12-20-2019, 12:44 PM,
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RE: Hindi Sex Kahani सियासत और साजिश
गुरमीत: ओह लकी अहह अहह करोनन्न नाआआआ ओह ओह अहह सीईईईईईईईईईई उहह सीईईईईई सीईईईईईईई अहह अहह ओह उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह करो ना जल्दी करो
लकी से भी गुरमीत की टाइट चूत की गरमी बर्दास्त नही हुई और वो भी गुरमीत की चूत मे लंड को अंदर बाहर करने लगा पूरे कमरे मे फॅक फॅक और गुरमीत की सिसकारियों ने मोहोल को गरम बना दिया था दोनो अपनी तरफ से अपनी कमर हिला रहे थी लंड अंदर बाहर हो रहा था लकी के लंड के सुपाडे का घर्सन गुरमीत अपनी चूत की दीवारों पर महसूस करके दूसरी बार झड़ने के करीब थी और अपनी चूत को और तेज़ी से लकी के लंड पर पटकने लगी……
गुरमीत: अहह अहह ह अहह लुक्कयययी मेरीए फुडीईई अहह पानी छोड़ने वाली है अहह अहह
लकी: मेरा भी निकलने वाला है अहह
और दोनो कुछ ही धक्कों के बाद झड़ने लगी लकी का वीर्य गुरमीत को अपनी बच्चे दानी मे भरता हुआ महसूस हो रहा था …कुछ देर बाद दोनो शांत पड़ गये
जैसे ही दोनो की साँसे दुरस्त हुई.....दोनो फिर से एक दूसरे को किस करने लगी...
गुरमीत (शरमाते हुए) लकी जिस तरह तुम मुझ रोज चोदने लगे हो...मुझ लगता है...मे जल्दी ही पेट से हो जाउन्गी...
लकी: तो क्या हुआ..जान हम जल्द ही शादी कर लेंगे....मे तुम्हारे बिना अब एक पल भी नही रह सकता
और लकी ने फिर से गुरमीत के होंठो को अपने होंठो मे ले लिया....लकी का लंड सिकुड कर गुरमीत की चूत से बाहर आ चुका था...दोनो एक दूसरे ऐसे लिपटे हुए थे...जैसे नाग नागिन का जोड़ा हो....
लकी पलट कर गुरमीत की बगल मे आकर लेट गया....गुरमीत ने लकी की तरफ करवट बदल ली...और लकी के हाथ को पकड़ कर अपने तने हुए निपल पर रख दिया...लकी अपनी आँखें बंद किए लेटा हुआ था....
गुरमीत: क्या हुआ नींद आ रही है ?
लकी: हां अब मुझ सोने दो....
गुरमीत: क्या इतनी जल्दी सोना है....
लकी: ओरर क्या करना है तुम्हें.......सारी रात सेक्स के मूड मे हो...
लकी ने अपनी आँखें खोली और, गुरमीत की तरफ देखा.... गुरमीत ने शरमाते हुए हां मे सर हिला दिया...लकी ने गुरमीत को अपनी तरफ खींच कर अपने से सटा लिया...गुरमीत ने अपनी एक टाँग को उठा कर लकी की जाँघ पर रख दिया...
गुरमीत: (शरमाते हुए) नही मे तो वैसे ही मज़ाक कर रही थी...अच्छा अब अच्छे बच्चे की तरह सो जाओ
दोनो एक दूसरे के बाहों मे लपेटे हुए...कब सो गये...दोनो मे से किसी को पता नही चला....
दूसरी तरफ अगले दिन राज सुबह उठ चुका था...आज वो जॉगिंग के लिए नही गया था....क्योंकि उसको नाश्ता आज खुद ही बनाना था....जब राज तैयार हो कर कॉलेज पहुँचा ,तो उसे कॉलेज के कम्पाउन्ड मे ललिता अपनी किसी फ्रेंड के साथ खड़ी हुई दिखाई दी....जब ललिता की नज़र राज पर पड़ी...तो उसके होंठो पर मुस्कान आ गयी...
