Yogeshsisfucker
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घर सा मजा और कहा
हैलो दोस्तो आज मै लेकर आया हु एक नइ और मजेदार फॅमीली सेक्स स्टोरी।मुझे पक्का यकीन है आपको यह स्टोरी जरुर पसंद आएगी।सेक्स एक ऐसा शब्द है की ऐसा कौन है इस दुनिया मे जिसे वो पसंद नही।लोग सेक्स के लिए अपना टाइम ,मनी,और पुरा जिवन लगा देते है।और वह ऐसा सुख है की कितना भी करो प्यास ही नही मिटती और रोज नया आनन्द आता सै।तो यही सेक्स बिना शादी किए अपने ही घर मिलने लगे तो ।आप सोचेन्गे की ये तो बडी खुशी कि बात है।पर हा मैने अपने लाइफ मे ये मजा पाया है।मुझे अन्दाजा भी नही था कि मै जो सुख थोडासा चाह रहा था उसका वर्षाव ही मेरे उपर हो जाएगा।आप आगे पढिए की बहन पटाते पटाते मा भी कैसे मुझसे पट गइ और एक टाइम ऐसा आया की मेरी शादी मेरी मा ने मेरी ही छोटी बहन से कर दिइ।कहानी जरा लम्बी है।पर बहुत मस्त है।मानिए की मेरे जिवन की ही कहानी है।मैने कहानी मे सभी नाम रियल है बस प्लेसेस के नाम बदले है और कुछ कुछ घटनाए भी बदली है।
मुझे आपके कमेन्ट्स और रिप्लाइस का हमेशा इन्तजार रहेगा ।सिर्फ कहानी शुरू करने से पहले स्टोरी की बॅगराउन्ड पढ लिजीए जिस वजह से आपको मस्त फिलीन्ग आएगी।
Introduction-
योगेश - उम्र 28 , हाइट 5'7, वेट 65 किलो। शिक्षण बि काॅम - जाॅब - एमएनसी मे मार्केटीन्ग ऑफीसर
प्रिया - योगेश की छोटी बहन उम्र -18 हाइट 5'4 वेट 57किलो सेक्सी गोरी चिट्टी और हेल्दी लडकी , शिक्षण - 12 वी कम्प्लीट कर चुकी है - फिगर 34,28,34,
मोहीनी- योगेश और प्रिया की माॅ उम्र 46- हाइट 5'3 वेट 65 कीलो फिगर 36,32,36।
बॅगराउन्ड-
मोहीनी जब 19 साल की थी तब उसका विवाह गाव मे रहने वाले रविश से हुवा।रविश और उसके मा बाप साथ मे ही रहते थे।( जैसे बडे सिटी एरीआ मे वार्डस होते है छोटे शहरो मे मोहल्ले और गलीया होती है वैसे ही गाव मे वाडी होती है( sub villages)तो यह गाव 7-8 sub villages मिलकर बना था।हर sub village मे35-40 घर होते है ।सभी घर पास पास नही होते जहा जिसकी जमीन हो वो वहा पर घर बान्ध लेता है।) रविश ब्राम्हण था तो निश्चीत है की मोहीनी भी ब्राम्हण ही थी।रविश के घर के पास एक एकड जमीन छोडकर 1-2 किमी दुर पर 2एकड जमीन थी।जहा पर वो खेती आदी करके अपना गुजर बसर करते थे।और रविश गाव का पौरोहीत्य भी करता था।उनके गाव मे उनका अकेला ब्राम्हण घर था।और रविश जिस वाडी(sub village) मे रहता था।वहा पर 3-4 हिन्दु घर छोडकर बाकी 35-40 मुस्लीम घर थे।रविश का स्वभाव काफी आद्ध्यात्मीक प्रवृत्ती का था ।वो हमेशा किसी न किसी गुरू या आश्रम मे ही जाता रहता था।मोहीनी से शादी के बाद रविश अपने संसार मे लग गया ।और एक साल मे ही मोहीनी और रविश को पहला बेटा हुवा ( यानीकी मै) ।उसके बाद एक दो साल एसे गुजरे ही थे की रविश घर छोडकर किसी गुरू के आश्रम मे भाग गया।मोहीनी और रविश के मा बाप ने रविश को मनाने कि बहोत कोशीश की पर वो माना नही।एसे तैसे करके वो गुजारा करने लगे ।रविश को घर से गए हुए 7 साल हुए थे कि अचानक एक दिन वो घर आगया ।मोहीनी और रविश के मा बाप ( यानीकी मेरे दादा दादी) को खुशी का ठिकाना नही रहा।बेचारी मोहीनी तो 7 साल से जवानी के आग मे जल रही थी ।शादी से लेकर आज तक उसे ऑरगॅसम और सेक्स का परमबिन्दु सुख क्या होता है कुछ पता नही था।रविश फिर एक बार घर कि जिम्मेदारी सम्भालने लगा ।मोहीनी और रविश का फिर एक बार मिलन हुवा और पहले बेटे के दस साल बाद उन्हे बेटी हूइ जिसका नाम सबने प्रिया रखा।ये प्रिया नाम के ही तरह बहोत प्यारी थी ।घर मे सब की लाडली।रविश की प्रवृत्ती अभी भी आध्यात्मीक ही थी उसने कभी भी मोहीनी को वैसा सुख नही दिया जैसे कोइ आम औरत चाहती हो।और एक दिन फिर से रविश घर छोड कर दुर किसी आश्रम मे चला गया।सबने उसे बहुत मनाया पर वो माना नही।