Chuto ka Samundar - चूतो का समुंदर - Page 53 - SexBaba
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Chuto ka Samundar - चूतो का समुंदर

मैने रक्षा की गान्ड पर हाथ फिराया और फिर दोनो फाको को फैला दिया....अब उसके गुलाबी छेद खुले हुए दिखने लगे...

मैं- रक्षा....आज तेरी गान्ड गई....

रक्षा- उउउंम..तो आओ ना भैया...देर मत करो...

और मैने अपनी उंगलियों से रक्षा के दोनो छेदों को कुरेदना शुरू कर दिया...जो रक्षा की सिसकी निकालने के लिए काफ़ी था...

रक्षा- आअहह......भैया....तड़पाओ मत प्लज़्ज़्ज़...

मैं- थोड़ा तड़प ले बेटा...इसी मे तो मज़ा है...

और मैने दोनो छेदों मे अपनी उंगलिया डाल दी...

रक्षा- उउउंम्म...आअहह..भैया...नही ...

मैने रक्षा की बात पर ध्यान ना देते हुए उंगलियों को आगे-पीछे करना जारी रखा...

थोड़ी ही देर मे रक्षा की चूत ने मेरी उंगली को गीला कर दिया ..और मैने उंगलिया निकाल कर रक्षा के मुँह मे डाल दी...

मैं- ले ...अपना रस भी चख ले...

रक्षा- उउउम्म्म्म...आअहह...मुझे आपका चखाओ....

मैं- तो आजा फिर...

और रक्षा पलट गई और मेरा पेंट खोल कर नीचे किया और लंड को आज़ाद करते ही मुँह मे भर लिया....

रक्षा- उूउउंम्म....आअहह...अब मज़ा आया ना....उूउउम्म्म्मम...

मैं- ओह्ह...यस बेटा....यस....

रक्षा ने मेरे लंड को ऐसे चूसना शुरू कर दिया...जैसे जन्मो की प्यासी हो....

रक्षा- सस्स्रररुउउउगग़गग...सस्स्रररूउउग़गग...उूुुउउम्म्म्ममम....

मैं- यस ....ज़ोर से...आअहह...

रक्षा- सस्स्र्र्ररुउउउगग़गग....सस्स्रररूउउगग़गग...सस्स्रररूउउगगगगग...सस्स्रररुउउउगग़गग....

मैं- ओह यस....फास्ट बेबी....फास्ट...आअहह....

आज रक्षा से लंड चुसवाने मे अलग ही आनंद आ रहा था....और रक्षा भी पूरी शिद्दत से लंड को चूस कर तैयार कर रही थी....

थोड़ी देर बाद ही मेरा लंड पूरे जोश मे आ गया...और मैने रक्षा को रोक दिया....


रक्षा ने तुरंत अपनी पैंटी निकाल दी और टांगे फैला कर चुदने के लिए रेडी हो गई...

रक्षा- अब डाल भी दो भैया...देर ना करो...

मैने पेंट को पैरो से निकाला और आगे बढ़ कर रक्षा की चूत पर लंड रगड़ने लगा...

रक्षा- आओउउंम्म...अब डाल भी दो ना...

मैने रक्षा की एक टाँग उपेर उठाई और लंड को चूत की जगह गान्ड ने डाल दिया....

रक्षा- आआहह...गान्ड ही मार दी पहले....उउउम्म्म्म...

मैं- तो क्या....मेरा मान...

और मैने दूसरे धक्के मे ही पूरा लंड गान्ड मे डाल दिया....

रक्षा- आाऐययईईईईई......मार दिया...आआहह....

मैं- बड़ी गर्मी थी ना...अब झेल...

और मैने गान्ड मारना शुरू कर दिया....रक्षा भी चीख रही थी...पर मज़े से गान्ड मरवा रही थी...


रक्षा- आअहह....करो भैया करो...आअहह..आअहह..आअहह...

मैंन- यस बेटा....ले...ईएह..ईएह...

रक्षा ने अपने हाथ से अपनी चूत को मसलना शुरू कर दिया और गान्ड को हिला कर गान्ड मरवाने लगी...

