Indian Sex Story परिवार हो तो ऐसा
09-20-2018, 02:28 PM,
RE: Indian Sex Story वपरिवार हो तो ऐसा
नेहा ने झड़ने के बाद पानी साँसों को दुरुस्त करने के लिए वाशु की चूत से अपना मुँह कुछ देर के लिए हटा दिया वह बस अपनी उंगलियाँ वाशु की चूत पर फिरा रही थी.... वाशु भी अब उत्तेजित होने लगी थी... वाशु ने अपनी पोज़िशन बदली और बेड पर सीधी लेट गयी और नेहा को अपने पास बुलाया... अपनी साँसों को नॉर्मल करने के बाद नेहा उठी और वाशु के उप्पेर आकेर अपना मुँह उसकी एक चूची पर रख दिया और दूसरी को अपने हाथ से सहलाने लगी नेहा अब वाशु की चूची को बारी बारी से बदल बदल कर चूस रही थी साथ ही अपने हाथों से भी सहला रही थी वाशु अब पूरी तरह से उत्तेजित हो गयी थी उसने नेहा के सर को अपने हाथों से पकड़ा और और उसे नीचे की ओर करने लगी नेहा वाशु का इशारा समझ गयी और थोड़ा नीचे होते हुए उसने अपना मुँह वाशु की धधकति चूत पर रख दिया....


वाशु के शरीर में करेंट दोडा और उसकी चूत पनिया गयी नेहा अब तेज़ी से अपनी जीभ वाशु की चूत में घुसा उसे अपनी जीभ से चोदने लगी ... कुछ देर ऐसे ही अपनी जीभ अंदर बाहर करने के बाद नेहा ने अपनी दो उंगली वाशु की चूत में घुसा दी और तेज़ी से अंदर बाहर करने लगी... नेहा अब अपनी उंगलियों से वाशु को चोद रही थी साथ ही अपने अंगूठे से उसकी क्लिट को भी रगड़ रही थी जिसका सीधा असर वाशु के शरीर पर हो रहा था उसके शरीर में खून का दौरा तेज हो गया और उत्तेजना अपनी चरम पर पहुच गयी... वाशु अपने हाथों से पानी चूचियों को मसल रही थी एकाएक उसने नेहा के सिर को पकड़ कर अपनी चूत पर दबा दिया और झार झार कर अपनी चूत का पानी छोड़ने लगी. दोनो थक कर चूर हो गयी थी और जल्दी ही नींद की आगोश में सो गयी.


नेक्स्ट डे सुबह देव ऑफीस जाने के लिए तय्यार हो रहे हैं और वसुंधरा यानी देव की पत्नी वाशु उनका नाश्ता रेडी करने में लगी है..... जिसमे नेहा उसकी हेल्प कर रही है. .... आज दिन का क्या प्रोग्राम है नेहा वाशु से पूछती है..... अभी कुछ सोचा नही है पहले देव को ऑफीस जाने दो फिर देखते हैं.... वाशु ने नेहा से कहा.... दोनो बातें करती हुई नाश्ता रेडी कर रही हैं... देव भी ऑफीस जाने के लिए तय्यार है और नाश्ते के लिए डाइनिंग टेबल पर बैठता है और वाशु को आवाज़ लगाता है... वाशु जल्दी से डाइनिंग टेबल पर नाश्ता लगाती है और तीनो साथ बैठकर नाश्ता करते हैं....


शमा अपने रूम में सो रही है वह अभी तक नही उठी है.... शायद रात में देर से सोई थी.... देव शाम को जल्दी घर आ जाना नही तो हम घर में बोर होती रहेंगी... वाशु ने देव से कहा... तुम कहो तो ऑफीस ना जाउ... देव ने मज़ाक के लहजे से कहा और नेहा की ओर देखने लगा.... नेहा जो रात कि नज़ारे को सोचते हुए तिरछी नज़रों से देव को देख रही थी अपनी ओर देव को यूँ देखते पाकर सकपका जाती है और अपनी निगाह नीची कर लेती है......


देव नाश्ता करने के बाद ऑफीस के लिए निकल जाते हैं.... वाशु और नेहा अपना नाश्ता फिनिश करने के बाद झूठे बर्तनो को रसोई में रखती हैं और फिर घर की साफ सफाई मे लग जाती हैं...... शमा नींद से जागती है और फ्रेश होने के लिए बाथरूम में जाती है फ्रेश होने के बाद शमा नाश्ते के लिए नीचे आती है और रसोई में जाती है गुड मॉर्निंग मम्मी गुड मॉर्निंग आंटीजी... शमा वाशु को आंटी कहकर बुलाती है... गुड मॉर्निंग बेटा उठ गयी.. नेहा ने पूछा... हाआँ मम्मी जल्दी से नाश्ता दो बहुत भूक लगी है.... अभी देती हूँ नेहा ने जवाब दिया. नींद कैसी आई तुम्हे शमा हमारे यहाँ तो तुम कभी रुकी ही नही रात को .... वाशु ने पूछा. बहुत अच्छी नींद आई आंटीजी.. शमा ने जवाब दिया. तब तक नेहा ने शमा का नाश्ता डाइनिंग टेबल पर लगा दिया और शमा से कहा नाश्ता रेडी है बेटा... शमा डाइनिंग टेबल पर नाश्ता करने बैठ जाती है.. नेहा और वाशु फिर से अपने काम में लग जाते है...


नाश्ता करने के बाद शमा अपने रूम में वापस चली जाती है और अपनी फ्रेंड से मिलने जाने के लिए तय्यार होने लगी है... शमा जल्दी से रेडी होकर अपनी फ्रेंड के घर के लिए निकल जाती है. वाशु और नेहा ने भी घर का सारा काम निपटा लिया है और दोनो ड्राइयिंग रूम में बैठकेर आराम करते हुए टीवी देख रही है... आज रात का क्या प्रोग्राम है क्या देव से मेरा मिलन करवा रही हो या नही... नेहा ने वाशु से कहा. हां देखते हैं अभी तो रात बहुत डोर है.... वाशु ने कहा. वाशु मैं चाहती हूँ के तुम मुझे देव से चुदवा भी दो और देव को पता भी ना चले... नेहा ने वाशु से कहा. ऐसा कैसे हो सकता है देव को शक हो जाएगा और फिर मैं देव से को क्या कहूँगी कि मैं क्या करने वाली हूँ... वाशु ने अचरज भरे स्वर में कहा. मुझे पता है तुम इस सब में माहिर हो पता है हमने राज के साथ कैसे होटेल में मज़े लिए थे .. मुझे पक्का यकीन है तुम कोई ना कोई चक्कर चला ही लोगि..... नेहा ने कॉन्फिडेन्स से कहा. राज की बात और थी पर देव के साथ ऐसा करना बहुत मुस्किल है वो एक पल में समझ जाएँगे कि कुछ गड़बड़ है.... वाशु ने अपनी आसंका जाहिर की. फिर भी तुम कुछ कोसिस तो कर ही सकती हो फिर जो होगा देखा जाएगा... नेहा ने कहा.


जब तुम्हे चुदवाना ही है तो फिर छुपाने से क्या फायडा और चलो मान लिया कि मैं ये सब करने के लिए तय्यार हो गयी पर क्या देव को पता नही चलेगा कि ये मैं नही कोई और है... वाशु ने फिर कहा. जहाँ तक हो सके छुपाने की कोसिस करते हैं फिर बाद में जो होगा देख लेंगे... तुम कोई प्लान सोचो मैं जाके रात की तय्यारी करती हूँ और नेहा ये कहकर वाशु को एक आँख मारती हुई अपने रूम में जाती है और अपने सारे कपड़े उतार कर बाथरूम में घुस जाती है... बाथरूम में घुसने के बाद नेहा अपने आपको बाथरूम के बड़े से शीशे में खुद को निहारती है और फिर अपनी ही चूचियों पर प्यार से हाथ फिराती है.... कुछ देर अपनी चूचियों से खेलने के बाद नेहा अपना एक हाथ अपनी चूत की तरफ ले जाती है और देव से चुदवाने के अहसास मात्र से ही नेहा की चूत पूरी गीली हो गयी थी.... नेहा अपनी उंगलियाँ अपनी चूत पर फिराने लगती है और उत्तेजित होने लगती है... कुछ देर ऐसे ही खेलने के बाद उसे कुछ याद आता है और नेहा वापस रूम में आती है और अपने बॅग से एक हेर रिमूवर क्रीम निकालती है फिर से बाथ रूम में घुस जाती है....
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09-20-2018, 02:28 PM,
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नेहा अपनी झांतों को सॉफ करने के लिए क्रीम अपनी झांतों पर लगाती है... थोड़ी ही देर मे अपनी झांतों को सॉफ करने के बाद नेहा अपनी अंडर आर्म के बाल भी सॉफ करती है.., अनचाहे बालों को सॉफ करने के बाद नेहा फिर से अपने आप को शीशे में देखती है जहाँ उसे अपनी चूत किसी 16 साल की कुँवारी जैसे दिखती है जिसे देख कर नेहा खुद ही शर्मा जाती है....


कुछ देर अपनी चूत को निहारने के बाद नेहा ने अपनी चूत पर हाथ फेरना सुरू कर दिया नेहा अपनी चूत पर उप्पेर से नीचे की ओर अपनी उंगली फिरा रही थी इससे उसकी चूत में उत्तेजना का संचार हो रहा था नेहा की साँसें भारी होने लगी उसने अपनी एक उंगली अपनी चूत मे डाल ली और आगे पीछे करने लगी.... नेहा के मुँह से अपने आप ही ही आँहे निकलने लगी वह सिसकारने लगी नेहा तेज़ी से अपनी उंगली अपनी चूत पर फिरा रही थी नेहा का दूसरा हाथ अपने आप ही उसकी चूचियों तक पहुँच गया जिससे वह अपनी चूचियों को बारी बारी से सहलाने मसल्ने लगी... एक तरफ नेहा अपने हाथों से अपनी चूत और चूचियों से खेल रही थी तो दूसरी तरफ वाशु नेहा के लिए रात का प्लान तय्यार कर रही थी सब कुछ पूरी तरह से सोचने के बाद वाशु नेहा का वेट कर थी उसको बताने के लिए कि कैसे करना और क्या करना है रात जब देव आएँगे तो ... जब बहुत देर तक नेहा नही आई तो वाशु उठ कर उसके कमरे मे पहुँच गयी बाथरूम से आती हुई सिसकारियों ने वाशु का ध्यान अपनी ओर खींचा और वाशु बाथरूम की ओर बढ़ चली....


नेहा की सिसकारियों को सुनकर वाशु को अंदाज़ा हो गया था कि नेहा अपने शरीर के साथ खेल रही है वह चुदवाने के लिए कितनी उतावली हो रही है कि शाम तक का भी इंतजार नही कर सकती ये सोचते सोचते वाशु बाथरूम के दरवाजे तक पहुँच जाती है... बहुत ज़यादा खुजली हो रही है बन्नो को जो रात का भी इंतजार नही कर सकी... वाशु ने नेहा को चोंकाते हुए बाथरूम मे घुसते हुए कहा. नेहा अपने ही ख़यालों मे खोई हुई थी वाशु के अचानक ऐसे बाथरूम मे घुसने पर वह एक पल के लिए लगभग शॉक हो जाती है और दूसरे ही पल जब उसे अहसास होता है कि ये वाशु है तो नॉर्मल होते हुए “क्या करूँ वाशु मुझसे अब सहन ही नही हो रहा है एक तो मोहन यहाँ नही है और राज भी मोहन के साथ ही है दूसरे जब रात मे तुम्हे चुदवाते देखा तो मेरे शरीर की आग एक तरह से बहुत ही भाड़क गयी है जो एक दमदार लंड से ही बुझ सकती है” नेहा ने अपने दिल का हाल वाशु को बता दिया.


