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RE: Hindi Sex Kahaniya प्यास बुझती ही नही
एक रात, डिन्निंग टेबल पर राजेश ने राज से कहा:
राजेश: भैया...कल से रश्मि का एम बी ए का एग्ज़ॅम सुरू होने वाला है...मेरे पास टाइम नही है कि इसे कॉलेज छोड़ आऊ और वापस घर ले आऊ....क्या आप समय निकालकर छोड़ कर नही आ सकते.
रश्मि: तुम क्यो नही जा सकते.....मेरे लिए टाइम नही है और उस रंभा की बच्ची के लिए पूरा का पूरा टाइम है....है ना?????
राजेश: रश्मि ...समझने की कोशिश करो....मेरे ऑफीस मैं इनस्पेक्षन है.....और काम पूरा नही हुआ है......नौकरी भी जा सकती है.....
रश्मि: रहने दो...मैं अकेली चली जाऊंगी...ऑटो करके...
राज: अरे भाई.....लड़ाई मत करो...मैं चला जाऊँगा......रश्मि बताओ.....पेपर का टाइमिंग क्या है.
रशमी: जो....वो 2.00 पीयेम से है
राज: भाई वाह....दोपहर मे हमे भी खाना खाने के बाद मंडी से दवाई लाना पड़ता है.......तुम्हे छोड़ते हुए चला जाउन्गा और आते वक़्त लेता आउन्गा...पर उसके लिए तुम्हे टिप्स देनी होगी
रश्मि: शरमाते हुए...हा बोलिए आपको क्या चाहिए.
राज: बस एक छ्होटी सी चाय...और वो भी तुम्हारे हाथो की.
कमला: अरे अब कितनी बार चाय पियोगे...और फिर डिन्नर के बाद नही पीते....कोई ज़रूरत नही
राज: तुमसे किसने कहा परामर्श लेने के लिए...ये तो मेरे और बहू के बीच की बात है
रश्मि: मैं अभी लाई.....तुम लोगे???
राजेश: नही...मैं जा रहा हू.....स्टडी रूम मे....और वो चला गया
रश्मि भी किचन मे चली गयी....
कमला: तुम ना.................???
राज: अरे भाई .....सेवा करूँगा तो मेवा मिलनी चाहिए या नही???
कमला..: मुस्कुरा दी....देखा...मैं कैसी देवरानी लाई हू.....तुम्हे तो पसंद ही नही था
राज: क्या करू??? जब से मा-पापा गुज़रे है....घर की ज़िम्मेदारी संभाली है तो मैं भूल ही गया कि सही क्या है और ग़लत क्या है?
कमलल: मेरा कहने का ये मतलब नही था... आप भी अपनी जगह पर सही थे
राज: लो भाई चाय आ गयी...........बेटे अब तुम जाओ....कल का एग्ज़ॅम का रेविजन कर लो....वाइ दा वे कौन सा सब्जेक्ट है....:
रश्मि: जी.....एच आर (इंडस्ट्रियल एंवोल्वेमेंट)
राज: अब मुझे तो इस बारे मे पता नही.... पर ये पता है कि एच आर का काम इंडस्ट्री को कैसे रन कराया जाता है....एच आर मॅनेजर बनते है
रश्मि: आप सही कह रहे है....मुझे एच आर मॅनेजर ही बनना है......देखिए पेपर कैसा जाता है
राज: अच्छा ही जाएगा.....बस धैर्य की ज़रूरत है....कॉन्सेप्ट क्लियर रखो ...सब ठीक हो जाएगा
जाओ.....गुड नाइट....और वो चाय पीने लगा...................................रश्मि भी अपने बेड रूम मे चली गयी.....
रश्मि को राज से बात करने मे मज़ा आता था......उसे किसी आंगल से भी फुहार्ता नही दिखती थी......राज का सावला चेहरा, परसोनालिटी, स्वाभाव और समझाने का तरीका उसे प्रभावित करता था..........वैसे राजेश भी कुच्छ कम नही था...ही ईज़ गुड हज़्बेंड......कभी किसी चीज़ की कमी नही होने देता था......रश्मि को कभी भी उँची आवाज़ मे नही बोलता था....बस अपनी विवस्ता बता देता था...........उसकी एक आदत थी कि ऑफीस मे कुच्छ भी घटना घटी हो अपनी वाइफ को ज़रूर बताता था...चाहे वो घटना अफीशियल हो या पार्सनल हो.....अगर किसी लड़की से फ्लर्ट भी करता था तो भी बता देता था......वो कहता था कि "वाइफ बिकम्स ए गुड फ्रेंड" अगर समय पर बुरी से बुरी भी बात बता दी जाए तो ग़लत नही होगी.....
कमला वही पर उन्घ्ने लगी......कमला भी अपने बेडरूम मैं चली गयी......चाय पी कर राज पहले बाथरूम गया...और पेशाब करके वो भी अपने बेडरूम मे चला गया................................... राज की आदत थी कि जब तक वो एक बार चोद ना ले उसे नींद नही आती थी...और अगर उसकी वाइफ मना करे तो बाथरूम मैं जा कर मूठ मार लेता था...तब उसे नींद आती थी.......पर वो सेक्स मे काफ़ी ओपन था. कमला भी कोई कम नही थी....उसके सिमिलर भी कमला जैसे थे...वो तो शादी से पहले से ही चुदाइ कराया करती थी....2 बार ओबॉर्षन करवा चुकी थी..जिसका राज को भी पता था......पर कभी उसने ऑब्जेक्षन नही किया....परंतु और भी प्यार से कमला को रखने लगा था.....ये था हमारा राज.......
रात मे कमला को चोद्ने के बाद राज सो गया .......सुबह जल्दी ही उठ गया और वो लॉबी मे टहलने लगा...कि वो झुका तो देखा कि रश्मि सो रही है बिल्कुल नंगी...उसके माथे पर पसीना और करंट सा लगा. वो चाह रहा था कि यहा से चला जाए...पर दिमाग़ कुच्छ और चाह रहा था...उसने पर्दे को हटा कर गौर से देखा....राजेश करवट बदल कर सो रहा और और रश्मि उसके ऑपोसिट............दोनो बिल्कुल नंगे....एक सफेद चादर थी जो रश्मि की आधी गांद को धक रखी थी....चुचिया बिल्कुल नंगी.....राज की आँखो के सामने दिख रहा था......वो गौर से देख रहा था.........आज पता नही राज को क्या हो गया था.....
इससे पहले भी कई दफ़ा रश्मि को अर्ध-नग्न देखा था पर आज तो बिल्कुल नंगी देख लिया....तभी किसी के आने की आहट हुई वो पर्दे से दूर हट गया और दातुन करने लगा. शायद कमला भी उठ गयी थी........वो भी कुच्छ काम ले कर लॉबी मे आ गयी......
कमला: तुम मुँह हाथ धो लो...मैं चाय बना देती हू
राज: मैं जा रहा हू नहाने......तुम चाय और नाश्ता बना दो....दुकान खोलनी है
कमला: अभी तो 6 ही बजे है...दुकान तो 9 बजे खोलते हो
राज: अरे एक ग्राहक आने वाला है...फोन आया था...उसकी जोरू को बच्चा हुआ है...सो दवाई लेनी है...
कमला: तो ठीक है तुम नहा लो....अभी चाय और नाश्ता बना देती हू
राज सिर झुकाए वन्हा से चला गया........उसे एग्ज़ाइट्मेंट हो रही थी...लंड ने काफ़ी बिकाराल रूप धारण कर रखा था....वैसे उसने रात मे चुदाई की थी...पर ना जाने रस्मी देखकर वो क्यो एरॅक्ट हो गया...................ये तो वो ही जाने
बाथरूम मे आने के बाद अपने सारे कपड़े खोल कर सबसे पहले मूठ मारी.....आज पहली बार मूठ मारते समय रश्मि का चेहरा याद करके मूठ मारी.....करीब 5 मिनट के बाद उसका गरम और गाढ़ा वीर्य पिचकारी की तरह बाथरूम की दीवार पर गिरा...........वो आँखे मुन्दे हुए उस पल का मज़ा लेने लगा.....जब आँखे खुली...और तूफान शांत हुआ तो उसने दीवार को देखा....तो दंग रह गया.....वो डर गया...कही कमला देख लिया तो तिल का ताड़ बना देगी....उसने पास ही पड़ी एक पॅंटी से उस जगह की सफाई की फिर नहा धो कर बाहर आ गया.....
नाश्ता तैयार था.....वो अकेले ही जैसे तैसे नाश्ता किया और फिर निकल गया.....वो कमला को बोल दिया.....खाना मत लाना मैं 12.30 पर आउन्गा...घर पर ही खाउन्गा उसके बाद बहू को कॉलेज पहुँचा दूँगा....उसे कहना तैयार रहे.............................
कमला: ठीक है.....................और हां आते वक़्त आम ले आना 2 किलो.
राज: मुस्कुराते हुए...ठीक है...अब तो आम से ही संख फुंकना पड़ेगा
कमला: मुस्कुरा दी........................बाइ
महेश: बाइ डार्लिंग....................
करीब 3 घंटे, के बाद राज घर आया....अपनी बाइक घर के बाहर लगा कर घर आया...
