Porn Story चुदासी चूत की रंगीन मिजाजी - Page 4 - SexBaba
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Porn Story चुदासी चूत की रंगीन मिजाजी

और जितने दिन तक चूचियां टपकती हे स्त्री अपनी चूत को अपनी अंगुली से कुचल कर शांत करती हे !

ओरत को जितना कस कर चोदा जाता हे उसका प्रति -प्रभाव

उतनी देर तक बना रहता हे !
" कभी किसी कमीने ने तुम्हे मूत्र स्नान कराया हे या नहीं ...?" जफ़र मेरे स्तन की गुंडी को अंगुली के बीच ले कर

कच्ची मूंगफली का छिलका उतारने की तरह मसल रहा था !

में दर्द से ऐसे छटपटा रही थी मानो किसी मछली को शीतल जल से निकाल कर किसी गरम धरातल पर छोड़ दिया हो !

" ऐसा मत करो .....आआइ ...में मर जाउंगी .....मम्मी ......अरे दर्द हो रहा हे .....उखड जायेंगे ....अनिल ...कहाँ हो ...

ऊऊऊऊऊ ....प्लीज धीरे दबाओ ...सीssss ... छोड़ दो मुझे !"

" ऐसे केसे छोड़ दू .....शेर पंजा मरने के बाद मांस को भंभोड़ता हे ...छोड़ता नहीं हे .....चल ...खाट पर

लेट साली ......मूत्र से नहला कर तुझे ....आज मेरी रानी .... बना दूंगा .....

रांड की माँ की भोसड़ी .....मादरचोद तू किसी रंडी माँ की ओलाद हे .....और तेरे बेटी भी वो भी महा रंडी होगी ....!

और फिर वो मुझे चारपाई पर धक्का देकर अपनी पर उतर आया !

सूं .....सर्रर्रर्र sssssssss ,

मेरी कंचन सी चमकती काया को अपने मूत्र से तर करने लगा
अब तक मेरी ब्रा और चड्डी फाड़ करजफ़र नोच चूका था और उसके पुरे गदराये शरीर को जगह जगह से नोच

और काट चूका था !मेरी सिसकिया रुकने का नाम नहीं ले रही थी मुझे दर्द और आनंद दोनों मिल रहे थे !

"आआआ…. ह्ह्ह्ह्ह .....अरे ...दर्द हो रहा हे ....धीरे .....उह्ह्ह्ह्ह मम्मी .......अरे ....पापा ....आज मर जाउंगी ...


च ..चाचा ...मत करो ...मुझे जाने दो ....अब बस ....ई sssssss " मेरी चीख निकल गई जब मेरी इस बकवास पर

जफ़र ने गुस्से से मेरी झांघ पर चिकोटी काट ली !

दर्द से बिलबिला करमेने दोनों टांगों को दूर दूर कर लिया !

मेरे गदराये शरीर को किसी कुत्ते की तरह नोचने खसोटने के बाद

जफ़र हवस उगलती आँखों से मेरी चूत के पास पंहुचा !
छोटी सी , प्यारी सी ...चिपकी हुई ... बीच में एक चीरा जिसके बीच छुपा था

स्वर्गद्वार !

आज जफ़र का नो इंच का लंड मानो

दस इंच का होने की कोशिश कर रहा था मेरी चूत में घुसने के लिए !

में सोच रही थी इस मूसल को उसकीवो अपनी चूत में केसे समा पायेगी !

पर मेरी चूत इस हथियार को देख कर ख़ुशी से और डर से खूब पानी छोड़ रही थी !

गदराई हुई टांगों को चीर कर पूरी तरह से अलग कर जफ़र उनके बीच कुकरासन की मुद्रा में आ बेठा

और मेरी चूत को फाड़ कर खा जाने वाली निगाहों से घूरने लगा !

" आक्क ..थू ..sssss ."

जफ़र ने पसेरी भर लार मेरी चूत पर थूक दिया !

थूक से मेरी चूत पूरी सन गई !
मेरी चूत का छिद्र बार बार खुलता और बंद हो रहा था !

ये सोच कर की अब फटी की तब फटी !

डर के मारे मेरा मूत निकलने को हो रहा था !

पर फटना तो था ही ...जो आज मेरी किस्मत में इश्वर ने लिख दिया था !
" आई ssssssss ....मम्मी ssssss .....में पूरी ताकत से चीख उठी !
आधा लंड उसकी चूत में घोंप चूका जफ़र बिना रहम किये फिर से थोडा बाहर खींच कर वापिस पूरा लंड

मेरी चूत में उतार दिया था !