तब प्रिया 8 साल की थी और योगेश ने 18 साल पुरे किए थे।अपने बेटे के घर से जाने के सदमे मे रविश के बाप का देहान्त हो गया।योगेश शहर मे काॅलेज जाने लगा।और प्रिया गाव मे ही 10 वी तक का स्कुल था वहा जाने लगी।मोहीनी और उसकी सास खेती करके और खेत मे तैयार होने वाली सब्जीया और फल बेच कर घर चला रही थी।ऐसे ही दिन कटते गए ।योगेश बि काॅम हो गया ।और एक एमएनसी मे अॅज अ मार्केटीन्ग रिप्रेसेन्टेटीव काम पे लग गया।योगेश की धिरे धिरे प्रगती हो रही थी।जाॅब मे धिरे धिरे बढती होने लगी।वैसे ही घर की हालत भी बदलने लगी ।घर वही था पर अब काफी सुधार हो गया।दो साल पहले जब प्रिया की 10 वी की फायनल एक्झाम खतम हुइ तभी एकाएक दादी बिमार हो गइ बहुत इलाज किये पर उन्हे बचाया नही जा सका।बाद मे प्रिया का 10 वी का रिझल्ट भी आ गया ।वह पास हो गइ ।तो मोहीनी ने प्रिया को शहर मे एक सायन्स काॅलेज मे एडमीशन करवाइ।और प्रिया भी शहर मे हाॅस्टल मे रहने लगी।योगेश की दुसरे एक शहर मे बदली हो गइ ।इधर मोहीनी भी अब खेत मे मजदुर और औरते लगाकर काम करने लगी।
तो यह हुइ मेरी फॅमीली बॅगराउन्ड अब फटाफट पढ डालिए हम तिनो की पर्सनल बॅगराउन्ड
योगेश ( यानी की मै) काॅलेज मे था तभी से लडकीया पटाना तर उन्हे अच्छी तरह से यूज करना सिख गया था।काॅलेज मे न जाने कितने अच्छे घर की और टाॅपर लडकीयो को पटा कर चोदा था ।उसका तो स्पेशल जगहा था वहा पर ले जाकर इत्मीनान से वो लडकीयो को सेक्स एडीक्ट बनाता था।जाॅब पे लगने के बाद तो ऊसके अलग अलग प्रोफेशन्स मे और अलग अलग शहर और स्टेट्स मे फ्रेन्ड बन चुके थे।पटाइ हुई लडकीको अपने साथ ले जाकर सब दोस्तो के साथ शेअर करने मे उसे बडा मजा आता था।आज तक 10-15 अच्छे घर की लडकीयो को प्रोफेशनल रान्डीया बना चुका था योगेश और एट्रॅक्टीव पर्सनॅलिटी के वजह से उसे यह पाॅसीबल था।अब आते है उसके फॅमीली सेक्स के शौक पर ।ये शौक ऊसे था पर केवल नेट पर स्टोरीज पढना और विडीयोज देखना छोडकर उसने आगे कुछ किया नही था।अपनी छोटी बहन प्रिया के बारे मे सोचकर मूठ मारने मे उसे बडा मजा आता था पर उसने रियल मे कुछ भी नही किया था।और एक बात योगेश के इन गुणो के बारे मे प्रिया और मोहीनी को कुछ भी पता नही था।
अब आते है प्रिया पर ।प्रिया अब गाव मे एक हाॅट आयटम के रुप मे जानी जाती थी।वैसे उसने कभी माॅडर्न ड्रेसीन्ग की नही थी गाव मे पर सिर्फ सलवार कमीज मे ही लोगोन्को जो देखना चाहीए वो दिख जाता था।प्रिया चंचल तो थी ही पर वो एक नम्बर की छिनाल भी थी ।10 वी मे थी तभी से स्कूल मे बाॅयफ्रेन्ड बनाना और ब्रेकप करना इसमे माहीर थी।10 वी के बाद वो शहर चली गइ 11-12 वी के लिए पर वहा भी उसके गुण कम नही हुए ।आगे आप पढोगे ही इसके बाकी गुणोके बारे मे।पर ऊसने भी अपने गुण अपने भाई योगेश और मा मोहीनी से छुपाए हूए थे।
मोहीनी मेरी मा । नाम की तरह ही मन को मोहने वाली सुन्दरता थी इसके पास। 46 साल ऊम्र होने के बाद भी 35 की दिखती थी।लेकीन आजतक कइ बार सेक्स के मजे लेने के चान्स आकर भी उसने अपने पैर फिसलने नही दिए थे।योगेश तो पिछले दो साल से कह रहा था की गाव की जमीन और घर बेच कर शहर मे फ्लॅट ले लेते है पर मोहीनी अभी तक अपने पती की निशानी मानकर खेत और घर को सम्भाले हुए थी।
तो दोस्तो अब आते है कहानी की तरफ।
