दीदी को चुदवाया - Page 10 - SexBaba
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दीदी को चुदवाया

Gandkadeewana said:
Ranu said:
Gandkadeewana said:
Ranu said:
Gandkadeewana said:
Tumhe bhi mja aa gya hoga didi ka rap dekh k

Bhai mast maja aaya tha mai bhi sath me liya
Kitno ne ragda sath me didi ko

,6 लोग थे वो सोच रहे होंगे की आज तो अपनी लॉटरी लग गयी है पर लॉटरी तो दीदी की लगी थी नया टाइप का मजा ले लिया खुले में.
Didi ko to mja hi aa gya hoga.. Naye lund le k

दीदी को लंड तो हर समय मिलता रहता है जो उसकी प्यास बुझाते रहता है
 
Ranu said:
Gandkadeewana said:
Ranu said:
Gandkadeewana said:
Ranu said:
Bhai mast maja aaya tha mai bhi sath me liya
Kitno ne ragda sath me didi ko

,6 लोग थे वो सोच रहे होंगे की आज तो अपनी लॉटरी लग गयी है पर लॉटरी तो दीदी की लगी थी नया टाइप का मजा ले लिया खुले में.
Didi ko to mja hi aa gya hoga.. Naye lund le k

दीदी को लंड तो हर समय मिलता रहता है जो उसकी प्यास बुझाते रहता है
आपलोगो को दीदी की चुदाई कैसी लगी बताये. दीदी की सादी होने वाली है लड़का पसंद हो चुका है अब आगे क्या होगा.
 
सोर्री दोस्तो काफी टाइम बाद आया असल मे दीदी की शादी होने वाली थी जनवरी मे पर शादी टूट गयी। उससे कोई फर्क ना दीदी को है न मुझे दीदी को होने वाले जीजा मे मजा नही आ रहा था जीजा सिर्फ अपने काम से मतलब रखने वाले थे। जायदा समय अपने काम पर ही देते थे सिर्फ बोरिंग बात करता था। ओल्ड फैशन वाले अब हमलोग फिर से उप डेट रहेंगे।
 
हाँ तो दोस्तो आप सब बोलो दीदी की चुदाई की बात किस जगह से शुरू करू क्योंकि अब बहुत बाते हो चुकी है मतलब दीदी की डबू के दोस्तो से भी चुदाई हो गयी और अंजान लोगो के साथ भी प्रेगनेट भी हमलोग किये दीदी के दूध पीने के लिए पर चार महीने के बाद बच्चा गिरवाना भी परा क्योंकि दीदी  का पेट उभर गया था। तो बदनामी हो सकती थी। तो बच्चा गिरवा दिया। दूध का मजा दीदी का नही ले पाए हमलोग कुछ उमीद दीदी की शादी से थी की शादी के बाद प्रेगनेट हुई तो बच्चा होगा हीे पर शादी नही होने से वो भी नही हो पाया। 

दीदी का बच्चा गिरवाने मै ही साथ गया था तो नर्शिंग होम के कंपाउंडर को भी खुश करना परा। वो तो हम दोनो को देख कर ही पहचान गया था की हम शर्मा जी के बच्चे है दोनो। पर वहाँ हम बिहेव कप्लेस वाले कर रह थे  तो पैसा जमा करने के बाद हमे बोल दिया की ड्रामा मत करो बच्चो मै तुम्हारे  घर के बारे मे अच्छे से जानता हू। हमलोग तो शौकड हो गये थे

अब आगे 
कंपाउंडर जिसका नाम अशोक एज 50 होगा
अशोक  दीदी को घूरते हुए बोला की सच बोलो तुम दोनो क्या मैटर है

दीदी कुछ नही मेरे बि फ का ये बच्चा है पर भाई को पता चला तो वो मना कर रहा है की ये गलत है मत करो ये सब

