hotaks444
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मैंने कहा- बाजी इसको पहले चूस लो।
बाजी ने कहा- नहीं वसीम आज मुझे ऐसे ही चोदो।
यह कह कर बाजी ने ऊपर नीचे होना शुरू कर दिया। मैंने बाजी को गाण्ड से पकड़ा और बाजी को ऊपर-नीचे करने लगा।
बाजी सिसकारियाँ भरने लगीं ‘आहह.. आअहह वसीम.. तेज़-तेज़ ऊपर-नीचे करो उफफ्फ़.. आहह..’
कुछ देर की चुदाई में बाजी की चूत ने पानी छोड़ दिया.. जिससे लण्ड गीला हो कर तेज़ी से बाजी की चूत में अन्दर-बाहर होने लगा।
मैंने अपनी पूरी ताक़त से बाजी को स्ट्रोक लगाने शुरु कर दिए और कोई 5 मिनट बाद ही बाजी ने चीख मारी- आअहह आआहह.. वसीम मैं गई..
बाजी की चूत ने पानी छोड़ दिया और मेरा लण्ड भी बाजी की चूत में पानी छोड़ने लगा।
बाजी ने कहा- वसीम क्या मस्त लण्ड है तुम्हारा.. इसको और बड़ा करो तो मज़ा आ जाएगा।
मैंने बाजी से कहा- बाजी इसका भी कुछ करते हैं.. अभी आप मेरी पॉकेट से अपने लिए खर्चा लो।
बाजी ने मेरी पॉकेट में हाथ डाला और उसमें से 200 निकाल लिए और मुझे कहा- इतने बहुत हैं.. थैंक्स वसीम।
यह कहते ही बाजी ने पीछे हो कर लण्ड को चूत से निकाला.. तो बाजी की चूत से हम दोनों की चुदाई का पानी नीचे फर्श पर गिरने लगा।
मैंने बाजी से कहा- यह तो काम खराब हो गया है।
बाजी ने कहा- तुम मुझे नीचे उतारो और जाओ ऊपर.. अपना जिस्म साफ करो.. इसको मैं देखती हूँ।
मैंने बाजी को नीचे उतारा और ऊपर जा कर वॉशरूम में घुस गया.. नहा-धो कर बाहर आया तो ज़ुबैर उठ गया हुआ था। वो मुझसे पूछने लगा- खैरियत तो है.. आज इस टाइम नहा रहे हो?
तो मैंने कहा- हाँ यार, थक गया था इसलिए नहाया हूँ।
उसने कहा- रात का क्या प्रोग्राम है?
मैंने कहा- रात को तैयार रहना.. आज बाजी आएंगी।
उसने कहा- ठीक है।
वो खुश होता हुआ वॉशरूम में चला गया।
मैं बिस्तर पर लेटा और सो गया।
रात को 9 बजे आँख खुली तो बाजी उठा रही थीं कि खाना खा लो.. मैं ऊपर ही ले आई हूँ.. और ये दूध भी पी लेना।
बाजी ग्लास में दूध भी मेरे पास रख गईं और मुझसे कह गईं कि मैं रात को लेट आऊँगी ताकि अम्मी को शक ना हो और हनी भी सो जाए।
तो मैंने कहा- बाजी हनी का भी कुछ करो न..
बाजी ने कहा- हो जाएगा.. क्यों जल्दी पड़ी है।
बाजी नीचे चली गईं।
मैंने खाना खाया और ज़ुबैर से कहा- यार कोई गर्म मूवी तो लगा।
उसने एक ट्रिपल एक्स मूवी लगा दी जो मैंने नहीं देखी थी।
उसमें एक आदमी हॉस्पिटल में नर्स को चोद रहा था, मैंने कहा- ये मूवी कहाँ से आई है?
