11-11-2020, 01:19 PM,
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desiaks
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RE: Maa Sex Kahani मम्मी मेरी जान
सुबह जब सानिया की आँख खुलती है तो वो सतीश को खुद को देखता पाती है. सतीश उसे कहता है "शादी की पहली सुबह मुबारक हो"
तूम दुनिया की सबसे हॉटेस्ट गर्ल हो.
सानिया मुस्कुराते हुए मैं और लड़की वो भी हॉट.
कहीं तुम पागल तो नहीं हो गए?
हा तुम हो दुनिया की सबसे हॉट गर्ल जिसे देख कर मेरा लंड हमेशा खड़ा हो कर सलाम करता है.
ये देखो.
ये कह्के सतीश उसे अपना खड़ा लंड दिखाता है.
सानिया कुछ कहती नहीं बस मुस्कुरा देती है और इंतज़ार करती है के सतीश उसकी और तारीफ़ करे.
सतीश: तुम्हारे स्तन का तो दुनिया में जोड़ ही नहीं है
ओर सेक्सी स्मूथ गांड़ को तो देख कर उनपे मर जाने को दिल करता है.
सतीश सानिया के अस्स चीक्स को पहले सहलाता है और फिर मसलने लगता है.
सानिया को सतीश का खड़ा लंड अपनी अस्स चीक्स पे मेहसुस होता है.
तुम्हारे चुत्तड़ ने देखो मेरे लंड की क्या हालत कर दी है.
मुझे यकीन नहीं होता की ये आदमी है या घोडा पिछले २४ घंटे में इस ने मुझे ४ बार चोदा है और अब इसका लंड फिर खड़ा हो गया है और अब ये मेरी गांड मारना चाहता है.
सतीश सानिया को पीछे से स्तन दबाते हुए निक और पीठ पे किस करने लगता है.
सतीश की इन ही हरकतों की वजह से सानिया के भी अरमान जागने लगते है.
सतीश सानिया को पेट् के बल लिटा के उसके पूरी बैक पे किस करते हुये निचे चुत्तड़ की तरफ आता है.
सतीश सानिया के चुत्तड़ पे किस की बारिश कर देता है और अपने ज़बान से लीक करने लगता है.
सतीश की हरकतों को देख कर लगता है की आज का दिन आखरी है और कल दुनिया ख़तम हो जाएगी.
एक औरत को क्या चाहिए ?
यही के उसका पति उसे दीवानो की तरह प्यार करे और उसकी हर इच्छा को पूरा करे.
सानिया सतीश का उसके लिए प्यार को देख कर और उसे अपने पति के रूप में पा कर अपनी किस्मत पे गर्व कर रही है.
सानिया की आँखों में अचानक आँसु आ जाते हैं और वो सतीश से पूछती है...........!
क्या तुम मुझे कभी छोड़ तो नहीं दोगे ?
सतीश सानिया की नम आँखों के आँसु को पोछ कर कहता है की....... चाहे दुनिया ख़तम हो जाए जब तक मैं ज़िंदा हूँ तुम्हे प्यार करता रहुंगा.
फिर सतीश सानिया के मासुम चेहरे को अपने हाथों में लेता है और उसे किस करने लगता है.
सानिया भी खुश हो कर किस में सतीश का साथ देणे लगती है के अचानक सानिया का मोबाइल बजने लगता है.
सानिया सतीश से अलग हो कर मोबाइल उठाती है.
सानिया: “हल्लो”.
विशाल: “सानिया मैं हु विशाल”.
सानिया: “हाँ बोलिये. क्या हाल चाल है, कैसे फ़ोन किया”?
विशाल: “अरे कही तू भूल तो नहीं गई की आज मोना घर आ रही है,
मैंने ये बताने को फ़ोन किया था के तू सतीश को अभी एयरपोर्ट भेज दे एक घंटे में मोना की फ्लाइट लैंड करने वाली है”
सानिया: (मन में सोचती है, अरे ये मैं कैसे भूल गई) नहीं मुझे याद है और सतीश को तो मैंने १ घंटे पहले ही एयरपोर्ट पे भेज दिया है मोना को लाने के लिये”.
सानिया: “अब आप चिंता करना छोड़ के अपने काम पे ध्यान दीजिए मैं हु यहा”
विशाल: “ठीक है, सतीश कैसा है” ?
सानिया: (अब आपको क्या बताऊँ के सतीश मेरी बगल में नंगा बैठा हुआ है और अपनी माँ के नंगे बदन पर अपना हाथ घुमा रहा है, और इस इंतज़ार में है के आप फ़ोन रखे और वो मेरी चुत चाट के मेरी गांड मारे)...............
विशाल: “अरे क्या हुआ, सतीश के नाम से खामोश क्यों हो गयी. कोई प्रॉब्लम है क्या”?