ललिता: (अपनी फ़्रेंड से) तू रुक मे ज़रा आती हूँ
ललिता'स फ्रेंड्स: पर अब कहाँ जा रही है...क्लास शुरू होने वाली है....
ललिता: ऐसा कर तू क्लास मे चल मैं आती हूँ
राज भी ललिता को ही देख रहा था...ललिता कॉलेज की केफे की तरफ जाने लगी...ललिता ने राज की तरफ देख,और राज ने ललिता की आँखों मे देखा...कोई इशारा नही हुआ, पर राज ललिता की आँखों की बात को समझ गया, और ललिता के पीछे-2 केफे मे आ गया...राज तेज़ी से चलता हुआ ललिता से पहले केफे मे पहुँच गया...और जाकर एक कोने मे लगे टेबल पर जाकर कुर्सी पर बैठ गया...ललिता के होंठो पर मुस्कान आ गयी...ललिता ने इधर उधर देखा...और राज के पास गयी....
राज : (ललिता को देख कर ऐसे बोला जैसे उसने अभी ललिता को देखा हो) अर्रे ललिता जी आप आइए बैठिए
ललिता शरमाते हुए राज के सामने कुर्सी पर बैठ गयी....
राज : अब आपका पैर कैसा है ललिता जी
ललिता: उम्ह्ह अब ठीक है...आज आप सुबह जॉगिंग करने ग्राउंड मे क्यों नही आए....
राज : क्यों आप मेरा इंतजार कर रही थी....
ललिता एक दम से शरमा गयी....ललिता शरमाते हुए और भी सुंदर लग रही थी...ललिता के गाल शरम के मारे लाल हो चुके थे......
ललिता: नही नही वो बात नही है, ऐसे ही पूछ लिया
राज :मे तो मज़ाक कर रहा था....दरअसल वो लकी है ना..जो मेरे साथ मेरे फ्लॅट मे रहता है...वो कल अपने घर गया है....दो दिन बाद आएगा....इसीलिए सुबह टाइम नही मिल पाया...
ललिता: तो आप यहाँ अकेले रहते हैं
राज : जी हां
धीरे-2 दोनो एक दूसरे के बारे मे बातें करने लगे....ललिता अब राज के घरबार के बारे मे जान चुकी थी...ललिता के पिता भी बहुत ही बड़े ज़मींदार थे.....और ललिता भी अलीगढ़ की रहने वाली थी....बातों बातों मे दोनो को टाइम का पता नही चला...उनकी एक क्लास मिस हो चुकी थी...
अचंक राज ने घड़ी मे टाइम देख.....
राज : ओह्ह यार आज की पहली क्लास मिस हो गयी.....
ललिता: ओह्ह नो यार मेरी फ्रेंड क्या सोच रही हो गी....मे उसे 5 मिनट का बोल के आई थी...और 1 घंटा निकल गया.....
राज : ठीक है अब आप अपनी अगली क्लास आटेड कर लो....वैसे भी आज मेरा मूड नही...मे घर वापिस जा रहा हूँ....
ललिता: (एक शरारती मुस्कान होंठो पर लाते हुए) वैसे दिल तो मेरा भी नही क्लास मे जाने का....
राज : तो चलो कहीं घूमने चलते हैं
ललिता: मेने कब कहा कि मे तुम्हारे साथ घूमने चल रही हूँ...वो तो क्लास मे जाने का मन नही है बस
राज : (एक दम से राज का चेहरा उतर गया) चलो ठीक है बाइ मे घर चलता हूँ (और राज उठ कर जाने लगा....राज को यूँ उदास देख कर ललिता के होंठो पर मुसकन आ गयी)
ललिता: राज एक मिनट
राज : जी
ललिता: क्या आप मुझ घर छोड़ देंगे
राज : जी ठीक है....
