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RE: XXX Kahani जोरू का गुलाम या जे के जी
साजन मेरा , मैं सजनी उसकी
कितने दिन हो गए थे इसे मुंह में लिए ,पूरे दो दिन।
मेरे मुंह का असर , वो फूल के ख़ुशी से कुप्पा होने लगा।
……………………………
और अब मैंने भी हाथ लगा दिया , हाथ नहीं सिर्फ दो उंगलियां 'उसके ' बेस पे , हलके से दबाया ,
अब वो कुनमुना रहा था हल्का सा जग गया था , थोड़ा थोड़ा कड़ा ,
और अबकी मैंने होंठ जोर से प्रेस किया , आधे से ज्यादा मेरे मुंह में था
आधा सोया आधा जागा ,
मस्ती से मैं चूस रही थी , क्या मस्त स्वाद था।
और मैंने एकबार पलक उठा के देखा तो वो शैतान बच्चे की तरह टुकुर टुकुर देख रहे थे।
मेरी आँखों ने थोड़ा प्यार से ,थोड़ा हक़ से उन्हें डांटा ,बरज दिया ,खबरदार , बस लेटे रहो चुपचाप।
और वो अच्छे बच्चे की तरह चुपचाप
' वो ' भी अब जग गया था , पूरे सात इंच का , कड़ा खड़ा ,
और मैंने पूरी ताकत से अपना सर प्रेस किया ,
आलमोस्ट मेरे गले तक ,मेरी जीभ चारों ओर से उसे चाट रही थीं ,होंठ जम के चूस रहे थे।
मुझसे ज्यादा ये कौन समझ सकता था ,
जो मजा अपने घर में है
अपने बिस्तर पर है ,
और
अपने पति के साथ है , वह कहीं नहीं।
और पति अगर मेरे पति जैसा हो तो क्या कहना ,
अब मैं जम के चूस रही थी ,
उनको तो मैंने हिलने को भी मना किया था लेकिन बिचारे कितना कंट्रोल कर सकते थे ,
कुछ नहीं तो
नीचे से अपने चूतड़ उठा उठा के , मेरे होंठों के साथ ताल पर ताल मिला रहे थे ,
ऊपर के मेरे होंठों ने तो स्वाद चख लिया था पर भूखे तो नीचे वाले होंठ भी थे ,
ये कलाकंद खाये हुए उन्हें भी तो दो दिन बीत चुके हैं।
और वो मेरे अंदर थे ,मैं ऊपर वो नीचे।
कोई मुझसे पूछे क्या मजा आता है ,दिन दहाड़े ,सुबह सबेरे ,
अपने घर में ,अपने घरवाले के साथ सटासट ,गपागप
और घरवाला जब उनके जैसा हो , खूब प्यारा सा ,मीठा सा।
तो न गप्प करना तो गलत है न।
मैंने उनकी ओर देखा ,
दुष्ट, उनकी नदीदी भूखी आँखे कैसे टुकुर टुकुर मुझे देख रही थीं।
और झट से झुक के मेरे गुलाबी होंठों ने बस चूम के उनकी पलकों को खिड़कियां उठंगा दी ,नजर की।
वो और क्या देख रहे थे ,मेरे उभारों को।
शादी के बाद पहले दिन से ही ,बल्कि शादी में भी चुपके चुपके , लेकिन
कहीं छुपता है क्या ऐसे देखना , मेरा भाभियाँ कितना चिढा रही थी , तेरे जुबना का तो दीवाना है ये , देख क्या हाल करता है इनका।
उनकी दोनों कलाइयां मेरे हाथों में , और मैंने झुक के अपने उभार उनके गालों पे रगड़ दिया , और फिर निपल उनके प्यासे होंठों पे।
…………………
जब तक मुंह खोल के वो उसे गपुच करते,शरारती मैं ,मैंने उन्हें दूर हटा लिया।
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RE: XXX Kahani जोरू का गुलाम या जे के जी
मस्ती साजन संग
और फिर निपल उनके प्यासे होंठों पे।
…………………
जब तक मुंह खोल के वो उसे गपुच करते,
शरारती मैं ,
मैंने उन्हें दूर हटा लिया।
सच में उन्हें तड़पाना मुझे बहुत अच्छा लगता है।
वो पूरी तरह अब मेरे अंदर थे ,
मेरी गुलाबी परी हलके हलके उन्हें भींच रही थी ,रगड़ रही थी ,निचोड़ रही थी।
और कुछ देर में मैंने धक्के की रफ़्तार बढ़ा दी ,
नीचे से वो भी अपने नितम्ब उठा उठा के ,
उनकी कलाइयां अब आजाद थीं और मेरी पतली कमर उनके हाथों में ,
मैं पुश करती थी ,पूरी ताकत से और वो अपने मजबूत हाथों से पुल करते ,
सटासट ,गपागप ,हचक हचक के उनका खूब मोटा खूंटा मेरी सहेली के अदंर बाहर ,
पर कुछ पलों के बाद ,शायद उनको अहसान हो गया था ,मैं रात भर की जगी थकी
और वो ऊपर आ गए थे ,मैं नीचे।
और कुछ देर में ही मैंने सरेडंर कर दिया , जो मजा जितने में है उससे ज्यादा सरेंडर में।
अब मैं सिर्फ मजे ले रही थे और वो , मजे दे रहे थे।
मेरी देह के बारे में मुझसे ज्यादा अब उन्हें मालुम था।
जैसे कोई आटा गुंथे , मेरे दोनों जोबन गूंथे जा रहे थे। दर्द भी हो रहा था और मजा भी आ रहा।
उनका मोटा खूंटा रगड़ रगड़ के , हचक हचक के मेरी चूत फाड़ता हुआ घुस रहा था।
उनके होंठ कभी मेरे गालों को रगड़ते ,चूमते चाट लेते ,कचकचा के काट लेते।
दर्द तो बहुत होता पर प्यार के ये निशान ( इन्हें देख के चिढाने का कोई मौका मेरी सहेलियां नहीं छोड़ती थीं ) ,
मजा भी बहुत था इनमे।
गालों के निशान से कौन इनका मन भरने वाला था ,जब तक दांत के निशान मेरे उरोजों पर न पड़े।
न इन्हें कोई फर्क पड़ रहा था न मुझे की इस समय दिन के दस बज रहे थे ,
और पति पत्नी होने का यही तो फर्क है
जब मिंया बीबी राजी तो क्या करेगा ,
न मुझे जल्दी थी न इन्हें ,
बाहर से सावन की मीठी मीठी हवा अंदर आ रही थी और सावन के झूले के झोंके से हम दोनों धीमे धीमे पेंगे लगा रहे थे।
जब जड़ तक ' वो ' दुष्ट घुसता ,उसका बेस मेरी गुलाबी क्लीट को रगड़ देता ,मैं गिनगिना उठती ,
जोर से उन्हें भींच लेती,अपने कड़े कड़े उभार उनके सीने पे मस्सल देती।
और बदले में आलमोस्ट बाहर तक निकाल के जड़ तक एक बार वो फिर पेल देते ,
मेरे तीखे नाख़ून उनकी पीठ पर उनके शोल्डर ब्लेड्स को खरोंच खरोंच कर कहते ' और और "
और , और उन्होंने मेरी लंबी टांगो को उठा के अपने कंधो पर रख लिया ,एक हाथ उनका मेरे गोल गदराये नितम्ब पर और दूसरा कटीली कमरिया पर ,
फिर तो एकदम वो अपने असली रूप में ,
धक्के पर धक्का ,हर धक्का तूफानी धक्का ,सीधे मेरी बच्चेदानी पर ,
कभी मैं चीख उठती तो कभी सिहर उठती ,कभी दर्द से कभी मजे से,
उन के दोनों हाथ मेरे गदराये जोबन पे , और हर धक्का पहले से दूनी ताकत से ,
यही तो मैं चाहती थी।
और अब मैं कभी नीचे से चूतड़ उठा उठा के तो कभी लन्ड अपनी बुर में निचोड़ के , साथ दे रही थी।
और तभी कुछ खड खड़ की आवाज हुयी ,लेकिन बिना हटे उन्होंने जोर से मुझे दबोच लिया और पूरे घुसे खूंटे को जोर जोर अदंर गोल गोल घुमाने लगे।