रक्षा- श भैयाअ....फाड़ दो ...आहह..ज़ोर से...आआअहह....

मैं- हाँ बेटा....तू मज़ा कर...ये ले...एस्स..एस्स...

कुछ देर तक रूम मे सिर्फ़ चुदाई की आवाज़े गूँजती रही और रक्षा की सिसकारियाँ तेज होती गई....

रक्षा- आअहह...भैया...अब मैं गई...आअहह...आअहह...

और रक्षा झड़ने लगी....रक्षा के झाड़ते ही मैने स्पीड थोड़ी कम कर दी....

और लंड को गान्ड से निकाल कर रक्षा को इशारा किया....रक्षा ने जल्दी से उठ कर लंड को गले तक भर लिया और चूसने लगी....

आज रक्षा हार्ड चुदाई के मूड मे थी ..और मैं उसे वही दे रहा था...

थोड़ी देर तक लंड चुसवाने के बाद मैने रक्षा को कुतिया बना दिया और उसके उपेर आ कर गान्ड मे लंड पेल दिया...

इस बार मैने एक ही झटके मे पूरा लंड गान्ड मे डाल दिया...
 
इस बार रक्षा को दर्द हुआ और आँसू भी निकले पर वो रुकी नही...बल्कि और जोश मे बोली.....

रक्षा- आआहह.....भैय्ाआअ....अब रुकना मत..करो...

और मैने रक्षा की कमर पकड़ कर उसे तेज़ी से चोदना शुरू कर दिया....

रक्षा- आअहह....करो भैया करो...आअहह..आअहह..आअहह...

मैंन- येस बेटा....ले...ईएह..ईएह...


रक्षा- ऊहह…आअहह…डालो…ज़ोर से…आहह….आहह..

मैं-यस….बेबी…टेक इट..टेक इट…

रक्षा-आहह…जल्दी करो…मेरआई चूत...आअहह...

मैं- तेरी चूत भी मारता हूँ रुक ज़रा.....

रक्षा- आअहह....तेज ...आअहह…आअहह….ज़ोर से,…

मैं रक्षा को पीछे से धक्का मारता और रक्षा अपनी गान्ड को पीछे धकेल्ति…ओर उसकी गान्ड मेरी जाघो पर टकरा कर थप-थप की आवाज़ करती....


थोड़ी देर बाद मैने लंड को गान्ड से निकाला और चूत मे डाल दिया....

और अब फुल स्पीड मे चूत की धज्जियाँ उड़ाने लगा....


रक्षा- आआहह…मज़ा…एयेए…ग्ग्ग...
ययय्या…आहह…..आहह..आह...

मैं-ऐसे ही मज़े…लो…यीहह….टेक इट……

रक्षा-आहह..आह..तेज..तेजज्ज़..तेजज…..ऊहह…….म्मा....

मैं-यस..बेबी….यस….टेक इट....फ़ील्ल..इट…बेबी

रक्षा-आआअहह….फास्ट..फास्ट,,,उउंम..आअहह….फास्ट,….ईीस…यईसस्स…ऊओ...भाय्याअ....


मैं 6-7 मिनिट से रक्षा को पूरी तेज़ी से चोद रहा था….रक्षा फिर से चुदाई की मस्ती मे झड़ने लगी…

रक्षा-आहह...म्मायन्न्न...आइी...ऊहह...येस्स्स...एस्स..आहह....

रक्षा के झाड़ते ही मैने उसे बेड पर लिटा दिया और लंड को उसके मुँह मे डाल के मुँह चोदने लगा....

मैं- अभी मेरा नही हुआ....अब होगा....ईएहह...यीहह...

रक्षा- उउउंम्म...उउउंम्म..उउउंम..उउंम...
मैं- ईएह...एस्स...टेक इट...यीएस्स्स्स...

रक्षा- उउंम्म...क्क्हूओंम्म..क्क्हुऊंम्म..क्क्हुउऊंम्म...

रक्षा के मुँह से एक भी शब्द नही निकल रहा था...सिर्फ़ थूक लंड के साथ बाहर आ रहा था...

