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RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
वो सारा नज़ारा देखकर पराग से और संयम नहीं हुआ और उसने मुझे अपने कड़क मोटे लौड़े से चोदना आरम्भ किया.
एक लौड़ा मुँह में और दूसरा चूत में, मैं तो सातवे क्या, सत्तरवें आसमान में उड़ने लगी.
"आह, भाभी कितनी लक्की हो तुम, दो दो लौड़े साथ में ले रही हो. मैंने तो सिर्फ तुमको चोदने के सपने देखे थे, ये कभी नहीं सोचा था की तुम थ्रीसम भी करती हो."
"अजय, कल तुम्हें एक और चूत दिलाऊंगा, मेरे ऑफिस की रिसेप्शनिस्ट और हमारी सेक्स पार्टनर डॉली. आज दिल भर के चोद ले अनु को," पराग हाँफते हुए बोला.
"चल, अब मैं भाभी को चोदूंगा और तुम अपनी अनु डार्लिंग से अपना लौड़ा चुसवाओ पराग भैया," कहकर अजय ने अपना सख्त हथियार मेरे मुँह से निकाला.
परागने उठकर मेरे स्तनोंको मसला और अपना लंड मेरे मुँह में देकर धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा.
अजय ने मिशनरी पोज में ही मुझे चोदना चाहा, मगर मुझे एक और विचार आया.
"पराग, तुम पीठ के बल लेट जाओ, मैं झुककर तुम्हारा लंड चूसती हूँ. अजय भैया, तुम मुझे पीछे से डॉगी पोज में चोदो।"
दोनों मेरे बताये हुए पोज में आ गए और मैं ज़िन्दगी का पहला दो मर्दोंके साथ थ्रीसम का आनंद लेने लगी. अजय मेरी योनि में अपने लौड़े से ठोकर मारने लगा और साथ में मेरे वक्षोंको मसलता गया. पराग अपनी आँखे बंद कर लेटा रहा और मैं उसका लंड चूसकर उसे सुख देती रही. हम तीनों भी अत्याधिक उत्तेजना के बहाव में डूब रहे थे. मेरी योनि से लगातार कामरस बह रहा था, और अजय भी लगभग झड़ने वाला था. पराग के लंडसे वीर्य की बूंदे मेरे मुखमें आ रही थी, जिन्हे मैं प्रेम से निगल रही थी.
"भाभी डार्लिंग, अब मेरा फव्वारा छूटने वाला हैं, तेरे अंदर ही छोड़ दूँ या मुँह में लोगी?" अजय ने पूछा.
"अंदर ही छोड़ दे तेरा गरम पानी मेरी जान," मैं पराग का लौड़ा चूसते और वीर्य की बूंदो को निगलते हुए बोली. उसी समय पराग के वीर्य की पिचकारी मेरे गले में उतर गयी. उसका नमकीन और गाढ़ा वीर्य मैं पीते गयी. और दो तीन पिचकारियोंमें और बहुत सारा वीर्य मेरे गले के नीचे उतर गया.
चार पांच झटके मारने के बाद अजय भी मेरी योनि के अंदर स्खलित हो गया. मैं पराग के बाजू में लेटी और अजय मेरी दूसरी ओर. दस मिनट विश्राम करने के बाद हम तीनो बाथरूम में गए. वहां दोनों भाइयोंने मुझे नहलाया, साबुन के झाग से मेरे स्तन, कूल्हे, पीठ, योनि और जांघोंको अच्छे से साफ़ कर दिया. शावर के नीचे मैंने एक एक करके दोनोंके लंड चूसे, उन्होंने भी मेरे निप्पल्स चूसकर और मेरी चूत को अपनी उंगलिया, होठ, जीभ और दातोंसे बहुत प्यार दिया.
तौलिये से अंग पोंछकर हम फिरसे कामक्रीड़ा में लग गए. पराग योनि चाटता गया और अजय ने मेरे बड़े बड़े वक्षोंके साथ टिट फकिंग किया. फिर पराग को बिस्तर पर लिटाकर मैं उसके लौंड़ेपर सवार हो गयी. उछलते हुए अजय के लंड को चूसती गयी. इस बार अजय जल्दी स्खलित हुआ और अब उसका वीर्य मैंने पी लिया.
पांच मिनट बाद पराग भी वीर्यपतन के करीब आ गया. मैंने नीचे उतारकर उसे चूसने लगी. मेरी खुद की योनिरस से लबालब लिंग चाटने लगी, तभी उसका वीर्य उमड़ा। आज कई दिनोंके बाद मैं खुद की योनि का रस और पराग के वीर्य का मिला-जुला स्वाद ले रही थी.
