इसीलिए साथ आई थी… पायल ये मेरी बेहन की ननद का बेटा है, साहिल…साहिल और ये पायल…चलो अच्छा हुआ..तुम दोनो एक ही कॉलेज मे हो, एक दूसरे के हैल्प करना हाँ….

पायल: हाई साहिल.( ये कह कर उसने साहिल की तरफ अपना हाथ बढ़ाया)


साहिल ने अपने रिज़र्व नेचर के अनुसार शरमाते हुए, अपना हाथ पायल की तरफ बढ़ाया. और जैसे ही पायल ने अपना हाथ आगे बढ़ा कर साहिल के हाथ को छुआ, तो साहिल ने अपने नज़रें नीचे कर ली…..

साहिल: हेलो पायल.

पायल: कॉन सी क्लास मे हो ?

साहिल: जी बीएससी 1स्ट एअर मे.

पायल: ओह्ह फिर तो हम एक ही क्लास मे हैं. चलो क्लास मे चलते हैं.

साहिल: जी चलिए.

पायल और साहिल दोनो क्लास मे चले गये. दूसरी और घर पर वीना घर के काम निपटा कर बैठी ही थी, कि बाहर डोर बेल बजी. जब वीना ने उठ कर गेट खोला तो, बाहर सुमन खड़ी थी. सुमन को देखते है उसकी आँखों से ख़ुसी झलक उठी. और उसने आगे बढ़ कर अपनी बेटी को गले से लगा लिया.

वीना: कैसे हो बेटी. आज कितने सालों के बाद तुम्हे देख रही हूँ. आओ अंदर चलो.

वीना सुमन को साथ लेकर अंदर आ गयी, और उसे सोफे पर बैठा दिया. और किचिन मे कोल्ड्रींक लाने चली गयी. जब वो वापिस आई तो वो सुमन के पास बैठ गयी.

सुमन: माँ पापा कैसे हैं?

वीना: वो ठीक हैं. तू सुना तुम कैसी हो ?

सुमन: मे भी ठीक हूँ माँ. (सुमन की आँखों और बातों से उसकी दुखी पन सॉफ झलक रहा था. और वो अपने आँसुओं को रोक ना पायी)

वीना: (सुमन को अपनी बाहों मे भरते हुए) ना बेटा रो मत. जब भी हम तुम्हे दुखी देखते हैं. तो हमारा दिल छलनी हो जाता है. तुम्हे भी हमारी याद नही आती.

सुमन: (अपने आँसुओं को पोन्छते हुए) तुम तो जानती हो माँ. मे अकेले नही आ सकती बार-2, और राज का यहाँ आना ठीक नही है. बड़ी मुस्किल से राज को मनाया है. तब जाकर उसने यहाँ आने दिया. अच्छा साहिल कैसा है. कहाँ है वो ?

वीना: वो भी ठीक है. अभी कॉलेज गया है .

सुमन: 5 साल हो गये उसे और आप सब को देखे हुए.

वीना: अर्रे तू दिल छोटा ना कर भगवान सब ठीक कर देगा. एक बार साहिल की पढ़ाई पूरी हो जाए, फिर उसे भी अमित के पास उस भेज देंगे. उस जल्लाद की पहुँच से बहुत दूर.

सुमन: नही माँ. उसने यही रहना होगा.

वीना: पर क्यों.?

सुमन: जब वक़्त आएगा तो पता चल जाएगा माँ. अच्छा ये बताओ साहिल अब दिखने मे कैसा लगता है ?

वीना: देख लेना दोपहर को घर पर आएगा ही.
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12-20-2019, 01:35 PM,
#98
RE: Hindi Sex Kahani सियासत और साजिश
दूसरी तरफ कॉलेज मे पायल और साहिल क्लास मे बैठे हुए थे. साहिल का ध्यान तो पढ़ाई मे था, पर पायल वो तो बस साहिल की ओर कनखियों से देखे जा रही थी. आज इस *** साल की कच्ची कली का दिल पर साहिल आ गया था. वो तो उसे देखते ही दिल दे बैठी थी.

जैसे तैसे कॉलेज ख़तम हुआ, साहिल जैसे ही क्लास से निकल कर बाहर आया, तो पायल उसके पीछे से भागती हुई उसके पास आई.

