गरम आइसक्रीम - SexBaba
  • From this section you can read all the hindi sex stories in hindi font. These are collected from the various sources which make your cock rock hard in the night. All are having the collections of like maa beta, devar bhabhi, indian aunty, college girl. All these are the amazing chudai stories for you guys in these forum.

    If You are unable to access the site then try to access the site via VPN Try these are vpn App Click Here

गरम आइसक्रीम

desiaks

Administrator
Joined
Aug 28, 2015
Messages
24,893
यह मेरे पड़ोस में रहनी वाली विश्रांती-रेशमा की कहानी जिनको मैंने गणित सिखाने के बहाने कैसे चोदा।

एक दिन मेरे घर पर कोई नहीं था। उस दिन विश्रांती और रेशमा दोनों मेरे घर चली आई। मैं उनके लिए चाय बनाने के लिए रसोई में गया। वे दोनो गप्पे हांक रही थीं .. मैं पीछे छुप कर उनकी बात सुन रहा था।

विश्रांती : रेशमा, मैं कुछ पूछूँ तुझे?

रेशमा: हाँ विश्रांती । पूछ ना !

विश्रांती : आजकल सुहास और तू दोनों हमेशा इतने खुश रहते हैं, इसके पीछे कोई खास बात तो नहीं है?

रेशमा: अरे नहीं विश्रांती ! वो मुझे गणित का प्रोब्लम है इसलिए मैं अकसर उसके घर जाती हूँ, इसमें बुरा क्या है?

विश्रांती : रेशमा, तुम रोज दरवाजा क्यूँ बंद करके पढ़ते हो?

रेशमा: अरे विश्रांती वो तो ऐसे ही कि कोई तंग न करे !

विश्रांती : रेशमा, तू तो ऐसे जवाब दे रही हो जैसे कि मैं बच्ची हूँ, मुझे कुछ पता ही नहीं है।

रेशमा: तू ऐसा क्यूँ बोले रही है ?

विश्रांती : मैंने एक दिन दरवाज़े पर कान लगा कर आपकी पढ़ाई की कहानी सुनी थी ! मुझे सब पता है वहां कैसी गणित की पढ़ाई होती है !

रेशमा:(मुस्कुराते हुए) अच्छा तो तुझे सब पता है ! तो ऐसा बोलो ना ! देखो किसी से बोलना मत ! तो तू चाहती है कि सुहास तुझे भी ऐसे ही गणित सिखाए?

विश्रांती : चाहने से क्या होगा रेशमा !

रेशमा: .. अच्छा यह बता ! तेरे स्तन से दूध अभी भी आता होगा ना ?

विश्रांती : हाँ रेशमा, दूध तो निकलता है और अब बच्ची भी नहीं पीती .. सो भरा हुआ है ..

रेशमा: तब तो सुहास जरुर तुम्हें गणित सिखाएगा, रुक जा मैं उसे कल हिंट दे दूँगी !

तभी मैं नाश्ता लेकर वहाँ आ गया। तुरंत दोनों ने विषय बदल दिया।

उसी दिन शाम को फ़िर विश्रांती मेरे घर चली आई।

विश्रांती : सुहास, रेशमा जैसे मुझे भी गणित सिखाओ ना !

मैं : विश्रांती तुझे भी गणित सीखना है..

विश्रांती: सुहास, तुझसे कुछ सवाल पूछने हैं ..

मै: हाँ विश्रांती, रेशमा ने बोला था .. मैं तेरा ही इन्तज़ार कर रहा था, हा पूछ ना !

मैं: विश्रांती तुम सलवार-कमीज में बहुत खूबसूरत लग रही हो ..

विश्रांती : तुझे अच्छा लगा यह ड्रेस?

मैं: हाँ विश्रांती, तू ऐसे ही ड्रेस पहना कर .. बहुत अच्छी लगती है.. पूछ क्या पूछना है?

विश्रांती: तू तो बस रेशमा से ही बातें करता है ..

मैं: नहीं विश्रांती ऐसी कोई बात नहीं है .. तू भी बहुत अच्छी है ..