अशोक बेटी मुझे इतना बुधु मत समझो यहाँ रोज यही सब आते है पर जितनी आसानी से सारे कंपिलकेशन तुम्हारा भाई मुझे बता रहा है वो कोई बि फ या पति ही अपनी पत्नी या जी फ की समझता है। अब आगे बोलो की बच्चा तो मै गिरा दूंगा पर तुम्हारे पापा को भी खबर कर देता हु की ज्योति भाई के साथ आई है बच्चा गिरवाने 
दीदी और मै दोनो एक साथ बोले नही ये क्या बात हुई आप जितना पैसा बोले हमलोग दिये ही  16000 ₹ अब ये क्या बात है की आप पापा से बात करेंगे

अशोक बेटा अब 50000 ₹ और लूंगा तुम लोगो से ये बात छुपाने के लिए की तुम लोगो भाई बहन हो कर चुदाई करते हो और बहन को प्रेग्नेंट कर दिये। हाहाहा बहनचोदो

दीदी मेरी तरफ देखी और बोली की चलो भाई अब यहाँ कुछ नही करना पैसे वापस करो हमारे 

अशोक दीदी के हांथ पकरते हुए जायदा तेज मत बनो लरकी सारा इज्जत चला जायेगा तुम्हारा 

दीदी भी गुस्से से बोली तो मै 50000₹ कहाँ से लाऊं अब जो होना था वो तो हो गया बहुतो से ऐसी गलती होती है आप ही बोलो आप तो मजबूरी का गलत फायदा उठा रहे  हो हमारा फिर मै बोला अंकल आप कुछ हमारी मजबूरी को समझो इतने पैसे नही हैं हमारे पास प्लीज 
अशोक दीदी को उपर से नीचे देखते हुए पैसे नही है तो भी इतनी अकर रही है तुम्हारी बहन बरी बहन है क्या ये 
मै बोला हाँ दीदी ही है 
अशोक छोटी बहन होती तो भाई चड गया हो सकता था पर ये बरी बहन होकर कैसे मानी भाई आग बहुत है क्या ऐसे गर्म भी बहुत लगती है तुम्हारी दीदी कितना जल्दी गुस्सा हो गयी अच्छा ये बताओ की मनाया कैसे यार ऐसी गदाराइ  माल को   ओह दीदी को बि एफ सच मे है की तुम ही सारा माल खा रहे हो
दीदी छि किस तरह की बात करते है आप इतने बड़े होकर भी
मै भी बोल क्या चचा आप ऐसे बोल रहे है
 
अशोक अरे यार मेरे से क्या घबरा रहे हो तुम लोग पर ज्योति है सच मे बहुत गदराइ हुई ऐसी लड़की को देख कर  अपना भी मन होता है चोदने का तुझे तो बहुत मजा आता होगा ज्योति को चोदने मे खुश कर देती होगी न इसकी चुचीया तो पूरे मस्त है भाई तुझे तो तेरी दीदी बहुत पटखा मिली है बहुत दिन से तेरी बहन पर मेरी भी नजर थी ।  पर शर्मा जी को देख कर कुछ बोल नही पाता था पर इसकी जवानी यार पागल किये हुए थी। एक काम करो तुम लोगो के सारे पैसे मैं छोर देता हूँ पर ज्योती मेरे साथ भी सो जाय तो सोच लो तुम लोग तुम्हे कितना फायदा होगा दीदी की चुचीयो को सहलाते हुए कहा। 

अब इधर दीदी और मेरी नजर आपस मे मिले तो मुस्करा दिये हमलोग दोनो
मैं बोला चचा सारे लोगो से आप ऐसे ही बात करते हो क्या 
अशोक अरे यार तुम लोग सोच लो मैं बाहर से होकर आता हूं जबतक और वो दीदी की चुचीयो को सहला कर बाहर चले गए

