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RE: Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
दीपक, सोनू और मैडी करीब 10 बजे वहीं, जहाँ कल उनकी मुलाकात हुई थी, चाय का मज़ा ले रहे थे और साथ ही बातों का भी मज़ा ले रहे थे।
मैडी- यार दीपक, पूरी रात नींद नहीं आई.. साले, ऐसा क्या जादू कर दिया तूने कि एक ही मुलाकात में साली तेरे से चुद गई ... और आज हमसे भी चुदने को राज़ी हो गई।
दीपक- तूने वो कहावत तो सुनी होगी बेटा बेटा होता है और बाप बाप.. तो सालों, मैं तुम्हारा बाप हूँ।
सोनू- अरे मेरे बाप.. अब तू बता दे कसम से बड़ी चुल्ल हो रही है.. कल क्या हुआ था.. जब मेरे साथ तू बाहर आया उसके बाद वापस जाकर ऐसा क्या हुआ..? बता ना यार…
दीपक- बस तुम चूत का मज़ा लो.. बाकी सारी बातें भूल जाओ.. मेरे पास एक ऐसी बात है.. जिसकी वजह से अब दीपाली रोज हमसे चुदवाएगी समझे.. अब ज़्यादा सवाल किए ना.. तो सालों, लौड़े हिलाते रह जाओगे.. मैं रोज अकेला मज़ा लूँगा।
सोनू- अच्छा बाबा, माफ़ कर दे.. कब आ रही है और कहाँ?
दीपक- इस मैडी को पूछो.. बड़ा होटल का प्लान बना रहा था ना साले…
मैडी- प्लान क्या.. शालीमार में कमरा बुक कर लिया है.. वो 11 बजे आएगी.. अच्छा, अब गोली-वोली की तो जरूरत नहीं है तो ऐसा करते हैं कि पावर वाली गोली हम ले लेते हैं.. फिर साली को जम कर चोदेंगे।
सोनू- हाँ यार, पहली बार चूत मिल रही है.. ऐसे न हो कि साली के नंगे जिस्म को देखते ही लौड़ा पानी निकाल दे.. गोली लेने में ही भलाई है.. तभी उसको ठीक से चोद पाएँगे।
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RE: Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
दीपक- जाओ, ले आओ.. अब मैं जाता हूँ. तुम वहाँ पहुँचो.. मैं उसको ले कर वहीं आता हूँ।
सोनू- अरे मेरे बाप.. अब तू बता दे कसम से बड़ी चुल्ल हो रही है.. कल क्या हुआ था.. जब मेरे साथ तू बाहर आया उसके बाद वापस जाकर ऐसा क्या हुआ..? बता ना यार…
दीपक- बस तुम चूत का मज़ा लो.. बाकी सारी बातें भूल जाओ.. मेरे पास एक ऐसी बात है जिसकी वजह से अब दीपाली रोज हमसे चुदवाएगी, समझे.. अब ज़्यादा सवाल किए तो सालों, तुम लौड़े हिलाते रह जाओगे और मैं रोज अकेला मज़ा लूँगा।
सोनू- अच्छा बाबा, माफ़ कर दे.. वो कब आ रही है और कहाँ?
दीपक- इस मैडी को पूछो, बड़ा होटल का प्लान बना रहा था ना, साले…
मैडी- प्लान क्या, शालीमार में कमरा बुक कर लिया है. वो 11 बजे आएगी.. अच्छा, अब गोली-वोली की तो जरूरत नहीं तो ऐसा करते हैं कि पावर वाली गोली हम ले लेते हैं.. फिर साली को जम कर चोदेंगे।
सोनू- हाँ यार, पहली बार चूत मिल रही है. ऐसा न हो कि साली के नंगे जिस्म को देखते ही लंड से पानी निकल जाए. गोली लेने में ही भलाई है.. तभी हम उसको जम कर चोद पाएँगे।
दीपक- जाओ, ले आओ.. अब मैं जाता हूँ. तुम वहाँ पहुँचो.. मैं उसको ले कर वहीं आता हूँ।
दीपक वहाँ से वापस घर आ गया तब तक प्रिया भी उठ गई थी। उसको बुखार था तो वो बस मुँह-हाथ धो कर बैठी थी। दीपक की माँ ने उसे नहाने नहीं दिया था और गुस्सा भी किया कि इतनी देर रात तक जागने की क्या जरूरत थी. मगर प्रिया ने पढ़ाई का बहाना बना दिया था।
दीपक- हाय माय स्वीट एंड सेक्सी सिस्टर, गुड मॉर्निंग।
प्रिया- गुड मॉर्निंग, भाई।
दीपक- आख़िर उठ ही गई मेरी प्यारी बहना.. चल जरा दीपाली को फ़ोन तो लगा. मुझे उससे बात करनी है।
दीपाली- हाँ जानती हूँ क्या बात करनी है.. रात भर तो चुदाई की है. आपका अब तक मन नहीं भरा क्या?
दीपक- तू भी कैसी बात करती है! चूत से भला कभी मन भरता है क्या? और दोस्तों के साथ मिल कर चुदाई करने पर तो दुगुना मज़ा आएगा.. चल अब बातें बन्द कर.. फ़ोन लगा उसको…
प्रिया ने दीपाली को फ़ोन लगाया तो उसकी मम्मी ने उठाया और दीपाली को दे दिया। तब दीपक ने उसे होटल की बात बता दी..
दीपाली ने कहा- दस मिनट में घर से निकल रही हूँ.. तुम भी जाओ…
दीपक ने ‘ओके’ बोल कर फ़ोन रख दिया और बाहर जाने लगा।
प्रिया- भाई, जा रहे हो आप? बेचारी को आराम से चोदना.. तुम तीन और वो अकेली.. कहीं कुछ हो ना जाए…
दीपक- अरे उसको क्या होगा? साली रंडी है वो.. तू टेन्शन मत ले.. बड़े प्यार से चोदेंगे उसको.. अच्छा अब चलता हूँ।
प्रिया- बेस्ट ऑफ फ़क, भाई।
दीपक घर से निकल गया.. उधर दीपाली भी आज अपनी मम्मी को प्रिया का नाम लेकर घर से निकल गई।
दीपाली ने सफेद टॉप और गुलाबी स्कर्ट पहना हुआ था.. वो एकदम गुड़िया जैसी लग रही थी। कुछ देर बाद दीपक वहाँ आ गया और दीपाली उसको देख कर मुस्कुराई।
दीपक- हाय रे जालिम, मार डाला. क्या लग रही हो यार..
