hotaks444
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- Nov 15, 2016
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चंपा: साहेब जी ये ही आपको यहा ले कर आया था ,इस की वजा से आप का इलाज टाइम
से हो सका.ये वही है जिसने मदन के आने की खबर दी थी
दीपक ये सुन रहा था पर कुछ बोल नही पा रहा था ,आँखों से आँसू निकल पड़े
दर्द की वजा से
चंपा: चंदू कोई ऐसी जगह है जहा साहेब जी को बिना कोई ख़तरे के रखा जा सके
चंदू: पता करना पड़ेगा ,अभी तो कोई ऐसे जगह खाली नही है ,मे अब चलता हू
तुझे ये बोलने आया था के पानी की बाल्टी मेरे घर पे है वही से ले लियो
चंपा: ठीक है तू जा मे ले आउन्गि ,और कोई जगह का पता कर लेना
ये बात सुनते ही चंदू खोली से बाहर हो गया
चंपा दीपक के पास आई दवाई की थेलि मे से दूसरी दवाई निकाली और चमच मे लेकर
दीपक के मूह मे डाली ,दीपक थोड़ी देर बाद नींद मे था ,चंपा अपने घर के कामो
मे लग गयी
थोड़ी देर बादचांपा की सहेली जो उसकी जगह काम करने गयी थी उसको मिलने आई
सोनी: आरी ओ चंपा कहा है(आवाज़ लगाते अंदर आई)
अंदर सामने बेड पे किसी मर्द को सोया देख सोनी वही रुक गयी
चंपा: अरे कौन है (ये बोलते हुए चंपा किचन से बाहर आई) अरे तू आ अंदर आ
सोनी ने आँखों से इशारा दीपक की तरफ किया
चंपा: मेरे दूर के रिश्तेदार है यहा इलाज करने आए ,तबीयत ठीक नही है तू
अंदर तो आ ,मेरे साथ ज़रा रसोई का काम करा दे
दोनो रसोई की तरफ हुई
सोनी: तुझे एक बात बतानी है
चंपा: हां बोल
सोनी: वो तेरी मल्लकिन है ना बड़े घर वा
ली
चंपा: वो बंगले वाली
सोनी: अरे हां वही,आज जब उसके घर गयी तो घर मे पड़ोसी थे सारे
चंपा: क्यू,क्या हुआ?
सोनी: चोरी
चंपा: क्या?
सोनी: अरे हां री कोई कल घर मे घुसा और अलमारी मे से समान चोरी कर गया
चंपा: क्या चोरी हुआ
सोनी: मुझे पता नही जब मे काम ख़तम करके घर से निकली तब भी पड़ोसी वही थे
इसलिए पता नही कर पाई,पर सब वाहा बात कर रहे थे तो मेरे कान बस यही सुन पाए
के कोई घर से हीरे ले उड़ा
चंपा: क्या ,हीरे?
सोनी: तेरी मालकिन तो मालदार है ,उसे कौन सा फ़र्क पड़े है
चंपा: अरे पगली चोरी बड़े घर मे हो या छोटे घर मे नुकसान तो नुकसान होते है
सोनी: ये बड़े लोगो के पास बहुत पैसा होता है इन्हे कुछ फ़र्क नही पड़ता
समझी ,सागर मे से दो बाल्टी पानी निकाल लिया तो कौन सा सागर खाली हो गया
सोनी: अगर ये मेरी मालकिन होती ना ,और मुझे पता होता के घर मे इतना माल है
,तो मैं खुद ही माल सॉफ कर देती
ये बात सुनते ही दोनो हस पड़े
चंपा: एक काम कर चंदू की खोली मे पानी की बाल्टी पड़ी है जा ज़रा उठा के
देती जा मुझे
सोनी वाहा से खड़ी हुई ,दरवाज़े के पास पहुच कर दीपक की तरफ देखा और फिर
बाहर हो गयी
चंपा दीपक के पास आई ,उसको हल्का सा हिलाया
चंपा: साहेब जी उठिए ,साहेब जी
दीपक ने अपनी आँखें खोली और चंपा की तरफ देखा
चंपा: साहेब जी बहुत देर हो गयी है आपने कुछ खाया भी नही है,आँखें खोल
लीजिए मे खिला देती हू
दीपक ने अपनी आँखें झपका कर हामी भरी
चंपा किचन से दलिया ले कर आई, उसको खिलाने लगी.बाहर से आवाज़ हुई
सोनी: ओ चंपा ले बाल्टी उठा ले मे जा रही हू
दुपहेर के 4बज रहे थे राणे पोलीस थाने मे बैठा मज़े से चाइ की चुस्की के
मज़े ले रहा था, फोन की घंटी बजी,फोन पर किसी ने खबर दी के गोली बारी हो
रही है.