मै योगेश ।मै जाॅब के कारण रोज रोज घर नही जा पाता।इसलिए शहर मे ही मेरे एक कलिग के साथ रूम रेन्ट पे लिया है। कभी 10-15 दिन बाद जाना होता है। तो काम बढनेपर 1-1 महीना घर जाना ही नही होता।पर जब भी मै घर जाता हु माॅ को खर्चे के लिए पर्याप्त रुपये देता हु ।और घर मे सामान और राशन भी लाकर रखता हु ।जिससे माॅ को कोइ प्राॅब्लेम ना हो ।हाल मै बहुत दिनो से घर नही गया था।और प्रिया के 12 वी एक्झाम भी खतम हो चुके थे ।जिसके कारण वो भी घर चली गइ थी तो बहुत दिनो के बाद उससे भी मिलना हो जाएगा ऐसा प्लॅन करके मै अपने साथी संजीव को बताकर वहा से घर की तरफ चल पडा।वैसे ये संजीव है दिल्ली का पर जाॅब के कारण यहा पुना मे रहने आया है ।मेरा घर तो पुणे से 200 किमी पर था जिस वजह से मै बाइक लेकर सॅटरडे शाम को 4 बजे वहा से छुटा ।बिच मे कुछ स्नॅक्स वगेरा लिए और करीब 7:30 बजे घर पहुच गया ।हमारा घर तो गाव मे है तो उसी दिन हमारे sub village मे कोई उर्स था मुस्लीम भाइयो का ।मै घर पहुच गया मा ने मेरा स्वागत किया।वैसे हमारा घर बाकी लोगो के घरो से 50-75 मिटर पे था।और एक साइड मे होने की वजह से घर पे कोई आता जाता भी नही था।माॅ चाय बनाने अन्दर चली गइ।मै हमारे घर के पिछे की तरफ अलग से बने हुए टाॅयलेट और बाथरूम मे चला गया।थोडे देर बाद फ्रेश होकर आया ।अभी 8 बजे होन्गे तो कीसी की बाइक का आवाज आया रुकने का और वो बाइक धुम स्टाइल मे चली गई।मै अपने रुम से दुसरे कपडे पहन कर बाहर हाॅल मे आया ही था की मेरी छोटी बहन प्रिया अपने पैर के पायल बजाते हुए अपने रुम मे घुस गइ।माॅ भी हाॅल मे आगई।
माॅ- सुबह गई थी काॅम्प्युटर क्लास के लिए अभी आ रही है।
मै चुपचाप सुन रहा था।तभी प्रिया के रुम का दरवाजा खुला और वो बाहर आगई।जबरदस्त आयटम बाॅम्ब लग रही थी मेरी बहन ।गोरा चिकना चेहरा और होठो के थोडे से उपर तिल की वजह से वो तो पहले ही सेक्सी लगती थी ।उसपर अब उसने चष्मा पहन लिया था ।और पहना हुवा ड्रेस मानो पिछले साल का होगा एसा टाइट था बुब्स पर ।की मै तो देखता ही रह गया ।आज 3-4 महीने बाद मै प्रिया को देख रहा था।तभी प्रिया के मुख से मधुर आवाज आइ।
प्रिया- नही माॅ।पहले काॅम्प्युटर ही गइ थी।पर सहेलीया बोलने लगी की गाव मे मेला लगा है तो घुम आते है ।मै ना नही कह सकी ।
मै - ठिक है ना माॅ।वो मेले मे तो गई थी।
मेरे साइड लेने से प्रिया खुश हो गई।वो मुझे स्माइल देते हुए बोली।
प्रिया - भैय्या आप कब आए।ठिक है ना सब उधर ।
मै - हा।तुम कैसी हो ।और एक्झाम कैसी हुइ।
प्रिया - अच्छी गई।
मै- ठिक है ।अभी क्या कर रही हो।
तभी माॅ टोकते हुए बोली।
माॅ- तेरे क्लास मे नझीर था ना।उसने अभी काॅम्प्युटर सेन्टर डाला है।वहा जाती है क्लास के लिए।मै तो पहले से ही कह रही थी।उन लोगो मे ज्यादा घुलना ठिक नही है।और कोई जगह नही थी ।क्लास के लिए।
प्रिया- माॅ बेकार मे बहस करती रहती हो।
मै- छोडो माॅ जाने दे उसे 2-3 महीने की तो बात है ।और पास ही है ना यहा से ।
प्रिया - मै वही तो कह रही हु।
थोडी देर इधर उधर की बाते हुइ और हम सब अपने अपने काम मे लग गए।रात को खाना खाने के बाद तिनो अपने अपने रूम मे सो गए ।सुबह जब 8:30 बजे मै उठा तो प्रिया क्लास के लिए जा चुकी थी।नाश्ते के वक्त मा और मै बाते कर रहे थे।थोडी देर इधर उधर की बाते होने के बाद माॅ मुझसे बोली।
माॅ- चष्मा लगा है प्रिया को अभीसे।
मै- देखा मैने ।उसे भी बडा कौतुक है अपने चष्मे का।
मा- जरा सा नम्बर कम हुआ है आखो का 5-6 महीने लगातार लगाने पर उतर जाएगा।
मै- हमम।माॅ तुम अब उसका टेन्शन लेना बन्द करदो वो अब बडी हो चुकी है।अभी के अभी कोई शादी करदे उससे।
माॅ - इसीलिए तो डरती हु।
मै- कोइ बात नही उसके एक्झाम के रिझल्ट के बाद तुरन्त कोइ अच्छा कोर्स देखके शहर मे भगाएन्गे उसे।
हमारी बाते खतम हो गई।उस दिन मैने खेत मे जाकर भी कुछ जरुरी काम कर डाले बाद मे घर आकर राशन और सामान भी लेकर आया बाजार से ।दोपहर का खाना भी हो गया पर प्रिया का कोई पता नही था।दोपहर तिन बजे मै अपना बॅग लेकर माॅ को बाय कहके वापस शहर की तरफ चल पडा।मुझे अपने काॅलेज के दिन याद आ गए की कैसे हम दोस्त एक्झाम के बाद इधर उधर घुमते रहते थे।करीब 7 बजे मै रूम पर पहूचा ।मैने डुप्लीकेट की से दरवाजा खोला और अन्दर गया ।मेरा रूममेट सन्जीव अपने कान को मोबाइल लगाकर बेड पे उल्टा लेटा हुवा था।उसे मेरे आने की जरा भी भनक नही थी।तभी
