10-08-2020, 02:17 PM,
|
|
desiaks
Administrator
|
Posts: 23,332
Threads: 1,142
Joined: Aug 2015
|
|
RE: Maa Sex Kahani माँ का आशिक
शादाब शहनाज़ की इस बात से इतना खुश हुआ कि अपने होंठ उसके होठों पर टिका दिए और चूसने लगा। शहनाज़ भी अपने बेटे का साथ देते हुए उसके होंठो को चूसने लगी। शादाब पूरी तरह से शहनाज़ के उपर छाया हुआ था जिससे दोनो की टांगे आपस में टकरा रही थी। शहनाज़ किस करते करते ही अपनी टांगे शादाब की टांगो से रगड़ने लगी और शादाब ने जोश में आकर अपनी जीभ शहनाज़ के मुंह में घुसा दी तो शहनाज़ ने उसकी जीभ को लपक लिया और चूसने लगी। दोनो मा बेटे एक दूसरे का रस चूसने लगे। शादाब का लंड फिर से अपना सिर उठाने लगा और शहनाज़ के जिस्म में भी आग सुलगने लगी। किसे करते हुए ही शादाब ने शहनाज़ की चुचियों को अपनी मजबूत छाती से रगड़ना शुरू कर दिया। शहनाज़ और शादाब दोनो के होंठ अलग हुए और शादाब ने अपने होंठ शहनाज़ की गरदन पर रख दिए और चाटने लगा। शहनाज़ के लिए से मस्ती भरी आह निकल पड़ी। शादाब ने शहनाज़ की चुचियों को हाथो में भर लिया और प्यार से सहलाने लगा तो शहनाज़ का जिस्म पूरी तरह से तप गया और चूत से रस एक बार फिर से बाहर आने लगा।
शादाब का लंड एक बार फिर से अपनी पूरी औकात में अा गया और शहनाज़ की चूत से अड गया। शादाब ने जैसे ही शहनाज़ की चुचियों को मुंह में भरा तो शहनाज़ ने अपने मुंह से ढेर सारा थूक निकाल कर शादाब के लंड पर लगा कर उसे पूरी तरह से चिकना कर दिया। शादाब भी एक महीने से शहनाज़ की चुदाई के लिए तड़प रहा था इसलिए वो जोर जोर से अपनी अम्मी की चूची चूसने लगा और शहनाज़ ने शादाब की आंखो से देखते हुए उसका एक पकड़ कर अपनी चूत पर रख दिया और शादाब की एक उंगली को खुद ही अपनी चूत में घुसा दिया और सिसक पड़ी
" आह शादाब मेरे बेटे, मनाले अपनी अम्मी के साथ चांद रात
शादाब शहनाज़ की इतनी तड़प देखकर जोश में आ गया और उसकी चूत को जोर से रगड़ते हुए अपनी उंगली बाहर निकाल कर अपने तगड़े लंड का सुपाड़ा उसकी चूत पर टिका दिया और शहनाज़ ने मुंह से कुछ बोले बिना ही अपना निचला होंठ अपने दांतो में दबाकर शादाब को एक कामुक स्माइल दी और अपने एक हाथ की उंगली और अंगूठे को चूत के जैसे बनाकर उसमे एक उंगली घुसा दी। शादाब ने अपने लंड का एक जोरदार धक्का लगाया और सुपाड़ा चूत के होंठो को रगड़ते हुए अंदर घुस गया तो शहनाज़ दर्द भरी सिसकारियां लेने लगी और शहनाज़ ने जोर से अपनी बांहे शादाब के गले में लपेट दी। शादाब ने बहुत तगड़ा धक्का लगाया और लंड शहनाज़ की चूत को अंदर तक रगड़ते हुए जड़ तक घुस गया तो शहनाज़ के मुंह से दर्द भरी सिसकारियां निकल पड़ी
" आह शादाब मेरे राजा चांद रात मुबारक हो मेरे शौहर
शादाब ने जोर से शहनाज़ को कस लिया और लंड को चूत में अंदर ही रगड़ते हुए बोला:'
