desiaks
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दरवाज़े की चौखट पर कदमो की आहट सुन मेघना ने अपना चेहरा उस ओर घुमाया, तो अनिकेत को वहाँ खड़ा पाया. हल्के से मुस्कुराकर मेघना ने अनिकेत को आँख मारी, और फिर वापस से अपने पति से लिपट गई !
अनिकेत वहाँ एक पल भी ना रुका.
जब अनिकेत घर के बाहरी दरवाज़े से बाहर जा रहा था, तब भी पीछे से बेडरूम में रोती सुबकती उसकी मेघना भाभी की आवाज़ उसे एकदम स्पष्ट सुनाई दे रही थी !!!
********** ------ **********
" मैं मुसीबत में हूँ अनिकेत... Please come see me !!! ".
उस दिन की शर्मनाक घटना के बाद अनिकेत करीब एक हफ्ते तक मेघना भाभी के घर नहीं गया, इनफैक्ट, उसके घर जाना तो अलग छोड़िये, वो खुद अपने घर से भी बाहर नहीं निकला था, और कॉलेज भी नहीं गया. उसे ये डर भी था की कहीं अभिषेक उनके घर ही ना आ जाये, उसके मम्मी पापा को उसकी घिनौनी करतूत बताने... पर ऐसा नहीं हुआ.
वैसे उस दिन के बाद दूसरे दिन ही उसे अचानक से मेघना का व्हाट्सप्प मैसेज आ गया था... " कैसे हो " " Are you ok " वगैरह वगैरह ! अनिकेत ने कोई उत्तर नहीं दिया तो हर रोज़ ढेरों मैसेज आने लगें. लेकिन अनिकेत ने अपनी तरफ से कोई भी जवाब नहीं लिख भेजा. उसे दो बातें खटक रहीं थीं - पहली, की मेघना भाभी इतना सब होने के बावजूद भी उसे कैसे मैसेज कर रही है, और दूसरी ये की, क्या पता उसका पति ही ये सारे मैसेज कर रहा हो, ये देखने के लिए की उस दिन के बाद से अनिकेत सुधर गया है, या फिर वापस से मेघना भाभी के पीछे पड़ने का विचार है !
आगे भी अनिकेत मेघना भाभी को इग्नोर ही करता रहता, अगर आज उसे उसका ये मैसेज नहीं मिला होता -
" मैं मुसीबत में हूँ अनिकेत... Please come see me !!! ".
ऐसा क्या हो गया ???
मेघना भाभी ने ये मैसेज क्यूँ भेजा है ? मुसीबत में हूँ का क्या मतलब ? कहीं उसके सनकी पति ने उसके साथ कुछ ऐसा वैसा तो नहीं किया ?
अनिकेत के दिमाग़ में ऐसे कई सारे सवाल भभक रहें थें. उसकी दिक्कत ये थी की वो इस विषय में किसी की सलाह भी तो नहीं ले सकता था, अपने करीब से करीबी दोस्तों की भी नहीं ! उसने कांड ही ऐसा किया था. कुंवारी लड़की की बात होती तो चलो कोई नहीं, हर कोई समझता, पर एक शादीशुदा औरत के साथ नाजायज सम्बन्ध को वो किसी भी दृष्टिकोण से स्वाभाविक साबित नहीं कर सकता था, हर एक आदमी उसी को गलत ठहरायेगा !
ऐसे ही ग्लानि का कम बोझ था उसके सिर पर जो अब मेघना भाभी ने उसे ऐसा मैसेज भेंजकर उसकी परेशानी और बढ़ा दी ?
लेकिन वो इस मैसेज को इग्नोर भी तो नहीं कर सकता था ना. अगर मेघना भाभी सच में किसी बड़ी मुसीबत में फंस गई हो तो ???
" What happened ? " ये छोटा सा मैसेज अनिकेत ने भेजा, तो उधर से जवाब आया - " ऐसे नहीं बता सकती. कल दिन में 11 बजे घर आओ... प्लीज् अनिकेत... वेट करुँगी ".
मेघना भाभी प्रेग्नेंट हो गई है... पक्का !!!
पूरी रात अनिकेत करवट बदलता हुआ सोचता रहा. उसे यकीन हो चला था की यही बात होगी. और फिर उस दिन उसका Condom भी तो मेघना भाभी की चूत के अंदर ही फट गया था ! वीर्य बाहर गिराया तो क्या ?... अनिकेत ने इंटरनेट पर कहीं पढ़ा था - वीर्यपात की मात्र एक बूंद में भी करीब 1 से 2 मिलियन शुक्राणु होतें हैं !!!
रात को इसी उधेड़बुन में पड़े पड़े अनिकेत को कब नींद आ गई, पता ही ना चला. उसके मन में चिंता इतनी थी की थोड़ा सा आराम मिला तो वो गहरी नींद में सो गया और दूसरे दिन सीधे सुबह 10 बजे उठा. नींद खुलते ही उसने महसूस किया की तकिये के नीचे साइलेंट मोड में पड़ा उसका मोबाइल वाइब्रेट कर रहा है. मोबाइल उठाकर देखा तो मेघना का सुबह 7 बजे मैसेज आया हुआ था " आओगे ना अनिकेत ? ".
