XXX Sex Stories डॉक्टर का फूल पारीवारिक धमाका
02-27-2021, 01:01 PM,
#71
RE: XXX Sex Stories डॉक्टर का फूल पारीवारिक धमाका
अपडेट 74

अब बात मानने के अलावा कोई चारा नहीं था अपने आप से झूठ बोलना भी अच्छा नहीं लगता तो मैंने कह दिया..अरे चाची..आपसे जीतना मुश्क़िल हे, वैसे में बारिश को कोस नहीं रहा था पर फिर भी में मान लेता हु..क्यूँकि आप कहती हे इसिलिये. फिर मैंने चाची की और देखा और चाची ने मेरी और और दोनों हंसपडे इतने में हमारा घर भी आ गया और साली बारिश भी बंद हो गयी.यार....तब कसम से बारिश को गाली देणे का मन कर रहा था साला ये कैसा खेल मेरे साथ हो रहा था समझ के शायद बाहर था बड़ी चाची और दीदी के वक़्त मेरे सारे पत्ते सही हो रहे थे और अब साला कोई मेरी सारी गेम बिगाडने पे लगा हुआ हो ऐसे लग रहा था चाची जैसे ही घर आया घर में चलि गयी..और जैसे ही बारिश रुकि तो में बाहर रह कर आसमान में देख के गुस्सा हो रहा था इतने में चाची ने लॉक ओपन कर के मुझे आवाज़ दी.अभी बाहर ही रहने का ईरादा हे की..अंदर भी आना हे.. मैं फिर अंदर हो चला और चाची भी. अन्दर आते ही दोनों ऐसे ही गीले थे फिर भी सोफ़े पे बैठ गये, बहुत थक गए थे.
“आज तो बहुत थक गयी..रेशु”. और में भी स्माइल के साथ चाची की हाँ में हाँ मिलायी और टीवी ऑन किया. तो टीवी में ब्लू लगून मूवी चल रहा था और उसमे भी सेक्सी सीन आने वाला था,मैने ये फिल्म पहले देखि थी पर चाची ने नहीं देखी थी शायद, इसीलिए वो बैठी रही और मैंने भी मूवी चल्ने दी. दो मिनट में ही वह सीन स्टार्ट हो गया और चाची रिलैक्स की अवस्था से सडनली बैठ गयी और मेरी और देखा तब मैंने चाची को स्माइल दिया और आराम से बैठने को कहा. सच में बहुत इंटिमेट सिन था तो मेरा हाथ अपने आप ही मेरे क्रोच पे चला गया..और चाची को पता चल गया. वो देख रही थी की मेरा हाथ मेरे लंड को दबा रहा था बाद में जब मैंने चाची को मुझे देखते हुए पकड़ लिया तो मैंने तुरंत हाथ हटा लिया और चाची टीवी की और मुँह कर के बोली
“इतने में ही हो गया क्य...? चाची डबल मैं में मुझे बोल रही थी.
“हो ने को तो बहुत कुछ होता हे, पर कोई कुछ होने नहीं देता.. मैंने भी चाची को जवाब दिया..चाचि को भी पता चलना ही था.वो अब मेरी और देखि पर कुछ बोली नहीं और उठते हुए कहा
“तुम अपना काम जारी रक्खो..में चेंज करने जा रही हू, ख्वामखा मेरी वजह से तुम परेशान हो रहे हो.. चाची जाते जाते भी शैतानी से नहीं चुक रही थी. चाची की आँखें मेरे तने लंड पे थी.
“अगर कहो तो में चेंज करवा दू.सच में बड़ा मज़ा आयेगा... मैंने चाची को फील करवाने के लिए कहा लेकिन चाची बाथरूम का दरवाजा खोलते खोलते मेरी और मूड़ी पर कुछ कहा नही, फिर कुछ सोच के कहा
नही..कोइ जरूरत नहीं हे... और बाथरूम में जाते जाते जोर से दरवाजा पटका.
साला में सोच में पड़ गया की चाची ने आखिर सोचा क्या, और बाद में रुड होते हुए अंदर क्यों चलि गयी. दो मिनट मैंने सोच में गवा दिये, में बाथरूम की और देखते देखते दो मिनट सोचता रहा, पर कुछ समझ में नहीं आया, फिर अचानक मेरा ध्यान गया की चाची ने जान बूझ के दरवाजा पटका था और ये तो सब को पता होगा की जोर से दरवाजा पटके तो दरवाजा अपने आप फिर से थोड़ा सा खुल जाता हे, और दो मिनट के बाद मेरा ध्यान गया की चाची ने दरवाजा पटकने के बाद दरवाजा ऐसे ही छोड़ दिया था दरवाजा बंद नहीं किया था
चाची की और से इंनडायरेक्टली बात साफ़ थी, पर में फिर भी बैठा बैठा सोचता रहा कि, जाऊं की नही..लकिन फिर में धीरे से उठा और बाथरूम की और चल पडा, मैंने देखा हलकी हलकी से पीली रौशनी चमक रही थी. चाची अपने पल्लो को शोल्डर से पिन से अलग करने की कोशिश कर रही थी..सच में वो शायद मेरा इंतज़ार कर रही होगी, दो मिनट तक पर में नहीं गया तब जा के बिचारि ने साडी खोलना शुरू किया होग, में दरवाजा खिसका के देख रहा था चाची को भनक लग गयी थी की अब में आ चुका हू..तो वो जन बूझ के पल्लो को हटाने में तकलीफ होने का नाटक करने लगी. अब ये भी साला चाची का हिंट था अब मैंने ठीक से पकड़ा और चाची के पीछे जाते हुए कहा
“लाओ चाची में आपकी मदद कर देता हू... और चाची के दोनों कंधे पे अपने हाथ रखते हुए कहा
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02-27-2021, 01:01 PM,
#72
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“देख ना..रेशु, कब से ट्राय कर रही हूँ.कुछ हो ही नहीं रहा..
“डोंट वर्री चाची, मुझसे सब होगा, में सब कर दूंगा.. मैंने जैसे ही ये डबल मीनिंग डायलॉग बोला की चाची ने सामने रक्खे आईने में मुझे देखा और मैंने चाची को. फिर स्माइल के साथ मैंने चाची के कंधे से पिन निकाली, पिन सच में निकलि हुई थी, मुझे कुछ ख़ास मेहनत नहीं करनी पडी. फिर मैंने चाची के गर्दन से अपना हाथ घुमाया और कंधे तक लाने के बाद पल्लो को हलके से निचे गिरा दिया, बॉस चाची के गोरे बदन से ब्लैक साडी का हटना कितना सिडक्टिव था
मेरा लंड तो पहले से ही तना था अब तो और भी हरकत करने लगा. अब मैंने भी चाची को हिंट देते हुए, अपने लंड के पास खुजली की और उसे एडजस्ट कर दिया तो चाची ने ये देखते हुए कहा
“रेशु, तुम भी अपने कपडे उतार दो, गीले कपड़ो में रहने से सर्दी हो जाती हे”..
चाची ने ऐसे कहा जैसे मुझे पता ही न हो. कसम से चाची बड़ी तेज़ थी, साला मुझे हिंट समझने को देर लग जाती थी और चाची एक सेकंड में पकड़ लेती थी. मैंने भी तुरंत अपनी टी-शर्ट उतार दी और अपनी पैंट खोलने लगा, लेकिन न खुलने का नाटक करने लगा. तो चाची बिना कुछ कहे, आराम से निचे बैठ गयी और मेरे लंड की और मुँह कर के बैठ गयी और मेरे पैंट के बटन को खोल दि, चाची ने साला सब समझते हुए बटन खोला भी तो मेरे सामने ऊपर देखते हुए, मतलब बिलकुल साफ़ था फिर चाची ने निचे देखा और मेरे तने हुए लंड पे हाथ रक्खा और एक दो बार निचे गोलियां तक घुमाय भी, बाद में चाची ने मेरे पैंट की चेन को पकड़ के निचे खोल दिया और मेरा ब्लैक अंडरवेअर चाची के सामने था फिर चाची ने कमर में हाथ दाल के मेरा पैंट उतार दिया. फिर चाची ने अंडरवेअर में मेरे लंड को नोटिस किया पर उठती हुई मेरे सामने खड़ी हो गयी और कहा
“अब ठीक हे, अब सर्दी नहीं होगी”..
“नहीं चाची..अभी कहा..अभी एक कपडा बाकि हे...
“अच्छा..बडी जल्दी हे तुम्हे रेशु...
“जल्दी तो मुझे कब की हे चाची, लेकिन आप हे की हर बार रुक जाती हे.. अब शायद चाची के भी आपे से बाहर था लेकिन वो बैठने में शर्मा रही थी, खड़ी हो के मेरे तने हुए लंड को देख तो रही थी, पर बैठने में सोच रही थी, तो मैंने चाची के कंधे पे फिर से हाथ रक्खा और जोर देते हुए चाची को बैठने का इशारा किया और वो बैठ गयी, ये चाची भी ना, बड़ी कॉम्प्लीकेटेड हे, करना तो चाहती हे पर पहल मेरे से चाहती हे और ऊपर से बोलती भी नही.
मैने चाची को बिठाया और वो अपने घूटने के बल बैठ भी गयी. फिर चाची ने मेरे घूटनों पे दोनों गोरे गोरे हाथ रक्खे और मेरे थाइस को सहलाते सहलाते ऊपर की और बढ्ने लगी, इधर चाची कैसे मेरा अंडरवेअर खोलेंगी ये सोच के ही मेरा लंड अंडरवेअर से बाहर आने को बेताब हो रहा था चाची ने फिर मेरे दोनों पैरों के साइड से हाथ मेरे पीछे की और मेरे गांड पे रक्खे और सहलाते सहलाते मेरे अंडरवेअर को पीछे से निचे कर दिया. अब चाची मेरे लंड के और भी क्लोज हो गयी और पीछे से अपने हाथों को आगे किया और मेरे लंड पे दोनों हाथ रखके पर मेरी और देखने लगी, मेरी आँखें बंद थी पर मैंने फील किया की चाची के हाथ रुक गए हे तो मैंने चाची की और देखा तो वो मेरी और देख रही थी, और मेरी और देखते देखते ही चाची ने मेरे अंडरवेअर को उतार दिया और फट से खड़ी हो गयी. और अब मेरी और देखने की बजाए, शर्मा के पलट के घूम गयी. मैं हलके से आगे आया और चाची की गांड से अपना लंड ही सटा दिया, चाची ने फील किया और सामने आईने में देख, में तो चाची से सटा नहीं था बस लंड ही मैंने चाची के गांड पे रक्खा था फिर में चाची के करीब आया और चाची के शोल्डर पे किस किया. मैंने अपने दोनों हाथ चाची के नैवल पे रक्खे और चाची की साड़ी को खिंच के निकाल दिया.