पायल: साहिल रूको साहिल

साहिल ने पीछे मूड कर पायल की तरफ देखा, पायल उसकी तरफ देख कर मुस्कुरा रही थी.

साहिल: जी.

पायल: कहाँ जा रहे हो?

साहिल: जी घर जा रहा हूँ. कुछ काम था क्या?

पायल: नही कुछ खास नही. मे सोच रही थी, कि अगर हम दोनो थोड़ी देर कहीं घूमने चलते तो.

साहिल: नही पायल जी. आज नही. फिर कभी. घर पर माँ फिकर करेगी.

पायल: ओके नो प्राब्लम. तो कल मिलते हैं. ?

साहिल: जी ठीक है.

और साहिल कॉलेज से निकल कर घर की तरफ चल पड़ा. घर पर सुमन साहिल का इंतजार कर रही थी. उसने खाना भी नही खाया था.

वीना: बेटा खाना खा ले, जब से आई है कुछ नही खाया.

सुमन: माँ साहिल को आ जाने दो. फिर साथ मे खाना खाते हैं.

वीना: अच्छा जैसी तेरी मर्ज़ी.

तभी बाहर डोर बेल बजी.

वीना: लगता है साहिल आ गया. मे गेट खोलती हूँ.

थोड़ी देर बाद वीना के पीछे-2 साहिल अंदर आ गया.

वीना: ये लो आ गया तुम्हारा साहिल.

सुमन को देख कर साहिल के होंठो पर हल्की सी मुस्कान फैल गयी. उसने आगे बढ़ कर सुमन के पावं छुए. सुमन सोफे से खड़ी हो गयी, और साहिल के कंधों से पकड़ कर उसे देखने लगी. ऊपेर से नीचे तक. **** साल की उम्र का होने के बावजूद भी साहिल का बदन किसी भी तरहा राज से कम नही लग रहा था. वैसी ही चौड़ी छाती. हालाँकि कम उम्र होने के कारण उसकी हाइट राज जितनी नही थी. पर अगर जो भी साहिल के कसरती बदन को देखता तो एक बार उसके हाथ पावं फूल जाते.

साहिल: ऐसे क्या देख रही हैं मम्मी जी.

सुमन: कुछ नही बस देख रही थी, कि अब तुम कितने बड़े हो गये हो.

अब वक़्त नज़दीक आ गया है, अब तुम्हे तुम्हारा हक़ और इंसाफ़ मिलने मे देर नही है.

साहिल सुमन की बातों को अच्छे से समझ रहा था. पर सुमन ये नही जानती थी, कि इस ताकतवर जिस्म के पीछे एक बच्चा है, जो आज भी डर कर रातों को उठ कर जाग जाता है, किसी को मारना तो दूर, वो लड़ाई का नाम सुनते ही घबरा जाता है. साहिल सुमन की बात पर कुछ नही बोला.

वीना: जाओ बेटा चेंज कर लो, और फ्रेश हो जाओ. फिर साथ मे खाना खाते है. तुम्हारी मम्मी कब से तुम्हारा इंतजार कर रही थी.

साहिल: जी माँ.

साहिल ऊपेर अपने रूम मे चला गया, और फ्रेश होने के लिए अपने बाथरूम मे घुस गया. नीचे वीना सोच मे डूबी हुई थी. उसे समझ मे नही आ रहा था. कि आख़िर सुमन के मन मे क्या है. बड़ी मुस्किल से उन्होने साहिल को राज के चंगुल से बचा कर उसकी नज़रों से दूर रखा था. पर अब सुमन की बातों से आने वाले ख़तरे का अहसास हो रहा था. कहीं सुमन तो अपने निहत स्वार्थ के लिए साहिल का इस्तेमाल तो नही करेगी. नही -2 ये नही हो सकता. वो मेरी बेटी है, उसके अंदर मेरे संस्कार है. वो ऐसा सोच भी नही सकती.

अगर उसके मन मे कुछ ऐसा भी है. मैं ऐसा कुछ भी नही होने दूँगी. मैं साहिल को वापिस उस नरक मे कभी नही जाने दूँगी. भले ही मैने साहिल को नही जनमा. पर उसे अपने बेटे की तरह पाला है. चाहे कुछ भी होज़ाये. मैं उसे अमित के पास भेज दूँगी. यहाँ से बहुत दूर.