राणे फटाफट हथ्यार बाँध पोलीस वालो के साथ मौके वारदात की तरफ पहुचा.
सामने शीशे बिखरे पड़े थे,पता चल रहा था कि घोड़े दौड़े है यहा, सामने खड़ी
गाड़ी पे गोलियो के बहुत सारे निशान थे.
राणे: पता करो क्या हुआ है.
हवलदार फटाफट आस पास के लोगो से पता करने लगे, दो लोग हवलदार के साथ राणे
के पास आए.
राणे: कौन कबड्डी खेला इधर.
बार मॅनेजर: पता नही सर ,हमारे साहेब की गाड़ी बार के आगे यहा पर आके रुकी
दो लोग मोटरसाइकल पे आए और ताबाद तोड़ गोली बारी गाड़ी पर की और भाग गये.
राणे: तेरे साहब की लाश कहा है.
बार मॅनेजर: सर वो ज़िंदा हैं ,अंदर बैठे हैं.
राणे: अरे एई का बात कम से कम 20 राउंड फाइयर हुआ है ,एक गोली भी नही लगा
साला गोली चलाने वाला कौन ससुरा था.
मॅनेजर: सर ये गाड़ी बुलेट प्रूफ है,हमारे साहब बहुत बड़े आदमी हैं ये बार
भी उनका ही है.
राणे बार के अंदर को हुआ
सामने कुर्सी पर बैठा आदमी फोन पर बात कर रहा था,राणे को सामने पोलीस की
ड्रेस मे खड़ा देख उसने अपना फोन कांटा और खड़ा हुआ
राणे ने हाथ आगे बढ़ाया और अपना इंट्रोडक्षन दिया , उस आदमी ने हाथ मिलाया
और अपना नाम सत्या बताया
राणे: ये बार आपका है
सत्या: जी मेरा है
राणे: कौन किया
सत्या: क्या?
राणे: आप पर हमला,आपका कोई दुश्मन होगा जो इतना गोली बर्बाद किया.
सत्या: नही,मेरी किसी से दुश्मनी नही है,मैं अपने दुश्मनो को भी दोस्त बना
लेता हू.
राणे: "गजब बात करी" हम याद रखेंगे, किसी पे शक
सत्या: मे बोला तो सही आपको जब मेरा कोई दुश्मन ही नही तो शक किस पर
राणे: अंडरवर्ल्ड से कोई धमकी तो नही मिली आपको
सत्या: देखिए सर अगर ऐसा होता तो पहले मे आपके पास आता
राणे: ह्म्म्म, चलिए जैसी आपकी मर्ज़ी जान आपकी है ,पर हां अगर आपको कुछ
हुआ तो हम नही मिल पाएँगे आपको.
सत्या: ऐसा क्यू?
राणे: अरे अगर आपको कुछ हुए तो हमार ट्रांसफर पक्के है ,पहले ही 4 खून का
कातिल गायब है ,और हुए तो कमिशनर सीधा ट्रेन हमारे घर भेजेंगे समझे आप
सत्या: देखिए सर ,मुझे अपनी जान प्यारी है मेरे छोटे बच्चे है ,अगर मुझे
ऐसा लगता के मेरी जान को ख़तरा है तो मैं खुद आपके पास आता
राणे: ठीक है आप की बात मे मान लेता हू ,पर जब आपका कोई दुश्मन नही फिर आप
बुलेट प्रूफ गाड़ी मे काहे घूमते हैं
सत्या: देखिए सर वो गाड़ी मुझे यहा के म.एल.ए कृष्णा जी ने दी थी उपहार मे
वो मेरे बड़े करीबी दोस्त है,आप चाहे तो मे आपकी उन से बात करा देता हू
राणे को लगा के ये सच बोल रहा है, हवलदार को इशारा करके अपने पास बुलाया
राणे: सत्या जी आप एफ.आइ.आर लिखवा दीजिए बाकी हमारा काम है
सत्या ने रिपोर्ट लिखवाई ,थोड़ी देर बाद राणे बार से बाहर को आया गाड़ी की
तरफ को हुआ ,बार की तरफ नज़र डाली वाहा उपर बार का नाम अप्सरा लिखा हुआ था
,गाड़ी सीधा पोलीस स्टेशन की तरफ हुई
से हो सका.ये वही है जिसने मदन के आने की खबर दी थी
दीपक ये सुन रहा था पर कुछ बोल नही पा रहा था ,आँखों से आँसू निकल पड़े
