desiaks
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अध्याय 49
अभी दो ही दिन हुए थे की SP साहब का फोन आ गया ,और उन्होंने जो कहा उससे मेरे होठो में एक मुस्कान आ गई ,मैंने तुरंत ही डॉ चूतिया को फोन लगा दिया ..और सारी बात बता दी ..
अभी एक ही घण्टे हुए थे की मैं ,डॉ साहब और काजल SP ऑफिस में मौजूद थे…
“वेलडन मिश्रा (SP) तुमने बहुत अच्छा काम किया “
डॉ ने उसे देखकर कहा
“अरे डॉ साहब वो तो चंदानी सर का आईडिया था ,हमने तो बस उन्हें फॉलो किया “
“हम्म “
“तो डिटेल से समझे “काजल बोल उठी ..
“बिल्कुल बिल्कुल “SP मिश्रा ने बोलना शुरू किया ..
“जैसा की चंदानी साहब(राज चंदानी) ने कहा था ,पहले हम अतुल वर्मा के घर जाकर उसके पर्सनल सेम्पल लिया ,उसके बालो के कुछ नमूने हमे उसके घर की ड्रेसिंग में मिल गए थे ,घर वालो को अब भी लग रहा है की उनका बेटा वापस आ जाएगा इसलिए कोई भी समान जलाया या फेक नही गया है इसका हमे फायदा मिला ,उस सेम्पल के डीएनए को लाश के डीएनए से मिलाया गया और ….दोनो मिल रहे थे “
sp की बात सुनकर हम सबके चहरे में चमक आ गई ,वो बोलता गया ..
“ऐसे ही हम विवेक अग्निहोत्री के घर फिर से गए और उनकी पर्सनल चीजे इकठ्ठे की ,पिछली बार जो सैम्पल्स हमे मिले थे हमने उनके अलावा कुछ इकठ्ठा करने की सोची,पिछले बार हमने उनके बेडरूम से बाल के सेम्पल लिए थे ,जो की सबसे आसानी से मिल जाते है ,उससे ही हमने काम चला लिया था लेकिन इस बार नए सिरे से जांच की और कुछ बेडरूम के बिस्तर से बाल इकठ्ठे करवाये,साथ ही कुछ बाथरूम से ,साथ ही कुछ उनके ऑफिस से हमे नाखून और बल मिले …
सबकी जांच करवाई गई और कामाल हो गया ,कुछ तो लाश से मिलते थे कुछ ,विवेक की बीबी से और कुछ किसे भी भी नही ……”
“मलतब की अतुल का सेम्पल प्लाट क्या गया था विवेक के घर “डॉ बोल उठे ,लेकिन फिर मैंने उनके सवाल का जवाब दिया
“सिर्फ इतना ही नही ,इससे ये भी साबित होता है की अतुल उनके घर और ऑफिस में आया जाय करता था “
“गवाहों ने तो ये पहले ही कह दिया था की अतुल के संबंध विवेक की बीवी से थे ,ऐसा शक तो सभी को था ही ,तो इसमे आश्चर्य की बात नही है “मिश्रा बोल उठा ,और हम सबने अपना सर हिलाया ..
“तो जो लास्ट काम मैंने कहा था “मैंने मिश्रा को देखते हुए कहा
“बस सर वही आ रहा हु ,तो लास्ट में हमने विवेक के बीबी के पास से मिले समान में ढूंढना शुरू किया और उसके रिस्टवाच में हमे खून के कुछ धब्बे मिल ही गए ,कपड़ो में लगा खून उसकी बीबी का था क्योकि उसे जिस तरह से मारा गया था उसके कपड़े में उसका खून लगा हुआ मिला था हमे ,लेकिन रिस्टवाच वाला खून नया था ,मतलब कातिल और वो था ...विवेक अग्निहोत्री ..”