बात करते करते विश्रांती ने अपना दुपट्टा सरका दिया .. विश्रांती के उभार अब छुपाये नहीं छुप रहे थे .. मैं भी अपने आप को रोक न सका .. विश्रांती की चूचियों को देखने लगा ..

विश्रांती : सुहास, मुझसे नज़रें भी नहीं मिला रहे हो .. क्या देख रहे हो नीचे?

मैं: विश्रांती कुछ नहीं, सच्ची में तू भी बहुत अच्छी है ..

विश्रांती : तू मुझसे नजरें क्यूँ नहीं मिलाता .. क्या देख रहा है नीचे?

मैं: कुछ नहीं विश्रांती ..

विश्रांती : कहीं तू मेरे सीने को तो नहीं देख रहा ? .. बदमाश !

मैं : विश्रांती मैं साफ बोलूँ तो गुस्सा नहीं होगी ना?

विश्रांती : नही सुहास, तू मेरा दोस्त है उसमें क्या गुस्सा करना !

मै : विश्रांती तेरे वक्ष इतने अच्छे और बड़े हैं कि मेरी नज़र ही नहीं हट रही है वहां से ..

विश्रांती : ये तो मेरी बच्ची को दूध पिलाने के लिए हैं ...

मैं: विश्रांती, तेरी बच्ची तो अब बड़ी हो गई है ! उसे अभी भी दूध पिलाती हो?

विश्रांती : नहीं ! अब ओ नहीं पीती दूध !

मैं: विश्रांती, तेरी चूची में दूध है क्या?

विश्रांती : हाँ अभी भी दूध है .. इसलिए तो इतने बड़े हैं !

मैं: विश्रांती मुझे प्यास लगी है ..

विश्रांती : ठहर, मै पानी लेकर आती हूँ..

मैं: विश्रांती, पानी नहीं दूध पीना है .. चूची का दूध ..

विश्रांती : बदमाश ! कोई ऐसे दूध पीता है भला ?

मैं: क्यूँ नहीं? पीने दो न .. तेरे दूध का क़र्ज़ जरूर चुकाऊंगा ..

विश्रांती : अच्छा ठीक है पी ले .. काफी दिन से भरी हुई हैं .. खाली करने वाला कोई है नहीं ..

फिर विश्रांती ने अपना कमीज़ उतार दिया .. अब विश्रांती ब्रा में आ गई ..

विश्रांती : आ जा सुहास ! मेरी गोद में आ .. तुझे अपने बच्चे की तरह पिलाऊंगी ..

मैंने विश्रांती की गोद में सिर रख लिया .. विश्रांती ने अपनी ब्रा उतारी .. और अपनी चूची को ख़ुद मेरे मुँह में डाल दिया .. लो सुहास पी लो .. अच्छे से पीना ..

उसके बाद मैं दूध का प्यासा विश्रांती का दूध मेमने की तरह पीने लगा .. कभी बाईं चूची से तो कभी दाईं से ..

साथ में चूची सहला भी रहा था।

विश्रांती : तू तो ऐसे पी रहा है जैसे जन्मों से प्यासा हो !

मैं: विश्रांती, तूने मुझे वो खुशी दी है कि मैं सदा तेरा आभारी रहूँगा .. तू जो बोलोगी वो सब करूँगा ..

विश्रांती : जो बोलूंगी वो करेगा ?

मैं: हाँ विश्रांती, तू एक बार बोल के तो देख ..

विश्रांती : अच्छा ठीक है .. सुन, मेरे नीचे में ना काफी खुजली हो रही है .. ज़रा मेरी खुजली मिटा दे ना?

मैं: नीचे कहाँ विश्रांती ?

विश्रांती : तू सब जानता है फिर क्यूँ पूछ रहा है?

मैं: बोलो ना विश्रांती ! तेरी मुँह से सुनना चाहता हूँ।

विश्रांती : अच्छा, चल मेरी चूत में खुजली हो रही है .. मिटा दे ना ..