रात में पराग गहरी नींद में सो गए, मगर अजय को कहाँ नींद आने वाली थी. उसने मेरे स्तनोंको चूसते हुए जगाया और धीरे से कानों में फुसफुसाया, "चलो भाभी, दुसरे कमरे में जाकर एन्जॉय करेंगे."
उत्तेजित हो कर मैंने भी हाँ कर दी. अजय ने मुझे अपनी मजबूत बाहोंमें उठाया और दूसरे बैडरूम में ले गया. मुझे पलंग पर पटक कर वो मेरे बदन पर लेट गया.
मेरे होठ चूसते चूसते उसकी जीभ मेरी जीभ से खेलने लगी. अजय की दोनों हथेलिया मेरे स्तनोंको मसलने में व्यस्त हुई और उसकी बालोंसे भरी जाँघे मेरी मुलायम मांसल जाँघोंसे रगड़ने लगी. उसका लंड भी तन कर मेरी योनि पर घिसने लगा. मानो वो पूरे शरीर से मेरे साथ संभोग सुख लेने की कोशिश कर रहा था.
"आह, अनु, कितनी हॉट और सेक्सी हो तुम," अब अजय ने मुझे भाभी की जगह अनु बुलाया.
"चूस मेरे बॉल्स अजय डार्लिंग, तुझे पसंद आये न ये बड़े बड़े बूब्ज?"
"हाँ अनु," मेरे वक्षोंको मसलते और निप्पल्स चूसते हुए अजय पागल हो रहा था.
"आह, हाँ, ऐसे ही चूसता जा और चबाता जा मेरे निप्पल्स को. आह, यस्स, ओह फक, चूस और चूस मेरे राजा," मैं कामाग्नि में जल रही थी.
मेरे स्तनोंको चूसते हुए उसकी दो उंगलिया मेरी योनि में प्रवेश कर गयी. मैंने भी अपनी जांघें फैलाकर उन्हें अंदर ले लिया. अब अजय की स्तन चूसने और चूत को उंगलियोंसे चोदने की गति तीव्र हो गयी. मैं आँखें मूंदकर एन्जॉय कर रही थी और मेरे मुँह से आह आह की आवाज़े निकल रही थी.
मुझसे और अधिक सुख सहन नहीं हुआ और मेरी चिपचिप योनि से एक जबरदस्त फव्वारा निकला. अजय की दोनों उंगलिया ही नहीं, उसका हाथ भी उस कामरस से भर गया. अब अजय से भी रहा न गया और उसका लम्बा चौड़ा तगड़ा लिंग मेरी योनि में प्रवेश कर गया.
बीस पच्चीस मिनट मुझे मिशनरी पोज में चोदने के बाद मैं घुटनों और हथेलियोंके बल पर घोड़ी बन गयी. अजय दनादन मुझे पीछे से चोदता गया.
"अनु, अब मेरा भी छूटने वाला हैं," हाँफते हुए वो बोला।
"मेरे मुँहे में दे, मैं तेरा पानी निगल जाऊंगी मेरे राजा," मैंने कहा.
झट से उसने अपना हथियार निकाला और मैं घुटनोंपर बैठ गयी. उसके लौड़े के मुँह में लेकर चूसने और आँखों में आँखे डालकर मुस्कुराने लगी.
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RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
एक मिनट में ही उसका खीर सा गाढ़ा और स्वाद में नमकीन वीर्य मेरे मुँह में उतरने लगा. मैं निगलती गयी और वो पिचकारियां मारता गया. आखिर चूसते और निगलते हुए मेरा मुँह थक गया. उसके लौड़े के टोपे के ऊपर से वीर्य की आखरी बूंदे चाटकर मैं निढाल हुई.
सुबह देर तक हम दोनों बेहोशी की नींद सोते रहे. जैसे ही पराग जग गए, उसे पता चला की अजय और अनु दुसरे बैडरूम में जाकर चुदाई करे. मगर उसपर पराग को कोई आपत्ति नहीं थी.
तीनो साथ में नहाये और नाश्ता भी साथ में किया. कुछ समय के बाद हम तीनो डॉली से मिलने गए, तो उसने हमें एक बड़े से कॉफ़ी शॉप पर मिलने के लिए कहा.
छठा भाग पराग की जुबानी है.
