XXX Sex Stories डॉक्टर का फूल पारीवारिक धमाका
02-27-2021, 12:52 PM,
#51
RE: XXX Sex Stories डॉक्टर का फूल पारीवारिक धमाका
अपडेट 55

मैन वहीँ बैठा रहा और सोचता रहा. चाची आधे घंटे में अपने रूम से साडी चेंज करने निकलि और मुझे बाई कह के क्लिनिक जा रही थी
पर ऐसा लग रहा था की चाची का क्लिनिक जाने का मन नहीं था उन्होंने मुझे मूड मूड के दो बार देखा पर उनके दिमाग में नहीं आ रहा था की क्या करना वो चाहती हे,
फिर वो चलि ही गयी, और में भी बाथरूम में जा के मूठ मारने लगा, सच में मूठ मारने में बड़ा मज़ा आया,
सच में किसी के बारे में सोच के मूठ मारना और किसी से सिड्यूस हो के मूठ मारने में बड़ा डिफरेंस हे. चाची क्लिनिक तो चलि गयी पर जाते जाते माँ के बारे में सोच्ने पर मुझे मजबूर कर गयी,
और उनकी अस्थमा वाली बात तो ध्यान से बाहर ही नहीं जा रही थी.
शुरू शुरू में जब में १६-१७ साल का था तब माँ के बारे में ऐसे सोच्ने में कई बार शर्म आती थी
पर कई बार ख्याल अपने आप ही मन में आ जाता था लेकिन फिर इन्सेस्ट स्टोरीज पढना शुरू किया और फिर लगा की ऐसे होना टोटल ही नार्मल हे,
और हो भी क्यों ना मेरी माँ है ही ऐसी सेक्सी. बॉस वो बिलकुल सिंपल सी रहती हे, कोई ज्यादा मेक-उप नही, कम बोलना और गैरो से तो बिलकुल कम.
एक दम सिंपल सी हे, ५ फीट ५ इंच का कद हे, मस्त बड़े बॉब्स इतने भी बड़े नहीं पर मस्त तक़रीबन ३६ के तो होंगे ही, हमेशा घर में रहना, साड़ी में ही रहना, घर से क्लिनिक और क्लिनिक से घर.
रूटीन लाइफ है. मैं अगर आपसे कहूँ तो वो बिलकुल साक्षी तंवर की तरह लगती हे, लिप्स शेम टू शेम की चूसो तो मज़ा आ जाए.
बूब हाथ में आ जाये तो छोड़ने का मन न हो.
अरे में भी कहाँ माँ के बारे में बयान करने लगा,
उनकी स्टोरी भी आएगी पर अभी चाची के बारे मे.

छोटी चाची क्लिनिक चलि गयी और में माँ के ख़यालों में था और तभी दीदी का कॉल आ गया और बहुत दिनों के बाद दीदी से बात हो रही थी,
बातों से तो वो बड़ी खुश लग रही थी पर फिर बात करते करते रहा नहीं गया तो वो कहने लगी की रेशु अब तुम्हारे अलावा मज़ा नहीं आता
में दीदी के बोलते ही समझ गया पर पूछा की क्या तो फिर दीदी से नहीं रहा गया और कह दिया की
“रेशु तुम्हारी याद आती हे, और सच में अब तुम्हारे जिजु के साथ करने में मज़ा नहीं आता,
वैसे भी वो अब थोड़ा सा उबने लगे हे. रेशु एक बार और मिलना हे तुमसे,
और इस तरह उन्होंने मेरे से बिना सेक्स की बात कर के सब इनडायरेक्टली कह दिया और मैंने भी दीदी से कहा की में जरूर मिलूँगा और फिर हमारी बात ख़त्म हो गयी.
पर इस बात से मुझे अपने आप पे थोड़ा और कॉन्फिडेंस आ गया की अगर में छोटी चाची से हलकी सी भी जबरदस्ती के साथ सेक्स कर लेता हूँ तो उनको भी मज़ा आएगा और वो भी बाद में नाराज़ नहीं होगी.
मैं अब ये ही सोच रहा था की चाची के सिग्नल का वेट करू की चाची के साथ जबरदस्ती करू और ऐसे में छोटी चाची का कॉल आ गया की रेशु अगर तुम क्लिनिक आ सको तो आजाओ,
और में भी वैसे बार हो रहा था तो में भी हाँ कर के क्लिनिक की और चलपडा
जब में क्लिनिक पहुंचा तो मैंने सोचा था की कोई नहीं होगा,
पर पहुँचते ही देखा तो ४ पेशेंट्स बैठे थे. मैं अंदर गया तो अंदर चाची भी पेशेंट्स में बिजी थी,
में वहा पर चाची के पास वाली चेयर पर बैठ कर सब देखने लगा और ऑब्सेर्वे करने लगा. फिर मैंने सोचा की क्यों न चाची का लैपटॉप खोल के ब्लू फिल्म देखि जाए,
तो मैंने चाची का लैपटॉप उठाया और उसे ले के वही बेड पे बैठ गया,
और सब फ़ोल्डर्स सर्च करने लगा. वो बेड सेफ था कोई देखनेवाला नहीं था चाची सामने से देख सकती थी की में इतना गोर से लैपटॉप में क्या कर रहा हू, पर में अपने में बिजी था और चाची पेशेंट्स निपटाने मे.
लग रहा था की चाची को अभी टाइम लगेगा इसीलिए मैंने ब्लू फिल्म देखना ही ठीक समझा,
और फिर तक़रीबन १० मीनट हर एक फोल्डर ढूँढ़ने के बाद मुझे चाची का प्राइवेट फोल्डर मिला,
सच में चाची ने बड़ा दिमाग लगाके छुपाया था

मैने देखा बहुत सारे एमईएलएफ के फकिंग क्लिप थे,
मैंने एक एक करके देखने शुरू किये और क्या मस्त कलेक्शन था ५ मिनट में ही मेरा लंड पैंट में खेलने लगा. बॉस मस्त क्लिप्स थे,
रफ़ सेक्स था मानो बरसों की प्यासी औरत जब चुद्वाती हे तो कैसे फील करती हे,
सब दिखाया था मैं लैपटॉप में खो सा गया था पर कभी कभी होश आने पर चाची की और देख लिया करता था की वो क्या कर रही हे,
वो अभी भी पेशेंट चेक करने में बिजी थी. एक दो बार चाची ने मुझे उन्हें देखते हुए देखा और मैंने फिर आँखें फेर ली तो मुझे लगा की उन्हें कुछ डाउट हुआ पर वो अपने काम में बिजी हो गयी और में अपने काम मे.
मस्त मूवी चल रही थी,
में अपने आप को कण्ट्रोल नहीं कर पा रहा था मेरा एक हाथ मेरे लंड पे चला गया और हलके हलके लंड को मसलने लगा.
चाची का भी डर नहीं था क्यूँकि चाची के बारे में भी मेरे पास एक राज़ था फिर पता ही नहीं चला कब चाची मेरे पास आ कर खड़ी हो गयी,
वो ठीक मेरेसामने थी, पर अभी लैपटॉप की स्क्रीन मेरे सामने थी.
मैं एक दम से चाची को देखकर चौंका और झट से वीडियो बंद करने लगा की तभी चाची ने एक दम से लैपटॉप अपने पास ले लिया और देख लिया की में क्या देख रहा था अब डरणे की बारी थी,
चाची ने लैपटॉप में देख कर मेरे सामने देखा और मैंने चाची के सामणे, इससे पहले की वो कुछ कहति,
दरवाजे पर से एक आवाज़ आयी, वो पेशेंट की आवाज़ थी.
तभी में सोचु इतनी जल्दी चाची ने पेशेंट्स निपटा कैसे लिये,
अभी पेशेंट्स बाकि थे, वो अच्छे से जान चुकी थी की में पोर्न मूवी देख रहा हूँ तो सोच समझकर वो मुझे पकड़ने के लिए ही आई थी,
और पकड़ भी लिया.
हालाँकि अभी मुझसे चाची की कोई बात नहीं हुई पर मुझे हल्का सा डर लग रहा था चाहे में इस सिचुएशन को संभालना जानता था पर डर तो लगता ही हे.
मैं वहीँ पर बैठा रहा,
जब तक की चाची पेशेंट्स को निपटा न ले.
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02-27-2021, 12:52 PM,
#52
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अपडेट 56

आखरी पेशेंट भी निपट गया, और उसके जाने के बाद चाची अपनी सिट पे ही बैठी थी.
चाची के दोनों हाथ अदब बना के दोनों बॉब्स को और भी उभार दे रहे थे, में भी ठीक चाची के सामने बैठा था हालाँकि चाची से नजरें नहीं मिला रहा था पर चाची तो मानो जैसे बहुत ग़ुस्से में हो ऐसे मुझे घूरे जा रही थी.
तक़रीबन एक मिनट तक एकदम साइलेंस रहा,
क्लिनिक मे.
चाची मुझे देख रही थी और में अपने आप को बचा रहा था पर चाची को देखना भी चाहता था बॉस नीले ब्लाउज और वाइट साड़ी में चाची का क्रीमी बदन मस्त लग रहा था बाहर अँधेरा होने लगा था चाची ने फिर पहल की और अपनी चेयर से उठी और मेरे सामने आ के खड़ी हो गयी और फिर से किसी स्ट्रिक्ट टीचर के तरह अपने दोनों हाथ अदाब बना के बंद कर दिये.
बॉस वो ग़ुस्से में भी बड़ी क़यामत ढा रही थी, और डर में भी मेरा लंड खड़ा होये जा रहा था
“यह क्या था रेशू.?
साला सवाल भी ऐसा जिसका कोई जवाब नहीं था मेरे पास.
मैं बस मासूम बन के चाची को देखता रहा.
मेरे दिमाग में यह चल रहा था की अगर चाची पहले अपने मन से ढेर सारा बोलने लगे तो फिर बहुत जल्दी उनका बनावटी गुस्सा भी कम हो जायेगा और बाद में सिड्यूस भी किया जा सकता हे,
में बस चाची के सामने मासूम बना रहा.

