Hindi Sex Kahani सियासत और साजिश
12-20-2019, 01:12 PM,
#71
RE: Hindi Sex Kahani सियासत और साजिश
रवि का लंड एक दम से डॉली की चूत के छेद पर जा लगा….डॉली के बदन मे मस्ती की लहर दौड़ गयी….उसकी चूत के छेद मे सरसराहट होने लगी…डॉली ने अपने होंठो को दाँतों मे भिचते हुए, एक मादक सिसकारी छोड़ कर रवि को ये जतला दिया, कि वो फिर से उसका लंड अपनी चूत मे लेने के लिए तड़प रही है….

रवि ने डॉली को अपनी बाहों मे भरते हुए, धीरे-2 अपने लंड को डॉली की चूत के छेद के अंदर घुसाना चालू कर दिया…जैसे ही रवि के लंड का सुपाडा डॉली की चूत के छेद के अंदर गया…डॉली मस्ती और वासना मे एक दम तड़प उठी, और उसने अपनी चूत को पीछे की ओर रवि के लंड पर दबाना चालू कर दिया….डॉली की गीली रस से भरी चूत मे रवि के लंड का सुपाडा उसकी चूत की दीवारों से रगड़ ख़ाता हुआ धीरे-2 अंदर घुसने लगा……

जैसे ही रवि का आधा लंड डॉली की चूत मे घुसा…..डॉली के होंठो पर वासना से भरी हुई मुस्कान फैल गयी…उसकी आँखे बंद हो गयी….और उसने अपनी चूत को पीछे की ओर दबाना बंद कर दिया…

डॉली: (मस्ती से भरी काँपती हुई आवाज़ मे) रवि धीरीईए करना साहिल उठ ना जाए….

रवि ने हां मे सर हिलाते हुए, डॉली की चूत मे अपने लंड को और अंदर करना चालू कर दिया…धीरे- 2 रवि के लंड का सुपाडा डॉली की बच्चेदानी के मुँह पर जा लगा. और डॉली रवि के मोटे लंड को अपनी चूत मे फँसा हुआ महसूस करके, एक दम गरम हो गयी….

रवि ने डॉली की चिन को पकड़ कर उसके फेस को अपनी तरफ घुमाया….डॉली ने अपनी आँखों को खोल कर देखा…डॉली की आँखों मे वासना और मदहोशी का नशा भरा हुआ था….उसकी आँखों मे मस्ती के लाल डोरे तैर रहे थे….

रवि ने डॉली की आँखों मे झाँकते हुए, अपने होंठो को उसके होंठो की तरफ बढ़ाना चालू कर दिया…जैसे-2 डॉली के होंठो के नज़दीक रवि के होन्ट पहुँच रहे थे… डॉली की आँखों की पलकें धीरे-2 बंद होने लगी….रवि ने डॉली के होंठो को अपने होंठो मे भर कर चूसना चालू कर दिया…डॉली ने भी अपने होंठो को खोल लिया, और रवि से अपने गुलाबी रसीले होंठो को मस्त होकर चुसवाने लगी…..

डॉली की वासना अब उसकी हरकतों मे सॉफ झलक रही थी….वो धीरे -2 पीछे के और अपनी कमर हिला कर, रवि के लंड को अपनी चूत के अंदर बाहर करने लगी…रवि के लंड का सुपाडा डॉली की चूत के दीवारों से घिसता हुआ अंदर बाहर हो रहा था, और डॉली के दिल की धड़कन तेज और तेज होती जा रही थी….

रवि का लंड डॉली की चूत से निकल रहे काम रस से भीग कर एक दम चिकना हो गया था, जो अब आसानी से डॉली की चूत के अंदर बाहर हो रहा था….काफ़ी देर से शांत पड़ा रवि नये जोश से भर गया….और अपने एक हाथ से डॉली के कूल्हे को पकड़ कर, तेज़ी से अपने लंड को उसकी चूत के अंदर बाहर करते हुए चोदने लगा….

डॉली: (रवि के होंठो से अपने होंठो को हटा कर अपना फेस आगे करते हुए) आह आह ओह्ह्ह्ह रवीिइ धीरीई साहिल ओह्ह्ह्ह ओह धीरीईए करो उम्ह्ह्ह्ह्ह सीयी ओह्ह्ह्ह ब्बास उफ़फ्फ़ उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह सीईईईईईई अहह

रवि का लंड डॉली की चूत के अंदर फॅक -2 की आवाज़ करता हुआ अंदर बाहर हो रहा था. और डॉली भी पीछे की तरफ अपनी गान्ड को धकेल-2 कर अपनी चूत को रवि के लंड पर पटक रही थी…..

रवि: (तेज़ी से डॉली की चूत मे लंड को अंदर बाहर करते हुए) दीदी आह में जिंदगी भर आप को रोज इसी तरहा चोदना चाहता हूँ…आह आपकी चूत बहुत टाइट है.. बोलो ना रोज चुदवाओगी मुझसे……

डॉली अब पूरी तरहा मस्त हो चुकी थी…..और उसकी चूत का ज्वालामुखी फिर से फूटन को तैयार था…..आज कई महीनो बाद डॉली झड़ी थी…वो अब तक तीन बार झड चुकी थी….पर वासना का असर उस पर इस्कदर हावी हो गया था, कि अगर रवि सारी रात उसे चोदता रहता, तो वो अपनी चूत को रवि के लंड पर पटक-2 कर सुजवा लेती…..

डॉली: अह्ह्ह्ह यूमह्ष सीईईईईईई रवि चोद्द्द्द लएनाअ रोज चोदना मुझे जितना मर्ज़ी अपनी दीदी को चोद लेना ओह रवीीईई…….

फिर अचानक से डॉली की चूत मे सैलाब उमड़ने लगा….दोनो के काम रस का संगम डॉली की चूत के अंदर होने लगा….डॉली रवि के गरम वीर्य को अपनी चूत की दीवारों पर बहता हुआ महसूस करके एक दम संतुष्टक हो गयी….दोनो निढाल होकर वैसे ही बेड पर लेटे रहे….थोड़ी देर बाद रवि का लंड ढीला पड़ कर डॉली की चूत से बाहर आ गया….रवि ने डॉली को अपनी तरफ घुमा लिया…..

डॉली अपनी आँखों को शरम के मारे खोल नही पा रही थी….रवि ने डॉली के होंठो को अपने होंठो मे भर लिया, और दोनो किस करने लगी….जब दोनो काफ़ी थक गये…तो दोनो अलग हो गये….

डॉली पीठ के बल सीधी लेट गयी, और अपनी नाइटी को अपने हाथों से जाँघो तक नीचे कर लिया….


अब डॉली की आँखों मे नींद नही थी….रवि भी पीठ के बल लेटा हुआ, छत की तरफ देख रहा था….थोड़ी देर बाद डॉली उठ कर बातरूम के तरफ जाने लगी…रवि पीछे से डॉली के मटकती हुई गान्ड को देख रहा था….उसका लंड फिर से खड़ा होने लगा,,,,डॉली बाथरूम मे घुस गयी…रवि भी जल्दी से बेड से खड़ा हुआ, और बाथरूम के डोर के पास आकर खड़ा हो गया….

डॉली ने बाथरूम के डोर को बंद नही किया था…बाहर खड़ा रवि डॉली के मूतने की आवाज़ सुन कर एक दम मस्त हो गया….डॉली ने पेशाब करने के बाद अपने हाथों को धोया, और बाहर आने लगी…पर रवि ने उसे डोर पर ही रोक लिया….

डॉली: (अपनी आँखों को झुकाए हुए) अब क्या है….मुझ जाने दो….रात बहुत हो गयी है..

रवि: (डॉली को अपनी बाहों मे भरते हुए) तो क्या हुआ…..अभी मेरा दिल नही भरा है..

और ये कहते हुए रवि ने डॉली के होंठो को अपने होंठो मे भर लिया…और डॉली के चुतड़ों को उसकी नाइटी के ऊपेर से मसलते हुए, उसके होंठो का रस पान करने लगा…डॉली के बदन मे फिर से मस्ती की लहर दौड़ गयी…और कामुकता के कारण उसने भी अपनी बाहों को रवि की पीठ पर कस लिया….दोनो पागलों की तरहा एक दूसरे के होंठो को चूस रहे थे…फिर अचानक से रवि ने डॉली की नाइटी को दोनो तरफ से पकड़ कर ऊपेर उठ कर निकाल दिया…

डॉली एक दम से शरमा गयी….और वो दीवार की तरफ घूम गयी….रवि पीछे से डॉली के कटाव दार बदन को देख कर पागल हो गया…उसका लंड फिर से पूरे ताव मे आ चुका था…उसने डॉली को पीछे से अपनी बाहों मे भर कर अपने होंठो को डॉली की नंगी पीठ पर टिका दिया…डॉली के बदन मे मस्ती की लहर दौड़ गयी… रवि का तना हुआ लंड डॉली की गान्ड की दर्रार मे रगड़ खा रहा था……

और डॉली भी पीछे की ओर अपनी गान्ड को रवि के लंड पर दबा कर उसने अपने चुतड़ों की दर्रार मे महसूस करके मस्त हो रही थी….रवि ने अपने लंड को पकड़ कर अपने घुटनो को थोड़ा सा मोड़ लिया, और अपने लंड के सुपाडे को डॉली की चूत के छेद पर टिकाने की कॉसिश करने लगा….डॉली ने भी मस्ती मे आकर अपनी जाँघो को थोड़ा सा खोल दिया…और दीवार पर अपनी हथेलियों को जमा कर पीछे से अपनी गान्ड को थोड़ा सा बाहर निकाल लिया…डॉली लगभर सीधी खड़ी थी…इसीलिए रवि का लंड डॉली की चूत के छेद के अंदर नही जा पा रहा था….

फिर डॉली ने अपने चुतड़ों से थोड़ा ऊपेर की कमर के हिस्से को अंदर की तरफ कर लिया….जिस से उसकी चूत पीछे से बाहर की तरफ आ गयी….रवि ने अपने एक हाथ से अपने लंड को पकड़ कर, डॉली की चूत के छेद पर लगा दिया…डॉली के मुँह से मस्ती से भरी हुई आह निकल गयी…उसने अपने होंठो को दाँतों मे भीच लिया…रवि ने डॉली की कोहानियों को दोनो तरफ से पकड़ कर एक जोरदार धक्का मारा…रवि का लंड डॉली की चूत की दीवारों को फैलाता हुआ अंदर जा घुसा….

