hotaks444
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जब हमने किस कर लिया …तो हम बियर पीते हुए बाते करने लगे…
कामिनी-आहह…आज तो तुमने मार ही डाला…
मैं-अच्छा…फिर भी तुमने हार नही मानी क्यो..
कामिनी-हाँ....ऐसे कैसे हार मान जाती....खातिरदारी पूरी करने का जो बोला था...
मैं-ह्म्म....तो मज़ा आया..*???
कामिनी-हाँ…..बहुत मज़ा आया….एक साथ मे इतनी बार कभी नही झड़ी…
मैं-ह्म्म..तो अब तो मन भर गया ना…
कामिनी-मन तो नही भरा…अभी मन तो बहुत कुछ माँग रहा है…पर..
मैं-पर क्या..???
कामिनी- मेरे घर शादी जो है…आज रात मे बहुत काम है….नही तो…
मैं-नही तो..???
कामिनी(मेरे लंड की तरफ इशारा कर के)-नही तो इसको छोड़ती नही…
मैं-अच्छा…इतनी चुदाई के बाद भी…???
कामिनी—हाँ….बिल्कुल…मेरी चूत ने इस लंड का स्वाद नही चखा अभी..
मैं-जब तुम्हारी गंद फट गई मेरी चुदाई से तो सोचो चूत का क्या होता…
कामिनी-जो होता सो होता…मज़ा तो आता…
फिर हम दोनो हँसने लगे…ऑर कामिनी ने कहा
कामिनी-वैसे कितनी टॅबलेट खाई थी..???
मैं(मन मे )साली को पता चल गया…
कामिनी-बोलो ..???
मैं-टॅबलेट ..कैसी टॅबलेट..???
कामिनी-अरे मेरे राजा…वही टॅबलेट जो दीपा ने तुम्हे दी थी…समझे..
मैं-अच्छा तो ये प्लॅनिंग आपकी है…
कामिनी-हां…मैं चाहती थी कि मेरी दम से ठुकाई करो तुम..
मैं-वो तो मैं बिना टॅबलेट के कर सकता हूँ…दीपा ने बताया नही..???
कामिनी-हाँ..दीपा ने बताया ऑर रजनी ने भी.....तुम चुदाई लंबी ही करते हो...
मैं-फिर ये टॅबलेट का क्या ड्रामा है..*??
कामिनी-अरे टॅबलेट से तुमने ज़्यादा चुदाई की....इतनी की मैं 2 दिन चुदने की सोच भी नही सकती..
मैं-अभी तो कह रही थी की चूत बाकी है अब क्या हुआ..
कामिनी-अरे मन की बात बोली थी पर बॉडी साथ नही देती ना….इतनी ठुकाई हुई है ऑर उपर से अभी काम भी है तो 2 दिन तो रेस्ट बनता है..
मैं-तब तो चूत रह जाएगी….मैं तो चला जाउन्गा…
कामिनी-अरे जाओगे कहाँ…हम भी वही रहते है…आपके पास आ जाएँगे….ऐसे पीछा नही छोड़ेगे..
मैं-अच्छा पर मेरे पास आने की कीमत होती है…
कामिनी-हाँ…दीपा ने कहा था मुझसे…
मैं-तो फिर…क्या सोचा..
कामिनी-कीमत तैयार है…..बस इंतज़ार है सही वक़्त का..
मैं(हँसते हुए)-ओके...तब ठीक है....मैं इंतज़ार करूगा...
कामिनी-वैसे लंबी चुदाई की तरह बियर भी बहुत पी जाते हो…
मैं-हाँ…चुदाई के साथ बियर का नशा नही होता …तो पी लेता हूँ…पर अब तो मुझे भी रेस्ट की ज़रूरत है…
कामिनी-हाँ बिल्कुल…आप रेस्ट करो..रात मे जागना भी तो है….शादी जो है…
मैं-ह्म्म्म..
ऐसे ही हम बियर पीते हुए बाते कर रहे थे कि कामिनी की नौकरानी आ गई ऑर बोली
नौकरानी-मेडम ,,,,सॉरी,,,वो आपको अंदर बुला रहे है…
कामिनी-ओके..तुम जाओ..मैं आती हूँ..
मैं तो सोच रहा था कि नौकरानी ने हम दोनो को नंगे ही देख लिया तो कामिनी भड़केगी उस पर ....पर वो तो कुछ नही बोली....शायद वो भी जानती होगी कि कामिनी चुदक्कड़ औरत है...
मैं-चलो मैं भी थोड़ा रेस्ट कर लूँ…
कामिनी-ओके..चलिए…
इसके बाद हम ने अपने कपड़े पहने ऑर प्राइवेट पूल से बाहर आ गये…कामिनी मुझे किस कर के बाद मे मिलने का बोल के निकल गई ओर मैं फिर गार्डेन मे घूमने लगा…...