मैने रक्षा के बूब्स को हाथो मे लिया और स्पीड बढ़ा दी...

करीब 5 मिनट की मुँह चुदाई के बाद मैने पूरा लंड रस रक्षा के गले मे उतार दिया...

और लंड निकलते ही रक्षा खांसने लगी और उसके मुँह से मेरा लंड रस और उसकी लार बाहर निकल आई...

थोड़ी देर बाद रक्षा नॉर्मल हुई और मुझे देख कर मुस्कुरा दी...

रक्षा- आअहह...आज तो रंडी की तरह चोद डाला...

मैं- तू तो मेरी छोटी रंडी ही है...सिर्फ़ बेड पर...समझी...

रक्षा- ह्म्म्मे..मुझे भी यही पसंद आया...

मैं- अब तू रेस्ट कर..मैं निकलता हूँ...अनु कॉफी के लिए वेट कर रही होगी...

और फिर रक्षा की दमदार चुदाई कर के मैं फ्रेश हुआ और नीचे आ गया...

नीचे अनु मेरा ही वेट कर रही थी...उसने मुझे कॉफी पिलाई और कुछ प्यार भारी बाते भी...

फिर मैं अनु को जल्दी मिलने का बोलकर घर निकल आया....

मैं घर की तरफ आ ही रहा था कि फिर से मेरा फ़ोन बज उठा....इस बार रूही का कॉल था...

मैं- ये अकरम की गर्लफ्रेंड को क्या हुआ....साला आज तो इन लड़कियों ने हद कर दी...अब इसे भी आग लगी है क्या...
 
और मैं गुस्से मे काल अट्टंड करते ही बोला....

मैं- अब तुझे क्यो आग लग गई...

पर सामने वाले की आवाज़ सुन कर मैं शॉक्ड हो गया और कार को ब्रेक मार दी...

मैं- अकरम...तू...पर ये नंबर तो...

अकरम- हाँ..ये रूही का नंबर है...आक्च्युयली मेरा बॅलेन्स ख़त्म हो गया..

मैं- ओह...बोल...क्या हुआ...

अकरम- मैने कुछ देखा...तो सोचा तुझे बता दूं...क्योकि ये बात तुझसे जुड़ी हुई है...

मैं- अच्छा....किस बारे मे बोल रहा है...

अकरम- यार...वो मैने अभी यहाँ रश्मि को देखा...वो तेरे घर मे काम करने वाली...

मैं- अच्छा...कहाँ पर...

अकरम- माल मे ..आइ मीन...माल की पार्किंग मे...

मैं- ह्म्म..तो क्या देख लिया तूने...

अकरम- आक्च्युयली वहाँ रश्मि किसी लड़की के साथ थी...

मैं(बीच मे)- लड़की या औरत....??

अकरम- भाई लड़की ही थी...पर कौन थी ये नही पता....उसने चेहरा छिपा रखा था...

मैं- तो होगी कोई फ्रेंड...इसमे खास क्या है...

अकरम- पूरी बात सुनेगा ...या नही...

मैं- अच्छा बोल..

अकरम- खास बात ये थी...कि पहले उस लड़की ने एक बड़ी सी गड्डी रश्मि को दी....

मैं(बीच मे)- पैसो की ...???

अकरम- फिर बोला...पूरी बात सुन पहले...और गड्डी पैसो की ही थी...


मैं- हाँ बोल...पूरी बात बोल...

अकरम- तो ...पहले उस लड़की ने रश्मि को पैसो की गड्डी दी...फिर वहाँ कुछ गुंडड़े टाइप के दो लोग आए..तो उन्हे रश्मि और उस लड़की ने कुछ समझाया और फिर रश्मि ने कुछ पैसे उन गुंडड़ो को दे दिए....और बाकी खुद ले गई...

मैं- क्या...तुझे यकीन है कि ऐसा ही हुआ था...और वो रश्मि थी...??

अकरम- 100% रश्मि थी...

मैं- ओके..तू उस लड़की का पीछा कर सकता है...??