उसने कहा- मैं बाज़ार से लाया हूँ।
मैं मूवी देखने लगा.. कुछ देर दोनों ने मूवी देखी तो टाइम करीब साढ़े दस हो गया हुआ था।
मैं उठा और टाइमिंग वाली टेबलेट निकाली और एक मैंने खुद खाई और एक ज़ुबैर को खिला दी। मैंने उससे कहा- आज बाजी को जम कर चोदना है।
तो उसने कहा- ठीक है भाई।
अभी हम ये बातें कर ही रहे थे कि दरवाज़ा खुला और बाजी अन्दर आ गईं।
अब हम दोनों बाजी को चोदने की तैयारी में थे।
बाजी आई, रूम लॉक किया और आते ही मेरे साथ चूमा चाटी करनी शुरू कर दी।
मैंने बाजी को रोका नहीं क्योंकि बाजी ने फिर रोना शुरू कर देना था इसलिए मैंने बाजी को किस करते हुए ही अपनी बांहों में भरा.. और उठा कर बिस्तर पर ले गया।
बिस्तर पर बैठा कर मैंने बाजी के कपड़े उतारे और अपने कपड़े उतार के ज़ुबैर को इशारा किया कि कपड़े उतार के आ जाओ।
मैंने बाजी को लेटा दिया और खुद बाजी के ऊपर लेट गया।
अब मैं बाजी को किस करने लगा।
किस करते-करते मैं बाजी के मम्मों पर आ गया और बाजी के मम्मों को चूसने लगा, उनके निप्पलों पर दांतों से काटने लगा।
तो बाजी ने मेरी कमर में नाख़ून मारे और कहा- दर्द देते हो मुझे.. ये लो..
उन्होंने मेरी कमर में नाख़ून मार दिए..
तो मैंने अपने मुँह उठा कर बाजी को देखा और नीचे को होता हुआ बाजी की चूत पर आ गया।
आज छोटे भाई की बारी
ज़ुबैर खड़े हुए लण्ड को हाथ में लिए ये सब देख रहा था।
तभी बाजी ने उसे इशारा किया कि ज़ुबैर आओ।
वो आ कर बाजी के मुँह पर बैठ गया तो बाजी उसका लण्ड मुँह में लेकर चूसने लगीं।
ज़ुबैर ने एक दफ़ा बड़े मज़े से ‘आहहह.. आअहह..’ किया और आँखें बंद करके बाजी के लण्ड चूसने का मज़ा लेने लगा।
मैंने नीचे पहुँच कर बाजी की चूत पर मुँह रखा और ज़ुबान अन्दर डाल दी।
तभी बाजी ने आह भरी ‘आआहहह.. वसीम और अन्दर करो.. आआहह..’
अब बाजी अपनी चूत को चुसवाते हुए ज़ुबैर के लण्ड को मुँह में लेकर चूसने लगीं, साथ-साथ उनके मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगीं.. जो बाजी के मुँह में लण्ड होने के कारण दब जाती थीं।
मैंने कुछ मिनट बाजी की चूत को चूसा और ज़ुबैर को कहा- ओए.. अब उस चीज़ का मज़ा लो.. जो सबसे ज्यादा हसीन है.. अपनी इस बहन की..
ज़ुबैर समझ गया और उठ कर बाजी की टांगों के बीच आया और अपना लण्ड हाथ में पकड़ लिया।
उसने मेरी तरफ देखा।
मैंने उससे कहा- डालो।
तो उसने बाजी के ऊपर झुक कर लण्ड को एक हाथ से बाजी की चूत में पुश किया.. तो लण्ड की टोपी बाजी की चूत में चली गई।
तभी बाजी की मादक सिसकारी निकली ‘आहाहह..’ और बाजी ने मुझे अपने ऊपर आने को कहा।
उन्होंने किसिंग स्टार्ट कर दी.. तो मैं भी बाजी को किस करने लगा।
तभी ज़ुबैर ने ज़ोर का धक्का मारा तो बाजी की चीख निकल गई।
‘आआअहह.. कमीने इंसान.. धीरे कर..’ वो मुझसे कहने लगीं- मैं इसी लिए इसके करीब नहीं आती हूँ.. ये बस मज़ा लेता है.. देता नहीं है.. इसको ज़रा भी नहीं लगता कि मेरी बहन को दर्द होगा.. बस जोर लगाने में लगा हुआ है।
मैंने बाजी से कहा- चलो कोई बात नहीं.. अब वो आराम से करेगा।
मैंने उससे कहा- अब धीरे से अन्दर-बाहर करो।
उसने कमर को हिला-हिला कर लण्ड को आगे-पीछे करना स्टार्ट कर दिया.. तो बाजी ने मादक सिसकारियाँ लेना चालू कर दीं।
कोई 5 मिनट के धक्कों के बाद ही ज़ुबैर बाजी की चूत में झड़ गया.. तो बाजी ने उससे कहा- निकालना मत.. मैं झड़ने वाली हूँ।
पर ज़ुबैर पानी छोड़ चुका था.. उसने बाजी की चूत से लण्ड निकाल लिया और साइड में लेट गया।
तो बाजी ने कहा- वसीम कुछ करो.. मेरी आग इस वक्त जोबन पर है।
मैंने उठ कर बाजी की चूत में लण्ड डाला और कमर को आगे-पीछे करके चोदने लगा।
मैंने बाजी से कहा- बाजी कितनी स्पीड से चोदूँ?
