03-04-2020, 10:51 AM,
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RE: Incest Sex Kahani रिश्तो पर कालिख
रात को तकरीबन 11.30-12 बजे जंगल मे ही कही....एक नक़ाब पोश के सामने 4 आदमीीयो की घिघी बँधी हुई थी...
एक--मेरी इस में कोई ग़लती नही है.....जैसा आपने उस सीढ़ी को काटने की बोला मैने वैसा ही किया था....
नक़ाबपोश--जैसा मैने कहा अगर वैसा करते तो 70 किलो के आदमी की जगह 40 किलो की लड़की नही गिरती वहाँ से.....तुम लोग आलसी हो गये हो एक काम भी ढंग से नही होता तुम लोगो से...,
दूसरा आदमी--हमे लगा था पहले लड़की उतरेगी इस लिए. थोड़ा कम काटा सीढ़ी को हमने...अगली बार बच नही पाएगा वो लड़का हम से.....
नक़ाबपोश--अगली बार का मोका अब तुम लोगो को नही मिलेगा......धाय.....धाय....एक के बाद एक 4 फाइयर उस नक़ाब पॉश की रिवॉलव ने कर दिए....और वो चारो जहाँ खड़े थे वही लुढ़क गये....
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03-04-2020, 10:52 AM,
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RE: Incest Sex Kahani रिश्तो पर कालिख
में--नेहा शादी का फ़ैसला घर वालो पर छोड़ दो वैसे भी सभी चाहते है कि हमारी शादी हो जाए....
नेहा--तुम अपनी उमर से 6 साल बड़ी औरत से शादी कर के खुश रह पाओगे....
मेनी--नेहा मेरी खुशी हमारे परिवार की खुशी से जुड़ी है....अगर मेरा परिवार खुश रहेगा तो मैं भी खुश रहूँगा.....
इतना सुनकर नेहा ने मेरे होंठो को फिर से अपने काबू मे कर लिया हम दोनो के जिस्म एक दूसरे से पूरी तरह से गुथे हुए थे.....हम ऐसे ही एक दूसरे को प्यार करते करते उस पहाड़ी की तरफ पहुँच गये थे....
मैने नेहा को पलट कर पूरी ताक़त के साथ. उसकी चूत मे झटके लगाने लगा..
नेहा--ओह्ह्ह्ह जयईईइ और ज़ोर से.....और्र्रर जोर्र्र सीई....आआहह मर् गाइिईईई....
नेहा की चीखे पूरे जंगल मे फैलने लगी और मेरी घटती बढ़ड़ी साँसे इशारा कर रही थी मेरे लंड से लावा बाहर आने का....
मैने अपनी स्पीड और बढ़ा दी और भाभी की आवाज़ भी लगातार बढ़ती ही जा रही थी....और फिर वो हुआ जो हर जोड़ा चाहता है....मेरा लंड लगातार नेहा की चूत भरता जा रहा था और नेहा भी दूसरी बार झड गयी अपना शरीर आकड़ाते हुए....
हम दोनो ज़मीन पर नंगे पड़े एक दूसरे की बाहो मे अपनी सांसो पर काबू पाने मे लगे हुए थे....
उधर वॉटरफॉल पर....
वहाँ का नज़ारा तो जैसे जन्नत का नज़ारा हो गया था....
वहाँ सभी बस ब्रा और पैंटी मे ही मस्तिया मार रहे थे बस एक नीरा ही उनके साथ नही थी वो बस एक जगह बैठी बैठी मेरे ख्यालो मे ही खोई हुई थी....तभी अचानक किसी ने एक पत्थर से नीरा के सिर पर वार कर दिया.....नीरा बस हल्की से घुटि घुटि चीख के साथ बेहोश हो गयी.....बेहोश होने से पहले बस वो दो नक़ाब पोशो को अपने परिवार की तरफ बढ़ते हुए देख पाई....
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03-04-2020, 10:53 AM,
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RE: Incest Sex Kahani रिश्तो पर कालिख
नेहा ने जल्दी से अपने बेग मे से फर्स्ट एड का बॉक्स निकाला और नीरा का घाव सॉफ करके उसका बहता खून रोक दिया....
कुछ पानी की छींटे माकर नीरा को नेहा होश मे ले आई.....
