hotaks444
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[font=Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]मैं-अरे..आंटी वो पारूल पूछ रही थी कि मेरी लाइफ मे मेरी माँ के जाने के बाद मुझे माँ का प्यार किस से मिला तो..मैं सबके नाम बोल रहा था ओर ये कह रहा था कि रजनी आंटी ही थी जिनसे मुझे अपनी फॅमिली और रिलेटिव के अलावा माँ का प्यार मिला है…
मैं जल्दी मे , जो मुँह मे आया बोल गया ऑर आंटी को देखने लगा….आंटी पर मेरी बात का ऐसा असर हुआ कि वो ममता भरी निगाहो से मुझे देखती हुई बोली…
आंटी- हाँ पारूल…ये मेरे संजू के जैसा ही बेटा है…दोनो मे कोई अंतर नही(ऑर आंटी ने मेरे माथे पर किस कर दी….)
आंटी- अब बाते छोड़ और कॉफी पी...
इसके बाद मैं कॉफी पीने लगा ओर मैने पारूल को जाने का इशारा किया....
पारूल बहाना कर के उपर रूम मे चली गई और मैं आंटी को देखते हुए कॉफी पीने लगा ओर सोचने लगा कि बच गया….
हम कुछ देर ऐसे ही कॉफी पीते हुए शांत बैठे रहे …फिर मैने बात शुरू की…
मैं- आंटी एक बात बताओ…
आंटी –ह्म्म
मैं- आप रूम से कब आई थी…
आंटी(मुँह पर उंगली रख के)- सस्शह….अभी नही…बाद मे…मेघा आने ही वाली होगी , हमे पड़ोस मे जाना है थोड़ा….
आंटी बता ही रही थी कि मेघा आंटी रेडी हो कर आ गई ऑर उसके बाद आंटी लोग पडोस मे निकल गई और घर मे रह गयी सिर्फ़ मैं और पारूल…ऑर हाँ संजीव भी…पर संजीव तो सो गया होगा….
मैने भी फ्रंट डोर बंद किया और उपर संजीव के रूम मे आ गया…जहाँ उमीद के मुताबिक संजीव घोड़े बेच कर सो चुका था कि तभी रूम के गेट पर पारूल आई …ऑर मुझे बुलाया...
पारूल(इशारे से)- बाहर आओ..
मैं भी जल्दी से पारूल के पास पहुँच ऑर संजीव के रूम के गेट को बंद कर दिया,…
मैं- हाँ बोलो
पारूल-(नज़रे झुका कर)- भैया..वो…कैसे कहूँ…
मैं -कैसे क्या…सीधा-सीधा बोल ना…
पारूल-आप गुस्सा करोगे..
मैं- नही बताएगी तो ज़्यादा गुस्सा करूगा…
पारूल- भैया वो…मेरी खुजली..
मैं- ओह…मैने कहा था ना कि कंट्रोल करो…
पारूल- भैया…कर ही रही हूँ…पर बहुत खुजली हो रही है…
मैं- देख गुड़िया मैं तुम्हे यहाँ इस लिए नही लाया..मैं तुम्हे पढ़ाने को लाया हूँ गाँव से…
पारूल-भैया…मैं जानती हूँ…आप ये नही करना चाहते मेरे साथ पर आप ही बताओ…मैं आपके अलावा किस से बोल सकती हूँ…
मैं- ह्म्म..तुम भी अपनी जगह ठीक हो…शुरू मे मन कुछ ज़्यादा ही मचलता है…
पारूल- हाँ…भैया…कुछ करो ना…
मैं- देख गुड़िया..आज मैं तुम्हारी चुदाई तो करूगा नही..
पारूल(मायूस हो कर)- फिर भैया…मैं क्या करूँ..
मैं- अब मुँह मत लटका…मैं तेरी खुजली मिटा दूँगा..ठीक है..
पारूल- (खुश हो कर)- पर बिना चुदाई के कैसे भैया…
मैं- ह्म्म..चल रूम मे अभी बताता हूँ…
इसके बाद मैं पारूल के साथ रूम मे चला गया और मैने गेट को अंदर से लॉक किया और फिर आपस मे किस करने लगे…
थोड़ी देर बाद किस ख़त्म करके मैने कहा…
मैं- पारूल अपने कपड़े निकाल दो…
पारूल- जी भैया…पर आप तो चुदाई के बिना ही करने वाले थे कुछ…
मैं- ह्म्म..चुदाई नही करूगा..पर तेरी चूत तो देखनी पड़ेगी ना…
पारूल- ह्म्म..
और पारूल ने जल्दी से अपने सारे कपड़े निकाल दिए और नंगी हो गई..
