hotaks444
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Kamini ke ghar........
काजल ने कार पार्क की और अंदर की तरफ चल पड़ी. ..इस टाइम काजल थोड़े गुस्से मे लग रही थी ....
अंदर आते ही उसने नोकरानी को कॉफी बनाने को बोला...
काजल ने काफ़ी गुस्से मे बोला और तेज आवाज़ मे भी....जिसे रूम मे लेटी कामिनी ने सुन लिया...और वो समझ गई कि काजल गुस्से मे है....
कामिनी- काजल...काजल बेटा....यहाँ आओ...
काजल गुस्से से पैर पटकती हुई कामिनी के पास पहुच गई...
काजल के चेहरे पर गुस्सा सॉफ झलक रहा था...
कामिनी- आ गई बेटा....
काजल(गुस्से से)- हाँ आ गई...बोलो क्या काम है....
कामिनी- तू पहले यहाँ बैठ...मेरे पास मे आ...
काजल- मोम...
कामिनी(बीच मे)- चुप...पहले बैठ जा...फिर बोलना...
काजल ना चाहते हुए भी कामिनी के पास बैठ गई...
कामिनी- हाँ..अब बोल...इतना गुस्सा किस बात का...??
काजल- गुस्सा नही करूँ तो क्या करूँ...कुछ भी नही हुआ...
कामिनी- क्या नही हुआ...क्या अंकित ने कुछ...
काजल(बीच मे)- नही मोम...वो साला तो मिला ही नही...इसीलिए तो गुस्सा आ रही है...
कामिनी- नही मिला....तो इसमे इतना गुस्सा क्यो....गया होगा किसी काम से कही...
काजल- तभी तो...मैं इतनी मेहनत से रेडी हुई...कुछ प्लान किया...सोचा था कि आज...पर कुछ नही हुआ...
कामिनी(काजल का हाथ पकड़ कर)- देखो बेटा....ऐसी छोटी बातों पर गुस्सा नही करते....उसे क्या पता कि तुम आ रही हो...अभी नही मिला तो फिर मिल जायगा...
काजल- जानती हूँ...पर...
कामिनी(बीच मे)- कुछ नही...तू बस ये याद रख कि तुझे करना क्या है...और हाँ..ये सब तू गुस्से के साथ तो नही कर पायगी ना...प्यार से करना होगा....
काजल- ह्म्म...जानती हूँ...पर मोम...क्या मैं ये कर पाउन्गी...??
कामिनी- बिल्कुल...मेरी बेटी को देख कर कोई भी पागल हो जाए...ये अंकित क्या चीज़ है...
काजल- सच मे...
कामिनी- हाँ बेटा...तुझे ये करना ही है...नही तो दामिनी को सच पता चल गया तो...
तभी एक जोरदार आवाज़ ने कामिनी और काजल को हिला दिया...
""कौन सा सच कम्मो...""
ये आवाज़ दामिनी की थी ...जो इस वक़्त गेट पर खड़ी हुई थी....दामिनी को देख कर कामिनी सकपका गई...पर काजल ने कुछ रिएक्ट नही किया...
कामिनी- अरे दी तुम...अचानक से...
दामिनी- हाँ...तू ये बता कि कौन से सच की बात कर रही थी...
कामिनी- वो ..दीदी...आप आइए ना...
दामिनी- वो सब छोड़...मुझे पूरी बात बता...और ये तेरा पैर...क्या हुआ...
कामिनी- सब बताती हूँ दीदी..आप आइए तो...
दामिनी भी कामिनी के बेड पर आ कर बैठ गई ...
कामिनी- आप जिस काम से गई थी, वो हुआ क्या...??
दामिनी- वो बाद मे...पहले ये पता कि क्या सच छिपा रही है...बोल जल्दी...
दामिनी को थोड़ा गुस्सा आने लगा था...जिससे कामिनी को थोड़ी घबराहट होने लगी थी....
कामिनी- दीदी...वो..मैं सब शुरू से बताती हूँ..पर गुस्सा मत करना...
दामिनी- तू जल्दी बता...फिर देखुगी...
फिर कामिनी ने आक्सिडेंट से ले कर काजल के साथ हुई बात-चीत तक , सब कुछ दामिनी को बता दिया...