" तुम्हे भी मुबारक हो मेरी जान शहनाज, चांद रात पर अपने बेटे का लंड मुबारक हो।
दोनो एक साथ स्माइल कर दिए और शादाब ने लंड को पूरा बाहर निकाला और फिर से एक ही धक्के में जड़ तक शहनाज़ की चूत में घुसा दिया तो शहनाज़ फिर से दर्द भरी मस्ती से सिसक उठी और शादाब ने बिना देर किए शहनाज़ की चूत में लंड को तेजी से पेलना शुरू कर दिया और दोनो चूचियों को जोर जोर से मसलने लगा।
शहनाज़ का जिस्म हर झटके पर उछल रहा था और शहनाज़ की चूत में अब लंड आराम से अन्दर बाहर हो रहा था जिससे शहनाज़ मस्ती से मचल रही थी, सिसक रही थी, उछल रही थी।
शादाब के लंड की रगड़ आज शहनाज़ की चूत को हर धक्के पर सिसकने के लिए मजबूर कर रही थी और पूरे कमरे में शहनाज़ की मस्ती भरी सिसकारियां गूंज रही थी। अगर सीढ़ियों का गेट और कमरे का गेट ठीक से बन्द नहीं होता तो दादा दादी सब सुन लेते।
शादाब ने शहनाज़ की आंखो में देखते हुए दोनो हाथो से उसके गले को पकड़ लिया और जोर जोर से धक्के मारने लगा। शहनाज़ की चूत अब पूरी तरह से चिकनी हो गई थी जिससे लंड तूफान की स्पीड से घुस रहा था। हर धक्के पर बेड हिल रहा था।
शहनाज़ की चूत शादाब के धक्के बर्दाश्त नहीं कर पाई और वो सिसकते हुए झड़ गई
" आह शादाब उफ्फ, गई मेरी चूत, हाय मा चुद गई मैं तो।
शादाब बिना रुके धक्के लगाता
रहा और उसने शहनाज़ को उठाकर घोड़ी बना दिया जिससे उसकी चूत पूरी तरह से उभर कर अा गई और शादाब ने एक ही झटके में फिर से लंड को जड़ तक उतार दिया। शहनाज़ को एक अनोखे सुख की अनुभूति हुई और उसका मुंह मस्ती से खुलता चला गया
" आह शादाब उफ्फ कितना अच्छा लग रहा हैं कहां से सीखा तूने हाय मेरे राजा ?
शादाब ने जोर से लंड को बाहर निकाला और फिर से जड़ तक घुसा दिया तो लंड सीधे बच्चेदानी से जा लगा।
" आह शादाब मेरी बच्चेदानी में घुस गया तेरा लोला, घोड़ी सी बना दिया है तूने मुझे कमीने
शादाब ने शहनाज़ के बाल पकड़ लिए और जोर जोर से लंड घुसाने लगा। शहनाज़ की चूत एक बार फिर से गर्म हो गई और वो अपने आप अपने अपनी चूत को लंड पर धकेलने लगीं ।
" आह शादाब पूरा रगड़ रहा था मेरी चूत तेरा ये लोला, उफ्फ और चोद मुझे मार चूत।
शादाब ने पूरी ताकत से लंड को बाहर निकाला और एक तगड़ा धक्का शहनाज़ की चूत में लगा दिया तो शहनाज़ के पैर उखड़ गए और वो बेड पर आगे को गिर पड़ी और शादाब उसके उपर गिरा जिससे लंड उसकी चूत में घुसता चला गया।
" आह शादाब, उफ्फ मर गई हाय मा री,
शादाब ने शहनाज़ को जकड़ लिया और तूफान की गति से उसकी चूत में धक्के लगाते हुए बोला:"
" आह शहनाज़ देख मेरा लोला कैसे तेरी चूत का भोसड़ा बनाएगा अब ।
इतना कहकर शादाब ने अपना पूरा दम लगाते हुए तेज तेज धक्के लगाने शूरु कर दिए
शहनाज़ को बहुत मजा आने लगा और बोली:"
" आह शादाब, यूआईआईआई उफ्फ सआईआईआईआई तेरा लोला मेरी चूत मार रहा है