“ये हुई ना बात “डॉ खुशी से उछाल गया
“मतलब लाश अतुल की है और गायब है विवेक अग्निहोत्री साहब “मैंने मुस्कुराते हुए कहा
“बिल्कुल सर ..”मिश्रा ने भी हा में सर हिलाया ..
“तो उसके परिवार को खबर कर दीजिये ,बेचारों पर क्या गुजरेगी “
मैंने सहानुभूति दिखाई
“कर दिया है सर ..”मिश्रा जी बोले ..
थोड़ी देर शांति छाई रही तभी काजल ने मुह खोला
“विवेक बहुत ही चालक इंसान था ,अब ये तो पता चल गया है की वो था लेकिन अब सवाल ये है क्यो,और अभी वो कहा है ,जिसतरह से उसने पूरे काम को अंजाम दिया वो कुछ समझ के परे है “
डॉ और मेरी आंखे मिली हम कुछ चीजे आपस में शेयर तो करना चाहते थे लेकिन मिश्रा के सामने नही ..तो हमने वंहा से विदा लिया और डॉ के ऑफिस चले गए ..
हम तीनो डॉ के केबिन में बैठे हुए थे ..
“बोलो राज तुम्हे क्या कहना था “डॉ ने उस समय मेरे आंखों का इशारा समझ लिया था ..
“सर मैं एक बार विवेक से मिला था जब उसका कत्ल हुआ बस उसी समय,उससे मेरी कुछ बाते भी हुई थी ,उसने काजल के बारे में भी बताया था की वो ही है जिसने तुम्हे काल करने को कहा ,अब बात समझ आ रही है ,असल में वो ही था जिसने काजल को हायर किया था ,उसने ही चन्दू की माँ को मेरे घर भेजा था ,”
“मतलब की चन्दू का पिता भी वही होगा..”
डॉ ने कहा ..
“बिल्कुल ,और उसे ये बात पता था की वसीयत के अनुसार जयजात रतन चंदानी के बेटे के पास जाएगी ,जो की चन्दू नही था लेकिन रतन चंदानी को तो यही लग रहा था की चन्दू उसका ही बेटा है और सना उसकी बेटी है …”काजल ने कहा
हम सब कुछ सोच में पड़े थे सारी बाते ओस की तरह साफ हो गई थी ..और माने कहना शुरू किया
“विवेक को वसीयत का पता था ,लेकिन पिता जी को नही ना ही माँ को ना ही किसी और को ,और उसे मेरे पिता के बारे में भी पता था की वो कितने बड़े ऐय्याश है ,इसलिए उसने दो औरतो शबीना और कान्ता को हमारे घर पिता जी के पास भेज दिया ,लेकिन कान्ता और शायद शबीना भी पहले ही उसकी रंडिया थी ,शायद उस समय कान्ता प्रैग्नेंट थी और उसके पेट में विवेक का ही बीज था ,लेकिन विवेक और कान्ता ने पिता जी को धोखे में रखा और पूरा खेल खेलते रहे ,पिता जी को लगता रहा की चन्दू और सना उनकी ही पाप का नतीजा थी और इसलिए उन्होंने उन्हें अपने बच्चों की तरह पाला भी,जब मैं बड़ा होता गया तो उन्हें ये यकीन हो गया की मुझसे कुछ नही होने वाला ,मैं निहायती निकम्मा इंसान हु और उन्हें मुझसे कोई ही खतरा नही होने वाला था ,चन्दू ने नेहा दीदी को फंसा लिया और निशा के जरिये मुझे घर से निकलवाने का भी पूरा प्लान तैयार कर लिया ,तब तक चन्दू को भी लगता था की वो भी मेरे पिता की ही औलाद है ,तो उसने भी सभी कुछ खुसी खुसी किया होगा,पूरी कहानी उनके ही हिसाब से चल रही थी ,लेकिन कहानी में ट्विस्ट तब आ गया जब मैं जंगल में गुम गया,सभी और खुश हुए होंगे की रास्ते का कांटा निकल गया लेकिन जब मैं वापस आया …….
