Intimate Partners अंतरंग हमसफ़र
03-03-2023, 04:12 PM,
#51
RE: Intimate Partners अंतरंग हमसफ़र
मेरे अंतरंग हमसफ़र

चतुर्थ अध्याय

लंदन जाने की तयारी

भाग -7

 सोई हुई परम् सुंदरी 


मेरे अंतरंग हमसफ़र चतुर्थ अध्याय  भाग 6 में पढ़ा:

अंत में, मेरी रगों में खून इतनी तेजी से बह रहा था कि असहनीय हो गया, हुमा चुप थी लेकिन प्यार और अपनी आँखों में लालसा के साथ, उसने मुझे कुर्सी में दबा कर बिठा दिया और ख़ुद मेरी टांग पर बैठकर, अपना हाथ मेरे सिर के पीछे से गुज़ारा और मेरी आँखों में भरा हुआ उसके लिए ढेर सारा प्यार देखा, मेरा नाम ऐसे लहजे में फुसफुसाया और बोली ओह दीपक मैं आपके बिना नहीं रह सकती।


मैंने हुमा के खुले मुंह को बार-बार चूमा मैंने उसके खुले मुंह को बार-बार चूमा और मैंने उसे पूरा नंगा कर दिया और उसने मेरे कपडे उतार दिए. वह उठी और मुझे अपने लिप्स और जीभ से चाटने लगी । उसके ऐसा करने से मैं जोश में भर कर अपने लंड को एक झटके में ही को उसकी चुत में घुसेड़ दिया और जैसे माखन की टिकिआ में चाकू जाता है उसी सरलता से वह अंदर चला गया और मेने उसकी बेरहमी से उछाल-उछाल कर चुदाई की और उसने भी चूतड़ उठा-उठा कर चुदाई का मज़ा लिया और अचानक हम दोनों एक दूसरे की बांहो जकड़ कर जन्नत के आनंद का मज़ा लिए और मैंने ढेर सारा वीर्य उसकी योनि में छोड़ा ।

आपने मेरी कहानी "  मेरे अंतरंग हमसफ़र" में अब तक पढ़ा:

मैं अपनी पत्नी प्रीती को अपनी अभी तक की अंतरंग हमसफर लड़कियों के साथ मैंने कैसे और कब सम्भोग किया। ये कहानी सुनाते हुए बता रहा था की, किस तरह मेरी फूफरी बहन की पक्की सहेली हुमा की पहली चुदाई जो की मेरे फूफेरे भाई टॉम के साथ होने वाली थी। टॉम को बुखार होने के बाद मेरे साथ तय हो गयी। फिर सब फूफेरे भाई, बहनो और हुमा की बहन रुखसाना तथा मेरी पुरानी चुदाई की साथिनों रूबी, मोना और टीना की मेरी और हुमा की पहली चुदाई को देखने की इच्छा पूरी करने के लिए सब लोग गुप्त तहखाने में बने हाल में ले जाए गए। मैं दुल्हन बनी खूबसूरत और कोमल मखमली जिस्म और संकरी चूत वाली हुमा ने अपना कौमर्य मुझे समर्पित कर दिया उसके बाद मैंने उसे सारी रात चोदा और यह मेरे द्वारा की गई सबसे आनंदभरी चुदाई थी। उसके बाद सब लोग घूमने मथुरा आगरा, भरतपुर और जयपुर चले गए और घर में एक हफ्ते के लिए केवल मैं, हुमा और रोज़ी रह गए। जाते हुए रुखसाना बोली दोनों भरपूर मजे करना। उसके बाद मैं और हुमा एक दूसर के ऊपर भूखे शेरो की तरह टूट पड़े और हुमा को मैंने पहले चोदा और फिर उसके बाद बहुत देर तक चूमते रहे।

उसके बाद मैं फूफा जी के कुछ जरूरी कागज़ लेकर श्रीमती लिली से मिलने गया पर इस कारण से हुमा नाराज हो कर चली गयी । लिली वास्तव में बहुत सुंदर थी और उसका यौवन उसके बदन और उसके गाउन से छलक रहा था। उसके दिव्य रूप, अनिन्द्य सौन्दर्य, विकसित यौवन, तेज। कमरे की साज सज्जा, और उसके वस्त्र सब मुझ में आशा, आनन्द, उत्साह और उमंग भर रहे थे। अचानक वह दर्द से चिल्लाने लगी और बोली, मेरे पैरों में ऐंठन आ गयी है। मैंने उसके गाउन को ऊपर उठाते हुए और उसकी प्यारी पिंडलियों को अपने हाथों से सहलाया, और नरम और गुलाबी त्वचा पर चुंबन कर दिया। उसके अतुलनीय अंग अनुपम रूप से सुशोभित थे। मैंने लिली की जांघो और उसकी टांगो को चूमा और सहलाया फिर उसकी योनि के ओंठो को चूमा, चूसा और फिर मेरी जीभ ने उसके महीन कड़े भगशेफ की खोज की, मैंने उसे परमानंद में चूसा, और उसने मेरा मुँह अपने चुतरस से भर दिया।

लिली ने लंड को पकड़ लंडमुड से भगनासा को दबाया और योनि के ओंठो पर रगड़ा और अपनी जांघो की फैलाते हुए योनि के प्रवेश द्वार पर लंड को लगाया अब मेरा लंड लिली की कुंवारी चूत के बिल्कुल सामने था। उसने अपने नितंबों को असाधारण तेज़ी और ऊर्जा के साथ ऊपर फेंक दिया, जबकि उस समय मैं भी उसकी स्वादिष्ट योनी में घुसने के लिए उतना ही उत्सुक तेज़ था। मेरा कठोर खड़ा हुआ लंड लिली की टाइट और कुंवारी चूत के छेद में घुस गया और मैंने लिली को आसन बदल कर भी चोदा । मैं पास के कमरे में गया वहां हुमा थीं। हम दोनों एक दूसरे की बांहो जकड़ कर जन्नत के आनंद का मज़ा लिए और मैंने ढेर सारा वीर्य उसकी योनि में छोड़ा।

अब आगे:-

कुछ देर बाद मैं उठा तो मैंने देखा हुमा भी नींद की आगोश में थी और पर्दा हटा कर मैंने लिली के कक्ष में झाँका और मैंने वहाँ बिस्तर पर गहरी नींद में सोई हुई प्यारी लिली को देखा। उसने बस एक छोटा-सा गाउन पहना हुआ था जो आगे से खुला हुआ था और इकठ्ठा हो गया था। वह अपनी पीठ के बल लेटी हुई थी, उसके हाथ उसके सुडौल सिर के नीचे थे, उसकी बाहें, एक आकर्षक स्थिति में मुड़ी हुई थीं, जो उसकी बगल के गड्ढे के नीचे बालों की हलकी-सी वृद्धि दिखा रही थी.


[Image: sleep01.webp]

उसकी बगलो के बाल उसके बालो के रंग में समान के थे, लेकिन रंग में उस शानदार झाड़ी के समान समृद्ध नहीं थे जिसे मैंने आज सुबह इतनी उदारता से उसी की सहायता से प्राप्त हुए अपनी वीर्य से गीला किया था। उसकी छाती नग्न थी और उसके दो अनमोल नग्न स्तन, गोल, पॉलिश और दृढ़, इतनी खूबसूरती से रखे हुए थे जैसे दो प्याले उलटे रखा गया हो और उनपर दो बड़े अंगूर लगा कर उन्हें सजाया गया हो और उसका पूरा शरीर उसकी पतली कमर तक, लगभग नग्न था।

लीली का एक घुटना, जो मेरे समीप था, मुड़ा हुआ था, बिस्तर के कपड़ों पर रखा हुआ उसका छोटा-सा सुंदर पैर, पैर के प्रत्येक अंगूठे का रत्न सीधा और अपने पड़ोसी से अलग, एक ऐसी सुंदर चिकनी टांग जो अब तक के सबसे तेजतर्रार मूर्तिकार को मंत्रमुग्ध कर देता, जबकि दूसराी टांग, लगभग कमर से नीचे की ओर, पूरी लंबाई में बढ़ाया गया और जो उसके प्यारे पैर पर जाकर समाप्त हो गयी और बिस्तर के किनारे के खिलाफ टिकी हुई थी ताकि उसकी जांघें, वे सुंदर कामुक और पागल करने वाली जांघें अलग हो जाएँ! क्या मैं ऐसी सुंदरता से दूर रह सकता था जबकि इतनी सुंदरता स्वतंत्र रूप से मेरे सामने प्रदर्शित थी, जबकि इस सुंदरता की प्यारी स्वामिनी सो रही थी और जिसे देख मेरा लिंग अंगड़ाईयाँ ले रहा था और जिस पर मैं अपनी जलती हुई आँखों को दावत दे सकता था?

मैं धीरे-धीरे और चुपचाप अंदर गया और बिस्तर के दूसरी तरफ़ गया, ताकि मेरी छाया उस सुंदर रूप पर न पड़े और उस प्रकाश को न रोके जो पहले हो पर्दे से छन्न का आ रहा था और माध्यम हो गया था, मैं उस परम् सुंदरी को चुपचाप निहारता रहा जिसने पूर्वाह्न में स्वर्ग का आनंद अपने कामुक आलिंगन में दिया था।
वो नींद में बहुत प्यारी लग रही थी! मैं उस प्यारे चेहरे को उसकी सभी शुद्ध रेखाओ और उसके सभी भावों में इतना निर्दोष देखकर कल्पना कर सकता था कि वह एक अविनाशी कामुक भट्टी की गर्म आग में जल रही थी। उन अतुलनीय स्तनों को देखकर कौन कल्पना कर सकता था कि असंख्य प्रेमियों ने अपनी कल्पना में उन्हें कामुक हाथ या होंठ से दबाया था और उन्हें पाने के बाद मैंने ख़ुशी में उनको चखा था और वे पीड़ा में कांपते थे?


[Image: sleep.jpg]



उसके पेट का साफ़ चौड़ा मैदान अभी भी उसके छोटी-सी गाउन के ऊपरी हिस्से से छिपा हुआ था, इतने सुंदर सांचे में ढले हुए मैं, जो, लिली के सुदृढ़ स्तनों को देख रहा था, तो ऐसा लग रहा था कि वे कभी भी दूध से नहीं भरे थे और जिनके गुलाब की कली और अंगूर जैसे निप्पल बच्चों के चेरी होंठों से कभी नहीं चूसे गए थे । वह बिकुल किसी अप्सरा की तरह लग रही थी मैंने सोचा मुझे उसके सुंदर अंगो की और बारीकी से जांच करनी चाहिए। मुझे लगा यदि वह पूरी नग्न हों तो ये करना आसान होगा, कमर के पास एक छोटे से हिस्से को छोड़कर वह लगभग नग्न ही थी मैंने धीरे से, ये ध्यान रखते हुए की उसकी नींद में खलल न पड़े, उसके छोटे से गाउन का वह हिस्सा जो उसकी पेट और कमर के नीचे के हिस्से को छुपाये हुए था उसे हटाना होगा इसलिए मैंने उसकी कमर के ऊपर पड़े गाउन का हिस्सा जो अभी भी उसकी कमर पर था उसे धीरे से हटा दिया।

उत्साह से कांपते हुए हाथ से मैंने ऐसा किया! लो! मेरी अप्सरा लगभग उतनी ही नग्न हो गयी जितनी वह पैदा होते समय थी!

जारी रहेगी

आपका दीपक
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03-03-2023, 04:15 PM, (This post was last modified: 03-14-2023, 02:29 PM by aamirhydkhan.)
#52
RE: Intimate Partners अंतरंग हमसफ़र
मेरे अंतरंग हमसफ़र

चतुर्थ अध्याय

लंदन जाने की तयारी

भाग -8

परम् सुंदरी का प्रभाव



मेरे अंतरंग हमसफ़र चतुर्थ अध्याय भाग 7 में पढ़ा:

उसके पेट का साफ़ चौड़ा मैदान अभी भी उसके छोटी-सी गाउन के ऊपरी हिस्से से छिपा हुआ था, इतने सुंदर सांचे में ढले हुए मैं, जो, लिली के सुदृढ़ स्तनों को देख रहा था, तो ऐसा लग रहा था कि वे कभी भी दूध से नहीं भरे थे और जिनके गुलाब की कली और अंगूर जैसे निप्पल बच्चों के चेरी होंठों से कभी नहीं चूसे गए थे । वह बिकुल किसी अप्सरा की तरह लग रही थी मैंने सोचा मुझे उसके सुंदर अंगो की और बारीकी से जांच करनी चाहिए। मुझे लगा यदि वह पूरी नग्न हों तो ये करना आसान होगा, कमर के पास एक छोटे से हिस्से को छोड़कर वह लगभग नग्न ही थी मैंने धीरे से, ये ध्यान रखते हुए की उसकी नींद में खलल न पड़े, उसके छोटे से गाउन का वह हिस्सा जो उसकी पेट और कमर के नीचे के हिस्से को छुपाये हुए था उसे हटाना होगा इसलिए मैंने उसकी कमर के ऊपर पड़े गाउन का हिस्सा जो अभी भी उसकी कमर पर था उसे धीरे से हटा दिया।

उत्साह से कांपते हुए हाथ से मैंने ऐसा किया! लो! मेरी अप्सरा लगभग उतनी ही नग्न हो गयी जितनी वह पैदा होते समय थी!

आपने मेरी कहानी " मेरे अंतरंग हमसफ़र" में अब तक पढ़ा: :

मैं अपनी पत्नी प्रीती को अपनी अभी तक की अंतरंग हमसफर लड़कियों के साथ मैंने कैसे और कब सम्भोग किया। ये कहानी सुनाते हुए बता रहा था की, किस तरह मेरी फूफरी बहन की पक्की सहेली हुमा की पहली चुदाई जो की मेरे फूफेरे भाई टॉम के साथ होने वाली थी। टॉम को बुखार होने के बाद मेरे साथ तय हो गयी। फिर सब फूफेरे भाई, बहनो और हुमा की बहन रुखसाना तथा मेरी पुरानी चुदाई की साथिनों रूबी, मोना और टीना की मेरी और हुमा की पहली चुदाई को देखने की इच्छा पूरी करने के लिए सब लोग गुप्त तहखाने में बने हाल में ले जाए गए। मैं दुल्हन बनी खूबसूरत और कोमल मखमली जिस्म और संकरी चूत वाली हुमा ने अपना कौमर्य मुझे समर्पित कर दिया उसके बाद मैंने उसे सारी रात चोदा और यह मेरे द्वारा की गई सबसे आनंदभरी चुदाई थी। उसके बाद सब लोग घूमने मथुरा आगरा, भरतपुर और जयपुर चले गए और घर में एक हफ्ते के लिए केवल मैं, हुमा और रोज़ी रह गए। जाते हुए रुखसाना बोली दोनों भरपूर मजे करना। उसके बाद मैं और हुमा एक दूसर के ऊपर भूखे शेरो की तरह टूट पड़े और हुमा को मैंने पहले चोदा और फिर उसके बाद बहुत देर तक चूमते रहे।

उसके बाद मैं फूफा जी के कुछ जरूरी कागज़ लेकर श्रीमती लिली से मिलने गया पर इस कारण से हुमा नाराज हो कर चली गयी । लिली वास्तव में बहुत सुंदर थी और उसका यौवन उसके बदन और उसके गाउन से छलक रहा था। उसके दिव्य रूप, अनिन्द्य सौन्दर्य, विकसित यौवन, तेज। कमरे की साज सज्जा, और उसके वस्त्र सब मुझ में आशा, आनन्द, उत्साह और उमंग भर रहे थे। अचानक वह दर्द से चिल्लाने लगी और बोली, मेरे पैरों में ऐंठन आ गयी है। मैंने उसके गाउन को ऊपर उठाते हुए और उसकी प्यारी पिंडलियों को अपने हाथों से सहलाया, और नरम और गुलाबी त्वचा पर चुंबन कर दिया। उसके अतुलनीय अंग अनुपम रूप से सुशोभित थे। मैंने लिली की जांघो और उसकी टांगो को चूमा और सहलाया फिर उसकी योनि के ओंठो को चूमा, चूसा और फिर मेरी जीभ ने उसके महीन कड़े भगशेफ की खोज की, मैंने उसे परमानंद में चूसा, और उसने मेरा मुँह अपने चुतरस से भर दिया।

लिली ने लंड को पकड़ लंडमुड से भगनासा को दबाया और योनि के ओंठो पर रगड़ा और अपनी जांघो की फैलाते हुए योनि के प्रवेश द्वार पर लंड को लगाया अब मेरा लंड लिली की कुंवारी चूत के बिल्कुल सामने था। उसने अपने नितंबों को असाधारण तेज़ी और ऊर्जा के साथ ऊपर फेंक दिया, जबकि उस समय मैं भी उसकी स्वादिष्ट योनी में घुसने के लिए उतना ही उत्सुक तेज़ था। मेरा कठोर खड़ा हुआ लंड लिली की टाइट और कुंवारी चूत के छेद में घुस गया और मैंने लिली को आसन बदल कर भी चोदा । मैं पास के कमरे में गया वहां हुमा थीं। हम दोनों एक दूसरे की बांहो जकड़ कर जन्नत के आनंद का मज़ा लिए और मैंने ढेर सारा वीर्य उसकी योनि में छोड़ा।

कुछ देर बाद मैं उठा तो मैंने देखा हुमा भी नींद की आगोश में थी और पर्दा हटा कर मैंने लिली के कक्ष में झाँका और मैंने वहाँ बिस्तर पर गहरी नींद में सोई हुई प्यारी परम् सुंदरी लिली को देखा।

अब आगे:-

सुंदरता का रोमांच और उत्तेजना से ग़ज़ब का मेल है और नग्न सुंदरता तो जैसे आग में घी डालने का काम करती है । मैंने उसे नग्न देखने के लिए उसके गाउन को खोल कर पेट से हटा दिया था, लेकिन इससे पहले कि मेरी नज़र ऊँची हो, जिस प्रकार चिड़िया उसके सामने खुले हुए सुहावने चारे के जाल में फँस जाती है, उसी प्रकार मेरी आँखें उस शानदार हलके सुनहरी बालों की जाली में उलझी गयी, झाडी में उगते हुए नयी उगी हुई घास की कोपलों जैसे नरम रोये जो ताजगी, सुंदरता और जो काम इच्छा को उत्तेजित करने लगे, वह उस समय प्रेम की देवी लग रही थी। मुझे आनंद के इस सुंदर क्षेत्र को देख आनंद आया। उसके कितने बड़े भरे होंठ थे जिन्हे उसने कितनी मधुरता से संभाला है। कितने सुंदर सुनहरे रोये जो इसे चूमते हुए प्यार करते थे और त्वचा की सफेदी को सुनहरी बना रहे थे, जिनकी तह ने उस गहरी और परिपूर्ण रेखा का निर्माण किया कुदरत द्वारा किया गया था। और उस शानदार पहाड़ी की ढलान कितनी दिव्य थी, बिलकुल छोटी से पठार की तरह जो उसकी जांघों के बीच गहरी घाटी तक गयी और उस चमकते हुए प्रेम कुटी में समाप्त हो गयी जिसमें प्रेम छिपा हुआ था और जिसमे प्रसन्नता, आनद और मजो का खजाना भरा हुआ था जिसे वह हर्ष के अतिरेक के साथ अपने प्रेमी पर खुले मन से लुटाती है और उसके हर्षित आनंद को गर्म लावे के रूप में अपने प्रेमी को प्रदान करती है।


[Image: SLEEP-BEAUTY1.jpg]
लेकिन तभी मैंने देखा एक छोटी-सी रूबी टिप उन अति सुंदर होंठों की ऊपरी बैठक के पास बाहर निकल रही है? वह रूबी टिप हिली फिर छुप गयी फिर निकली और फिर धड़कने लगी। ओह लगता है कि वह सपना देख रही है! लिली अपने मुड़े हुए पैर को उस फैलाए हुए पैर की ओर थोड़ा बंद कर लेती है! यह उसकी सबसे संवेदनशील भगशेफ है! तीव्र काम इच्छा के विचारों से उत्तेजित हो यह भगशेफ कठोर हुई और अधिक से अधिक बढ़ी और एक उत्तेजित तने की तरह छोटे झटके में हिलने लगी । अध्भुत दृश्य था ये । मेरी काम उत्तेजना ये दृश्य देख बढ़ने लगी और मेरा लिंग कठोर हो गया

मैंने सोई हुई सुंदरता की मूर्ति लिली के शांत मुस्कुराते और प्यारे चेहरे को देखा, उसके होंठ हिल गए और उसका मुंह मोती के दांतों को दिखाते हुए थोड़ा खुल गया! उसकी छाती फैलती दिख रही थी, उसके स्तन सूज गए थे, वे ऊपर उठे और उससे कहीं अधिक तेजी से गिरे और वैसे हो गए जैसे वे प्यार के इस सपने के पूरा होने या होने से पहले थे। आह! उसके बूब्स हिल रहे थे! उसकी गुलाब की कलियाँ सूज गयी और प्यार करने बाले की निगरानी करते हुए उसके प्रत्येक चूचक अपने ही पहाड़ के बर्फीले सिरे पर बैठे एक उत्सुक प्रहरी की तरह उसके चूचक खड़े हो गए और उसकी बाट जोहने लगे जो इस सपने देखने वाली लिली के ऊपर नरम, तेज और गर्म आक्रमण करेगा। पर ये प्रहरी रक्षा करने के लिए नहीं खड़े हुए थे ये आमंत्रण दे रहे थे। निश्चित तौर पर ये उस आक्रमण करता से पहले मिले हुए थे । और उसकी आहट मिलने से सजग हो गए थे ।

फिर से उसकी जाँघें एक दूसरे पर सट गयी। स्वर्ग! फिर से वे उत्साहित, हिलती-डुलती, उछलती-कूदती और वास्तव में छलांग लगाती हुई प्यार के उस गर्म आश्रय को दिखाने के लिए खुली। उसकी चमकदार रूबी क्लिट स्पष्ट रूप से उस मर्दाना साथी को महसूस करने का प्रयास कर रही है जिसका लिली आकर्षक सपने देख रही थी। मैंने सोचा क्यों न इस सपने को एक मीठी वास्तविकता में बदल दिया जाए?