|
|
10-08-2020, 02:17 PM,
|
|
desiaks
Administrator
|
Posts: 23,332
Threads: 1,142
Joined: Aug 2015
|
|
RE: Maa Sex Kahani माँ का आशिक
शहनाज़ एक बार फिर से जोर से सिसकते हुए झड़ गई और पूरी ताकत से बेड शीट को दबोच लिया। शादाब बिना रुके तूफानी रफ्तार से धक्के लगाने लगा तो शहनाज़ की चूत का हाल बेहाल हो गया और वो दर्द से कराह उठी
" आह शादाब कमीने छोड़ दे मुझे, ये मेरी चूत हैं औखली नहीं,
शादाब ने उसे जोर से कस लिया और तेज तेज धक्के लगाते हुए बोला:" आह शहनाज़ आज तेरी चूत की तली निकाल दूंगा, हाय तेरी चूत।
शहनाज़ आगे को खिसकी तो लंड बाहर निकल गया तो शादाब ने उसे फिर से पीछे को खींच लिया और लंड को उसकी चूत पर टिका दिया तो शहनाज़ ने एक बार शादाब की तरफ देखा तो शादाब ने जोर का धक्का लगाया और लन को फिर से चूत में घुसा दिया और धक्के पर धक्का लगाने लगा जिससे शहनाज़ फिर से सिसक उठी
" आह शादाब हट जा मेरे राजा, मार ही डालेगा क्या मुझे आऊ च उफ्फ हाय मा
शादाब ने एक हाथ से शहनाज़ की गर्दन को थाम लिया और दूसरे से उसकी गांड़ दबाते हुए जोर जोर से धक्के लगाने लगा।
गांड़ दबाए जाने से जैसे जादू हो गया और शहनाज़ की चूत फिर से सुलग उठी और वो मस्ती से सिसकते हुए बोली:_
": आह शादाब दबा मेरी गान्ड, उफ्फ ये गांड़ दबवाने के लिए ही तो मैं तुझसे चुद गई राजा,
शादाब ने अब दोनो हाथो में उसकी गांड़ को दबोच लिया और जोर जोर से धक्के लगाने लगा तो शहनाज़ का पूरा जिस्म मस्ती से उछलने लगा और वो मजे से सिसकती हुई बोली:_
" आह शादाब उफ्फ मेरी चूत फिर से झड़ जाएगी निकाल देे मेरी चूत की तली मेरे राजा !!
शहनाज़ ने अपनी कमर और मुंह को उपर उठा लिया और हर धक्के पर उसका जिस्म हिलने से उसके बाल लहरा रहे थे और शहनाज़ पूरी जोर जोर से सिसक रही थी। पूरे कमरे में दोनो की मस्त मादक सिसकियां गूंज रही थी। शादाब ने अपने जिस्म की सारी ताकत समेट ली और शहनाज़ की चूत में लंड तूफान मचा दिया तो शहनाज़ एक बार फिर से सिसकते हुए झड़ गई
" आह शादाब गई मेरी चूत, हाय राजा बस कर
शादाब के लंड में भी उबाल आने लगा और उसके धक्के किसी पागल सांड की तरह पड़ने लगे। शहनाज़ की चूत से फाच फाच की मधुर आवाज गूंज रही थी। शादाब ने पूरी ताकत से एक आखिरी धक्का लगाया और लंड किसी रॉकेट की तरह शहनाज़ की चूत में जड़ तक घुस गया और शहनाज़ की बच्चेदानी के एक सिरे को दूसरे में घुसा दिया तो शहनाज़ दर्द से कराह उठी
" आह शादाब फाड़ दी मेरी चूत,उफ्फ मेरी चूत की तली निकल गई मेरी मा
शादाब जोर से सिसकते हुए शहनाज़ की पीठ पर ढेर हो गया
" आह शहनाज़ मेरी अम्मी।
शादाब के लंड ने एक के बाद एक वीर्य की पिचकारी की झड़ी सी शहनाज़ की चूत में लगा दी और शहनाज़ की लंड की मार से जलती हुई चूत को ठंडक मिलने लगी और वो मस्ती से शादाब का मुंह चूमने लगी मानो उसे इस दमदार चुदाई के लिए इनाम दे रही हो।