कुछ ही घंटों की तो बात है मेरी रानी मैने सब प्लान सोच लिया है आज रात को देव से मैं तुम्हारी चूत को भोसड़ा ना बनवा दिया तो कहना वाशु से बड़े ही कॉन्फिडेन्स से ये बात नहो को बताई. रात का रात मे देखेंगे पर अभी मैं क्या करूँ मेरी चूत की आग तो बढ़ती ही जा रही है. अरे इसमे उदास होने वाली कॉन सी बात है मैं हूँ अभी के लिए वाशु ने अपना हाथ आयेज बढ़ा कर नेहा की चूची पर रखते हुए कहा. पर तुम्हे अचानक ये क्या हो गया तुम इतनी उततजीत कैसे हो गयी वाशु ने नेहा से पूछा. वाशु मैं तो यहाँ अपनी झांतें बनाना आई थी और जब मैं अपनी झांतें सॉफ कर रही थी तो मेरे ख़यालों में बस देव का लंड ही घूम रहा था और वही सोचते सोचते मैं कब उत्तेजित हो गयी मुझे पता ही नही चला और मैं अपनी ही चूत के साथ खेलने लगी.... नेहा ने ऑनेस्ट्ली सब कुछ वाशु को बता दिया.


वाशु ने अपने हाथों से नेहा की चूचियों को सहलाना सुरू किया और दूसरे हाथ को आगे बढ़ा कर उसकी चूत पर रख दिया जहाँ नेहा का हाथ पहले से ही मौजूद था वाशु का हाथ अपनी चूत पर पाकर नेहा ने अपना हाथ अपनी चूत से हटा लिया और वाशु के सर के पीछे अपना हाथ रख कर उसके सर को अपनी ओर झुका लिया और अपने तपते होंठ वाशु के होंठो पर रख दिए.... वाशु ने भी नेहा का पूरा साथ दिया और दोनो एक दूसरे को किस करने लगी... नेहा ने भी अपने हाथ अब वाशु के शरीर पर रख दिए और उसकी चूचियों को कपड़ो के उप्पेर से सहलाने लगी दोनो एक दूसरे में खोई हुई इस दीन दुनिया से बेख़बर बस एक दूसरे को सहला रही थी मसल रही थी और चूमे जा रही थी.... नेहा ने वाशु के कपड़े उतारने सुरू किए जिसमे वाशु ने पूरा साथ दिया और कुछ ही पलों में दोनो बिल्कुल नंगी बाथरूम मे एक दूसरे से खेल रही थी..... एक दूसरे को चूम सरही थी...


कुछ देर ऐसे ही एक दूसरे से खेलने के बाद दोनो बाथरूम से बाहर आ जाती हैं और बेड पर लेट जाती हैं नेहा को अब बर्दाश्त करना मुस्किल हो जाता है और वो वाशु के सर को पकड़ कर अपनी धदक्ति चूत पर रख देती है... वाशु ने भी देर ना करते हुए नेहा की चूत को चाटना सुरू किया और अपने के हाथ से उसकी क्लिट को सहलाने लगीं.... वाशु के ऐसा करने से नेहा की उत्तेजना बढ़ गयी उसे अब लग रहा था कि वह कभी भी झाड़ सकती है... “ ओह वाशु तुमने ये क्या कर दिया हाईईईई चूसों मेरी चूत कूऊव हाआँ ऐसे ही और ज़ोर से चूसूऊ काट डाालूओ ईससीईई आहहाआह ऊऊओो आअज मैंन्न्न् माआर जाआओउुुुउउन्न्ञनननज्गगीइइ आआहह ऊऊओह ववववााआआआसस्स्शुउऊुुउउ ऐसे ही चुस्ती रहो बस मेरा आआ निकलने ही वाला है.. हहाआआआआआऐययईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई” और इसी के साथ नेहा की चूत ने पानी छोड़ दिया और वह निढाल होकेर एक दम शांत पड़ गयी और अपनी साँसों को संभालने लगी....


नेहा की चूत को चूस्ते चाटते हुए वाशु का मुँह भी दर्द करने लगा था उसकी भी साँसें बढ़ गयी थी वह भी अपनी साँसों को सम्भालने मे लग गयी दोनो कुछ देर ऐसे ही पड़ी रही फिर नेहा ने भी वाशु की चूत को चाट कर चूस कर उसका पानी छुड़ा दिया और दोनो थक्कर चूर हो गयी थी और दोनो को कब नींद आ गयी पता ही नही चला. .....

क्रमशः....................
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09-20-2018, 02:29 PM,
RE: Indian Sex Story वपरिवार हो तो ऐसा
परिवार हो तो ऐसा-53


गतान्क से आगे...............


ट्रिन ट्रिन ट्रिन.......डोरबेल लगातार बजती जा रही थी जिसकी आवाज़ से वाशु अचानक नींद से उठती है और जल्दी से अपने कपड़े पहनने लगती है इसी दोरान उसकी नज़र नेहा पर पड़ती है और जो अभी भी बिल्कुल नंगी बेसूध सो रही है वाशु एक चादर खींच कर उसके शरीर पर डाल देती है और फिर दरवाजा खोलने चली जाती है... दरवाजा होलते ही सामने शमा खड़ी नज़र आती है... हेलो आंटी बड़ी देर लगा दी दरवाजा खोलने में... कहकर शमा अंदर आ जाती है... “ सॉरी बेटा वो मैं सो रही थी इसलिए डोरबेल सुनाई नही दी” वाशु ने शमा को देर से दरवाजा खोलने की वजह बताई. आंटी बहुत भूक लगी है जल्दी खाना लगाओ शमा ने वाशु से कहा. बेटा वो हमने आज खाना बनाया ही नही क्योंकि हमारा आज खाना बनाने का मूड नही तो सोचा था जब तुम आ जाओगी तो बाहर से ऑर्डर कर देंगे तुम जाके फ्रेश हो जाओ मैं ऑर्डर कर देती हूँ... वाशु ने हालात को संभालते हुए कहा. आंटी मम्मी दिखाई नही दे रही है शमा ने फिर पूछा. वो अपने रूम में सो रही है शायद रात में नींद नही आई होगी. ठीक आंटी आप जल्दी से खाना ऑर्डर करें में फ्रेश होकेर आती हूँ .... शमा ने कहा.


वाशु ने जल्दी से खाना ऑर्डर किया और नेहा को उठाने उसके रूम में चली गयी. वाशु ने रूम घुसते ही देखा नेहा वैसे ही बेसूध सो रही है वाशु ने आगे बढ़ कर नेहा के उप्पेर पड़ी चादर उतार दी और उसके चूतदों पर एक चपत लगाई जिससे नेहा एक दम से हड़बड़ा कर उठ जाती है और बदहवास सी वाशु की ओर देखने लगती है.. नींद पूरी नही हुई अभी तक वाशु नेहा को अपनी ओर देखता पाकर पूछती है.. नेहा को जैसे ही अपने नंगे होने का अहसास होता है वह अपने होश में आती है वो चादर खींच कर अपने शरीर पर डाल लेती. शमा आ गयी क्या नेहा वाशु को पूछती है... हां आ गयी है और मैने खाने का ऑर्डर दिया है अब मैं शमा को क्या बताती कि खाना क्यूँ नही बना अब जल्दी से तय्यार होकेर बाहर आ जाओ फिर हम तीनो मिलकर खाना खाएँगे... वाशु ने नेहा को सारी बात विस्तार से बताई ओर बाहर आ गयी.....


ट्रिन ट्रिन ट्रिन.... डोर बेल बजी और वाशु दरवाजा खोलने के लिए आई दरवाजा खोला तो सामने डेलिवरी बॉय खड़ा था जो सब खाने का सामान लाया था जो वाशु ने ऑर्डर किया था... मैं अभी पैसे लेके आती हूँ ये कहकर वाशु ने उससे समान लिया और उसको वहीं खड़े होने को कहा और सब सामान डाइनिंग टेबल पर रख कर अपने रूम से पैसे लेकेर उस बॉय देने के बाद दरवाजा बंद करके फिर डाइनिंग टेबल पर आकर खाने को प्लेटो में लगाने लगती है.... तभी शमा भी उप्पेर से नीचे आती है है डाइनिंग टेबल पर आकेर बैठ जाती है... नेहा भी अपने रूम से निकल कर बाहर आती है और वाशु का हाथ बटाती है और फिर तीनो मिलकर बातें करते हुए खाना खाते है....

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शाम के समय शमा अपने रूम मे कंप्यूटर के सामने बैठी पॉर्न साइट्स पर सेक्स वीडियोज का मज़ा ले रही है और साथ अपने हाथों से अपनी चूत को कपड़ों के उप्पेर सहला रही है.... आज उसे राज की बहुत याद आ रही है आज राज से चुदाई के वो पल याद कर कर के उसकी चूत पानी छोड़ती जा रही है...... कुछ देर ऐसे ही अपनी चूत से खेलने के बाद जब उसकी उत्तेजना कम होने के बजाए और बढ़ जाती है तो वह उठ कर बेड पर आ जाती है और अपने सारे कपड़े एक झटके में उतार फेंकती है.... सामने कंप्यूटर स्क्रीन पर चल रहे गरम चुदाई के सीन को देख कर उसकी उत्तेजना और बढ़ जाती है अब शमा अपने हाथों से अपनी चूचियों को दबाना सुरू कर देती है अपनी निपल्स को अपनी दो उंगलियों के बीच दबा दबा कर और भी उत्तेजित होती जाती है... एकाएक उसका हाथ उसकी चूत तक पहुँच जाता है और वह अपने हाथ की उंगलियों को अपनी चूत पर उप्पेर से नीचे तक रगड़ने लगती है... उसकी चूत पहले से गीली हो चुकी थी अपने हाथ को अपनी ही चूत पर महसूस कर उसकी चूत और भी पानी छोड़ना सुरू कर देती है..... कुछ देर ऐसे ही अपनी चूत से खेलने के बाद शमा अपनी चूत की क्लिट को अपनी दो उंगलियों के बीच दबा कर मसल्ने लगती है....... सहलाने लगती है...


अब शमा बेड पर पीठ के बल लेट जाती है और फिर से अपन हाथ की दो उंगलिया अपनी चूत मे डालने लगती है उसकी उंगलिया उसकी गीली चूत में आसानी से चली जाती है शमा अब धीरे धीरे अपनी उंगलियों को अंदर बाहर करने लगती है... शमा का दूसरा हाथ उसकी चूचियों को बारी बारी से दबा रहा था ऐसा करने से शमा की उत्तेजना बढ़ती ही जा रही थी उसे लग रहा था कि उसके अंदर का लावा कभी भी फॅट सकता है और वह तेज़ी से अपने हाथ को चलाने लगती है और तेज़ी से उसकी उंगलिया उसकी चूत में तेज़ी से अंदर बाहर हो रही थी और थोड़ी ही देर में उसकी चूत ने अपना रस छोड़ दिया और वह निढाल होकेर बेड पर पसर गयी...........