कुछ ही देर में फिर आवाज हुयी , किचेन से , लगता है मम्मी जग गयी थीं और किचेन में थी।
मैं कुछ बोल पाती उसके पहले लन्ड उन्होंने ऑलमोस्ट बाहर निकाल लिया और जोर से ,हचक के , सीधे मेरी बच्चेदानी पे ,
मेरी चीख निकल गयी और उन्होंने कचकचा के मेरी गोल गोल चूंची जोर से काट ली ,
उईईईईई आह्ह्ह्ह
हे तुम लोग भी काफी पियोगे , किचेन से मम्मी की आवाज आयी।
चीख किसी तरह रोकती मैं बोली ,
" हाँ मम्मी ,बस थोड़ी देर में हम दोनों बाहर आ रहे हैं। "
और फिर तो धक्का पेल चुदाई ,
न मुझे फर्क पड़ रहा था न इन्हें ,कि मम्मी जग गयी है , हमारे बेड रूम से सटे किचेन में हैं।
पांच मिनट तक रगड़ रगड़ उन्होंने ऐसा चोदा , मैं पहले झड़ी और साथ में फिर ये भी।
किसी तरह मैं पलंग से उठी ,कपडे समेटे ,ठीक किये और इन्हें भी उठाया ,
" चल न मम्मी बाहर काफी बना के वेट कर रही होंगी। "
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RE: XXX Kahani जोरू का गुलाम या जे के जी
जोरू का गुलाम भाग ४९
मम्मी
" चल न मम्मी बाहर काफी बना के वेट कर रही होंगी। "
और सच में मम्मी ने घड़े भर काफी बनायी थी ,
मम्मी ने न कुछ पूछा न चिढाया ,
लेकिन जिस तरह उनकी ओर देखा , बस वो शर्मा गए ,और हम दोनों खिलखिला के हंस पड़े।
" मम्मी ,काफी बहुत अच्छी बनी है। "
उनकी टिपिकल लजाने पर बात टालने की आदत।
उन्होंने ५०० ग्राम मक्खन लगाया।
" और क्या मेरी मम्मी , हर चीज अच्छी बनाती है। "
मैं बोली , लेकिन बात में कोई उनसे जीत पाया है जो मैं जीत पाती।
वो दुष्ट , पागल , बिना इस बात की परवाह किये की मम्मी सामने बैठी हैं ,टकटकी लगा के मुझे देखते हुए बोले,
" सच में एक चीज तो बहुत अच्छी बनायी है। "
और अब मैं लजा गयी।
……
………………………………………………………………………
" मम्मी ,मैं ब्रेकफास्ट लगा देता हूँ ,काफी के साथ साथ ही ,.. "
मुझे उनकी बात पे लजाते देख , मम्मी मुझे मीठी निगाह से देख रही थीं , उनसे बोलीं ,
" हाँ लेकिन सिंपल सा , ज्यादा नहीं और जल्दी। "
सिम्पल था लेकिन इलैबोरेट भी।
आमलेट ढेर सारा ,
चिकेन सैंडविचेज़ ,अल्फांसो की कटी सुनहरी बड़ी बड़ी जूसी पीसेज ,
फ्रेश जूस
मम्मी के आने पर जो उन्होंने छुट्टियां ली थीं ,वो ख़त्म हो गयी थीं।
" आज आफिस जाना होगा न " मैंने उन्हें याद दिलाया ,
" हाँ भी और नहीं भी " मुस्करा के वो बोले , और फिर एक्सप्लेन किया ,फर्स्ट हाफ आज वर्क फ्राम होम है और सेकेण्ड हाफ में जाऊंगा। "
आमलेट का एक बड़ा टुकड़ा खाते वो बोले।
उनके वर्क फ्राम होम में आधा तीहा तो मैं निपटा देती थी , आखिर घर के काम में वो बिचारे इत्ती मेरी हेल्प करते थे तो थोड़ी बहुत हेल्प बनती थी न।
ब्रेकफास्ट करते करते मैंने उनकी लैपी खोल ली अरे सारे पासवर्ड तो मेरी बर्थडे पर थे और कुछ ज्यादा कॉम्प्लिकेटेड तो मेरी फिगर पर ३४-२७-३५।
हाँ अडल्स्ट फिल्मों का उनका जो जखीरा था , और एडल्ट साइट्स के लिए मैंने चुना था और कौन उनकी फेवरिट ममेरी बहन , गुड्डी छिनार १७।
अल्फांसो की बड़ी सुनहरी पीस चूसते हुए मम्मी ने अपने होंठों के बीच से निकाल कर सीधे उनके मुंह में डाल दिया और वो गप्प कर गए।
शादी के समय जो उनकी आम से चिढ थी वो जग जाहिर थी और ऊपर से उनकी मायके वालियों ने खूब गा गा के बताया भी था, तो मम्मी को तो अच्छी तरह से मालूम था ऊपर से जो मेरी छुटकी ननदिया से बेट लगी थी ,उन्हें उनके मायके में आम खिलाने की , वो भी उन्हें मालूम थी।
" हे अगर इन्हें ऐसे तेरी ससुराल वालियां देख ले तो क्या हो , " खिलखलाते हुए माँ ने मुझसे पूछा।
" मम्मी सब की फट जायेगी। " हंस के मैं बोली।
" चल इससे याद आया , जिसकी सबसे ज्यादा फटी है , मेरी समधन से सोचती हूँ बात कर लूँ। ज़रा नंबर लगा। "
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05-06-2021, 03:19 PM,
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desiaks
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RE: XXX Kahani जोरू का गुलाम या जे के जी
समधन -समधन
शादी के समय जो उनकी आम से चिढ थी वो जग जाहिर थी और ऊपर से उनकी मायके वालियों ने खूब गा गा के बताया भी था, तो मम्मी को तो अच्छी तरह से मालूम था ऊपर से जो मेरी छुटकी ननदिया से बेट लगी थी ,उन्हें उनके मायके में आम खिलाने की , वो भी उन्हें मालूम थी।
" हे अगर इन्हें ऐसे तेरी ससुराल वालियां देख ले तो क्या हो , "
खिलखलाते हुए माँ ने मुझसे पूछा।
" मम्मी सब की फट जायेगी। " हंस के मैं बोली।
" चल इससे याद आया , जिसकी सबसे ज्यादा फटी है , मेरी समधन से सोचती हूँ बात कर लूँ। ज़रा नंबर लगा। " वो बोलीं ,
" अरे मम्मी ,अपने दामाद से बोलिये न लगाने को , वैसे भी आप उन्हें अपनी समधन का यार बनाने वाली हैं " मैंने चुटकी ली।
और उनको भी चिढ़ाया ,
" अरे मॉम सिर्फ फोन लगाने को बोल रही हैं और कुछ नहीं ,लगा दीजिये न। "
" तू क्या सोचती है मेरे मुन्ने को देख झट से फोन लगाएगा , अरे अभी फोन लगायेगा और महीने भर में सब कुछ , न ये लगाने में हिचकेगा ,न मेरी समधन लगवाने में , "
उनके गाल पे चिकोटी काटती वो बोलीं।
मजबूरी में उन्होंने फोन लगाया और माम ने स्पीकर फोन आन कर दिया।
दोनों समधनों की चर्चा चालू हो गयी ,लेकिन बिचारी मेरी सास को ये नहीं मालूम था की स्पीकर फोन ऑन है और उनका बेटा ठीक उसके बगल में कान पारे बैठा है।
" आपकी याद बहुत आती है और सिर्फ मुझे नहीं ,मेरे सारे देवरों ,नन्दोइयों , बहनोईयोँ को , आपकी बहु के चाचा ,मौसा फूफा सब ,... "
मॉम ने बात शुरू की।
" मालुम है मुझे , और मुझे भी याद आती है , शादी में जब तीन दिन बरात में आपके गाँव गयी थी , तब से , और क्या उन्हें याद आता होगा , क्यों याद आता होगा , ये भी मुझे मालूम है। "
खिलखिलाते हुए मेरी सास बोलीं।
" बिचारे वो और बाकी गाँव वाले भी आपकी सेवा का मौक़ा खोज रहे हैं लेकिन आप दुबारा आयी ही नहीं। "
मम्मी एकदम मूड में आ गयी.