[Image: SLEEPY1.jpg]
उसके चमकते छिद्र में खोजने के लिए, मैंने संकोच नहीं किया और इससे पहले कि वह जाग जाए, तेजी से कपड़े उतार एक पल में मैं उस सुबह की तरह नग्न हो गया, और सोचने लगा कि क्या मैं वास्तव में इस सो रही लड़की में अंदर प्रवेश कर पाऊँगा, तो मैं धीरे से उसके बगल से उसकी जांघ पर चढ़ गया और उसके बीच घुटनों के बीच मैंने अपने हाथों पर अपने आप को सहारा दिया, उसके प्रत्येक तरफ़ एक और अपने पैरों को पीछे की ओर खींचकर, मेरी नज़र उस प्यारी और जलती हुई योनि पर टिकी हुई थी जिस पर आक्रमण करना चाहता था। मैंने अपने शरीर को तब तक नीचे किया जब तक कि मैं अपने उत्तेजित और झटकेदार उपकरण के सिर और बिंदु को उसके निचले आधे हिस्से के बिल्कुल सामने नहीं ले आया और फिर मैंने एक झटके में ही लंड मुंड को अंदर कर दिया!

मैं ख़ुद को उस पल में उसकी मासूमियत के साथ प्यार और विलासिता के उस आसन में प्रवेश करते हुए देख सकता था! मैंने महसूस किया उसकी योनि गीली थी और इतनी टाइट थी की लंड की चमड़ी और योनि की दीवारों के घर्षण के कारण मेरे लंडमुंड के ऊपर की चमड़ी मेरे लंड के झुनझुनी वाले सिर से पीछे हट रही है और लंड के चौड़े बैंगनी कंधो जैसी जगह के पीछे मुड़ कर इकठी हो गयी और लाल लंडमुंड उसकी योनि को चुंबन करते हुए उसकी योनि की पूरी गहराईयो में समा गया । एक पल के लिए मैंने उसके चेहरे की ओर देखा कि क्या उसे मेरे द्वारा की गयी इस घुसपैठ का कुछ आभास हुआ है? वह अभी भी एक कामुक सपने के उत्साह में सो रही थी। मैं धीरे-धीरे उसे और अधिक आनंद देने के लिए, थोड़ा-सा पीछे हटते हुए, आगे और आगे दबाव डाला।


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अब लगभग पूरा लंड अंदर चला गया था, उसकी योनि प्रदेश के रोये मेरी आँखों से मेरे औजार के आखिरी इंच या इतने से भी कम को छुपा रही थी, हमारेयोनि प्रदेश के बाल आपस में मिले, मेरे अंडे उसके नितम्बो से छुए और वह हिली और जगने लगती है और उसकी आँखे थोड़ी-सी खुली!

एक पल में उसकी लगभग जंगली उत्सुक आँखे मेरी नज़रो से मिलीं, और मुझे देख उसकी आँखे ख़ुशी और स्नेही दुलार से चमक उठी और उसने अपने बाहे मेरे गले में डाल मेरे मुँह को अपने ओंठो के पास खींचा।

"आह! तो यह आप है?" वह कराही, "मैं तुम्हारा ही सपना देख रही थी! और तुमने मुझे इतने प्यार से जगा दिया!"


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उसके बाद हमने कुछ देर गहरे और गर्म और लम्बे चुंबन किये, ओंठो से ओंठ और जीभ से जीभ मिले और लार का आदान प्रदान किया।

फिर दोनों ख़ुशी और थोड़े विस्मय के साथ तंग आलिंगन में लिपटे गले से गले फिर स्तन से स्तन, पेट, से पेट, मुँह के साथ मुँह मिले, जांघो से जाँघे, टांगो से टाँगे और पारो ने पैरो को दबाया और रगड़ा और हम ऐसे ही एक दुसरे के साथ खेलते रहे। शरीर के हर-हर हिस्से में हलचलें हुई और फिर पैर की अंगुली और एड़ी जैसा कि उसने कहा:, गर्म, तेज, रोमांचकारी चुदाई शुरू हुई जो पता नहीं कब तेज छोटी खुदाई में बदली और दोनों के कराहो के बीच में फिर प्यार के दो ज्वालामुखियों की धाराएँ एक साथ फूटी और उनका लावा बाढ़ की तरह पहाड़ी के ढलानों से नीचे बह गया।

तभी घडी में छे बजे का घंटा बजा। हमने लगभग पूरे एक घंटे गहन कार्यवाही की थी और मेरी आकर्षक सुंदरता लिली ने मेरे खड़े हुए लंड की एक बार फिर जांच की और उसने कहा, अध्भुत तुम्हारा लिंग और अंडकोष सच में अध्भुत हैं। अद्भुत, अद्भुत इसलिए क्योंकि तुम्हारे लिंग में थकान के कोई लक्षण नहीं थे और दूसरे में भी कोई कमी के कोई लक्षण नहीं थे।
उसने लंड को पकड़ा, सहलाया और फिर उत्तेजना से लाल लंडमुंड को चूमा फिर घुमा का एक तरफ़ और फिर घुमा कर दूसरी तरफ़ देखा "मुझे विश्वास नहीं है कि पुरुष का लिंग ऐसा भी हो सकता है!"

"क्यों आपको ऐसा क्यों लगता है?" मैंने हंसते हुए पूछा।

"क्योंकि यह तो हमेशा कठोर ही रहता है--क्या तुम्हारा लिंग हमेशा खड़ा रहता है?"

"ऐसा इसलिए है क्योंकि मैं आपका दीवाना हूँ और ये आपकी योनि का आशिक हो गया है, मेरी प्रिय लिली, इसे बाहर निकालने के बाद हमेशा इसमें वापस आने की बहुत ज़्यादा जल्दी रहती है!"


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" लेकिन मैंने ऐसा पहले कभी नहीं देखा है! मैंने अपनी बहन को कई मर्दो के साथ सम्भोग करते हुए देखा है अन्य सभी पुरुष के लिंग एक बार सम्भोग के बाद और उनमे से ज्यादातर के दूसरी बार के बाद हमेशा नरम हो जाते हैं और आम तौर पर फिर से खड़े होने के लिए काफ़ी प्रयास करना पड़ता है, और वह भी तब जब उन्हें बहुत समय दिया जाए! लेकिन तुम्हारा तो बैठता ही नहीं है! मैंने कभी ऐसा देखा नहीं है मैं ऐसे किसी से कभी नहीं मिली! मैं देख सकती हूँ, इसमें से सारा रस निकालने के लिए मुझे बहुत मेहनत करनी होगी! इससे मुझे बहुत परेशानी होगी ।

"ओह! लेकिन मैं अपनी सबसे प्यारी और परम सुंदर प्रेमिका को आश्वस्त कर सकता हूँ कि सामान्य महिलाओं के साथ मैं वैसा ही हूँ जैसा आप उन पुरुषों का वर्णन कर रही हैं या जिन्हें आप ने देखा या जाना है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि यह आपकी असाधारण सुंदरता ही है जिसने मुझ पर इतना शक्तिशाली प्रभाव डाला है!" मैं उसे चूमते हुए बोला "आइए!" मैंने अपनी बाँहों और जाँघों को खोलते हुए कहा। "आओ और मेरे ऊपर लेटो और मुझे एक लम्बा गहरा चुंबन करो!"

उसकी सुंदरता की प्रशंसा मैंने की, उसकी प्रसंसा जो मैंने की थी वह उसके योग्य थी, अपनी प्रशन्सा से उत्साहित, उसने ख़ुद को ख़ुशी के कराहते हुए मेरे ऊपर फेंक दिया और मेरी मर्दानगी उसकी योनि से टकराई और उसने टाँगे खोल कर उसका स्वागत किया और वह अपने पसंददीदा विश्राम स्थान में फिर से प्रवेश कर गयी ।

प्यार सेऔर बिल्ली की तरह चाटते हुए जोश से थोड़ा शब्दों को बड़बड़ाते हुए वह मुझे मधुर चुंबन करती रह, फिर मैंने उसे प्रस्ताव दिया कि वह अपनी जांघो को मेरी जांघो पर थोड़ा फैला कर मेरे ऊपर बैठ जाए।

"लिली मेरी जान! आ जाओ मेरे ऊपर बैठो" मैं कराहा! और मैं ने अपना हाथ उसके पेट के नीचे और उसकी जाँघों के बीच और अपनी लंड को उसकी धधकती हुई गुफा में खिसका दिया। मेरा लंड कुछ समय के लिए एक दम कड़ा, सुजा हुआ और जोश से धड़क रहा था, और राहत पाने के लिए दर्द हो रहा था। लिली में अपनी जाँघे मिलाई।

"इसे दबाओ निचोड़ेो, लिली! इसे निचोड़ो, प्रिये; आह! अच्छा! ऐसा करो! और करो, इससे मुझे बहुत मदद मिलेगी; तुम नहीं जानते कि मैं कैसे तड़प रहा हूँ, मेरी प्रिय इसे कस कर निचोड़ो, थोड़ा सा ऊपर-नीचे करो -ओह, बेबी, यह बहुत बढ़िया है!"

उसे बार बार चूमते हुए,अपने हाथो से उसके नितम्बों और स्तन को दबाते हुए धीरे-धीरे लिली के नीचे मेरी कमर ने अपना काम जारी रखा और इस रमणीय अनुभूति के कुछ क्षण लंबे मेरे लिए पर्याप्त थे। अचानक ऐंठन के साथ, अपने कूल्हों को ऊपर उठाते हुए उसे अपने और खींचा और उसे अपने स्तन से चिपका कर उस सुंदर लड़की को पागलों की तरह चूमने लगा।

जारी रहेगी

आपका दीपक
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03-14-2023, 02:20 PM,
#53
RE: Intimate Partners अंतरंग हमसफ़र
मेरे अंतरंग हमसफ़र

चतुर्थ अध्याय

लंदन जाने की तयारी

भाग - 9

वूमेन ऑन टॉप



मेरे अंतरंग हमसफ़र चतुर्थ अध्याय भाग 8 में  पढ़ा:

"इसे दबाओ निचोड़ेो, लिली! इसे निचोड़ो, प्रिये; आह! अच्छा! ऐसा करो! और करो, इससे मुझे बहुत मदद मिलेगी; तुम नहीं जानते कि मैं कैसे तड़प रहा हूँ, मेरी प्रिय इसे कस कर निचोड़ो, थोड़ा-सा ऊपर-नीचे करो-ओह, बेबी, यह बहुत बढ़िया है!"

उसे बार-बार चूमते हुए, अपने हाथो से उसके नितम्बों और स्तन को दबाते हुए धीरे-धीरे लिली के नीचे मेरी कमर ने अपना काम जारी रखा और इस रमणीय अनुभूति के कुछ क्षण लंबे मेरे लिए पर्याप्त थे। अचानक ऐंठन के साथ, अपने कूल्हों को ऊपर उठाते हुए उसे अपने और खींचा और उसे अपने स्तन से चिपका कर उस सुंदर लड़की को पागलों की तरह चूमने लगा।

आपने मेरी कहानी " मेरे अंतरंग हमसफ़र" में अब तक पढ़ा: 

मैं अपनी पत्नी प्रीती को अपनी अभी तक की अंतरंग हमसफर लड़कियों के साथ मैंने कैसे और कब सम्भोग किया। ये कहानी सुनाते हुए बता रहा था की, किस तरह मेरी फूफरी बहन की पक्की सहेली हुमा की पहली चुदाई जो की मेरे फूफेरे भाई टॉम के साथ होने वाली थी। टॉम को बुखार होने के बाद मेरे साथ तय हो गयी। फिर सब फूफेरे भाई, बहनो और हुमा की बहन रुखसाना तथा मेरी पुरानी चुदाई की साथिनों रूबी, मोना और टीना की मेरी और हुमा की पहली चुदाई को देखने की इच्छा पूरी करने के लिए सब लोग गुप्त तहखाने में बने हाल में ले जाए गए। मैं दुल्हन बनी खूबसूरत और कोमल मखमली जिस्म और संकरी चूत वाली हुमा ने अपना कौमर्य मुझे समर्पित कर दिया उसके बाद मैंने उसे सारी रात चोदा और यह मेरे द्वारा की गई सबसे आनंदभरी चुदाई थी। उसके बाद सब लोग घूमने मथुरा आगरा, भरतपुर और जयपुर चले गए और घर में एक हफ्ते के लिए केवल मैं, हुमा और रोज़ी रह गए। जाते हुए रुखसाना बोली दोनों भरपूर मजे करना। उसके बाद मैं और हुमा एक दूसर के ऊपर भूखे शेरो की तरह टूट पड़े और हुमा को मैंने पहले चोदा और फिर उसके बाद बहुत देर तक चूमते रहे।

उसके बाद मैं फूफा जी के कुछ जरूरी कागज़ लेकर श्रीमती लिली से मिलने गया पर इस कारण से हुमा नाराज हो कर चली गयी । लिली वास्तव में बहुत सुंदर थी और उसका यौवन उसके बदन और उसके गाउन से छलक रहा था। उसके दिव्य रूप, अनिन्द्य सौन्दर्य, विकसित यौवन, तेज। कमरे की साज सज्जा, और उसके वस्त्र सब मुझ में आशा, आनन्द, उत्साह और उमंग भर रहे थे। अचानक वह दर्द से चिल्लाने लगी और बोली, मेरे पैरों में ऐंठन आ गयी है। मैंने उसके गाउन को ऊपर उठाते हुए और उसकी प्यारी पिंडलियों को अपने हाथों से सहलाया, और नरम और गुलाबी त्वचा पर चुंबन कर दिया। उसके अतुलनीय अंग अनुपम रूप से सुशोभित थे। मैंने लिली की जांघो और उसकी टांगो को चूमा और सहलाया फिर उसकी योनि के ओंठो को चूमा, चूसा और फिर मेरी जीभ ने उसके महीन कड़े भगशेफ की खोज की, मैंने उसे परमानंद में चूसा, और उसने मेरा मुँह अपने चुतरस से भर दिया।

लिली ने लंड को पकड़ लंडमुड से भगनासा को दबाया और योनि के ओंठो पर रगड़ा और अपनी जांघो की फैलाते हुए योनि के प्रवेश द्वार पर लंड को लगाया अब मेरा लंड लिली की कुंवारी चूत के बिल्कुल सामने था। उसने अपने नितंबों को असाधारण तेज़ी और ऊर्जा के साथ ऊपर फेंक दिया, जबकि उस समय मैं भी उसकी स्वादिष्ट योनी में घुसने के लिए उतना ही उत्सुक तेज़ था। मेरा कठोर खड़ा हुआ लंड लिली की टाइट और कुंवारी चूत के छेद में घुस गया और मैंने लिली को आसन बदल कर भी चोदा । मैं पास के कमरे में गया वहां हुमा थीं। हम दोनों एक दूसरे की बांहो जकड़ कर जन्नत के आनंद का मज़ा लिए और मैंने ढेर सारा वीर्य उसकी योनि में छोड़ा।


[Image: voy0.gif]

कुछ देर बाद मैं उठा तो मैंने देखा हुमा भी नींद की आगोश में थी और पर्दा हटा कर मैंने लिली के कक्ष में झाँका और मैंने वहाँ बिस्तर पर गहरी नींद में सोई हुई प्यारी परम् सुंदरी लिली को देखा। मैं अपने उत्तेजित और झटकेदार उपकरण के सिर और बिंदु को उसके निचले आधे हिस्से के बिल्कुल सामने नहीं ले आया और फिर मैंने एक झटके में ही लंड मुंड को अंदर कर दिया! मेरा लंड एक बार फिर झड़ने के बाद कठोर ही रहा और उसे देख लिली थोड़ा आश्चर्यचकित हुई और मैंने उसने अपने ऊपर आने के लिए उत्साहित किया।

अब आगे:-

मैंने एक दो बार अपने नितम्बो को हिलाया तो लंड बाहर आ गया अब एक मुस्कान के साथ लिली मेरे ऊपर बैठ गई। अपने हाथ मेरे गले में डाल जैसे ही वह मेरी छाती से नीचे गई, मैंने महसूस किया कि उसका वज़न मेरे बदन पर आ गया था। वह आगे झुकी हुई थी, जिससे उसके स्तन मेरे चेहरे के सामने आ गए। जैसे ही वह रुकी और स्थिर हुई, मैंने अपने होठों ऊपर किये और उसके एक गुलाबी, छोटे, सख्त निप्पल को अपने मुँह में ले लिया। मैंने निप्पल को अपने होठों के बीच धीरे से चूसा, हल्के से कुतरते हुए। वह ख़ुद को सीधा करने से पहले, थोड़ा आगे झुकी और उसके निपल्स पर मेरी चुंबन को स्वीकार करते हुए रीता ने अपने शरीर को तब तक नीचे किया जब तक वह मेरे कूल्हों पर बैठी गयी और मेरा लंड उसके नीचे टिक गया। मैं उसकी झांघो का स्पर्ष उसकी लंबाई के साथ अपने जांघो पर महसूस कर रहा था क्योंकि उसने अपनी चूत को मेरे जांघो के साथ लगस्ते हुए लंड की और सरकाया। उसकी नमी ने इस क्रिया को आसान और उत्तेजक बना दिया। वह जानती थी कि मुझे क्या चाहिए क्योंकि उसने अपने कूल्हों को ऊपर उठाया और उसके हाथ ने मेरे लंड को मजबूती से पकड़ लिया और सीधा पकड़ लिया। उसने अपने कूल्हों को हिलाया ताकि उसका योनि का द्वार मेरे लंड के सामने आ जाए फिर उसने ख़ुद को लंड के ऊपर हो और धीरे-धीरे ख़ुद को लंड पर नीचे कर लिया। एक बार जब मेरा लंड पूरी तरह से उसके अंदर था, तो वह स्थिर और सीधी बैठ गयी। '

लिली मेरे तनकर खड़े लंड पर धीरे-धीरे अपनी चूत दबाकर लंड को अंदर घुसा रही थी। मेरे सामने ख़ूबसूरती का नज़ारा था, उसका बदन मेरे सामने नुमाइश पर था। वह मेरी जंघाओं पर बैठी हुई थी, उसके कूल्हे मेरी जंघाओं पर दब रहे थे। उसके छोटे मेरे सामने तने हुए थे, उसके निप्पल खड़े थे। मैं अपने हाथों में उन्हें लेने के लिए हाथ ऊपर किये और उनकी मालिश करने लगा और उसने अपना सिर पीछे किया और आँखें बंद कर लीं।


मुझे लगा कि उसके कूल्हे ऊपर उठ रहे हैं और वह धीरे-धीरे मेरे लंड से ऊपर होने लगी। उसने मुझे पूरी तरह से मुक्त कर दिया, फिर तुरंत अपने आप को फिर से मुझ पर पूरी तरह से नीचे कर लिया। उसकी गति जानबूझकर धीमी थी। हर रिलीज के साथ, वह अपना वज़न कम करती ऊपर उठती और लंड को एक बार फिर से अंदर ले जाती तो उसके होंठ हर बार नए सिरे से प्रवेश करते हुए छोटा "ओ" बना रहे थे। वह मेरे लंड पर धीरे से उठती और फिर नीचे बैठ जाती जिसकी वज़ह से लंड अंदर बाहर हो रहा था और वह ख़ुद अपनी चुदाई मेरे लंड से कर रही थी और बहुत मज़े कर रही थी। अब वह पूरी मस्ती में थी और मस्ती में मौन कर रही थी अआह्ह्ह आाइईई और बोली, बहुत मज़ा आ रहा है।

मेरे हाथ उसके कूल्हों तक पहुँच गए, और मैंने उसकी गति बढ़ाने में सहयोग किया और वह मेरे लंड की सवारी करती रही। मेरे कूल्हे हर बार जब वह नीचे की आती थी तो मिलने के लिए ऊपर उठ रहे हैं।



[Image: wot.gif]


फिर अब उसे भी मज़ा आने लग रहा था, अब वह भी अपने कूल्हे उछाल-उछालकर मुझसे चुदवा रही थी। अब मैंने उसे और ज़ोर-जोर से चोदना शुरू कर दिया था। रीता मेरे ऊपर बैठी बहुत मादक लग रही थे उनके रेशमी सुनहरी बाल उसके स्तनों पर फ़ैल गए थे और रीता ने उन्हें पीछे करते हुए मेरी छाती पर अपने हाथ रख दिया और एक हाथ मेरे नितम्ब के नीचे ले जाकर बोली और ज़ोर से और ज़ोर से चोदो मैंने भी अपने चूतड़ उठा कर लिली का साथ दिया... मेरा लंड उनकी चूत के अंदर पूरा समां जाता था तो दोनों के आह निकलती थी ।फिर मेरे हाथ लिली के बूब्स को मसलने लगे फिर मैं उनकी चूचियों को खींचने लगता था तो वह सिहर जाती और सिसकने लगती । उसके बाद मैं लिली के ऊपर झुक गया और हम लिप किस करते हुए लय से चोदने में लग गए।

मैं लिली को बेकरारी से चूमने लगा और चूमते-चूमते हमारें मुंह खुले हुये थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी वह अपनी कमर उठा-उठाकर चिल्ला रही थी और बडबड़ा रही थी आहहहहहह और चोदो मेरी चूत को, आज मत छोड़ना, इसे भोसड़ा बना देना और फिर कुछ देर के बाद वह बोली हाए मेरे राजा में झड़ने वाली हूँ और फिर हम दोनों ने धक्को की स्पीड बढ़ा दी उसने मेरी आँखों में देखा क्योंकि उसका शरीर तनावग्रस्त था। मैं महसूस कर सकता था कि उसकी मांसपेशियाँ मेरे चारों ओर कस रही हैं और उसका रस मेरे लंड पर बह रहा है। मेरे कूल्हे लंड को उसके अंदर रखने के लिए उठे हुए थे मैं भी चरमोत्कर्ष पर पहुँचा मेरे लंड स्खलन के लिए त्यार था मैंने तुरंत लीला को अपनी लंड से ऊपर दबा दिया और गर्म पानी की एक धारा योनि में भर दी। मैंने अपने मोटे गर्म शुक्राणु की अगली धाराओं को छोड़ा और लिली ने मेरे सह को उसकी चूत के अंदर महसूस किया।

हुमा भी घण्टे की आवाज़ से जग गयी थी और मुझे ढूँढते हुए लिली के कमरे में पता नहीं कब आ गयी थी लिली की चुदाई देखने के बाद हुमा भी मेरे साथ चिपक गयी।

यूं ही शाम हुयी और फिर रात का समय हो गया और मेरा आकर्षण बढ़ता ही जा रहा था और शायद आग उधर भी लगी थी, क्योंकि लिली और हुमा भी मेरे आस पास ही मंडरा रही थी।

कुछ देर बाद लिली ने मुझ से पूछा-अब आगे का क्या इरादा है?