मैं, अनु और अजय, हम तीनो डॉली से मिलने कॉफ़ी शॉप में पहुंचे. वहां पहुँचते ही डॉली ने हमें कहा, "ये है मेरा बॉयफ्रेंड लकी," और एक सुन्दर ३० वर्षीय युवक से हमें मिलाया.
"हेलो, पराग, अनुपमा. डॉली ने आप दोनोंके बारे में मुझे काफी कुछ बताया हैं. और आप कौन?" लकी ने अजय से पूंछा.
"मैं अजय, पराग का चचेरा भाई."
"तुम्हारा बॉयफ्रेंड," मैं तो एकदम हक्का-बक्का रह गया.
"हाँ, पराग, पिछले कुछ दिनोंसे हम एक दुसरे के अच्छे दोस्त बन चुके है और कल ही लकी ने मुझसे प्रेम प्रकट किया है. मैंने भी उसे अपना प्रेमी स्वीकार किया हैं."
अब सच बात तो ये हैं की मैं अजय को डॉली से मिलवाने लाया था ताकि अजय डॉली को चोद सके. मगर यहांपर तो कहानी ने कुछ और ही मोड़ ले लिया था.
फिर थोड़े समय तक यहाँ वहाँ की बाते करने के बाद, मैं, अनु और अजय वहांसे निकल गए.
"क्या पराग भैया, ये तो के एल पी डी (खड़े लौडे पर धोखा) हो गया यार. इतनी मस्त माल लड़की को चोदने के इरादे से मैं आया था मगर उसे तो कोई और ही उड़ा ले गया," निराशाजनक स्वर में अजय ने कहा.
"चलो अजय भैया, मैं आप को एक फाइव स्टार होटल में ले चलती हूँ. वहाँ हम दोनों खूब मजे करेंगे," अनु ने मुस्कुराते हुए अजय से कहा.
मेरी सुन्दर और सेक्सी पत्नी एक महीने पहले किसी और आदमी से संभोग करने के लिए मेरे मनाने के बावजूद मान नहीं रही थी. आज वही पत्नी मेरे चचेरे भाई के साथ फाइव स्टार होटल में अपनी मर्जी से जाकर पूरी रात चुदने वाली थी.
अब वो इतनी निर्भीक (बिनधास्त) हो गयी थी की इस बात के लिए उसने मुझसे अनुमति तक नहीं मांगी. मैं अनु की ओर हैरान होकर देखता रह गया.
मेरे जले पर नमक छिड़कते हुए अजय ने "थैंक यू पराग भैया," कहकर अनु को लेकर चला गया.
मेरा एकदम मूड ऑफ हो गया और मैं नजदीक के एक बार में चला गया. रम के दो-तीन पेग लगाने के बाद शायद मुझे नशा चढ़ गया.
मैं कार मैं बैठकर फिर से डॉली के घर पर गया. उसने दरवाजा खोला और मुझे देखकर वो अचम्भे में पड़ गयी.
"पराग, तुम तो शराब के नशे में धुत्त लग रहे हो, क्या हुआ?"
"साली अनु, उस अजय के साथ चली गयी और मैं इधर खाली बैठा हूँ. मेरे पास अनु भी नहीं और तुम भी नहीं, मेरी डॉली डार्लिंग."
मौके की नजाकत को देखके डॉली ने मेरे ड्राइवर को अपने घर पर भेज दिया और मुझे कार में बिठाकर एक पार्क के पीछे अंधरे में लेकर आयी. फिर हम दोनों पिछली सीट पर चले गये और मैं उसके बदन को सहलाने और फिर लगभग नोचने लग गया. उसे समझ में आया की मैं सेक्स का भूखा हूँ.
डॉली की स्कर्ट उठाकर उसकी पैंटी नीचे खींचकर मैं उसे कठिन पोज में पीछे की सीट पर चोदने लग गया. नशे के कारण मैं अनाप शनाप कुछ न कुछ बकता जा रहा था और डॉली मुझे पूरा सहयोग दे रही थी.
जब मैं अपना पानी छोड़कर निढाल हुआ, तब डॉली ने अनु को फ़ोन मिलाया.
"अनु, तुम और अजय कौनसे होटल में हो? यहाँ पराग की हालत खराब हुई जा रही हैं."
जैसे ही होटल का नाम और पता मिला, डॉली मुझे लेकर वहाँ चली गयी. होटल पहुँचने तक मैं पीछे की सीट पर लेटा हुआ था.