अब दीदी क्या भाई कहाँ तु ले कर आ गया कितना अच्छा मैं दवा ले रही थी पर तुझे तो मेरा दूध ही पीना है 
अब ये नया मुसीबत इनके साथ भी करू और साला ये पापा को भी जनता है कही तेरा ही कोई प्लान तो नही इसके साथ भी करवाने का 
मै नही दी मुझे क्या पता आपके कितने आशिक है जो आपको चोदने के लिए मरे है जिसको देखो आपको चोदने के चकर मे है और बच्चा भी कोई मेरा अकेले का थोरे है आपको न पता होगा कितने लंड आपने लिए है
 
अशोक अरे यार मेरे से क्या घबरा रहे हो तुम लोग पर ज्योति है सच मे बहुत गदराइ हुई ऐसी लड़की को देख कर  अपना भी मन होता है चोदने का तुझे तो बहुत मजा आता होगा ज्योति को चोदने मे खुश कर देती होगी न इसकी चुचीया तो पूरे मस्त है भाई तुझे तो तेरी दीदी बहुत पटखा मिली है बहुत दिन से तेरी बहन पर मेरी भी नजर थी ।  पर शर्मा जी को देख कर कुछ बोल नही पाता था पर इसकी जवानी यार पागल किये हुए थी। एक काम करो तुम लोगो के सारे पैसे मैं छोर देता हूँ पर ज्योती मेरे साथ भी सो जाय तो सोच लो तुम लोग तुम्हे कितना फायदा होगा दीदी की चुचीयो को सहलाते हुए कहा। 

अब इधर दीदी और मेरी नजर आपस मे मिले तो मुस्करा दिये हमलोग दोनो
मैं बोला चचा सारे लोगो से आप ऐसे ही बात करते हो क्या 
अशोक अरे यार तुम लोग सोच लो मैं बाहर से होकर आता हूं जबतक और वो दीदी की चुचीयो को सहला कर बाहर चले गए

अब दीदी क्या भाई कहाँ तु ले कर आ गया कितना अच्छा मैं दवा ले रही थी पर तुझे तो मेरा दूध ही पीना है 
अब ये नया मुसीबत इनके साथ भी करू और साला ये पापा को भी जनता है कही तेरा ही कोई प्लान तो नही इसके साथ भी करवाने का 
मै नही दी मुझे क्या पता आपके कितने आशिक है जो आपको चोदने के लिए मरे है जिसको देखो आपको चोदने के चकर मे है और बच्चा भी कोई मेरा अकेले का थोरे है आपको न पता होगा कितने लंड आपने लिए है
 भाई वो बात नही है मामा के साथ भी गयी तो उनके दोस्त भी चोदे थे अब ये भी वही बात कर रहा है पहले समझ तो लू कौन है क्या है ऐसे यार मजा तो आयगा ही बस पता कर लू 
Hmmm दीदी गजब की रंडी बन रही हो आप लेकिन जहाँ देखा अपना जुगार फिट 
दीदी अरे भाई 66000₹ की बात है छोर थोरा बूढ़े को भी मजा दे देती हु ऐसे भी जहाँ जाऊंगी पैसे लगने है मामा को भी बता नही सकती तेरे वजह से। और डबू ये सब के साथ कही जाने लायक नही है एकदम रोड छाप लगता है 
वाह दीदी लंड लेने टाइम तो पुरा कुद जाती हो उसपर और कही जाने मे शर्म आती है तुम्हे वाह नौटकी 
अरे भाई तु बोल कही जाता है उसके साथ तु गवार टाइप है की नही और मजा लेना अलग बात है साला चोदने टाइम तो पर नस ढीला कर देते है वो सब बहुत मजा आता है पर रूम के अंदर ही न उनकी पसीने की बदबु भी इस लिए लेती हु की शरीर को पुरा ढीला कर देते है वो सब और बोल कुछ भी काम करा लो न की पैसे न कभी ना तो वो सब वही सब जगह सही हैं बाकी का मेरा भाई सुपर हीरो है न और आज यहाँ मै उन सब मे से किसी के साथ भी आती तो ये पहचान ही लेता तब तो और बदनामी थी चल छोर थोरा कुछ बात कर के पूछ लो सिर्फ ऐसे भी चौथा महिना है आराम से दोनो का ले लुंगी तो सिर्फ पता कर ले बाद का कोई मैटर न हो बस।
 
तभी अशोक चचा भी कैबिन मे आ गय हाँ तो बच्चो क्या सोचा तुमने? 
मै अंकल कैसे ये सब हो गया सौरी बहुत बरी गलती हो गयी हमसे

अशोक अरे यार छोरो ये सब अब आगे बताओ क्या करना है? 