रात के समय चारो डाइनिंग टेबल पर बैठे खाना खा रहे थे..” तुम्हारा मन लग गया बेटा अकेली बोर तो नही हुई ना यहाँ” देव ने शमा से पूछा. नही अंकल मैं बिल्कुल बोर नही हुई शमा ने जवाब दिया. तो क्या क्या किया दिन भर देव ने फिर पूछा.. सुभह में मैं अपनी फ्रेंड के यहाँ चली गयी थी और दोपहर तक वहीं थी. और वापस आने के बाद खाना खाने के बाद सो गयी थी... इसलिए दिन कैसे बीता पता ही नही चला.. शमा ने फिर से जवाब दिया. ऐसे ही बाते करते करते सभी ने अपना खाना फिनिश किया. वाशु मैं स्टडी रूम में हूँ मुझे कुछ काम है. ऑफीस का कहकर देव उठकर अपने रूम मे चले गये. थोड़ी देर बाद शमा भी उठकर उप्पेर अपने रूम में चली गयी. वाशु और नेहा झूठे बर्तनो को समेट कर उन्हे सिंक में धुलने के लिए डाल रही थी.. दोनो रसोई की साफ सफाई में लगी हुई धीरे धीरे बातें कर थी.
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09-20-2018, 02:29 PM,
RE: Indian Sex Story वपरिवार हो तो ऐसा
नेहा प्लान के अनुसार देव से बात करके थोड़ी देर में रूम में आती हूँ फिर तुम्हे सब समझा दूँगी कैसे करना है..... वाशु ने नेहा से कहा. मैं तो अभी से नर्वस हो रही हूँ और एक्शिटेड भी.... नेहा ने अपनी हालत वाशु को बताई. देव से चुदने को तुम्ही तो बेचैन थी और कह रही हो नर्वस हो रही हूँ तुम्हारा भी जवाब नही.... वाशु हैरान होते हुए नेहा से कहती है. क्या बताउ वाशु जैसे जैसे समय बीतता जा रहा है मेरी तो हालत ही खराब होती जा रही है... नेहा ने आगे कहा. तुम कहो तो आज का प्रोग्राम ही कॅन्सल कर दें फिर किसी दिन चुद लेना देव से जब तुम्हारा मन हो... वाशु ने कहा. नही नही ऐसा मौका फिर नही मिलेगा मैं आज ही अपनी ख्वाहिश पूरी करना चाहती हूँ... नेहा ने अपनी जिग्यासा बताई. क्यों अब नर्वस नही हो या चूत के कीड़े ने तुम्हारा डर दूर कर दिया... वाशु ने नेहा के चूतदों पर हाथ मारते हुए कहा.... मेरी तो चूत अभी से गीली होने लगी है ऐसा लग रहा है जैसे अभी भाग कर देव के रूम में चली जाउ और देव से कहूँ की आज मुझे इतना चोदो इतना चोदो की मेरी चूत के चीथड़ें चीथड़ें हो जायें... नेहा ने उत्तेजना वश वाशु से ये बातें कही. अब आई हो ना लाइन पर.. वाशु ने नेहा को छेड़ते हुए कहा. और इस तरह बातें करते करते दोनो नेसब काम निपटा लिए... वाशु मैं रूम मे जा रही हूँ जल्दी से कुछ करो.. कहकर नेहा अपने रूम में जाने लगी. ठीक है मैं अभी थोड़ी देर में सब सेट करके आती हूँ तुम मेरा इंतज़ार करो रूम में जाकर... वाशु ने नेहा से कहा. वाशु ने देव के लिए दूध बनाया और लेकर अपने रूम में चली गयी.


वाशु ने अपने रूम में पहुँच कर देखा देव वहाँ नही थे... फिर वाशु को याद आया कि देव तो स्टडी रूम में हैं और वाशु स्टडी रूम में देखने चली गयी जहाँ देव कंप्यूटर के सामने बैठे कुछ टाइप करते हुए दिखाई दिए ... वाशु ने पास जाकर देखा तो देव अपने ऑफीस का कुछ काम कर रहे थे... कितना काम करोगे देव कुछ तो आराम कर लिया करो और ऑफीस का काम ऑफीस में ही किया करो.. वाशु ने देव को जैसा चोंका ही दिया था. कुछ ज़रूरी मेल्स भेजनी थी बस हो ही गया और अगर ऑफीस में ही करता तो लेट हो जाता इसलिए जल्दी आया और यहाँ पर पूरा कर रहा हूँ.. देव ने वाशु को जवाब दिया.. ओके ठीक है पहले दूध पीलो फिर पूरा करना जो भी बाकी है... वाशु ने डबल मीनिंग में देव से कहा. देव ने वाशु से दूध का ग्लास लिया दूध को पीने लगे... थोड़ी ही देर में देव ने दूध पी लिया और खाली ग्लास वाशु को पकड़ा दिया.. देव काम ख़तम करके जल्दी से रूम में आ जाओ मुझे तुमसे कुछ बात करनी है.. वाशु ने देव से कहा. क्या बात करनी यहीं पर बता दो.. देव ने वाशु से कहा. नही यहाँ नही अपने रूम में जल्दी आओ और ये कहकर वाशु रूम से बाहर आ गयी और रसोई में झूठा ग्लास रखने चली गयी....


थोड़ी देर बाद वाशु अपने रूम में बेचैनी से देव का वेट कर थी... कुछ देर बाद देव रूम में आते हैं और वाशु को बेचैन देखकर वाशु से पूछते है क्या हुआ. देव पता है रात को शायद नेहा ने हमे चुदाई करते देख लिया है... वाशु ने घबराहट के जैसा मुँह बनाते हुए देव से कहा.. (ये सब वाशु के प्लान का हिस्सा था इस लिए वाशु देव को ये सब बता रही थी)... तो इसमे घबराने की क्या बात हम पति पत्नी हैं और हम ने कोई गुनाह नही किया है... हर पति पत्नी चुदाई करते है... देव ने वाशु से कहा और वाशु को अपनी बाहों में भर लिया... ये सही नही हुआ मुझे लगता है जब तक नेहा और शमा यहाँ हैं हमे कुछ दिन ऐसे ही बिना कुछ किए गुजारने होंगे... वाशु ने अपनी राई प्रकट की...(जबकि वह जानती थी कि देव एक दिन भी उसे चोदे बिना नही रह सकता... )... नही ऐसा कैसे हो सकता है तुम्हे मालूम है जब तक मैं चुदाई ना कर लूँ मुझे नींद नही आती... देव अपने हाथों से वाशु की चूचियों को दबाते हुए कहा..... फिर भी वो क्या सोचती होगी कि ये कुछ दिन भी रुकभी नही सकते .. वाशु फिर से कहा और देव की जाँघो पर हाथ फिराने लगी... देव भी वाशु चूचियों को कपड़ों के उप्पेर से ही मसल्ने लगे...


क्रमशः....................................
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09-20-2018, 02:29 PM,
RE: Indian Sex Story वपरिवार हो तो ऐसा
परिवार हो तो ऐसा-54




गतान्क से आगे…………………..

देव वाशु के शरीर से खेल रहे थे जिससे वाशु के शरीर की गर्मी बढ़ने लगी... पर वाशु अभी कुछ करना नही चाहती थी क्योंकि नेहा उसका वेट कर रही थी... देव आज हम जो भी करेंगे वो बिना लाइट जलाए ही करेंगे .. वाशु ने देव से कहा. क्यों ऐसा क्यूँ कह रही हो हम कोई चोरी तो नही कर रहे हैं.... देव ने वाशु से कहा. नही बात कोई चोरी की नही मैं नही चाहती कि हमे नेहा या शमा कोई भी देखे... और वैसे भी थोड़े ही दिन की तो बात है. वाशु ने कहा. पर अंधेरे में मैं तुम्हारे हुस्न का जलवा कैसे देखूँगा.. देव ने वाशु की चूचियों को भींचते मसल्ते हुए कहा.. आह क्या करते हो देव अभी नही थोड़ी देर में करते हैं और वो भी बत्त्ति बंद करके समझे... अब जब तक नेहा और शमा यहाँ है हम बत्ती बंद करके ही चुदाई करेंगे.. वाशु ने देव से कहा. ठीक है जैसा तुम चाहो वैसे भी तुम्हे पता मैं तुम्हारी कोई बात नही टालता ... देव ने कहा. आप अपने कपड़े उतार कर बेड पर लेट जाइए और हाआँ बत्ती जलाने की कोसिस भी मत करना समझे मैं थोड़ी देर में ही आ रही हूँ कह कर वाशु रूम की बत्ती बंद करके नेहा के रूम में चली गयी... देव को वाशु की बात कुछ अटपटी सी लगी पर उसने ज़्यादा ना सोचते हुए वो अपने सारे कपड़े उतार कर बेड पर लेट कर वाशु का इंतज़ार करने लगे साथ ही अपने हाथों से अपने विशाल लंड को सहलाते भी जा रहे थे...


बेडरूम से निकल कर वाशु नेहा के रूम में जाती है जहाँ नेहा उसका बेचैनी से इंतज़ार कर रही है.. जैसे ही वाशु अंदर आई नेहा भागकर वाशु के पास आई और अपनी बाहें फैला कर वाशु को अपने आगोश मे ले लिया और पूछा क्या कोई बात बनी के नही बताओ ना ... हां हां मैं प्लान के अनुसार सब सेट करके आई हूँ बस अब तुम्हे मेरे बेडरूम में जाना है और कोई आवाज़ नही करनी है समझी और हां बत्ती मैं पहले से ही बंद करके आई हूँ उसे जलाने की कोसिस भी मत करना नही तो सारा प्लान चोपट हो जाएगा समझी... वाशु ने नेहा को सारी बात बताई. जिसे सुनते ही नहा ने वाशु के सर को अपने हाथों से पकड़ा और उसके होठों को चूसने लगी... वाशु पहले से गरम थी उसकी गर्मी और बढ़ने लगी ... वाशु नेहा से अलग हुई और नेहा को बेड के पास लेजा कर बिठा दिया देव के पास जाने से पहले तुम्हे मेरी चूत को ठंडा करना पड़ेगा मेरी रानी वाशु ने नेहा से कहा... तो देर किस बात है अभी कर देती हूँ नेहा ने कहा. वाशु ने जल्दी से अपने सारे कपड़े उतारे और बेड पर सीधी लेट गयी... नेहा ने भी देर ना करते हुए वाशु की दोनो टाँगों को फैला कर उनके बीच में आ गयी और सीधा वाशु की चूत पर अपना हाथ फिराने लगी नेहा अपनी दो उंगलियों के बीच वाशु की चूत की क्लिट को पकड़ कर उसे मसल्ने लगी नेहा ने दूसरे हाथ की दो उंगलिया वाशु की चूत में घुसा दी वाशु की चूत पहले से ही गीली थी नेहा की दोनो उंगलिया आसानी से उसमे समा गयी.. नेहा अब अपने दोनो हाथों से वाशु की चूत का बेंड बजाने में लग गयी..


दूसरी और देव अपने लंड लंड को सहलाते हुए वाशु का वेट रहे थे.. देव को क्या पता था कि एक सर्प्राइज़ उसको मिलने वाला है... उधेर शमा अपने रूम में कंप्यूटर पर ब्लू फिल्म देखते हुए अपनी चूत में उगली कर रही थी शमा पूरी तरह पसीने से भीगी हुई थी जिससे लगता था कि वह काफ़ी देर से ब्लू फिल्म देख कर गरम हो रही है और अपनी चूत को ठंडा करने की कोसिस कर रही है... शमा अब झड़ने के काफ़ी करीब थी उसने अपने हाथ की स्पीड जितना हो सके बढ़ा दी थी और तेज़ी से अपनी चूत को अपनी ही उंगली से चोदने लगी .. और थोड़ी ही देर में उसकी चूत ने ढेर सारा पानी छोड़ दिया ... शमा निढाल सी होकर बेड पर लेट गयी... और अपनी साँसों को दुरुस्त करने लगी...