जैसे ही मैं और डॉली होटल के कमरे में पहुंचे, मेरी हालत देखकर अनु को बुरा लगा. वो मुझसे लिपट गयी और मुझे प्यार से चूमने लगी.
डॉली ने अजय को गले लगाकर सारा किस्सा बताया, उसे भी बुरा लगा.
अब डॉली भी बिनधास्त हो कर बोली, "मुझे पता हैं, यह सब तमाशा मेरे कारण हो रहा हैं. मैंने आप लोगोंको लकी से मिलाया, इसलिए आप सब मुझसे नाराज हैं. मगर मैं भी क्या करती, मुझे भी अपनी ज़िन्दगी जीनी है. मुझे भी एक जीवन साथी चाहिए."
"मैंने लकी को पिछले एक साल में मैंने जो भी सेक्स का आनंद लिया हैं, सब कुछ खुले रूप से बता दिया. उसकी भी भूतकाल में तीन गर्लफ्रेंड रह चुकी हैं जिनके साथ वो सब कुछ, यहां तक की ऐनल सेक्स भी कर चुका है. इसलिए उसे मुझे अपनाने में कोई समस्या नहीं हुई."
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RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
अजय ने कहा, "सॉरी डॉली, पराग ने तुम्हारी इतनी प्रशंसा करने के बाद मैं तुमसे प्यार करने के लिए बेताब हो गया था. फिर तुम्हारे बॉयफ्रेंड से मिलने के बाद मेरे अरमानोंपर पानी फिर गया ऐसा लगा. इसलिए अनु मुझे यहाँ लेकर आयी. अब मुझे क्या पता था की पराग भैया इस बात से इतना नाराज़ हो जाएंगे?"
पिछले कई महीनोंसे मैंने और अनु ने डॉली को इतना अपनापन, प्यार और संभोग सुख दिया था, की वो मुझे और उदास न देख सकी. डॉली बारी बारी मेरे और अजय के गले लगकर हमारे होठोंको चूमने और चूसने लगी.
मैं अनु के पास जाकर उसके स्तनोंको मसलते हुए उसके कपडे उतारने लगा.
"ओहो, डॉली आखिर मेरी किस्मत चमक ही गयी. साली कितनी माल हो तुम, क्या मस्त चूचियाँ हैं तेरी, आहे," अजय डॉली के स्तनोंको दबाते हुए और डॉली के वस्त्र हटाते हुए बोला।
अब बिस्तर पर अजय और डॉली एक तरफ और मैं और मेरी अनु डार्लिंग दूसरी तरफ सेक्स की आग में जलने लगे. जैसे ही अजय ने अपना कड़क हथियार डॉली की गीली योनि में घुसेड़ दिया, मैंने अनु की ओर देखा. मेरा इशारा पाकर, अनु डॉली के नजदीक पहुंची और उसके एक स्तन को पूरा का पूरा मुँह में लेकर चूसने लगी.
"वा, क्या नज़ारा हैं मेरी जान," कहते हुए मैंने डॉली के दुसरे स्तन को चूसना आरंभ किया. वो सब देख कर अजय और भी उत्तेजित होकर डॉली की चूत में लगातार जोर जोर से ठोकरे मारने लगा. इतने सारे सुख से डॉली मानो पागल हो रही थी. दो आदमी और एक सेक्सी लड़की का एक साथ प्यार एक साथ आज तक उसने पाया नहीं था.
अब डॉली को भी शरारत सूझी और अपना हाथ बढ़ाकर अपना मोबाइल फ़ोन अपने मुँह के पास लाया.
"लकी डार्लिंग, तुमको एक बड़ा सरप्राइज देना हैं, तुम अभी के अभी यहाँ पहुँच जाओ. कमरे का दरवाजा खुला ही रखूंगी, तुम अंदर आ जाना," कहकर उसने होटल का नाम और पता उसे बता दिया.
कमरे का दरवाजा खुला ही रक्खा और हम तीनो फिर से सुख लेने में लग गए. अजय ने डॉली की दोनों टाँगे अपने कन्धोंपर रख दी थी. अब उसका सख्त लौड़ा गहराई तक जाके डॉली की योनि में ठोकरे मारने लगा, जिससे डॉली पागल होने लगी.
अब मैं डॉली के एक एक स्तन को चूसता रहा मेरी प्यारी अनु अब डॉली के मुँह पर बैठ गयी. सेक्स में मारे बेहाल डॉली अनु की चूत में जीभ डालकर चाटने लगी और बहता हुआ रस पीने लगी. अनु कामसुख के चरम सीमा पर पहुंची और खुद के स्तनोंको मसलने लगी. डॉली ने एक हाथ बढ़ाया और मेरे कड़क लौड़े को सहलाने लगी.