अब तो जाना ही पड़ेगा !!!
ज़ाहिर है मेघना ने उसे 11 बजे बुलाया था, जब उसका पति ऑफिस के लिए निकल चुका होता है !
नहा धोकर नाश्ता करके जल्दी से अनिकेत तैयार हो गया और एकदम सही समय पर घर से निकलकर मेघना भाभी के घर की ओर चल दिया. रास्ते में उसने एक बात सोच ली थी - इस बार बेवकूफ़ नहीं बनना है, अभिषेक भैया तो वहाँ होंगे नहीं, और अगर हुये भी तो और उन्होंने फिर से उसे तंग किया या पूछा की वो फिर से उनके घर में क्यूँ आया है, तो वो सीधे सीधे उसे मेघना भाभी का व्हाट्सप्प चैट दिखा देखा, और कहेगा की, देखिये अभि भैया, आपकी बीवी ने मुझे वापस से मैसेज करना शुरू किया था, मैंने नहीं ! पहले अपनी पत्नि पर अंकुश लगाइये, फिर मुझसे बात करिये. मैं तो सिर्फ देखने आया हूँ की मेघना भाभी किसी प्रॉब्लम में तो नहीं. ऐसा Urgent मैसेज मिलेगा तो कोई भी कैसे रुकेगा, बताइये ???
गराज पर एक तेज़ नज़र दौड़ाते हुये, जो की खाली था, अनिकेत मेघना भाभी के घर के दरवाज़े तक पहुँचा. दरवाज़ा पहले से ही खुला हुआ था, तो वो धड़ल्ले से अंदर घुस गया. ड्राइंग रूम खाली था, अनिकेत एक पल के लिए रुका. वो अभी मेघना भाभी को आवाज़ लगाने की सोच ही रहा था, की अंदर कमरे से मेघना ने पुकारा.
" बेडरूम में आ जाओ अनिकेत... ".
शायद उसके कदमो की आहट से मेघना ने समझ लिया होगा की वो आ चुका है, वो उसी की प्रतीक्षा जो कर रही थी.
तेज़ कदमो से अनिकेत ड्राइंग रूम के साथ साथ बाकि कमरों को भी पार करता हुआ बेडरूम की ओर बढ़ चला, लेकिन बेडरूम के दरवाज़े की चौखट पर आकर उसके कदम थम गएँ. पिछली बार की बातें सोचकर उसका दिल सहम सा उठा, ना जाने आज उस कमरे में उसे क्या देखने मिलेगा !
एक लंबी गहरी साँस लेकर उसने दरवाज़े पर झूलता पर्दा हटाया और कमरे के अंदर दाखिल हो गया.
" मुझे पता था तुम ज़रूर आओगे !!! ".
सामने पलंग पर मेघना आधी लेटी हुई थी.
अनिकेत का सारा उद्वेग, सारा कौतुहल मानो एक ही बार में शांत हो गया हो, रह गया था, तो सिर्फ गुस्सा !
" क्या हुआ आपको ? ". आश्चर्यचकित अनिकेत सख़्ती के साथ बोला . " आप तो ठीक हैं ! ".
" हाँ... मुझे क्या हुआ है ? ". मेघना ने मुस्कुराकर उल्टे प्रश्न किया.
अनिकेत ने ऐसे अपना सिर हिलाया जैसे की अब उसे सारा खेल समझ में आ रहा हो, और फिर बिना कुछ बोले कमरे से बाहर चला गया. मेघना ने उसे रोका नहीं, वो जानती थी की वो बाहर क्यूँ गया है ! बिस्तर पर लेटी पड़ी वो बस खुद में ही मुस्कुराती रही...
थोड़ी ही देर बाद अनिकेत जब वापस से कमरे में आया तो मेघना ने उसे देखते हुये पूछा.
" सारा घर छान मारा ? ".
अनिकेत चुप रहा.
" वो घर में नहीं हैं... ". मेघना आराम से बोली.
पिछली बार की दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद अब अनिकेत को किसी पर भी भरोसा नहीं रहा था, अपनी मेघना भाभी पर भी नहीं ! इसलिए वो बाहर निकलकर घर के बाकि कमरों में देख आया था की कहीं उसका पति छुपा हुआ तो नहीं है !!!
लेकिन अभिषेक आज सचमुच में घर पर नहीं था !
" शुरू से ही आप मुझसे झूठ बोलती रहीं भाभी... ". अनिकेत धीरे से बोला, ताकि उसका दबा हुआ गुस्सा फूटकर बाहर ना आ जाये. " अब ये कौन सा नाटक है ? ".
" क्यूँ ? क्या इलज़ाम लगा रहे हो मुझपे... क्या किया मैंने ? ". मेघना ने ऐसे पूछा मानो वो इस बात से अज्ञान हो की अनिकेत कहना क्या चाहता है.
" आपने कहा आप मुसीबत में हो... ".