दूसरे रूम में नेहा अब वाशु की चूत को अपनी जीभ से चाट रही थी... नेहा कभी अपनी जीभ वाशु की चूत में घुसती कभी उसकी चूत की क्लिट को अपने मुँह में लेके चूसने लगती है जिससे वाशु को एक असीम आनंद की अनुभूति हो रही थी ... वाशु ने नेहा के सर को अपने हाथों से पकड़ लिया और उसे अपनी चूत पर दबाने लगी जिससे नेहा को अंदाज़ा हो गया कि अब वाशु झड़ने वाली है नेहा भी अब पूरे जोश में वाशु की चूत को चूसने लगी और कुछ ही पलों में वाशु की चूत ने अपना पानी छोड़ दिया... वाशु सीधी लेट कर अपनी सीज़न को संभालने लगी... नेहा भी काफ़ी देर से वाशु की चूत को चूस्ते हुए थक गयी थी वह भी अपनी साँसों को नॉर्मल करने लगी...


थोड़ी देर बाद वाशु ने नेहा से कहा नेहा देव मेरा वेट कर रहे हैं तुम अब जाओ और खूब मज़े लेकर उनसे चुदो... नेहा ने भी कहा हां मुझे भी अब जाना चाहिए... वैसे भी मेरी चूत की गर्मी बढ़ती ही जा रही है.. नेहा ध्यान रहे देव को शक ना होने पाए कि ये मैं नही बल्कि कोई और उनसे चुद रही है समझी.. वाशु ने नेहा को फिर से समझाया . तुम फिकर ना करो वाशु मैं सब संभाल लूँगी और देव को कभी पता नही चलेगा . ओके मैं अब जा रही हूँ..... नेहा ने पूरे आत्मविश्वास से कहा और देव के रूम मे जाने के लिए निकल पड़ी....



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09-20-2018, 02:29 PM,
RE: Indian Sex Story वपरिवार हो तो ऐसा
शमा बेड पर लेटी हुई अपनी सांसो को नॉर्मल कर रही है आज उसकी चूत ने ढेर सारा पानी बहाया है.. वह थक कर चूर है उसे थोड़ी प्यास लगती है शमा नज़रे उठाकर टेबल की ओर देखती है जहाँ पर पानी का जार उसे खाली दिखाई देता है शमा बेड से उठती है और जार को लेकेर नीचे रसोई मे जाने के लिए अपने रूम से निकलती है.. शमा धीरे धीरे सीढ़ियाँ उतर रही थी … शमा के रूम तेज रोशनी होने के कारण शमा को सीढ़ियो पर देखने मे थोड़ी परेशानी हो रही थी सीढ़ियो और रसोई के पास नाइट लॅंप की हल्की हल्की रोशनी हो रही थी… थोड़ी देर बाद शमा को सब साफ साफ दिखाई देने लगा था .. उधेर नेहा देव के रूम में जाने के लिए अपने रूम से निकलती है वह थोड़ा नर्वस भी है और उसे प्यास भी लगी है पहले वह रसोई मे जाती और फ्रीज़ से पानी की बॉटल निकाल कर पहले पानी पीती है और बिना कोई आवाज़ किए चुपके से देव के रूम में जाने का प्रयास करती है..


सीढ़ियो से नीचे उतरते हुए शमा अपनी मम्मी नेहा को देव के रूम में चोरी छुपे घुसते हुए देख लेती है उसे कुछ समझ नही आता है शमा सोचती है शायद मम्मी वाशु आंटी से मिलने गयी है और वह सीढ़ियो से उतर कर रसोई में चली जाती है.. रसोई मे पहुँच कर शमा पहले फ्रीज़ से पानी की बॉटल निकालती है ग्लास मे पानी डालकेर पीने लगती है पानी पीते हुए वह सोचती है कि इतनी रात गये उसकी मम्मी को वाशु आंटी से क्या काम आ गया जो वह इस वक्त उनके कमरे में गयी है उसे कुछ समझ नही आ रहा था शमा को थोड़ा सा शक भी होने लगा था उसने जल्दी से पानी पीया और खाली ग्लास को सींक मे रखकर दबे पाँव देव के रूम के पास पहुँच गयी… शमा अंदर देखना चाहती थी कि आख़िर चल क्या रहा है उसका शक बदत ही जा रहा था शमा की उत्सुकता भी बढ़ती जा रही थी वह जानना चाहती थी कि उसकी मम्मी आख़िर इस वक्त उसकी आंटी के रूम में क्या कर रही है…


शमा ने अंदर देखने का प्रयास किया पर वह डोर से कुछ देख नही पाई उसे अंदर देखने के लिए कोई दूसरी जगह देखनी पड़ेगी शमा ने हर ओर देखा तो उसे एक खिड़की नज़र आई शमा दबे पाँव बिना कोई आवाज़ किए खिड़की ओर बढ़ गयी वह भगवान से यही दुआ माँग रही थी कि कास वह खुली हुई हो.. शमा खिड़की के पास पहुँची तो उसकी ख़ुसी का ठिकाना नही रहा क्योंकि खिड़की खुली हुई थी पर जब उसने अंदर झाँकने की कोसिस की तो उसे फिर से निराशा होने लगी क्योकि देव के रूम में बिल्कुल अंधेरा था उसे कुछ भी दिखाई नही दे रहा था शमा ने इधर उधर देखने की कोसिस की पर निराशा ही उसके हाथ लगी शमा वापस जाने के लिए मुड़ने ही वाली थी कि उसे अंदर से देव की आवाज़ सुनाई दी .. आ गयी जाने मन मैं कब से तुम्हारा इंतज़ार कर रहा था … अंधेरा होने के कारण देव ने नेहा को वाशु समझ कर कहा. देव की इस बात से शमा भी चोंक गयी उसे समझ नही आया ये हो क्या रहा है. उसके पैर वहीं रुक गये हालाँकि उसे कुछ देखाई नही दे रहा था पर वह सब कुछ सॉफ सॉफ सुन सकती थी… शमा ने थोड़ा आगे बढ़कर अपने कान खिड़की से लगा दिए और अंदर की बातें सुनने लगी…


कितनी देर लगा दी डार्लिंग मैं कब्से अपने लंड को हाथ में लेकर सहला रहा हूँ .. देव ने थोड़ा नाराज़ होते हुए कहा.. पर नेहा ने देव की किसी बात का कोई जवाब नही दिया और और आगे बढ़ कर देव के लंड को अपने काँपते हाथो से पकड़ लिया. आह ऊओह जाअनु मैं कब से तड़प रहा था अब देर मत करो हां ऐसे ही ऑश हहाा हहाा आआहह ये कहते हुए देव ने नेहा को अपने उप्पेर खींच लिया… शमा ये सब सुनकर एक ओर जहाँ उसे थोड़ा गुस्सा आ रहा था दूसरी और ये सोचकेर कि कमरे में वसुंधरा आंटी की जगह उसकी अपनी मम्मी नेहा देव अंकल से चुदने जा रही है उसकी चूत ने पानी छोड़ना सुरू कर दिया शमा अब पूरे ध्यान से अंदर की बाते सुन रही थी पर उसे सिर्फ़ देव की ही आवाज़ आ रही थी… नेहा को अपने उप्पेर खींच कर जब देव ने महसूस किया कि वाशु(नेहा को वाशु समझते हुए) ने अभी तक अपने कड़े नही उतारे हैं देव ने नेहा की नाइटी उतार दी जिसमे नेहा ने साथ दिया नेहा अंदर ही अंदर ये सोचते हुए उत्तेजित हुई जा रही थी कि उसका जेठ उसे नंगा कर रहा है और कुछ पॅलो में वो उसके मोटे लंबे लंड से चुदने जा रही है….


नेहा को नंगी करके देव ने एक बार फिर उसे अपने उप्पेर खींच लिया और अपने होंठों को नेहा के होंठों पर रखकर उसे जोरदार तरीके से किस करना सुरू कर दिया नेहा का एक हाथ अभी भी देव के लंड को सहला रहा था और अपने दूसरे हाथ से वह देव छाती को सहलाती हुए किस करने में देव का भी पूरा साथ दे रही थी… दोनो की साँसे फूलने लगी थी धड़कने बढ़ गयी थी … बाहर खड़ी शमा दोनो की सांसो की आवाज़ सॉफ सॉफ सुन सकती थी शमा को अहसास हो गया था कि दोनो आपस में किस कर रहे हैं शमा भी अब उत्तेजित हो गयी थी .. वह यह भी सोच रही थी क्या वाशु आंटी को पता है कि इस वक्त उनके रूम में उसकी मम्मी नेहा और देव के बीच क्या चल रहा है या वो दोनो उसे चुप कर ये सब कर रहे हैं…

क्रमशः
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09-20-2018, 02:29 PM,
RE: Indian Sex Story वपरिवार हो तो ऐसा
परिवार हो तो ऐसा-55




गतान्क से आगे…………………..


शमा के दिमाग़ ने काम करना बंद कर दिया था उसे कुछ भी समझ नही आ रहा था… इन सब बातों को छोड़ कर उसने फिर से अपना सारा ध्यान रूम हो रही कार्यवाही को सुनने मे लगा दिया… देव के हाथ नेहा के पूरे सरीर के उप्पेर फिर रहे थे कभी उप्पेर कभी नीचे कभी देव नेहा के चूतदों को सहलाने लगते कभी उसकी कमर को …. देव ने अपनी दोनो बाहों से नेहा के शरीर को भींच लिया था जिससे नेहा की चूचियाँ देव की छाती में गढ़ी जा रही थी नेहा ने देव के लंड को छोड़ दिया और उत्तेजनावास अपने दोनो हाथों से देव के सर को पकड़ लिया और एक पॅशनेट किस करने लगी… इस अचानक हुए हमले से देव भी एकाएक चोंक गये और फिर नेहा का पूरा साथ देने लगे.. देव ने नेहा को थोड़ा सा अड्जस्ट किया जिससे देव का लंड नेहा की चूत पर दस्तक देने लगा..