और दोनो केफे से बाहर आ गये...राज अपनी कार लाने चला गया....जब राज कार लेकर आया..तो ललिता उसका गेट पर खड़ी इंतजार कर रही थी...ललिता राज की कार की आगी वाली सीट पर बैठ गयी....राज का चेहरा उतरा हुआ था....दोनो ने सारे रास्ते मे कोई बात नही की...ललिता का घर आ गया था...
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RE: Hindi Sex Kahani सियासत और साजिश
लकी पीठ के बल लेटा हुआ...गुरमीत को देख रहा था...अचानक गुरमीत लकी के लंड के ऊपेर झुक गयी....और अपना मुँह खोल कर लकी के लंड के सुपाडे को मुँह मे ले लिया...और अपने होंठो को लकी के लंड के सुपाडे पर कस लिया...और धीरे -2 लकी के लंड को अपने मुँह के अंदर बाहर करके चूसने लगी...लकी गुरमीत के होंठो की रगड़ को अपने लंड के सुपाडे पर महसूस करके सिहर उठा...उसे यकीन नही हो रहा था...कि गुरमीत उसके लंड को मुँह मे लेकर चूस रही है...धीरे-2 गुरमीत तेज़ी से लकी के लंड के सुपाडे को चूसने लगी...लकी का लंड अब एक दम तन चुका था...लकी का लंड पच-2 की आवाज़ से गुरमीत के मुँह को चोद रहा था...
थोड़ी देर बाद गुरमीत ने अपने मुँह से लकी के लंड को निकाल दिया....और अपनी नाइटी को एक झटके मे निकाल कर फेंक दिया...गुरमीत ने नीचे कुछ नही पहना था...लकी इससे पहले कुछ करता...गुरमीत लकी के दोनो तरफ अपनी टाँगों को करके लकी के ऊपेर आ गयी....और फिर लकी की आँखों मे वासना भरी नज़रों से लकी की तरफ देखते हुए...एक हाथ से लकी के लंड को पकड़ कर अपनी चूत के छेद पर लगा दिया...और अपनी चूत को लकी के लंड पर दबाने लगी...लकी का लंड गुरमीत की चूत के दीवारों को फैलाता हुआ अंदर घुस गया...और सीधा जाकर बच्चेदानी से सट गया...गुरमीत ने मस्ती मे बंद हुई,अपनी आँखों को खोला और लकी की तरफ देखते हुए बोली........
गुरमीत: (मदहोशी से भरी आवाज़ मे) लकी अब मुझसे कभी ना रूठना....तुमने मुझे क्या बना दिया है....मे तुम्हारे बिना एक पल भी नही जी पाउन्गी...तुम्हारी गुरमीत मर जाएगी...तुमसे दूर होकर....
लकी ने गुरमीत को अपने ऊपेर झुका लिया....और उसके होंठो को चूमता हुआ बोला...
लकी: नही जान मे तुम्हें कभी नही छोड़ूँगा....
और लकी ने गुरमीत के होंठो को अपने होंठो मे ले लिया...और चूसने लगा...दोनो पागलों की तरह एक दूसरे के होंठो को चूस रहे थे...लकी ने अपने हाथों से गुरमीत के चुतड़ों को पकड़ कर मसलना चालू कर दिया....गुरमीत अपनी गान्ड को ऊपेर नीचे उछालने लगी.....कुछ ही पलों मे गुरमीत पूरे जोश मे आ चुकी थी...और अपनी गान्ड को तेज़ी से ऊपेर की तरफ उछाल कर फिर नीचे पटक कर लकी के लंड को अपनी चूत मे लेकर चुदाई का मज़ा ले रही थी...
गुरमीत: आहह लकी तुम्हारी लंड्ड मे ऐसीए क्या जादू हाईईईई जूऊओ मेरे फुद्दिईईईईई तुम्हारे लौडे के बिना एक पलल्ल्ल्ल्ल्ल नही रह पतिईईईईई....इश्स फुद्दी की खुजली मिटा दो....और दोनो तेज़ी से अपनी कमर को हिलाने लगे...लंड फॅक-2 की आवाज़ से अंदर बाहर होने लगा..और करीब 10 मिनट की लगातार चुदाई मे दोनो झड कर हाँफने लगे
जैसे ही लकी का लंड सुस्त पड़ा...गुरमीत लकी के ऊपेर से उठ कर उसकी बगल मे लेट गयी....और लकी के फेस को अपने हाथों मे लेटे हुए उसे फ्रेंच किस करने लगी...