वीना को सोच मे डूबा देख, सुमन से रहा नही गया. वो उठ कर वीना के पास आई, और उसके पास बैठते हुए, उसके कंधे से पकड़ कर हिलाया.

सुमन: क्या हुआ माँ ? क्या सोच रही हो ?

वीना: (थोड़ी देर सोचने के बाद. घबराए हुए मन के साथ) ये तू थोड़ी देर पहले क्या कह रही थी? साहिल से. हक़ कैसा हक़. हमे कुछ नही चाहिए. अब मैं साहिल को उस दलदल मे वापिस नही जाने दूँगी.

सुमन: क्यों माँ. क्या हम चुप करके बैठ जाए. जो उसने किया वो सब भूल जाए. उसने एक नही नज़ाने कितनी जिंदगी बर्बाद की है. उस शैतान को उसके अंज़ाम तक पहुँचाने का वक़्त आ गया है. और मुझे इस काम के लिए साहिल की मदद चाहिए होगी.

वीना: नही सुमन ये ठीक नही है, अर्रे साहिल तो अभी बच्चा है, उसने अभी तो ठीक से दुनियाँ भी नही देखी, फिर वो उस शैतान के साथ कैसे टक्कर ले सकता है, अर्रे किसी से लड़ना तो दूर, वो लड़ाई का शोर सुन कर ही घबरा जाता है. बड़ी मुश्किलो से हमने उसे पाला है. तुम तो यहाँ नही थी. उसके पास, मैने देखा है, जब वो रातों को अक्सर डर कर उठ जाता था. चीखने लग जाता था. सारी-2 रात उसके पास बैठ कर काटी है मैने. अपने सीने से लगा कर उसे हॉंसला देने की कॉसिश की है. उसके वो डर के मारें काँपते हाथ पावं मैने महसूस किए है. उसकी आँखों मे छुपा हुआ खोफ़ मैने देखा है सुमन . वो बड़ी मुस्किल से इन सब बातों को भूल पाया है.

सुमन: पर माँ.

वीना: (बीच मे सुमन को टोकते हुए) पर क्या सुमन. तुम क्या सोचाती हो. तुम राज से लड़ सकती हो? नही सुमन. राज से लड़ कर तुम अपनी और साहिल की जिंदगी को ख़तरे मे ही डालॉगी.

तभी अचानक वीना बोलते -2 चुप हो गयी. और एक तरफ देखने लगी. जब सुमन की आँखों ने अपनी माँ की नज़रों का पीछा किया तो, उसने देखा सामने साहिल खड़ा उनकी बातें सुन रहा था. उसके पूरा बदन पसीने से भीगा हुआ था. वीना साहिल की हालत समझ कर जैसे ही उसकी तरफ जाने लगी. साहिल वापिस अपने रूम मे चला गया. वीना उसे पीछे से पुकारती रही. पर साहिल ने उसकी कोई बात नही सुनी. और अपने रूम मे जाते ही, उसने अपना रूम अंदर से बंद कर लिया.
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12-20-2019, 01:35 PM,
#99
RE: Hindi Sex Kahani सियासत और साजिश
वीना ने उसके रूम के डोर को कई बार नॉक किया. पर साहिल ने अंदर से डोर नही खोला. आख़िर कार वीना वापिस आ गयी. और सुमन के लिए खाना लगा कर अपने रूम मे चली गयी. दोनो मे से किसी ने भी खाना नही खाया. शाम के 4 बजे सुमन साहिल के रूम की तरफ गयी. जब उसने साहिल के रूम का डोर को नॉक किया, तो अंदर से कोई जवाब नही आया.

सुमन: साहिल ओपन दा डोर प्लीज़ मे हूँ, तुम्हारी मम्मी.

थोड़ी देर की शांति के बाद डोर खुलने की आवाज़ आई, जैसे ही डोर खुला. सुमन के सामने साहिल सर झुकाए खड़ा था. वो वापस पलट कर बेड पर जाकर बैठ गया. सुमन रूम के अंदर आई, और साहिल के पास जाकर बैठ गयी. सुमन को बोलने के अल्फ़ाज़ नही मिल रहे थे. आख़िर वो साहिल से क्या कहे. थोड़ी देर सोचने के बाद सुमन ने बोलना शुरू किया.

