desiaks
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- Aug 28, 2015
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सभी दोस्तों को रुखसाना का बहुत Antarvasna Sex Stories बहुत सलाम. मैं नॉएडा की रहने वाली हूँ. कामुक स्टोरी डॉट कॉम की मैं बड़ी दीवानी हूँ. आज आपको अपनी कहानी सुना रही हूँ. मैं आपको बता हूँ की अली मेरा ५ साल से मेरा बोयफ़्रेंड है. मैं उसके साथ कई बार हमबिस्तर हो चुकी हूँ. मैंने उसके साथ सब कुछ किया है. उससे चुदवाया भी है.मैं अभी १९ साल की हूँ. मेरे घर में ५ बहने है. मैं सबसे छोटी हूँ. तो आपको अपनी कहानी सुनाती हूँ.
पिछले कई दिनों से मेरी अली से मुलाकत नही हो पा रही थी. क्यूंकि पता नही किस कुत्ते ने मेरे अब्बू से बता दिया की मैं अली से फंसी हुई हूँ और बाहर मार्किट में जाकर उससे मिलती हूँ. उसके साथ घुमती फितरी हूँ. पता नही किस कमीने से मेरे अब्बू से बता दिया की मैं उसके साथ होटल में जाकर चुदवाती हूँ. मेरे अब्बू बहुत गरम हो गए और मुझे चैला से उन्होंने बहुत मारा पीटा और मेरा घर से बाहर निकलना बंद कर दिया. मेरी अम्मी से भी उन्होंने बोल दिया की मुझ पर नजर रखे. मैं किसी भी तरह अली से मिल ना पाऊं. तो दोस्तों, इस तरह मेरी जिंदगी जहन्नुम हो गयी. जब कभी मुझे बाजार में काम रहता या कुछ खरीदना होता तो अम्मी खुद मेरे साथ जाती. इस तरह १ महीना हो गया और मैं अली से नही मिल पायी. कुछ दिन बाद उसने मुझे एक मोबाइल चुपके से दिया पर जल्द ही उसकी बैटरी खतम हो गयी. किसी के सामने मैं उस फोन को चार्जिंग पर लगा भी नही सकती थी.
इस तरह अब अली की याद और ख़यालात में मेरे दिन गुजरने लगे. एक दिन दोपहर के समय अली मेरी छत पर चढ़ आया. मैं भी छत पर थी. अम्मी लाल मिर्च सुखा रही थी. उन्होंने आम का आचार भी डाल रखा था. आचार बनाने से पहले आम को मसाले लगाके सुखाया जाता है तो अम्मी आचार सुखा रही थी. इसके साथ ही वो सब्जी भी काट रही थी. मैं उसके बगल बैठ के अब्बू के लिए के स्वेटर बुन रही थी. की इतने में अली बगल वाली छत से मेरी छत पर आ गया.
श श श !! उसने हल्की सीटी दी. मैंने देखा तो वो अली था. मुझे बड़ी खुसी हुई. आज कम से कम २ महीने बाद मैंने उसका चेहरा देखा था. मेरी खुसी का ठिकाना नही था. अली ने मुझे दीवाल के पीछे आने को कहा. मेरी छत पर ५ फुट ऊंची टूटी सी दीवाल थी, जो बगल वाले घर को मेरे घर से विभाजित करती थी. अली ने उसी दीवाल के पीछे आने को कहा. मैं खुश हो गयी. मैंने अम्मी की तरह देखा. वो दोपहर के खाने के लिए साग काट रही थी. मैं उठकर दीवाल के पीछे जाने लगी.
रुखसाना !! कहाँ जा रही है ??? तुरंत अम्मी ने टोका.