" तुम्हें ख़ुशी नहीं मुझे सही सलामत देखकर ? ". मेघना ने मुँह बनाकर व्यंग्य किया.
अनिकेत चुप हो गया, तर्क करने का इस वक़्त उसका मूड भी नहीं था, और ऊपर से मेघना भाभी का ये मज़ाक, उसकी ये हरकतें, उसे बहुत इर्रिटेटिंग लग रहीं थीं.
मन ही मन मुस्कुराते हुये मेघना सामने खड़े अनिकेत की आँखों में गौर से देखती रही, उसे उसकी मन:स्थिति अच्छी तरह से समझ में आ रही थी. कुछ देर तक उसके चेहरे को पढ़ने का सफल प्रयास करने के बाद मेघना बिस्तर पर से उठ बैठी, और फिर पलंग से उतरकर छोटे छोटे क़दमों के साथ चलकर अनिकेत के सामने जा खड़ी हुई.
अत्यंत मादक परफ्यूम की सुगंध जब अनिकेत के नाक से होकर उसके ज़हन में समाई, तो एक पल के लिए वो अपनी सारी नाराज़गी भूल सा गया, बड़ी मुश्किल से उसने अपनी उद्वेलित भावनाओ को काबू में रखा, ताकि मेघना भाभी को पता ना चल जाये की वो कमज़ोर पड़ रहा है.
" तुम्हें पता है, औरत सबसे ज़्यादा कब सजती संवरती है ? ". अनिकेत के चेहरे के पास अपना चेहरा लेजाकर मेघना ने धीरे से पूछा.
सचमुच... आज मेघना भाभी बहुत ज़्यादा सजी धजी हुई थी. बेशकीमती सुंदर सी नीले रंग की साड़ी, मैचिंग कलर का ब्लाउज़, काले बालों का जूड़ा बनाये, नाक में छोटी सी चमकदार सोने की नथ, सोने की दो बालियां कानों में झूलती हुई, सिंधुर से भरी मांग और माथे पर बड़ी सी लाल बिंदिया - मेघना का ऐसा रूप अनिकेत ने पहले तो कभी नहीं देखा था !!!
अनिकेत का हाथ अपने हाथ में थामकर मेघना ने अपनी साड़ी का पल्लू थोड़ा सा हटाकर उसका हाथ अपने खुले पेट पर रख लिया. पहले तो अनिकेत ने अपने हाथ के अंगूठे से उसकी गहरी गोल नाभी को छुआ, मगर फिर जब देखा की मेघना उसकी आँखों में गंभीर होकर एकटक देखते हुये उसे कुछ संकेत देना चाहती है, तो उसका कलेजा बैठ गया !
" What ??? ". अविश्वसनीय नज़रों से एक बार मेघना का चेहरा और फिर उसका पेट देखते हुये अनिकेत बोल उठा.
" मैं प्रेग्नेंट हूँ अनिकेत !!! ". अनिकेत की आँखों में आँखे डालकर मेघना ने धीमी आवाज़ में कहा.
अनिकेत को लगा की वो वहीँ बेहोश होकर गिर पड़ेगा !
" ये तुम्हारा ही है... ". मेघना बोली. " हम दोनों का !!! ".
झट से मेघना के हाथ से अपनी कलाई खींचकर छुड़ाते हुये अनिकेत ने हाथ उसके पेट पर से हटा लिया.
" ये... ये... कैसे हो सकता है भाभी ? ". पूछने से अधिक मानो अनिकेत खुद को यकीन दिला रहा हो की ये सच नहीं है.
" उस दिन Condom फट गया था ना अनिकेत... ". मेघना धीरे से बोली.
" ये आप क्या कह रहीं हैं भाभी ? ".
अनिकेत के चेहरे पर हवाईयां उड़ती साफ नज़र आने लगी !
" Stupid !!! ". मेघना खिलखिलाकर हँस पड़ी.
अनिकेत को समझ नहीं आ रहा था की ये क्या चल रहा है.
" So cute ! ". अनिकेत का गाल अपनी ऊँगलीयों से दबाते हुये मेघना बोली. " डर गये ना ? ".
ठंडी साँस भरते हुये अनिकेत ने इधर उधर बेचैन होकर देखा, मानो अपना गुस्सा ज़ाहिर करने के लिए शब्द तलाश रहा हो, पर कुछ बोले बिना ही रह गया.
" इधर आओ... बैठो... और बताओ की इतनी नाराज़गी क्यूँ है मुझसे ! ". मेघना ने मुस्कुराते हुये अनिकेत के टी शर्ट का कोना पकड़कर उसे अपनी ओर खींचते हुये कहा. अनिकेत ना चाहते हुये भी जाकर पलंग पर मेघना के बगल में बैठ गया.
" बात करो अनिकेत... मन का बैर बाहर निकल जाने दो... जितना बुरा भला कहना है मुझे कह लो ! बोलो क्या हुआ ? ". अनिकेत के कंधे पर हाथ रखते हुये मेघना बोली.