मैं- ह्म्म...अब मज़ा आयगा ना.....
मैने पारूल को अपने पास खीचा और उसके बूब्स को मसलते हुए किस करने लगा..और पारूल ने भी मेरे लंड को पेंट के उपर से मसलना शुरू कर दिया….
मैं- उउउंम…आहह…उउम्म्म्मम
पारूल- उम्म्म…उउंम….उउंम
थोड़ी देर के बाद मैने पारूल को किस करना बंद किया ऑर उसके एक बूब को मुँह मे भर कर चूसने लगा ऑर दूसरे को हाथ से दवाने लगा…..पारूल मस्त हो गई और आवाज़े निकालते हुए मेरे लंड को ज़ोर से मसलने लगी…
मैं- उउंम..अह्ह्ह्ह…आहह..उउउम्म्म्ममममह
पारूल-आहह..भैया…चूसो…आहह…ज़ोर…से…आअहह
मैं- उम्म..उउंम्म..उउम्म्म्म
पारूल- आहह…भैया…आहह…इसे निकालो ना..आहह
पारूल मेरे लंड को मसलते हुए मस्त हो गई ओर मुझसे लंड बाहर निकालने को बोलने लगी….
मैने पारूल को छोड़ा और कहा…
मैं- ह्म्म्मक..सही कहा...नंगे होने के बाद मज़ा ही अलग आयगा...
फिर मैं भी जल्दी से नंगा हो गया और पारूल को उठा कर बेड पर लिटा दिया और उसकी चूत पर मुँह लगा कर जीभ फिराने लगा….
पारूल की जीभ पूरी तरह गरम हो कर पानी छोड़ रही थी..ओर मैं उस पानी के साथ पारूल की चूत को चूसने लगा…और पारूल मेरे सिर को दबा कर चूत चुसाइ का मज़ा लेने लगी….
मैं- सस्रररुउपप..सस्ररुउउप्प..सस्ररुउउप्प…
पारूल- ओह्ह..भैया..आह
मैं-सस्ररुउउप्प्प..आअहह…सस्रररुउउप्प्प
पारूल-आहह..भैया….आअहह
मैं-सस्स्रररुउप्प्प….सस्स्रररुउउप्प….सस्स्ररुउउप्प्प
पारूल- आहह…आहह…ऐसे…हहह
पारूल शायद बहुत गरम थी इसलिए थोड़ी ही देर बाद पारूल ने झड़ना शुरू कर दिया…और मैं पारूल की चूत को मुँह मे भर कर उसका चूत रस पीने लगा…
मैं- उम्म्म्म…उउंम..उूउउम्म्म्मम
पारूल- ओह्ह…माँ…..क्या…कर…राहही…..आहह
मैं- उउंम्म..उउंम्म..उउंम्म…
पारूल- आअहह…आहह…ऊहह…ऊहह..भैयाअ….आहह
मैं- उउम्म्म्म..उूउउम्म्म्मममह..उउम्म्मह
पारूल-हहाअ..भीयाअ…ऐसे…..हीईिइ..आहह…..आहह
जब मैने पारूल का चूत रस पी लिया तो उसकी चूत को मुँह से निकाल कर उसके बाजू मे लेट गया….
थोड़ी देर बाद…
पारूल- आहह..भैयाया…आप तो जादूगर हो…आपका मुँह लगते ही सारी गर्मी निकल गई …ओह भैया…आइ लव यू…
मैं- आइ लव यू बेटा…पर अब मेरा मूड बना दिया उसका क्या…???
पारूल- आप बोलो…मैं चुदने को तैयार हूँ…
मैं- नही बेटा अभी चुदाई नही…
पारूल- फिर मैं आपका लंड चूस के पानी निकाल दूं...
मैं- अरे वाह तू तो बड़ी हो गई...चल आजा मेरी गुड़िया...भैया का लंड खाली कर दे...
पारूल ने मेरे कहते ही झुंक कर मेरा लंड मुँह मे भर लिया ओर अपनी जीभ घुमाते हुए मुँह को आगे –पीछे करने लगी…और मैने हाथ से पारूल की गान्ड को सहलाना शुरू कर दिया…
पारूल-उम्म्म…उउंम्म..उउंम..उउंम्म..उउंम
मैं-आहह…बहना…ऐसे ही…अच्छा कर रही हो…आहह
पारूल-उउंम..सस्ररुउउउप्प्प…उउउम्म्म्म
मैं-हाँ..तेज करो…ज़ोर से गुड़िया..…और तेजज
पारूल-उउंम..उउंम्म..उउंम्म..उउउंम्म
मैं-आहह…मेरी प्यारी गुड़िया…ऐसे ही ज़ोर से..आहह
पारूल- उउंम…सस्ररुउउप्प्प…उउंम्म..उउंम
मैं- ओह्ह्ह…हाँ बेटा तेज ऑर तेज..[/font]
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मैं जल्दी मे , जो मुँह मे आया बोल गया ऑर आंटी को देखने लगा….आंटी पर मेरी बात का ऐसा असर हुआ कि वो ममता भरी निगाहो से मुझे देखती हुई बोली…
आंटी- हाँ पारूल…ये मेरे संजू के जैसा ही बेटा है…दोनो मे कोई अंतर नही(ऑर आंटी ने मेरे माथे पर किस कर दी….)