दीपाली- बस बस.. यहाँ रास्ते में ज़्यादा हीरोगिरी मत दिखाओ.. अब चलो, कोई देख लेगा तो गड़बड़ हो जाएगी।
दोनों चलने लगे.. रास्ते में दीपक ने उसको उन दोनों से हुई सारी बात बता दी।
दीपाली- ओह माँ! सब गोली लेंगे तो मेरी हालत खराब हो जाएगी.. तुम सब के सब हरामी हो.. आज मेरी चूत और गाण्ड को बुरी तरह बजाओगे।
दीपक- साली बरसों की तमन्ना आज पूरी होगी तो मज़ा तो लेंगे ना…
दीपाली- जाओ ले लो मज़ा. मेरी भी ‘ग्रुप सेक्स’ की तमन्ना आज पूरी हो जाएगी. चोदो जितना चोदना है.. आज मैं खूब मज़े से चुदवाऊँगी. पता है रात मैंने प्रिया की बताई हुई कहानी पढ़ी है.. उसमें से ऐसी-ऐसी गाली याद की हैं जो आज तुम्हें सुनाऊँगी।
दीपक- हा हा हा… साली गाली सीख कर आई है.. हमें तो सीखने की जरूरत भी नहीं है.. ऐसे ही निकाल देंगे.. वैसे एक बात तो है गाली देकर चोदने का मज़ा अलग आता है।
दीपाली- हाँ ये तो है… बड़ा मज़ा आता है।
यही सब बातें करते हुए दोनों होटल पहुँच गए.. मैडी बाहर खड़ा उनको आता हुआ देख कर बड़ा खुश हुआ।
मैडी- वेलकम वेलकम…
दीपाली- यहाँ ज़्यादा बात मत करो.. चलो अन्दर.. जो कहना है वहाँ कहना..
मैडी- ओके चलो.. मेरे पीछे आ जाओ तुम दोनों…
दीपाली- नहीं, तुम दोनों आगे जाओ.. मैं थोड़ा रुक कर आती हूँ।
मैडी- ठीक है.. ऊपर आ कर दाईं तरफ कमरा नम्बर 13 में आ जाना।
दीपाली- ओके.. आ जाऊँगी.. दरवाजा बन्द मत करना.. जाओ अब..
दोनों ऊपर चले गए.. जहाँ सोनू पहले से ही बैठा था।
सोनू- अरे क्या हुआ? दीपाली कहाँ है? नहीं आई क्या?
दीपक- चुप साले.. क्या बोले जा रहा है.. वो नीचे है.. आ रही है।
सोनू- अच्छा ले.. ये खा ले.. बड़ा मज़ा आएगा चोदने में..
मैडी- हा हा! साला कब से गोली हाथ में ले कर बैठा है.. मैंने कहा खा ले.. तो बोला अगर वो नहीं आई तो लौड़ा कैसे शान्त होगा… उसके आने के बाद ही खाऊँगा.. साला हा हा हा..
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RE: Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
दीपाली- दीपक सही कह रहा है.. अब वक्त खराब करने से कोई फायदा नहीं.. मैडी केक कहाँ है.. जन्मदिन नहीं मनाना क्या?
मैडी- स..सॉरी वो तो मैं लाया नहीं. दीपक ने कहा था बस चू..
मैडी बोलता हुआ रुक गया.. उसमें अभी भी थोड़ी सी झिझक थी।
दीपाली- क्या चू.. इसके आगे भी बोलो या मैं बताऊँ. तुम तीनों हरामी.. बस खाली फोकट में चूत का मज़ा लेने आ गए…
अब तो मैडी और सोनू को पक्का यकीन हो गया कि दीपक ने कल इसको खूब चोदा होगा और ये खुद आज चुदवाने ही यहाँ आई है।
सोनू- हाँ तेरी चूत का मज़ा लेने आए हैं. अब फोकट में नहीं देना तो तू बोल दे क्या लेगी.. हम देने को तैयार है।
दीपक- अबे कुत्ते.. तेरे को ये रंडी दिखती है क्या.. जो क्या लोगी.. पूछ रहा है साले.. जब भी बोलेगा भोसड़ी के उल्टी बात ही बोलेगा…
मैडी- अब रंडी नहीं तो और क्या कहें, आप ही बता दीजिए दीपाली जी…
अबकी बार मैडी पूरे विश्वास के साथ बोला और अंदाज भी बड़ा सेक्सी था।
दीपाली- तुम्हें जो बोलना है बोलो. मैं तो तुम तीनों को भड़वा या कुत्ता बोलूँगी।
दीपक- तेरी माँ की चूत. साली छिनाल, हमें गाली देगी.. तो हम क्या तुझे दीपाली जी कहेंगे बहन की लौड़ी.. तू रंडी ही है.. हम भी तुझे रंडी ही कहेंगे।
सोनू- हाँ यार, तीन लौड़े एक साथ लेगी.. तो अपने आप रंडी बन जाएगी. अब बर्दास्त नहीं होता यार.. साली को पटक दो बिस्तर पर. मेरा लौड़ा पैन्ट फाड़ देगा अब…
दीपाली- रूको.. ऐसे नहीं, पहले तुम तीनों अपने कपड़े निकालो.. मुझे सब के लौड़े देखने है.. उसके बाद तुम तीनों मिल कर मुझे नंगी करना. असली मज़ा तब आएगा।
मैडी- हाँ मेरी जान, आज तो तू जो कहेगी वो मानने को तैयार हैं हम.. साली बहुत तड़पाया है तूने.. आज तुझे चोद-चोद कर सारा बदला लेंगे हम…
दीपाली- हाँ कुत्तों, ले लो बदला.. मैं भी तैयार हूँ. देखती हूँ किस के लौड़े में कितना दम है.. ये भड़वा सोनू हमेशा गंदी नज़र से घूरता था.. आज देखती हूँ ये मर्द है या नामर्द है, मादरचोद…
सोनू- तेरी माँ की गाण्ड मारूँ, माँ की लौड़ी.. साली नामर्द बोलती है.. ले देख रंडी मेरा लौड़ा. कैसे तन कर खड़ा है. अभी तेरी चूत फाड़ दूँगा.. इस लौड़े से….