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02-27-2021, 01:01 PM,
#73
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मैंने अपने दोनों हाथ चाची के नैवल पे रक्खे और चाची की साड़ी को खिंच के निकाल दिया.
चाची ने कोई रेजिस्टेंस नहीं दिखाया.
पर मैंने जैसे ही अपने हाथ चाची की कमर से ऊपर उठकर चाची के बॉब्स पे रक्खे तो चाची ने अपने हाथों से मेरे हाथो को रोक दिया और मेरे कान में कहा
“मेरे रूम में चले .. और चाची मेरे गाल पे अपना हाथ प्यार से फेर के अपने रूम की और चल दी और में भी चाची की पीछे पीछे चल दिया, मुझे हैरानी इस बात से हो रही थी की चाची ने एक झलक भी मेरे लंड को देखा क्यों नही. चाची अपने रूम में दाखिल हुई और में भी चाची के पीछे पीछे आया और चाची को पीछे से पकड़ा और सीधा धक्का चाची को बेड पे दे दिया.. और चाची के साथ साथ चाची के ऊपर ही में गिरपडा.चाचि को शायद ये थोड़ा सा ब्रूटल लगा तो वो छूटने की कोशिश करने लगी, पर मैंने चाची को सम्भाल लिया और चाची के कान पे किस करते हुए कहा
“क्या बात हे चाची..
“क्यूँ क्या हुआ...?
“अब तक आपने एक नजर भी देखा क्यों नही... में अब भी खुल के नहीं बोल पा रहा था और चाची समझ रही थी.
“बस ऐसे ही...
“कुछ अजीब सा लगता हे.
“क्यों आपको चूसना पसंद नहीं..?
“नही, रेशु..मुझे चुसना पसंद नही... चाची के साथ बात कर रहा था की मैंने अपने पाँव से चाची के दोनों पाँव को अलग कर दिया और चाची के पेटीकोट को खोल भी दिया.
जैसे ही चाची ने कहा की उन्हें चूसना पसंद नहीं तो मैंने चाची को छोड़ दिया और चाची के साइड में ही सीधा लेट गया.
चाची मेरे पास में ऊल्टी लेटी थी और में उनके जस्ट बाजु में सीधा था चाची मेरी और देख रही थी और में ऊपर देख रहा था फिर चाची अपनी जगासे हट के मेरे सीने पे अपना सर रख दिया और मेरे निप्पल्स को चूमने लगी और मेरे सीने के बालों से खेल्ने लागी..ठोड़ा अजीब लगता हे, जब औरत मर्द को ऐसे सिड्यूस करती हे, पर सच में मज़ा आ रहा था और मेरा लंड भी अब तन चुका था.फिर चाची धीरे धीरे निचे जा रही थी और में जान बूझ एक लंड को चाची के मुँह के पास लाने की कोशिश कर रहा था.
मैने फिर हलके से चाची का पेटीकोट निकाल दिया और चाची के बैक पे हाथ सहलाने लगा, फिर चाची फिर से ऊपर की और आने लगी और मेरे गाल पे माथे पे किस करने लगी और में भी ऐसे ही रिस्पांस करने लगा, चाची सच में खो चुकी थी, बॉस ऐसा लगता था की चाची सच में किसी नशे में हे.
फिर मैंने चाची को पीछे से पकड़ा और मेरे साथ में ले के चाची को पलट के निचे ले दिया और में ऊपर आ गया, अब मैंने चाची के बॉब्स को मेरे हाथ में ले लिया और मस्त दबाने लगा और चाची मेरे बैक पे हाथ सहला के मुझे और एक्साइट करने लगी, फिर मैंने एक एक कर के चाची के ब्लाउज के बटन खोल दिये और ब्लैक ब्रा में चाची के क्रीमि बॉब्स को देखने लगा..तो चाची ने कहा
“रेशु..जब देखते ही रहोगे क्या... और मैंने चाची के ब्लाउज को उतार के अलग कर दिया और पीछे से ब्रा भी खोल दी और फिर से चाची को लीटा के दोनों हाथों से चाची की ब्रा को अलग किया और साइड में फेंक दिया.बॉस कितने मस्त बॉब्स दिख रहे थे..में ऐसे ही कुछ देर देखता रहा, फिर आराम से चाची के दोनों बॉब्स को दोनों हाथों से सहलाया और एकदम रिलैक्स तरीके से बॉब्स पे हाथ घुमाने लगा.
अब चाची भी ऐसे सिडक्टिव तरीके से मॉनिंग स्टार्ट करने लगी.चाची की तेज़ चलति साँसे सुनाइ दे रही थी और बॉब्स मस्त ऊपर निचे हो रहे थे, फिर मैंने बॉब्स को दोनों हाथों में पकड़ के चूसना स्टार्ट किया और मस्त दबाने भी लगा, आह दोनों बॉब्स को दबाने में मज़ा आ रहा था
फिर मैंने चाची के बॉब्स को मसलना स्टार्ट किया और थोड़ी सी एक्ससाईटमेंट की वजह से मज़े से जोर जोर से दबाने लगा और चाची भी मेरे सर को पकड़ के मेरे मुँह को अपने सीने में धँसा रही थी, अब मेरे जोर से दबाने से चाची को दर्द होने लगा था पर वो कुछ बोल नहीं रही थी, ऑफ़ कोर्स क्यूँकि इस दर्द के लिए वो शायद बरसो से प्यासी थी.
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02-27-2021, 01:02 PM,
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फिर थोड़ी देर बाद चाची से रहा नहीं गया
“रेशुऊ..जजरार..आराममम से दर्द हो रहा है. चाची की आवाज़ सॉलिड काम्प रही थी और साँसे तेज़ी से चलने से बोल नहीं पा रही थी. फिर मैंने चाची के बॉब्स को छोड़ा और निचे चूमते हुए चाची की निप्पल को चूमने लगा, बॉस चाची सच में मचल रही थी. फिर मैंने जानबूझ के अपने पैर हटा के गोल घूम गया, जिससे ६९ पोजीशन हो जाये, और चाची मेरे लंड को चूसने पे मजबूर हो जाए, अब मेरा लंड चाची के ठीक फेस पे था और चाची की तेज़ साँसे मेरे लंड को भी महसूस हो रही थी, साला इस बात से ही मेरे लंड से प्रिकम निकलने लगा, फिर मैंने चाची के दोनों पांव को घुटनो से मोड़ लिया और दोनों पाँव के बीच में अपना मुँह रख के चाची की चुत की खूशबू लेने लगा, ऑफ़ कोर्स चाची को भी मेरे लंड की खूशबू आ रही होगी, चाची का भी मन तो कर रहा होगा, पर कैसे करू ये सोच रही होगी. मैंने इधर चाची के पेन्टी पे से ही चाची की चुत को किस किया और ऐसे ही अपने हाथो से मसलने लगा, चाची की पेन्टी बॉस, कब की गीली हो गयी थी और अभी भी वो वेट हो रही थी. चाची से रहा नहीं जा रहा था तो वो अपने पाँव को और चौड़ा कर के मुझे अपनी चुत दीखाना चाहती थी और ये इंडीकेट कर रही थी की में उनकी पेन्टी भी उतार दु. मैंने भी चाची को इस बार रिलीफ देते हुए मैंने आराम से चाची की दोनों साइड पेन्टी में हाथ डाला और धीरे धीरे चाची की पेन्टी को उतार दिया. आह..कितनि मस्त चुत थी, अब मैंने चाची की चुत पे अपने राईट हैंड से धीरे धीरे चुत पे हाथ फिराया और और चाची की चुत को मस्त आराम से सहलाने लगा, मेरे हाथ के छूते ही चाची की गीली चुत और भी गीली होने लगी, बॉस मुझे लग रहा था की चाची अपनी प्यास पे कण्ट्रोल नहीं कर पा रही थी. फिर मैंने अपने दोंनो हाथो से चाची की चुत को आराम से अलग किया और चाची की चुत के चारो और अपनी मिडिल फिंगर को घुमाने लगा, चाची की साँसे और भी तेज़ हो रही थी और मेरे लंड को महसूस हो रही थी, बॉस इतना मज़ा आ रहा था चाची अंगड़ाइयाँ भी इतनी ले रही थी की एक दो बार चाची के न चाहते हुए भी उनके होठो ने मेरे लंड को छू लिया और में भी उनके होठो पे प्रेशर करने लगा.
फिर मैंने थोड़ा आगे आते हुए चाची के चुत पे अपना मुँह रक्खा और चूमने लगा, मस्त खूशबू आ रही थी, थोड़ा आगे आने से मेरा लंड भी थोड़ा आगे आ गया और अब मेरे लंड के टिप वाला पिंक पार्ट ठीक चाची के होथों पे आ गया, अब देखना था की चाची कैसे अपने आप को रेसिस्ट कर पाति हे. इधर में चाची की चुत में अपने मुँह से बड़े पैशन से चूमने लगा और पागलों की तरह चाची की चुत को अपने हाथ से फैला के जितना हो सके ऐसे चुत को फैला के अपने मुँह को अंदर डालने लगा.
चाची भी मेरे तेज़ी के साथ रिस्पांस कर रही थी, बॉस चाची के मचलने में भी तेज़ी आ रही थी, फिर मैंने चाची की चुत से अपने मुँह को बाहर निकला और
“चाची मज़ा आ रहा हे, क्या?...
“हहहहाँण, प्लीज अऊर करो.... चाची सच में सेक्स के नशे में थी और जैसे ही चाची ने मुँह खोला की मैंने अपने लंड को चाची के मुँह में दाल दिया.
चाची साली थोड़ी सी टेढ़ी हे, न न करती हे पर उसे करना जरूर होता हे. जैसे ही मैंने चाची के मुँह में अपना लंड ड़ाला की बिना एक पल का वेट किये चाची ने उसे चूमना शुरू कर दिया और ऊपर से निचे तक चूमने लगी, बॉस चाची भी बड़ी पैशन के साथ चूम रही थी, मज़ा आने लगा था चाची को चूसने में और मुझे चूसवाने मे. फिर मैंने अपनी मिडिल फिंगर चाची की चुत में दलि और चाची की चुत में आराम से अंदर बाहर करने लगा, जैसे ही मैंने पहली बार चुत में ऊँगली दलि की चाची ने एक जर्क लिया और चाची के मुँह से आआअह निकला.
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02-27-2021, 01:02 PM,
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अपडेट 78

