hotaks444
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कहानी अब तक -
मैं (सुर्ख आखों से उसकी तरफ देखते हुए)- धोखेबाज़ , अगर बात इतनी सी होती तो मैं तुझे माफ़ कर देता, पर तूने.....
अब आगे -
पर तूने सिर्फ़ मुझे ही नहीं बल्कि राजू को भी धोखा दिया है,
कितना भरोसा करता था राजू तुझपर,
ऑर तूने उसी की बहेन को झूठे प्यार मे फसा कर धोखा दिया.
.
मेरी इस बात से हंस के चेहरे की हवाइयाँ उड़ गयीं.
.
हंस - भाई मैं मारिया से शादी कर लूँगा, जैसा आप बोलॉगे वैसा ही करूँगा, पर मुझे मत मारो.
.
मैं (एक थप्पड़ मरते हुए)- अपनी गंदी ज़बान से उसका नाम भी मत लेना, वरना तेरी ज़बान काट के फैक दूँगा,
अब ये बता की तूने मारिया से प्यार का ढोंग क्यों किया था?
.
हंस - वो वो मैने ये सब उससे मज़े लेने आआआहह
.
ऑर आगे मुझसे बर्दाश्त ना हुआ,
मैने अपनी सोर्ड उसके पेट मे आर - पार कर दी.
.
हंस (दोनो हाथ जोड़कर मुझसे भीख माँगते हुए)- आहह... मुझे बचा लो भाई, मैं मरना नहीं चाहता.
.
मैं - तू चाहे या ना चाहे, पर आज तेरी मौत निश्चित है,
तेरे मरने से बहुत सी ज़िंदगियाँ बच सकती हैं, इसी लिए तेरा मरना ही सही है, ऑर मैने सोर्ड उसके पेट से निकाल का उसके दिल पर मार दी,
जिससे थोड़ी ही देर मे वो तड़प्ते हुए मर गया,
.
उसकी लाश के पास बैठकर मैं थोड़ी देर रोता रहा ओर फिर मुझे राजू का ख़याल आया,
मैने अपनी आखें बंद करके एक बार खोलीं,
तो वहाँ का महॉल देख कर कोई नहीं कह सकता था कि अभी यहाँ इतनी गाड़ियाँ ब्लास्ट हुई है, या खून बहा है,
वहाँ से सब कुच्छ गायब हो चुका था, ओर थोड़ी ही दूरी पर राजू बेहोश पड़ा था, ऑर मेरी कार जो ब्लास्ट हो गयी थी, वो सही सलामत पास मे ही खड़ी थी,
मैं उठकर राजू के पास पहुँचा ऑर उसे गोद मे उठा कर कार की बॅक सीट पर लिटा दिया,
ऑर कार राजू के घर की तरफ डाल दी,
रास्ते मे ही राजू को होश आने लगा,
ऑर थोड़ी ही देर मे वो उठ कर बैठ गया. ऑर अपने आप को कार मे पाकर चौक गया.
.
राजू (चौुक्ते हुए मुझ से)- भाई! अभी तो फाइट चल रही थी ना, हम यहाँ कैसे आ गये?
.
मैने कार साइड लगाई, ऑर बाहर निकालकर एक बॉट्टेल पानी ख़रीदकर उसको दिया,
पानी पीकर वो कार मे आगे बैठ गया,
मैने भी ड्राइविंग सीट पर बैठते हुए कार आगे बढ़ाई.
.
राजू - भाई तूने जवाब नहीं दिया,
कि हम यहाँ कैसे आ गये? ओर उन सब का क्या हुआ?
.
मैं - अबे तू तो बेहोश हो गया था,
तो मैने अकेले ही उन सबको ऊपर पहुँचा दिया.
.
राजू (शोक्ड)- क्याआअ?
.
मैं - अबे भूल गया क्या, मैं "दा राक" हूँ, तुझे बताया तो था.
.
राजू - फुउऊुउउ! मैं तो भूल ही गया था, पर "दा राक" इतना ख़तरनाक हो सकता है ये मैने भी एक्सपेक्ट नहीं किया था (राजू डाट दिखाते हुए बोला)
.
मैं - यार एक बुरी खबर भी है?
.