राज: कमला....खाना लगाओ.....मुझे दवाई लाने जाना है...रश्मि तैयार हुई क्या
रश्मि: जी......भैया..... (रश्मि राज को भैया ही कहा करती थी) ठीक है आओ खाना खाते है... थोड़ी देर मे ही खाना लग गया.......तीनो साथ साथ खाना खाए......राज चोरी छिपे रश्मि को . देख रहा था...वो एक वाइट सूट पहने हुए थी....गोरी तो थी ही......देखने मे अप्सरा लग रही थी....वो बीच बीच मे स्माइलिंग दे देती थी ...जिससे उसके मोतियो जैसे दाँत दिख जाते थे....कमर वाह 36 साइज़ था.............दोस्तो उसे देखने से जूही चावला आक्ट्रेस का अंदाज़ा लगाया जा सकता है.......................दो रोटी खाने के बाद रश्मि ने कहा....चलिए भैया.........लेट हो जाएँगे....राज भी अपना हाथ धोने नाल पर चला गया...
बाइक पर बैठते ही राज स्टार्ट करके चल दिया.......कमला ने रश्मि को बेस्ट विशस किया और कहा...पेपर अच्छी तरह देना...
रश्मि ने मुस्कुरा कर अभिवादन स्वीकार किया.
थोड़ी देर मैं ही उसके कॉलोनी का अंत हो गया और मैंन रोड पर आ गये....रश्मि अब कंफर्टबल फील करने लगी...क्योकि यहा कोई उसे पहचान नही सकता....वैसे राज के सामने कभी परदा तो किया नही पर....कॉलोनी वालों के डर से करना पड़ता था....क्योकि ये घर राज के मा-पापा का था.....यानी पुस्तैनि..काफ़ी दिन से रहने पर बहुत पुराने जान पहचान हो गये थे.
राज भी कंफर्टबल होते हुए पुछा....अड्मिट कार्ड और पेन पेन्सिल ले ली हो ना
रश्मि: जी भैया.
राज: कब पेपर ख़तम होगा
रश्मि: जी 5 पीयेम
राज: तो ठीक है मैं 5 बजे आजाउन्गा...तुम इस पेड़ के पास मिलना...बाइ बेस्ट ऑफ लक
रश्मि: मुस्कुराते हुए थेक्स.... और चली गयी
राज दूर तक उसे जाते हुए देखता रहा....उसका पिच्छवाड़ा ग़ज़ब का दिख रहा था.....ये सोचते हुए उसका लंड खड़ा हो गया....तभी पिछे एक हॉर्न सुनाई दिया....वो चौंक गया और अपनी बाइक स्टार्ट कर चला गया
आज पहली बार उसके मन मे रश्मि के लिए प्यार जगा था.. पहली बार उसके फिगर को गौर से देखा. अपने छ्होटे भाई की बीबी को यूँ देखने से वो भी चौक गया और शर्मा कर वन्हा से चल पड़ा…..अपनी घड़ी की तरफ देखते ही कहा….ओह…माइ गॉड…..9.30 हो गये….जल्दी से शॉप खोलना होगा…..और वो बाइक स्टार्ट कर के चला गया…………
करीब 20 मिनट मे वो शॉप पर आ गया……स्टाफ पहले से ही दुकान खोल चुक्का था…….
राज: अरे यार डॉक्टर. नेहा शर्मा आ गयी क्या???
भोला: जी सर…वो तो कब से बैठी है….आप को 2 बार पुच्छ रही थी……
राज: क्या करता…..रश्मि को कॉलेज छोड़ना था…एग्ज़ॅम है उसका
भोला: भाभी का एग्ज़ॅम है??? किस चीज़ का?
राज: एम बी ए कर रही है……मैं 4.30 पर चला जाऊँगा…उसे रिसीव करने… ठीक है सर आप डॉक्टर. नेहा से मिल ले...तब तक मैं ग्राहको को देखता हू
राज डॉक्टर. नेहा के काबिने मैं चला गया….
डॉक्टर. नेहा एक गाइनकॉलजिस्ट है और राज की शॉप की बगल मे ही उनकी डिसपेनसरी है…और राज की रिस्ते मे साली है……………………..ये 28 य्र्स ओल्ड अनमॅरीड है और वही पर उसका घर भी है…..राज की वाइफ और डॉक्टर. नेहा सग़ी बहन है……डॉक्टर. नेहा की शादी के लिए लड़का देखा जा रहा है….कई लड़के वाले डॉक्टर. नेहा को देखने आए…..कुच्छ तो नेहा को पसंद नही और कुच्छ लड़के वालो की माँगे……. इसी वजह से नेहा की शादी 2 साल से टाली जा रही है…पर अब लगता है डॉक्टर. नेहा का सब्र का बाँध टूट रहा है….उसकी ईगरनेस्ष शादी के प्रति ज़्यादा तेज हो चुकी है…और हो भी क्यो नही…..उम्र का तक़ाज़ा है….पहले तो पढ़ाई, फिर राहुल से प्यार, फिर तकरार….अब लड़के की सर्चिंग…………………………परंतु उसे राज बहुत अच्छा लगता था…..काश अगर वो कमला का हज़्बेंड ना होता तो उसी से ही शादी करती …पर क्या करे….वैसे भी हसी और मज़ाक तो चलता ही रहता है….कई दफ़ा दोनो सिनिमा भी गये है…घूमने भी गये है….पर शारीरिक सम्बन्ध अभी तक नही हुए है…..
राज: गुड मॉर्निंग मेडम
डॉक्टर. नेहा: गुड……म…………. गुड आफ्टरनून कहो……क्या है ये…कहाँ थे….कब से ट्राइ कर रही हू…फोन भी स्विच-ऑफ किए हुए हो…..
राज:मेडम… रश्मि को कॉलेज छोड़ने गया था…आज से म ब आ का एग्ज़ॅम है
डॉक्टर. नेहा: रश्मि का बड़ा ख्याल है आपको….कही कुच्छ????
राज: क्या कह रही है….वो मेरी बहू है….
डॉक्टर. नेहा: अरे बहू है तो क्या हुआ…औरत तो है
राज: क्या मेडम…..??? तुम भी…..छोड़िए ये बताइए क्या चल रहा है…
डॉक्टर. नेहा: कुच्छ नही…अभी एक ऑपेरेशन है….तुम्हारा साथ चाहिए
राज: ठीक है…मैं तैयार हू पर 4 बजे तक ही आपको सेवा दे पाऊँगा……4.30 पर निकल जाउन्गा….रश्मि को लाना जो है.
डॉक्टर. नेहा: ठीक है बाबा…..चलो…ऑपेरेशन थियेटर.और वो डिसपेनसरी के पीछे ऑपेरेशन थियेटर मैं घुस गये……..
राज को आनेस्तीसिया देना आता है…पेशेंट को ऑपेरेशन से पहले आनएथेसिया (बेहोस किया जाता है) वो काम राज अच्छी तरह कर सकता है……वैसे राज बी.फ़ार्मा की पढ़ाई कर चुक्का है…..नौकरी करना उसे पसंद नही था…सो वो डॉक्टर. नेहा के कहने पर ही मेडिकल शॉप खोला था.
ऑपेरेशन थियेटर मे मात्र 4 स्टाफ थे और ये दोनो…..जीजा –साली
ऑपेरेशन के लिए एक 40 य्र्स ओल्ड लेडी को लाया गया जिसका यूटरस को निकालना था…..
उसे देखते ही राज ने डॉक्टर. नेहा को बोला
राज: डॉक्टर. शहाब….उनका किस चीज़ का ऑपेरेशन है?
डॉक्टर. नेहा: यूटरस का???
राज: यूटरस मे क्या हो गया
डॉक्टर. नेहा उसे देखते हुए….सड़ गया है…..निकालना है
राज: कैसे?
डॉक्टर. नेहा: हमे क्या मालूम?
राज: तुम तो जानती हो…डॉक्टर. जो हो
डॉक्टर. नेहा: अरे भाई….सीधी सी बात है…..धुआ-धार बॅटिंग करोगे तो पिच ऑफ उखरेगी ही…इस मेडम को 4 बच्चे है और 2 अबॉर्षन करवाया है….यूटरस सड़ गया…निकालना ज़रूरी है….समझे?
राज: हाअ…. और तुम्हारा यूटरस? ठीक है ना
डॉक्टर. नेहा: व्हाट???? क्या कहा….?? तब तक एक नर्स कॅबिन मे आ गयी और बोली…मेडम ऑपेरेशन थियेटर तैयार है….प्लीज़ कम
डॉक्टर. नेहा राज को आँखे तरेरते हुए वन्हा से चली गयी…पीछे पिछे राज भी ऑपेरेशन थियेटर मे घुस गया ……
पेशेंट्स को प्राइमरी चेक-अप करने के बाद अनेस्तेटिक मोस्ट पहना दिया गया उर उस पेशेंट पर आनएस्तेसिया चढ़ना सुरू हो गया…..पेशेंट नींद की आगोस मे सो गयी……..
राज: ये लो मेडम करो ऑपेरेशन …अब ये 5 घंटे तक बेहोस रह सकती है….सो हरी अप…..मेरा काम हो गया मैं चलता हू….बाइ
डॉक्टर. नेहा मुस्कुराते हुए उसे देखती रही….फिर वो अपने काम मे लग गयी…..
क्रमशः................................
