XXX Kahani मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें
08-18-2021, 11:48 AM,
RE: XXX Kahani मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें
हवेली के लॉन में तीन की चूत चुदाई

जाते हुए नैना बोली- छोटे मालिक आप को नाश्ते में वो स्पेशल डाइट बना दूंगी क्योंकि आपको शायद जल्दी ही उसकी ज़रूरत पड़े.नैना की भविष्यवाणी एकदम सही निकली.दोपहर के खाने में जो लड़की भी खाने के टेबल पर आ रही थी वो पहले मेरे पास आती थी और हल्के से मुस्करा के चली जाती थी.खाना खाते हुए भी मेरी साथ वाली बहुत ही चुलबुली लड़की के पैर मेरे पैरों से लग रहे थे और टेबल के दूसरी तरफ वाली लड़की अपने पैरों से मेरी जांघों को छेड़ रही थी.दोनों साइड में बैठी हुई लड़कियाँ भी बार बार अपनी कोहनियाँ मेरे बाज़ुओं से टकरा रही थी और हर बार ऐसा करने पर वो रहस्यमयी हंसी हंस रही थी.
खाने के बाद जब में हाथ धोने के लिए बाथरूम में घुसा तो मेरे पीछे 3 लड़कियाँ भी मेरे साथ अंदर आ गई और मेर दोनों तरफ खड़ी हो गई और एक मेरे पीछे खड़ी हो गई और पीछे वाली तो अपने शरीर को मेरे साथ जोड़ कर खड़ी थी और उसके गोल मुम्मे और उसकी चूत वाला हिस्सा उसकी सलवार के अंदर से मुझको पीछे से छू रहा था.
दोनों साथ खड़ी लड़कियाँ तो ऐसे जुड़ कर खड़ी थी जैसे कि वो मुझको धक्का दे कर हटाना चाहती हों वाश बेसिन से लेकिन दोनों के भी मुम्मे मुझको मेरे बाज़ुओं पर लग रहे थे और उनकी कोहनी मेरी साइड में लग रही थी.ऐसा लग रहा था कि मैं स्वर्ग की अप्सराओं से चारो तरफ से घिरा हूँ.
यह बहुत शुक्र हुआ कि मम्मी जी वहाँ मौजूद नहीं थी वर्ना यह बेशर्मी वाला माहौल नहीं बनने देती.
मैं रसोई में गया और नैना को बुलाया अपने कमरे में… उससे पूछा- यह सब क्या चल रहा है?नैना हँसते हुए बोली- आपकी दिली इच्छा थी इतनी और जवान और सुन्दर लड़कियों में घिरा रहने की… वो आज पूरी हो रही है.

मैं घबराते हुए बोला- लेकिन नैना, कुछ तो हद होती है इन सब बातों की! तुम अभी पता लगाओ कि इन लड़कियों को बेशर्म बनने के लिए कौन उकसा रहा है और वो ऐसा व्यवाहर क्यों कर रही हैं?नैना बोली- मैं जानती हूँ छोटे मालिक, इन सब के पीछे किसका हाथ है.मैं बोला- जल्दी बताओ, किसका हाथ है?
नैना बोली- शायद तुमको याद हो, चंदा नाम की एक औरत तुमसे एक दो बार मिली थी कॉटेज में, तुम्हारे कॉलेज जाने से पहले?मैं सोच कर बोला- हाँ, याद आ रहा है, वो भी बार बार गर्भवती होने की इच्छा ज़ाहिर कर रही थी लेकिन मैं नहीं मान रहा था क्यूंकि उसका पति उसके साथ रहता था तो उसको गर्भाधान की कोई ज़रूरत नहीं थी.नैना बोली- बस उसी चंदा ने यह बात फैलाई है कि छोटे मालिक बड़े चोदू हैं. हमारे आने से पहले वो कुछ दिन हवेली में काम करती रही थी और इन सब लड़कियों से मिल चुकी है.
मैं हैरान रह गया और बोला- उफ़ नैना, अब क्या होगा? तभी ये लड़कियाँ एकदम निर्लज्ज व्यवहार कर रही हैं? लेकिन हम क्या कर सकते हैं इस मुसीबत से बचने के लिए?नैना बोली- बस दो तीन दिन की बात है, जैसे ही दशहरा खत्म हुआ, ये सब चली जाएँगी अपने अपने गाँव या शहर में… लेकिन तब तक सोचना है कि इनसे कैसे छुटकारा पाया जाए!
मैं बहुत ही परेशान होते हुए बोला- नैना रानी, दिमाग लड़ाओ. यह तो तय है कि यहाँ इन सबकी चुदाई नहीं हो सकती और कोई जगह नहीं है जहाँ यह किया जा सकता है मम्मी और पापा के जाने बगैर!तभी नैना हँसते हुए बोली- छोटे मालिक, आप भी न कभी कभी भूल जाते हो! अपने गाँव वाली कॉटेज है न, यह सारा प्रोग्राम वहीं रख लिया करेंगे. क्यों छोटे मालिक?मैं एकदम खुश होते हुए बोला- वाह नैना, छोटी मालकिन, तुम्हारा जवाब नहीं. हाँ, यही ठीक रहेगा. अब यह तुम्हारा काम है कि कैसे इनको कंट्रोल करो?नैना बोली- मैं आज इन 6 लड़कियों से मिलती हूँ आपके कमरे में और साथ में 2 भाभियों को भी ले लेती हूँ अपने साथ, फिर हम इनको तगड़ी डांट पिलाती हैं.
एक घंटे के बाद नैना मुझको हवेली के बाहर लॉन में मिली और बताया कि कैसे इस समस्या को हल किया जाएगा.नैना की प्लान के मुताबिक़ हर रोज़ रात को एक भाभी मेरे कमरे में सोयेगी और साथ में एक लड़की भी सोयेगी जैसे कि मम्मी जी ने फैसला किया है. भाभी बारी बारी से सोयेंगी और हर रात को एक नई लड़की रात में मेरे साथ सोयेगी. इस तरह 3 रात में तीन लड़कियाँ चुद जाएँगी और बाकी हर रोज़ एक लड़की को कॉटेज में चोदा करूँगा. इस तरह 3 दिन में 6 लड़कियों के साथ काम क्रीड़ा हो जाया करेगी.