चाची सोच सोच के अपने आप को उकसा रही थी. चाची अब और भी तेज़ी से मेरे लंड को चूसने लगी और ऊपर निचे भी करने लगी, अब मेरे लंड को फुर्ती सी आने लगी तो मैंने भी ऊँगली से चाची की चुत को मसलना तेज़ कर दिया और चाची की चुत में मस्त अंदर बाहर करने लगा, फिर मैंने साथ में दूसरी ऊँगली भी लगा दि, एक दो बार अंदर जाने में तकलीफ हुई पर बाद में मस्त अंदर बाहर होने लगी, इधर चाची भी और तेज़ी से मुझे चूस रही थी. एक बार तो चाची ने मेरे लंड को चूस के पूरा अपने मुँह में ले लिया और मेरे गांड को पीछे से दबा के जितना अंदर हो सके लेने की कोशिश करने लगी, मुझे और भी जोश आ गया और मैंने चाची के ग-स्पॉट को मसलने शुरू कर दिया और चाची के ग-स्पॉट को छूते ही चाची ने मेरे लंड को छोड़ दिया और जोरदार सडक्शन के मारे तडपने लगी, बॉस में भी तेज़ी से चाची के चुत में ऊंगलियां अंदर बाहर कर रहा था मुझे लग रहा था की चाची शायद उंगली से झड जाएंगी , पर चाची की आह मुझे और भी जोश दे रही थी और वो मुझे सर से पकड़ के और भी प्रेशर कर रही थी, और जोर से करने के लिये.
चाची अब जैसे की झड़ने वाली हो ऐसे ..बदन को जकड के “आअह्हह्ह...आआ...हा.ओहऊऊऊऊ.रेरररररेस्शह्ह्ह्हह्हुई...चाचि की आवाज़े जितनी लम्बी हो रही थी, वैसे ही में चाची को उंगली सेचोद रहा था और बॉस फिर मैंने चाची के ग-स्पॉट पे अपनी जीभ रक्खी और कस के चूसा की चाची की चुत से एकदम से वाइट फ्लूइड निकला और चाची झड गयी..चाचि को झडते देख मैंने अपनों ऊंगलियां बाहर निकली तो चाची ने कहा
“नही, रेशु और करो. धीरे धीरे चाची की आवाज़ ठीक हो रही थी.
ओर मैंने फिर से ऊंगलियां अंदर डाली और फिर से अंदर बाहर करने लगा और चाची के चुत से रस और भी बाहर आने लगा, मैंने फिर से चाची के जी-स्पॉट पे किस किया और इस बार मुँह को वाहा चिपका के मस्त चूसंने लगा तो चाची की चुत से मानो रस का टपकना बंद ही नहीं हो रहा था फिर चाची एक दम से उठी और दम लगा के आआह्ह्ह्ह किया और मेरे जी-स्पॉट से जीभ छोड़ते ही चाची ने एक जोरदार आवाज कि और बेड पे फिर से गिर पडी, अब में संमझा की चाची शांत हो चुकी हे, और में भी चाची के पास में ही जा के लेट गया और चाची को आराम से चूमने लगा, चाची भी मेरे बालों को सहलाते हुए मुझे मस्त किस कर रही थी, एक दूसरे की टंग मनो एक दूसरे से बातें कर के थैंक्स कह रही थी. अब चाची की आँखों में सटिस्फैक्शन दिख रहा था फिर दो तीन मिनट तक किस करने के बाद हम फिर से ऊपर छत को देखते हो ऐसे लेट गये. चाची की साँसे अभी भी तेज़ चल रही थी. लेकिन वो धीरे धीरे नार्मल हो रही थी. फिर मैंने धीरे से चाची के बूब को हाथ में लिया और चाची को फिर से एक्साइट करने के लिए धीरे धीरे चाची की निप्पल दबाने लगा,
“चाची कैसा लग रहा हे..
“कुछ कहने की जरूरत नहीं हे रेशु, बड़ा अच्छा लग रहा हे. चाची की आवाज़ में एक किसम की शान्ति थी.
मैन धीरे धीरे चाची की निप्पल को फिर से कड़क कर रहा था और वो कड़क हो भी रही थी, फिर से चाची हलके हलके अंगडाई लेने लगी थी, फिर चाची ने फिर से मेरे लंड को सहलाना स्टार्ट किया और मेरे लंड को मसलने भी लगी. लेकिन इतने में पता नहीं कैसे चाचा आ गये,
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02-27-2021, 01:03 PM,
#76
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अपडेट 79