नीरा--दर्द से कराहते हुए.....क्या हुआ सब लोग कहाँ गये.....आप लोग कब आए....
नेहा--नीरा यहाँ क्या हुआ.....तुम्हे चोट कैसे लगी....सब लोग तुझे इस हाल मे छोड़ कर कहाँ चले गये.....
नीरा--पता नही भाभी मैं तो यहाँ बैठी थी तभी किसी ने पीछे से मेरे सिर पर किसी चीज़ से मार कर मुझे बेहोश कर दिया.....हां याद आया बेहोश होने से पहले मैने दो नक़ाबपोशो को देखा था.....
तभी मेरी नज़र नीरा के पास ही खून से सने उस पत्थर पर पड़ी जिसके नीचे रखा कागज हवा से फड्फाडा रहा था.....
मैं तुरंत उस कागज को अपने हाथो मे उठा कर पढ़ने लगा.....उस मे बस ये लिखा था....
अगर अपने परिवार को सलामत देखना चाहते हो तो जल्दी हम तक पहुँचो ।
उस कागज पर लिखे शब्द मेरे दिल पर किसी हथौड़े की तरह वार कर रहे थे....मैने नेहा को भी वो कागज दिखा दिया.....
उसे पढ़कर हम तीनो की आँखे आँसुओ से भर आई थी....जाने किस की नज़र लग गयी मेरे परिवार को अब क्या होगा मैं ये सोच सोच कर पागल होने लग गया था....
नेहा--इस तरह या बैठे रहने से कुछ नही होगा जय हमे कुछ ना कुछ करना ही होगा.....
में--कुछ समझ मे नही आ रहा क्या करूँ मैं कहाँ ढूंधू उन सब को...,
नेहा--नीरा तू यही आराम कर थोड़ी देर तुझे पेन किलर मैने दे दी है जब दर्द कुछ कम हो जाए तो कॅंप की तरफ चली जाना....वहाँ वाइयरलेस से सुहानी को यहाँ जो कुछ भी हुआ वो बता देना....शायद इस समय वही हमारी मदद कर सकती है....हम दोनो जंगल मे सब लोगो को ढूँढने जा रहे है....
नीरा--भाभी इतने बड़े जंगल मे आप कहाँ ढुंढोगे उन सब को....
नेहा--मुझे लगता है हो ना हो जंगल के बीच बनी उस शिकारगाह मे ही हमे हमारा परिवार मिल जाएगा....बस भगवान से प्रार्थना है कि वो सब लोग ठीक हो वहाँ....
जय--नेहा सही कह रही है नीरा....तू थोड़ी देर बाद कॅंप चली जाना और कोई मदद लेकर आ जाना....
नीरा--आप मुझ से वादा करो सब को सही सलामत लेकर आओगे.....किसी को भी नुकसान नही पहुँचने दोगे....वादा करो मुझ से....कसम खाओ मेरी आप....
में--तेरी कसम....में जल्दी ही सब लोगो को ढूँढ लूँगा....भरोसा रख मुझ पर....
उसके बाद मैं नीरा के माथे को चूम कर खड़ा हो जाता हूँ और नेहा को साथ लेकर उस शिकार गाह की तरफ बढ़ जाता हूँ.....
नेहा ने वो मॅप बॅग मे से निकाल कर मेरे हाथो मे दे दिया था और हम उस मॅप के अनुसार चलते हुए उस जगह तक पहुँचने लगे....कुछ 2 घंटे चलने के बाद हमे एक जगह दिखी जो थोड़ी उँची जगह पर बनी हुई थी....लोहे के तीन शेड से बना एक छोटा सा मकान हमे नज़र आ गया....हम लोग बड़ी सावधानी से उस की तरफ बढ़ने लगे....
नेहा ने वो दरवाजा खोला एक अंजाने डर से काँपते अपने हाथो से....अंदर से आती गंदी बदबू हमारे नथुनो मे समा रही थी.....नेहा ने जैसे ही वो दरवाजा खोला अंदर का मंज़र देख कर मेरी रूह तक काँप गयी.....
उन सब को इस हालत मे देखते ही मेरी आँखो मे खून उतर आया....मैने अपना कदम अंदर बढ़ाया ही था कि एक ज़ोर दार वार मेरे सिर पर पीछे से हुआ....मैं वहीं किसी परकटे पक्षी की तरह लुढ़क गया.....
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