डॉली: अहह उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह रवि पूरा अंदर डालो…….ओह रवि…

रवि ने एक के बाद एक तीन चार धक्के लगा कर अपने लंड को जड तक डॉली की चूत मे घुसा दिया….और रवि ने फिर अपने हाथों को कोहानियों से हटा कर डॉली के हाथों के पास दीवार पर लगा दिया…और तेज़ी से डॉली की चूत मे लंड को अंदर बाहर करते हुए. उसे चोदने लगा…डॉली भी मस्ती होकर रवि का पूरा साथ दे रही थी, और अपनी चूत को पीछे रवि के लंड पर पटक-2 कर चुदवा रही थी…..

डॉली: अह्ह्ह्ह रवि और ज़ोर से चोद मुझ अहह अहह अहह और तेज जल्दी कर अह्ह्ह्ह ओह रवि उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

रवि भी डॉली की बातों को सुन कर और जोश मे आ गया…और तेज़ी से डॉली की चूत मे अपना लंड पेलने लगा….रवि की जांघे डॉली के मोटे चुतड़ों पर छु करके थप-2 की आवाज़ कर रही थी…और डॉली इन आवाज़ों को सुन कर और गरम हो रही थी… रवि 10 मिनट लगातार ऐसे ही डॉली की चूत मे अपने लंड को अंदर बाहर करता रहा.

फिर अचानक से डॉली की चूत ने रवि के लंड को अपने अंदर कसना चालू कर दिया… डॉली झड़ने के बिल्कुल करीब थी…वो एक दम मस्त हो चुकी थी…उसने अपने होंठो को रवि के गालों पर रगड़ना चालू कर दिया…ये देख कर रवि और तेज़ी से डॉली को चोदने लगा….कुछ ही पलों मे डॉली का बदन अकडने लागा….और वो पीछे की तरफ तेज़ी से अपनी गान्ड को धकेलने लगी…..

थोड़ी देर बाद दोनो एक साथ झड गये…और रवि झड कर डॉली के कंधे पर अपना सर टिका कर खड़ा हो गया…जब दोनो की साँसें दुरुस्त हुई, रवि ने अपने लंड को डॉली की चूत से बाहर निकाल लिया. उसका आधा तना हुआ लंड, डॉली की चूत से निकले पानी से सना हुआ था….डॉली ने बाहर आकर अपनी नाइटी उठाई…और पहन कर बेड पर लेट गयी….रवि बाथरूम से आने के बाद सीधा स्टोर रूम मे चला गया…और बेड पर लेट गया… दोनो को कब नींद आई….दोनो मे से किसी को पता नही….

अगली सुबह 9 बजे का आलराम बजने पर डॉली उठ गयी….साहिल अभी भी सो रहा था…वो उठ कर बाथरूम मे गयी…और पेशाब करने के लिए बैठ गयी….उसे अपनी चूत मे हल्का -2 दर्द हो रहा था…उसकी चूत मे थोड़ी सूजन भी आ गयी थी….पर उसे ये दर्द बहुत अच्छा लग रहा था…..

फ्रेश होने के बाद वो नीचे आ गयी….जैसे ही वो नीचे आई, तो डोर बेल बजी…उसने जाकर डोर खोला, सामने घर का नौकर खड़ा था…वो अंदर आते ही अपने काम मे लगा गया….डॉली साहिल को लेकर हाल मे सोफे पर बैठी थी….और नौकर नाश्ते की तैयारी कर रहा था….
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12-20-2019, 01:13 PM,
#72
RE: Hindi Sex Kahani सियासत और साजिश
डॉली ने आज एक ब्लॅक कलर का सलवार कमीज़ पहना हुआ था…जिसमे उसका गोरा रंग और खिल रहा था…तभी फोन की रिंग बजी….डॉली साहिल को गोद मे उठा कर फोन की तरफ गयी…और फोन उठाया…..फोन डॉली के ससुर अजीत शर्मा का था…

अजीत शर्मा: हैल्लो कैसे हो बेटा….कोई परेशानी तो नही हुई ना पीछे से….

डॉली: नही बाबू जी मे ठीक हूँ…आप ने किस लिए फोन किया…

अजीत शर्मा: वो बेटा बात ये है कि, मैं तुम्हारी मम्मी शाम को ही घर पर आ पायंगे….

डॉली को नज़ाने अपने ससुर की बात सुन कर बहुत ख़ुसी हुई, शायद अब वो भी रवि के साथ अकेले मे अपनी प्यास को जी भर कर बुझाना चाहती थी…क्योंकि वो जानती थी, कि ऐसे मोके उसे बार-2 नही मिलेंगे…

उसने फोन रख दिया….और किचिन मे चली गयी…अब घर मे सिर्फ़ एक नौकर ही था, जिसे वो यहाँ से बाहर भेजना चाहती थी….

डॉली: नाश्ता तैयार हो गया….

नौकर: जी बीबी जी….बस थोड़ी देर और….

डॉली: माँ और पापा के लिए नाश्ता नही बनना….वो शाम को आएँगे…

नौकर: ठीक है बीबी जी जैसे आप कहे….

डॉली: और हां अगर नाश्ता बना कर घर जाना चाहते हो, तो चले जाना….

नौकर: जी बीबी जी, वैसे भी मुझ आज अपने बेटे को डॉक्टर के पास लेकर जाना है.

डॉली: ठीक है…चले जाना. और शाम को वापिस आ जाना…

ये कह कर डॉली किचिन से बाहर आ गयी….उसकी नज़रे बार-2 सीडीयों की ओर जा रही थी….पर रवि अभी तक सो रहा था….नौकर नाश्ता तैयार कर दिया था…और नाश्ता टेबल पर लगा कर वापस चला गया….

डॉली ने नाश्ता किया….और साहिल को लेकर ऊपेर आ गये….11 बज चुके थे…पर रवि अभी भी घोड़े बेच कर सो रहा था…साहिल के सोने का भी टाइम हो गया था…डॉली ने साहिल को सुला दिया…और खुद उठ कर नीचे आ गयी…और एक प्लेट मे नाश्ता डाल कर ऊपेर आने लगी…तभी उसे पीछे से कदमों की आहट सुनाई पड़ी…जब डॉली ने पीछे मूड कर देखा, तो पीछे रवि खड़ा था…

दोनो एक दूसरे की आँखों मे देख रहे थे…डॉली एक दम से शरमा गये…और अपने होंठो पर मुस्कान लाते हुए, रवि से बोली..

डॉली: तुम कब जागे…

रवि: बस कुछ देर पहले ही नीचे आया था, फ्रेश होने…

डॉली: अच्छा चलो अब ऊपेर चल कर नाश्ता कर लो….

रवि डॉली के पीछे ऊपेर आ गया…और अपने स्टोर रूम मे चला गया…डॉली भी उसके नाश्ते की प्लेट लेकर अंदर आ गयी..डॉली स्टोर रूम को देख कर बहुत हैरान थी… रवि ने शायद रात को उसे अच्छी से सॉफ कर दिया था…

रवि बेड पर बैठ गया, डॉली ने उसके आगे नाश्ते की प्लेट रखी, और मूड कर जाने लगी.
रवि ने डॉली का हाथ पकड़ लिया, डॉली ने पीछे मूड कर होंठो पर मुस्कान लाते हुए, रवि की ओर देखा…

डॉली: पहले नाश्ता कर लो…तब तक मे साहिल को देख लूँ….

रवि ने डॉली का हाथ छोड़ दिया, और डॉली अपने रूम मे चली गयी….रवि नाश्ता करने के बाद उठ कर डॉली के रूम के डोर के पास आ गया…जैसे ही डॉली ने रवि को देखा, उसने उसे चुप रहने का इशारा किया…और धीरे से बेड से उठ कर बाहर आ गयी…डॉली के होंठो पर शरम से भरी हुई मुस्कान बिखरी हुई थी…वो रवि से नज़रें नही मिला पा रही थी….

जैसे ही डॉली ने बाहर आकर रूम का डोर बंद किया….रवि ने डॉली को अपनी बाहों मे भर लिया…और अपने होंठो को डॉली के होंठो पर रखते हुए, पागलों की तरहा डॉली के होंठो को चूसने लगा…डॉली के बदन से उठ रही खुसबु उसे दीवाना बनाए जा रही थी… रवि पागलों की तरहा डॉली के होंठो को चूस्ते हुए, उसकी कमीज़ के ऊपेर से उसकी दोनो चुचियों को अपनी हथेलियों मे भर कर ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा…
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12-20-2019, 01:13 PM,
#73
RE: Hindi Sex Kahani सियासत और साजिश
डॉली के बदन मे मस्ती की लहर दौड़ गयी, और वो कुछ ही पलों मे गरम हो गयी….डॉली ने भी अपनी बाहों को रवि की पीठ पर कस लिया…और रवि के होंठो को चूस्ते हुए उसका साथ देने लगी……

रवि डॉली से थोड़ी देर बाद अलग हुआ, और दोनो स्टोर रूम मे आ गये…रूम के अंदर आते है…डॉली ने अपनी कमीज़ को आगे से थोड़ा ऊपेर उठाया, और अपने दोनो हाथों को सलवार के नाडे पर ले आए…डॉली का उतावला पन और उतेजना देख कर रवि का लंड उसके शॉर्ट्स मे झटके खाने लगा…

रवि आँखे फाडे डॉली को एक टक घूर रहा था…जब डॉली ने उसे अपनी तरफ यूँ देखते हुए देखा, तो वो एक दम से शरमा गयी, और अपने सर को झुका लिया….रवि के नज़रें डॉली के हाथों पर थी…जो नाडे को थामे हुए थी….

डॉली: (शरमाते हुए) ऐसे क्या देख रहे हो….

रवि: (रवि से अब और इंतजार नही हो रहा था) जल्दी खोलो ना….