सानिया: “नहीं कुछ नही”.
विशाल: “तो फिर खामोश क्यों हो गई”?
सानिया: “मैं मोना के बारे में सोच रही थी, सतीश ठीक है”
विशाल: “ठीक है चल अब मैं फ़ोन रखता हूँ बाय”.
सानिया: “बाय”.
सतीश: “मम्मी मोना आ रही है, अब तो वह बहोत खूबसूरत हो गई होगी...................
और सेक्सी भी.....................
सानिया: “कमीणे................
वह तुम्हरी बहन है”.
सतीश: “क्या बहन सेक्सी नहीं हो सकती”?
जब मेरी मम्मी उर्फ़ बीवी सेक्सी हो सकती है तो बहन क्यों नहीं”?
सानिया: “तुम नहीं सुधरोगे,
चलो जल्दी तैयार हो जाओ तुम्हे एयरपोर्ट जाना है उसे लाने”.
सतीश: “पहले मैं आप की गांड तो मार लू,फिर चला जाऊंगा”.
सानिया: “नहीं इतना वक़्त नहीं है, तुम फ़ौरन निकल जाव, मैं भी घर चलि जाती हु, तुम मोना को लेकर घर आ जाना,और हाँ मोना के सामने तमीज़ से पेश आना,
अकेले में हम पति पत्नी हैं, पर दुनिया के सामने माँ और बेटा समझे”
सतीश: “ये तो केएलपीडी है”.
सानिया: “मतलब ?
सतीश: “खड़े लंड पे धोका”.
सानिया ये सुन कर ज़ोर ज़ोर से हँसने लगती है.
सतीश: “यहाँ पति का लंड खड़ा है, और आप क्या दाँत दिखा के हस रही हो, कमसे कम इसे चूस के तो शांत कर दो”.
सानिया: “नहीं अभी कुछ भी नहि. बहुत देर हो रही है तुम फ़ौरन निकलो. मुझे भी घर जा के नहाना है,चलो उठो”.
सतीश: “कमसे कम एक किस तो दे दो”.
सानिया जल्दी से सतीश के होंटो को चूम कर वहां से उठ जाती है.
सतीश उसे देखता ही रह जाता है.
फिर सतीश उठ कर तैयार होता है और सानिया को साथ लेकर होटल से बाहर निकल जाता है.
सानिया एक टैक्सी में बैठ कर घर चलि जाती है और दूसरी टैक्सी में सतीश एयरपोर्ट के लिए निकल जाता है.
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11-11-2020, 01:20 PM,
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RE: Maa Sex Kahani मम्मी मेरी जान
आज सतीश की बहन मोना आने वाली थी उसे लेने उसे एअरपोर्ट जाना पड़ा वह बहोत खुश था वह पहले अपनी बेहद हसीन और सेक्सी बहन का दीवाना था वह उसका पहला प्यार थी पर उसे कभी पता ही नही चला था और सतीश ने भी कभी बताया नही अब दो सालों बाद व उससे मिलने वाला था.
एरपोर्ट पहुँच कर सतीश मोना की फ्लाइट के लैंड करने का वेट करता है.
कारीब १५ मिनट बाद.......? सतीश को सामने से स्टाइलिश स्काई ब्लू साड़ी में एक खूबसूरत लड़की आती हुई नज़र आती है वो उसे देखता ही रह जाता है,
तीखे नैन नक्श्, गोरा रंग, सुर्ख़ लाल रंग की लिपस्टिक लगे गुलाब की पंखुड़ी के जैसे होट, सुराहीदार गर्दन और उसमे लटकता हुआ मंगलसूत्र जो उसकी ब्लाउज में क़ैद दोनों स्तन के बीच की खाई में अटका हुआ है, कंधे तक घणी काली ज़ुल्फ़ और बेइन्तेहाँ खूबसूरत चेहरे पे एक क़ातिलाना मुस्कराहट जो की उसे एक राजकुमारी का रूप दे रहा है.
ओ लड़की सतीश के सामने आकर खड़ी हो जाती है और उसे कहती है.
“क्या हुआ सतीश कहा खोये हुये हो”?
सतीश पे इसकी कोई प्रतिक्रिया नहीं होती वो तो उसकी खुबसुरती में खोया हुआ है.
मोना उसे हिलाकर दोबारा कहती है “सतीश…..”
“मोना! तुम मोना हो ना”?