इतने में कमरे का दरवाज़ा खुला और लकी अंदर दाखिल हुआ. बिस्तर पर चार लोग जिस तरह से लगे हुए थे, वो समझ गया की डॉली ने कौनसे सरप्राइज के लिए उसे बुलाया हैं. अपनी तीन गर्लफ्रेंड के साथ रंग रलिया मनाया हुआ वो भी संभोग के मामले में मंझा हुआ खिलाडी था. डॉली के मुँह पर बैठी नंगी अनु को देख कर उसका लिंग तुरंत खड़ा होकर सलामी देने लगा. अपने सारे कपडे उतारकर वो अनु के पास खड़ा हुआ.
"आहा, डॉली मेरी जान, कितना मस्त है री तेरा बॉयफ्रेंड," कहते हुए अनु ने लकी का लंड को चूमना और उसकी गोटियोंको चाटना आरम्भ किया.
अब लकी ने अनु को डॉली के मुँह पर से उठाकर अपनी नयी नवेली गर्लफ्रेंड डॉली के बाजू में लिटाया. अनु के पूरे नंगे बदन पर लकी चढ़ गया और उसके रसीले होटोंको चूसते हुए अनु के कठोर वक्षोंको सहलाने लगा.
अनु को भी एक और नए मर्द के स्पर्श से बड़ा मजा आया. दोनों एक दुसरे की जीभ चूसने लगे. उन्मादित होकर अनु पलट कर लकी के ऊपर आ गयी. लकी की बालोंसे भरी छाती को चूमते हुए अब अनु उसके निप्पल्स को चूसने और चबाने लगी. लकी के दोनों हाथ अनु की कमर और गांड को टटलोने लगे. लकी का लिंग पूरा नब्बे डिग्री में खड़ा हो गया था. निप्पल्स से नीचे आते अनु ने लकी के मोटे तगड़े लिंग के ऊपर की त्वचा हटाई और उसके टोपे को चाटने लगी.
"ओह माय गॉड, कितनी हॉट और सेक्सी हो तुम अनु. जितनी डॉली अच्छे से लंड चूसती हैं, तुम भी वैसे ही लौड़े चूसने में माहिर हो. आहां, ऐसे ही ऊपर से चाटो फिर पूरा मुँह में लेकर चूसती जाओ."
जैसे ही अनु उसके लौड़े को मुँह में लेकर पूरा चूसने लगी, लकी के पूरे बदन में सिहरन सी दौड़ गयी. उसने अनु की जांघोंको नीचे की तरफ खींचा। अब अनु की गीली योनि लकी के मुँह पर आयी, जिसे वो पूरी ताकत लगाकर चाटने लग गया. अनु और लकी दोनों सिक्सटी नाइन के पोज में ओरल सेक्स का भरपूर आनंद लेने लगे.
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07-05-2021, 08:21 PM,
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Burchatu
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RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
(06-08-2021, 12:51 PM)desiaks Wrote: अब मैंने अपनी हदें तोड़ते हुए, उसकी शरीर के सभी उभारों को जी भरकर छुआ ही नहीं बल्कि खूब दबाया भी और वह भी कहती रही की भाई, अब मत रूको… तोड़ दो सारी हदें और एक हो जाओ.. …
मैंने देखा की हमारी माँ जो की जीन्स और शर्ट पहनकर उत्तेजक डांस कर रही थीं, उसके शर्ट के आधे से ज़्यादा बटन खुले हुए थे और ब्रा और स्तन बाहर को आने को बेताब हो रहे थे.. !!
मम्मी के चारों और कामुक नशे में धुत्त लोगों का घेरा था.. !! जो बार बार मम्मी के शरीर को छूने और दबाने की कोशिश कर रहे थे.. !!
मैंने देखा उनमें वह आदमी भी था.. !! जो की, दो दिन पहले हमें बीच पर मिला था.. !! वह तो पागलों की तरह, मम्मी के ब्रा में बंद दोनों कबूतरों को पकड़ने की कोशिश में था.. !!
इस बीच, पापा मुझे कहीं नहीं दिखे।
मैंने उन्हें जब खोजा तो वह एक 20-22 साल की लड़की.. !! जो की, शायद मेरी बहन की उम्र की होगी के चक्कर में थे और उसके साथ शराब पी रहे थे और उसके छोटे से स्कर्ट में हाथ डाल डाल कर, उसके चुत्तडों पर चिकोटी काट रहे थे.. !!