दर्द की वजा से
चंपा: चंदू कोई ऐसी जगह है जहा साहेब जी को बिना कोई ख़तरे के रखा जा सके
चंदू: पता करना पड़ेगा ,अभी तो कोई ऐसे जगह खाली नही है ,मे अब चलता हू
तुझे ये बोलने आया था के पानी की बाल्टी मेरे घर पे है वही से ले लियो
चंपा: ठीक है तू जा मे ले आउन्गि ,और कोई जगह का पता कर लेना
ये बात सुनते ही चंदू खोली से बाहर हो गया
चंपा दीपक के पास आई दवाई की थेलि मे से दूसरी दवाई निकाली और चमच मे लेकर
दीपक के मूह मे डाली ,दीपक थोड़ी देर बाद नींद मे था ,चंपा अपने घर के कामो
मे लग गयी
थोड़ी देर बादचांपा की सहेली जो उसकी जगह काम करने गयी थी उसको मिलने आई
सोनी: आरी ओ चंपा कहा है(आवाज़ लगाते अंदर आई)
अंदर सामने बेड पे किसी मर्द को सोया देख सोनी वही रुक गयी
चंपा: अरे कौन है (ये बोलते हुए चंपा किचन से बाहर आई) अरे तू आ अंदर आ
सोनी ने आँखों से इशारा दीपक की तरफ किया
चंपा: मेरे दूर के रिश्तेदार है यहा इलाज करने आए ,तबीयत ठीक नही है तू
अंदर तो आ ,मेरे साथ ज़रा रसोई का काम करा दे
दोनो रसोई की तरफ हुई
सोनी: तुझे एक बात बतानी है
चंपा: हां बोल
सोनी: वो तेरी मल्लकिन है ना बड़े घर वा
ली
चंपा: वो बंगले वाली
सोनी: अरे हां वही,आज जब उसके घर गयी तो घर मे पड़ोसी थे सारे
चंपा: क्यू,क्या हुआ?
सोनी: चोरी
चंपा: क्या?
सोनी: अरे हां री कोई कल घर मे घुसा और अलमारी मे से समान चोरी कर गया
चंपा: क्या चोरी हुआ
सोनी: मुझे पता नही जब मे काम ख़तम करके घर से निकली तब भी पड़ोसी वही थे
इसलिए पता नही कर पाई,पर सब वाहा बात कर रहे थे तो मेरे कान बस यही सुन पाए
के कोई घर से हीरे ले उड़ा
चंपा: क्या ,हीरे?
सोनी: तेरी मालकिन तो मालदार है ,उसे कौन सा फ़र्क पड़े है
चंपा: अरे पगली चोरी बड़े घर मे हो या छोटे घर मे नुकसान तो नुकसान होते है
सोनी: ये बड़े लोगो के पास बहुत पैसा होता है इन्हे कुछ फ़र्क नही पड़ता
समझी ,सागर मे से दो बाल्टी पानी निकाल लिया तो कौन सा सागर खाली हो गया
सोनी: अगर ये मेरी मालकिन होती ना ,और मुझे पता होता के घर मे इतना माल है
,तो मैं खुद ही माल सॉफ कर देती
ये बात सुनते ही दोनो हस पड़े
चंपा: एक काम कर चंदू की खोली मे पानी की बाल्टी पड़ी है जा ज़रा उठा के
देती जा मुझे
सोनी वाहा से खड़ी हुई ,दरवाज़े के पास पहुच कर दीपक की तरफ देखा और फिर
बाहर हो गयी
चंपा दीपक के पास आई ,उसको हल्का सा हिलाया
चंपा: साहेब जी उठिए ,साहेब जी
दीपक ने अपनी आँखें खोली और चंपा की तरफ देखा
चंपा: साहेब जी बहुत देर हो गयी है आपने कुछ खाया भी नही है,आँखें खोल
लीजिए मे खिला देती हू
दीपक ने अपनी आँखें झपका कर हामी भरी
चंपा किचन से दलिया ले कर आई, उसको खिलाने लगी.बाहर से आवाज़ हुई
सोनी: ओ चंपा ले बाल्टी उठा ले मे जा रही हू
दुपहेर के 4बज रहे थे राणे पोलीस थाने मे बैठा मज़े से चाइ की चुस्की के
मज़े ले रहा था, फोन की घंटी बजी,फोन पर किसी ने खबर दी के गोली बारी हो
रही है.