मोना- “नही उसका भूत हु गधे कबसे खड़ी हु और तु अपने मे खोया हुआ है”
सतीश- “मैं तुम्हे ही तो लेने आया हु,
ओर देखो तुम्हारी खुबसुरती में खो गया, है क्या बात है शादी के बाद तो तुम और खूबसूरत हो गई हों,
तीखे नैन नक्श, गोरा रंग, सुर्ख़ लाल रंग की लिपस्टिक लगे गुलाब की पंखुड़ी के जैसे होट, सुराहीदार गर्दन और उसमे लटकता हुआ मंगलसूत्र जो ब्लाउज में क़ैद दोनों बड़ी बड़ी और गोल गोल स्तनो के बीच की खाई में अटका हुआ है”
मोना सतीश के मुह से अपनी तारीफ़ सुनके खुश हो जाती है और लास्ट में स्तन की बात सुनके शर्मा जाती है और सतीश भी झेंप जाता है.
मोना : “अगर मेरी तारीफ़ ख़तम हो गई हो तो चलें”
सतीश : हाँ ज़रूर चलो मैं क्या करूँ तुम हो ही इतनी सूंदर के मुह से तुहारी तारीफ़ आपने आप निकलने लगी और अगर तुमने नही रोका होता, तो क़यामत तक मेरे मुह से तुम्हारे लिए तारीफ़ के शब्द निकलते रह्ते ये रुकने का नाम ही नहीं लेते”
मोना: “अच्छा तो इसका मतलब तुम्हारा ईरादा मुझे क़यामत तक यहाँ खड़ा रखने का है”.
सतीश: “नहीं नहीं मे तो बस आपकी तारीफ़ कर के ये कह रहा हु की आपकी तारीफ़ करते करते कब मेरी पूरी ज़िन्दगी गुज़र जायेगी शायद पता भी न चलेगा और फिर भी आपकी तारीफ़ में शब्द बाकि रह जाये”.
मोना: “मतलब सारी उम्र मुझे यहीं खड़े रखने का ईरादा है”?
सतीश: “नहीं नहीं मैं तो बस”.
मोना: “मैं तो बस क्या”?
सतीश: “मैं तो बस तुम्हारी तारीफ़ कर रहा था”
मोना: “तारीफ़ के नाम पर बड़े ही आराम से फ्लर्टिंग कर लेते हो बहुत स्मार्ट हो गए हो”.
सतीश: “क्या दिदी मैंने कब फ्लर्टिंग की तुम्हारे साथ?
मोना: “तुमने नहीं कहा की मेरी स्तन बडे बडे है,क्या कोई अपनी बहन को ऐसे बोलता है”?
सतीश: “वो तो दिदी मैं बस..........
मोना: “जो कहना है खुल के कह”.
सतीश: “अब तुम्हारे स्तन बडे बडे और प्यारे है तो मैं क्या करु”?.
मोना: “तुम्हे शर्म नही आती अपनी बहन को ऐसे बोलते हुये क्यों घुर रहे थे मेरे स्तन को” ?
सतीश: “मैं कहाँ घुर रहा था वो तो अपने आप ही नज़र पड़ गई. कोई अंगूर थोड़े ही हैं, जो की नज़र न आये ये तो रसीले आम हैं,कितना रस भरा है इनमे”.
मोना: “शर्म करो सतीश क्या कोई भाई अपनी बहन के स्तन को घुरता है,बहुत बिगड गये हो तुम”?
मोना को भी अब बातों में मजा आ रहा था भाई बहन पहले इतने खुलकर बातें नही करते थे पर अब उसे भी सतीश की बाते अच्छी लग रही थी.
सतीश: “अब सामने इतने रसीले आम हो तो किसी का दिल भी ललचा जायेगा और मुह में पानी आ जाये गा,
जीस तरह लड़कियो को केला पसंद आता है वैसे ही मुझे आम पसंद है”
मोना: “किसने कहा लड़कियो को केला पसंद आता है मुझे तो गन्ना पसंद है,
लम्बा और मोटा जिस मे से खूब रस निकले”.
ये कह के वो मुस्कुराने लगती है.
सतीश: “ठीक है तुम मुझे रसीले आम खिलाना और मैं तुम्हे लम्बा मोटा और मीठा गन्ना खिलाऊंगा”.
दोनो को इन बातों में बड़ा मज़ा आ रहा था.
तभी अचानक सतीश का मोबाइल बजने लगता है.
सानिया: “सतीश मोना की फ्लाइट आ गई क्या”?
सतीश: “हाँ मम्मी, और मोना भी आ गई है”.
सानिया: “ठीक है तुम उसे लेकर घर चले आओ”.
सतीश: “जी मम्मी हम आ रहे है”.
सतीश मोना से कहता है “घर चले”?
मोना: “जी ज़रुर,मैं भी कितनी पागल हु, यही खड़े खड़े तुमसे बात कर रही हु”
सतीश टैक्सी को आवाज़ लगाता है.