शादाब ने चांद रात की इस रात को पूरी तरह से यादगार बनाने के लिए शहनाज़ को और दो बार चोदा और उसके बाद दोनो मा बेटे एक दूसरे से लिपट कर सो गए।
अगले दिन सुबह कोई पांच बजे शहनाज की आंख खुली और उसने शादाब को भी उठा लिया और उसे बांहों में भर कर बोली:"
" ईद मुबारक हो मेरी जान शादाब।
शादाब ने शहनाज़ का गाल चूम लिया और उसकी आंखो में देखते हुए बोला:"
" आपको भी मुबारक हो मेरी नाज़।
शादाब और शहनाज़ दोनो एक दूसरे से चिपके हुए थे और ईद की मुबारकबाद दे रहे थे।
शहनाज़:"शादाब जल्दी से उठ जाओ, मैं भी नहाने जाती हूं फिर बहुत सारे काम भी करने हैं। खीर बनानी है, चाट पकौड़ी, और छोले चावल आदि।
शादाब:' ठीक हैं अम्मी मैं आपकी मदद करूंगा और जल्दी से सब काम हो जाएगा।
|
|
10-08-2020, 02:18 PM,
|
|
desiaks
Administrator
|
Posts: 23,332
Threads: 1,142
Joined: Aug 2015
|
|
RE: Maa Sex Kahani माँ का आशिक
शादाब खीर लेकर नीचे अा गया और ट्रे दादा दादी के सामने करते हुए बोला:"
";लीजिए दादा दादी जी आपकी खिदमत में ईद के दिन की खीर हाज़िर हैं, एक दम ताजे दूध और मावे से बनी हुई।
दादा दादी दोनो मुस्करा उठे और खीर की कटोरिया उठा ली और खाने लगे। दादी बोली:"
" अरे शादाब तुमने भी खीर खाई या नहीं अभी ?
शादाब अपना पेट पकड़ते हुए बोला:" अभी नहीं दादी अम्मी, भूख के मारे मेरे तो पेट में भी दर्द हो रहा है।
दादी उसकी नौटंकी समझ गई और बोली:" अरे मेरे बच्चे को भूख लगी हैं आजा इधर अा मेरे पास मैं खिलाऊंगी तुझे।
शादाब किसी आज्ञाकारी बच्चे की तरह दादी के पास चला गया और दादी ने एक चम्मच में खीर लेकर शादाब के मुंह के सामने करी तो जैसे ही शादाब ने अपना मुंह खोला तो दादी ने उसको ठेंगा दिखाते हुए खीर खुद खा ली और शादाब का मुंह देखने लायक था।शादाब दादा जी से शिकायत करते हुए बोला:"
" देखिए ना दादा जी, दादी मुझे सता रही हैं।
दादा:" अब बेटा अगर तू झूठ मूठ का ड्रामा करेगा तो फिर तो ऐसा ही होगा, तुम क्यों इस उम्र में भी शादाब के साथ बच्ची बन रही हो
दादी स्माइल करते हुए बोली:"
" इसको मजाक करते हुए देखकर अच्छा लगा और मैं अपने बचपन में पहुंच गई।
दादी की बात सुनकर सभी मुस्कुरा उठे और दादी बोली:"
" अच्छा चल मुंह खोल शादाब, इस बार पक्का खिला दूंगी तुझे।
शादाब ने अपना मुंह खोल दिया और दादी ने उसे खीर खिलाई, शादाब दो चम्मच खीर खाकर ऊपर अा गया और शहनाज़ को ढूंढने लगा। शहनाज़ अपने कमरे में थी और वो अपने ईद के नए कपड़े पहन कर सज चुकी थी।
शाहनाज ने एक गहरे लाल रंग का सूट पहना हुआ था और बहुत खूबसूरत लग रही थी। शादाब उसे प्यार से बिना पलके झपकाए देखता रहा तो शहनाज़ बोली:"
" बस कर सादाब, नजर लगाएगा क्या मुझे ?