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08-18-2021, 11:49 AM,
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नैना बोली- छोटे मालिक, आप घबराएं नहीं, सब की सब अब तक कई बार अपने गाँव में चुद चुकी हैं तो इनके लिए यह कोई नई बात नहीं है. तभी यह इतनी निर्लज्ज हो रही हैं. इन सबने अपने यहाँ काम करने वाले नौकरों या फिर ड्राइवर या मालियों के साथ शारीरिक संबंध बनाये हुए हैं और चुदाई के काम में पूरी तरह से माहिर हैं.मैं हैरान होकर बोला- अच्छा, मुझको मालूम नहीं था कि गाँव के बड़े लोगों की लड़कियाँ इतनी गिर चुकी हैं. खैर छोड़ो, वो नई बावर्चिन से तो मिलवाओ ना… देखें तो सही कैसी है वो?
नैना गई और थोड़ी देर में नई बावर्चिन को ले आई, काफी सुन्दर शरीर की मालिक थी, चाहे रंग सांवला था लेकिन शरीर बहुत ही आकर्षक था, खूब मोटे और गोल, सॉलिड मुम्मों के साथ खूब उभरे हुए नितम्ब उसके बड़े आकर्षक लग रहे थे और नैना ने बताया कि उसका नाम था परबतिया लेकिन सब प्यार से पर्बती बुलाते थे.
फुर्सत में इसके बारे में भी सोचेंगे, ऐसा मैंने फैसला किया.
रात को खाने के बाद मम्मी और पापा को गुडनाईट कह कर मैं अपने कमरे में आ गया लेकिन वहाँ रिया आई हुई थी, वो कहने लगी- हम सब लड़कियाँ और लड़के लॉन में कुछ खेलने का फैसला किया है, चलिए आप भी चलिए ना प्लीज.मैंने कहा- ठीक है, चलो!
वो चलते चलते मेरे से टकराने से पीछे नहीं हट रही थी, उसके चूतड़ों पर हाथ फेरना और यदा कदा उसके मुम्मों को भी हाथ लगाना मैंने जारी रखा.एक जगह थोड़ी अँधेरी थी, मैंने रिया को बाहों में भर लिया और उसके गीले लबों पर एक ज़ोरदार चुम्मी कर दी और उसकी साड़ी के बाहर से उसकी चूत और चूतड़ों पर हाथ फेरने से बाज़ नहीं आया.
लॉन में आये तो सब लड़कियाँ वहाँ एकत्रित हो गई थी और दो मरियल से लड़के भी थे उनके साथ. उन सबसे मैं ही लम्बा लड़का था सो वो सब मेरे साथ ही खेलना चाहती थी.रिया और पार्टी ने फैसला किया कि हम सब जा कर छुप जायेंगे और सुधा हम सब को ढूंढने लगेगी.
सुधा की तरफ देखा तो वो काफी सुंदर और सुघड़ शरीर वाली लड़की थी, उसने लाल रंग की साड़ी पहन रखी थी. हम सब छुप गए और जिस जगह मैं छुपा था वो कोई और नहीं जानता था, सिर्फ मैं ही जानता था कि क्यूंकि मैं बचपन में ही यहाँ खेलता रहा था.तो मैं हर छुपने वाली जगह को अच्छी तरह से जानता था.
थोड़ी देर बाद मैंने देखा एक और लड़की छुपने की जगह ढूंढते हुए वहाँ ही आ रही थी और जैसे ही वो मेरे स्थान के पास पहुँची, मैंने हाथ बढ़ा कर उसको अपनी जगह में खींच लिया.पहले तो वो हैरान हुई लेकिन जब उसने मुझको देखा तो तो खुश हो गई और मैंने उसको अपने से चिपटा लिया और उसको चुप रहने का इशारा किया.
जब सुधा वहाँ से चली गई तो मैंने उसको अच्छी तरह से देखा, वो भी अच्छी लगी, मैंने उसको अपने गले से लगा लिया और फिर अपने होटों को उसके लबों पर रख दिया.मेरे अनुभवी हाथ उसके मोटे मुम्मों को दबा रहे थे और एक हाथ उसके चूतड़ों पर चल रहा था..
वो भी अब पूरी तरह सहयोग देने लगी और अब मैंने अपने पज़ामे को नीचे खिसका दिया और अपना खड़ा लौड़ा उसके हाथ में दे दिया और लौड़े को छूते ही उसके शरीर में हल्का सा करंट दौड़ गया.मैंने भी उसकी साड़ी पीछे से ऊपर कर दी और अपने खड़े लंड को उसकी चूत में डालने की कोशिश करने लगा.जब वो अंदर नहीं जा पा रहा था तो मैंने उसको थोड़ा झुकने के लिए कहा और जैसे ही वो झुकी तो मैंने लंड का फिर निशाना लगाया और खटाक से मेरा लंड उसकी गीली चूत में चला गया, मैं उसके चूतड़ों को दोनों हाथ में लेकर हल्के हल्के धक्के मारने लगा.
थोड़ी देर में ही वो लड़की भी गर्म हो गई और धक्के का जवाब अपने चूतड़ों को आगे पीछे करके देने लगी और जल्दी ही मैंने उसको बड़ी तेज़ स्पीड से चोदना शुरू कर दिया.वो लड़की चंद मिनटों में ही झड़ गई, मैंने उसको पलट कर अपनी बाहों में ले लिया और उसके मुंह पर ताबड़ तोड़ चुम्बन देने लगा और वो भी जवाब में मुझको चूमने लगी.

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08-18-2021, 11:49 AM,
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मैंने उसके कान में कहा- मज़ा आया क्या तुमको?उसने भी वैसे ही जवाब दिया- थैंक यू सतीश, मेरा नाम लीलू है और आज रात को आपके साथ सोने की बारी मेरी है.मैं बोला- ठीक है जानू, जाओ और किसी और को भेज दो यहाँ छुपने के लिए!
लीलू हँसते हुए मेरे लौड़े को झुक कर चूम कर चली गई.
थोड़ी देर में एक और लड़की को उधर आते हुए देखा, जैसे ही वो मेरे पास से गुज़री, मैंने उसको खींच लिया अपनी छुपने वाली जगह में!वो लड़की भी शायद यह जानती थी, वो मेरे पास आते ही मुझ से लिपट गई और मुझको लबों पर चूमने लगी. मैंने भी उसको चूमना शुरू कर दिया और इस तरह मैंने उसको दीवार के सहारे खड़ा करके उसकी टांग को ऊपर कर उसकी चूत में ऊँगली डाली जो अभी तक सूखी थी.मैंने उसकी भग को रगड़ना शुरू कर दिया तो जल्दी ही वो गीली होने लगी और अब मैंने उसको अपने हाथों पर उठा लिया और उसकी साड़ी को उसकी कमर में डाल कर उसकी चुदाई शुरू कर दी.मुझको ऐसा लगा कि वो भी पूरी तरह से तैयार हो कर आई थी और वो अब खुद ही आगे बढ़ बढ़ कर चुदवा रही थी और उसको भी झड़ने में ज़्यादा टाइम नहीं लगा.उसका नाम नीलू था.
लेकिन वो मेरी इस थोड़ी देर की चुदाई से पूरी तरह से खुश नहीं थी तो मैंने उसको नीचे घास पर लिटा दिया और उसकी साड़ी को पुनः ऊपर कर के पूरी मस्ती से चोदने लगा.अब नीलू ने भी नीचे से पूरी तरह से सहयोग देना शुरू कर दिया और हम दोनों चुदाई में इतने मस्त हो गए कि हमको पता ही नहीं चला कब सुधा वहाँ आ कर चुपचाप हमारी चुदाई को देख रही थी.
जब मैंने आखिरी धक्का ज़ोर से मारा और नीलू मुझ से चिपट कर छूटने लगी तो सुधा ने हल्के से ताली मारी और ‘वाह वाह’ करने लगी तो हमको पता चला कि कोई हमारे करतब देख रहा है.मैं तो नहीं शरमाया लेकिन नीलू एकदम शर्म से लाल पड़ गई.
मैं जैसे ही नीलू के ऊपर से उठा और अपने एकदम गीले लंड को निकाल कर खड़ा हुआ तो सुधा उसकी तरफ ही टकटकी बाँध कर देखती रह गई.मैंने एकदम आगे बढ़ा कर सुधा को अपनी बाँहों में गिरफ्तार कर लिया और उसको बेतहाशा चूमने लगा और मैंने उसको कुछ भी बोलने का मौका ही नहीं दिया.
सुधा भी सुंदर लड़कियों में से एक थी और काफी सेक्सी लग रही थी. उसकी लाल साड़ी अपना अलग ही समाँ बाँध रही थी.मैंने उसको कस के जफ्फी मारी और उसके कान में कहा- अभी या फिर रात में? जैसा तुम कहो?वो बोली- रात में मेरी बारी नहीं है, अभी कर दो ना!मैं बोला- बारी नहीं है तो क्या हुआ, मैं तुमको आज रात को एडजस्ट कर लूँगा.
वो मान गई और हम तीनों एक साथ मेरी छुपने वाली जगह से निकल कर सबके बीच में आये ही थे कि उधर से नैना आ गई और कहने लगी- छोटे मालिक, आपको मम्मी जी बुला रहीं हैं, जल्दी चलिए.
मैंने सबसे विदा ली और नैना के साथ हो लिया और जैसे ही हम थोड़ी दूर पहुँचे तो नैना ने कहा- छोटे मालिक, तुमको कोई नहीं बुला रहा वो तो मैंने बहाना बनाया था तो तुमको इन लड़कियों से बचाने के लिए! वैसे कितनी चोदी अभी तक?
मैं बड़ी ज़ोर से हंस दिया नैना की इस हरकत से और उसके चूतड़ों को टीपते हुए बोला- वाह छोटी मालकिन, तुमने मुझको बचा लिया. अभी तक सिर्फ तीन ही हुई थी.नैना हँसते हुए बोली- आधे घंटे में सिर्फ तीन? मुझको लगा कि कम से कम 5 तो हो गई होंगी! चलो सस्ते में छूटे हो छोटे मालिक.मैं धीमे से बोला- सस्ते में कहाँ? अभी तो रात बाकी है और वो दो तो तैयार खड़ी हैं चुदवाने के लिए!