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RE: Hindi Sex Kahaniya प्यास बुझती ही नही
एग्ज़ॅम का आज 2न्ड लास्ट डे था राज समयनुसार रश्मि को लेकर कॉलेज चल दिया…तभी उसे एक उक्ति सूझी….उसने प्लान बनाया….आज वो चाह रहा था कि अपना जलवा रश्मि को दिखा दे……लेकिन समय पर कॉलेज भी पहुँचना था….तभी उसने मन बनाया कि शाम को लौटते वक़्त वो ऐसा करेगा…….दो तीन बार वो हार्ड ब्रेक मारा…..रश्मि की चुचिया….राज ने अपनी पीठ पर महसूस की और रश्मि ने भी अपने हाथो से पॅंट के उप्पर राज के लंड का अनुभव किया पर वो उस जगह पर अपना हाथ ना रख कर उसके पेट को पकड़े हुए थी………..रश्मि राज की सारी चालाकी समझ चुकी थी पर वो कुच्छ बोल नही रही थी………शायद उसे भी उनका फ्लर्ट करना अच्छा लग रहा था…..उसकी लाज और शर्म करीब करीब ख़तम हो चुकी थी…..क्योकि बाथरूम मे जिस तरह राज को देखा था और उसे लिपट कर किस दिया ……उससे वो काफ़ी खुल चुकी थी…अब वो उससे भी आगे बढ़ना चाह रही थी…पर एक संकोच था वो ये कि आगे कौन बढ़े…..राज या रश्मि? राज उसका जेठ था…अगर देवेर होता तो शायद वो ऐसा एक्सपेक्ट कर सकती थी…वो जेठ था…..इसलिए रश्मि को पहले पहल करनी चाहिए…ये रश्मि भी समझ चुकी थी…पर उसके मन मे अभी भी एक संकोच था वो ये कि कही राज नाराज़ ना हो जाए….कही उसे चरित्र हीन ना समझ ले………
रश्मि एक बहुत ही खूबसूरत, आग्याकारी और सुशील लड़की थी….हन ये बात और है कि उसे मर्दो का अट्रॅक्षन काफ़ी परभावित करता था…विशेष कर राज…….उसकी एक वजह राजेश ही था क्योकि वो उसे ज़्यादा समय नही दे पा रहा था……और दूसरी तरफ राज किसी ना किसी बहाने हमेशा रश्मि के पास ही रहता था………….दूसरे तरफ राजेश का अफेर रंभा के साथ चल रहा था जो कि वो जानती थी..पर उसने कभी नाराज़गी व्यक्त नही की…..वो ये समझती थी कि ये उसके हज़्बेंड का अपना निज़ी मामला है…..और फिर उसका जॉब भी तो ऐसा था…..ज़्यादा तर वो विज़िट पर ही रहता है……..रंभा उसकी सेक्रेटरी थी…2 बार रश्मि भी रंभा से मिल चुकी थी…रंभा के साउत इंडियन लड़की थी…जो कि पिच्छले महीने राजेश के ऑफीस मे जाय्न कि थी,,,, उसके मा बाप पिछले महीने ही गुजर गये थे..उसके अंत्येष्टि मे राजेश और रश्मि उसके घर पर गये थे…संवेदना व्यक्त की थी…….तभी से राजेश और रंभा के बीच संबंध स्थापित हुए………रश्मि को ये बात तब पता चली जब राजेश की शर्ट के पॉकेट मे रंभा का एक रुमाल मिला जिसमे रंभा लिखा था…….पुच्छने पर राजेश ने सब सच बता दिया ….उसने तो यहाँ तक बता दिया कि उसके साथ शारीरिक संबंध भी हो चुके है………ये सुनकर शायद दुनिया की कोई भी औरत चिल्लाएगी नही…ऐसा नही हो सकता…..पर ये रश्मि ही थी कि उसने सिचुयेशन को कंट्रोल मे रखा….अपने आप को संभाला और कहा……
रश्मि: राजेश….तुम जो भी कर रहे हो वो ग़लत है…..कम से कम अपने घर-गृहस्ती देखो…..
राजेश: मुझे पता है पर मे क्या करता…..मुंबई मे तुम थी नही…..और फिर शराब और शबाब का ऐसा जस्न चला कि मे रंभा के साथ बह गया….शायद तुम रहती तो ऐसा नही होता
रश्मि: तभी मे कहती हू कि शराब से दूर रहो…….क्योकि शराब इंसान नही पीता…बल्कि शराब ही इंसान को पीती है…..
राजेश: सॉरी डार्लिंग…. मे तुम्हारा गुनह-गार हू. जो सज़ा देना हो दे दो पर मेरे से बात ज़रूर करो
रश्मि: कभी सोचा है…अगर एड्स जैसी बीमारी हो गयी तो? मे तो गयी काम से ना
राजेश: रंभा ऐसी लड़की नही है….शी ईज़ वर्जिन लेडी
रश्मि: तुम्हे कैसे पता?
राजेश: डार्लिंग…उसकी चूत की सील मेने ही तोड़ी है….शी वाज़ वर्जिन
रश्मि: ओह माइ गॉड…. बेशर्मी की हद हो गयी….ऐसे बात कर रहे जो जैसे किला फ़तेह कर लिया हो
राजेश: ये किला फ़तेह से कम थोड़े ही है….तुम्हारी भी सील तोड़ी है….तुम 2 दिन तक चल नही सकी थी
रश्मि: छियीयीयियी कैसे आदमी हो…..पब्लिक प्लेस पर ….ये सब….कोई सुनेगा तो क्या कहेगा
राजेश: क्या कहेगा….मे अपनी बीबी से बात कर रहा हू…किसी और से थोड़े ही ना………..थोड़ी देर खामोश रहने के बाद………………हिम्मत करके राजेश ने कहा….तो मे सोचु कि तुमने मुझे माफ़ कर दिया है
रश्मि: ये तुमने कैसे सोच लिया…घर चलो तो हम बताते है???? भैया और भाभी से कहूँगी… तुम्हारा लाड़ला क्या गुल खिला रहा है…….बाते करते करते घर भी आ गये….पर घर पर तो ताला लटका हुआ था……………………………………..लगता है ये भी कही रंग-रेलिया मना रहे है……………………..
राजेश : हस दिया………….
रश्मि: हसो मत….ताला तोड़ने का जुगाड़ करो
राजेश: ताला मे कैसे तोड़ सकता हू….बिना चाभी के ताला नही तोड़ा जा सकता…..ताला खराब हो जाएगा
रश्मि: मुझे मत सिख़ाओ…..ये लो पत्थर और तोडो…….औरतो की सील तोड़ सकते हो….ताला नही??? यही मर्दानगी है…..तुम्हारी?
राजेश: मर्दानगी की बात मत करो……नही तो बुरा होगा
रश्मि: क्या कर लोगे?
राजेश: मे अभी खड़े खड़े चोद दूँगा
रश्मि: तो चोद के बताओ?
राजेश: वो उसे बाँहो मे लेना चाहता था कि तभी एक बुड्ढ़ा वन्हा से गुजर रहा था….उसे देखकर दोनो नॉर्मल हो गये……..
राजेश ताले को गौर से देखने लगा….और फिर रश्मि से बोला…रश्मि अपना हेर पिन दो..रश्मि ने हेर पिन निकालकर उसे दिया…..और राजेश उसे गौर से देखने लगा….वाकई ये कमीना ताला खोलने मे माहिर है……..और तभी कट की आवाज़ के साथ ताला खुल गया…..राजेश ने हस्ते हुए रश्मि को कहा…लो खुल गया ताला….और बताओ और किसका ताला खोलना है…
रश्मि: वेरी क्लेवर………..अब चलो ….अंदर बताती हू और हस्ने लगी
राजेश ने जैसे ही रश्मि अंदर गयी उसे बाँहो मे ले लिया और उसके होंठो को ज़ोर से किस करने लगा…..होंठो को चूस्ते हुए उसे अपने गोद मे उठा कर अपने बेडरूम मे चला गया…..जहाँ पहले से ही बेड तैयार था….राजेश ने रश्मि को बेड पर पटक दिया और उसके उप्पर चढ़ गया….
रश्मि: अरे पहले फ्रेश तो हो लो…..आज रात को करना….जो करना हो
राजेश: नही अभी करने दो फिर नहाना……
रश्मि: मेरे भोले सनम……मेरे पूरे शरीर मे डस्ट लगी है..ऐसे मे सेक्स करना सही नही होगा…..चलो नहाते है…
राजेश: हां तो चलो……………………और दोनो बाथरूम मे चले गये…वही पर एक दूसरे के कपड़े उतारे…….रशमी सिर्फ़ ब्रा और पॅंटी मे थी और राजेश एक छोटे से ब्रीफ मे.
राजेश; मेरी जान इसे भी तो उतार दो….उसकी पॅंटी और ब्रा को देखते हुए कहा
रश्मि: नही………अभी नही….तुम बहक जाओगे…और मुझे यही खा जाओगे.
राजेश: अरे यार……मे रात से ही भूका हू…….और तुम हो कि
रश्मि: क्यो रात से क्यो….रंभा ने नही दी खाने को (रंभा का ताना दिया)
राजेश: अरे यार वो मेरी पी ए है और तुम मेरी बीबी…
रश्मि: यानी….मे घरवाली और वो बाहरवाली …क्या कॉंबिनेशन है
राजेश ने एक साबुन उठया और रश्मि के पूरे शरीर पर लगाने लगा….साबुन के फेन से सराबोर रश्मि ने भी मूड कर अपने पति के गले मे बाँहे डाल दी और उसे भी साबुन रगड़ने लगी. राजेश ने उसे किस करने के बाद उसके होंठो को चूसने लगा….रश्मि की आँखें बंद हो गयी…आज 3 दिन बाद राजेश आया था…..वो सेक्स से मरी जा रही थी वही दूसरी तरफ राजेश का हाल था….दोनो अब एक दूसरे को साबुन लगाने लगे…….और दूसरी तरफ होंठो को चूसने लगे……रश्मि पूर्ण रूप से नंगी हो चुकी थी….राजेश पहले से था ही नंगा…..अब रश्मि साबुन का फेन राजेश के लंड पर लगा रही थी…. लंड ज़रूरत से ज़्यादा एरॅक्ट था…..वैसे रश्मि बाथरूम मे कई दफ़ा चुदाई थी…पर आज कुच्छ ज़्यादा ही मज़ा आ रहा था…वो राजेश के कान मे बोली…..डार्लिंग…मुझे यही पर चोदो…..मे मरी जा रही हू….