मै अच्छा अंकल एक बात पूछूँ

अशोक हाँ हां पूछो

मैं आप हमे जानते कैसे है 

अशोक देखो यार तुम्हारी दीदी ज्योती पर मेरी भी नजर थी तुम लोगो ने शायद मुझे पहचाना नही। तुम्हारे घर के दो मकान बाद ही मेरा घर था और शाम को तुम्हारी दीदी जब नायटी जब अपनी जवानी दिखा रही होती थी तो मै और सामने खैनी वाला दुकानदार विजय तुम्हारी दीदी को देख कर चोदने की बात करते थे। कुछ याद आया ज्योती तुम्हे? 


दीदी अरे चचा वो वो आप ही थे न जब हम लोग बाहर होते थे तब गंदे गंदे इशारे करते थे। 

अशोक हाँ यार मैं और विजय तुम्हारी चुदाई के बारे मे बात कर के तुम्हे इशारे करते थे पर तुम सिर्फ देख कर मुस्कराती थी और कुछ बोलती ही नही थी और हालोग तुम्हारे पाप शर्मा जी के चलते कुछ कर नही पाते थे। और आज तो यहाँ किस्मत मे खजाना ही मिल गया तुम दोनो को देख कर पहले तो मुझे लगा की तुम्हारा भाई तुम्हारी हेल्प के लिए आया है पर तुम लोगो की बात सुनी तो समझ गया की कुछ मामला तुम लोगो का ही है। अब ज्योती आगे बोलो क्या करना है विजय की दुकान तो वही है न बोलो 

मैं बोला नही उनका दुकान अब हमारे कॉलोनी मे नही है अब वो C कॉलोनी मे कपड़े की दुकान खोल लिए है मुझसे बात होती है उनकी
दीदी की तरफ आँख मार कर क्या करे? 
दीदी इशारे मे की चलने दो बात 

अशोक तो भी तुम्हारे घर तक तो जा ही सकता है न वो 

दीदी तो उसकी क्या बात आप हमारी हेल्प कीजिये न प्लीज अँक्ल ये बात बाहर मत कीजिये न आपको क्या फायदा होगा इसका बोलिए
देखिये हमारे पास पैसे भी नही है जायदा

अशोक अरे ज्योती यहाँ पैसे की क्या जरूरत तुम बस हाँ कर दो सब हो जायेगा तुम भी मेरी बात समझ ही रही हो सब मैने बोल ही दिया है चार महीने मे कुछ होगा नही आराम से हमलोग कर लेंगे

दीदी हमलोग मतलब

अशोक अरे मैं और विजय


दीदी और मैं चौकते हुए क्या विजय अंकल भी नही ये नही
अशोक अरे जायदा तेज मत बनो मैं विजय को सब बता दिया है वो भी अब आ ही जायेगा थोरि देर मे ऐसे भी हमने बहुत लरकियों को यहाँ चोद दिया है और मुझे तुम लोगो को देख कर ही लग रहा था की आज फिर मुर्गी कटेगी क्यों ज्योती क्या करना है बोलो ऐसे भी अब बहुत भाई बहन आते है यहाँ जो शर्म से कुछ बोलते नही तुम्हारा कोई नया नही है
 