मैं वो राज नही रहा था जो वंहा से गया था ,ये उनके लिए खतरे की घंटी थी ,मेरे आने के तुरंत ही बाद काजल को मेडम बना कर प्लांट कर दिया गया,और शायद काजल के ही जरिये उन्हें ये भी समझ आने लगा की मैं कोई साधारण प्रतिभा का नही बल्कि असाधारण प्रतिभा का धनी हु,जिससे निपटना बहुत ही मुश्किल होने वाला है..
विवेक से एक गलती हो गई की उसने पिता जी को वसीयत के बारे में बता दिया था,पिता जी भी चन्दू को अपना वारिस घोसित करने की सोच रहे थे क्योकि मैं तो नालायक भी था और साथ ही गायब भी ,चन्दू ने माँ और नेहा को अपने तरफ तो कर ही लिया था ,लेकिन ये विवेक की गलती हो गई क्योकि मैं वापस आ चुका था वो भी तैयार हो कर ..
...अब चन्दू आसानी से जयजात हासिल नही कर सकता था क्योकि मैं डीएनए टेस्ट की मांग करता,और उसका झूठ सामने आ जाता इसलिए उन्होंने चन्दू को ही गायब कर दिया ताकि पहले मुझे रास्ते से हटाया जा सके,.लेकिन इससे मैं और भी एक्टिव हो गया था ,विवेक की मुश्किले बढ़ सकती थी इसलिए उसने खुद को भी गायब कर दिया ,और एक तीर से दो शिकार करते हुए उसने खुद के जगह अपने बीबी के आशिक अतुल को ठिकाना लगा दिया और फिर अतुल की ही आड़ लेकर अपनी बीबी को भी ,और वो चला गया पर्दे के पीछे ,वही से वो अपना गेम खेलता रहा लेकिन चन्दू भी छटपटाया होगा,आखिर उसे भी तो पैसे की लालच थी ,लेकिन तब उसे पता चला होगा की आखिर उसे वंहा से क्यो निकाला गया है ,क्योकि वो रतन चंदानी का बेटा नही है ,अब वो किसका बेटा है ये बात पता नही उसे पता थी की नही ,क्योकि मारने से पहले उसने ये नही बताया था की वो किसका बेटा है ,लेकिन इस बात से चन्दू जरूर टूट गया होगा,वो नए ऑप्शन की तलाश में हाथ पैर मारने लगा होगा लेकिन उसके हाथ पैर तो बांध दिए गए थे ,फिर उसे आशा की किरण दिखी अघोरी के रूप में और यही विवेक की सबसे बड़ी हार हो गई ,क्योकि अघोरी के चक्कर में फंसकर चन्दू ने विवेक के सबसे बड़े हथियार काजल को भी उससे अलग कर दिया,मुझे ये बता दिया की वो चंदानी का बेटा नही है ,और खुद भी मर गया और साथ ही कान्ता और शबीना को भी ले डूबा,इतना होने के बाद विवेक बौखलाया तो जरूर होगा लेकिन कर वो कुछ भी नही सकता था ,लेकिन जिस चीज को पाने के लिए उसने इतना मेहनत किया उसे वो आखिर ऐसे ही कैसे जाने दे सकता था इसलिए उसने एक अटैक करवाया ,ताकि उसके सभी दुश्मन एक साथ मारे जा सके ...लेकिन उसमे भी सभी बच गए ,सिर्फ मा की वजह से ..”
इतना बोलकर मैंने गहरी सांस ली सभी मेरे बात को ध्यान से सुन रहे थे ,की डॉ बोला
“माँ की वजह से मतलब …”डॉ मेरी बात को समझ चुके थे
“जी सर विवेक भी मेरी माँ का प्रेमी था लेकिन उनका प्यार एकतरफा ही था “
“ह्म्म्म इसका मतलब की कही न कहि विवेक के मन में उनके लिए प्रेम आज भी है “डॉ की बात सुनकर मैंने हा में गर्दन हिलाई वही काजल बोल उठी ..