राजेश मुस्कुराते हुए कहा….शुवर डार्लिंग…और वही कॉमोड पर बैठ गया और रश्मि को खींच कर अपने उप्पर बैठा लिया….दोनो कैची की तरह बन गये…. राजेश ने अपना लंड आगे बढ़ा कर उसकी चूत मे लड़ा दिया और धीरे से प्रेस किया….एक हल्की सी फॅक की आवाज़ के साथ लंड पूरा धँस गया…रश्मि स्वर्ग मे तैरने लगी….वो राजेश को अपनी बाँहो मे लेते हुए उसके चेहरे , होंठ और गालो पर किस करने लगी….दूसरी तरफ राजेश उसके हिप्स, गांद और चुचियो को दबा दबा कर धक्के लगाने लगा….रश्मि आज जी भर कर चुदवाने लगी…..वो उसके कान मे कुच्छ बोली……डार्लिंग…बोलो कौन अच्छी है..मे या रंभा
राजेश: डार्लिंग सच बोलू…..तुम
रश्मि: वो कैसे?
राजेश: तुम्हे चोद्ते हुए मुझे अद्भुत आनंद मिलता है
रश्मि: रंभा से क्यो नही?
राजेश: रंभा जल्दी जल्दी करती है…..जैसे कोई ट्रेन ना छूट जाय………… या किसी के आने का डर हो…. सेक्स का मज़ा तभी आता है जब प्यार हो और समर्पण हो
रश्मि: ठीक कहते हो…तभी तो मे पूरी समर्पित हू…मुझे कुच्छ नही चाहिए….तुम जिसके साथ सोवो, चोदो, मुझे कोई दिक्कत नही है…हां अपना ख्याल रखना…..कॉंडम का इस्तेमाल ज़रूर करना….
राजेश : जी मेडम………
रश्मि: जी मेडम….कभी कॉंडम का इस्तेमाल किए हो….??? जो जी मेडम बोल रहे हो….
राजेश: यार तुम जानती हो कि मुझे कॉंडम से नफ़रत है….मुझे मज़ा नही आता
और तुम ही बताओ….कॉंडम से तुम्हे भी तो आलर्जी है.
रश्मि: मुझे क्यो नही होगी…..मे तुम्हारी बीबी हू…मुझे कॉंडम की क्या ज़रूरत है…मुझे तो एक भी बच्चा नही हुआ है……और फिर मे कोई बाजारू थोड़े हू.
राजेश: तो क्या सिर्फ़ बाजारू औरते ही कॉंडम का इस्तेमाल करती है?
रश्मि: मे तुम्हे इस लिए बोल रही हू क़ि कॉंडम तुम्हे एड्स से बचाएगा बस
राजेश: ठीक है मेरी मा…आइन्दा से कॉंडम यूज़ करूँगा….बाहरवालीयो के साथ …अब खुस………………………
आज पहली बार कोई पत्नी अपने पति को बाहरवालीयो को चोद्ने को बोल रही हो.
रश्मि: ऐसा इसलिए कि मे समझ सकती हू कि बिना सेक्स के ईक दिन भी रहने कितना मुस्किल है…..तुम्हारे लिए….बिना चुदाई के रह सकते हो ….बोलो???
राजेश: ये तो सत्य है कि बिना चुदाई के ईक रात भी गुज़ारना मुस्किल है ….पर तुम बोलो तुम कैसे रहती हो?
रश्मि : मेरी बात छोड़ो…हम औरतो को भगवान ने बड़ा दिल दिया है…हम किसी भी दुख को आसानी से झेल सकते है
राजेश: पर तुम्हे भी तो इच्छा होती होगी …..दूसरे मर्द से चुद्वाने की….बोलो ना प्लीज़…..
रश्मि: यार बात को कहाँ से कहाँ ले गये…..अब चोदो और धक्का लगाओ…मुझे फ्रेश होकर खाना भी बनाना है………………….प्लीज़ हरी अप…..राजेश को भी समय गवाना व्यर्थ लगा और वो धक्के लगाने लगा……इस बार वो उसे अपनी बाँहो मे उठाए हुए पूरे लंड को उसके चूत मे डाले हुए खड़ा हो गया और चुदाई करने लगा…….करीब 5 मिनट चोद्ने के बाद वो झर गया…….जैसे ही उसके पिचकारी छूटी उसका पाँव फिसल गया और वही बाथरूम के फर्स पर रश्मि को लिए हुए गिर गया…पर लंड उसके चूत से नही निकला ….
राजेश: डार्लिंग..तुम ठीक हो…
क्रमशः.......................
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RE: Hindi Sex Kahaniya प्यास बुझती ही नही
राजेश ने अपना बॅग रखा और टॉवेल्ल लेकर बाथरूम मे घुस गया…थोड़ी देर बाद वो फ्रेश होकर बाहर निकला…रश्मि एक नाइटी पह्न कर सो रही थी…..राजेश की आँखो के सामने रश्मि के विशाल चूतड़ दिख रहे थे…नाइटी काफ़ी उपर उठ चुकी थी….आज राजेश को चोदे हुए 2 दिन हो चुके थे…..उसका लंड खड़ा हो गया …पर उसे याद आया…अरे मुझे तो रश्मि को मनाना होगा…क्योकि रात को नही आया था…और अभी दिन है……………………….सो वो धीरे से उसके बगल मे बैठ गया…और अपने दाहिने हाथ से उसके चेहरे को सहलाया और उसके गालो पर एक किस देते हुए कहा:
राजेश: डार्लिंग…सो रही हो……..अभी तो 10 बजे है….तबीयत तो ठीक है
रश्मि: ठीक है ..सोने दो.
राजेश: अरे यार आँखे तो खोलो…देखो तुम्हारे लिए क्या लाया हू.
रश्मि: आँखे खोल कर कहा…क्या लाए हो….
राजेश: जलेबी……उठो……फ्रेश हो जाओ…नाश्ता करते है
रश्मि उठ गयी………..और उसके गले मे बाँहे डाले हुए कहा…….तुम मुझे मरवा दोगे…..कभी तो मेरी फ़िक्र कर लिया करो…..मे रात से परेशान थी तुम्हारे लिए…और तुम हो कि…मेरी ज़रा भी फ़िक्र नहिकरते…बताओ मे क्या करू?
राजेश: मे समझ सकता हू….मे तुम्हे पूरा वक़्त नही देता हू…पर क्या करू काम ही ऐसा है…प्रॉजेक्ट वर्क है…टाइम-बॉंडेड रहता है…समय पर पूरा नही हुआ तो कंपनी को पेमेंट नही मिलेगी….और अगर पेमेंट नही मिली…तो मेरा भी पेमेंट नही मिलेगा…….क्या करू?
रश्मि: छोड़ दो नौकरी……
राजेश: और फिर जलेबी कहाँ से आएगी…ये कीमती कीमती कपड़े…..तुम्हारे नखरे का क्या होगा….?
रश्मि: मे कुच्छ नही माँगूंगी…प्लीज़ ….मे अब बर्दास्त नही कर सकती…बहुत हो गया….रात को मेने एक सेक्सी ब्लू फिल्म देखी थी…तब से हॉट हू….
राजेश: अरे तो ये बात है….डार्लिंग अभी आया…तुम्हारी हॉट निकालता हू.
रश्मि: रश्मिने उठ कर बाथरूम की तरफ जाते हुए कहा….आप चलो मे अभी आई डाइनिंग रूम मे.
और वो बाथरूम मे घुस गयी…
थोड़ी देर बाद दोनो डिन्निंग टेबल पर नाश्ते के लिए आ गये…सभी ने मिलकर नाश्ता किया…नाश्ता करने के बाद राज अपनी शॉप चला गया….कमला किचन मे और राजेश और रश्मि अपने बेडरूम मे…थोड़ी देर तक इधर उधेर की बाते हुए…फिर दोनो सेक्स के आगोश मे समा गये…करीब 50 मीं तक सेक्स चला…चुदाई अव्वल थी….राजेश ने दो तीन आसन का इस्तेमाल किया…रश्मि आज खूब चुदी….जब दोनो नॉर्मल हुए तो राजेश ने कहा…एक खूसखबरी है……..
रश्मि: क्या?
राजेश: उसके चेहरे को चूमते हुए कहा….कि मुझे मुंबई जाना होगा 3 मंथ. की ट्रैनिंग है….तुम चलोगि…तुम्हारा मन हल्का होगा…
रश्मि: वैसे कब जाना है
राजेश: 4-5 डेज़ लगेंगे……2 लोगो का रेकमेंडेशन हुआ है कंपनी की तरफ से एक मेरा और दूसरा मेरे एक दोस्त का.
रश्मि: अगर मेरा असाइनमेंट सब्मिट हो जाता है इन दिनो तो मे चलूंगी…वरना तुम्हे अकेले ही जाना होगा………………….मे अब अकेली नही रह पाऊँगी
राजेश: डार्लिंग…मे जो भी कर रहा हू तुम्हारे लिए ना..