सन्जीव- तुम्हे कहा था ना मैने पुना आ जाओ मै कर दुन्गा जाॅब का काम।पर तुम तो अपनी दोस्तो के साथ मुम्बई चली गई।
दुसरी साइड से कोई लडकी बात कर रही थी।
लडकी - नही भैय्या वैसी बात नही है।पर पापा को डाउट हो जाता इसलिए जान बुझकर यहा आइ।और अब वैसे तो पापा डेल्ही मे है आप यहा कब भी ट्रेन पकडकर आ सकते हो सन डे ।हर सन डे हम पहले जैसी मस्ती कर सकते है।
सन्जीव- ठिक बात है ।हा हा हा•••• यार पिछले 3 मन्थ से तुझे देखा नही है ।क्या हालत हो रही है मेरी क्या बताउ।
लडकी- भैय्या आपने रिया को हमारे बारे मे कुछ बताया है क्या ।
सन्जीव- क्यु क्या हुवा।
लडकी- कुछ नही पिछले 15-20 दिनोसे जब से आप डेल्ही से वापस आए हो ठिक से बात भी नही कर रही और वाट्सप का भी रिप्लाय नही कर रही।
सन्जीव- औके मै सम्भालता हु सब। अरे कुछ नही लास्ट टाइम विडीयो बनाकर किया ना तब हमारे सारे विडीयोज भी देख लिए मोबाइल मे।
लडकी- भैय्या आप भी ना फसा दोगे मुझे।और रिया और आप वाला विडीयो मुझे क्यो नही भेजा।देखु तो मेरी छोटी बहन और बडा भाइ क्या मजे कर रहे है।
सन्जीव- लता मस्त बना है विडीयो पुरे 1 घन्टे का दो बार किया मजे के साथ ।यार तुझसे क्या छुपाना मै 10 दिन घर पे था।5-6 दिन मस्त मजे दिए रिया ने।
लडकी- कहा पर भैय्या ।पापा और मम्मी नही थी घर पे ।
सन्जीव - नही उन्हे 8 दिन का हाॅलिडे पॅकेज दिया था ।नाॅर्थ इस्ट का बहोत खुश हुइ मम्मी और पापा भी।
लडकी- और रिया ।
सन्जीव- वो तो बहोत खुश।एक दिन तो साडी वगैरा पहन कर सुहागरात भी मनाई हमने रात भर।
लडकी- मै बहुत मिस करुन्गी ।
सन्जीव - कोई बात नही आगे बडा प्लॅन करके थ्रिसम करेन्गे तिनो।
लडकी- पहले बात तो करे वो मुझ से।
सन्जीव - कोई टेन्शन मत ले अभी आधे घन्टे बाद आएगा फोन उसका तुम्हे मै बताता हु अभी।
लडकी- भैय्या रूम मे कोई रुममेट आइ है रखती हु।
सन्जीव- आय लव यु मेरी प्यारी बहना।
लडकी - बाय ।
सन्जीव ने आखे खोली और वो उठ गया उसने पिछे मुडते ही मुझे देखा और टेन्शन मे आगया।
सन्जीव- कब आए तुम ।कुछ आवाज तो देते।
मै- कोई बात नही।पहले बता कौन बहना बात कर रही थी।
सन्जीव - अब तुने सुन ही लिया है तो बताता हु।मेरी बहन थी लता।
मै- अममम••••तो लगा चुका है उसे।
सन्जीव- उसे ही नही ।उससे छोटी को भी लगा चुका हु।ये लता बोल रही थी ।वो जब 11 वी मे थी तब ही उसे पटा चुका था मै ।अब वो ग्रॅज्युएशन करके मुम्बई मे जाॅब के लिए आई है 2-3 महीने हो गए ।वो तो मेरी रियल रान्ड है ।मुझे याद नही की वो होते हूए मैने कभी मूठ मारी हो।11 वी से लेकर अब 5 साल मजे दे रही है।
मै - और दुसरी ।
सन्जीव- रिया।वो अभी 19 साल की है उसे पिछले साल पटाया है ।एक्टीवा देकर।वो भी मस्त माल है ।पिछले साल मै डेल्ही मे ही था ना ट्रेनिन्ग पर ।रोज रात को पब जाते थे अॅज अ गलफ्रेन्ड बाॅयफ्रेन्ड।आगे पिछे से सब कुछ कर चुका हु ।
मै- तेरी तो जन्नत है।यार पर ये कैसे पाॅसीबल हुवा।
सन्जीव-अगर सही ट्राय किया जाए तो कुछ भी पाॅसीबल है लाइफ मे।
मै- हा यार कहने को क्या जाता है ।हमारी वाली तो कभी पटती भी नही और भाव भी नही देती।
सन्जीव- हा पर ट्राय करने को क्या जाता है।और मेरी एक बात तो मेरे से चुदी हुई कोई भी लडकी मान ही लेगी।
मै- क्या ।
सन्जीव - मै लडकीका पुरा सॅटीस्फेक्शन हुवे बिना वहा से हटता नही हु।
मै- यार मैने भी थोडी लडकिया नही चोदी है मुझे सिखा रहा है तु।
सन्जीव- पर अपने सगे बहन को उसके मर्जी से चोदने जितना सुख इस दुनिया मे और नही है।
मै- मेरी भी है बहन मै ट्राय करु क्या ।
सन्जीव - करके देख ना।अगर कही अटक गया तो मै हेल्प कर सकता हु।
मै - ठिक है बाद मे देख लेन्गे।अभी मूझे तेरे और तेरे बहनो के सेक्स विडीयोज दिखा।
सन्जीव ने हा ना करते हुए मुझे विडीयोज दिखाए ।कुल 10-12 विडीयोज थे सन्जीव तो एथलेटीक था ही उसकी बहने किसी आयटम से कम नही थी।बहुत मजा आया उस दिन ।