सुमन: आइ आम सॉरी साहिल. मैने अंजाने मे तुम्हे हर्ट किया. मैं अपने सावर्थ मे अंधी हो गयी थी. तुम अपनी जिंदगी जैसे जीना चाहते हो वैसे ही जीओ. मैं तुम पर कुछ भी करने के लिए ज़ोर नही दूँगी.

ये कह कर सुमन उठ कर बाहर जाने लगी. तभी साहिल ने पीछे से सुमन को आवाज़ लगाई. उसकी आवाज़ मे घबराहट करकसता और रोष एक साथ भरा हुआ था.

साहिल: मम्मी मैं चलूँगा आपके साथ.

सुमन के पैर वहीं जम गये. जब उसने पीछे मूड कर साहिल की तरफ देखा, साहिल की आँखे आँसुओ से भीगी हुई थी. और सुमन की ओर देख रहा था. सुमन को अपने कानो पर यकीन नही हो रहा था. सुमन साहिल की तरफ ऐसे देख रही थी. जैसे वो वही अल्फ़ाज़ साहिल के मुँह से फिर से सुनना चाहती हो. और साहिल भी जैसे सुमन के दिल की बात को समझ चुका था.

साहिल: (अपनी आँखों से आँसू पोन्छते हुए. ताकि सुमन को उसकी आँखों मे घबराहट ना दिखाई दे) हां मम्मी मे चलूँगा आपके साथ. आप जैसे कहेंगी वैसा ही करूँगा. कहिए कब चलना है.

सुमन को इस बात की ख़ुसी थी. कि जिस दिन के लिए वो आज तक जी रही थी. वो घड़ी नज़दीक आ चुकी है. पर सुमन जब से यहाँ आई थी. वो एक बात तो जान चुकी थी, कि साहिल अभी राज से टक्कर लेने के लिए बिकुल तैयार नही है. अभी बहुत कुछ साहिल को सीखना बाकी है. और उसने वो कैसे तैयार करे. बस यही सवाल उसके दिमाग़ मे घूम रहे थे.

सुमन: हां साहिल ले चलूंगी. तुम्हे वहाँ पर अभी नही समये आने दो.

ये कह कर वो साहिल के रूम से बाहर आ गयी. और अपनी माँ वीना के रूम मे चली गयी. और किसी तरहा वीना को मना कर बाहर ले आई. इतने मे जय शर्मा भी स्कूल से वापिस आ चुका था. चारों ने मिल कर खाना खाया. और आपस मे बातें करने लगी. पर सुमन के दिमाग़ मे कुछ और ही चल रहा था. फिर अचानक से उसे अपनी बेहन टीना की याद आई. उसका पति एक आइपीएस ऑफीसर था. और उसने बहुत ही ख़तरनाक केस मे काम किया था.

सुमन: माँ टीना भी तो आज कल यही रहने आई हुई है ना.

वीना: हां बेटा वो भी देल्ही मे है. कल चलते है उनसे मिलने.

सुमन: ठीक है माँ. कल जब साहिल कॉलेज से घर वापिस आएगा. तब हम तीनो सुमन से मिलने चलेंगे.

फिर उसके बाद चारो ने मिलकर खाना खाया. इस दौरान सब आपस मे नॉर्मल बातें करते रहे. पर सुमन के मन मे तूफान उठा हुआ था. जब से उसे पता चला था कि, साहिल भी अपना बदला लेने के लिए तैयार है, उसके दिमाग़ मे बस यही चल रहा था कि, वो साहिल को राज के सामने ले जाने से पहले उसे कैसे तैयार करे.

नेक्स्ट डे जब साहिल कॉलेज पहुँचा तो, पायल जैसे उसी के इंतजार मे खड़ी थी. साहिल को देखते ही, उसके होंठो पर मुस्कान आ गयी. वो साहिल के पास गयी, और मुस्कुरा कर उसकी तरफ देखते हुए बोली.

पायल: क्या साहिल आज इतनी लेट कैसे हो गये?

साहिल: (मुस्कुराते हुए) लेट कहाँ लेट हुआ हूँ. अभी तो 10 मिनट हैं क्लास शुरू होने मे.

पायल: (अपनी घड़ी मे टाइम देख कर झांपते हुए) ओह्ह हां शायद मुझ ग़लती लग गयी. सुनो आज कॉलेज के बाद चलो गे ने घूमने.

साहिल: सॉरी पायल जी मे आज भी नही जा पाउन्गी.