रश्मि: वो तो ठीक है…पर लोगो को क्या करू…..?? लोग मुझे ताने देते है….
राजेश: ताने कैसी ताने?
रश्मि: शादी के 2 साल हुए…अभी तक कोई औलाद नही हुई….
राजेश: तो क्या हुआ….सभी लोग प्लान करते है….अपने भविस्य के लिए और अब भैया को देखो शादी को 5 साल हुए…उनको भी बच्चा नही हुआ…..उसका क्या?
रश्मि: ये सब मे नही जानती…..मुझे बच्चा चाहिए ..और ये तभी संभव होगा जब तुम मेरे पास रहोगे…..और सेक्स करोगे……………………….
ठीक है बाबा ये प्रॉजेक्ट ख़तम होने के बाद प्लान करते है फॅमिली की.
दोनो मे एक बार फिर फोर-प्ले सुरू होगयी और फिर सेक्स………………………………अंततः……दोनो स्खलित होकर ढेर हो गये…और दोनो चिपक कर सो गये…………………………………………………………………..
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शाम को राज किसी काम से घर आया हुआ था…कमला कही पड़ोस मे गयी थी…..रश्मि कोई नॉवेल पढ़ रही थी…..राज शर्मा की स्टोरी. राज ने जब आवाज़ लगाई तो कोई जवाब नही मिला….तब उसने दरवाजे को प्रेस किया…दरवाजा अपने आप खुल गया……वो अंदर दाखिल हुआ….और रश्मि या कमला को ढूँढने लगा…..तभी उसे रश्मि के कमरे से आवाज़ आई…उसने चुपके से दरवाजे की तरफ देखा….रश्मि के रूम के दरवाजे के पास आ गया और झाँक कर रूम के अंदर झाँकने लगा…देखते हुए राज को झटका लगा……रश्मि बिल्कुल नंगी…बगल मे एक सेक्सी नॉवेल और उसके हाथ मे राज का ब्रीफ था….ये वही ब्रीफ था जो रश्मि के साथ नहाते वक़्त पहना था…..रश्मि लंड की जगह वाले हिस्से को किस कर रही थी और चाट चूम रही थी….ये देखकर राज रोमांचित हो गया….उसे कुच्छ समझ मे नही आ रहा था कि क्या हो रहा है…अब वो अपने कान को दरवाजे से लगा लिया और उसकी आवाज़ को सुनने लगा…..शुरू मे उसके कराहने की और सिसकारियो की आवाज़े आने लगी…फेर बाद मे….वो राज का नाम ले ले कर ब्रीफ को किस कर रही थी………
रश्मि; आइ लवर यू मेरे जेठ जी….जब से आपका लंड देखी हू तब से ब्याकुल हू…मेरी चूत हमेश रोती रहती है…क्या करू….हज़्बेंड तो चोद्ते है पर उनके चोद्ने से मन नही भरता…बताओ मे क्या करू…..और ये कहते हुए ब्रीफ के लंड की जगह किस कर लिया….आगे कहा……आपका लंड एक अश्व-शक्ति का लंड है…..ऐसा ही लंड मेरे मामा का था…..मोटा और काला….मे ऐसे ही लंड की दीवानी हू……हालाँकि मे पूर्ण रूप से कोरी हू……अपने हज़्बेंड के बाद आप ही है जिनसे मे अफेर कर बैठिहू…..आप आ जाओ और मेरी प्यास बुझा दो……………………………मे अब बर्दास्त नही कर सकती……याद है जब आपने मेरे होंठो को चूसा था… उसी दिन मे चुद जाती पर मुझे एहसास हुआ कि मे ग़लत कर रही हू….हां मे ग़लत कर रही थी….पर मे क्या करू….मेरी प्यास बुझती ही नही…..आपके दिल मे क्या है मे नही जानती …पर मे आपके वगैर बेचैन हू……………………………..मे क्या करू …..बताओ मे क्या करू….और पूरे ब्रीफ के कपड़े को अपने गालो, नाक और चेहरे पर रगड़ने लगी…………………………………….राज को बहुत अस्चर्य हुआ……चाहता तो राज भी रश्मि को था…कई दफ़ा उसे ब्रा और पॅंटी मे देख चुका था….पर सेक्स के लिए कभी नही सोचा…..आज उसके मन मे अरमान जगा है…पर वो इतनी जल्दी अपने पत्ते खोलना नही चाहता…..वो धीरे से बोला……मेरी जान थोड़ा और तड़पो……..तभी उसने धीरे से आवाज़ लगाई
राज: रश्मि………ए रश्मि कहाँ हो भाईईईईईईई..
रश्मि मानो नींद से जागी थी…अपने कपड़े पहने और ब्रीफ को बेड के अंदर किया और बोली…अभी आई……………………….और फिर आ गयी…
राज: कमला कहाँ है????? खाना लगाओ अभी जाना है…
रश्मि: जी अभी लगाई…आप हाथ पैर धो लो……मे अभी लगा देती हू…..
इस दरम्यान राज ने नोटीस किया कि रश्मि अपनी नज़रे चुरा रही थी….अपनी नज़रे नीची करके बात कर रही थी…..वैसे बो समझ चुका था कि ये ऐसे क्यो कर रही है…फिर भी उसे कुरेदते हुए कहा…
राज: क्या हुआ…तबीयत ठीक नई है क्या?
रश्मि: जी ठीक है….सो रही थी……दीदी बगल मे शर्मा अंकल के पास गयी है….उनकी बेटी का तिलक जा रहा है……………….सो फॅमिली फंक्षन अटेंड करने गयी..और
राज: और राजेश…?
रश्मि : वो ऑफीस? और हां भैया…वो मुंबई जा रहे है 2 मंथ के लिए…कोई ट्रैनिंग है….
राज: तुम भी जा रही हो?
रश्मि: जी असाइनमेंट जमा करने है…और फिर मे वन्हा जा कर क्या करूँगी…मे यही ठीक हू….
राज: वेरी गुड….. अरे हन….तुम्हारे लिए कुच्छ लाया हू…ले लो पैकेट…अगर तुम्हे पसंद नही हो तो वापस कर देना ….दुकानदार को दे दूँगा…और ये लो कमला को दे देना…दोनो के अलग अलग कपड़े के पैकेट हैं. और बेसिन की ओर चल दिया….
रश्मि उन पैकेट को देखने लगी…..रेड सेफन दी सारी, पेटिकोट, 4 ब्रा और 4 पॅंटीस थी….सब एक से एक आधुनिक और कॉस्ट्ली थी…..उसने मन ही मन सोचा…..जेठ जी तो काफ़ी रंगीले हो रहे है…तभी इस तरह के कपड़े खरीद लिए………………………..वो मुस्कुरई और फिर और ढूँढने लगी…उस पैकेट मे एक गत्ते का लिफ़ाफ़ा था..उसे निकाल कर देखा ….अरे ये तो थॉम्ब है….जो हेरोयिन बीच पर नहाते समय पहनती है…ये देखते हुए उसे करेंट सा लगा…वो समझ गयी कि जेठ जी के अंदर क्या मंसूबा है उसके प्रति….वो शर्मा गयी और कपड़े वही ड्रॉ मे डाल कर चल दी किचन की ओर…..
आज डॉक्टर. नेहा का बर्तडे था………..सुबह से ही काफ़ी खुस थी ….आज 12.00 पीयेम तक काम किया और उसके बाद सभी मरीज़ो को देखने के बाद अपने घर पर आ गयी……..उसकी मॅमी आंड कुच्छ रिलेटिव मिलकर घर को सजाने का काम करने लगे…कमला सुबह ही आ गयी थी…….वो भी लग गयी…उसने किचन संभाल लिया…….राज, राजेश और रश्मि शाम को आएगे……………………………….
पार्टी मे कुछ खास मेहमआनो को बुलाया गया था..जिसमे उसके रिलेटिव, कॉलीग्स आंड मेडिकल कॉलेज के स्टाफ्स के थे….कुल मिलकर 30 लोग ने पार्टी अटेंड किया…..पार्टी रात 11 पीयेम तक चली उसके बाद खाना हुआ……………………………खाना खाने के बाद सभी लोग अपने अपने घर चले गये…….कमला ने कहा कि मे सुबह आऊँगी….क्योकि मे काफ़ी थक चुकी हू….राज ने उसका वही रहना उचित समझा…..राजेश ने पार्टी अटेंड की नही थी…क्योकि कल उसे मुंबई के लिए फ्लाइट पकड़नी थी……इसलिए वो अपने प्रॉजेक्ट पर काम कर रहा था…रात 1 बजे तक काम किया…….उसे पता ही नही रहा कि आज डॉक्टर. नेहा का बर्तडे है…वैसे रश्मि ने दो बार फोन करके बता दिया था……पर वो समय पर ना आने का खेद प्रकट कर चुका था डॉक्टर. नेहा को…………………
राज एक ऑटो लाया और उसपर रश्मि और खुद बैठकर घर आ गये…..दोनो काफ़ी थके हुए भी थे….राज ने थोड़ी सी पी भी रखी थी….और रश्मि भी…..ऑटो मे दोनो ऐसे बैठे हुए थे कि ऐसा लगता था कि दोनो पति-पत्नी हो या प्रेमी-प्रेमिका हो……
ऑटो ड्राइवर= शहाब, कहा चलु?
राज: साउत एक्स्ट.