अकरम- वो तो...वो निकल गई...पर मैं देखता हूँ...

मैं- ओके..तू उसे देख...मैं रश्मि को देख लूँगा...


अकरम से बात करने के बाद मैने सोच लिया कि अब रश्मि का गेम ख़त्म करने की बारी आ गई...

अब तक मैं सिर्फ़ इसलिए रुका था कि सोनम के डॅड का पता चल जाए...फिर रश्मि की बॅंड बजाउन्गा...बट अब दोनो काम जल्दी करने होंगे....पर अभी दामिनी का हाल देख लेता हूँ...

और मैने कार दामिनी के घर दौड़ा दी...

जब मैं दामिनी को देखने पहुचा तो वहाँ रजनी और रिचा मौजूद थी...

मैं वहाँ शाम तक बैठा रहा...बातें होती रही...और मैं दामिनी की आँखो मे झाँकता रहा...पता नही क्यो...पर मुझे कुछ अजीब सा लग रहा था..जैसे दामिनी मुझसे कुछ बोलने ही वाली है...शायद मेरे दिल की चाह यही थी..इसलिए...

मैं कामिनी से भी उसके भाई के बारे मे पूछ नही पाया....क्योकि कामिनी भी सबसे घिरी हुई थी...

रात को जब सब चले गये तो सिर्फ़ मैं और रिचा ही दामिनी के पास थे...

रिचा ने मुझे भी चलने को बोला और उठ कर जाने लगी...

मैं भी उठा..पर तभी लगा कि मेरा हाथ पीछे खीचा गया.....पर जैसे ही मैं मुड़ने को हुआ..तभी गेट के अंदर 2 नौकरानी आ गई...और मेरा ध्यान उन पर चला गया...

फिर मैने मूड कर देखा तो दामिनी की आँखे बंद थी...और उसके हाथ के नीचे मेरा रुमाल था..जो मैने हाथ मे पकड़ रखा था...

मैं(मन मे)- ह्म्म..ये मुझे कैसे रोकेगी....ये बेचारी तो अपने आप को भी नही जानती...

और मैं अपने आप पर मुस्कुराते हुए घर आ गया...

घर आकर मैने देखा कि रश्मि अपने काम मे बिज़ी थी...उसे देखते ही मुझे अकरम की बात याद आ गई...

मैने अकरम को कॉल करके पूछा कि क्या उस लड़की के बारे मे पता चला...पर उसे निराशा ही हाथ लगी...

फ़ोन रख कर मैने सोचा कि अभी रहने देते है...रश्मि को बाद मे देखेगे...आज रात सोनी को निपटा दूं....

फिर मैं रेडी हो गया....सोनी के घर जाने को....आज स्मिता के साथ मेरी रात हसीन होगी...या फिर सोनी की जिंदगी गूंगीं होगी....??????????

जैसे ही सोनी ने गेट खोला तो मुझे सामने देख कर वो और ज़्यादा परेशान हो गया. .क्योकि परेशान तो वो पहले से ही था. ..

मैं- गुड'ईव्निंग मिस्टर.सोनी....

सोनी- गुड....ईव्निंग अंकित...आओ...

मैं- ह्म्म..लगता है की फ़ैसला ले लिया...हां...

और मैं अंदर चला आया ..और सोनी बिना कुछ बोले गेट लॉक कर के मेरे पीछे आ गया... 

मैं(सोफे पर बैठ कर)- तो बोलो...कौन सा रास्ता चुना....

सोनी- अंकित...ये बात ..सिर्फ़ हमारे बीच ही ...

सोनी कहते हुए रुक गया बट मैं समझ चुका था कि ये क्या बोलना चाहता था...

मैं- हाँ..बिल्कुल....ये बात हम 3 के बीच रहेगी...हमेशा....मैं किसी औरत को जॅलील नही करता....ओके..

सोनी- थॅंक यू...

मैं- बट मेरी भी एक शर्त है...

सोनी(चौंक कर)- स..शर्त...क्या....??

मैं- आज इस घर मे जो भी होगा...वो तुम्हारी आँखो के सामने होगा...