मैं उसे किश करते हुए नाक से नाक रगड़ते हुए बोला-बस मेरी जान! चुदाई और सिर्फ़ चुदाई! लिली मेरी जान, मैं अपने लंड को अब अगले पांच दिन तक तुम्हारी और हुमा की चूत के अन्दर घिसना चाहता हूँ। लेकिन उसके अलावा और कोई ख़्वाहिश हो तो बताओ!

और मैंने उसके मम्मे दबा दिए और उसने मेरे लंड को दबा कर मेरे चुंबन का चुंबन से उत्तर दिया और बोली रुको अच्छा बताओ दीपक जी, मैं आज आपके द्वारा दी गयी सेवा के ऐवज में आपको क्या दूँ?

मैं-जो मर्जी आपकी।


[Image: wot-rc.gif]

मैंने थोड़ा सभ्यता दिखाते हुए कहा।

लिली । नहीं आप बताईये आपको क्या पसंद है

मैं बोला लिली जी मुझे तो आप ही मिल जाए तो मज़ा आ जाए मैं उसके विषय में सोचते हुए कि अगर मुझे उसका साथ मिले, तो मैं उसके साथ क्या-क्या करूँगा, के सपने में खो गया। तभी मेरे कमर में हल्की से चिकोटी काटने का अहसास हुआ, तो मैं सकपका कर देखने लगा।

लिली-ठीक है! फिर मैं आपको जल्द ही और अपने हिसाब से बहुत बढ़िया गिफ्ट दूँगी ।

हुमा ने मुझे चिकोटी काटी थी, मेरे इस तरह सकपका कर देखने से वह बोली-जनाब कहाँ खो गए थे आप?

मैं-सच कहूँ तो आप दोनों की चूत चुदाई की याद में खो गया था।

वो दोनों मुस्कुरा दी।

जारी रहेगी
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03-19-2023, 07:42 PM,
#54
RE: Intimate Partners अंतरंग हमसफ़र
मेरे अंतरंग हमसफ़र

चतुर्थ अध्याय

लंदन जाने की तयारी

भाग -10

नकली गुस्सा असली प्यार.



मेरे अंतरंग हमसफ़र चतुर्थ अध्याय भाग 9   में पढ़ा:

कुछ देर बाद लिली ने मुझ से पूछा-अब आगे का क्या इरादा है?

मैं उसे किश करते हुए नाक से नाक रगड़ते हुए बोला-बस मेरी जान! चुदाई और सिर्फ़ चुदाई! लिली मेरी जान, मैं अपने लंड को अब अगले पांच दिन तक तुम्हारी और हुमा की चूत के अन्दर घिसना चाहता हूँ। लेकिन उसके अलावा और कोई ख़्वाहिश हो तो बताओ!

आपने मेरी कहानी " मेरे अंतरंग हमसफ़र" में अब तक पढ़ा:

मैं अपनी पत्नी प्रीती को अपनी अभी तक की अंतरंग हमसफर लड़कियों के साथ मैंने कैसे और कब सम्भोग किया। ये कहानी सुनाते हुए बता रहा था की, किस तरह मेरी फूफरी बहन की पक्की सहेली हुमा की पहली चुदाई जो की मेरे फूफेरे भाई टॉम के साथ होने वाली थी। टॉम को बुखार होने के बाद मेरे साथ तय हो गयी। फिर सब फूफेरे भाई, बहनो और हुमा की बहन रुखसाना तथा मेरी पुरानी चुदाई की साथिनों रूबी, मोना और टीना की मेरी और हुमा की पहली चुदाई को देखने की इच्छा पूरी करने के लिए सब लोग गुप्त तहखाने में बने हाल में ले जाए गए। मैं दुल्हन बनी खूबसूरत और कोमल मखमली जिस्म और संकरी चूत वाली हुमा ने अपना कौमर्य मुझे समर्पित कर दिया उसके बाद मैंने उसे सारी रात चोदा और यह मेरे द्वारा की गई सबसे आनंदभरी चुदाई थी। उसके बाद सब लोग घूमने मथुरा आगरा, भरतपुर और जयपुर चले गए और घर में एक हफ्ते के लिए केवल मैं, हुमा और रोज़ी रह गए। जाते हुए रुखसाना बोली दोनों भरपूर मजे करना। उसके बाद मैं और हुमा एक दूसर के ऊपर भूखे शेरो की तरह टूट पड़े और हुमा को मैंने पहले चोदा और फिर उसके बाद बहुत देर तक चूमते रहे।

उसके बाद मैं फूफा जी के कुछ जरूरी कागज़ लेकर श्रीमती लिली से मिलने गया पर इस कारण से हुमा नाराज हो कर चली गयी । लिली वास्तव में बहुत सुंदर थी और उसका यौवन उसके बदन और उसके गाउन से छलक रहा था। उसके दिव्य रूप, अनिन्द्य सौन्दर्य, विकसित यौवन, तेज। कमरे की साज सज्जा, और उसके वस्त्र सब मुझ में आशा, आनन्द, उत्साह और उमंग भर रहे थे। अचानक वह दर्द से चिल्लाने लगी और बोली, मेरे पैरों में ऐंठन आ गयी है। मैंने उसके गाउन को ऊपर उठाते हुए और उसकी प्यारी पिंडलियों को अपने हाथों से सहलाया, और नरम और गुलाबी त्वचा पर चुंबन कर दिया। उसके अतुलनीय अंग अनुपम रूप से सुशोभित थे। मैंने लिली की जांघो और उसकी टांगो को चूमा और सहलाया फिर उसकी योनि के ओंठो को चूमा, चूसा और फिर मेरी जीभ ने उसके महीन कड़े भगशेफ की खोज की, मैंने उसे परमानंद में चूसा, और उसने मेरा मुँह अपने चुतरस से भर दिया।

लिली ने लंड को पकड़ लंडमुड से भगनासा को दबाया और योनि के ओंठो पर रगड़ा और अपनी जांघो की फैलाते हुए योनि के प्रवेश द्वार पर लंड को लगाया अब मेरा लंड लिली की कुंवारी चूत के बिल्कुल सामने था। उसने अपने नितंबों को असाधारण तेज़ी और ऊर्जा के साथ ऊपर फेंक दिया, जबकि उस समय मैं भी उसकी स्वादिष्ट योनी में घुसने के लिए उतना ही उत्सुक तेज़ था। मेरा कठोर खड़ा हुआ लंड लिली की टाइट और कुंवारी चूत के छेद में घुस गया और मैंने लिली को आसन बदल कर भी चोदा । मैं पास के कमरे में गया वहां हुमा थीं। हम दोनों एक दूसरे की बांहो जकड़ कर जन्नत के आनंद का मज़ा लिए और मैंने ढेर सारा वीर्य उसकी योनि में छोड़ा।

कुछ देर बाद मैं उठा तो मैंने देखा हुमा भी नींद की आगोश में थी और पर्दा हटा कर मैंने लिली के कक्ष में झाँका और मैंने वहाँ बिस्तर पर गहरी नींद में सोई हुई प्यारी परम् सुंदरी लिली को देखा। मैं अपने उत्तेजित और झटकेदार उपकरण के सिर और बिंदु को उसके निचले आधे हिस्से के बिल्कुल सामने नहीं ले आया और फिर मैंने एक झटके में ही लंड मुंड को अंदर कर दिया! मेरा लंड एक बार फिर झड़ने के बाद कठोर ही रहा और उसे देख लिली थोड़ा आश्चर्यचकित हुई और मैंने उसने अपने ऊपर आने के लिए उत्साहित किया। हुमा भी घण्टे की आवाज़ से जग गयी थी और मुझे ढूँढते हुए लिली के कमरे में पता नहीं कब आ गयी थी लिली की चुदाई देखने के बाद हुमा भी मेरे साथ चिपक गयी।

अब आगे:-

हुमा मेरे साथ चिपकी हुई मुझे किश करने लगी और रुआंसे से स्वर में कहने लगी-दीपक आई मिस यू! आई लव यू!

वो प्यार की भाषा बोले जा रही थीl मैं भी उसे किश करता रहाl

उसने मुझे बहुत देर तक हग किया और फिर अलग हुएl

ये सब ख़त्म करने के बाद मैं और हुमा चिपक कर बात कर ही रहे थे कि तभी दरवाजे पर दस्तक हुईl हुमा ने उठ कर दरवाज़ा खोला, तो लिली किचन में चाय पानी और कुछ नाश्ता ले कर आ गईl

नाश्ता करने के बाद लिली बर्तन इत्यादि ले कर चली गयी l


[Image: SLEEP1.jpg]

तो मैंने उससे पुछा हुमा तुम यहाँ कैसे पहुँची?

तो बो बोली जब आपको आपके फूफा जी में फ़ोन पर सन्देश भेजा था और यहाँ का पता बताया था तो मैंने पढ़ लिया था और जब आप बोलो मुझे जाना होगा तो मैंने सोचा क्यों न इसमें थोड़ा रोमांचा जोड़ा जाए इसलिए मैंने आपसे नाराज होने का नाटक किया और टैक्सी बुला कर यहाँ चली आयी और मैंने लिली को पूरी बात बतायी तो उसने आगे का सब प्लान ख़ुद बना लिया ।

मैं भी नकली गुस्सा करते हुए बोलै तुम्हे पता नहीं है और मुझे कितना बुरा लगा था मैंने अपने कपड़े पहने और जाने के लिए तैयार हो गया।

हुमा ने मुझे अपने और खींचा और मुझ पर टूट पड़ीl वह मेरे गाल, नाक, मुँह, सब जगह चूमने लगी और रोने लगीl

मैं थोड़ा नाटक करते हुए बाहर निकला और भी वही थोड़ी दूर बगीचे में थोड़ी सैर करने चला गया और कुछ देर घूमने के बाद सिगरेट पी कर वापस आ गयाl तब तक हुमा ने फ़ोन पर मुझे देर सारे सॉरी के SMS.भेज डाले

जब मैं वापिस आया तो वहाँ हुमा अकेली बैठी थी

हुमा ऐसे ही नंगी उठकर उसके करीब आई और मुझसे लिपट कर बोली-" आई एम सॉरी...तुम गुस्सा मत मानो बस... मैंने तो बीएस मजे के लिए किया था... आई ऍम सॉरी प्रोमिस, आज के बाद तुम्हे कभी ऐसे नहीं सताऊँगी पर तुम नाराज़ मत होना... कहते हुए हुमा ने मेरे लंड को पेंट के उपर से पकड़ कर ज़ोर से दबा दिया।



[Image: S12.jpg]
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हुमा ने-ने इशारा किया और लिली भी दौड़कर मेरे से आकर लिपट गयी...अपनी दोनों बाहों में 2 गरमा गरम लड़कियों को-को दबोचकर मेरा सारा नकली गुस्सा फुर्र हो गया...

मैंने एक के बाद एक दोनों को अच्छी तरह से स्मूच किया।

उसने एक के बाद एक दोनों को अच्छी तरह से स्मूच किया।

जैसे ही मैंने हुमा की गांड पर हाथ रखकर उसे अपनी तरफ़ उचकाया, वो किसी बंदरिया की तरह उछलकर मेरे से लिपट गयी...उन दोने में से हुमा छोटी थी और छोटी होने के साथ वह काफ़ी हल्की

भी थी...शायद उसका वज़न 50 के भी कम था...

उसने अपनी नंगी बॉडी को मेरे जिस्म से बुरी तरह से मसल दिया और उपर उछलकर अपने आतुर होंठों को मेरे गर्म होंठों पर रखकर एक गहरे चुंबन में डूब गयी।


[Image: 3s1c.webp]

मेरे लिए ये स्मूच एक यादगार लम्हा बनकर रह गया, और उसे किस्स करके पता चला हॉटनेस में वह अच्छे-अच्छों को पीछे छोड़ सकती थीl उसके किस्स करने का तरीक़ा ही ऐसा था, सबसे निराला, अपनी जीभ और होंठों को पूरी तरह से गीला करके वह मेरे होंठों को नहला रही थीl

मेरे दूसरे हाथ में लिली थी, वरना मैं उस समय हुमा के स्तनों को नींबू की तरह निचोड़ चुका होता अब तकl

हम दोनों को ऐसे स्मूच करता देखकर लिली ने हुमा को टोका-"अब बस करो हुमा! खा जाएगी क्या दीपक को!"

हुमा मेरी गोद में चढ़कर वह मेरी कमर पर अपनी चूत भी रगड़ रही थी...

कुछ देर के बाद हुमा उठी और मेरी पेण्ट को खोल दिया और मेरे लंड को खड़ा देख कर उसके ऊपर बैठने की कोशिश करने लगी।

मैंने भी उसको घोड़ी बनाया और अपना खड़ा लंड उसकी चूत में पीछे से डाल दिया। उसकी चूत बहुत ही टाइट लगी मुझको और लंड बड़ी मुश्किल से अंदर जा रहा था।

लंड के घुसते ही चूत में बहुत गीलापन 


[Image: kis01a.webp]
आना शुरू हो गया और फिर मैंने कभी तेज़ और कभी आहिस्ता धक्के मार कर हुमा का पानी जल्दी ही छूटा दिया और वह कई क्षण मुझ से लिपटी रही।

फिर मैंने लिली को उठा कर अपने सीने से लगाया। उसकी काफ़ी तारीफ की, उसके सैक्सी जिस्म की काफ़ी तारीफ की। फिर मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रखे। वाकय उसके होंठ बहुत ही नरम और गुलाब की तरह थे। मैंने उसके होंठ चूसना शुरू किया। उसके बाद उसके होंठों को एक प्यासे बच्चे की तरह चूसने लगा।

लिली भी किसिंग में बहुत एक्सपर्ट लगती थी। उसने इस तरीके से मेरे होंठ चूसना शुरू किया कि मैं बहुत इंजॉय कर रहा था। उसके बाद हमारी ज़ुबानें एक दूसरे के मुँह में थीं। मैं उसके मुँह का ज़ायका चख रहा था और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। साथ-साथ मेरा हाथ उसके बूब्स पर गया।

मैंने उसके मम्मे दबाना शुरू किया और लिली को भी मज़ा आने लगा। उसके बाद मैंने उसके एक मम्मे को मुँह में लिया और उसको चूसने लगा। मेरी हालत एक भूखे बच्चे की तरह थी। मैंने एक मम्मे को मुँह में लिया था और दूसरे को हाथ से मल रहा था। वह बहुत ही गरम हो रही थी और मैं लगातार उसके मम्मे एक के बाद दूसरे को चूस रहा था। उसने मेरे सिर को अपनी चूचियों के साथ लगा कर रखा था और आँखें बंद की थीं। उसने मेरे जिस्म पर हाथ फेरना शुरू किया और जब उस का हाथ मेरे लंड पर पहुँचा और उसने मेरा लंबा कठोर लंड अपने मुलायम और नाज़ुक हाथों में काबू किया और मैं अभी तक कभी उसके मम्मे चूस रहा था और कभी उसके लिप्स को चूसता।

उसके साथ ही मैं अपना हाथ उसकी चूत पर ले कर गया और वह मुकम्मल गीली हो गयी थी। मैंने उसके जिस्म को किस करना शुरू किया।

मैंने उसके एक-एक हिस्से को किसिंग करना और चाटना शुरू किया। उसकी गर्दन से होता हुआ उसके प्यारे से पेट पर गया, फिर उसकी चूत की ऊपरी जगह को किस करने और चाटने लगा। बेशक वह बहुत साफ़ सुथरी लड़की थी। उसने ताज़ा-ताज़ा पहले बार चुदी हुई चूत पिंकिश थी। फिर मैंने उसकी चूत पर किस की और आहिस्ता-आहिस्ता उसकी चूत पर ज़ुबान फेरने लगा। लिली को भी काफ़ी मज़ा आ रहा था।

मुझे बहुत ही मज़ा आया क्योंकि उसकी चूत बहुत साफ़-सुथरी और सुंदर थी सो मैंने काफ़ी देर उसकी चूत चाटने में लगायी। वह बहुत गरम हो गयी थी और टाँगें मार रही थी मगर मैं उसको पूरा मज़ा देना चाहता था। चूत चाटते-चाटते वह डिसचार्ज हो गयी और मैं उसको पूरा चाट गया मगर जब उसकी चूत की हालत देखी तो उस वक़्त वह गुलाबी हो रही थी, इसलिये मैंने मुकम्मल तरीके से उसकी चूत को चाटा।



[Image: SUCK5.gif]
इस दौरान वह मेरे लंड के साथ खेल रही थी सो मैंने उसको चूसने के लिये कहा। वह अब एक एक्सपर्ट की तरह मेरे लंड को सोफ्टी तो तरह चाटते हुए चूसने लगी। मेरा लंड पूरा तन चुका था तो कुछ देर बाद मैंने लंड उसके मुँह से निकाला और उसकी टाँगों के बीच में रखा। फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत के मुँह पर रखा और आहिस्ता-आहिस्ता अंदर डालने लगा। उसकी चूत अभी भी काफ़ी टाइट थी।

मैंने धीरे-धीरे एक एक इंच करते हुए पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया और आगे पीछे करने लगा। मैंने उसकी टाँगें उठायी हुई थीं और अपना लंड उसकी चूत में डाला हुआ था। लिली की आँखें बंद थीं और वह भरपूर मज़ा ले रही थी। कुछ देर बाद मैं डिसचार्ज होने लगा और मुझे ये डर था कि अगर मैं अंदर डिसचार्ज हो जाऊँगा तो ये प्रेगनेंट हो जायेगी। सो मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उसकी पेट पर डिसचार्ज हो गया।

जब उसने मुझे बाहर डिसचार्ज होते देखा तो मुझसे पूछा कि लंड बाहर क्यों निकाला है? मैंने यही जवाब दिया कि मैं उसको प्रेगनेंट नहीं करना चाहता। इस पर उसने मुझे सीने से लगा कर बहुत किस किया और मेरी इस बात पर खुश हुई और कहा कि अब आगे कभी बाहर नहीं डिसचार्ज होना मैं दवाई ले लूंगी ।

फिर हम तीनों ने रात का खाना खाया मैंने उस रात हुमा और लिली को आठ बार अलग-अलग स्टाईल से चोदा। मुझे उनके साथ हर बार एक नया ही मज़ा आया।

जारी रहेगी
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04-01-2023, 11:32 AM,
#55
RE: Intimate Partners अंतरंग हमसफ़र
मेरे अंतरंग हमसफ़र

चतुर्थ अध्याय

लंदन जाने की तयारी

भाग -11

भाग्यशाली. 