कुछ देर तक सिर नीचे किये हुये बैठे रहने के बाद अनिकेत ने अपनी गर्दन घुमाई, और मेघना की आँखों में देखते हुये कहा.
" आपने शुरू से ही मुझे अँधेरे में रखा... ना जाने क्या क्या झूठ बोला... ".
मेघना ध्यान से सुनती रही.
" उस दिन भी नहीं बताया की अभि भैया घर पर ही हैं... मेरी बेइज्जती हुई ! और अब मुझे झूठा मैसेज करके यहाँ बुलाया... पता नहीं आप चाहती क्या हैं भाभी ? ".
" मैं क्या चाहूँगी अनिकेत... मैं तो शादीशुदा हूँ ! ". मेघना बोली. " शायद तुम्हें कुछ चाहिए होगा... पड़ोस की भाभी के साथ थोड़ी मस्ती... ना शादी करने का झमेला ना ही कुछ खोने का, ना ही कोई वादा निभाने की दरकार ! ".
मेघना के मुँह से अचानक से निकले इतने कटु सीधे वाक्य सुनकर अनिकेत चुप पड़ गया.
" खोना तो बस मुझे है ! अपने हस्बैंड का विश्वास खो दिया... उनकी नज़रों में गिर गई ! कल को अगर उन्होंने मुझे छोड़ दिया तो मुझे अपनाओगे... बोलो ? ".
मेघना की बातें सच तो थीं, मगर उन बातों के सामने अनिकेत कमज़ोर पड़ कर झुकना नहीं चाहता था, मेघना के तर्क को अनसुना कर उसने पूछा.
" उस दिन आपने बताया क्यूँ नहीं की अभि भैया घर पर हैं ? ".
" क्यूंकि उन्होंने काफ़ी कुछ पहले ही देख लिया था... ". जवाब देने के लिए मानो तैयार बैठी मेघना ने तुरंत कहा. " तुमने तो आते ही मेरे साथ छेड़खानी शुरू कर दी, मुझे कुछ बोलने का मौका ही नहीं दिया. फिर अभि ने मुझे सब कुछ कंटिन्यू रखने को कहा... मैं डर भी गई थी ! ".
मेघना ने बिल्कुल वही बताया जो उस दिन सचमुच में हुआ था, लेकिन संतोषजनक जवाब मिल जाने पर भी अनिकेत का गुस्सा शांत नहीं हुआ था. ऊँची आवाज़ में उसने फिर से पूछा.
" और आज के झूठ का क्या बहाना सोचा है आपने भाभी ? ".
" तुम इतने दिनों से मेरे मैसेज को इग्नोर कर रहे थे, तो जानबूझकर करना पड़ा... और क्या करती ??? ". मेघना ने सीधे सीधे उत्तर दिया.
अनिकेत चुप हो गया.
" पूछोगे नहीं की उस दिन तुम्हारे जाने के बाद क्या हुआ ? ". मेघना ने थोड़ा नीचे झुककर अनिकेत का चेहरा निहारते हुये कहा. " और इतने दिनों में मेरे और अभि के बीच क्या क्या हुआ ? ".
" नहीं भाभी... ". अपनी नज़रें उठाकर मेघना की आँखों में देखते हुये अनिकेत पूरे आत्मविश्वास के साथ बोला. " मुझे आप दोनों के बीच नहीं पड़ना है... मुझसे बड़ी गलती हुई ! ".
" मतलब ? ".
" मुझे अब आपसे कोई सम्बन्ध नहीं रखना भाभी ! ". अनिकेत धीरे से बोला.
" तुम हम दोनों के बीच नहीं पड़ रहे अनिकेत... ". कहते हुये मेघना ने एक ठंडी आह भरी और पलंग से उठ खड़ी हुई.
मेघना की अधूरी बात का मतलब समझने की कोशिश करते हुये अनिकेत उसे आश्चर्य भरी नज़रों से घूरता रहा, मेघना चलकर ड्रेसिंग टेबल तक गई, आईने में अपना चेहरा देखा, अपने बाल ठीक कियें, फिर ड्रेसिंग टेबल पर पड़ा अपना मोबाइल उठाकर वापस से आकर पलंग पर अनिकेत के बगल में बैठ गई.
" मैं वैसी नहीं हूँ जैसा तुम समझ रहे हो... ". मेघना ने कहा. " और ना ही तुम्हारे अभिषेक भैया ! ".
अनिकेत को लगा की मेघना ये कहना चाह रही है की वो दोनों उतने बुरे नहीं हैं जितना की वो समझ रहा है, लेकिन दरअसल मेघना कुछ और ही कहना चाहती थी !
" हम दोनों हस्बैंड वाइफ के बहुत सारे Secrets हैं !!! ". कहते हुये मेघना ने मोबाइल अनिकेत के हाथ में थमा दिया. " लो... देखो ! ".
अचंभित हुये पड़े अनिकेत ने मोबाइल हाथ में लेकर देखा, मेघना भाभी ने उसे एक फोटो गैलरी ओपन करके दी थी.