मैं: कैसे मिटा दूं? ऊँगली से या चाट के? या फिर लंड ही डाल दूँ?

विश्रांती : मुझे तो तीनों की खुजली हो रही है ..

मैं: विश्रांती, मैं तेरी चूत का ख्याल रखूंगा ..

विश्रांती : अपनी रेशमा से भी ज्यादा ख्याल रखेगा ना .. . रेशमा तो तेरे लंड की बहुत तारीफ करती है ..

मैं: तुम लोग ये सब बातें भी करती हो ?

विश्रांती : तुझे कौन ज्यादा अच्छी लगती हैं?

मैं: विश्रांती, अभी तूने अपना पूरा जलवा दिखाया कहाँ है?

विश्रांती : अच्छा तो यह बात है ? तो जितना जलवा देख चुके हो उसमें कौन ज्यादा अच्छा लगा?

मैं: विश्रांती, इसमें तो पूछने की कोई बात ही नहीं है .. रेशमा की चूची में अमृत तो है ही नहीं ! दूध तो तू ही पिला सकती है .. तब इसमें तू ही न हुई रानी .. विश्रांती, अब तू अपने कुछ और जलवे भी दिखा ना !

विश्रांती : हाँ सुहास तेरी विश्रांती, आज ऐसे जलवे दिखायेगी कि तू पागल हो जायेगा ..

और फिर विश्रांती ने अपने कपड़े खोलने शुरु किये .. विश्रांती जब पैंटी और ब्रा में आ गई तो मैं उसकी मदद करने लगा ..

मैं: विश्रांती, लाओ अब मैं खोल दूं !

विश्रांती : हाँ सुहास ! आ अपनी विश्रांती को नंगी कर दे ..

फिर विश्रांती मेरे पास आ गई .. मैं विश्रांती की ब्रा को खोल के प्यार से सूंघने लगा .. . विश्रांती की मादक मुस्कराहट ने और भी मज़ा भर दिया .. फिर विश्रांती की पैंटी को एक ही झटके में खोल दिया .. .पैंटी की मादक सुगंध मुझे दीवाना कर रही थी।

फिर विश्रांती अपने हाथ मेरी पैंट के ऊपर से लंड को सहलाने लगी .. . मेरी हालत भी ख़राब हो रही थी .. . मुझे डर भी लग रहा था कि कहीं मैं झड़ ना जाऊँ. विश्रांती ने देखते ही देखते मुझे पूरा नंगा कर दिया .. .अब कमरे में दो नंगे एक दूसरे से खेलने लगे .. विश्रांती मेरे लंड से ऐसे खेल रही थी कि कोई बच्चा अपने सबसे मनपसंद खिलौने के साथ खेलता है ..

विश्रांती : सुहास, तेरा लंड तो काफी बड़ा है रे ..

मैं: विश्रांती मेरे लंड से ऐसे खेलोगी तो ये जल्दी ही ढीला हो जायेगा .. .

विश्रांती : क्या करूँ सुहास, ऐसे लंड मेरे हाथ में पहली बार आया है .. .

मैं: विश्रांती तुझे पता है रेशमा तो इसे आइसक्रीम से भी अच्छा प्यार करती है ..

विश्रांती : वाह रे बदमाश ! अपनी विश्रांती को लंड मुँह में लेने बोल रहा है .. .ये गरम आइसक्रीम सच में है तो मुँह में लेने के लिए ही ..

मैं: विश्रांती तो ले लो ना इसे ..

फिर विश्रांती प्यार से मेरे लंड को चूसने लगी .. . इतना तो पता चल ही गया था कि विश्रांती को लंड चूसने में बहुत मज़ा आता है .. रेशमा ने इतने प्यार से कभी नहीं चूसा था .. फिर जब विश्रांती मेरे लंड से खेल रही थी .. मैं विश्रांती की चूची को मज़े देने लगा .. . इतनी मुलायम चूचियां को सहलाना, नीचे लंड का विश्रांती से चुसवाना .. सच्ची काफ़ी बढ़िया कॉम्बिनेशन है ..

