RE: Hindi Sex Kahani नशे की सज़ा
सलोनी और सलीम दोनो ही अपनी पूरी मस्ती मे थे और उन्हे बिल्कुल भी किसी बात का होश नही था-रात या फिर सुबह के 3 बज चुके थे और नेहा ने भी मुझे अपनी चूमा चाती से यह कहकर आज़ाद कर दिया –“ठीक है, तुम कुछ देर के लिए यहाँ मुर्गा बन जाओ !”
अब तक मैं उन दोनो की हर जायज़ नाजायज़ बात बिना किसी विरोध के मानती ही आ रही थी लेकिन मुर्गा बनने के हुक्म से पता नही मुझे कुछ लगा कि अब पानी सर के उपर से निकल गया है-दरअसल स्कूल के दीनो से ही मुर्गा पनिशमेंट मुझे सबसे ज़्यादा हुमीलियटिंग लगता है-इसकी वजह शायद यह भी थी की स्कूल मे ही मुझे यह मालूम पड़ गया था क़ि लड़की को मेल टीचर्स मुर्गा पनिशमेंट इसलिए देते हैं ताकि स्कर्ट के अंदर से नज़र आने वाले चिकने नितंबों को देख देखकर मेल टीचर्स अपना लिंग सहला सकें.हमारे मेत के टीचर तो बकायडा मुर्गा बनी हुई लड़की की पोज़िशन ठीक करने के बहाने उनके नितंबों पर अपने हाथ फिराते थे और जो लड़की कुछ ना-नकुर करती थी उसके नितंबो पर अपने हाथ से स्लॅप भी कर देते थे.
मैने नेहा की तरफ देखा और हिम्मत करते हुए कहा-“मॅम,मैं मुर्गा नही बनना चाहती………आप चाहे तो कोई और पनिशमेंट दे सकती हैं.”
नेहा को शायद मुझ से ऐसे जबाब की उम्मीद बिल्कुल भी नही थी-वो तो शायद इसी मौके की तलाश मे थी कि मैं उसकी किसी बात को मानने से मना करूँ ताकि वो मुझे अपने हिसाब से सज़ा दे सके.वो मेरी तरफ देखकर हंसते हुए बोली-“अब तुम्हारी इतनी हिम्मत हो गयी की मेरे हुक्म को भी मानने से मना करो-अब तुम्हे ऐसी सज़ा मिलेगी कि तुम भी क्या याद रखोगी………अभी तक तुमने को-ऑपरेट किया है……..इसलिए तुम्हे एक लास्ट चान्स दे रही हूँ-या तो जैसा मैने कहा है वैसे मुर्गा बन जाओ या फिर……………”
नेहा के तेवर देखकर मेरी रही सही हिम्मत भी जाती रही और बोली-“सॉरी मॅम,मैने आपकी बात नही मानी……..मैं अब मुर्गा बन जाती हूँ.”यह कहने के साथ ही मैं स्कूल के दीनो की याद को ताज़ा करते हुए मुर्गा बन गयी.
मेरे मुर्गा बनते ही नेहा मेरे पास ही सोफे पर बैठ गयी और मेरे नितंबो पर अपना हाथ फिराते हुए बोली-“अब मैं तुम्हारे इन चिकने और सुडौल नितंबों पर इस केन इस 50 स्ट्रोक लगाने वाली हूँ-हर स्ट्रोक के बाद तुम्हे गिनती बोलनी है-जहाँ गिनती भूल गयी वो स्ट्रोक काउंट नही होगा………..समझी…….”
“यस मॅम,समझ गयी…….” मैने मुर्गा पोज़िशन मे रहते हुए कहा.
नेहा फिर बोलने लगी-“ और एक बात,तुम्हारी स्पॅंकिंग होते वक़्त तुम्हारा बॅलेन्स नही बिगाड़ना चाहिए .अगर ऐसा हुआ तो स्पॅंकिंग नये सिरे से दुबारा शुरू होगी……..तुम्हारे मूह से चीखने या फिर चिल्लाने की आवाज़ भी नही आनी चाहिए………..वरना जितनी बार तुम्हारे मूह से आवाज़ निकलेगी उतने स्ट्रोक तुम्हारे इन नितंबों पर एक्सट्रा लगाए जाएँगे…….समझी मेरी गुलाम !”
“जी मॅम,समझ गयी….” मैं बड़ी मुश्किल से बोल सकी.मुझे लग रहा था कि जिस तरह की कंडीशन्स नेहा ने रखी हैं उनके हिसाब से मुझे कम से कम 100 स्ट्रोक लगने वाले हैं.
मुर्गा बने होने की वजह से मुझे यह नही मालूम था कि इस समय सलीम और सलोनी क्या कर रहे थे-नेहा ने जब सलीम से यह कहा –“सर………लगता है खूब मज़ा आया आपको इस चिकनी के साथ……”
सलीम ने नेहा को जबाब दिया-“हां मज़ा तो खूब आया लेकिन उतना नही जितना की इसके मूह मे डालकर आया था………”
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