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11-11-2020, 01:20 PM,
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RE: Maa Sex Kahani मम्मी मेरी जान
मोना झुकति है अपना सूटकेस उठाने के लिये, उसका पल्लू कंधे से स्लीप हो कर हाथ पे आ जाता है और उसके ब्लाउज के डीप गले में से उसके गोल गोल बडे बडे स्तन सतीश के सामने आ जाते है. जिसे देख कर सतीश का मुह खुला का खुला रह जाता है. सतीश की नज़रें मोना के स्तन पे चिपक जाती है. वो मोना के कंधे पर हाथ रख कर उसे रोकता है.
सतीश: “अरे दीदी ! तुम रहने दो, मैं खुद उठा लुंगा... [उसे खड़ा करता है]
मोना सतीश को अपने स्तन को घुरता देख के शर्मा जाती है और अपना पल्लू ठीक कर के सीधी खड़ी हो जाती है.
सतीश सूटकेस उठा के गाडी मे रखता है.
मोना का सामान इतना ज़्यादा होता है की कार मे एक आदमी के ही बैठने की जगह रह जाती है.
मोना: “अब क्या करें”?
सतीश: “इतना सामान लाने की क्या ज़रूरत थी” ?
मोना: “कुछ रास्ता सोचो”
सतीश: “दो रास्ते है............
तूम ही फैसला करो बाद में मुझे दोष मत देना”.
मोना : “पहले रास्ता तो बताओ”?
सतीश: “पहला रास्ता तो ये है के तुम इस टैक्सी में चलो और मैं तुम्हारे पीछे दूसरी टैक्सी में आता हु”.
मोना : “ये ठीक है पर एक प्रॉब्लम है”
सतीश : “क्या” ?
मोना : “मैं अकेले टैक्सी में नही जाना चाहती वह भी इतने सामान के साथ”
सतीश : “फिर क्या करें” ?
मोना : “तु दूसरा रास्ता बता”?
सतीश : “दुसरा रास्ता तुम्हे पसंद नहीं आयेगा”.
मोना : “शायद पसंद आ जाये”.
सतीश : “नहीं रहने दो”.
मोना : “अरे बता ना”.
सतीश : “दुसरा रास्ता ये है के कार में हम एक दूसरे की गोद में बैठ जाते हैं”.
मोना : “तो इस में क्या बड़ी बात है चल”.
सतीश : “ठीक है”.
कार का दरवाज़ा खोल के सतीश मोना से पहले बैठने को कहता है.
मोना : “तु पहले बैठ ना”.
सतीश : “नहीं तूम पहले बैठो मैं तुम्हारी गोद में बैठ जाऊंगा”.
मोना : “कैसी बात कर रहा है, तु मेरी गोद मे कैसे बैठ सकता है” ?
सतीश : “तुम्हे मेरी गोद में बैठ ने में परेशानी होगी”.
मोना : “कोई परेशानी नहीं होगी, चल जल्दी बैठ”.
सतीश : “ठीक है मैं बैठ जाता हूँ, बाद में मुझे दोष मत देना”.
सतीश कार में बैठ जाता है और मोना को अपनी गोद में बैठने को कहता है.
सतीश : “आओ चलो अंदर, चलो
बैठो”.
मोना सतीश की गोद में बैठ जाती है.
मोना के बैठ ते ही कार चलने लगती है, और ख़राब रोड की वजह से गाडी में दोनों को झटके लगने लगते है.
मोना : “और बता क्या कर रहा है आज कल”.
सतीश : “कुछ नहीं बस पढाई चल रही है”.
मोना : तुझे फ्लर्टिंग से फुर्सत मिलति होगी क्या पढाई के लिये”?
सतीश : “सच में पढाई इतनी ज्यादा है की वक़्त ही नहीं मिलता”
मोना : “अच्छा ये बता कितनी गर्ल फ्रेंड्स हैं तेरी”?
सतीश : “एक भी नहि”.
मोना : “क्या बात कर रहा है, ऐसा हो ही नहीं सकता के तेरी गर्ल फ्रेंड्स न हो बता ना”.
सतीश : “अरे मैं सच कह रहा हूँ,एक भी गर्ल फ्रेंड नहीं है मेरी,दोस्त तो बहुत हैं पर गर्ल फ्रेंड जैसी कोई नहीं है,
पर लगता है के जैसे अब मुझे मेरी गर्ल फ्रेंड मिलने वाली है”.
मोना : “अच्छा कौन है वो?
क्या नाम है उसका” ?
सतीश : “नाम का क्या करना है घर चलो तुम्हे उसकी तस्वीर दीखाता हु”.
सतीश और मोना अभी बाते ही कर रहे थे की खराब रोड की वजह से कार में झटके लग रहे थे और मोना सतीश के लेग्स पे उछल रही थी जिस से उस के नर्म नर्म चुत्तड़ बार बार सतीश के लंड से टकरा जाते और उसकी गर्मी से अचानक सतीश का लंड खड़ा हो ने लगता है.