थोड़ी देर बाद, पापा उसी लड़की के साथ रंग रेलिया मना रहे थे.. !! जो की, हमें उस बुड्ढे के साथ समंदर किनारे मिली थी.. !!
आधी रात के बाद, जब रात अपने पूरे शबाब पर थी।
तेज़ म्यूज़िक के बीच में मम्मी ने अपना शर्ट हाथ में लेकर हिला हिला कर डांस की भद्दी स्टेप्स करना शुरू कर दी.. !! जो शायद ज़्यादा नशे के कारण थी।
मेरी बहन भी नशे में धुत्त हो, कोने के सोफे पर पैर चौड़े कर अपनी पैंटी दिखा रही थी.. !! उसे ज़रा भी होश नहीं था की दो लड़के जो की शायद ड्रग्स लिए हुए थे.. !!
उसके पैरों में बैठ कर, उसकी पैंटी को टच कर रहे थे।
हम लोग, करीब रात के 4-5 बजे गेस्ट हाउस पहुँचे और सीधे मास्टर बेडरूम में घुस गये।
किसी को अपने कपड़ों का ख्याल नहीं था।
मम्मी तो हाथ में शर्ट लेकर ही घूम रही थीं और बहन ने भी अपना स्कर्ट और जैकेट उतार फेका.. !! .. !!
मेरा नशा, अब कुछ कम होता सा लग रहा था.. !! लेकिन, पापा तो अब भी अपनी बची हुई दारू की बोटल को मुँह से लगाए हुए थे.. !!
नाच और नशे के कारण, गर्मी बहुत लग रही थी.. !! इसलिए, हमने ए सी चालू होने के बावजूद अपने सारे कपड़े खोल दिए.. !!
इधर, पापा तो बहन को ब्रा पैंटी में देख कर उस पर टूट ही पड़े और मम्मी ने मुझे अपने ऊपर लगभग खींचते हुए लपेट लिया,
मैं कहाँ मौका छोड़ने वाला था.. !! मैं भी पापा की तरह कपड़े खोल कर मम्मी के ऊपर चढ़ गया और फ़ौरन मम्मी की जीन्स उतारकर उनकी चिकनी चूत को मुँह में लेकर ज़ोर – ज़ोर से चूसने लगा.. !!
यह देख कर, मेरी बहन ने भी अपनी पैंटी उतार फेंकी और पापा के मुंह के ऊपर बैठ गई।
जैसे ही, पापा ने उसकी चूत को चाटा, वह आनंद से भरकर मूतने लगी और पापा अपनी जवान बेटी की चूत का सारा पानी यानी रस भारी मूत पी गये.. !!
मम्मी भी, अपने दोनों हाथों से अपने स्तानो को दबाते जा रही थीं और कहने लगी की बेटा, यह हिम्मत तू दो दिन पहले क्यो नहीं कर गया… मैं कब से, तड़प रही थी… अब तक तो हम ना जाने, कितने दौर पर दौर मार कर मज़े ले चुके होते…
अगली सुबह 10 बजे, जब मल्लिका बाई आई तो मम्मी ने उससे बेड रूम छोड़ कर बाकी पूरा गेस्ट हाउस साफ़ करवा लिया क्योंकि, बेड रूम में हम तीनों अभी तक नंगे पड़े हुए थे.. !!
पापा का लौड़ा तो बहन की चूत में खाली होकर लटक रहा था और बहन के दूध पर मेरा हाथ रखा हुआ था।
दोपहर के भोजन के बाद, हम सभी वापस बड़े बिस्तर पर एकत्रित हुए और इस बार बिना नशा किए मैंने अपनी बहन को चोदा, मम्मी भी पापा से चुदवाने के बाद वापस मेरे लंड को खड़ा करने के लिए, चूसने लगी.. !! .. !!
उधर पापा भी बहन की छोटी सी चूत की फांको का स्वाद ले रहे थे…
इस तरह, हम अगले कुछ दिन और गोआ में रहे.. !!