मेरी तो मानो सांस रुक गया थी औरलंड मूंड को वह अपनी पंसलियों में महसूस कर रही थी !

मुह खुल गया था आंसू बह रहे थे दर्द से पूरा बदन थरथरा रहा था !

पर इस सबसे बेखबर जफ़र उसके दोनों स्तनों को पकडे उसे हुमच हुमच कर पेल रहा था !
 
अपना पूरा लंड बाहर निकाल कर दुसरे ही जठ्के में झड तक गुसा रहा था !
"उईईईई ....मेरी चूची .....मम्मी मर गई में ...सी sssssssss "
आई मम्मी .....मेरे निकल रहा हे री .....अरे में झड जाउंगी ......आआआअ ....ह्ह्ह्ह्ह ....

में झड गई ...सी sssssss बस .....अब मत करो .....जलन हो रही हे ...."

में चूत -चोदु मंत्र को सुनकर और जफ़र के मूसल जेसे लंड से चूत का रेशा रेशा खोल देने वाली चुदाई से खुद

झड़ने से ज्यादा देर रोक नहीं पाई औरजफ़र की कमर में अपने पेरों की केंची मार कर उससे कस के लिपट गई !

चूत से छूटते गरम गरम पानी की बूंदे और चूत का संकुंचन जो की उसके लंड को पकड़ और छोड़ रहा था
किसी हांफते हुए कुत्ते की तरह एक चूची को मुह में भर कर उसकी घुंडी को दांतों से चिभलाते

हुए मेरी चूत में अपना पंद्रह साल बाद फिर से वीर्य मूतने लगा !

लंड को अपनी चूत में फूलता पिचकता महसूस कर में और कस कर जफ़र की चौड़ी नंगी छाती से चिपक गई

मानो उसका एक एक बूँद वीर्य अपनी चूत में भर लेना चाहती हो !

एक दिन में सुबह उठकर अपने दोस्त के यहाँ जाने के लिए तैयार हुआ और फिर मम्मी ने कहा कि आज वो अपनी बहन के घर पर जाएगी और में तैयार होकर दोस्त के लिए निकल पड़ा. तो मैंने वहां पर पहुंच कर देखा कि वो घर पर नहीं था इसलिए मैंने सोचा कि क्यों ना आज में घर जल्दी चला जाऊँ और कोई अच्छी फिल्म देख लूँ. तो में जल्दी घर के लिए निकल पड़ा और घर के दरवाजे की एक चाबी मेरे पास भी थी.
तो में घर पर आया और वो दोपहर का टाईम था.. तो मैंने सोचा कि शायदप्रीति सो रही होगी में उसे नींद से उठाकर परेशान नहीं करूँगा और फिर मैंने धीरे से दरवाजा खोला और घर के अंदर घुसते ही मुझे कुछ अजीब आवाजें आने लगी.. तो मैंने सोचा कि शायद प्रीति बेडरूम में टीवी देख रही होगी और हो सकता है कि यह उसी की आवाज हो?
मैंने उस आवाज पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और में अपने कमरे में पहुंचकर कपड़े बदले लगा और फिर में कपड़े बदल कर अचानक से अपनी प्रीति के बेडरूम में चला गया.. लेकिन प्रीति के बेडरूम का वो नज़ारा देखकर मेरी आखें खुली की खुली रह गयी. मैंने वहां पर देखा कि प्रीति अपने बेड पर पड़ी हुई है और उन्होंने अपने दोनों पैरों को फैलाया हुआ है और वो अपनी चूत में उंगली डाल रही थी. तो यह सब देखकर मेरा लंड बहुत बुरी तरह से तनकर खड़ा हो गया और मेरे पूरे शरीर में एकदम जोश आ गया और में दरवाज़े के कोने से उसे देख रहा था और अपने लंड को सहला रहा था और अब कुछ देर बाद मैंने अपना लंड हिलाना शुरू कर दिया.
फिर कुछ मिनट बाद उन्होंने अपनी स्पीड बड़ा दी और फिर वो झड़ गई और एकदम शांत होकर बेड पर पड़ी रही और उनकी चूत से रस बहता हुआ बाहर आने लगा. इस हालत में यह सब करता हुआ देखकर एक बार तो मैंने सोचा कि में अभी जाकर अपनी प्रीति को जबरदस्ती पकड़कर चोद डालूं.. लेकिन उस वक्त मैंने अपनी भावनाओ को काबू में रखा और उस पल को हमेशा याद रखने के लिए मैंने उसका वीडियो बना लिया
प्रीति की जुबानी 