“रेशु, तुम लिमिट्स भूल रहे हो, तुम्हे ऐसा काम करते शर्म कैसे नहीं आयी...हाँ मैंने कहा था की मुझसे शरमाने की कोई जरूरत नही, इसका मतलब ये नहीं की तुम भूल जाओ की में तुम्हारी चाची हू”.

“सोर्री..चाचि आगे से ऐसा नहीं होगा”

“व्हाट सॉरी,अगर किसी को पता चल जाता तो,यह पब्लिक प्लेस हे, तुम बड़े हो रहे हो इसका मतलब ये नहीं की तुम कुछ भी ओपन में करो, देखो रेशु, तुम अच्छे लड़के हो, बहुत इंटेलीजेंट हो, घर में सब को तुम पर प्राउड भी हे, पर तुम अपने बिहेवियर पे ध्यान दो, प्लीज ऐसा कोई काम मत करो जिससे पूरे घर को शर्मिंदा होना पडे”

मैने चाची के यह सब कहते ही अपना मुँह शर्म के मारे लटका लिया हो ऐसे निचे कर दिया और फिर से सॉरी कहा,
लेकिन अब चाची नरम पड़ती लग रही थी.
पहले तो उन्होंने डाँटा पर बाद में मेरी तारिफ़ भी की तुम बड़े इंटेलीजेंट हो सब को मुझ पे प्राउड हे.
मतलब वो अब ठीक और नार्मल थी. जैसे ही मैंने अपना मुँह निचे लटकाया की चाची ने अपने हाथ खोल दिए और मेरे पास आ के मेरे मुँह को ऊपर उठाया और मेरी और देखने लगी,
में जो की बेड पे बैठा था इसीलिए मेरा मुँह ठीक चाची के सीने के पास था इसीलिए मैंने भी तुरंत मूव करते हुए चाची की कमर को पकड़ा और सट से चाची जो की मुझसे थोड़ा दूरी पर थी,
तो चाची को मैंने अपने पास खीच लिया और अपना मुँह चाची के बॉब्स पर रख दिया.
चाचि के ठीक बॉब्स पर मेरा मुँह था चाची कुछ गलत समझे इससे पहले ही मैंने चाची के सीने से लगते ही एक बार फिर से सॉरी कहा और कहा.
”आई ऍम सॉरी चाची, फॉर हर्टिंग फ़ॉर यु, पर आगे से ऐसा कभी नहीं करूँगा”.
अब चाची की कोई टेंशन नहीं थी, चाची ने मेरे सर पे अपना हाथ रक्खा और सहलाने लगी.
चाची को यकीन आ गया की वो मुझे डराणे में क़ामयाब रही हे,
इसीलिए वो भी अब खुद फ्री हो के मेरे बालों को सहलाने लगी.
मैं भी चाची के बूब्स की गर्माहट एन्जॉय कर रहा था फिर मैंने अपना हाथ चाची के पीठ पे सहलाना शुरू किया और ब्लाउज के पास ले जाते ही पीछे से थोड़ा जोर भी लगाया,
बॉस चाची के बॉब्स मेरे गाल पे मस्त फील हो रहे थे. नो डाउट चाची भी मेरी इस हरकत को समझ रही थी पर वो भी एन्जॉय कर रही थी.
और ये चाची जो मेरे सर पे हल्का हल्का दबाव डाल रही थी,
उससे पता चल रहा था मैं भी हल्का चाची के निप्पल्स के पास एडजस्ट हो गया और मेरे हिलने से चाची भी हरकत में आ गयी और मुझसे छूटने लगी,
पर मैंने चाची से कहा चाची प्लीज बालों को सहलाओ ना बड़ा अच्छा लग रहा हे.
अब चाची के पास कोई बचाव नहीं था क्यूंकि जब बच्चा डाँट खाने के बाद जिद करे तो वो जिद पूरी होती ही हे,
इसीलिए अब तक में भी नरम बना रहा था और सॉरी सॉरी कहे जा रहा था चाची ने भी मुझे अभी अभी जोर का डांटा था और अब मेरी बारी थी डिमांड रखने कि, और चाची भी तो एन्जॉय कर रही थी, इसीलिए चाची ने भी हटने का ट्राय छोड़ दि और मेरे करीब आके मेरे बालों को सहलाने लगी, इधर में भी चाची के निप्पल के पास पहुँचने में क़ामयाब हो गया और मेरे होठ बिलकुल चाची के निप्पल के ऊपर थे.
मैं यह सोच में था की इसे मुँह में लू की नही.
पर मैंने अपने हाथों से चाची के ओपन कमर पे सहलाते सहलाते चाची की गांड पे ले जाने लगा और इधर चाची के बॉब्स पर भी दबाव बनाने लगा और थोड़ी देर तक अपने होठ को चाची की निप्पल से छुआ और चाची ने कुछ न कहते हुए मैंने चाची की निप्पल को फिर अपने मुँह में ले लिया पर में साइड से बैठा था इसीलिए ठीक से साइड से निप्पल मुँह में आ नहीं रही थी.
इस सिचुएशन में मज़ा तो आ रहा था इसीलिए ये सोच रहा था की कोई हरकत करून की नही.
लेकिन ऐसे काम बन नहीं रहा था तो मैंने अपना मुँह टर्न किया और साइड की बजाय सीधा हो के बैठ गया.
तो माय सरप्राइज चाची ने कहा
“ह्म्म्मम् ऐसे ठीक से बैठोगे तो, मुझे बाल सहलाने में और जूएं हो तो निकालने में आसानी होगी.. बॉस मेरी तो चांदी हो गयी,
और अपने आप पे थोड़ा सा गुस्सा भी आया की साला मेरे दिमाग में ये जुओं का आईडिया क्यों नहीं आया पर अब तो ये कन्फर्म था की चाची रेडी तो होगी पर नाटक कर सकती हे, लेकिन बाद में आईडिया भी देगी.
अब से चाची की हर एक हिंट को समझना पडेगा.
मैं अब ठीक से बैठ गया और बिना कोई देर किये मैंने अपने लिप्स अब ठीक चाची के निप्पल पे रख दीये इधर मेरे हाथ चाची की गांड तक पहुँचने लगे थे. मैंने हलके से चाची की गांड पे अपने हाथ रक्खे,
कोई जोर नहीं किया क्यूँकि एक बार अगर चाची हरकत में आ गयी तो पूरा सिन बिगड जायेगा, ऐसा सोच के मैंने बस अपने हाथ चाची के गांड पर आराम से रक्खे और इधर जो निप्पल मेरे मुँह में था उसे मैंने हलके से चूसना शुरू किया,
आआह्ह कितना मज़ा आ रहा था मैं चाची के निप्पल को चूस रहा था
मुझे अपने पे यकीन नहीं हो रहा था लेकिन मेरे से रहा नहीं गया और अपने हाथों से चाची को और पास लाने में मैंने चाची को अपनी और खिंचा
और इतने में चाची ने अपने आप को सम्हल लिया
और मुझे देखा तो मेरे मुँह में चाची का निप्पल था
और जैसे ही चाची के हाथ मेरे सर पे रुके तो मैंने भी चाची की और देखा
और अभी भी चाची का निप्पल मेरे मुँह में था टोटली शॉक्ड..
और चूसना भी बंद हो गया था
पर मुँह से वो जाता अच्छा नहीं लग रहा था और चाची भी दो सेकण्ड्स के लिए मुझे और बाद में मेरे मुँह में फसे अपने बूब्स को देखति रही,
लेकिन अपने आप को फिर से सम्हाला और झटके से मुझसे दूर हो गयी और अपने मुँह पे अपने दोनों हाथ रख दीये,
शॉक के मारे उनकी आँखें बड़ी हो गयी थी.
फिर चाची मेरे से नजरें न मिला सकी और वो घूम के अपने दोनों हाथ अपने टेबल पे रख के सर निचे कर के खड़ी हो गयी और शायद खुद पे गुस्सा हो रही थी.

