10-29-2019, 09:45 PM,
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Didi ka chodu
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RE: Incest Kahani परिवार(दि फैमिली)
(09-24-2019, 02:17 PM)sexstories Wrote: "माँ मैं कुछ गलत नहीं करूँगा। मगर कम से कम एक बार मुझे अपने प्यार का जिस्म देखने का तो हक़ है" विजय ने अपनी आखरी कोशिश करते हुए कहा।
"बेटे अब मैं तुझे कैसे समझाऊँ मैं मजबूर हू" रेखा ने अपना कन्धा नीचे करते हुए कहा।
"माँ मैं समझ गया की आप अब तक मेरे प्यार को समझी ही नहीं है" विजय ने कुर्सी से उठते हुए कहा ।
विजय कुर्सी से उठते हुए जाने लगा।
"बेटे कहाँ जा रहे हो" रेखा ने अपने बेटे को जाता हुआ देखकर कहा।
"माँ मैं आज के बाद आप से कभी बात नहीं करूंगा" विजय यह कहकर वहां से जाने लगा।
"बेटे ज़रा इधर तो देख तेरी माँ तुम्हारे प्यार की खातिर हार मान गई" रेखा ने विजय को जाता हुआ देखकर कहा ।
विजय ने जैसे ही अपना मूह घुमा कर अपनी माँ को देखा । वह हैंरान रह गया उसकी माँ अपनी साड़ी उतारकर सिर्फ ब्लाउज और पेटिकोट में खड़ी थी और वह अपनी बाहों को अपने बेटे को अपने गले लगाने के लिए खोले हुए थी और उसकी आँखों से आंसू निकल रहे थे । विजय अपनी माँ को इस हालत में देखकर भागता हुआ उसके पास जाकर उसके गले लग गया।
"माँ आप रो क्यों रही हो आई लव यू" विजय ने अपनी माँ को अपनी बाहों में भरते हुए उसके गालों पर अपने होंठो को रखकर उसके निकलते हुए आंसू को पीते हुए कहा।
"बेटा मैं कितनी खुशनसीब हूँ । मुझे तुम्हारे जैसे प्यार करने वाला बेटा मिला" रेखा ने वैसे ही अपने बेटे की बाहों में रोते हुए कहा । ऐसे सब की बहन बाट रही है। और अपनी बहन बैगन से चुदा रही है
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