राजू - क्या हुआ?
.
मैं - दुश्मनो के साथ हंस भी शामिल था, ऑर मुझे मारने आया था.
.
राजू - मुझे तो पहले ही शक था, मैने तुझे बताया भी था उस दिन,
कि हंस का व्यवहार चेंज हो गया है.
.
मैं - मैने उसे टपका दिया.
.
मेरी बात सुनकर राजू ने पहले मेरी तरफ शॉक होकर देखा, फिर बोला-
.
राजू - ठीक ही किया, अगर तू उसे ना मारता तो वो हमे मार डालता.
.
मैं - इसी लिए तो उसको ऊपर पहुँचा दिया.
.
हम अभी बात कर ही रहे थे, कि राजू का फोन बजा, उसने फोन देखकर साइलेंट करके वापस जेब मे रख लिया.
.
मैं - क्या हुआ बे? फोन क्यों नहीं उठाया, किसका फोन है?
.
राजू - ऑर कॉन होती, तेरी भाभी शिवानी है. बहुत दिनो से बोल रही है मिलने को, पर मुझे टाइम नहीं मिल पा रहा है,
.
मैं - अबे एक काम कर, मैने कंपनी खोलने के लिए गाँव मे ज़मीन ले ली है,
ऑर पास मे ही एक आलीशान घर भी बनवा दिया है,
तू शिवानी भाभी को लेकर कुच्छ दिन वहीं चला जा,
ऑर आर्किटेक्ट से मिल कर अपने हिसाब से कंपनी की बिल्डिंग को डिज़ाइन करवा ले.
.
राजू ने मुझे गले लगा लिया, उसका घर भी आ गया था, मैने उससे अलग होकर उसके हल्के आए आँसू सॉफ किए, ऑर गाड़ी से उतरने को बोला.
.
इसी के साथ हम दोनो कार से बाहर आए,
ऑर घर के अंदर चल दिए,
वहाँ जाकर पता चला कि आंटी ओर अंकल एक पार्टी मे गये हुए हैं.
.
मैं - राजू यार मारिया कहाँ है? नज़र नहीं आ रही.
.
राजू - अरे भाई तू उसके रूम मे देख, वहीं होगी, ऑर हां बचके रहना उससे, गाँव से वापस आने के बाद तू उससे मिलने नहीं आया,
इसी लिए तुझसे नाराज़ है,
जा जाकर मना ले उसे.
.
मैं - वो तो मेरे दाहिने हाथ का काम है, तू ज़रा कोल्ड्रींक भेज, बहुत प्यास लगी है,
ऑर अपना ये हुलिया ठीक कर.
.
राजू - हाँ तू चल मैं नौकर के हाथ भेजता हूँ, ऑर बात लेके आता हूँ.
.
मैं मारिया के रूम
के बाहर पहुँचा ऑर डोर नॉक किया,
अंदर से उसकी स्वीट सी आवाज़ आई,
"कम इन"
.
मैं डोर को पुश करके अंदर चला गया, वहाँ पर मारिया उल्टी लेटी हुई स्माइल करते हुए कुच्छ सोच रही थी.
.
.
ऑर मुझे देखकर उठ कर बैठ गयी,
ऑर अंगड़ाई लेते हुए बोली-
.
.
मारिया - जी बताइए क्या काम है?
.
मैं - अबे तेरी तो
.
ऑर ये कहते हुए मैने उसके ऊपर छलान्ग लगा दी, ऑर उसके ऊपर गिरते हुए उसके साथ बेड पर गिर गया,
वो नीचे ओर मैं उसके ऊपर.
.
मैं - अब बता क्या बोल रही थी, क्या काम है..
हाआँ बोल.
.
मारिया (हँसते हुए)- अरे हटो मेरे ऊपर से, ये सांड जैसी बॉडी लेकर मेरे ऊपर लेटे हो, कहीं मेरा दम ना निकल जाए.
.
मैं - तेरे लिए ना अपने से भी भारी लड़का लाउन्गा देख कर.
.
मारिया (हँसते हुए) - नहीं मुझे नहीं चाहिए, मैं ऐसे ही ठीक हूँ.
.