आपने "मेरे अंतरंग हमसफ़र चतुर्थ अध्याय भाग 10:  में पढ़ा:

मैंने धीरे-धीरे एक एक इंच करते हुए पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया और आगे पीछे करने लगा। मैंने उसकी टाँगें उठायी हुई थीं और अपना लंड उसकी चूत में डाला हुआ था। लिली की आँखें बंद थीं और वह भरपूर मज़ा ले रही थी। कुछ देर बाद मैं डिसचार्ज होने लगा और मुझे ये डर था कि अगर मैं अंदर डिसचार्ज हो जाऊँगा तो ये प्रेगनेंट हो जायेगी। सो मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उसकी पेट पर डिसचार्ज हो गया।

जब उसने मुझे बाहर डिसचार्ज होते देखा तो मुझसे पूछा कि लंड बाहर क्यों निकाला है? मैंने यही जवाब दिया कि मैं उसको प्रेगनेंट नहीं करना चाहता। इस पर उसने मुझे सीने से लगा कर बहुत किस किया और मेरी इस बात पर खुश हुई और कहा कि अब आगे कभी बाहर नहीं डिसचार्ज होना मैं दवाई ले लूंगी ।

फिर हम तीनों ने रात का खाना खाया मैंने उस रात हुमा और लिली को आठ बार अलग-अलग स्टाईल से चोदा। मुझे उनके साथ हर बार एक नया ही मज़ा आया।

आपने मेरी कहानी " मेरे अंतरंग हमसफ़र  में अब तक पढ़ा:

मैं अपनी पत्नी प्रीती को अपनी अभी तक की अंतरंग हमसफर लड़कियों के साथ मैंने कैसे और कब सम्भोग किया। ये कहानी सुनाते हुए बता रहा था की, किस तरह मेरी फूफरी बहन की पक्की सहेली हुमा की पहली चुदाई जो की मेरे फूफेरे भाई टॉम के साथ होने वाली थी। टॉम को बुखार होने के बाद मेरे साथ तय हो गयी। फिर सब फूफेरे भाई, बहनो और हुमा की बहन रुखसाना तथा मेरी पुरानी चुदाई की साथिनों रूबी, मोना और टीना की मेरी और हुमा की पहली चुदाई को देखने की इच्छा पूरी करने के लिए सब लोग गुप्त तहखाने में बने हाल में ले जाए गए। मैं दुल्हन बनी खूबसूरत और कोमल मखमली जिस्म और संकरी चूत वाली हुमा ने अपना कौमर्य मुझे समर्पित कर दिया उसके बाद मैंने उसे सारी रात चोदा और यह मेरे द्वारा की गई सबसे आनंदभरी चुदाई थी। उसके बाद सब लोग घूमने मथुरा आगरा, भरतपुर और जयपुर चले गए और घर में एक हफ्ते के लिए केवल मैं, हुमा और रोज़ी रह गए। जाते हुए रुखसाना बोली दोनों भरपूर मजे करना। उसके बाद मैं और हुमा एक दूसर के ऊपर भूखे शेरो की तरह टूट पड़े और हुमा को मैंने पहले चोदा और फिर उसके बाद बहुत देर तक चूमते रहे।


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उसके बाद मैं फूफा जी के कुछ जरूरी कागज़ लेकर श्रीमती लिली से मिलने गया पर इस कारण से हुमा नाराज हो कर चली गयी । लिली वास्तव में बहुत सुंदर थी और उसका यौवन उसके बदन और उसके गाउन से छलक रहा था। उसके दिव्य रूप, अनिन्द्य सौन्दर्य, विकसित यौवन, तेज। कमरे की साज सज्जा, और उसके वस्त्र सब मुझ में आशा, आनन्द, उत्साह और उमंग भर रहे थे। अचानक वह दर्द से चिल्लाने लगी और बोली, मेरे पैरों में ऐंठन आ गयी है। मैंने उसके गाउन को ऊपर उठाते हुए और उसकी प्यारी पिंडलियों को अपने हाथों से सहलाया, और नरम और गुलाबी त्वचा पर चुंबन कर दिया। उसके अतुलनीय अंग अनुपम रूप से सुशोभित थे। मैंने लिली की जांघो और उसकी टांगो को चूमा और सहलाया फिर उसकी योनि के ओंठो को चूमा, चूसा और फिर मेरी जीभ ने उसके महीन कड़े भगशेफ की खोज की, मैंने उसे परमानंद में चूसा, और उसने मेरा मुँह अपने चुतरस से भर दिया।

लिली ने लंड को पकड़ लंडमुड से भगनासा को दबाया और योनि के ओंठो पर रगड़ा और अपनी जांघो की फैलाते हुए योनि के प्रवेश द्वार पर लंड को लगाया और उसने अपने नितंबों को असाधारण तेज़ी और ऊर्जा के साथ ऊपर फेंक दिया। मेरा कठोर खड़ा हुआ लंड लिली की टाइट और कुंवारी चूत के छेद में घुस गया और मैंने लिली को आसन बदल कर भी चोदा। मैं पास के कमरे में गया वहां हुमा थीं। हम दोनों एक दूसरे की बांहो जकड़ कर जन्नत के आनंद का मज़ा लिए और मैंने ढेर सारा वीर्य उसकी योनि में छोड़ा।

कुछ देर बाद मैं उठा तो मैंने देखा हुमा भी नींद की आगोश में थी और पर्दा हटा कर मैंने लिली के कक्ष में झाँका और मैंने वहाँ बिस्तर पर गहरी नींद में सोई हुई प्यारी परम् सुंदरी लिली को देखा। मैं अपने उत्तेजित और झटकेदार उपकरण के सिर और बिंदु को उसके निचले आधे हिस्से के बिल्कुल सामने नहीं ले आया और फिर मैंने एक झटके में ही लंड मुंड को अंदर कर दिया! मेरा लंड एक बार फिर झड़ने के बाद कठोर ही रहा और उसे देख लिली थोड़ा आश्चर्यचकित हुई और मैंने उसने अपने ऊपर आने के लिए उत्साहित किया। हुमा भी घण्टे की आवाज़ से जग गयी थी और मुझे ढूँढते हुए लिली के कमरे में पता नहीं कब आ गयी थी लिली की चुदाई देखने के बाद हुमा भी मेरे साथ चिपक गयी। फिर मैंने हुमा और लिली की रात भर चुदाई की।

अब आगे:-

रात भर चुदाई करने के बाद तीनो थककर चिपक कर सो गए और दोपहर के आसपास लिली ने मुझे जगाया और जब मैं उठा तो मैंने देखा लिली पिछली रात को उसने मेरी बाँहों में जो मजे चखे थे वह उसके आनंद से भरी हुई थी। लिली ने मुझे चूमा और बोली 'दीपक! तुमने कल मुझे लड़की से औरत बना दिया है!' उसने हर्षित मुस्कान लिए हुए उत्साह के साथ कहा, और फिर उसने मेरे खड़े लंड की तरफ़ देखा और उसे सहलाने लगी और फिर बोली मुझे नहीं पता था कि मैं इसे इतनी बुरी तरह से चाहती थी! '' लंड उसका स्पर्श पाकर फिर कठोर हो रहा था। हुमा अब भी नंगी मेरे साथ चिपकी हुई सो रही थी और बहुत प्यारी लग रही थी।

तो फिर मैंने लिली को दबोच लिया और उसे चूमने लगा, कुछ देर बाद वह बोली दीपक, मेरी बहन मिली आ रही है और हमें उसका स्वागत करने हवाई अड्डे तक जाना होगा फिर उसने मुझे तैयार होने के लिए कहा। मैं तरोताजा हो गया, थोड़ा चाय नाश्ता किया और हमने उसकी कार से हवाई अड्डे के लिए प्रस्थान किया।

रास्ते में उसने बताया कि उसने अपनी बहन मिली को मेरे बारे में सब बता दिया है और वह आपके बारे में सुनने के बाद बहुत उत्साहित है।

एक बार जब हमने राजमार्ग को छुआ और एयरपोर्ट की तरफ़ बढे तो लिली ने मुझसे कहा: 'अब, दीपक, मैं आपसे कुछ गंभीर बात करना चाहती हूँ।'

'अरे वाह! अब मैंने क्या कर दिया! ' मैं होैरान होकर बोला। लिली हंस पड़ी। उसने जवाब दिया, 'आपने जो किया है, ये उसके बारे में नहीं है, बल्कि आपको जो करना है, उसके बारे में मैं बात करना चाहती हूँ। अब दीपक, अच्छे लड़के की तरह वादा करो कि जैसा हम चाहते हैं वैसा ही तुम करोगेl'

लिली बोली हाँ! हम सब!

मैं फिर हैरान होते हुए बोला हम! 'बेशक अगर मैं कर सकता हूँ तो ज़रूर!' मुझे क्या करना है?-कुछ बहुत गंभीर या बहुत मुश्किल है क्या? '

लिली हँसी। 'दीपक, तुम बहुत मजाकिया हो! हाँ, यह बहुत गंभीर है और यह मुश्किल भी हो सकता है! मैं इसे बहुत स्पष्ट रूप से कहने जा रही हूँ क्योंकि यह सबसे आसान और तेज़ तरीक़ा होगा आपको बताने का! दीपक, हम सब, ध्यान देना! मेरे बहन मिलि के सहित, आपको चाहते हैं । आप हमे भरपूर प्यार कीजिये l यहीं मेरे घर पर!'

'क्या!' मैंने आश्चर्य से उसे घूरते हुए कहा?


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'यह बिल्कुल सच है, प्रिय दीपक!' लिली ने हल्के से फुसफुसाते हुए उत्तर दिया, ' यही तो हम चाहते हैं कि आप हमे चोदे। अब सुनो! आपको पता ही होगा आप अपने परिवार की परम्परा के अनुसार अगले कुछ दिनों में पढ़ाई के लिए लंदन जा रहे हैं। मिलि आपकी वीज़ा औपचारिकताओं और कागजो को पूरा करने में आपकी सहायता करेगी। मिली मेरी बड़ी बहन है और वह तलाकशुदा है और मेरी माँ और तुम्हारी माँ बचपन की गहरी सहेलिया हैं। आर आप उसी के लिए मेरे पास आये थे, और आपकी वीसा के लिए के लिए दूतावास में अगले हफ्ते का समय मिला है।

फिर लिली ने कहा, 'मेरे प्रेमी! मैं तुम्हें बुरी तरह से चाहती थी,! लेकिन मेरा विवाह अन्यत्र हो गया और जब मेरे पति से मेरे को सम्भोग सुख नहीं मिला तो मैं उसे छोड़ना चाहती थी. ओह, इतनी बुरी तरह से उसके बाद तुम्हे चाहने लगी थी की मैं चाहती थी की या तो तुम मेरे पास आ जाओ या फिर मैं तुम्हारे पास जा कर अपना प्रेम निवेदन करू। और फिर जिस क्षण मैंने हुमा से तुम्हारे बारे में सुना कि तुम यहाँ कागजात लेकर आ रहे हो, अचानक एक विचार मेरे मन में आया।'

लिली आगे बोली 'जैसा कि आप जानते हैं, दीपक, मेरी बहन मिलि हालांकि मुझसे बड़ी है फिर भी वह युवा है और उसका आपने विवाह के कुछ दिन बाद ही तलाक हो गया था और मेरा स्वभाव उसके जैसा ही गर्म है और मुझे पता है कि वह रात को बिस्तर पर अकेले सोने से कितनी नफ़रत करती है! और वह भी तुमसे प्यार करती है।'

तो मैंने उसे तुरंत फ़ोन मिलाया और फुसफुसाते हुए उसे बताया "मिलि देखो, दीपक यहाँ आने वाला है-है और हम उसे साझा कर लेते हैं!"

लिली की ये बात सुन कर मैंने लिली की ओर देखा और वह एक स्कूली छात्रा की तरह शरमा गई। लिली ने मेरी और देखते हुए कहा कि मैं फिर से अपनी बहन मिली से फुसफुसाई-"मिली, तुम्हें पता है कि तुम उसे बहुत चाहती होl"

मैं लिली की तरफ़ ही देख रहा था उसने मेरी तरफ़ देखा और वह फिर से गहराई से शरमा गई-"आओ, मिली डार्लिंग, मेरे साथ दीपक को मेरे साथ साझा करो!" और मैंने उसे फ़ोन पर चुंबन किया और मिली भी फुसफुसाते हुए मुझ से बोली " लिली तुम बहुत अच्छी हो मेरी जान-मेरा कितना ख़्याल रखती हो! अगर दीपक इसके लिए त्यार है तो ऐसा ही करेंगे ।"

तो लिली बोली मैं मिली से बोली मिली आप चिंता मत करो ऐसा ही होगा और आप जल्दी से मेरे पास आ जाओ! " तो दीपक अब आप क्या कहते हैं? '

'लिली, मैं क्या कह सकता हूँ मैं विस्मय में खो गया हूँ!' मैं ठिठक गया और कार को मैंने ब्रेक लगा दी।

'मैं आपको सच बता रही हूँ, दीपक,' उसने जवाब दिया, वह अब काफ़ी गंभीरता से बोल रही थी और मुझे सीधे मेरी आंखों में देख रही थी। 'दीपक क्या आप मिली को नहीं कहेंगे, आप क्या करेंगे?'

लिली की ये बात सुन कर मेरा लंड उत्तेजना से बिलकुल तन गया।

'बिल्कुल नहीं, मेरी प्रिय लिली!' मैंने उसके हाथ पर अपना हाथ रखते हुए उत्तर दिया-'मैं अपने आप को पूरी तरह से आपको समर्पित करता हूँ और आपकी सेवा में कोई कोर कसर नहीं छोड़ूंगा!'

लिली ने मुझे प्यार से देखा और मैंने देखा कि उसकी आँखें भीगी हुई थीं। फ़िलहाल उसने धीरे से कहा, 'तुमने जो कहा उसके लिए शुक्रिया, मेरे सच्चे प्रेमी। मुझे यह सोचकर गर्व और ख़ुशी हो रही है कि आप मेरे अनुरोध पर मिली के साथ वही करेंगे जो आपने मेरे साथ इतनी मधुरता से किया है!' फिर एक विराम के बाद उसने हल्के स्वर में कहा, ' दीपक! आप तो जानते ही हो हर कर्म अपना प्रतिफल देता है तो एक प्यारी महिला के साथ ये विशेष कर्म आपको विशेष प्रतिफल अवश्य देगा क्योंकि जनाब मेरे बहन मिली बहुत ख़ास है।

लेकिन आप मुझे कैसे चाहती हैं आप मुझ से कब मिली थी? मैं पहले आप से या आपकी बहन से कभी मिला, ऐसा मुझे तो याद नहीं पड़ता।

लिली बोली जैसा की आप जानते ही हो आपकी माँ और हमारी माँ आपस में बचपन की सहेलिया है और ये भी सच है हम कभी आपस में नहीं मिले परन्तु आपको याद होगा आप आपने ननिहाल में एक शादी में आये थे अपनी मा के साथ वहीँ हमने आपको देखा और आपको चाहने लग गयी थी।

लेकिन मेरे उस इनाम का क्या हुआ जिसका आपने कल वादा किया था!' मैंने पूछ लिया। लिली आप मुझे ललचाने के लिए मुझे कुछ और संकेत भी दें सकती है!

ऐसा है तो यक़ीन रखिये कि इसके अतिरिक्त जब हम घर वापस पहुँचेंगे तो वहाँ आपको आपका इनाम भी मिल जाएगा। चलिए आपको बता ही देती हूँ आपका ख़ास इनाम हैं मेरी छोटी बहन एमी।

क्या आपकी छोटी बहन एमी भी!

'ओह! उसे तो हम बिना किसी कठिनाई के मनाने में कामयाब रहे!' लिली ने याद करते हुए मुस्कुराते हुए जवाब दिया। दीपक आप जानते नहीं हो कि अगर मिली चाहती है तो एमी उसके कहने पर कुछ भी कर सकती है। मैंने कल सुबह एमी को गुमसुम देख उसे पकड़ लिया और उससे कहा कि हम दोनों बहने उसके बारे में बहुत चिंतित हो रही हैं क्योंकि उसकी प्राकृतिक इच्छाएँ उसके स्वास्थ्य और रूप को प्रभावित करने लगी थीं। मेरी ये बात सुन कर एमी बुरी तरह सहम गई थी। तो फिर मैंने उसे अपनी गोद में खींचा और उसकी बाहों में लिया और उसे नम्रता से चूमा और प्यार से कहा: "मेरी प्रिय, बहन मेरी प्यारी छोटी-सी लड़की, दुनिया में एक आदमी जिससे तुम बेहद प्यार करती हो वह कुछ देर में यहीं आ रहा है!" मेरी बात सुन कर एमी शरमा गई और उसके दूध के जैसे गोरे गाल शर्म के मारे लाल हो गए।

"यदि आप उसके साथ अपना पहला सम्भोग करने के लिए सहमत हैं, तो दीदी और मैं आपके साथ रहेंगी और उसे हमें यहीं रोक लेंगी ताकि हम एक कमरे में एक साथ रह सकें जहाँ हम आपकी आपके पहले सम्भोग के समय देखभाल कर सकें! क्या आप सहमत हैं मेरी प्रिये?" बेचारी एमी को समझ नहीं आ रहा था कि क्या कहूँ-वह बुरी तरह हतप्रभ रह गई! मैंने मिली को फ़ोन मिला कर एमी की बात उससे करवाई तो मिली ने एमी के कानो में प्यार से फुसफुसाते हुए कहा। "हाँ कहो, प्रिय एमी!"

'धीरे-धीरेी एमी का जवाब आया: "यदि आप भी यही चाहती हैं, दी, हाँ!"' और हम दोनों ने एक दुसरे को चूमा और दोनों बहने गले मिली और मैंने भी लिली को चूमा।

लिली बोली अब तुम्हे हम तीनो बहने मिलेंगी। दीपक मैं आपको विश्वास दिलाती हूँ कि मेरी बहनें मिली सबसे बेहतरीन महिला हैं और एमी बहुत कमसिन है और दोनों मुझसे ज़्यादा खूबसूरत हैं। दीपक! तुम बहुत भाग्यशाली हो! '



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अब मेरा बायाँ हाथ उसकी गोद में सरक गया और मैंने उसके प्रेम क्षेत्र को प्यार से दबा दिया तो उसने मुझे कोमलता से देखा। 'हाँ, मैं बहुत खुशकिस्मत हूँ। तुम देखो मेरे पास पहले से ये खुशियों का खजाना है!' और फिर से मेरा हाथ सरक कर उसके योनि पर टिक गया। और जैसे कि यह किसी भी पुरुष के लिए पर्याप्त न हो आप मुझे दुनिया को सबसे बेहतरीन और सुंदर महिला में से एक और एक सबसे सुंदर और कमसिन लड़की से सम्भोग करने का मौका दे रही है! लिली डार्लिंग, मुझे समझ नहीं आ रहा की मैं आपको कैसे धन्यवाद दूं? '

मेरे लंड पर हाथ रखकर उसने कहा दीपक मुझे धन्यवाद देने के लिए तुम्हें पता होना चाहिए कि तुम्हें बहुत मेहनत करनी पड़ेगी।

जारी रहेगी
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04-01-2023, 11:54 AM,
#56
RE: Intimate Partners अंतरंग हमसफ़र
मेरे अंतरंग हमसफ़र

चतुर्थ अध्याय

लंदन जाने की तयारी

भाग -12

लिली की बहन मिली से पहली मुलाकात और आलिंगन.



