Antarvasna sex stories मेरी बीबी की सहेली - SexBaba
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Antarvasna sex stories मेरी बीबी की सहेली

hotaks444

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मेरी बीबी की सहेली पार्ट--1

डियर मेंबर्ज़, मैं देव हू मेरी उमर 38 साल और कद 6'3" आथेलेटिक बॉडी

रंग गोरा है. मैं बहुत ही हँसमुख स्वाभाव का व्यक्ति हू इसलिए बच्चो से

लेकर बूढ़ो तक सभी से बहुत मज़ाक करता हू. मुझे सेक्स के बारे मे पड़ना

लिखना और बात करना बहुत अछा लगता है लेकिन मैं जिस सहर(सागर म.प.) मे

रहता हू यह बहुत ही पिछड़ा हुआ सहर है यहा लोग सेक्स की बात करते हुए

सर्माते है ऐसे महॉल मे जब मर्द ही सेक्स की बात करते हुए सरमाये तो

लॅडीस तो शरमाएँगी ही. मेरी कोई साली नही है इसलिए मेरी वाइफ की एक बहुत

फास्ट फ्रेंड है ज्योति चौरसिया(बदला हुआ नाम) उसको साली मानकर दिल बहला

लिया करते थे. पर इसी हसी मज़ाक मे ना जाने कब वो मेरे से दिल लगा बैठी

और चुदवाने की इच्छा जाग उठी. असल मे वाक़या क्या हुआ कि जब मेरी शादी

हुई तो मैने अपने बारे मे 1-1 बात अपनी वाइफ को बता दिया और यह भी बता

दिया की मुझे रोज सेक्स करना अछा लगता है क्योंकि मैं काम शस्त्रा की

विधिवत शिक्षा अपनी गुरु से लिए हुए हू. तो मेरी वाइफ कुछ समय के बाद समझ

गई और मेरी सेक्स ड्राइव मे मेरा साथ निभाने लगी. वो मेरे से चुदवा के

बिल्कुल बेहोस हो जाती थी क्योंकि मैं बिना झारे हुए मल्टिपल ऑर्गॅज़म

देता था फिर जब वो गिड़गिदने लगती तब मैं झरता. नॉर्मली दो अंत-रंग

सहेलियों मे ख़ास्स कर तब जब एक अनमॅरिड हो तो चुदाई की बातै बहुत खुल कर

होती है. ऐसा मेरी वाइफ ने बताया. उसने भी बहुत मुस्किलों से बताया जब

उसको चुदाई मे मैने परेशान कर दिया तब. उसने मेरे लंड की साइज़, चुदाई के

तरीके और फोर प्ले आफ्टर प्ले तथा चुदाई के बाद चूत के अंदर पेशाब करवाने

के मज़ा के बारे मे भी ज्योति को बताया. ज्योति भी लगभा पोने छे(5'.9''

ओर 5'.10'') हाइट थोड़ी सामली फाइन फेस्कट, हिरनी जैसी आन्खै और मस्त

राउंड शेप बूब्स और सबसे खूबसूरत तो उसकी सुरहीदार गर्दन और वैसे ही पतली

कमर और राउंड और कोने पर नुकीली गांद थी. वो बहुत ही सेक्शी फिगर की

मालकिन थी. और वो सेक्शी भी बहुत थी. मेरी वाइफ बताती है कि ज्योति के

मकान मे एक नई शादी सुदा हज़्बेंड वाइफ रहते थे. ज्योति रात को चोरी से

उनकी चुदाई देखती और अपनी चूत मे उंगली करती थी. उसकी चुदवाने की इक्चा

दिनोदिन बढ़ती जा रही थी. ऐसा तो मैने उससे पहली मुलाक़ात मे समझ लिया

था. चूँकि मेरी शादी लोकल मेरे घर के बिल्कुल नज़दीक ही हुई है तो हम

उसको शादी के पहले से भी जानते थे. पर कभी बात चीत नही की थी. जब इन दोनो

सहेलियों की आपस मे मुलाक़ात हो तो यह सिर्फ़ चुदाई की बातै करती. मेरी

वाइफ कहती के मैं तो सोने के लिए आई हू. यह तो मेरे को पूरी पूर्री रात

चोद्ते है. बड़ा मोटा और लंबा लंड है इनका तुमने जीतने भी जतन बताई अब तक

सब फैल है वो जल्दी झरते ही नही है. मेरी वाइफ बताती कि इतना सुनते ही

ज्योति अपनी चूत उसके सामने ही फिंगरिंग कर के झरदालती. मेरी और वाइफ की

यह बातै रोज रात को चुदाई के वक़्त होती. मैं भी धीरे धीरे क..... आइ मीन

ज्योति की तरफ आकर्षित होने लगा था और उससे अकेले मे मिलने या फोन पर बात

करने की वजह ढूड़ने लगा था. मैं अपनी वाइफ को रोज .... यानी ज्योति समझ

कर चुदाई करने लगा. इस पर मेरी वाइफ पहले तो थोरा गुस्सा हुई की तुम किसी

दूसरी औरत को पसंद करने लगे पर उसने कहा ऐसे मैं तुम्हारा लंड 2" और बड़ा

हो जाता है और तुम बहुत ही अछी चुदाई करते हो तो मैं भी ज्योति बनके

चुदवाने का भरपूर मज़ा लेने लगी हू. पर बेचारी यह नही जानती थी की मैं

उसकी प्रिया सहेली की चूत चोदने के लिए बहुत बेसब्री से मौका ढूंड रहा

हू. ऐसे ही एक बार मैं अपने ससुराल मे बैठा था तभी मेरी वाइफ ने भतीजे से

कहा की जाओ तुम ज्योति को बुला लाओ कहना मैं आई हू और तुमहरे ज़िजुउउउउ

भी आए है....... मैं यह सुन लिया था तो मेरा लंड फिर से फाड़ फाड़ने लगा

था. जबकि उस्दीन मैं अपनी वाइफ को तय्यार होने के बाद चोद कर और उसकी चूत

मे अपना पानी छोर कर आया था मेरी वाइफ ताज़ी ताज़ी चूदी हुई थी मैने उसको

चुदाई के बाद पॅंटीस नही पहने दी थी उसकी चूत के छेद मे वॅक्स कॉटन लगा

दिया था और उसको बोला था की जब तुम अपनी सहेली से मिलो तभी यह वॅक्स कॉटन

निकालना और उसको बताना की तुम्हारी चूत की क्या हालत बनाई है मैने. वाइफ

मेरी बात मानने के लिए बड़ी ही मुस्किल से तय्यार हुई थी मैने उसको धमकी

दी थी की यदि उसने ऐसा नही किया तो अंजाम बहुत बुरा होगा और मेरी यह झूठी

धमकी बहुत काम आई और कारगर सिद्ध हुई. तभी ज्योति आ गयी मैने जोती से

कहा' क्यों साली जी आज कल बहुत इंतेज़ार करा रही हो, क्या बात है" कही और

मन लगा लिया क्या" जोती बोली " हाई मेरे प्यारे जीजू मेरे बस मे होता तो

मैं तो आपको कभी 1 पल के लिए भी ना छोड़ती पर हाई यह जालिम मेरी

सहेली----- आप तो उसके पहलू से बाहर ही निकल के देखते...ही नही " क्या

करे साली जी अधिकार तो तुम्हारा भी आधा है मेरे पर जो पूरा भी हो सकता है

पर सही मौका नही मिल रहा ''' मैने कहा ज्योति से . ज्योति इसका मतलब समझ

गई थी और हौले से मुस्कुरा कर बोली " मैं अभी अपनी सहेली के हाल चाल तो

पूछ लू; सुना है की आप उसको बहुत परेशान करते हो"....... मैने कहा तो

उसकी परेशानी तुम कम करदो" और वो अंदर चली गई अपनी सहेली के पास. करीब 1

घंटे बाद दोनो नीचे आई और जहा मैं सभी के बीच मे बैठा था वाहा आकर शरारत

भरी मुस्कान मैं मुस्कुराने लगी' तभी मेरी वाइफ की भाभी ने कहा ज्योति

चलो नस्ता तय्यार है आ जाओ अपने जीजू से साथ नास्टा कर लो.. ज्योति ने

भाभी से पूछा " भाभी मैं तो वो रसगुल्ला लूँगी जो जीजू रखे है गुलाबी

वाला...."" कयौईं जीजू मुझे दोगे ना वो रसगुल्ला....." मैं उसके

द्वियार्थी डाइयलोग पर चौंक पड़ा और हड़बड़ाहट मे कहा " हा... हा. हा

कककक क्यों नही बिल्कुल वो तुम्हारे ही लिए है" मेरा इतने कहते ही ज्योति

खिलखिलाकर हस पड़ी और कहने लगी" क्यूँ जीजू रसगुल्ला मुझे दे दोगे तो फिर

मेरी सहेली के लिए दूसरा कहा से लाओगे'''''''' मैं सभी के सामने कोई जवाब

नही दे सका पर यह समझ गया की अब लाइन क्लियर है और जैसे ही मौका मिले

चुदाई कर डालू इस की. वाहा ससुराल मे ऐसे ही हसी मज़ाक के बीच चाइ-नास्टा

चलता रहा और बीच बीच मैं कभी मैं ज्योति की गांद को टच करता कभी उसके

जांग पर हाथ रख देता मेरे इस हरकत को वो भी खूब सम्झ रही थी. फिर मैने

अपनी वाइफ को घर वापिस चलने के लिए कहा तो बोली हा बस चलते है. चूकि मैं

एलेक्ट्रॉनिक्स मे और कंप्यूटर मे मास्टर हू तो ज्योति को बहाना मिल गया

और मेरे से कहने लगी " जीजू मुझे कंप्यूटर्स मे थोड़ी दिक्कत है आप मेरी

मदद कर दोगे क्या" . मैने कहा " आप जैसे प्यारी साली की कोई भी मदद करने

के लिए मैं तो दिन रात तय्यार हू" जब हुकुम करोगी बंदा खिदमत मे हाज़िर

हो जाएगा.
 