गुरमीत: अब तो नाराज़ नही हो ना....
लकी: (मुस्कुराते हुए) भला मे अपनी जान से कैसे नाराज़ हो सकता हूँ...
और लकी गुरमीत के होंठों को अपने होंठो मे लेकर ज़ोर से चूस देता है....दोनो 15 मिनट तक यूँ ही एक दूसरे के बदन को सहलाते हुए...एक दूसेरे के होंठो को चूमते रहते हैं...गुरमीत बेड से उतर कर जाने लगती है....
लकी: (गुरमीत को उठता देख कर) क्या हुआ कहाँ जा रही हो...
गुरमीत: मे अभी बाथरूम जाकर आती हूँ...
और गुरमीत बाथरूम मे घुस्स जाती है....और लकी उठ कर अपने लंड को एक पुराने कपड़े से सॉफ करता है...जैसे ही गुरमीत बाहर आती है...तो वो लकी को अपने लंड को सॉफ करता देख कर उसके पास आ कर नीचे बैठ जाती है.....
लकी: क्या हुआ ऐसे क्यों बैठ गयी....
गुरमीत: (लकी के सिकुडे हुए लंड को अपने हाथ मे लेते हुए)क्यों इसे गंदे कपड़े से सॉफ कर रहे हो....
लकी: तो और किस से करूँ....
गुरमीत लकी को वासना से भरी नज़रों से देखती है...और उसके सिकुडे लंड की चमड़ी को पीछे करके देती है...जिससे उसके लंड का गुलाबी सुपडा बाहर आ जाता है...और बिना देर किए...लकी के सिकुडे हुए लंड को मुँह मे ले लेती है...लकी के बदन मे मस्ती की लहर दौड़ जाती है....और वो उसके खुले हुए बालों मे अपने हाथ की उंगलियों से सहलाने लगा जाता है...
लकी: अह्ह्ह्ह गुरमीत ऐसे तो तुम मुझ अपना दीवाना बना दोगी....
गुरमीत लकी के लंड को मुँह मे ले लिया...अपनी नज़रों को ऊपेर करके लकी की आँखों मे बड़े ही मादक अंदाज़ मे देखती है...और उसके लंड के सुपाडे को ज़ोर-2 अपने होंठो और जीभ से चाटने लग जाती है...कुछ ही पलों मे लकी का लंड फिर से तन चुका था.....अब लकी की बर्दास्त से बाहर हो रहा था...लकी ने गुरमीत के सर को दोनो हाथों से पकड़ कर...गुरमीत को ऊपेर उठा दिया...और गुरमीत की आँखों मे देखने लगा....
गुरमीत की आँखें वासना के नशे मे डूबी हुई..बंद हुई जा रही थी....उसकी साँसे तेज़ी से चल रही थी...वो लकी की छाती से एक दम चिपक गयी....लकी उसके होंठो को अपने होंठो मे लेकर चूसने लगा...दोनो बिल्कुल एक दम नंगे खड़े एक दूसरे से चिपके हुए थे.....
लकी गुरमीत के होंठो को थोड़ी देर चूसने के बाद...धीरे-2 नीचे आने लगा...वो गुरमीत की नेक और चुचियों के ऊपेर के हिस्से को अपनी जीभ निकाल कर चाट रहा था...गुरमीत की चूत एक बार फिर से गरम हो कर लकी के लंड को लेने के लिए बेताब हुई जा रही थी....जैसे-2 लकी गुरमीत के बदन को चूमता हुआ नीचे आ रहा था...वैसे-2 गुरमीत के निपल तन कर कड़े होते जा रहे थे....