मैं उसके ऊपर से हट कर साइड मे लेट गया, ऑर उसने अपना सर मेरी बाँह पर रख लिया.
.
मैं - अच्च्छा मैने सुना है कि तू मुझसे नाराज़ है?
.
मारिया (मूह फुलाते हुए)- बिल्कुल ठीक सुना है आपने.
.
मैं (स्माइलिंग)- अच्च्छा ऑर वो क्यों?
.
मारिया - मुझसे मिलने नहीं आए इसी लिए.
.
मैं - तेरी वजह से ही तो बिज़ी था, ऑर तू मुझसे ही नाराज़ हो गयी.
.
मारिया (मुझे घूरकर)- मेरी वजह से कैसे बिज़ी थे?
.
मैं - राजू ऑर तेरे लिए कंपनी खोलनी है ना गाँव मे, उसी के लिए ज़मीन ली है, ऑर उस मे ही तुम्हारा घर भी बनवा दिया है, अब जल्दी ही काम शुरू होने वाला है वहाँ पर,
राजू को कल ही भेज दूँगा मैं वहाँ पर.
.
मेरी बात पूरी होते ही वो मुझसे चिपात गयी, ऑर मेरे चेहरे पर किस्सस की बरसात कर दी.
.
मैं (उसको खुद से दूर करके)- अबे बस कर, बच्चे की जान लेगी क्या?
.
मारिया हँसने लगी, तो मुझे हंस याद आ गया, जिससे मेरा चेहरा सीरीयस होता चला गया. मुझे ऐसे देखकर उसकी हसी को एकदम ब्रेक लग
गया, ऑर वो मुझसे बोली-
.
मारिया - भाई क्या हुआ आपको? क्या बात है मुझे बताइए ना
.
मैं - मारिया, तू हमेशा कहती है ना कि मैं शादी नहीं करूँगी,
देख अब उस धोकेबाज़ को भूल जा,
ऑर नये सिरे से ज़िंदगी की शुरुआत कर.
.
मारिया (मायूसी के साथ)- भाई कितनी आसानी से आपने कह दिया कि उसे भूल जा, पर भाई ये कहना आसान है, करना बहुत मुश्किल है.
.
मैं - देख गुड़िया, कुच्छ भी इंपॉसिबल नहीं है,
जल्दी ही कंपनी स्टार्ट हो जाएगी,
तू उसपर अभी से फोकस करना शुरू कर दे,
ऑर अपने आप को बिज़ी कर ले,
यकीन कर तुझे उसके बारे मे सोचने की फ़ुर्सत भी नहीं मिलेगी.
ऑर हाँ एक बात हमेशा याद रखना,
हर लड़का एक जैसा बिल्कुल भी नहीं होता, तो सबको एक ही नज़र से मत देखा कर.
.
मारिया - ठीक है भाई, जैसा आपने बोला वैसा ही करूँगी.
.
मैं - दट'स लाइक गुड गर्ल.
.
तभी राजू रूम मे एंटर हुआ, जो बाथ लेकर ऑर कपड़े चेंज करके आया था.
ऑर उसके पिछे एक मैड थी, जिसके हाथ मे कोल्ड्रींक थी.
.
राजू - वाह! दोनो यहाँ पर हैं,
ले भाई तेरे लिए कोल्ड्रींक.
.
मैं उठ कर बैठ गया, ऑर कोल्ड्रींक पीकर ग्लास वापस रख दिया,
मैड वापस चली गयी, ऑर मैं बोला-
.
मैं - तो शिवानी भाभी से मिलने जा रहा है?
.
राजू (मुझे मारिया की तरफ इशारा करके)- कॉन शिवानी बे? मैं किसी शिवानी को नहीं जानता.
.
मैं - अबे मैने तो कहा था कि मारिया को भाभी से मिला देना, तूने अभी तक नहीं मिलाया,
ओये मारिया जा तय्यार होकर अपनी भाभी से मिल आ.
.
मारिया तो खुशी से उठ कर अलमारी से एक ड्रेस निकाल कर वॉशरूम मे घुस गयी. उसके जाने के बाद.
.
राजू - साले तुझे बड़ी जल्दी है उसको भाभी बनाने की, अबे पहले कुच्छ दिन डेटिंग - शतिंग तो करने दे,
उसके बाद ही मिलवा दियो सब को.