वो कुछ नही अम्मी. वो पड़ोस वाली नगमा स्वेटर की कोई डीसाइन पूछ रही है! मैंने कहा
ठीक है जा !! अम्मी बोली. मैंने धीरे से दीवाल के पीछे आ गयी. अली ने तुरंत मुझे गले से लगा लिया. मैं उससे बिल्कुल चिपट गयी. बड़ी देर तक हम दोनों एक दूसरे की बाहों में रहें. कुछ देर बाद अली चुदासा हो गया. 'रुखसाना! आज इतने दिनों बाद मिली हो, खाली खाली नही हो सकता. आज तो भाई तुम्हारी चूत मिलनी ही चाहिए! वो बोला.
ले लो मेरी चूत, मैं भी कबसे नही चूदी हूँ. मैंने भी कबसे तुम्हारा लंड नही खाया है. अली आज मुझको चोद लो!! मैंने भी कह दिया. अली मेरे सूखे होंठों पर अपनी ऊँगली लगाने लगा. फिर उसने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए और खूब पिए. अपने सनम के होठ पीने से मेरी चूत डबडबा गयी. मेरी चूत पिछले २ महीने से किसी सूखे कुंए जैसी सुख गयी थी. पर आज मेरे दिलबर अली ने सब कुछ हरा हरा कर दिया था. वो मेरे मम्मे दबाते दबाते मेरे होंठ पीने लगे. मैंने काले रंग का सलवार सूट पहन रखा था. अली ने मुझे वहीँ दीवाल के किनारे लिटा लिया. मेरा काला दुपट्टा उसने हटा दिया. फिर अपनी पैंट की बेल्ट उसकी खोल दी. अपनी पैंट और चड्डी नीचे सरकाई. अपना लंड निकाला. मेरे पेट पर वो बैठ गया.
रुखसाना!! ले मेरा लौड़ा चूस!! वो बोला
मेरे होंठ तो उसका लंड चूसने को कबसे बेताब थे. कबसे मैंने उसका लंड नही चूसा था. तो दोस्तों, मैंने भी अपना मुंह खोल दिया. अली ने अपना मोटा सा काला लंड मेरे मुंह में दे दिया. मैं चूसने लग गयी. अली मेरे दूध को दबाने लगा. मैं उसका मोटा लौड़ा जो खूब मोटा था पूरा का पूरा अपने मुंह में लेने लगी और बड़ी शिद्दत से अपने दिलबर का लंड चूसने लगी. या अल्लाह !! मुझे बड़ी मौज आई. थोडा डर भी था की कहीं अम्मी दीवाल के इस तरफ आ गयी तो कोहराम ही मच जाएगा. पर फिर भी मैं अली से चुस्वा रही थी. आखिर इतने दिनों बाद मेरी उससे मुलाकात जो हुई थी. मैंने अली के लंड पर अपना हाथ रखा हुआ था, उस मोटे से लौड़े को हाथ से फेट फेट कर मैं उसका लौड़ा चूस रही थी.
अली मेरे मम्मे दबा रहा था. मेरी अम्मी दीवाल के उस तरह अपनी सब्जी काट रही थी. अली का मोटा लंड चूसते वक्त पूरा मेरे गले में अंदर तक जा रहा था. उसका सुपाडा खूब मोटा और खूब गुलाबी था. इसी सुपाडे वाले लंड से मैं कितनी बार चुद चुकी थी. इस मोटे सुपाडे का स्वाद मैंने सैकड़ों बार लिया था. ये मोटा लंड और ये गुलाबी सुपाडा सायद मेरी सबसे कीमती चीज थी, सायद अली से भी जादा मैंने उसके लंड से प्यार करती थी. क्यूंकि यही लंड मेरी चूत फाड़ फाड़के मेरी चूत की आग को शांत करता था. दोस्तों, मैं बड़ी सिद्दत से अली के इसी लौड़े को चूस रही थी. अली ने मेरी कमीज को उपर उठा दिया. मैंने उस वक्त कोई ब्रा नही पहनी थी. अली मेरे दूध की काली काली भुंडियों को जोर जोर से अपनी उँगलियों से मसलने लगा. मैंने अपने होठों को अपने दांत से काट लिया मारे चुदास के. अगर मेरी अम्मी गलती से भी दीवाल के इस तरह आ जाती और मेरे यार अली का लंड चूसते मुझे पकड़ लेती तो ना जाने कितनी गालियाँ बकती. लंड चुसवाते चुसवाते अचानक अली को मुझ पर प्यार आ गया.