राणे फटाफट हथ्यार बाँध पोलीस वालो के साथ मौके वारदात की तरफ पहुचा.
सामने शीशे बिखरे पड़े थे,पता चल रहा था कि घोड़े दौड़े है यहा, सामने खड़ी
गाड़ी पे गोलियो के बहुत सारे निशान थे.
राणे: पता करो क्या हुआ है.
हवलदार फटाफट आस पास के लोगो से पता करने लगे, दो लोग हवलदार के साथ राणे
के पास आए.
राणे: कौन कबड्डी खेला इधर.
बार मॅनेजर: पता नही सर ,हमारे साहेब की गाड़ी बार के आगे यहा पर आके रुकी
दो लोग मोटरसाइकल पे आए और ताबाद तोड़ गोली बारी गाड़ी पर की और भाग गये.
राणे: तेरे साहब की लाश कहा है.
बार मॅनेजर: सर वो ज़िंदा हैं ,अंदर बैठे हैं.
राणे: अरे एई का बात कम से कम 20 राउंड फाइयर हुआ है ,एक गोली भी नही लगा
साला गोली चलाने वाला कौन ससुरा था.
मॅनेजर: सर ये गाड़ी बुलेट प्रूफ है,हमारे साहब बहुत बड़े आदमी हैं ये बार
भी उनका ही है.
राणे बार के अंदर को हुआ
सामने कुर्सी पर बैठा आदमी फोन पर बात कर रहा था,राणे को सामने पोलीस की
ड्रेस मे खड़ा देख उसने अपना फोन कांटा और खड़ा हुआ
राणे ने हाथ आगे बढ़ाया और अपना इंट्रोडक्षन दिया , उस आदमी ने हाथ मिलाया
और अपना नाम सत्या बताया
राणे: ये बार आपका है
सत्या: जी मेरा है
राणे: कौन किया
सत्या: क्या?
राणे: आप पर हमला,आपका कोई दुश्मन होगा जो इतना गोली बर्बाद किया.
सत्या: नही,मेरी किसी से दुश्मनी नही है,मैं अपने दुश्मनो को भी दोस्त बना
लेता हू.
राणे: "गजब बात करी" हम याद रखेंगे, किसी पे शक
सत्या: मे बोला तो सही आपको जब मेरा कोई दुश्मन ही नही तो शक किस पर
राणे: अंडरवर्ल्ड से कोई धमकी तो नही मिली आपको
सत्या: देखिए सर अगर ऐसा होता तो पहले मे आपके पास आता
राणे: ह्म्म्म, चलिए जैसी आपकी मर्ज़ी जान आपकी है ,पर हां अगर आपको कुछ
हुआ तो हम नही मिल पाएँगे आपको.
सत्या: ऐसा क्यू?
राणे: अरे अगर आपको कुछ हुए तो हमार ट्रांसफर पक्के है ,पहले ही 4 खून का
कातिल गायब है ,और हुए तो कमिशनर सीधा ट्रेन हमारे घर भेजेंगे समझे आप
सत्या: देखिए सर ,मुझे अपनी जान प्यारी है मेरे छोटे बच्चे है ,अगर मुझे
ऐसा लगता के मेरी जान को ख़तरा है तो मैं खुद आपके पास आता
राणे: ठीक है आप की बात मे मान लेता हू ,पर जब आपका कोई दुश्मन नही फिर आप
बुलेट प्रूफ गाड़ी मे काहे घूमते हैं
सत्या: देखिए सर वो गाड़ी मुझे यहा के म.एल.ए कृष्णा जी ने दी थी उपहार मे
वो मेरे बड़े करीबी दोस्त है,आप चाहे तो मे आपकी उन से बात करा देता हू
राणे को लगा के ये सच बोल रहा है, हवलदार को इशारा करके अपने पास बुलाया
राणे: सत्या जी आप एफ.आइ.आर लिखवा दीजिए बाकी हमारा काम है
सत्या ने रिपोर्ट लिखवाई ,थोड़ी देर बाद राणे बार से बाहर को आया गाड़ी की
तरफ को हुआ ,बार की तरफ नज़र डाली वाहा उपर बार का नाम अप्सरा लिखा हुआ था
,गाड़ी सीधा पोलीस स्टेशन की तरफ हुई