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02-27-2021, 12:52 PM,
#53
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अपडेट 57

बॉस वो पीछे से भी बहुत सेक्सी लग रही थी. चाची का पल्लू उनके दोनों हाथ टेबल पे रहने की वजह से बार बार सरक रहा था चाची ने एक दो बार उसे सम्हल के फिर से अपने कंधे पे रख्ख, लेकिन फिर से वो पल्लू सरक गया, और उसे चाची उठाने लगी की मैंने चाची का पल्लू चाची से पहले पकड़ा और उसे फिर से चाची के कंधे पे रख दिया, और चाची के कंधे पे अपना हाथ थप थपाके थोड़ा सा कॉन्फिडेंस देणे का ट्राय किया, पर जैसे ही मैंने अपना हाथ चाची के कंधे पे रक्खा चाची ने ग़ुस्से से अपना कन्धा झटक दिया और अपने हाथ टेबल से हटा के सीधी खड़ी हो गयी.
“आई ऍम सॉरी चाची...
“सॉरी व्हाट सॉरी रेशु, आरे कोई अपनी चाची के साथ ऐसा करता हे क्या.? तुम्हे बिलकुल शर्म नहीं आयी..कसम से इतना गुस्सा आ रहा हे...ओह गोड़, रेशु तुम यहाँ से चले जाओ, वर्ना मेरा हाथ उठ जायेगा”.
“लेकिन चाची..वो”
“प्लीज जाओ,रेशु, मुझे तुमसे कोई बात नहीं करनि”
चाची सुनने को तैयार नहीं थी.
फिर मैंने चाची को अकेले छोड़ दिया और बाहर निकल आया और बाहर ही खड़ा रहा. चाची को सच में लगा की में निकल गया हू, तो वो कुछ सोचने लगी. चाची सच में कुछ सोच रही थी.
वो फिर अपनी चेयर पर बैठी और फिर से सोचने लगी, शायद मेरे मुँह में उनका बूब्स, यह सिन उनके माइंड से नहीं जा रहा था लेकिन अब वो शांत लग रही थी.
फिर वो अपनी साड़ी ठीक करने लगी, और साडी ठीक करते करते उनके हाथ रुक गए और चाची ने अपना राईट हैंड अपने लेफ्ट बूब्स पे अपनी निप्पल पे रखें जहाँ मेरे मुँह से गीला हुआ था इधर बाहर से मैंने अपनों मोबाइल से चाची को एक एसएमएस भेजा.
चाची का मोबाइल बजा और चाची ने मोबाइल उठाया और पूरा मेसेज पढा, और फिर से टेंशन में आ गयी और फिर ये सोच के की में बहुत दूर नहीं गया हूंगा, मुझे कॉल किया और मैंने कॉल काट दिया.
फिर से कॉल आया तो फिर से काटा और थोड़ी देर में चाची के दरवाजे पे नॉक किया और चाची ने पूछ
“कौंन...?
“मैं हूँ चाची...
ओर में अंदर दाखिल हुआ, बॉस अब सारी गेम मेरे हाथ में थी, चाची भी अब सुनने को तैयार थी और मुझे बस अब अग्रेशन के साथ बस बोलना था
“सॉरी चाची..ऐसा एसएमएस भेजने के लिये, पर क्या करता भेजना जरूरी था मैं थोड़ा सा डर गया था की कहीं आप मम्मी को ये सब बता न दे इसीलिए ये एसएमएस भेज दिया..आई एम सॉरी”
मैं बोलते बोलते वापस उसी बेड पे अपनी जगह पे जा के बैठ गया.
चाची मेरी बात सुनती रही और फिर उठ के मेरे पास आई और वो भी मेरे पास बैठ गयी और कहा.
”रेशु.. चिंता मत करो, में किसी से नहीं कहूँगी, पर जो तुमने किया हे वो बड़ा गलत किया हे”.
“चाची सच सच बताना, क्या आपको भी मज़ा आ रहा था है ना.?
मैने चाची से सीधे सवाल पूछ लिया और चाची तो शॉक के मारे मेरे सामने देखने लगी और जैसे ही चाची ने मेरी और देखा मैंने चाची को मस्त स्माइल दी.चाचि कुछ बोली नहीं थोड़ी देर खामोश रही.
“रेशु..अब तुमसे कुछ बातें क्लियर हो गयी हे तो एक और बात बताना चाहती हूँ की, ये सब मैंने लैपटॉप में इसीलिए रक्खा क्यूँकि तुम्हारे चाचा” ... चाची अब आगे बोल नहीं पा रही थी तो मैंने कह दिया की
“चाचा अब आप को स्याटिसफाय नहीं कर पाते, सही कहा ना चाची”? मैंने चाची के अलफ़ाज़ को पूरा कर दिया और चाची फिर से शॉक के मारे मेरी और देखने लगी और मेंने फिर से चाची की और देख के स्माइल दि, लेकिन चाची अभी भी शॉक में थी और मेरे मुँह से सुन्ने के बाद उनका मुँह खुला रह गया और दोनों हाथ भी फिर से मुँह पे चले गये, लेकिन बात को समझते हुए चाची ने एक गहरी सांस ली और कहा की “हाँ रेशु तुम ठीक कह रहे हो”. फिर से उन्होंने एक गहरी सांस ली और मैंने फिर से चाची के कंधे पे अपना हाथ रक्खा और थपथपाके चाची को थोड़ा कॉन्फिडेंस दिया. एक मिनट तक क्लिनिक में साइलेंस रहा फिर चाची ने कहा.
”रेशु..ऐसा लग रहा हे की कुछ लिमिट से बाहर हो रहा हे, चलो यहाँ से चलते हे”.
और ऐसा कह के वो उतर गयी और में बैठा रहा.
चाची ने टेबल पे से अपना बैग उठाया, में अभी तक वही पर बैठा था और चाची को देख रहा था चाची ने मेरी और देखा और फिर मेरी पास आई और मेरे गाल को छुआ और मेरे गाल पे एक किस दिया और कहा
“सोर्री..रेशु, तुम्हे डाँटने के लिए और थैंक्स की तुम किसी से कुछ नहीं कहोगे, जो तुमने किया वो भी और जो मैंने किया वो भी”.. मैं भी हाँ में सर हिला के बेड से उतरा और हम घर की और चलपडे कलिनीक से निकले पर रस्ते में बूँदाबाँदी चल रही थी, और हम भीग रहे थे, २ किमी का रस्ता बहुत लम्बा तो नहीं पर इतना छोटा भी नहीं और गाँव में तो अँधेरा होने से कोई बाहर निकलता भी नही, सच में गाँव का कोई दिख नहीं रहा था और में चाहता था की कोई आये भी ना, हम ने अभी चलना ही शूरु किया था की बारिश थोड़ी तेज़ होने लगी, में और चाची रास्ते से हट के साइड के पेड़ के निचे खड़े रह गये, लेकिन फिर भी भीग तो रहे थे.
“रेशु, चलो चलते हे, यहाँ रुक्ने का कोई फ़ायदा नहीं हे वैसे भी हम भीग रहे हे और भी भीग जाएंगे”.. हम चल्ने लगे में अभी भी कुछ बोल नहीं रहा था
“और हान, तुम चाहो तो बात कर सकते हो, कोई नहीं डाँटेगा और वैसे भी चुप अच्छे नहीं लगते तुम”.. चाची ने कहा और मैंने उनके सामने देखा, इस बार वो स्माइल दे रही थी में भी हंस पड़ा और चाची के साथ चल्ने लगा.
बारिष में चाची का भीगा बदन मस्त लग रहा था वाइट साड़ी तो चाची की बेल्ली को ढाक्ने में पूरी नाकाम हो चुकी थी और पीछे से भी चाची की पेन्टी से साड़ी चिपक रही थी और मेरा हाल ख़राब हो रहा था चाची थोड़ा आगे चल रही थी, में सोच रहा था की काश चाची ने ब्लाउज भी वाइट पहना होता तो, और चाची ने मूड के पीछे देखा और मुझे उनके भीगे बदन को देखते पकड़ लिया. लेकिन कुछ कहा नही, बस स्माइल दी और में चाची के साथ साथ चल्ने लगा. मेरे दिमाग में एक प्लान आया.