डॉली के होंठो पर मुस्कान फैल गयी…उसने अपनी सलवार के नाडे को खोलना चालू कर दिया…जैसे ही सलवार का नाडा खोला, डॉली की सलवार ढीली हो गयी…और आगे से थोड़ा नीचे सरक गयी…नीचे डॉली ने रेड कलर की पैंटी पहनी हुई थी…जिसका कुछ हिस्सा रवि की आँखों की सामने आ गया…रवि अब और सबर ना कर सका, और उसने आगे बढ़ कर डॉली को अपनी बाहों मे भरते हुए, एक हाथ उसकी ढीली पड़ी सलवार के अंदर डाल दिया….

जैसे ही रवि ने डॉली की चूत पर पैंटी के ऊपेर से हाथ रखा, डॉली एक दम से सिहर गयी…उसका बदन काँपने लगा…रवि पैंटी के ऊपेर से ही डॉली की चूत को सहलाने लगा, और अपने होंठो को डॉली की नेक पर रख कर चूमने लगा…डॉली के बदन मे मस्ती की लहर दौड़ गयी….

डॉली: आह उंह रवि रूको ओह्ह्ह्ह क्या कर रहे हो…मुझे उतारने ओह्ह्ह्ह….

रवि ने डॉली को बेड पर धक्का देकर लेटा दिया, और उसकी कमर के दोनो ओर से पैंटी और सलवार को एक साथ पकड़ते हुए, नीचे खीचने लगा…डॉली ने भी जल्दी से अपने चुतड़ों को ऊपेर उठा लिया…और रवि ने डॉली की सलवार और पैंटी को अलग कर दिया…

उसके बाद रवि अपनी टीशर्ट और शॉर्ट्स को उतारने लगा…डॉली भी ज़्यादा इंतजार नही कारण चाहता थी…वो बेड पर बैठ गयी, और अपनी कमीज़ उतारने के बाद अपनी ब्रा भी उतार दी…थोड़ी ही देर मे दोनो एक दूसरे के सामने बिल्कुल नंगे खड़े थे…

डॉली ने रवि की ओर देखते हुए, अपने हाथ से रवि के हाथ को पकड़ कर, रवि को अपने ऊपेर खेंच लिया…जैसे ही रवि बेड पर चढ़ कर डॉली के ऊपेर आया, दोनो एक दूसरे के होंठो को चूमते हुए., एक दूसरे की बाहों मे गुत्थम गुत्था होने लगी…डॉली भी अब पूरी तरहा से मस्त होकर रवि का साथ दे रही थी, डॉली मे आए इस बदलाव को देख कर रवि बहुत खुश था…उसे उसकी मन माँगी मुराद जो मिल गये थी…

डॉली ने अपना एक हाथ नीचे ले जाकर रवि के लंड को पकड़ कर अपनी चूत के छेद पर लगा दिया, और रवि की आँखों मे झाँकते हुए बोली,

डॉली: (वासना से भरी हुई आँखों से रवि की आँखों मे देखते हुए) अब जल्दी से अपना घुसा दे…देख कैसी आग लगी हुई है…

डॉली की बात सुनते ही रवि के होंठो पर मुस्कान और फैल गयी…रवि अपने लंड को डॉली की चूत के छेद पर दबाने लगा,…जैसे ही रवि के लंड का सुपाडा डॉली की चूत के छेद को फैला कर अंदर घुसा, डॉली ने अपना हाथ रवि के लंड से हटा लिया, और अपनी टाँगों को घुटनो से मोड़ कर रवि की पीठ पर कस लिया…

डॉली की चूत और जांघे खुल चुकी थी…और रवि आसानी से डॉली की चूत मे अपने लंड को पेलने लगा…धीरे-2 हर धक्के के साथ रवि का लंड डॉली की चूत की गहराइयों मे उतरता जा रहा था…डॉली भी अपनी गान्ड को ऊपेर की ओर उछाल कर रवि के लंड पर अपनी चूत को तेज़ी से पटक-2 कर चुदवा रही थी…

स्टोर रूम का महॉल बहुत ही गरम हो चुका था. रवि और डॉली दोनो की मस्ती से भरी सिसकारियाँ उस छोटे से स्टोर रूम मे गूँज रही थी.. दोनो के बदन पसीने से भर चुके थे….चुदाई अपनी रफ़्तार पर चल रही थी….



ये वासना का खेल जो कल रात शुरू हुआ, 5 सालों तक चलता रहा….रवि अब पूरी तरहा जवान हो चुका था…साहिल स्कूल जाने लगा था….इसबीच डॉली और रवि कई बार अपने गाँव भी गये…पर जब से डॉली और रवि के संबंध बने थे…डॉली ज़्यादातर अपने ससुराल मे ही रहने लगी….और उसने साहिल को भी वहीं अड्मिशन दिला दी थी..

दूसरी तरफ राज की ताक़त दिन बा दिन बढ़ती जा रही थी….अब उसे आस पास के इलाक़े के पुलिस ऑफिसर्स और पॉलिटिशियन्स का भी साथ था…सब उसके पैसे के आगे झुकने लगी थी. और राज ने अपनी खेती के आधे मे अफ़ीम जैसी नशीली चीज़ें भी उगाना चालू कर दिया था…उसकी दौलत और जायदाद मे कुछ ही सालों मे बहुत इज़ाफा हो गया था….और विशाल जैसा दोस्त भी उसके हर काम और धंधे का पार्ट्नर जो था.

राज ने निर्मला के साथ-2 और कई फूलों का रस चखा था….और 5 साल तक निर्मला के बदन को भोगने के बाद उसका मन निर्मला से भर गया था..राज ने निर्मला को ढेर सा पैसा देकर वापिस उसके पति के पास भेज दिया था…

एक दिन राज हवेली मे हाल मे सोफे पर बैठा हुआ था, तभी विशाल अपने बेटे को साथ लेकर उसकी हवेली पर आ गया….बीते सालों मे राज और विशाल का एक दूसरे के घर आना जाना बहुत बढ़ गया था…और इसीलिए वो विशाल के बेटे को भी पहचानता था….विशाल के बेटे अरयून ने राज के पावं छुए, और अपने पापा के साथ सोफे पर बैठ गया….

राज : (अरयून की ओर देखते हुए)तो सरकार आज किधर घूम रहे हो…

अरयून: जी अंकल बस आज मे पापा के साथ घूमने जा रहा हूँ..

विशाल: (हंसते हुए) हां यार ये कल से ज़िद्द कर रहा था, अब यार इस के लिए तो दिन रात काम करता हूँ…अगर इसे ही खुश ना रख सकूँ…तो इतना कमाने का क्या फ़ायदा है…
यार मेरी बात मान तू भी शादी कर ले…किसके लिए इतना कमा रहा है….
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12-20-2019, 01:14 PM,
#74
RE: Hindi Sex Kahani सियासत और साजिश
विशाल के जाने के बाद राज सोच मे पड़ गया…विशाल की कही बातें राज को जिंजोड़ कर रख गयी थी………

राज का दिल बेचैन हो गया, वो उठ कर अपने रूम मे आ गया, और बेड पर लेट गया….पर उसके मन मे तूफान सा उठ रहा था, फिर वो हवेली के बाहर आकर अपनी कार मे बैठा , और खेतो की ओर चल दिया….राज के दिल मे सारा दिन विशाल की कही हुई बातें घूम रही थी….जब राज शाम को घर वापिस आया तो, वो नशे मे एक दम धुत था…बाहर बारिश शुरू हो गयी थी…हरिया ने राज को देखते ही, टेबल पर खाना लगाना चालू कर दिया…

राज अपने रूम मे कपड़े चेंज करने लगा…..उसके दिमाग़ की नसे विशाल की बातों के बारे मे सोच- 2 कर फटने को थी…यूँ तो वो पहले भी अकेला पन महसूस करता था…पर जब डॉली और साहिल यहाँ से चले गये थे…राज अपने आप को और भी तन्हा महसूस करने लगा था. और आज विशाल की बातों ने राज के जख़्मो को हरा कर दिया था…..

राज कपड़े चेंज करके जैसे ही बाहर आया तो उसने देखा रोमा बाहर डाइनिंग टेबल पर खाना लगा रही है…जब उसने हरिया को आस पास नही देखा, तो उसने रोमा से हरिया के बारे मे पूछा…

रोमा: बाबू जी आज हरया काका की तबीयत कुछ खराब थी, इसीलिए वो पीछे अपने कमरे मे चले गये हैं…

राज : तो ठीक है, तुम आज यहीं सो जाओ….वो उस कमरे मे हरिया सोता है..( कमरे की तरफ इशारा करते हुए)

रोमा: जी बाबू जी….

राज का मन खाना खाने का भी नही था….उसने हाल के मेन डोर की चाबी रोमा को दी, और कहा..

राज : ये लो….डोर बंद कर दो….मुझ अभी भूक नही है….

रोमा थोड़ा अहसहज महसूस कर रही थी….वो राज के साथ अकेली हवेली के अंदर बंद होने जा रही थी…वो चाबी लेकर बाहर डोर पर आई…..वो अपनी साड़ी बदलना चाहती थी…पर बाहर जोरों के बारिश हो रही थी…इसीलिए उसने अपना इरादा बदल दिया.. दरअसल जो ब्लाउस उसने पहना हुआ था, वो उसे बहुत टाइट लग रहा था….

रोमा ने डोर लॉक किया, और वापिस अंदर आ गयी…राज वहाँ पर नही था…वो अपने रूम मे जा चुका था…रोमा ने बर्तन टेबल पर से हटाए…और किचिन मे रख दिए…और फिर जो रूम राज ने बताया था….उस रूम मे चली गयी…वहाँ एक छोटे से टेबल पर एक बिस्तर पड़ा हुआ था….

रोमा ने बिस्तर को ज़मीन पर लगा दिया….और डोर को भिड़ा कर बिस्तर पर लेट गयी…पर तंग ब्लाउस के कारण उसे नींद नही आ रही थी…उसने सोने की बहुत कॉसिश की..पर जब उसे नींद नही आई तो, उसने अपना ब्लाउस खोल दिया, और अपनी साड़ी के पल्लू को अपनी चुचियों पर लापेट लिया…..