तभी हम दोनो को कुछ पल तन्हाई के मिले तो मैने तुरंत उसका हाथ

अपने हाथ मे लेकर किस कर लियाअ. नकली गुस्सा दिखाते हुएबोली "जीजू तुम

बहुत शरारती हो. अभी तक तुम मूह से करते थे अब हरकत भी करने लगे" "मैने

अब भी तो मूह से ही किया है" मैने जवाब दिया वो कसमसा के रह गई...... फिर

बोली "आज आप मेरी सहेली को किस हालत मे लेकर आए थे...."मैने पूछा 'किस

हालत मैं लाया था???' 'वो उस्की... वूओ उस्किईईई धात्ट जिजुउउ तुम बहुत

बुरे हू''' ' तुमने मेरी सहेली की हालत खराब कर दी'''''''' तभी मैने तपाक

से मौका देख कर उसके चूतदों पर हाथ रखा और कहा तुमको कैसी लगी साची

कहो'''''' बोली धात शरारती कही के....... इतने मे मेरे भतीजा भतीजी और

वाइफ आ गई. मेरी वाइफ बोली क्या खुसुर फुसुर हो रही थी जीजा सालीमे. मैने

कहा तुमको क्यों बताउ' यह मेरा आपस का मामला है'' तभी मेरी बीबी मेरे से

बोली ' ठीक है याद रखना यह अपना आपस का मामला..... और अपनी आँख नचाने

लगी''''' मैं समझ गया की बात कुछ ख़ास है और दिन की चुदाई के बाद भी मेरी

बीबी की चूत फिर से चुदवाने के लिए तड़प रही है'' और हमने वाहा से सभी से

विदा ली और ज्योति के बगल से निकलते हुए कहा की मेरे को रात को 12.00 बजे

मोबाइल पर कॉल करना ......... और मैं घर आ गया. और हम यानी की मैं और

मेरी बीबी सोने की तय्यरी मे लग गए हम दोनो बिल्कुल नंगे ही सोते है और

मेरे को मेरी बीबी की हल्के हल्की झांतों वाली चूत बहुत ही अछी लगती है

इसलिए उसको कमरे मे कुछ देर नंगा ही घूमने देते है ऐसा करते करते मैं रात

के 12 बजे के आस पास चुदाई शुरू करने के मूड मे टाइम पास कर रहा था पर

मेरी बीबी को चैन नही था वो तो एक दम चुदवाने के मूड मे थी. मैं भगवान को

याद कर रहा था की कास अभी 11.30 बजे ही ज्योति फोन कर दे तो मैं उसको

चुदाई की आवाज़े सुना सकू..... और शायद भगवान ने मेरी सुन ली तबी मेरे

सेल मे वाइब्रेशन्स होने लगी और मैने फोन ऑन करने के पहले वाइफ को बाथरूम

जाने का इशारा किया वाइफ मेरी इस आदत से वाक़िफ़ थी क्योंकि मैं किसी

किसी कॉल पर जब मुझे झूट बोलना पड़ता तब ऐसा अक्सर किया करता था तो वो

चली गई. मेरा रूम साउंड प्रूफ है इसलिए मेरे रूम मे हो रही बात किसी और

को सुनाई नही दे सकती थी' मैने ज्योति से फोन पर कहा की तुमको मज़ा लेना

है..... ज्योति बोली -काहे का.... मज़ा.... मैने कहा "वोही जिसका जीकर

तुम्हारी सहेली ने तुमको अभी अपने घर पर किया था" " धात बेशरम कही

की......... हाई जीजू सच मे पर कैसे... मैने कहा अभी सिर्फ़ तुम सुनकर ही

काम चला लेना......' ज्योति बोली' चला लेना मतलब.....' मैने कहा '' बाद

मे बताउन्गा ... तुम फोन मत काटना प्ल्ज़्ज़. मैं अपना सेल ओन छोड़ रहा

हू......" मेरा ऐसा करने के पीछो दो मक़सद थे की एक तो ज्योति हमारी

चुदाई के बात सुनकर एग्ज़ाइट हो जाए और दूसरा मेरी पत्नी जब ज्योति बनकर

चुदवाती है तो काफ़ी चिल्लाती है हाई..... राजा अपनी ज्योति की चूत फाड़

दो ऐसे शाइयियी ज्योती की चूत कैसी लगती है तुमको ...... यह बातै सुनकर

ज्योति तक मेरा मेसेज भी पहुच जाएगा और मेरी चुदाई की जुगाड़ आसानी से लग

जाएगी.... मैने सेल को सिरहाने रख दिया और वाइफ को बाथरूम से निकलने के

लिए संकेत किया... मेरी वाइफ भी उस दिन बहुत चुदसी लग रही थी " निकलते ही

बोली किन किन गांडुओं से बात करते रहते हो" "देखो तुम्हारी ज्योति रानी

की चूत कैसे पानी टपका रही है' मेरी वाइफ को पता नही था की मोबाइल ऑन है

और ज्योति सब कुछ सुन रही है........ वो मुझे धकेलते हुए बेड पर ले गई और

अपनी चूत मेरे मूह पर रगड़ते हूर बोली " ले तेरी ज्योति की चूत का रस

पीना है तो ले चूस भोसड़ी वाली" आज इतनी चूसना की मेरी चूत का सारा पानी

ख़तम हो जाए" "साले तूने दोपहर मैं चुदाई करके मेरी चूत मे वॅक्स कॉटन का

ढक्कन लगा दिया था....." ताकि मैं ज्योति को तेरा पानी दिखाऊ.... ले अब

चाट मेरी पेशाब भरी चूत को... तेरा लगा चूत का ढक्कन तो मैने ज्योति से

खुलवालिया था और जैसे चूत से बाढ़ आ गयी हो ऐसा पानी निकला था" जोती ने

पूरा चाट लिया था' बहुत मदर्चोदि हाई छीनाल है साली. ले चाट' मेरी वाइफ

अपनी चूत मेरे मुउहह पर रगड़ रगड़ कर चटवा रही थी और अब वो किसी भी वक़्त

झरने वाली थी. सो मैने अपनी जीव को थोरा सर्क्युलर मोड़ कर उसकी चूत के

छेद मैं घुसा दिया और तेज़ी से चूत चाटने लगा. अभी चाटना शुरू किया ही था

की मेरी वाइफ चिल्लाने लगी हीईीईईईईईईई और तेज़्ज़ तेरी ज्योतीईईइ झरने

वाली हॅयियी और तेज चूसो मेरी चूत को मदर्चोद पूरा पानी पी जाआअ लीई

मैईन्न्न्न् गैइइ शीयी मुम्मीईईईईईईईइ आआआआआआआ ली और उसकी चूत से गरमा

गरम उसके चूत के फव्वारे निकल पड़े फवारे पर फव्वारे छोड़ रही थी वो मैने

जितना उसका पानी पी सकता था पिया बाकी का मेरे मूह और गर्दन पर फैल गया.

मैने अभी उसकी चूत को छोड़ा नही था अब मैं और तेज़ी से अपनी जीव उसकी चूत

मे फिरा रहा था. क्रमशः..................
 
मेरी बीबी की सहेली पार्ट--2

गतान्क से आगे......... मेरी वाइफ फिर चिल्लाने लगी थी अरे मेरे चोदु

जीजू मेरी चूत मे आग लगा रखी है तुमने. साले गान्डू भोसड़ी वाले, मदर्चूद

चोद्ता क्यों नही है.... हाईईइ ऐसे ही और तेज़्ज़ और तेज़्ज़ मैं भी

स्पीड जितनी बढ़ा सकता था बढ़ा दिया उसका क्लाइटॉरिस अंगूर के दाने जैसा

बाहर निकलने लगा था उसकी चूत फिर से तय्यार हो गई थी ........ इधर मेरे

सेल पर सब कुछ सुन रही ज्योति की हालत भी खराब हो चुकी थी और वो भी

बिल्कुल नंगी होकर अपनी चूत मैं मूली डॉल कर चूत को चोद रही थी और सोच

रही थी कब उसको लंड मिले गा. मेरी वाइफ ने कहा " रोज तू मेरे ऊपर चढ़ कर

चुदाई करता है मदर्चोद आज मैं तेरे को चोदुन्गी साले बहुत तरसाता है तेरा

यह हल्लभी लॉडा......." सागर मे और कोई नही है ऐसे लॉड वाला.... मैने कहा

चोद ना छीनअल्ल ज्योति........'''' अभी कहा पहले तो मैं इससे अपने मूह की

प्यसस बुझऊन्गी. फिर चूत चुडआवोवानंगियी रे मदर्चोद तूने अपने लंड को

मेरी चूत से पहले झरने दिया तो फिर अंज़ाम बहुत बुरा होगा......... मैने

मोबाइल के पास मूह करके कहा ' अरे मेरी ज्योति रानी जल्दी से मेरे लॉड को

अपनी काली चूत मे घुस्वाओ...." मेरे गुलाबी लंड को काली चूत बहुत पसंद है

हल्की सी झांते और हो चूत पर तो और भी मज़ा आता है. इतने मे मेरे लंड पर

गरम गरम और गीला गीला महसूस हुआ मैने देखा तो मेरी वाइफ मेरा लंड किसी

महीनो भूके भिखारी जिसको अचानक छप्पन भोग मिल गया हो की माफिक चूस और चाट

रही थी. उसके चाटने से उसके मूह चुक्क्क, पच चित्त जैसी नसीली आवाज़े आ

रही थी और मेरा लंड बहुत ही कड़क होता जा रहा था. अब और चटवाना मेरे बस

की बात नही रह गया था तो मैने अपनी वाइफ के बाल पकड़े और उसको ज़बरदस्ती

बेड पर पटक दिया और उसकी टांगे फैलाकर उसके हाथ उसकी टाँगो मे फसा दिए

जिससे मेरे हाथ फ्री हो सके और मैने अपना लंड उसकी चूत के छेद पर टीका

दिया और उसका मूह सेल के पास कर दिया जिससे जब मैं लंड पेलू तो मेरी वाइफ

की चीख ज्योति सुन सके...... और एक ही धक्के मे मैने लंड पेल दिया.... "

मेरी वाइफ चिल्ला पड़ी...... मार गैईईइ रेयीयियी मम्मि ललल्ल्ल्लाआ मुझे

बचा लूऊऊऊऊऊओ शियीयियैआइयैआइयैआइयैयीयीयियी इस मदर्चूद ने तो आज फिर से

मेरी चूत फार दीईइ'''''''''' ज्योति यह सुनकर और गरमा गई थी और तेज़ी से

मूली अपनी चूत मैं अंदर बाहर कर रही थी मेरी वाइफ जितना चिल्लती मुझे

अपना सपना सच होने की उतनी उम्मीद बढ़ रही थी...... मैं आज बड़ी ही

बेरेहमी से अपनी वाइफ को चोद रहा था.. ... मेरी वाइफ को भी ऐसे ही

चुदवाना पसंद था '' उसको चुदवाते वक़्त बिल्कुल जंगंग्ली जानवरों जैसा

सलूक और देसी गंदी गंदी गालिया के साथ मस्त लंड से चुदवाने मे बहुत मज़ा

आ रहा था..... अब वो मेरे लंड का मज़ा लेने लगी थी और अपनी चूत मेरे हर

धक्के पर उछाल रही थी... कहती जा रही थी.... हाअ ऐसे ही चोद्द्द अरे ज़ोर

से क्यों नही चोद्ता... भोसड़ी वलाअ..... और्र ज़ोर से.... ज्योति की

बुर्र कैसे मारेगा...... मदर्चूद्द्द... चोद ना साले ज़ोर से. वो हुमच

हुमच कर चुदवा रही थी... उसकी चूत बार बार पानी छोड़ रही थी. मैने अब

अपनी वाइफ की चूत मे लंड डाले हुए ही उसको जिस ओर सिरहाने मोबाइल रखा था

उस तरह उसका मूह करके करवट दिलवा दिया ' अरे राजा तुम तो चुदाई मे मास्टर

आदमी हो लंड चूत से निकालते भी नही हो और करवट भी दिलवा दिया'..... हीइ

सीईईईईई जल्दी चोदूऊओ'''' शियीयियैआइयैयीयीयियी और ज़ोर से चोदो भोसड़ी

वाले. मैने कहा "मेरी प्यारी कल्लो ज्योति रानी जल्दी किस बात की है अभी

तो मैं तुम्हारी चूत ही मार रहा हू फिर इसके बाद तो तुम्हारी गांद का

नंबर है" ....बोली "ठीक है पर तुम मुझे झराऊ तो तभी तो गांद

मर्वऊन्गीइ...." मैने उसका एक पैर उठा कर अपनी कमर पर रख लिया जिससे मैं

उसकी पीठ से चिपक गया अब मैं चोद्ते हुए उसकी पीठ से चिपका रह सकता था और

उसके माम्मे भी मसल सकता था और साथ ही साथ चूत मे गहराई तक धक्के भी पेल

सकता था.... सो मैने ऐसा ही कियाअ.... मैने कहा 'री मेरी रंडी छीनअल्ल

ज्योतीईई कितना तडपाएगी मदर्चोद बहुत दीनो से तड़प रहा हू ले " और मैं

गहरे गहरे धक्के लगाने लगा और उसके मम्मे लगभग वैसे है जैसे किसी पेड़ की

डाली मरोद्ते है ऐसे मसल्ने लगा... वो दर्द और प्लेषर मे शाइयियी और सीयी

कर रही थी... ''''सीईईईईई..... हाआ मेरे चोदु रजाआ.... मेरे लंड बहादुर

ख़ासम्म्म्म चोदो और तेज़्ज़्ज़ मेरे इन दूधू को उखाड़ कर खा जाओ......