" अरे पूरे तीन दिन तक तो थी ,और मैंने न मना किया न , अब वो दूर दूर से देख के ललचाते रहे , तो उनकी गलती है न ,
जो सोया सो खोया ,... "
हँसते हुए मेरी सास ने भी उसी तरह जवाब दिया और फिर उलटा हमला बोल दिया ,
" और आप तो दुल्हन के चाचा ,फूफा ,मौसा से सेवा करवाती होंगी न , आखिर आप के देवर , ननदोई ,बहनोई लगेंगे रिश्ता भी है करवाने वाला। "
उन्होंने मेरी मम्मी से पूछा।
" रिश्ता तो आप से भी है बल्कि दुहरा है ,समधन का। और एक बार आपके गद्दर उभार देख के तो सब बौरा गए हैं
और मुझसे बोलते हैं बस एक मौक़ा ,... दिलवा दूँ , ... आधा दर्जन से ऊपर समधी होंगे आप के। नाम ले के टनटना जाता है अभी तक उनसब का। "
मम्मी कौन हार मानने वाली थीं।
फिर जोड़ा उन्होंने ,
“अरे अभी गाँव में मौसम भी अच्छा है , गन्ने ,अरहर के खेत ,अमराई में झूला ,कबड्डी खेलने का बढ़िया मौसम है। "
मेरी सास जोर से हंसी।
इस तरह की बातें उन्हें भी बहुत भाती थीं , द्विअर्थी डायलाग , खुले हुए मजाक , 'अच्छी वाली गारियाँ ' .
" अरे पिछली बार तो आयी थी न तीन दिन रही ,कबड्डी के मैदान में आपके। लेकिन पकड़ने को कौन कहे , ... पर एक बात मानती हूँ आपके यार जबरदस्त हैं वहां , एक से एक पहवान पाल रखे हैं ,सोच के मुंह में पानी आ जाता है। "
मेरी सास बोलीं।
इतना अच्छा मौका तो मैं भी नहीं चूकती ,और वो तो मम्मी थीं , झटाक से बोलीं ,
" किस मुंह में ऊपर वाले या नीचे वाले , ... इसीलिए तो कह रही हूँ आ जाइये , मुंह का स्वाद भी बदल जाएगा। और एक जवाबी मैच भी ,
हाँ अबकी एक एक पे तीन तीन होगा , एक साथ तीन तीन चढ़ेंगे आपके ऊपर ,
फिर देखतीं हूँ कैसे नहीं आपकी चिकनी चिरैया चूं नहीं बोलती। जितने आपके अगवाड़े के दीवाने हैं उतने ही पिछवाड़े के भी। "
बात मम्मी की एकदम सही थी ,मेरी सासु के चूतड़ एकदम मस्त , नगाड़े जैसे , कोई शीघ्र पतन का रोगी हो तो देख के झड़ जाए।
" अभी तो तीरथ करने जा रही हूँ, गंगा नहाने। ये लोग आएंगे हफ्ते दस दिन के लिए बस उसी के एक दिन पहले। अब ये लोग आ जाएंगे तो घर पे कोई रहेगा ,वरना बड़ी बहू बिचारि अकेली ही रहती न , तो अच्छा मौक़ा मिला है। "
सासु माँ ने अपनी मजबूरी बतायी।
मम्मी की अंकगणित बहुत तेज थी ,झट से जोड़ लिया उन्होंने ,७ दिन बाद हम लोग जाएंगे , ८ दिन इनके मायके रहेंगे ,यानी पंद्रह दिन बाद मम्मी की समधन वापस अपने अड्डे पर। कन्विंस करने में मम्मी का जवाब नहीं था ,इतना बड़ा बिजनेस चलाती थीं , उन्होंने अपना तुरुप का पत्ता फेंका।
" अरे ये तो बहुत अच्छा है। फिर तो आपका पुराना किया धरा सब साफ़ हो जाएगा , लौटते ही नए यारों का खाता खोल दीजिये।
आप गंगा में डुबकी लगा के लौटिए, और यहाँ कोई तैयार बैठा है आपकी पोखर में डुबकी लगाने के लिए। "
और इसके साथ ही मम्मी ने इनके खूंटे को बाहर निकाल के खुल के मुठियाना शुरू कर दिया ,
और फिर एक तगड़ा झटका दिया तो इनका लीची ऐसा सुपाड़ा बाहर, मम्मी उसे अपने अंगूठे से रगड़ रही थीं।
बस तुरंत ही वो टनाटन।
मैं उनके लैपी पर काम कर रही थी ,दोनों समधनों की बात सुन रही थी ,
पर मम्मी की ये हरकत देख के अपनी मुस्कराहट नहीं रोक पाई।
" सुबह सुबह आप भी , ..." उधर से मेरी सास की अनिश्चित सी आवाज सुनाई पड़ी।
" सच कह रही हूँ , कहिये तो उसके औजार का फोटो भेजूं , अगर न पसंद हो तो ऑफर कैंसल। अरे आखिर कोई गंगा नहान तीरथ काहें करता है , पाप धोने के लिए ,लेकिन उसके लिए कुछ गड़बड़ करना भी तो चाहिए न। और आप लौट के आएँगी तो फिर तो , चलिए , उस के बाद,… “
उधर से कोई जवाब नहीं आया तो मम्मी ने फिर आग सुलगायी ,
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05-06-2021, 03:19 PM,
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RE: XXX Kahani जोरू का गुलाम या जे के जी
समधन का औज़ार
" सुबह सुबह आप भी , ..." उधर से मेरी सास की अनिश्चित सी आवाज सुनाई पड़ी।
" सच कह रही हूँ , कहिये तो उसके औजार का फोटो भेजूं , अगर न पसंद हो तो ऑफर कैंसल। अरे आखिर कोई गंगा नहान तीरथ काहें करता है , पाप धोने के लिए ,लेकिन उसके लिए कुछ गड़बड़ करना भी तो चाहिए न।
और आप लौट के आएँगी तो फिर तो , चलिए , उस के बाद,… “
उधर से कोई जवाब नहीं आया तो मम्मी ने फिर आग सुलगायी ,
" एकदम पत्थर है पत्थर ,तीन पानी झाड़ के झड़ेगा ,रात भर , आपको गौने की रात की याद दिला देगा। "
उधर से फिर मेरी सास की खिलखिलाने की आवाज आयी ,
" लगता है आपने ट्राई कर लिया है , अरे इस उम्र में कौन ,... और मैं बड़ों बड़ों का निचोड़ के रख देती हूँ ,
मजाक करने के लिए मैं ही मिली थी क्या "
