hotaks444
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क्यूंकि मन झोंपड़े में चल रहे कामुक खेल से बहुत ही रोमंचित हो गया था !
शादी के इतने सालों बाद उसकी पत्नी का पहली बार उसके सामने किसी दुसरे से चुदते
हुए देखना एक अलग ही आनद था !
और इसी आनंद को पाने के लिए वो अपनी बीवी को दूसरों के सामने चारा बना कर फेंकता था !
हालाँकि इस चारे को आज तक इसने किसी को खाने नहीं दिया था पर शास्त्री की हर बात उसे निराली लग रही थी
उसका विशाल लौडा , उसका हिंसक व्यवहार जिससे उसकी बीवी का मान मर्दन हो रहा था जिस से उसके मन को
बड़ी शांति मिल रही थी !
और वो चाहता था की आज इस विशाल लंड से उसकी बीवी की चूत के परखच्चे उड़ते वो यहाँ खड़ा खड़ा देखें !
उसकी बीवी को कोई नोचता तो उसे प्रतिउत्तर में मिलती परम उत्तेजना जो किसी तरीके से मिलना
नामुमकिन थी !
आज उसे इतनी उत्तेजना मिली की अपने लंड को उसने अपने हाथों से खड़े खड़े शहीद कर लिया था
अब घर जाने का कोई फायदा नहीं था इसलिए वो अपनी कामुकता शास्त्री की उसकी बीवी पर की गई क्रीडाओं को
देख कर शांत कर रहा था !
अब तक तनु की ब्रा और चड्डी फाड़ कर शास्त्री नोच चूका था और उसके पुरे गदराये शरीर को जगह जगह से नोच
और काट चूका था ! तनु की सिसकिया रुकने का नाम नहीं ले रही थी उसे दर्द और आनंद दोनों मिल रहे थे !
"आआआ…. ह्ह्ह्ह्ह .....अरे ...दर्द हो रहा हे ....धीरे .....उह्ह्ह्ह्ह मम्मी .......अरे ....पापा ....आज मर जाउंगी ...
च ..चाचा ...मत करो ...मुझे जाने दो ....अब बस ....ई sssssss " तनु की चीख निकल गई जब उसकी इस बकवास पर
शास्त्री ने गुस्से से उसके झांघ पर चिकोटी काट ली !
दर्द से बिलबिला कर तनु ने दोनों टांगों को दूर दूर कर लिया !
तनु के गदराये शरीर को किसी कुत्ते की तरह नोचने खसोटने के बाद
शास्त्री हवस उगलती आँखों से मोक्ष -स्थल पर पहुंचा यानि तनु की योनि के पास !
शादी के इतने सालों बाद उसकी पत्नी का पहली बार उसके सामने किसी दुसरे से चुदते
हुए देखना एक अलग ही आनद था !
और इसी आनंद को पाने के लिए वो अपनी बीवी को दूसरों के सामने चारा बना कर फेंकता था !
हालाँकि इस चारे को आज तक इसने किसी को खाने नहीं दिया था पर शास्त्री की हर बात उसे निराली लग रही थी
उसका विशाल लौडा , उसका हिंसक व्यवहार जिससे उसकी बीवी का मान मर्दन हो रहा था जिस से उसके मन को
बड़ी शांति मिल रही थी !
और वो चाहता था की आज इस विशाल लंड से उसकी बीवी की चूत के परखच्चे उड़ते वो यहाँ खड़ा खड़ा देखें !
उसकी बीवी को कोई नोचता तो उसे प्रतिउत्तर में मिलती परम उत्तेजना जो किसी तरीके से मिलना
नामुमकिन थी !
आज उसे इतनी उत्तेजना मिली की अपने लंड को उसने अपने हाथों से खड़े खड़े शहीद कर लिया था
अब घर जाने का कोई फायदा नहीं था इसलिए वो अपनी कामुकता शास्त्री की उसकी बीवी पर की गई क्रीडाओं को
देख कर शांत कर रहा था !
अब तक तनु की ब्रा और चड्डी फाड़ कर शास्त्री नोच चूका था और उसके पुरे गदराये शरीर को जगह जगह से नोच
और काट चूका था ! तनु की सिसकिया रुकने का नाम नहीं ले रही थी उसे दर्द और आनंद दोनों मिल रहे थे !
"आआआ…. ह्ह्ह्ह्ह .....अरे ...दर्द हो रहा हे ....धीरे .....उह्ह्ह्ह्ह मम्मी .......अरे ....पापा ....आज मर जाउंगी ...
च ..चाचा ...मत करो ...मुझे जाने दो ....अब बस ....ई sssssss " तनु की चीख निकल गई जब उसकी इस बकवास पर
शास्त्री ने गुस्से से उसके झांघ पर चिकोटी काट ली !
दर्द से बिलबिला कर तनु ने दोनों टांगों को दूर दूर कर लिया !
तनु के गदराये शरीर को किसी कुत्ते की तरह नोचने खसोटने के बाद
शास्त्री हवस उगलती आँखों से मोक्ष -स्थल पर पहुंचा यानि तनु की योनि के पास !