देव और नेहा मस्ती मे चूर होकेर एक दूसरे को चूम और सहला रहे थे… देव को अभी तक इसका अहसास नही हुआ था कि जिसके साथ वो रॉमेस कर रहा है वो उसकी पत्नी नही बल्कि उसके छोटे भाई की बीवी नेहा है… और नेहा भी देव को बताना नही चाहती थी कि देव के साथ कॉन है.. पर दोनो ही मस्ती मे चूर थे देव का लंड बार बार नेहा की चूत पर दस्तक दे रहा था नेहा के हिलने डुलने से देव के लंड का सूपड़ा नेहा की चूत की क्लिट को रगड़ रहा था जिसका असर नेहा के शरीर पर हो रहा था और उसकी उत्तेजना बढ़ती ही जा रही थी… उधर शमा का भी बुरा हाल हो चुक्का था वो दोनो की सासो को अब सॉफ सॉफ सुन सकती थी दोनो बुरी तरह से हाँफ रहे थे शमा अपने हाथ से अपनी चूत को सहला रही थी और उसका दूसरा हाथ उसकी चूचियों का मर्दन कर रहा था… वह उत्तेजित हो रही थी.. नेहा ने भी उत्तेजित होकेर देव के चेहरे और छाती पर चुंबनों की बोछार कर दी देव के हाथ भी नेहा के शरीर पर तेज़ी से चल रहे थे… ऊओह जानू आज तुम्हे क्या हो गया है तुमने मेरे शरीर मे एक आग सी लगा दी है ऊओह जानू ऐसे ही करती रहो ह्ह्हाआअन्न्न्न आईसीईए हहिईीईई ऊऊऊओ हह हूऊऊऊओ नेहा अब तेज़ी से अपनी चूत को देव के लंड पर रगड़ रही थी… इसी रगड़ा रागड़ाई में देव का लंड कब नेहा की चूत के छेद पर सेट हो गया दोनो को ही पता नही चला और इसका अहसास तब हुआ जब नेहा थोड़ा नीचे को हुई और देव के लंड का सूपड़ा नेहा की चूत मे घुस गया… नेहा की साँस जैसे अटक गयी … उसे अपनी चूत में देव का लंड बुरी तरह फसा हुआ महसूस हो रहा था … देव भी नेहा की चूत की टाइटनेस को महसूस कर रहा था उसने नेहा से पूछा वाशु डार्लिंग आज तो तुम्हारी चूत कुछ ज़्यादा ही टाइट लग रही है ऐसा कैसे हो गया… म्‍म्म्ममममममम नेहा बाद इतना ही कह पाई और थोड़ा और नीचे को होकेर देव के लंड को अपनी चूत में और अंदर तक घुसा लिया.. नेहा की चूत गीली होने के बावजूद देव का लंड उसकी टाइट चूत में कसा कसा जा रहा था देव को भी अब लगने लगा था कि उसके साथ वाशु नही कोई और है पर वा कन्फर्म कर लेना चाहता था…. देव सोच रहा था कि इतनी टाइट चूत किसकी हो सकती है वह तो वाशु का इंतज़ार कर रहा था अगर उसके साथ वाशु है तो उसकी चूत इतनी कसी हुई कैसे हो सकती वह तो उसे रोज़ चोद्ता है… और अगर उसके साथ वाशु नही है तो कॉन है… देव को अजीब सा महसूस हो रहा था उसे समझ नही आ रहा था आख़िर क्या हो रहा है… इसी कशमकस में जब देव ने अपने लंड को नेहा की चूत से थोड़ा निकलता महसूस किया तो देव ने अपने दोनो हाथों से नेहा के शरीर को जाकड़ लिया और नेहा की चूत में नीचे से प्रहार करते हुए अपने लंड को आधे से ज़्यादा नेहा की चूत में घुसा दिया… देव का लंड नेहा की चूत की दीवारों को चीरता हुआ रगड़ता हुआ अंदर घुसा था जिससे नेहा को थोड़ा दर्द भी हुआ और वह हल्का सा चीख उठी जिससे देव को यकीन हो गया कि ये वाशु नही कोई और है…. नेहा की ये चीख शमा ने भी सुनी थी वह सोच रही थी कि क्या देव अंकल का लंड इतना बड़ा है कि उसकी मम्मी चीख पड़ी… ऊओह कितना कसा कसा जा रहा होगा ये सोचकेर ही शमा की चूत पानी छोड़ने लगी… देव ने भी दो चार तेज तेज धक्के लगाए और अपने पूरे लंड को नेहा की चूत में डाल दिया … नेहा का दर्द से बुरा हाल था ऐसा तो उसे राज से चुदने पर भी नही हुआ था नेहा अपनी सोच में देव और राज दोनो के लंड को कंपेर करने लगी…. देव ने अपने हाथों से नेहा के सर को पकड़ कर अपने पास किया और उसके होठों पर अपने होंठ रख कर चूसना सुरू कर दिया नेहा भी अब देव का साथ दे रही थी… देव ने अब धीरे धीरे अपने लंड को अंदर बाहर करना सुरू कर दिया … नेहा की चूत ने अब देव के लंड को अपने अंदर पूरा लील लिया था उसकी चूत पानी छोड़ रही थी जिससे देव के लंड कोअंदर बाहर होने मे आसानी हो रही थी नेहा को भी अब मज़ा आना सुरू हो गया था उसका शरीर भी अपने आप उप्पेर नीचे हो रहा था… नेहा ने अब खुद देव के मुँह पर चुंबनो की बोछार सिस कर दी जिससे देव समझ गये कि वो पूरी तरह से चुदने को तय्यार है… और देव ने करवट बदली और बिना अपना लंड चूत से बाहर किए नेहा को अपने नीचे कर लिया ऐसा करने से देव का लंड आधे से ज़्यादा नेहा की चूत से बाहर आ गया था… जब देव ने महसूस किया कि उसका लंड बाहर निकलने को है तो देव ने एक जोरदार प्रहार करते हुए अपने लंड को पूरा का पूरा फिर से नेहा की चूत में उतार दिया…. ढ्ह्हीईरीईईईईई ऊऊओह बस यही शब्द नेहा मुँह से निकले जिसे सुनकर देव एक बार चॉक गया…. और अपने हाथ को बढ़कर बेड के पास रखे टेबल लॅंप को जला दिया …. नाइट बल्ब की हल्की रोशनी पूरे कमरे में फैल गयी जिससे नेहा का पूरा नंगा जिस्म देव की आँखो के सामने चमक उठा नेहा ने जब देखा देव उसके शरीर को देख रहे हैं उसने देव से कहा प्लीज़ लाइट बंद करदो … देव का लंड अभी भी नेहा की चूत में जकड़ा हुआ था कमरे में रोशनी होने से शमा को भी अब साफ साफ दिखाई दे रहा था… उसने देखा बेड पर उसकी माँ नंगी लेटी है और देव अंकल उसकी टाँगों के बीच अपने लंड को उसकी चूत में घुसाए उसकी मम्मी के नंगे जिस्म को निहार रहे हैं… देव को ऐसे देख कर शमा को भी थोड़ी शरम महसूस हुई और उसका एग्ज़ाइट्मेंट भी बढ़ गया… भाई सहाब प्लीज़ लाइट बंद कर दो देव को ऐसे अपनी ओर देखते हुए नेहा ने एक बार फिर से देव को आग्रह किया…. पर देव तो जैसे सबकुछ भूल गया …




नेहा तुम यहाँ और वाशु कहाँ है… देव ने जैसे होश में आते हुए नेहा से पूछा… बताती हूँ सब बताती हूँ पहले आप लाइट बंद कर दो … नेहा ने देव से कहा… नही पहले तुम्हे मुझे सब सच सच बताना होगा और ऐसे ही बताना होगा… देव ने थोड़ा नाराज़ होते हुए कहा… प्लीज़ भाई सहाब समझने की कोसिस करो मुझे शरम आ रही है आप लाइट बंद करदो में सब बता रही हूँ… नेहा एक बार फिर से आग्रह करते हुए कहा… बाहर शमा दोनो की बातें बड़े ध्यान से सुनते हुए दोनो को देख रही थी… और वह चाहती थी की लाइट बंद ना हो … शमा यह देखता चाहती थी कि उसकी मम्मी देव अंकल से कैसे चुदवाती है… नेहा बार बार देव को रिक्वेस्ट कर रही थी जिसका देव पर कोई असर नही हो रहा था नेहा ने अपनी आँखे बंद की हुई थी देव धीरे धीरे नेहा के नंगे शरीर को अपनी आँखों के सामने देख कर एक बार फिर से उत्तेजित होने लगा देव का लंड अभी अभी नेहा की चूत में फँसा हुआ था जिसे निकालने की कोसिस ना तो नेहा ने की और ना ही देव ने… देव का लंड एक बार फिर से झटके खाने लगा जिसका अहसास नेहा को भी अपनी चूत मे होने लगा था… खिड़की पर खड़ी शमा भी ये जानना चाह रही थी कि क्या उसकी मम्मी वाशु आंटी की मर्ज़ी से देव अंकल के कमरे में आई या फिर वाशु आंटी को इस बारे में कुछ पता ही नही है… ये सब सोचते सोचते उसका जोश भी थोड़ी देर के लिए ठंडा पड़ गया था… अब शमा ये जानने को उत्सुक थी कि उसकी अपनी मम्मी देव अंकल को क्या बताती है… नेहा अब जल्दी से बताओ आख़िर ये सब माजरा है क्या और तुम यहाँ वाशु की जगह पर क्या कर रही हो…. देव ने नेहा से पूछा… मैं सब बता रही हूँ पहले आप लाइट बंद करदो आप जो कहेंगे जो पूछेंगे मैं सब बताती हूँ पर पहले आप लाइट बंद करदो… नेहा ने फिर से देव से रिक्वेस्ट की… तुम बिल्कुल नंगी मेरे सामने हो और मेरा लंड तुम्हारी चूत में घुसा हुआ है और तुम कह रही हो शरम आ रही है … देव ने नेहा से कहा. नेहा देव की ऐसी बाते सुनकर पानी पानी हो गयी और नेहा ने फिर से रिक्वेस्ट की लाइट बंद करने की … शमा भी देव के मुँह से ऐसी बातें सुनकर शर्मा गयी और उसकी चूत पानी चूसने लगी ..जब देव ने देखा कि वाकई नेहा शर्मा रही है तो देव ने नेहा की बात मानते हुए लाइट बंद कर दी… और पूरे रूम में फिर से अंधेरा हो गया … खिड़की से अंदर देख रही शमा को थोड़ी निराशा हुई कि वो अब आगे नही देख सकती पर उसने अपने कान फिर से खिसकी के बिल्कुल पास सटा कर लगा दिए और देव और नेहा की बाते सुनने लगी… हां तो अब बोलो और सब सच सच बता दो.. देव ने नेहा से बोलने को कहा… नेहा ने बोलना सुरू किया कैसे उसने कल रात दोनो को चुदाई करते देखा और उसके वाशु बताया और कैसे वो देव के लंड की ओर आकेर्षित हुई फिर वाशु ने प्लान बनाया दोस्तो जो भी बाते नेहा और वसुंधरा के बीच हुई नेहा ने वो सब देव को बता दिया… जिसे सुनकर देव चोन्के बिना ना रह सका और बिल्कुल ऐसी ही हालत शमा की भी थी… जब तुम्हे मुझसे चुदवाना ही था तो फिर छुपाने की क्या ज़रूरत थी … देव ने नेहा से पूछा … मैं ये सब चोरी छुपे बिना आपको पता लगे करना चाहती थी… नेहा ने बताया. और ऐसा करने के लिए वाशु ने ही कहा था… नेहा ने आगे कहा… तो अब आगे क्या करना है … सब कुछ जानने के बाद देव ने नेहा से पूछा… करना क्या है जिस काम के लिए मैं आई थी उसे पूरा करना है… नेहा ने थोड़ा सर्माते हुए कहा… नेहा के मुँह से सुनकर देव अंदर ही अंदर खुश हुए और ये ख़ुसी नेहा को उसकी चूत में घुसे हुए लंड के झटका लेने से पता चली… शमा भी ये सुनकेर खुश हुई पर जब उसने देखा कि वह केवल सुन सकती है देख नही सकती तो वह थोड़ा निराश हो गयी… शमा अब ये देखा चाहती थी देव अंकल उसकी मम्मी की कैसे चुदाई करते है और मम्मी देव अंकल का साथ कैसे देती है…. नेहा ने जब देखा देव कुछ कर नही रहे हैं तो नेहा ने देव के सिर को अपने दोनो हाथों से पकड़ कर अपने पास कर दिया और अपने होंठ देव के होंटो पर रख कर देव को किस करना सुरू कर दिया… देव ने नेहा का नही साथ दिया और नही उसे ऐसा करने से रोका,…. नेहा देव के होंठों को चूस रही थी…. और अपने हाथों को देव की नंगी पीठ पर फिरा रही थी…. कुछ देर बाद देव ने अपने होठों को नेहा के होंठों से अलग किया और नेहा से कहा… नेहा अब मैं जैसा कहूँ तुम्हे वैसा ही करना होगा… और ये किसी को भी पता नही चलना चाहिए….. देव ने कहा… क्या…..????? नेहा ने बस इतना ही कहा…