ड्राइवर ने साउत एक्स्ट की ओर ऑटो को दौड़ा दिया…..राज ने मोके को देखते हुए रश्मि को बाँहो मे लेलिया और उसके होंठो को किस करने लगा…रश्मि को राज के मुँह से शराब की बदबू आ रही थी…उसने अपना चेहरा दूसरी तरफ कर लिया और बोली: ठीक से बैठो….ड्राइवर देख रहा है…पर अपना हाथ राज की जाँघ पर रखे रखा……और राज उसके हाथ को अपने लंड पर रगड़ने लगा…..
रश्मि को अच्छा लग रहा था…..वो कुच्छ नही बोल रही थी….बीच बीच मे राज रश्मि को किस कर रहा था……घर के पास आते ही ऑटो ड्राइवर को पेमेंट कर दिया…ऑटो-ड्राइवर उसे घूरते हुए चला गया….रश्मि और राज घर मे घुस गये…………….रश्मि को अजीब सा लग रहा था….वो दूबिधा मे थी कि अगर राज पहल करेंगे तो वो क्या करेगी….वैसे मन तो उसे भी कर रहा था….कि चाहे जो हो……..सेक्स मे आगे बढ़ेगी…पर वह राजेश को धोखा नही दे सकती थी….राजेश जो करता है, किसी के साथ सोता है वो उसका कर्म है मेरा कर्म क्या है….वो लड़का है….समाज उसे कुच्छ नही कहेगा….पर मे एक स्त्री हू….किसी की पत्नी हू, किसी की बहू हू, किसी की बेटी हू….अगर बात खुलेगी को मेरे मम्मी पापा क्या कहेंगे…और फिर कमला दीदी क्या कहेगी….जो कि मुझे अपनी बहन से भी ज़्यादा प्यार करती है…..यही उधेड़ बुन मे उसने घर के अंदर प्रवेश किया और भाग कर अपने कमरे मे चली गयी और अंदर से दरवाजा लॉक कर लिया…..राज को समझ मे नही आया कि क्या हो गया अचानक रश्मि को….वो रश्मि के दरवाजे तक आया और बोला:
राज: रश्मि….एवेरी थिंग ईज़ अलराइट???? कोई दिक्कत है?
रश्मि: जी नही…आप भी सो जाओ…सुबह बात करेंगे…
राज:पर हुआ क्या??? ये तो बताओ…अचानक रिक्ट क्यो कर रही हो
रश्मि: वो आप जानते है…..
राज: क्या???? सॉफ सॉफ बताओ
रश्मि: ऑटो मे जो कुच्छ भी हुआ वो ठीक नही है….हमारा रिश्ता इसके लिए इज़ाज़त नही देता….
राज: मे इसपर कुच्छ सफाई नही दूँगा….दर असल ये समय की माँग है और उम्र का तक़ाज़ा है….तुम भी जानती हो और मे भी कि हम अपने अपने पार्ट्नर से खुस नही है….
रश्मि: आप को किसने कह दिया कि हम खुस नही है….मे अपने पति से बहुत खुस हू…….
राज: वो तो तुम्हारी ज़ुबान कह रही है पर क्या तुम्हारा शरीर तुम्हारा साथ दे रहा है….क्या तुम वाकई खुश हो….तो फिर उस दिन क्या हो गया था तुम्हे जब तुम मेरे बाथरूम मे घुस गयी थी….
रश्मि: आपका बाथरूम नही मेरा बाथरूम था….आप आए थे मेरे बाथरूम मे
राज: हां….हां…तुम्हारा….पर तुम बाथरूम मे क्यो आई…..तब मे नहा रहा था………………
क्रमशः
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RE: Hindi Sex Kahaniya प्यास बुझती ही नही
प्यास बुझती ही नही-4
दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त राज शर्मा चौथा पार्ट लेकर हाजिर हूँ अब आगे.............................
रश्मि: अपने मुँह का पेस्ट सॉफ करने आई थी….
राज: वो तो तुम किचन के बाहर लगे हुए बेसिन मे भी धो सकती थी….
अब रश्मि के पास कोई जवाब नही था……….उसने घबरा कर बोला…मेने सोचा कि बाथरूम मे धो लू…..
राज: चलो ठीक है…पर जब मेने तुम्हे साबुन लगाने को कहा तो तुम तैयार क्यो हो गयी……उस समय तुम्हारे मन ने क्यो नही रोका…तुम मेरी बहू थी….मेरे छ्होटे भाई की बीबी……………….
अब भी रश्मि के पास कोई जवाब नही दिया………अच्छा छोड़ो……..
जब मेने तुम्हारा किस किया,, तुम्हारे होंठो को चूसा….और याद है तुमने भी चूसा था……मेरे होंठ…पर वह क्या था……है तुम्हारे पास जवाब ….इस स्वाल का???? या फिर मे जाऊ सोने…..
थोड़ी देर रश्मि कुच्छ नही बोली….फिर उसने बोली…..जो कुच्छ भी हुआ इसके लिए सॉरी…मे बहक गयी थी…अब आगे ऐसा नही होगा……आप जाओ सोने….मे भी सोने जा रही हू…………………..
तुम बेशक सोने जाओ……मुझे भी कोई दिलचस्पी नही है तुममे……मे तो तुम्हे समझा रहा था…कि स्त्री और पुरुष के बीच सेक्स के रिस्ते होते रहते है ….चाहे रिस्ते कोई भी हो…..हमारा तुम्हारा रिस्ता हो सकता है…पर डिपेंड तुमपे है…अगर तुम तैयार हो तो ठीक है….और अगर नही ….तो फर्गेट इट…………
रश्मि कुच्छ नही बोली…………………………राज अपने कमरे मे चला आया…और फ्रेश होकर एक ग्लास दूध पिया और सो गया……………………………………………………….
दूसरी तरफ रश्मि की आँखो मे नींद नही थी…वो सोच रही थी कि क्या उसने जो किया …क्या वो सही है????? क्या वाकई सारी ग़लती राज की है….उसकी नही है…
चाहे जो हो मे एक स्त्री हू…मुझे अपने अस्मत बचानी चाहिए…….और फिर राज का क्या गुनाह है…..जिस समय दोनो थे उस समय कोई भी मर्द फिसल सकता है…आधी रात का टाइम, दोनो जवान, और उसपर रश्मि के साड़ी और उसके ब्लाउस के कट….उसके ब्लाउस से दोनो चुचिया आधी से ज़्यादा बाहर आ रही थी जो कि मर्दो को आवाहन कर रही थी कि आओ और पाकड़ो मुझे…….और फिर पेटिकोट की गाँठ उसकी नाभि से काफ़ी नीचे बाँध रखी थी…और उसपर उसकी हेवी गान्ड….किसी भी मनचले को पथ-भ्रस्त कर सकता है…….ये तो राज था जो कि अब तक अपने आप पर कंट्रोल रखे हुए था….अगर कोई और होता तो अब तक रश्मि चुद चुकी होती….यही सोचते हुए रश्मि ने फ़ैसला किया कि सुबह उठते ही उसने राज से माफी माँगेगी…………………..और फिर सोने का प्रयास करने लगी….
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सुबह करीब 5 बजे रश्मि का नींद टूटा…….दूधवाले ने कॉल वेल बजाई थी…रश्मि ने उठकर दूध लिया और फिर किचन मे चली गयी…..फिर उसने सोने चली गयी….तभी उसने अपना मोबाइल चेक किया…दो मेसेज आए हुए थे…एक राज का था और दूसरा उसके हज़्बेंड राजेश का…..राज ने सिर्फ़ इतना कहा: सॉरी फॉर इन दा नाइट…..आंड राजेश ने सॉरी टू नोट अटेंडिंग इवेंट्स.