.
मैं - देख मारिया तेरी जुड़वा बेहेन है, उससे कुच्छ मत छिपाया कर,
ऑर वैसे भी उसका तेरे ऑर मेरे अलावा कोई दोस्त भी नहीं है, एक - दो सहेलियाँ हैं, उनकी दोस्ती भी सिर्फ़ कॉलेज तक है,
बेचारी ना कहीं आती - जाती है,
ऑर ना कहीं घूमती है,
तो ये तेरी ज़िम्मेदारी है कि उसके चेहरे पर मुस्कान कैसे लाई जाए.
ऑर ज़्यादातर मारिया के साथ टाइम स्पेंट किया कर, ये मेरा ऑर्डर है.
समझा.
.
राजू - चल तू कह रहा है तो ठीक है, पर कल तो मुझे शिवानी के साथ गाँव निकलना है फिर मारिया...?
.
मैं - एक काम कर मारिया को भी साथ ले जा, मैं उसे समझा दूँगा,
वो तुझे ओर शिवानी को डिस्टर्ब नहीं करेगी, ओर बिज़नेस प्लॅनिंग मे भी तेरा पूरा साथ देगी.
.
राजू - चल ठीक है, उसको समझा देना.
.
फिर कुच्छ देर बात करके मैं मारिया को समझा कर वहाँ से अपने घर की तरफ निकल गया.
कार मे पड़ा मेरा फोन जब मैने देखा तो मेरे मूह से निकला - "ओह शिट" आज तो बेटा तू गया,
.
हुआ ये था कि मैं अपना फोन कार मे ही भूल गया था, ऑर जब मैने फोन देखा तो उसमे 100+ मिस कॉल्स पड़ी हुई थीं.
आज तो मेरा अच्च्छा ख़ासा रिमाइंड होने वाला था, बस ये साक्षी ने घर पर कुच्छ ना बताया हो?
.
मैने कार की स्पीड बढ़ा दी ऑर जल्दी से घर पहुनवह कर डोर बेल बजाई.
टू... बी... कंटिन्यूड
कहानी अब तक -
मैं (सुर्ख आखों से उसकी तरफ देखते हुए)- धोखेबाज़ , अगर बात इतनी सी होती तो मैं तुझे माफ़ कर देता, पर तूने.....
अब आगे -
पर तूने सिर्फ़ मुझे ही नहीं बल्कि राजू को भी धोखा दिया है,
कितना भरोसा करता था राजू तुझपर,
ऑर तूने उसी की बहेन को झूठे प्यार मे फसा कर धोखा दिया.
.
मेरी इस बात से हंस के चेहरे की हवाइयाँ उड़ गयीं.
.
हंस - भाई मैं मारिया से शादी कर लूँगा, जैसा आप बोलॉगे वैसा ही करूँगा, पर मुझे मत मारो.
.
मैं (एक थप्पड़ मरते हुए)- अपनी गंदी ज़बान से उसका नाम भी मत लेना, वरना तेरी ज़बान काट के फैक दूँगा,
अब ये बता की तूने मारिया से प्यार का ढोंग क्यों किया था?
.
हंस - वो वो मैने ये सब उससे मज़े लेने आआआहह
.
ऑर आगे मुझसे बर्दाश्त ना हुआ,
मैने अपनी सोर्ड उसके पेट मे आर - पार कर दी.
.
हंस (दोनो हाथ जोड़कर मुझसे भीख माँगते हुए)- आहह... मुझे बचा लो भाई, मैं मरना नहीं चाहता.
.
मैं - तू चाहे या ना चाहे, पर आज तेरी मौत निश्चित है,
तेरे मरने से बहुत सी ज़िंदगियाँ बच सकती हैं, इसी लिए तेरा मरना ही सही है, ऑर मैने सोर्ड उसके पेट से निकाल का उसके दिल पर मार दी,
जिससे थोड़ी ही देर मे वो तड़प्ते हुए मर गया,
.