क्या करना होगा मुझे जल्दी बताइए… नेहा ने देव से कहा. बताता हूँ पहले वादा करो इस बात का किसी को भी पता नही चलना चाहिए… वाशु को भी नही… देव ने नेहा से कहा. पहले बताओ तो सही आख़िर आप कहना क्या चाहते हो.. नेहा ने कहा. नेहा सोच में पड़ गयी आख़िर देव उससे क्या कहना चाहता है… शमा भी ये सब सुन रही थी वह भी समझ नही पा रही थी आख़िर देव अंकल उसकी मम्मी से क्या कहना चाह रहे हैं. शमा ये जानने को उत्सुक थी कि देव अंकल उसकी मम्मी से कॉन सी बात बताने जा रहे हैं.. जिसे वो सबसे छुपाना चाहते हैं.. वाशु आंटी से भी… अब जो मैं तुमसे कहने जा रहा हूँ वो बात तुम्हे अपने तक ही सीमित रखनी है समझी.. देव ने नेहा से कहा. हां ठीक जैसा आप कहो वैसा ही होगा बताओ अब.. नेहा ने कहा. जो प्लान वाशु और तुमने बनाया था जिसमे मुझ से ये सब छुपाया जा रहा था वही प्लान अब वाशु पर अपनाना है…. देव ने कहा… मैं कुछ समझी नही… साफ साफ़ बताओ… नेहा ने देव से पूछा. प्लान ये है कि वाशु को अब ये पता नही चलना चाहिए कि मुझे तुम दोनो के चुदाई के प्लान के बारे में पता चल गया है… अब तुम और मैं मिलकर बिना वाशु को पता चले खूब मज़े लेकेर चुदाई करेंगे और जिंदगी के मज़े लूटेंगे वो भी बिना किसी को पता चले… देव ने कहा. नेहा अब कुछ कुछ समझ रही थी देव क्या चाहता है.

क्रमशः...............................
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09-20-2018, 02:29 PM,
RE: Indian Sex Story वपरिवार हो तो ऐसा
परिवार हो तो ऐसा-56




गतान्क से आगे…………………..


उधर शमा अंदर ही अंदर खुश हो रही थी कि किसी को पता चले ना चले उसने तो सब सुन और देख लिया है… देव ने अपनी बात कहने के बाद नाइट लॅंप फिर से जला दिया …. रूम में रोशनी फैलते ही नेहा का नंगा शरीर एक बार फिर से चमक उठा.. अब इसे क्यों जला दिया मैं सब करने को तय्यार हूँ जैसा आप कहें … नेहा ने देव से कहा. जब चुदाई करनी ही है तो क्यूँ ना खुलकर मज़े लिए जाए और वैसे भी मुझे अंधेरे में चुदाई करने में मज़ा नही आता… देव ने कहा… लेकिन मुझे ऐसे शरम आ रही है… नेहा ने अपनी आँखे बंद करते हुए कहा. रूम में रोशनी फैलने से अब शमा सब साफ साफ देख सकती थी… लाइट जलने से उसे ख़ुसी हो रही थी लेकिन उसे डर था कहीं उसकी मम्मी की बातों में आकर देव अंकल फिर से लाइट बंद ना कर दें… शमा मन ही मन दुआ माँग रही थी कि देव अंकल उसकी मम्मी की एक ना सुने और लाइट बंद ना हो…. अब जो भी होगा ऐसे ही होगा लाइट बंद नही होगी.. देव ने नेहा से कहा… देव की ये बात सुनकर शमा ने राहत की साँस ली और उत्सुकतावास अंदर देखने लगी… रूम में रोशनी ज़्यादा नही थी पर नाइट बल्ब जलने से इतना प्रकाश तो अवस्य हो रहा था जिससे शमा सॉफ सॉफ देख सकती थी… नेहा ने कुछ कहने के लिए अपना मुँह खोलना चाहा इससे पहले वो कुछ कहती देव ने अपने सर को नीचे झुकते हुए अपने होंठ नेहा के तपते होठों पर रख दिए और पहली बार उजाले में नेहा को किस करना सुरू कर दिया… नेहा ने थोड़ा सा आनाकानी की पर बाद में वो देव का साथ देने लगी… कुछ ही पलों में दोनो एक दूसरे में खो गये… देव का लंड जो थोड़ा सिकुड कर नेहा की चूत से बाहर आ गया था फिर से अपने रौद्र रूप में आने लगा… नेहा की चूत भी पानी छोड़ने लगी थी … देव के हाथ अब नेहा की चूचियों तक पहुँच गये… देव ने नेहा की चूचियों को दबाना सहलाना सुरू कर दिया…. हल्की रोशनी में भी नेहा का गदराया हुआ शरीर किसी नौजवान लड़की से कम नही लग रहा था… एक गदराए यौवन की मल्लिका को अपने सामने यूँ नंगी देख कर देव को भी जोश आ गया… देव ने थोड़ा नीचे होते हुए नेहा की चूची को मुँह मे ले चूसना सुरू कर दिया और दूसरी चूची को अपने हाथ से भी सहलाते भी जा रहे थे…. नेहा ने भी अब सारी शरम लिहाज़ को छोड़ते हुए देव का पूरा साथ देना सुरू कर दिया… नेहा ने देव के सिर को अपने हाथों से पकड़ लिया और उसे अपनी चूची पर दबाने लगी… देव भी पूरे जोश से अब नेहा की चूची को चूस रहे थे… कमरे का महॉल फिर से गरम होने लगा दोनो की सिसकारियाँ अब पूरे कमरे में सुनीं जा सकती थी… शमा भी दोनो के जोश को देखते हुए गरम होने लगी… और अपने हाथ की उंगलियों को फिर से अपनी चूत पर फिराना सुरू कर दिया…. दूसरे हाथ से अपनी चूचियो को बारी बारी से दबा भी रही थी…. देव भी कभी एक चूची को चूस्ता कभी दूसरी चूची को… पूरा महॉल गरम हो चुक्का था कमरे के अंदर भी और कमरे के बाहर भी जहाँ शमा खड़ी थी….




देव अपने हाथों से नेहा की गदराई हुई चूचियों को दबा और मसल रहे थे साथ ही बारी बारी से चूचियों को चूस भी रहे थे… देव का लंड फिर से नेहा की चूत पर दस्तक दे ने लगा था… देव के हिलने डुलने से लंड बार बार नेहा की चूत की क्लिट को रगड़ रहा था जिससे नेहा के जिस्म में उतीज़ना बढ़ रही थी… कुछ देर बाद देव ने नेहा के उप्पेर से उठते हुए उसकी साइड में बेड पर लेट गये… और नेहा को अपने उप्पेर खींच लिया… इस बार नेहा ने पानी आँखे खोली और वह देव के उप्पेर आ गयी और अपनी चूत को देव के लंड पर रगड़ना चालू किया… नेहा की चूत पहले से ही गीली थी लंड पर रगड़ने से वह और भी पानी छोड़ने लगी… देव ने अपना हाथ नीचे ले जाकर अपने लंड को नेहा की चूत पर सेट किया चूत के छेद पर लंड सेट होते ही नेहा नीचे की ओर बैठ गयी और देव का लंड उसकी गीली चूत में फिसलता हुआ उसके अंदर समा गया… देव अपने हाथों को नेहा के चूतदो पर रखकर उन्हे सहलाने लगे और अपना दबाव बनाते हुए अपने लंड को नेहा की चूत में और अंदर तक घुसाने लगे… नेहा ने अब धीरे धीरे उप्पेर नीचे होना सुरू किया… और हल्के हल्के धक्के लगाने सुरू हो गये… नेहा देव के उप्पेर झुकी हुए थी जिससे उसकी चूचियाँ हिलते हुए देव के मुँह को च्छू रही थी देव ने अपनी जीभ निकाल कर उनके निपल के उपेर फिराने लगे… शमा खिड़की से ये सब देख रही थी… उसके हाथ अब तेज़ी से उसकी चूत पर चल रहे थे वह बुरी तरह से अपनी क्लिट को मसल रही थी किसी भी पल उसका पानी छूट सकता था… अपनी मम्मी को यूँ बेसार्मों की तरह उनके जेठ से चुद्ते हुए देख कर उसका भी जोश बढ़ रहा था उसकी चूत लगातार पानी बहा रही थी… नेहा अपनी स्पीड बढ़ाते हुए तेज़ी से उप्पेर नीचे हो रही थी… करीब दस मिनट ऐसे ही चुदाई करते रहने के बाद नेहा थक कर चूर हो गयी उसकी चूत ने पानी छोड़ा दिया था और नेहा देव के उप्पेर ढेर हो गयी … नेहा ने नेहा के होंठों पर अपने होंठ रख कर किस करना सुरू कर दिया… नेहा की साँसें तेज़ी से चल रही थी देव का उसे किस करने से उसे साँस लेने में थोड़ी परेसानी हो रही थी नेहा ने अपना मुँह को देव से अलग हटा लिया… नेहा थोड़ी थॅकी हुई लग रही थी… देव ने करवट बदली और फिर से नेहा के उप्पेर आ गये… देव ने फिर से अपनी पोज़िशन ली और अपने लंड को नेहा की चूत के छेद पर सेट किया और धक्का लगाया जिससे उसका लंड नेहा की गीली चूत में आधे से ज़्यादा घुस गया …. देव ने एक दो धक्के और लगाए और अपना पूरा लंड नेहा के अंदर उतार दिया …. शमा देव को नेहा की चुदाई करते हुए सॉफ सॉफ देख रही थी…. उसके कानो में नेहा की आअहह ऊऊहह जैसी आवाज़े सॉफ सुनाई दे रही थी… जिससे शमा और भी उत्तेजित होते हुए अपनी चूत में उंगली करते हुए अपनी चूचियों को दबा रही थी… देव अब लगातार अपने धक्को की स्पीड बढ़ाते जा रहे थे… और तेज तेज धक्कों से नेहा की चुदाई कर रहे थे…. हर धक्के से साथ नेहा की सिसकारियाँ बढ़ती जा रही थी… नेहा फिर से उत्तेजित होने लगी और अपने चूतड़ो को उठा उठा कर देव के धक्को का साथ देने लगी…. नेहा को ऐसे करते देख देव और भी जोश में आ गये और तेज़ी से नेहा को चोदने लगे…… नेहा की आहें अब पूरे रूम में गूँज रही थी…. देव ने अपने हाथ अब नेहा की चूचियों पर रख दिए और उन्हे दबाते हुए धक्के लगाने लगे….. थोड़ी ही देर में नेहा का शरीर फिर से अकड़ने लगा उसकी उत्तेजना अपने चरम पर पहुँच गयी और दो चार धक्कों के बाद ही नेहा फिर से झाड़ गयी… और बिना हीले डुले शांत पड़ कर अपनी सासो को संभालने की कोसिस करने लगी… नेहा के झड़ने के बाद देव ने धक्के लगाने बंद कर दिए थे देव नेहा रिलॅक्स होने के लिए थोड़ा टाइम देना चाहते थे… शमा का हाथ तेज़ी से अपनी चूत पर चल रहा था वह पूरे तरह उत्तेजित हो गयी उसका सरीर अकड़ने लगा था और वह किसी भी पल झाड़ सकती थी… और कुछ ही देर में शमा की चूत ने भी पानी छोड़ दिया… शमा ने बड़ी मुस्किल से अपनी आन्हो और सिसकारियो को रोके रखा वह डर रही थी कहीं उसकी सीकरियाँ अंदर देव और नेहा ना सुन लें…. शमा अब अपनी साँसों को दुरुस्त करने में लगी थी… उसने अंदर देखा देव अभी ऐसे उसकी मम्मी उप्पेर लेटे हुए उसकी चूचियों को चूस रहे थे… आप अभी तक झाडे नही मैं तो कयी बार झाड़ चूकि हूँ… लगता है बहुत जोश बाकी है आप में अभी भी… नेहा ने कहा.. जब इतने मस्त शरीर की मालकिन किसी के नीचे नंगी पड़ी हो तो कोई मूरख ही होगा जो जल्दी झड़ने के बारे में सोचेगा… देव ने अपना मुँह नेहा की चूची से हटाते हुए कहा… मैं इतनी पसंद आ गयी आपको… या वाशु के साथ भी ऐसे ही करते हो आख़िर वाशु भी कुछ कम नही है… नेहा ने पूछा… वाशु अपनी जगह सही है और तुम्हारा भी जवाब नही… वैसे दोनो को कंपेर करना मुस्किल है… तुम दोनो ही बहुत हॉट और सेक्सी हो… देव ने कहा… मैं तो पूरी तरह से थक गयी हूँ मुझमे अब और जोश नही बचा है आप जल्दी से निपट जाओ और वैसे भी बहुत देर हो गयी है कहीं वाशु उठ ना जाए… नेहा ने कहा.. देव ने बिना कुछ कहे फिर से धक्के लगाने सुरू कर दिए देव अपने धक्को की स्पीड करते हुए नेहा को चोद रहे थे… नेहा फिर से उत्तेजित होने लगी…. अगली.. बार मैं … तुम्हारी… गंद … मारूँगा… ऊऊहह देव ने हन्फ्ते हुए नेहा से कहा और और धक्के की स्पीड लगातार बढ़ते ही जा रहे थे…. गांद … मुँह… चूत… जो .. चाहे मार.. लेना … मैं अब.. आपको कभी मना नही करूँगी… नेहा ने भी टूटी फूटी आवाज़ में कहा… नेहा अब फिर से झड़ने वाली थी और देव भी अब झड़ने के करीब पहुँच गयी..थे… देव अब पूरे जोश से नेहा को चोद रहे थे… कुछ ही धक्कों के बाद ऊओह देववववववववव मैईईईईईईईईईन्न्नणणन् झाद्दद्ड़ंंननणणनीईईईईई वालिइीईईईईईईईईईईईईई हूऊंन्‍ननननननननननननणणन् और तीएजज़्ज़्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज हाआआआआअन्न्‍नननननननननणणन् ओउुुुुुुुुउउर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर त्ट्टीईईईजज़्ज़्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज आईसीईईईईईईई हीईीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई और इसी के साथ नेहा एक बार फिर से झाड़ गयी… देव भी अब झड़ने के करीब थे और तेज़ी धक्के लगाते हुए… ओओओऊऊऊऊझ्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह यययययययययाआआआआआआआआआअ तूमम्म्मममममममममम कितनी हूऊऊथततटटटटटटटटटटटटटतत्त हूऊऊऊऊऊऊऊऊओ नेहा…… ऊऊऊहह मैंन्ननननननणणन् झदन्नीईईईई वलाआआआआआआआअ होंंननननननननणणन् ओह बहुतत्त्टटटटटटटटटटतत्त टाइट टत्त्टटटटटटटतत्त चूवततत्टटटटटटटटटटटटटटटतत्त हाईईईईईईईईईईईईईई तुम्हरीईईईईईईईईईईईईईईई ऊऊहह….. और ये कहते हुए नेहा की चूत में झाड़ गये… नेहा और देव बुरी तरह हन्फ्ते हुए अपनी साँसों को संभालने लगे…. शमा भी वहाँ से हटकेर दबे पाँव सीढ़ियों से होते हुए अपने रूम में चली गयी… थोड़ी देर बाद नेहा भी अपने कपड़े पहेन कर अपने रूम में चली गयी..