अनिकेत के चेहरे पर अपनी नज़रें गड़ाये मेघना उसके मन के भाव पढ़ने की कोशिश करने लगी, जब वो मोबाइल के फोटो एक के बाद एक देखने लगा.
अनिकेत वहाँ एक पल भी ना रुका.
जब अनिकेत घर के बाहरी दरवाज़े से बाहर जा रहा था, तब भी पीछे से बेडरूम में रोती सुबकती उसकी मेघना भाभी की आवाज़ उसे एकदम स्पष्ट सुनाई दे रही थी !!!
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" मैं मुसीबत में हूँ अनिकेत... Please come see me !!! ".
उस दिन की शर्मनाक घटना के बाद अनिकेत करीब एक हफ्ते तक मेघना भाभी के घर नहीं गया, इनफैक्ट, उसके घर जाना तो अलग छोड़िये, वो खुद अपने घर से भी बाहर नहीं निकला था, और कॉलेज भी नहीं गया. उसे ये डर भी था की कहीं अभिषेक उनके घर ही ना आ जाये, उसके मम्मी पापा को उसकी घिनौनी करतूत बताने... पर ऐसा नहीं हुआ.
वैसे उस दिन के बाद दूसरे दिन ही उसे अचानक से मेघना का व्हाट्सप्प मैसेज आ गया था... " कैसे हो " " Are you ok " वगैरह वगैरह ! अनिकेत ने कोई उत्तर नहीं दिया तो हर रोज़ ढेरों मैसेज आने लगें. लेकिन अनिकेत ने अपनी तरफ से कोई भी जवाब नहीं लिख भेजा. उसे दो बातें खटक रहीं थीं - पहली, की मेघना भाभी इतना सब होने के बावजूद भी उसे कैसे मैसेज कर रही है, और दूसरी ये की, क्या पता उसका पति ही ये सारे मैसेज कर रहा हो, ये देखने के लिए की उस दिन के बाद से अनिकेत सुधर गया है, या फिर वापस से मेघना भाभी के पीछे पड़ने का विचार है !
आगे भी अनिकेत मेघना भाभी को इग्नोर ही करता रहता, अगर आज उसे उसका ये मैसेज नहीं मिला होता -
" मैं मुसीबत में हूँ अनिकेत... Please come see me !!! ".
ऐसा क्या हो गया ???
मेघना भाभी ने ये मैसेज क्यूँ भेजा है ? मुसीबत में हूँ का क्या मतलब ? कहीं उसके सनकी पति ने उसके साथ कुछ ऐसा वैसा तो नहीं किया ?
अनिकेत के दिमाग़ में ऐसे कई सारे सवाल भभक रहें थें. उसकी दिक्कत ये थी की वो इस विषय में किसी की सलाह भी तो नहीं ले सकता था, अपने करीब से करीबी दोस्तों की भी नहीं ! उसने कांड ही ऐसा किया था. कुंवारी लड़की की बात होती तो चलो कोई नहीं, हर कोई समझता, पर एक शादीशुदा औरत के साथ नाजायज सम्बन्ध को वो किसी भी दृष्टिकोण से स्वाभाविक साबित नहीं कर सकता था, हर एक आदमी उसी को गलत ठहरायेगा !
ऐसे ही ग्लानि का कम बोझ था उसके सिर पर जो अब मेघना भाभी ने उसे ऐसा मैसेज भेंजकर उसकी परेशानी और बढ़ा दी ?
लेकिन वो इस मैसेज को इग्नोर भी तो नहीं कर सकता था ना. अगर मेघना भाभी सच में किसी बड़ी मुसीबत में फंस गई हो तो ???
" What happened ? " ये छोटा सा मैसेज अनिकेत ने भेजा, तो उधर से जवाब आया - " ऐसे नहीं बता सकती. कल दिन में 11 बजे घर आओ... प्लीज् अनिकेत... वेट करुँगी ".
मेघना भाभी प्रेग्नेंट हो गई है... पक्का !!!
पूरी रात अनिकेत करवट बदलता हुआ सोचता रहा. उसे यकीन हो चला था की यही बात होगी. और फिर उस दिन उसका Condom भी तो मेघना भाभी की चूत के अंदर ही फट गया था ! वीर्य बाहर गिराया तो क्या ?... अनिकेत ने इंटरनेट पर कहीं पढ़ा था - वीर्यपात की मात्र एक बूंद में भी करीब 1 से 2 मिलियन शुक्राणु होतें हैं !!!
रात को इसी उधेड़बुन में पड़े पड़े अनिकेत को कब नींद आ गई, पता ही ना चला. उसके मन में चिंता इतनी थी की थोड़ा सा आराम मिला तो वो गहरी नींद में सो गया और दूसरे दिन सीधे सुबह 10 बजे उठा. नींद खुलते ही उसने महसूस किया की तकिये के नीचे साइलेंट मोड में पड़ा उसका मोबाइल वाइब्रेट कर रहा है. मोबाइल उठाकर देखा तो मेघना का सुबह 7 बजे मैसेज आया हुआ था " आओगे ना अनिकेत ? ".