पायल का चेहरा उतर गया. साहिल की बात सुन कर. पर साहिल उसकी और देख कर मुस्कुरा रहा था.

पायल: अच्छा नही चलना तो नही सही. पर ऐसे क्यों मुस्कुरा रहे हो.

साहिल: वो क्या है ना. घर पर सुमन मम्मी आई हुई हैं. आज उनके साथ मे आपके घर आ रहा हूँ. उनको टीना मासी से मिलना था.

पायल: (साहिल की बात सुन कर खुस होते हुए) क्या तुम आज हमारे घर पर आ रहे हो? वाउ ये तो बहुत अच्छी बात है.

साहिल: (साहिल को नज़ाने क्यों एक अजीब सा सकून महसूस हो रहा था. पायल को खुस को देख कर) हां सच मे आ रहे हैं. अब चले क्लास मे चलते हैं, टाइम हो रहा है.

पायल: हां चलो क्लास मे.

साहिल का तो पता नही, पर पायल का कॉलेज का टाइम कैसे निकला, उसे पता तक नही चला. वो तो बार -2 बस साहिल की ओर देख कर ठंडी आँहे भरती रही. जब साहिल कॉलेज से घर आया, तो सुमन और वीना दोनो उसका इंतजार कर रही थी. तीनो ने दोपहर का खाना खाया, और वो टीना के घर की तरफ निकाल लिए.

सारे रास्ते मे सुमन के मन मे बस यही उधेड़ बुन चल रही थी. कि वो कैसे, टीना के पति से साहिल के बारे मे बात करे. क्या टीना का पति साहिल को ट्रैनिंग देने के लिए राज़ी हो गा. अगर साहिल को उसे ट्रेनिंग दिलवाने का कारण उसने पूछ लिया, तो वो क्या कहेगी. सुमन बस यही सब सोच -2 कर परेशान थी. खैर तीनो टीना के घर पहुँचे .

पायल ने पहले से ही टीना को साहिल और सुमन के आने के खबर दे दी थी. टीना अपनी माँ और बड़ी बेहन सुमन को देख कर बहुत खुस हुई. टीना उनको लेकर अंदर आ गयी. और उन्हे बैठते हुए, खुद किचिन मे चली गयी. पायल भी टीना के पीछे-2 किचिन मे आ गयी, और टीना की हैल्प करने लगी.

थोड़ी देर बाद टीना और पायल उनके लिए कोल्ड्रींक्स और स्नॅक्स लेकर उनके पास आ गये. फिर सब इधर उधर की बातें करने लगी. थोड़ी देर बातें करने के बाद सुमन टीना को लेकर उसके रूम मे चली गयी.
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12-20-2019, 01:35 PM,
RE: Hindi Sex Kahani सियासत और साजिश

टीना: हां दीदी बोलो क्या बात है?

सुमन: वो सुमन तुम्हारे पति घर कब वापिस आते हैं.

टीना: दीदी कोई पक्का टाइम नही है. पर रात 9-10 बजे तक आ जाते हैं. क्यों कोई काम था उनसे ?

सुमन: हां वो दरअसल मुझ उनसे साहिल के बारे मे कुछ बात करनी थी.

टीना: क्या बात है दीदी. तुम परेशान दिखाई दे रही हो?

सुमन: वो टीना वो मुझ समझ मे नही आ रहा. मे कैसे कहूँ ?

टीना: दीदी मे आपकी छोटी बेहन हूँ. आप खुल कर मुझसे किसी भी तरहा की बात कर सकती हो.

सुमन: दरअसल तुम तो जानती है हो. साहिल कैसे नेचर का है. मे चाहती थी, कि अगर तुम्हारे पति साहिल को कुछ दिनो के लिए अपने पास रख कर गन चलाना और कुछ और सेल्फ़ डिफेन्स के बारे मे सिखा सकें तो,

टीना: लो दीदी इतनी सी बात. मे उन्हे बोल दूँगी. आप तो ऐसे ही परेशान हो रही थी.

सुमन: ठीक है पर इस बात का माँ को पता नही चलना चाहिए.

टीना: पर क्यों इसमे कॉन सी ग़लत बात है.

सुमन: नही माँ नही चाहती इसीलिए कह रही हूँ.