सोनी(खीज कर)- ये क्या बोल रहे हो..मैं अपनी बीवी को किसी और के साथ...

मैं(बीच मे)- देखना पड़ेगा....यही तेरी सज़ा है...

सोनी- नही...ये नही हो सकता..

मैं(खड़े हो कर)- तो ठीक है...इंतज़ार करो...पोलीस का....

सोनी- नही...अंकित प्लीज़...इतना सितम मत करो....

मैं- नही सोनी...होगा तो यही...मंजूर हो तो ठीक ...वरना...

मेरी बात सुनकर सोनी कुछ नही बोला...बस सिर झुकाए कुछ सोचने लगा....

मैं- चलो फिर...ऐज यू विश...मैं चलता हूँ...

मैं जाने को हुआ ही था कि सोनी बोल पड़ा....

सोनी- सिर्फ़ एक बार...

मैं- ह्म्म..ठीक है...बाकी मैं अकेले मे ही करूगा...अब बुलाओ उसे ...मेरे पास टाइम नही फालतू का....

सोनी- वो तैयार है...बुलाता हूँ...
 
फिर सोनी ने स्मिता को आवाज़ दी और स्मिता एक मस्त ड्रेस पहने बाहर चली आई....

स्मिता पूरी तरह सज कर आई थी...जैसे हाइ क्लास कॉल गर्ल हो...

ज़ाघो तक स्कर्ट...कसे हुए बूब्स...होंठो पर लिपस्टिक...खुले बाल..और गोरे हाथ...बिल्कुल कयामत ढा रही थी...

मैं- वाउ...आज तो तेरी बीवी बिल्कुल रंडी लग रही है...है ना सोनी...

सोनी क्या बोलता...बस चुछप देख सकता था...जो हो रहा है...और होने वाला है....

मैं- ह्म्म्मई..तो अब अपने कपड़े निकालो...मुझे तेरा नंगा जिस्म देखना है...पूरा नंगा....

मेरे कहने का ही इंतज़ार था और स्मिता अपने पति को देखती हुई...धीरे-2 कपड़े निकाल कर नंगी हो गई...
आज स्मिता का बदन पहले से ज़्यादा गदराया लग रहा था....सोनी भी उसे देख कर गरम ज़रूर हुआ होगा...पर कर कुछ नही पायगा.....

स्मिता ने शरमा कर अपनी चूत को जाघो से और बूब्स को हाथो से छुपा लिया....

मैं स्मिता को देखते हुए उसके पास पहुच गया ओर उसका हाथ उसके बूब्स से हटाने लगा…पर स्मिता ने हाथ नही हटाया…

मैं-अब किस बात की शर्म ….नंगी खड़ी हो …चुदने खुद आई हो ओर अब शरमा रही हो…

स्मिता-क्या करूँ…आज पहली बार अपने पति के अलावा किसी के सामने नंगी हुई हूँ…

मैं-अब नंगी हो ही गई तो शरमाना छोड़ो …

स्मिता-शरम तो आती है ना…

मैं-तो क्यो आई यहाँ…

स्मिता-क्या करूँ…मेरे पति ने जो कहा था...

मैं-तो अब काम पूरा करे…वरना तुम्हारे पति की इक्षा अधूरी रह जाएगी...…हाहाहा

स्मिता- ह्म्म..आप ही करो...क्या करना है....???

मैं- करना क्या है...अपने होंठो का जाम पिलाओ....और हां...ये सोचो कि हम दोनो ही है यहाँ...शरमाई ना ...तो नुकसान तुम्हारा होगा...ओके...

स्मिता(सिर हिला कर)- ह्म्म्मक...

मैने स्मिता को स्माइल दी और आँख मार दी...
 
इसके बाद स्मिता झपट कर मेरे सीने से लगा गई ऑर फिर मेरे होंठो को मुँह मे भर कर चूसने लगी….
मैने भी स्मिता की तरह ही उसके होंठो को चूस रहा था…पर स्मिता तो पूरी गरम हो कर मेरे होंठो को चूसे जा रही थी…

सोनी बेचारा अपनी बीवी की गर्मजोशी को सिर्फ़ देख सकता था ....