जैसे ही लकी ने गुरमीत की लेफ्ट चुचि के निपल को मुँह मे ले लिया...गुरमीत के बदन मे सिहरन दौड़ गयी...और वो लकी के गले मे दोनो बाहों को डाल कर लकी के फेस को अपनी चुचियों पर दबाने लगी....
लकी किसी भूखे बच्चे की तरह...गुरमीत के कड़े हो चुके गुलाबी निप्पल को चूस रहा था...गुरमीत आह अहह ओह करती हुई...लकी के बालों मे अपनी उंगलियों को घुमा रही थी....
गुरमीत: अहह लकीयी हइईई ओह औरर्र चुस्स्स मेरे ममो को अहह और ज़ोर से चूस.......
लकी ने गुरमीत के लेफ्ट निपल को मुँह से निकाल कर दूसरे निपल को मुँह मे ले लिया...जैसे ही गुरमीत के लेफ्ट निपल लकी के मुँह से बाहर आ आया...तो गुरमीत को अपने लेफ्ट निपल पर सरसराहट सी महसूस होने लगी...गुरमीत अपने एक हाथ से अपने लेफ्ट निपल को अपनी उंगलियों मे लेकर खुद ही मसलने लगी....
गुरमीत के चूत ने पानी छोड़ना चालू कर दिया....
गुरमीत: अहह लकाइयियी बसस्सस्स बसस्स्स्सस्स अब जल्दीीईई सीए मेरे फुद्दिईई मेन्णन्न् अपना लौडा डाल कारर्र मुझीई चोद दूओ अहह
लकी ने गुरमीत की बात को मानते हुए...उसे बेड के किनारे पर खड़ा कर के झुका दिया...गुरमीत अपने दोनो घुटनो को बेड के किनारे रख कर आगे की तरफ झुक कर डॉगी स्टाइल मे आ गयी....
डॉगी स्टाइल मे आने के बाद गुरमीत आगे से थोड़ा सा झुक गयी...और अपनी कमर को थोड़ा सा अंदर करके अपनी गान्ड को ऊपेर की तरफ कर लिया....
जिससे गुरमीत की चूत बाहर की तरफ आ गयी....और उसकी चूत का छेद लकी के लंड के ठीक सामने आ चुका था...गुरमीत की चूत का छेद उतेजना के मारें सिकुड और फेल रहा था...जैसे लकी के लंड को अपने अंदर घुसने का निमंत्रण दे रहा हो...लकी गुरमीत के पीछे आ गया...और अपने लंड को पकड़ कर लंड के सुपाडे को गुरमीत की चूत के छेद पर लगा दिया....
जैसे ही लकी के लंड का मोटा गरम सुपाडा गुरमीत की चूत के छेद पर लगा...गुरमीत एक दम से सिहर गयी...उसके पूरे बदन मे करेंट सा दौड़ गया...और उसने एक मस्ती भरी आह भरते हुए अपने होंठो को दाँतों मे भींच लिया...
लकी ने अपने लंड को धीरे-2 गुरमीत के छेद मे घुसाना चालू कर दिया...जैसे ही लकी के लंड का सुपाडा...गुरमीत की चूत की दीवारों को फैलाता हुआ अंदर घुस्सने लगा....गुरमीत ज़ोर-2 से सिसकारियाँ भरने लगी....
गुरमीत: अहह अहह लुक्कययययी हाआँ घुस्स्स्स दूऊ अपना लनड्ड्ड मेरी फुद्दिईईईई मे अहह माआररररर डी मेरी फुद्दीई अहह लकीयी
लकी का लंड जड तक गुरमीत की चूत मे पूरा समा चुका था...गुरमीत मस्ती मे आकर अपनी गान्ड को आगे पीछे करके....लकी के लंड को अपनी चूत के अंदर बाहर करके अपनी चूत को चुदवाने लगी...लकी ने भी गुरमीत की कमर को दोनो हाथों से थाम कर तेज़ी से धक्के लगाने चालू कर दिए...लंड फॅक-2 की आवाज़ से गुरमीत की चूत के अंदर बाहर होने लगा....
