hotaks444
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और जितने दिन तक चूचियां टपकती हे स्त्री अपनी चूत को अपनी अंगुली से कुचल कर शांत करती हे !
ओरत को जितना कस कर चोदा जाता हे उसका प्रति -प्रभाव
उतनी देर तक बना रहता हे !
" कभी किसी कमीने ने तुम्हे मूत्र स्नान कराया हे या नहीं ...?" जफ़र मेरे स्तन की गुंडी को अंगुली के बीच ले कर
कच्ची मूंगफली का छिलका उतारने की तरह मसल रहा था !
में दर्द से ऐसे छटपटा रही थी मानो किसी मछली को शीतल जल से निकाल कर किसी गरम धरातल पर छोड़ दिया हो !
" ऐसा मत करो .....आआइ ...में मर जाउंगी .....मम्मी ......अरे दर्द हो रहा हे .....उखड जायेंगे ....अनिल ...कहाँ हो ...
ऊऊऊऊऊ ....प्लीज धीरे दबाओ ...सीssss ... छोड़ दो मुझे !"
" ऐसे केसे छोड़ दू .....शेर पंजा मरने के बाद मांस को भंभोड़ता हे ...छोड़ता नहीं हे .....चल ...खाट पर
लेट साली ......मूत्र से नहला कर तुझे ....आज मेरी रानी .... बना दूंगा .....
रांड की माँ की भोसड़ी .....मादरचोद तू किसी रंडी माँ की ओलाद हे .....और तेरे बेटी भी वो भी महा रंडी होगी ....!
और फिर वो मुझे चारपाई पर धक्का देकर अपनी पर उतर आया !
सूं .....सर्रर्रर्र sssssssss ,
मेरी कंचन सी चमकती काया को अपने मूत्र से तर करने लगा
अब तक मेरी ब्रा और चड्डी फाड़ करजफ़र नोच चूका था और उसके पुरे गदराये शरीर को जगह जगह से नोच
और काट चूका था !मेरी सिसकिया रुकने का नाम नहीं ले रही थी मुझे दर्द और आनंद दोनों मिल रहे थे !
"आआआ…. ह्ह्ह्ह्ह .....अरे ...दर्द हो रहा हे ....धीरे .....उह्ह्ह्ह्ह मम्मी .......अरे ....पापा ....आज मर जाउंगी ...
च ..चाचा ...मत करो ...मुझे जाने दो ....अब बस ....ई sssssss " मेरी चीख निकल गई जब मेरी इस बकवास पर
जफ़र ने गुस्से से मेरी झांघ पर चिकोटी काट ली !
दर्द से बिलबिला करमेने दोनों टांगों को दूर दूर कर लिया !
मेरे गदराये शरीर को किसी कुत्ते की तरह नोचने खसोटने के बाद
जफ़र हवस उगलती आँखों से मेरी चूत के पास पंहुचा !
छोटी सी , प्यारी सी ...चिपकी हुई ... बीच में एक चीरा जिसके बीच छुपा था
स्वर्गद्वार !
आज जफ़र का नो इंच का लंड मानो
दस इंच का होने की कोशिश कर रहा था मेरी चूत में घुसने के लिए !
में सोच रही थी इस मूसल को उसकीवो अपनी चूत में केसे समा पायेगी !
पर मेरी चूत इस हथियार को देख कर ख़ुशी से और डर से खूब पानी छोड़ रही थी !
गदराई हुई टांगों को चीर कर पूरी तरह से अलग कर जफ़र उनके बीच कुकरासन की मुद्रा में आ बेठा
और मेरी चूत को फाड़ कर खा जाने वाली निगाहों से घूरने लगा !
" आक्क ..थू ..sssss ."
जफ़र ने पसेरी भर लार मेरी चूत पर थूक दिया !
थूक से मेरी चूत पूरी सन गई !
मेरी चूत का छिद्र बार बार खुलता और बंद हो रहा था !
ये सोच कर की अब फटी की तब फटी !
डर के मारे मेरा मूत निकलने को हो रहा था !
पर फटना तो था ही ...जो आज मेरी किस्मत में इश्वर ने लिख दिया था !
" आई ssssssss ....मम्मी ssssss .....में पूरी ताकत से चीख उठी !
आधा लंड उसकी चूत में घोंप चूका जफ़र बिना रहम किये फिर से थोडा बाहर खींच कर वापिस पूरा लंड
मेरी चूत में उतार दिया था !
मेरी तो मानो सांस रुक गया थी औरलंड मूंड को वह अपनी पंसलियों में महसूस कर रही थी !
मुह खुल गया था आंसू बह रहे थे दर्द से पूरा बदन थरथरा रहा था !
