[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]अब रूम मे बैठने के बाद अशोक ज्योती अपने कपड़े खोल लो विजय भी आ रहा है दीदी बोली पहले आने दो तब ही और चेहरे पर स्टॉल बांध ली[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]अशोक अरे ये किस लिए किया ज्योती ? दीदी बोली अब जब आ ही रहा है तो उसे भी कुछ सस्पेंस रहने दो आप। [/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]तभी गेट नाक हुआ तो अशोक अंकल दीदी के पास बैठ कर मुझे बोले बेटा थोरा गेट खोल दो विजय होगा। [/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]मैं जा कर रूम का गेट खोला तो विजय चाचा खरे थे अब वो मुझे देख कर घबरा गये क्योंकि उनका बेटा सोहन हमारे साथ ही पढता था और जा पहचान भी थी अरे बेटा तुम अशोक कहाँ है? [/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]तभी अशोक अंकल बोले अरे आ न यार तुझे बोला था ना की आज मस्त माल मिला है तु अंदर आ पहले रानु की टेंशन छोर बहुत मजा आयगा आज। [/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]अब विजय चाचा और मैं एक दूसरे का मुह देख रहे थे और फिर हम गेट लॉक कर के अंदर आ गए। [/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]अब धीरे से विजय चचा मेरी तरफ देख कर दीदी की ओर देखे और अशोक अंकल की तरफ देखे जो दीदी के साथ बैठ कर दीदी की चुचियो पर हाँथ से मसल रहे थे कपड़े के उपर से ही और दीदी उनका हाँथ हटा रही थी। वो बोले रानु तुम यहाँ [/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]तो अशोक अंकल बोले हां भाई आज इसकी ही माल है बच्चा गिरवाने आये थे तो मेरे फीस माफ कर देने के बदले फीस उपर देने आ गए क्या रानु सही कहा ना बोलो[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]तो विजय चचा बोले क्या यार तु भी मोहल्ले का बच्चा है मुझे क्यों बुला लिए[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]अशोक वाह दोस्त तेरे मोहल्ले का है तो शर्मा रहा है और जब इसकी दीदी को देख कर चुदाई की बात करते थे तब तो कुछ नही बोलते थे 11 साल हो गये दोस्त अब तो इसकी दीदी भी पूरी मस्त हो गयी हो गयी होगी ना देखा कभी की नही ज्योती को और दीदी की चुचियो को जोर से मसल दिये[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]दीदी आह ह ह ह ह श श श कर पुरा सिसिया गयी[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]और विजय चचा पुरा घबरा गये अरे रे क्या बोल रहा है तु यार मेरे मुह को देखते हुए[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]अशोक अरे तु रानु की बात छोर ना टेंशन मत ले इसकी क्यों रानु तेरी दीदी की बात करने मे तुझे कोई परेशानी नही ना है और फिर दीदी की चुचियो को मसल दिये जोर से [/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]दीदी ई ई ई ई अाह्ह्ह् कर के रह गयी [/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]मैं ना मे सर हिलाया हमलोग तो पहले से ही खेल रहे थे[/font]
अशोक अरे खुल के बोल न सर सिर्फ क्यों हिला रहा
मैं बोला मुझे कोई परेशानी नही है आप लोगो से जो बात करना है कीजिये
विजय चचा मेरा मुह देखने लगे तो अशोक अंकल बोले बोल न यार अब तो कोई बात नही है तो विजय चचा बोले सोहन से कुछ नही बोलना बेटा प्लीज हम लोग बहुत पुराने दोस्त है यहाँ बहुत बार आते हैं
तभी अशोक चचा बोले अरे ये कुछ नही बोले गा बहनचोद इसकी चिन्ता छोर तु बता देखा इधर इसकी दीदी को
विजय अरे यार बहुत मस्त हो गयी है ज्योती बहुत बार देखा है यार पूरी गदरा गयी है बचपन मे कली थी अब पूरी फूल बन गयी है अभी एक हफ्ते पहले ही आई थी ब्रा लेने साली 36D पहन रही है पैंटी भी 38 मांगी मन तो आया बोलू लाओ पहना ही देता हू पर साली को बोल नही पाया। रानु तुम गलत मत समझना बेटा तुम्हारी दीदी सच मे बहुत मस्त है
अशोक अच्छा साले दीदी की जांघ मसलते हुए ये माल कैसी लग रही
विजय फिगर से तो ज्योती के जैसे ही लग रही है यार पर रानु के साथ थोरि होगी न। क्यों रानु किसी प्रेग्नेंट कर दिया यार है पर ये भी मस्त पर ज्योती होती तो मजा ही आ जाता भाई उसकी गाँड़ चोदने मे बहुत मजा है भाई काश आज ज्योती होती तो फूल मजा आ जायेगा।
अशोक साले सोच की अगर ज्योती ही यहाँ हो तो भाई
विजय तो अब तो रानु के सामने ही उसकी दीदी की चुदाई करेंगे। क्या रानु तुझे कैसा लगेगा अपनी दीदी के साथ हमे देख कर
इतने मे दीदी स्टॉल खोल कर बोली