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02-27-2021, 12:57 PM,
#54
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मेरे दिमाग में एक प्लान आया.
“चाची एक बात कहूं..?
“बोलो..में कबसे तुम्हारे बोलने का इंतज़ार कर रही हूँ और तुम हो की बड़ा शरमाते हो”..
“एक्चुअली चाची, बात नहीं कुछ कन्फेशन करना चाहता हू”.
“गो ऑन”.
“वो क्या हे..ना.चाची, कल मंदिर में.मैं.
“ठीक ठीक कहो..कितना झिझक रहे हो” मैंने तुमसे सारी बात कह दी तो तुम क्यों रुक रहे हो? कहा ना की नहीं डाटूंगी”.. चाची ने मुझे रिलैक्स करना चाहा.
“चाची, कल मंदिर में, मैंने वो जानबूझ के किया था”.
मैंने फ़टाफ़ट कह दिया.
चाची भी समझ गयी की में किस बारे में बात कर रहा था लेकिन चाची ने अन्जान बनते हुए सर ऊपर हिला के पुछा क्या..तो मैंने भी इशारे से चाची के बट की और देखा और कहा
“सोर्री..चाचि पर कल मंदिर में मैंने आपकी गांड पे जान बूझ के हाथ फिराया था”.
अब जा के में खुल के बोल पाया.
लेकिन में इस बार चाची की और नहीं देख पाया. लेकिन इतने में चाची ने कहा
“पता हे, जो कुछ भी तुमने कल किया वो सब पता हे, और हाँ सिर्फ हाथ फिराया नहीं था जोर से दबाया भी था” .
चाची ने थोड़ा और भी एक्सप्लेन किया.
“हा, लेकिन वो तो आपने कहा था की दबाओ इसीलिए”.
“तो मैंने अभी तो नहीं कहा था किसी चीज़ को मुँह में लेने के लिये, फिर क्यों किया...?
अभी इस बात का मेरे पास कोई जवाब नहीं था लेकिन तभी दिमाग में एक स्पार्क हुआ और मैंने रिप्लाई किया
“एक मिनट..एक मिनट, मतलब की मतलब की आपको पता था की में क्या कर रहा हू”..
“हा..पता था और अभी अभी तुम मेरे बट को देख रहे थे वो भी पता हे”..
चाची सच में कुछ ज्यादा ही खुल रही थी.
“ओह गोड़, चाची यु आर आमेंजिंग,सच में आपसे बच के रेहना पडेगा.
बहोत शतिर हे आप. लेकिन एक बात कहूँ.?
“अब ये भी कोई पूछनेवाली बात हे.? कहो जो कहना हे”.
“चाची सच में बहुत बढ़िया बट हे आपके. कसम से जब जब देखता हूँ न तब टब सेहलाने को मन करता हे..
मैंने थोड़े स्मार्ट तरीके से अपनी मन की बात रख दी.
“रेशु, मन तो किसी का कुछ भी करने को करता हे, पर इसका ये मतलब तो नहीं की वो उसे करे ही करे..समझ रहे हो की नही”..
“समझ रहा हूँ चाची, मन तो आपका भी करता होगा पर पता नहीं आप अपने आप को कण्ट्रोल क्यों कर लेती हे”..
इतने में गाँव के कुछ लोग दिखे और हम आगे पीछे हो के चलने लगे, चाची शायद मेरी बात का जवाब देना चाहती थी इसीलिए वो मूड मूड के देख रही थी पर अब गाँव आ गया था और घर भी. घर में पहुंचते ही चाची घर में चेंज करने चलि गयी.
मैंने भी चेंज कर लिया, पर सिर्फ शॉर्ट्स पहना था मैने, अंडरवेअर भी निकाल दिया और सिर्फ शॉर्ट्स पहन के बाहर आया तो चाची चेंज कर चुकी थी.
मैं सामने सोफ़े पे आकर बैठा और चाची भी मेरे पास. हम दोनों में से कोई बोल नहीं रहा था पर चाची को देख के लग रहा था की चाची कुछ कहना चाहती हे, तो मैंने चाची की और देखा और चाची ने भी मेरी और.
“रेशु..हम दोनों के बीच कुछ बातें ऐसे हो गयी हे की जो शायद ठीक नही, तो अब तक जो हुआ वो हुआ पर आगे से तुम मुझे ले के कुछ गलत ईरादे मन में मत पालना.
और तुम भी जो अभी किया वो आगे से मत करना, यही ठीक हे”..
येह जो गैप हो गया हमारे बीच बात चित का उसका नतीजा था उस टाइम में चाची को सोचने का मौका मिल गया.
लेकिन मैंने भी ब्लंट बनते हुए चाची से कह दिया
“नहीं होगा, चाची मेरे से नहीं हो पायेगा.
आप इतनी पसंद हे मुझे की आप को देखते ही बस आपको बाँहों में भरने का दिल करता हे, कसम से चाची सब आपके ऊपर हे.
लेकिन में अपने से बनता हर ट्राय करूंगा, और एक बात का यकीन दिलाता हूँ की आपको मेरा हर ट्राय पसंद आयेगा”..
और इतना बोलके में उठ के अपने रूम में चला गया और चाची बस मुझे देखति रही, मुझे पता था की अगर में यह लाइन्स बोल के वहीँ पर बैठा रहा तो फिर चाची डिफेन्स के मूड में आ जायेगी और फिर समाज, घर, रिश्तों की बातें करने लगेगी, और ऐसा चाची को बोलने देना ठीक नहीं था मैं अपने रूम में आ के सारे इंसिडेंट के बारे में सोचने लगा, जो भी चाची ने कहा था अब यह पता था की चाची थोड़ा सा रोकने की कोशिश करेंगी पर शायद काम बन भी सकता हे.
फिर एक घंटे तक चाची ने मुझे और मैंने चाची को डिस्टर्ब नहीं किया, वो किचन में काम कर रही थी.
थोडे ही टाइम में चाचा आये और में भी अपने रूम से बाहर आया और चाचा से बात करने लगा.
इतने में चाचा ने इन्नोसेंट्ली पूछ लिया
“रेशु..मज़ा तो आ रहा हैं ना, की गाँव में आ के बोर हो रहे हो”..?

“एक्चुअली चाचा, परसो पहले पहले बोरिंग लग रहा था पर बाद में चाची के साथ अच्छा लगता हे, लेकिन अब आगे देखते हे”.. मैंने सारी बात चाची के सामने देखते हुए कहा और चाची को शरम आ रही थी पर अंदर से शायद वो प्राउड भी फील कर रही होंगी.
इतने में चाचा ने फिर से इन्नोसेंट्ली कहा
“भाई तुम्हारी चाची का ऐसा ही हे,

वो सबका ख्याल रखती हे, और तुम तो भाई अपनी चाची के फेवरेट हो तुम्हारा तो ख्याल बड़े अच्छे से रख रही होगी”.. चाचा ने बोलते बोलते चाची के सामने देखा और चाची को न चाहते हुये बोलना पड़ा लेकिन उन्होंने बात को घुमा दिया और कहा
“अच्छा जी चलिये अब खाना निपटा लेते हे, आप थक गए होंगे.. और चाची ने थोडे घुस्से भरी नजऱों से मुझे देखा और मैंने स्माइल के साथ चाची के ग़ुस्से का वेलकाम किया.
“चाची मुझे खाने का मूड नहीं हे.मुझे नींद आ रही हे, में अपने कमरे में जा रहा हू”..
“लेकिन क्यों रेशु”...
चाची ने तुरंत झट से पूछा.
चाची की आवाज़ में मेरे लिए केयर साफ़ हो रही थी.
हालाँकि चाचा भी पूछ सकते थे, लेकिन चाचा से पहले चाची ने पूछ लिया.
“नही..कुछ नहीं चाची बस खाने का मूड नहीं हे.
और में बस बिना पीछे देखे अपने रूम में चला गया.
लेकिन मेरे जाते ही चाचा ने कहा
“उसका शायद मूड आउट लग रहा हे, शायद अकेले बार हो गया हे. तुम प्लीज रेशु का जरा ख्याल रक्खो और उसे जो पसंद हो वो करो”. .
मै अपने रूम में आ के बैठा और मन में एकदम शुअर था की चाची खाना खाते खाते भी मेरे बारे में सोच रही होंगी.
मेरे न खाना खाने से अब वो पूरी रात मेरे बारे में सोचती रहेगी और उससे चाची के मन में मेरे लिए सिम्पथी हो जायेगी और बाद में मेरा काम आसान हो जायेगा.
फिर मैंने अपना लैपटॉप निकाला और नेट पे कुछ काम करने लगा, मेल्स चेक करना, फेसबुक अपडेट करना और इतने में चाची मेरे रूम में आयी,
और मुझे लैपटॉप में मस्त देखा और जैसे की मैंने पहले बताया था की मेरा रूम मतलब रूम नहीं था कोई भी कभी भी आ सकता था और पता नहीं कब चाची मेरे रूम में आ गयी और मुझे लैपटॉप में मस्त देख के सोचा की में शायद पोर्न मूवी देख रहा हूँ तो वो दरवाजे से चोर की तरह आई और शाम की तरह फिर से फट से मेरे हाथ से लैपटॉप छीन लिया और लैपटॉप देखने लगी.