कहानी जारी रहेगी.

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08-18-2021, 11:49 AM,
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तनु भाभी, सुधा और प्रेमा की चूत चुदाई

मैं धीमे से बोला- सस्ते में कहाँ? अभी तो रात बाकी है और वो दो तो तैयार खड़ी हैं चुदवाने के लिए!यह कह कर मैं अंदर जाने लगा तो मुझको ख्याल आया कि रात की चुदाई में नैना का होना बहुत ज़रूरी है तो मैंने उसको कहा कि रात में वो भी आ जाए तो अच्छा है मेरे लिए, नहीं तो यह शार्क मछलियाँ तो मुझको कच्चा खा जाएँगी.अभी मैं अपने कमरे में पहुँचा ही था कि एक सुंदर सी भाभी और दो लड़कियाँ भी साथ आ गई.
भाभी ने अपना नाम तन्वी बताया और कहा- प्यार से मुझको तनु के नाम से जानते हैं.सब और पहली लड़की तो सुधा थी और दूसरी का नाम था प्रेमा.तीनों ही दिखने में सुंदर लग रही थी और सबने साड़ी ब्लाउज पहन रखा था.
तनु भाभी की उम्र होगी कोई 22-23 की लेकिन मुझको समझ नहीं आया कि वो तो शादीशुदा लग रही थी तो उसको चुदाने की क्यों धुन सवार थी?यह बात मैंने नैना को कह दी, उसने भाभी से पूछा तो भाभी बोली कि उनके पति बचपन से अफीम बहुत खाते थे तो अब उनकी यौन शक्ति बहुत ही कम हो चुकी थी और वो हफ़्तों भाभी की तरफ नज़र भी नहीं डालते थे.
मैं हैरान हो गया यह कैसी विडंबना कि इतनी सुंदर स्त्री लेकिन यौन तृप्ति से कोसों दूर!
नैना बोली- छोटे मालिक, आप भाभी का खास ख्याल रखो क्यूंकि वो बहुत ही प्यासी है तो इन लड़कियों से पहले नंबर भाभी का लगेगा. क्यों ठीक है ना?दोनो लड़कियाँ मान तो गई लेकिन बड़ी ही बेदिली से, उनको शायद शक था कि मैं भी उन तक पहुँचते हुए शक्तिहीन हो जाऊँगा और उनके किसी काम नहीं आ पाऊँगा.उनका ऐसा सोचना तर्कसंगत ही था लेकिन वो शायद मेरी शक्ति से अभी तक परिचत नहीं थी.

नैना ने कहा कि कोई भी अपने सारे कपड़े नहीं उतारेगा क्यूंकि मम्मी जी थोड़ी दूर वाले कमरे में ही सोई थी, वो किसी समय भी आ सकती थी.नैना ने उनसे कहा कि अगर उनके पास नाइटी हो तो वो पहन कर आ आएँ तो अच्छा रहेगा.तीनों नाइटी पहनने के लिए चली गई और मैं नैना रानी को चूमने और छेड़ने में लग गया, कभी उसके मुम्मों को ब्लाउज के ऊपर से चूस रहा था और कभी साड़ी के ऊपर से ही उसकी चूत पर हाथ फेरता रहा और इस तरह मैंने नैना को भी गर्म कर दिया लेकिन नैना के साथ सम्भोग करने का मौका नहीं मिलने वाला था, ऐसा मैं जानता था.
थोड़ी देर में तीनों अपनी नाइटी पहन कर आ गई तो नैना ने दरवाज़ा बंद कर लिया और कुण्डी लगा दी.अब तीनों ने अपनी नाइटी उतार दी और वो एकदम पूर्णतया नंगी हो गई.अभी तक मैंने तीनों को ध्यान से नहीं देखा था, अब मैंने अच्छी तरह देखा.
तनु भाभी तो वाकयी में अच्छे जिस्म वाली और काफी सेक्सी लग रही थी, उसके गोल गोल मोटे मुम्मों और उसकी चूत पर छाये काले घने बाल चमक रहे थे और उसके गोल उभरे हुए नितम्ब अति लुभावने लग रहे थे.
सुधा और प्रेमा भी काफी सेक्सी यंग लड़कियाँ थी लेकिन उनका तनु भाभी और नैना के जिस्म से कोई मुकाबला नहीं था.सुधा के उरोज छोटे और सॉलिड थे और उसके नितम्ब भी अभी अपरिपक्व लग रहे थे.लेकिन प्रेमा काफी खूबसूरत थी, उसके उरोज भी काफी बड़े और सख्त लग रहे थे, उसके नितम्ब भी गोल और उभरे हुए थे और उसकी चूत पर छाई हुई बालों की घटा भी काफी मुलायम और घनी थी.
हर औरत या फिर लड़की की चूत पर छाए बाल ही उसका सबसे बड़ा गहना होते है क्यूंकि उन बालों के पीछे छुपे हुए ख़ज़ाने को देखने की उत्कंठा मन में तीव्र हो जाती है जबकि उनके मुम्मे और चूतड़ों को तो सब कोई देख सकते हैं चाहे वो कपड़ों में ही क्यों न लिपटे हों!
सबसे पहले तनु भाभी को मैंने चुना, उसको एक ज़ोरदार जफ्फी मारी, उसके गर्म लबों पर एक गरम सी किस जड़ दी और उसके गोल, मोटे मुम्मों को चूसने लगा और उनकी चूचुकों को मुंह में रख कर गोल गोल घुमा रहा था.तभी नैना ने मेरे पजामा उतार दिया और मेरे खड़े लंड को सब के सामने उजागर कर दिया. फिर उसने मेरे कुर्ते को भी उतार दिया और मुझको बिल्कुल नंगा कर दिया और मेरे लंड के साथ खेलने लगी और यह देख कर तीनों भी दौड़ कर आई और मेरे लंड और शरीर के साथ खेलने लगी.

