05-10-2019, 07:24 PM,
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sexstories
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RE: Hindi Sex Kahaniya प्यास बुझती ही नही
घर पर कमला आ गयी थी....खाना बन चुका था....दरवाजा खोलते ही कमला ने कहा: आ गये.......कैसी लगी फिल्म?
राज: फिल्म तो अच्छी थी पर पूरी ना देख सके.
कमला: क्यो?
राज: अरे भाई ग़लती हमसे ही होगयी...इतने दिन बाद राजेश घर आया है..और मैं हू कि फिल्म देखने का ऑफर कर दिया.......रश्मि काफ़ी हॉट होगयी थी...
सबके सामने यू कहना रश्मि को अच्छा नही लगा...वो अपने रूम मे चली गयी...पर वो जानती थी कि राज को फ्लर्ट और ओपन सेक्स करने की आदत है....
उधेर राजेशने भी कोई रिक्ट नही किया...वो फ्रेश होने बाथरूम मे चला गया...
थोड़ी देर बाद चारो ने खाना खाया और फिर अपने अपने रूम मे आ गये...
उधेर राजेश रश्मि को पूरी नंगी करके उसकी चुदाई करने लगा...और इधेर राज भी अपनी बीबी को चोद रहा था...................................चुदाई आज इतनी ज़ोर की थी कि दोनो की आवाज़े बाहर आ रही थी.....
राज कमला को रश्मि समझ कर चोद रहा था....और उधेर राजेश रश्मि को स्मृति समझ कर...क्योकि जब से स्मृति के आने का सुना है कई बार मूठ मार चुका था.......................................................दोनो का लंड काफ़ी बड़ा और मोटा हो चुका था..और झरने का नाम ही नही ले रहा था...
कमला: डार्लिंग...क्या बात है..आज तो हमे कच्चा खाने का इरादा है क्या...क्या बात है...आज तो ये महाराज काफ़ी हॉट लग रहे है.
राज कुच्छ नही बोला...सिर्फ़ चुदाई मे लगा रहा............................
उधेर राजेश भी अपनी वाइफ को ऐसे चोद रहा था जब उसने स्मृति को फ्लर्ट और उसके साथ सेक्स का मज़ा लिया था.....................................................
तभी राज के मुँह से एक शब्द निकला: लव यू रश्मि.....आआहह
ये सुनते ही कमला मुस्कुरा दी ...बोली...क्या बात है रश्मि का नाम लिया जा रहा है...लगता है होटेल का नशा अभी उतरा नही है जनाब का..............
राज सिर्फ़ मुस्कुरा दिया...और धक्के लगाने लगा...और अंत मे झार गया और वो कमला के उपेर ढेर हो गया....उधेर रश्मि भी झार गयी और राजेश भी...
सुबह तक ये दौर 3 बार चला................रश्मि और कमला काफ़ी थक चुकी थी....और राजेश और राज भी........................पर दोनो के मन से कोई बोझ हट चुका था....ऐसा लग रहा था.....................
सुबह नाश्ता करके राजेश ऑफीस चला गया और राज शॉप......रश्मि और कमला आपस मे बाते करने लगी...
रशमी: कैसा लगा दीदी...रात मे
कमला: तुम अपना बताओ.....कई दिन से महाराज टूर पर थे...कैसा लगा लंड
रश्मि: मत पुछो दीदी....जबरदस्त...पर भैया जैसा नही.
कमला: क्यो?
रश्मि: उनका तो कहना ही कुच्छ और है ...और जब ज़ोर ज़ोर से झटके देते है ना तो मत पुछो..............
कमला: चुप बेशर्म...सुबह सुबह सुरू होगयी....मैं चली मुझे काम है....उई म्म्म्माआ मर गयी
रश्मि: क्या हुआ दीदी...
कमला: कमिने ने इतने ज़ोर ज़ोर से चोदा है कि अभी भी टाँगो मे दर्द है.
रश्मि: टाँगो मे या.........................??????
कमला: तुम फिर ..................पिटेगी मेरे से...और शर्मा कर रश्मि को गले लगा लिया,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,रश्मि भी फ्रेश होने चली गयी..........
रश्मि ने पूजा करने के बाद राजेश को फोन लगाया....
रश्मि: सुनो......शाम को 6 बजे स्टेशन चले जाना...दीदी को रिसीव कर लेना.....
राजेश: ठीक है...मैं चला जाउन्गा.....
रश्मि: कोई पेन किल्लर ले के आना......टाँगो मे दर्द है मेरे और दीदी को भी.
राजेश: ठीक है मेरी जान...तुम चिंता मत करो............शाम को मिलते है.
और फोन कट गया...........................................
राजेश ठीक शाम के 6 बजे न्यू देल्ही रेलवे स्टेशन चला गया……ट्रेन पहले से ही स्टेशन पर लग चुकी थी…….वो अपनी सांसो को नियंत्रण करते हुए रेस्पेक्टिव बॉगीस मे स्मृति को ढूँढ रहा था…ये भगवान……ये ट्रॅफिक मैं देर हो गया….क्या सोचेगी मेरे बारे मे…और फिर रश्मि तो मुझे कच्चा खा जाएगी………………वो परेशान हो चुक्का था…अंत मे हार कर वही एक चेर पर बैठ गया….तभी उसे फोन आया……राजेश फोन का नम्बेर. देखते ही चौंक गया और खुस होकर फोन रिसीव किया………….
स्मृति: हाई……वेर आर यू???