" और क्या समधन से मजाक तो रिश्ता है है ,लेकिन ये सच्ची बात है , न हो तो बाजी लगा लीजिये , "
मम्मी ने उन्हें और उकसाया।
अब सास के भी खुजली तेज हो गयी थी ,बोलीं ,
" कौन है ? "
" अरे आप को आम खाने से मतलब है या पेड़ गिनने से , चलिए बोलिये लगी बाजी। "
मम्मी ने पत्ता फेंका।
" आम खाने से ,लगी बाजी। "
हँसते हँसते सासू जी बोलीं।
" तो चलिए पक्का , पंद्रह बीस दिन बाद बस आप लौट आइये , मुझे भी समधियाने का मजा लिए बहुत दिन हो गए हैं , मैं आती हूँ आप के पास। फिर आप को लेकर , आपके छोटे बेटे बहु के पास पांच सात दिन वहां सेवा करवायेगा , फिर गाँव के मजे।
हाँ आपने कर दी है , तो फिर उसने अगर तीन बार पानी झाड़ दिया न तो आप बिना कुछ ना नुकुर किये , आप की आँख पर पट्टी बाँध के,... "
मम्मी ने तो पुराना प्लान बोल दिया।
बात वो अपनी समधन से कर रही थीं लेकिन निगाहे उनकी अपने दामाद के ' वहां ' पर थीं।
एकदम क़ुतुब मीनार हो रहा था ,
एकबार फिर उन्होंने अपने प्लान की सफलता में उनकी सासु ने जोर से दबोच के रगड़ दिया।
" आप आएँगी न मेरे लौटने पर पक्का ,"
उधर से मेरी सासु की आवाज आयी।
" एकदम पक्का , आखिर मेरी समधन की सोनचिरैया को मजा दिलवाना है ,मेरा भी तो हक़ बनता है। "
मम्मी ने एश्योर किया।
" चलती हूँ ,नहाने जा रही हूँ। पक्का आइयेगा जरूर ,आपसे बात कर के बहुत मजा आया। "
हँसते हुए उधर से मेरी सास की फोन रखने की आवाज आयी।
इनके सास के चेहरे से खशी छलक रही थी , जोर जोर से मुठियाते जैसे इनके खड़े भूखे लिंग से बात करते ,उसे उकसाते बोली,
" सुन लिया न अब तो कोई शक नहीं न ,बहनचोद , बस बीस पच्चीस दिन के अंदर ही तुझे मस्त भोसड़े का मजा दिलवाऊंगी ,
जिस भोंसडे से निकला है न उसी के अंदर होगा मुझे मालूम है सोच सोच के ही पागल हो रहा हैं न
लेकिन मेरी समधन के जोबन हैं ही ऐसे। "
और साथ साथ उन्होंने मुझे भी हिदायत दी ,
" लेकिन उसके पहले इसकी वो ममेरी बहिनिया चुद जानी चहिये ,ये जिम्मेदारी तुम्हारी। आखिर भाभी हो तेरा हक़ भी है ,ननद की फड़वाने का। "
लेकिन मेरी निगाहें लैपी पर लगी थीं ,मुझे मिल गया था जो मैं ढूंढ रही थी। और मैं जोर जोर से मुस्करा रही थी।
ममी की बात लेकिन मैं सुन रही थीं।
" एकदम मम्मी अगवाड़ा पिछवाड़ा सब ,उसके यहां आने के दो चार दिन के अंदर ही , "
बिना लैपी पर से नजर हटाये मैं बोलीं।
वो टेबल का सब सामान हटा के किचेन में चले गए थे वहीँ से उन्होंने आवाज दी
" मम्मी ,लन्च में ,... "
……
" कुछ नहीं ,इतना जबरदस्त ब्रंच तो हो गया है ,अब बस मैं सोने जा रही हूँ ३-४ घंटे तो कोई मुझे उठाये नहीं। आज रात को रतजगा होना है एक लड़के की ऐसी की तैसी करनी है और उसकी प्रैक्टिस करनी है मादरचोद बनाने की। "
जब तक वो आये तो मम्मी अपने बेड रूम में थी
और मुस्कराते हुए मैंने उन्हें बुला के लैपी में दिखाया जो मैं इतने देर से खोज रही थी।
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RE: XXX Kahani जोरू का गुलाम या जे के जी
मिसेज मोइत्रा [b]:प्लानिंग[/b]
मम्मी ने न सिर्फ उनकी चमचियों को तोड़ने का तरीका बताया बल्कि उन्ही से मिसेज मोइत्रा की कैसे ऐसी की तैसी की जायेगी , उसका भी पूरा खाका खींच दिया।
मम्मी इस बात से कम नाराज थीं की मिसेज मोइत्रा ने मेरे सेक्रेटरी होने के रास्ते में कितने रोड़े अटकाए ,
लेकिन इस बात से ज्यादा नाराज़ थीं की मिसेज मोइत्रा की चालों के वज़ह से उनके दामाद को अच्छी परफॉर्मेंस के बावजूद कित्ती मुश्किल से वो बेचारे जीत पाए।
और फिर मिसेज मोइत्रा के इस प्लान को अंजाम देने वाली उनकी तीनो चमचियाँ ही तो थीं , इसलिए सीधे उन्ही के हाथों ,
पहले तो स्ट्रिपटीज , ... पूरी की पूरी , ...
लेडीज क्लब की लेडीज नाइट में ,...
उन्ही की एक चमची प्रस्ताव लाएगी , ... एक कागज से पढ़कर , ... लेडी आफ द ईयर के सेलेक्शन का , ...
और जैसे पिछली बार उनकी तीनों चमचियों ने वोट मैनेज किये थे ,
एकदम उसी की तरह , वो फिर वोट मैनेज करेंगी और भारी बहुमत से , एक बार फिर ,...
तेज म्यूजिक के बीच , उनकी तीनों चमचियाँ ही उन्हें स्टेज पर ले जाएंगी , ...
और जैसे ही वो स्टेज पर पहुंचेंगी , सिर्फ स्टेज पर तेज लाइट रहेगी , ...
पहली चमची बोलेगी , मैडम का टेस्ट एक नंबर का है , जैसे उनकी साडी की पसंद , ...
और वो साड़ी खींचने लगेगी , मिसेज मोइत्रा के दोनों हाथ बाकी उनकी दोनों चमचियों के हाथ में ,...
वो दोनों कस के पूरी ताकत से न सिर्फ हाथ पकडे रहेंगी , बल्कि हाथ मरोड़ भी देंगी।
धीरे धीरे स्लो स्ट्रिपटीज की तरह उनकी पहली चमची साडी उतार आकर सीधे आडिएंस में एक अनाउंसमेंट के साथ , ...