गुरमीत: अहह ओह लकईयीयैआइ और जोर्र्र्र से चोद्द्द्द्द अहह और जोर्र्र्रर सीए जोर्र्र से चोद्द्द्द्द्द
लकी गुरमीत की बातों को सुन कर जोश मे आ आ गया...और गुरमीत की कमर को पकड़ कर ताबड तोड़ धक्के लगाने लगा....दर्द और मज़े मे गुरमीत एक दम गरम हो चुकी थी...पूरे रूम मे फॅक-2 थप-2 और गुरमीत की मस्ती भरी आहहें गूँज रही थी...10 मिनट की ताबड तोड़ चुदाई मे दोनो झड गये....लकी ने अपना लंड गुरमीत की चूत के छेद से बाहर निकाल कर...बेड पर गिर पड़ा ...गुरमीत की चूत से पानी बह कर उसकी जाँघो तक आ रहा था...गुरमीत लकी की छाती पर सर रख कर लेट गयी....और उसके सिर के बालों मे अपनी उंगलियों को फेरने लगी...
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RE: Hindi Sex Kahani सियासत और साजिश
दूसरे दिन जब राज कॉलेज पहुँचा...तो उसकी नज़र ललिता को ढूँढने लगी...पर काफ़ी इंतजार के बाद भी उसे ललिता नज़र नही आई...राज क्लास मे चला गया...जब उसकी पहली क्लास ख़तम हुई..तो वो बाहर आया..बाहर ललिता राज की क्लास के बाहर खड़ी थी...उसने राज को देख कर स्माइल पास की....
राज : (ललिता के पास जाकर) कहाँ रह गयी थी आप
ललिता: वो मे आज लेट हो गयी थी..
राज : चलो बाहर केफे मे चलते हैं...
ललिता: जी
और दोनो केफे मे आ गये....
राज : ललिता चलो कही घूमने चलते हैं....
ललिता: नही राज प्लीज़ बुरा ना मानना कल भी क्लास मिस हो गयी थी....
राज : एक दो दिन मे क्या फरक पड़ता है....
ललिता: (मुस्कुराते हुए) अच्छा जनाब कल की तरह कोई हरकत तो नही करोगे...
राज : तुम मुझ पर विस्वास नही करती....
ललिता: नही-2 मे तो ऐसे ही मज़ाक कर रही थी....चलो जहाँ ले कर जाना चाहते हो...ले चलो
राज और ललिता उठ कर कॉलेज से बाहर आ गये....
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दोस्तो अब यहाँ से कहानी को थोड़ा आगे ले जा रहा हूँ...राज अपने माँ बाप की एक लौति संतान था...इसीलिए उसने अपनी दिल की बात अपनी माँ को कह दी थी....और राज के माता पिता का इतना रुतबा था.कि ललिता के मम्मी पापा ने झट से इस रिस्ते के लिए हामी भर दी...दूसरी तरफ राज और लकी दोनो का कॉलेज ख़तम हो चुका था...लकी की माँ और पिता जी भी थोड़ी नाराज़गी के बाद अपने बेटे की ज़िद्द के आगे झुक गये.और लकी और गुरमीत की शादी हो गयी....लकी और गुरमीत की शादी के ठीक एक साल बाद ललिता और राज की शादी का दिन तय हो गया....
ललिता और राज की शादी के 15 दिन पहले.....
राज आज फिर से अमृतसर मे आया हुआ था...उसने ललिता को फोन करके बता दिया था...और अपने उस फ्लॅट मे ललिता को बुलाया था...अपनी शादी के शॉपिंग करने के लिए...दोनो ने ढेर सारी शॉपिंग की...और जब ललिता अपने घर वापिस जाने की तैयारी कर रही थी...
राज : ललिता मे अब ये 15 दिन तुम्हारे बिना कैसे रहूँगा...
ललिता: (मुस्कुराते हुए) क्यों जहाँ इतना इंतजार किया है...वहाँ 15 दिन और सही...