उसकी लाश के पास बैठकर मैं थोड़ी देर रोता रहा ओर फिर मुझे राजू का ख़याल आया,
मैने अपनी आखें बंद करके एक बार खोलीं,
तो वहाँ का महॉल देख कर कोई नहीं कह सकता था कि अभी यहाँ इतनी गाड़ियाँ ब्लास्ट हुई है, या खून बहा है,
वहाँ से सब कुच्छ गायब हो चुका था, ओर थोड़ी ही दूरी पर राजू बेहोश पड़ा था, ऑर मेरी कार जो ब्लास्ट हो गयी थी, वो सही सलामत पास मे ही खड़ी थी,
मैं उठकर राजू के पास पहुँचा ऑर उसे गोद मे उठा कर कार की बॅक सीट पर लिटा दिया,
ऑर कार राजू के घर की तरफ डाल दी,
रास्ते मे ही राजू को होश आने लगा,
ऑर थोड़ी ही देर मे वो उठ कर बैठ गया. ऑर अपने आप को कार मे पाकर चौक गया.
.
राजू (चौुक्ते हुए मुझ से)- भाई! अभी तो फाइट चल रही थी ना, हम यहाँ कैसे आ गये?
.
मैने कार साइड लगाई, ऑर बाहर निकालकर एक बॉट्टेल पानी ख़रीदकर उसको दिया,
पानी पीकर वो कार मे आगे बैठ गया,
मैने भी ड्राइविंग सीट पर बैठते हुए कार आगे बढ़ाई.
.
राजू - भाई तूने जवाब नहीं दिया,
कि हम यहाँ कैसे आ गये? ओर उन सब का क्या हुआ?
.
मैं - अबे तू तो बेहोश हो गया था,
तो मैने अकेले ही उन सबको ऊपर पहुँचा दिया.
.
राजू (शोक्ड)- क्याआअ?
.
मैं - अबे भूल गया क्या, मैं "दा राक" हूँ, तुझे बताया तो था.
.
राजू - फुउऊुउउ! मैं तो भूल ही गया था, पर "दा राक" इतना ख़तरनाक हो सकता है ये मैने भी एक्सपेक्ट नहीं किया था (राजू डाट दिखाते हुए बोला)
.
मैं - यार एक बुरी खबर भी है?
.
राजू - क्या हुआ?
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मैं - दुश्मनो के साथ हंस भी शामिल था, ऑर मुझे मारने आया था.
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राजू - मुझे तो पहले ही शक था, मैने तुझे बताया भी था उस दिन,
कि हंस का व्यवहार चेंज हो गया है.
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मैं - मैने उसे टपका दिया.
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मेरी बात सुनकर राजू ने पहले मेरी तरफ शॉक होकर देखा, फिर बोला-
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राजू - ठीक ही किया, अगर तू उसे ना मारता तो वो हमे मार डालता.
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मैं - इसी लिए तो उसको ऊपर पहुँचा दिया.
.
हम अभी बात कर ही रहे थे, कि राजू का फोन बजा, उसने फोन देखकर साइलेंट करके वापस जेब मे रख लिया.
.
मैं - क्या हुआ बे? फोन क्यों नहीं उठाया, किसका फोन है?
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राजू - ऑर कॉन होती, तेरी भाभी शिवानी है. बहुत दिनो से बोल रही है मिलने को, पर मुझे टाइम नहीं मिल पा रहा है,
.
मैं - अबे एक काम कर, मैने कंपनी खोलने के लिए गाँव मे ज़मीन ले ली है,
ऑर पास मे ही एक आलीशान घर भी बनवा दिया है,
तू शिवानी भाभी को लेकर कुच्छ दिन वहीं चला जा,
ऑर आर्किटेक्ट से मिल कर अपने हिसाब से कंपनी की बिल्डिंग को डिज़ाइन करवा ले.
.
राजू ने मुझे गले लगा लिया, उसका घर भी आ गया था, मैने उससे अलग होकर उसके हल्के आए आँसू सॉफ किए, ऑर गाड़ी से उतरने को बोला.
.
इसी के साथ हम दोनो कार से बाहर आए,
ऑर घर के अंदर चल दिए,
वहाँ जाकर पता चला कि आंटी ओर अंकल एक पार्टी मे गये हुए हैं.
.
मैं - राजू यार मारिया कहाँ है? नज़र नहीं आ रही.