सतीश बहुत कोशिश करता है अपना ध्यान दूसरी तरफ लेजाता है फिर भी उसका लंड खड़ा हो कर मोना की गांड में ठोकर मारने लगता है.
अपनी गांड पे सतीश के लंड को मेहसुस कर के मोना उछल जाती है.
वो तिरछी नज़र से सतीश को सेक्सी अंदाज़ में और कहती है.
मोना : “सम्भालो भैय्या इतना उतावला पना ठीक नहीं है”.
सतीश का लंड लोहे की तरहा खड़ा हो कर मोना की गांड में घूसने की कोशिश करने लगता है.
मोना धक्के की वजह से सतीश के पैर पे उछलती रहती है और सतीश का लंड कभी उसकी चुत तो कभी गांड में ठोकर मारने लगता है. और अब उसे भी उस ठोकर से मज़ा आने लगता है.
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11-11-2020, 01:20 PM,
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RE: Maa Sex Kahani मम्मी मेरी जान
सानिया शरमाते हुए हमम...................
सतीश सानिया को कमर से पकड़ के अपने करीब लाता है और
फिर सतीश एक हाथ उसकी कमर पे रखता है और हलके से दबाता है.
अपना मुह उसके गर्दन पे लेजाके उसे वहां किस करता है.
सानिया के सेक्सी बदन की खुश्बु उसे पागल बनाने लगती है.
सतीश सानिया की गर्दन पे बेतहाशा किस करने लगता है और अपने दोनों हाथ स्कर्ट के ऊपर से उसके ब्लाउज के ऊपर से उसकी स्तन को दबाने लगता है.
पर स्कर्ट और ब्लाउज की वजह से उसे स्तन दबाने में मज़ा नहीं आता...........
सानिया को मस्ती चढने लगती है उसके मुह से सिसकारी निकलने लगती है.
..............
उह...........................
ओ अपना एक हाथ पीछे सतीश के सर पे रख के उसके बालों में ऊँगली फिराने लगती है......
सतीश अब सानिया के गाल को अपनी ज़ुबान से चाटने लगता है और सानिया के स्तन को और ज़ोर ज़ोर से दबाने लगता है....
सतीश जोश में आकर ब्लाउज के बटन खोलने लगता है.
सतीश को रोकते हुए सानिया कहती है "नही सतीश अभी ब्लाउज मत खोलों ऊपर से ही कर लो"
सतीश : घबराओ मत दीदी को नहाने में अभी वक़्त लगेगा और मैं कहाँ तुम्हे पूरी नंगी कर रहा हु, मैं तो बस तुम्हारे ब्लाउज के बटन ही तो खोल रहा हु.
फिर सतीश सानिया की स्कर्ट का पल्लू हटा देता है और ब्लाउज के हुक खोल देता है. ब्लाउज ख़ुलते ही सानिया के स्तन आज़ाद हो जाते है.
सतीश सानिया के नंगे स्तन पर हलके हलके से अपने हात फिराने लगता है और निप्पल को धीरे धीरे से अपनी चुटकी में मसलने लगता है.
सानिया की चुत मस्ती में आके बहने लगती है, वो अपना एक हाथ पीछे लेजाती है और सतीश के 9 इंच" के लंड को पाजामे के ऊपर से दबाने लगती है,
सानिया की इस हरकत से सतीश और जोश में आकर उसकी स्तन को और ज़ोर ज़ोर से दबाने लगता है और अपना खड़ा लोहे की तरह सख्त लंड सानिया की गांड में घुसाने लगता है.
दोनो दुनिया को भूल के सेक्स की मस्ती में पूरी तरह से खोये हुए है, वो ये भी भूल जाते हैं की कुछ ही दूर बाथरूम में मोना नहा रही है.
अचानक...
अचानक मोना सानिया को पुकारती है “माँ मेरे कपडे तो देना”.
सानिया और सतीश अचानक चोंक जाते हैं और सानिया सतीश को मोना के कपडे देने को कह के अपने बैडरूम में भाग जाती है.
सतीश मोना के सूटकेस में से ड्रेस निकालने लगता है.
मोना के सूटकेस में से सतीश एक साड़ी ब्लाउज और पेटीकोट निकालता है.
फिर वो मोना की ब्रा और पेन्टी पुरे सूटकेस में ढूंढता है पर वो उसे नहीं मिलती. वो सोचने लगता है की क्या मोना ब्रा और पेन्टी नहीं पहनति?
ख़ैर वो उन कपड़ो को लेकर बाथरूम की तरफ जाता है और जैसे ही बाथरूम का दरवाज़ा नॉक करने के लिए सतीश अपने हाथ उठता है उसके हाथ वहीँ रुक जाते हैं.