“इसका एक और भी तो मतलब हो सकता है “
हम सभी चौके ..
“क्या??”
“यही की इसका मतलब ये ही हो सकता है की विवेक के मन में अभी भी तुम्हारी माँ से कुछ पाने की आशा हो ..”
इस बार मैंने काजल को गुस्से से देखा लेकिन उसके पॉइंट में दम तो था ..
“हा ये भी हो सकता है लेकिन क्या ??”
मेरी आवाज में एक दुख सा आ गया था
“विवेक और उसका पिता तुम्हारे परिवार के पुराने वकील थे राज ..कोई भी बात हो सकती है जो तुम नही जानते,ऐसी कोई वसीयत या और कुछ क्या पता ??”डॉ ने चिंता जाहिर की
“तो अगर है तो वो आज भी हमारे लिए मुसीबत है ,उसे ढूंढना ही होगा “
“बिल्कुल और ना सिर्फ ढूंढना होगा बल्कि खत्म करना होगा ,वरना वो कल आकर तुम्हारी सबसे बड़ी मुसीबत बन सकता है “
डॉ ने मुस्कुराते हुए कहा ,लेकिन मैं कोई हत्यारा तो नही था ,मैं कैसे किसी को मार सकता था ..मेरी खमोशी को आखिर डॉ ने समझ ही लिया ..
“राज तुम फिक्र मत करो वो हमारे जैसे प्रोफेसनल लोगो का काम है ,अभी तक हमे नही पता था की किसे ढूंढना है लेकिन अब,अब हमे पता है की किसे ढूंढना है तो हम उसे ढूंढ लेंगे ,पुलिस भी अपना काम करेगी ,बस आशा करो की पुलिस को मिलने से पहले तो हमे मिल जाए और अब तुम्हारा चेक काटने का टाइम आ गया है “
डॉ ने मुस्कुराते हुए कहा और मैंने भी मुस्कुराते हुए 50लाख का चेक काट कर डॉ को थमा दिया ..
अभी दो ही दिन हुए थे की SP साहब का फोन आ गया ,और उन्होंने जो कहा उससे मेरे होठो में एक मुस्कान आ गई ,मैंने तुरंत ही डॉ चूतिया को फोन लगा दिया ..और सारी बात बता दी ..
अभी एक ही घण्टे हुए थे की मैं ,डॉ साहब और काजल SP ऑफिस में मौजूद थे…
“वेलडन मिश्रा (SP) तुमने बहुत अच्छा काम किया “
डॉ ने उसे देखकर कहा
“अरे डॉ साहब वो तो चंदानी सर का आईडिया था ,हमने तो बस उन्हें फॉलो किया “
“हम्म “
“तो डिटेल से समझे “काजल बोल उठी ..
“बिल्कुल बिल्कुल “SP मिश्रा ने बोलना शुरू किया ..
“जैसा की चंदानी साहब(राज चंदानी) ने कहा था ,पहले हम अतुल वर्मा के घर जाकर उसके पर्सनल सेम्पल लिया ,उसके बालो के कुछ नमूने हमे उसके घर की ड्रेसिंग में मिल गए थे ,घर वालो को अब भी लग रहा है की उनका बेटा वापस आ जाएगा इसलिए कोई भी समान जलाया या फेक नही गया है इसका हमे फायदा मिला ,उस सेम्पल के डीएनए को लाश के डीएनए से मिलाया गया और ….दोनो मिल रहे थे “
sp की बात सुनकर हम सबके चहरे में चमक आ गई ,वो बोलता गया ..