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02-27-2021, 12:57 PM,
#55
RE: XXX Sex Stories डॉक्टर का फूल पारीवारिक धमाका
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अब मेरे लिए ये अनएक्सपेक्टेड था क्यूँकि में सोच रहा था की चाची सारी रात मेरे बारे में सोचेगी और सुबह चाचा के जाने के बाद खुल के बात होगी पर चाची को मेरी केयर कुछ ज्यादा ही थी. वो मेरे लैपटॉप को चेक करने लगी, लेकिन में नेट पे पोर्न देख ही नहीं रहा था मतलब चाची को कुछ नहीं मिला और फिर चाची ने मेरी और देखा और कहा
“सोर्री..रेशु, मुझे लगा की ...
“नहीं चाची में कोई पोर्न नहीं देख रहा था बस थोड़ा सा काम कर रहा था”
“सोर्री..रेशु, प्लीज मुझे सच में लगा कि तूम कुछ गलत कर रहे होंगे इसीलिए में चेक.
“गलत.? चाची अगर में पोर्न देख भी रहा हूँ तो उसमे कुछ गलत तो नहीं हे ना, आई ऍम एडल्ट नाव, तो में कम से काम देख तो सकता ही हूँ”.
अब चाची ने लैपटॉप साइड में टेबल पे रक्खा और में पैर फैला के बैठा था तो चाची भी मेरे पास में आ के बैठ गयी और मुझे गाल पे एक किस किया और मैंने भी मौका देखते हुए चाची के करीब होते हुए चाची के सीने पर सर रख दिया, आह..पहले से भी अच्छा लग रहा था क्यूँकि शायद चाची ने चेंज करने के बाद ब्रा नहीं पहनी थी.
चाची भी मुझे कंसोल करने लगी और मेरे बालों को सेहलाने लगी.
“अच्छा रेशु, तुमने खाना क्यों नहीं खाया.?
मैं इतना तो बुरा नहीं बनाती ना”.
“नहीं चाची ऐसी कोई बात नहीं हे. आपको मेरी बात से गुस्सा आ गया था तो मुझे भी अपने आप पे गुस्सा आ गया था”.
“मतलब...?
“मतलब मैंने चाचा से डबल मीनिंग बात की तो आपने ग़ुस्से से मेरी और देखा था तो, इसीलिए मुझे अपने पे भी गुस्सा आ गया था”.
मै बात करते करते चाची के और भी करीब हो गया और अब मुझे चाची की क्लीवेज दिखाई दे रही थी.
लेकिन अब चाची का बूब्स मुँह में लेने की हिम्मत नहीं थी.
“अरे रेशु, वो गुस्सा नहीं था बस इशारा था की तुम्हारे चाचा के सामने ऐसे डबल टोन में बात मत करो”..
“चाची क्या आपको सच में लगा की में पोर्न मूवी देख रहा था.?
मैंने टॉपिक चेंज करने के लिए बात घुमायी क्यूँकि खाने की बात कर कर के में पकने लगा था
“हाँ मुझे लगा था”.
मैने फिर एक दम से उठते हुए चाची के सामने बैठ गया और कहा
“चाची क्यों न हम एक काम करे, चाची ने पूछा क्या तो मैंने कहा की चलिये हम साथ मिल के पोर्न मूवी देखते हे”.
“नहीं रेशु, अभी मुझे जाना हे...
“प्लीज चाची मज़ा आयेगा,.
“नहीं रेशु, तुम्हारे चाचा मेरी वेट कर रहे होंगे”...
“अरे चाचा तो कब के सो गए होंगे, चलिये न चाची एक बार देखते हे, सच में बड़ा मज़ा आयेगा”..
मै इतनी तेज़ी से चाची के हर बात पे रिक्वेस्ट कर रहा था की चाची उठने लगी और मैंने चाची से फिर से एक बार प्लीज कहा तो चाची के मुँह से बाहर जाते जाते निकल गया की
“अभी नहीं बाद में देखेंगे”.
बास में यही चाहता था लग तो मुझे भी नही रहा था की चाची अभी लेट नाईट को मेरे साथ ब्लू फिल्म देखेंगी पर मैंने सोचा की ट्राय करने में क्या जाता हे और चाची जाते जाते एन्ड में एक टॉपिक निकाल के गयी, कल के लिए और में इसी के बारे में सोचने लगा.
पूरी रात मैंने चाची के बारे में सोचते हुए तीन बार मूठ मारि, और सच में चाची के बारे में सोचने से ही मज़ा आ रहा था कल के बारे में सोच रहा था की अगर चाची के साथ सच में ब्लू फिल्म देखने का प्लान हो जाये तो सच में थोड़ा सा एडवांस हो के चाची को सिड्यूस किया जा सकता हे.
लेकिन ये भी लगता था की कहीं इतना खूल जाने की वजह से कहीं चाची अपने आप को संभाल न ले.
ऐसे सोचते सोचते कब आँख लग गयी पता ही न चला और दुसरे दिन सुबह उठा तब चाचा और चाची कहीं जा रहे थे, में उठ के हॉल में आया तो चाचा ने कहा की रेशु आज शुकरवार हे तो हम जरा माताजी के दर्शन के लिए जा रहे हे मैंने तुम्हारे बारे में चाची से पूछा तो वो बोली की रेशु नहीं आयेगा, उसे मंदिर जाना नहीं अच्छा लगता.
मैने एक दम शॉक से चाची की और देखा तो चाची ने झूठ बोलने की वजह से अपना सर शर्म से निचे झुका लिया और मेरे दिमाग में क्लियर हो गया की चाची मुझे अपने साथ नहीं ले जाना चाहती, तो मैंने भी चाची को घूरते हुए चाचा से कहा
हाँ चाचा, चाची बिलकुल सही कह रही हे, मुझे मंदिर जाना अच्छा नहीं लगता..
मैने सेंटेंस बोलते वक़्त चाची के सामने देखा और चाची थोड़ा टेंशन और उनकंफर्टबलनेस्स के मारे अपनी चॉकलेट साड़ी को अपनी नैवेल के पास अपनी ऊंगलियों से मसल रही मेरी और देख रही थी.
मेरे चाची को देख के बोलने से एक बात तो उनके मन में साफ़ हो गयी थी की में उनके साथ ही रहना चाहता हू. फिर वो दोनों निकल गये, में बाहर कार तक छोड़ने गया और जैसे चाचा ने कार ड्राइव की तो चाची ने पलट के मेरी और देख, मुझे पता था की चाची सच में पलट के देखेंगी तो मै, जैसे ही चाची ने पलट के देखा तो में थोड़ा सा निराश होते हुए घर के अंदर चला गया.

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02-27-2021, 12:57 PM,
#56
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अपडेट 60

चाचा और चाची के जाने के बाद मैं घर मे अकेला हो गया कुछ काम तो था नही लैपटॉप खोलकर मेल्स चेक करने लगा इतने मे मेरा मोबाइल बजने लगा देखा तो अननोन नंबर था मैंने मोबाइल उठाकर हैलो कहा तो वह मेरी स्कूल की फ्रैंड पायल थी उसने कहा “भोसडीके कहा है आजकल कुछ फोन नही मेसेज नही” मैने कहा “साली रंडी गांव आया हु कुछ दिनों के लिये” वह बोली “साले वहा क्या अपनी मरवाने गया है” दोस्तो आप सोच रहे होंगे यह हम गाली देकर क्यों बाते कर रहे है तो दोस्तो स्कूल में हम तीन दोस्त थे मैं पायल और टीना तीनो हमेशा गाली गलौच से बाते करते थे, टीना की वजहसे, टीना हमेशा गाली देकर ही बात करती थी. पायल बोली “साले कुत्ते टीना का फोन आया था वह तुझे बहुत याद कर रही थी” मैंने कहा “वह रंडी पुणे में अपनी मरवा रही है अब कभी कभी फोन करती है तू अब कहा है रंडी” पायल बोली “भोसडीके मैं राजकोट में मामा के यहा आई हूं साले तेरी बहुत याद आती है तो उंगली करती रहती हूं, चल साले रख सूरत आने के बाद तुझे मिलूंगी” मैंने कहा “अरे यार मैं अब अहमदाबाद में रहता हूं चाचा के साथ छुट्टियों में सूरत आऊंगा तब मिलेंगे ठीक है ओके बाय” फिर मैंने फोन काट दिया
लेकिन मुझे अपनी 11वीं क्लास की टीना नहीं भूलती है, जिसके साथ मैंने पहली बार इस खेल को खेला, मजे की बात तो ये है कि दोनों गाली खूब बक लेते थे, चुदाई के बारे में (जब वो मुझसे खुल गई तब की बात है) बातें भी खूब बढ़ा चढ़ा कर कर लिया करते थे, लेकिन जब सच से सामना हुआ तो हम दोनों ही मुख चोद (मुंह से बोलने वाले) ही निकले.

फ़्लैश बैक:-पायल और टीना

हमारे घर के पास में ऐसा कोई अच्छा स्कूल नहीं था जहाँ मैं अपनी आगे की पढ़ाई को जारी रख पाता, इसलिये मुझे शहर आना पड़ा और शहर के एक अच्छे स्कूल में एडमिशन लेना पड़ा.मेरे पापा ने स्कूल के पास ही एक होस्टल में रहने का इंतजाम कर दिया.
मेरा पहला दिन तो ऐसे ही गुजर गया. एक लड़का मेरे साथ बैठा और उस दिन का स्कूल खत्म होते-होते वो मेरा दोस्त बन गया. उस स्कूल की पहले से पढ़ने वाली टीना पर मेरी नजर पहले ही दिन गई तो मेरे अन्दर उसके प्रति एक अजीब सी कशिश सी होने लगी.वो सांवली सलोनी थी, बहोत खूबसूरत थी बिल्कुल फिल्मी एक्टर नंदिता दास की तरह दिखती थी बड़े-बड़े आँख वाली थी और उसकी आंखों पर चश्मा भी चढ़ा हुआ था जो काफी स्टाईलिश था.इतेफाक से वो मेरी आगे वाली सीट पर बैठ गई, उसके जिस्म से सेन्ट की खूशबू भी आ रही थी, मैं उसके बारे में लंच तक सोचता ही रहा, पढ़ने में मन नहीं लग रहा था, लेकिन टीना ने एक बार भी मेरी तरफ नहीं देखा.
लंच में मैंने अपने उसी दोस्त, जिसका नाम जिग्नेश था, उससे पूछा, तो वो बोला- पढ़ने में अच्छी है, हेल्प भी करती है लेकिन किसी ने उसको छेड़ा तो हरामी, कुत्ता और न जाने पूरी क्लास के सामने क्या-क्या बोल देती है, इसलिये लड़के उससे दूर की दोस्ती ही करते हैं.
जैसे-तैसे मेरा वो दिन बीता.
दूसरे दिन सुबह जब हम लोग स्कूल पहुंचे तो मेरी क्लास में टीना, पायल और मैं तीन ही लोग थे, हम लोग सुबह जल्दी स्कूल आ गये थे.मैंने टीना को देखा तो उसके पास हाथ बढ़ाते हुए बोला- हाय मैं ऋषभ हूँ!तुरन्त ही मुझको झिड़कते हुए बोली- तो आरती उतारू हिसाब में ही रहो, ज्यादा स्मार्ट बनने की कोशिश मत करो.
मुझे यह बात चुभ गई, तभी पायल अपना हाथ बढ़ाते हुए अपना परिचय दिया और टीना को हल्का झिड़कते हुए बोली- इन्ट्रोड्क्शन ही तो दे रहा था, क्यों बिगड़ती हो, नया है.मैंने भी उसे चिढ़ाते हुए पायल से बोला- क्यों पायल जी, इनकी मम्मी इनको रोज स्कूल डाँट कर ही भेजती है क्या, जो ये इस तरह से बात करती है.इससे पहले टीना कुछ कहती, क्लास के दूसरे और बच्चे आ गये. वो भुनभुनाती रही, लेकिन कुछ बोल नहीं पाई.
लंच तक तो वक्त
निकल गया, लेकिन लंच के बाद एक हादसा हो गया, टीना उठी और मुझे कस कर एक चांटा रसीद कर दिया, मेरा हाथ मेरी गाल पर था, मुझे समझ में नहीं आया कि उसने मेरे साथ ऐसा क्यों किया.बॉयो की क्लास चल रही थी, सर तुरन्त पलट कर मेरी तरफ देखने लगे, मुझसे मेरा नाम प्रीवियस स्कूल के बारे में पूछा और फिर टीना से मुझे मारने का कारण पूछने लगे, तो टीना बोली कि सर ये लड़का मेरे पीछे टच कर रहा है.अब मेरी हवा तो सरक गई, टीचर मेरे पास आये और एक तमाचा और रसीद कर दिया, मैं लाख कहता रह गया लेकिन किसी ने भी मेरी बात नहीं सुनी, स्कूल के दूसरे दिन ही मेरी अच्छी बेईज्जती हो गई थी, मेरी आँखों से आँसू निकलने लगे.