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08-18-2021, 11:49 AM,
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मैंने भाभी के मोटे नितम्बों को अपने हाथ से मसलने लगा और उसके सुंदर गोल चेहरे को चूमने लगा.दोनों लड़कियाँ अब एक दूसरे के साथ लग गई थी जैसे कि नैना ने उनको बताया था और वो एक दूसरे की चूतों और मुम्मों के साथ खेल रही थी.
इधर मैंने भाभी की चूत में हाथ लगाया और उसकी चूत से टपकते रस को महसूस किया और वो रस अब उसके गोल गुदाज़ जांघों पर भी बह रहा था जो इस बात का सबूत था कि उसको यौन क्रिया की कितनी तीव्र इच्छा थी.अब मैंने तनु भाभी को चूमता हुआ उसको लेकर बेड पर ले आया, उसकी टांगों को पूरा खोल कर बीच में लेट गया और अपना खड़ा लौड़ा उसकी उबलती हुई चूत के ऊपर रख दिया, एक ज़ोरदार धक्के से तनु भाभी की चूत में लंड पूरा का पूरा का अंदर घुसेड़ दिया.
चूत में जैसे ही जलती हुई सलाख जैसा लंड घुसा तो भाभी के मुंह से एक गर्म आह निकल गई और उसने मुझको कस कर अपने मुम्मों से लिपटा लिया.मैं भाभी को बड़े प्यार से धीरे धीरे चोदने लगा ताकि भाभी की सोई हुए यौन शक्ति को जागृत किया जा सके और उसको सेक्स का पूरा आनन्द दिया जा सके.
अब जब भाभी को तसल्ली हो गई कि मेरा जल्दी छूटने वाला नहीं है तो वो काफी रिलैक्स हो कर चुदाई का मज़ा लेने लगी और वो अब हल्के हल्के से नीचे से मेरे धक्कों का जवाब भी देने लगी.
मैं चोदते हुए उसके मुम्मों को बार बार चूसना नहीं भूला था क्यूंकि मेरा सारा ध्यान भाभी को अपार आनन्द देने में लगा था और मेरी यह कोशिश थी कि भाभी को हर प्रकार से यौन आनन्द दिया जाए.
जब भाभी की चूत बहुत ज़्यादा गीली हो गई तो मैं अपने धक्कों की स्पीड तेज़ करने लगा और इस तेज़ स्पीड के कारण जल्दी ही तनु भाभी हाय हाय करती हुई झड़ गई.अब मैंने तनु भाभी को घोड़ी बना कर चोदना शुरू कर दिया और उसको शुरू से ही स्पीड से धक्के मारने लगा ताकि वो फिर जल्दी ही स्खलित हो जाए.
साथ ही मैंने उसके भग को भी मसलने लगा और वो बहुत ही कामातुर होकर धक्कों का जवाब देने लगी और उसकी साँसें भी एकदम तेज़ चल रही थी.वो फिर एक बार स्खलित हो गई और उसके शरीर में एक ज़ोरदार कंपकपी होने लगी और वो ‘आह ऊओह्ह…’ करती हुए नीचे लेट गई.
मैंने भाभी को छोड़ कर दूसरी लड़की सुधा को पकड़ लिया और उसके शरीर पर हाथ फेरने लगा, उसको एक ज़ोरदार जफ्फी डाली, पहले और फिर उसके लबों पर गर्म चुम्मी जड़ दी और उसके गोल मोटे मुम्मों को चूसना तो ज़रूरी था.
एक चुदाई के देखने के बाद कोई भी ठंडी से ठंडी औरत भी चुदाने के लिए तैयार हो जाती है, उसकी चूत में ऊँगली डाली तो वो बहुत ही पनिया रही थी, उसकी चूत एकदम तैयार थी चुदाई के लिए…अब मैं झुक कर सुधा की चूत में अपना मुंह डाल कर उसकी चूत को चूसने लगा और जल्दी ही उसकी भग को भी चूसना शुरू कर दिया.भग का चूसना था कि थोड़ी देर में ही सुधा के पानी के बाँध को एकदम से टूटने पर मजबूर कर दिया और उसका नमकीन पानी निकल कर मेरे मुंह में आ गिरा.
अब मैं उठा, सुधा को अपने हाथों में उठा लिया और उसकी चूत को लौड़े की सीध में रख कर एक ज़ोर का धक्का मारा और लंड पूरा चूत में समा गया.मैं खड़े खड़े ही सुधा को अपने हाथों में लेकर चोदने लगा.सुधा के दोनों हाथ मेरे गले में थे, वो मेरे हाथों के सहारे अपनी कमर को आगे पीछे कर रही थी और लौड़े को अंदर बाहर कर रही थी.
मैंने अब अपना मुंह उसके मुम्मों पर रख कर उसको चूसने लगा और उसके चूचुकों को मुंह में रख कर गोल गोल घुमाने लगा और थोड़ी देर में ही सुधा झड़ने के करीब आ गई, मैंने उसको अब हाथों में ही पकड़ कर धक्कों की स्पीड एकदम तेज़ कर दी और उसके शरीर को उछाल उछाल कर धक्के मारने लगा.कुछ ही क्षणों में वो झड़ गई, झड़ने के बाद वो मुझ से गले में बाहें डाल कर ही चिपक गई और उसकी चूत मेरे लौड़े से भी जुड़ गई और उसके होंट मेरे होंटों से सट गए.
कमरे के एक दो चक्कर हमने ऐसे ही लगाए और फिर मैंने उसको बेड पर लिटा दिया और देखा कि उसकी चूत में से बहुत सा रस टपक रहा था.अब दूसरे लड़की जिसका नाम प्रेमा था, मेरी तरफ बढ़ रही थी लेकिन नैना ने उसको रोक दिया और कहा कि छोटे मालिक को थोड़ा आलखन कर लेने दो और सब यह कोका कोला पियो.
कोका कोला पीते हुए तीनों ने काफी हैरत जताई क्यूंकि उनके गाँव में अभी यह ड्रिंक नहीं मिलती थी.साल 1954 तक यह कोक अभी तक सारे भारत में नहीं फैल पाया था ख़ास तौर पर गाँव खेड़े में, इसलिए यह उनके लिए एक अजीब ड्रिंक थी लेकिन जो इसको पी लेता था वो जल्दी ही इसका आदी हो जाता था.
अब प्रेमा की बारी थी, वो मेरे आगे पीछे चक्कर लगा रही थी और मेरे खड़े लौड़े को छेड़ कर उसके कड़ेपन पर हैरान हो रही थी. वो बैठ गई और झट से मेरे लौड़े को अपने मुंह में डाल लिया और उसको बड़े प्यार से और अदा से चूसने लगी.