.
राजू - अरे भाई तू उसके रूम मे देख, वहीं होगी, ऑर हां बचके रहना उससे, गाँव से वापस आने के बाद तू उससे मिलने नहीं आया,
इसी लिए तुझसे नाराज़ है,
जा जाकर मना ले उसे.
.
मैं - वो तो मेरे दाहिने हाथ का काम है, तू ज़रा कोल्ड्रींक भेज, बहुत प्यास लगी है,
ऑर अपना ये हुलिया ठीक कर.
.
राजू - हाँ तू चल मैं नौकर के हाथ भेजता हूँ, ऑर बात लेके आता हूँ.
.
मैं मारिया के रूम
के बाहर पहुँचा ऑर डोर नॉक किया,
अंदर से उसकी स्वीट सी आवाज़ आई,
"कम इन"
.
मैं डोर को पुश करके अंदर चला गया, वहाँ पर मारिया उल्टी लेटी हुई स्माइल करते हुए कुच्छ सोच रही थी.
.
.
ऑर मुझे देखकर उठ कर बैठ गयी,
ऑर अंगड़ाई लेते हुए बोली-
.
.
मारिया - जी बताइए क्या काम है?
.
मैं - अबे तेरी तो
.
ऑर ये कहते हुए मैने उसके ऊपर छलान्ग लगा दी, ऑर उसके ऊपर गिरते हुए उसके साथ बेड पर गिर गया,
वो नीचे ओर मैं उसके ऊपर.
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मैं - अब बता क्या बोल रही थी, क्या काम है..
हाआँ बोल.
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मारिया (हँसते हुए)- अरे हटो मेरे ऊपर से, ये सांड जैसी बॉडी लेकर मेरे ऊपर लेटे हो, कहीं मेरा दम ना निकल जाए.
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मैं - तेरे लिए ना अपने से भी भारी लड़का लाउन्गा देख कर.
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मारिया (हँसते हुए) - नहीं मुझे नहीं चाहिए, मैं ऐसे ही ठीक हूँ.
.
मैं उसके ऊपर से हट कर साइड मे लेट गया, ऑर उसने अपना सर मेरी बाँह पर रख लिया.
.
मैं - अच्च्छा मैने सुना है कि तू मुझसे नाराज़ है?
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मारिया (मूह फुलाते हुए)- बिल्कुल ठीक सुना है आपने.
.
मैं (स्माइलिंग)- अच्च्छा ऑर वो क्यों?
.
मारिया - मुझसे मिलने नहीं आए इसी लिए.
.
मैं - तेरी वजह से ही तो बिज़ी था, ऑर तू मुझसे ही नाराज़ हो गयी.
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मारिया (मुझे घूरकर)- मेरी वजह से कैसे बिज़ी थे?
.
मैं - राजू ऑर तेरे लिए कंपनी खोलनी है ना गाँव मे, उसी के लिए ज़मीन ली है, ऑर उस मे ही तुम्हारा घर भी बनवा दिया है, अब जल्दी ही काम शुरू होने वाला है वहाँ पर,
राजू को कल ही भेज दूँगा मैं वहाँ पर.
.
मेरी बात पूरी होते ही वो मुझसे चिपात गयी, ऑर मेरे चेहरे पर किस्सस की बरसात कर दी.
.
मैं (उसको खुद से दूर करके)- अबे बस कर, बच्चे की जान लेगी क्या?
.
मारिया हँसने लगी, तो मुझे हंस याद आ गया, जिससे मेरा चेहरा सीरीयस होता चला गया. मुझे ऐसे देखकर उसकी हसी को एकदम ब्रेक लग
गया, ऑर वो मुझसे बोली-
.
मारिया - भाई क्या हुआ आपको? क्या बात है मुझे बताइए ना
.
मैं - मारिया, तू हमेशा कहती है ना कि मैं शादी नहीं करूँगी,
देख अब उस धोकेबाज़ को भूल जा,
ऑर नये सिरे से ज़िंदगी की शुरुआत कर.
.
मारिया (मायूसी के साथ)- भाई कितनी आसानी से आपने कह दिया कि उसे भूल जा, पर भाई ये कहना आसान है, करना बहुत मुश्किल है.