जो साड़ी कैच करेगा उसके लिए मैडम की ओर से स्पेशल प्राइज ,...
तबतक स्टेज पर मुजरे का म्यूजिक चालू हो जाएगा , ...
" मेरे बदन के लाखों अंग कौन सा अंग देखोगे ,... "
और पहली वाली बोलेगी मिसेज मोइत्रा से कान में ,
" मैडम जरा ना नाच के दिखा दो तभी साड़ी वापस मिलेगी , ... "
और दो मिनट के मुजरे के बाद , फिर ब्लाउज और पेटीकोट उतारे जाएंगे , जबरदस्ती , फट जाएँ तो और अच्छा , और फिर वो दोनों भी ऑडिएन्स के पास , ...
और अब पहली चमची अनाउंस करेगी , अवार्ड पढ़ने में थोड़ी गलती हो गयी थी असली अवार्ड है ,
रंडी आफ द इयर।
मिसेज मोइत्रा सिर्फ ब्रा और पैंटी में स्टेज पर और मिसेज खन्ना आकर उन्हें वो अवार्ड पहनाएगी जिसपर लिखा होगा
' रंडी आफ द इयर '
दूसरी चमची अब मैदान में आ जाएगी , और बोलेगी ,
असल में मिसेज मोइत्रा ने खुद ये प्रस्तावर रखा था , मिस्टर मोइत्रा तो बाहर हैं पता नहीं कब आएंगे कब नहीं , इसलिए , ...
और हम लोगों की महीने में जब पांच दिन की छुट्टी हो जाती है , या कभी मर्द लोगों का मन करता है स्वाद बदलने का ,
तो बस उन मर्द लोगों का भी भला और मिसेज मोइत्रा का भी काम चलता रहेगा ,
फिर कुछ हैं जो क्वारे हैं , या अकेले रहते हैं इसलिए साल भर तक वो सबका मन रखेंगी किसी को मना नहीं करेंगी
इसलिए उन्हें रंडी आफ द इयर बनाया जा रहा है।
मिसेज मोइत्रा , सिर्फ ब्रा और पैंटी में कैट वाक् करेंगी , और मना करने पर उन्हें पूरी नंगी करने का डर दोनों चमचियाँ दिखाएंगी
आडिएंस में कोई बोलेगा , अरे स्साली का माल तो दिखा मर्द पसंद भी करें ,... ब्रा के अंदर असली है या प्लस्टिक ,...
और जिस लेडी ने साडी कैच की होगी उसे साडी के बदले में ब्रा खोलना होगा बल्कि वो सबके सामने दबा दबा कर उनका जोबन दिखाएगी , फिर जिसने पेटीकोट कैच किया होगा वो पैंटी , ...
मिसेज मोइत्रा के ३६ डी वाले उभार सबके सामने ,
एक जोर का चांटा , चल ज़रा खींच के दिखा , अरे अब तो साल भर पूरी टाउनशिप इस जोबना का रस लूटेगी , एक चमची बोली
" हे खाली मर्दों को मजा देगी या लेडीज को भी , ... " कोई पूछेगा तो तीसरी चमची वहीँ स्टेज पर अपना पेटीकोट उठा के ,
" चल स्साली झुक , बैठ चूस के दिखा , ... तू कितनी बड़ी चूत चटोरी है , ... "
और एक मिंट देर पर चटाक चटाक तमाचे उनके दोनों गाल पर दोनों चमचियाँ , ...
फिर तो स्टेज पर , मिसेज मोइत्रा चूत चाटेंगीं , पहले अपनी चमचियों की , फिर बाकी मेंबर्स की ,
फिर गांड चाटेंगी , और जब वो चाट रही होंगी ,
बेरहमी से उनकी चमचियाँ उनकी बुर में एक साथ तीन तीन उँगलियाँ , .... हाँ बस मिसेज मोइत्रा को झड़ने नहीं देंगी , ...
मिसेज मोइत्रा को कपडे इसी शर्त पर वापस मिलेंगे की लेडीज क्लब की हर मेंबर से वो रिक्वेस्ट करें ,
उसकी चूत चाट चूस के झाड़ें , ... हाँ कोई ' वो पांच दिन वाली ' हो तो उसकी सैंडिल , ...
हर चीज की फोटोग्राफी , ... सबमें मिसेज मोइत्रा का चेहरा एकदम साफ़ आएगा , लेकिन बाकी किसी का नहीं ,
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05-06-2021, 03:21 PM,
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desiaks
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RE: XXX Kahani जोरू का गुलाम या जे के जी
मिसेज मोइत्रा :ड्रिंक, डिल्डो,...और
सुजाता ने बोला की मिसेज मोइत्रा ने क्लब में ड्रिंक सर्व करने पर कितना बवाल मचाया था , तो मम्मी का दिमाग एकदम , ...
हंस के बोलीं
" अरे उस स्साली को फिर उसकी चमचियों की कॉकटेल पिला न "
मैं जोर जोर से हंसने लगी , पर सुजाता की समझ में नहीं आया , और मुझे ही समझाना पड़ा ,
' सुनहली शराब , प्योर आर्गेनिक सीधे देह से निकली "
" एकदम एपल जूस उन्हें पसंद भी है , ... "
समझ कर हँसते हुए सुजाता बोली
और उसने अपना भी योगदान दिया , और जोड़ा
"कॉकटेल में देसी ठर्रा मिला देंगे , मैडम को बहुत पसंद आएगा , चमचियों का ऐपल जूस और , ... हाँ जब वो दारु पीना शुरू ही कर देंगी ,
तो रोज बार गर्ल का भी काम उन्ही के जिम्मे ,..."
एकदम मैंने भी जोड़ा और मैडम का ड्रेस भी तय कर दिया गया , वो सिर्फ साड़ी ब्लाउज में आएँगी , नो ब्रा नो पैंटी ,...
और अगर उन्होंने कभी किसी भी मर्द को मना किया ,
बार गर्ल के काम में गड़बड़ हुयी
तो सारी उनकी फोटुएं , फेसबुक पर , जिस स्कूल में उनके दोनों रसगुल्ले पढ़ते हैं वहीँ , उसी के फेस बुक पेज पर , उन दोनों की सारी सहेलियों के पास , आफिस में ,
और रसगुल्लों का नाम सुनते ही मम्मी की आँखे चमक गयीं ,
सच में जितना जबरदस्त और तेज आइडिया उन्हें आता था , किसी को भी शीशे में उतारना हो , कैसे , कब ,... बोलीं
" सुन उसकी दोनों लौंडियों का इस्तेमाल जरूर करना , ...उसे डराने के लिए , पहले तो सिर्फ ,... की उसकी चूसते चाटते फोटुएं , न सिर्फ उसकी लड़कियों को बल्कि सारी सहेलियों को भी , ...और इसमें भी उसकी चमची सब , ... बिना गाली दे के वो बात न करें उससे , ... "
तबतक सुजाता को डिल्डो की याद आ गयी ,
आखिर उसी ने तो मिसेज खन्ना को मिसेज मोइत्रा के लिए दस इंच के डिल्डो की बात की थी ,
हम सब बच्चा पार्टी वाली , मिसेज खन्ना के गैंग वालियों के ठहाके में मिसेज मोइत्रा और उनकी चमचियाँ , ...