तो बाजी ने कहा- वसीम थोड़ा सा तेज़ करो.. मैं बस झड़ने वाली हूँ।
मैंने कमर की स्पीड तेज़ की और मेरे 5 या 6 धक्कों के बाद ही बाजी ने मुझे धक्का दे कर रोका और तेज़ी से कहा- आआहह.. वसीम मैं गई..
बाजी की चूत से एक धार की तरह पानी निकला और बेड पर गिरने लगा। मैंने देखा तो उठ कर बाजी की चूत के सामने आ गया और अपना मुँह खोल लिया।
तभी बाजी ने एक और धार छोड़ी जो सीधे मेरे मुँह में गई और मैं बाजी के नमकीन पानी को पीता चला गया।
कुछ पल बाद मैं बाजी के ऊपर लेट गया.. तो बाजी ने कहा- वसीम तुमने क्यों पिया.. वो इतना सारा था.. थोड़े की तो चलो खैर होती है ना..
मैंने कहा- बाजी ये आपके अन्दर से निकला था ना.. तो मैं आपके साथ कैसे दगा करूँ.. जब मैं आपको प्यार करता हूँ.. तो मैं आपकी हर चीज़ खा-पी जाऊँगा।
इसी के साथ ही मैं बाजी को किस करने लगा और एक हाथ से लण्ड बाजी की चूत में फिर से पेल दिया और बाजी के ऊपर ही लेट कर धक्के लगाने लगा।
मैंने बाजी को भरपूर चोदा और हम दोनों एक साथ ही झड़े, फिर एक-दूसरे को किस करने लगे।
कोई बीस मिनट बाद मैंने ज़ुबैर को देखा जो कि अब लण्ड खड़ा कर चुका था।
मैंने उससे कहा- अब डालो बाजी की चूत में.. और ठीक से चोदना.. उनको दर्द ना हो..
उसने कहा- ठीक है अब आराम से करूँगा।
अब और वो बाजी की चूत में लण्ड डाल कर बाजी को बड़े आराम से चोदने लगा।
बाजी ने कहा- हाँ ज़ुबैर ऐसे ही..
वो बाजी को चोदने लगा.. तो मैंने अपना लण्ड बाजी के मुँह में डाल दिया और बाजी से कहा- चूसो..
बाजी लण्ड चूसने लगीं और साथ ही मजे में कराहने लगीं ‘आआहह.. आआहह.. उफ्फ़..’
बाजी ये सब इतने जोश में कर रही थीं कि कुछ ही मिनट बाद ही बाजी की चूत ने फिर से पानी छोड़ दिया और ज़ुबैर ने भी बाजी की चूत में ही अपनी छोड़ दिया।
वो बाजी की टांगों में ही गिर गया.. तो बाजी ने कहा- वसीम अब बस करें.. टाइम काफ़ी हो गया है।
तो मैंने कहा- बाजी यार एक दफ़ा बस वो काम कर लें जहाँ शीशे के आगे जा कर कभी हम लण्ड चूत में डाले बिना ही करते थे और ऐसे लगता था कि लण्ड अन्दर है। पर आज अन्दर डाल कर करेंगे.. फिर उसके बाद आप चली जाना।
बाजी ने कहा- ठीक है चलो।
मैंने शीशे के आगे जा कर बाजी को घोड़ी बना कर बाजी की चूत में लण्ड डाला और बाजी को धक्के लगाने लगा और शीशे में देखने लगा। बिल्कुल फिल्म की तरह लगता था.. पूरा लण्ड अन्दर-बाहर हो रहा था।
मैंने बाजी से कहा- बाजी देखो तो सही, क्या मस्त सीन लग रहा है।
बाजी ने अपना मुँह शीशे की तरफ करके देखा तो कहने लगीं- आह्ह.. हाँ वसीम बिल्कुल फिल्म लग रही है.. तुम एक मिनट धक्के लगाना रोको..