सोनू ने गुस्से में पैन्ट और चड्डी एक साथ निकाल दी.. उसका लौड़ा खड़ा हुआ दीपाली को सलामी दे रहा था, जो कोई करीब 7″ लंबा और काफ़ी मोटा था।
दीपाली बस उसको देख कर मुस्कुरा दी…
दीपाली- अरे वाह.. लौड़ा तो बड़ा मस्त है तेरा.. मगर छोटा है. अब इसमें पावर कितना है.. ये भी पता चल जाएगा।
मैडी- साली राण्ड.. तुझे वो छोटा लगता है.. तो ये मेरा देख.. इससे तो तेरी चूत की आग मिट जाएगी ना.. या घोड़े का लौड़ा लेगी.. साली छिनाल….
मैडी ने भी लौड़ा बाहर निकाल लिया था.. जो सोनू के लौड़े से थोड़ा सा बड़ा था यानि कुल मिला कर दीपक का लौड़ा ही बड़ा और मोटा था.. जो करीब 7.5 इंच का होगा।
दीपक- मेरा लौड़ा तो तूने कल देख ही लिया ना.. तेरी चूत का मुहूरत तो मैंने ही किया था कल.. ले दोबारा देख ले साली…
(ना ना दोस्तों, भ्रमित मत हों.. दीपक बस इन दोनों को सुनाने के लिए कह रहा है.. सील तो विकास ने ही तोड़ी थी।)
दीपाली- चलो जल्दी करो.. पूरे नंगे हो कर खड़े हो जाओ.. उसके बाद तुम तीनों को एक जादू दिखाती हूँ।
बस उसके बोलने की देर थी तीनों उसके सामने एकदम नंगे खड़े हो गए।
दीपाली- हाँ ये हुई ना बात.. अब तीनों लग रहे हो एकदम चोदू किस्म के कुत्ते.. अब मेरे हुस्न का कमाल देखो.. लौड़े से तुम्हारा पानी टपकने लगेगा.. देखना है…?
सोनू- साली मत तड़पा.. अब दिखा भी दे तेरी तड़पती जवानी का नजारा. उफ़! अब तो लौड़े में दर्द होने लगा है।
दीपाली ने बड़ी अदा के साथ धीरे-धीरे टॉप को ऊपर करना शुरू किया.. उसका गोरा पेट उनके सामने आ गया। दीपाली धीरे-धीरे टॉप को सीने तक ले आई.. अब उसकी काली ब्रा में कैद उसके चूचे तीनों के सामने थे।
दीपक तो नॉर्मल था मगर बाकि दोनों ने आज तक ऐसा नजारा नहीं देखा था। उनकी हालत खराब हो गई ... लौड़े में तनाव बढ़ने लगा.. कुछ तो गोली का असर और कुछ दीपाली के यौवन का असर, बेचारे दो-धारी तलवार से हलाल हो रहे थे।
दीपाली ने टॉप उतार कर उनकी तरफ़ फेंक दिया.. जिसे मैडी ने लपक लिया और उसकी खुश्बू सूंघने लगा। दीपाली के जिस्म की महक उसको और पागल बना गई थी।
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RE: Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
अब दीपाली ने स्कर्ट को नीचे करना शुरू किया। जैसे-जैसे स्कर्ट नीचे हो रहा था.. उनकी साँसें बढ़ रही थीं। जब स्कर्ट पूरा नीचे हो गया.. तो दीपाली की काली पैन्टी में फूली हुई चूत दिखने लगी। दीपाली के होंठों पर क़ातिल मुस्कान थी। अब बस ब्रा-पैन्टी में खड़ी वो.. किसी काम-वासना की मूरत ही लग रही थी। एकदम सफेद बेदाग जिस्म पर काली ब्रा-पैन्टी किसी को भी हवस का पुजारी बनाने के लिए काफ़ी थी।
ये तीनों तो पहले से ही हवसी थे।
दीपक- अबे सालों, मुँह फाड़े क्यों खड़े हो.. कुछ तो बोलो….
सोनू- चुप कर यार.. ये नजारा देख कर मेरी तो धड़कन ही रुक गई है और तू बोलने की बात कर रहा है।
मैडी- हाँ यार, क्या मस्त जवानी है.. साली एकदम मक्खन जैसी चिकनी है।
दीपाली- मेरे नाकाम प्रेमियों.. अब असली जादू देखो.. ये ब्रा भी निकाल रही हूँ.. लौड़े को कस कर पकड़ लेना, कहीं तनाव खा कर टूट ना जाए.. हा हा हा हा…
दीपक- दिखा दे साली.. अब नखरे मत दिखा.. जल्दी कर मेरा लौड़ा ज़्यादा बर्दास्त नहीं कर सकता.. इसको चूत चाहिए बस….
