09-19-2020, 01:05 PM,
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desiaks
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RE: Thriller Sex Kahani - मिस्टर चैलेंज
" ज - जी हां । "
" रिपोर्ट "
राइटिंग चन्द्रमोहन की ही थी । "
" इसका भी एक फोटो उतरवा लेना । " विभा ने शीशे पर लिखे अक्षरों की तरफ इशारा किया ---- " और एक्सपर्ट के पास भेजकर उसकी ओपिनियन जरूर ले लेना । " कहने के बाद उसने अपनी आखें ड्रेसिंग टेबल पर रखे मेकअप के सामान पर स्थिर की ।
सामान सलीके से रखा था । एक एक लिपस्टिक उठाकर उसका कलर देखती हुई विभा ने कहा ---- " लिपस्टिक पर पॉयजन लगाने का काम हत्यारे ने हिमानी को वाथरूम में बंद करके किया । उसकी हरकत का कारण तुममें से कोई नहीं समझ सका । "
मै सोच रहा था कितनी तेजी से और कितना एक्यूरेट सोचती है विभा ? उसने गाड़ी में ही संभावना व्यक्त कर दी थी कि हत्यारे ने हिमानी की हत्या की भूमिका उसे बाथरूम में बंद करते वक्त तैयार कर ली थी । मैंने अपने दिमाग में उभरा एकमात्र सवाल उगला ---- " लेकिन विभा । यह घटना कल की है । यदि हत्यारे ने उस वक्त लिपस्टिक पर पॉयजन लगाया तो क्या उसे मालूम था हिमानी आज कौन - सी लिपस्टिक इस्तेमाल करेगी ? "
" पायजन एक ही लिपस्टिक पर लगाया गया था या सब पर , इस सवाल पर जवाब मेकअप के सारे सामान को लेबोरेट्री में भेजने के बाद मिलेगा । " कहने के साथ विभा ने वह लिपस्टिक निकालकर अलग रख दी जिससे शीशे पर CHALLENGE लिखा गया था । हिमानी द्वारा इस्तेमाल की गई लिपस्टिक भी वही थी । ड्रेसिंग टेबिल की दराज खोलती विभा ने आगे कहा --- " वैसे मेरे ख्याल से हिमानी का आज ही मरना जरूरी नहीं था । उसे तब मरना था जब इस लिपस्टिक का इस्तेमाल करती । संयोग से वह दिन आज का हो गया । हत्यारे ने अपनी तरफ से मौत का जाल बिछाकर छोड़ दिया था । हिमानी आज मरे या कल । "
मैंने कहा -- " सबसे अहम सवाल को तुम भी बार - बार गोल कर रही हो विभा । "
" कौन सा सवाल ? " " हिमानी ने शीशे पर क्या सोचकर CHALLENGE लिखा ? "
" मेरे दिमाग के मुताबिक अब एक सवाल के अंदर से दूसरा सवाल भी उभर आया है । यह सवाल तो अपनी जगह अनुत्तरित है ही कि मरने वाले CHALLENGE क्यों लिख रहे हैं ? चलो माना , सत्या ने किसी अज्ञात वजह से CHALLENGE लिखा । परन्तु चन्द्रमोहन ने कागज पर यही शब्द लिखकर जेब में क्यों रखा ? हिमानी ने इस कमरे से बाहर निकलने से पहले क्यों लिखा ? क्या इन दोनों को भी अपनी मौत का पूर्वाभास हो गया था ? "
जैकी बोला ---- " ऐसा नहीं था । दावे से कह सकता हूं फोन पर बात करते वक्त चन्द्रमोहन को स्वप्न तक में अपनी मौत का अनुमान नहीं था । उसी तरह -चश्मदीद गवाहों के मुताबिक मौत के चंद क्षण पहले हिमानी जितनी मस्त थी , उसे देखते हुए नहीं जा सकता कि उसे मौत का पूर्वाभास था , बलिक वह तो खुद को बचाने के लिए भी चिल्लाई । "
" फिर उसने किस मानसिकता के तहत शीशे पर CHALLENGE लिखा ? " एक - एक शब्द पर जोर देता मैं कहता चला गया -- " क्या लिखते वक्त उसे यह ध्यान नहीं आया होगा सत्या और चन्द्रमोहन यह शब्द लिखने के बाद मर चुके है ? ऐसा नहीं माना जा सकता कि यह बात उसके जहन में नहीं कौंधी होगी । यदि कौंधी थी , तो लिखते वक्त हाथ क्यों नहीं कांपे.