मैं घूमते हुए सोच रहा था कि अब क्या करू…मन तो कह रहा था कि आंटी को कॉल करू ऑर उनके साथ मस्ती करूँ बट बॉडी रेस्ट माँग रही थी….ऑर रात मे भी तो जागना है…
यही सोच कर मे पूल से बापिस हवेली की तरफ आने लगा…ऑर फिर मुझे मनु का ख़याल आया कि मनु आई ही नही…मतलब मेरी डाल नही गली मनु के साथ….फिर सोचा कोई नही…मनु को देखेगे बाद मे…
फिर मुझे चलते हुए उस लड़की का ख्याल आया…जो मुझे कामिनी की गंद मारते हुए देख रही थी….
मैं सोचने लगा कि क्या वो कोई गेस्ट है या इसी फॅमिली की कोई लड़की है….पता नही पर लड़की सच मे खूबसूरत थी…
मैने ज़्यादा तो नही देखा पर मस्त माल लग रही थी…शायद उससे फिर मुलाक़ात हो जाए…
मैं ये सब बातें सोचते हुए रूम की तरफ जा ही रहा था कि मुझे आंटी और दीपा मिल गई…
आंटी-अरे बेटा किस सोच मे हो जो हमें देखा भी नही
मैं-अरे नही आंटी कुछ नही…मैं बस थक गया था तो रेस्ट करने जा रहा हूँ..
दीपा-हां..थकोगे क्यो नही…आज तो कामिनी की फाड़ ही डाली
आंटी-सच मे…क्यो बेटा उस कुतिया की फाड़ दी..???
मैं-ह्म्म..
दीपा-अरे रजनी….मैने इसे टॅबलेट दे दी थी …वही वाली
आंटी-अरे मेरा बेटा तो बिना टॅबलेट के ही फाड़ देता है,…तुझे नही पता क्या
दीपा-हाए मेरी जान ..मुझे तो सब पता है…मैं भी गंद फड़वाने को घूम रही हूँ..पर तुम्हारा बेटा फाड़ता ही नही…
आंटी-सुना बेटा…अब इस कुतिया की भी फाड़ देना..
ऑर आंटी हँसने लगी…साथ मे दीपा ऑर मैं भी हँसने लगे..
मैं-आंटी…अब थोड़ा रेस्ट कर ले..रात मे शादी है…
कामिनी-आहह…आज तो तुमने मार ही डाला…
मैं-अच्छा…फिर भी तुमने हार नही मानी क्यो..
कामिनी-हाँ....ऐसे कैसे हार मान जाती....खातिरदारी पूरी करने का जो बोला था...
मैं-ह्म्म....तो मज़ा आया..*???
कामिनी-हाँ…..बहुत मज़ा आया….एक साथ मे इतनी बार कभी नही झड़ी…
मैं-ह्म्म..तो अब तो मन भर गया ना…
कामिनी-मन तो नही भरा…अभी मन तो बहुत कुछ माँग रहा है…पर..
मैं-पर क्या..???
कामिनी- मेरे घर शादी जो है…आज रात मे बहुत काम है….नही तो…
मैं-नही तो..???
कामिनी(मेरे लंड की तरफ इशारा कर के)-नही तो इसको छोड़ती नही…
मैं-अच्छा…इतनी चुदाई के बाद भी…???
कामिनी—हाँ….बिल्कुल…मेरी चूत ने इस लंड का स्वाद नही चखा अभी..
मैं-जब तुम्हारी गंद फट गई मेरी चुदाई से तो सोचो चूत का क्या होता…
कामिनी-जो होता सो होता…मज़ा तो आता…
फिर हम दोनो हँसने लगे…ऑर कामिनी ने कहा
कामिनी-वैसे कितनी टॅबलेट खाई थी..???
मैं(मन मे )साली को पता चल गया…
कामिनी-बोलो ..???
मैं-टॅबलेट ..कैसी टॅबलेट..???
कामिनी-अरे मेरे राजा…वही टॅबलेट जो दीपा ने तुम्हे दी थी…समझे..
मैं-अच्छा तो ये प्लॅनिंग आपकी है…
कामिनी-हां…मैं चाहती थी कि मेरी दम से ठुकाई करो तुम..
मैं-वो तो मैं बिना टॅबलेट के कर सकता हूँ…दीपा ने बताया नही..???
कामिनी-हाँ..दीपा ने बताया ऑर रजनी ने भी.....तुम चुदाई लंबी ही करते हो...
मैं-फिर ये टॅबलेट का क्या ड्रामा है..*??
कामिनी-अरे टॅबलेट से तुमने ज़्यादा चुदाई की....इतनी की मैं 2 दिन चुदने की सोच भी नही सकती..