हैलो दोस्तो आज मै लेकर आया हु एक नइ और मजेदार फॅमीली सेक्स स्टोरी।मुझे पक्का यकीन है आपको यह स्टोरी जरुर पसंद आएगी।सेक्स एक ऐसा शब्द है की ऐसा कौन है इस दुनिया मे जिसे वो पसंद नही।लोग सेक्स के लिए अपना टाइम ,मनी,और पुरा जिवन लगा देते है।और वह ऐसा सुख है की कितना भी करो प्यास ही नही मिटती और रोज नया आनन्द आता सै।तो यही सेक्स बिना शादी किए अपने ही घर मिलने लगे तो ।आप सोचेन्गे की ये तो बडी खुशी कि बात है।पर हा मैने अपने लाइफ मे ये मजा पाया है।मुझे अन्दाजा भी नही था कि मै जो सुख थोडासा चाह रहा था उसका वर्षाव ही मेरे उपर हो जाएगा।आप आगे पढिए की बहन पटाते पटाते मा भी कैसे मुझसे पट गइ और एक टाइम ऐसा आया की मेरी शादी मेरी मा ने मेरी ही छोटी बहन से कर दिइ।कहानी जरा लम्बी है।पर बहुत मस्त है।मानिए की मेरे जिवन की ही कहानी है।मैने कहानी मे सभी नाम रियल है बस प्लेसेस के नाम बदले है और कुछ कुछ घटनाए भी बदली है।
मुझे आपके कमेन्ट्स और रिप्लाइस का हमेशा इन्तजार रहेगा ।सिर्फ कहानी शुरू करने से पहले स्टोरी की बॅगराउन्ड पढ लिजीए जिस वजह से आपको मस्त फिलीन्ग आएगी।
Introduction-
योगेश - उम्र 28 , हाइट 5'7, वेट 65 किलो। शिक्षण बि काॅम - जाॅब - एमएनसी मे मार्केटीन्ग ऑफीसर
प्रिया - योगेश की छोटी बहन उम्र -18 हाइट 5'4 वेट 57किलो सेक्सी गोरी चिट्टी और हेल्दी लडकी , शिक्षण - 12 वी कम्प्लीट कर चुकी है - फिगर 34,28,34,
मोहीनी- योगेश और प्रिया की माॅ उम्र 46- हाइट 5'3 वेट 65 कीलो फिगर 36,32,36।
बॅगराउन्ड-
मोहीनी जब 19 साल की थी तब उसका विवाह गाव मे रहने वाले रविश से हुवा।रविश और उसके मा बाप साथ मे ही रहते थे।( जैसे बडे सिटी एरीआ मे वार्डस होते है छोटे शहरो मे मोहल्ले और गलीया होती है वैसे ही गाव मे वाडी होती है( sub villages)तो यह गाव 7-8 sub villages मिलकर बना था।हर sub village मे35-40 घर होते है ।सभी घर पास पास नही होते जहा जिसकी जमीन हो वो वहा पर घर बान्ध लेता है।) रविश ब्राम्हण था तो निश्चीत है की मोहीनी भी ब्राम्हण ही थी।रविश के घर के पास एक एकड जमीन छोडकर 1-2 किमी दुर पर 2एकड जमीन थी।जहा पर वो खेती आदी करके अपना गुजर बसर करते थे।और रविश गाव का पौरोहीत्य भी करता था।उनके गाव मे उनका अकेला ब्राम्हण घर था।और रविश जिस वाडी(sub village) मे रहता था।वहा पर 3-4 हिन्दु घर छोडकर बाकी 35-40 मुस्लीम घर थे।रविश का स्वभाव काफी आद्ध्यात्मीक प्रवृत्ती का था ।वो हमेशा किसी न किसी गुरू या आश्रम मे ही जाता रहता था।मोहीनी से शादी के बाद रविश अपने संसार मे लग गया ।और एक साल मे ही मोहीनी और रविश को पहला बेटा हुवा ( यानीकी मै) ।उसके बाद एक दो साल एसे गुजरे ही थे की रविश घर छोडकर किसी गुरू के आश्रम मे भाग गया।मोहीनी और रविश के मा बाप ने रविश को मनाने कि बहोत कोशीश की पर वो माना नही।एसे तैसे करके वो गुजारा करने लगे ।रविश को घर से गए हुए 7 साल हुए थे कि अचानक एक दिन वो घर आगया ।मोहीनी और रविश के मा बाप ( यानीकी मेरे दादा दादी) को खुशी का ठिकाना नही रहा।बेचारी मोहीनी तो 7 साल से जवानी के आग मे जल रही थी ।शादी से लेकर आज तक उसे ऑरगॅसम और सेक्स का परमबिन्दु सुख क्या होता है कुछ पता नही था।रविश फिर एक बार घर कि जिम्मेदारी सम्भालने लगा ।मोहीनी और रविश का फिर एक बार मिलन हुवा और पहले बेटे के दस साल बाद उन्हे बेटी हूइ जिसका नाम सबने प्रिया रखा।ये प्रिया नाम के ही तरह बहोत प्यारी थी ।घर मे सब की लाडली।रविश की प्रवृत्ती अभी भी आध्यात्मीक ही थी उसने कभी भी मोहीनी को वैसा सुख नही दिया जैसे कोइ आम औरत चाहती हो।और एक दिन फिर से रविश घर छोड कर दुर किसी आश्रम मे चला गया।सबने उसे बहुत मनाया पर वो माना नही।तब प्रिया 8 साल की थी और योगेश ने 18 साल पुरे किए थे।