उसके ? यह सवाल दिमाग में क्यों नहीं आया कि अब मैं भी मरने वाली हूं ? अगर आया था तो लिखा क्यों ? इतनी मस्त कैसे थी वह इसे लिखते आखिर सोच क्या रही थी हिमानी ? "
विभा कह उठी ---- " बहुत ही गूढ , गहरा और सार्थक सवाल उठाया है तुमने । "
" मैं अपनी तारीफ का नहीं विभा , जवाब का तलबगार हूं । "
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09-19-2020, 01:06 PM,
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RE: Thriller Sex Kahani - मिस्टर चैलेंज
" क्या जरूरी है ये ब्राण्ड इस्तेमाल करने वाला कालिज में दूसरा नहीं होगा . "
" इसीलिए इस कमरे तक आने की जरूरत पड़ी । एशट्रे को देखते ही पुष्टि हो गयी , हिमानी के कमरे में सिगरेट पीने वाले मिस्टर लविन्द्र ही थे । ध्यान से देखो , एशट्रे में मौजूद सभी टोटे इस टोटे की तरह आये है अर्थात् आधी सिगरेट पीकर कुचल देना इनकी आदत है । "
" कड़ियां जोड़ने में आपको महारत हासिल है । " जैकी कह उठा- " इस केस से पहले मैं ऐसे किसी इन्वेस्टिगेटर से नहीं मिला जो इतने छोटे - छोटे प्याइंट्स पकड़कर इतनी दूर तक निकल जाये । " जैकी के मुंह से विभा की तारीफ सुनकर मेंरा सीना चौड़ा हो गया । कुछ इस तरह , जैसे मेरी तारीफ की गई हो । मगर विभा पर कोई असर नहीं था । बोली -.- " मि ० लविन्द्र , मेरे ख्याल से यह लेटर आपको हिमानी के कमरे में भेजने के लिए हत्यारे ने लिखा है । "
" मगर क्यों ? वह ऐसा क्यों चाहता था ? " " एक बजह आपको इन्वेस्टिगेटर की नजर में संदिग्ध बनाना भी हो सकती है । "
" म - मुझे क्यों संदिग्ध बनाना चाहता है वह ? "
" यह इस केस के हत्यारे की टेंडेंसी लगती है । कुछ देर पहले तक मि ० बंसल को चारा बनाकर हमारे सामने डाल रहा था । मुमकिन है आगे किसी और को डाले । यह टेक्निक उसने खुद को शक के से बाहर रखने के लिए अपनाई है । "
" यह टेक्निक तो जबरदस्त पेचीदगियां पैदा कर देगी विभा जी । " जैको बोला ---- " किन्हीं कारणों से असल हत्यारे पर शक गया भी तो उस स्पॉट पर हम यह सोचकर चूक कर सकते हैं कि शायद वह भी हत्यारे की टेक्निक का ही शिकार है।
सो तो है । " विभा नुस्कराई ---- " वह अपनी चाल चलेगा । हमें अपने पैतरे दिखाने हैं । दिमाग की नसें इसी खेल से खुलती हैं । खैर .... जैसा कि आपकी बातों से जाहिर है मि ० लविन्द्र आप अभी तक इस लेटर के लेखक का पता नहीं लगा सके होंगे । "
" कालिज में मुस्लिम कैंडिडेट कितने हैं ? " मैं और लबिन्द्र विभा के सवाल का मतलब नहीं समझ सके । जबकि जैकी मारे खुशी के लगभग उछल पड़ा ---- " मैं भी यही कहने वाला था विभा जी , लेटर किसी मुस्लिम ने लिखा है ।
" किस बेस पर ? " विभा ने कहा । "
प्लीज ---- इम्तहान मत लीजिए मेरा । आपके सवाल से जाहिर है कि कॉपी के जिस कागज पर लेटर लिखा गया है , उसके दाहिने ऊपरी कोने पर बहुत छोटे - छोटे अंकों में लिखे ' सात सौ छियासी ' पर आपकी नजर भी पड़ चुकी होगी । ' विभा के होठो पर मुस्कान फैल गयी । बौली ---- " मुझे खुशी हुई कि इस प्वाइंट को तुमने भी पकड़ा । "
" मैंने कहा था , आपसे बहुत कुछ सीखने को मिलेगा । "
" सीख आदमी तभी सकता है जब सीखना चाहे । वैसे इसमें सीखने वाली उतनी बात नहीं है । जो भी वस्तु या जीव तुम्हारे सामने आये , उसे बारीकी से देखने की आदत डालो । मुमकिन है , उसी में से रास्ता निकलता नजर आये । "