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02-27-2021, 12:58 PM,
#57
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अपडेट 61

हाँ जब स्कूल ओवर होने लगा तो जिग्नेश ने सबको हकीकत बता दी, सभी बच्चे चले गये, सबसे पीछे में निकला, मैंने एक बार फिर क्लास में नजर दौड़ाई तो पाया की पायल ने टीना का हाथ पकड़ कर रोक रखा था, मैं तुरन्त ही दरवाजे के पास चिपक कर खड़ा हो गया ताकि दोनों की बात सुन सकूँ.
पायल की आवाज मेरे कान में पड़ी वो टीना को बोल रही थी कि उसने मेरे साथ ऐसा क्यों किया,
तो बोली- सुबह जो उसने बोला, उसका सबक सिखाना था.तभी पायल बोली- देख नया लड़का है, उसके बारे में तू ठीक से जानती नहीं है, कहीं ऐसा न हो कि लेने के देने पड़ जाये?‘उसकी मां की चूत!’ टीना की आवाज आई.
तभी पायल बोली- अपने ऊपर संयम रख, कही ऐसा न हो कि कोई तेरे से बदला निकालने के चक्कर में तेरे साथ मजा न ले ले.
"किसी भोसड़ी वाले में हिम्मत नहीं है कि मेरी चूत को हाथ लगा सके, लंड न काट लूंगी उसका!’
मुझे उसकी बात से लगा, बहुत ही बिगड़ैल लड़की है.
तभी पायल बोली- लंड तो बाद में काटेगी, चूत तेरी पहले चुदेगी.
तभी टीना बोली- ठीक है ठीक है, चल अब घर चलना है.
वो दोनों निकलने लगी, मैं दरवाजे का ओट लेते हुए क्लास के अन्दर चला गया, टीना बाहर निकलते हुए पायल से बोली- कल जो वीडियो तूने भेजा था, बहुत ही मजेदार था.
मैं समझ नहीं पाया कि किस वीडियो की बात कर रही हैं.
खैर बाद में मामला रफा दफा हो गया.
मेरी पढ़ाई और क्लास में विहेवियर देखकर टीचर मुझसे इम्प्रेस रहने लगे. अगर किसी को कोई प्रॉबल्म होती तो मेरे पास आता, लगभग क्लास के सभी बच्चे मेरे से डिस्कस करते थे, नहीं करती थी तो वो टीना थी.
खैर उस दिन से मैं टीना पर नजर रखने लगा, जैसे ही वो बाहर जाती तो मैं भी उसके पीछे चल देता, लेकिन वो गर्लज टॉयलेट में चली जाती और फिर कुछ देर में लौट आती.
अभी तक उसके खिलाफ मेरे पास कुछ नहीं था.
पाँच-छः दिन ही हुए थे मुझे उस स्कूल में ज्वाईन किये हुए, इसलिये उसकी किसी ख़ास जगह के बारे में नहीं समझ पा रहा था.
पर आज का दिन मेरे लिये लकी साबित हुआ.
हुआं यूं कि जब स्कूल छूटने वाला था और सभी बच्चे क्लास से निकल रहे थे, मैं भी निकल ही गया था क्लास से, तभी मेरी नजर पायल पर पड़ी जो बाकी सभी बच्चों की तरह घर जाने के लिये चल दी, लेकिन टीना ने उसका हाथ पकड़ लिया और सभी का बाहर जाने का इंतजार करने लगे.
ये दोनों क्लास में क्यूं रूकी, इसकी वजह जानने के लिये जल्दी से दूसरे क्लास में जाकर छुप गया और जब बच्चे चले गये तो वो दोनों निकलकर जल्दी से बाथरूम की तरफ भागती हुई चली गई.
चूंकि इस समय सभी बच्चे एंव टीचर बिल्डिंग से बाहर जा चुके थे, इसलिये मुझे भी डर नहीं था, मैं भी सीधा उनके पीछे उनकी नजर को बचाकर दरवाजे के पास पहुंचा तो टीना की आवाज आ रही थी, वो पायल से सलवार और पैन्टी उतारने के लिये बोल रही थी.
पायल बोली- नहीं टीना, आज मेरा मन नहीं है, तू शाम को घर आ जाना तो वहीं मस्ती करेंगे!‘
मैं शाम को घर भी आऊँगी, बस अपनी मुनिया का रस दो मिनट चखा दो.’
‘ओह, तो ये बात है, दोनों लड़कियाँ ही आपस में मस्ती करती है और टीना मादरचोद अच्छी बनने के लिये दूसरों को बुरा बना देती है!’
तभी पायल बोली- ले बाबा, पर जल्दी कर ले कोई आ नहीं जाये?
‘कोई नहीं आयेगा!’
ठीक इसी समय मैं धड़ाक से अन्दर घुस गया, पायल की सलवार और पैन्टी उसके पैरों में फंसी हुई जमीन में पड़ी थी और वो अपनी कुर्ती को हाथ से पकड़ कर ऊपर उठाई हुई थी, जबकि टीना उसकी चूत में अपनी जीभ लगा चुकी थी और उसके मुख से उम्म्ह… अहह… हय… याह… निकल गया.मेरे सामने दो स्कूल गर्ल सेक्स कर रही थी लेकिन मैं इस समय बड़े गुस्से में था, तुरन्त ही
टीना को बोला- क्यों री मादरचोद, ऐसे तो बड़ी शरीफ बनती है और यहाँ पर पायल की चूत को चाट रही है, बहन की लौड़ी देख अब कल से रोज तेरी गांड में उंगली न की तो कहना!
और ये बात मैं सभी को बता दूंगा.
दोनों के हाथ पैर काँपने लगे.पायल रूँआसी सी होकर बोली- रेशू प्लीज किसी को मत बताना!‘क्यों नहीं बताऊँगा, तुम लोगों ने मुझे छोड़ा था, पूरे स्कूल में बेइज्जत किया था.
अब मेरी बारी है!’‘लेकिन मैंने तो नहीं बताया.’
तभी टीना भी हाथ जोड़ते हुए बोली- रेशु जाने दे यार, नहीं तो कोई आ जायेगा.‘चल मादरचोद तेरे को जाने दूं, रंडी साली, आने दो सभी को पता तो चले कि तू साली चीज क्या है.’
अब दोनों लगभग रो चुकी थी.
उनको रोती देखकर और वास्तव में कोई आ गया तो लड़का होने के कारण पहले मैं ही बलि का बकरा बनता, इन बातों को सोचकर मैं बोला- ठीक है, जाने देता हूँ, अपने पैन्ट की जिप खोलकर अपने लंड को बाहर निकाल कर बोला- थोड़ा इसे प्यार कर लो और जाओ.
टीना फिर बोली- अभी जाने दो!‘नहीं ऐसे नहीं, अपने लंड के खाल को पीछे करते हुए कहा- चलो दोनों मेरे इस लाल वाले भाग को चूमो और चलती बनो.
दोनों मरती क्या न करती, दोनों ने बारी-बारी से मेरेलंड पर चूमा और जाने लगी.
मैंने पीछे से आवाज लगाई- रूको, एक बात और कहनी है तुम दोनों से!दोनों क्लास के पास पहुंचते ही ठिठक कर रूक गई.‘अपना फोन नम्बर दो, मुझे शाम को कुछ बात करनी है.’
पहले तो दोनों ने आनाकानी की लेकिन हल्की सी घुड़की से दोनों ने एक दूसरे को देखा और फिर चलते-चलते फोन नम्बर दे दिया.
फोन नम्बर लेते हुए हिदायत देते हुए कहा- फोन जरूर उठा लेना.
हम लोग बात करते हुए गेट तक पहुंच गये थे.

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02-27-2021, 12:58 PM,
#58
RE: XXX Sex Stories डॉक्टर का फूल पारीवारिक धमाका
अपडेट 62