शादाब ने उसका चेहरा अपने हाथों में भर लिया और बोला:'
" आशिक की नजर नहीं लगती बल्कि उससे हुस्न और ज्यादा निखरता हैं जैसे आपका हर रोज निखरता जा रहा है।
इतना कहकर शादाब ने अपने शहनाज़ के होंठो पर रख दिए और शहनाज़ ने मदहोश होकर अपनी बांहे उसके गले में लपेट दी और दोनो एक दूसरे के होंठ चूमने लगे।किस अभी शुरू ही हुआ था कि शादाब का फोन बज उठा। जैसे ही शादाब फोन निकलने लगा तो शहनाज़ ने उसका हाथ पकड़ लिया और जोर से दबा दिया तो शादाब ने अपने दोनो हाथ किस करते हुए ही शहनाज़ की गांड़ पर रख दिए और दबाने लगा तो शहनाज़ अपनी सुध बुध खोते हुए शादाब के पैरो पर चढ़ गई और उसके मुंह में अपनी जीभ घुसा दी तो शादाब उसकी जीभ मजे से किसी कुल्फी की तरह चूसने लगा। फोन बजता रहा लेकिन दोनो मा बेटे को जैसे उसकी आवाज सुनाई नहीं दे रही थी । काफी देर के बाद उनकी किस खतम हुई तो शहनाज़ ने अपनी कोहनी का दबाव अपनी चूची पर हल्का सा दिया तो उसकी चूचियों बाहर को उभर कर गले से झांकने लगी जिससे ब्रा में रखी हुई चॉकलेट साफ नजर आने लगी।
शादाब की आंखों में चमक अा गई और उसने अपना हाथ आगे बढाया और शहनाज़ की चुची पर रख दिया तभी उसका मोबाइल फिर से बज उठा तो शादाब ने शहनाज़ की आंखों में देखा तो शहनाज़ ने उसकी जेब से मोबाइल निकालकर उसकी तरफ बढ़ा दिया। अजय का कॉल था तो शादाब ने पिक किया
अजय:_" कितनी देर से तुझे फोन कर रहा हूं, कहां था तू?
शादाब:" अरे भाई सोरी, फोन साइलेंट पर था, अभी देखा।
अजय:" फोन क्या मुझे तो आज कल तू ही साइलेंट पर लगता हैं। अच्छा ईद की मुबारकबाद मेरे भाई। तेरे लिए एक गुड न्यूज़ हैं शादाब।
शादाब ने खुश होकर शहनाज़ का गाल चूम लिया और बोला;"
" तुझे भी ईद मुबारक हो अजय, बता भाई जल्दी बता क्या न्यूज हैं ?
अजय": कल हमारा होवार्ड यूनिवर्सिटी का एग्जाम हैं।
शादाब के चेहरे एक पल के लिए खुशी की लहर दौड़ गई लेकिन अगले ही पल जैसे शहनाज़ का ख्याल आते ही गायब हो गई।शहनाज़ सब सुन रही थी और वो शादाब से कसकर लिपट गई मानो उसे अपने दूर नहीं जाने देगी। शादाब की तो जैसे आवाज ही गुम हो गई थी।
अजय:" अबे क्या हुआ अच्छा नहीं लगा क्या सुनकर ?