जैकी ने लविन्द्र से कहा --- " हमें मुस्लिम स्टूडेन्ट्स और प्रोफेसर्स की लिस्ट चाहिए । " मगर लबिन्द्र को लिस्ट बनाने की जरूरत नहीं पड़ी । विभा की सलाह पर कमरे का दरवाजा खोलकर जैकी ने जब ऊंची आवाज में पूछा कि अपनी कापी के पन्नों के कोनों पर बारीक लेटर्स में सात सौ छियासी लिखने की आदत किसे है तो चौंकते से राजेश ने आगे आकर कहा ---- " अल्लारखा को ! "
सबकी नजरें अल्लारखा पर स्थिर हो गयीं । अल्लारक्खा की अवस्था बड़ी अजीब थी । उस वक्त तो पीला ही पड़ गया जब उसे कड़ी नजर से देखती विभा ने कहा ---- " अब हमें तुम्हारे कमरे की तलाशी लेनी है । " बेचारा अल्लारक्खा । कारण तक न पूछ सका ।
काफिला उसके कमरे में पहुंचा । यह कॉपी तलाश करने में खास दिक्कत पेश नहीं आई जिसके कागज पर लविन्द्र के नाम हिमानी का लेटर लिखा गया था । कापी में फटे हुए कागज के रेशे मौजूद थे । उन्हें देखने के बाद जैकी ने अल्लारखा को घुरते हुए कहा ---- " तो तुमने हिमानी की तरफ से लबिन्द्र को लेटर लिखा । "
" ल - लेटर ? क कौन सा लेटर ? "
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09-19-2020, 01:15 PM,
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RE: Thriller Sex Kahani - मिस्टर चैलेंज
विभा ने लेटर उसके हाथ में पकड़ा दिया । अल्लारखा ने उसे पढ़ा और पढ़ते - पढ़ते चेहरे की सारी चमक काफूर हो गई । चीख सा पड़ा वह ---- " नहीं ! ये लेटर मैंने नही लिखा । "
" मेरे सामने झूठ नहीं टिक पाता । " पहली बार विभा का लहजा कर्कश हुआ ---- " मैं लेटर की राइटिंग को इस कापी में मौजूद तुम्हारी राइटिंग से मिला चुकी हूँ ।
"राइटिंग मेरी है विभा जी , म - मगर मैंने इसे नहीं लिखा। यकीन कीजिए मेरी राइटिंग में यह लेटर किसी और ने लिखा " बात वो करो अलारखा जिस पर यकीन किया जा सके ।
रोने को तैयार उसने कहना चाहा --..- " मैं कसम खाकर कहना हूँ .... " इस तरह सच नहीं उगलेगा ये ! " भन्नाये हुए जैकी ने झपटकर दोनों हाथों से उसका गिरेवान पकड़ा और दांत भींचकर कहता चला गया ---- " अपना तरीका इस्तेमाल करना पड़ेगा मुझे । "
" म - मुझे बचाइए विभा जी । " अल्लारखा गिड़गिड़ा उठा --- " म - मैंने कुछ नहीं किया । "
" जब तक सच नहीं बोलोगे तक तक मैं कोई मदद नहीं कर सकती ! " कहने के बाद विभा जैकी से मुखातिब होती बोली ---- " कुछ लोगों के सिर पर सवार भूत वाकई बातों से नहीं लातों से भागता है । इसे अपने साथ ले जाओ और जैसे भी हो , सब उगलवाओ । " और क्या चाहिए था जैकी को ! उसने तुरन्त अल्लारखा के हाथों में हथकड़ी डाल दी । अल्लारखा चीखता रहा , चिल्लाता रहा मगर कोई उसकी मदद न कर सका । विभा के आदेश पर जैकी उसे अपनी जीप की तरफ ले गया । सभी अवाक थे । हकके - वक्के थे । सन्नाटा हो गया वहां । बहुत कुछ कहना चाहकर कोई कुछ नहीं कह पा रहा था ।
अंततः मैंने ही पूछा ---- " क्या इस केस का हत्यारा पकड़ा गया विभा ? "
“ तुम्हें शक क्यों है ? " उसके होठो पर भेद भरी मुस्कान नाच रही थी ।
" जाने क्यों , दिलो - दिमाग अल्लारक्खा को हत्यारा मानने को तैयार नहीं । भला सत्या , चन्द्रमोहन और हिमानी की हत्यायें यह क्यों करेगा ? और फिर , क्या इस जटील केस का हत्यारा इतना आसानी से पकड़ा जा सकता है ? "
" तुम ठीक सोच रहे हो । " विभा ने कहा ---- " अल्लारखा हत्यारा नहीं है । "
" फिर तुमने उसे ...