आंटी- अब बाते छोड़ और कॉफी पी...
इसके बाद मैं कॉफी पीने लगा ओर मैने पारूल को जाने का इशारा किया....
पारूल बहाना कर के उपर रूम मे चली गई और मैं आंटी को देखते हुए कॉफी पीने लगा ओर सोचने लगा कि बच गया….
हम कुछ देर ऐसे ही कॉफी पीते हुए शांत बैठे रहे …फिर मैने बात शुरू की…
मैं- आंटी एक बात बताओ…
आंटी –ह्म्म
मैं- आप रूम से कब आई थी…
आंटी(मुँह पर उंगली रख के)- सस्शह….अभी नही…बाद मे…मेघा आने ही वाली होगी , हमे पड़ोस मे जाना है थोड़ा….
आंटी बता ही रही थी कि मेघा आंटी रेडी हो कर आ गई ऑर उसके बाद आंटी लोग पडोस मे निकल गई और घर मे रह गयी सिर्फ़ मैं और पारूल…ऑर हाँ संजीव भी…पर संजीव तो सो गया होगा….
मैने भी फ्रंट डोर बंद किया और उपर संजीव के रूम मे आ गया…जहाँ उमीद के मुताबिक संजीव घोड़े बेच कर सो चुका था कि तभी रूम के गेट पर पारूल आई …ऑर मुझे बुलाया...
पारूल(इशारे से)- बाहर आओ..
मैं भी जल्दी से पारूल के पास पहुँच ऑर संजीव के रूम के गेट को बंद कर दिया,…
मैं- हाँ बोलो
पारूल-(नज़रे झुका कर)- भैया..वो…कैसे कहूँ…
मैं -कैसे क्या…सीधा-सीधा बोल ना…
पारूल-आप गुस्सा करोगे..
मैं- नही बताएगी तो ज़्यादा गुस्सा करूगा…
पारूल- भैया वो…मेरी खुजली..
मैं- ओह…मैने कहा था ना कि कंट्रोल करो…
पारूल- भैया…कर ही रही हूँ…पर बहुत खुजली हो रही है…
मैं- देख गुड़िया मैं तुम्हे यहाँ इस लिए नही लाया..मैं तुम्हे पढ़ाने को लाया हूँ गाँव से…
पारूल-भैया…मैं जानती हूँ…आप ये नही करना चाहते मेरे साथ पर आप ही बताओ…मैं आपके अलावा किस से बोल सकती हूँ…
मैं- ह्म्म..तुम भी अपनी जगह ठीक हो…शुरू मे मन कुछ ज़्यादा ही मचलता है…
पारूल- हाँ…भैया…कुछ करो ना…
मैं- देख गुड़िया..आज मैं तुम्हारी चुदाई तो करूगा नही..
पारूल(मायूस हो कर)- फिर भैया…मैं क्या करूँ..
मैं- अब मुँह मत लटका…मैं तेरी खुजली मिटा दूँगा..ठीक है..
पारूल- (खुश हो कर)- पर बिना चुदाई के कैसे भैया…
मैं- ह्म्म..चल रूम मे अभी बताता हूँ…
इसके बाद मैं पारूल के साथ रूम मे चला गया और मैने गेट को अंदर से लॉक किया और फिर आपस मे किस करने लगे…
थोड़ी देर बाद किस ख़त्म करके मैने कहा…
मैं- पारूल अपने कपड़े निकाल दो…
पारूल- जी भैया…पर आप तो चुदाई के बिना ही करने वाले थे कुछ…
मैं- ह्म्म..चुदाई नही करूगा..पर तेरी चूत तो देखनी पड़ेगी ना…
पारूल- ह्म्म..
और पारूल ने जल्दी से अपने सारे कपड़े निकाल दिए और नंगी हो गई..
मैं- ह्म्म...अब मज़ा आयगा ना.....
मैने पारूल को अपने पास खीचा और उसके बूब्स को मसलते हुए किस करने लगा..और पारूल ने भी मेरे लंड को पेंट के उपर से मसलना शुरू कर दिया….