वो मुझ पर झुक गया. मेरे माथे पर उसने चूम लिया. उसका इस तरह से मुझे प्यार से मेरे माथे पर चूमना मुझे बहुत पसंद था. अली ने एक सेकंड के लिए अपना १२ इंच लम्बा लंड निकाला और लम्बे लंड से ही मेरे मुह पर प्यार भरी थपकी देने लगा. मुझे बहुत अच्छा लगा दोस्तों. मैं उसका लंड पकड़ना चाहा तो उसने दुर खीच लिया. वो मुझको ललचा रहा था, मैं जान गयी. मैं भी उस्ताद थी. लपक कर मैंने उसका लंड पकड़ लिया और फिर से अपने मुंह में डाल लिया. और फिर से चूसने लग गयी. फिर अली को बड़ी जोर की चुदास लग गयी. मेरा सिर उसने पकड़ लिया. वो मेरे मुंह पर भी जैसे बैठ गया था. मेरे सिर को दो तरफ से उसने पकड़ लिया और बैठ कर मेरा मुंह चोदने लगा. मुझे बहुत मजा आया. मैंने काफी देर तक उसका लंड पिया. उसकी लंड की सारी नसें फुल गयी और उसमे तेज रफ्तार से खून बहने लगा. मुझे खुशी हुई. क्यूंकि जितना जादा खून अली के लंड की नसों में बहेगा, उतना जादा जोर जोर से वो मुझे चोद पाएगा. तो मुझे बड़ी खुसी हुई दोस्तों.
कुछ देर बाद उसने लंड बाहर निकाल लिया. अब मैं उसका लंड अपने पतले पतले गोरे लेकिन नाजुक हाथों से फेटने लगी और उसकी ढीली गोलियों को मैंने मुंह में भर लिया. अली सिसक उठा. आह !! वो जोर से चिल्ला दिया. अम्मी का ध्यान हम लोगो की तरफ आ गया.
क्या हुआ रुखसाना?? ये आवाज कैसी ?? अम्मी उठ खड़ी हुई. सायद उनको शक हो गया था की ये किसी लड़के की आवाज है.
कुछ नही अम्मी !! नगमा का भाई हम दोनों को बार बार परेशान कर रहा है! मैंने जोर से कह दिया. अम्मी शांत हो गयी और अपनी जगह पर दोबारा बैठ गयी. अली ने दीवाल के छेद से देखकर मुझे बताया की अम्मी फिर से सब्जी काटने लगी है. मुझे चैन मिला. मैं फिर से अपने सनम अली की ढीली ढीली गोलियाँ मुंह में लेकर चूसने लगी. अगर ये गोलियाँ ना होती तो कहाँ से अली का माल बनता. और अगर माल ही ना बनता तो मेरे यार का लंड कभी खड़ा ही ना होता. और अगर उसका खड़ा ही ना होता तो मुझे कैसे चोदता. मैंने अली की दोनों गोलियों को चूम लिया और उसकी इबादत करती हुई उसको चूसने लगी. धीरे धीरे उसकी गोलियाँ कसने लगी. कुछ देर बाद उसकी दोनों गोलियाँ कस गयी. मुझे संतोष हुआ की चलो आज मैं अच्छे से चुद जाउंगी.