पर मिसेज मोइत्रा जानती थी अब उनके पति का वनवास हो चुका है , वो ट्रेन में हैं और सुबह तक जंगल वाली पोस्टिंग में , नक्सलाइट वाले इलाके में ,... बेचारी , सब की बातें सुन रही थीं , ... वो और उनकी चमचियाँ ,... उन्हें भी मालूम था की जमाना बदल गया है ,
मम्मी ने उसके लिए भी बोला
" सुन , उस के लिए भी उसकी सबसे ख़ास चमची को , ... पर सुजाता ने अपने मन का डर बता दिया ,
" पर दस इंच वाला , घोंट पाएगी वो ,... "
" अरे जिसके भोंसडे से दो मस्त मस्त लौंडिया , बंगाली रसगुल्ले निकल गए हों , ... उसे ६-७ इंच वाले से क्या ,... अरे बहुत होगा तो चूतड़ पटकेगी , चिल्लायेगी , रोयेगी तो रोने देना , और इस में भी चमची को बोलना , रसगुल्लों का इस्तेमाल करे , डराने के लिए , साफ़ साफ मिसेज मोइत्रा को बता दें , ' मैडम अगर आप को ज्यादा परेशानी लग रही हो तो स्कूल से आप के दोनों रसगुल्लों को बुला लेते हैं , ... और ये दस इंच उनकी कसी चूत में ,... बस देखना ,... और डिलडो , पहले चुसवाना चटवाना , जितना उसे फटने का दर्द होगा न उससे ज्यादा , दर्द के डर का , और ये दर्द के डर से डरा डरा कर फाड़ना उसकी। और स्ट्रैप ऑन .,,,चमची को बोलना पूरे जड़ तक , एक बाल बराबर भी बचा न तो उस चमची की गांड में वही डिलडो , मरवाना हचक हचक के उसकी चमची से
और मान लो दस इंच वाले डिलडो से फट भी गयी उसकी , तो किसी मोची के पास जा के सिलवा लेगी। "
मम्मी ने जवाब दिया
हम दोनों के ठहाके , मैं और सुजाता ,... और सुजाता बोली ,
एकदम , नहीं होगा तो मोची का पैसा लेडीज क्लब की ओर से।
हाँ मम्मी ने एक बात जोड़ी ,
डिल्डो तो ठीक है लेकिन बिना मुट्ठी किये मत छोड़ना उसकी , अरे उसकी तीनो चमचियाँ रहेंगी न पकडे रहेंगी , टाँगे फैलाये रहेंगी , कस के , पूरी मुट्ठी। डिल्डो से भी ज्यादा मजा आएगा उसे , और फिर पूरी रिकार्डिंग ,... मम्मी ने जोड़ा
..सीधे मुट्ठी करना , उसके भौंसड़े में
और ये काम मैंने अपने जिम्मे ले लिया , पर सुजाता का चेहरा उतर गया , मम्मी तुरंत समझ गयीं , बोली
" अरे तू दोनों मेरी बेटियां हो , और सुजाता तू तो मेरी छोटी बेटी है , ...
दो छेद हैं न उस रंडी के ,
एक एक दोनों बेटियां बाँट लेना , एक साथ ,... एक उसके भोंसडे में और दूसरी उसकी गाँड़ ,...
हाँ लेकिन पूरी कलाई अंदर जानी चाहियें , और उस के बाद जब पूरा अंदर वो घोंट लें दोनों का , ... तो दोनों एक साथ कमल खिला देना , ... "
और मम्मी ने अपनी बंद मुट्ठी की उंगलिया धीरे धीरे खोलते हुए , सारी उँगलियाँ एक दम पूरी तरह फैला कर समझा दिया ,
कमल खिलाने से उनका क्या मतलब है ,
और एक ट्रिक और जोड़ी ,
" हाँ उस छिनार को ये भी समझा देना की अगर थोड़ा भी हिचकिचाई न तो अगले हफ्ते स्टेज पर उसकी दोनों कच्ची कलियाँ होंगी स्टेज पर , स्ट्रिपटीज करती। "
लेकिन मम्मी की सब बातों को पूरा करने के लिए तीनो चमचियों को तोड़ना जरुरी था।
मम्मी ने तरीका बताया और तब से मेरा दिमाग वहीँ चल रहा था।
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05-06-2021, 03:21 PM,
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desiaks
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RE: XXX Kahani जोरू का गुलाम या जे के जी
चमचा और चमचियाँ
मम्मी बोलीं ,
ये काम उनकी मेंन चमचियों से कराओ , साडी ,साया ब्लाउज सब ,वही तीनो उतारेंगी और वो भी जबरदस्ती। तुम सब ऊपर ऊपर से उनको मना करना और विडीयों बनाना। और उसके बाद फुल लेस्बियन रेसलिंग , अल्टीमेट सरेंडर ( अगर आपने ये शो न देखा हो तो गूगल करें ) भी मात हो जाए ऐसा।
उन्ही तीनों के साथ। ध्यान रहे की उस दिन तक उन्हें ये विश्वास रहे की उनकी वो तीनो चमचियाँ अभी भी उन्ही की हैं , पूरी।
" लेकिन मम्मी वास्तव में वो सब अभी भी उन्ही के साथ है तो कैसे उन्हें ?"
मैंने शक जाहिर किया और डांट खा गयी।
" सुन तो , पहले कोई पेड़ काटना हो तो ,सबसे पहले उसके जड़ के चारो ओर गड्ढा करो , छोटी छोटी जड़ें काटो , फिर ,... बस अपने आप खुद ही पेड़ , अरे डोमिनो इफेक्ट सूना है न ,सबसे पहले दूर के फिर नजदीक के , और तरीका सिम्पल है ,मिस्टर मोइत्रा ने उन तीनो के हसबैंड को ,और अपने कुछ जूनियर्स को , और उनके जरिये उनकी बीबियों को , तो बस अब तो मिस्टर मोइत्रा नहीं है न और उनके काफी कुछ पावर तेरे वाले के पास हैं बस , लगा दिमाग।"
मम्मी ने तरीका बताया और तब से मेरा दिमाग वही चल रहा था.
आज उनके आफिस के काम के लिए लैपी खोल के टॉगल लगाया , ( इसके बाद उनके आफिस के मेन सर्वर से कनेक्शन जुड़ जाता था और कुछ पासवर्ड से बाकी सब नेटवर्क में भी घुसा जा सकता था।
थोड़ा सा मैंने इनके आफिस का काम किया , कुछ मेल्स ,कुछ रिपोर्ट्स , और फिर मेरे अंदर का बॉबी जासूस जाग उठा ,उन तीन तिलंगों की हाल चाल जानने के लिए।
पंद्रह मिनट के अंदर ही यूरेका हो गया ,जब मम्मी अपनी समधन का हांका कर के , उन्हें महीने भर के अंदर यहां लाने की कोशिश में जुटी थीं उसी समय।
मम्मी भी सफल रही मैं भी।
बीच में मैंने मिसेज डिमेलो की भी मदद ली ,उनकी सेक्रेटरी की ,
कुछ मेल्स किये ,कुछ मिसेज डिमेलो से फैक्स करवाये और जब ये मेरे पास आये तो मेरे पास काफी सबूत थे .