मैं घर आया और आधे घण्टे के बाद ही मैंने टीना को फोन लगा दिया. दूसरी तरफ से ‘हैलो’ की आवाज आई, मैंने पूछा- कौन?तो बोली- मैं टीना बोल रही हूँ.‘ओह…’ इतना कहने के बाद मैंने पूछा- क्या कर रही हो?‘अभी-अभी आई हूँ और अपने कमरे में हूँ.’
मैंने फिर पूछा- कमरे के क्या कर रही हो?तो बोली- कपड़े बदल रही हूँ.‘इस समय क्या पहना है?’‘इस समय ब्रा पैन्टी में हूँ.’‘मैं तुम्हे देखना चाहता हूँ.’‘नहीं’‘क्या कहा?’ मैं थोड़ा तेज आवाज में बोला.
वो बोली- यार, प्लीज समझा करो.ओ.के. कोई बात नहीं, अपनी साईज बता?’‘मुझे नहीं मालूम…’ वो बोली.‘तो पेन्टी ब्रा बिना साईज के ही पहनती हो?’‘यार, मम्मी लाती है. नम्बर 28 पड़ा है.’‘ठीक है, चल अब कल मिलते हैं.’
दूसरे दिन जब मैं स्कूल पहुंचा तो देखा दोनों क्लास के अन्दर पहले से ही पहुंची हैं, दोनों की सूरत उतरी हुई थी.मैंने उनसे हाथ मिलाया, दोनों ने हाथ मिलाया, फिर मैं अपनी सीट पर बैठ गया.
अभी भी दोनों का उदास चेहरा देख मैंने उनसे कहा- अब हम दोस्त हो गये हैं. डरो मत, मैं किसी को कुछ नहीं बताऊँगा और यह भी मत डरो कि मैं तुम दोनों को ब्लैक मेल करूंगा.फिर टीना की तरफ देखते हुए कहा- तुम्हारी हरकत के कारण ऐसा हुआ, नहीं तो तुम उसकी और वो तुम्हारी बुर या गांड चाटे, मुझे क्या करना है.वो दोनों कुछ नहीं बोली, बस मेरी तरफ देखती रही.
‘अच्छा ये बताओ, ये कब से चल रहा है?’‘दिसम्बर से…’ पायल जल्दी बोली और अपनी बात आगे बढ़ाते हुए बोली कि एक दिन ये मेरे घर अपने पापा के साथ आई, इसको एक सब्जेक्ट में कुछ प्रॉबल्म थी. टीना को छोड़कर उसके पापा चले गये और साथ में यह भी बोल गये कि वो एक पार्टी अटेन्ड करने जा रहे हैं, अगर ज्यादा देर न हुई तो टीना को पिक अप कर लेंगे. नहीं तो रात में टीना यही रूक जाये. मेरे परिवार को कोई ऐतराज नहीं था. टीना वहीं रूक गई, हम लोग काफी देर तक पढ़ती रही.रात होने लगी थी, इसके पापा नहीं आये तो मम्मी ने हम दोनों को खाना खिलाकर सोने के लिये बोल दिया और कहा कि इसके पापा अगर आ गये तो वो इसको उठा देगी.हम बातें करती हुई कब सो गई, पता ही नहीं चला.
रात को अचानक मुझे लगा कि मेरी चूत में कुछ चल रहा है, मैंने अपनी चडडी के अन्दर हाथ डाला तो टीना का हाथ मेरी फांकों के आस-पास हिस्से को सहला रहा था.मैंने उसका हाथ हटाया और करवट बदल ली.लेकिन यह क्या, ये तो मेरे चूतड़ को सहलाने लगी और गांड की छेद में अपनी उंगली रगड़ने लगी.मैंने बीच में ही टोकते कहा- पायल बस कर, लंड तन गया है. फिर मेरा मन पढ़ाई में नहीं लगेगा.
पायल चुप हो गई लेकिन टीना ने छेड़ते हुए कहा- सुन ले, पूरा मजा आयेगा.‘तू चाहती है कि कहानी सुनने के बाद मैं तेरी गांड में उंगली करूँ?’वो धीरे से बोली- लौड़े के… देख तो सही, अब हम सभी स्कूल में है, मरवायेगा क्या, भोसड़ी के?उसके गाली देने के अंदाज में मुझे हंसी आई.
मैं इससे पहले टीना से कुछ पूछता कि पायल बोली- चल तू भी क्या याद रखेगा मेरी जान, तू जब चाहे मेरी गांड में उंगली कर लेना.मैंने बात काटते हुए कहा- चल अब बस कर और भी बच्चे आने वाले हैं, किसी पीरियड में बता देना, मेरा लंड काफी कड़क हो गया है और मुझे दर्द महसूस हो रहा है.
फिर हमने अपनी बातें बंद कर दी.
उसके बाद कई दिन बीत गये, न उनकी कहानी सुनने का मौका आया और न ही किसी तरह के और सम्बन्ध बने.हाँ बस इतना होता था कि जब भी कभी हम लोगों को मौका मिलता तो वो दोनों मेरे लंड पर पैन्ट के ऊपर से हाथ फेर लेती और मैं उनकी चूची वगैरह दबा दिया करता और हम तीनों के बीच में गाली-गलौज और तू-तड़ाक से बातें होती, लेकिन एक खास बात ये भी थी कि हम तीनों की संगत ऐसी हो गई थी कि बाकी क्लास हमेशा शक की नजर से देखती, यहाँ तक कि मेरा वो दोस्त जिग्नेश भी.
समय बीतने के साथ-साथ हम तीनों का तालमेल काफी अच्छा हो गया था.
पर इसी बीच एक घटना हो गई, जिससे मुझे वो मिल गया जिसकी शायद मैंने कल्पना करनी भी छोड़ दिया था. एक दिन जिस हॉस्टल में मैं रहता था, कुछ बाहरी लड़कों और हॉस्टल के लड़कों में बवाल हो गया और हॉस्टल का काफी नुकसान हो गया था, मकान मालिक ने हम सभी को तत्काल हॉस्टल छोड़ने का हुकुम दे दिया, अब मेरे सामने मुसीबत थी कि मैं कहाँ जाऊँ.
या तो घर आ जाउ और रोज बस से आना जाना पड़ेगा लेकिन रोज 230 किमी का आना जाना मुमकिन नही था सो अब एक ही रास्ता था किसीके यहा पेइंग गेस्ट बन जाऊं या रूम शेअर करु

कहानी जारी रहेगी
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02-27-2021, 12:58 PM,
#59
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अपडेट 63

मैंने अपनी बात सभी दोस्तों को बताई, टीना के साथ-साथ दो-तीन ऑफर और मिल गये थे. मैंने तीनों कमरे देखे, टीना वाला रूम मुझे ज्यादा पसन्द आया, एक तो उसका रूम काफी बड़ा था, दूसरा टीना साथ थी जिसका मैं सपना देखा करता था और तीसरा रेन्ट भी काफी कम था और सबसे बड़ी बात मेरे खाने के आधे पैसे भी बच रहे थे क्योंकि टीना के वजह से मुझे उसके घर का खाना भी खाने को मिल रहा था.मैं शिफ्ट हो गया.
उसके घर में उसकी मां और उससे काफी छोटा एक भाई था जो शायद 7-8 साल का होगा. पिता उसके आर्मी में थे, इसलिये वो घर में कम ही रहते थे.
संडे का दिन था, मैं सामान शिफ्ट करके और खाना खाकर अपने कमरे में सेक्सी स्टोरी जो मैंने राजशर्मास्टोरीज.कॉम से प्रिन्ट आउट कर लिया था, उसी को पढ़ रहा था.हवा आने के लिये मैंने दरवाजा खोल रखा था, कैपरी पहने हुए था. कहानी पढ़ने के कारण कैपरी में मेरा लंड तम्बू की तरह तना हुआ था.
तभी टीना चुपचाप आई, मैं कहानी पढ़ने में इतना मग्न था कि मैं नहीं जान पाया कि कब टीना कमरे में आ गई और मुझे स्टोरी पढ़ते हुए देखने लगी. स्टोरी पढ़ते हुए मैं बीच-बीच में अपने लंड को मसल लेता था कि तभी टीना ने मुझसे वो पेज छीन लिया और मेरे बगल में लेटते हुए बोली- क्यों रेशु, ऐसा क्या पढ़ रहे हो कि बार-बार अपने लंड को मसल रहे हो.‘कुछ नहीं!
तभी मेरी तरफ घूमते हुए बोली- अबे भोसड़ी के, अगर कुछ नहीं पढ़ रहे हो तो लंड अपना क्यों मसल रहे हो?मैंने बात को पलटते हुए कहा- अच्छा ये बताओ, तुम यहाँ क्या कर रही हो?मम्मी ने कहा है कि ‘मेरा दामाद आया हुआ है, जाओ उससे चुदवा लो.’कह कर वो जोर-जोर से हँसने लगी.‘यार मजाक मत कर… नहीं तो वस्तव में चोद दूंगा.’‘अबे जा, गांड में नहीं है दम और किसी से नहीं है हम कम!’‘अच्छा तो देख बहन की लौड़ी!’ कहकर मैंने उसे पटक दिया और उसके होंठ को चूसने लगा.
टीना ने कस कर धक्का दिया और मुझसे अलग होते हुए बोली- क्या रे हरामी, आ गये न अपनी औकात पर?‘देख अभी तू ही उकसा रही थी. अब बता, तू यहाँ क्यों आई?’‘अरे यार, सब खाना खा कर सो गये, मुझे नींद नहीं आ रही थी तो सोचा चल कर तेरे पास ही बैठूँ.’ इतना कहने के साथ ही उसने मेरे हाथ को फैलाया और उस पर अपनी गर्दन टिका दी.
‘अब क्या करना है?’ मैंने पूछा तो वो बोली- ला देखूं, तू क्या पढ़ रहा था.‘यार राजशर्मा की एक सेक्सी कहानी पढ़ रहा था.’‘मतलब?’ वो बोली.‘तू पढ़ कर देख ले.’
उसने मुझसे पेज लिये और पढ़ने लगी.कहानी वो जब पढ़ने लगी तो मेरे हाथ उसके गोलाइयों को दबाने लगे, उसने झट से एक चुटकी काटी, मेरा हाथ हट गया, थोड़ी देर बाद मेरे हाथ फिर उसकी गोलाइयों को दबाने लगे, इस बार वो कुछ नहीं बोली और अपनी एक टांग को मेरे ऊपर चढ़ा दी.
मैंने अपने हाथ को उसके गर्दन से निकाला और उसकी तरफ घूम गया और उसकी चूत को सलवार के ऊपर से ही सहलाने लगा.
वो थोड़ा कसमसाई लेकिन मेरी हरकत को नजर अंदाज कर दिया. मैं उसकी चूत को सहला रहा था तो मुझे लगा कि उसने नीचे कुछ पहना नहीं है.‘टीना…’ मैंने पूछा- ये बता कि कहानी कैसी लगी?‘चुप रह, पढ़ रही हूँ.’
मैंने उसके गोलों को और जोर से मसलना शुरू किया.तभी वो बोली- रेशु, मेरा दूध पियोगे?मैं उसकी तरफ देखने लगा तो वो बोली- मेरे मम्मे बाहर कर लो, और मेरा दूध पीओ.
मेरे मन की मुराद पूरी हो रही थी, मैंने उसके कुर्ती से उसके मम्मे को बाहर निकाला, हालाँकि मम्मे पूरे बाहर नहीं आये थे, लेकिन दाना बाहर आ चुका था, मैंने उसके दानो को अपने मुंह में रखा और चूसने लगा लेकिन कपड़े पहने होने के कारण दाना पूरी तरह मुंह में नहीं आ रहा था.तो टीना खुद ही बोली- चल आ मेरे कमरे में, वहाँ पर अच्छे से पीना.कहकर उठी और अपने कमरे की तरफ चल दी.
मैं भी उसके पीछे-पीछे चल दिया.
कमरे में पहुंचकर उसने कमरे को अन्दर से बन्द किया और मेरी तरफ घूमी, उसकी आँखें लाल हो चुकी थी. उसने अपनी कुर्ती और सलवार उतार दिया, उसने कोई इनर वियर नहीं पहना हुआ था. वो बिस्तर पर लेट गई और अपने मम्मे को दबाते हुए बोली- आओ रेशु, आओ इसे पियो!
मैंने भी अपने कपड़े उतारे और उसके बगल में लेट गया, मेरा लंड भी तन कर काठ हो चुका था. मैं उसके मम्मे को बारी-बारी से अपनी मुंह में लेता और वो मेरे लंड को अपने हाथ में लेकर मसल रही थी.हम लोग अपने प्रोग्राम में लगे थे कि पायल का फोन आ गया, उसने फोन पर बताया कि वो टीना के मकान के नीचे ही खड़ी है.मैं उठा और अपने कपड़े पहनने लगा तो टीना ने मुझे रोकते हुए कहा- तुम यहीं ठहरो, मैं उसको रफ दफा करके आती हूँ.
मैं उसके कहने पर वहीं रूक गया.
टीना ने बाहर से दरवाजा बन्द कर दिया, मैं निश्चित होकर नंगा ही पड़ा रहा, हाँ बस अपने ऊपर चादर डाल ली.
थोड़ी देर बाद दरवाजा खुला, तो मेरा मुंह भौचक्का रहा गया… ये क्या… टीना के साथ-साथ पायल भी थी.