अली ने मेरी काली सलवार का नारा खोल दिया. एक पैर से मेरी सलवार निकाल दी. आज मैंने चड्डी नही पहनी थी. क्यूंकि मेरी चड्ढी में कई छेद हो गए थे. मैंने अम्मी से कहा भी की मुझे नई चड्डी लाकर दे तो बोली 'कौन सा यहाँ तेरा शौहर बैठा है, जो रोज रोज तेरी चूत के दीदार करेगा. ऐसे ही काम चला. अभी बहुत खर्चे है. अली ने आज पुरे २ महीने बाद मेरे भोसड़े का दीदार किया था. कुछ देर तक वो मेरे भोसड़े का दीदार करता रहा. फिर पीने लगा. मैंने तो अपनी आँखे ही बंद कर ली. मेरी चूत गरम होकर बिलबिलाने लगी. लगा इसमें कोई जवालामुखी फूटने वाला है. फिर अली से कुछ देर रूककर मेरी चूत को फैला दिया और गौर से देखने लगा.
'इन दो महीनो में किसी से चुदवाया तो नही तुने???' वो शक्की होकर पूछने लगा.
अम्मी की कसम. मैंने किसी से नही चुदवाया मैंने कहा. २ महीने से ना चुदने से मेरी चूत कुछ बंद बंद हो गयी थी. अली मेरी गोरी गोरी सुंदर जांघें सहला सहलाकर फिर से मेरी चूत पीने लगा. कुछ देर बाद जब उसने अपना लंड मेरी चूत में डाला तो अंडर ही नही जा रहा था. फिर मेहनत करने के बाद वो अंडर गया. अब अली मुझे उस टूटी फूटी दीवाल के पीछे चोदने लगा. अम्मी सब्जी काटती रही. १५ मिनट बाद अली मेरी चूत में ही झड गया. वहीँ पास पड़े एक कागज से मैंने पोछ के चूत साफ कर ली.
आधे घंटे बाद फिर आऊंगा अली बोला और वहां से भाग गया. मैंने कपड़े ठीक किये. एक बार चुदवाकर मैं अम्मी के पास लौट आई. मैंने अम्मी की सब्जी काटने में मदद कर दी. अम्मी सब्जी लाकर नीचे बनाने चली गयी.
अरी ओ रुखसाना!! इन आमो को एक बार पलट दे बेटी! वरना जरा भी पानी अगर इसमें रह गया तो आचार खराब हो जाएगा! अम्मी बोली.
ठीक है अम्मी! मैंने कहा. अम्मी सब्जी की थाली लेकर नीचे चली गयी. आधे घंटे बाद अली फिर से आ गया, बगल वाली की छत से. ऐ रुखसाना! दीवाल के इस तरह आ जा, तुझे एक बार और चोदूंगा!! अली बोला. दोस्तों, मैंने जल्दी जल्दी सूखे आमों को पलता दिया. जैसे ही दीवाल के पीछे गयी, अली ने मुझे खींच लिया. 'मेरी प्यारी छिनाल!! एक बार तेरी चूत मारने में मजा नही आता है. चल एक बार और दे' वो मनचला बोला. मैं मना करती रही, पर उसने मेरी सलवार का नाडा खोल दिया. जबरदस्ती मुझे फर्श पर लिटाकर चोदने लगा. मैंने भी कुछ नही कहा. क्यूंकि एक बार चुदने में मुझे भी कुछ समझ नही आया था. कुछ मजा नही मिल पाया था. हलाकि छत पर काफी धूप थी, पर अपने यार का लंड खाने के लिए मैंने धुप सहने को भी तयार थी. अली ने मुझको एक बार और चोदा. फिर वो फर्श पर लेट गया. मुझे उसने अपने लंड पर बिठा लिया. कुछ देर तक मैं उसका लंड सहलाती रही. वो फिर से खड़ा हो गया. अली से मुझे हल्का सा उठाया और अपने लंड पर बिठा लिया.