मतलब चाचा की कार आ गयी और चाचा की कार का हॉर्न सुन के चाची एक दम से शांत हो गयी और में भी. फिर चाची ने मुझे झट से जाने को कहा और मैंने अपने कपडे वहांसे उठाये और चाची के गाल पे किस करते हुए वहा से आराम से निकल गया. कोई चिंता की बात नहीं थी, चाचा जब तक कार पार्क करते और भीगी कार को कवर करते तब तक हम दोनों कपडे पहन चुके थे और में तो फट से ड्राइंग रूम में आ के टीवी ऑन कर के बैठ गया और चाची ने अपने रूम की चादर चेंज की और रूम फ्रेशनर दाल के बाहर आ के किचन में चलि गयी, और जाते जाते मुझे एक फ्लाइंग किस देती गयी, में भी आराम से बैठा रहा.
मै अपने रूम में आ के चाचा को ग़ुस्से में कोस रहा था की चाचा और चाची की बातें सुनाइ दी तो में भी उनको ज्वाइन करने बाहर चला गया और चाचा बता रहे थे की उनको तो आते आते १२ भी बज सकते थे पर उन्होंने किसी और डॉक्टर को काम पे लगा दिया और आ गया. उस टाइम पे चाचा की बात ख़त्म होते ही मैंने चाची की और देखा और वो भी मुझे ही देख रही थी. कोई भी एक्सप्रेशन नहीं था उनके चेहरे पे और मेरे चेहरे पे. फिर हमने खाना निपटाया और में अपने रूम में आ गया.अब में अपने रूम में आ के कल के बारे में सोचने लगा, क्यूँकि कल असली खेल होने वाला था बस कल चाचा अपने हॉस्पिटल के लिए निकले की में चाची पे ऐसे टूट पडूंगा..और कसम से ऐसे ऐसे तडपा तडपा के चोदूँगा..और कल बॉस भगवन की भी नहीं चलेगी, बहुत बार तडपाया हे, अजीब अजीब ट्विस्ट आ जाते हे. अब में सोने की कोशिश कर रहा था पर साला, नींद नहीं आ रही थी. कभी कभी एक्ससिटेमेंट में नींद नहीं आति, तो मैंने अपना लैपटॉप निकाला और एक पोर्न साइट पे साइन अप कर रहा था की उसमे सवाल आया की व्हाट इस योर मदर नेम? और मेरा दिमाग माँ के बारे में सोचने लगा. लैपटॉप में देखते देखते में माँ को इमेजिन करने लगा. जैसे की मैंने पहले बताया की वो बड़ी सेक्सी लगती हे..एक दम वाइट तो नहीं पर ऐसा कोई नहीं होगा जो, उसके बॉब्स का दीवाना नहीं होगा. लेकिन माँ बड़ी शरमीली हे, वो कभी कभी ही अन्जान लोगो से बात करती हे, यहाँ तक की इतने साल में माँ के साथ रहा, लेकिन माँ को कभी ढंग से छुआ तक नहीं मैने, क्यूँकि माँ ने कभी अपने पास इतना आने ही नहीं दिया और मेरे टीनएज में आने के बाद तो बिलकुल नहीं.. फिर मैं माँ को पटाने के बारे में सोचने लगा..लकिन कोई आईडिया नहीं आ रहा था दिमाग में ये था की एक दो दिन यहाँ रह के माँ के पास चला जाऊं, बड़े दिनों से देखा नहीं हे माँ को. माँ क बारे में सोचते सोचते पता नहीं मेरे दिमाग में आईडिया आया की क्यूना माँ पे एक ट्राय तो किया जाए, तो मैंने माँ के इ-मेल पे एक मस्त, और सिडक्टिव माँ-बेटा स्टोरी मेल कर दि, ऑफ़ कोर्स एक अन्जान आईडी से. अब देखना था की मोम, का रिप्लाई क्या होता हे. और फिर में फिर लैप टॉप को साइड में रक्खा और माँ के बारे में सोचते सोचते लंड हिलाते हुए सो गया.
दूसरे दिन सुबह में उठा और आवाज़ पे से लगा की चाचा अभी तक घर में हे, तो फिर उठने का मन नहीं किया. इसिलिये में ऐसे ही अपने बेड पे पड़ा रह, और सोने का नाटक करने लगा. थोड़ी देर बाद चाचा की कार के जाने की आवाज़ आयी, अब जा के कुछ मूड आया. फिर भी में बेड पे लिटा रहा और देखने लगा की चाची दरवाजा बंद कर के मेरे पास आती हे की नहीं.मैं बेड पे आराम से सोने का नाटक कर रहा था.
इतने में चाची जैसा मैंने एक्सपेक्ट किया था सीधे मेरे रूम में आई और मुझे देखने लगी..में सोने का नाटक करता रहा.
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02-27-2021, 01:03 PM,
#77
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अपडेट 80