मैं- उउउंम…आहह…उउम्म्म्मम
पारूल- उम्म्म…उउंम….उउंम
थोड़ी देर के बाद मैने पारूल को किस करना बंद किया ऑर उसके एक बूब को मुँह मे भर कर चूसने लगा ऑर दूसरे को हाथ से दवाने लगा…..पारूल मस्त हो गई और आवाज़े निकालते हुए मेरे लंड को ज़ोर से मसलने लगी…
मैं- उउंम..अह्ह्ह्ह…आहह..उउउम्म्म्ममममह
पारूल-आहह..भैया…चूसो…आहह…ज़ोर…से…आअहह
मैं- उम्म..उउंम्म..उउम्म्म्म
पारूल- आहह…भैया…आहह…इसे निकालो ना..आहह
पारूल मेरे लंड को मसलते हुए मस्त हो गई ओर मुझसे लंड बाहर निकालने को बोलने लगी….
मैने पारूल को छोड़ा और कहा…
मैं- ह्म्म्मक..सही कहा...नंगे होने के बाद मज़ा ही अलग आयगा...
फिर मैं भी जल्दी से नंगा हो गया और पारूल को उठा कर बेड पर लिटा दिया और उसकी चूत पर मुँह लगा कर जीभ फिराने लगा….
पारूल की जीभ पूरी तरह गरम हो कर पानी छोड़ रही थी..ओर मैं उस पानी के साथ पारूल की चूत को चूसने लगा…और पारूल मेरे सिर को दबा कर चूत चुसाइ का मज़ा लेने लगी….
मैं- सस्रररुउपप..सस्ररुउउप्प..सस्ररुउउप्प…
पारूल- ओह्ह..भैया..आह
मैं-सस्ररुउउप्प्प..आअहह…सस्रररुउउप्प्प
पारूल-आहह..भैया….आअहह
मैं-सस्स्रररुउप्प्प….सस्स्रररुउउप्प….सस्स्ररुउउप्प्प
पारूल- आहह…आहह…ऐसे…हहह
पारूल शायद बहुत गरम थी इसलिए थोड़ी ही देर बाद पारूल ने झड़ना शुरू कर दिया…और मैं पारूल की चूत को मुँह मे भर कर उसका चूत रस पीने लगा…
मैं- उम्म्म्म…उउंम..उूउउम्म्म्मम
पारूल- ओह्ह…माँ…..क्या…कर…राहही…..आहह
मैं- उउंम्म..उउंम्म..उउंम्म…
पारूल- आअहह…आहह…ऊहह…ऊहह..भैयाअ….आहह
मैं- उउम्म्म्म..उूउउम्म्म्मममह..उउम्म्मह
पारूल-हहाअ..भीयाअ…ऐसे…..हीईिइ..आहह…..आहह
जब मैने पारूल का चूत रस पी लिया तो उसकी चूत को मुँह से निकाल कर उसके बाजू मे लेट गया….
थोड़ी देर बाद…
पारूल- आहह..भैयाया…आप तो जादूगर हो…आपका मुँह लगते ही सारी गर्मी निकल गई …ओह भैया…आइ लव यू…
मैं- आइ लव यू बेटा…पर अब मेरा मूड बना दिया उसका क्या…???
पारूल- आप बोलो…मैं चुदने को तैयार हूँ…
मैं- नही बेटा अभी चुदाई नही…
पारूल- फिर मैं आपका लंड चूस के पानी निकाल दूं...
मैं- अरे वाह तू तो बड़ी हो गई...चल आजा मेरी गुड़िया...भैया का लंड खाली कर दे...
पारूल ने मेरे कहते ही झुंक कर मेरा लंड मुँह मे भर लिया ओर अपनी जीभ घुमाते हुए मुँह को आगे –पीछे करने लगी…और मैने हाथ से पारूल की गान्ड को सहलाना शुरू कर दिया…
पारूल-उम्म्म…उउंम्म..उउंम..उउंम्म..उउंम
मैं-आहह…बहना…ऐसे ही…अच्छा कर रही हो…आहह
पारूल-उउंम..सस्ररुउउउप्प्प…उउउम्म्म्म
मैं-हाँ..तेज करो…ज़ोर से गुड़िया..…और तेजज
पारूल-उउंम..उउंम्म..उउंम्म..उउउंम्म
मैं-आहह…मेरी प्यारी गुड़िया…ऐसे ही ज़ोर से..आहह
पारूल- उउंम…सस्ररुउउप्प्प…उउंम्म..उउंम
मैं- ओह्ह्ह…हाँ बेटा तेज ऑर तेज..[/font]
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