इन पर सबकी नज़र होती है...... तुम्हारी डार्लिंग ज्योति भी इनकी दीवानी

हाईईईईईईई''' और्र मस्लो दबाऊ मैं उसकी गर्दन के पीछे लिक्क भी कर रहा था

वो एसक्सिटी मे चिल्ला रही थी वो ऑर्गॅज़म के बेहत नज़दीक थी हाआ ऐसे ही

चोदो फाड़ दो मदारचूड्दद मेरी चूत और घुसेदो पूरा डाल दो मैं आने वाली हू

शियीयियीयियी और चोदो तेज़ी से मैने अपनी स्पीड बहुत तूफ़ानी कर दी और

मैं भी झरने के करीब पहुच ता जा रहा था तभी मैने कहा हाईईइ मेरी ज्योति

तुम्हारी चूत बहुत सुन्दर है तुम्हारी पेशाब का टेस्ट बहुत अछा है अरी

मदर्चूदीइ छिनाल्ल्ल ले और ले मैं गहरे गहरे धक्के लगा रहा था.. वो मेरे

बाल खीच रही थी और नोच भी रही थी झरने के बिल्कुल करीब थी..... शियैयीयी

ममी इसने मेरी चूत मे क्या कार्दियाआअ...... आआआआआ हूंम्म्मममम कोइइ तो

बचाऊऊऊ आआआअ और पेलूऊऊ मैने पूरा लंड खीचा और बहुत ताक़त से पूरा का पूरा

थूस दिया इसी जोरदार धक्के मे वो झरना शुरू हो गई और मैने तूफ्फानी धक्के

मारे वो बहुत जोरो से झड़ी थी आज्ज्जज अब मेरी बारी थी झरने की सो मैने

उसको सीधे पीठ के बल लिटा कर तूफ़ानी धक़्की मारे और पूरा लंड सिर्फ़

सूपड़ा छोड़ कर बाहर खीच कर उसकी चूत की जड़ तक पेल दिया और रुक गया जहा

जाकर मेरे लंड ने फव्वारा छोड़ना चालू किया.. आज तो कुछ ज़्यादा ही

फव्वारे चल रहे थे जिस्को मेरी वाइफ भी महसूस कर रही थी जब मैं झार चुका

तो मैं लंड बाहर खीचने लगा.. मेरी वाइफ बोली क्यों आज मेरी चूत मे पेशाब

नही करना मैने कहा आज नही आज तो तुम्हारी गांद फाड़ दूँगा इसलिए अब तुम

उठो और जाओ पहले मूतो और फिर टट्टी करके आना जल्दी उठो..... मैने उसकी

चूत देखी तो बेरहम चुदाई से सुर्ख लाल हो गई थी और सूज भी गई थी. मैने

उसको आईना मे दिखाई तो कहती है " तुम बड़ी ही बेरहमी से चोद्ते हो जिससे

मेरी चूत सूज जाती है..... अब मुझे पेशाब करने मे भी दिक्कत होगी......

उसकी चूत मे से मेरा लावा रिस रहा था और गांद के नीचे से चादर उसके और

मेरे पानी से गीला हो चुका था... मैने उसको कहा जल्दी जाओ..... वो बाथरूम

मे चली गई... सो मैने बाथरूम का डोर बाहर से बंद कर दिया और झट से मोबाइल

उठा कर हेलो किया ज्योति अभी भी फोन पर ही थी बोली हेलो जीजू.... तुम तो

बहुत भयंकर चुदाई करते हो मैं फोन पर चुदाई सुन कर ना जाने कितने बार

झाड़ गई तुम्हारी कसम अब नही रहा जाता जीजू.. अब चाहे जो भी अंजाम हो तुम

मुझे चोदो मैं अभी घर से भाग कर तुम्हारे पास आ रही हू.... मैने कहा पागल

मत बनो ज्योति जहा इतने दिन गुज़ारे हैं वही अब रात के कुछ 4-5 घंटे ही

तो बकाया है.... अभी मैं तुम्हारी सबसे प्यारी सहेली की गांद मारूँगा

उसका किस्सा सुनना हाई क्या तुम...... जोती ने रिप्लाइ किया''' किस्सा

सुनने से क्या होगा मेरी चूत के साथ साथ मेरी गांद के छेद मे भी आग लग

जाएगी.... सही कहती है प्रीति इनका लंड और हाथी का लंड एक सा है....

जिजुउउ प्लज़्ज़्ज़ कुछ करो ना मेरी चूत कब मारोगे''' मैने कहा मेरी

प्यारी साली जी अभी तो तुम फोन पर ही मज़ा लो फिर कल देखो कैसे तुम्हारी

चूत का उद्घाटन करता हू''' उसने कहा ' जिजुउउउउ तुमको तुम्हारी बीबी की

कसम है यदि तुम कल 11 बजे सुबह मेरे पास नही आए तो सोच लेना'' मैं

हुन्गामा खड़ा कर दूँगी..." मैं तो अपनी बीबी और उसकी चूत को बहुत प्यार

करता हू और उसके प्रति वफ़ादार भी हू इसलिए मैने कहा ठीक है.... उस रात

फोन पर ज्योति ने बताया कि वो मेरी और वाइफ के चुदाई सेसन की आवाज़े

सुनकर अनगीनती बार झरी थी और कई बार मूली से अपनी चूत चोदि थी. मेरी वाइफ

जब बाथरूम से बाहर निकल कर आई तो मेरा लंड फिर से तय्यार हो रहा था. मेरी

वाइफ मेरी एक ही चुदाई से बिल्कुल पस्त पर जाती है. वो कहने लगी "जानू

तुम खुद मेरी चूत की हालत देखलो कितनी लाल हो रही है. तुम्हारा लंड ऐसी

मस्त चुदाई करता है कि मेरी चूत मे सुभह तक झंझनाहट होती रहती है और सूजन

रहती है" प्लीज़ अब सोने दो. पर मैं कहा मान-ने वाला था क्योंकि मैं ने

ज्योति से फोन पर बात जो कर ली थी मैने अपनी वाइफ से कुछ कहा नही सिर्फ़

इतना कहा' जानेमन कल और परसो दो दिन की छुट्टी है' तो आज रात का उपयोग

चुदाई के लिए करते है" ऐसा कहते हुए उसको मैने अपने बदन से चिपका लिया हम

दोनो नंगे ही थे तो मेरे बदन की गर्मी उसके शरीर मे ट्रान्स्फर होने लगी.

और मैं उसके कान के पीछे लिक्क कर रहा था और अपने पैर से उसके पैरो के

बीच यानी की उसकी फूली हुई चूत(मुनिया)पर. वो कुछ कसमसाने लगी थी सो मैने

उसके मस्त मम्मो को पकड़ कर सहलाना और धीरे धीरे सेन्सेशन्स भेजना चालू

कर दिया. मैं इंतेज़ार कर रहा था कि कब उसके मूह से सीयी या आआ का मोन

निकले. और इसमे उसको ज़्यादा देर नही लगी.... जैसे ही उसने शीयी सीईईईई

काराअ... मैने उसको दीवार से टिककर उसके शरीर पर चुम्मो की झरी लगा दी

उसके शरीर के हर हिस्से माथे पर दोनो आँखों पर किस , कान पर , नोज पर ,

गर्दन के पीछे , गले मे , दोनो कंधो पर , आर्म पीठ मे , बूब्स के किनारो

(.) (.) पर , निपल के चारो और एरोला पर , दोनो बूब्स के बीच मे (.) (.),

और लिक्क भी साथ मे. वो कह रही थी '' जानू मत तड़फाओ मेरी चूत सुलगने लगी

हाई' मैं एक हाथ से उसकी मस्त फूली हुई चूत को मसल भी रहा था मैं सीधे

उसकी चूत के पास पहुच गया और उसकी चूत के चारो और लिक्क करने लगा, उसने

अपनी दोनो टांगे फैला रखी थी और मेरा सिर अपनी चूत पर दबा रही थी. मेरी

वाइफ जब गरम होती है तो चिल्लाती भी बहुत है ' अरी ले खाजा मेरी चूत कू''

तेरे लंड ने इसकी शकल बिगाड़ दी है' देख कैसी जला कर काली कर दी है इस

चूत को. ज्योति मेरी चूत की शादी के पहले तारीफ़ किया करती थी' कहती थी

हाई री तेरी चूत कितनी सुंदर और गुलाबी है. मेरे जीजू तुम्हारी चूत

चोद-चोद कर इसे काली कर देंगे और इतनी चाटेंगे कि तुम उनके मूह मे ही झार

जाओगी. ज्योति ने बिल्कुल सही कहा था... क्रमशः......
 
मेरी बीबी की सहेली पार्ट--3

गतान्क से आगे......... सही बताओ उसको कैसे पता कि तुमको चूत चाटने मे

महारत हासिल है.. मैं बहुत तेज़ी से उसकी क्लिट से लेकर उसकी गांद के छेद

तक अपनी जीव घुमा रहा था उसकी चूत किसी बरसाती नाले की तरह पनिया कर बह

रही थी. मेरी वाइफ से जब रहा नही गया तो उसने मुझे धक्का दिया और ज़मीन

पर गिरा दिया और मेरे तने हुए लॉड (मुन्ना) पर टूट पड़ी. वो उसे ऐसे चूस

रही थी जैसे सालो से भूखी हो. और कुछ देर बाद उसने अपनी चूत(मुनिया) के

मूह पर लंड की टिप रखी और एक दम से लंड पर बैठ गई. फ़च..... की आवाज़ के

साथ मेरा पूरा लंड उसकी मुनिया(चूत) मे जड़ तक समा गया . वो चिल्ला पड़ी

आआअहह,,,,, जल गैईई मेरी मुनियाआ,,, फट गैइइ रीईईई और कुछ देर तक वैसे ही

रुकी रही. फिर धीरे धीरे अपनी गांद गोल गोल घूमाते हुए जैसे कोई स्क्रू

कस रही हो मेरा लंड अपनी चूत(मुनिया) की गहराइयों मे महसूस करने लगी.