पर इस सबसे बेखबर जफ़र उसके दोनों स्तनों को पकडे उसे हुमच हुमच कर पेल रहा था !
ओरत को जितना कस कर चोदा जाता हे उसका प्रति -प्रभाव
उतनी देर तक बना रहता हे !
" कभी किसी कमीने ने तुम्हे मूत्र स्नान कराया हे या नहीं ...?" जफ़र मेरे स्तन की गुंडी को अंगुली के बीच ले कर
कच्ची मूंगफली का छिलका उतारने की तरह मसल रहा था !
में दर्द से ऐसे छटपटा रही थी मानो किसी मछली को शीतल जल से निकाल कर किसी गरम धरातल पर छोड़ दिया हो !
" ऐसा मत करो .....आआइ ...में मर जाउंगी .....मम्मी ......अरे दर्द हो रहा हे .....उखड जायेंगे ....अनिल ...कहाँ हो ...
ऊऊऊऊऊ ....प्लीज धीरे दबाओ ...सीssss ... छोड़ दो मुझे !"
" ऐसे केसे छोड़ दू .....शेर पंजा मरने के बाद मांस को भंभोड़ता हे ...छोड़ता नहीं हे .....चल ...खाट पर
लेट साली ......मूत्र से नहला कर तुझे ....आज मेरी रानी .... बना दूंगा .....
रांड की माँ की भोसड़ी .....मादरचोद तू किसी रंडी माँ की ओलाद हे .....और तेरे बेटी भी वो भी महा रंडी होगी ....!
और फिर वो मुझे चारपाई पर धक्का देकर अपनी पर उतर आया !
सूं .....सर्रर्रर्र sssssssss ,
मेरी कंचन सी चमकती काया को अपने मूत्र से तर करने लगा
अब तक मेरी ब्रा और चड्डी फाड़ करजफ़र नोच चूका था और उसके पुरे गदराये शरीर को जगह जगह से नोच
और काट चूका था !मेरी सिसकिया रुकने का नाम नहीं ले रही थी मुझे दर्द और आनंद दोनों मिल रहे थे !
"आआआ…. ह्ह्ह्ह्ह .....अरे ...दर्द हो रहा हे ....धीरे .....उह्ह्ह्ह्ह मम्मी .......अरे ....पापा ....आज मर जाउंगी ...
च ..चाचा ...मत करो ...मुझे जाने दो ....अब बस ....ई sssssss " मेरी चीख निकल गई जब मेरी इस बकवास पर
जफ़र ने गुस्से से मेरी झांघ पर चिकोटी काट ली !
दर्द से बिलबिला करमेने दोनों टांगों को दूर दूर कर लिया !
मेरे गदराये शरीर को किसी कुत्ते की तरह नोचने खसोटने के बाद
जफ़र हवस उगलती आँखों से मेरी चूत के पास पंहुचा !
छोटी सी , प्यारी सी ...चिपकी हुई ... बीच में एक चीरा जिसके बीच छुपा था
स्वर्गद्वार !
आज जफ़र का नो इंच का लंड मानो
दस इंच का होने की कोशिश कर रहा था मेरी चूत में घुसने के लिए !
में सोच रही थी इस मूसल को उसकीवो अपनी चूत में केसे समा पायेगी !
पर मेरी चूत इस हथियार को देख कर ख़ुशी से और डर से खूब पानी छोड़ रही थी !
गदराई हुई टांगों को चीर कर पूरी तरह से अलग कर जफ़र उनके बीच कुकरासन की मुद्रा में आ बेठा
और मेरी चूत को फाड़ कर खा जाने वाली निगाहों से घूरने लगा !
" आक्क ..थू ..sssss ."
जफ़र ने पसेरी भर लार मेरी चूत पर थूक दिया !
थूक से मेरी चूत पूरी सन गई !
मेरी चूत का छिद्र बार बार खुलता और बंद हो रहा था !
ये सोच कर की अब फटी की तब फटी !
डर के मारे मेरा मूत निकलने को हो रहा था !
पर फटना तो था ही ...जो आज मेरी किस्मत में इश्वर ने लिख दिया था !
" आई ssssssss ....मम्मी ssssss .....में पूरी ताकत से चीख उठी !
आधा लंड उसकी चूत में घोंप चूका जफ़र बिना रहम किये फिर से थोडा बाहर खींच कर वापिस पूरा लंड
मेरी चूत में उतार दिया था !
मेरी तो मानो सांस रुक गया थी औरलंड मूंड को वह अपनी पंसलियों में महसूस कर रही थी !
मुह खुल गया था आंसू बह रहे थे दर्द से पूरा बदन थरथरा रहा था !
पर इस सबसे बेखबर जफ़र उसके दोनों स्तनों को पकडे उसे हुमच हुमच कर पेल रहा था !