दीपाली ने कमर के पीछे हाथ ले जाकर ब्रा का हुक खोल दिया और घूम गई.. ब्रा निकल कर फेंक दी.. अब उसकी कमर उन लोगों को दिखाई दे रही थी और उसके मदमस्त चूतड़ भी उनके सामने थे। सोनू ने तो लंड को पकड़ कर हिलाना शुरू कर दिया था।
अब दीपाली ने पैन्टी को नीचे सरकाया और होश उड़ा देने वाला नजारा सामने था। मैडी के लौड़े पर कुछ बूंदें आ गई थीं। सोनू के लंड ने तो पहले ही लार टपकाना शुरू कर दिया था और रहा दीपक.. भले ही वो दीपाली को चोद चुका हो.. मगर हालत तो उसकी भी खराब हो गई थी।
दीपाली एकदम नंगी हो गई थी और जब वो पलटी तो उसके तने हुए चूचे और उसकी कसी हुई गुलाबी चूत की फाँकें देख कर तीनों मद-मस्त हो गए।
दीपाली- हा हा हा! मैंने कहा था ना.. लौड़े पानी फेंक देंगे.. हा हा! कैसी हालत हो गई तीनों की.. हा हा!
दीपक आगे बढ़ा और उसने दीपाली को गोद में उठा लिया।
दीपक- चुप कर, साली रंडी.. ऐसे जिस्म की नुमाइस करेगी तो लौड़ा तो अकड़ेगा ही ना…
सोनू- ले आओ साली को बिस्तर पर, बहुत हंस रही है.. जब लौड़े घुसेंगे तो देखना कैसे रोएगी….
मैडी- साली, हम तो जवान हैं. लौड़े पानी छोड़ेंगे ही.. ये नजारा तो कोई बूढ़ा भी देख ले तो उसका लौड़ा भी खड़ा हो कर तेरी चूत को सलामी देने लगे।
दीपक ने बिस्तर के करीब आकर दीपाली को बिस्तर पर लिटा दिया। सोनू और मैडी भूखे कुत्ते की तरह लार टपकाते हुए बिस्तर पर चढ़ गए और दीपाली के मम्मों को दबाने लगे। वो दोनों दीपाली के आजू-बाजू लेट गए.. जैसे वो बस उन दोनों की ही हो।
दीपक अब भी नीचे खड़ा था।
दीपाली- आह्ह.. आई कमीनों.. आराम से दबाओ.. आह्ह.. दुख़ता है…
मैडी- आह्ह.. साली.. तेरे इन रसीले आमों का मज़ा लेने के लिए कब से तरस रहे थे.. आज मौका मिला है तो पूरा मज़ा लेंगे इनका…
सोनू एक कदम आगे निकला.. मैडी तो बस बोल रहा था. उसने तो एक निप्पल मुँह में लेकर चूसना भी शुरू कर दिया था।
दीपक- अबे सालों, आराम से मज़ा लो.. ये कौन सा भाग कर जा रही है।
सोनू- भाग कर जाना भी चाहे तो जाने नहीं दूँगा.. आज तो साली छिनाल को चोद कर ही दम लूँगा.. आह्ह.. क्या रस है तेरे चूचों में.. मज़ा आ गया….
दीपक ने अपना लौड़ा दीपाली के होंठों पर टिका दिया.. दीपाली ने झट से लौड़े को मुँह में ले लिया और चूसने लगी। जब सोनू की नज़र इस नजारे पर गई वो चौंक गया और मम्मों को चूसना भूल गया।
सोनू- अरे! तेरी माँ की लौड़ी, साली लौड़ा भी चूस रही है.. वाह.. आज तो मेरी सारी तमन्ना पूरी हो जाएगी.. यार दीपक, मेरा लौड़ा चुसवा दे ना.. बड़ा मन था मेरा कि कोई लड़की मेरा लौड़ा चूसे…
मैडी- आह्ह.. मज़ा आ रहा है साले.. कभी तू बोलता था कि इसके होंठ बड़े रसीले हैं.. एक बार इनको चूसने का मौका मिल जाए तो मज़ा आ जाए.. वो तो तूने चूसे नहीं.. अब लौड़ा चुसवाना चाहता है।
दीपक- आ जा साले, कैसे कुत्ते की तरह लार टपका रहा है.. चुसवा ले अपना लौड़ा.. अरे चोदू, ये तो लौड़े की प्यासी है ... ख़ुशी-ख़ुशी तेरा लौड़ा चूसेगी…
दीपक एक तरफ हट गया.. सोनू जल्दी से बिस्तर के नीचे आ गया और अपना लौड़ा दीपाली के होंठों के पास ले आया। मगर दीपाली ने होंठ सख्ती से भींच लिए।
सोनू- अरे क्या हुआ? चूस ना यार, प्लीज़.. प्लीज़.. चूस ले.
सोनू किसी बच्चे की तरह गिड़गिड़ा रहा था।
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RE: Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
दीपाली- तेरा लौड़ा भी चूसूंगी पर पहले तू मेरे होंठों का रस पी.. आज तेरी सारी इच्छा पूरी करना चाहती हूँ मैं.. आ जा, चूस मेरे रसीले होंठ…
सोनू तो जैसे उसके हुकुम का गुलाम था.. उसने फ़ौरन दीपाली के होंठों पर होंठ टिका दिए और बड़ी बेदर्दी से चूसने लगा। ... इधर मैडी उसके मम्मों को चूस-चूस कर मज़ा ले रहा था.. उसका हाथ दीपाली की चूत पर था.. जो अब गीली हो गई थी।
दीपक- अबे साले, चूचे ही चूसता रहेगा क्या? इसकी कमसिन चूत का रस नहीं पियेगा? बड़ा मज़ा आता है.. एक बार चख कर देख.
मैडी का ये पहली बार था और चूत चाटना उसे अजीब सा लग रहा था.. उसने थोड़ा ना नुकुर किया।
दीपक- अबे साले, कभी तेरे बाप ने भी देखी है ऐसी कच्ची कली की चूत जो ‘ना’ बोल रहा है. साले, चाट कर देख. मज़ा ना आए तो कहना..
मैडी ने ना चाहते हुए भी अपना मुँह चूत पर रख दिया और जीभ से चूत को स्पर्श किया.. उसको अजीब सी महक आ रही थी चूत से.. मगर उसको वो बड़ी मादक लगी और बस फिर क्या था.. उसने चूत को चाटना शुरू कर दिया..