चाची मेरे बेड के पास आई और मेरे बेड के पीछे का पर्दा हटाया, और रूम में रौशनी हो गयी, पर मुझे कुछ फर्क नहीं पडा, फिर चाची से रहा नहीं गया, तो वो मेरे पास में बेड पे बैठ गयी, चाची ने डार्क ओलिव कलर की साड़ी पहनी थी और मैचिंग ब्लौस, ऊपर से भीगे बाल थे, खुले हुए, आधे पीछे रक्खे थे और आधे अपने लेफ्ट बॉब्स को कवर कर रहे हो ऐसे, चाची ने मुझे उठाने से पहले एक दो सेकंड देखा, फिर चाची ने मेरे सीने पे अपना हाथ रक्खा और सीने को सहलाने लगी, फिर वो मेरे सीने पे निप्पल को चूमने के लिए झुकी, पर फिर रुक गयी और वापस उठने लगी की मैंने चाची को झट से पकड़ा और वो जो मेरे ऊपर थी, तो चाची को पलटा के में चाची के ऊपर आ गया, और चाची के बॉब्स पे सर रख के सो गया.
“अच्छा तो तुम जाग रहे थे, और देख रहे थे की में क्या करती हूँ”.
“हाँ”.
“क्या हा, ऐसे किसी के पर्सनल बिहेवियर को देखना ठीक नही”... चाची ने बनावटी गुस्सा दिखाते हुए मुझे अपने से अलग कर दि, तो में भी गुस्सा दिखाते हुये, अपने रूम से बाहर जाने लगा और चाची से कहा
“अच्छा तो ठीक हे, फिर आज मेरा कोई मूड नहीं हे, करना अकेले जो करना हो” और में बाहर जा रहा था की चाची ने पीछे से कहा
“गुस्सा आता हे तो ठीक हे, ग़ुस्से में अपने आप को भूलना नहीं चहिये, जरा अपना कुछ अंदर करो, कुछ कुछ दिख रहा हे. और वो हंस पडी, मैंने देखा तो मेरा अंडरवेअर कुछ निचे हट गया था तो मैंने पीछे मूड के उसे देखा और फिर चाची की और मुँह कर के मैंने अपने अंडरवेअर को दोनों हाथो से पकड़ा और फिर अपने दोनों गांड चिक्स दिखाते हुए फट से निचे किया और बाद में पेहन भी लिया. और में बाथरूम में चला गया. मैंने बाथरूम का डोर चाची की तरह जोर से पटका और खुला छोड़ दिया, में शुअर था की चाची जरूर आयेगी. इसिलिये में फुल नुड हो के नहाने लगा, लेकिन चाची नहीं आयी, वो बल्कि, बाथरूम के ठीक सामने ड्राइंग रूम में बैठ के टीवी देख रही थी और वो भी मुझे सुनाई दे ऐसे जोर से.
मै नहा के बाहर आया, मैंने सिर्फ शॉर्ट्स पहना था और बॉडी का ऊपर का पार्ट बिलकुल ओपन छोड़ दिया था चाची को पता था की उनके बाथरूम में न आने से में और भी गुस्सा करुँगा तो उन्होंने सामने से मुस्कुराते पूछा,
“क्या बात हे, रेशु, क्या मस्त बॉडी बनाई हे, क्या मसल्स हे, जरा पास आ तो, देखु तो तुझे. लेकिन में चाची से दूर बैठा और कहा
“अच्छा तो कल आपको पता नहीं चला, इस बॉडी के बारे में.
“कल किसी चीज़ का होश ही कहा था”. चाची बिचारि प्यार से बात कर रही थी और में झूठा घुस्सा फिर चाची से मैंने १० मिनट तक कोई बात नहीं की तो वो भी बिचारि किचन में जा के काम करने लगी और में भी अपने आप को गाली देणे लगा की साला झूठा काम करने की जरूरत क्या हे.
फिर तो चाची जब भी बिचारि किचन से किसी काम से बाहर आती तो में अपना हाथ अपने लंड के पास रख लेता और ऊपर निचे घुमाने लगता, लेकिन चाची देखति और अपने काम में लग जाती.
चाची पर साला कोई असर नहीं हो रहा था फिर में भी बोर हो के अपने रूम में चला गया और लैपटॉप उठाया और सोचा की देखु, कहीं माँ का कोई रिप्लाई तो नहीं आया.
लेकिन माँ के इ-मेल से कोई रिप्लाई नहीं था तो मैंने फिर से मस्त मस्त इरोटिक ६-७ स्टोरीज एक साथ वन बाय वन माँ को मेल कर दि, अब लग रहा था की माँ इतना तो पुछेगी की कौन हो तुम्, वग़ैरा वग़ैरा. फिर साथ साथ में पोर्न मूवी भी देखने लगा, मुझे पता था की इस टाइम माँ अपने क्लिनिक में होती हे, शायद पेशेंट्स भी कम होते हे, तो वो १००% ऑनलाइन तो होगी. फिर मैंने माँ को देखने के लिए की वो ऑनलाइन हे की नहीं मैंने अपने फेसबुक आईडी से लोगिन किया और माँ को देखने लगा, तो माँ सच में ऑनलाइन थी. फिर माँ से चाट करने लगा.
“हाय हनी.,..हो अरे रेशु..चाचि के यहाँ कुछ ज्यादा ही मज़ा आ रहा हे क्या..मॉम से फ़ोन पर भी बात नहीं करते”.
“नहीं माँ ऐसी कोई बात नहीं हे”.
बास ऐसे बात चल रही थी की माँ ने कहा की “अच्छा बेटा, एक काम कर तू दो तीन दिनों के लिए मेरे पास आ जा बाद में बड़ी चाची के पास जाना, मुझे भी तुझे देखने का बड़ा मन कर रहा हे, माँ ने जब ऐसे कहा तो मैंने भी माँ को हाँ कर दी और फिर लैपटॉप बंद कर के सोचने लगा. इतने में चाची अंदर आई और दरवाजे पे पोज़ बना के खड़ी हो गयी और कहा
“साहबजादे का गुस्सा उतरा की अभी भी हे...? चाची अभी भी लाइट मूड में थी.
“माँ से बात हो रही थी, वो कह रही थी, की में उनके पास चला जाऊं, बहुत दिनों से घर नहीं गया ना”. ये सुन के चाची के मुँह का रंग ही उड़ गया. सब पोज़ बोस हवा में गुम हो गया. फिर वो मेरे पास आई और मेरी और देखने लगी,
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02-27-2021, 01:03 PM,
#78
RE: XXX Sex Stories डॉक्टर का फूल पारीवारिक धमाका
अपडेट 81