मैं अंकल बाद मे  तो कुछ नही न होगा

अरे वो तो तुम्हारी दीदी के उपर है मन करेगा तो आ जायेगी
 
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]मैं अंकल बाद मे  तो कुछ नही न होगा[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]अरे वो तो तुम्हारी दीदी के उपर है मन करेगा तो आ जायेगी[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]दीदी अरे अंकल वो बात नही आगे फिर आप नही ना कुछ किसी को बोलो गे हमारी बहुत बदनामी हो जायेगी प्लीज अंकल ऐसे भी हम बहुत मुसीबत मे है पहले से उपर से आप भी [/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]अशोक अरे ज्योती तुम टेंशन क्यों ले रही हो मेरा उपर ही रूम भी है और जगह बहुत सेफ है एक बार सिर्फ हमे खुश कर दो फिर तो तुम्हारा पैसा भी माफ और काम भी हो जायेगा। पर ज्योती और रानु तुम दोनो एक बात बताओ यार ये तुम्हारी गाँड़ इतनी बड़ी कैसे हो गयी सच बतना सिर्फ रानु ही है या कोई बि एफ भी है तुम्हारा क्योंकि सिर्फ रानु के लंड से तुम्हारी गाँड़ इतनी बड़ी नही होगी। चलो उपर मेरे रूम मे ही चलो वही बात करते है आओ दोनो साथ मेरे[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]मैं दीदी से चलो दीदी अब क्या करना है उपर ही चलते है अंकल के रूम मे[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]अशोक अरे तुम क्यों जा रहे हो तुम यही रहो सिर्फ ज्योती चली जायेगी तुम वहाँ क्या करोगे[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]दीदी नही अंकल रानु साथ रहेगा ऐसे भी आप कौन सा बात छुपा रहे हो  हमसे ये भी वही रहेगा और उसके बाद आप मेरे बच्चे की सफाई वाला काम करोगे। [/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]अशोक हाँ यार वो तो मेरा काम है ही पर पहले खुश तो कर दो हमे चलो उपर आज तो जम कर चोदना है तुम्हे बरसो की तमन्ना आज पूरी हो जायेगी और यार सबसे बड़ी मजे की बात तुम्हारा भाई भी साथ होगा और लोग तो नही जाते थे अपनी बहन की चुदाई देखने पर तुम दोनो भाई बहन मे प्यार जायदा है चलो अब जल्दी लंड खरा है यार तुम्हारी चूत का सोच सोच कर । अब चलो[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]दीदी चलो रानु  भाई अब इनकी ठरक भी सांत कर दु[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]आँख मारते हुए। [/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]हमलोग जैसे ही केबिन से बाहर हुए तो अशोक अंकल दीदी के पास आकर दीदी की गाँड़ मसलते हुए बोले आज तो पुरा खा जाऊंगा तुम्हारी गाँड़ दीदी बोली अब उपर चलना है या यही शुरू कर दे [/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]तभी एक और कंपाउंडर पास आकर बोला क्या हुआ अशोक सर इनका काम[/font]
अशोक अरे यार अपनी जान पहचान के है तो बाहर चाय पीने जा रहे है और आगे बढ़ गय

नर्सिंग होम के बाहर से उसके रूम का रास्ता था तो हालोग उपर आये अशोक के रूम कोई जायदा बरा नही था जगह जगह सराब की खाली बोतल और एकदम बेकार का स्मेल
दीदी बोली रूम कितना गंदा है यार  अशोक बोला कौन सा तुम्हे रोज सोना है और काम इतना होता है की समय नही मिलता सफाई का अब चलो जल्दी काम करते है


दी हाँ चलो आप ही पहले रानु तुम भी अंदर ही चलो 

उतने मे उसका फोन भी बजा तो देखा तो बोला विजय भी आ गया है और फोन उठा कर बोला उपर ही आ जा रूम मे समान सब लाया है ना हाँ उपर ही आ जा मस्त मजा आ जायेगा आ जल्दी
अब रूम मे बैठने के बाद अशोक ज्योती अपने कपड़े खोल लो विजय भी आ रहा है  दीदी बोली पहले आने दो तब ही और चेहरे पर स्टॉल बांध ली
 