सोनू- वाह.. साली, मज़ा आ गया. तेरे होंठों में बड़ा रस है रे.. ले अब मेरे लौड़े को चूस कर मुझे धन्य कर दे।
दीपाली- आह.. मैडी उफ़ उई.. अबे आराम से चाट ना.. उफ़ मज़ा आ रहा है.. आह्ह.. ला साले, पूछ क्या रहा है.. आई डाल दे लौड़ा.. मेरे मुँह में.. आह्ह.. उफ़..
दीपक अब भी साइड में खड़ा.. उन दोनों को देख रहा था। उसका लौड़ा झटके खा रहा था.. उसकी उत्तेजना बढ़ने लगी थी।
इधर दीपाली भी काम वासना में जल रही थी.. उसका जिस्म आग की भट्टी की तरह गर्म हो गया था। कुछ देर ये सिलसिला चलता रहा।
सोनू- आह.. चूस आह्ह.. मज़ा आ रहा है.. उफ़ सस्स साली.. तेरे मुँह में इतना मज़ा आ रहा है.. चूत में तो आह्ह.. कितना मज़ा आएगा आह्ह.. चूस उई.. मेरा पानी निकलने वाला है आह..
दीपक- लौड़ा बाहर मत निकालना, पिला दे साली को.. अपने लौड़े का पानी निकाल दे इसके मुँह में।
सोनू अब मुँह को ऐसे चोदने लगा जैसे चूत हो.. झटके पर झटके दे रहा था। इधर मैडी भी चूत को अब बड़े मज़े से चाट रहा था। उसको चूतरस भा गया था… ‘सपड़-सपड़’ की आवाज़ के साथ वो चूत को चाट और चूस रहा था।
सोनू के लौड़े ने गर्म वीर्य की तेज धार दीपाली के मुँह में मारी.. उसका लौड़ा लावा उगलने लगा.. आज तक मुठ मारने वाला.. आज मुँह में झड़ रहा था तो उसका वीर्य भी काफ़ी निकला।
सोनू- आह.. मज़ा आ गया रे.. उफ़ साली.. बड़ी कुतिया चीज है तू.. आह्ह.. उफ़…
दीपाली ने लौड़े को होंठों में कस कर भींच लिया और उसकी आख़िरी बूँद तक निचोड़ डाली। मैडी की चटाई अब दीपाली को सातवें आसमान पे ले गई थी। उसकी आँखें बन्द हो गई थीं मगर उसका ये मज़ा दीपक ने किरकिरा कर दिया।
दीपक- अबे उठ साले, पहले चूचों से चिपक गया.. अब चूत पर कब्जा कर के बैठ गया.. मेरे लौड़े में दर्द होने लगा है.. अब हट.. चोदने दे साली को।
दीपाली- आह.. हटा क्यों दिया, हरामी.. मज़ा आ रहा था उफ़.. मैडी को चूत चाटने दो.. आह्ह.. लाओ.. तुम्हारा लौड़ा चूस कर मैं शान्त कर देती हूँ।
दीपक- ये एक तो साला भड़वा मुँह चोद कर ठंडा हो गया.. अब सबका पानी मुँह में निकालेगी क्या.. चल आ जा.. एक साथ गाण्ड और चूत में लौड़ा लेने का आनन्द ले.. वरना ये हरामी मैडी भी ठंडा हो कर बैठ जाएगा।
दीपाली बैठ गई और दीपक ने मैडी को नीचे सीधा लेटा दिया। उसका लौड़ा किसी बंदूक की तरह खड़ा था।
दीपक- चल जानेमन, बैठ जा लौड़े पर. दिखा दे मैडी को अपनी चूत का जलवा..
दीपाली टांगों को फैला कर लौड़े पर धीरे-धीरे बैठने लगी और चेहरे पर ऐसे भाव ले आई.. जैसे उसे बहुत दर्द हो रहा हो..
दीपाली- आह्ह.. आई मर गई रे.. आह्ह.. माँ उफ़फ्फ़..
दीपक ने उसके कंधे पकड़ कर ज़ोर से उसे लौड़े पर बिठा दिया.. जिससे ‘घप’ से पूरा लौड़ा चूत में समा गया। मैडी को पता भी नहीं चला कि कब लौड़े को चूत खा गई।
दीपाली- उह.. माँ मर गई रे.. साले हरामी.. ये क्या कर दिया… मेरी चूत फट गई.. आह आह…
सोनू- वाह.. दीपक एकदम सही किया. तड़पाओ साली रंडी को.. छिनाल बहुत तड़पाती थी हमें…
मैडी- आह्ह.. मज़ा आ गया.. साली चूत ऐसी होती है पता ही नहीं था. उफ़.. ऐसा लग रहा है जैसे लौड़ा किसी जलती भट्टी में चला गया हो..
दीपाली अब धीरे-धीरे ऊपर-नीचे होने लगी.. लौड़ा चूत से टोपी तक बाहर आता.. वापस अन्दर चला जाता। मैडी की तो हालत खराब हो गई।
दीपक- चल रंडी.. अब तेरे यार पर लेट जा.. मैं पीछे से तेरी गाण्ड में लौड़ा घुसाता हूँ.. तब आएगा असली मज़ा.. वो कहते है ना दो में एक से ज़्यादा मज़ा आता है।
दीपाली अब मैडी पर लेट गई.. पीछे से दीपक ने गाण्ड में लौड़ा घुसा दिया। अब दीपक गाण्ड को पेलने लगा और नीचे से मैडी चूत की ठुकाई में लग गया।
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RE: Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
सोनू अब जोश में आ गया और घपाघप लौड़ा चूत में पेलने लगा.. उसका जोश ऐसा था कि दीपाली भी उत्तेज़ित हो गई.. लौड़े का घर्षण चूत में करंट पैदा कर रहा था। अब दीपाली भी चूतड़ उछालने लगी।
दीपाली- आहह.. चोद रे. आहह.. मज़ा आ रहा है.. उई मैं तो समझी थी तेरे में जोश नहीं है. आहह.. मगर तू तो बड़ा पॉवर वाला है आहह.. आईई.. चोद.. मज़ा आ रहा है.. आह…
दीपाली की उत्तेजक बातें सोनू पर असर कर गईं.. उसने ताबड़तोड़ धक्कों से चोदना शुरू कर दिया। अब लौड़ा कब चूत से बाहर आता और कब पूरा अन्दर घुस जाता.. ये पता भी नहीं चल रहा था और ऐसी घमासान चुदाई का नतीजा तो आप जानते ही हो.. सोनू के लौड़े ने आग उगलना शुरू कर दिया। दीपाली भी ऐसी चुदाई से बच ना पाई और सोनू के साथ ही झड़ गई। अब दोनों बिस्तर पर पास-पास लेटे हुए थे.. सोनू की धड़कनें बहुत तेज थीं जैसे वो कई किलोमीटर भाग कर आया हो।
दीपाली- वाह.. सोनू, मज़ा आ गया.. तू तो बड़ा तेज निकला यार.. कसम से मज़ा आ गया…
दीपक- जानेमन, हमने मज़ा नहीं दिया क्या.. जो इस बच्चे की चुदाई से खुश हो रही है।
सोनू- कौन बच्चा बे.. भोसड़ी के कब से दोनों कुछ भी बोल रहे हो…
दीपक- अरे ओ मादरचोद.. चुप हो जा साले.. मेरी वजह से तुझे चूत मिली है.. अब ज़्यादा बात की ना तो इस छिनाल की गाण्ड नहीं मारने दूँगा, सोच ले..