उसको ऐसा करने मे बहुत मज़ा आता था. और उससे दूना मज़ा मुझे आने वाला था

क्योंकि अब वो फ्यूरियस स्पीड से चुदवाने वाली थी और स्ट्रोक्स की स्पीड

वो कंट्रोल कर रही थी साथ ही साथ मेरे से अपपने मम्मे मसलवा रही थी और

मेरे को जगह जगह नोच रही थी और किस कर रही थी इससे मेरे लंड(मुन्ना) को

भी बहुत मज़ा आ रहा था. अचानक उसने अपनी स्पीड बढ़ा दी और बकबकने लगी.

"अरे साले गान्डू अपनी इस रंडी बीबी को छोड़ कर मेरी सहेली ज्योति पर

नज़र रखता है" उसकी मुनिया के चीथड़े उड़ाना चाहता है, पहले मेरी मुनिया

से तो निपट," वो झरने के करीब पहुच गई थी और जोरो से मेरे लंड की राइडिंग

का पूरा मज़ा ले रही थी... "हा ले सीईईईई शियीयीयियीयियी छील गई मेरी

मुनिया हाअ और ले अरे घाव हो गया रे ......." ऐसी कुछ भी आंट-सॅंट बके जा

रही थी मैं उसके मम्मे बिल्कुल जैसे गीले कपड़े निचोड़ते है वैसे ही मसल

रहा था. कुछ ही देर मे वो बुरी तरह से झरी और वैसे ही मेरे से चिपक गई.

वो जोरो से हाफ़ रही थी मैं उसकी पीठ सहला रहा था और नीचे से धीरे धीरे

धक्के भी दे रहा था. उसको बहुत अछा लग रहा था. वो अब शांत हो गई थी और

गहरे गहरे साँस लेकर मेरे लंड को अपनी मुनिया मे कसे हुए थी. अहह

जानुउऊउउ अपने मुन्ने को मेरी मुनिया से अलग मत करना..... हे भगवान आजकी

रात सबसे लंबी रात कर दो....... ओउर्र्र पेलो जानू अपने मुन्ना को मेरे

गले तक ले आऊऊऊ.... हीईिइ सीईईई बड़ा ही मस्त मुन्ना है. इसने कई चूतो का

खून पिया है हाईईईईई.. ज्योति तू ना चुदवाना इस लॉड से..... शियीयीयियी

सीईईईई बड़ा जालिम हल्लाबी लॉडा हाईईईईई और इसका नाम ये मुन्ना रखे

है....... शियीयीयियी ओउर चोदो प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़ औरर्र फादूऊऊओ..

हीईीईईईई मैने उसको ज़मीन पर लिटाया और उसकी टाँगो को उसके मम्मो से

चिपका दिया और फूरा लंड पेल दिया.... हाई जाअलिमम्म फार दीईइ...... अरे

ज्योत्ीई कोई तो आअऊओ बचऊऊओ ....... ऐसे चिल्ला चिल्ला के चुदवा रही थी

और मेरा लंड तो आज दुगना मोटा और लंबा हो गया था यह सोच कर कि मेरे

ख्वाबों की मालिका मेरी इक्लोति प्यारी साली ज्योति मेरे से चुदवाने को

तय्यार हो गई है. इसी जोश मैं और जोरो से उसकी चूत मे अपना लंड पेल रहा

था जोकि उसकी चूत की आख़िरी गहराई तक जाकर उसकी बच्चे दानी को धकेल रहा

था... हाई मेरे राजा ऐसा कब तक चोदोगे,,,,, तुम तो अपने मुन्ना को मेरी

मुनिया के मूह मई घुसाए रहूऊओ हिी ऐसे पेलते फार्टे रहूऊ.... मैने थोड़ी

स्पीड बरा दी त्ीी.. जिससे उसकी नंगी पीठ मार्वल के फर्श पर चिपक कर और

उसकी चूत से बहते हुए पानी के कारण पीचर.. पीचर की आवाज़े कर रही थी ऐसी

ही आवाज़ उसकी चूत से पुच्छ फुक्कक फ़चा फूच की आ रही थी.... मुझे बहुत

मज़ा आ रहा था. मेरी वाइफ की चूत मे ना जाने क्या जादू है कि वो बच्चो को

जनम देने के बाद और मेरे से 9 सालो से रोज चुदवाने के बाद भी ढीली नही

हुई थी वो मेनटेन किए हुए थी... मैं इसका राज उससे कई बार पूछ चुका था.

वो हर बार यह कह कर टाल देती " मेरी चूत जब तक टाइट रहेगी तुम मेरे

कब्ज़े मे रहोगे जानुउऊ' मैं तुमको रोज रात को किसी कुँवारी चूत जैसा ही

मज़ा दूँगी' और वो अपनी बात पर क़ायम थी. उसकी चूत पर मैंटेन जेनटन रहती

थी जैसी मुझे पसंद होती थी बिल्कुल वैसे ही मेनटेन कर के रखती थी और चूत

को रोज "गुलाब जल" से ज़रूर धोती थी जिससे उसकी खूबसूरती बनी रहे और उसमे

से प्यार की खुसबू आती रहे. मैने अब अपनी स्पीड बढ़ा दी थी और वो भी नीचे

से अपनी गांद उछाल उछाल कर चुदवा रही थी.. हा राजा और जोरो से..... थोरी

और ताक़त लगाओ शाबशह आईसीए शीयी और जोरो से.... बहुत मज़ा आरहा

हाईईइ..... अरे इस लंड को पर्दे मे रखना यदि किसी को पता लग गया तो वो

तुमसे चुदवाये बिना नही रह सकेगी..... अरे राजा इसके बारे मे तो ज्योति

को तो बिल्कुल मत बताना...... हाअ आजज्ज कल तुम दोनो का बहुत नैन-मटकका

चल रहा हाईईईई.... और तो और उसको फोन पर मेरी चुदाई की बाते -आवाज़े भी

सुना दी जा रही है ले......... ले और्र ले मेरी चूत से तो फ्री हो ले फिर

किसी और की चूत देखना अब चोदो जोरो से फाडो मेरी चूत्त्त.... बहुत बात

करता है चुदाई कम करता है साले लंड मे दम नही बचा क्या..... मेरी चूत तो

चोद नही पाया तरीके से ज्योति की चूत चोदने की इच्छा रखता है

चोद्द्द्द.... कैसी यह मुनिया काली कलूटी कुलबुला रही हाईईइ और चूद. मैने

उसको बोला "मुझे ज्योति की चूत दिलाओगी तो चोदुन्गा नही तो मैं निकाल रहा

हू....." "अरे शीयी जालिमम्म सीयी ऐसा ना करो चोदो मुझी मैं तुमको उसकी

कुवारि चूत के साथ एक चूत गिफ्ट मे दून्गी''' चोद्ते रहो आज तो रात

भर.... उसके इतना कहते ही मैने अपनी स्पीड तूफ़ानी कर दी. मैं अपना पूरा

लंड बाहर खीच कर पूरा का पूरा एक बार मैं पेल रहा था. जैसे ही मेरा मुना

अपनी प्यारी काली कलूटी मुनिया के अंदर जड़ तक पहुचता तो मेरी बीबी जोरो

से चिल्लाती शीयी सीईईईईईईई मर गई जालीम..... वो फिर से आंट-सॅंट बकने

लगी थी और झरने के करीब थी यहा मेरी भी इच्छा झरने की हो रही थी..... सो

मैने अपनी स्पीड और तेज़ कर दी इस पर वो बहुत जोरो से झार गई और मेरे

नीचे शीतिल पड़ गई इधर मैं भी झरना चाहता था और हम दोनो के बदन पसीने मैं

भीगे हुए थी. मैने अपनी स्पीड कम नही की उसकी कमर थामी और भका भक धक्के

मारता रहा. उसकी चूत मे जड़ तक लॉडा घुसा कर झर गया. मेरे फव्वारे से वो

शीयी हुछ हुछ कर रही थी...... ..... मैं थक कर निढाल होकर अपने मुन्ना को

उसकी काली कलूटी मुनिया के मूह मे घुसाए हुए उसके उप्पर पड़ा रहा वो मेरे

बालो मे अपनी उंगलिया फिरा रही थी मैं उसकी गर्दन मे चुम्मि ले रहा था और

दोनो अपनी साँसे सम्हालने मे लगे हुए थे.. साँस थमी तो मैने दीवार घड़ी

पर नज़र डाली सुबह के 3 बज रहे थे. साँस तो नॉर्मल हो गई थी पर मेरा लंड

अभी भी कुछ कड़ा पन लिए उसकी चूत मे आराम कर रहा था.. मैं अपने लंड को

उसकी चूत मे चला रहा था. वो बोली " अब क्या इरादा है... अब नही मैं बहुत

थक चुकी हू तुम्हारा लंड तो ठंडा होने के बाद भी मेरी चूत भरे हुए है..."

मैने उसको गाल पर किस किया और कहा " मेरी स्वीट स्वीट डार्लिंग अभी

तुम्हारी चूत का अभिषेक बाकी है'. मुझे चुदाई के बाद पेशाब लगती है और

मुझे चूत के अंदर पेशाब करने मे मज़ा भी बहुत आता है तो मैने थोड़ा सा

लंड बाहर खीचा और पेशाब करने लगा. मेरे पेशाब की धार बहुत गरम लगती है

उसको.. इससे वो "आहह यह क्या कर दिया... मेरी मुनिया तुम्हारे पानी से

भरी हुई थी और तुमने अब मुझे पेट तक भर दिया.... हाई बहुत गुदगुदी होती

है इसमे..... उसकी चूत से मेरा पेशाब और मेरा लावा बाहर निकलकर बहने

लगा.. मैने जैसे ही अपना लंड बाहर खीचा तो उसकी चूत से फव्वारा निकल

पड़ा... उसने बड़ी राहत महसूस करी. मेरे से चुदवाने के बाद उसकी हालत

बहुत खराब हो जाती है और उसमे उठने की हिम्मत नही होती सो मैने उसको अपनी

बाहो मे उठाया और बाथरूम ले गया . उसको फर्स पर लिटा दिया और बाथ टब को

गरम पानी से भरने लगा. मैने कहा "अभी तुम पेशाब मत करना..." वाइफ बोली "