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08-18-2021, 11:49 AM,
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मैंने नैना को कहा- भाभी को फिर से तैयार करो, उसको रात में एक बार और चोद दूंगा क्योंकि वो सबसे ज़्यादा भूखी है.प्रेमा के सुंदर सुडोल उरोजों को देख कर मन बड़ा ही प्रसन्न हो रहा था क्यूंकि अक्सर छोटी उम्र की लड़कियों के उरोज अपरिपक्व होते हैं लेकिन कुछ लड़कियाँ इस मामले में भाग्यशाली होती हैं और कुदरती तौर से सुन्दर और सख्त उरोजों की मालिक बन जाती हैं.
प्रेमा को लबों पर चूमने के बाद मैं उसको पलंग की तरफ ले गया घोड़ी बना कर चोदने के लिए…तब नैना बोली- छोटे मालिक, आप पहले भाभी को घोड़ी बना कर चोद चुके हैं तो आप प्रेमा को अब अपने ऊपर लेकर चोदो या प्रेमा को आपको चोदने दो. क्यों प्रेमा?
प्रेमा ख़ुशी से बोली- हाँ हाँ क्यों नहीं? सतीश तुम लेट जाओ और मैं ऊपर से तुमको चोदती हूँ.मैं बेड पर लेट गया अपने लहलहाते हुए लंड को लेकर और प्रेमा मेरे ऊपर बैठ कर अपनी गीली गोत चूत में लंड को डालने की कोशिश करने लगी लेकिन वो इतना मोटा था कि वो उसकी चूत के छोटे मुंह में नहीं जा रहा था.
मैंने उसकी कमर को अपने हाथ में पकड़ा और उसको धीरे से अपने लंड के ऊपर बिठा दिया.प्रेमा ने जल्दी पूरे लंड को अपनी बहुत ही टाइट चूत में डाल दिया और फिर अपनी कमर को एक दो बार ऊपर नीचे किया और जब उसको मज़ा आने लगा तो वो थोड़ा झुकी और मेरे लबों को अपने होटों में लेकर चबाने लगी.मैं उसके मुंह में अपनी जीभ डाल कर उसका रस पीने लगा.
अब प्रेमा कामांध हुई मेरे ऊपर एक तरह से नाचने लगी.वो इतनी तेज़ी से मेरे ऊपर नीचे हो रही थी कि कुछ ही क्षणों में ही वो जल्दी से स्खलित हो गई और मेरे ऊपर लेट कर काम्पने लगी और मुझको उसकी चूत के खुलने और बंद होने को अच्छी तरह से महसूस किया.प्रेमा की चुदाई का दृश्य भाभी और सुधा बड़ी हैरानी से देख रही थी.
जब यह चुदाई का सीन खत्म हुआ तो नैना ने सुधा को, जो लाइन तोड़ कर आई थी, वापस ले गई और हम तीनों को रात सोने के लिए छोड़ गई कमरे में!मैंने कमरे का दरवाज़ा लॉक किया और बेड पर लेट गया क्योंकि मैं बहुत ही थक गया था.मेरी एक तरफ भाभी लेटी थी और दूसरी तरफ प्रेमा.
मेरे सोने से पहले जब प्रेमा सो गई तो मैंने भाभी की चूत में ऊँगली डाली तो वो काफी गीली हो रही थी.तो मैंने भाभी के मुम्मों को चूसा और उंगली से उसकी भग को रगड़ा तो उसने मेरे लौड़े को खींच कर ऊपर आने के लिए ज़ोर डाला.
मैं भी ना नहीं कर सका और ज़्यादा देर न लगाते हुए उसके ऊपर चढ़ कर लौड़े को उसकी चूत में डाल दिया और फिर हौले हौले भाभी को चोदने लगा.लंड का पूरा अंदर जाना और फिर पूरा बाहर आना और फिर इसी क्रम को दोबारा दोहराना यही मेरा चुदाई का स्टाइल बन चुका था और इस स्टाइल से मैंने कई चूतों के किले फ़तेह किये थे और अपने लंड के परचम लहराए थे.
भाभी की बेचारी चूत इन हमलों के सामने कहाँ ठहर सकती थी, जल्दी ही भाभी की चूत ने भी हथियार डाल दिए और एक बार फिर उसका शरीर अकड़ा और फिर ढीला पड़ गया लेकिन मुझको अपने शरीर से पूरी तरह कस कर बाँध लिया.यही उनका धन्यवाद देने का स्टाइल था.
मैं भी करवट लेकर प्रेमा के मोटे और मुलायम चूतड़ों को टटोलने लगा कि कहीं यह भी चुदाई के लिए तैयार हो रही हो तो इसका भी काँटा एक बार और खींच डालूँ… लेकिन नहीं, वो तो जवानी की नींद में मस्त सोई थी.
रात को मैं बड़ी गहरी नींद में सोया था लेकिन मुझको यह अहसास हो रहा था कि रात को मुझ पर भाभी और प्रेमा ने कई बार चढ़ कर अपनी खूब चुदाई की.

कहानी जारी रहेगी.

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08-18-2021, 11:49 AM,
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नदी में नहाती गाँव की औरतें


रात को मैं बड़ी गहरी नीद में सोया था लेकिन मुझको यह अहसास हो रहा था कि रात को मुझ पर भाभी और प्रेमा ने कई बार चढ़ कर अपनी खूब चुदाई की.
अगले दिन नैना को मैंने सुझाव दिया कि सब लड़कियों का नदी में नहाने के लिए जाने का प्रोग्राम बना लो ताकि कुछ को नदी की अपनी स्पेशल जगह में चुदाई के लिए ले जाएँगे और बाकी को अपनी कॉटेज में ले आना! इस प्रोग्राम में मुझको भी कुछ गाँव की लड़कियों को नग्न देखने का भी मौका मिल जायेगा.नैना हंसने लगी- छोटे मालिक, आप भी ना… औरतों के ही दास हो! इसमें कोई शक नहीं है.मैंने भी हँसते हुए कहा- यह सब तुम्हारा ही सिखाया हुआ है, अगर तुम मुझको चुदाई का पाठ नहीं पढ़ाती तो मैं अभी तक साधू हो गया होता, जोगी बन गया होता, बैरागी बन गया होता और हिमालय की कंदराओं में भटक रहा होता.
नैना बड़े ज़ोर से हंस दी और मुझसे लिपट गई और मुझको चुम्बन देती हुई बोली- वाह रे मेरे जोगी, तुम तो बन गए चूत के भोगी.