उसे बाथरूम में से हलकी हलकी सिसकारी की आवाज़ सुनाई देती है.
सतीश धीरे से बाथरूम का दरवाज़ा खोल के अंदर का नज़ारा देखते ही चोंक जाता है.
आंदर मोना वाइब्रेटर से अपने बुर की चुदाई कर रही है और मस्ती में आँखें बंद किये सिसकारी ले रही है.
ओ इतनी मशगुल हो गई की उसे पता ही नहीं चला की दरवाजे पर कोई है.
जैसी ही उसे ये एहसास हुआ और उसने आंखे खोल कर देखा तो सामने सतीश खड़ा है
जो उसे निहार रहा है.
उसकी हालत देखकर सतीश का लंड खड़ा हो गया.
मोना को अपनी हालत को देखकर एहसास हुआ की वो नंगी है तो उसने टॉवल लेना चाहा पर टॉवल उसके पहुच से काफी दूर था
एक हाथ से चुत और दूसरे हाथ से स्तन को ढकने की असफ़ल कोशिश करने लगी.
ओर फिर वहि पर पैर के बल बैठ गई और अपने दोनों हाथो से चेहरे को छुपा लिया.
सतीश ने ज़मीन पर गिरे वाइब्रेटर को उठा लिया और उसे सूंघने लगा. उस पर चुत का वीर्य उसे बड़ा प्यारा लग रहा था फिर उसे नजाने क्या सुझा उसने वाइब्रेटर को मुह में लेकर चुस लिया. यह देख कर मोना शर्म से पाणी पाणी हो गयी.
मोना ने धीरे से सतीश को कहा प्लीज तुम जाओ यहाँ से.सतीश उस वाइब्रेटर को वहि छोड़ कर बाथरूम से बाहर चला गया.
मोना थोड़ी देर शांत रही फिर वो अपनी चुत को धो कर बाहर निकलती है
मोना जब बाथरूम से बाहर निकलती है तो उसे वहां कोई नज़र नहीं आता.
ओ सोचती है चलो माँ से बात की जाए पर सानिया के बैडरूम में जाने के बजाये ग़लती से सतीश के बैडरूम मे घुस जाती है वहां सतीश आँखें बंद किये मोना की चुत को याद करके अपना 9"इंच का लंड हिला रहा होता है,
सतीश को नंगा देख कर वो चोंक जाती है.
ओ सतीश के लम्बे और मोठे लंड को देखति ही रह जाती है. क्या किसी का लंड इतना बड़ा भी हो सकता है. जब ये लंड उसकी चुत में घुसेगा तो उसका क्या हाल करेगा उसकी चुत तो फट ही जायेगी.
मोना का हाथ फ़ौरन अपनी चुत पे चला जाता है और वो सोचती है.
है कितना प्यारा लंड है क्यों न उसे एक बार चूसा जाये.
नही नहीं मे ये क्या सोचने लागि, कही सतीश ने मुझे अपने लंड को घुरता देख लिया तो क्या सोचेगा अपनी बड़ीबहन के बारे मे.
मोना चुप चाप वहां से बाहर निकल के हॉल मे सोफ़े पे बैठ जाती है और टीवी ऑन करके देखने लगती है.
टीवी मे उसका मन नहीं लगता वो चैनल बदलते हुए कभी सतीश के लम्बे और मोठे लंड के बारे में तो कभी सतीश और उसके बीच कार मे हुई घटना के बारे में सोच रही है की क्या उसे अपने छोटे भाईसे चुदवाना चहिये.
कही सतीश वाइब्रेटर वाली बात किसी को बता न दे.
अब वो क्या करे ?
क्या उसका अपने सगे छोटे भाई के साथ सेक्स सम्भव है?
क्या........................?
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11-11-2020, 01:21 PM,
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RE: Maa Sex Kahani मम्मी मेरी जान
सानिया मोना के रुम में चाय लेकर जाती है
मोना जग गई थी और न जाने किस खयालो मे खोई हुई थी कि सानिया ने उसे हिला कर जगा दीया
“क्या सोच रही है मेरी बेटी ?
मोना होश मे आते हुए नहीं मम्मी कुछ नहीं आइये बैठिये मैं आपके लिये
चाय बना के लाती हुं.
सानिया : चाय तो मैं ले आयी हु, पर तू अपने ख़यालों में इतनी खोयी है के तुझे कुछ पता ही नही. ले चाय पी और बता के क्या सोच रही है?
मोना दिल मे कहती है........
"अब मैं तुम्हे ये कैसे बताऊँ की मेरी चुत रो रो के ज़िद कर रही है के मुझे लंड दो,
मुझे एक दमदार लंड से चुदना है,
मुझे लंड से मारो,
मेरा सारा दर्द निकालो,
मैं अपने भाई के लंड पे आशिक हो गई हु,
प्लीज आप उसका लंड मुझे दिलवा दो."