आ मेरे राजा मुझे पता है तुमको पेशाब करती हुई चूत मे नहाना और देखना अछा

लगता है" ' पर तुम जल्दी आओ मुझे जोरो से पेशाब आ रही है" मेरी थेल्ली

भरी हुई है' मैने कहा दो मिनिट मैं फर्श सॉफ कर के आता हू. मैने फटाफट

फर्श सॉफ किया और बाथ रूम मे स्टूल लेकर पहुचा. उसको स्टूल पर बैठा दिया

और खुद उसकी चूत के ठीक सामने बैठ गया . जैसे ही मैने उसकी टांगे फैलाकर

उससे कहा "मूत" उसकी काली कलूटी चूत से बहुत तेज और गरमा गर्म धार निकल

कर मेरी छाती से टकराने लगी. मैं उसकी पेशाब की खुसबू का दीवाना था. मेरी

वाइफ मेरे से कहने लगी" जनम तुमको घिन नही लगती तुम मेरी पेशाब मैं नहाते

हो और मेरी पेशाब करी हुई चूत को चूमते और चाटते हो" 'यही तो प्रेम रस है

जो शादी के 9 साल बाद भी हम दोनो पति पत्नी की जगह प्रेमी प्रेमिका बनकर

रहते है" मैने कहा मैने पूछा " अछा तुम बताओ तुमको क्या मेरी पेशाब पसंद

नही है". " बहुत पसंद है जानू" वो बोली.... तब भर चुका था मैने उसको पानी

से भिगोया और उसके शरीर पर साबुन लगाया और उसके शरीर की अछी तरह से मालिश

करी और हम दोनो टब मे उतर गये. नहाकर बाहर आए तो वो बहुत फ्रेश दिख रही

थी मैने कहा " कहो जानू कैसा लग रहा है...". "4 बजने को है सुबह के और

तुम पूछ रहे हो कैसा लग रहा है, अरे मैं तो तुमको जिंदगी भर क्या हर जनम

मे पाना चाहूँगी" फिर हम दोनो ने बादाम, काजू किस्मिस और राबड़ी खाकर

सोने बेड पर आ गये.". सुबह हम दोनो छुट्टी होने की वजह से 11-12 बजे उठे

थे... मैं फिर से चार्ज हो गया था क्योंकि आज ज्योति से मुलाकात होने

वाली थी. सुबह फेश होकर, स्नान कर के पूजा पाठ किया एवं अपनी पेट पूजा का

इंतेज़ार करने लगा. हर समय ना जाने मुझे किस चीज़ का इंतेज़ार था. जिसको

मेरी वाइफ ने भाँप लिया था. वो मुझे चीरते हुए बोली " क्या जानू बड़े

बैचैन दिख रहे हो" " नही कुछ नही, बस ऐसे ही तुम्हारा इंतेज़ार कर रहा था

कब तुम आओ और मेरी पेट पूजा हो" मैने हड़बड़ाते हुए कहा मैं उससे अपनी

नज़रे बचाने और अपनी बैचैनी छिपाने की नाकाम कोशिश कर रहा था इसको छिपाने

के लिए मैने टीवी ओन कर लिया. थोड़ी ही देर बाद वो खाना ले कर आ गई. हम

दोनो ने खाना खाया. और रात को हुई चुदाई के बारे मे चर्चा करी. वो कह रही

थी "मेरी मुनिया मे दर्द हो रहा है और मुझे चलने मे तक़लीफ़ हो रही है" "

जान थोड़ा आराम कर्लो और हो सके तो बर्फ से सिकाई कर लो" मैने सजेशन देते

हुए कहा. मैं अब बाहर निकालने को बैचैन था फटाफट तय्यार हुआ और बाहर निकल

गया . मैने अपनी बाइक निकाली और ज्योति के घर के आस पास 2-3 चक्कर लगा

डाले. उसके मोहल्ले मे मेरे बहुत सारे जान पहचान के लोग रहते थे उसी

मोहल्ले मे मेरी ससुराल भी है. इसलिए किसी ने मेरी हरकत को और मेरे यूँ

चक्कर लगाने को ध्यान से नही देखा. मैं ज्योति के दर्शन को तड़प रहा था.

मैने दिसाइड किया कि ज्योति के घर के बगल मे मेरे परिचित की दूध के डेरी

है वाहा बैठूँगा वाहा से ज्योति के घर का बागीचा भी दिखता है. आज मैं

बड़ी बेसब्री से ज्योति के बगीचे की तरफ बार बार देख रहा था. ज्योति के

घर मे कबाड़ी का काम होता था आज कुछ भी हलचल नही दीख रही थी. इसी

इंतिज़ार मे 2 घंटे निकल गये. मैने सोचा चलो ज्योति को फोन किया जाए.

मैने अपना सेल बाहर निकाला ही था कि मेरी मुराद पूरी होने की घंटी बज ही

गई और ज्योति का फोन आ गया . क्रमशः.........
 
मेरी बीबी की सहेली पार्ट--4

गतान्क से आगे......... " हेलो. डार्लिंग जीजू कैसे हू" जोती ने कहा. "

हाई डियर, ठीक हो!! तुम्हारे फोन का सुबह से बेसब्री से इंतेज़ार कर रहा

था" मैने रिप्लाइ किया. " रात को मज़ा आया. कितनी बार अपनी चूत को झाराया

तुमने" मैने पूछा ' हाई मेरे चोदु राजा रात की तो कुछ मत पूछो अभी सो कर

उठी हू" टट्टी जाने की तैय्यारि कर रही थी, सोचा पहले तुमको फोन कर लू"

ज्योति ने कहा. " मैने पूछा आज तुम्हारे घर कोई हलचल नही सुनाई पड़ रही"

" कोई नही है क्या".. " नही डार्लिंग कोई नही है.... सब बंदकपूर गये है

दर्शन करने" ज्योति बोली. " तुम क्यों नही गई" मैने पूछा " फिर चुदवाता

कौन तुम्हारे इस मदमस्त लंड से" मैने बहाना कर दिया कि मेरा पीरियड चालू

हो गया है" "तो फिर दरवाजा भी नही खोला है आज तो तुमने" तुम्हारा न्यूज़

पेपर भी बाहर ही पड़ा हुआ है" 'लगता है जीजू तुम मेरे दरवाजे खुलने के

इंतेज़ार मे मेरे घर के सामने ही खड़े हो" " हा यार यह तुम अपनी बगल वाली

खिड़की खोलोगि तो मैं तुमको देख सकूँगा" जैसे ही मैने कहा वो समझ गई मैं

कहा हू. बोली "गाड़ी लिए हू क्या.." मैने कहा " हा लाया था पर यहा डेरी

मे अंदर पार्क कर दी है" अब तुम जल्दी से दरवाजा खोलो. मैं बात करते करते

उसे दरवाजे के पास चला गया.उसने झट से डोर खोल दिया. मैं झट से अंदर

घुसकर दरवाजा बोल्ट कर दिया. फिर अपनी इकलौती साली पर नज़र डाली तो मैं

बेहोश होते होते बचा. आज तो वो पूरी "रति" लग रही थी पिंक ट्रॅन्स्परेंट

गाउन के अंदर बिल्कुल नंगी उसकी चूत पर हल्की सी झाँते सॉफ दीख रही थी और

उसके 36 डी साइज़ के बिल्कुल गोल मम्मे तने हुए. मुझ से कंट्रोल नही हुआ

और मैं झट से उसकी और लपक पड़ा और उसको अपने सीने मे भीच लिया. उसके गाउन

मे माम्मे छाती मे दब कर रह गये. मैं उसको यूँ ही चिपकाए हुए उसकी गर्दन

को और कान के पीछे लिक्क कर रहा था और अपनी टाँग से उसकी चूत रगड़ रहा था

अपने एक हार से उसके मम्मे मरोड़ने की कोशिश कर रहा था और दूसरे हाट से

उसकी पीठ से लेकर गांद तक सहला रहा था. ज्योति के मूह से आहह माअर

डालाअ... धीरे दर्द हो रहा हॅयियी सीईईईई ऊमम्म्मममममम जीईजुउउउउउउउउ मैं

दिनभर तुम्हारी हूऊऊ प्लज़्ज़्ज़्ज़ अभी रूको.... ऐसा वो कह रही थी मैने

उसके चेहरे को अपनी हथेलियों मे लेकर एक तक उसकी आँखों मे देखने लगा और

एक दम उसके मुलायम गुलाबी होंठो को अपने होंठो मे कस कर चूसने लगा. डीप

किस मे वो भी मेरा साथ देने लगी थी.. "ज्योति आइ लव यू.... लव यू वेरी मच

डियर डार्लिंग' मैं तुमको उस दिन जब पहली बार देखा था तभी से चोदना चाहता

था" हीईीई आज्ज मुझे अपने आप पर यकीन नही हो रहा है " ज्योति बोली राजा

तुम ही नही मैं भी तुमसे चुदवाना चाहती थी" मेरी चूत की आग तो तुम्हारी

बीबी यानी कि मेरी सहेली ने और भड़का दी जब उसने अपनी चुदाई की सारी

कहानी बयान की" जिस दिन वो मुझे अपनी चुदाई की बाते बताती मेरी चूत ना

जाने कितनी बार तुम्हारे लंड की फोटो इमॅजिन करके ही झार जाती थी. " अब

चिंता ना करो डार्लिंग तुमको मेरा लंड साक्षात चोदेगा' इसे तुम अपनी चूत

मे अपने सरीर के अंदर महसूस कर सकोगी" मैने उसका हाथ अपने लंड पर जमाते

हुए कहा " हाई राजा कितना मोटा और सख़्त गरम है" इससे तो चुदने मे बहुत

मज़ा आएगा शाइयियी ओमम्म्ममम मेरी तो चूत झरने लगिइिईईईईईईई.... मैं उसकी

चूत को उसके गाउन के ऊपेर से मसल्ने लगा था जिससे वो बुरी तराके से गीली

हो गई थी. "राजा तुम टीवी देखो तब तक मैं फ्रेश हो कर आती हू" ऐसा कहते

हुए उसने टीवी ऑन कर दिया. मैने उसको अपने हाथो मे लेकर गोदी मैं उठा

लिया और उसके एक मम्मे को मूह मे भर लिया और जोरो से चूसने लगा गाउन के

ऊपेर से ही...... "अरे रूको ना जानू मुझे टट्टी लग रही है जोरो की फिर

आती हू ना तुम्हारे पास' कहने लगी.. " मैने कहा एक शर्त है तुमको टट्टी

करने की " मैने कहा " कौन सी शर्त कैसी शर्त" ज्योति बोली " तुमको मेरे

सामने ही टट्टी करनी होगी" नही तो मैं तुमको नही छोड़ने वाला " मैने कहा.

और उसके मम्मे को और निपल को जोरो से चूसा बल्कि काटने सा लगा.. " शीयी

आईईईईई ममियीयियी मॅर गैइइ छोड़ो मुझे बहुत जोरो से आ रही है शी सीईईईई

अचाअ बाबा मैं तय्यार हू" कहने लगी मैने उसको नीचे उतारा और फटा फट अपने

कपड़े उतार कर नंगा हो गया . इडार ज्योति को टट्टी तो बहुत जोरो के लगी

थी पर मेरे लंड देख कर वो अपने को रोक नही पाई और एक बार तो उसने मेरे

सूपदे को चूस और चूम ही लिया. ज्योति भी नंगी हो गई थी उसने भी अपना गाउन

उतार दिया था. ज्योति का रंग थोड़ा सामला था पर उसका फेस कट बहुत ही

सुंदर और सेक्शी था उसकी गर्दन बहुत अछी सुराही दार थी उसकी नाक भी एक दम

सीधी नुकेली थी बहुत मोटे फूले हुए होंठ थे और चुचियो के बारे मे तो कहना

ही क्या. मस्त तने हुए गुलाबी गोल गोल मम्मे और उनपर काला गुलाबी रंग का

एरोला और अंगूर जैसा तना हुआ निपल. पतली कमर और अछी गहरी नवल. ज्योति के

खजाने की यानी कि मुनिया की तो कुछ मत पूछो. मेरी रागड़ाई से और मम्मे

चूसने से उसकी चूत झार गई थी और वो जूस के कारण चमक रही थी बहुत मस्त और

बिल्कुल कोरी चूत थी. चूत के ऊपर बहुत अछी तरीके से करीने से संभली हुई

झांते थी . मैं तुरंत घुटनो के बल बैठ गया और उसकी चूत के अलग बगल जीव

फिराकर ज्योति की चूत के लिए सलामी पेश करी और उसकी चूत के होंठ खोलकर

चूत मे चुम्मा लिया और उसका क्लिट जो कि कड़ा होने लगा था अपने होंठो मे

भरकर चूस लिया. उसकी चूत से उसकी पेशाब और उसकी जूसज़ की मिलीजुली टेस्ट

मिल रही थी. ' शीयी रजाअ मत तर्पऊऊओ सीईईई उईईईई उम्म्म्मममम आआआआआअ अहह

अभीइ तो पूरा दिन पड़ा हाई"........हीईीईईई जल्दी करूऊ नाअ

प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़ मुझे बहुत जोरो की आ रही हॅयियी निकलने वाली हाई......