“ऐसे ही हम विवेक अग्निहोत्री के घर फिर से गए और उनकी पर्सनल चीजे इकठ्ठे की ,पिछली बार जो सैम्पल्स हमे मिले थे हमने उनके अलावा कुछ इकठ्ठा करने की सोची,पिछले बार हमने उनके बेडरूम से बाल के सेम्पल लिए थे ,जो की सबसे आसानी से मिल जाते है ,उससे ही हमने काम चला लिया था लेकिन इस बार नए सिरे से जांच की और कुछ बेडरूम के बिस्तर से बाल इकठ्ठे करवाये,साथ ही कुछ बाथरूम से ,साथ ही कुछ उनके ऑफिस से हमे नाखून और बल मिले …
सबकी जांच करवाई गई और कामाल हो गया ,कुछ तो लाश से मिलते थे कुछ ,विवेक की बीबी से और कुछ किसे भी भी नही ……”
“मलतब की अतुल का सेम्पल प्लाट क्या गया था विवेक के घर “डॉ बोल उठे ,लेकिन फिर मैंने उनके सवाल का जवाब दिया
“सिर्फ इतना ही नही ,इससे ये भी साबित होता है की अतुल उनके घर और ऑफिस में आया जाय करता था “
“गवाहों ने तो ये पहले ही कह दिया था की अतुल के संबंध विवेक की बीवी से थे ,ऐसा शक तो सभी को था ही ,तो इसमे आश्चर्य की बात नही है “मिश्रा बोल उठा ,और हम सबने अपना सर हिलाया ..
“तो जो लास्ट काम मैंने कहा था “मैंने मिश्रा को देखते हुए कहा
“बस सर वही आ रहा हु ,तो लास्ट में हमने विवेक के बीबी के पास से मिले समान में ढूंढना शुरू किया और उसके रिस्टवाच में हमे खून के कुछ धब्बे मिल ही गए ,कपड़ो में लगा खून उसकी बीबी का था क्योकि उसे जिस तरह से मारा गया था उसके कपड़े में उसका खून लगा हुआ मिला था हमे ,लेकिन रिस्टवाच वाला खून नया था ,मतलब कातिल और वो था ...विवेक अग्निहोत्री ..”
“ये हुई ना बात “डॉ खुशी से उछाल गया
“मतलब लाश अतुल की है और गायब है विवेक अग्निहोत्री साहब “मैंने मुस्कुराते हुए कहा
“बिल्कुल सर ..”मिश्रा ने भी हा में सर हिलाया ..
“तो उसके परिवार को खबर कर दीजिये ,बेचारों पर क्या गुजरेगी “
मैंने सहानुभूति दिखाई
“कर दिया है सर ..”मिश्रा जी बोले ..
थोड़ी देर शांति छाई रही तभी काजल ने मुह खोला
“विवेक बहुत ही चालक इंसान था ,अब ये तो पता चल गया है की वो था लेकिन अब सवाल ये है क्यो,और अभी वो कहा है ,जिसतरह से उसने पूरे काम को अंजाम दिया वो कुछ समझ के परे है “
डॉ और मेरी आंखे मिली हम कुछ चीजे आपस में शेयर तो करना चाहते थे लेकिन मिश्रा के सामने नही ..तो हमने वंहा से विदा लिया और डॉ के ऑफिस चले गए ..
हम तीनो डॉ के केबिन में बैठे हुए थे ..
“बोलो राज तुम्हे क्या कहना था “डॉ ने उस समय मेरे आंखों का इशारा समझ लिया था ..
“सर मैं एक बार विवेक से मिला था जब उसका कत्ल हुआ बस उसी समय,उससे मेरी कुछ बाते भी हुई थी ,उसने काजल के बारे में भी बताया था की वो ही है जिसने तुम्हे काल करने को कहा ,अब बात समझ आ रही है ,असल में वो ही था जिसने काजल को हायर किया था ,उसने ही चन्दू की माँ को मेरे घर भेजा था ,”
“मतलब की चन्दू का पिता भी वही होगा..”
डॉ ने कहा ..