उसका मोटा सांप जैसा लंड मेरी चूत में धंस गया. मैं उठ उठ कर चुदवाने लगी. कुछ देर बाद तो बड़ी रौनक हो गयी. मेरी कमर नाचने लगी और मैं मस्ती से चुदवाने लगी. मैं जोर जोर से अली के लंड को अपनी चूत में लेकर कूदने लगी. ऐसा करने से बड़ी मखमली रगड लगने लगी. मैं सट सट करके चुदने लगी. इस तीसरी बार मैंने आधे घंटे तक उठ उठ कर खुद चुदवाया फिर अली झड गया. दोस्तों, अपनी कमेंट्स और राय कामुक स्टोरी डॉट कॉम पर लिखना ना भूलें.
पिछले कई दिनों से मेरी अली से मुलाकत नही हो पा रही थी. क्यूंकि पता नही किस कुत्ते ने मेरे अब्बू से बता दिया की मैं अली से फंसी हुई हूँ और बाहर मार्किट में जाकर उससे मिलती हूँ. उसके साथ घुमती फितरी हूँ. पता नही किस कमीने से मेरे अब्बू से बता दिया की मैं उसके साथ होटल में जाकर चुदवाती हूँ. मेरे अब्बू बहुत गरम हो गए और मुझे चैला से उन्होंने बहुत मारा पीटा और मेरा घर से बाहर निकलना बंद कर दिया. मेरी अम्मी से भी उन्होंने बोल दिया की मुझ पर नजर रखे. मैं किसी भी तरह अली से मिल ना पाऊं. तो दोस्तों, इस तरह मेरी जिंदगी जहन्नुम हो गयी. जब कभी मुझे बाजार में काम रहता या कुछ खरीदना होता तो अम्मी खुद मेरे साथ जाती. इस तरह १ महीना हो गया और मैं अली से नही मिल पायी. कुछ दिन बाद उसने मुझे एक मोबाइल चुपके से दिया पर जल्द ही उसकी बैटरी खतम हो गयी. किसी के सामने मैं उस फोन को चार्जिंग पर लगा भी नही सकती थी.
इस तरह अब अली की याद और ख़यालात में मेरे दिन गुजरने लगे. एक दिन दोपहर के समय अली मेरी छत पर चढ़ आया. मैं भी छत पर थी. अम्मी लाल मिर्च सुखा रही थी. उन्होंने आम का आचार भी डाल रखा था. आचार बनाने से पहले आम को मसाले लगाके सुखाया जाता है तो अम्मी आचार सुखा रही थी. इसके साथ ही वो सब्जी भी काट रही थी. मैं उसके बगल बैठ के अब्बू के लिए के स्वेटर बुन रही थी. की इतने में अली बगल वाली छत से मेरी छत पर आ गया.
श श श !! उसने हल्की सीटी दी. मैंने देखा तो वो अली था. मुझे बड़ी खुसी हुई. आज कम से कम २ महीने बाद मैंने उसका चेहरा देखा था. मेरी खुसी का ठिकाना नही था. अली ने मुझे दीवाल के पीछे आने को कहा. मेरी छत पर ५ फुट ऊंची टूटी सी दीवाल थी, जो बगल वाले घर को मेरे घर से विभाजित करती थी. अली ने उसी दीवाल के पीछे आने को कहा. मैं खुश हो गयी. मैंने अम्मी की तरह देखा. वो दोपहर के खाने के लिए साग काट रही थी. मैं उठकर दीवाल के पीछे जाने लगी.
रुखसाना !! कहाँ जा रही है ??? तुरंत अम्मी ने टोका.
वो कुछ नही अम्मी. वो पड़ोस वाली नगमा स्वेटर की कोई डीसाइन पूछ रही है! मैंने कहा
ठीक है जा !! अम्मी बोली. मैंने धीरे से दीवाल के पीछे आ गयी. अली ने तुरंत मुझे गले से लगा लिया. मैं उससे बिल्कुल चिपट गयी. बड़ी देर तक हम दोनों एक दूसरे की बाहों में रहें. कुछ देर बाद अली चुदासा हो गया. 'रुखसाना! आज इतने दिनों बाद मिली हो, खाली खाली नही हो सकता. आज तो भाई तुम्हारी चूत मिलनी ही चाहिए! वो बोला.