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]अब रूम मे बैठने के बाद अशोक ज्योती अपने कपड़े खोल लो विजय भी आ रहा है  दीदी बोली पहले आने दो तब ही और चेहरे पर स्टॉल बांध ली[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]अशोक अरे ये किस लिए किया ज्योती ? दीदी बोली अब जब आ ही रहा है तो उसे भी कुछ सस्पेंस रहने दो आप। [/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]तभी गेट नाक हुआ तो अशोक अंकल दीदी के पास बैठ कर मुझे बोले बेटा थोरा गेट खोल दो विजय होगा। [/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]मैं जा कर रूम का गेट खोला तो विजय चाचा खरे थे अब वो मुझे देख कर घबरा गये क्योंकि उनका बेटा सोहन हमारे साथ ही पढता था और जा पहचान भी थी अरे बेटा तुम अशोक कहाँ है? [/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]तभी अशोक अंकल बोले अरे आ न यार तुझे बोला था ना की आज मस्त माल मिला है तु अंदर आ पहले रानु की टेंशन छोर बहुत मजा आयगा आज। [/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]अब विजय चाचा और मैं एक दूसरे का मुह देख रहे थे और फिर हम गेट लॉक कर के अंदर आ गए। [/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]अब धीरे से विजय चचा मेरी तरफ देख कर दीदी की ओर देखे और अशोक अंकल की तरफ देखे जो दीदी के साथ बैठ कर दीदी की चुचियो पर हाँथ से मसल रहे थे कपड़े के उपर से ही और दीदी उनका हाँथ हटा रही थी। वो बोले रानु तुम यहाँ [/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]तो अशोक अंकल बोले हां भाई आज इसकी ही माल है बच्चा गिरवाने आये थे तो मेरे फीस माफ कर देने के बदले फीस उपर देने आ गए क्या रानु सही कहा ना बोलो[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]तो विजय चचा बोले क्या यार तु भी मोहल्ले का बच्चा है मुझे क्यों बुला लिए[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]अशोक वाह दोस्त तेरे मोहल्ले का है तो शर्मा रहा है और जब इसकी दीदी को देख कर चुदाई की बात करते थे तब तो कुछ नही बोलते थे 11 साल हो गये दोस्त अब तो इसकी दीदी भी पूरी मस्त हो गयी हो गयी होगी ना देखा कभी की नही ज्योती को और दीदी की चुचियो को जोर से मसल दिये[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]दीदी आह ह ह ह ह श श श कर पुरा सिसिया गयी[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]और विजय चचा पुरा घबरा गये अरे रे क्या बोल रहा है तु यार मेरे मुह को देखते हुए[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]अशोक अरे तु रानु की बात छोर ना टेंशन मत ले इसकी क्यों रानु तेरी दीदी की बात करने मे तुझे कोई परेशानी नही ना है और फिर दीदी की चुचियो को मसल दिये जोर से [/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]दीदी ई ई ई ई अाह्ह्ह् कर के रह गयी [/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]मैं ना मे सर हिलाया हमलोग तो पहले से ही खेल रहे थे[/font]
अशोक अरे खुल के बोल न सर सिर्फ क्यों हिला रहा
मैं बोला मुझे कोई परेशानी नही है आप लोगो से जो बात करना है कीजिये