अपने बेटे के घर से जाने के सदमे मे रविश के बाप का देहान्त हो गया।योगेश शहर मे काॅलेज जाने लगा।और प्रिया गाव मे ही 10 वी तक का स्कुल था वहा जाने लगी।मोहीनी और उसकी सास खेती करके और खेत मे तैयार होने वाली सब्जीया और फल बेच कर घर चला रही थी।ऐसे ही दिन कटते गए ।योगेश बि काॅम हो गया ।और एक एमएनसी मे अॅज अ मार्केटीन्ग रिप्रेसेन्टेटीव काम पे लग गया।योगेश की धिरे धिरे प्रगती हो रही थी।जाॅब मे धिरे धिरे बढती होने लगी।वैसे ही घर की हालत भी बदलने लगी ।घर वही था पर अब काफी सुधार हो गया।दो साल पहले जब प्रिया की 10 वी की फायनल एक्झाम खतम हुइ तभी एकाएक दादी बिमार हो गइ बहुत इलाज किये पर उन्हे बचाया नही जा सका।बाद मे प्रिया का 10 वी का रिझल्ट भी आ गया ।वह पास हो गइ ।तो मोहीनी ने प्रिया को शहर मे एक सायन्स काॅलेज मे एडमीशन करवाइ।और प्रिया भी शहर मे हाॅस्टल मे रहने लगी।योगेश की दुसरे एक शहर मे बदली हो गइ ।इधर मोहीनी भी अब खेत मे मजदुर और औरते लगाकर काम करने लगी।
तो यह हुइ मेरी फॅमीली बॅगराउन्ड अब फटाफट पढ डालिए हम तिनो की पर्सनल बॅगराउन्ड
योगेश ( यानी की मै) काॅलेज मे था तभी से लडकीया पटाना तर उन्हे अच्छी तरह से यूज करना सिख गया था।काॅलेज मे न जाने कितने अच्छे घर की और टाॅपर लडकीयो को पटा कर चोदा था ।उसका तो स्पेशल जगहा था वहा पर ले जाकर इत्मीनान से वो लडकीयो को सेक्स एडीक्ट बनाता था।जाॅब पे लगने के बाद तो ऊसके अलग अलग प्रोफेशन्स मे और अलग अलग शहर और स्टेट्स मे फ्रेन्ड बन चुके थे।पटाइ हुई लडकीको अपने साथ ले जाकर सब दोस्तो के साथ शेअर करने मे उसे बडा मजा आता था।आज तक 10-15 अच्छे घर की लडकीयो को प्रोफेशनल रान्डीया बना चुका था योगेश और एट्रॅक्टीव पर्सनॅलिटी के वजह से उसे यह पाॅसीबल था।अब आते है उसके फॅमीली सेक्स के शौक पर ।ये शौक ऊसे था पर केवल नेट पर स्टोरीज पढना और विडीयोज देखना छोडकर उसने आगे कुछ किया नही था।अपनी छोटी बहन प्रिया के बारे मे सोचकर मूठ मारने मे उसे बडा मजा आता था पर उसने रियल मे कुछ भी नही किया था।और एक बात योगेश के इन गुणो के बारे मे प्रिया और मोहीनी को कुछ भी पता नही था।
अब आते है प्रिया पर ।प्रिया अब गाव मे एक हाॅट आयटम के रुप मे जानी जाती थी।वैसे उसने कभी माॅडर्न ड्रेसीन्ग की नही थी गाव मे पर सिर्फ सलवार कमीज मे ही लोगोन्को जो देखना चाहीए वो दिख जाता था।प्रिया चंचल तो थी ही पर वो एक नम्बर की छिनाल भी थी ।10 वी मे थी तभी से स्कूल मे बाॅयफ्रेन्ड बनाना और ब्रेकप करना इसमे माहीर थी।10 वी के बाद वो शहर चली गइ 11-12 वी के लिए पर वहा भी उसके गुण कम नही हुए ।आगे आप पढोगे ही इसके बाकी गुणोके बारे मे।पर ऊसने भी अपने गुण अपने भाई योगेश और मा मोहीनी से छुपाए हूए थे।
मोहीनी मेरी मा । नाम की तरह ही मन को मोहने वाली सुन्दरता थी इसके पास। 46 साल ऊम्र होने के बाद भी 35 की दिखती थी।लेकीन आजतक कइ बार सेक्स के मजे लेने के चान्स आकर भी उसने अपने पैर फिसलने नही दिए थे।योगेश तो पिछले दो साल से कह रहा था की गाव की जमीन और घर बेच कर शहर मे फ्लॅट ले लेते है पर मोहीनी अभी तक अपने पती की निशानी मानकर खेत और घर को सम्भाले हुए थी।
तो दोस्तो अब आते है कहानी की तरफ।
मै योगेश ।मै जाॅब के कारण रोज रोज घर नही जा पाता।इसलिए शहर मे ही मेरे एक कलिग के साथ रूम रेन्ट पे लिया है। कभी 10-15 दिन बाद जाना होता है। तो काम बढनेपर 1-1 महीना घर जाना ही नही होता।पर जब भी मै घर जाता हु माॅ को खर्चे के लिए पर्याप्त रुपये देता हु ।और घर मे सामान और राशन भी लाकर रखता हु ।जिससे माॅ को कोइ प्राॅब्लेम ना हो ।हाल मै बहुत दिनो से घर नही गया था।और प्रिया के 12 वी एक्झाम भी खतम हो चुके थे ।जिसके कारण वो भी घर चली गइ थी तो बहुत दिनो के बाद उससे भी मिलना हो जाएगा ऐसा प्लॅन करके मै अपने साथी संजीव को बताकर वहा से घर की तरफ चल पडा।