काजल ने कार पार्क की और अंदर की तरफ चल पड़ी. ..इस टाइम काजल थोड़े गुस्से मे लग रही थी ....
अंदर आते ही उसने नोकरानी को कॉफी बनाने को बोला...
काजल ने काफ़ी गुस्से मे बोला और तेज आवाज़ मे भी....जिसे रूम मे लेटी कामिनी ने सुन लिया...और वो समझ गई कि काजल गुस्से मे है....
कामिनी- काजल...काजल बेटा....यहाँ आओ...
काजल गुस्से से पैर पटकती हुई कामिनी के पास पहुच गई...
काजल के चेहरे पर गुस्सा सॉफ झलक रहा था...
कामिनी- आ गई बेटा....
काजल(गुस्से से)- हाँ आ गई...बोलो क्या काम है....
कामिनी- तू पहले यहाँ बैठ...मेरे पास मे आ...
काजल- मोम...
कामिनी(बीच मे)- चुप...पहले बैठ जा...फिर बोलना...
काजल ना चाहते हुए भी कामिनी के पास बैठ गई...
कामिनी- हाँ..अब बोल...इतना गुस्सा किस बात का...??
काजल- गुस्सा नही करूँ तो क्या करूँ...कुछ भी नही हुआ...
कामिनी- क्या नही हुआ...क्या अंकित ने कुछ...
काजल(बीच मे)- नही मोम...वो साला तो मिला ही नही...इसीलिए तो गुस्सा आ रही है...
कामिनी- नही मिला....तो इसमे इतना गुस्सा क्यो....गया होगा किसी काम से कही...
काजल- तभी तो...मैं इतनी मेहनत से रेडी हुई...कुछ प्लान किया...सोचा था कि आज...पर कुछ नही हुआ...
कामिनी(काजल का हाथ पकड़ कर)- देखो बेटा....ऐसी छोटी बातों पर गुस्सा नही करते....उसे क्या पता कि तुम आ रही हो...अभी नही मिला तो फिर मिल जायगा...
काजल- जानती हूँ...पर...
कामिनी(बीच मे)- कुछ नही...तू बस ये याद रख कि तुझे करना क्या है...और हाँ..ये सब तू गुस्से के साथ तो नही कर पायगी ना...प्यार से करना होगा....
काजल- ह्म्म...जानती हूँ...पर मोम...क्या मैं ये कर पाउन्गी...??
कामिनी- बिल्कुल...मेरी बेटी को देख कर कोई भी पागल हो जाए...ये अंकित क्या चीज़ है...
काजल- सच मे...
कामिनी- हाँ बेटा...तुझे ये करना ही है...नही तो दामिनी को सच पता चल गया तो...
तभी एक जोरदार आवाज़ ने कामिनी और काजल को हिला दिया...
""कौन सा सच कम्मो...""
ये आवाज़ दामिनी की थी ...जो इस वक़्त गेट पर खड़ी हुई थी....दामिनी को देख कर कामिनी सकपका गई...पर काजल ने कुछ रिएक्ट नही किया...
कामिनी- अरे दी तुम...अचानक से...
दामिनी- हाँ...तू ये बता कि कौन से सच की बात कर रही थी...
कामिनी- वो ..दीदी...आप आइए ना...
दामिनी- वो सब छोड़...मुझे पूरी बात बता...और ये तेरा पैर...क्या हुआ...
कामिनी- सब बताती हूँ दीदी..आप आइए तो...
दामिनी भी कामिनी के बेड पर आ कर बैठ गई ...
कामिनी- आप जिस काम से गई थी, वो हुआ क्या...??
दामिनी- वो बाद मे...पहले ये पता कि क्या सच छिपा रही है...बोल जल्दी...
दामिनी को थोड़ा गुस्सा आने लगा था...जिससे कामिनी को थोड़ी घबराहट होने लगी थी....
कामिनी- दीदी...वो..मैं सब शुरू से बताती हूँ..पर गुस्सा मत करना...
दामिनी- तू जल्दी बता...फिर देखुगी...
फिर कामिनी ने आक्सिडेंट से ले कर काजल के साथ हुई बात-चीत तक , सब कुछ दामिनी को बता दिया...