नैना ने सब लड़कियों को पूछा कि क्या वो नदी स्नान करने जाना चाहती हैं?तो सबने हामी भर दी और काफी प्रसन्न लग रही थी.नैना ने मम्मी जी से भी पूछा तो उन्होंने भी इजाज़त दे दी और कहा- कार का ड्राइवर आप सबको ले जाएगा और वापस भी ले आएगा.
सब लड़कियाँ और भाभियाँ भी तैयार हो गई और सबको दो चकर में कार नदी के कनारे छोड़ आई.उनके पीछे पापा की बाइक लेकर मैं भी नदी पर पहुँच गया और एक नज़र नदी के किनारे पर डाल कर मैं अपनी झाड़ियों में जाकर छुप गया.
हमारे घर से आई लड़कियाँ और कई और गाँव की स्त्रियाँ मज़े में नहा रही थी नदी के शीतल जल में!गाँव की औरतों में कुछ तो अधेड़ उम्र की थी, कई काफी जवान भी थी.सबके नहाने के कपड़े कम से कम थे उनके शरीर पर!ज़्यादातर धोती को शरीर के चारों और लपेट कर नहा रही थी और उनकी धोती जब गीली हो जाती थी तो उनके शरीर के अंग गीली धोती में से साफ़ झलक रहे थे.
एक सांवली औरत पर मेरी खास नज़र टिक गई थी क्योंकि उसके मोटे और गोल मुम्मे उसकी गीली धोती से साफ़ दिख रहे थे और गीली धोती जब उसकी चूत पर पड़ती थी तो उसकी चूत के काले बाल साफ़ दिख रहे थे.यह दृश्य देखते ही मेरा लौड़ा एकदम तन गया और मेरी पैंट में तम्बू बन गया.
वो सांवली औरत बार बार अपनी गीली धोती को ऊपर कर के पानी निचोड़ती थी लेकिन धोती पुनः उसके मुम्मों पर चिपक जाती थी और नीचे का हिस्सा चूत पर होने के कारण चूत का दृश्य साफ़ दिख रहा था.उसके साथ ही एक नई दुल्हन भी नहा रही थी जिसके हाथों की मेहँदी साफ़ चमक रही थी, उसने भी एक सफ़ेद मलमल की धोती पहन रखी थी जिसमें से उसका सारा जिस्म साफ झलक रहा था.वो रंग की काफी गोरी थी तो उसके गोरेपन के बीच में उसकी चूत के काले बाल उसकी गीली धोती में चमक रहे थे.
काफी देर तक मेरी नज़रें इन दोनों महिलाओं पर टिकी रही और अब मैंने अपने घर आई मेहमान लड़कियों और भाभी को ढूंढा तो वो सफ़ेद पेटीकोट और सफेद ब्लाउज पहन कर नहा रही थी, उनके मुम्मे तो झलक रहे थे लेकिन चूत के बाल नहीं दिख पा रहे थे.दोनों भाभियाँ एक साथ थी और कुंवारी लड़कियाँ थोड़ी दूर नहा रही थी, लड़कियों के वस्त्र भी पारदर्शी थे और मैं मज़े में उनके जिस्म की सुंदरता देख रहा था और हल्के से अपने लंड पर हाथ फेर रहा था.
थोड़ी देर में देखा, वो सांवली औरत अपने सूखे कपड़े हाथ में लिए हुए मेरी वाली झाड़ी की तरफ आ रही थी और झाड़ी के पास आकर उसने कपड़े नीचे रख दिए और इधर उधर देख कर अपनी गीली धोती को उतार कर तौलिये से अपने शरीर को पौंछने लगी.जैसे ही उसकी गीली धोती हटी तो मैंने बड़ी साफ़ तौर से उसके मुम्मे और उसकी काली चूत पर काले बालों को देखा.तभी देखा कि नैना उस सांवली औरत के पास आ गई और उससे बातें करने लगी और वो जान बूझ कर उसकी चूत और मुम्मों वाली साइड मेरी तरफ खड़े कर के मुझको पूरा नज़ारा दिखाने लगी.
सांवली औरत अभी कपड़े बदल ही रही थी कि वो गोरी दुल्हन भी अपने कपड़े लिए हुए वहाँ आ गई और वो भी नैना के आगे खड़ी होकर अपनी धोती उतार रही थी और उसका भी शरीर पूरा झाड़ी की तरफ था, मैं बड़े मज़े में उस के भी मुम्मों और चूत के खुले दर्शन करने लगा.
उन दोनों के जाते ही दो और औरतें वहाँ अपने कपड़े बदलने के लिए आ गई और नैना उनके साथ भी बातें करती रही और उन दोनों को भी गीली धोती उतारने और सूखे कपड़े पहनने में उनकी मदद करने लगी.इन दोनों औरतों के शरीरों से लगता था वो एक या फिर दो बच्चों की माँ हैं क्योंकि उनके पेट पर बच्चा पैदा होने के निशान पड़े हुए थे और उनके मुम्मे भी थोड़े ढलके हुए लग रहे थे लेकिन उनकी चूत और चूतड़ अभी भी काफी सेक्सी लग रहे थे और उनकी चूत पर छाई हुए काले बालों की लताएँ भी काफी घनी थी.