अगली सुबह सभी (देव, वसुंधरा, नेहा और शमा) डाइनिंग टेबल पर बैठे नाश्ता करते हुए बातें रहे है… सब कुछ नॉर्मल है पहले जैसा जैसे कुछ हुआ ही ना हो…

क्रमशः........................................
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09-20-2018, 02:29 PM,
RE: Indian Sex Story वपरिवार हो तो ऐसा
परिवार हो तो ऐसा-57




गतान्क से आगे…………………..


शमा कभी देव को देखती तो कभी अपनी मम्मी नेहा को… नेहा आज कुछ ज़्यादा ही खुस लग रही है… जिसे नेहा छुपाने का सफल प्रयास कर रही है… पर वह शमा की नज़रों से बच ना सकी… क्या बात है मम्मी आज कुछ ज़्यादा ही खुश लग रही हो… शमा ने नेहा से पूछा… नही तो ऐसी तो कोई बात नही और वैसे भी मैं तो हमेशा ही ऐसे ही खुश रहती हूँ… तुमने शायद आज ध्यान दिया है… नेहा ने कहा… शमा की ये बात सुनकर देव अंदर ही अंदर डर गये कहीं शमा को उन दोनो के बारे में पता तो नही चल गया है… फिर देव खुद ही सोचने लगे शमा को पता कैसे चलेगा वो तो वैसे भी उप्पेर के रूम में सोई थी… नही नही उसे कुछ नही पता है वो तो ऐसे ही अपनी मम्मी से नॉर्मली बात कर रही है… देव ने अपने मन को समझाया… नही मम्मी मुझे लगा कि आप कल से ज़्यादा खुश लग रही हैं इसलिए पूछ लिया… क्यों आंटी आप को क्या लगता है… शमा ने वाशु से पूछा. शमा मुझे तो ऐसा नही लगता नेहा तो ऐसे ही रहती है हमेशा तुम ही पता नही कहाँ खोई रहती हो आज कल …. वाशु ने नेहा का साथ देते हुए कहा… हां शायद मैं ज़्यादातर अपने में ही खोई रहती ना इसलिए ऐसा लगा मुझे …


शमा ने बात को आगे ना बढ़ाते हुए वाशु की हां में हां मिला दिया… तब तक देव नाश्ता कर चुके थे.. और ऑफीस जाने के लिए निकल गये… वाशु देव को छोड़ने बाहर तक गयी और फिर डोर लॉक करके वापस नेहा और शमा के पास बैठ गयी…. और तीनो फिर से बातें करने लगी… थोड़ी देर में तीनो ने नाश्ता किया और शमा उठकर अपने रूम में चली गयी.. नेहा और वाशु रसोई और घर की साफ सफाई में लग गयी.. शमा अपने रूम में जाकर फिर से सो गयी रात के घटनाकर्म को देख कर उसकी नींद उड़ गयी थी जिसके कारण वो ठीक से सो नही पाई थी… दोपहेर तक नेहा और वाशु घर काम करती रही और खाना बनाती रही इस बीच दोनो में रात की बात को लेकेर कोई बात नही हुई… सब काम निपटाने के बाद दोनो अपने अपने रूम मे नहाने के लिए चली गयी… कुछ ही देर में दोपहेर के खाने का वक्त हो चला है… वाशु नेहा को खाने के कहने उसके रूम में जाती है… नेहा अपने रूम में शीशे के सामने खड़ी तैय्यार हो रही है… वाशु उसके रूम में आती है… नेहा मैं खाना लगा रही हूँ तुम शमा को लेकेर आ जाओ… कमरे में आते ही वाशु ने नेहा से कहा और ये कहकर वो रसोई में चली गयी…… नेहा तय्यार होने के बाद शमा को उठाने उसके रूम में जाती है… रूम में पहुच कर नेहा देखती है शमा फिर सो रही है… नेहा शमा को उठाती है शाम उठ जाती है और कहती है क्या हुआ मम्मी. खाने के लिए बुलाने आई थी मैं तो .. नेहा कहा. मेरा मन नही है अब्भी खाने का….. शमा ने कहा. आज कल मैं देख रही हूँ तुम्हारा मन किसी भी चीज़ में नही है… नेहा ने कहा. ऐसी कोई बात नही है मम्मी सब ठीक है… शमा ने कहा. तो फिर चलो खाना खाने .. नेहा ने शमा के बालों में उंगलियाँ फिराते हुए कहा. शाम उठ जाती है और फ्रेश होने के लिए वॉशरूम में घुस जाती है… नेहा वहीं बैठी हुई शमा का वेट करती है… शमा फ्रेश होकेर बाहर आती है और फिर दोनो मा बेटी नीचे आ जाती है. वाशु ने डाइनिंग पर खाना लगा दिया है… तीनो खाना खाते हैं…

खाना खाने के बाद तीनो बातें करने लगी… तीनो अभी बातें कर ही रही थी कि फोन की घंटी बजी… ट्रिंग ट्रिंग…….ट्रिंग… वाशु ने जाकर फोन उठाया तो पता चला ये नेहा के लिए फोन था… नेहा ने जाकर वाशु से रिसीवर लिया और बात करने लगी… शमा और वाशु दोनो नेहा एक एकतरफ़ा बातें सुन रही है.. पूरी बात करने के बाद नेहा दोनो को बताती है कि ये उसकी बहेन का फोन थॉ वो कब से उनके घर पर फोन ट्राइ कर रहे थे… जब बात नही हुई तो यहाँ फोन किया… ये तो हमे भी पता है मम्मी पर पूरी बात बताओ के आख़िर फोन किसलिए किया है… एक गुड न्यूज़ है आज शाम को श्री यहाँ दो तीन दिन के लिए आ रहा है… (श्रीकांत नेहा की बहेन का बेटा है जो किसी एंट्रेन्स एग्ज़ॅम के लिए उनके यहाँ आ रहा है.. जिसे प्यार से सब श्री कहकर बुलाते हैं…) और मैने उसे यहीं रहने के लिए बुला लिया है क्योंकि हम तो पहले से ही यहाँ रह रहे है… मोहन और स्वीटी के लॅंडन जाने के बाद से और श्री ने भी यहाँ रहने के लिए हां कर दी है… श्री भैया आ रहे हैं ये तो बड़ी खुशी की बात है कम से कम मुझे तो बोरियत नही होगी… शमा ने कहा. ये तुमने बहुत अच्छा किया नेहा जो तुमने श्री को यहाँ बुला लिया वरना तो हम फिर यहाँ अकेले रह जाते.. वाशु ने खुश होते हुए कहा.. कितने बजे की ट्रेन से आ रहा है श्री… शमा ने पूछा… यही कोई 5 बजे की ट्रेन है उसकी और वो यहाँ 5.30 तक पहुँचेगा… नेहा ने कहा. ओके तब तक थोड़ा आराम कर लेते है… और सभी अपने कमरों मे आराम करने चली गयी….