रोमा फिर से लेट गयी….अभी उसे लेटे हुए एक दो मिनट ही हुए थे…कि अचानक से रूम की लाइट ऑन हो गयी….रोमा एक दम से घबरा गयी….वो जल्दी से उठ कर खड़ी हो गयी. जब उसने डोर की तरफ देखा, तो सामने राज खड़ा था…

उसकी तनी हुई मोटी चुचियाँ डर के मारे तेज़ी से साँस लेने से साड़ी के पल्लू के अंदर ऊपेर नीचे हो रही थी….अपनी हालत देख कर वो एक दम से सकपका गयी…

राज : (नशे के कारण लड़खड़ाती हुई आवाज़ मे) वो मुझ डोर की चाबी दो…मेरी कार मे मेरी वाइन की बॉटल रह गयी है….मुझ वो लानी है…

रोमा ने घबराते हुए, चाबी को बिस्तर से उठा कर राज की तरफ बढ़ा दिया…राज ने रोमा के हाथ से चाबी ली, और बिना रोमा की ओर देखे हुए, बाहर चला गया…जैसे ही राज रूम के बाहर गया….रोमा डोर पर आकर राज को देखने लगी…राज लड़खड़ाता हुआ डोर क तरफ जा रहा था…

अचानक रोमा को ध्यान आया कि, बाहर तेज बारिश हो रही है….और बाबू जी नशे मे है. अगर गीले फर्श पर उनका पैर फिसल गया तो, उन्हे चोट भी लग सकती है….रोमा जल्दी से बाहर आ गयी…और राज को आवाज़ देकर रोक लिया…

रोमा: (राज को पीछे से आवाज़ लगाते हुए) बाबू जी रुकिये मे ला देती हूँ….बाहर बहुत तेज बारिश हो रही है….

राज : (पीछे मूड कर रोमा की ओर देखते हुए) हूँ…ये लो तुम ही ले आओ…

राज ने कार और डोर दोनो की चाबियाँ रोमा को पकड़ा दी….और खुद अपने रूम मे चला गया…हवेली का हाल बहुत बड़ा था…पूरे हाल मे इस टाइम एक ही लाइट जल रही थी…जिससे हल्का अंधैरा सा बना हुआ था…रोमा ने डोर खोला तो बारिश की फुहार उसके फेस पर गिरने लगी….

रोमा ने बाहर देखा…बाहर जोरों से बारिश लगी हुई थी…वो जल्दी से बाहर गयी. और कार खोल कर अंदर पड़ी वाइन की बॉटल निकाल ली…रोमा कुछ ही पलों मे एक दम भीग गयी थी…उसकी साड़ी भीग कर उसकी चुचियों पर चिपक गयी थी..हल्के क्रीम कलर की साड़ी के पल्लू मे से उसकी चुचियाँ सॉफ झलक रही थी….

यहाँ तक कि उसके ब्राउन कलर के निपल्स भी उसकी साड़ी के पल्लू से झाँक रहे थे… पर रोमा को जल्दबाज़ी मे अपनी हालत का पता नही चला…वो तेज़ी से अंदर आई…और डोर को लॉक करके राज के रूम की तरफ जाने लगी…जब उसने डोर नॉक किया तो, राज ने उसने अंदर आने को कहा….वो एक दम भीगी हुई थी….उसके जिस्म की खूबसूरती उसके बदन से चिपकी हुई साड़ी से झलक रही थी…..


जैसे ही रोमा रूम के अंदर आई…उसकी साँसें एक दम थम गयी…गर्मियों की ये पहली बारिश थी…राज अपने कपड़े उतार कर सिर्फ़ अंडरवेर मे खड़ा था..जब उसने मूड कर रोमा की तरफ देखा…तो उसकी आँखे रोमा की चुचियों पर जा अटकी… पर रोमा का ध्यान वहाँ नही गया….

राज : (ऐसे ही अंडरवेर मे सोफे बैठते हुए) लाओ यहाँ पर रख दो…

रोमा ने आगे बढ़ कर बॉटल को टेबल पर रख दिया..और मूड कर जाने लगी…राज पीछे से रोमा के चुतड़ों को देख रहा था…उसकी साड़ी और पेटिकॉट उसकी गान्ड से चिपका हुआ था….राज ने उसे आवाज़ देकर रोक लिया….रोमा मूड कर टेबल के सामने आकर खड़ी हो गयी…
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12-20-2019, 01:14 PM,
#75
RE: Hindi Sex Kahani सियासत और साजिश
राज टेबल के दूसरी तरफ सोफे पर बैठा हुआ था….उसने रोमा को नीचे बैठ कर वाइन को ग्लास मे डालने के लिए कहा….रोमा राज के सामने टेबल की दूसरी तरफ बैठ गयी..और ग्लास मे वाइन डालने लगी…..राज की नज़रे रोमा के झलक रहे ब्राउन कलर्स के निपल्स पर अटकी हुई थी…

अचानक से रोमा का ध्यान राज की ओर गया…जो अपनी नशीले आँखों से उसकी चुचियों को घूर रहा था…जब उसने अपनी चुचियों की तरफ देखा….तो वो एक दम से घबरा गयी….उसकी चुचियों के निपल्स भीगे होने के कारण एक दम तने हुए थे…और सॉफ दिखाई दे रहे थे….रोमा एक दम से घबरा गयी…उसने जल्दी से एक पेग बनाया, और खड़ी हो गयी….

रोमा: (घबराते हुए) बाबू जी अब मे जाउ…. (उसने अपनी बाहों से अपनी चुचियों को ढक लिया…

राज : रूको….क्या हुआ कुछ काम है..

राज ने पेग ख़तम किया, और खड़ा हो गया….उसका लंड उसके अंडरवेर को सामने से फुलाए हुए था…ये देख कर रोमा ने अपने सर को झुका लिया…उसका दिल जोरों से धड़कने लगा…राज के होंठो पर मुस्कान फैल गयी…और वो उठ कर बाथरूम की तरफ चला गया….

थोड़ी देर बाद उसने रोमा को बाथरूम से आवाज़ दी…और उसे बाथरूम मे बुला लिया… राज की आवाज़ सुन कर उसके हाथ पैर काँपने लगे… पर वो राज की बात का टाल भी नही सकती थी….वो काँपते हुए कदमों से बाथरूम की तरफ जाने लगी… उसका दिल जोरो से धड़क रहा था…बाथरूम का डोर खुला था…जैसे ही वो बाथरूम के डोर के सामने आई तो, उसने देखा कि, राज शवर के नीचे खड़ा नहा रहा है…

उसकी पीठ रोमा की तरफ थी…राज ने फेस घुमा कर रोमा की तरफ देखा.. रोमा अपनी बाहों मे अपनी जवानी को छुपाए हुए खड़ी थी…राज ने फेस को फिर से आगे कर लिया….और कड़क आवाज़ मे बोला….

राज : मेरी पीठ को रगड़ दो….

ये सुनते ही रोमा के दिल की धड़कन बंद हो गयी….जैसे उसने कोई साँप देख लिया हो.. राज ने फिर से गुस्से से कहा…अब रोमा रुक नही सकती थी…वो आगे बढ़ कर बाथरूम मे घुस गयी…और अपने एक हाथ को अपनी चुचियों से हटा कर, राज की पीठ को रगड़ने लगी…

राज का चौड़ा और गठीला बदन देख कर रोमा भी एक पल के लिए मंत्र मुग्ध हो गये…पर अगले ही पल एक अंजाना सा डर उसके दिल मे घर कर गया…

राज : क्या हुआ….दूसरा हाथ टूटा हुआ है क्या….

रोमा: (एक दम से हड़बड़ाते हुए) जी क्या बाबू जी नही…..

राज : फिर दूसरे हाथ से भी रागडो

रोमा ने डरते हुए, अपना दूसरा हाथ भी अपनी चुचियों से हटा लिया…शवर का पानी राज की पीठ पर गिर कर रोमा की चुचियों को भिगोने लगा…उसकी साड़ी और गीली होने लगी…रोमा मन ही मन यही दुआ कर रही थी, कि राज उसकी तरफ ना घूमे. पर राज के मन की बात को समझते हुए भी…वो कुछ नही कर पा रही थी..और अपने दोनो हाथों से राज की पीठ को रगड़ रही थी….

फिर राज ने वो किया…जिसका रोमा को डर था…राज उसकी तरफ घूम गया… रोमा एक दम से चोंक पड़ी…उसने अपने हाथों को हटा लिया…और अपनी चुचियों पर रखने लगी…पर राज ने उसके हाथों को पकड़ लिया….और होंठो पर वासना से भरी मुस्कान लाते हुए बोला..

राज : अब ज़रा मेरी छाती को भी रगड़ कर सॉफ कर दो….

रोमा ने अपना सर नीचे झुका रखा था…उसका दिल ये सोच कर जोरों से धड़कने लगा कि, बाबू जी उसकी चुचियों को देख रहे है…वो अपनी इस हालत पर खुद को लाचार महसूस कर रही थी….राज ने उसके दोनो हाथों को पकड़ कर अपनी चैस्ट पर रख लिया…

राज : (रोमा के तने हुए निपल्स को देखते हुए) अब जल्दी कर क्या सोच रही हैं…

रोमा ने डरते हुए, अपने कांप रहे हाथों से राज की चैस्ट को मलना चालू कर दिया…रोमा राज से फाँसला बनाए खड़ी थी….पर राज रोमा के बदन को पास से महसूस करना चाहता था, उसने रोमा की कमर को दोनो हाथों से थाम कर एक झटके मे अपनी तरफ खैंच लिया….रोमा एक दम से सकपका गयी…उसकी चुचियाँ राज की चौड़ी छाती मे आकर धँस गयी….उसने अपने फेस को झुका लिया…उसके हाथ वहीं थम गये…राज के हाथ उसकी कमर से होते हुए, उसके चुतड़ों पर आ गये…

और राज ने अपने बड़ी-2 हथेलियों मे रोमा के चुतड़ों को दबोच लिया…रोमा अपने चुतड़ों पर राज के हाथों को महसूस करके एक दम मचल उठी…

राज : (अपनी हथेलियों से रोमा के चुतड़ों को मसलते हुए) क्या हुआ…चलो शुरू करो

रोमा: (कसमसाते हुए) बाबू जी छोड़िए….

राज : क्यों ऐसे नही रगड़ सकती….