"वो लेटर हमें काफी दूर ले जा सकता है । " विभा ने कहा ---- " पहली बात , अगर ये लेटर अल्लारखा ने लिखा है तो पता लगना चाहिए उसने ऐसा क्यों किया ? और यदि उसने लेटर नहीं लिखा तो जाहिर है - हत्यारा दूसरों की राइटिंग की नकल में माहिर है । इस अवस्था में CHALLENGE वाली पहेली स्वतः हल हो जायेगी । "
मुझे विभा की बात में दम लगा । एक बार फिर वहां खामोशी छा गयी । थोड़े अंतराल के बाद विभा ने बंसल से कहा ---- " प्रिंसिपल साहब , कल से कॉलिज की गतिविधियां उसी तरह चालू हो जानी चाहिए जैसे कुछ हुआ ही न हो । "
सब चौके ।
बंसल कह उठा ..... " य - ये आप क्या कह रही है ? "
" बर्तमान हालात में आपको मेरी बात अजीब लग सकती है परन्तु होना यही चाहिए । " विभा एक एक शब्द पर जोर देती कहता चली गयी ---- “ सामान्य गतिविधियां चालू नहीं हुइ तो वातावरण में आतंक छाया रहेगा । अगर हमने उसे छाये रहने दिया तो यह एक प्रकार से हत्यारे की मदद ही होगी । याद रहे ---- हत्यारे का मकसद कॉलिज परिसर में मौजूद हर शख्स को आतंकित रखना है क्योंकि आतंक युक्त दिमाग कभी ढंग से नहीं सोच पाते और जब तक सही दिशा में नहीं सोचेंगे , तब तक हत्यारा हमारी पकड़ से दूर रहेगा । " कहने के बाद वह एकाएक स्टूडेन्ट्स की तरफ मुड़ी और प्रभावशाली स्वर में बोली ---- " यह समझने की भूल कदापि न करना कि मेरे पास अलादीन का चिराग है । इन्वेस्टिगेटर तक नहीं हूँ मैं। वेद के अपहरण की वजह से मेरठ आई हूँ , और जब आ ही गई हूं तो इस कॉलिज में हो रही हत्याओं के जिम्मेवार शख्स को पकड़ने की कोशिश भी करूंगी । लेकिन आप सबके सहयोग के बगैर मेरी कामयाबी नामुमकिन है । सबसे पहला सहयोग आप तोग मुझे आतंकित वातावरण को वाश करके दे सकते हैं । और ये तव संभव है जब कालिज खुले । "
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09-19-2020, 01:15 PM,
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RE: Thriller Sex Kahani - मिस्टर चैलेंज
“ हम सहयोग देने के लिए तैयार हैं विभा जी । " राजेश ने कहा । "
दूसरी बात , हत्यारा आप ही लोगों के बीच मौजूद है । उसे पहचानना और शायद पकड़ना भी आपके लिए मुझसे ज्यादा आसान है । माहोल खुशनुमा रहेगा तो अपनी चाल पिटती देखकर हत्यारा बौखलायेगा । बौखलाया हुआ मुजरिम हमेशा गलतियां करता है । यकीन रखो , तुम अपने बीच छुपी गलतियां करने वाले उस शख्स को पहचान सकते हो ।
वेद से पूछो ---- विभा जिन्दल आसमान से नहीं उतरी है । एक दिन मैं और वेद भी तुम्हारी तरह स्टूडेन्ट थे । हमारे कालिज में एक क्राइम हो गया था । मैंने इन्वेस्टिगेशन की और मुजरिम को पकड़ लिया । उस दिन खुद मुझे भी पहली बार पता लगा कि मेरे अंदर एक सुलझे हुए इन्वेस्टिगेटर के गुण हैं । कहने का तात्पर्य ये कि तुममें से भी कई भविष्य के विभा जिन्दल हो सकते हैं , अतः स्वयं हत्यारे को ढूंढने की कोशिश करो । विश्वास रखो ---- यह काम ज्यादा मुश्किल नहीं है । मुजरिम का होसला केवल तब तक बना रहता है जब तक अपने आस - पास खतरा नजर नहीं आता है ।