सोनू- सॉरी यार ग़लती हो गई.. गाण्ड तो जरूर मारूँगा.. उसके बिना चुदाई अधूरी है…
मैडी- यार मैं बाथरूम जाकर आता हूँ. पूरी जाँघ चिपचिपी हो रही है.. आ कर साली की गाण्ड पहले मैं मारूँगा…
दीपाली- तू भी गाण्ड मारेगा.. ये भी गाण्ड मारेगा.. आख़िर मुझे क्या समझ रखा है? ... अब कोई कुछ नहीं मारेगा.. मुझे घर जाना है. आज के लिए बस हो गया.. कल इम्तिहान है.. मुझे तैयारी भी करनी है…
दीपक- अबे चुप साली रंडी.. इतनी जल्दी क्या है तुझे जाने की.. अभी एक-एक राउंड और लगाने दे.. उसके बाद चली जाना…
सोनू- अरे मेरी जान.. प्लीज़ ऐसा ज़ुल्म ना कर.. अभी जाने का नाम मत ले.. अभी पूरा मज़ा कहाँ आया है.. प्लीज़, एक बार तेरी गाण्ड मार लें.. उसके बाद चली जाना.
दीपाली- नहीं दीपक.. बात को समझो.. मैं अगर नहीं गई तो मम्मी को शक हो जाएगा.. प्लीज़…
दीपक- अरे यार, बस एक बार और.. साले कुत्तों ने गोली खिला दी थी मुझे भी.. अब ये लौड़ा साला बैठने का नाम ही नहीं ले रहा है.. देख दोबारा कैसे तन कर खड़ा हो गया…
दीपाली- अच्छा ठीक है मगर जल्दी हाँ.. ज़्यादा वक्त खराब मत करो…
दीपक- ठीक है.. चल बन जा घोड़ी.. लौड़ा वापस खड़ा हो गया है.. अब तेरी गाण्ड मारूँगा…
दीपाली- उह माँ.. ये तुम तीनों को हो क्या गया है.. सबके सब मेरी गाण्ड के पीछे पड़ गए हो.. मैंने ये चूत क्या चटवाने के लिए रखी है…
दीपक- अरे मजाक कर रहा हूँ, जान.. मैंने तेरी गाण्ड तो अभी मारी है ना.. अब तेरी चूत लूंगा.. इन दोनों गाण्डुओं को गाण्ड मारने दे.
सोनू- हाँ यार, चल साथ में मारते हैं. मैडी तो साला बाथरूम में घुस गया.. वो आएगा तब तक तो हम शुरू हो चुके होंगे…
दीपक- साले, मेरा मन था इसको घोड़ी बना कर चोदने का.. अब तू भी साथ आएगा तो मुझे नीचे लेटना पड़ेगा।
दीपाली- तो लेट जाओ ना.. प्लीज़ मुझे जाना है. एक-एक कर के आओगे तो बहुत वक्त लग जाएगा…
दीपक ने बात मान ली और लेट गया. दीपाली उसके लौड़े पर बैठ गई और उसे झुका कर पीछे से सोनू ने गाण्ड में लौड़ा घुसा दिया।
सोनू- आहह.. आह.. क्या नर्म-नर्म गाण्ड है यार.. मज़ा आ गया. साली लड़की की गाण्ड कितनी मस्त होती है यार.. उहह उहह मज़ा आ रहा है…
दीपक नीचे से शुरू हो गया और सोनू पीछे से लौड़ा पेलने लगा। अब चुदाई जोरों पर थी.. तभी मैडी भी बाहर आ गया और उनको देख कर बोलने लगा।
मैडी- अरे वाह.. चुदाई शुरू कर दी.. मैं भी आता हूँ.. ले जान, मेरा लौड़ा चूस कर खड़ा कर.. उसके बाद तेरी गाण्ड मारूँगा…
दीपाली लौड़ा चूसने लगी. इधर सोनू और दीपक मज़े से लौड़ा पेल रहे थे। अभी 5 मिनट भी नहीं हुए कि सोनू झड़ गया और बिस्तर पर लेट कर हाँफने लगा। इधर गाण्ड को खाली देख कर मैडी ने मुँह से लौड़ा निकाला और गाण्ड मारने के लिए बिस्तर पे चढ़ गया। वो भी लौड़ा गाण्ड में घुसा कर शुरू हो गया.. दे दनादन चोदने लगा। करीब 15 मिनट बाद तीनों झड़ गए.. अब दीपाली थक कर चूर हो गई थी। उसकी गाण्ड और चूत का बुरा हाल हो गया था।
दीपाली- उफ़फ्फ़! मर गई.. आज तो चूत और गाण्ड में बहुत जलन हो रही है.. आहह.. आईई.. अब तो जा कर सोना ही पड़ेगा.. मैं बहुत थक गई हूँ।
दीपाली ने बाथरूम जा कर अपने आपको साफ किया और फ्रेश होकर बाहर आ गई।
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02-19-2020, 01:59 PM,
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RE: Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
दीपाली- ओके दोस्तों.. अब जाती हूँ. जल्दी मिलेंगे, ओके…
दीपाली कपड़े पहनने लगी।
सोनू- मेरी जान.. अब तो तू ना भी मिलेगी ना तो हम मिल लेंगे तेरे से…