मैं-अभी तो कह रही थी की चूत बाकी है अब क्या हुआ..
कामिनी-अरे मन की बात बोली थी पर बॉडी साथ नही देती ना….इतनी ठुकाई हुई है ऑर उपर से अभी काम भी है तो 2 दिन तो रेस्ट बनता है..
मैं-तब तो चूत रह जाएगी….मैं तो चला जाउन्गा…
कामिनी-अरे जाओगे कहाँ…हम भी वही रहते है…आपके पास आ जाएँगे….ऐसे पीछा नही छोड़ेगे..
मैं-अच्छा पर मेरे पास आने की कीमत होती है…
कामिनी-हाँ…दीपा ने कहा था मुझसे…
मैं-तो फिर…क्या सोचा..
कामिनी-कीमत तैयार है…..बस इंतज़ार है सही वक़्त का..
मैं(हँसते हुए)-ओके...तब ठीक है....मैं इंतज़ार करूगा...
कामिनी-वैसे लंबी चुदाई की तरह बियर भी बहुत पी जाते हो…
मैं-हाँ…चुदाई के साथ बियर का नशा नही होता …तो पी लेता हूँ…पर अब तो मुझे भी रेस्ट की ज़रूरत है…
कामिनी-हाँ बिल्कुल…आप रेस्ट करो..रात मे जागना भी तो है….शादी जो है…
मैं-ह्म्म्म..
ऐसे ही हम बियर पीते हुए बाते कर रहे थे कि कामिनी की नौकरानी आ गई ऑर बोली
नौकरानी-मेडम ,,,,सॉरी,,,वो आपको अंदर बुला रहे है…
कामिनी-ओके..तुम जाओ..मैं आती हूँ..
मैं तो सोच रहा था कि नौकरानी ने हम दोनो को नंगे ही देख लिया तो कामिनी भड़केगी उस पर ....पर वो तो कुछ नही बोली....शायद वो भी जानती होगी कि कामिनी चुदक्कड़ औरत है...
मैं-चलो मैं भी थोड़ा रेस्ट कर लूँ…
कामिनी-ओके..चलिए…
इसके बाद हम ने अपने कपड़े पहने ऑर प्राइवेट पूल से बाहर आ गये…कामिनी मुझे किस कर के बाद मे मिलने का बोल के निकल गई ओर मैं फिर गार्डेन मे घूमने लगा…...
मैं घूमते हुए सोच रहा था कि अब क्या करू…मन तो कह रहा था कि आंटी को कॉल करू ऑर उनके साथ मस्ती करूँ बट बॉडी रेस्ट माँग रही थी….ऑर रात मे भी तो जागना है…
यही सोच कर मे पूल से बापिस हवेली की तरफ आने लगा…ऑर फिर मुझे मनु का ख़याल आया कि मनु आई ही नही…मतलब मेरी डाल नही गली मनु के साथ….फिर सोचा कोई नही…मनु को देखेगे बाद मे…
फिर मुझे चलते हुए उस लड़की का ख्याल आया…जो मुझे कामिनी की गंद मारते हुए देख रही थी….
मैं सोचने लगा कि क्या वो कोई गेस्ट है या इसी फॅमिली की कोई लड़की है….पता नही पर लड़की सच मे खूबसूरत थी…
मैने ज़्यादा तो नही देखा पर मस्त माल लग रही थी…शायद उससे फिर मुलाक़ात हो जाए…
मैं ये सब बातें सोचते हुए रूम की तरफ जा ही रहा था कि मुझे आंटी और दीपा मिल गई…
आंटी-अरे बेटा किस सोच मे हो जो हमें देखा भी नही
मैं-अरे नही आंटी कुछ नही…मैं बस थक गया था तो रेस्ट करने जा रहा हूँ..
दीपा-हां..थकोगे क्यो नही…आज तो कामिनी की फाड़ ही डाली
आंटी-सच मे…क्यो बेटा उस कुतिया की फाड़ दी..???
मैं-ह्म्म..
दीपा-अरे रजनी….मैने इसे टॅबलेट दे दी थी …वही वाली
आंटी-अरे मेरा बेटा तो बिना टॅबलेट के ही फाड़ देता है,…तुझे नही पता क्या
दीपा-हाए मेरी जान ..मुझे तो सब पता है…मैं भी गंद फड़वाने को घूम रही हूँ..पर तुम्हारा बेटा फाड़ता ही नही…
आंटी-सुना बेटा…अब इस कुतिया की भी फाड़ देना..
ऑर आंटी हँसने लगी…साथ मे दीपा ऑर मैं भी हँसने लगे..
मैं-आंटी…अब थोड़ा रेस्ट कर ले..रात मे शादी है…