तुमने सुना होगा ---- चोर के पांव नहीं होते । जरा सा खटका होते ही वह भागने की कोशिश करता है और इसी कोशिश पकड़ा जाता है अर्थात् केवल खटका पैदा करो , वह स्वयं तुम्हारे चंगुल में होगा । " उपरोक्त किस्म की अनेक बाते कही विभा ने । उन बातों का असर मैंने सभी के वजूद पर देखा । निराश और आतंकित हो चले स्टूडेन्ट्स में उसने उम्मीद और जोश भर दिया था।
वह सिर पर हेलमेट , हाथों में दस्ताने , पैरों में कैपसोल के जूते , जिस्म पर काले रंग का ओवरकोट और वैसे ही रंग की पेन्ट पहने हुए था । हेलमेट लगी पारदर्शी प्लास्टिक ने उसका चेहरा तक ढक रखा था । अर्थात् जिस्म की त्वचा का जर्रा तक नजर नहीं आ रहा था । लम्बे - लम्बे कदमो के साथ वह ब्वायज हॉस्टल की गैलरी पार कर रहा था । एक कमरे के बन्द दरवाजे पर ठिटका । कमरा अल्लारखा का था । ओवरकोट की जेब से चाबी निकालकर आसानी से ताला खोला । गैलरी में दोनों तरफ निगाह मारी । कहीं कोई नजर नहीं आया । दरवाजा खोलकर अन्दर पहुंचा । किवाड़ वापस भिड़ाये ।
कमरे में अंधेरा था । हेलमेट वाले ने जेब से टार्च निकालकर ऑन की । प्रकाश पूरे कमरे में गर्दिश करने लगा । पलंग , मेज , कुर्सी और किताब - कापियों पर थिरकने के बाद दायरा एक ऐसी खूटी पर स्थिर हो गया जिस पर कई हेंगर लटक रहे थे । हेंगर्स में लटके हुए थे ---- अन्लारखा के कपड़े । प्रकाश का दायरा वही स्थिर किये हेलमेट बाला खूटी की तरफ बढ़ा । नजदीक पहुंचा । फिर उसने हेलमेट में लगा प्लास्टिक का फेस कवर ऊपर उठाया । टार्च का पिछला सिरा मुंह में दबाया । दोनों हाथ औवरकोट की जेब में डाले । हाथ जब बाहर निकले तो एक में वैसी मोटी कलम थी जिससे रेल या ट्रांसपोर्ट पर भेजे जाने वाले बंडल्स पर एड्रेस लिखा जाता है , दूसरे में चौड़े मुंह बाली ऐसी दवात जिसमें पानी जैसे रंग की स्याही भरी थी । हेलमेट वाले ने दवात का ढक्कन खोला । कलम की नोक दबात में डाली और हेंगर पर लटके नाइट गाऊन पर कुछ लिखने लगा ।
हम घर पहुंचे । मुझे देखकर मारे खुशी के मधु की आंखें भर आई । करिश्मा , गरिमा और खुश्बु दौड़कर लिपट गई।
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09-19-2020, 01:15 PM,
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RE: Thriller Sex Kahani - मिस्टर चैलेंज
विभा ने कहा ---- " वाह मधु बहन ! अजीब चीज हो तुम भी । तब इस घोंचू के न होने की वजह से रो रही थी . अब इसके होने की वजह से रो रही हो ।
" पल्लू से आंसू पोछती मधु हंस पड़ी ।
" ये हुई न बात ! " विभा ने कहा ---- " अब कहीं जाकर चाय का मूड बना है । "
घर का माहौल खुशनुमा हो उठा । शगुन ---- करिश्मा , गरिमा और खुश्बु को नमक मिर्च लगाकर मेरी रिहाई का वृतांत सुना रहा था ।