राजेश: आइ आम इन प्लॅटफॉर्म न. 6………
स्मृति: प्ल. न. 6 पे तो मैं भी हू…..इनसाइड दा स्टेर……
राजेश: ओह…आइ आम जस्ट कमिंग…और दौड़ कर भागा………..राजेश ने देखा कि एक नीली जीन्स और येल्लो कुर्ता मे स्मृति हाथो मे बॅग लिए हुए दीवार पर लगे आड्व्ट. को देख रही थी…तभी राजेश ने पीछे से उसे टोका…….हाई…..गुड ईव्निंग….स्मृति ने टर्न किया और एक लंबी स्माइल देते हुए हेलो किया और हाथ बढ़ा दिया…………….
राजेश: वाउ…व्हाट्स आ प्लेज़ेंट सर्प्राइज़….यू लुक सेक्सी इन जीन्स और कुर्ता. आइ लाइक इट…
स्मृति: थॅंक्स यू………………..और एक स्माइल कर दी.
राजेश ने रश्मि से वो बॅग ले लिया और उसके एक हाथ को पकड़े हुए प्लॅटफॉर्म से बाहर आ गया…..एक टॅक्सी करके वो सीधे घर आ गये….
घर पेर रश्मि और कमला ने उसका गरम्जोशी से स्वागत किया……………….रश्मि अपनी बहन के गले लग गयी और उसे वेलकम किया…………कमला ने भी उसका स्वागत किया………राजेश बहुत खुस था…वो अपनी साली को अपनी बाँहो मे लेना चाहता था…पर इन औरतो के वजह से उसे समय नही मिल रहा था.
लेकिन जब रश्मि ने स्मृति से कहा…..
रश्मि: दीदी अब तुम फ्रेश हो जाओ…मैं चाय बनती हू……रश्मि किचन मे चली गयी…..स्मृति को बाथरूम दिखा दिया गया…..वो एक टवल और कुच्छ कपड़े ले कर बाथरूम मई घुस गयी…..राजेश सब कुच्छ देख रहा था…..मौका देख कर वो भी बाथरूम के पास गया और नॉक किया….दरवाजा अंदर से बंद था…………………………………………..
स्मृति: कौन?
राजेश: स्मृति मैं हू?
स्मृति: ओह……अभी आई….और उसने दरवाजा खोल दिया………………..क्या बात है….? कुच्छ चाहिए जीजाजी.
राजेश: हां…बस एक किस….
स्मृति: आपका दिमाग़ तो खराब नही हो गया …अपने घर मे मेरी किरकिरी कारवाओगे क्या….आप जाइए यहाँ से या रस्मी को बुलाऊ
राजेश: नही भाई ..मैं चला ही जाता हू…और वो बाथरूम से निकल गया..
स्मृति: ने ओूऊऊऊ चुउउउउउउउउ करते हुए दरवाजा दुबारा बंद कर दिया……………………….
राजेश को ये एक्सपेक्टेशन नही था..वो अपने कमरे मे आ गया….और चाय पीने लगा….
राजेश: रश्मि…मैं बाजार जा रहा हू…कुच्छ मंगवाना है क्या?
रश्मि: हां…रूको…. थोड़ी देर बाद एक थैला लेकर वो आ गई
कुच्छ सब्जी ले के आना और दूध भी जल्दी लेके आओ..और हाँ मेरी दवाई ले के आए?
राजेश: हां फ्रीज़ के उपर रखी हुई है….एक गोली अभी खा लो और एक गोली रात मे सोते वक़्त.
राजेश वहाँ से चला गया…….करीब 45 मीं के बाद वो वापस घर आ गया….उसकी आँखे स्मृति को ढूँढ रही थी…पर स्मृति कही दिखाई नही दे रही थी….तभी उसने रश्मि से पुच्छ ही लिया.
राजेश: स्मृति कहाँ गयी
रश्मि: वो दीदी के साथ पास वाली पूनम आंटी के पास गयी है…वो बुला रही थी….क्यो ?
राजेश: बस यू ही………………..
रश्मि: रश्मि मुस्कुरा दी…मैं सब समझती हू
राजेश: क्या क्या…मतलब?
रश्मि: अब मेरे से मत कहलवाओ…..इतना परेशान तुम मेरे लिए तो कभी नही हुए….क्यो?
राजेश: ऐसी बात नही है..वो हमारी मेहमान है....ख्याल तो रखना पड़ेगा....
रश्मि: लगता है कुच्छ ज़्यादा ही याराना है.....आपने काफ़ी गुल खिलाए है देहरादून विज़िट के दरम्यान...है ना???
राजेश: क्या मतलब???
रश्मि: वो तो तुम्हे मालूम होगा...?
राजेश: नही नही...ऐसा कुच्छ नही है...तुम्हे ग़लत फ़हमी हुई होगी.
रश्मि: मेरी जान.........मुझे सब मालूम है कि तुम और दीदी क्या क्या किए है....ये हमारी दीदी है ना...ये दीदी नही मेरी बेस्ट फ्रेंड है...इसमे और मुझमे कुच्छ भी च्चिपा हुआ नही है....तुम्हारे देहरादून आने के बाद एक दिन फोन पर मुझे सब कुच्छ बता चुकी थी...................वैसे मुझे कोई आपत्ति नही है....तुम्हारा ससुराल है....खातिरदारी तो होनी ही चाहिए...................
राजेश: ओह............यस...............................
तो फिर मेरी भी सुन लो...मेरे मे और भैया मे कुच्छ भी च्छूपा नही है....
हमलोग कई बार दोनो साथ साथ सेक्स किए है.....तुम्हारे और राज भाई के बीच कुच्छ भी छिपा नही है
क्रमशः..................
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