आपने "मेरे अंतरंग हमसफ़र चतुर्थ अध्याय भाग 11: में पढ़ा:

लिली बोली अब तुम्हे हम तीनो बहने मिलेंगी। दीपक मैं आपको विश्वास दिलाती हूँ कि मेरी बहनें मिली सबसे बेहतरीन महिला हैं और एमी बहुत कमसिन है और दोनों मुझसे ज़्यादा खूबसूरत हैं। दीपक! तुम बहुत भाग्यशाली हो! '

अब मेरा बायाँ हाथ उसकी गोद में सरक गया और मैंने उसके प्रेम क्षेत्र को प्यार से दबा दिया तो उसने मुझे कोमलता से देखा। 'हाँ, मैं बहुत खुशकिस्मत हूँ। तुम देखो मेरे पास पहले से ये खुशियों का खजाना है!' और फिर से मेरा हाथ सरक कर उसके योनि पर टिक गया। और जैसे कि यह किसी भी पुरुष के लिए पर्याप्त न हो आप मुझे दुनिया को सबसे बेहतरीन और सुंदर महिला में से एक और एक सबसे सुंदर और कमसिन लड़की से सम्भोग करने का मौका दे रही है! लिली डार्लिंग, मुझे समझ नहीं आ रहा की मैं आपको कैसे धन्यवाद दूं? '

मेरे लंड पर हाथ रखकर उसने कहा दीपक मुझे धन्यवाद देने के लिए तुम्हें पता होना चाहिए कि तुम्हें बहुत मेहनत करनी पड़ेगी।

आपने मेरी कहानी " मेरे अंतरंग हमसफ़र में अब तक पढ़ा:

मैं अपनी पत्नी प्रीती को अपनी अभी तक की अंतरंग हमसफर लड़कियों के साथ मैंने कैसे और कब सम्भोग किया। ये कहानी सुनाते हुए बता रहा था की, किस तरह मेरी फूफरी बहन की पक्की सहेली हुमा की पहली चुदाई जो की मेरे फूफेरे भाई टॉम के साथ होने वाली थी। टॉम को बुखार होने के बाद मेरे साथ तय हो गयी। फिर सब फूफेरे भाई, बहनो और हुमा की बहन रुखसाना तथा मेरी पुरानी चुदाई की साथिनों रूबी, मोना और टीना की मेरी और हुमा की पहली चुदाई को देखने की इच्छा पूरी करने के लिए सब लोग गुप्त तहखाने में बने हाल में ले जाए गए। मैं दुल्हन बनी खूबसूरत और कोमल मखमली जिस्म और संकरी चूत वाली हुमा ने अपना कौमर्य मुझे समर्पित कर दिया उसके बाद मैंने उसे सारी रात चोदा और यह मेरे द्वारा की गई सबसे आनंदभरी चुदाई थी। उसके बाद सब लोग घूमने मथुरा आगरा, भरतपुर और जयपुर चले गए और घर में एक हफ्ते के लिए केवल मैं, हुमा और रोज़ी रह गए। जाते हुए रुखसाना बोली दोनों भरपूर मजे करना। उसके बाद मैं और हुमा एक दूसर के ऊपर भूखे शेरो की तरह टूट पड़े और हुमा को मैंने पहले चोदा और फिर उसके बाद बहुत देर तक चूमते रहे।

उसके बाद मैं फूफा जी के कुछ जरूरी कागज़ लेकर श्रीमती लिली से मिलने गया पर इस कारण से हुमा नाराज हो कर चली गयी । लिली वास्तव में बहुत सुंदर थी और उसका यौवन उसके बदन और उसके गाउन से छलक रहा था। उसके दिव्य रूप, अनिन्द्य सौन्दर्य, विकसित यौवन, तेज। कमरे की साज सज्जा, और उसके वस्त्र सब मुझ में आशा, आनन्द, उत्साह और उमंग भर रहे थे। अचानक वह दर्द से चिल्लाने लगी और बोली, मेरे पैरों में ऐंठन आ गयी है। मैंने उसके गाउन को ऊपर उठाते हुए और उसकी प्यारी पिंडलियों को अपने हाथों से सहलाया, और नरम और गुलाबी त्वचा पर चुंबन कर दिया। उसके अतुलनीय अंग अनुपम रूप से सुशोभित थे। मैंने लिली की जांघो और उसकी टांगो को चूमा और सहलाया फिर उसकी योनि के ओंठो को चूमा, चूसा और फिर मेरी जीभ ने उसके महीन कड़े भगशेफ की खोज की, मैंने उसे परमानंद में चूसा, और उसने मेरा मुँह अपने चुतरस से भर दिया।

लिली ने लंड को पकड़ लंडमुड से भगनासा को दबाया और योनि के ओंठो पर रगड़ा और अपनी जांघो की फैलाते हुए योनि के प्रवेश द्वार पर लंड को लगाया और उसने अपने नितंबों को असाधारण तेज़ी और ऊर्जा के साथ ऊपर फेंक दिया। मेरा कठोर खड़ा हुआ लंड लिली की टाइट और कुंवारी चूत के छेद में घुस गया और मैंने लिली को आसन बदल कर भी चोदा। मैं पास के कमरे में गया वहां हुमा थीं। हम दोनों एक दूसरे की बांहो जकड़ कर जन्नत के आनंद का मज़ा लिए और मैंने ढेर सारा वीर्य उसकी योनि में छोड़ा।

कुछ देर बाद मैं उठा तो मैंने देखा हुमा भी नींद की आगोश में थी और पर्दा हटा कर मैंने लिली के कक्ष में झाँका और मैंने वहाँ बिस्तर पर गहरी नींद में सोई हुई प्यारी परम् सुंदरी लिली को देखा। मैं अपने उत्तेजित और झटकेदार उपकरण के सिर और बिंदु को उसके निचले आधे हिस्से के बिल्कुल सामने नहीं ले आया और फिर मैंने एक झटके में ही लंड मुंड को अंदर कर दिया! मेरा लंड एक बार फिर झड़ने के बाद कठोर ही रहा और उसे देख लिली थोड़ा आश्चर्यचकित हुई और मैंने उसने अपने ऊपर आने के लिए उत्साहित किया। हुमा भी घण्टे की आवाज़ से जग गयी थी और मुझे ढूँढते हुए लिली के कमरे में पता नहीं कब आ गयी थी लिली की चुदाई देखने के बाद हुमा भी मेरे साथ चिपक गयी। फिर मैंने हुमा और लिली की रात भर चुदाई की। अगले दिन लिली बोली अब तुम्हे मेरी दोनों बहने भी चाहती हैं और तुम्हे उन्हें भी चोदना होगा। दीपक मैं आपको विश्वास दिलाती हूँ कि मेरी बहनें मिली सबसे बेहतरीन महिला हैं और एमी बहुत कमसिन है। मैंने उसके हाथ पर अपना हाथ रखते हुए उत्तर दिया मैं अपने आप को पूरी तरह से आपको समर्पित करता हूँ और आपकी सेवा में कोई कोर कसर नहीं छोड़ूंगा और हमने उसकी कार से हवाई अड्डे के लिए प्रस्थान किया।'

अब आगे:-

मैंने उसे चूमा और कार फिर चलने लगी और ऐसे ही बाते करते हुए हम एयरपोर्ट पर पहुँच गए थे और फ्लाइट भी आ चुकी थी और मिली से मेरी पहली मुलाकात एयरपोर्ट पर हुई। उसके साथ ही उसकी बालसखी और सहायिका सपना भी थी । लिली मिली के गले लगी और दोनों ने एक दुसरे के गालो और ओंठो पर किश की और उसने मिली और सपना से मेरा परिचय करवाया और हमने हाथ मिलाया । मिली का हाथ बाहर नरम और मुलायम था । मिली ने घुटनो तक काले रंग की जैकेट पहनी हुई थी।

जैसा की लिली ने मिली के बारे में कहा था की वह बेहतरीन महिला है बल्कि मिली उससे भी थोड़ा बढ़ कर ही थी, सुंदर लड़किया की सरताज थी। जितनी सुंदर उससे बढ़कर तेजस्वी, बिल्लौरी आँखों में काजल की धार और बातों में प्रबुद्ध तर्क की धार, गोरापन लिये हुए थोड़ा-सा भरा हुआ शरीर, ऊँची पतली नासिका में चमकती हीरे की लौंग, चेहरे पर आत्मविश्वारस की चमक, बुध्दिमान और बेशर्म, न चेहरे, न चाल में संकोच या लाज की छाया, छातियाँ जैसे मांसलता की अपेक्षा गर्व से ही उठी रहतीं, उच्चवर्गीय खुले माहौल से आई तितली जो मॉडलिंग करती थी। मिली लिली से लगभग 3-4 साल बड़ी लग रही थी ।

मिली भी लिली की तरह पूर्ण अंडाकार सुंदर चेहरे के साथ स्त्री सौंदर्य की एक आदर्श आकृति थी! गुलाब के फूल जैसा मुँह और चेरी जैसे होंठ, छोटे-छोटे कान, उत्तम गोल चमकदार कंधे, पूर्ण और सुंदर भुजाएँ, लहराती हुई उत्तम छाती, गोल सुदृढ़ और मोठे स्तन जिन्हे मैं सहलाना और धीरे से दबाने का सौभाग्य प्राप्त करना चाहता था। चुकी मिली मॉडलिंग करती थी और उसने शृंगार भी किया हुआ था तो वह लिली के मुक़ाबले बहुत सुंदर लग रही थी। ऐसी सुंदर लड़की जिसे पाने का ख़्वाब हर लड़के के मन में पलता है ।

मिली को उसे देख मैं सोचने लगा इसका आपने पति से तलाक क्यों हुआ होगा या तो वह भी मिली को लिली के पति की तरह इसे भोग नहीं पाया था या मिली के खुले विचारो से उसका मेल नहीं बैठा होगा । खैर अब तक मैंने रोज़ी रूबी, टीना, मोना, अलका, जेन, रुखसाना और हुमा को ही भोगा था जो मेरी हम उम्र थी मेरे लिए ये पहला मौका था जब मैं अपने से बड़ी किसी लड़की या महिला को भोगने वाला था ।


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फिर मैंने अपनी नज़र मिली की सहायिका सपना पर गढा दी। उसका भी रंग गोरा था लेकिन मिली जितना नहीं। वह मिली की हम उम्र थी पर अपनी-अपनी उमर से करीब चार पांच साल छोटी दिखती थी। उसकी आँखे बडी-बडी थी। जिन में वासना भरी हुयी थी। उसके होठ बडे-बडे थे। उसपर उसने गहरे लाल रंग की लिपस्टिक लगा रखी थी। जो उसकी सुन्दरता को और बढ़ा रही थी। उसके चहरे पर एक आमत्रंण का भाव था जैसे कह रही हो आओ और चुम लो मेरे होठों को।

फिर मेरी नज़र उसके बदन पर गयी बडा ही भरपूर बदन था उसका। उसका गदराया बदन देख कर मेरा लंड पैन्ट के अन्दर ही उछलने लगा था। उसने हल्के आसमानी रंग की ड्रेस पहन रखी थी। उसका टॉप स्लीव लेस था और उसमे कफ़ी गहरा कट था, जिसकी वजह-सी उसके बडे-बडे मम्मे आधे से ज़्यादा ब्लाउस से बाहर झाँक रहे थे। सपना ने बहुत ही टाईट टॉप पहन रखा था क्योकी उसके मम्मो की दोनों बडी-बडी गोलाईयाँ आपस मैं चिपक गयी थी और एक गहरा कट बना रही थी। जो कि बडा ही सेक्सी लग रहा था।

उन दोनों का सामान हमने जल्द ही कार में डाल दिया। लिली ड्राइवर की सीट पर आ गयी और उसने मुझे पिछली सीट पर जाने का इशारा किया और मैंने अपनी जगह पीछे की तरफ़ ले ली और मिलि मेरे बगल में बैठ गई और सपना लिली के साथ आगे बैठ गयी और हम लिली के घर के लिए निकल पड़ेl

कार में उसके बगल में बैठा मैं उसे निहार रहा था और यह वास्तव में बहुत सुंदर थी उसका यौवन उसके बदन और उसके घुटनो तक के जैकेट से छलक रहा था। उसका साथ मुझ में आशा, आनन्द, उत्साह और उमंग से भर रहा था।

मिली और उसकी बहने मुलता ब्रिटिश माँ और हिन्दुस्तानी बाप की संतान थी। मिली के बाल सुनहरे और लम्बे थे और वह एक घुटनो तक काली पोशाक में थी जो उसके अच्छी तरह से गठित टांगो को दर्शाती थी। मिली की गोरी चुकनी लम्बी टाँगे पर कोई बाल कोई दाग नहीं था। गोरी चिकनी बेदाग़ और सुन्दर टाँगे देख मेरे बदन में आग लग गई थी।
उसकी आँखें गहरे बिल्लोरी थीं, लंबी रेशमी पलकों के साथ और उसकी एक प्यारी-सी नन्ही नाक और एक मनमोहक मुँह था।


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कार में बैठते ही उसने अपनी जैकेट को उतार दिया। अब उसकी पतली, लगभग पारदर्शी पोशाक उसके दो नाज़ुक छेनी वाले स्तनों की सही आकृति को छुपाने का असफल प्रयास कर रही थी । एक पतली चोली द्वारा कसकर पकड़े हुए उसके स्तन जो लिली के स्तनों से बड़े लग रहे थे। मैं मिली के सुदृढ़ स्तनों को देख रहा था। उसके स्तनों के इन दो मोहक टीले को देखते ही मेरा मन उसने पकड़ कर दबाने के लिए ललचाया और उस लालच ने निचोड़ने के लिए मुझे लगभग आगे बढ़ा दिया, लेकिन यह जानते हुए की अभी एक दम से बहुत आगे बढ़ना उचित नहीं होगा, मैंने ख़ुद को संयमित किया और उसके आकर्षक आकर्षण का एक गुप्त सर्वेक्षण कर ख़ुद को संतुष्ट किया।

उसकी पोशाक, जैसा कि मैंने पहले कहा था, बहुत छोटी थी और जैसा कि सभी खुले विचाओ की आधुनिक लड़कियों के साथ आम था और जैसे ही वह कार में बैठी उसका थोड़ा-सा पैर स्टॉकिंग टॉप के ऊपर दिखा। उसके नंगे और चमकीले मांस की इस झलक पर, मुझे लगा कि मेरा सदस्य धड़क रहा है जैसे उसे किसी बिजली की नंगी तार से छुआ हो।

मैंने मिली से बात करनी शुरु की और जल्द ही हम ऐसे बाते करने लगी जैसे बहुत पुराने दोस्त बहुत दिनों बाद मिले हो और मैंने अपना दाया हाथ मिली के दाए हाथ पर रख दिया।
मैंने अपना बायाँ हाथ मिली के सिर के पीछे से गुज़ारा और उसकी कमर के चारों ओर गिरने दिया और उसने इसका कोई प्रतिरोध भी नहीं किया इसलिए साहसपूर्वक उसे अपने पास खींच कर मैंने उसे अपनी बाहों में ले लिया और उसे होठों के पास अपने ओंठ ले जाने का प्रयास किया।

उसने लिली और सपना की ओर ध्यान से देखा, जिनकी पीठ हमारी ओर थी (हालाँकि लिली हमें अपने सामने आईने में देख सकती थी पर उसकी नजरे सामने सड़क पर थी।), उसने मुझ पर अपनी उंगली ना का इशारा करते हुए हिलाई और मुझे हसते हुए मना किया।

मैंने उसे कहा हम ठीक से नहीं मिले हैं और अब चाहता हूँ जैसे आप पानी बहन से एयरपोर्ट पहुँच कर मिली थी वैसे ही आप मुझसे भी मिले ।


[Image: meet1.webp]
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मैंने फिर से उसकी पतली कमर अपनी बाहों को पार करते हुए उसे कसकर गले से लगा लिया, अब उसकी ओर से इस आलिंगन का कोई प्रतिरोध नहीं था और उसने मुझे उसके होंठो पर अपने होंठ प्रेस करने की अनुमति दी और फिर ये मीठी किश गर्म चुंबन में बदली और वह मेरे साथ एक टाइट आलिंगन में आ गयी और उसकी बाहों मेरी गर्दन के चारों ओर चली गयी।

मैंने किश करते हुए फिर अपने दाए हाथ को उसकी कमर के सामने की ओर घुमाते हुए, मैंने साहसपूर्वक उसके स्तनों को सहलाया, फिर दबाया और एक उंगली को उसके निप्पल को छेड़ा और फिर, अपना हाथ उसकी टांगो पर ले जाकर उसकी छोटी स्कर्ट और ऑफर उसकी नंगी और चिकनी जांघों को सहलाया। अब, मेरा लंड लोहे की छड़ की तरह हो गया था, एक बार वह थोड़ा पीछे हट गई और मानो मुझे रोकने के लिए प्रयासरत हुई लेकिन मैंने उसे वापस अपनी ओर खींच लिया और अपना हाथ उसकी जांघों के बीच में धकेल दिया और मुझे उसकी झांटों के बीच योनि के नंगे होंठ महसूस हुए।


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इस पर वह मेरी छाती पर चिपक गई, मेरी गर्दन में उसने उसकी बाहें डाल दी और यह देखकर कि उसका प्रतिरोध समाप्त हो गया था, मैंने उसके फांक के गर्म नम होंठों को विभाजित किया और उसके भगशेफ की तलाश की और कोमल और लगातार रगड़ से जल्द ही उसका भगशेफ मिल गया जो आक्रमणकारी से लड़ने के लिए खड़ा और कठोर था।

जारी रहेगी
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04-08-2023, 08:28 PM, (This post was last modified: 05-07-2023, 09:24 PM by aamirhydkhan.)
#57
RE: Intimate Partners अंतरंग हमसफ़र
मेरे अंतरंग हमसफ़र

चतुर्थ अध्याय

लंदन जाने की तयारी

भाग -13 

चलती कार में चुदाई


आपने "मेरे अंतरंग हमसफ़र चतुर्थ अध्याय भाग 12 में पढ़ा:

मैंने किश करते हुए फिर अपने दाए हाथ को उसकी कमर के सामने की ओर घुमाते हुए, मैंने साहसपूर्वक उसके स्तनों को सहलाया, फिर दबाया और एक उंगली को उसके निप्पल को छेड़ा और फिर, अपना हाथ उसकी टांगो पर ले जाकर उसकी छोटी स्कर्ट और ऑफर उसकी नंगी और चिकनी जांघों को सहलाया। अब, मेरा लंड लोहे की छड़ की तरह हो गया था, एक बार वह थोड़ा पीछे हट गई और मानो मुझे रोकने के लिए प्रयासरत हुई लेकिन मैंने उसे वापस अपनी ओर खींच लिया और अपना हाथ उसकी जांघों के बीच में धकेल दिया और मुझे उसकी झांटों के बीच योनि के नंगे होंठ महसूस हुए।

इस पर वह मेरी छाती पर चिपक गई, मेरी गर्दन में उसने उसकी बाहें डाल दी और यह देखकर कि उसका प्रतिरोध समाप्त हो गया था, मैंने उसके फांक के गर्म नम होंठों को विभाजित किया और उसके भगशेफ की तलाश की और कोमल और लगातार रगड़ से जल्द ही उसका भगशेफ मिल गया जो आक्रमणकारी से लड़ने के लिए खड़ा और कठोर था।


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आपने मेरी कहानी " मेरे अंतरंग हमसफ़र " में अब तक पढ़ा:

मैं अपनी पत्नी प्रीती को अपनी अभी तक की अंतरंग हमसफर लड़कियों के साथ मैंने कैसे और कब सम्भोग किया। ये कहानी सुनाते हुए बता रहा था की, किस तरह मेरी फूफरी बहन की पक्की सहेली हुमा की पहली चुदाई जो की मेरे फूफेरे भाई टॉम के साथ होने वाली थी। टॉम को बुखार होने के बाद मेरे साथ तय हो गयी। फिर सब फूफेरे भाई, बहनो और हुमा की बहन रुखसाना तथा मेरी पुरानी चुदाई की साथिनों रूबी, मोना और टीना की मेरी और हुमा की पहली चुदाई को देखने की इच्छा पूरी करने के लिए सब लोग गुप्त तहखाने में बने हाल में ले जाए गए। मैं दुल्हन बनी खूबसूरत और कोमल मखमली जिस्म और संकरी चूत वाली हुमा ने अपना कौमर्य मुझे समर्पित कर दिया उसके बाद मैंने उसे सारी रात चोदा और यह मेरे द्वारा की गई सबसे आनंदभरी चुदाई थी। उसके बाद सब लोग घूमने मथुरा आगरा, भरतपुर और जयपुर चले गए और घर में एक हफ्ते के लिए केवल मैं, हुमा और रोज़ी रह गए। जाते हुए रुखसाना बोली दोनों भरपूर मजे करना। उसके बाद मैं और हुमा एक दूसर के ऊपर भूखे शेरो की तरह टूट पड़े और हुमा को मैंने पहले चोदा और फिर उसके बाद बहुत देर तक चूमते रहे।

उसके बाद मैं फूफा जी के कुछ जरूरी कागज़ लेकर श्रीमती लिली से मिलने गया पर इस कारण से हुमा नाराज हो कर चली गयी । लिली वास्तव में बहुत सुंदर थी और उसका यौवन उसके बदन और उसके गाउन से छलक रहा था। उसके दिव्य रूप, अनिन्द्य सौन्दर्य, विकसित यौवन, तेज। कमरे की साज सज्जा, और उसके वस्त्र सब मुझ में आशा, आनन्द, उत्साह और उमंग भर रहे थे। अचानक वह दर्द से चिल्लाने लगी और बोली, मेरे पैरों में ऐंठन आ गयी है। मैंने उसके गाउन को ऊपर उठाते हुए और उसकी प्यारी पिंडलियों को अपने हाथों से सहलाया, और नरम और गुलाबी त्वचा पर चुंबन कर दिया। उसके अतुलनीय अंग अनुपम रूप से सुशोभित थे। मैंने लिली की जांघो और उसकी टांगो को चूमा और सहलाया फिर उसकी योनि के ओंठो को चूमा, चूसा और फिर मेरी जीभ ने उसके महीन कड़े भगशेफ की खोज की, मैंने उसे परमानंद में चूसा, और उसने मेरा मुँह अपने चुतरस से भर दिया।

लिली ने लंड को पकड़ लंडमुड से भगनासा को दबाया और योनि के ओंठो पर रगड़ा और अपनी जांघो की फैलाते हुए योनि के प्रवेश द्वार पर लंड को लगाया और उसने अपने नितंबों को असाधारण तेज़ी और ऊर्जा के साथ ऊपर फेंक दिया। मेरा कठोर खड़ा हुआ लंड लिली की टाइट और कुंवारी चूत के छेद में घुस गया और मैंने लिली को आसन बदल कर भी चोदा। मैं पास के कमरे में गया वहां हुमा थीं। हम दोनों एक दूसरे की बांहो जकड़ कर जन्नत के आनंद का मज़ा लिए और मैंने ढेर सारा वीर्य उसकी योनि में छोड़ा।