राज का तना हुआ मोटा लंड रोमा के पेट पर रगड़ खा रहा था…रोमा राज के लंड की कठोरता को अपने पेट पर महसूस करते हुए घबरा रही थी…..पर रोमा ने ना चाहते हुए भी राज की चैस्ट को सहलाना चालू कर दिया…..

रोमा के बदन मे एक अज्जीब सी सिहरन दौड़ने लगी…राज रोमा के चुतड़ों को अपनी हथेलियों मे भर-2 कर मसल रहा था…अचानक से राज ने एक हाथ आगे ले जाकर रोमा के सारी के पल्लू को पकड़ कर खैंच दिया….अब उसकी चुचियाँ बेपर्दा हो गये थी…रोमा राज की बाहों से अलग होने की कॉसिश करने लगी…

राज : क्या हुआ, क्यों मचल रही हो….

रोमा: (घबराई हुई आवाज़ मे) बाबू जी मुझ साड़ी का पल्लू ठीक करने दो….

राज : उससे क्या होगा…तुम्हारी चुचियाँ वैसे भी दिख रही थी…


रोमा की आँखे शरम के कारण बंद हो गयी…वो अब चाह कर भी कुछ नही कर सकती थी….राज ने अपने एक हाथ मे रोमा की राइट चुचि को भर लिया, और ज़ोर ज़ोर से मसलना चालू कर दिया….रोमा राज की बाहों मे छटपटाने लगी…और अपनी आख़िरी कॉसिश करते हुए, राज की गिरफ़्त से निकलने की कॉसिश करते हुए, अपने हाथो को इधर उधर मारने लगी….

राज एक दम गुस्से बोखला उठा…उसने रोमा के बालों को पकड़ कर खैंच दिया…रोमा दर्द के मारे चीख उठी….

राज : साली मेरे सामने अपने हाथ चला रही है….तू जानती नही मैं कॉन हूँ…

रोमा राज की गुस्से से भरी हुई आवाज़ सुन कर एक दम से घबरा गयी….राज ने रोमा के साड़ी को पकड़ कर उतार कर एक तरफ फैंक दिया….और रोमा को दीवार से सटा दिया….रोमा की चुचियों के निपल्स राज को अपनी तरफ खैंच रहे थे…राज ने थोड़ा सा नीचे झुक कर रोमा की लेफ्ट चुचि को अपने मुँह मे भर लिया. और ज़ोर -2 से रोमा के निपल को चूसने लगा…..
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12-20-2019, 01:14 PM,
#76
RE: Hindi Sex Kahani सियासत और साजिश
रोमा के बदन मे मस्ती की लहर दौड़ गयी थी….अब वो मान चुकी थी कि, वो अपनी इज़्ज़त को राज के हाथों से बचा नही पाएगी…और वो राज का कुछ कर भी नही सकती….रोमा का पूरा बदन कांप रहा था…राज के हाथ रोमा के बदन के हर हिस्से को मसल रहे थे, सहला रहे थे….

और राज के हाथों को जादू रोमा के बदन पर होने लगा था…रोमा अपनी आँखे बंद किए, दीवार से पीठ टिका कर खड़ी थी…उसके रोम रोम मे उतेजना की लहरे उमड़ने लगी…और राज अब इन बातों का अंदाज़ा लगाने मे उस्ताद बन चुका था. उसने रोमा के पेटिकॉट का नाडा पकड़ कर एक झटके मे खोल दिया….

रोमा का पेटिकॉट ढीला पड़ते ही, बाथरूम के फर्श पर आ गिरा….रोमा ने अपनी जाँघो को शरम के मारे भींच लिया….रोमा की चूत घनी काली झान्टो से भरी हुई थी…ये देख कर राज का लंड उसके अंडरवेर को फाड़ कर बाहर आने को बेताब था…और उसने अपने अंडर वेअर को निकाल कर अपने मोटे और 8 इंच लंबे लंड को बाहर निकाल लिया…..

जब थोड़ी देर रोमा को कोई हरकत महसूस ना हुई, तो उसने अपनी आँखों कर खोल कर राज की तरफ देखा…जैसे ही उसकी नज़र राज के मोटे लंड पर पड़ी, उसकी दिल की धड़कन थम सी गये, उसकी साँसें तेज़ी से चलने लगी…उसने फिर से अपनी आँखों को बंद कर लिया….राज के होंठो पर कूटलता भरी मुस्कान फैल गयी….

राज ने रोमा को अपनी बाहों मे भरते हुए उठा लिया, और उसे रूम मे ले आया…रोमा का दिल जोरों से धक -2 कर रहा था….ना चाहते हुए भी, उसकी चूत ये सोच -2 कर पानी छोड़ रही थी, कि अब राज अपना मोटा और लंबा लंड उसकी चूत मे पेलने वाला है….रूम मे आते ही राज ने उसे बेड पर पटक दिया….

और उसकी जाँघो को फैला कर खुद उसकी जाँघो के बीच घुटनो के बल बैठ गया…और आगे की तरफ झुक कर रोमा की चुचि को मुँह मे भरते हुए, उसके निपल को ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा…रोमा के मुँह से मस्ती से भरी आह निकल गयी…और वो ये सोच कर शरमा गयी कि, बाबू जी ये सोच रहे होंगे, कि मैं जानबूज कर नखरे कर रही हूँ..

राज दूसरी चुचि को पकड़ कर मसलने लगा…उसका लंड रोमा की चूत की फांकों पर रगड़ खा रहा था….रोमा ने मस्ती मे आकर अपने दाँतों से होंठो को काटना शुरू कर दिया, और अपने दोनो हाथों से बेड शीट को कस के पकड़ लिया….

राज के तने हुए लंड का मोटा सुपाडा रोमा की चूत के छेड़ पर सटा हुआ था… और उसकी चूत के छेद मे संकुचन हो रहा था….राज समझ गया कि, अब रोमा उसका लंड अपनी चूत मे लेने के लिए मचल रही है….राज ने अपने लंड को हाथ से पकड़ सही से रोमा की चूत से भिड़ा दिया….और अपनी कमर को नीचे की तरफ पेला.

राज के लंड का मोटा सुपाडा रोमा की चूत के टाइट छेद को फैलाता हुआ अंदर घुस गया….एक ही बार मे राज का आधे से ज़्यादा लंड रोमा की चूत की दीवारों से रगड़ ख़ाता हुआ अंदर घुस कर फँस सा गया था…रोमा का बदन दर्द के मारे अकड़ गया…वो दर्द के मारे तिलमिला उठी…..

रोमा: आह बाबू जीईई धीरीए ओह मार डाला बाबू जीईई आप ने..

रोमा की दर्द से भरी चीख सुन कर राज को जैसे अपने ऊपेर घमंड सा होने लगा….और उसने बिना रोके अपने लंड को तेज़ी से रोमा की चूत के छेद के अंदर बाहर करना चालू कर दिया…..राज का लंड कुछ ही पलों मे पूरा अंदर घुस्स कर रोमा की बच्चेदानी से जाकर टकराने लगा…कुछ देर बाद रोमा का दर्द ख़तम हो गया, और वो भी मस्त होकर अपनी जाँघो को फैला कर राज के लंड के तेज वारों को अपनी चूत मे झेलने लगी…..

रोमा की चूत गरम होकर पानी छोड़ने लगी, और राज का लंड उसकी चूत से निकल रहे पानी के कारण भीग कर फॅक-2 करता हुआ, अंदर बाहर होने लगा…रोमा भी मस्त होकर आह ओह्ह्ह जैसी मस्ती से भरी आवाज़ें निकाल रही थी…राज के जबर्दश्त धक्को से उसे स्वर्ग दिख रहा था . अब राज के धक्को मे तेज़ी आ चुकी थी . रोमा ने भी मस्ती मे आकर अपनी टाँगे राज की कमर पर चढ़ा ली . थोड़ी ही देर मे दोनो अपने परमआनंद को प्राप्त कर चुके थे उस रात राज ने रोमा की चूत की धज्जियाँ कई बार उड़ाई और उसके बाद थककर नींद के आगोश मे चले गये

रात भर चुदने के कारण रोमा का बदन चूर चूर हो गया था…जब उसकी आँख खुली तो, वो राज की बगल मे बिना कपड़ों के लेटी हुई थी…उसकी चूत मे थोड़ी से सूजन आ चुकी थी….रोमा को उठ कर बैठने मे भी तकलीफ़ हो रही थी…वो मुस्किल से उठ कर बैठ गयी…उसकी नज़र राज पर पड़ी….वो भी एक दम नंगा लेटा हुआ था. उसका मुरझाया हुआ लंड देख कर रोमा के होंठो पर मुस्कान आ गयी….

कल रात इस लंड से पता नही कितनी बार चुदि थी….और कितनी ही बार उसकी चूत ने पानी छोड़ा था…उसने अपनी चूत को अपने हाथ से सहला कर देखा….उसने हल्का-2 दर्द हो रहा था….पर राज का लंड देख कर, उसकी चूत की दीवारों मे फिर से सरसराहट होने लगी थी…

रोमा अपने आप को रोक ना सकी….और वो राज की तरफ करवट लेकर लेट गयी…और अपना हाथ नीचे ले जाकर राज के लंड को अपनी मुट्ठी मे भर लिया….और धीरे-2 राज के लंड की चमड़ी को आगे पीछे करने लगी….जिसे राज की नींद टूट गये…और वो जाग गया….पर उसने अपनी आँखों को नही खोला….

रोमा अपनी हसरत से भरी हुई, आँखों से राज के लंड को देखते हुए, तेज़ी से हिला रही थी….राज का लंड कुछ ही पलों मे तन कर खड़ा हो गया…रोमा की चूत फिर से पानी छोड़ने लगी…और रोमा उठ कर बैठ गयी…..उसने राज की तरफ देखा, और फिर झुक कर राज के लंड को मुँह मे ले लिया…राज एक दम से मस्त हो गया….आँखे बंद किए हुए, राज के होंठो पर मुस्कान फैल गयी…

रोमा अपनी जीभ निकाल कर राज के लंड को चाट रही थी…कभी उसके लंड को अपने होंठो मे दबा-2 कर चूसने लगती…और अपने हाथ से राज के अंडकोषों को सहलाने लगती….राज अब पूरी तरहा गरम हो चुका था…उसने रोमा को उसके खुले हुए बालों से पकड़ लिया….रोमा एक दम से घबरा गयी….