थोड़ी देर तक स्मिता मेरे होंठो को चूस्ति रही ऑर मैं उसकी गान्ड दबाता रहा....

स्मिता-आअहह…मज़ा आ गया…अब जल्दी करो…मेरी चूत मे आग लगी हुई है…

मैं-करते है, आराम से...मेरी जान

अचानक स्मिता की इस तरह बात सुनकर सोनी का दिमाग़ घूम गया...पर करे भी तो क्या....उसी ने तो ये करने को कहा था....

फिर स्मिता मेरे सीने को चाटने लगी…
और मैं भी मस्ती मे आहे भरने लगा.....और सोनी अपनी बीवी की हरक़त देख कर बोखलाने लगा.....

फिर स्मिता ने नीचे बैठ कर मेरे लंड को आज़ाद कर दिया और थोड़ी देर तक लंड को देखती रही..…

मैं- देख क्या रही है....कैसा लगा....

स्मिता-देख रही हूँ…कि ये मेरी चूत फाड़ कर ही रहेगा…ऑर कैसा लगा ये टेस्ट कर के बताउन्गी..

ये बात स्मिता के मुँह से सुनकर सोनी का खून खौल उठा...जो उसकी आँखो मे सॉफ दिख रहा था...

मैने एक नज़र सोनी पर मारी और स्माइल कर के बोला....

मैं-तो देर किस बात की करो टेस्ट....तेरे पति से अच्छा ही होगा....

और फिर स्मिता ने मेरे लंड के टोपे मे लेकर चूसा ओर मुँह से निकाल के टोपे पर जीभ चलाने लगी…

स्मिता-उउंम..सस्स्रररुउउप्प…उउउंम्म..उउंम.....

मैं-यस..यस…अंदर ले लो…पूरा...आहह

थोड़ी देर बाद स्मिता ने लंड को मुँह मे भरा...और अपनी स्पीड तेज कर दी ओर लंड को अपने गले की गहराई मे ले जाते हुए चूसने लगी....

स्मिताउउउंम्म…उउउंम्म…उउउम्म्म्ममम…उूुुउउम्म्म्म…उूउउम्म्म्म…सस्स्स्स्रर्र्ररुउुुुउउ…स्रसरर्र्र्ररुउुुउउ…सस्रसरसरररुउुुउउ…
..सस्स्र्र्ररुउउ…उूउउम्म्म्मम

ऐसे ही थोड़ी देर तक स्मिता मेरे लंड की चुसाइ करती रही ऑर एक हाथ से अपनी चूत मसल्ति रही.. ..फिर लंड को मुँह से निकाल कर बोली…

स्मिता-ुआओओउउम्म्म्ममह….टेस्टी है….सच मे…

मैं-ह्म..पसंद आया…

स्मिता-ह्म…

मैं सोनी की तरफ घूमा और स्मिता के थूक से सना लंड सोनी को दिखाया....

मैं- देख सोनी..तेरी बीवी को कितना भा गया मेरा लंड....

सोनी चुप रहा पर उसकी आँखे बता रही थी कि उसका लंड मेरे मुक़वले बहुत छोटा होगा....

मैं-अच्छा स्मिता...तू अब मेरी रखेल है..है ना...

स्मिता(सोनी को देख कर)- हाँ...

मैं- तो बता फिर ...मेरा लंड कैसा लगा....और हाँ...पूरी बेशर्म हो जा...ओके

स्मिता-ह्म्म..ऐसा लंड पास मे हो तो चूत मे ही डाले रहूं…

और मैने स्मिता को खड़ा किया ऑर किस करने लगा..ऑर साथ मे अपने हाथो से स्मिता के बूब्स दबाता रहा…

फिर मैने किस तोड़ा ओर स्मिता को सोफे पर बैठा दिया...

मैं- अब थोड़ा अपनी चूत तो दिखा...तेरा पति भी देखे कि इसने क्या खोया...दिखा जल्दी...