करीब आधी रात को मुझे अपने बदन पर कुछ अजीब सा महसूस हुआ | कोई मेरी चुचियों को सहला रहा था | पहले तो मुझ को लगा की कही वो कोई सपना तो नहीं देख रही है पर अगले ही पल जब उस हाथ ने उसके चूचक को पकड़ कर मसला तो में एक दम से उठ बैठी | कमरे में अँधेरे के कारण में उसे पहचान नहीं पाई | डर के मारे मेरे मुँह से आवाज भी नहीं निकल पा रही थी | जैसे ही मेरी आँखें अँधेरे में कुछ देखने की अवस्था में आई तो मेने पहचाना... अरे ये तो राज था | उसको अपनी आँखों पर विश्वास नहीं हुआ 
मेने थोड़ा घबराते हुए राज का हाथ को अपने बदन से दूर कर दिया पर राज ने अभी उसको दुबारा से पकड़ लिया और अपने होंठ मेरे होंठो से जोड़ दिए | में तो पहले ही अपनी चुचियों के मसले जाने से मदहोश हो चुकी थी बाकी रही सही कसर राज ने मेरे होंठ चूस कर पूरी कर दी | में दिखावे के लिए राज का विरोध कर रही थी पर वैसे तो मेरी चुत में भट्टी जलने लगी थी जिस पर चुत से निकलने वाला पानी पेट्रोल का काम कर रहा था |
मेरी पैंटी गीली हो चुकी थी | 
“प्लीज... ना करो राज भैया... प्लीज छोड़ दो... मैं बहक रही हूँ भैया प्लीज छोड़ दो... किसी को पता लग गया तो मैं किसी को मुँह दिखने लायक नहीं रहूंगी...”
पर राज तो चुप चाप अपना काम कर रहा था | राज नेमेरा टॉप उतार कर उसकी चुचियों को नंगा कर दिया | मेरी चुचियों के देख कर राज भी अपने आप को रोक नहीं पाया क्यूंकि मेरी चुचियाँ बड़ी भी थी और तनी हुई भी थी | उसने जरा भी देर नहीं की और मेरी चूची के चूचक को अपने होंठो में दबा कर चूस लिया | में मस्ती के मारे सीत्कार उठी | मेरी आहें कमरे में सुनाई देने लगी थी | में दिखावे के लिए अभी भी थोड़ा सा विरोध कर रही थी परमें अब बिलकुल असमर्थ थी राज को अपने से दूर करने में |
कुछ देर होंठ और जीभ का मिलन करने के बाद राज ने मेरा हाथ पकड़ कर अपने मोटे और लंबे लण्ड पर रख दिया तोमें थर्रा उठी | मेरा बदन काँपने लगा था | जिस लण्ड को उसने दूर से देखा था वो लण्ड अब उसके हाथ में था और वो भी बिलकुल नंगा | 
तभी राज पहली बार फुसफुसाया – “मेरी जान तुम्हारे लिए तो मैं कब से तड़प रहा था ...|” में शर्म के मारे राज से लिपट गयी और मेने अपना मुँह राज की चौड़ी छाती में छुपा लिया | राज ने भी मुझे बाहों में भर लिया और मेरे बदन पर से सारे कपडे उतार कर एक तरफ रख दिए | मेरा नंगा बदन अब राज के नंगे बदन से लिपटा हुआ था | राज के हाथ मेरे मस्त चुचो को सहला रहे थे और मसल रहे थे तोमेरे हाथ भी राज के मोटे लण्ड को सहला रहे थे और मसल रहे थे | दोनों की ही सिसकारियाँ और आहें कमरे के वातावरण को मादक बना रही थी | अब दोनों के बीच का पर्दा हट चूका था |
तभी राज ने मुझे बिस्तर पर लेटा दिया और उसके नाभि क्षेत्र को चूमने लगा और अपनी जीभ घुमा घुमा कर मेरी गहरी नाभि को चाटने लगा | ऐसा करने से में जल बिन मछली की तरह तड़पने लगी | जीभ नाभि के पास घूमते घूमते नीचे मेरी चुत के क्षेत्र में दाखिल होने लगी और जब राज की जीभ मेरी चुत के दाने से टकराई तो मेरी चुत ने ढेर सा पानी छोड़ दिया | राज को तो जैसे अमृत मिल गया था | वो जीभ से मेरी चुत का सारा रस चाट गया और अपनी जीभ मेरी चुत में घुसा कर जीभ से चुत को चोदने लगा | 
“आह्ह...भैया ऐसा मत करो... मैं मर जाउंगी...आह्ह्ह... ओह्ह्ह्ह खा जाओ मेरी चुत को भैया...आह्ह्ह...”