बाजी ने कहा- नहीं वसीम आज मुझे ऐसे ही चोदो।
यह कह कर बाजी ने ऊपर नीचे होना शुरू कर दिया। मैंने बाजी को गाण्ड से पकड़ा और बाजी को ऊपर-नीचे करने लगा।
बाजी सिसकारियाँ भरने लगीं ‘आहह.. आअहह वसीम.. तेज़-तेज़ ऊपर-नीचे करो उफफ्फ़.. आहह..’
कुछ देर की चुदाई में बाजी की चूत ने पानी छोड़ दिया.. जिससे लण्ड गीला हो कर तेज़ी से बाजी की चूत में अन्दर-बाहर होने लगा।
मैंने अपनी पूरी ताक़त से बाजी को स्ट्रोक लगाने शुरु कर दिए और कोई 5 मिनट बाद ही बाजी ने चीख मारी- आअहह आआहह.. वसीम मैं गई..
बाजी की चूत ने पानी छोड़ दिया और मेरा लण्ड भी बाजी की चूत में पानी छोड़ने लगा।
बाजी ने कहा- वसीम क्या मस्त लण्ड है तुम्हारा.. इसको और बड़ा करो तो मज़ा आ जाएगा।
मैंने बाजी से कहा- बाजी इसका भी कुछ करते हैं.. अभी आप मेरी पॉकेट से अपने लिए खर्चा लो।
बाजी ने मेरी पॉकेट में हाथ डाला और उसमें से 200 निकाल लिए और मुझे कहा- इतने बहुत हैं.. थैंक्स वसीम।
यह कहते ही बाजी ने पीछे हो कर लण्ड को चूत से निकाला.. तो बाजी की चूत से हम दोनों की चुदाई का पानी नीचे फर्श पर गिरने लगा।
मैंने बाजी से कहा- यह तो काम खराब हो गया है।
बाजी ने कहा- तुम मुझे नीचे उतारो और जाओ ऊपर.. अपना जिस्म साफ करो.. इसको मैं देखती हूँ।
मैंने बाजी को नीचे उतारा और ऊपर जा कर वॉशरूम में घुस गया.. नहा-धो कर बाहर आया तो ज़ुबैर उठ गया हुआ था। वो मुझसे पूछने लगा- खैरियत तो है.. आज इस टाइम नहा रहे हो?
तो मैंने कहा- हाँ यार, थक गया था इसलिए नहाया हूँ।
उसने कहा- रात का क्या प्रोग्राम है?
मैंने कहा- रात को तैयार रहना.. आज बाजी आएंगी।
उसने कहा- ठीक है।
वो खुश होता हुआ वॉशरूम में चला गया।
मैं बिस्तर पर लेटा और सो गया।
रात को 9 बजे आँख खुली तो बाजी उठा रही थीं कि खाना खा लो.. मैं ऊपर ही ले आई हूँ.. और ये दूध भी पी लेना।
बाजी ग्लास में दूध भी मेरे पास रख गईं और मुझसे कह गईं कि मैं रात को लेट आऊँगी ताकि अम्मी को शक ना हो और हनी भी सो जाए।
तो मैंने कहा- बाजी हनी का भी कुछ करो न..
बाजी ने कहा- हो जाएगा.. क्यों जल्दी पड़ी है।
बाजी नीचे चली गईं।
मैंने खाना खाया और ज़ुबैर से कहा- यार कोई गर्म मूवी तो लगा।
उसने एक ट्रिपल एक्स मूवी लगा दी जो मैंने नहीं देखी थी।
उसमें एक आदमी हॉस्पिटल में नर्स को चोद रहा था, मैंने कहा- ये मूवी कहाँ से आई है?