मैने भी चाची की आँखों में आँखें दाल के कहा “में सच कह रहा हू”. रूम में दो मिनट के लिए एक दम शान्ति थी. चाची ने फिर बिना कुछ कहे, मेरे सर को अपने हाथों में लिया और जैसे मेरे सर को क्लिनिक में सहला रही थी, वैसे सहलाने लगी. और अपने बॉब्स में मेरे सर को दबाने लगी. बॉस चाची का ये बिहेवियर साला अजीब तो था पर फिर समझा की वो समझ गयी थी की में सच कह रहा हूँ और चला जाऊँगा तो, वो भी थोड़ी सी परेशान हो रही होगी, और बात करने के मूड में नहीं होंगी. मैंने भी चाची को अपनी बाँहों में भर लिया और चाची को मस्त अपने हाथों से दबाने लगा. इस बार तो मैंने चाची के बॉब्स को मेरे मुँह में ले लिया और मस्त ब्लाउज पे से ही चूस ने लगा, और क्या मज़ा आ रहा था फिर चाची से मैंने कहा,
“चाची आपके ब्लाउज का हुक लग रहा हे”. तो चाची ने फ़ौरन मेरी और देखा और अपणे ब्लाउज को अन बटन करने लगी, चाची के हाथों में अजब सी तेज़ी झलक रही थी. वो अब सारा टाइम मुझे ही देना चाहती थी, तो मैंने चाची से कहा, चाची रिलैक्स “आज जाऊँगा तो फिर लौटके भी आऊंगा, चिंता मत करो”. चाची ने अपना ब्लाउज खोल लिया था
“मुझे अभी कुछ समझ नहीं आ रहा, बस एक बैचेनी सी लग रही हे, क्या करू और क्या नहीं”. चाची बस अपने मन की बोलते बोलते उठ के दीवार की और मुँह कर के खड़ी हो गयी और ऐसे बोले जा रही थी की में उठ के चाची से सट गया और चाचि को दीवार से जकड लिया और चाची के दोनों हाथों को खोल के चाची के बॉब्स को भी दीवार से जकड लिया और चाची के कान में कहा
“कुछ कहने की जरूरत नही, सब ठीक होगा”. और चाची को किस करने लगा. चाची भी अब कुछ शांत लग रही थी. फिर मैंने चाची के दोनों हाथों से अपने हाथों को हटाते हुए चाची की गांड पे रक्खे और चाची के साड़ी को उतार ने लगा और फिर चाची के पाटिकट को भी उतार दिया. फिर चाची को दोनों हाथों से पकड़ा और बेड पे लीटा दिया और चाची के लिप्स को किस करने लगा, चाची भी अभी तो फुल सपोर्ट में किस कर रही थी, मुझसे भी ज्यादा पैशनेट लग रही थी. फिर २-३ मिनट तक मस्त किस करने के बाद जब मैंने चाची के लिप्स से अपने लिप्स हटाये तो चाची ने कहा
“रेशु, एक बात कहूँ”.
“अरे चाची ये भी कोई कहने वाली बात हे, प्लीज”.
“कल सच में चूसने में मज़ा आ गया था”. और में समझ गया की चाची को अब चूसने का नशा चढ़ गया हे. तो मैंने फट से अपना शार्ट उतारा और चाची के दोनों पैरों को पकड़ा और खिंच के बेड के बीच में ले दिया और चाची के ऊपर चढ़ के चाची के मुँह के पास जा के चढ़ गया. चाची ने अंडरवेअर में उठे हुए मेरे लंड को देखा और मस्त किस करने लगी, आ ह..अह..मज़ा आने लगा था,. फिर चाची ने अपने हाथों से मसलना शुरू किया और फिर पहले पीछे से अंडरवेअर निचे किया और फिर धीरे से आगे से भी उतार दिया और मेरा मस्त ९ इंच का हाथियार चाची के सामने आ गया और चाची ने उसे फट से अपने हाथसे पकड़ा और झट से जैसे ही देखा की अपने मुँह में ले लिया और मस्त चूसने लगी, अपने हाथ से ऊपर निचे करते हुए,
“आहे चाची अआप तो ससससच में मस्त कर रही हो...मज़ा आ रहा हे. . फिर मैंने पास से एक तकिया उठाया और चाची के सर के निचे रख दिया ताकी उन्हें आसानी हो, फिर मैंने चाची के मुँह को हलके हलके से चोदना शुरू किया, जैसे ही मैंने थोड़ी से स्पीड बढायी अपनी और से तो चाची ने चूसते हुए आँखों के इशारे से मन कर दिया, तो में रुक गया और चाची के बैक पे हाथ कर के चाची के ब्रा को अनहुक किया और ब्रा को उतार दिया, फिर मैंने चाची के दोनों पाँव को पकड़ा और चाची के दोनों पाँव को उठाया और चाची की पेन्टी को भी एक झटके में उतार दिया. फिर मुझे शैतानि सुझी तो मैंने फट से चाची के सर को पीछे से पकड़ा और झट से चाची के मुँह को चोदने लगा, वो भी मस्त स्पीड बढ़ाते हुये, चाची मना कर रही थी पर मैंने नहीं सुनि, और चाची को चोदने लगा. बस थोड़ी देर चोदा और फिर छोड़ दिया.
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02-27-2021, 01:03 PM,
#79
RE: XXX Sex Stories डॉक्टर का फूल पारीवारिक धमाका
अपडेट 82