तभी राज नेमुझे बैठाया और अपना तन कर खड़े लण्ड को मेरे मुँह के पास कर दिया |असली मोटा और लंबा लण्ड पहली बार मेरी आँखों के बिलकुल पास था |में ने एक क्षण के लिए तो उसको निहारा और फिर एक दम से राज के लण्ड का सुपाड़ा अपने होंठो में दबा लिया और फिर सुपाडे पर जीभ घुमा घुमा कर चाटने और चूसने लगी | अब आह निकलने की बारी राज की थी | 
“क्या लण्ड चुसती हो मेरी जान...आह्ह्ह चूसो और जोर से चूसो... पूरा लण्ड मुँह में लेकर चूसो...तुम तो अपनी जेठानी से भी अच्छा लण्ड चुसती हो मेरी जान..”
करीब दस मिनट लण्ड चूसने के बाद राज का पानी निकलने को हुआ तो उसने अपना लण्ड मेरे मुँह से निकाल लिया और मेरी दोनों टाँगे ऊपर उठा कर लण्ड का सुपाड़ा मेरी चुत के मुहाने पर टिका दिया | में तो खुद लण्ड अपनी चुत में लेने को बेक़रार हो रही थी सो में अपनी गांड उछाल कर लण्ड को अंदर लेने की कोशिश करने लगी की तभीराज ने एक जोरदार धक्का लगा दिया और मेरी चींख कमरे में गूंज गई | राज के मोटे लण्ड के अंदर जाते ही चुत की दीवारे खीच गई औरमें दर्द के मारे हलकान होने लगी | मेरी चुत बहुत टाईट थी | मुझ को पहली बार पता लग रहा था की चुदाई क्या होती है |
राज के लण्ड का सिर्फ सुपाड़ा ही अब तक अंदर गया था और ऐसा लग रहा था की चुत फट गई है | अभी में कुछ सोच पाती की राज ने एक और जोरदार धक्का लगा कर लगभग आधा लण्ड चुत में उतार दिया | मेरी आँखों से दर्द के आँसू निकल पड़े | उसके बाद राज ने मुझे को सँभालने का मौका भी नहीं दिया और अगले दो तीन धक्को में पूरा लण्ड मेरी मस्त गीली चुत की गहराई में घुसा दिया | में कसमसा कर रह गई |
अभी राज ने आठ-दस धक्के ही लगाए थे की मेरी चुत ने पानी छोड़ दिया | पानी के कारण चुत अब चिकनी हो गई थी तो राज का लण्ड अब सटासट मेरी चुत के अंदर-बाहर होने लगा था | अब मुझ को भी मज़ा आने लगा था | इसी मज़े के लिए तो वो ना जाने कब से तड़प रही थी | मेरी गांड अब उछलने लगी थी लण्ड को अपने अंदर तक समा लेने के लिए | मेरी आहें और सिसकारियाँ कमरे में गूंजने लगी थी | फच्च फच्च करता हुआ लण्ड अब अपनी पूरी गति से मेरी चुत को चोद रहा था | में आनंद के सागर में गोते लगा रही थी |
“चोद दो मुझे भैया.... बहुत तड़पाया है तुम्हारे लण्ड ने... आज मेरी चुत के सारे अरमान पुरे कर दो... आह्ह्ह... इस्स्स्स....चोदो..... ओह्ह्ह... चोदो....उम्म्म्म.....इस्स्स्स.... आह्ह्ह जोर से.... जोर से...और जोर से....” में बराबर बडबडा रही थी |
राज ने करीब बीस मिनट तक मेरी चुत को चोद चोद कर पानी पानी कर दिया | में कम से कम चार बार झड चुकी थी | और फिर जब राज ने जोरदार ढंग से चोदते हुए अपना कामरस मेरी चुत में फव्वारे के रूप में बरसाया तो में उतेजना से भर गई और एक बार फिर से झड गई | गर्म गर्म वीर्य का चुत के अंदर एहसास मिलते ही में ने राज को अपनी बाहों में जकड लिया और अपने नाख़ून मस्ती में राज की पीठ पर गड़ा दिए | अब दोनों ही एक दूसरे में समा जाने को बेताब होकर एक दूसरे को बाहों में जकड रहे थे | 
कुछ देर बाद हम दोनों निढाल होकर बेड पर लेट गए,,अचानक मेरी नींद खुल गयी ,मेरा पूरा शरीर पसीने में भीगा हुआ था ,मेरी समझ नही आ रहा था की मेने राज के साथ चुदाई का सपना भी कैसे देखा


समाप्त
 
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