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08-18-2021, 11:49 AM,
RE: XXX Kahani मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें
थोड़ी देर बाद उन दोनों ने आपस में कुछ बातें की और फिर दोनों नंगी ही बैठ गई और दोनों की चूत मेरी तरफ थी और दोनों ने एकदम पेशाब की धार छोड़ दी.
बाईं वाली की धार बहुत तेज़ थी और वो मेरे से थोड़ी दूर तक आ रही थी लेकिन जो दूसरी औरत थी उसकी धार तो पतली थी लेकिन उसकी दूरी काफी आगे तक थी.जब दोनों का मूती प्रोग्राम खत्म हुआ तो एक बोली- मैं जीत गई, मेरी धार तो बहुत दूर तक गई थी.लेकिन दोनों एक दूसरी से बहस करने लगी लेकिन नैना जो वहीं खड़ी थी, ने फैसला सुनाया कि दूसरी औरत जीत गई थी.
अभी वो सांवली और गोरी भी वहीं थी तो नैना ने उन दोनों को भी कहा कि वो भी मूती प्रतियोगिता रख लें और देखें कौन ज़्यादा दूर तक धार फ़ेंक सकता है.
वो दोनों भी हंस पड़ी और नैना ने उनको भी मेरी छुपने वाली जगह की तरफ मुंह करके मूती करने को कहा.वो भी अपनी साड़ी उठा कर बैठ गई और नैना ने एक दो तीन कहा और दोनों ने भी अपने पेशाब की धार छोड़ दी और दोनों की धार भी काफी तेज़ी से निकली और मेरे काफी निकट तक आ गई.लेकिन जो दुल्हन थी उसकी धार ज़्यादा दूर तक निकल गई और साथ ही उसकी चूत में से एक सीटी भी बज रही थी जिसको सुन कर नैना हैरान हो रही थी.नैना ने पूछा- यह सीटी कैसी बज रही तेरी चूत से?दुल्हन थोड़ी शरमाई और फिर बोली- वो क्या है मेरी अभी चूत की खुलवाई नहीं हुई, मेरा पति रोज़ कोशिश करता है लेकिन उसका लंड इसके अंदर नहीं घुस पाता तो मैं रोज़ ही आधी अधूरी रह जाती हूँ.
नैना शरारतन बोली- किसी और को चांस दे तो शायद तेरा काम बन जाए?दुल्हन हँसते बोली- किसको चांस दूँ? कोई नज़र ही नहीं आता जो मेरी चूत के काबिल हो!नैना बोली- बहुत हैं चूत के माहिर… अगर तू राज़ी हो तो अभी इंतज़ाम कर देती हूँ?
दुल्हन पहले हिचकी फिर बोली- कोई है नज़र में तुम्हारी दीदी?नैना बोली- नज़र में तो है लेकिन तुमको वायदा करना पड़ेगा कि किसी को बताएगी तो नहीं?दुल्हन बोली- मैं पक्का वायदा करती हूँ लेकिन तुमको भी वायदा करना पड़ेगा कि किसी को नहीं बताओगी और सील तोडू भी नहीं बताएगा?नैना बोली- हमारी तरफ से पक्का वायदा. कोई है तेरे साथ या अकेली है?दुल्हन बोली- मौसी आई थी लेकिन वो दिख नहीं रही शायद घर चली गई होगी.
नैना बोली- तो फिर चल मेरे साथ लेकिन यह जो औरतें नहा रही हैं इन में से कोई तुझको जानता है क्या?दुल्हन ने चारों तरफ देखा और कहा- नहीं दीदी, इन में तो कोई नहीं जानता मुझको!
नैना उसको लेकर मेरे छुपने वाली जगह की तरफ आ रही थी और मैंने घबरा कर वो नदी की तरफ वाली साइड पर झाड़ी को आगे कर दिया ताकि वो देख न सके कि मैं नदी में नहाती हुई औरतों को देख सकता हूँ और झट ही अपने मुंह पर रुमाल रख कर के सोने का नाटक करने लगा.
थोड़ी देर में नैना ने मुझको उठाया- उठिए ना, देखो कौन आया है आप से मिलने?मैं भी अंगड़ाई लेते हुए उठा और नैना से बोला- काहे उठावत हो हमका? बहुते ही गहरी नींद में सो रहे थे हम… और यह कौन हैं?नैना बोली- यह दुल्हन हैं और आपसे मदद मांग रहीं हैं यह.मैं बोला- कैसी मदद?
नैना मुस्कराते हुए बोली- इनकी शादी को दो महीने हो गए लेकिन इनके पति से इनकी सील नहीं टूट रही है तो वो सील तोड़ने में आप इनकी थोड़ी सी मदद कर दीजिये ना!मैंने कहा- पहले पूछो तो सही कि हम इनको पसंद हैं या नहीं?
नैना ने जब पूछा तो वो एकदम से बोली- हाँ, पसंद तो बहुत हैं यह हम को लेकिन दीदी यह तो लड़के से लगते हैं, क्या यह काम इनसे हो सकेगा?नैना बोली- ऐ जी, ज़रा अपना हथियार तो इनको दिखाइए ना!
मैं उठा और अपनी पैंट को नीचे किया और अपने खड़े लौड़े को इनको दिखाया और पुछा- क्या यह ठीक है या फिर इससे भी लम्बा चाहिए?दुलहन शरमा गई और मुंह नीचे कर लिया और मैं भी अपना लौड़ा पैंट के अंदर डालने लगा और बोला- शायद यह इनको पसंद नहीं, कल जब दूसरा लाऊँगा तो ही काम बनेगा.दुल्हन एकदम से घबरा के बोली- नहीं नहीं हमको तो यह बहुत ही पसंद है, बोलिए हम को क्या करना है?
नैना ने आगे बढ़ कर उसके ब्लाउज को उतार दिया और उसकी साड़ी भी उतार दी और सिर्फ पेटीकोट में ही उसको लिटा दिया और मेरे को इशारा किया कि मैं शुरू हो जाऊँ.मैंने उसके पेटीकोट को ऊँचा किया और उसकी टांगें चौड़ी करके मैं अपने खड़े लंड को ले कर बैठ गया और उसकी बालों से भरी हुई चूत के कुंवारे मुंह पर लंड को रख दिया और एक दो बार लंड को अंदर बाहर किया तो वहाँ काफी मोटी दीवार पाई.
नैना ने अपना बैग खोला और उसमें से वैसेलिन की शीशी निकाली और ढेर सारी दुल्हन की चूत के बाहर और अंदर लगा दी और थोड़ी से मेरे लंड पर भी लगा दी और फिर दुल्हन के कान में कहा- थोड़ा दर्द होगा, बर्दाश्त कर लेना. ठीक है ना?दुल्हन बोली- ठीक है.

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08-18-2021, 11:49 AM,
RE: XXX Kahani मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें
अब मैंने फिर से लंड को दुल्हन की चूत में डाला और धीरे धीरे से उसको अंदर धकेलने लगा और जब दीवार महसूस की तो एक ज़ोर का धक्का मारा और एक ही झटके में लंड पूरा का पूरा दुल्हन की चूत में चला गया और दुल्हन के मुंह से हल्की सी चीख निकली तो नैना ने अपने रुमाल को उसके मुंह पर रख कर दबा दिया.
और अब मैंने धीरे से लंड को निकाला और फिर एक हल्का सा धक्का मारा और अब लंड बिना किसी रोक टोक अंदर चला गया.मैंने महसूस किया कि दुल्हन का शरीर जो एकदम से अकड़ा हुआ था, अब काफी रिलैक्स हो गया और उसकी जांघें पूरी तरह से खुल गई थी.
तब मैं धीरे से धक्कों की स्पीड बढ़ाने लगा और साथ ही उसके मम्मों को चूमने और चूसने लगा, उसके लबों पर एक बड़ी हॉट किस जड़ दी और अपना मुंह उस के मुँह पर रख कर उसकी जीभ के साथ अपनी जीभ से खेलने लगा.उसके चूतड़ों के नीचे हाथ रख कर अब ज़ोर से धक्काशाही शुरू कर दी और कुछ ही मिन्ट में ही दुल्हन का जीवन में पहली बार पानी छूटा.मैंने नैना की तरफ देखा, उसने आँख के इशारे से कहा- लगे रहो!
और अब मैंने उसको अपनी गोद में बिठा कर उसकी टांगों को अपने दोनों तरफ कर दिया और लंड को चूत में ही रखे रखे धक्के मारने लगा, साथ ही उसके गोल और सॉलिड मुम्मों को मुंह में लेकर चूसने लगा और उसकी चूचियों को मुंह में लेकर गोल गोल घुमाने लगा.
अपने हाथों को उसके चूतड़ों के नीचे रख कर अब गहरे धक्के मारने लगा और जैसे जैसे ही मैं तेज़ी पकड़ रहा था दुल्हन मेरे से और भी ज़्यादा चिपक रही थी और अब वो खुद ही मुझको चूमने और चाटने लगी थी.
मेरे धक्कों की स्पीड इतनी तेज़ होती गई कि थोड़ी ही देर में दुल्हन फिर एक बार हाय हाय… करते हुए झड़ गई और उसका शरीर एक अजीब सी झुरझुरी से कम्पित हो गया.हालाँकि वो झड़ चुकी थी फिर भी उसकी बाहें मेरे गले में ही थी और वो मुझसे बुरी तरह से चिपकी हुई थी.
अब मैंने उसको अपने से अलग किया और फिर मैंने उससे पूछा- क्यों दुल्हनिया जी, मज़ा आया या नहीं?दुलहन थोड़ी सी शरमाई और बोली- बहुत मज़ा आया आप से, आप तो वाकयी में जादूगर हैं.
नैना ने उसको उठाया, उसके शरीर पर लगे खून को साफ़ किया और कहा- आओ दुल्हन, एक बार फिर से स्नान कर लो तो सब ठीक हो जाएगा. वैसे तुम्हारा नाम क्या है?दुल्हन बोली- मेरा नाम है जूही.
नैना उसको लेकर जाने लगी तो उसने मेरी तरफ देखा और फिर आकर मुझसे लिपट गई और चुंबनों से मेरा मुंह भर दिया और एक हाथ से मेरे खड़े लौड़े को फिर पकड़ लिया और बैठ कर उसको चूम लिया.
फिर नैना ने उसको उठाया और उसको लेकर झाड़ी के बाहर चली गई.