मैं चमचा नम्बर वन के टूअर्स के डिटेल देख रही थी ,
मिस्टर मोइत्रा के जाने के बाद उसके टूअर्स के बिल इन्ही के पास आये थे अप्रोवल के लिए।
ट्रैवेल एक्सपेंडिचर , होटल बिल्स , ..सब कुछ ठीक लग रहा था।
मैंने पुराने बिल्स जो मिस्टर मोइत्रा ने अप्रूव किये थे उनसे चेक किया ,सेम। लेकिन अचानक मेरा माथा ठनका।
होटल के बिल उसी रेंज में थे जो उसकी स्पेंडिंग लिमिट में था।
मैंने नेट से जा कर होटल के रेट्स भी देखे। चेक ,सब सही।
फिर मुझे लगा , गड़बड़ ,महा गड़बड़। सारे होटल्स कारोपोरेट डिस्काउंट देते हैं तो इन्हें डिस्काउंट क्यों नहीं मिला ?
और फिर मैंने मिसेज डी मेलो को काम पर लगाया।
उन्होंने उस होटल से बात की और होटल ने कंफर्म किया की वो २० % रेगुलर डिस्काउंट देता है , और लीन पीरियड में यह २८ से ४२ % तक है। फिर मैंने होटल से उनकी विजिट्स के पिछले छह महीने के बिल मंगाए। सबमें डिस्काउंट।
और वो एकदम चमचा नम्बर १ के दिए बिल से मैच कर रहे थे , स्टेशनरी में।
इसका मतलब की उस होटल के किसी से मिल के , ब्लैंक बिल पे ये भरा गया था या होटल का कोई इम्प्लाई मिला था।
६ महीने में कंपनी को ७२ हजार का चूना लगा था।
लेकिन ये तो शुरुआत थी। मुझे लगा की ये आदमी परचेज में है तो इसी तरह की क्रिएटिव अकाउंटिंग ,...
और वहां पर भी मिली।
फिर दो नम्बर के ट्रांजैक्शन और वो उस के टूअर्स के डेट से , ... एक और आइडिया आया मुझे।
एच आर के पास फेमली डिटेल्स भी रहते हैं ,उन के नेटवर्क को एक्सेस कर मैंने उसकी वाइफ के पैन नम्बर , आधार कार्ड डिटेल निकाल लिए , और बैंक अकाउंट भी।
पैन नंबर से जब मैंने टैक्स डिटेल और बैंक अकाउंट चेक किया ,
तो उनकी वाइफ के तीन अकाउंट और थे ,
जिसकी इन्फो कंपनी के अकाउंट में नहीं थी।
अकाउंट्स में जिन दिनों वो होटल में थे और परचेज आर्डर्स अप्रूव हुए थे, हैवी अमाउंट रिसीव हुए थे।
परचेज के रेट मार्केट रेट से तो कम थे , लेकिन जिस तरह हम बल्क परचेज करते थे , उसके डिस्काउंट के हिसाब से मुझे ज्यादा लग रहे थे।
और वहां भी मिसेज डी मेलो ने हेल्प किया , एक और कंपनी में जहाँ उनकी फ्रेंड परचेज सेक्शन में काम करती थी , रेट्स पता किये।
हमारे रेट्स से ८ % कम और जब की उन शेड्यूल आफ पैम्नेट्स भी हमसे स्टिफ थे।
मैंने जब उसे अकाउंट फॉर किया तो हमारे रेट्स ,करेंट रेट्स से ११ % काम होने चाहिए थे।
और अब मैंने चमचा नम्बर टू की ओर रुख किया ,उसकी भी शुरआत होटल के बिल्स से की।
और एक बात से मैं चौंक गयी वो हर बार एक ही होटल में टिकता था , यहाँ तक तो ठीक था
लेकिन उसके बिल में हर बार एक आइटम होता था जो कॉमन नहीं था , और काफी महंगा था।
इस बार भी मिसेज डिमेलो ने ही हेल्प किया , कोई पेपर ट्रेल तो नहीं मिली लेकिन उस होटल के बिल सेक्शन ने प्रेशर में आके बता दिया।
मसाज।
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05-06-2021, 03:21 PM,
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desiaks
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RE: XXX Kahani जोरू का गुलाम या जे के जी
चमचा नम्बर टू
अब मैंने चमचा नम्बर टू की ओर रुख किया ,उसकी भी शुरआत होटल के बिल्स से की। और एक बात से मैं चौंक गयी वो हर बार एक ही होटल में टिकता था , यहाँ तक तो ठीक था लेकिन उसके बिल में हर बार एक आइटम होता था जो कॉमन नहीं था , और काफी महंगा था।
इस बार भी मिसेज डिमेलो ने ही हेल्प किया , कोई पेपर ट्रेल तो नहीं मिली लेकिन उस होटल के बिल सेक्शन ने प्रेशर में आके बता दिया।
मसाज।
वो कोड था मसाज के लिए जिसके बिल को होटल उस तरह एडजस्ट करता था , मेल टू मेल , रात भर के लिए।
गे , बॉटम।
मिसेज डी मेलो ने खिलखिलाते हुए बताया ,
हर बार वो एडवांस में बुक करता था ,टॉप ,नाट हार्ड बट वेरी हार्ड , यंग २० से २२ साल की रेंज के।
मैं मिसेज डी मेलो के साथ खिलखिला रही थी , उसी बात पे जब मॉम अंदर सोने के लिए चली गयीं और वो मेरे पास आये।
मैंने दोनों चमचो के डिटेल की एक अलग स्प्रेड शीट बना दी थी। और उन्हें दिखाई ,
उन्हें मम्मी की प्लानिंग भी बतायी ,और अपना सजेशन भी ,
" आज तुम उन दोनों को बुला के हचक के अपने केबिन में ,... "
" ... उनकी गांड मारो ,यही न। "
हँसते हुए उन्होंने मेरी बात पूरी की.
"एकदम मारूँगा ,हचक हचक के वो भी बिना वैसलीन के। "
और वो मेरे बगल में बैठ के मेरी बॉबी जासूस वाले काम को देखने लगे ,लेकिन उन्होंने मेरा एक सजेशन एकदम रिजेक्ट कर दिया ,
मिस्टर खन्ना से उसे शेयर करने का।
" नहीं क्या पता ,मिस्टर खन्ना उन को कंपनी से बाहर ही निकाल दें , फिर उन की बेगमो को तुम कैसे यूज कर पाओगी ?