अब तो जाना ही पड़ेगा !!!
ज़ाहिर है मेघना ने उसे 11 बजे बुलाया था, जब उसका पति ऑफिस के लिए निकल चुका होता है !
नहा धोकर नाश्ता करके जल्दी से अनिकेत तैयार हो गया और एकदम सही समय पर घर से निकलकर मेघना भाभी के घर की ओर चल दिया. रास्ते में उसने एक बात सोच ली थी - इस बार बेवकूफ़ नहीं बनना है, अभिषेक भैया तो वहाँ होंगे नहीं, और अगर हुये भी तो और उन्होंने फिर से उसे तंग किया या पूछा की वो फिर से उनके घर में क्यूँ आया है, तो वो सीधे सीधे उसे मेघना भाभी का व्हाट्सप्प चैट दिखा देखा, और कहेगा की, देखिये अभि भैया, आपकी बीवी ने मुझे वापस से मैसेज करना शुरू किया था, मैंने नहीं ! पहले अपनी पत्नि पर अंकुश लगाइये, फिर मुझसे बात करिये. मैं तो सिर्फ देखने आया हूँ की मेघना भाभी किसी प्रॉब्लम में तो नहीं. ऐसा Urgent मैसेज मिलेगा तो कोई भी कैसे रुकेगा, बताइये ???
गराज पर एक तेज़ नज़र दौड़ाते हुये, जो की खाली था, अनिकेत मेघना भाभी के घर के दरवाज़े तक पहुँचा. दरवाज़ा पहले से ही खुला हुआ था, तो वो धड़ल्ले से अंदर घुस गया. ड्राइंग रूम खाली था, अनिकेत एक पल के लिए रुका. वो अभी मेघना भाभी को आवाज़ लगाने की सोच ही रहा था, की अंदर कमरे से मेघना ने पुकारा.
" बेडरूम में आ जाओ अनिकेत... ".
शायद उसके कदमो की आहट से मेघना ने समझ लिया होगा की वो आ चुका है, वो उसी की प्रतीक्षा जो कर रही थी.
तेज़ कदमो से अनिकेत ड्राइंग रूम के साथ साथ बाकि कमरों को भी पार करता हुआ बेडरूम की ओर बढ़ चला, लेकिन बेडरूम के दरवाज़े की चौखट पर आकर उसके कदम थम गएँ. पिछली बार की बातें सोचकर उसका दिल सहम सा उठा, ना जाने आज उस कमरे में उसे क्या देखने मिलेगा !
एक लंबी गहरी साँस लेकर उसने दरवाज़े पर झूलता पर्दा हटाया और कमरे के अंदर दाखिल हो गया.
" मुझे पता था तुम ज़रूर आओगे !!! ".
सामने पलंग पर मेघना आधी लेटी हुई थी.
अनिकेत का सारा उद्वेग, सारा कौतुहल मानो एक ही बार में शांत हो गया हो, रह गया था, तो सिर्फ गुस्सा !
" क्या हुआ आपको ? ". आश्चर्यचकित अनिकेत सख़्ती के साथ बोला . " आप तो ठीक हैं ! ".
" हाँ... मुझे क्या हुआ है ? ". मेघना ने मुस्कुराकर उल्टे प्रश्न किया.
अनिकेत ने ऐसे अपना सिर हिलाया जैसे की अब उसे सारा खेल समझ में आ रहा हो, और फिर बिना कुछ बोले कमरे से बाहर चला गया. मेघना ने उसे रोका नहीं, वो जानती थी की वो बाहर क्यूँ गया है ! बिस्तर पर लेटी पड़ी वो बस खुद में ही मुस्कुराती रही...
थोड़ी ही देर बाद अनिकेत जब वापस से कमरे में आया तो मेघना ने उसे देखते हुये पूछा.
" सारा घर छान मारा ? ".
अनिकेत चुप रहा.
" वो घर में नहीं हैं... ". मेघना आराम से बोली.
पिछली बार की दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद अब अनिकेत को किसी पर भी भरोसा नहीं रहा था, अपनी मेघना भाभी पर भी नहीं ! इसलिए वो बाहर निकलकर घर के बाकि कमरों में देख आया था की कहीं उसका पति छुपा हुआ तो नहीं है !!!
लेकिन अभिषेक आज सचमुच में घर पर नहीं था !
" शुरू से ही आप मुझसे झूठ बोलती रहीं भाभी... ". अनिकेत धीरे से बोला, ताकि उसका दबा हुआ गुस्सा फूटकर बाहर ना आ जाये. " अब ये कौन सा नाटक है ? ".
" क्यूँ ? क्या इलज़ाम लगा रहे हो मुझपे... क्या किया मैंने ? ". मेघना ने ऐसे पूछा मानो वो इस बात से अज्ञान हो की अनिकेत कहना क्या चाहता है.
" आपने कहा आप मुसीबत में हो... ".
" तुम्हें ख़ुशी नहीं मुझे सही सलामत देखकर ? ". मेघना ने मुँह बनाकर व्यंग्य किया.