जब उसने राज की तरफ देखा, तो उसके होंठो पर वासना से भरी कुटिल मुस्कान फैली हुई थी…उसने रोमा को अपने ऊपेर खैंच लिया…और एक हाथ से अपने लंड को पकड़ कर, लंड के सुपाडे को उसकी चूत के छेद पर लगा दिया….जैसे ही रोमा की सूजी हुई चूत के छेद पर राज के लंड का गरम सुपाडा लगा, तो रोमा के बदन मे मस्ती की लहर दौड़ गयी….वासना और मस्ती के कारण उसकी आँखे बंद हो गयी….

रोमा के बाल बिखरे हुए थे….उसकी चुचियों पर राज के दाँतों के निशान बने हुए थे…और राज की उंगलियाँ के निशान रोमा के पूरे बदन पर छपे हुए थे.

राज : (रोमा को इस हालत मे भी लंड के लिए तड़पटा देख कर) कल तो बहुत नखरे कर रही थी…और आज सुबह-2 ही तेरी चूत लंड लेने के लिए पानी छोड़ रही है….

रोमा राज की बातों को सुन कर एक दम शरमा गये…उसने अपने हाथों से अपने फेस को ढक लिया…ये देख कर राज के होंठो की मुस्कान और बढ़ गयी…उसने दोनो हाथों से रोमा की कमर को कस्के पकड़ लिया….और पूरी ताक़त से अपनी कमर को ऊपेर की ओर उछालते हुए, अपने आधे से ज़्यादा लंड को उसकी चूत मे घुस गया…रोमा का बदन मस्ती और दर्द के कारण मचल उठा…….

रोमा: अह्ह्ह्ह बाबू जीईए धीरीई ओह बहुत दर्द हो रहा है….

राज : (लगतार चार पाँच धक्के मार कर राज ने अपना पूरा लंड रोमा की चूत मे घुसा दिया. ) रात को तो खूब उछल-2 कर मेरा लंड चूत मे ले रही थी. अब क्यों दर्द होने लगा….

रोमा: आहह बाबू जीए धीरीई करो ना…..कल रात आपके मोटे लंड ने मेरी चूत को रगड़-2 का सूजा दिया है…देखो ना कैसे फूल गयी है….
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12-20-2019, 01:14 PM,
#77
RE: Hindi Sex Kahani सियासत और साजिश
राज : फिर कल नखरे क्यों कर रही थी….

रोमा: (शरमा कर अपने फेस राज की चैस्ट मे छुपाते हुए) मैं कहाँ नखरे कर रही थी….पहली बार को छोड़ कारर्र अहह धीरीए मैने फिर मना कहाँ किया था..

राज रोमा की बातों को सुन कर जोश से भर गया….और तेज़ी से अपनी कमर को ऊपेर की ओर उछाल कर रोमा की चूत मे अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा….रोमा मस्ती मे आकर आहह ओह्ह्ह बाबू जी करने लगी…..और मस्त होकर अपनी गान्ड को उछाल-2 कर राज के लंड पर पटाकने लगी…

रोमा: उंघह उम्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह बाबू जीईई चोदिये और ज़ोर से चोदिये ओह फाड़ दो मेरी चूत को अह्ह्ह्ह बाबू जी मैं नखरे नही करूँगी….

रोमा इतनी मस्त हो चुकी थी, कि वो पागलों की तरहा अपनी गान्ड को ऊपेर नीचे करते हुए, राज के मोटे लंड को अपनी चूत मे पिलवा रही थी….राज के लंड का मोटा सुपाडा हर बार अंदर जाकर रोमा की बच्चेदानी से टकरा रहा था….राज ने रोमा की चुचियों को अपनी हथेलियों मे भर कर मसलना चालू कर दिया….

रोमा और मस्त हो गयी…और राज के हाथों के ऊपेर अपने हाथों को रख कर, और ज़ोर से अपनी चुचियों को मसलवाने लगी….

रोमा: हां बाबू जी निकाल लो सारा रस्स अहह बहुत तंग करती है…इनकी सारी अकड़ निकाल दो और ज़ोर से मस्लो…..बाबू जी ओह्ह्ह्ह मेरीई चूत फिर से पानी छोड़ने वाली है.. आह बाबू जीए ओह और ज़ोर चोदो…….उईमाआअ बहुत अच्छा लग रहा है.

रोमा की चूत की दीवारों ने राज के लंड को अपने अंदर कसना चालू कर दिया…राज को महसूस हो रहा था, जैसे रोमा की चूत की दीवारें उसके लंड अपने अंदर मसल डालेंगी…फिर अचानक से रोमा की चूत दीवारें फैलने और सिकुडने लगी.. गरम पानी की नदी रोमा की चूत से बह कर राज के लंड को भिगोने लगी…राज रोमा को मस्त होकर झड़ता देख कर, और जोरों से धक्के लगाने लगा.. और रोमा के झड़ने के एक मिनिट बाद ही झाड़ गया….राज के लंड का वीर्य रोमा की चूत की दीवारों को भिगोता हुआ, उसकी बच्चेदानी मे जाकर इकट्ठा होने लगा…

रोमा के होंठोपर संतुष्टि से भरी मुस्कान फैल गयी….और वो राज की चैस्ट पर अपना सर रख कर लेट गयी….

उसी दिन शाम 5 बजे…..

शाम को राज तैयार होकर हवेली से निकल गया….वो बहुत ही तेज़ी से कार ड्राइव करते हुए, शहर की तरफ जाने लगा…आज वो इलाक़े के डीएसपी से मिलने जा रहा था…जब डीएसपी अमन की पोस्टिंग राज के एरिया मे हुई थी…उसने राज से हाथ मिला लिया था…और राज हर महीने उसे अपने काले धंधों के लिए 50000 रुपये देता था…आज सनडे का दिन था…इसीलिए राज सीधा डीएसपी अमन के घर पर चला गया….

राज ने डीएसपी अमन के घर बाहर कार खड़ी की, और कार से निकल कर डोर बेल बजाई…थोड़ी देर बाद डीएसपी अमन के नौकर ने गेट खोला…इनदिनो मे राज का नाम आस पास के सब लोग जान चुके थे…नौकर ने राज को अंदर आने को कहा…

जब राज अंदर आया तो, उसने देखा क़ि, अमन के घर पर पार्टी चल रही थी…तभी अमन राज के पास आया, और राज से हाथ मिलाकर उसे फर्स्ट फ्लोर पर बने अपने रूम मे ले गया….

अमन: कैसे हैं राज जी.

राज : मे ठीक हूँ…तुम्हारा काम कैसा चल रहा है….

अमन: सर आप के होते कोई तकलीफ़ नही हो सकती…और सुनाए अचानक कैसे आना हुआ.

राज : वो दरअसल मैं कल पेसे भिजवाना भूल गया था, सोचा आज चल कर खुद दे आता
हूँ. और तुम से मिल भी लूँगा….

अमन: अर्रे सर पैसे कहीं भागे थोड़े ही जा रहे थे…चलिए अब आप आ ही गये है तो, थोड़ी देर रुकें….आज मेरी वाइफ की बर्तडे पार्टी चल रही है…

राज : अच्छा तो आज तुम्हारी वाइफ का बर्थडे है…..

अमन: जी सर आएँ नीचे चलते हैं…..

राज : (अमन की ओर 500-2 के नोटो पॅकेट बढ़ाते हुए) ये लो अभी मुझ यारा जल्दी है, कुछ ज़रूरी काम हैं….

अमन: जैसे आप की मर्ज़ी सर….आएँ मैं आपको बाहर तक छोड़ दूं….

दोनो निकल कर रूम से बाहर आ गये….जब राज सीडयों से नीचे उतर रहा था, तब किसी के हँसने की आवाज़ ने उसका ध्यान अपनी तरफ खैंचा, राज अपने आप को उस ओर देखने से रोक नही पाया….जैसे ही राज की नज़र उस आवाज़ की तरफ गयी…राज का मुँह खुला का खुला रह गया….

सामने एक लड़की खड़ी थी….वो ग्रीन कलर का टाइट टीशर्ट और ब्लू कलर की जीन्स पहने हुई थी…राज की आँखे उसके चहरे पर गढ़ गयी….उस लड़की का खिलखिलाता हुआ फेस गुलाबी होन्ट, गोल गोरे गालों को देख कर राज उनमे खो सा गया…उस लड़की के बाल उसकी कमर तक आ रहे थे…

राज को यूँ उस लड़की मे खोया देख कर, अमन के होंठो पर मुस्कान आ गयी…उसने राज को कंधों से पकड़ कर हिलाया….राज एक दम से चोंक गया.

अमन: कहाँ खो गये जनाब…..

राज : (उस लड़की की ओर इशारा करते हुए) कॉन है ये लड़की…..

अमन: मेरी वाइफ की सहेली है….उसकी बेटी है…..ब्कॉम फाइनल एअर मे है…

राज : नाम क्या है इसका….

अमन: सुमन नाम है…बहुत ही प्यारी बच्ची है…

राज : (अमन की ओर देखते हुए) मुझ ये लड़की चाहिए….

अमन: (राज की बात सुन कर हैरानी से राज की ओर देखते हुए) ये क्या कह रहे हैं आप…ये मुमकिन नही है….

राज : (अमन के कंधे पर हाथ रखते हुए) राज के लिए कुछ भी नामुमकिन नही होता….और तुम तो जानते ही हो…..मैं अकेला हूँ…..इतनी बड़ी जायदाद को संभालने के लिए मुझ दोबारा शादी करनी है….ताकि आगे चल कर मेरा वारिस मेरी जायदाद को संभाल सकें……

अमन: (राहत के साँस लेते हुए) सॉरी मैं कुछ और ही समझ बैठा था…. पर फिर भी ये होना बहुत मुस्किल है….

राज : क्यों ?

अमन: भले ही सुमन एक साधारण परिवार से है….पर वो लोग बहुत खुदार है….

राज : इसीलिए ये काम मैं तुम्हे सोन्पता हूँ…..हर किसी की कोई ना कोई कमज़ोरी ज़रूर होती है….और इसके घर की कमजोर कड़ी कॉन सी है…वो तुम्हे पता लगाना है..