दीपाली- ऐसी ग़लती मत कर देना. पछताओगे.. क्यों दीपक बताओ इसे…
दीपक- अबे चुप साले, तेरे बाप का माल है जो मिल लेगा.. जब मेरी रानी चाहेगी तभी मिल पाओगे.. समझे.. तू जा दीपाली.. इनको मैं समझा दूँगा।
दीपाली वहाँ से निकल गई। वो तीनों भी खुश होकर अपने कपड़े पहनने लगे।
दीपाली घर गई तब उसकी माँ किसी काम से बाहर गई हुई थी। चुदाई के कारण उसको बड़ी जोरों की भूख लगी थी, उसने खाना खाया और सो गई। ऐसी गहरी नींद ने उसे जकड़ लिया कि बस क्या कहने.. शाम को 6 बजे उसकी माँ ने उसे जगाया.. तब वो उठी… वो फ्रेश होकर अनुजा के घर की ओर चल दी… थोड़ी देर में जब वो वहाँ गई.. तो दरवाजा खुला हुआ था। वो चुपचाप मन ही मन बड़बड़ाती हुई अन्दर गई…
दीपाली- दरवाजा खुला है.. दीदी को डराती हूँ।
अनुजा बिस्तर पर बैठी कुछ सोच रही थी कि अचानक दीपाली ने ‘भों’ करके उसे डरा दिया।
अनुजा- दीपाली की बच्ची.. डरा दिया.. तेरा क्या मेरी जान लेने का इरादा है।
दीपाली- अरे नहीं दीदी.. आपकी जान ले कर मुझे क्या फायदा.. सर तो वैसे ही मेरे हैं.. हा हा हा…
अनुजा- अच्छा अब हँसना बन्द कर.. ये बता कहाँ थी सुबह से.. तेरा कोई ठिकाना भी है क्या?
दीपाली- दीदी, चुदाई की दुनिया में थी.. आज बड़ा मज़ा आया.. तीन लौड़ों से चुदने का मज़ा ही कुछ और होता है.. कसम से आप भी होती ना तो मज़ा आ जाता…
अनुजा- अच्छा, ठीक से बता ना यार क्या हुआ? उन लड़कों की तो आज बल्ले-बल्ले हो गई होगी.. विस्तार से पूरी बात बता. मज़ा आएगा…
दीपाली ने कल से ले कर आज तक की सारी बात अनुजा को बता दी.. जिसे सुन कर अनुजा की हालत खराब हो गई, उसकी चूत एकदम पानी-पानी हो गई और आँखे फटी की फटी रह गईं।
अनुजा- ओह माँ.. तू लड़की है या कोई तूफान है.. कैसे सह लिया इतना सब कुछ.. यार तू तो सच में रंडी बन गई है…
दीपाली- हाँ दीदी.. बन गई रंडी और रंडी बनने में मज़ा बहुत आया.. तीन लौड़े एक साथ लेने का मज़ा ही कुछ और होता है.. आप ट्राई करोगी क्या?
अनुजा- नहीं दीपाली.. मैं बस विकास के साथ करूँगी.. किसी और के बारे में सोचूँगी भी नहीं.. और प्लीज़ तुम भी ये सब भूल जाओ.. मैंने तुम्हें चुदाई का ज्ञान देकर बहुत बड़ी ग़लती कर दी.. तुम तो अपनी लाइफ बर्बाद करने पर तुली हुई हो.. एकदम छोड़ दो ये सब.. वरना जीवन में आगे चल कर कोई तुम्हें देखना भी पसन्द नहीं करेगा.. आज तुम जवान हो.. खूबसूरत हो.. कमसिन हो.. तो लड़के लट्टू बन कर तुम्हारे आगे-पीछे घूम रहे हैं. मगर ये जवानी हमेशा नहीं रहेगी.. पढ़ाई पर ध्यान दो अब.. और सॉरी जो मैंने तुम्हें इस दलदल में धकेला…
दीपाली- अरे दीदी, आज ये आप कैसी बातें कर रही हो और ‘सॉरी’ क्यों? और हाँ आपने ही तो कहा था.. कभी सुधीर के साथ ट्राइ करोगी.. तो उन लड़कों में क्या बुराई है.. और वहाँ अपनी सहेली के यहाँ भी तो आप बड़े लौड़े से चुदने की बात कर रही थीं.. वो क्या था?
अनुजा- तुझे कैसे पता ये बात? तुम्हें तो मैंने कुछ बताया ही नहीं?
दीपाली ने उस दिन की सारी बात अनुजा को बताई.. यह सुन कर वो भौंचक्की रह गई…
अनुजा- ओह माँ.. तू लड़की है या जासूस.. मेरा पीछा किया तूने.. मेरी बहना, वो मेरी सहेली है.. और दोस्तों में ऐसी बातें होती रहती हैं। इसका ये मतलब नहीं कि मैं अपने पति के अलावा किसी से भी चुदवा लूँ.. मेरा पति मेरे लिए भगवान् है।
दीपाली- अच्छा, भगवान हैं तो भी आपने उनको मेरे साथ सुला दिया.. ऐसा क्यों? आप किसी के साथ नहीं कर सकतीं और वो किसी से भी कर ले तो आपको कोई फ़र्क नहीं पड़ता। ये क्या बात हुई?