मैं: विश्रांती, लंड चुसवाने में इतना मज़ा आज तक नहीं आया .. विश्रांती मेरा मुँह भी रसपान के लिए तड़प रहा है, विश्रांती उल्टा-पुल्टा करें .. .

विश्रांती : उल्टा पुल्टा ये क्या होता है रे?

मैं: क्या विश्रांती ! तू मुझसे पूछेगी तो कैसे चलेगा .. .अच्छा चल, मैं बताता हूँ- उल्टा पुल्टा मतलब तू मेरे ऊपर रह कर मेरा लण्ड चूसना और मैं नीचे से तेरी चूत का रसपान करूँगा !

विश्रांती : अच्छा तो तू 69 पोज़िशन की बात कर रहा है .. अच्छा नाम है उल्टा पुल्टा .. चल इसमें तो और भी मज़ा आएगा ..

फिर हम एक दूसरे से मज़े लेने लगे .. विश्रांती की चूत का स्वाद आते ही मन चंगा तो आया था .. विश्रांती की चूत काफी गीली हो गई थी .. . इसलिए चाटने में बहुत मज़ा आ रहा था .. मैं विश्रांती को बहुत मन से चाट रहा था .. . विश्रांती भी काफी उत्तेजित हो गई थी .. विश्रांती ने अचानक इतना पानी निकाला कि मेरा मुँह उनके रस से भर गया था। .. ऐसा मज़ा विश्रांती ने दिया कि बस मैं तो उनका दीवाना हो गया था ..

मैं: विश्रांती तेरा रस कितना स्वादिष्ट है .. अब मेरा रस भी निकाल दे .. अब मेरी लंड तेरी चूत के लिए और नहीं तड़प सकता ..

विश्रांती : आ न सुहास, .. अब ऐसा चोद कि बस मैं पानी पानी हो जाऊँ ..

फिर विश्रांती बिस्तर पे लेट गई .. अपनी चूत एकदम फाड़ के मुझे अपने तरफ बुलाने लगी .. चूत तो जैसे कि लंड के लिए बनी हो .. मैंने भी अपना लंड हाथ में लेकर उसकी चूत पर लगा दिया ..

विश्रांती : दे धक्का ! .. चोद अपनी विश्रांती को .. चोद ..

मैं: ले विश्रांती .. ये गया मेरा लंड तेरी चूत में .. चुद अपने सुहास से मेरी प्यारी विश्रांती ..

फिर विश्रांती गाण्ड उठा उठा कर मेरा लंड लेने लगी .. मैं भी विश्रांती को जी जान लगा के चोदने लगा .. फिर विश्रांती ने कुतिया बन के मुझे कुत्ता बना दिया .. उस पोजिशन में बहुत मज़ा आया .. फिर विश्रांती मेरे ऊपर सवार हो गई .. इसमें तो मेरा लंड सबसे ज्यादा अंदर तक जा रहा था .. करीब मिनट के बाद मैं उसकी चूत में ही झड़ गया .. विश्रांती ने बड़े प्यार से फिर मेरे लंड को साफ़ किया .. वो मुझे बेतहाशा किस कर रही थी .. विश्रांती बहुत खुश थी ..

विश्रांती : अपनी विश्रांती को चोदने में कैसा लगा .. रेशमा को चोदने में ज्यादा मज़ा आया था क्या?

मैं : नहीं विश्रांती तू कुछ माल है .. तुझे चोदने में बहुत मज़ा आया .. मैं अब तुझे ही चोदूंगा ..

विश्रांती : अरे नहीं सुहास ! दोनों को चोदना .. रेशमा भी बहुत अच्छी है उसने ही तो मुझे तेरा लंड दिलाया .. तू उसे कभी नाराज़ न करना ..

फिर मैं रेशमा और विश्रांती के साथ मस्ती करने लगा .. दोनों प्यार से मुझसे चुदती हैं ..

यदि आपको यह कहानी अच्छी लगी तो मेल करना ..
 
Back
Top