अमन: पर उससे क्या होगा…

राज : तुम बस पता लगाओ…..मुझ इसके घर के हर मेंबर के बारे मे पता लगा कर बताओ….बाकी मुझ पर छोड़ दो….मैं बाद मे तुम्हे बता दूँगा…कि आगे क्या करना है…

अमन: पर….

राज : (अमन को बीच मे टोकते हुए) तुम्हे इसके लिए जो भी कीमत चाहिए, मे देने के लिए तैयार हूँ….बोलो क्या चाहिए….

अमन: (कुछ देर सोचने के बाद) वैसे तो आप के रहते हुए, किसी चीज़ की कमी नही है, पर हां मेरा एक काम करवा दीजिए…..

राज : बोलो दिल खोल कर बोलो…..मुझ बस ये लड़की चाहिए…..

अमन: मैं वादा तो नही करता पर…..मुझसे जो होसकेगा मैं करूँगा….बस आप मेरी प्रमॉशन करवा दीजिए….

राज : ठीक है…तुम मेरा काम करो…तुम्हारी प्रमोशन पक्की…

अमन: (अमन के होंठो पर मुस्कान फैल गयी…) चलिए मैं आप को बाहर आपकी कार तक छोड़ दूं…..

और अमन राज को छोड़ने के लिए बाहर तक आया….और राज कार मे बैठ कर हवेली की तरफ निकल पड़ा…

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12-20-2019, 01:14 PM,
#78
RE: Hindi Sex Kahani सियासत और साजिश
राज हवेली वापिस आ गया…..पर उसका दिल अभी अमन के घर पर ही था.. राज के दिलो दिमाग़ पर सुमन ने कब्जा कर लिया था….जब से राज ने सुमन को देखा था, तब से लेकर अब तक वो बस सुमन के बारे मे ही सोच रहा था, और दिल मे ये दुआ कर रहा था, कि सुमन उसकी इस हवेली के मलिका बन कर आ जाए…..

राज अभी हाल मे बैठा यही सोच रहा था, कि रोमा उसके लिए कोल्ड ड्रिंक ले आई… पर राज अपने ही ख़यालों मे खोया हुआ था….ये देख कर रोमा ने ग्लास को टेबल पर रखते हुए, राज से पूछा….

रोमा: बाबू जी किन ख़यालों मे खोए हुए हो……

राज : (रोमा की आवाज़ सुन कर चोन्कते हुए) क्या हूँ….कुछ नही……

राज ने रोमा की तरफ देखा….रोमा ने आज पिंक कलर की साड़ी पहनी हुई थी… और पिंक कलर के ब्लाउस के नीचे उसकी ब्लॅक ब्रा के स्ट्रॅप्स सॉफ नज़र आ रहे थी… आज राज ने रोमा को पहली बार ऐसे रंग की साड़ी मे देखा था…. उसने होंठो पर लाइट पिंक कलर की लिपस्टिक लगाई हुई थी…..

राज जानता था कि, ये सब रोमा ने उसके लिए ही किया है….पर राज का ध्यान सुमन पर था….वो ग्लास उठा कर कोल्ड्ड्रिंक पीने लगा…जब रोमा ने देखा कि, राज ने उसकी तरफ ध्यान से देखा भी नही तो, वो खिसिया कर अंदर चली गयी…

ये देख कर राज के होंठो पर मुस्कान फैल गयी….उसने देखा कि हरिया किचिन मे कुछ काम कर रहा था……वो उठ कर अपने रूम मे जाने लगा….रोमा बाहर हाल मे झाड़ू लगा रही थी, जब राज रोमा के पास से गुज़रा तो, उसने रोमा का हाथ पकड़ लिया, और एक ही झटके मे उसे खैंच कर अपने रूम मे ले गया….

रोमा एक दम से डर गयी…..उसे ये डर था, कि हरिया कुछ देख ना ले….रोमा ने अपना हाथ राज से छुड़ा लिया, और बाहर की तरफ जाने लगी….पर राज ने उसे पीछे से अपनी बाहों मे भर लिया, और उसकी दोनो रसीले आमो को अपने हाथ मे लेकर मसलने लगा….रोमा एक दम से मचल उठी…….

रोमा: उफफफफफफ्फ़ आ बाबू जी छोड़ो मुझ क्या कर रहे हो…..हरिया काका अंदर आ गये तो….छोड़ो मुझ…..

राज : अच्छा तुम्हे हरिया की फिकर है….मे अभी उसका कुछ इंतज़ाम करता हूँ….

ये कह कर राज अपने रूम के डोर पर आ गया, और उसने हरिया को आवाज़ लगाई… जैसे ही हरिया उसके रूम के डोर के पास आया….रोमा डोर के पीछे की ओर हो गये.

राज : हरिया आप क्या कर रहे है….

हरिया: बाबू जी बर्तन सॉफ कर रहा था….

राज : अभी कल तक तो आप की तबीयत ठीक नही थी, और फिर से काम पर लग गये. जाओ जाकर आराम कर लो….

हरिया: बाबू जी अब ठीक हूँ….मे कर लूँगा….

राज : मैने कहा ना…आप जाकर आराम कर लीजिए….

हरिया: जैसे आप कहें बाबू जी…..

ये कह कर हरिया वापिस हवेली के पीछे बने अपने रूम मे चला गया…. राज ने हरिया के जाते ही डोर बंद कर दिया…और रोमा को अपनी बाहों मे भर लिया…

रोमा: (नखरे करते हुए) छोड़िए बाबू जी….मैं कब से आपके लिए तैयार होकर बैठी हूँ…और आप है कि आप ने मेरी तरफ एक बार देखा भी नही….

राज : अर्रे मेरी रानी….वो मैं थोड़ा परेशान था, वरना तेरे जैसे फूल का रस पीने का किसका दिल नही करेगा….

राज के हाथ रोमा की पीठ से होते हुए, उसके चुतड़ों पर आ चुके थे, और वो धीरे-2 रोमा के चुतड़ों को मसलने लगा….

रोमा: आह बाबू जी क्या कर रहे है….आप तो अभी से शुरू हो गये….दिन मे ही…रात तो होने दो…..

राज : अब रात तक का इंतजार नही होता…..जल्दी से अपने साड़ी निकाल….मेरा लंड तेरी चूत मे जाने के लिए तड़प रहा है…..

रोमा: (मस्त होते हुए) ओह्ह्ह बाबू जी मेरी चूत भी आपके लंड को याद करके पानी छोड़ रही है….पर अभी नही मेरे कपड़े खराब हो गये, तो हरिया काका को शक हो जाएगा…आपकी रोमा आपकी दासी है….रात को जितना चाहे अपना लंड डाल कर मुझ चोद लेना.

राज : पर अभी का क्या….मैं रात तक नही रुक सकता….

राज ने रोमा को अपनी बाहों से अलग कर दिया….और अपनी पेंट और अंडरवेर को एक साथ उतार कर घुटनो से नीचे कर दिया….राज का मोटा और 8 इंच लंबा लंड हवा मे झटके खाने लगा….जिसे देख कर रोमा की चूत के छेद मे कुलबुलाहट होने लगी…रोमा ने आगे बढ़ कर राज के लंड को अपनी मुट्ठी मे भींच लिया…..
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12-20-2019, 01:32 PM,
#79
RE: Hindi Sex Kahani सियासत और साजिश
राज ने रोमा को कंधों से पकड़ कर बेड पर बैठा दिया….अब राज का लंड रोमा के होंठो के बिल्कुल सामने था…..राज ने रोमा की आँखों मे देखा, और रोमा ने राज के इशारे को समझते हुए, अपना मुँह खोल कर राज के लंड को मुँह मे ले लिया….और रांड़ की तरहा चूसने लगी……

राज : अहह और ज़ोर से चूस साली रांड़…..हां और मुँह मे ले मेरा लंड…..

रोमा तेज़ी से अपने सर को आगे पीछे करते हुए, राज के लंड को अपनी मुँह मे लेकर चूस रही थी…राज के लंड की नसें एक दम फूल चुकी थी….रोमा ने राज के लंड को मुँह से बाहर निकाला, और खुद पीठ के बल बेड पर लेट गयी….

रोमा के पैर बेड से नीचे लटक रहे थे…..उसने अपनी साड़ी और पेटिकोट को अपने कमर तक ऊपेर उठा लिया….रोमा ने नीचे पैंटी नही पहनी हुई थी…उसकी चूत के छेद को देख कर राज की आँखों मे चमक आ गयी….

राज ने रोमा की टाँगों को उठा कर घुटनो से मोड़ दिया….और दोनो तरफ फैला दिया…जिससे रोमा की चूत का छेद खुल कर और ऊपेर हो गया….राज ने रोमा के थूक से सने हुए अपने लंड को एक हाथ से पकड़ कर, लंड के सुपाडे को रोमा की चूत के छेद पर लगा दिया….रोमा के बदन मे मानो करेंट दौड़ गया हो….

रोमा ने सीईईईईईईईईईई की आवाज़ निकालते हुए, अपनी आँखों को बंद कर लिया….उसका पूरा बदन मस्ती के कारण काँपने लगा…..उससे बर्दास्त करना मुस्किल हो रहा था….

रोमा: सीईईईईईईईईई बाबू जीईए क्या सोच रहे है……अब जल्दी से मेरी चूत मे अपना लंड डाल कर चोद दो मुझे अहह बाबू जीईईई….

रोमा की कमर ऐसे झटके खा रही थी….जैसे वो खुद ही राज के लंड को अपनी चूत मे ले लेना चाहती हो….राज ने अपनी गान्ड को पीछे की तरफ करके पूरी ताक़त से आगे की तरफ धकेला….रोमा के मुँह से चीख निकल गयी….राज के लंड का मोटा सुपाडा रोमा की चूत की दीवारों से रगड़ ख़ाता हुआ आगे बढ़ने लगा…….पहले ही धक्के मे राज ने अपना आधा लंड रोमा की चूत मे पेल दिया था….

