Antarvasna kahani बाली उमर का चस्का - Page 2 - SexBaba
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Antarvasna kahani बाली उमर का चस्का

रोहित कपूर अंकल ने फिर मेरी आँखों में देखा और दोबारा जीभ से मेरी चुनमूनियाँ के हर हिस्से को चाटने में जुट गये। में भी खुल के सिस्कारियां भरती हुई जीभ ओर चुनमूनियाँ के मिलन से उठने वाली तरंगों में झूमने लगी। में अब चरम के पास पहुँच गयी थी। मेरी सांसें गहरी ओर तेज़ हो गयी। पेट की गहराई में ज्वारभाटा बढ़ने लगा! आँखों के सामने सतरंगी सितारे चमकने लगे ओर फिर बाँध टूट गया। में झड़ रही थी। मेरा जिस्म ऐसे झटके खा रहा था मानो ४४० वोल्ट की करंट लगी हो। मेरी चुनमूनियाँ से कामरस बहने लगा जिसे रोहित कपूर ख़ुशी ख़ुशी चाटने लगे।
मेरी चुनमूनियाँ से बहते कामरस की आखरी बूँद चाट लेने के बाद रोहित कपूर सीधे हुए और अपना विशाल सख्त लंड मेरी लिसलिसी चुनमूनियाँ के मुंह पे लगा के बोले
रोहित कपूर: बेबी, अब तुमको इतना मज़ा आयेगा कि मानो जन्नत की सैर कर रही हो। 
में: अंकल, मैं तो झूम रही हूँ, ऐसा लगता हे जेसे हवा में उड़ रही हूँ। 
रोहित कपूर ने लम्बी सांस भरी और अपने मरदाना लंड को कमसिन चुनमूनियाँ में उतारने लगा और तब तक उतारता रहा जब तक पूरा लंड जड़ तक अंदर ना समा गया। मुझे पहली बार के मुकाबले कम दर्द हुआ ओर इस बार मस्ती से लंड लेके रोहित कपूर के पेट और छाती से खुद को चिपका ली मानो छिपकली छत से चिपक गयी हो। मेरी टांगें रोहित कपूर की कमर के आसपास लिपटी हुई थी और बाहों का हार उनके गले में था। मेने अपने हलके जिस्म को रोहित कपूर के कठोर बदन से ऐसे चिपका लिया कि सिर्फ मेरे पैर ओर सिर बिस्तर से लगे हुए थे बाकी का नंगा जिस्म रोहित कपूर से चिपका हुआ था। रोहित कपूर मेरी हरकत देख परेशान हुए पर जल्दी खुद को सँभालते हुए पूरे जोश से लंड बाहर खींच के जबरदस्त धक्का मारते हुए मुझे बिस्तर में धंसा दिया और लंड फिर से जड तक मुझ में समा गया। फिर से एक बार दोबारा लंड बाहर खींचते हुए रोहित कपूर ने जबरदस्त तरीके से मेरी रसीली चुनमूनियाँ में प्रहार किया जिस से उनका सुपाडा मेरी कमसिन कोख से जा टकराया। मेरी चीख निकल गयी और आँखों के सामने अँधेरा छा गया। 
में बेहोश हो गयी पर जब मुझे होश आया तो मैंने देखा कि रोहित कपूर मुझे पूरी ताक़त से रगड़ रहे थे। में चुदती रही, रोहित कपूर चोदते रहे। मुझे अब एहसास होने लगा की में जल्दी अपने चरम तक पहुँच जाउंगी सो मेने भी रोहित कपूर की ताल से ताल मिलाते हुए नीचे से चुनमूनियाँड़ उठा उठा के अपनी चुनमूनियाँ में लंड लेना प्रारम्भ किया। जल्दी ही वो घडी आ गयी जब रोहित कपूर अपने अंडाशय में उबलते हुए ज्वालामुखी को रोक नही पाए। वे अपने लंड को बाहर खींच के मेरे जिस्म पर अपने गरम वीर्य की वर्षा करने लगे। में भी आंखें बंद करके अपने नंगे जिस्म पे गिरती वीर्य की बौछारों को महसूस करती अपने चरम को प्राप्त हुई।
 
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