मेरे काटो तो खून नहीं…मैंने सोचा कि टीना मुझे मरवाकर ही दम लेगी.
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02-27-2021, 12:58 PM,
#60
RE: XXX Sex Stories डॉक्टर का फूल पारीवारिक धमाका
अपडेट 64

तभी टीना मेरे पास आई और जमीन पर पड़ी हुई अपनी सलवार को उठाकर पायल को दिखाते हुए बोली- देख, पहली बार बिना कुछ किए ही रेशु ने मेरा पानी निकाल दिया.मैं उठ कर बैठ गया, पायल और मैंने दोनों ने एक दूसरे को हाय कहा, उसके बाद मैंने टीना से पूछा तो वो बोली- मैंने पायल को बहुत टरकाने की कोशिश की लेकिन आज इसको मेरी मुनिया के साथ खेलने का बहुत मन हो रहा था और जब भी हमसे किसी को भी हमारी मुनिया के साथ खेलने का मन होता तो हम पहुंच जाती हैं.‘ये मुनिया कौन?’ मैं आश्चर्य में था.तभी पायल बोली- गांडू, हमारी चूत और क्या!
मैं उठा और कपड़े पहनते हुए बोला- तब मैं चलता हूँ, तुम लोग अपनी मुनिया के साथ खेलो.पायल मुझे रोकते हुए बोली- क्यों रेशु क्या मैं तुम्हें अच्छी नहीं लगती?मैं क्या बोलता… तो मैंने बोल दिया- ऐसी कोई बात नहीं है.‘तो ठीक है, तब रूक जाओ, हमारी मुनिया को एक मुन्ने की भी अब जरूरत है.’
मुझे क्या, साला इतने बवाल के बाद दो-दो मिल रही थी.
तभी उसकी मम्मी की आवाज आई- टीना, क्या हो रहा है?वो बोली- मम्मी, पायल आई है उसी के साथ पढ़ाई कर रही हूँ.
मन ही मन मैंने सोचा कि क्या पढ़ाई है.
अब तक दोनों अपने कपड़े उतार चुकी थी. पायल के मम्मे टीना से आकार में थोड़े बड़े थे. मैं दोनों स्कूल गर्ल की नंगी चुत देख रहा था, दोनों की चूत सफाचट थी.अब हम तीनो ही कमरे के अन्दर नंगे थे.
दोनों मेरे पास आई और दोनों मेरे एक-एक पैर के पास बैठ गई और कभी टीना मेरे लंड को पकड़ कर उसके सुपारे पर अपनी उंगली फेरती तो कभी पायल… दोनों सुपारे के कट पर नाखून चलाती जाती.मैं ज्यादा देर तक बर्दाश्त नहीं कर पाया और मेरे लंड ने सफेद तरल पदार्थ (वीर्य) छोड़ दिया और ये वीर्य उनके हथेलियों के ऊपर गिर गया. दोनों लड़कियाँ अपने-अपने हाथ को चाटने लगी.जब दोनों ने हथेली को चाट लिया तो पायल बोली- इसके पानी का भी स्वाद तो हम लोगों के पानी की तरह है.
मेरा लंड इस बीच मुरझा चुका था.
उसके बाद दोनों खड़ी हुई और दोनों ने मेरे एक-एक निप्पल को पकड़ लिया और चूसने लगी. मैंने भी दोनों की कमर में हाथ डालकर अपने से बिल्कुल सटा लिया और अपनी भावना को काबू में करते हुए बोला- तुम दोनों ने ये सब कहाँ से सीखा?तो इस बार फिर पायल बोली- ब्लू फिल्म से! तुम देखते हो?‘हाँ, बिल्कुल मैं भी देखता हूँ.’‘मजा मिलता है?’‘हाँ, बहुत मिलता है!’‘अंग्रेजी ब्लू फिल्म देखकर तो और मजा मिलता है. कई स्टाईल से करते हैं.’ टीना बोली.
तभी टीना बोली- हमारी तरह कितनी नंगी लड़कियाँ देख चुके हो?‘दो… और वो भी तुम दोनों!’‘हम दोनों की बुर चाटोगे?’

चूंकि मैंने काफी ब्लू फिल्म देखी थी इसलिये मुझे मालूम था, मैंने भी हामी भर दी.पायल बेड पर लेट गई और अपनी टांगों को जमीन पर लटका कर उनको फैला दिया, टीना पायल की दोनों टांगों के बीच आई और उसने भी अपनी टांगों को हल्का सा फैला लिया और पायल की जाँघों को पकड़ते हुए थोड़ा झुक गई और अपनी जीभ पायल की फांकों पर चलाने लगी.
मैं टीना के पीछे आया, उसकी चूत दोनों टांगों के बीच कैद सी नजर आ रही थी, हालाँकि मुहाना हल्का सा खुला हुआ था, मैं घुटने के बल बैठ गया और उसकी चूत में अपनी उंगली चलाने लगा, कुछ लसलसा सा मेरी उंगली में लगा, सूंघने लगा तो मुझे समझ में नहीं आया कि ये कैसी गंध है. मैंने अपनी उंगली को टीना की जांघ से साफ की.तभी टीना बोली- भोसड़ी के, चूत ही देखेगा कि चाटेगा भी?मैं सोच नहीं पा रहा था कि क्या करूं कि तभी टीना ने मेरे सर को थोड़ा सा पुश किया और अपनी चूत से सटाते हुए बोली- भोसड़ी के, अब अपनी जीभ चला कर मेरी चूत को चाट!इतना कहने के साथ ही अपने कमर के हिस्से को हल्के सा हिलाई डुलाई.
ये मेरे मन की बात है कि मैं ब्लू फिल्म देखता था और सोचता भी था कि अगर चूत चाटने को मिली तो ऐसे चाटूंगा वैसे चाटूंगा, लेकिन चूत सामने थी तो मेरी गांड फटी पड़ी थी कि कैसे चाटूं.मैं अभी भी सोच ही रहा था कि पायल उठी और मेरे पास आई, जबकि टीना वैसे ही पोजिशन में खड़ी रही, पायल ने टीना की टांगों को हल्का सा और चौड़ा किया और टांगों के बीच में घुटनों के बल बैठकर अपने दोनों हाथों का प्रयोग करते हुए टीना की चूत फैलाई और फिर उसमें अपनी जीभ चलाने लगी.
थोड़ी देर चूत चाटने के बाद पायल अपनी जीभ बाहर निकालते हुए बोली- आओ, मेरे पास आकर अपनी जीभ निकालो और मेरी जीभ से टच करो!मैंने इस बार बिना किसी झिझक कर मैंने अपनी जीभ पायल की जीभ से टच कर दी, पायल ने मेरी जीभ को अपने होंठो के बीच फंसा लिया और जो मेरी लार थी उसको चूस ली, उसके बाद बोली- अब तुमको भी इसी तरह करना है!और फिर उसने अपने दांतों से लार को जीभ के किनारे लाकर अपनी जीभ मेरी तरफ बढ़ा दी, मैंने भी पायल की तरह से उसके लार को चूस लिया,
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