ले लो मेरी चूत, मैं भी कबसे नही चूदी हूँ. मैंने भी कबसे तुम्हारा लंड नही खाया है. अली आज मुझको चोद लो!! मैंने भी कह दिया. अली मेरे सूखे होंठों पर अपनी ऊँगली लगाने लगा. फिर उसने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए और खूब पिए. अपने सनम के होठ पीने से मेरी चूत डबडबा गयी. मेरी चूत पिछले २ महीने से किसी सूखे कुंए जैसी सुख गयी थी. पर आज मेरे दिलबर अली ने सब कुछ हरा हरा कर दिया था. वो मेरे मम्मे दबाते दबाते मेरे होंठ पीने लगे. मैंने काले रंग का सलवार सूट पहन रखा था. अली ने मुझे वहीँ दीवाल के किनारे लिटा लिया. मेरा काला दुपट्टा उसने हटा दिया. फिर अपनी पैंट की बेल्ट उसकी खोल दी. अपनी पैंट और चड्डी नीचे सरकाई. अपना लंड निकाला. मेरे पेट पर वो बैठ गया.
रुखसाना!! ले मेरा लौड़ा चूस!! वो बोला
मेरे होंठ तो उसका लंड चूसने को कबसे बेताब थे. कबसे मैंने उसका लंड नही चूसा था. तो दोस्तों, मैंने भी अपना मुंह खोल दिया. अली ने अपना मोटा सा काला लंड मेरे मुंह में दे दिया. मैं चूसने लग गयी. अली मेरे दूध को दबाने लगा. मैं उसका मोटा लौड़ा जो खूब मोटा था पूरा का पूरा अपने मुंह में लेने लगी और बड़ी शिद्दत से अपने दिलबर का लंड चूसने लगी. या अल्लाह !! मुझे बड़ी मौज आई. थोडा डर भी था की कहीं अम्मी दीवाल के इस तरफ आ गयी तो कोहराम ही मच जाएगा. पर फिर भी मैं अली से चुस्वा रही थी. आखिर इतने दिनों बाद मेरी उससे मुलाकात जो हुई थी. मैंने अली के लंड पर अपना हाथ रखा हुआ था, उस मोटे से लौड़े को हाथ से फेट फेट कर मैं उसका लौड़ा चूस रही थी.
अली मेरे मम्मे दबा रहा था. मेरी अम्मी दीवाल के उस तरह अपनी सब्जी काट रही थी. अली का मोटा लंड चूसते वक्त पूरा मेरे गले में अंदर तक जा रहा था. उसका सुपाडा खूब मोटा और खूब गुलाबी था. इसी सुपाडे वाले लंड से मैं कितनी बार चुद चुकी थी. इस मोटे सुपाडे का स्वाद मैंने सैकड़ों बार लिया था. ये मोटा लंड और ये गुलाबी सुपाडा सायद मेरी सबसे कीमती चीज थी, सायद अली से भी जादा मैंने उसके लंड से प्यार करती थी. क्यूंकि यही लंड मेरी चूत फाड़ फाड़के मेरी चूत की आग को शांत करता था. दोस्तों, मैं बड़ी सिद्दत से अली के इसी लौड़े को चूस रही थी. अली ने मेरी कमीज को उपर उठा दिया. मैंने उस वक्त कोई ब्रा नही पहनी थी. अली मेरे दूध की काली काली भुंडियों को जोर जोर से अपनी उँगलियों से मसलने लगा. मैंने अपने होठों को अपने दांत से काट लिया मारे चुदास के. अगर मेरी अम्मी गलती से भी दीवाल के इस तरह आ जाती और मेरे यार अली का लंड चूसते मुझे पकड़ लेती तो ना जाने कितनी गालियाँ बकती. लंड चुसवाते चुसवाते अचानक अली को मुझ पर प्यार आ गया.