मधु चाय बनाकर लाई तो विभा ने पूछ ---- " चीनी तो नहीं डाली इसमें ? "
" नहीं " मधु ने कहा ।
" क्यों ? " मैं चिहुंका --- " इसे क्या शुगर है ? " मधु बोली- “ मैंने चाय में मुस्कान मिलाई है । " जोरदार ठहाका लगाकर हंस पड़ी विभा ।
उस वक्त मैं समझ नहीं सका । जब विभा और मधु की पहली भेंट का वार्तालाप बताया गया तो बात समझ में आई । मधु सेन्टर टेबल पर नाश्ता सजाने लगी तो विभा ने कहा ---- " नाश्ते में टलने वाली नहीं हूँ मधु बहन । इस नालायक की वजह से लंच की छुट्टी हो गयी । डिनर के साथ लंच भी लेना है । " और मधु द्वारा प्यार से बनाया गया डिनर ऐसा था कि विभा अंगुलियां चाटती रह गयी ।
डिनर के बाद हम लोग आइसक्रीम खा रहे थे जब जैकी आया । उसके साथ अल्लारखा भी था । मैने ध्यान से उसकी हालत देखी ---- उम्मीद के विपरीत उसके जिस्म पर जख्म तो क्या . खरोंच तक नजर नहीं आई , इसके बावजूद चेहरे से जाहिर था , वह किसी जबरदस्त यातना से गुजरा है । साफ - साफ टूटा हुआ नजर आ रहा था वह । विभा ने जैकी को ही नहीं , अल्लारक्खा को भी बेहद प्यार और सम्मान के साथ कुर्सी पर बैटाया । विभा ने कहा --- " दोनों के लिए खाना लगाओ मधु बहन ! "
" न - नहीं । " अल्लारक्खा ने सहमकर जैकी की तरफ देखो ---- " म - मुझे भूख नहीं है । "
" मैं जान चुकी है । " विभा जैकी की तरफ देखकर मुस्कराती हुई बोली --- " बड़ा जालिम इंस्पैक्टर है ये ! खाना तो खाना एक बूंद पानी तक नहीं पिलाया होगा । "
" आपसे मिलने के बाद मैं खुद में काफी चेंज महसूस कर रहा हूं विभा जी ---- अब उतना जालिम नहीं रहा । " जैकी कहता चला गया ---- " देख तो आप रही ही हैं । पूछ भी सकती है । थई डिग्री की तो बात ही दूर , मैंने इसे हाथ तक नहीं लगाया । " एकाएक मधु ने कहा -- " अगर अल्लारखा ने बता दिया मैं पिटा हूं , तो समझ लो ठीक से पिट नहीं सका।
" यह क्या बात हुई भाभीजी ? " जैकी ने पूछा ।
" यही तो खूबी है इण्डियन पुलिस में ! " मधु कहती चली गयी ---- " उसके चंगुल में फंसा शख्स उससे अलग कुछ कह ही नहीं सकता जो पुलिस चाहती है और अगर कह गया तो समझ लो ---- खातिर ठीक से नहीं हो सकी । इजाजत दे तो इण्डियन पुलिस पर एक लतीफा सुनाऊँ । "
" मधु तुम .... विभा बोल पड़ी ---- " जरूर | जरूर मधु बहन ! बहुत दिन से कोई लतीफा सुना भी नहीं है । "
" एक अरब शेख ने हाथी का बच्चा पाल रखा था । ' मस्ती के मूड में मधु मेरी तरफ तिरछी नजरों से देखने के बाद शुरू हो गयी -- " एक बार वह खो गया ! शेख् उसे बहुत प्यार करता था । उसने रिपोर्ट दर्ज कराई । अरब पुलिस ने काफी कोशिश की । महीनों गुजर गये । हाथी का बच्चा नहीं मिला । शेख् परेशान । उसके किसी सलाहकार ने सलाह दी - ऐसे केस हल करने में इण्डियन पुलिस को महारत हासिल है । क्यों न उसकी सेवाएं ली जायें ?
