07-17-2020, 10:45 AM,
|
|
desiaks
Administrator
|
Posts: 23,268
Threads: 1,141
Joined: Aug 2015
|
|
RE: Sex kahani द मैजिक मिरर (Tell Of Tilism)
पत्र: राज राजकुमारी नैना आईने से बाहर आना चाहती है इसके लिए उसे 3 ज़िन्दगीयों की बाली चाहिए। अगर तुमने आईने को ज़िन्दगी दी तो ये तुम्हे विवश करेगा और देने के लिए। अगर तुम मजबूरी में तीनों जिंदगियां दे भी दो तो संभाल कर रहना । क्योंकि राजकुमारी नैना आईने के बाहर आते हिबिसे प्राप्त करना चाहेगी। अगर उसने आईना प्राप्त किया तो अनर्थ हो जाएगा। सारे जगत में वासना और पाप का वास हो जाएगा। और कई दुष्ट शक्तियां जगरत हो जाएंगी। आईना राज कुमारी नैना के लिए बनाया गया था इस लिए ये हर बार राज कुमारी नैना की तरफ खींच चला जायेगा। अगर राज कुमारी नैना को मारना है तो तुम्हे एक तलवार की ज़रूरत होगी जो कि नीलांकर से धुली हुई है।
यदि तुम उस तलवार से आईने को उस समय तोड़ दो जब राजकुमारी नैना सो रही हो तो ये संभव है। आईना केवल उसी तलवार से टूटेगा। क्योंकि वो तलवार खुद राजकुमारी नैना की है। एक विशेश बात और राज राजकुमारी नैना को सुलाना इतना आसान नहीं है। उसे केवल वासना के खेल में हर कर ही सुलाया जा सकता है। जैसे ही राज कुमारी नैना सोकर सपनो मैं खो जाएगी वो उसी पल आईने से जुड़ जाएगी। और तुम्हे ठीक उसी पल आईने को तलवार से तोड़ना होगा।
राज जब में तुम्हारी मदद के लिए बार बार भविष्य का सफर कर रहा था तो मुझे पता नही था कि मेरी उम्र आईना सूखे जा रहा था। इसलिए तुम जितना आईने से सफर करोगे आईना तुम्हारी ज़िन्दगी खत्म करता रहेगा। राज मुझे माफ़ करदेना एक अंतिम बात मैं बड़े दुख से बोलने जा रहा हूँ। जब तुम आईने को तोड़ोगे तब आईना तुम्हे भी अपने अंदर समा लेगा। मुझे माफ़ करना बच्चे ये सब मेरी वजह से आज सबके साथ हो रहा है।
राज ने जब पत्र पूरा पढ़ लिया तो राज के हाथ से पत्र छूट गया। आज बहुत दुखी हुआ। आखिर हो भी क्यों ना जब किसी को अपनी मौत के बारे में पहले से पता चल जाता है तो दुखी तो होना ही था। तभी राज की नज़र एक बार फिर से पत्र जाती है जो नीचे गिरते वक़्त पलट गया था। उसपर कुछ लिखा था।
पत्र: वासना से जितना है तो वासना में पारंगत होना तुम्हारा लक्ष्य है। इसलिए तुम्हे कालू के हाथों से मैंने वो दवा दिलवाई थी। अब तुम्हे संभोग करना होगा। जब तुम आम इंसानों को संभोग में पीछे छोड़ दोगे तो शायद तुम राजकुमारी नैना को हरा कर सुला पाओ।
राज अब सब समझ रहा था। इसका मतलब मेरा गांव जाना, वो दवा लेना, आईने की कहानी सुनना, आईने का मिलना, वो नीलांकर पीना, चंचल का व्यवहार , मेरे शारीरिक बदलाव, नाना जी के अनुभव , मतलब जो कुछ मेरे साथ हुआ है सब कुछ नाना जी की मर्जी से ही रहा है।
रात भर राज यही सोचता रहा, और सोचते सोचते कब सुबह हो गयी राज को पता भी नहीं चला। राज ने सुबह हिट ही उस पत्र को जला दिया और नहाने को अपने बाथरूम में चला गया। आज संडे था। ना तो राज को कहीं जाना था। ना ही रानी और सोनिया को। सरिता को ज़रूर क्लिनिक पर जाना था इस लिए सरिता तैयार हो रही थी। वही गिरधारी को अपने दोस्त की बेटी की शादी में जाना था सो काल रात को ही निकल गया।
सरीता जल्दी जल्दी नाश्ता बना कर राज रानी और सानिया को नीचे बोलाती है नाश्ता करने को।
राज जब नीचे आता है तो अपनी मम्मी सरिता को देख कर वासना मई हो जाता है। सरिता साड़ी में खूबसूरत लगने के साथ साथ बहुत ही मादक लग रही थी। वहीं सरिता भी जब राज को देखती है तो सरिता दिल भी राज के प्रति वासना से घिर जाता है। सरिता राज के बारे में सोचते ही गर्म हो जाती है। अभी दोनो की आंखों के पेच लड़ ही रहे थे कि रानी और सोनिया भी नीचे आ जाती है। दोनो आपस मे बात करते हुए नीचे आ रही थी। जिससे राज सरिता का ध्यान टूटता है और नाश्ता करने की तैयारी में लग जाते है।
|
|
|