चाची को थोड़ा सा गुस्सा तो आया पर फिर अच्छा भी लगा, फिर में चाची के निचे की और आ गया और चाची की चुत को मसलने लगा, चाची की चुत भी गीली हो चुकी थी. और मैंने चाची के दोनों पाँव को अलग अलग किया और चाची को तकिया कमर के निचे रखने को कहा, जिससे चाची थोड़ी ऊपर हो गयी और में चाची की चुत को चाटने लगा, चाची को बॉस मस्त नशा चढ़ने लगा था वो कल की तरह ही मस्त मॉनिंग कर रही थी. मुझे मज़ा आ रहा था फिर मैंने चुत को चाट्ने में टाइम ज्यादा नहीं दिया क्यूँकि पहले ये करने में मज़ा आ चुक्का था इसिलिये मैंने अपने लंड को पकड़ा और चाची की चुत पे रखा, पर अंदर डालने से पहले चाची की चुत पे मस्त रगडा, और सहलाने लगा. चाची भी मेरी हरकत का मज़ा ले रही थि, फिर मैंने चाची की चुत में अपना लंड डाला, एक झटके में तो नहीं गया, पर जरा सा जोर डालने से लंड अंदर चला गया, अभी भी पूरा अंदर नहीं जा रहा था मैं जोर दाल रहा था पर नहीं जा रहा था मतलब चाचा को ठीक से चोदना भी नहीं आता होगा.
फिर में मिशनरी स्टाइल में हलके हलके से चाची को चोदने लगा, और चाची के ऊपर ठीक आ गया. चाची की आँखें बंद थी, में चाची के बॉब्स अपने हाथ में ले लिया और चूसने लगा, बारी बारी दोनों बॉब्स को दबाया और दबाने भी लगा. चाची को मज़ा आ रहा था चाची के निप्पल भी मस्त कड़क हो के एक इंच तक शायद उठ चुके थे. मुझे डर था की कहीं चाची जल्दी ना झड जाये, पर ऐसा नहीं हुआ. मुझे अच्छा लगा, फिर मैंने थोड़ी सी स्पीड बढायी और थोड़ा तेज़ी से चाची को चोदने लगा, चाची के मुँह से आआह्..ओह की आवाज़ आने लगी.
“क्यों चाची दर्द हो रहा हो तो छोड़ दू क्या...? मैंने हँसते हुए कहा
“अरे बुद्धू, में तो कह रही हूँ की “आअह.आआह्ह्ह्ह, और अंदर आ”.. और चाची की बात सुन के मुझे और चाची को हँसी आ गयी और में चाची के लिप्स पे अपने लिप्स रख के किस करने लगा और चाची को और भी स्पीड में चोदने लगा. चाची की मॉनिंग और भी तेज़ हो रही थी, और वो में किस करते टाइम भी चाची दर्द वाली आवाज़ महसूस कर पा रहा था फिर मैंने चाची को पलटा और चाची को डॉगी स्टाइल में घुमा दिया और चोदने लगा. चाची को चोदने का मज़ा सच में बड़ा मस्त था
फिर चाची भी खुद ब खुद आगे पीछे भी मस्त हो रही थी. मेरी और चाची की थाय से टकराने की आवाज़ भी मस्त आ रही थी, और फिर मैंने चाची के राईट पाँव को पकड़ के ऊपर उठा लिया और साइड में कर के चोदने लगा, जिससे चाची की चुत और भी वाइड हो गयी, और स्पीड बढ़ने से मेरा पूरा लंड चाची की चुत में घुस गया, और फिर मैंने थोड़ा धीरे धीरे से फिर अपने पूरे लंड को चाची की चुत में डालना शुरू किया. थोड़े से धीरे स्ट्रोक्स के बाद मैंने चाची की चुत में जोर से पूरे स्ट्रोक्स डालने शुरू किये और सट सट चोदने से चाची और भी जोर से चीखने लगी और शुरू शुरू में तो कहा, बस रेशु और मत करो, प्लीज रुको और में तो और भी तेज़ी से चाची को चोदने लगा और चाची की चीखे और भी तेज़ होने लगी ओर वो जैसे जोरदार बर्निंग हो रही हो ऐसे “ओफ्फफ्फुफ्फफ्फ...ह्ह्ह्हूँऊफ्फ”.. करने लगी, लेकिन मस्त चोदने के बाद चाची की चीखे जोर के बदले प्लेजर में कन्वर्ट हो गयी और फिर से आराम से आआह .ओह.. करने लगी, फिर मैंने चाची को पलटा दिया और चाची को फिर से मिशनरी पोजीशन में ड़ाला पर अपने दोनों हाथों से चाची के पाँव को बांध दिया, चाची को समझ में नहीं आया, और वो मेरे चेहरे को देख रही थी, पर मैंने शुरू में आराम से चोदना किया, पर एक दो झटको में ही मैंने चाची की मस्त चुदाई करने लगा. और फिर से चाची की मॉनिंग स्टार्ट हो गयी.
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02-27-2021, 01:04 PM,
#80
RE: XXX Sex Stories डॉक्टर का फूल पारीवारिक धमाका
अपडेट 83