वैसे ये संजीव है दिल्ली का पर जाॅब के कारण यहा पुना मे रहने आया है ।मेरा घर तो पुणे से 200 किमी पर था जिस वजह से मै बाइक लेकर सॅटरडे शाम को 4 बजे वहा से छुटा ।बिच मे कुछ स्नॅक्स वगेरा लिए और करीब 7:30 बजे घर पहुच गया ।हमारा घर तो गाव मे है तो उसी दिन हमारे sub village मे कोई उर्स था मुस्लीम भाइयो का ।मै घर पहुच गया मा ने मेरा स्वागत किया।वैसे हमारा घर बाकी लोगो के घरो से 50-75 मिटर पे था।और एक साइड मे होने की वजह से घर पे कोई आता जाता भी नही था।माॅ चाय बनाने अन्दर चली गइ।मै हमारे घर के पिछे की तरफ अलग से बने हुए टाॅयलेट और बाथरूम मे चला गया।थोडे देर बाद फ्रेश होकर आया ।अभी 8 बजे होन्गे तो कीसी की बाइक का आवाज आया रुकने का और वो बाइक धुम स्टाइल मे चली गई।मै अपने रुम से दुसरे कपडे पहन कर बाहर हाॅल मे आया ही था की मेरी छोटी बहन प्रिया अपने पैर के पायल बजाते हुए अपने रुम मे घुस गइ।माॅ भी हाॅल मे आगई।
माॅ- सुबह गई थी काॅम्प्युटर क्लास के लिए अभी आ रही है।
मै चुपचाप सुन रहा था।तभी प्रिया के रुम का दरवाजा खुला और वो बाहर आगई।जबरदस्त आयटम बाॅम्ब लग रही थी मेरी बहन ।गोरा चिकना चेहरा और होठो के थोडे से उपर तिल की वजह से वो तो पहले ही सेक्सी लगती थी ।उसपर अब उसने चष्मा पहन लिया था ।और पहना हुवा ड्रेस मानो पिछले साल का होगा एसा टाइट था बुब्स पर ।की मै तो देखता ही रह गया ।आज 3-4 महीने बाद मै प्रिया को देख रहा था।तभी प्रिया के मुख से मधुर आवाज आइ।
प्रिया- नही माॅ।पहले काॅम्प्युटर ही गइ थी।पर सहेलीया बोलने लगी की गाव मे मेला लगा है तो घुम आते है ।मै ना नही कह सकी ।
मै - ठिक है ना माॅ।वो मेले मे तो गई थी।
मेरे साइड लेने से प्रिया खुश हो गई।वो मुझे स्माइल देते हुए बोली।
प्रिया - भैय्या आप कब आए।ठिक है ना सब उधर ।
मै - हा।तुम कैसी हो ।और एक्झाम कैसी हुइ।
प्रिया - अच्छी गई।
मै- ठिक है ।अभी क्या कर रही हो।
तभी माॅ टोकते हुए बोली।
माॅ- तेरे क्लास मे नझीर था ना।उसने अभी काॅम्प्युटर सेन्टर डाला है।वहा जाती है क्लास के लिए।मै तो पहले से ही कह रही थी।उन लोगो मे ज्यादा घुलना ठिक नही है।और कोई जगह नही थी ।क्लास के लिए।
प्रिया- माॅ बेकार मे बहस करती रहती हो।
मै- छोडो माॅ जाने दे उसे 2-3 महीने की तो बात है ।और पास ही है ना यहा से ।
प्रिया - मै वही तो कह रही हु।
थोडी देर इधर उधर की बाते हुइ और हम सब अपने अपने काम मे लग गए।रात को खाना खाने के बाद तिनो अपने अपने रूम मे सो गए ।सुबह जब 8:30 बजे मै उठा तो प्रिया क्लास के लिए जा चुकी थी।नाश्ते के वक्त मा और मै बाते कर रहे थे।थोडी देर इधर उधर की बाते होने के बाद माॅ मुझसे बोली।
माॅ- चष्मा लगा है प्रिया को अभीसे।
मै- देखा मैने ।उसे भी बडा कौतुक है अपने चष्मे का।
मा- जरा सा नम्बर कम हुआ है आखो का 5-6 महीने लगातार लगाने पर उतर जाएगा।
मै- हमम।माॅ तुम अब उसका टेन्शन लेना बन्द करदो वो अब बडी हो चुकी है।अभी के अभी कोई शादी करदे उससे।
माॅ - इसीलिए तो डरती हु।
मै- कोइ बात नही उसके एक्झाम के रिझल्ट के बाद तुरन्त कोइ अच्छा कोर्स देखके शहर मे भगाएन्गे उसे।
हमारी बाते खतम हो गई।उस दिन मैने खेत मे जाकर भी कुछ जरुरी काम कर डाले बाद मे घर आकर राशन और सामान भी लेकर आया बाजार से ।दोपहर का खाना भी हो गया पर प्रिया का कोई पता नही था।दोपहर तिन बजे मै अपना बॅग लेकर माॅ को बाय कहके वापस शहर की तरफ चल पडा।मुझे अपने काॅलेज के दिन याद आ गए की कैसे हम दोस्त एक्झाम के बाद इधर उधर घुमते रहते थे।करीब 7 बजे मै रूम पर पहूचा ।मैने डुप्लीकेट की से दरवाजा खोला और अन्दर गया ।मेरा रूममेट सन्जीव अपने कान को मोबाइल लगाकर बेड पे उल्टा लेटा हुवा था।उसे मेरे आने की जरा भी भनक नही थी।तभी