स्मिता ने अपने पैरों को घुटनो से मोड़ा और अपनी चूत सामने खोल दी...
मैं- वाउ...क्या गुलाबी छेद है..देख सोनी...तेरी बीवी की चूत...अब इसका भोसड़ा बनने वाला है...

मैं सोनी का रियेक्शन देख रहा था ....वैसे तो सोनी शर्मिंदा और बौखलाया हुआ था...पर चूत देख कर उसकी आँखे भी ठहर गई थी...

मैने अपनी एक उंगली से चूत के होंठो को अलग किया और छेद मे उंगली डाल दी...जो कि गीली हो रही थी...

मैं- साले सोनी...तेरी बीवी तो अभी से पानी छोड़ने लगी...लगता है मेरा लंड ज़्यादा ही पसंद आ गया...हाहाहा...

सोनी ने फिर से सिर झुका लिया....और मैने अपना ध्यान स्मिता पर लगाया....

मैं थोड़ा झुक कर स्मिता के बूब को चूसने लगा.....

मैं-उउउम्म्म्मह…आहह..उउउम्म्म्मह…

मैं एक बूब को मुँह मे भरता ओर चूस कर बाहर कर देता ओर फिर दूसरे के साथ भी ऐसा ही करता….

स्मिता को मज़ा आ रहा था ऑर वो भी मस्ती मे बोलने लगी…

स्मिता-ओह्ह…आहह…मेरा पति ऐसा करता..क़ास्स्स…आअहह...

ये बात स्मिता ने सोनी को देख कर बोली...जिसे सुन कर सोनी की गान्ड ही लग गई होगी...

मैं-उउउम्म्म्म…उउउंम्म..उउम्म्मह...देख रहा है सोनी....उउउंम्म...

स्मिता-आअहह…पर उसे…तो चूसने का….टाइम..ही…नही..आहह..चूओसो…..

मैं थोड़ी देर तक स्मिता के बूब्स चूस्ता रहा ऑर मसलता रहा …स्मिता के बूब्स मेरे थूक से तर हो गये थे ….
 
फिर मैने स्मिता के दोनो पैरो को फैलाया और उसकी चूत देखने लगा…

मैं-ह्म्म्मद..चूत तो अच्छी है…मस्त चिकनी…

स्मिता-आज ही चिकनी की है…

मैं-अच्छा..तो पूरी तैयार थी...हाँ...

स्मिता-हाँ...मेरे पति ने बोला जो था...

मैं-ह्म्म्मह…सही किया…मुझे चिकनी चूत ही पसंद है…

स्मिता-तो मेरी चूत पसंद आई..???

मैं-अभी बताता हूँ,,,

और मैने थोड़ा झुक कर स्मिता की चूत पर जीभ फिरा दी…ओर जीभ फिरते ही स्मिता ने मेरे सिर को हाथ से पकड़ कर अपनी चूत पर दबा दिया और मैं उसकी चूत चाटने लगा....

स्मिता-ओह्ह.....मज़ा...आ..गया...आअहह.......

मैं-सस्स्रररुउपप...सस्र्र्ररुउउप्प..सस्र्र्ररुउउप्प...

स्मिता-ओह..माँ...किसी ने...नही चाटी थी...उउउंम्म....आअहह...मज़ा...आ...गया....ऊहूहह...

मैं थोड़ी देर तक स्मिता की चूत चाट ता रहा ओर फिर मैने चूत को मुँह मे भर लिया...
स्मिता-ओह्ह..माआ….म्मार्र..ज्जाोऊऊगगीइ….
प्प्पागगाल्ल…क्कार्र…दडिईईय्या….आअहह…म्माआ

मैं स्मिता की चूत को मुँह मे भरे हुए प्यार से चूस रहा था ऑर स्मिता मस्ती मे सिसक रही थी…

और सोनी अब पूरा गरम हो गया था...उसकी बौखलाहट कम हो रही थी...महॉल ही इतना गरम था....

मैं-उम्म्म्ममम…उउम्म्म्मम…उउहमम्म…उउउहमम्म..