अनुजा- मेरी बहन, फ़र्क पड़ता है.. बहुत फ़र्क पड़ता है.. दिल भी दु:खता है.. मगर मेरी मजबूरी ने मुझे ये सब करने पर मजबूर कर दिया था।
दीपाली- ऐसी क्या मजबूरी दीदी.. प्लीज़ बताओ ना. प्लीज़, आपको मेरी कसम है…
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02-19-2020, 01:59 PM,
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RE: Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
अनुजा- दीपाली, तुम नहीं जानती.. मैं विकास को दिल ओ जान से चाहती हूँ. उनको बच्चों से बहुत लगाव है.. मगर हमारी शादी को इतने साल हो गए.. अब तक बच्चा नहीं हुआ.. कारण विकास को मालूम नहीं है.. वो यही समझते हैं कि मैं अभी गोली लेती हूँ.. बच्चा नहीं चाहती हूँ. अभी मज़ा लेने के दिन हैं.. बाद में कर लेंगे.. ऐसा कह कर मैं उन्हें टाल देती हूँ। मगर हक़ीकत यह है कि मैं कभी माँ नहीं बन सकती हूँ. शादी के कुछ महीनों बाद मैंने चेकअप करवाया तब यह बात पता चली.. उस दिन से ये डर मुझे खाए जा रहा था कि कहीं विकास मुझे छोड़ ना दे। बस मुझे भगवान ने मौका दिया.. तुम आईं तब मैंने सोचा कि मर्द क्या चाहता है.. किसी कमसिन कली को चोदना. अगर मैं विकास को ये मौका दे दूँ तो वो कभी मुझ से दूर नहीं होगा और मैंने अपने स्वार्थ में तुमको रंडी बना दिया.. सॉरी बहन, सॉरी.
दीपाली- अरे नहीं.. नहीं.. दीदी आप क्यों ‘सॉरी’ बोल रही हो.. ग़लती मेरी भी है. मुझे भी चुदाई में मज़ा आने लगा था। आपने तो बस सर से ही चुदवाया मुझे.. मगर मैंने तो ना जाने किस-किस से चुदाई करवा ली… मुझे आपके बर्ताव से शक तो हुआ था मगर मैं समझ नहीं पाई थी। अब मुझे अहसास हो रहा है कि आपको कितनी तकलीफ़ हुई होगी. सॉरी, दीदी.
ये दोनों बातों में इतनी मग्न थीं कि कब विकास अन्दर आया इनको पता भी नहीं चला। विकास ने इनकी सारी बातें सुन ली थीं. जब उसने ताली बजाई तब दोनों चौंक गईं।
विकास- वाह अनुजा वाह, मेरे प्यार का क्या इनाम दिया तुमने! वाह…
अनुजा- आ.. आप कब आए…
विकास- जब मेरा प्यार एक गाली बन कर रह गया तब मैं आया.. जब मेरी अपनी बीवी बेवफा हो गई तब मैं आया.. जब एक मासूम सी लड़की रंडी बन गई तब मैं आया…
अनुजा- सॉरी विकास! प्लीज़ मुझे माफ़ कर दो.. मैंने तुम्हें धोखा दिया है…
दीपाली- सॉरी सर, माफ़ कर दो ना दीदी को. प्लीज़…
विकास- चुप रहो तुम.. और अनुजा तुमने मुझे इतना घटिया इंसान कैसे समझ लिया कि एक बच्चे के लिए मैं तुम्हें अपने से दूर कर दूँगा.. छी: छी: इतना नीचे गिरा दिया तुमने मुझे.. और मुझसे ऐसा पाप करवा दिया जिसका मैं शायद प्रायश्चित कभी भी ना कर पाऊँ।
अनुजा- सॉरी विकास. प्लीज़ सॉरी..
(दोस्तो, विकास ने अनुजा को सीने से लगा लिया और उसे माफ़ कर दिया। दीपाली से भी उसने माफी माँगी कि अनुजा ने उसे कहा और वो बहक गया। उसे ऐसा नहीं करना चाहिए था। दीपाली को भी उसने समझाया कि इन सब कामों में अपनी लाइफ खराब मत करो।)
दीपाली- थैंक्स सर, मैं कोशिश करूँगी मगर आप भी दीदी को कभी तकलीफ़ नहीं दोगे.. आप वादा करो…
विकास ने उससे वादा किया और आज के बाद अनुजा के अलावा किसी को देखेगा भी नहीं उसने ऐसी कसम खाई।
अब सब ठीक हो गया था। दीपाली वहाँ से चली गई।
दूसरे दिन इम्तिहान शुरू हो गए तो सब अपनी-अपनी पढ़ाई में व्यस्त हो गए.. इम्तिहान का टेन्शन ही ऐसा था। हाँ.. दीपक को मौका मिलता तो वो प्रिया के साथ अपनी हवस पूरी कर लेता था।
इम्तिहान के दौरान तीनों दोस्तों ने बहुत कोशिश की कि दीपाली के साथ चुदाई करें मगर दीपाली ने उनसे किसी ना किसी बात का बहाना बना दिया। इम्तिहान ख़त्म होने के बाद एक बार विकास और प्रिया का आमना-सामना हो गया।
तब विकास ने उसे कहा- उस दिन जो भी हुआ उसे भूल जाओ.. किसी को कुछ मत कहना.. दीपाली को भी नहीं। प्रिया अच्छी लड़की थी. वो खुद ऐसा नहीं चाहती थी. तो ये बात भी राज की राज रह गई।
अब तो दीपाली को विकास ने अपने घर आने से भी मना कर दिया. उसका कहना था कि हम दूर रहेंगे तभी पुरानी बातें भूल पाएँगे। अब दीपाली का मन इस शहर से ऊब गया। उसने अपने पापा से बात कर के दूसरे शहर में कॉलेज में एडमिशन ले लिया. उसने पुरानी यादें भुला कर अपनी ज़िन्दगी को एक नई और नेक दिशा देने का संकल्प कर लिया।
अधेड़ सुधीर और उस अंधे भिखारी को कभी पता नहीं चला कि दीपाली नाम की कमसिन कली आख़िर कहाँ गायब हो गई।
समाप्त
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