वो मुझ पर झुक गया. मेरे माथे पर उसने चूम लिया. उसका इस तरह से मुझे प्यार से मेरे माथे पर चूमना मुझे बहुत पसंद था. अली ने एक सेकंड के लिए अपना १२ इंच लम्बा लंड निकाला और लम्बे लंड से ही मेरे मुह पर प्यार भरी थपकी देने लगा. मुझे बहुत अच्छा लगा दोस्तों. मैं उसका लंड पकड़ना चाहा तो उसने दुर खीच लिया. वो मुझको ललचा रहा था, मैं जान गयी. मैं भी उस्ताद थी. लपक कर मैंने उसका लंड पकड़ लिया और फिर से अपने मुंह में डाल लिया. और फिर से चूसने लग गयी. फिर अली को बड़ी जोर की चुदास लग गयी. मेरा सिर उसने पकड़ लिया. वो मेरे मुंह पर भी जैसे बैठ गया था. मेरे सिर को दो तरफ से उसने पकड़ लिया और बैठ कर मेरा मुंह चोदने लगा. मुझे बहुत मजा आया. मैंने काफी देर तक उसका लंड पिया. उसकी लंड की सारी नसें फुल गयी और उसमे तेज रफ्तार से खून बहने लगा. मुझे खुशी हुई. क्यूंकि जितना जादा खून अली के लंड की नसों में बहेगा, उतना जादा जोर जोर से वो मुझे चोद पाएगा. तो मुझे बड़ी खुसी हुई दोस्तों.
कुछ देर बाद उसने लंड बाहर निकाल लिया. अब मैं उसका लंड अपने पतले पतले गोरे लेकिन नाजुक हाथों से फेटने लगी और उसकी ढीली गोलियों को मैंने मुंह में भर लिया. अली सिसक उठा. आह !! वो जोर से चिल्ला दिया. अम्मी का ध्यान हम लोगो की तरफ आ गया.
क्या हुआ रुखसाना?? ये आवाज कैसी ?? अम्मी उठ खड़ी हुई. सायद उनको शक हो गया था की ये किसी लड़के की आवाज है.
कुछ नही अम्मी !! नगमा का भाई हम दोनों को बार बार परेशान कर रहा है! मैंने जोर से कह दिया. अम्मी शांत हो गयी और अपनी जगह पर दोबारा बैठ गयी. अली ने दीवाल के छेद से देखकर मुझे बताया की अम्मी फिर से सब्जी काटने लगी है. मुझे चैन मिला. मैं फिर से अपने सनम अली की ढीली ढीली गोलियाँ मुंह में लेकर चूसने लगी. अगर ये गोलियाँ ना होती तो कहाँ से अली का माल बनता. और अगर माल ही ना बनता तो मेरे यार का लंड कभी खड़ा ही ना होता. और अगर उसका खड़ा ही ना होता तो मुझे कैसे चोदता. मैंने अली की दोनों गोलियों को चूम लिया और उसकी इबादत करती हुई उसको चूसने लगी. धीरे धीरे उसकी गोलियाँ कसने लगी. कुछ देर बाद उसकी दोनों गोलियाँ कस गयी. मुझे संतोष हुआ की चलो आज मैं अच्छे से चुद जाउंगी.
अली ने मेरी काली सलवार का नारा खोल दिया. एक पैर से मेरी सलवार निकाल दी. आज मैंने चड्डी नही पहनी थी. क्यूंकि मेरी चड्ढी में कई छेद हो गए थे. मैंने अम्मी से कहा भी की मुझे नई चड्डी लाकर दे तो बोली 'कौन सा यहाँ तेरा शौहर बैठा है, जो रोज रोज तेरी चूत के दीदार करेगा. ऐसे ही काम चला. अभी बहुत खर्चे है. अली ने आज पुरे २ महीने बाद मेरे भोसड़े का दीदार किया था. कुछ देर तक वो मेरे भोसड़े का दीदार करता रहा. फिर पीने लगा. मैंने तो अपनी आँखे ही बंद कर ली. मेरी चूत गरम होकर बिलबिलाने लगी. लगा इसमें कोई जवालामुखी फूटने वाला है. फिर अली से कुछ देर रूककर मेरी चूत को फैला दिया और गौर से देखने लगा.