उसने कहा- मैं बाज़ार से लाया हूँ।
मैं मूवी देखने लगा.. कुछ देर दोनों ने मूवी देखी तो टाइम करीब साढ़े दस हो गया हुआ था।
मैं उठा और टाइमिंग वाली टेबलेट निकाली और एक मैंने खुद खाई और एक ज़ुबैर को खिला दी। मैंने उससे कहा- आज बाजी को जम कर चोदना है।
तो उसने कहा- ठीक है भाई।
अभी हम ये बातें कर ही रहे थे कि दरवाज़ा खुला और बाजी अन्दर आ गईं।
अब हम दोनों बाजी को चोदने की तैयारी में थे।
बाजी आई, रूम लॉक किया और आते ही मेरे साथ चूमा चाटी करनी शुरू कर दी।
मैंने बाजी को रोका नहीं क्योंकि बाजी ने फिर रोना शुरू कर देना था इसलिए मैंने बाजी को किस करते हुए ही अपनी बांहों में भरा.. और उठा कर बिस्तर पर ले गया।
बिस्तर पर बैठा कर मैंने बाजी के कपड़े उतारे और अपने कपड़े उतार के ज़ुबैर को इशारा किया कि कपड़े उतार के आ जाओ।
मैंने बाजी को लेटा दिया और खुद बाजी के ऊपर लेट गया।
अब मैं बाजी को किस करने लगा।
किस करते-करते मैं बाजी के मम्मों पर आ गया और बाजी के मम्मों को चूसने लगा, उनके निप्पलों पर दांतों से काटने लगा।
तो बाजी ने मेरी कमर में नाख़ून मारे और कहा- दर्द देते हो मुझे.. ये लो..
उन्होंने मेरी कमर में नाख़ून मार दिए..
तो मैंने अपने मुँह उठा कर बाजी को देखा और नीचे को होता हुआ बाजी की चूत पर आ गया।
आज छोटे भाई की बारी
ज़ुबैर खड़े हुए लण्ड को हाथ में लिए ये सब देख रहा था।
तभी बाजी ने उसे इशारा किया कि ज़ुबैर आओ।
वो आ कर बाजी के मुँह पर बैठ गया तो बाजी उसका लण्ड मुँह में लेकर चूसने लगीं।
ज़ुबैर ने एक दफ़ा बड़े मज़े से ‘आहहह.. आअहह..’ किया और आँखें बंद करके बाजी के लण्ड चूसने का मज़ा लेने लगा।
मैंने नीचे पहुँच कर बाजी की चूत पर मुँह रखा और ज़ुबान अन्दर डाल दी।
तभी बाजी ने आह भरी ‘आआहहह.. वसीम और अन्दर करो.. आआहह..’
अब बाजी अपनी चूत को चुसवाते हुए ज़ुबैर के लण्ड को मुँह में लेकर चूसने लगीं, साथ-साथ उनके मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगीं.. जो बाजी के मुँह में लण्ड होने के कारण दब जाती थीं।
मैंने कुछ मिनट बाजी की चूत को चूसा और ज़ुबैर को कहा- ओए.. अब उस चीज़ का मज़ा लो.. जो सबसे ज्यादा हसीन है.. अपनी इस बहन की..
ज़ुबैर समझ गया और उठ कर बाजी की टांगों के बीच आया और अपना लण्ड हाथ में पकड़ लिया।
उसने मेरी तरफ देखा।
मैंने उससे कहा- डालो।
तो उसने बाजी के ऊपर झुक कर लण्ड को एक हाथ से बाजी की चूत में पुश किया.. तो लण्ड की टोपी बाजी की चूत में चली गई।
तभी बाजी की मादक सिसकारी निकली ‘आहाहह..’ और बाजी ने मुझे अपने ऊपर आने को कहा।
उन्होंने किसिंग स्टार्ट कर दी.. तो मैं भी बाजी को किस करने लगा।
तभी ज़ुबैर ने ज़ोर का धक्का मारा तो बाजी की चीख निकल गई।
‘आआअहह.. कमीने इंसान.. धीरे कर..’ वो मुझसे कहने लगीं- मैं इसी लिए इसके करीब नहीं आती हूँ.. ये बस मज़ा लेता है.. देता नहीं है.. इसको ज़रा भी नहीं लगता कि मेरी बहन को दर्द होगा.. बस जोर लगाने में लगा हुआ है।
मैंने बाजी से कहा- चलो कोई बात नहीं.. अब वो आराम से करेगा।
मैंने उससे कहा- अब धीरे से अन्दर-बाहर करो।
उसने कमर को हिला-हिला कर लण्ड को आगे-पीछे करना स्टार्ट कर दिया.. तो बाजी ने मादक सिसकारियाँ लेना चालू कर दीं।
कोई 5 मिनट के धक्कों के बाद ही ज़ुबैर बाजी की चूत में झड़ गया.. तो बाजी ने उससे कहा- निकालना मत.. मैं झड़ने वाली हूँ।
पर ज़ुबैर पानी छोड़ चुका था.. उसने बाजी की चूत से लण्ड निकाल लिया और साइड में लेट गया।
तो बाजी ने कहा- वसीम कुछ करो.. मेरी आग इस वक्त जोबन पर है।
मैंने उठ कर बाजी की चूत में लण्ड डाला और कमर को आगे-पीछे करके चोदने लगा।
मैंने बाजी से कहा- बाजी कितनी स्पीड से चोदूँ?