अनिकेत चुप हो गया, तर्क करने का इस वक़्त उसका मूड भी नहीं था, और ऊपर से मेघना भाभी का ये मज़ाक, उसकी ये हरकतें, उसे बहुत इर्रिटेटिंग लग रहीं थीं.
मन ही मन मुस्कुराते हुये मेघना सामने खड़े अनिकेत की आँखों में गौर से देखती रही, उसे उसकी मन:स्थिति अच्छी तरह से समझ में आ रही थी. कुछ देर तक उसके चेहरे को पढ़ने का सफल प्रयास करने के बाद मेघना बिस्तर पर से उठ बैठी, और फिर पलंग से उतरकर छोटे छोटे क़दमों के साथ चलकर अनिकेत के सामने जा खड़ी हुई.
अत्यंत मादक परफ्यूम की सुगंध जब अनिकेत के नाक से होकर उसके ज़हन में समाई, तो एक पल के लिए वो अपनी सारी नाराज़गी भूल सा गया, बड़ी मुश्किल से उसने अपनी उद्वेलित भावनाओ को काबू में रखा, ताकि मेघना भाभी को पता ना चल जाये की वो कमज़ोर पड़ रहा है.
" तुम्हें पता है, औरत सबसे ज़्यादा कब सजती संवरती है ? ". अनिकेत के चेहरे के पास अपना चेहरा लेजाकर मेघना ने धीरे से पूछा.
सचमुच... आज मेघना भाभी बहुत ज़्यादा सजी धजी हुई थी. बेशकीमती सुंदर सी नीले रंग की साड़ी, मैचिंग कलर का ब्लाउज़, काले बालों का जूड़ा बनाये, नाक में छोटी सी चमकदार सोने की नथ, सोने की दो बालियां कानों में झूलती हुई, सिंधुर से भरी मांग और माथे पर बड़ी सी लाल बिंदिया - मेघना का ऐसा रूप अनिकेत ने पहले तो कभी नहीं देखा था !!!
अनिकेत का हाथ अपने हाथ में थामकर मेघना ने अपनी साड़ी का पल्लू थोड़ा सा हटाकर उसका हाथ अपने खुले पेट पर रख लिया. पहले तो अनिकेत ने अपने हाथ के अंगूठे से उसकी गहरी गोल नाभी को छुआ, मगर फिर जब देखा की मेघना उसकी आँखों में गंभीर होकर एकटक देखते हुये उसे कुछ संकेत देना चाहती है, तो उसका कलेजा बैठ गया !
" What ??? ". अविश्वसनीय नज़रों से एक बार मेघना का चेहरा और फिर उसका पेट देखते हुये अनिकेत बोल उठा.
" मैं प्रेग्नेंट हूँ अनिकेत !!! ". अनिकेत की आँखों में आँखे डालकर मेघना ने धीमी आवाज़ में कहा.
अनिकेत को लगा की वो वहीँ बेहोश होकर गिर पड़ेगा !
" ये तुम्हारा ही है... ". मेघना बोली. " हम दोनों का !!! ".
झट से मेघना के हाथ से अपनी कलाई खींचकर छुड़ाते हुये अनिकेत ने हाथ उसके पेट पर से हटा लिया.
" ये... ये... कैसे हो सकता है भाभी ? ". पूछने से अधिक मानो अनिकेत खुद को यकीन दिला रहा हो की ये सच नहीं है.
" उस दिन Condom फट गया था ना अनिकेत... ". मेघना धीरे से बोली.
" ये आप क्या कह रहीं हैं भाभी ? ".
अनिकेत के चेहरे पर हवाईयां उड़ती साफ नज़र आने लगी !
" Stupid !!! ". मेघना खिलखिलाकर हँस पड़ी.
अनिकेत को समझ नहीं आ रहा था की ये क्या चल रहा है.
" So cute ! ". अनिकेत का गाल अपनी ऊँगलीयों से दबाते हुये मेघना बोली. " डर गये ना ? ".
ठंडी साँस भरते हुये अनिकेत ने इधर उधर बेचैन होकर देखा, मानो अपना गुस्सा ज़ाहिर करने के लिए शब्द तलाश रहा हो, पर कुछ बोले बिना ही रह गया.
" इधर आओ... बैठो... और बताओ की इतनी नाराज़गी क्यूँ है मुझसे ! ". मेघना ने मुस्कुराते हुये अनिकेत के टी शर्ट का कोना पकड़कर उसे अपनी ओर खींचते हुये कहा. अनिकेत ना चाहते हुये भी जाकर पलंग पर मेघना के बगल में बैठ गया.
" बात करो अनिकेत... मन का बैर बाहर निकल जाने दो... जितना बुरा भला कहना है मुझे कह लो ! बोलो क्या हुआ ? ". अनिकेत के कंधे पर हाथ रखते हुये मेघना बोली.
कुछ देर तक सिर नीचे किये हुये बैठे रहने के बाद अनिकेत ने अपनी गर्दन घुमाई, और मेघना की आँखों में देखते हुये कहा.