.
मैं - देख गुड़िया, कुच्छ भी इंपॉसिबल नहीं है,
जल्दी ही कंपनी स्टार्ट हो जाएगी,
तू उसपर अभी से फोकस करना शुरू कर दे,
ऑर अपने आप को बिज़ी कर ले,
यकीन कर तुझे उसके बारे मे सोचने की फ़ुर्सत भी नहीं मिलेगी.
ऑर हाँ एक बात हमेशा याद रखना,
हर लड़का एक जैसा बिल्कुल भी नहीं होता, तो सबको एक ही नज़र से मत देखा कर.
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मारिया - ठीक है भाई, जैसा आपने बोला वैसा ही करूँगी.
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मैं - दट'स लाइक गुड गर्ल.
.
तभी राजू रूम मे एंटर हुआ, जो बाथ लेकर ऑर कपड़े चेंज करके आया था.
ऑर उसके पिछे एक मैड थी, जिसके हाथ मे कोल्ड्रींक थी.
.
राजू - वाह! दोनो यहाँ पर हैं,
ले भाई तेरे लिए कोल्ड्रींक.
.
मैं उठ कर बैठ गया, ऑर कोल्ड्रींक पीकर ग्लास वापस रख दिया,
मैड वापस चली गयी, ऑर मैं बोला-
.
मैं - तो शिवानी भाभी से मिलने जा रहा है?
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राजू (मुझे मारिया की तरफ इशारा करके)- कॉन शिवानी बे? मैं किसी शिवानी को नहीं जानता.
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मैं - अबे मैने तो कहा था कि मारिया को भाभी से मिला देना, तूने अभी तक नहीं मिलाया,
ओये मारिया जा तय्यार होकर अपनी भाभी से मिल आ.
.
मारिया तो खुशी से उठ कर अलमारी से एक ड्रेस निकाल कर वॉशरूम मे घुस गयी. उसके जाने के बाद.
.
राजू - साले तुझे बड़ी जल्दी है उसको भाभी बनाने की, अबे पहले कुच्छ दिन डेटिंग - शतिंग तो करने दे,
उसके बाद ही मिलवा दियो सब को.
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मैं - देख मारिया तेरी जुड़वा बेहेन है, उससे कुच्छ मत छिपाया कर,
ऑर वैसे भी उसका तेरे ऑर मेरे अलावा कोई दोस्त भी नहीं है, एक - दो सहेलियाँ हैं, उनकी दोस्ती भी सिर्फ़ कॉलेज तक है,
बेचारी ना कहीं आती - जाती है,
ऑर ना कहीं घूमती है,
तो ये तेरी ज़िम्मेदारी है कि उसके चेहरे पर मुस्कान कैसे लाई जाए.
ऑर ज़्यादातर मारिया के साथ टाइम स्पेंट किया कर, ये मेरा ऑर्डर है.
समझा.
.
राजू - चल तू कह रहा है तो ठीक है, पर कल तो मुझे शिवानी के साथ गाँव निकलना है फिर मारिया...?
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मैं - एक काम कर मारिया को भी साथ ले जा, मैं उसे समझा दूँगा,
वो तुझे ओर शिवानी को डिस्टर्ब नहीं करेगी, ओर बिज़नेस प्लॅनिंग मे भी तेरा पूरा साथ देगी.
.
राजू - चल ठीक है, उसको समझा देना.
.
फिर कुच्छ देर बात करके मैं मारिया को समझा कर वहाँ से अपने घर की तरफ निकल गया.
कार मे पड़ा मेरा फोन जब मैने देखा तो मेरे मूह से निकला - "ओह शिट" आज तो बेटा तू गया,
.
हुआ ये था कि मैं अपना फोन कार मे ही भूल गया था, ऑर जब मैने फोन देखा तो उसमे 100+ मिस कॉल्स पड़ी हुई थीं.
आज तो मेरा अच्च्छा ख़ासा रिमाइंड होने वाला था, बस ये साक्षी ने घर पर कुच्छ ना बताया हो?
.
मैने कार की स्पीड बढ़ा दी ऑर जल्दी से घर पहुनवह कर डोर बेल बजाई.
टू... बी... कंटिन्यूड