कहानी जारी रहेगी

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08-18-2021, 11:50 AM,
RE: XXX Kahani मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें
नदी में नहाती औरते

नैना उसको लेकर जाने लगी तो जूही दुल्हन ने मेरी तरफ देखा और फिर आकर मुझसे लिपट गई और चुंबनों से मेरा मुंह भर दिया और एक हाथ से मेरे खड़े लौड़े को फिर पकड़ लिया और बैठ कर उस को चूम लिया.नैना ने उसको उठाया और उसको लेकर झाड़ी के बाहर चली गई.मैंने झाड़ी से चोर झाड़ी हटाई और फिर बाहर देखने लगा.
नदी में भाभी न. 1 और 2 सफ़ेद पेटीकोट और सफ़ेद ब्लाउज में अभी भी नहा रही थी और दूसरी लड़कियाँ भी उन के आस पास नहाने में मस्त थी.उधर गांव वाली औरतों में एक दो नई भी आई थी, वो अपने कपड़े बदलने के लिए मेरी वाली झाड़ी की तरफ ही आ रही थी.
मैंने उनको ध्यान से देखा, वो भी जवान ही लग रही थी और काफी सुन्दर शरीर वाली प्रतीत हो रही थी.खैर मैं उनके उचित स्थान पर पहुँचने का इंतज़ार कर रहा था.

जब वो झाड़ी के निकट पहुँची तो सबसे पहले आगे वाली औरत ने अपने कपड़े नीचे रखे और बैठ कर अपनी धोती और पेटीकोट को ऊपर उठा कर पेशाब करने लगी.उसकी चौड़ी जाँघों के बीच में से उसकी काली झांटों से ढकी चूत में से पेशाब की धार बह निकली, धार काफी तीव्र थी और काफी दूर तक जा रही थी. जब धार खत्म हो गई तो उसने अपनी चूत को पेटिकोट से पौंछा और फिर अपने कपड़े बदलने लगी.
अब तक पहली वाली ने अपना ब्लाउज उतार दिया था, उसके मोटे मुम्मे एकदम आज़ाद हो गए थे और हवा में उछल रहे थे.अब उसने अपने पेटिकोट को भी उतार दिया और उसकी चूत सिर्फ बालों से ढकी रह गई लेकिन उसने जल्दी ही अपने शरीर के चारों तरफ एक सफ़ेद धोती को लपेट लिया और अपनी नग्नता को छुपाने की नाकाम कोशिश करने लगी.
अब वो भी उसी जगह बैठ कर पेशाब करने लगी और जब पेशाब से फारिग हुई तो अपनी चूत को पौंछने लगी अपने उतारे हुए पेटिकोट से!फिर वो दोनों भी मिल कर अपने कपड़े उठा कर कुछ कपड़े धोने और नहाने के लिए चली गई.
अब मैंने देखा कि नैना तन्वी भाभी को लेकर झाड़ी की तरफ ही आ रही थी, मैं समझ गया कि नैना की मर्ज़ी है कि तन्वी भाभी को यहाँ चोदा जाए.मैं तो तैयार बैठा ही था, उन दोनों के आने से पहले ही मैंने नदी वाली साइड को बंद कर दिया था.
तन्वी भाभी ने अंदर आते ही मुझको कस कर एक जफ्फी मारी और मेरे मुंह को चूमने लगी.मैंने भी उसके पेटीकोट में फंसे हुए चूतड़ों को हाथ फेर फेर कर सहलाना शुरू कर दिया. मैंने खुद ही उसका पेटीकोट नीचे उतार दिया और ब्लाउज को भी उतार कर फ़ेंक दिया और फिर मैंने उसको लिटा कर उसकी जाँघों के बीच बैठ कर पहले तो उसकी चूत को खूब चूमा और चाटा और जब भाभी गर्म हो गई तो मैंने लंड लाल को उनकी चूत में धीरे से डाल कर चुदाई शुरू कर दी.
भाभी काफी गर्म हो चुकी थी सो जल्दी ही वो लंड के स्वागत के लिए अपनी जाँघों को और भी चौड़ा करने लगी.मैंने बैठे हुए ही भाभी को पूरी तन्मयता से चोदना शुरू किया और उसके गोल मुम्मों को भी साथ साथ चूसता जा रहा था. उसकी नाभि में जीभ डाली तो वो एकदम से कामातुर हो गई और जल्दी ही झड़ने की कगार पर पहुँच गई. मेरे थोड़े से प्रयत्न से ही वो अपना संयम खोकर मेरे लौड़े को चूत द्वारा गाय के थन की तरह दोहने लगी.
उसकी चूत की इस प्रक्रिया से मैं आज अपने आप को नहीं रोक सका और ढेर सारा वीर्य भाभी की चूत में छोड़ते हुए उसके ऊपर लुढ़क गया.नैना यह सब देख रही थी और वो अपनी भवें टेढ़ी करके मेरी तरफ देखने लगी जैसे कह रही हो- छोटे मालिक, आपसे यह उम्मीद नहीं थी, आपने तो बेचारी भाभी का जीवन खतरे में डाल दिया.लेकिन तन्वी भाभी को मेरे लावे के समान गर्म वीर्य से बहुत ही तृप्ति मिल रही थी और वो ऐसे दर्शा रही थी जैसे कि उसका जीवन सफल हो गया हो.
नैना ने कहा- भाभी, शायद तुम्हारे अंदर छोटे मालिक का वीर्य छूट गया है तुम चाहो तो नदी में फिर स्नान करके वीर्य को निकाल सकती हो?भाभी बोली- वीर्य अंदर छूट जाने से क्या होगा?नैना हँसते हुए बोली- तुम गर्भवती हो जाओगी और क्या?
भाभी बोली- अच्छा? सतीश के वीर्य में इतनी शक्ति है एक बार में ही गर्भ ठहर जाएगा? रात को तो इतनी बार तो सतीश ने किया था लेकिन शायद उसका वीर्य नहीं छूटा था तब, क्यों ठीक है न?नैना बोली- हाँ भाभी, रात को उसका वीर्य नहीं छूटा था लेकिन अभी गलती से उसका वीर्य छूट गया है आपके अंदर, तो गर्भवती बनने का खतरा तो बनता है.भाभी बोली- अच्छा, मेरी बड़ी इच्छा है कि मेरा भी अपना बच्चा हो लेकिन मेरे पति तो नाकारा है इस काम के लिए तो मैं क्या करूँ?
नैना ने मेरी तरफ देखा और मैंने हां में सर हिला दिया तब नैना भाभी को एक तरफ ले गई और उससे कुछ पूछा जो भाभी ने बता दिया.नैना मेरे पास आकर बोली- सब ठीक है, छोटे मालिक आप अगर चाहें तो भाभी भी गर्भवती हो सकती है?मैं बोला- नैना, तुम अपनी तसल्ली कर लो फिर जब चाहो मैं भाभी का काम कर दूंगा.

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