मेसेज पढ़कर वो मुस्कुरा दी..और फिर किचन मे चाय बनाने चली गयी….अब उसने सोने का विचार छोड़ कर 2 कप चाय बनाने के बाद वो राज के रूम मे आ गयी…..राज सिर्फ़ एक नेकार पहने हुए था उपर से नग्न…पहले तो रश्मि ने उसके पूरे शरीर का मुआईना किया फिर चाय का ट्रे टेबल पर रख दिया और उसे जगाने लगी…तभी वो रुक गयी…क्योंकि उसकी नज़र उसके लंड पर चली गयी….लंड पूरा का पूरा नेकेर से बाहर था…..काला और मोटा….ऐसे लग रहा था कि कोई साउत अफ्रीका के हबसी का लंड हो…..उसके लंड को देखकर रश्मि स्तब्ध रह गयी……वो अनुमान लगाने लगी कि उसका लंड कितना बड़ा होगा……राज बिल्कुल सो रहा था…क्योकि उसके खर्राटे की आवाज़ आ रही थी…….सो रश्मि पूरा का पूरा सुनिस्चित कर ली थी कि राज सो रहा है……………उसने अपने हाथो की उंगली से उसके लंड के सुपाडे को टच किया….लंड की कोमलता का एहसास रश्मि को हुआ…उसे बहुत अच्छा लगा…….दूसरी तरफ शायद राज को भी अच्छा लगा….अब वो पीठ के बल सो रहा था…जिससे उसका लंड छत की ओर हो गया…..लंड ऐसे था मानो कोई गन्ने का पेड़ हो…………………………रश्मि को उसके लंड पर प्यार आ रहा था…..पर वो क्या करे….अगर जगाएगी तो वो अपनी ही नज़र से गिर जाएगी…और फिर राज क्या सोचेगा…..सोचेगा: रात को तो बहुत बड़ी बड़ी बाते कर रही थी…और अब क्या हो गया….सो वो वही बैठ कर उसके पूरे शरीर को देख रही थी…..लंड पर बाल नही थे…..ऐसा लगता था कि राज ने हायर रिमूवर से बाल सॉफ किए थ…..एक दम चिकना…..रश्मि ने झुकर लंड के अग्र भाग को एक बार और टच किया….उसे अच्छा लग रहा था….आज पहली बार जेठ जी के लंड को इतनी नज़दीक से देख रही थी…….अब वो कह रही थी कि इसकी सुगंध कैसी है…..ब्रीफ मे तो काफ़ी अच्छी सुगंध थी…..वो झुक कर उसके लंड के इर्द-गिर्द की सुगंध लेने लगी..तभी रश्मि का गाल लंड से टकरा गया…….राज को एक एरॅक्ट हुआ और फिर नॉर्मल हो गया……रश्मि घबरा गयी…उसे लगा कही ये उठ ना जाए…पर जब राज नॉर्मल हो गया तो उसने पुनः ट्राइ किया….और सावधानी से सूंघने लगी…..लंड की स्मेल काफ़ी अच्छी थी…वो मदहोश हो गयी…..अब वो लंड के अग्र भाग को अपने लिप्स से चूसना चाहती थी…उसने झुक कर उसके अग्र भाग पर एक किस दे दी…इसबार भी राज थोड़ा हिला….और फिर वैसे ही..हो गया….उसे ऐसा लग रहा था कि कोई सपना देख रहा है और रश्मि स्प्ने मे ही उसके लंड को किस कर रही है……………………इस बार रश्मि ने तय कर लिया कि वो सुपाडे को चुसेगी चाहे जो भी हो…..वैसे वो कई बार राजेश के लंड को चूस चुकी थी……पर ये तो राजेशसे भी बड़ा लंड था…………………..और फिर वो झुक कर लंड के सुपाडे को अपने मुँह मे लेने का प्रयास करने लगी…लंड पूरा उसके मुँह मे आ गया और फिर उसे चूसने लगी…उसने अपनी आँखे बंद कर ली और चूसने लगी….दूसरी तरफ राज भी हिल डुल रहा था….कि तभी रश्मि के दाँत लंड पर लग गये…..राज हड़बड़कर उठ गया…रश्मि भी घबरा गयी…और उसने लंड छोड़ दिया और वन्हा से उठ गयी………………….वो भाग जाना चाहती थी….कि राज ने उसका हाथ पकड़ लिया………………………………………………………………………
राज: मेडम….ये क्या हो रहा है…..???
रश्मि: कुच्छ नही……मे तो ऐसे ही
राज: ऐसे ही क्या??? रात मे तो बड़ी बड़ी बाते कर रही थी…अब क्या हुआ…कहाँ गया तुम्हारा जमीर…..अपने पति की पति-ब्रता स्त्री…..बोलो…
रश्मि: सॉरी………
राज ने उसका हाथ छोड़ दिया……
राज: कोई बात नही………ये तो तुम्हारे शरीर की ज़रूरते है…समझो और जो होता है उसे कबूल करो………मे कोई ज़बरदस्ती नही करता…पर तुम कहोगी को तुम्हारा इन्विटेशन ज़रूर स्वीकरूँगा…..
रश्मि: जी मे रात के लिए माफी माँगना चाहती थी….सॉरी…मुझे ऐसा नही करना चाहिए था………शायद आप ठीक है……
राज: नही…ना मे ठीक हू और ना ही तुम ग़लत हो…दोनो अपनी जगह ठीक है……पर कुच्छ ऐसे रिस्ते होते है जिनका कोई नाम नही होता….वो सिर्फ़ दिल के रिस्ते होते है…शरीर के रिस्ते होते है…..लंड और चूत के रिस्ते होते है….पहली बार राज ने रश्मि के आगे लंड और चूत का नाम लिया…..
रश्मि शर्मा गयी…उसके चेहरे पर लाली पड़ गयी…उसने दीवार की तरफ अपना मुँह कर लिया….राज उसके पास चला गया…और उसके बालो को सहलाते हुआ कहा……….तुम्हे खराब तो नही लगा…..रश्मि ने अपनी आँखे बंद कर ली और बोली कुच्छ नही…सिर्फ़ ना मे सिर हिला दिया………………राज ने झुक कर उसके गालो पर एक पप्पी ले ली और उससे सॅट गया…….रश्मि को करेंट सा लगा…क्योकि राज का लंड उसकी गांद मे टच कर रहा था…..उसने अपने हाथ को ले जाकर उसके लंड को अपनी गांद से हटा दिया…………….राज ने उसे अपनी बाँहो मे दबोच लिया और उसकी एक चुचि को अपने हाथो मे लेकर दबाने लगा…रश्मि गरम हो गयी….जिसकी वजह से उसकी चुचिया काफ़ी बड़ी बड़ी हो गयी….निपल तन गयी….रश्मि इस समय एक गाउन पहने हुए थी…जो कि आगे से खुलती थे…राज ने चैन खोल दी और उसकी चुचियो पर टूट पड़ा…रश्मि भी आज सब कुच्छ नौछवर करना चाहती थी…आज जो बाँध दोनो के बीच था वो गिरा देना चाहती थी…रश्मि आगे बढ़कर राज के होंठो को अपने होंठो मे लगा कर चूसने लगी…और अपना जीभ उसके मुँह मे पेल दी…राज को अच्छा लगने लगा…क्योकि आज रश्मि मुँह धो कर आई थी…राज रश्मि के पूरे शरीर को नाप रहा था…क्या चुचिया और गांद थी…एक दम मस्त…..दोनो के बीच कोई डाइलॉग नही हो रहा था…क्योकि दोनो की आँखे बंद थी…दोनो एक दूसरे को रब कर रहे थे…और चूस, किस कर रहे थे…..करीब 10 मीं तक ऐसा हो ता रहा तभी रश्मि का पास पड़े चाय के कप पर ध्यान आया और बोल पड़ी :
रश्मि: अरे चाय लाई थी…मे भूल गयी…. एक दम ठंडी हो गयी होगी
राज: उसकी बातो को सुने वगैर उसके शरीर को किस और चूम रहा था….वो पहले से नंगा तो था ही…..अब उसके शरीर पर नेकेर भी नही था….बिल्कुल नंगा…
रश्मि अपना गाउन खोल चुकी थी…अब सिर्फ़ ब्रा और पॅंटी मे थी…..और खड़े खड़े ही राज को चुस्वा रही थी…..जैसे ही राज ने ब्रा का हुक खोला…तभी दरवाजे पर कॉल वेल बज गयी….रश्मि घबरा गयी….और राज बौखला गया…ये ऐसा वक़्त था जब दोनो अपनी चरम सीमा पर थे….रश्मि ने उसके कमरे से भाग कर अपने आपको ठीक किया …पास पड़े दर्पण मे देखा और ठीक होकर दरवाजा खोला……………………………………………………………………….
दरवाजा खोलते ही देखा कि कमला आ गयी थी….
रश्मि: गुड मॉर्निंग दीदी/…
कमला: अरे वाह…आज तो जल्दी उठ गयी और नहा भी ली
रश्मि: जी…..
कमला: और साहिब ऑफीस गये?
रश्मि: वो सो रहे है…चाय देने गयी थी पर वो सो रहे थे…चाय यू ठंडी हो गयी……..दुबारा लाती हू…अंदर आइए
कमला: अंदर आई और अपने बेडरूम मे चली गयी…बेड पर राज नही था…वो बोली…कहाँ हो….अंदर से आवाज़ आई…..बाथरूम मे ….मुँह मे ब्रश होने का एहसास हो रहा था………
कमला: सीधे किचन मे चली गयी….जहाँ रश्मि चाय और चीनी डाल रही थी…
मेरे लिए मत बनाना…मेरा पेट ठीक नही है….गुड…गुड कर रहा है…..फ्रेश होना है……………….
रश्मि: मेरे बाथरूम मे चली जाओ..और फ्रेश हो लो….कमला चली गयी…
रश्मि ने राहत की सास ली…………….सुक्र है…सिचुयेशन ईज़ अंडर कंट्रोल……नही तो पता नही क्या हो जाता…………………….रश्मि ने सब कुच्छ जानते हुए दिल के हाथो मजबूर होकर राज के साथ ये रिस्ता बनाया…पर अधूरा……………….
खाया पिया कुच्छ नही…………….गिलास तोड़ा 12 आना…………………वाली कहावत हो गयी………………रश्मि शर्मा गयी और मुस्कुरा दी…..
तभी राजेश भी आ गया…………….आते ही रश्मि को कहा….डार्लिंग मेरे लिए भी एक चाय………………………………
रश्मि: अब आए हो….पता है डॉक्टर. नेहा कितना गुस्सा कर रही थी……तुम कैसे आदमी हो..और फिर सेल फोन ऑफ क्यो किए हुए था….आते ही बहुत सारे सवाल पुच्छ दिए
राजेश: अरे बाप रे…..डार्लिंग आहिस्ते….तुम्हारा पति मारा मारा घर आया है उसकी ख़ैरियत पुच्छनी चाहिए….चाय, नाश्ता पुच्छना चाहिए…ये इतने सारे सवाल…???
रश्मि: बिना बताए गायब रहोगे तो ये ही होगा……लो चाय पी लो…और हा अभी बेडरूम मे मत जाना…दीदी नहा रही है………………………
राजेश: फ्रेश होना था या……भैया कहाँ है…
रश्मि: वो भी फ्रेश हो रहे है…
राजेश: यानी दोनो बाथरूम एंगेज….?