प्लीज...
सानिया : फिर सोचने लगी, बताती क्यों नहीं क्या परेशानी है तुझे, लगता है तू मुझे अपना नहीं समझती.
मोना : नहीं मम्मी ऐसी कोई बात नही.
सानिया : तो फिर बता क्या बात है, तुझे मेरी कसम.
मोना : ठीक है तो सुनो,
मेरी ज़िन्दगी बहुत हँसी ख़ुशी गुजर रही थी, आपको तो मालूम है मैं अपनी ही मस्ती मे रहा करती थी, मुझे अपने सेक्सी जिस्म पे नाज़ था, आपकी वजह से मैं जो चाहे वो करति, सजना सँवरना मुझे बहुत पसंद था,
पर शायद किस्मत को मेरी खुशी रास नहीं आई.
अचानक आपने मेरा रिश्ता अपने बचपन की दोस्त के बेटे सिद्धांत से कर दिया.
मुझे भी वह पसंद आया इसलिये मैंने भी हा कर दी मुझे आप पर पूरा भरोसा था कि आपने कुछ सोच समझ कर ही मेरे लिए रिश्ता चुना होगा,
ओर कुछ ही दिन मे मेरी शादी हो गई और मैं अपने ससुराल चलि गयी.
सुहागरात के दिन को लेके हर लड़की की तरहा मेरे भी कुछ अरमान थे मैं ने भी इस रात को लेके बहुत सपने सजाये थे,
की मेरी सुहागरात ऐसी होगी मेरी सुहागरात वैसी होगी,
पर मेरी किस्मत मुझे से नाराज़ बैठि थि,
मैं गुलाब से सजे बेड पे बैठि अपने पति का इंतज़ार कर रही थी. अचानक रूम का दरवाज़ा खुला और सीड अन्दर आया,
बेड के पास आके उसने मेरा घुंगट उठाया और जैसे ही मुझे किस करने के लिए उसने अपने होंट मेरे होटों के नज़्दीक किये मुझे उसके मुह से शराब की तेज़ बद्बू आई और मैंने अपना चेहरा फेर लिया.
मोना : आप ने शराब पि है.
सीड : हाँ तो क्या हुआ मैं तो रोज़ रात को शराब पिता हु, सब पीते हैं इसमें कौन सी बड़ी बात है.
तूम्हे पीना है तो तुम भी पियो.
मोना : छि.......
आप ने शादी से पहले तो नहीं बताया था के आप शराब पिते है.
सीड : इसमें बताने जैसी क्या बात है?और मैं सिर्फ रात में थोड़ी पी लेता हूं मैं कोई शराबी नही हु, चलो अब मूड ख़राब मत करो और मुझे तुम्हारी चुदाई करने दो.
मोना : नहीं दूर हो जाओ मुझ से मुझे हाथ मत लगाना.
सीड ने पर मेरी एक न सुनि और जब मैंने विरोध किया तो उसने मुझे पीटना शुरू कर दिया और फिर एक वहशी दरिंदे की तरहा मेरे जिस्म को नोचने लगा और अपनी हवस मिटने लगा मैं चीख़ति रही और वो मजे ले कर मुझे और बेरहमी से चोदने लगा.
मोना : मेरी सुहागरात काली रात बन गयी. मैंने सपने में भी नहीं सोचा था के मेरी सुहागरात के दिन मेरा रेप होगा, और मेरा रेप करने वाला कोई दूसरा शख्स नहीं है बल्कि मेरा अपना पति है.
एक शराबी को अपने पति के रूप में पाके मैं बहुत दुखी हुई.
मेरे साथ अब ये हर दूसरे दिन होने लगा सीड रात को शराब पि के आता और ज़बर्दस्ती मेरे जिस्म के साथ खेलता मैं विरोध करती तो मुझे मारता.
फिर मैं ने भी विरोध करना छोड़ दिया था
सीड के के दोस्त भी कोई अच्छे लोग नहीं थे वह बुरे संगतियो में फँस गया. वह ड्रग्स का सेवन भी करता है.
ड्रग्स का ऐसा बुरा असर उसके जिस्म पे पड़ा के अब वो मुझे चोदने लायक न रहा उसका लंड अब खड़ा नहीं हो पाता है.
और अब तो उसके लंड में वो ताकत न रही के वो मुझे माँ बना सके और मेरी माँ बनने की इच्छा अब अधुरी ही रह जायेगी.
पति के प्यार का सुख तो मुझे नसिब नहीं हुआ अब मेरी किस्मत ने मुझसे माँ बनने का सुख भी छीन लिया.
मैं दुनिया की सबसे बदकिस्मत हु.
मोना रोने लगती है.