मैने उसको गोदी मे उठाया और उसके बाथरूम मे घुस गया वाहा उसको कमोड शीट

पर बैठा दिया वो जैसे ही बैठी तो उसकी चूत की फांके खुल गई और उसमे से

अविरल निस्चल मूत की धारा बह निकली ठीक उसी समय मैने अपनी बीच वाली उंगली

उसकी योनि मे घुसा दी तो वो चिहुक पड़ी शीयी सीयी चूत बहुत गरम थी और

लिसलीसी साथ ही उसकी चूत से मूत का फव्वारा निकल रहा था. उंगली घुसते ही

फव्वारा रुक गया फिर कुछ सेकेंड्स बाद फिर से चालू हो गया . इसके बाद

असली नज़ारा हुआ कि उसकी गांद का छेद खुला और मेरी कलाई जैसा मोटा फार्ट

उसकी गांद मैं निकल कर फदड, फाड़ की आवाज़ के साथ गिरने लगे. मैं बीच

वाली उंगली उसकी चूत के छेद मे घुसाया हुआ था बड़ी टाइट थी वो और थंब से

उसके क्लाइटॉरिस को मसाज करने लगा था. जब कुछ फेर्ट्स निकल लिए ज्योति ने

तो वो कुछ रेलेक्ष हो गई थी. उसकी चूत बहुत ही खूबसूरत दिख रही थी मैं

उसके एक निपल को अपने मूह मे लेकर चूसने लगा था. ज्योति कुछ गरमाने लगी

थी इसका अंदाज़ा इससे हो रहा था कि वो मेरा सिर अपने बूब्स पर दबा ना

शुरू कर दिया था और मेरा हाथ तो उसकी चूत को सहला रहा था उसपर भी हाथ

दबाने लगी थी. क्रमशः..........
 
मेरी बीबी की सहेली पार्ट--5

गतान्क से आगे......... ' देव मेरे राजा अपनी बीबी के साथ भी बाथरूम मे

घुसते हो क्या??" तुम तो बहुत उस्ताद हो औरत को बिल्कुल चुदासी रंडी की

तरह बना देते हो???" मुझे इतने सालों तक क्यूँ तडपाया मेरी चूत ना जाने

कितने लंड का स्वाद ले चुकी है लेकिन मेरी चूत की प्यास नही भुजी अभी तक.

मैने उसकी चूत से हाथ हटाकर उसके दूसरे निपल और दूध को सहलाने लगा और

उसकी गर्दन मे लिक्क करने लगा अब मैं उसके दोनो मम्मो को बहुत तार्जीह दे

रहा था और उनको सर्क्युलर मोशन मे कभी हल्का कभी बिल्कुल वैसे जैसे नीबू

निचोड़ते है ऐसा निचोड़ रहा था. साथ मे गर्दन से उसके कान तक और गर्दन से

उसके बूब्स तक लिक्क भी कर रहा था वो क्मोड पर बैठी अपनी साँसे भारी करती

हुई. मोन कर रही थी शाइयियी सीईईईईईई ऊओमुंम्म्म बहुत अछा लग रहा है देव

मेरे डार्लिंग जिजुउउउ..... प्लज़्ज़्ज़ आज मुझे जी भरकर चोदना.... मेरी

चूत की आग ठंडी कर देना ..... जीजू तुम्हारा लंड कहा हाईईईई मुझे उसके

सहलाने दो...... ऐसा बक रही थी ज्योति. मैने ज्योती से पूछा "तुमने कर ली

हो तो उठो...." और चलो बाथ टब मे...... वो लड़खड़ाती सी खड़ी हुई और अपनी

गांद धोइ पहले पानी से फिर लिक्विड सोप से..... ... मैने बाथ टब का हॉट

वॉटर टॅप ऑन कर दिया था. ज्योति बोली यहा नही चलो पूल मे. उसने घर मे

छोटा सा अंडर रूफ पूल बनवा रखा था. पूल मे लेगया उसको और पहले पूल के

बाहर शवर से उसको नहलाया और मैने नाहया मेरा लंड फन्फना रहा था. और अपनी

पूरी जवानी के जोश से आज तो मुझे नॉर्मल साइज़ से कुछ इंच ज़्यादा ही

लंबा दिख रहा था. मैं पूल मे घुस गया और उसको पूल के किनारे बनी टॉप

पट्टी पर बैठा दिया. इससे मैं ऐसी पोज़िशन मे आ गया जहा से मैं उसकी पूरी

बॉडी एक्सप्लोर कर सकता था. मैने उसकी दोनो टांगे फैला दी और बोला'''

मेरी कबड चढ़ो ज्योति रानी तुम सामली ज़रूर हो पर बहुत सुंदर और चुदासी

हो... तुम्हारी चूत से तो किसी भट्टी की चिमनी की तरह से गर्म भाप निकल

रही है. मैं उसके मम्मे मसल रहा था और चूत और गांद के छेद के भीच मे दो

उंगलियों से मसाज भी कर रहा था" ज्योई मोन करते हुए कहने लगी " शाइयियी

मेरे जनम्म्म बहुत मज़ा आ रहा है, इस तरीका से तो किसी ने भी मुझे प्यार

नही किया.... तुम्हारी बीबी इसीलिए तुम्हारी दीवानी है और वो तुमको एक पल

के लिए भी दूर नही करना पसंद करती है" साली बहुत स्वार्थी है शादी के

पहले मेरे से अपनी चूत चटवाती थी और मज़ा लेती थी. उसने मेरे से प्रॉमिस

किया था कि वो अपनी शादी के बाद अपने पति यानी कि तुमसे मुझे भी

चुदवायेगी. शी रज्जा बहुत और करो बहुत मज़ा रहा हाईईईईईई" (ज्योति) बके

जा रही थी. दोस्तो अब आगे की कहानी ज्योती की मुँह ज़ुबानी

सुनो............. मेरे तन बदन मे आग सुलग ने लगी थी मैं देव के मस्त लंड

को पूरा का पूरा अपनी चूत मे महसूस करना चाहती थी इसके लिए मैं बरसो तदपि

थी. मेरी सुहाग रात भी बिल्कुल ठंडी ही रही थी क्योंकि मेरे पति दीपक

मेरी चूत की गर्मी सहन नही कर पाए थे और मेरी चूत मे घुसते ही झार गये

थे. उनका यह हॉल हर रात को होता था मैं चुदाई की आग मे तरस रही थी. यह तो

अछा हुआ कि मेरी भी शादी हुए अभी 2 महीने ही निकले थे. "देव मेरी

डार्लिंग मुझे जल्दी से अपने प्यारे लंड से चोदो और मुझ पर किसी प्रकार

का रहम मत करना" प्ल्ज़ मेरी प्यास भुजा दो. "आओ देव मेरे पास आओ ' देव

मेरे को पूरी ताक़त से थामे हुए था मैं हिल भी नही पा रही थी देव पूल मे

था और मैं पूल की उप्पेर वॉल पर टिकी थी इसी बीच देव ने मेरी दोनो टांगे

फैला दी और अपनी जीव का कमाल दिखाना शुरू कर दिया देव मेरी इन्नर थाइस से

चूत के बगल तक और गांद के छेद और चूत के छेद के बीच मे अपनी जीव घुमा रहा

था. देव की जीव का हर एक स्पर्श उसकी जीव की गर्मी मेरी चूत मे समाती जा

रही थी मैं जल रही थी मैने अपने हाथ से ही अपनी चूत मरोड़ना शुरू कर

दिया. और देव से कहा' हाई मेरे राजा मत तद्पाओ मेरी चूत पर तरस खाओ

उम्म्म्म शाइयियी सीईईईईईईईई मैं बहुत तदपी हू प्लज़्ज़्ज़ देव्व्व्व बाद

मे चाट लेना पहले मुझे अपने लंड से चोद दो " देव ने मेरी चूत की फाँक खोल

कर मेरी चूत मे जीव से चोदना चालू कर दिया था.. "हा देव और अंदर तक और

तेज़ी से चोदो. मेरी सहेली तो खूब गांद उठा उठा कर तुमसे अपनी चूत और

गांद चटवाती और चुदवाती है" बहुत किस्मत वाली है वो जिसको तुम्हारे जैसा

प्यार करने वाला और चोदने वाला चोदु पति मिला. प्लज़्ज़्ज़ अपनी साली को

प्यासा मत छोड़ना.. शी देव जल्दी करो और मैने देव के बाल जोरो से पकड़ कर

ना जाने कहा से मुझमे इतनी शक्ति और ताक़त आ गई कि मैने देव का मूह अपनी

चूत पर रगड़ना चालू कर दिया इधर मैं अपनी चूत भी उसके मूह पर दबा रही थी"