कुछ देर बाद मैं उठा तो मैंने देखा हुमा भी नींद की आगोश में थी और पर्दा हटा कर मैंने लिली के कक्ष में झाँका और मैंने वहाँ बिस्तर पर गहरी नींद में सोई हुई प्यारी परम् सुंदरी लिली को देखा। मैं अपने उत्तेजित और झटकेदार उपकरण के सिर और बिंदु को उसके निचले आधे हिस्से के बिल्कुल सामने नहीं ले आया और फिर मैंने एक झटके में ही लंड मुंड को अंदर कर दिया! मेरा लंड एक बार फिर झड़ने के बाद कठोर ही रहा और उसे देख लिली थोड़ा आश्चर्यचकित हुई और मैंने उसने अपने ऊपर आने के लिए उत्साहित किया। हुमा भी घण्टे की आवाज़ से जग गयी थी और मुझे ढूँढते हुए लिली के कमरे में पता नहीं कब आ गयी थी लिली की चुदाई देखने के बाद हुमा भी मेरे साथ चिपक गयी। फिर मैंने हुमा और लिली की रात भर चुदाई की। अगले दिन लिली बोली अब तुम्हे मेरी दोनों बहने भी चाहती हैं और तुम्हे उन्हें भी चोदना होगा। दीपक मैं आपको विश्वास दिलाती हूँ कि मेरी बहनें मिली सबसे बेहतरीन महिला हैं और एमी बहुत कमसिन है। मैंने उसके हाथ पर अपना हाथ रखते हुए उत्तर दिया मैं अपने आप को पूरी तरह से आपको समर्पित करता हूँ और आपकी सेवा में कोई कोर कसर नहीं छोड़ूंगा और हमने उसकी कार से हवाई अड्डे के लिए प्रस्थान किया।'



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कार में मैं मिली की बगल में बैठा उसे निहार रहा था और यह वास्तव में बहुत सुंदर थी, मैंने उसकी पतली कमर ने अपनी बाहों डाल कर उसे कसकर गले से लगा लिया, उसे चूमा और अपना हाथ उसकी जांघों के बीच में धकेल दिया और मुझे उसकी झांटों के बीच योनि के नंगे होंठ महसूस किये।

अब आगे:-

मिली वास्तव में बेहद खूबसूरत महिला थी, जिसे अपने पिता के कद के साथ-साथ अपनी माँ की सुंदरता विरासत में मिली थी। उसके बदन की आकृति सबसे कामुक थी और वह उसे प्रदर्शित करना पसंद करती थी। उसकी माँ के तरह मिली सुनहरे बालों और बिल्लोरी आँखों के साथ एक आकर्षक गोरी थी, जिसने मुझे काफ़ी आकर्षित किया था

उसकी लम्बाई 5' 4" थी, उसके कमर तक उसके लंबे रेशमी बाल गिर रहे थे, जिसे वह अक्सर बाँधती थी। उसका गोल चेहरा था, चौड़ा माथा, लंबी नुकीली नाक, पतली भौहें और गहरी नीली बिल्लोरी आँखें। उसके मोटे होंठ प्राकृतिक गुलाबी रंग में थे और उसके सफेद दांत मोतियों की तरह चमकते थे। वह बहुत गोरी थी और त्वचा का रंग सफेद और गुलाबी (गुलाबी) रंग का मिश्रण था। उसके लम्बे पतले हाथ और उसकी कमर संकीर्ण थी और उसकी कमर की तुलना में उसके उभरे हुए नितम्ब गोल थे। उसके बड़े स्तन गोल आकार में ऊपर की ओर खड़े थे और नुकीले निपल्स लाल और भूरे रंग के मिश्रित रंग के थे और स्तनों के ऊपर और निप्पल के चारो और गुलाबो रंग के घेरे थे।

मेरे हाथ में मिली के बूब्स थे और मेरे होंठ मिली के होठों में दब गए थे। इस क्षण भर की अनपेक्षित कार्यवाही से सब कुछ बदल गया, एक सनसनी और करंट दोनों के शरीर में बह गयी।


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उसने मुझे कस कर अपने आलिंगन में खींच लिया और मैंने उसको गालों को चूमा और अंत में उसके होंठो पर अपने गर्म होंठ रख दिए मैंने मिली के होठों को अलग किया और अपनी जीभ उसके मुँह के भीतर डाल उसकी दांतो की जांच की। मेरी जीभ ने उसकी जीभ को छुआ और मिली के गालो की दीवार को छुआ। हम दोनों की लार मिश्रित हो गई और हमारे शरीर में एक अजीब-सी सनसनी फैल गई। हम दोनों ने एक दूसरे की लार का स्वाद चखा जो स्वर्ग में मिलने वाले अमृत के समान थी और हमने उस रस को निगल लिया।

मैं उसके द्वारा पहने गए टॉप्स के नीचे उसके निपल्स को सख्त महसूस कर रहा था। मैं उसके दोनों स्तनों को निचोड़ने से ख़ुद को अब रोक नहीं सका। मैं उसके ऊपर झुक गया और उसके बड़े उभरे हुए स्तनों को देखा। वे दोनों गोल आकार में थे और लाल-भूरे रंग छोटे गुलाबी घेरे से घिरे हुए छोटे निप्पल उसकी पारदर्शी ब्रा से बिलकुल स्पष्ट दिख रहे थे। वे चबाने और चखने के लिए छोटी चेरी के समान थे। मैंने उनको उसके टॉप और ब्रा के ऊपर से ही चूमा और उसकी छोटी-सी गुलाबी निप्पल के चारों ओर अपनी जीभ घुमा का उसकी चाटा और अपनी उंगली से दबाया और सहलाया। वे सख्त हो गए और थोड़े बड़े हो गए। मैंने एक से दूसरे निप्पल पर स्विच किया और उसके दो स्तनों के बीच अपना सिर आगे-पीछे करते हुए स्तनों को चूमा और चाटा।

जैसे ही मैंने अपने हाथ से जो मिली की स्कर्ट में घुसा हुआ था उससे मिली के भगशेफ को छेड़ा तो मिली कराह उठी और बोली लिली दीपक तो आपने जितना बताया था उसे बहुत तेज और उतावले हैं देखो एक पल के लिए मैंने इन्हे आलिंगन किया तो ये कहाँ तक पहुँच गए हैं ।

उसकी बात सुन मैंने अब एक पल के लिए अपना हाथ हटा दिया और अपनी पैंट के सामने के हिस्से में ज़िप को खोला तो मेरा पत्थर जैसा कठोर ही चूका लंड उछाल कर बाहर निकल आया और मैंने मिली का हाथ पकड़ लिया और उसे धड़कते हुए लंड पर रख दिया तो मिली ने मेरे लंड को अपनी हथेली में पकड़ कर महसूस किया और फिर का कर पकड़ा और धीरे-धीरे अपने हाथ को लंड की लंबाई से ऊपर और नीचे रगड़ना शुरू कर दिया।


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मेरी कामुक संवेदनाओं के केंद्र पर-पर उसके कोमल और नाज़ुक हाथ के अचानक चुंबकीय स्पर्श और फिर उसके द्वारा मेरे प्यार के औजार को उसकी नरम और कोमल उंगलियों की हरकत ने और हमारे चुम्बन और उसके स्तनों के स्पर्श और हमारी कामुकता को जानूं की हद तक बढ़ाने की साज़िश रची और उस कामुक जुनून में मैंने उसे अपनी ओर खींचा और अपनी उंगली को उसकी योनि के अंदर घुसा दिया जिससे उसे थोड़ा दर्द हुआ और वह कराह उठी और जल्दी से मुझसे दूर हो गया और कार के दुसरे कोने की तरफ़ बैठ गयी और कराहने लगी।

उसका आग के अंगारे की तरह गर्म हाथ मेरे धड़कते और उसे हुई लंड से हट गया था और जैसे ही मैंने उसकी आँखों में आंसू बहते हुए देखा, मैंने ख़ुद को अंदर से कोसते हुए, जल्दी से माफी मांगी उसने उसे बताया कि उसने मुझे कितना उत्तेजित कर दिया था । मेरी कामुक प्रकृति, आदि के बारे में उसे बताया। फिर कुछ पल के बाद मैंने उसे फिर से मेरी तरफ़ खींच लिया और उसके ओंठो को चूमने लगा और उसने फिर से उसकी मुलायम गोरी उंगलियों में मेरे कड़े लिंग को कस लिया।

इस बार मैंने पहले की तरह नहीं किया, बल्कि उसका टॉप उतार दिया और उसकी ब्रा को खोल दिया और उसके स्तनों को चूमा और धीरे से उसकी स्कर्ट के नीचे फिर से मेरे हाथ फिसला और मेरे हाथ की उंगलिया उसकी भगशेफ को पुनः सहलाने लगी।

कुछ पलों के लिए मैंने उसे नाज़ुक ढंग से सहलाया और फिर उसके बूब्स को निचोड़ा और फिर उसके छोटे कांपती हुए योनि के नम होंठों को अलग किया और उसके खड़े भगशेफ को सहलाया, लेकिन तभी मुझे ऐसा महसूस हो रहा था कि उसके हाथ की मीठी सिकुड़न और हरकते मुझे चर्म पर जल्द ले जाएंगी तो मैंने धीरे से उसके हाथ को हटा दिया और उसे मेरी गोद में खींच दिया और उसकी छोटी स्कर्ट को-को उसकी कमर के ऊपर धकेल दिया और उसे चूमता रहा।

उसने अब मुझे अपनी इच्छा पूरी करने की अनुमति दी और अपने खड़े लंड के सिर को उसके योनि के होठों के रखकर, मैंने उसे धीरे-धीरे उस पर बिठा दिया और उसे अपनी बाहों में मजबूती से पकड़ लिया, अब हमने वासना भरी चुदाई शुरू कर दी । मानो उस समय सब कुछ अनुकूल हो गया सड़क में कुछ खडडे थे जिनमे कार ने हिचकोले खाये और मिली उन के साथ मेरे लंड पर ऊपर नीचे हुई और पूरा लंड उनकी योनि की जड़ में समा गया ।

'ओह, ओह, ओह, आह-ह-ह!' उसने सांस ली, 'ऐसा है, ये बहुत बढ़िया है ओह, ओह, ओह। वह धीरे-धीरे मेरे लंड पर ऊपर नीचे होती रही और आगे सड़क भी समतल नहीं थी इसलिए झटके लगने जारी रहे। ओह, कितना प्यारा है; ओह, ओह, ओह, आह, मैं जा रहा हूँ... ओह-ह-ह-ह!' और उसने मेरे तूफानी छड़ी के सिर पर अपने रसों की धार बरसा दी।

मैंने भी अपना चरम उत्कर्ष महसूस किया, मैंने लंड को बाहर नहीं निकाला और उसे अपनी बाहों में उठा लिया और उसे कार के कुशन पर उसकी पीठ पर लिटा कर, कुछ गहरे और जोरदार धक्के मारता रहे और उसकी-उसकी कोमल और चिपकी हुई योनि के भीतर आत्मा-उत्तेजक फुहारे मार दी ।


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हम फिर घनिष्ठ आलिंगन में लेटे सुखद संयोग के मधुर परिणाम का आनंद लेते रहे उसकी योनि ने, मेरे लंड को कसकर जकड़ा हुआ था।

मैंने उसकी जांघों के बीच रूमाल रखा और उसके होठों को चूमता रहा।

रास्ते भर मिली यही बोलती रही "उह! इसे अंदर ले आओ! ऊओह, तुम्हारा बहुत बड़ा है, तुम बहुत अच्छी तरह से चोद रहे हो! मम्म, तुम मुझे तो मुझेमार ही डालोगे! अघ्ह! अब मुझे चोदना बंद मत करो; मैं तुम्हारे लिए कब से तड़प रही थी, अगर तुम मुझे नहीं चोदोगे तो मैं मर जाऊंगी!"

मिली की  कामुक आकृति ने मेरे को उत्तेजित कर दिया था और मुझे एक चरमोत्कर्ष पर ले आयी थी । उसके बाद वह मेरे लंड को अपनी चूत के हल्के फुल्के होंठों में भरने की कोशिश कर रही थी। उस दोपहर मेरे लंड से निकलने वाली गर्म, चिपचिपी बाढ़ ने उसकी ख्वाहिशों को आग लगा दी थी, और वह चाहती थी कि वह पहले मौके पर उसे ठीक से चोद दे।

वह पूरी तरह से कापं रही थी, उसकी नब्ज पागलों की तरह धड़क रही थी और उसका हाथ मेरे लंड पर चला गया और उसने उसे धीरे से बाहर निकाला और अपने हाथ में पकड़ लिया और वह तेजी से अपना हाथ अधीरता से लुंड के ऊपर नीचे और इधर-उधर घुमाती रही, और कराहती हुई पागलपन में मुझे मेरे होंठो पर चुंबन करती रही। उसके सहलाने से मेरा लंड जल्द ही सख्त हो गया और उसे एक बार फिर से सीट पर लिटा कर, मैंने उसे फिर से उसके भीतर डुबो दिया, वह बोली चोदो, दीपक चोदो! ख़ूब चोदो! और थोड़ी-सी फुसफुसाहट और ख़ुशी भरी कराहो के साथ उसने अपनी कमर का एक पागल क्रंदन शुरू कर दिया, जो कार की गति से उछलने के साथ-साथ, लण्ड बुर में काफ़ी रगड़ते हुए जा रहा था। जिससे मेरा मज़ा ही कुछ और था और मिली भी झूम-झूम कर चूतड़ हिला रही थी और बुर लण्ड की दोस्ती गच-गच की धुन पैदा कर रही थी। लण्ड गच-गच गच गच की धुन बुर को सुना रहा था और बुर चुभ-चुभ फ़ुच फ़ुच कर लण्ड के गीत का स्वागत कर रही थी।

जिसने हमे बहुत ही जल्द झड़ने की कगार पर ला दिया मैंने अपने लण्ड की अंदर बाहर करने की रफ़्तार बढ़ा ली, लग रहा था उसकी रेशमी झांटों वाली बुर उछ्ल-उछ्ल कर लण्ड का स्वागत कर रही हो और लण्ड फच-फच कर स्वागत करवा रहा हो। पूरी गति से लण्ड का प्रहार बुर पर जारी था और तभी मिली की योनि ऐसी चिपकी जैसे लण्ड को निगल जाएगी और उसका बदन काम्पा और वह झड़ गई। और लण्ड ने भी अपना गरम लावा फेंक कर बुर को पूरा भर दिया।



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मिली बोली वाह-वाह दीपक! ग़ज़ब चोदा तुमने मेरी बुर को! अन्दर तक हिला दिया! वाह मज़ा आ गया। मैंने मिली से कहा-मिली वाकई तुम बेहतरीन  और कमाल की हसीना हो और तुम्हारी योनि तो तोहफा ही है।

वो बोलीं-आपका लण्ड भी कम नहीं है, बड़ा ही मस्त है। मैं आज की चुदाई कभी नहीं भूलूंगी इस छोटे से सफ़र में जीवन का वह आनन्द प्राप्त हुआ है कि मैं व्यक्त नहीं कर सकती।

कार की आगे की सीटों पर लिली और सपना को ये शब्द स्पष्ट रूप से सुनाई दे रहे थे और उन्हें पता था कि उनका क्या मतलब है; लिली ने इसे पहले ही देख लिया था। मिली की आसमानी नीली आंखें और मक्के के रेशमी बाल में वो फरिश्ता लग रही थी, वहीं बगल की सीट पर बैठी लड़की सपना कुछ अलग थी।

इस समय तक हम लगभग लिली के घर पहुँच चुके थे और अपने वस्त्रों को ठीक करते हुए, हम एक-दूसरे की बाँहों में चिपक कर बैठ गए।

जारी रहेगी
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04-08-2023, 08:31 PM,
#58
RE: Intimate Partners अंतरंग हमसफ़र
मेरे अंतरंग हमसफ़र

चतुर्थ अध्याय

लंदन जाने की तयारी

भाग -8

 सोई हुई परम् सुंदरी 


मेरे अंतरंग हमसफ़र चतुर्थ अध्याय  भाग 6 में पढ़ा:

अंत में, मेरी रगों में खून इतनी तेजी से बह रहा था कि असहनीय हो गया, हुमा चुप थी लेकिन प्यार और अपनी आँखों में लालसा के साथ, उसने मुझे कुर्सी में दबा कर बिठा दिया और ख़ुद मेरी टांग पर बैठकर, अपना हाथ मेरे सिर के पीछे से गुज़ारा और मेरी आँखों में भरा हुआ उसके लिए ढेर सारा प्यार देखा, मेरा नाम ऐसे लहजे में फुसफुसाया और बोली ओह दीपक मैं आपके बिना नहीं रह सकती।


मैंने हुमा के खुले मुंह को बार-बार चूमा मैंने उसके खुले मुंह को बार-बार चूमा और मैंने उसे पूरा नंगा कर दिया और उसने मेरे कपडे उतार दिए. वह उठी और मुझे अपने लिप्स और जीभ से चाटने लगी । उसके ऐसा करने से मैं जोश में भर कर अपने लंड को एक झटके में ही को उसकी चुत में घुसेड़ दिया और जैसे माखन की टिकिआ में चाकू जाता है उसी सरलता से वह अंदर चला गया और मेने उसकी बेरहमी से उछाल-उछाल कर चुदाई की और उसने भी चूतड़ उठा-उठा कर चुदाई का मज़ा लिया और अचानक हम दोनों एक दूसरे की बांहो जकड़ कर जन्नत के आनंद का मज़ा लिए और मैंने ढेर सारा वीर्य उसकी योनि में छोड़ा ।

आपने मेरी कहानी "  मेरे अंतरंग हमसफ़र" में अब तक पढ़ा:

मैं अपनी पत्नी प्रीती को अपनी अभी तक की अंतरंग हमसफर लड़कियों के साथ मैंने कैसे और कब सम्भोग किया। ये कहानी सुनाते हुए बता रहा था की, किस तरह मेरी फूफरी बहन की पक्की सहेली हुमा की पहली चुदाई जो की मेरे फूफेरे भाई टॉम के साथ होने वाली थी। टॉम को बुखार होने के बाद मेरे साथ तय हो गयी। फिर सब फूफेरे भाई, बहनो और हुमा की बहन रुखसाना तथा मेरी पुरानी चुदाई की साथिनों रूबी, मोना और टीना की मेरी और हुमा की पहली चुदाई को देखने की इच्छा पूरी करने के लिए सब लोग गुप्त तहखाने में बने हाल में ले जाए गए। मैं दुल्हन बनी खूबसूरत और कोमल मखमली जिस्म और संकरी चूत वाली हुमा ने अपना कौमर्य मुझे समर्पित कर दिया उसके बाद मैंने उसे सारी रात चोदा और यह मेरे द्वारा की गई सबसे आनंदभरी चुदाई थी। उसके बाद सब लोग घूमने मथुरा आगरा, भरतपुर और जयपुर चले गए और घर में एक हफ्ते के लिए केवल मैं, हुमा और रोज़ी रह गए। जाते हुए रुखसाना बोली दोनों भरपूर मजे करना। उसके बाद मैं और हुमा एक दूसर के ऊपर भूखे शेरो की तरह टूट पड़े और हुमा को मैंने पहले चोदा और फिर उसके बाद बहुत देर तक चूमते रहे।

उसके बाद मैं फूफा जी के कुछ जरूरी कागज़ लेकर श्रीमती लिली से मिलने गया पर इस कारण से हुमा नाराज हो कर चली गयी । लिली वास्तव में बहुत सुंदर थी और उसका यौवन उसके बदन और उसके गाउन से छलक रहा था। उसके दिव्य रूप, अनिन्द्य सौन्दर्य, विकसित यौवन, तेज। कमरे की साज सज्जा, और उसके वस्त्र सब मुझ में आशा, आनन्द, उत्साह और उमंग भर रहे थे। अचानक वह दर्द से चिल्लाने लगी और बोली, मेरे पैरों में ऐंठन आ गयी है। मैंने उसके गाउन को ऊपर उठाते हुए और उसकी प्यारी पिंडलियों को अपने हाथों से सहलाया, और नरम और गुलाबी त्वचा पर चुंबन कर दिया। उसके अतुलनीय अंग अनुपम रूप से सुशोभित थे। मैंने लिली की जांघो और उसकी टांगो को चूमा और सहलाया फिर उसकी योनि के ओंठो को चूमा, चूसा और फिर मेरी जीभ ने उसके महीन कड़े भगशेफ की खोज की, मैंने उसे परमानंद में चूसा, और उसने मेरा मुँह अपने चुतरस से भर दिया।

लिली ने लंड को पकड़ लंडमुड से भगनासा को दबाया और योनि के ओंठो पर रगड़ा और अपनी जांघो की फैलाते हुए योनि के प्रवेश द्वार पर लंड को लगाया अब मेरा लंड लिली की कुंवारी चूत के बिल्कुल सामने था। उसने अपने नितंबों को असाधारण तेज़ी और ऊर्जा के साथ ऊपर फेंक दिया, जबकि उस समय मैं भी उसकी स्वादिष्ट योनी में घुसने के लिए उतना ही उत्सुक तेज़ था। मेरा कठोर खड़ा हुआ लंड लिली की टाइट और कुंवारी चूत के छेद में घुस गया और मैंने लिली को आसन बदल कर भी चोदा । मैं पास के कमरे में गया वहां हुमा थीं। हम दोनों एक दूसरे की बांहो जकड़ कर जन्नत के आनंद का मज़ा लिए और मैंने ढेर सारा वीर्य उसकी योनि में छोड़ा।

अब आगे:-

कुछ देर बाद मैं उठा तो मैंने देखा हुमा भी नींद की आगोश में थी और पर्दा हटा कर मैंने लिली के कक्ष में झाँका और मैंने वहाँ बिस्तर पर गहरी नींद में सोई हुई प्यारी लिली को देखा। उसने बस एक छोटा-सा गाउन पहना हुआ था जो आगे से खुला हुआ था और इकठ्ठा हो गया था। वह अपनी पीठ के बल लेटी हुई थी, उसके हाथ उसके सुडौल सिर के नीचे थे, उसकी बाहें, एक आकर्षक स्थिति में मुड़ी हुई थीं, जो उसकी बगल के गड्ढे के नीचे बालों की हलकी-सी वृद्धि दिखा रही थी.