सन्जीव- तुम्हे कहा था ना मैने पुना आ जाओ मै कर दुन्गा जाॅब का काम।पर तुम तो अपनी दोस्तो के साथ मुम्बई चली गई।
दुसरी साइड से कोई लडकी बात कर रही थी।
लडकी - नही भैय्या वैसी बात नही है।पर पापा को डाउट हो जाता इसलिए जान बुझकर यहा आइ।और अब वैसे तो पापा डेल्ही मे है आप यहा कब भी ट्रेन पकडकर आ सकते हो सन डे ।हर सन डे हम पहले जैसी मस्ती कर सकते है।
सन्जीव- ठिक बात है ।हा हा हा•••• यार पिछले 3 मन्थ से तुझे देखा नही है ।क्या हालत हो रही है मेरी क्या बताउ।
लडकी- भैय्या आपने रिया को हमारे बारे मे कुछ बताया है क्या ।
सन्जीव- क्यु क्या हुवा।
लडकी- कुछ नही पिछले 15-20 दिनोसे जब से आप डेल्ही से वापस आए हो ठिक से बात भी नही कर रही और वाट्सप का भी रिप्लाय नही कर रही।
सन्जीव- औके मै सम्भालता हु सब। अरे कुछ नही लास्ट टाइम विडीयो बनाकर किया ना तब हमारे सारे विडीयोज भी देख लिए मोबाइल मे।
लडकी- भैय्या आप भी ना फसा दोगे मुझे।और रिया और आप वाला विडीयो मुझे क्यो नही भेजा।देखु तो मेरी छोटी बहन और बडा भाइ क्या मजे कर रहे है।
सन्जीव- लता मस्त बना है विडीयो पुरे 1 घन्टे का दो बार किया मजे के साथ ।यार तुझसे क्या छुपाना मै 10 दिन घर पे था।5-6 दिन मस्त मजे दिए रिया ने।
लडकी- कहा पर भैय्या ।पापा और मम्मी नही थी घर पे ।
सन्जीव - नही उन्हे 8 दिन का हाॅलिडे पॅकेज दिया था ।नाॅर्थ इस्ट का बहोत खुश हुइ मम्मी और पापा भी।
लडकी- और रिया ।
सन्जीव- वो तो बहोत खुश।एक दिन तो साडी वगैरा पहन कर सुहागरात भी मनाई हमने रात भर।
लडकी- मै बहुत मिस करुन्गी ।
सन्जीव - कोई बात नही आगे बडा प्लॅन करके थ्रिसम करेन्गे तिनो।
लडकी- पहले बात तो करे वो मुझ से।
सन्जीव - कोई टेन्शन मत ले अभी आधे घन्टे बाद आएगा फोन उसका तुम्हे मै बताता हु अभी।
लडकी- भैय्या रूम मे कोई रुममेट आइ है रखती हु।
सन्जीव- आय लव यु मेरी प्यारी बहना।
लडकी - बाय ।
सन्जीव ने आखे खोली और वो उठ गया उसने पिछे मुडते ही मुझे देखा और टेन्शन मे आगया।
सन्जीव- कब आए तुम ।कुछ आवाज तो देते।
मै- कोई बात नही।पहले बता कौन बहना बात कर रही थी।
सन्जीव - अब तुने सुन ही लिया है तो बताता हु।मेरी बहन थी लता।
मै- अममम••••तो लगा चुका है उसे।
सन्जीव- उसे ही नही ।उससे छोटी को भी लगा चुका हु।ये लता बोल रही थी ।वो जब 11 वी मे थी तब ही उसे पटा चुका था मै ।अब वो ग्रॅज्युएशन करके मुम्बई मे जाॅब के लिए आई है 2-3 महीने हो गए ।वो तो मेरी रियल रान्ड है ।मुझे याद नही की वो होते हूए मैने कभी मूठ मारी हो।11 वी से लेकर अब 5 साल मजे दे रही है।
मै - और दुसरी ।
सन्जीव- रिया।वो अभी 19 साल की है उसे पिछले साल पटाया है ।एक्टीवा देकर।वो भी मस्त माल है ।पिछले साल मै डेल्ही मे ही था ना ट्रेनिन्ग पर ।रोज रात को पब जाते थे अॅज अ गलफ्रेन्ड बाॅयफ्रेन्ड।आगे पिछे से सब कुछ कर चुका हु ।
मै- तेरी तो जन्नत है।यार पर ये कैसे पाॅसीबल हुवा।
सन्जीव-अगर सही ट्राय किया जाए तो कुछ भी पाॅसीबल है लाइफ मे।
मै- हा यार कहने को क्या जाता है ।हमारी वाली तो कभी पटती भी नही और भाव भी नही देती।
सन्जीव- हा पर ट्राय करने को क्या जाता है।और मेरी एक बात तो मेरे से चुदी हुई कोई भी लडकी मान ही लेगी।
मै- क्या ।
सन्जीव - मै लडकीका पुरा सॅटीस्फेक्शन हुवे बिना वहा से हटता नही हु।
मै- यार मैने भी थोडी लडकिया नही चोदी है मुझे सिखा रहा है तु।
सन्जीव- पर अपने सगे बहन को उसके मर्जी से चोदने जितना सुख इस दुनिया मे और नही है।
मै- मेरी भी है बहन मै ट्राय करु क्या ।
सन्जीव - करके देख ना।अगर कही अटक गया तो मै हेल्प कर सकता हु।
मै - ठिक है बाद मे देख लेन्गे।अभी मूझे तेरे और तेरे बहनो के सेक्स विडीयोज दिखा।
सन्जीव ने हा ना करते हुए मुझे विडीयोज दिखाए ।कुल 10-12 विडीयोज थे सन्जीव तो एथलेटीक था ही उसकी बहने किसी आयटम से कम नही थी।बहुत मजा आया उस दिन ।