इस बीच, हम दिन में कई बार आपस में सेक्स का नंगा नाच करते और इस बीच पूरे घर में नंगे नाचते रहते।
घर वापस आने के बाद तो हम आज तक कभी भी अलग-अलग नहीं सोए।
सभी कामन रूम में डबल किंग साइज़ के बेड पर सोते हैं और मज़े मारते हैं और हाँ अब हमारे घर में कपड़ों का खर्च कुछ कम हो गया है क्यूंकि कपड़े हम केवल बाहर जाने के लिए ही पहनते हैं।
घर में तो हमेशा नंगे ही रहते हैं।
मम्मी भी पापा से एक बात ही कहती है की जल्दी से वापस ऐसी ही कोई और ट्रिप का इंतज़ाम करो।
end
Ahh bahut mast pariwar ki Kahani hai baap dwara beti ka pesab Pina ohh Maja aa gaya Kash Mai us Ghar me naukar hota to har chudai ke baad Lund aur chut chus chat kar saf karta
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07-20-2021, 12:02 PM,
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RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
वो लड़की ना ही सूरज की कोई गर्लफ्रेंड थी और ना ही बीवी... उसे तो बस एक रात के लिये उसकी चूत मारनी थी... सो इससे पहले की बेचारी अदिती उसके बड़े लण्ड को अपनी चूत में Adjust कर पाती, सूरज ने बिना किसी प्यार मुहब्बत और Formality के उसे पेलना शुरु कर दिया. चार पाँच धक्के मारने के बाद सूरज को लगा कि अदिती कि गांड़ बहुत नीचे होने कि वजह से वो उसे ठीक से पेल नहीं पा रहा. उसकी गांड़ के नीचे एक तकिया चाहिये था और घर में तो बस एक ही तकिया था जिसपे अदिती लेटी हुई थी. सूरज ने अपना लौड़ा बाहर निकाला और झट से बिस्तर से नीचे उतरा... सामने डोरी पर टंगे उसके कुछ कपड़े और एक दो चादर थी. वो कुछ कपड़े और दो चादर लेकर वापस बिस्तर पर आया... उन कपड़ों को ऊँचा करके अदिती कि गांड़ के नीचे रखा और फिर उसपे उसके चुतड़ों को टिकाया और फिर से उसकी जांघों के बीच बैठ कर उसे पेलने लगा.
सूरज को काफी खुशी थी कि वो एक बार झड़ चुका था... इस वजह से अब वो अदिती कि टाईट बूर में कुछ ज़्यादा देर तक टिक पायेगा.
" Fuck Me... Fuck Me... Ohhh Yeah... चोद मुझे कमीने... आआह्ह्ह्हह मम्मी !!! ". मस्ती में बावली होने लगी अदिती जब सूरज के लण्ड ने उसकी बूर को रोंदना शुरु किया. उसने अपनी टांगे सूरज कि कमर में लपेट दी और चुदने लगी.
सूरज ने आज तक जितनी भी रंडीयों को पेला था वो सब तो बस बिस्तर पे लेट जाती थी और वो उनके ऊपर चढ़ कर चोद लेता था... पर ऐसी लड़की को वो पहली बार लगा रहा था जो चुदाई का मज़ा खुद भी ले रही थी और उसे भी प्रोत्साहित कर रही थी.
सूरज उसकी गदराई कमर पकड़ कर धक्के लगा रहा था... हर धक्के में उसके लण्ड का चमड़ा उसके सुपाड़े के आगे पीछे हो रहा था जिसमें उसे Extra आनंद आ रहा था. अदिती कि चूत का पानी रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था... उसकी चूत के अंदर का हिस्सा इतना गिला हो चुका था कि चोदने के दौरान कई बार सूरज का लण्ड फिसल कर बाहर छिटक पड़ता... सूरज बिना रुके उसी तरह धक्के मारता रहता जब तक कि उसका लण्ड अदिती कि जांघों पे इधर उधर टकरा कर वापस बूर कि छेद खोज कर भीतर नहीं घुस जाता.
छत पर घूमते फैन कि आवाज, चौकी कि चरमराहट, चूत में लण्ड के अंदर बाहर होने कि फचाफच गचागच कि ध्वनी, अदिती के चूतड़ों पे सूरज के अंडकोषों कि थपेड़, अदिती कि कराह, सूरज कि गहरी सांसे और पूरे कमरे में लण्ड चूत और कामरस कि मिली जुली फैली अजीब सी गंध... एक ऐसा कामुक माहौल बना रही थी कि दोनों अमीरी गरीबी, जात पात, ऊंच नीच सब भूल कर एक दूसरे में समाने के लिये बेक़रार हो रहें थें...