देव का मूह मेरी चूत और जाँघो के भीच दब गया था जिससे उसकी साँस रुक रही

थी उसने मेरी दोनो टाँगे हटा कर अपना मूह हटाया और मेरे को पूल मे खीच

लिया. पूल मे नी तक पानी था देव ने मुझे कुतिया बना दिया और पहली ही बार

मे वो मुझे डॉग्गी स्टाइल से चोद ने वाला था. मैं तो खुश हो गई क्योंकि

किसी का लंड मुझे मिस्षनरी पोज़िशन मे मेरी चूत की गहराई तक नही पहुचा

था. मेरे हज़्बेंड का लंड तो देव के लंड का आधा लंबा और पेन्सिल की तरह

पतला था और मुलायम भी था. इधर देव का लंड बिल्कुल देव जैसा लंबा चौड़ा और

नसो से भरा हुआ. देव ने मेरी गर्दन पूल की नीचे वाली सीढ़ी पर टीका दी और

मेरी एक टाँग को शवर के टॅप पर टीका कर बाँध दिया मैने पूछा ऐसा क्यों

किया जानू. देव बोला " अरी चुददो देख अभी तेरी चूत तो क्या तेरी गर्दन तक

मेरा लंड महसूस होगा तुमको" इस पोज़िशन मे मेरी चूत बिल्कुल खुल गई थी और

देव की लंबाई ज़्यादा होने के कारण आंगल उसके लंड घुसने के लिए सफिशियेंट

हो गया था ऐसे मे गहरा पेनीश्रेशन होना था देव ने मेरी इन्नर थाइस पर फिर

से लिक्क करते हुए मेरी चूत के किनारे आ गया. देव मेरी लाबिया और

क्लाइटॉरिस से नीचे पेरिनुम तक जीव से चूत मे इंग्लीश के लेटर बनाते हुए

लिक्क कर रहा था मैं तो ना जाने कितने गहरे आनंद के समुंदर मे डूब रही

थी. मेरी चूत जोरो से जूसज़ का दरिया बहा रही थी मेरी मूह से आहह और्र

सीईईईई उम्म्म्म जल्दी चोदो मत तडपाऊ की आवाज़े लगातार निकल रही थी. मेरी

कराहतों और मोनिग से देव को और आनंद आ रहा था अभी मैं इसका मज़ा ले ही

रही थी मुझे ऐसा लगा जैसे किसी ने बिल्कुल जलता हुआ अंगारा मेरी चूत के

मुहाने पर रख दिया हो. यह देव का फंफनता हुआ सूपड़ा था. जिसको मैं अपनी

चूत पर महसूस कर रही थी "देव मेरे ख़सम मेरे चोदु जीजू प्लज़्ज़्ज़ मैं

जल कर भस्म हो जाऊंगी इस चूत की आग मे मैं तुम्हारे पाव पड़ती हू मेरी

चूत फार्डो चोद ओ प्लज़्ज़्ज़........" देव मुस्कुराता हुआ मेरे दोनो

पॉंदों(गांद) को सहला रहा था और मेरी गांद के छेद से लेकर चूत की ऊपरी

हिस्से यानी क्लाइटॉरिस तक लंड रगड़ रहा था. तबी देव मेरे सामने आए और

उसने मेरे बॉल पकड़ कर मेरा चेहरा ऊपेर उठाया . देव ने बड़ी ही बहरहमी से

मेरे बाल खीचे हुए थे जिससे मेरा मूह दर्द के मारे खुल गया था देव ने एक

झटके मे अपना हल्लभी लॉडा मेरे मूह मे घुसेड दिया. मुझे लगा कि मेरे होंठ

साइड से फट जाएँगे और वो जोरो से लंड पेलता हुआ मेरे गले तक जा पहुचा

मेरी साँस रुकती हुई सी लगी तो एक झटके ही मे निकाल लिया. मैं हड़बड़ा गई

थी देव मेरी इस हालत पर मुसुकुरा रहा था उसने बड़े प्यार से मेरे माथे को

चूमा और फिर होंठो को चूमा और बोला ' मेरी चुदैल रानी छीनअल्ल कैसा लगा

स्वाद. मज़ा आया कि नही. वो क्या है कि जब तक औरत तडपे नही मुझे मज़ा नही

आता. इसके बाद मैं बहुत प्यार से तुमको चोदुन्गा. चॅटो मेरा लंड एक बार"

" हाई राजा मुझे मालूम था तुम ऐसा ज़रूर करोगे मैं इंतेज़ार कर रही थी इस

वक़्त का, मेरे चोदु ख़सम आओ मैं एक बार तो क्या जिंदगी भर तुम्हारा लॉडा

चूसना चाहूँगी. और मैं आइस क्रीम की तरह देव का लंड च्छुक चूक करके चूसने

लगी जिससे वो और कड़ा हो गया देव ने सेल्फ़ पर रखी क्रीम की डिब्बी उठाई

और मेरे पीछे पहुच कर फिर से मुझे उसी पोज़िशन मे कर दिया और बहुत सारी

क्रीम मेरी चूत के छेद मे भर दी और अपने लंड पर लगा ली.... "यह क्या देव

प्ल्ज़्ज़ यह नही मैं मर जाऊंगी तुम्हारा लंड घोड़े जैसा मोटा और लंबा

है" प्ल्ज़्ज़ यह नही.. देव ने मेरी गांद के छेद मे अपनी दो उंगलियों से

बहुत सारी क्रीम घुसेड दी थी और वो उसे छेद के अंदर ऐसे फैला रहा था

(चिकना कर रहा था) जैसे किसी चीज़ पर मक्खन या लोहे पर ग्रीस लगा रहा हो'

देव ने फिर से अपना लंड मेरी चूत के मुहाने पर रखा और धीरे धीरे मेरी चूत

की लंबाई की डाइरेक्षन मे लंड घिसने लगा. उसका लंड बहुत कड़क और फूला हुआ

था साथ ही गरम भी बहुत था इसलिए चूत मे लगी क्रीम के साथ बहुत अछा लग रहा

था 'मैं चुदाई की चाहत मे आई-बाई बकने लगी थी..... " तभी अचानक मेरी आँखो

मे अंधेरा छा गया और मुझे मेरी चूत मे ऐसा लगा जैसे किसी ने उबलता हुआ

लावा और कोई बहुत मोटा डंडा घुसेड दिया हो..... " अयीईयी मर गैईईइ,,, रुक

जाअ साले हरामी चूदुउउउउउउउ फट गैईईई थोड़ा तो रहम कर देता मेरे ऊपरर रा

हॅयियी भगवांन्न्न् मेरी चूत फट गेयीयीयीयियी रुक जाऊ प्लज़्ज़्ज़्ज़ अब

नहियिइ निकल लो" देव रुका हुआ था और मेरे दोनो मम्मो को मसल रहा था. मेरी

पीठ पर और गर्दन पर वेट किस्सस दे रहा था मुझे इस्मै बहुत आराम मिल रहा

था. जब कुछ साँस थमी तो मैने नीचे नज़र दौड़ाई तो मेरे मूह से "हाई

भगवान.... यह-- ई--तनाअ क्खून कहा से टपक रहा है" मेरी कई बार चुदाई हो

चुकी थी पर इस दर्द के लिए मैं से हमेशा ही तड़प रही थी." " रानी चिंता

मत करो अभी तुम को यह लंड भी छोटा महसूस होगा और मज़ा भी बहुत आएगा... यह

तुम्हारी चूत मे जाम लगा हुआ था बहुत सालों से जो मेरे लंड ने खोल दिया

आज" और वो मेरे निपल्स मरोड़ ने लगा मुझे बहुत अछा लग रहा था और बहुत

धीरे धीरे अपना लंड बाहर खीच रहा था. देव ने सिर्फ़ सूपड़ा ही मेरी चूत

मैरख छोड़ा था और बाकी पूरा लंड बाहर निकाल लिया था. देव पक्का चुड़क्कड़

था उसने लंड को वोही रोक कर मेरी गांद के और चूत के दोनो तरफ दो उंगलियो

से मालिश कर रहा था जिससे मुझे बहुत आराम मिल रहा था अब मैं भी मस्ती मे

आने लगी थी क्रमशः.........
 