" आपने शुरू से ही मुझे अँधेरे में रखा... ना जाने क्या क्या झूठ बोला... ".
मेघना ध्यान से सुनती रही.
" उस दिन भी नहीं बताया की अभि भैया घर पर ही हैं... मेरी बेइज्जती हुई ! और अब मुझे झूठा मैसेज करके यहाँ बुलाया... पता नहीं आप चाहती क्या हैं भाभी ? ".
" मैं क्या चाहूँगी अनिकेत... मैं तो शादीशुदा हूँ ! ". मेघना बोली. " शायद तुम्हें कुछ चाहिए होगा... पड़ोस की भाभी के साथ थोड़ी मस्ती... ना शादी करने का झमेला ना ही कुछ खोने का, ना ही कोई वादा निभाने की दरकार ! ".
मेघना के मुँह से अचानक से निकले इतने कटु सीधे वाक्य सुनकर अनिकेत चुप पड़ गया.
" खोना तो बस मुझे है ! अपने हस्बैंड का विश्वास खो दिया... उनकी नज़रों में गिर गई ! कल को अगर उन्होंने मुझे छोड़ दिया तो मुझे अपनाओगे... बोलो ? ".
मेघना की बातें सच तो थीं, मगर उन बातों के सामने अनिकेत कमज़ोर पड़ कर झुकना नहीं चाहता था, मेघना के तर्क को अनसुना कर उसने पूछा.
" उस दिन आपने बताया क्यूँ नहीं की अभि भैया घर पर हैं ? ".
" क्यूंकि उन्होंने काफ़ी कुछ पहले ही देख लिया था... ". जवाब देने के लिए मानो तैयार बैठी मेघना ने तुरंत कहा. " तुमने तो आते ही मेरे साथ छेड़खानी शुरू कर दी, मुझे कुछ बोलने का मौका ही नहीं दिया. फिर अभि ने मुझे सब कुछ कंटिन्यू रखने को कहा... मैं डर भी गई थी ! ".
मेघना ने बिल्कुल वही बताया जो उस दिन सचमुच में हुआ था, लेकिन संतोषजनक जवाब मिल जाने पर भी अनिकेत का गुस्सा शांत नहीं हुआ था. ऊँची आवाज़ में उसने फिर से पूछा.
" और आज के झूठ का क्या बहाना सोचा है आपने भाभी ? ".
" तुम इतने दिनों से मेरे मैसेज को इग्नोर कर रहे थे, तो जानबूझकर करना पड़ा... और क्या करती ??? ". मेघना ने सीधे सीधे उत्तर दिया.
अनिकेत चुप हो गया.
" पूछोगे नहीं की उस दिन तुम्हारे जाने के बाद क्या हुआ ? ". मेघना ने थोड़ा नीचे झुककर अनिकेत का चेहरा निहारते हुये कहा. " और इतने दिनों में मेरे और अभि के बीच क्या क्या हुआ ? ".
" नहीं भाभी... ". अपनी नज़रें उठाकर मेघना की आँखों में देखते हुये अनिकेत पूरे आत्मविश्वास के साथ बोला. " मुझे आप दोनों के बीच नहीं पड़ना है... मुझसे बड़ी गलती हुई ! ".
" मतलब ? ".
" मुझे अब आपसे कोई सम्बन्ध नहीं रखना भाभी ! ". अनिकेत धीरे से बोला.
" तुम हम दोनों के बीच नहीं पड़ रहे अनिकेत... ". कहते हुये मेघना ने एक ठंडी आह भरी और पलंग से उठ खड़ी हुई.
मेघना की अधूरी बात का मतलब समझने की कोशिश करते हुये अनिकेत उसे आश्चर्य भरी नज़रों से घूरता रहा, मेघना चलकर ड्रेसिंग टेबल तक गई, आईने में अपना चेहरा देखा, अपने बाल ठीक कियें, फिर ड्रेसिंग टेबल पर पड़ा अपना मोबाइल उठाकर वापस से आकर पलंग पर अनिकेत के बगल में बैठ गई.
" मैं वैसी नहीं हूँ जैसा तुम समझ रहे हो... ". मेघना ने कहा. " और ना ही तुम्हारे अभिषेक भैया ! ".
अनिकेत को लगा की मेघना ये कहना चाह रही है की वो दोनों उतने बुरे नहीं हैं जितना की वो समझ रहा है, लेकिन दरअसल मेघना कुछ और ही कहना चाहती थी !
" हम दोनों हस्बैंड वाइफ के बहुत सारे Secrets हैं !!! ". कहते हुये मेघना ने मोबाइल अनिकेत के हाथ में थमा दिया. " लो... देखो ! ".
अचंभित हुये पड़े अनिकेत ने मोबाइल हाथ में लेकर देखा, मेघना भाभी ने उसे एक फोटो गैलरी ओपन करके दी थी.
अनिकेत के चेहरे पर अपनी नज़रें गड़ाये मेघना उसके मन के भाव पढ़ने की कोशिश करने लगी, जब वो मोबाइल के फोटो एक के बाद एक देखने लगा.