|
|
10-08-2020, 02:19 PM,
|
|
desiaks
Administrator
|
Posts: 23,332
Threads: 1,142
Joined: Aug 2015
|
|
RE: Maa Sex Kahani माँ का आशिक
शादाब:" भाई वो इतने दिनों के बाद घर आया था इसलिए दिल नहीं कर रहा हैं आने के लिए वापिस, मैंने एक हफ्ते की छुट्टी तो ली हैं।
अजय:" कैसी पागलों जैसी बात कर रहा है, जल्दी से तैयार होकर आजा, एग्जाम देकर फिर घर चले जाना, एक ही दिन की तो बात हैं।
शादाब ने शहनाज़ की तरफ देखा जिसकी आंखे शादाब के जाने की बात सुनकर भर अाई थी । शादाब बोला:" चल ठीक हैं भाई, मैं देखता हूं।
अजय:" देखना वेखना कुछ नहीं जल्दी से निकल और हान मेरे लिए खीर जरूर लेते आना।
इतना कहकर अजय ने फोन काट दिया तो शादाब ने आंसुओ से भीगा हुआ शहनाज़ का चेहरा साफ किया और बोला:"
" अम्मी आप दुखी मत हो, मैं आपको छोड़कर कहीं नहीं जाऊंगा मेरी जान ।
शहनाज़ ने अपने बेटे का गाल चूम लिया और बोली:"नहीं शादाब, तुम जाने की तैयारी करो, मैं अजय के लिए खीर पैक करती हूं। एक ही रात की तो बात हैं कल तुम फिर से मेरी बांहों में होंगें
शादाब शहनाज़ से कसकर लिपट गया और शहनाज़ भी अपने बेटे की बांहों में फिर से समा गई।
दोनो काफी देर तक ऐसे ही एक दूसरे के दिल की धड़कन सुनते रहे और आखिरकार शादाब अपनी अम्मी की बात नहीं टाल पाया और तैयार होकर नीचे दादा दादी जी पूरी बात बताई तो दोनो उदास हुए लेकिन इस बात की खुशी की थी अगर एग्जाम पास हो गया तो शादाब उनका नाम सारी दुनिया में रोशन कर देगा।
शहनाज़ उपर से बैग लेकर अा गई और आखिरकार शादाब के जाने का पल अा गया और जैसे ही वो घर से निकलने वाला था तभी घर में उसकी बुआ रेशमा दाखिल हुई और सबको सलाम किया।
रेशमा:" सलाम अम्मी अब्बू, सभी को ईद मुबारक हो।
इतना कहकर रेशमा दादा की बांहों में समा गई क्योंकि उसे अब सच में अपने मा बाप से बड़ा लगाव हो गया था। अपनी बेटी को ऐसे बच्चे की तरह खुद से चिपकते देखकर दादा जी की भी आंखे नम हो गईं और दादी ने रेशमा की पीठ थपथपाई।
शादाब ये नजारा देख कर भावुक हो गए और समझ गया कि सच में रेशमा बदल गई है और उसे अपनी बुआ से हमदर्दी हुई। दादी दादा से अलग होने के बाद रेशमा शहनाज़ के गले लग गई और ईद की मुबारकबाद दी। शहनाज़ को रेशमा का ऐसे अपने गले लगना अच्छा नहीं लग रहा था और वो उदास नजरो से शादाब की तरफ देखने लगी तो शादाब ने उसे एक स्माइल दी। जैसे ही रेशमा शहनाज़ से अलग हुई तो शहनाज़ ने सुकून की सांस ली। शहनाज़ से गले मिलने के बाद रेशमा शादाब के गले लग गई तो शादाब ने भी अपनी बुआ को गले लगा लिया और शहनाज़ की छाती पर तो जैसे सांप लेट गया।
रेशमा शादाब से अलग हुईं और बोली:"
" कहीं जा रहे हो क्या शादाब ?