रोमा: ओह मररर्र्र्ररी रीईई धीरीईई बाबू जीईए ओह मेरी चूत फॅट गइई ओह बाबू जीए……

पर राज ने रोमा की बातों पर ध्यान नही दिया,….और तेज़ी से अपने लंड को उसकी चूत मे ठोकने लगा…..कुछ ही पलों मे राज का पूरा लंड पूरी रफ़्तार से अंदर बाहर होने लगा…और रोमा भी अपनी गान्ड को ऊपेर की और उछाल कर राज का साथ देने लगी….रोमा मस्ती मे आकर अहह ओह्ह्ह्ह सीईईईईईईई ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह कर रही थी… और राज अपनी गान्ड को तेज़ी से हिलाते हुए, अपने लंड से रोमा की चूत को ठोक रहा था…राज के हर धक्के के साथ रोमा का पूरा बदन हिल रहा था….

राज के ताबडतोड़ धक्कों ने रोमा की चूत की दीवारों को हिला कर रख दिया था… और 10 मिनट की चुदाइ मे दोनो झड कर शांत हो गये……..

आफ्टर वन वीक………

डीएसपी अमन अपने ऑफीस मे बैठा हुआ, कुछ फाइल्स चैकक कर रहा था….तभी उसके डोर पर नॉक हुआ, अमन ने कम इन कहा…थोड़ी देर बाद कॉन्स्टेबल विक्रम उसके सामने आकर खड़ा हो गया…..

अमन: आओ विक्रम कोई खास खबर…….

विक्रम: जी सर….जैसे आप ने कहा था, मैं उस परिवार के लोगों पर पिछले सात दिनो से नज़र रख रहा हूँ…..मैने उनके बारे मे सब पता लगा लिया है….

अमन: गुड बताओ क्या खबर है…..

विक्रम: सर उस घर मे कुल 5 सदस्य है…..पहली सुमन…..दूसरी उसकी माँ वीना आपकी वाइफ की फ्रेंड सुमन की छोटी बेहन जो, बीए फर्स्ट एअर मे है उसका नाम टीना है….उसके पापा जय शर्मा….जो सरकारी टीचर है और सुमन से छोटा एक भाई है….उसका नाम अमित है…वो 2न्ड एअर मे पड़ता है…..

अमन: अर्रे यार ये सब तो मे भी जानता हूँ…कोई काम के खबर है तो बात करो…

विकाराम: जी सर काम की खबर है….

अमन: तो फिर बोलो क्या खबर है…..

विकाराम: सर उस परिवार की सबसे कमजोर कड़ी है, उनका बेटा, सुमन का भाई…..

अमन: वो कैसे……

विक्रम: सर मैने पता लगाया है कि, सुमन का भाई अमित ड्रग्स लेने का आदि है…. और एक दो बार तो उसने ड्रग्स लेने के लिए पड़ोस के घर मे चोरी भी की है…पर मोहल्ले वालों ने उसे बीच बचाव करके छुड़वा दिया था….

अमन: अच्छा….ये बात है….ये अमित हमारे कुछ काम आ सकता है…..अच्छा एक काम और करो…ये पता लगाओ कि, ये अमित ड्रग्स कहाँ से लेता है…..

विक्रम: सर वो भी पता लगा लिया…..कोई रघु नाम का बंदा है, पहले मुंबई रहता था, अब यहाँ आकर उसने ये धंधा शुरू कर दिया है…..दो चार बार तो पकड़ा भी गया है….वो कॉलेज के लड़कों को ड्रग्स सप्लाइ करता है…..

अमन: हँ ठीक है…..तुम जाओ….मैं तुम्हारे काम से बहुत खुस हूँ….और तुम्हारी प्रमोशन के लिए सिफारिश करूँगा…. अब तुम जा सकते हो…..

विक्रम: थॅंक यू सर……

और विक्रम खड़ा होकर बाहर चला गया….अमन के होंठो पर मुस्कान फैल गयी… पर आगे कदम उठाने से पहले वो राज से बात करना चाहता था….
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12-20-2019, 01:32 PM,
#80
RE: Hindi Sex Kahani सियासत और साजिश
अमन ये बात जल्द से जल्द राज को बता देना चाहता था, इसीलिए उसने अगले दिन राज की हवेली जाने का फैंसला किया, इधर राज रोमा के जिस्म को भोग रहा था, और रोमा भी राज के रंग मे रंग चुकी थी….राज उसे अपनी रखैल की तरहा इस्तेमाल कर रहा था…..

अगले दिन सुबह ही अमन राज की हवेली पहुँच गया….राज अपने रूम मे था, हरिया ने उसके रूम मे जाकर अमन के आने के बारे मे बताया….

राज : उन्हे बाहर बैठाओ……मे अभी आता हूँ……

राज थोड़ी देर बाद अपने रूम से निकल कर हाल मे आ गया….अमन राज को देखते ही सोफे से खड़ा हो गया.

अमन: गुड मॉर्निंग सर…….

राज : गुड मॉर्निंग…..और बताओ इतनी सुबह-2 कैसे आना हुआ……

अमन: सर आप को एक गुड न्यूज़ देनी थी….इसीलिए मे इंतजार ना कर सका….सुबह होते ही आपके पास चला आया….

राज : पहले आराम से बैठो, फिर बताओ कि क्या बात है….

राज अमन के साथ सोफे पर बैठ गया,

अमन: सर मैने उस लड़की के घर वालो के बारे मे सब कुछ पता लगा लिया है…. उस घर मे सिर्फ़ एक ही बंदा हमारे काम का है….और वो सुमन का भाई…अमित…

राज : अमित सुमन का भाई…..वो हमारे कैसे काम आ सकता है……

अमन ने सारी बात राज को बता दी…..और राज के होंठो पर अमन की बात को सुन कर अजीब सी मुस्कान फैल गयी…..

अमन: सर अब मेरे लिए क्या हुकम है……..

राज : पहले ये बताओ को अमित को ड्रग्स कहाँ से मिलती है…..

अमन: रघु नाम का आदमी है सर वही कॉलेज के लड़को को ड्रग्स सप्लाइ करता है.

राज : (कुछ देर सोचने के बाद) यही रघु हमारे काम आ सकता है….इससे मिलना है मुझे…

अमन: जी सर….. मे आज ही उसे उठवा लेता हूँ…..

राज : ठीक है, तो मैं शाम को तुम्हारे ऑफीस आता हूँ, इस रघु से मिलने के लिए, बाकी आगे क्या करना है वहीं पर बताउन्गा…..

अमन: जी सर….जैसे आप कहें, अच्छा तो अब मे चलता हूँ….

ये कहते ही अमन खड़ा हो गया, और राज से हाथ मिलाकर हवेली से बाहर चला गया….राज को अपनी मंज़िल अब नज़दीक नज़र आ रही थी….

शाम को अमन के ऑफीस मे:-

अमन अपने ऑफीस मे कुछ काम कर रहा था, और साथ ही साथ राज का इंतजार भी कर रहा था, तभी राज अंदर आ गया, राज को देखते ही, अमन चेर से खड़ा हो गया, और राज से हाथ मिलाने के बाद उसे चेर पर बैठने को कहा…

राज : (अमन के सामने चेर पर बैठते हुए) तो पकड़ा उस रघु को.


अमन: जी सर, अभी बुलाता हूँ…..

अमन अपने कॅबिन से निकल कर बाहर खड़े हवलदार से रघु को अंदर लाने के लिए कहा.. थोड़ी देर बाद दो सिपाही रघु को साथ लेकर अंदर आ गये….

रघु: (अंदर आते ही) साहिब मुझ क्यों पकड़ा है…..मेने अपने सभी पुराने धंधे बंद कर दिए है….

अमन: हमने कुछ पूछा क्या तुम से….जितना पूछा जाए…उसी का जवाब दो……

अमन ने अमित की फोटो निकाल कर रघु को पकड़ा दी….रघु उसकी फोटो लेकर बड़े गोर से देखने लगा…अमित के फोटो को देखते ही, उसके फेस के भाव बदलने लगे…..

अमन: इसे जानते हो…..

रघु: नही साहिब मे नही जानता…..

अमन: सोच लो…..अगर झूट बोला, तो तुम्हारे लिए बहुत बुरा होगा….

रघु: मे सच कह रहा हूँ….मे इसे नही जानता….

अमन: हवाल दार…

हवाल दार: जी सर….

अमन: रघु जी की खातिर दारी की है या नही……जाओ पहले इसकी अच्छे से मेहमान नवाज़ी करो…फिर इनसे बात करेंगे…..

रघु: एक मिनिट साहिब मे जानता हूँ इसे,

अमन: तो फिर सब सच-2 बताओ….कैसे जानते हो……….

रघु: सर ये लौंडा **** कॉलेज मे पढ़ता है……एक नंबर. का मुफ़्त खोर है…. मुझसे से ड्रग्स लेता था, पर अब मैने इसे ड्रग्स देना बंद कर दिया है…पर फिर भी रोज तंग करने आ जाता है….पैसे तो इसके पास होते नही…..

अमन: तुम हमारे लिए एक काम करोगे ?

रघु अमन की बात सुन कर कुछ परेशान सा हो गया, वो कभी अमन की तरफ देखता, तो कभी राज की तरफ……अमन रघु की हालत समझ गया…

अमन: ये राज जी हैं….नाम तो सुना है होगा….

रघु: राज जी…हां साहिब बहुत नाम सुना है…पर देखा कभी नही था, आज इनको देख भी लिया….

अमन: तो फिर रघु….तुम्हे इनका एक काम करना होगा….बदले मे तुम्हे इतनी कीमत मिलेगी…कि तुमने कभी सपने मे भी नही सोची होगी…

रघु: पर ऐसा कॉन से काम है माईबाप…..

अमन ने कॅबिन के अंदर खड़े सिपाहियो को बाहर भेज दिया…..

और तीनो कुछ आपस मे बात करने लगे…. थोड़ी देर बाद तीनो अमन के कॅबिन से बाहर आ गये….

रघु: बाबू जी आपका काम समझो हो गया….ये रघु की ज़ुबान है….

राज : काम हो जाना चाहिए….इसके लिए तुम्हे जिस की चीज़ की ज़रूरत पड़े, तुम बेझिजक होकर मुझ या अमन से कह सकते हो…….

अमन: वैसे सर आप को माना पड़ेगा….क्या प्लॅनिंग की है आप ने….काश मे भी आपकी तरहा सोच पाता….

राज के होंठो पर घमंड से भरी हुई मुस्कान आ गयी…..
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