सानिया : नही बेटा रो मत बदकिस्मत तू नहीं तेरा मनहूस पति है. मैं तुझे अब और दुःख झेलने नहीं दूँगी तूने मुझे पहले क्यों बताया नही इतना कुछ तुम क्यों सह रही थी अब मैं तुझे उस राक्षस के साथ नही रहने दूंगी मैं तुझे डिवोर्स दिलवाऊंगी और तुझे मारपीट करने के लिये उसे जेल ना कराई तो सानिया मेरा नाम नही,
मोना- पर मम्मी मेरी सांस आपकी बचपन की सहेली है आपकी दोस्ती टूट जायेगी मैं यह नही चाहती थी इसी लिये मैंने आपको अबतक कुछ नही कहा सब कुछ सहती रही.
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11-11-2020, 01:21 PM,
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desiaks
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RE: Maa Sex Kahani मम्मी मेरी जान
सानिया- हा वह बेशक मेरी सहेली नही बहन के जैसे थी तो इस लिहाज से तुम भी उसकी बेटी हुई ना पर उसने अपने बेटे के बारे में हमसे सब छुपाया और तुम्हारे साथ इतना कुछ कैसे होने दे रही थी मुझे तो भनक भी लगने नही दी क्या यही दोस्ती थी उसकी अब मैं उसे भी नही छोडूंगी उसने अबतक मेरी दोस्ती देखी है अब दुश्मनी देखेगी,उसने मेरी फूलसी बेटी को अपने राक्षस बेटे के साथ शादी कराके सबसे बड़ी गलती की है,
हम कल ही शहर के सबसे बड़े वकील से मिलकर डिवोर्स का केस और घरेलू हिंसा का केस उनपर ठोक देंगे उनको सारी उम्र जेल में ना सड़ाया तो सानिया मेरा नाम नही,
रही तेरी माँ बनने की इच्छा वह ज़रूर पूरी होगी मे तुझ से वादा करती हु,अब बहुत जल्द तेरी पसंद के लड़के से जिसे भी तू कहेगी उसके साथ तेरी शादी करा दूंगी,
मोना : पर मम्मी ये कैसे मुमकीन है ? अब कौन मुझसे शादी करेगा तो फिर कैसे.
सानिया : उसकी चिंता तू मत कर, मैं हु ना तू क्यों फ़िक्र करती है.
सब कुछ मुझ पर छोड़ दे.
मैं अब तुझे और दुःख नहीं झेलने दूंगी.
अच्छा बस खुश रह और मज़े कर.
चल अब मुझे अपनी प्यारी सी स्माइल तो दिखा.
मोना भी अब मुस्कुराने लगती है और सानिया के गले लग जाती है.
दुर खड़ा सतीश भी ये सब सुन रहा था उसे मोना की बात सुन के बहुत दुःख हुआ.
कितना कुछ झेला है उसकी बहन ने कितने दुःख सहे है.
कितनि प्यारी और मासुम है, एक दम फूल की तरह कोमल और नाज़ुक.
साला ये सीड तो एक दम चुतीया है, अगर मोना मेरी बीवी होती तो मैं उसे बहुत प्यार करता उसे कभी किसी चीज़ की कमी महसुस नहीं होने देता.
उसे रानी बना के फूलों की तरहा संभाल के रखता.उसे अपनी मम्मी के बारे में पता था उसकी मम्मी जो कहती है वह जरूर करती है वह अब सीड और उसके घर वाली को जेल पहुंचा कर ही रहेगी वह जितनी शांत है उतनी ही खतरनाक है वह अब अपने किये पर सारी उम्र सिर्फ पछतायेंगे आखिर जो किया है वह भुगतना भी पड़ेगा,
(दोस्तो सीड और उसके घरवालों से मम्मी ने पूरा बदला लिया उन्हें बहुत जलील किया बदनाम किया उनपर कोर्ट में केस चलाया घरेलू हिंसा मारपीट का मुकदमा चलाया डिवोर्स तो जल्द मिल गया सीड को 7 साल की जेल हुयीं यह हमारी कहानी का हिस्सा नही इसलिए जल्द निपटा रहा हु)
अब आते है कहानी पर…..
सतीश अब गिल्टी फील कर रहा था की उसे बाथरूम में जाने से पहले नॉक कर लेना चाहिए था...
मोना तो उसकी बहन है. और अपनी बहन के लिए ऐसे ख्याल रखना गलत है.
पर वो भी क्या करे भगवान ने औरत का शरीर ही ऐसा बनाया..
की ऋषि-मुनि भी पिघल जाये.........
मोना अब अपने फ्रेंड से बात कर रही थी और सतीश टीवी देख रहा था...
उसे भी टीवी देखने में मजा नहीं आ रहा था,
ऐसा लग रहा था की घर मे किसी की डेथ हो गयी है.
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