शादाब :" वो बुआ मेरा एग्जाम हैं कल इसलिए मुझे आज ही जाना होगा।
रेशमा ने आगे बढ़कर शादाब का गाल चूम लिया और बोली:"
" जा बेटा, ऑल द बेस्ट।
|
|
10-08-2020, 02:19 PM,
|
|
desiaks
Administrator
|
Posts: 23,332
Threads: 1,142
Joined: Aug 2015
|
|
RE: Maa Sex Kahani माँ का आशिक
काजल उसके बाल पकड़ कर खीचती हुई:" हरामजादी कुटिया मुझ पर हाथ उठाती है ये ले मजा
इतना कहकर काजल ने रेशमा के मुंह पर वार कर दिया। शहनाज़ को गुण्डो ने पकड़ लिया और वो पूरी तरह से कोशिश कर रही थी छूटने की लेकिन कामयाब नहीं हो पा रही थी।
शहनाज़:" उसे छोड़ दो रेहाना, तुम्हारी लड़ाई मुझसे हैं।
रेहाना किसी चुड़ैल की तरह खूंखार हंसी हंसती हुई बोली:_
"। हा हा हा, इसे बहुत शौक चढ़ा हैं मा झांसी की रानी बनने का, पप्पू मारो साली को अच्छे से।
रेहाना के बोलने की देर थी कि चार पांच गुंडे रेशमा पर पिल पड़े और उसको जानवरो की तरह बेरहमी से मारने लगे। रेशमा की दर्द भरी चीखे गूंज रही थी और वो फिर भी बोली:'
" हरामजादी एक बार मुझे छोड़ दे बस अपने आदमियों को बोल, फिर देख मै तेरा खून पी जाऊंगी
शहनाज़ रोती हुई रेहाना के आगे हाथ जोड़ देती हैं और बोली:"
" रेहाना इसे मत मारो, ये बेचारी तो मेहमान हैं, मुझसे ले ले अपना बदला।
रेहाना ने एक नजर रेशमा पर डाली जो बुरी तरह से पिट रही थी लेकिन फिर भी झुकने के लिए तैयार नहीं थी। रेहाना:"
" माफ कर दू और इसे नखरे तो देख हरामजादी के, कौन हैं ये ?
शहनाज़ के पेट में लात लगने के कारण बहुत तेज दर्द हो रहा था इसलिए वो दर्द से कराहते हुए बोली:" ये शादाब की बुआ हैं।
रेहाना के होंठो पर स्माइल अा गई और बोली:" ओह इसलिए इतनी गर्मी दिखा रही है ये, कहां हैं वो हरामजादा
इतना कहकर रेहाना ने एक जोरदार थप्पड़ शहनाज़ के गाल पर जड़ दिया तो शहनाज़ फिर से दर्द से कराह उठी
:' आह, वो एग्जाम देने गया है।
रेहाना:' ओह इसका मतलब वो कुत्ते का पिल्ला घर में नहीं हैं ?
रेशमा:": जुबान संभाल कर बोल, अगर वो होता तो अब तक तेरी लाश यहां पड़ी हुई होती।
रेहाना और काजल रेशमा की बात सुनकर जोर जोर से हंसने लगे और और बोली:"
" जरा मिला तो उस हीरो का नंबर काजल,
शहनाज़ डर के मारे थर थर कांपने लगी क्योंकि वो नहीं चाहती थी कि शादाब यहां आएं। काजल ने नंबर मिला कर रेहाना की तरफ मोबाइल बढ़ा दिया।
रेहाना:" सुन शादाब, मैं रेहाना तेरी मा और बुआ को अपने साथ ले जा रही हूं मुझसे दुश्मनी लेकर तूने बहुत गलत किया हैं।
शादाब ये सुनकर पूरी तरह से परेशान हो गया और बोला:"
" रेहाना अगर मेरे परिवार का बाल भी बांका हुआ तो तेरा वो हाल करूंगा जो तूने सपने में भी नहीं सोचा होगा।
रेहाना ठहाका मारकर हंसती हुई बोली:" जा घर जाकर देख कर कुछ लाशे तेरा इंतजार कर रही हैं। अगर तेरे मैं दम हैं तो कल तक आकर अपनी मा और बुआ को बचा लेना ।
इतना कहकर रेहाना ने फोन काट दिया और बोली:'
" पप्पू इनके दोनो के हाथ पैर और मुंह बांध कर उठा ले चलो।
पप्पू और उसके आदमी ने दोनो को बांध दिया और उठाकर गाड़ी में ले गए। रेशमा और शहनाज़ पूरी छटपटाई लेकिन कुछ नहीं कर पाई।
दूसरी तरफ शादाब को तो जैसे लकवा सा मार गया और उसकी आंखो में खून उतरने लगा और जबड़े किसी शेर की मानिंद कसते चले गए।
अजय :" क्या हुआ शादाब, ? सब ठीक तो है भाई ?