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उसकी बगलो के बाल उसके बालो के रंग में समान के थे, लेकिन रंग में उस शानदार झाड़ी के समान समृद्ध नहीं थे जिसे मैंने आज सुबह इतनी उदारता से उसी की सहायता से प्राप्त हुए अपनी वीर्य से गीला किया था। उसकी छाती नग्न थी और उसके दो अनमोल नग्न स्तन, गोल, पॉलिश और दृढ़, इतनी खूबसूरती से रखे हुए थे जैसे दो प्याले उलटे रखा गया हो और उनपर दो बड़े अंगूर लगा कर उन्हें सजाया गया हो और उसका पूरा शरीर उसकी पतली कमर तक, लगभग नग्न था।

लीली का एक घुटना, जो मेरे समीप था, मुड़ा हुआ था, बिस्तर के कपड़ों पर रखा हुआ उसका छोटा-सा सुंदर पैर, पैर के प्रत्येक अंगूठे का रत्न सीधा और अपने पड़ोसी से अलग, एक ऐसी सुंदर चिकनी टांग जो अब तक के सबसे तेजतर्रार मूर्तिकार को मंत्रमुग्ध कर देता, जबकि दूसराी टांग, लगभग कमर से नीचे की ओर, पूरी लंबाई में बढ़ाया गया और जो उसके प्यारे पैर पर जाकर समाप्त हो गयी और बिस्तर के किनारे के खिलाफ टिकी हुई थी ताकि उसकी जांघें, वे सुंदर कामुक और पागल करने वाली जांघें अलग हो जाएँ! क्या मैं ऐसी सुंदरता से दूर रह सकता था जबकि इतनी सुंदरता स्वतंत्र रूप से मेरे सामने प्रदर्शित थी, जबकि इस सुंदरता की प्यारी स्वामिनी सो रही थी और जिसे देख मेरा लिंग अंगड़ाईयाँ ले रहा था और जिस पर मैं अपनी जलती हुई आँखों को दावत दे सकता था?

मैं धीरे-धीरे और चुपचाप अंदर गया और बिस्तर के दूसरी तरफ़ गया, ताकि मेरी छाया उस सुंदर रूप पर न पड़े और उस प्रकाश को न रोके जो पहले हो पर्दे से छन्न का आ रहा था और माध्यम हो गया था, मैं उस परम् सुंदरी को चुपचाप निहारता रहा जिसने पूर्वाह्न में स्वर्ग का आनंद अपने कामुक आलिंगन में दिया था।
वो नींद में बहुत प्यारी लग रही थी! मैं उस प्यारे चेहरे को उसकी सभी शुद्ध रेखाओ और उसके सभी भावों में इतना निर्दोष देखकर कल्पना कर सकता था कि वह एक अविनाशी कामुक भट्टी की गर्म आग में जल रही थी। उन अतुलनीय स्तनों को देखकर कौन कल्पना कर सकता था कि असंख्य प्रेमियों ने अपनी कल्पना में उन्हें कामुक हाथ या होंठ से दबाया था और उन्हें पाने के बाद मैंने ख़ुशी में उनको चखा था और वे पीड़ा में कांपते थे?


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उसके पेट का साफ़ चौड़ा मैदान अभी भी उसके छोटी-सी गाउन के ऊपरी हिस्से से छिपा हुआ था, इतने सुंदर सांचे में ढले हुए मैं, जो, लिली के सुदृढ़ स्तनों को देख रहा था, तो ऐसा लग रहा था कि वे कभी भी दूध से नहीं भरे थे और जिनके गुलाब की कली और अंगूर जैसे निप्पल बच्चों के चेरी होंठों से कभी नहीं चूसे गए थे । वह बिकुल किसी अप्सरा की तरह लग रही थी मैंने सोचा मुझे उसके सुंदर अंगो की और बारीकी से जांच करनी चाहिए। मुझे लगा यदि वह पूरी नग्न हों तो ये करना आसान होगा, कमर के पास एक छोटे से हिस्से को छोड़कर वह लगभग नग्न ही थी मैंने धीरे से, ये ध्यान रखते हुए की उसकी नींद में खलल न पड़े, उसके छोटे से गाउन का वह हिस्सा जो उसकी पेट और कमर के नीचे के हिस्से को छुपाये हुए था उसे हटाना होगा इसलिए मैंने उसकी कमर के ऊपर पड़े गाउन का हिस्सा जो अभी भी उसकी कमर पर था उसे धीरे से हटा दिया।

उत्साह से कांपते हुए हाथ से मैंने ऐसा किया! लो! मेरी अप्सरा लगभग उतनी ही नग्न हो गयी जितनी वह पैदा होते समय थी!

जारी रहेगी

आपका दीपक
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04-08-2023, 08:32 PM,
#59
RE: Intimate Partners अंतरंग हमसफ़र
मेरे अंतरंग हमसफ़र

चतुर्थ अध्याय

लंदन जाने की तयारी

भाग -9

परम् सुंदरी   का प्रभाव



मेरे अंतरंग हमसफ़र चतुर्थ अध्याय भाग 7 में पढ़ा:

उसके पेट का साफ़ चौड़ा मैदान अभी भी उसके छोटी-सी गाउन के ऊपरी हिस्से से छिपा हुआ था, इतने सुंदर सांचे में ढले हुए मैं, जो, लिली के सुदृढ़ स्तनों को देख रहा था, तो ऐसा लग रहा था कि वे कभी भी दूध से नहीं भरे थे और जिनके गुलाब की कली और अंगूर जैसे निप्पल बच्चों के चेरी होंठों से कभी नहीं चूसे गए थे । वह बिकुल किसी अप्सरा की तरह लग रही थी मैंने सोचा मुझे उसके सुंदर अंगो की और बारीकी से जांच करनी चाहिए। मुझे लगा यदि वह पूरी नग्न हों तो ये करना आसान होगा, कमर के पास एक छोटे से हिस्से को छोड़कर वह लगभग नग्न ही थी मैंने धीरे से, ये ध्यान रखते हुए की उसकी नींद में खलल न पड़े, उसके छोटे से गाउन का वह हिस्सा जो उसकी पेट और कमर के नीचे के हिस्से को छुपाये हुए था उसे हटाना होगा इसलिए मैंने उसकी कमर के ऊपर पड़े गाउन का हिस्सा जो अभी भी उसकी कमर पर था उसे धीरे से हटा दिया।

उत्साह से कांपते हुए हाथ से मैंने ऐसा किया! लो! मेरी अप्सरा लगभग उतनी ही नग्न हो गयी जितनी वह पैदा होते समय थी!

आपने मेरी कहानी " मेरे अंतरंग हमसफ़र" में अब तक पढ़ा: :

मैं अपनी पत्नी प्रीती को अपनी अभी तक की अंतरंग हमसफर लड़कियों के साथ मैंने कैसे और कब सम्भोग किया। ये कहानी सुनाते हुए बता रहा था की, किस तरह मेरी फूफरी बहन की पक्की सहेली हुमा की पहली चुदाई जो की मेरे फूफेरे भाई टॉम के साथ होने वाली थी। टॉम को बुखार होने के बाद मेरे साथ तय हो गयी। फिर सब फूफेरे भाई, बहनो और हुमा की बहन रुखसाना तथा मेरी पुरानी चुदाई की साथिनों रूबी, मोना और टीना की मेरी और हुमा की पहली चुदाई को देखने की इच्छा पूरी करने के लिए सब लोग गुप्त तहखाने में बने हाल में ले जाए गए। मैं दुल्हन बनी खूबसूरत और कोमल मखमली जिस्म और संकरी चूत वाली हुमा ने अपना कौमर्य मुझे समर्पित कर दिया उसके बाद मैंने उसे सारी रात चोदा और यह मेरे द्वारा की गई सबसे आनंदभरी चुदाई थी। उसके बाद सब लोग घूमने मथुरा आगरा, भरतपुर और जयपुर चले गए और घर में एक हफ्ते के लिए केवल मैं, हुमा और रोज़ी रह गए। जाते हुए रुखसाना बोली दोनों भरपूर मजे करना। उसके बाद मैं और हुमा एक दूसर के ऊपर भूखे शेरो की तरह टूट पड़े और हुमा को मैंने पहले चोदा और फिर उसके बाद बहुत देर तक चूमते रहे।

उसके बाद मैं फूफा जी के कुछ जरूरी कागज़ लेकर श्रीमती लिली से मिलने गया पर इस कारण से हुमा नाराज हो कर चली गयी । लिली वास्तव में बहुत सुंदर थी और उसका यौवन उसके बदन और उसके गाउन से छलक रहा था। उसके दिव्य रूप, अनिन्द्य सौन्दर्य, विकसित यौवन, तेज। कमरे की साज सज्जा, और उसके वस्त्र सब मुझ में आशा, आनन्द, उत्साह और उमंग भर रहे थे। अचानक वह दर्द से चिल्लाने लगी और बोली, मेरे पैरों में ऐंठन आ गयी है। मैंने उसके गाउन को ऊपर उठाते हुए और उसकी प्यारी पिंडलियों को अपने हाथों से सहलाया, और नरम और गुलाबी त्वचा पर चुंबन कर दिया। उसके अतुलनीय अंग अनुपम रूप से सुशोभित थे। मैंने लिली की जांघो और उसकी टांगो को चूमा और सहलाया फिर उसकी योनि के ओंठो को चूमा, चूसा और फिर मेरी जीभ ने उसके महीन कड़े भगशेफ की खोज की, मैंने उसे परमानंद में चूसा, और उसने मेरा मुँह अपने चुतरस से भर दिया।

लिली ने लंड को पकड़ लंडमुड से भगनासा को दबाया और योनि के ओंठो पर रगड़ा और अपनी जांघो की फैलाते हुए योनि के प्रवेश द्वार पर लंड को लगाया अब मेरा लंड लिली की कुंवारी चूत के बिल्कुल सामने था। उसने अपने नितंबों को असाधारण तेज़ी और ऊर्जा के साथ ऊपर फेंक दिया, जबकि उस समय मैं भी उसकी स्वादिष्ट योनी में घुसने के लिए उतना ही उत्सुक तेज़ था। मेरा कठोर खड़ा हुआ लंड लिली की टाइट और कुंवारी चूत के छेद में घुस गया और मैंने लिली को आसन बदल कर भी चोदा । मैं पास के कमरे में गया वहां हुमा थीं। हम दोनों एक दूसरे की बांहो जकड़ कर जन्नत के आनंद का मज़ा लिए और मैंने ढेर सारा वीर्य उसकी योनि में छोड़ा।

कुछ देर बाद मैं उठा तो मैंने देखा हुमा भी नींद की आगोश में थी और पर्दा हटा कर मैंने लिली के कक्ष में झाँका और मैंने वहाँ बिस्तर पर गहरी नींद में सोई हुई प्यारी परम् सुंदरी लिली को देखा।

अब आगे:-

सुंदरता का रोमांच और उत्तेजना से ग़ज़ब का मेल है और नग्न सुंदरता तो जैसे आग में घी डालने का काम करती है । मैंने उसे नग्न देखने के लिए उसके गाउन को खोल कर पेट से हटा दिया था, लेकिन इससे पहले कि मेरी नज़र ऊँची हो, जिस प्रकार चिड़िया उसके सामने खुले हुए सुहावने चारे के जाल में फँस जाती है, उसी प्रकार मेरी आँखें उस शानदार हलके सुनहरी बालों की जाली में उलझी गयी, झाडी में उगते हुए नयी उगी हुई घास की कोपलों जैसे नरम रोये जो ताजगी, सुंदरता और जो काम इच्छा को उत्तेजित करने लगे, वह उस समय प्रेम की देवी लग रही थी। मुझे आनंद के इस सुंदर क्षेत्र को देख आनंद आया। उसके कितने बड़े भरे होंठ थे जिन्हे उसने कितनी मधुरता से संभाला है। कितने सुंदर सुनहरे रोये जो इसे चूमते हुए प्यार करते थे और त्वचा की सफेदी को सुनहरी बना रहे थे, जिनकी तह ने उस गहरी और परिपूर्ण रेखा का निर्माण किया कुदरत द्वारा किया गया था। और उस शानदार पहाड़ी की ढलान कितनी दिव्य थी, बिलकुल छोटी से पठार की तरह जो उसकी जांघों के बीच गहरी घाटी तक गयी और उस चमकते हुए प्रेम कुटी में समाप्त हो गयी जिसमें प्रेम छिपा हुआ था और जिसमे प्रसन्नता, आनद और मजो का खजाना भरा हुआ था जिसे वह हर्ष के अतिरेक के साथ अपने प्रेमी पर खुले मन से लुटाती है और उसके हर्षित आनंद को गर्म लावे के रूप में अपने प्रेमी को प्रदान करती है।


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लेकिन तभी मैंने देखा एक छोटी-सी रूबी टिप उन अति सुंदर होंठों की ऊपरी बैठक के पास बाहर निकल रही है? वह रूबी टिप हिली फिर छुप गयी फिर निकली और फिर धड़कने लगी। ओह लगता है कि वह सपना देख रही है! लिली अपने मुड़े हुए पैर को उस फैलाए हुए पैर की ओर थोड़ा बंद कर लेती है! यह उसकी सबसे संवेदनशील भगशेफ है! तीव्र काम इच्छा के विचारों से उत्तेजित हो यह भगशेफ कठोर हुई और अधिक से अधिक बढ़ी और एक उत्तेजित तने की तरह छोटे झटके में हिलने लगी । अध्भुत दृश्य था ये । मेरी काम उत्तेजना ये दृश्य देख बढ़ने लगी और मेरा लिंग कठोर हो गया

मैंने सोई हुई सुंदरता की मूर्ति लिली के शांत मुस्कुराते और प्यारे चेहरे को देखा, उसके होंठ हिल गए और उसका मुंह मोती के दांतों को दिखाते हुए थोड़ा खुल गया! उसकी छाती फैलती दिख रही थी, उसके स्तन सूज गए थे, वे ऊपर उठे और उससे कहीं अधिक तेजी से गिरे और वैसे हो गए जैसे वे प्यार के इस सपने के पूरा होने या होने से पहले थे। आह! उसके बूब्स हिल रहे थे! उसकी गुलाब की कलियाँ सूज गयी और प्यार करने बाले की निगरानी करते हुए उसके प्रत्येक चूचक अपने ही पहाड़ के बर्फीले सिरे पर बैठे एक उत्सुक प्रहरी की तरह उसके चूचक खड़े हो गए और उसकी बाट जोहने लगे जो इस सपने देखने वाली लिली के ऊपर नरम, तेज और गर्म आक्रमण करेगा। पर ये प्रहरी रक्षा करने के लिए नहीं खड़े हुए थे ये आमंत्रण दे रहे थे। निश्चित तौर पर ये उस आक्रमण करता से पहले मिले हुए थे । और उसकी आहट मिलने से सजग हो गए थे ।

फिर से उसकी जाँघें एक दूसरे पर सट गयी। स्वर्ग! फिर से वे उत्साहित, हिलती-डुलती, उछलती-कूदती और वास्तव में छलांग लगाती हुई प्यार के उस गर्म आश्रय को दिखाने के लिए खुली। उसकी चमकदार रूबी क्लिट स्पष्ट रूप से उस मर्दाना साथी को महसूस करने का प्रयास कर रही है जिसका लिली आकर्षक सपने देख रही थी। मैंने सोचा क्यों न इस सपने को एक मीठी वास्तविकता में बदल दिया जाए?




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उसके चमकते छिद्र में खोजने के लिए, मैंने संकोच नहीं किया और इससे पहले कि वह जाग जाए, तेजी से कपड़े उतार एक पल में मैं उस सुबह की तरह नग्न हो गया, और सोचने लगा कि क्या मैं वास्तव में इस सो रही लड़की में अंदर प्रवेश कर पाऊँगा, तो मैं धीरे से उसके बगल से उसकी जांघ पर चढ़ गया और उसके बीच घुटनों के बीच मैंने अपने हाथों पर अपने आप को सहारा दिया, उसके प्रत्येक तरफ़ एक और अपने पैरों को पीछे की ओर खींचकर, मेरी नज़र उस प्यारी और जलती हुई योनि पर टिकी हुई थी जिस पर आक्रमण करना चाहता था। मैंने अपने शरीर को तब तक नीचे किया जब तक कि मैं अपने उत्तेजित और झटकेदार उपकरण के सिर और बिंदु को उसके निचले आधे हिस्से के बिल्कुल सामने नहीं ले आया और फिर मैंने एक झटके में ही लंड मुंड को अंदर कर दिया!

मैं ख़ुद को उस पल में उसकी मासूमियत के साथ प्यार और विलासिता के उस आसन में प्रवेश करते हुए देख सकता था! मैंने महसूस किया उसकी योनि गीली थी और इतनी टाइट थी की लंड की चमड़ी और योनि की दीवारों के घर्षण के कारण मेरे लंडमुंड के ऊपर की चमड़ी मेरे लंड के झुनझुनी वाले सिर से पीछे हट रही है और लंड के चौड़े बैंगनी कंधो जैसी जगह के पीछे मुड़ कर इकठी हो गयी और लाल लंडमुंड उसकी योनि को चुंबन करते हुए उसकी योनि की पूरी गहराईयो में समा गया । एक पल के लिए मैंने उसके चेहरे की ओर देखा कि क्या उसे मेरे द्वारा की गयी इस घुसपैठ का कुछ आभास हुआ है? वह अभी भी एक कामुक सपने के उत्साह में सो रही थी। मैं धीरे-धीरे उसे और अधिक आनंद देने के लिए, थोड़ा-सा पीछे हटते हुए, आगे और आगे दबाव डाला।


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अब लगभग पूरा लंड अंदर चला गया था, उसकी योनि प्रदेश के रोये मेरी आँखों से मेरे औजार के आखिरी इंच या इतने से भी कम को छुपा रही थी, हमारेयोनि प्रदेश के बाल आपस में मिले, मेरे अंडे उसके नितम्बो से छुए और वह हिली और जगने लगती है और उसकी आँखे थोड़ी-सी खुली!

एक पल में उसकी लगभग जंगली उत्सुक आँखे मेरी नज़रो से मिलीं, और मुझे देख उसकी आँखे ख़ुशी और स्नेही दुलार से चमक उठी और उसने अपने बाहे मेरे गले में डाल मेरे मुँह को अपने ओंठो के पास खींचा।

"आह! तो यह आप है?" वह कराही, "मैं तुम्हारा ही सपना देख रही थी! और तुमने मुझे इतने प्यार से जगा दिया!"


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उसके बाद हमने कुछ देर गहरे और गर्म और लम्बे चुंबन किये, ओंठो से ओंठ और जीभ से जीभ मिले और लार का आदान प्रदान किया।

फिर दोनों ख़ुशी और थोड़े विस्मय के साथ तंग आलिंगन में लिपटे गले से गले फिर स्तन से स्तन, पेट, से पेट, मुँह के साथ मुँह मिले, जांघो से जाँघे, टांगो से टाँगे और पारो ने पैरो को दबाया और रगड़ा और हम ऐसे ही एक दुसरे के साथ खेलते रहे। शरीर के हर-हर हिस्से में हलचलें हुई और फिर पैर की अंगुली और एड़ी जैसा कि उसने कहा:, गर्म, तेज, रोमांचकारी चुदाई शुरू हुई जो पता नहीं कब तेज छोटी खुदाई में बदली और दोनों के कराहो के बीच में फिर प्यार के दो ज्वालामुखियों की धाराएँ एक साथ फूटी और उनका लावा बाढ़ की तरह पहाड़ी के ढलानों से नीचे बह गया।

तभी घडी में छे बजे का घंटा बजा। हमने लगभग पूरे एक घंटे गहन कार्यवाही की थी और मेरी आकर्षक सुंदरता लिली ने मेरे खड़े हुए लंड की एक बार फिर जांच की और उसने कहा, अध्भुत तुम्हारा लिंग और अंडकोष सच में अध्भुत हैं। अद्भुत, अद्भुत इसलिए क्योंकि तुम्हारे लिंग में थकान के कोई लक्षण नहीं थे और दूसरे में भी कोई कमी के कोई लक्षण नहीं थे।
उसने लंड को पकड़ा, सहलाया और फिर उत्तेजना से लाल लंडमुंड को चूमा फिर घुमा का एक तरफ़ और फिर घुमा कर दूसरी तरफ़ देखा "मुझे विश्वास नहीं है कि पुरुष का लिंग ऐसा भी हो सकता है!"