टीना: (एक पल के लिए सुमन की बातों को सुन कर तीन सोच मे पड़ गयी) अच्छा -2 ठीक है. चलो अब बाहर चल कर कुछ नाश्ता कर लो.

सुमन: ठीक है चलो चलते हैं.

तीनो थोड़ी देर और रुकने के बाद घर वापिस आ गयी. टीना ने घर पर अपने पति सुरजीत से साहिल के बारे मे बात के. और सुरजीत जो सचाई को नही जानता था. उसने हामी भर दी. रात को ही टीना ने सुमन को फोन करके बता दिया. और साहिल को अगले दिन से सुबह उसके घर भेजने के लिए कहा. क्योंकि. टीना का पति सुबह 9 बजे जाता था. इस दौरान उसके पास काफ़ी फ्री टाइम रहता था.

जब सुमन को ये बात पता चला. तो वो साहिल के रूम मे चली गयी. और साहिल को अगले दिन से रोज सुबह टीना के घर जाने के लिए बोल दिया.



और साहिल ने वीना को ये बताया कि, वो कल से अपनी किसी टीचर के पास ट्यूशन के लिए जा रहा है. अगले दिन सुमन सुबह है गाँव वापिस चली गयी. उसने साहिल को अगले महीने फिर से आने के लिए कहा. दूसरी तरफ पायल जो सुबह लेट से उठी थी. आज साहिल घर पर आ रहा है, ये सुन कर वो सुबह जल्दी ही उठ बैठी . जब साहिल ने टीना के घर के बाहर आकर डोर बेल बजी.

तो पायल भागती हुई गेट पर गयी, और गेट खोला. सामने साहिल को देख कर उसके होंठो पर बहुत ही प्यारी सी मुस्कान फैल गयी. और साहिल का हाथ पकड़ते हुए उसे अंदर ले आई.

साहिल: (साहिल को पायल के इस बिंदास व्यवहार से थोड़ा अजीब सा लग रहा था. और वो मन ही मन ये दुआ कर रहा था, कि ऐसे कोई उसे देख ना ले) पायल जी मे यहीं हूँ. कहीं भाग कर जा नही रहा. मेरा हाथ तो छोड़िए.

जब पायल को अहसास हुआ कि, उसने साहिल के हाथ को पकड़ा हुआ है. वो एक दम से शरमा गयी. और उसने अपनी नज़रों को झुकाते हुए, साहिल का हाथ छोड़ दिया.

पायल: आप बैठो , मैं भैया को बुला कर लाती हूँ.

साहिल सोफे पर बैठ कर इंतजार करने लगा. थोड़ी देर बाद पायल वापिस आई, और उसने साहिल को अपने साथ ऊपेर छत पर चलने को कहा.

पायल: साहिल वो भैया कह रहे कि, आप छत पर चलो. चलो मे आपको साथ मे ले चलती हूँ.

साहिल पायल के साथ ऊपेर छत पर आ गया. और सुरजीत के आने का इंतजार करने लगा. थोड़ी देर बाद सुरजीत भी ऊपेर आ गया.

साहिल: नमस्ते मौसा जी.

सुरजीत: नमस्ते बेटा. और सूनाओ. कैसे हो. पड़ी कैसे चल रही है तुम्हारी. सब ठीक है ना.

साहिल: जी सब ठीक है. पढ़ाई भी शुरू हो गयी है.

सुरजीत: अच्छा ठीक है, देखो साहिल आज तो मुझ किसी केस के सिलसिले मे जल्दी निकलना है. पर जाने से पहले मे तुम्हे आज गन लोड करना और चलाने के बारे मे कुछ बता देता हूँ.

साहिल: जी ठीक है.

सुरजीत: वैसे तुम्हे क्या ज़रूरत पड़ गयी. ये सब सीखने की.

साहिल: (थोड़ा घबराते हुए) वैसे ही. बस शॉंक है.

सुरजीत: चलो ठीक है.

फिर सुरजीत अपने साथ ली हुई गन निकाल कर साहिल को समझाने लगा. गन कैसे लोड करते हैं. चलाते कैसे है. और पायल उनसे कुछ दूरी पर टहलते हुए, चोर नज़रों से साहिल की तरफ देख रही थी. उसका दिल बार -2 यही कर रहा था. कि साहिल उसकी चढ़ती हुई जवानी को देखे. पर साहिल पूरे दिल के साथ सुरजीत की बातों को सुन रहा था.
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