शादाब ने गुस्से में अपना मुक्का गाड़ी पर दे मारा और बोला:"
" कुछ गुंडे मेरी मा और बुआ को उठाकर ले गए हैं अजय, गाड़ी तेज चला मुझे जल्दी से घर जाना है।
शादाब की बात सुनकर अजय की आंखे भी लाल सुर्ख हो गई और उसकी रगो में बहता हुआ खून उबाल मारने लगा। "(अजय मार्शल आर्ट में ब्लैक बेल्ट था ये बात शादाब को नहीं पता थी।
अजय आंधी तूफान की तरह गाड़ी को उड़ाता हुआ शादाब के घर पहुंच गया तो वहां जमा हुई भारी भीड़ को देखकर शादाब का दिल बहुत जोर जोर से धड़कने लगा और वो गाड़ी से बाहर निकला तो लोग उसे देखते ही आपस में बात करने लगे।
शादाब घर के अंदर घुसा और नीचे बैठक में ही उसे अपने दादा दादी की लाशे पड़ी हुई नजर आईं और उसकी आंखो के आगे अंधेरा सा फ़ैल गया। अजय ने उसे सहारा दिया और शादाब अपने दादा दादी को देखकर दहाड़ मारकर रोने लगा।
उसका पूरा चेहरा आंसुओ से भीग हुआ था और सिसकियां तो जैसे तो जैसे रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी। अजय ने जैसे तैसे करके शादाब को संभाल लिया और तभी वहां पुलिस की जीप आकर रूकी ।
इंस्पेक्टर हसन बाहर निकला और सारे हालत का जायजा लिया और बोला:_
" कैसे हुआ ये सब ?
शादाब:" मुझे नहीं पता कुछ भी, मैं तो अभी एग्जाम देकर आया तो घर में लाशे देखी। मेरी अम्मी और बुआ भी थी जो मिल नहीं रही हैं।
हसन:" इन्हे गोली मारी गई है, तुम्हारी किसी से कोई दुश्मनी तो नहीं थी ?
अजय कुछ बोलना चाहता था लेकिन शादाब ने उसका हाथ दबा दिया और अजय चुप हो गया।
शादाब:" नहीं दादा जी की किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी।
हसन पड़ोसियों से बोला:"
" आपमें से किसी को कुछ पता हैं क्या ये सब कैसे हुआ ?
पड़ोसी:" साहब मैं जब गोलियों की आवाज सुनकर सुनकर बाहर आया तो वो लोग जा चुके थे।
हसन समझ गया कि ये मामला बहुत ज्यादा उलझा हुआ हैं इसलिए वो शादाब से बोला:
" तुम पुलिस स्टेशन आकर रिपोर्ट लिखा देना, पुलिस अपने तरीके से कार्यवाही करेगी। और मैं कुछ पुलिस वाले तेरे घर के बाहर सुरक्षा के लिए लगा देता हूं।
शादाब ने हान में सिर हिलाया और चुप चाप बैठ गया। हसन चला गया और एक एक करके सभी लोग चले गए। अब घर में बस अजय और शादाब बच गए थे। शादाब ने अपना चेहरा घुटनो में छुपा रखा था।
अजय:" भाई मैं तेरा दर्द समझ सकता हूं, अब हमे सबसे पहले अम्मी और बुआ को बचाना होगा
|
|
|