और अपने सारे तुरुप के पत्तों को हम शो क्यों कर दे।
सबसे बड़ी बात , उस को स्क्रू कर के ,और सप्लायर्स भी तो उससे मिले थे , मैं उनसे भी बात कर के , परचेज कास्ट कम कर सकता हूँ।
अभी नहीं ,दस पंद्रह दिन में रिनिगोशियेट कर के , फिर मेरी भी इम्पोर्टेंस ,मिस्टर खन्ना पर फेथ सब इम्प्रूव होगा न। "
वो तेजी से सीख रहे थे।
इंटेलिजेंट ,शार्प तो वो पहले से ही थे ,लेकिन अब उनका दिमाग आड़े तिरछे भी चलने लगा था।
मेरा और मम्मी का असर।
वो चालु रहे ,
" और जो तीसरा चमचा था न उनका वो तो मेरी निगाह में पहले से ही गड़ा है ,उसकी बीबी उस दिन सबसे ज्यादा उछल रही थी उसकी तो मैं
सबसे पहले लूंगा। "
अब वो भी मेरी ,मम्मी की भाषा बोलने लगे थे।
लैपी मैंने उनके हवाले कर दिया ,
उनका आधा काम तो मैंने पहले ही कर दिया था मेल्स ,शेड्यूल्स ,मीटिंग के मिनट्स सब मैने चेक कर लिए थे और उन्हें पांच मिनट में समझा दिया।
" चलने के पहले मुझे जगा देना , मैं सोने जा रही हूँ , आज किसी के साथ रत जगा होना है। "
मुस्करा के मैं बोली ,
और इन्हें किस कर के मम्मी के साथ सोने चली गयी।
दो ढाई घंटे सोई होउंगी की उन्होंने जगा दिया।
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05-06-2021, 03:22 PM,
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desiaks
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RE: XXX Kahani जोरू का गुलाम या जे के जी
ले ली ,.... चमचा नंबर दो की
दो ढाई घंटे सोई होउंगी की उन्होंने जगा दिया।
ढाई बज रहा था ,लेकिन उनके जाने के पहले मैंने उन्हें एक काम याद दिला दिया ,
मिसेज डी मेलो को थैंक्स देने का ,
रास्ते में उनके लिए लाल गुलाब ,
और वहां पहुच के उन्हें जोर से हग ,... हल्का फुल्का नहीं जोर से हग
उनके +साइज बूब्स क्रश हो जाएँ इतना।
हाँ एक बात और ,
जाल मैंने बुना था उन चमचो के लिए
लेकिन मेरे सोना मोना ने भी , जबतक मैं सो रही थी ,
उस समय एकदम से बाजी मार ली उन्होंने ,..
चमचा नंबर टू , वही गे बॉटम ,
जो मसाज के नाम पर टॉप , हार्ड की डिमांड करता था और होटल के बिल में ,...
इन्होने अपने एक जूनियर को बोला की होटल की लिस्ट हम फिर से फाइनल करेंगे जो हमारे पैनल में होंगे ,
और होटल वाले से बोलो की मुझसे बात करे , ...
सबसे पहले उन्होंने उसी होटल का नाम दिया ,
बस वो चालू हो गए , ... पहले तो उन्होंने होटल वाले को हड़काया , फिर ये कहा की तुम लोग कमरे में सी सी टीवी लगाते हो ,...
वो मना करता रहा ,
लेकिन जब उन्होंने साफ़ साफ़ चमचा नंबर टू का नाम लिया और बोला की अगर सीसी टीवी की रिपोर्ट उन्हें नहीं मिली
तो न सिर्फ वो उस होटल का नाम पैनल से हटा देंगे ,
बल्कि बाकी कम्पनीज को भी बोलेंगे की होटल को ब्लैक लिस्ट कर देंगे ,
अब वो थोड़ा होटल वाला ढीला पड़ा , ...
फिर उन्होंने उसकी एकदम ले ली ,
" मेरे पास चार तारीखें हैं , आप नोट कर लीजिये , इस रूम में एक गे सेक्स के लिए , एक टॉप आप ने भेजा था , क्योंकि बुकिंग आप के होटल के जरिये हुयी थी , इसलिए वाइस स्क्वाड सीधे आप को पकड़ेगी , जो रूम में था , उस का कंफ़ेशनल स्टेटमेन्ट हमारे पास है ,
उन्होंने ये भी बताया की आप के होटल के मैनेजर से जो बात हुयी थी , उस की रिकार्डिंग उनके पास थी , वो भी उन्होंने हमें दे दी है , २५०० रूपये रात भर के लिए , और वो घबड़ाइये मत हम आप को नहीं देंगे , ...आप के शहर के एस एस पी करण सिंह हॉस्टल में मेरे जूनियर थे , ... जी मैं उन्हें भेज रहा हूँ , ...
अब हर रोज आपके यहां छापा पडेगा , ... और हाँ एक सनसनी करके अखबार निकलता है न आपके शहर में उसके पास भी , और दो तीन चैनल भी ,... "
अब उसकी सच में फट गयी थी।
पांच मिनट में इनके व्हाट्सऐप पर दर्जन भर से ऊपर स्टिल , वीडियो सब , ...
वो डॉगी पोज में , खूंटा पूरा धंसा ,
एक में चमचा नंबर टू जोर जोर से सक कर रहा था ,
पांच छह में तो उसके चेहरे एकदम साफ़ थे ,
उसके पिछवाड़े एक तिल भी था , उसकी फोटो भी साफ़ साफ़ ,
लेकिन ये इतने से नहीं माने ,
उन्होंने फिर उस होटल में फोन लगाया ,
सिर्फ इतना बोला उन सारे जिगोलो के नाम और नंबर , .. हाँ ये भी बोल दिया की कैमरे हटाने की जरूरत नहीं है , अगले पैनल के लिए होटल वाला १० % बढाकर रेट कोट करे , एक्सेप्ट हो जाएंगे , ...
फिर हर जिगोलो को , ... वही एस एस पी का नाम ( वो उन्होंने इंटरनेट से ढूंढा था , उससे कोई जान पहचान इनकी नहीं थी ) ,
और सबका कंफ़ेशनल स्टेटमेंट हाँ वो इस इस तारीख को इस होटल के कमरा नंबर ,... में गया था रात भर की बुकिंग थी , २५०० रूपये की डील थी , जिसमें १००० रुपया होटल वाले का होता है। वो सब इनके फोन पर रिकार्ड हो गया , ... ये तो मालूम था उस दिन उस कमरे में चमचा नंबर टू ही था , खुद उसने होटल का बिल भरा था ,
सेक्स का भी डिटेल्स उन्होंने जिगोलो के मुंह से रिकार्ड करवाया, वो भी 'असली ' भाषा में ,... दो बार उस की गांड मारी , एक बार उसने चूसा , ..
माल एक बार कंडोम में गिराया था अगली बार सीधे गांड में ,...
और अब फोटुए ,
चार जिगोलो का रिकार्डेड स्टेटमेंट ,
मैंने ये तो अंदाज लगा लिया था या पता भी की वो होटल में ' क्या करवाता है '
लेकिन वो एकदम मुकर जाता , और होटल वाला भी इंक्वायरी में अलग हो जाता , कुछ पैसा वैसा खा के
लेकिन अब ये फोटुए , जिगोलो का रिकर्डेड स्टेटमेंट और सबसे बड़ी बात दो के साथ उस चमचे ने उसी कमरे में सेल्फी खिंचवाई थी ,
वो भी इन्होने हथिया ली थी ,
इसलिए अब चमचा नंबर टू ,... किसी तरह से नहीं बच सकता था , ...
और फिर चमची नंबर टू भी ,...
मान गयी मैं उनको , सिर्फ रास्ता दिखाने की देर होती है उनको , उसके बाद तो , एकदम,...
और फिर मैं जा के सो गयी ,
साढ़े तीन बजे सुजाता आने वाली थी ,मम्मी से मिलने और इस आपरेशन के सेकण्ड पार्ट को प्लान करने।
मेरा तीर एकदम सही निशाने पर लगा था।
ये घर देर से लौटे ,इतने दिन बाद आफिस गए थे।
लेकिन इनके लौटने के पहले ही चमचा नम्बर एक और दो की बीबियों का फोन आ गया था ,
माफ़ी सुबकना पूरा ड्रामा ,
लेकिन कम्प्लीट सरेंडर
अब वो दोनों मेरी मुट्ठी में थी ,
जैसे कुछ दिन पहले मिसेज मोइत्रा के कब्जे में थीं।
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