चाची ने कहा भी , एक दो मिनट शांति तो रख. लेकिन मैंने सुना नहीं और चाची को बस चोदने लगा और मेरे अंदर बाहर होते लंड के साथ साथ चाची के प्लेजर में भी इजाफ़ा होने लगा और वो भी मचलने लगी और वो जोर जोर से अंगड़ाइयाँ भी लेने लगी, में समझ गया की चाची अब शायद झड़ने वाली हे तो मैंने और भी जोर लगा के चाची को चोदना शुरू किया और कन्टिन्यूसली चाची के चुत में पूरा लंड डालने लगा. चाची अपने हाथ को मेरी पकड़ से छुड़ाने मे लगाने में लगी थी, आखिर मैंने चाची के हाथों को छोड़ दिया और वो अब अपने जी-स्पॉट को मसलने लगी और और भी सिड्यूस होने लगी, और मेरे बैक को जैसे नोच रही हो ऐसे हाथ फ़ेरने लगी, सच में एक दो ख़रोंच भी आई और दर्द हुआ तो मैंने चाची की और ग़ुस्से में देखा, लेकिन चाची ने बेबी फेस बना के सॉरी कहा और फिर चाची ने झटके से अंगडाई ली और स्क्वीरट करने लगी और सब वाइट लिक्विडे बाहर आने लगा, में भी अब शायद झड़ने वाला था इसीलिए मैंने चोदना कंटिन्यू रक्खा और चाची को एक्साइट रखने के लिये, अपने हाथ से चाची के ग-स्पॉट को मसलने लगा, और दो मिनट तक चोदने के बाद मुझे भी लगा की में झाड़नेवाला हूँ तो मैंने अपना लंड चाची चुत की गहराई मे पूरा अंदर डालकर चोदने लगा और चाची की चुत में झड़ने लगा चाची की चुत मे सारा लिक्विड दाल दिया, और चाची के ऊपर गिर गया.
हम दोनों की साँसे तेज़ चल रही थी, और चाची की निप्पल्स अब भी कड़क तो थी और तेज़ी से बॉब्स ऊपर निचे हो रहे थे, फिर में चाची की साइड में हो गया और हम दोनों कुछ देर ऐसे ही पंखे के निचे सीधे न्यूड हो के पड़े रहे, फिर चाची ने पहल की और मेरी और पल्टी और मेरे छाती पे अपना सर रख के मेरी और देखते हुए कहा, मज़ा आ गया. काश दो तीन दिन पहले ही मैंने तुम्हे मौका दे दिया होता, तो और भी मज़ा आता. चाची की मुस्कराहट से उनका सटिस्फैक्शन साफ़ झलक रहा था वो सच में सेक्स के मामले में आज खुश लग रही थी.
फिर हम कुछ देर के लिये सो गये शाम को चाचा का फोन आया आज वह नही आ सकते कुछ जरूर ऑपरेशन आ गया है कल दोपहर को आ जाएंगे सुनकर मुझे बहुत खुशी हुई कि चलो चाची के साथ एक और दीन मिल गया चाची भी बहुत खुश हो गई खुशी के मारे मुझे चूमने लगी शाम को हमने जल्दी खाना खाया उस दिन शाम से ही जोरदार बारिश शुरू हुई आज मेरी बहुत इच्छा हुई बारिश में भीगने की तो मैंने चाची से कहा
“चाची मुझे बारिश में नहाना है” !

तो वो बोली- “नहा लो” !

मैंने कहा- लेकिन अकेले नहाना बारिश में अच्छा नहीं लगता ! कोई साथ देने वाला हो तो मजा आये.

चाची मेरा इशारा समझते हुए बोली- “ठीक है, मैं भी चलती हूँ” !

मुझे तो मानो मुँहमांगी मुराद मिल गई थी.

चूंकि हमारे गाँव में घरों के बीच में एक खुला आँगन बना होता है जहाँ कोई छत नहीं होती तो बारिश का पानी सीधे घर में आ रहा था और बारिश में नहाने के लिए हमें कहीं बाहर जाने की जरूरत नहीं थी और इस बात की भी कोई चिंता नहीं थी कि कोई बाहर वाला यह सब देख लेगा.

और मैंने मेरे सारे कपड़े उतार दिए सिर्फ शार्ट और बनियान पहने रहा.
फिर मैंने चाची से कहा- आप भी आओ !

तो वो बोली- मैं भी साड़ी उतार कर आती हूँ !

और साड़ी उतार कर वो भी बारिश में भीगने लगी. चाची को बारिश में भीगते देख कर तो मेरी शॉर्ट में तम्बू बन ही चुका था और बारिश में उनका गोरा भरा हुआ बदन ऐसा लग रहा था जैसे कि स्वर्ग से कोई अप्सरा जमीन पर आकर बारिश में भीग रही हो.

सच कहता हूँ दोस्तो, अगर इन्द्र ऊपर से उन्हें तब देख रहा होगा तो सोचता होगा कि यह स्वर्ग में क्यों नहीं है...

खैर मैं उन्हें देख कर अपने होशोहवास तो लगभग खो ही चुका था, तो मैं बोला- चाची, यह गलत बात है ! मैं लगभग नंगा हूँ और आपने पूरे कपड़े पहने हैं !

तो चाची बोली- ऐसी बात है तो मेरे कपड़े भी अपने जितने कर दो.

चाची के इतना कहने की देर थी और मैं सबसे पहले उनके पीछे गया और उन्हें मेरे कड़क लंड का अहसास उनके नरम नितम्बों पर कराया, उस अहसास को महसूस करके चाची की सिसकी ही निकल गई थी. मैंने पीछे से एक हाथ लेकर चाची के पेट पर हाथ चलाते हुए उनकी नाभि पर पकड़ लिया और दूसरा हाथ उनके गीले बदन पर चलाते हुए उनके ब्लाउज के बटन एक एक कर के खोलने लगा और उनके दोनों बोब्स एक ही हाथ से एक एक कर के दबाने भी लगा.

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