जैसा कि सूरज ने सोचा था कि एक बार माल गिरने के कारण वो ज़्यादा देर चोद पायेगा पर ऐसा हुआ नहीं ! जल्दी ही उसके लण्ड में फिर से वीर्य भर आया. लड़की के अंदर झड़ना कैसा लगता है ये उसे पता नहीं था क्यूंकि अभी तक तो वो रंडीयों को Condom लगा कर ही चोदा था. आज उसे एक नया Experience होने वाला था. उसने देखा कि अदिती मस्ती में विभोर होकर चुदाने में ब्यस्त है तो वो समझ गया कि अभी उसे कोई फर्क नहीं पड़ेगा अगर वो उसके अंदर झड़ जाये.
वीर्य लण्ड के मुँह तक आ गया था... सूरज अब स्खलित होने के लिये रेडी था ! उसने अंतिम के तीन चार धक्के कस के लगाए और लास्ट धक्के पे अपने लण्ड को अदिती कि बूर कि तह तक घुसा कर छोड़ दिया . 20 सेकंड रुके रहने के बाद उसके पूरे शरीर में एक कंपन सी हुई और उसका लण्ड अदिती के बच्चेदानी को गाढ़े माल कि पिचकारी से भरने लगा !!!
अदिती कि चूत को अपने रस से भरने के बाद सूरज अपना लण्ड बाहर निकाल के उसकी बगल में ही निढ़ाल होकर लेट गया. अदिती ने भी उसी वक़्त अपना पानी छोड़ दिया और उसकी चूत से उसका पानी और सूरज का वीर्य एक साथ घुल मिल कर उसकी गांड़ के नीचे रखे कपड़ों पर गिरने लगा. अदिती के लिये शायद अभी ये तो शुरुआत थी.
उसे और मस्ती करनी थी. वो तुरंत पलट कर अब सूरज के ऊपर बैठ गई और उसे एक ज़ोर का थप्पड़ मारा...
" चोद हरामी... इतना बड़ा मादरचोद जैसा लण्ड है और You Cum So Fast... Bastard !!! ". अदिती हिंदी इंग्लिश मिला जुला कर बड़बड़ाई और सूरज के आधे खड़े लण्ड ( जिसमे से अभी तक वीर्य रिस रिस कर बाहर आ रहा था ) को अपने हाथ में लेकर अपनी गीली चूत में फिट किया और फिर उसके सीने पे अपने दोनों हाथ से टिक कर उसके ऊपर उछलने लगी.
सूरज को लगा कि अब उसे Heart Attack आ जायेगा जब उसके झड़े लण्ड पे अदिती अपनी बड़ी गांड़ घपाघप मारने लगी. उसने बड़ी मुश्किल से खुद को संभाला और साँस रोक कर अदिती कि चुदाई को बर्दाश्त करता रहा. उसका लण्ड ढीला पड़ गया था और उसे पता था कि अगर उसने जल्दी ही अपना लौड़ा खड़ा नहीं किया तो ये नशेड़ी लड़की उसकी जान ले लेगी. क्यूंकि वो लड़की अब पूरी तरह से गरम हो चुकी थी !
वैसे सूरज को ज़्यादा परेशानी नहीं हुई अपना लण्ड खड़ा करने में... क्यूंकि उसके साथ अभी जो कुछ भी हो रहा था वो बहुत ही Exciting था और ऐसा सब उसने आज तक सिर्फ गंदी ब्लू फिल्मों में ही देखा था. उसके लण्ड में ज़ल्दी ही उत्तेजना वापस आ गई और पहले जैसा तो नहीं पर फिर भी उसका लण्ड चोदने लायक सख्त हो गया था....
करीब दस मिनट तक अपनी चूत में सूरज का लण्ड घुसेड़े अदिती उसके ऊपर बैठे उसे चोदती रही. उसका बूर एक बार फिर से झड़ने के करीब था. उसने सूरज कि छाती को अपने नाखुनों से खरोंच डाला और उसके ऊपर से उठकर इसके बगल में लेट कर बिस्तर पे अपना पानी गिराने लगी.
" आआह्ह्ह्हह्ह.... हाय... मम्मी... आअह्ह्ह्हह God !!! ".
अदिती ने ऐसे समय में सूरज को छोड़ा था जब उसका लण्ड भी झड़ने ही वाला था, सो वो तुरंत पलट कर अदिती के ऊपर चढ़ गया और इससे पहले कि अपना लण्ड वापस उसकी चूत में डाल पाता, उसके लण्ड ने अदिती कि पेट पर ही ढ़ेर सारी उल्टी कर दी. अदिती हंस पड़ी और उसे अपनी बाहों में भर कर अपने ऊपर लिटा कर शांत करने लगी !!!..................
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