तो बाजी ने कहा- वसीम थोड़ा सा तेज़ करो.. मैं बस झड़ने वाली हूँ।
मैंने कमर की स्पीड तेज़ की और मेरे 5 या 6 धक्कों के बाद ही बाजी ने मुझे धक्का दे कर रोका और तेज़ी से कहा- आआहह.. वसीम मैं गई..
बाजी की चूत से एक धार की तरह पानी निकला और बेड पर गिरने लगा। मैंने देखा तो उठ कर बाजी की चूत के सामने आ गया और अपना मुँह खोल लिया।
तभी बाजी ने एक और धार छोड़ी जो सीधे मेरे मुँह में गई और मैं बाजी के नमकीन पानी को पीता चला गया।
कुछ पल बाद मैं बाजी के ऊपर लेट गया.. तो बाजी ने कहा- वसीम तुमने क्यों पिया.. वो इतना सारा था.. थोड़े की तो चलो खैर होती है ना..
मैंने कहा- बाजी ये आपके अन्दर से निकला था ना.. तो मैं आपके साथ कैसे दगा करूँ.. जब मैं आपको प्यार करता हूँ.. तो मैं आपकी हर चीज़ खा-पी जाऊँगा।
इसी के साथ ही मैं बाजी को किस करने लगा और एक हाथ से लण्ड बाजी की चूत में फिर से पेल दिया और बाजी के ऊपर ही लेट कर धक्के लगाने लगा।
मैंने बाजी को भरपूर चोदा और हम दोनों एक साथ ही झड़े, फिर एक-दूसरे को किस करने लगे।
कोई बीस मिनट बाद मैंने ज़ुबैर को देखा जो कि अब लण्ड खड़ा कर चुका था।
मैंने उससे कहा- अब डालो बाजी की चूत में.. और ठीक से चोदना.. उनको दर्द ना हो..
उसने कहा- ठीक है अब आराम से करूँगा।
अब और वो बाजी की चूत में लण्ड डाल कर बाजी को बड़े आराम से चोदने लगा।
बाजी ने कहा- हाँ ज़ुबैर ऐसे ही..
वो बाजी को चोदने लगा.. तो मैंने अपना लण्ड बाजी के मुँह में डाल दिया और बाजी से कहा- चूसो..
बाजी लण्ड चूसने लगीं और साथ ही मजे में कराहने लगीं ‘आआहह.. आआहह.. उफ्फ़..’
बाजी ये सब इतने जोश में कर रही थीं कि कुछ ही मिनट बाद ही बाजी की चूत ने फिर से पानी छोड़ दिया और ज़ुबैर ने भी बाजी की चूत में ही अपनी छोड़ दिया।
वो बाजी की टांगों में ही गिर गया.. तो बाजी ने कहा- वसीम अब बस करें.. टाइम काफ़ी हो गया है।
तो मैंने कहा- बाजी यार एक दफ़ा बस वो काम कर लें जहाँ शीशे के आगे जा कर कभी हम लण्ड चूत में डाले बिना ही करते थे और ऐसे लगता था कि लण्ड अन्दर है। पर आज अन्दर डाल कर करेंगे.. फिर उसके बाद आप चली जाना।
बाजी ने कहा- ठीक है चलो।
मैंने शीशे के आगे जा कर बाजी को घोड़ी बना कर बाजी की चूत में लण्ड डाला और बाजी को धक्के लगाने लगा और शीशे में देखने लगा। बिल्कुल फिल्म की तरह लगता था.. पूरा लण्ड अन्दर-बाहर हो रहा था।
मैंने बाजी से कहा- बाजी देखो तो सही, क्या मस्त सीन लग रहा है।
बाजी ने अपना मुँह शीशे की तरफ करके देखा तो कहने लगीं- आह्ह.. हाँ वसीम बिल्कुल फिल्म लग रही है.. तुम एक मिनट धक्के लगाना रोको..