“बिल्कुल ,और उसे ये बात पता था की वसीयत के अनुसार जयजात रतन चंदानी के बेटे के पास जाएगी ,जो की चन्दू नही था लेकिन रतन चंदानी को तो यही लग रहा था की चन्दू उसका ही बेटा है और सना उसकी बेटी है …”काजल ने कहा
हम सब कुछ सोच में पड़े थे सारी बाते ओस की तरह साफ हो गई थी ..और माने कहना शुरू किया
“विवेक को वसीयत का पता था ,लेकिन पिता जी को नही ना ही माँ को ना ही किसी और को ,और उसे मेरे पिता के बारे में भी पता था की वो कितने बड़े ऐय्याश है ,इसलिए उसने दो औरतो शबीना और कान्ता को हमारे घर पिता जी के पास भेज दिया ,लेकिन कान्ता और शायद शबीना भी पहले ही उसकी रंडिया थी ,शायद उस समय कान्ता प्रैग्नेंट थी और उसके पेट में विवेक का ही बीज था ,लेकिन विवेक और कान्ता ने पिता जी को धोखे में रखा और पूरा खेल खेलते रहे ,पिता जी को लगता रहा की चन्दू और सना उनकी ही पाप का नतीजा थी और इसलिए उन्होंने उन्हें अपने बच्चों की तरह पाला भी,जब मैं बड़ा होता गया तो उन्हें ये यकीन हो गया की मुझसे कुछ नही होने वाला ,मैं निहायती निकम्मा इंसान हु और उन्हें मुझसे कोई ही खतरा नही होने वाला था ,चन्दू ने नेहा दीदी को फंसा लिया और निशा के जरिये मुझे घर से निकलवाने का भी पूरा प्लान तैयार कर लिया ,तब तक चन्दू को भी लगता था की वो भी मेरे पिता की ही औलाद है ,तो उसने भी सभी कुछ खुसी खुसी किया होगा,पूरी कहानी उनके ही हिसाब से चल रही थी ,लेकिन कहानी में ट्विस्ट तब आ गया जब मैं जंगल में गुम गया,सभी और खुश हुए होंगे की रास्ते का कांटा निकल गया लेकिन जब मैं वापस आया …….
मैं वो राज नही रहा था जो वंहा से गया था ,ये उनके लिए खतरे की घंटी थी ,मेरे आने के तुरंत ही बाद काजल को मेडम बना कर प्लांट कर दिया गया,और शायद काजल के ही जरिये उन्हें ये भी समझ आने लगा की मैं कोई साधारण प्रतिभा का नही बल्कि असाधारण प्रतिभा का धनी हु,जिससे निपटना बहुत ही मुश्किल होने वाला है..
विवेक से एक गलती हो गई की उसने पिता जी को वसीयत के बारे में बता दिया था,पिता जी भी चन्दू को अपना वारिस घोसित करने की सोच रहे थे क्योकि मैं तो नालायक भी था और साथ ही गायब भी ,चन्दू ने माँ और नेहा को अपने तरफ तो कर ही लिया था ,लेकिन ये विवेक की गलती हो गई क्योकि मैं वापस आ चुका था वो भी तैयार हो कर ..