मेरी बीबी की सहेली पार्ट--6

गतान्क से आगे......... " अरे चोदो मेरे राजा इस दर्द के लिए बहुत तड़प

रही हू, कई राते जागी हू.... मेरी चूत को इस तरीके से चोदो की इस चुदाई

का अहसास ज़िदगी भर रहे" देव के हाथ का मेरे शरीर पर फिसलना बहुत अछा लग

रहा था मेरे शरीर मे बहुत आग लगा रहा था... देव ने मेरे से कहा " अरी

मेरी कबाड़ी कल्लो रानी.... मैं भी तेरी इस काली कलूटी चूत का दीवाना हुआ

करता था.. मैं भी कई बार तुम्हारी चूत के नाम पर मूठ मार चुका हू" अब देव

धीरे धीरे लंड आगे पीछे करते हुए पेलने लगा था वो पूरा लंड सीधा खीचता और

जैसे स्क्रू कस रहा हो ऐसे लंड घुमा घूमाकर अंदर पेलता मेरी चूत की

दीवारे देव के लंड को कसे हुए थी अब मुझे मज़ा आने लगा था. मैने देव को

चिडाने के लिए बोला ' देव मेरे जानू तुम्हारा लंड भी कोई ख़ास नही लगा

मुझे अब तो आसानी से जा रहा है लेकिन मुझे मज़ा बहुत आ रहा है... देखो अब

जल्दी अपना लंड खाली मत कर देना...." नही तो मैं तुमको गॅंडू जीजू

बुलाऊंगीइइ.." मैने देव की मर्दानगी को तगड़ी ललकार लगा दी थी लेकिन देव

हल्का हल्का मुस्कुरा रहा था उसने अपनी स्पीड ज्यों की त्यों रखी और धीरे

से मेरे से बोला " मेरी रानी मुझे प्यार से चोदना पसंद है तुमको

ताबड़तोड़ चुदाई चाहिए क्या..... अभी मैने सिर्फ़ अपना आधा ही लंड पेला

है पूरा अभी तुम्हारी चूत मैं नही घुसा है तो तुम्हारी यह हालत है " मैं

सोच मे पड़ गई और मैने तुरंत कहा " देव मेरे प्यारे चोदु ख़सम तुम मुझे

प्यार से ही चोदो... मैं तो यूँ ही तुमको चिडाने के लिए कह रही थी" तभी

देव ने अपनी दो उंगलिया मेरे गांद के छेद मे डाल दी और गांद और चूत को एक

साथ चोदने लगा मैं दोहरे मज़े के नशे मे आ गई साथ ही मुझे जोश भी बदता जा

रहा था क्योंकि देव भी धीरे धीरे अपनी स्पीड बढ़ाने लगा था और मुझे दर्द

भी हो रहा था चूत मे क्योंकि देव हर धक्के के साथ लंड कुछ इंच और अंदर

खिसक रहा था '' मैने मस्ती मे आकर अपने हाथ से अपनी गांद को फैलाया और

देव को बोला "देव आज तुम मेरी गांद भी मारना लेकिन प्यार से" "हा मेरी

रानी मैं उसी की तय्यारी कर रहा हू" देव बोला और तभी देव ने कहा ज्योति

हाथ सामने टेक एक फाइनल धक्का और जब तक मैं हाथ टेक कर तय्यार हो पाती

तभी मेरे मूह से बहुत जोरो से चीख निकल गई.. वो तो मेरा घर साउंड प्रूफ

है नही तो मोहल्ले वाले इकट्ठे हो जाते और सारा का सारा गुरु गोबिंद सिंग

वॉर्ड मेरे दरवाजे पर होता. मेरी चूत मे जलन हो रही थी इधर देव का लॉडा

मेरी बच्चे दानी को ठेले हुए था मुझे देव का लंड अपने पेट तक महसूस हो

रहा था. इधर मेरी चूत से फिर से खून की धार गिरने लगी थी जिससे पूल का

पानी लाल होना शुरू हो गया था मेरे पैर काप रहे थे मैं चाहकर भी अपने पैर

नही हिला सकती थी क्योंकि देव ने मेरे पैर बाँध दिए थे मैं कुछ देर आँख

बंद किए रही देव अपना लंड मेरी चूत की जड़ तक घुसाए हुए था और वोही गोल

गोल घुमा रहा था और मेरे दूध मरोड़ रहा था मेरे दिमाग़ ने काम करना बंद

कर दिया था कि मैं किस दर्द पर कराह रही हू दूध के या चूत के " मैने रोते

हुए देव से कहा जानू पेलो चोदो मेरे कू मेरी तुमने मुराद पूरी कर

दी....." "आज तुमने मुझे औरत बना दिया....... आज के बाद मैं रोज साड़ी ही

पहनुँगी ..... आज मेरी चूत को सही मर्द मिला हाई'''''' और देव ने पूरा

लंड बाहर खीचा और एक बार मे ही पूरा का पूरा फिर पेल दिया देव ऐसे ही

गहरे धक्के मार रहा था देव ने अपनी तूफ़ानी स्पीड पकड़ ली थी देव अपने

दोनो हाथो से मेरी गांद और चूत को फैलाए हुए था वो पोज़िशन ही ऐसे ली थी

उसने की उसका ज़्यादा से ज़्यादा लंड अंदर घुसेगा और डीप पेनीश्रेशन होगा

साथ ही वो मेरी चूत हाथो से फैला कर चोदे जा रहा था. अब मैं भी देव का

साथ देने लगी थी ; हा देव चोदो शाबाश मुझे भी अब मज़ा आ रहा है. यह बहुत

अछा दर्द है हा और जोरो से और जोरो से मैं देव के हर धक्के का जवाब अपनी

गांद पीछे धकेल कर दे रही थी मैं 2-3 बार पानी छोड़ चुकी थी. लेकिन मेरा

मन अभी भरा नही था देव ने मेरे पैर खोल दिए और मुझे पूल की पट्टी पर चित

लिटा दिया. उसने मेरी दोनो टाँगो को कुछ देर मसाज दिया जिससे मैं फिर से

चार्ज महसूस करने लगी और देव ने मेरी दोनो टांगे मेरे दूध तक मोडी जिससे

मेरी चूत बिल्कुल खुल गई इधर देव भी ताव मे था देव पूल मे ही रहा उसने

उसी पोज़िशन मैं एक सिंगल स्ट्रोक मैं ही पूरा का पूरा लंड पेल दिया था

और अब तोमुझे बहुत तूफ़ानी रफ़्तार से चोद रहा था. " हाई हम हूंम्म हुछ

फुक्कक फॅक फक्का पक की आवाज़े हो रही थी और मेरे मूह से भी एयेए हाअ और

जोरो से ऐसे ही चोद्ते रहो" देव तुमसे तो जो एक बार चुदवा ले फिर किसी

दूसरे के पास वो नही जा सकती" हा मेरे राजा और जोरो से आज साली चूत

कोफाड़ दो इसको.... हा राजा बहुत खुजलाती है बहुत परेशान करती है चोदो

मेरे राजा और जोरो से मैं आ रही हा और ज़ोर और अंदर डालो शाबाश हाआ.. अरे

और हिम्मत लगा और मैने पहली बार बहुत सारा पानी छोड़ा जो की देव ने मेरी

गर्दन उठाकर मेरे को निकलता हुआ दिखाया और देव फिर से अपनी स्पीड जारी

रखे था देवे मेरे मम्मे मरोड़ मरोड़ कर लाल नीले कर दिए थे देव इस्सामय

मेरे दोनो निपल्स को भी भीच रहा था मैं झरने के बाद निढाल सी होने लगी थी

तभी देव ने मुझे करवट दिला दी और फिर तिरछे मे लंड पेलने लगा मैं फिर से

मस्ती मे आ गई अब तक मेरे को चुदवाते हुए लगभग 30 मिनिट हो चुके थे लेकिन

देव झरने का नाम ही ले रहा था मैं अनगीनती बार झार चुकी थी. मेरे शरीर का

एक एक जोड़ ऐसे दुख रहा था जैसे उनमे हज़ारो सुई चूबो दी गई हो.. मैने

देव से कहा राजा प्ल्ज़ अब तुम झर जाओ "मैं तुम्हारी धार को अपनी चूत मे

महसूस करना चाहती हू" देव ने कहा अभी तो मैने चोदना शुरू किया है अभी से

बोली प्लज़्ज़्ज़ मुझे मेरी प्यास बुझाने दो ना...." मत तरपाऊ.. देव ने

कहा तो ठीक है और तभी मेरी आँखो मे फिर से अंधेरा सा छाता हुआ दिखाई दिया

और दिमाग़ जैसे सुन्न हो गया हू इस बार देव ने मुझे बिना तय्यार किए हुए

अपना सूपड़ा मेरी गांद के छेद पर रख कर थोड़ा अंदर सरका दिया था. मैं

चिल्ला पड़ी और देव से गिड़गिदने लगी प्ल्ज़ वाहा अभी नही वो भी आज ही

दूँगी पर अभी नही अभी तो मेरी चूत ही मारो" देव बहुत ही अछा आदमी है वो

जानता है औरत को कैसे खुश रखे उसने मेरी बात मान ली और मेरे को चूमते हुए

मुझे चित लिटाकर मिस्षनरी पोज़िशन मे मेरे ऊपर चढ़ गया और मेरी चुचिया

उसकी मर्दानी छाती से रगड़ खा रही थी और देव मेरे होंठो को चूस्ते हुए

तबाद तोड़ धक्के मारे जा रहा था. इस पोज़ीशन मे देव का लंड मेरे

क्लाइटॉरिस को भी रगड़ रहा था जिससे मेरी चूत फिर से झरने को तय्यार हो

गई थी.. तभी देव ने कहा "क्यो चुड्डो रानी मेरा लावा मूह मे लोगि या अपनी

इस कल्ली कलूटी बुर मे" मैने झट से कहा " जानम मेरी यह कालू बहुत प्यासी

है इस मदारचोड़ी ने ना जाने कितने चक्को को चित किए हुए है आज इसकी जोरो

से रागड़ाई हो गई है आज इसी का पेट भर दो" हा राजा तुम बहुत आछे से

चोद्ते हो देव मेरे मम्मो को मसल रहा था और एक निपल अपने होंठो मे लेकर

भी चूस लेता था साथ ही कह रहा था " हाई रानी तुम्हारी चूत तो तुम्हरी

सहेली से भी ज़्यादा अछी है मुझे बहुत अछी लगी इसका स्वाद भी अछा है ....

और मुझे सबसे ज़्यादा जो पसंद आए वो यह कि जैसे झाँते मुझे पसंद है

बिल्कुल वैसे ही बना रखी थी" तभी देव ने अपने लंड बहुत गहरे गहरे स्ट्रोक

लगाने लगा मैं भी फिर से झाड़ने के करीब थी तो मैं देव को अपनी टाँगो मे

कसी हुई थी और देव का पूरा साथ दे रही थी एका एक देव मुझे गालियाँ देने

लगा उसको गाली देकर चोदने मे बहुत मज़ा आता है' री मदर्चोद ले और ले

भोसड़ा वाली तेरी बुर ने बहुत परेशान किया है मेरे लंड को ले अब खा जा

मदारचोड़. छिनाल्ल्ल ,,, ' हा मेरे राजा ' मैं छीनाल रंडी मदारचोड़ी....

" मैं जवाब दे रही थी क्योंकि देव झरने के बिल्कुल करीब था और वो इस जोश

मे मेरे शरीर को भी मरोड़े और निचोड़े ले रहा था तभी एक और जबरदस्त धक्का

लगा और देव ने अपना पूरा लंड मेरी बच्चे दानी की जड़ तक पेल कर वोही रुक

कर ना जाने कितनी पिचकारियाँ अपने गरम लावे की मारी होगी उसकी इन

पिचकार्रियों के साथ मैं भी झार गई....... "आईईईईईई देववव मेरे रजाअ मैं

गैईईईईईईईईईईईईईईईईईई उम्म्म्ममममममममममममममम लौउउउउउउउउउउउउउउउ" मेरी

बीबी की सहेली पार्ट--7 गतान्क से आगे......... देव मेरे ऊपेर पड़ा ऐसे

हाफ़ रहा था जैसे 100 200 किलोमेटेर की दौड़ लगा कर आया हो हम दोनो पसीने

मे भीगे हुए थे उसका लंड झरने के बाद भी मुलायम नही हुआ था वो अभी भी

मेरी चूत मे लंड पेले हुए पड़ा था और मेरे को चूम रहा था और उसने करवट

बदल कर मेरे को अपने ऊपेर कर लिया था मैं उठने वाली थी तभी उसने टोक

दिया' जानम ऐसी ग़लती मत करो... प्लज़्ज़्ज़ अभी एक और मज़ा बकाया है''''

देव के ऐसा कहने से मैं डर गई कि इतनी ताबड़तोड़ चुदाई के बाद अब क्या

बकाया है " देव मुझे किस किए जा रहा था मुझे बहुत अछा लग रहा था इससे

मेरी चुदाई की थकान दूर होने लगी थी और मैं बहुत हल्का महसूस करने लगी

थी" देव ने कहा " मेरी जान मैं अभी तुम्हारी बुर मे मूतुंगा" मैं चौंक

पड़ी " क्या जीजू' क्या कह रहे हू सच मे !!!! क्या ऐसा हो सकता है!!!! "

देव बोला " क्या तुमको पसंद नही " "नही ऐसे बात नही ... दर असल ऐसा है कि

आज तक मुझे जीतनो ने भी चोदा या जीतनो ने भी मुझे बताया वो तो सभी कह रहे

थे कि बस लंड चूत मे झारा बल्कि चूत के दरवाजे पर ही झार जाता है" और बस

हो गया... तुम्हारी बीबी ने सही बताया था कि देव बहुत जबरदस्त चोद्ता है

और चुदाई के बाद असली मज़ा देता है. "मैं तय्यार हू इसके लिए.... मुझे

बताए मुझे क्या करना होगा " मैने पूछा देव कहने लगा कुछ ज़यादा नही अपनी

चूत को थोडा ढीला करो और उसने लंड अड्जस्ट करके बहुत गरमा गॅरम जेट जैसी

धार मेरी चूत मे भरने लगा मुझे बहुत गुदगुदी हो रही थी और मेरा पेट भी

उसकी पेशाब से फूलने लगा था उसका पेशाब मेरी चूत से बाहर भी रिसने लगा था

देव ने बहुत सारी पेशाब करी थी और पक से देव ने अपना लंड बाहर खीच लिया

और मेरी टांगे फैला दी. मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मेरी चूत मे किसी ने

फाउंटन फिट कर दिया हो इतनी जोरो से देव का पेशाब मेरी चूत से भरभर निकल

रहा था. यह तो बहुत ही अछा अनुभब था इसके बाद देव ने अपना लंड मेरे मूह

मे डाल दिया जिसको मैने चाट चाट कर सॉफ किया और देव नहाने लगा. मैने अपनी

चूत का आलम देखा तो वो सूजी फूली हुई थी और उसका मूह इंग्लीश के "ओ" के

आकार मे खुला हुआ था मेरे बूब्स पर लाल और नीले देव के दिए निशान थे. हम

दोनो ने नाहया और हम नंगे ही किचन मे गये जहा मेरी ममी सुबह बंदकपूर जाने

से पहले मेरे लिए पूरी, हलवा और रबरी छोड़ गयी थी. देव ने लगभग 500ग्राम

रबरी, 1/2 लीटर मिल्क और खूब पूरी खाई और दोनो बाते करने लगे. तो दोस्तो

कैसे लगी मेरी कहानी यह ओरिजिनल इन्सिडेंट है और भी मस्त कहानिया है आप

लोगो के लिए समय समय पर लाता रहूँगा तब तक के लिए विदा आपका दोस्त राज

शर्मा 

समाप्त........
 
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