hotaks444
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समधि जी - तो कौन करता है बेटी? तुम्हारे ससुर जी? (समधी जी ने फिर से बहु को ट्रेस करते हुये कहा )
सरोज - पापा प्लीज फिर से आप????
एक जवान बहु के अपने ससुर और अपने पापा के साथ इस तरह की गन्दी बातें करते देख मेरा और समधी जी दोनों का लंड खड़ा हो गया था। जो बहु दूर से ही देख पा रही थी।
समधि जी - बेटी ये फोटो मुझे चहिये।।
सरोज - क्यों पापा?
समधि जी - क्योंकि इस फोटो में तुम्हारी जाँघे बहुत मोटी और अच्छी लग रही है। और तुम्हारे बूब्स आआअह्ह्ह्ह कितने सॉफ्ट दिख रहे है।। (समधी जी ने अपने लंड को पेंट के ऊपर से दबाते हुए कहा)
सरोज - क्या हुवा पापा, आप ऐसे क्यों बोल रहे हैं?
समधि जी - आहः।। बेटी।।।(इस बार समधी जी ने अपने खड़े लंड को साफ़ अपनी बेटी के सामने पकड़ते हुए उसका नाम लिया)
सरोज - पापा क्या हुआ आपको?
समधि जी - बेटी काश तुम इस फोटो में पेंटी नहीं पहनी होती।।।। आह।।।।यह बेटी।। तुम्हारी।। ओ।।। उमं
सरोज - क्या पापा? आप मुझे बिना पेंटी के देखना चाहते हैं?
समधि जी - हाँ बेटी मैंने तुम्हारी जैसी जवान खूबसूरत और गदराई स्त्री नहीं देखी। आह।।दमाद जी कितने लकी है।
सरोज - ओह पापा।। मुझे शर्म आ रही है।। अगर मैं इस फोटो में पैंटी नहीं पहनी होती तो आप क्या करते?
समधि जी - मत पूछो बेटी मैं नहीं बोल सकता
सरोज - बोलिये न पापा।। प्लीज मुझे जानना है।।।
समधि जी - नहीं बेटी।। मैं नहीं बोल सकता मुझे माफ़ करो।।
सरोज - बोलिये पापा नहीं तो मैं आपको रियल में अपनी पेंटी उतार के दिखा दूंगी और फिर खुद देख लूँगी की आप क्या करते है।।
समधि जी - नहीं बेटी।।
सरोज - ठीक है मुझे ही कुछ करना पडेगा। (कहते हुये बहु ने एक झटके में अपनी कुर्ती और सलवार का नाडा खोल दिया। नाडा खुलते ही बहु अपने पापा के सामने सिर्फ एक ग्रीन कलर की पेंटी और ब्रा में खड़ी थी। बहु की मांसल जाँघे और बड़े मादक कुल्हे देख कर समधी जी की हालत ख़राब हो रही थी)
सरोज - पापा प्लीज फिर से आप????
एक जवान बहु के अपने ससुर और अपने पापा के साथ इस तरह की गन्दी बातें करते देख मेरा और समधी जी दोनों का लंड खड़ा हो गया था। जो बहु दूर से ही देख पा रही थी।
समधि जी - बेटी ये फोटो मुझे चहिये।।
सरोज - क्यों पापा?
समधि जी - क्योंकि इस फोटो में तुम्हारी जाँघे बहुत मोटी और अच्छी लग रही है। और तुम्हारे बूब्स आआअह्ह्ह्ह कितने सॉफ्ट दिख रहे है।। (समधी जी ने अपने लंड को पेंट के ऊपर से दबाते हुए कहा)
सरोज - क्या हुवा पापा, आप ऐसे क्यों बोल रहे हैं?
समधि जी - आहः।। बेटी।।।(इस बार समधी जी ने अपने खड़े लंड को साफ़ अपनी बेटी के सामने पकड़ते हुए उसका नाम लिया)
सरोज - पापा क्या हुआ आपको?
समधि जी - बेटी काश तुम इस फोटो में पेंटी नहीं पहनी होती।।।। आह।।।।यह बेटी।। तुम्हारी।। ओ।।। उमं
सरोज - क्या पापा? आप मुझे बिना पेंटी के देखना चाहते हैं?
समधि जी - हाँ बेटी मैंने तुम्हारी जैसी जवान खूबसूरत और गदराई स्त्री नहीं देखी। आह।।दमाद जी कितने लकी है।
सरोज - ओह पापा।। मुझे शर्म आ रही है।। अगर मैं इस फोटो में पैंटी नहीं पहनी होती तो आप क्या करते?
समधि जी - मत पूछो बेटी मैं नहीं बोल सकता
सरोज - बोलिये न पापा।। प्लीज मुझे जानना है।।।
समधि जी - नहीं बेटी।। मैं नहीं बोल सकता मुझे माफ़ करो।।
सरोज - बोलिये पापा नहीं तो मैं आपको रियल में अपनी पेंटी उतार के दिखा दूंगी और फिर खुद देख लूँगी की आप क्या करते है।।
समधि जी - नहीं बेटी।।
सरोज - ठीक है मुझे ही कुछ करना पडेगा। (कहते हुये बहु ने एक झटके में अपनी कुर्ती और सलवार का नाडा खोल दिया। नाडा खुलते ही बहु अपने पापा के सामने सिर्फ एक ग्रीन कलर की पेंटी और ब्रा में खड़ी थी। बहु की मांसल जाँघे और बड़े मादक कुल्हे देख कर समधी जी की हालत ख़राब हो रही थी)