विजय चचा मेरा मुह देखने लगे तो अशोक अंकल बोले बोल न यार अब तो कोई बात नही है तो विजय चचा बोले सोहन से कुछ नही बोलना बेटा प्लीज हम लोग बहुत पुराने दोस्त है यहाँ बहुत बार आते हैं
तभी अशोक चचा बोले अरे ये कुछ नही बोले गा बहनचोद इसकी चिन्ता छोर  तु बता देखा इधर इसकी दीदी को 
विजय अरे यार बहुत मस्त हो गयी है ज्योती बहुत बार देखा है यार पूरी गदरा गयी है बचपन मे कली थी अब पूरी फूल बन गयी है अभी एक हफ्ते पहले ही आई थी ब्रा लेने साली 36D पहन रही है पैंटी भी 38 मांगी मन तो आया बोलू लाओ पहना ही देता हू पर साली को बोल नही पाया। रानु तुम गलत मत समझना बेटा तुम्हारी दीदी सच मे बहुत मस्त है
अशोक अच्छा साले दीदी की जांघ मसलते हुए ये माल कैसी लग रही 
विजय फिगर से तो ज्योती के जैसे ही लग रही है यार पर रानु के साथ थोरि होगी न। क्यों रानु किसी प्रेग्नेंट कर दिया यार है पर ये भी मस्त पर ज्योती होती तो मजा ही आ जाता भाई उसकी गाँड़ चोदने मे बहुत मजा है भाई काश आज ज्योती होती तो फूल मजा आ जायेगा। 
अशोक साले सोच की अगर ज्योती ही यहाँ हो तो भाई
विजय तो अब तो रानु के सामने ही उसकी दीदी की चुदाई करेंगे। क्या रानु तुझे कैसा लगेगा अपनी दीदी के साथ हमे देख कर
इतने मे दीदी स्टॉल खोल कर बोली
 
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif][size=x-small]इतने मे दीदी स्टॉल खोल कर बोली

[/font][/size]
मैं शुरू से ही आप लोगो के इशारे को देख चुकी हू की आप लोग किस तरह की बात सोचते थे मेरे बारे मे मेरे स्कूल के लिए ही घर से निकलते समय मेरा पहला ध्यान आप के ही दुकान पर जाता था की रात को कैसे कैसे ये इशारे करता है। 
विजय चचा की तो गाँड़ ही फट गयी दीदी को सामने देख कर और उपर से दीदी के मुह से निकली बात तो रही सही हिम्मत को दो मिनट के लिए गायब ही कर दिया क्या बोले क्या हुआ
अब मैं ही बोला क्या हुआ चचा अब बोलो
विजय अरे ज्योती मै तो रानु को देखा तो बोल रहा था ऐसा नही है बेटा वो तो वो तो
इतने मे अशोक बोले अरे बोल ना बे गांडू क्या वो वो कर रहा है आज ज्योती को ही चोदना है हमलोगो को और ये हमलोग को मना भी नही करेगी रानी क्यों ज्योती
दीदी अरे अब मना क्या करना है अपना भी तो काम है उसको आप को करना है
विजय मतलब थोरा सांस लेते हुए
अशोक अरे या ज्योती प्रेग्नेंट है और इसकी सफाई करनी है पर साले ये ज्योती से पूछ न की बच्चा किसका ली है 
जबतक दीदी विजय चचा के साथ सट कर बैठ गयी और उनके कंधो पर अपना हाँथ रखते हुए बोली क्यों चचा ब्रा लेने जाती हू आपके पास तो आपको पहननाने का मन करता है ना और मेरा आज ब्रा खोलने आ गए है आप बताइए
अब विजय चचा भी दीदी से सट कर ग्रम हो रहे थे ठरकी टाइप  आह् ज्योती सच मे जब तुम दुकान मे आती हो तो हफ्ते भर तुमको ही सोच कर बीवी की चुदाई करता हू उफ तुम्हारी गाँड़ यार 15 साल से तुम्हारी जवानी देख रहा हू गजब हो तुम दीदी की गाँड़ को दबोचते हू। दीदी आह ह ह ह ह हल्के कीजिये
अब अशोक चचा भी दीदी से सट कर बैठ गये बेड पर और एक हाँथ से दीदी के चुचियो को मसलने लगे और  दूसरे से दीदी की चेहरा को अपनी तरफ घुमा कर चाटने लगे उन सब ठरकियों को ये भी नही फर्क पर रहा की जिस लरकियों की चुदाई कर रहे है उसका भाई भी सामने बैठा है उन्हे देख रहा है
दूसरी तरफ दीदी भी अपनी रंडी वाली हरकत शुरू कर दी अपनी एक हाथ से विजय चचा की लंड की मोटाई लम्बाई नापने लगी कपड़े के उपर से और दूसरे हाँथ से अशोक चचा के सर को पकर कर किस कर रही थी। उसको तो कभी सोचना ही नही परता है की भाई भी है सामने गजब सा माहौल बना हुआ था रूम मे मैं अपने लंड को उड्जस्ट् करने मे लगा था की कुछ बात निकले तो मैं भी खुल के शमिल हो जाऊँ इसमे दीदी को जवान लंड तो खूब खिलवाया हु और मामा के साथ चुदाई भी खूब देखी पर आज सामने मे मोहल्ले के ही दोस्त के पापा और उनके दोस्त जो बचपन से ही दीदी को खाने के चक्कर मे थे उनके साथ का भी मजा मैं और दीदी दोनो ले रहे थे और दोनो चाचाओ की तो किस्मत ही खुल गयी थी मेरी वजह से दीदी को दूध के चक्कर मे ना प्रेग्नेंट करता ना आज ये सीन होता। 
खैर मजे तो थे ही 