राज सोफे पर बैठा हुआ था...ललिता राज के उदास चहरे को देख नही पाई...और उसके पास जाकर उसकी गोद मे बैठ गयी....और उसके गालों पर किस करने लगी....
ललिता: तुम तो बच्चों जैसे रूठ जाते हो....
राज ललिता को अपने इतना करीब पा कर...एक दम से गरम हो गया...ललिता का बदन राज के बदन से रगड़ खा रहा था....
राज ने अपने बाहों को ललिता की कमर मे कस लिया. और राज के हाथ ललिता की कमर से लेकर उसके चुतड़ों तक टहल रहे थे. ललिता राज की बाहों मे कसमसाने लगी.
ललिता: (काँपती हुई आवाज़ मे) क्या कर रहे हो आप. मुझ आप के इरादे ठीक नही लग रहे. थोड़े दिन और सबर कर लो. फिर मुझ अपनी बाहों मे समेटे रखना.
और ये कहते हुए ललिता ने राज के लिप्स पर एक छोटा सा किस कर दिया. राज ने अपनी आँखों से ललिता की आँखों मे देखा. ललिता की आँखें भी वासना के मारें लाल हो चुकी थी.
राज : ओह्ह जान अगर हम शादी कर ही रहे हैं. तो इसमे हऱज ही क्या है.
ललिता: प्लीज़ मेरी बात को समझने की कॉसिश करो. मे सुहागरात को तुम्हें अपना कुँवारापन गिफ्ट मे देना चाहती हूँ.
राज : ओह्ह अच्छा ये बात है. चलो तब तक के लिए मुझ तुमसे थोड़ा प्यार ही करने दो.
ललिता राज की बात सुन कर शरमा गयी. और राज की गोद मे बैठे हुए उसेसे चिपक गयी. राज ललिता की पीठ को सहलाता हुआ. ललिता की नेक पर अपने होंठो को रगड़ने लगा. ललिता उसकी गोद मे बैठी छटपताए जा रही थी.ललिता की साँसें तेज़ी से चलने लगी.राज ललिता की नेक को किस करता हुआ ललिता के क्लीव्ज को चूमने लगा. ललिता मस्ती मे आकर अह्ह्ह्ह सीईइ उंह करने लगी.
राज : ओह्ह्ह ललिता मे तुम्हारे बिना एक पल भी नही रह सकता.
ललिता: मे भी आप के बिना नही रह सकती. ओह्ह्ह्ह मुझे जल्दी से अपने घर ले चलो. मे अब तुम्हारे बिना नही रह पाउन्गी.
राज ने अपना एक हाथ आगे लाकर ललिता की अन्छुइ चुचियों पर रख दिया. और धीरे से दबा दिया. ललिता के मुँह से आह निकल गयी. और वो राज की बाहों मे कसमसाने लगी.
ललिता ने राज के फेस को अपने दोनो हाथों मे लेकर ऊपेर उठाया. और राज की आँखों मे देखने लगी. ललिता तेज़ी से साँसे लेते हुए हाँफ रही थी. उसकी आँखें मस्ती के कारण पूरी तरहा खुल नही पा रही थी.
ललिता: ओह जान तुम मुझे क्या कर रहे हो. मे बहक जाउन्गी.
राज :तो बहक जाओ ना. मुझ अपने रसीले होंठो को एक बार चूसने तो दो.
ललिता ने मस्ती मे आकर अपनी आँखों को बंद करके अपने होंठो को राज के होंठो पर रख दिया. दोनो पागलों के तरहा एक दूसरे के होंठो को किस कर रहे थे. ललिता राज की गोद मे बैठी उसकी बाहों मे पिघलने लगी थी. राज ने अपना हाथ उसकी चुचि से हटा कर धीरे -2 नीचे लाना शुरू कर दिया. जैसे-2 राज का हाथ नीचे आ रहा था. ललिता के बदन मे मे वासना का तूफान ज़ोर पकड़ रहा था. ललिता का पूरा बदन कांप रहा था.
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