रश्मि: जी…फिलहाल तुम चाय पिओ और ये लो अख़बार……………..पढ़ो…मे चली…मुझे कल के लिए असाइनमेंट तैयार करनी है
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05-10-2019, 07:21 PM,
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RE: Hindi Sex Kahaniya प्यास बुझती ही नही
प्यास बुझती ही नही-5
अब आगे.................................
राजेश: पर इसका तो एग्ज़ॅम है….
राज: एग्ज़ॅम तो हो गया…..असाइनमेंट सब्मिट करना है ये तो मे भी कर दूँगा
राजेश: ठीक है मे ट्रॅवेल एजेन्सी को बोल कर आता हू..और उठ कर जाने लगा.
रश्मि: रहने दो…मे नही जाऊंगी…मेरा मन ठीक नही है…तुम फ्री रहोगे तो मुझे लेने आ जाना….वैसे 2 मंथ का टूर है……15 दिन के बाद आ जाना…मे तैयार रहूंगी………..
राजेश रुक गया….ये आइडिया अच्छा लगा……उसने सोचा तब तक कोई फ्लॅट भी ले लेगा मुंबई मे……और फिर अगर रश्मि भी जाएगी तो उसे दिक्कत फील होगी…..और वो अकेली क्या करेगी…….ठीक है भैया…मे 15 डेज़ के बाद आ जाऊँगा तब ले जाऊँगा.
राज: कब की फ्लाइट है?
राजेश: सुबह के 5 बजे पर है
राज: तो तुम अभी जा कर पॅक कर लो और सो जाओ….सुबह मिलते है मे भी जा रहा हू सोने…मुझे उठा देना……सी/ऑफ कर आऊंगा….
राजेश: ठीक है….और राजेश अपने कमरे मे चला गया….रश्मि और कमला रसोई मे चली गयी….और गंदे बर्तन को धो कर रखने लगी…..
सुबह 4 बजे पर अलार्म लगा दिया था……..रश्मि तो पहले ही उठ चुकी थी….रात मे 1 दफ़ा राजेश ने उसे चोदा था………चोद्ने के बाद उसने सो गया…….
रश्मि सुबह उठते ही राजेश को उठाया…और किचन मे चाय बनाने चली गयी………..राज पहले से ही उठ चुका था….उसने चाय पी कर अपना ट्रॅक सूट पह्न लिया….और एक ऑटो ले आया………..और राजेश चला गया………………….
राजेश को सी/ऑफ करने के बाद राज अपनी शॉप चला गया…….कमला को फोन कर बोल दिया कि ब्रेक फास्ट शॉप पर भिजवा देना….किसी को भेजूँगा……शॉप पहले से ओपन हो गयी थी….भोला और एक अन्य स्टाफ आ चुका था…..भोला ने राज से कहा:
भोला: सर, ये है अनिता जी, सेल्स गर्ल्स के जॉब के लिए आई है…मेरे पड़ोस मे रहती है……आपने जो एड दिया है पेपर मे वही पढ़ कर आई है……….
राज ने गौर से अनिता को देखा…….5’6” हाइट, गोरा, 36-28-34 का फिगर, ब्लू जीन्स और वाइट कुर्ते मे आँखो पर रेड कलर का ग्लास……….राज के सामने आते ही कहा:
अनिता: गुड मॉर्निंग सर,…..आइ आम अनिता शर्मा, इंटरव्यू के लिए आई हू
राज: हाँ….हन…..प्लीज़ वेलकम……बैठाओ भाई इनको…….आपको थोड़ा वेट करना होगा…..क्योकि अभी अभी शॉप ओपन हुआ है………………………………..
अनिता: नो प्राब्लम सर…आइ आम वेटिंग हियर…..और वो एक स्टूल पर बैठ गयी….राज अंदर नर्सिंग होम मे चला गया…डॉक्टर. नेहा आ चुकी थी….उसने पेशेंट को देख रही थी…..
डॉक्टर. नेहा: गुड मॉर्निंग जीजा जी…
राज: गुड मॉर्निंग मेडम…हाउ आर यू???
डॉक्टर. नेहा: देख लो…ठीक ही हू….आपने मेरा काम किया ही नही…तो मेने ही कर लिया….शाम को आ जाएगा…..एक लड़के वाले आ रहे है…..रिस्ते के लिए…आप रहेंगे तो हिम्मत रहेगी…..
राज: ठीक है भाई…साली शाहिबा का दिल भी तो नही तोड़ सकते ना..और दोनो हस पड़े……………………….
डॉक्टर. नेहा: राजेश चला गया???
राज: हन….आज सुबह ही चला गया…मुंबई…..
डॉक्टर. नेहा: इंसान भी क्या करे??? नौकरी के लिए कहाँ से कहाँ जाना पड़ता है…
राज: ह्म…. तभी तो मेने जॉब नही किया…अपना काम ही ठीक है….कम कमाओ और ज़्यादा चुदाओ…..
डॉक्टर. नेहा और राज ठहाके मार कर हस्ने लगे…… ….आप नही सुधरेंगे..
राज: मेरी साली शाहिबा….ये ज़िदगी जो भगवान ने दी है …दुबारा नही मिलेगी….सो यू शुड एंजाय वित लॉट ऑफ फन….मज़े लो….
डॉक्टर.नेहा: जीजू…तुम कोई अड्वाइज़ दो ना
राज: कैसी अड्वाइज़?
डॉक्टर. नेहा: यही शादी की
राज: ह्म अच्छा बताओ लड़का कहाँ का है और क्या करता है.
डॉक्टर. नेहा: वो सर्जरी के डॉक्टर. है नैनीताल के रहने वाले है…..मेरी एक फ्रेंड की आंटी ने भेजा है…लड़का अकेला भाई है…..प्रॅक्टीस भी नैनीताल मे करता है…फोटो भिजवाया है…ये देखो..और दराज से निकाल कर एक स्नॅप राज की ओर बढ़ा दिया…………………लड़के को देखते हुए राज ने कहा….डार्लिंग…लड़का तो देखने मे ठीक लग रहा है …स्मार्ट भी है….और उम्र यही कोई 27-28 के पास होगी…पर हां….इसका लंड काफ़ी बड़ा होगा….क्या तुम संभाल पाओगि… और ठहाका मार्कर हस्ने लगा….नेहा शर्मा गयी……
डॉक्टर. नेहा: धात…..आप भी….ना…
ठीक हाँ मे शाम को आजाऊंगा…कहो तो कमला को फोन कर दू वो भी आ जाएगी.
डॉक्टर.नेहा: ठीक है दीदी को भी बुला लो….राज ने कमला को फोन कर दिया…कि शाम को 5 बजे आ जाना…और हाँ रश्मि को भी लेके आ जाना…वो अकेली बोर होती रहेगी.
कमला : ठीक है…आजाऊंगी….
अब डॉक्टर. नेहा अपने काम मे लग गयी और राज अपनी शॉप पर आ गया.
राज ने अनिता को देखते हुए कहा…अरे हां…..तुम///
सॉरी…मुझे तो पता ही नही था कि तुम्हारा इंटरव्यू भी लेना है….
आ जाओ अंदर…..अनिता नर्वस होते हुए अंदर कॅबिन मे चली गयी…
राज ने कंप्यूटर ऑन किया और कुच्छ हिसाब किताब चेक करने के बाद कहा….
राज: हां….cव दिखाइए
अनिता ने अपना cव और कुच्छ डॉक्युमेंट्स राज की ओर बढ़ा दिए…
राज: cव देखते ही कहा….देखिए ये एक शॉप है…सो इसके लिए ज़्यादा क्वालिफिकेशन की ज़रूरत नही है….और ना ही एक्षपरिएन्स की……आप जब भी काम सीख और कर सकते है……पर फिर भी कुच्छ अपने बारे मे बताए….
अनिता: जी…आइ आम अनिता शर्मा, पर्स्यूयिंग एम बी ए फ्रॉम इग्न्यू. माइ फादर ईज़ टीचर आंड मदर ईज़ हाउसवाइफ. आइ हॅव 1 ब्रदर आंड 1 सिस्टर…. माइ ब्रदर ईज़ उस्नेरकिंग ए मल्टिनॅशनल कंपनी.
राज: ग्रेट…… पर आप शॉप मे ही क्यो काम करना चाहती है….
अनिता: सर मे जेब खर्च के लिए जॉब कर रही हू…और ये मेरे घर के पास ही है….पीछे 5नंबर. वाली गली मे रहती हू….
राज: कभी काम किया किसी शॉप मे
अनिता: जी एक शॉप मे किया था…..एरा माल मे ऐज सेल्स गर्ल्स…पर पेपर की वजह से जॉब छोड़ दिया…
राज: क्या सॅलरी एक्सपेक्ट करोगी यहाँ…..
अनिता; एरा मोल मे 10 हज़ार मिलती थी…..और समय 9 तो 10 पीयेम था…
राज: पर तुम्हार पढ़ाई खराब नही होगी???
अनिता: वो तो होगा ही…पर क्या कर सकते है…
राज: देखो मे तुम्हे 8000/- दूँगा…और समय 9 तो 6 पीयेम होगा…और हां कभी कभी काम ज़्यादा रहने पर रुकना होगा….सनडे ऑफ होगा…..
अनिता: मुझे मंजूर है…सर
राज: ठीक है मंडे से आ जाना….
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