"क्यों आपको ऐसा क्यों लगता है?" मैंने हंसते हुए पूछा।

"क्योंकि यह तो हमेशा कठोर ही रहता है--क्या तुम्हारा लिंग हमेशा खड़ा रहता है?"

"ऐसा इसलिए है क्योंकि मैं आपका दीवाना हूँ और ये आपकी योनि का आशिक हो गया है, मेरी प्रिय लिली, इसे बाहर निकालने के बाद हमेशा इसमें वापस आने की बहुत ज़्यादा जल्दी रहती है!"


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" लेकिन मैंने ऐसा पहले कभी नहीं देखा है! मैंने अपनी बहन को कई मर्दो के साथ सम्भोग करते हुए देखा है अन्य सभी पुरुष के लिंग एक बार सम्भोग के बाद और उनमे से ज्यादातर के दूसरी बार के बाद हमेशा नरम हो जाते हैं और आम तौर पर फिर से खड़े होने के लिए काफ़ी प्रयास करना पड़ता है, और वह भी तब जब उन्हें बहुत समय दिया जाए! लेकिन तुम्हारा तो बैठता ही नहीं है! मैंने कभी ऐसा देखा नहीं है मैं ऐसे किसी से कभी नहीं मिली! मैं देख सकती हूँ, इसमें से सारा रस निकालने के लिए मुझे बहुत मेहनत करनी होगी! इससे मुझे बहुत परेशानी होगी ।

"ओह! लेकिन मैं अपनी सबसे प्यारी और परम सुंदर प्रेमिका को आश्वस्त कर सकता हूँ कि सामान्य महिलाओं के साथ मैं वैसा ही हूँ जैसा आप उन पुरुषों का वर्णन कर रही हैं या जिन्हें आप ने देखा या जाना है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि यह आपकी असाधारण सुंदरता ही है जिसने मुझ पर इतना शक्तिशाली प्रभाव डाला है!" मैं उसे चूमते हुए बोला "आइए!" मैंने अपनी बाँहों और जाँघों को खोलते हुए कहा। "आओ और मेरे ऊपर लेटो और मुझे एक लम्बा गहरा चुंबन करो!"

उसकी सुंदरता की प्रशंसा मैंने की, उसकी प्रसंसा जो मैंने की थी वह उसके योग्य थी, अपनी प्रशन्सा से उत्साहित, उसने ख़ुद को ख़ुशी के कराहते हुए मेरे ऊपर फेंक दिया और मेरी मर्दानगी उसकी योनि से टकराई और उसने टाँगे खोल कर उसका स्वागत किया और वह अपने पसंददीदा विश्राम स्थान में फिर से प्रवेश कर गयी ।

प्यार सेऔर बिल्ली की तरह चाटते हुए जोश से थोड़ा शब्दों को बड़बड़ाते हुए वह मुझे मधुर चुंबन करती रह, फिर मैंने उसे प्रस्ताव दिया कि वह अपनी जांघो को मेरी जांघो पर थोड़ा फैला कर मेरे ऊपर बैठ जाए।

"लिली मेरी जान! आ जाओ मेरे ऊपर बैठो" मैं कराहा! और मैं ने अपना हाथ उसके पेट के नीचे और उसकी जाँघों के बीच और अपनी लंड को उसकी धधकती हुई गुफा में खिसका दिया। मेरा लंड कुछ समय के लिए एक दम कड़ा, सुजा हुआ और जोश से धड़क रहा था, और राहत पाने के लिए दर्द हो रहा था। लिली में अपनी जाँघे मिलाई।

"इसे दबाओ निचोड़ेो, लिली! इसे निचोड़ो, प्रिये; आह! अच्छा! ऐसा करो! और करो, इससे मुझे बहुत मदद मिलेगी; तुम नहीं जानते कि मैं कैसे तड़प रहा हूँ, मेरी प्रिय इसे कस कर निचोड़ो, थोड़ा सा ऊपर-नीचे करो -ओह, बेबी, यह बहुत बढ़िया है!"

उसे बार बार चूमते हुए,अपने हाथो से उसके नितम्बों और स्तन को दबाते हुए धीरे-धीरे लिली के नीचे मेरी कमर ने अपना काम जारी रखा और इस रमणीय अनुभूति के कुछ क्षण लंबे मेरे लिए पर्याप्त थे। अचानक ऐंठन के साथ, अपने कूल्हों को ऊपर उठाते हुए उसे अपने और खींचा और उसे अपने स्तन से चिपका कर उस सुंदर लड़की को पागलों की तरह चूमने लगा।

जारी रहेगी

आपका दीपक
Reply
04-17-2023, 09:59 AM,
#60
RE: Intimate Partners अंतरंग हमसफ़र
मेरे अंतरंग हमसफ़र

चतुर्थ अध्याय

लंदन जाने की तयारी

भाग -10

नकली गुस्सा असली प्यार.



मेरे अंतरंग हमसफ़र चतुर्थ अध्याय भाग 9   में पढ़ा:

कुछ देर बाद लिली ने मुझ से पूछा-अब आगे का क्या इरादा है?

मैं उसे किश करते हुए नाक से नाक रगड़ते हुए बोला-बस मेरी जान! चुदाई और सिर्फ़ चुदाई! लिली मेरी जान, मैं अपने लंड को अब अगले पांच दिन तक तुम्हारी और हुमा की चूत के अन्दर घिसना चाहता हूँ। लेकिन उसके अलावा और कोई ख़्वाहिश हो तो बताओ!

आपने मेरी कहानी " मेरे अंतरंग हमसफ़र" में अब तक पढ़ा:

मैं अपनी पत्नी प्रीती को अपनी अभी तक की अंतरंग हमसफर लड़कियों के साथ मैंने कैसे और कब सम्भोग किया। ये कहानी सुनाते हुए बता रहा था की, किस तरह मेरी फूफरी बहन की पक्की सहेली हुमा की पहली चुदाई जो की मेरे फूफेरे भाई टॉम के साथ होने वाली थी। टॉम को बुखार होने के बाद मेरे साथ तय हो गयी। फिर सब फूफेरे भाई, बहनो और हुमा की बहन रुखसाना तथा मेरी पुरानी चुदाई की साथिनों रूबी, मोना और टीना की मेरी और हुमा की पहली चुदाई को देखने की इच्छा पूरी करने के लिए सब लोग गुप्त तहखाने में बने हाल में ले जाए गए। मैं दुल्हन बनी खूबसूरत और कोमल मखमली जिस्म और संकरी चूत वाली हुमा ने अपना कौमर्य मुझे समर्पित कर दिया उसके बाद मैंने उसे सारी रात चोदा और यह मेरे द्वारा की गई सबसे आनंदभरी चुदाई थी। उसके बाद सब लोग घूमने मथुरा आगरा, भरतपुर और जयपुर चले गए और घर में एक हफ्ते के लिए केवल मैं, हुमा और रोज़ी रह गए। जाते हुए रुखसाना बोली दोनों भरपूर मजे करना। उसके बाद मैं और हुमा एक दूसर के ऊपर भूखे शेरो की तरह टूट पड़े और हुमा को मैंने पहले चोदा और फिर उसके बाद बहुत देर तक चूमते रहे।

उसके बाद मैं फूफा जी के कुछ जरूरी कागज़ लेकर श्रीमती लिली से मिलने गया पर इस कारण से हुमा नाराज हो कर चली गयी । लिली वास्तव में बहुत सुंदर थी और उसका यौवन उसके बदन और उसके गाउन से छलक रहा था। उसके दिव्य रूप, अनिन्द्य सौन्दर्य, विकसित यौवन, तेज। कमरे की साज सज्जा, और उसके वस्त्र सब मुझ में आशा, आनन्द, उत्साह और उमंग भर रहे थे। अचानक वह दर्द से चिल्लाने लगी और बोली, मेरे पैरों में ऐंठन आ गयी है। मैंने उसके गाउन को ऊपर उठाते हुए और उसकी प्यारी पिंडलियों को अपने हाथों से सहलाया, और नरम और गुलाबी त्वचा पर चुंबन कर दिया। उसके अतुलनीय अंग अनुपम रूप से सुशोभित थे। मैंने लिली की जांघो और उसकी टांगो को चूमा और सहलाया फिर उसकी योनि के ओंठो को चूमा, चूसा और फिर मेरी जीभ ने उसके महीन कड़े भगशेफ की खोज की, मैंने उसे परमानंद में चूसा, और उसने मेरा मुँह अपने चुतरस से भर दिया।

लिली ने लंड को पकड़ लंडमुड से भगनासा को दबाया और योनि के ओंठो पर रगड़ा और अपनी जांघो की फैलाते हुए योनि के प्रवेश द्वार पर लंड को लगाया अब मेरा लंड लिली की कुंवारी चूत के बिल्कुल सामने था। उसने अपने नितंबों को असाधारण तेज़ी और ऊर्जा के साथ ऊपर फेंक दिया, जबकि उस समय मैं भी उसकी स्वादिष्ट योनी में घुसने के लिए उतना ही उत्सुक तेज़ था। मेरा कठोर खड़ा हुआ लंड लिली की टाइट और कुंवारी चूत के छेद में घुस गया और मैंने लिली को आसन बदल कर भी चोदा । मैं पास के कमरे में गया वहां हुमा थीं। हम दोनों एक दूसरे की बांहो जकड़ कर जन्नत के आनंद का मज़ा लिए और मैंने ढेर सारा वीर्य उसकी योनि में छोड़ा।

कुछ देर बाद मैं उठा तो मैंने देखा हुमा भी नींद की आगोश में थी और पर्दा हटा कर मैंने लिली के कक्ष में झाँका और मैंने वहाँ बिस्तर पर गहरी नींद में सोई हुई प्यारी परम् सुंदरी लिली को देखा। मैं अपने उत्तेजित और झटकेदार उपकरण के सिर और बिंदु को उसके निचले आधे हिस्से के बिल्कुल सामने नहीं ले आया और फिर मैंने एक झटके में ही लंड मुंड को अंदर कर दिया! मेरा लंड एक बार फिर झड़ने के बाद कठोर ही रहा और उसे देख लिली थोड़ा आश्चर्यचकित हुई और मैंने उसने अपने ऊपर आने के लिए उत्साहित किया। हुमा भी घण्टे की आवाज़ से जग गयी थी और मुझे ढूँढते हुए लिली के कमरे में पता नहीं कब आ गयी थी लिली की चुदाई देखने के बाद हुमा भी मेरे साथ चिपक गयी।

अब आगे:-

हुमा मेरे साथ चिपकी हुई मुझे किश करने लगी और रुआंसे से स्वर में कहने लगी-दीपक आई मिस यू! आई लव यू!

वो प्यार की भाषा बोले जा रही थीl मैं भी उसे किश करता रहाl

उसने मुझे बहुत देर तक हग किया और फिर अलग हुएl

ये सब ख़त्म करने के बाद मैं और हुमा चिपक कर बात कर ही रहे थे कि तभी दरवाजे पर दस्तक हुईl हुमा ने उठ कर दरवाज़ा खोला, तो लिली किचन में चाय पानी और कुछ नाश्ता ले कर आ गईl

नाश्ता करने के बाद लिली बर्तन इत्यादि ले कर चली गयी l


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तो मैंने उससे पुछा हुमा तुम यहाँ कैसे पहुँची?

तो बो बोली जब आपको आपके फूफा जी में फ़ोन पर सन्देश भेजा था और यहाँ का पता बताया था तो मैंने पढ़ लिया था और जब आप बोलो मुझे जाना होगा तो मैंने सोचा क्यों न इसमें थोड़ा रोमांचा जोड़ा जाए इसलिए मैंने आपसे नाराज होने का नाटक किया और टैक्सी बुला कर यहाँ चली आयी और मैंने लिली को पूरी बात बतायी तो उसने आगे का सब प्लान ख़ुद बना लिया ।

मैं भी नकली गुस्सा करते हुए बोलै तुम्हे पता नहीं है और मुझे कितना बुरा लगा था मैंने अपने कपड़े पहने और जाने के लिए तैयार हो गया।

हुमा ने मुझे अपने और खींचा और मुझ पर टूट पड़ीl वह मेरे गाल, नाक, मुँह, सब जगह चूमने लगी और रोने लगीl

मैं थोड़ा नाटक करते हुए बाहर निकला और भी वही थोड़ी दूर बगीचे में थोड़ी सैर करने चला गया और कुछ देर घूमने के बाद सिगरेट पी कर वापस आ गयाl तब तक हुमा ने फ़ोन पर मुझे देर सारे सॉरी के SMS.भेज डाले

जब मैं वापिस आया तो वहाँ हुमा अकेली बैठी थी

हुमा ऐसे ही नंगी उठकर उसके करीब आई और मुझसे लिपट कर बोली-" आई एम सॉरी...तुम गुस्सा मत मानो बस... मैंने तो बीएस मजे के लिए किया था... आई ऍम सॉरी प्रोमिस, आज के बाद तुम्हे कभी ऐसे नहीं सताऊँगी पर तुम नाराज़ मत होना... कहते हुए हुमा ने मेरे लंड को पेंट के उपर से पकड़ कर ज़ोर से दबा दिया।



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हुमा ने-ने इशारा किया और लिली भी दौड़कर मेरे से आकर लिपट गयी...अपनी दोनों बाहों में 2 गरमा गरम लड़कियों को-को दबोचकर मेरा सारा नकली गुस्सा फुर्र हो गया...

मैंने एक के बाद एक दोनों को अच्छी तरह से स्मूच किया।

उसने एक के बाद एक दोनों को अच्छी तरह से स्मूच किया।

जैसे ही मैंने हुमा की गांड पर हाथ रखकर उसे अपनी तरफ़ उचकाया, वो किसी बंदरिया की तरह उछलकर मेरे से लिपट गयी...उन दोने में से हुमा छोटी थी और छोटी होने के साथ वह काफ़ी हल्की

भी थी...शायद उसका वज़न 50 के भी कम था...

उसने अपनी नंगी बॉडी को मेरे जिस्म से बुरी तरह से मसल दिया और उपर उछलकर अपने आतुर होंठों को मेरे गर्म होंठों पर रखकर एक गहरे चुंबन में डूब गयी।


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मेरे लिए ये स्मूच एक यादगार लम्हा बनकर रह गया, और उसे किस्स करके पता चला हॉटनेस में वह अच्छे-अच्छों को पीछे छोड़ सकती थीl उसके किस्स करने का तरीक़ा ही ऐसा था, सबसे निराला, अपनी जीभ और होंठों को पूरी तरह से गीला करके वह मेरे होंठों को नहला रही थीl

मेरे दूसरे हाथ में लिली थी, वरना मैं उस समय हुमा के स्तनों को नींबू की तरह निचोड़ चुका होता अब तकl

हम दोनों को ऐसे स्मूच करता देखकर लिली ने हुमा को टोका-"अब बस करो हुमा! खा जाएगी क्या दीपक को!"

हुमा मेरी गोद में चढ़कर वह मेरी कमर पर अपनी चूत भी रगड़ रही थी...

कुछ देर के बाद हुमा उठी और मेरी पेण्ट को खोल दिया और मेरे लंड को खड़ा देख कर उसके ऊपर बैठने की कोशिश करने लगी।

मैंने भी उसको घोड़ी बनाया और अपना खड़ा लंड उसकी चूत में पीछे से डाल दिया। उसकी चूत बहुत ही टाइट लगी मुझको और लंड बड़ी मुश्किल से अंदर जा रहा था।

लंड के घुसते ही चूत में बहुत गीलापन 


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आना शुरू हो गया और फिर मैंने कभी तेज़ और कभी आहिस्ता धक्के मार कर हुमा का पानी जल्दी ही छूटा दिया और वह कई क्षण मुझ से लिपटी रही।

फिर मैंने लिली को उठा कर अपने सीने से लगाया। उसकी काफ़ी तारीफ की, उसके सैक्सी जिस्म की काफ़ी तारीफ की। फिर मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रखे। वाकय उसके होंठ बहुत ही नरम और गुलाब की तरह थे। मैंने उसके होंठ चूसना शुरू किया। उसके बाद उसके होंठों को एक प्यासे बच्चे की तरह चूसने लगा।

लिली भी किसिंग में बहुत एक्सपर्ट लगती थी। उसने इस तरीके से मेरे होंठ चूसना शुरू किया कि मैं बहुत इंजॉय कर रहा था। उसके बाद हमारी ज़ुबानें एक दूसरे के मुँह में थीं। मैं उसके मुँह का ज़ायका चख रहा था और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। साथ-साथ मेरा हाथ उसके बूब्स पर गया।

मैंने उसके मम्मे दबाना शुरू किया और लिली को भी मज़ा आने लगा। उसके बाद मैंने उसके एक मम्मे को मुँह में लिया और उसको चूसने लगा। मेरी हालत एक भूखे बच्चे की तरह थी। मैंने एक मम्मे को मुँह में लिया था और दूसरे को हाथ से मल रहा था। वह बहुत ही गरम हो रही थी और मैं लगातार उसके मम्मे एक के बाद दूसरे को चूस रहा था। उसने मेरे सिर को अपनी चूचियों के साथ लगा कर रखा था और आँखें बंद की थीं। उसने मेरे जिस्म पर हाथ फेरना शुरू किया और जब उस का हाथ मेरे लंड पर पहुँचा और उसने मेरा लंबा कठोर लंड अपने मुलायम और नाज़ुक हाथों में काबू किया और मैं अभी तक कभी उसके मम्मे चूस रहा था और कभी उसके लिप्स को चूसता।

उसके साथ ही मैं अपना हाथ उसकी चूत पर ले कर गया और वह मुकम्मल गीली हो गयी थी। मैंने उसके जिस्म को किस करना शुरू किया।

मैंने उसके एक-एक हिस्से को किसिंग करना और चाटना शुरू किया। उसकी गर्दन से होता हुआ उसके प्यारे से पेट पर गया, फिर उसकी चूत की ऊपरी जगह को किस करने और चाटने लगा। बेशक वह बहुत साफ़ सुथरी लड़की थी। उसने ताज़ा-ताज़ा पहले बार चुदी हुई चूत पिंकिश थी। फिर मैंने उसकी चूत पर किस की और आहिस्ता-आहिस्ता उसकी चूत पर ज़ुबान फेरने लगा। लिली को भी काफ़ी मज़ा आ रहा था।

मुझे बहुत ही मज़ा आया क्योंकि उसकी चूत बहुत साफ़-सुथरी और सुंदर थी सो मैंने काफ़ी देर उसकी चूत चाटने में लगायी। वह बहुत गरम हो गयी थी और टाँगें मार रही थी मगर मैं उसको पूरा मज़ा देना चाहता था। चूत चाटते-चाटते वह डिसचार्ज हो गयी और मैं उसको पूरा चाट गया मगर जब उसकी चूत की हालत देखी तो उस वक़्त वह गुलाबी हो रही थी, इसलिये मैंने मुकम्मल तरीके से उसकी चूत को चाटा।



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इस दौरान वह मेरे लंड के साथ खेल रही थी सो मैंने उसको चूसने के लिये कहा। वह अब एक एक्सपर्ट की तरह मेरे लंड को सोफ्टी तो तरह चाटते हुए चूसने लगी। मेरा लंड पूरा तन चुका था तो कुछ देर बाद मैंने लंड उसके मुँह से निकाला और उसकी टाँगों के बीच में रखा। फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत के मुँह पर रखा और आहिस्ता-आहिस्ता अंदर डालने लगा। उसकी चूत अभी भी काफ़ी टाइट थी।

मैंने धीरे-धीरे एक एक इंच करते हुए पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया और आगे पीछे करने लगा। मैंने उसकी टाँगें उठायी हुई थीं और अपना लंड उसकी चूत में डाला हुआ था। लिली की आँखें बंद थीं और वह भरपूर मज़ा ले रही थी। कुछ देर बाद मैं डिसचार्ज होने लगा और मुझे ये डर था कि अगर मैं अंदर डिसचार्ज हो जाऊँगा तो ये प्रेगनेंट हो जायेगी। सो मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उसकी पेट पर डिसचार्ज हो गया।

जब उसने मुझे बाहर डिसचार्ज होते देखा तो मुझसे पूछा कि लंड बाहर क्यों निकाला है? मैंने यही जवाब दिया कि मैं उसको प्रेगनेंट नहीं करना चाहता। इस पर उसने मुझे सीने से लगा कर बहुत किस किया और मेरी इस बात पर खुश हुई और कहा कि अब आगे कभी बाहर नहीं डिसचार्ज होना मैं दवाई ले लूंगी ।

फिर हम तीनों ने रात का खाना खाया मैंने उस रात हुमा और लिली को आठ बार अलग-अलग स्टाईल से चोदा। मुझे उनके साथ हर बार एक नया ही मज़ा आया।

जारी रहेगी
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