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RE: Thriller Sex Kahani - मिस्टर चैलेंज
शेख ने अपने स्तर पर सोर्स लड़ाई । इण्डियन गवर्नमेन्ट से बात की और छ : कांस्टेबल्स के साथ एक इंस्पेक्टर अरब पहुंच गया । उसने शेख से मिलकर हाथी के बच्चे का वजन , कद और रंग आदि पूछा । सुनने के बाद पूरे कॉन्फिडेन्स के साथ बोला ---- " फिक न करें । हम एक हफ्ते के अंदर हाथी के बच्चे को बरामद कर लेंगे । ' शेख खुश हो उठा । पुलिस दल को फाइव स्टार होटल में ठहराया । पुलिस वालों की शानदार दावते शुरू हो गयीं । दावतों में वे ऐसे मस्त हुए कि होटल से निकलते ही नहीं । मस्ती मारते - मारते एक हफ्ता गुजर गया । शेख ने तलब किया । पुलिस दल एक गधे को लेकर महल में पहुंचा । इस्पैक्टर ने गधे की तरफ इशारा करके शेख से कहा --- ' ये रहा आपका हाथी का बच्चा । शेख् हैरान ! बोला --- ' क्या थात कर रहे हैं ? ये तो गधा है । ' इंस्पैक्टर ने कहा ---- ' गौर से देखिए । आप ही का हाथी का बच्चा है ये ।
किडनैपर्स ने कुछ खाने पीने को नहीं दिया इसलिए थोड़ा कमजोर हो गया है । चाहें तो इसी से पूछ लें । हैरान - परेशान शेख ने बार - बार और हर तरीके से गधे के बच्चे से पूछा।
वह कौन है ? गधा एक ही बात रटे जा रहा था - मैं हाथी का बच्चा हूं शेख साहब ! आप ही के यहां रहता था । किडनैपर्स साले मुझे बहुत टार्चर करते धे । कैद में था उनकी ! खाने को भी नहीं देते थे इसीलिए मेरी ये हालत हो गयी । आपके यहां रहूंगा तो फिर पहले जैसा हो जाऊंगा । जब मुद्दई गवाही दे रहा था तो शेख् वेचारा क्या करता ? उसे गधे को रखना पड़ा । इण्डियन पुलिस केस हल करके वापस लौट आई । उसके बाद भी शेख ने गधे से कई बार पूछताछ की मगर गधा हमेशा खुद को हाथी का बच्चा बताता रहा । बहुत दिन बाद , जब शेख उसे यह विश्वास दिलाने में कामयाब हो गया कि अब इण्डियन पुलिस लौटकर आने वाली नहीं है तो गधे ने कांपते लहजे में कहा ---- ' शेख साहब ! अगर मैं खुद को हाथी का बच्चा न बताता तो वे मुझे खरगोश का बच्चा बना देते । '
सब ठहाका लगाकर हंस पड़े मगर अल्लारखा के होठों पर मुस्कान तक नहीं उभर सकी । अभी तक हंस रहे जैकी ने कहा --- लतीफा आपने वाकई लाजवाव सुनाया भाभी जी । ये सच है । विभाजी से मिलने से पहले मैं भी ऐसा पुलिसिया था । पत्थरों तक को बोलने के लिए विवश कर देने का दावा किया करता था मैं । परन्तु अल्लारक्खा को हाथ भी नहीं लगाया । इसके बावजूद इसने हकीकत उगल दी । "
" ये चमत्कार तुमने कैसे किया ? " " भविष्य में थर्ड डिग्री का इस्तेमाल न करने का निश्चय मैं तभी कर चुका था जब आपने कहा कि हम पुलिस वालों को उससे आगे भी कुछ सोचना चाहिए । कालिज से थाने तक के रास्ते में सोचता रहा , बगैर थर्ड डिग्री इस्तेमाल किये अल्लारक्खा से हकीकत जैसे उगलवाऊं ? थाने पहुंचा । अपने करेक्टर के विपरीत इसे डटकर खाना खिलाया । चाय पिलाई । नाश्ता कराया ! बहुत ही प्यार से पेश आया । मैंने देखा मेरी हर हरकत पर यह और ज्यादा डर जाता था । ये बात सच है विभा जी , खौफ के जैसे लक्षण मैंने इसके चेहरे पर देखे , वैसे थर्ड डिग्री से गुजरते किसी गुजरिम के चेहरे पर देखने को कभी नहीं मिले । जिस शख्स को थाने पहुंचते ही अपना हवाई जहाज बनाये जाने का अंदेशा हो , उसके साथ यदि नम्रता से पेश आया जाये तो यह बेहद खौफजदा हो जाता है । यही हालत इसकी भी थी । मैंने एक बार भी नहीं पूछा कि इसने हिमानी के नाम से लविन्द्र को लेटर क्यों लिखा ।
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