'इन दो महीनो में किसी से चुदवाया तो नही तुने???' वो शक्की होकर पूछने लगा.
अम्मी की कसम. मैंने किसी से नही चुदवाया मैंने कहा. २ महीने से ना चुदने से मेरी चूत कुछ बंद बंद हो गयी थी. अली मेरी गोरी गोरी सुंदर जांघें सहला सहलाकर फिर से मेरी चूत पीने लगा. कुछ देर बाद जब उसने अपना लंड मेरी चूत में डाला तो अंडर ही नही जा रहा था. फिर मेहनत करने के बाद वो अंडर गया. अब अली मुझे उस टूटी फूटी दीवाल के पीछे चोदने लगा. अम्मी सब्जी काटती रही. १५ मिनट बाद अली मेरी चूत में ही झड गया. वहीँ पास पड़े एक कागज से मैंने पोछ के चूत साफ कर ली.
आधे घंटे बाद फिर आऊंगा अली बोला और वहां से भाग गया. मैंने कपड़े ठीक किये. एक बार चुदवाकर मैं अम्मी के पास लौट आई. मैंने अम्मी की सब्जी काटने में मदद कर दी. अम्मी सब्जी लाकर नीचे बनाने चली गयी.
अरी ओ रुखसाना!! इन आमो को एक बार पलट दे बेटी! वरना जरा भी पानी अगर इसमें रह गया तो आचार खराब हो जाएगा! अम्मी बोली.
ठीक है अम्मी! मैंने कहा. अम्मी सब्जी की थाली लेकर नीचे चली गयी. आधे घंटे बाद अली फिर से आ गया, बगल वाली की छत से. ऐ रुखसाना! दीवाल के इस तरह आ जा, तुझे एक बार और चोदूंगा!! अली बोला. दोस्तों, मैंने जल्दी जल्दी सूखे आमों को पलता दिया. जैसे ही दीवाल के पीछे गयी, अली ने मुझे खींच लिया. 'मेरी प्यारी छिनाल!! एक बार तेरी चूत मारने में मजा नही आता है. चल एक बार और दे' वो मनचला बोला. मैं मना करती रही, पर उसने मेरी सलवार का नाडा खोल दिया. जबरदस्ती मुझे फर्श पर लिटाकर चोदने लगा. मैंने भी कुछ नही कहा. क्यूंकि एक बार चुदने में मुझे भी कुछ समझ नही आया था. कुछ मजा नही मिल पाया था. हलाकि छत पर काफी धूप थी, पर अपने यार का लंड खाने के लिए मैंने धुप सहने को भी तयार थी. अली ने मुझको एक बार और चोदा. फिर वो फर्श पर लेट गया. मुझे उसने अपने लंड पर बिठा लिया. कुछ देर तक मैं उसका लंड सहलाती रही. वो फिर से खड़ा हो गया. अली से मुझे हल्का सा उठाया और अपने लंड पर बिठा लिया.
उसका मोटा सांप जैसा लंड मेरी चूत में धंस गया. मैं उठ उठ कर चुदवाने लगी. कुछ देर बाद तो बड़ी रौनक हो गयी. मेरी कमर नाचने लगी और मैं मस्ती से चुदवाने लगी. मैं जोर जोर से अली के लंड को अपनी चूत में लेकर कूदने लगी. ऐसा करने से बड़ी मखमली रगड लगने लगी. मैं सट सट करके चुदने लगी. इस तीसरी बार मैंने आधे घंटे तक उठ उठ कर खुद चुदवाया फिर अली झड गया. दोस्तों, अपनी कमेंट्स और राय कामुक स्टोरी डॉट कॉम पर लिखना ना भूलें.