...अब चन्दू आसानी से जयजात हासिल नही कर सकता था क्योकि मैं डीएनए टेस्ट की मांग करता,और उसका झूठ सामने आ जाता इसलिए उन्होंने चन्दू को ही गायब कर दिया ताकि पहले मुझे रास्ते से हटाया जा सके,.लेकिन इससे मैं और भी एक्टिव हो गया था ,विवेक की मुश्किले बढ़ सकती थी इसलिए उसने खुद को भी गायब कर दिया ,और एक तीर से दो शिकार करते हुए उसने खुद के जगह अपने बीबी के आशिक अतुल को ठिकाना लगा दिया और फिर अतुल की ही आड़ लेकर अपनी बीबी को भी ,और वो चला गया पर्दे के पीछे ,वही से वो अपना गेम खेलता रहा लेकिन चन्दू भी छटपटाया होगा,आखिर उसे भी तो पैसे की लालच थी ,लेकिन तब उसे पता चला होगा की आखिर उसे वंहा से क्यो निकाला गया है ,क्योकि वो रतन चंदानी का बेटा नही है ,अब वो किसका बेटा है ये बात पता नही उसे पता थी की नही ,क्योकि मारने से पहले उसने ये नही बताया था की वो किसका बेटा है ,लेकिन इस बात से चन्दू जरूर टूट गया होगा,वो नए ऑप्शन की तलाश में हाथ पैर मारने लगा होगा लेकिन उसके हाथ पैर तो बांध दिए गए थे ,फिर उसे आशा की किरण दिखी अघोरी के रूप में और यही विवेक की सबसे बड़ी हार हो गई ,क्योकि अघोरी के चक्कर में फंसकर चन्दू ने विवेक के सबसे बड़े हथियार काजल को भी उससे अलग कर दिया,मुझे ये बता दिया की वो चंदानी का बेटा नही है ,और खुद भी मर गया और साथ ही कान्ता और शबीना को भी ले डूबा,इतना होने के बाद विवेक बौखलाया तो जरूर होगा लेकिन कर वो कुछ भी नही सकता था ,लेकिन जिस चीज को पाने के लिए उसने इतना मेहनत किया उसे वो आखिर ऐसे ही कैसे जाने दे सकता था इसलिए उसने एक अटैक करवाया ,ताकि उसके सभी दुश्मन एक साथ मारे जा सके ...लेकिन उसमे भी सभी बच गए ,सिर्फ मा की वजह से ..”
इतना बोलकर मैंने गहरी सांस ली सभी मेरे बात को ध्यान से सुन रहे थे ,की डॉ बोला
“माँ की वजह से मतलब …”डॉ मेरी बात को समझ चुके थे
“जी सर विवेक भी मेरी माँ का प्रेमी था लेकिन उनका प्यार एकतरफा ही था “
“ह्म्म्म इसका मतलब की कही न कहि विवेक के मन में उनके लिए प्रेम आज भी है “डॉ की बात सुनकर मैंने हा में गर्दन हिलाई वही काजल बोल उठी ..
“इसका एक और भी तो मतलब हो सकता है “
हम सभी चौके ..
“क्या??”
“यही की इसका मतलब ये ही हो सकता है की विवेक के मन में अभी भी तुम्हारी माँ से कुछ पाने की आशा हो ..”
इस बार मैंने काजल को गुस्से से देखा लेकिन उसके पॉइंट में दम तो था ..
“हा ये भी हो सकता है लेकिन क्या ??”
मेरी आवाज में एक दुख सा आ गया था
“विवेक और उसका पिता तुम्हारे परिवार के पुराने वकील थे राज ..कोई भी बात हो सकती है जो तुम नही जानते,ऐसी कोई वसीयत या और कुछ क्या पता ??”डॉ ने चिंता जाहिर की
“तो अगर है तो वो आज भी हमारे लिए मुसीबत है ,उसे ढूंढना ही होगा “
“बिल्कुल और ना सिर्फ ढूंढना होगा बल्कि खत्म करना होगा ,वरना वो कल आकर तुम्हारी सबसे बड़ी मुसीबत बन सकता है “
डॉ ने मुस्कुराते हुए कहा ,लेकिन मैं कोई हत्यारा तो नही था ,मैं कैसे किसी को मार सकता था ..मेरी खमोशी को आखिर डॉ ने समझ ही लिया ..
“राज तुम फिक्र मत करो वो हमारे जैसे प्रोफेसनल लोगो का काम है ,अभी तक हमे नही पता था की किसे ढूंढना है लेकिन अब,अब हमे पता है की किसे ढूंढना है तो हम उसे ढूंढ लेंगे ,पुलिस भी अपना काम करेगी ,बस आशा करो की पुलिस को मिलने से पहले तो हमे मिल जाए और अब तुम्हारा चेक काटने का टाइम आ गया है “
डॉ ने मुस्कुराते हुए कहा और मैंने भी मुस्कुराते हुए 50लाख का चेक काट कर डॉ को थमा दिया ..