शाम के समय शमा श्री को लेने के लिए अपनी स्कूटी लेकेर स्टेशन पहुँची और श्री की ट्रेन का इंतज़ार करने लगी… शमा ठीक टाइम पर पहुँच गयी … ट्रेन को आने में बस कुछ ही पल बचे थे..... थोड़ी ही देर में ट्रेन आ गयी यात्री उतरने लगे… शमा खड़ी हुई एक एक कोच से उतरते हुए यात्रियों को देख रही है कि उसे जल्दी से श्री दिख जाए जिसके लिए वो यहा आई है.. पर उसे श्री उसे दिखाई नही दे रहा है… शमा बड़े गौर से सब को देख रही है कहीं तो श्री दिखेगा है… और फिर एक कोच से एक हॅंडसम नौजवान उतरता है… शमा उसे देखती है और दौड़ कर उसके पास जाती है…. दोनो एक दूसरे को देखते ही पहचान लेते है…. हाई भैया कैसे हो… शमा श्री के पास जाते ही उसे विश करती है… मैं ठीक हूँ दीदी… आप बताइए और सब कैसे हैं… श्री आगे बढ़कर शमा के गले लगते हुए उसे विश करता है… दोनो के बीच फॉर्मल बातें होती है और फिर दोनो घर के लिए निकलते हैं… दीदी आपका तो मन नही लग रहा होगा स्वीटी के बिना और राज और प्रीति भी यहाँ नही है.. श्री ने पूछा… पहले नही लगा पर अब तुम आ गये तो मन लग जाएगा .. शमा ने ज्वाब दिया… दोनो पार्किंग में आ गये और शमा अपनी स्कूटी को स्टार्ट करती है श्री उसके पीछे बैठ जाता है और दोनो ऐसे ही बातें करते हुए घर आ जाते हैं…

दोनो घर पहुँचते हैं और नेहा दरवाजा खोलती है श्री आगे बढ़ते हुए नेहा के पैर छूता है और विश करता है नेहा भी उसे असिर्वाद देती है और अंदर आने को कहती है… वाशु ड्रॉयिंग रूम में बैठी है श्री वाशु के भी पैर छूकर असिर्वाद लेता है… शमा रसोई से पानी लेकेर आती है और श्री को देती… श्री पानी पीता है… नेहा श्री को कहती हैबेटा हाथ मुँह धोकेर फ्रेश हो जाओ मैं कुछ खाने को लाती हूँ… कहकेर नेहा रसोई में चली जाती है… वाशु शमा को कहती है बेटा श्री को राज का रूम दिखा दो और समान उसमे रखवा दो.. श्री के पास सिर्फ़ एक बॅग था जिसे उठाकर वो शमा के पीछे पीछे उपेर आ जाता है… शमा राज के रूम में आ जाती है श्री भी पीछे पीछे रूम में आता है… भैया ये है आपका रूम आप यहाँ रहेंगे और बराबर वाले रूम में मैं ठहरी हू… आप फ्रेश होकेर नीचे आ जाओ… कहकेर शमा नीचे आ जाती है… और वाशु के पास बैठ जाती है… नेहा ने चाय नाश्ता रेडी किया और ड्रॉयिंग रूम में ही लेकेर आ गयी और तीनो बैठ कर श्री का वेट करने लगे… कुछ ही देर में श्री भी नीचे आता है और फिर चाय पीते हैं और बातें करते है… घर में सब कैसे है तुम्हारे मम्मी पापा और रूचि कैसी है.. सब ठीक हैं मौसी जी सब मज़े में हैं.. रूचि भी ठीक है बी.कॉम 1स्ट्रीट में है… श्री जवाब देता है… तुम्हारी पढ़ाई कैसे चल रही है… नेहा ने पूछा.. अच्छी चल रही बस ये एंट्रेन्स हो जाए फिर अड्मिशन का देखते है… श्री ने जवाब दिया.. रूचि की भी छुट्टियाँ होंगी उसे भी ले आते… शमा ने कहा… मैने तो कहा था पर उसने मना कर दिया वो कह रही थी कि जब सभी यहाँ होंगे तभी आउन्गि… श्री ने जवाब दिया … और ऐसे ही सब बातें करते रहे… चाय ख़त्म होने के बाद नेहा ने श्री से कहा बेटा जाओ आराम कर लो… बहुत थक गये होगे सफ़र कर के…. श्री उठकर उपेर रूम में चला जाता है… शमा भी अपने रूम में चली जाती है… 

वाशु और नेहा झूठे बर्तनो को सॉफ करने के लिए रसोई में चली जाती है… सब काम निपटा लेने के बाद… वाशु में आज श्री की पसंद का खाना बना लूँ… नेहा वाशु से पूछती है… मारूँगी एक अगर आगे से किसी चीज़ के लिए पूछा तो ये तुम्हारा ही घर है जो चाहे करो खाओ पीयो.. श्री भी मेरे बेटे जैसा है उसके लिए कुछ भी बनाओ… ये कोई पूछने की बात है.. वाशु ने थोड़ा गुस्सा करते हुए कहा… वाशु को गुस्सा करते देख नेहा वाशु के पास आती है और अपने दोनो हाथो से अपने कान पकड़ कर सॉरी बोलती है… नेहा को ऐसे देख कर वाशु का गुस्सा फुर्र हो जाता है… और वह नेहा को गले लगा लेती है… दोनो की चूचियाँ एक दूसरे से टकराती है और दोनो की आह निकल जाती हैं फिर दोनो हस्ने लगती है… नेहा अभी खाना बनने में थोड़ा वक्त है क्यूँ ना दोनो बैठ कर बाते करें और वैसे भी मुझे तुमसे रात के बारे मे पूछना है.. हां ये ठीक रहेगा… और दोनो रसोई से निकल कर वाशु के रूम में जाने लगती है… उधर शमा किसी काम से फिर से नीचे आती है… सीढ़ियों से उतरते हुए वह वाशु और नेहा के खिलखिलाते हुए चेहरों को देखती है… दोनो वाशु के रूम में चली जाती है… शमा को रात की बात याद आ जाती है और वो उत्सुकतावास उनकी बातें सुनने के लिए उसी खिड़की के पास आ जाती है… और दोनो की बातें सुनने के लिए खिड़की से अपने कान लगा देती है…

क्रमशः..............................
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09-20-2018, 02:30 PM,
RE: Indian Sex Story वपरिवार हो तो ऐसा
परिवार हो तो ऐसा-58




गतान्क से आगे…………………..



नेहा और वाशु रूम में आती हैं जैसे ही दोनो रूम में आती हैं वाशु ने सवालों की झड़ी लगा दी.........


क्या हुआ? कैसे हुआ?....... सब पूछने लगी.... फिर नेहा ने वासू को रात को क्या क्या हुआ सब बात दिया दोनो बातें कर रही थी और हंस भी रही थी.... शमा खिड़की से सब सुन रही थी..... शमा शॉक्ड हो जाती है ....


शमा को विस्वास ही नही हो रहा था कि इस सब में वाशु भी शामिल है और ये सब दोनो की मर्ज़ी से हुआ है... अभी तक तो जैसा सोचा था सब वैसे ही हुआ है..... पर अब श्री के आने के बाद हमे कुछ दिन तक शायद ही कोई मौका मिले..... नेहा ने वासू से कहा



...... हां शायद तुम ठीक ही कह रही हो........ वाशु ने जवाब दिया . हमे जल्दी ही कोई ना कोई रास्ता निकालना होगा ..... देव से चुदने के बाद मैं अब और ज़्यादा इंतजार नही कर सकती..... नेहा ने अपनी बेचैनी को जाहिर करते हुए कहा.


कुछ तो सोचना ही पड़ेगा वैसे भी मैं तुम्हे ज़्यादा बेचैन नही देख सकती कोई ना कोई हाल ज़रूर निकलेगा..... वाशु ने नेहा को तसल्ली देते हुए कहा. ठीक है जैसा तुम कहो पर जो भी करना सोच समझ कर करना नेहा ने कहा. अभी तो मुझे थोड़ा आराम की ज़रूरत है तुम भी थोड़ा आराम कर लो थोड़ी ही देर बाद खाने का भी टाइम होने वाला है हम रात में इस बारे में बात करेंगे .... और ये कहकर वाशु अपने अपने रूम में चली जाती है.... बाहर खिड़की से सब सुन रही शमा को जब लगा वाशु भर आने वाली वो वहाँ से हटकर अपने रूम में चली जाती है...




शमा को समझ नही आ रहा था कि क्या हो रहा है.. वह वाशु और अपनी मम्मी नेहा की बातों को सोचते हुए उपेर अपने रूम की ओर जाती है… फिर कुछ सोच कर वह आगे राज के रूम की ओर बढ़ जाती है जहाँ श्री सोया हुआ था शमा ये सोचते हुए शायद श्री उठ गया होगा क्यूँ ना उससे गप्पे लड़ायी जायें… पर वहाँ पहुँच कर भी शमा ने देखा की श्री अभी तक सोया हुआ है.. शमा ने सोच उसे उठा कर पर वह रुक गये और अपने रूम में वापस लौट गयी… अपने रूम में आकर शमा रात और दिन के घटना क्रम के बारे में सोचने लगती है… शमा खुद राज (या कहें राज के लंड को)को बहुत मिस कर रही थी… शमा ये जानने को उत्सुक थी अब आगे क्या होगा..? क्या आज फिर उसकी मम्मी देव से चुदने जाएगी? … क्या देव अंकल आज फिर उसकी मम्मी की चुदाई करेंगे..? या आज वाशु उनके कमरे में जाएगी? यही सोचते सोचते शमा की आँख लग जाती है…


रात को 8 बजे देव घर आ जाते हैं.. वाशु और नेहा ने खाना तय्यार कर लिया है और दोनो डाइनिंग टेबल पर खाना लगा रहे हैं… नेहा बच्चो को बुला लाओ शायद वो अभी तक सो रहे हैं… वाशु ने नेहा से कहा. नेहा श्री और शमा को बुलाने उपेर चली जाती है… वाशु खाना लगाने के बाद


देव को बुलाने अपने रूम में चली जाती है जहाँ देव ऑफीस से आने के बाद चेंज कर रहे थे.. नेहा शमा के रूम के पास जाकर डोर नॉक करती है.. आवाज़ सुनकर शमा जाग जाती है. वह उठकर दरवाजा खोलती है और नेहा अंदर आ जाती है… क्या बेटा अभी भी सोई हुई हो रात को सोना नही है क्या..


शमा नेहा की बात सुनकर घबरा सी जाती है फिर संभालते हुए… नही माँ वो बस ऐसे ही आँख लग गयी थी….शमा कहती है.


कोई बात नही चलो फ्रेश होकेर नीचे आ जाओ खाना लग गया है सब वेट कर रहे है मैं श्री को बुलाने जा रही हूँ.…कहकर नेहा श्री के रूम पर जकेर दस्तक देती है. दो तीन बार दस्तक देने पर श्री उठ जाता है जो सफ़र की थकान होने के कारण गहरी नीं में था.. उठकर डोर ओपन करता है और सामने नेहा यही अपनी मौसी को देखता है… नेहा श्री से कहती है चलो बेटा फ्रेश हो नीचे आ जाओ खाना लग गया है और सभी तुम्हारा वेट कर रहे है..


ठीक है मौसी मैं बस अभी आया…. श्री कहता हुआ वॉशरूम में घुस जाता है. नेहा वापस नीचे चली जाती है…
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