अब इधर अशोक चचा ने दीदी की शर्ट के बटन खोलना शुरू किया और विजय चचा नीचे घिसक् कर दीदी के पीठ को चाट रहे थे। 

फिर अशोक चचा खरे हुए और विजय से बोले अरे गांडू सिर्फ गाँड़ ही चाटेगा की थोरा पहले मूड बनाना है  माल लाया है ना निकाल पैग बना

विजय अरे यार तु भूल गया साली की गाँड़ याद है ना तुझे जब हमलोगो ने ज्योती को मुतते देखा था उस दिन से मेरा लौरा इसकी गाँड़ के लिए पागल है
दीदी थोरा हट के मुझे आप लोगो ने पेशाब करते कब देखा 

अब विजय चचा बोले ज्योती याद है तुम्हे जब तुम स्कूल से घर आती थी तो घर मे सीधे जा कर पहले पेशाब करती थी 

दीदी हाँ तो आप ने कहा से देख लिया

विजय अरे यार रात को जब नाएटी मे जब तुम्हारी मोती मोटी गोरी जांघ पैर देखता था तो हमे लगता था की तुम जान बुझ कर हमे दिखाती हो तो मैं भी इसी चक्कर में रहता था की कब मौका मिले और अपना लंड तुम्हारी चूत मे डाल दु। और तुम्हारी स्कूल से आने के वक़्त का इंतेजार करता था की उस टाइम दादी भी मंदिर और रानु भी घर मे नही होता है तुमसे बात कर लू अकेले मे। तो स्कूल से आने का इंतेजार करता था मैं भी अशोक भी और एक दिन जब तुम आई स्कूल से तो हम दोनो अगल बगल देख कर सीधे तुम्हारी पीछे गए तो तुम बैग बाहर रख कर बाथरूम मे घुसी गेट खुला छोर के और जैसे ही अपनी स्कर्ट उपर कर के अपनी गांड नीचे की हमलोग तो सोचे की आज पकर ही लेते है तुम्हारी मुतने की आवाज और गर्म कर रही तभी तुम्हारी दादी की आवाज आ गई और हमलोग निकल गए। 

दीदी उफ्फ उस बोर्ड मे थी और आप लोग मुझे दो उंगली के बीच मे एक उंगली घुसा कर दिखाते थे और जिभ से चाटने का इशारा करते थे तो मै समझ जाती थी की आप लोग क्या कहना चाहते है और आपसे मजा लेती थी मुझे आपलोगो के हरकत अच्छी तरह से समझ आ जाता था पर आप लोग कितने बड़े होकर ऐसे करते थे सेम सेम
 
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