स्मिता—आहह…ऊओ..ययईसस…यईीसस….कचूस्स…ल्लूओ…म्म्मी.ररी…ररराज्ज्जज….प्पूउर्रा…आअहह...

स्मिता की मस्ती इतनी बढ़ गई थी कि वो ठीक से बोल भी नही पा रही थी और पति की कोई परवाह ही नही थी....

मैं-उउउंम्म..उउउंम्म..उउंम

स्मिता-आअहह..म्म्मैमईयाईिन्न्न…आईईइ…ऊहह…आईईइ…कच्छूस्स्स ल्लू..

स्मिता पूरी मस्ती मे झड़ने लगी ऑर मैं उसकी चूत को मुँह मे भरे हुए उसके चूत रस को पीने लगा….

जब मैने चूत रस पी लिया तो उसकी चूत को मुँह से निकाल कर खड़ा हो गया….

स्मिता-आअहह….सच मे..मार ही डाला…क्या..करते हो..

मैं-अभी तो शुरुआत है…अब आ जाओ तुम्हे जन्नत दिखाता हूँ…वैसे सोनी...तेरी बीवी बड़ी टेस्टी है...उउउम्म्म्म....

इस बार सोनी ने हल्की सी स्माइल दे दी...तो मैं समझ गया कि बंदा एंजाय करने लगा है....

फिर मैने स्मिता के पैर को फैला कर अपना लंड उसकी चूत मे सेट किया ऑर धक्का मारा…

स्मिता-आहह…

मैं-अभी तो गया ही नही..जाने तो दे ...

ओर मैने दूसरा धक्का मारा..ऑर आधा लंड चूत के अंदर

स्मिता-ओह्ह्ह्ह….उउंम….आराम से..

मैने तुरंत ही फाइनल धक्का मारा ऑर लंड पूरा स्मिता की चूत मे घुस गया…

स्मिता-आहह..अहहह….ऊहहूओ…..म्म्मा ररर दिदीय्य्या….

मैं-दर्द हुआ…

स्मिता-आहह..हहाअ..बड़ा..है….आअराम से…आहह....

मैने फिर स्मिता को गले से पकड़ कर किस किया ऑर उसके बूब्स पर हाथ फिराते हुए उसे धीरे-धीरे चोदना शुरू कर दिया....

स्मिता-आहह..ऊहह…अहह…उउंम..आईईसे...ही…आहह..

मैं थोड़ी देर तक स्मिता को प्यार से चोदता रहा ऑर फिर स्मिता नॉर्मल हुई ऑर बोली...

स्मिता-आअहह...बहुत अच्छा चोदते हो....उउउंम्म...

मैं-अभी आगे तो देख....

और मैने स्मिता को तेज़ी से चोदना शुरू कर दिया ओर हमारी चुदाई की आवाज़े स्मिता की सिसकारियो के साथ निकलने लगी…

स्मिता-आहह…..आह…यईीसस..ईीस…ईीस….यईीस..आहह..ऊहह..श 

मैं-यीह….टेक इट बेबी..यह….

स्मिता-आहह..आहह..आहह…यईसस्स

मैं स्मिता के बूब्स सहलाते हुए उसे चोदे जा रहा था ऑर स्मिता भी अपनी गान्ड को उचका कर लंड को अंदर ले रही थी……

मैं-ईीस्स..बेबी….यीह….बेबी

स्मिता-आहह..अहहह..अहहह….ईीस्स…तीएजज….आअहह..तीज्ज्ज

मैं-येस्स्स…ये....लो…ईएह..ईएह

स्मिता-ज़ूओरर…सससी…आहहह…आऐईइईसीए…हहिी…आहहह….ज़्ज़ूऊररर…ससी

कारेब 5-6 मिनिट मैं तेज़ी से स्मिता को चोदता रहा फिर मैने स्मिता को उसके पति के सामने खड़ा कर दिया…

और स्मिता की एक टाँग को हाथ से पकड़ कर उठाया ऑर लंड को चूत मे डाल दिया…और पूरी स्पीड से चुदाई शुरू कर दी…..
स्मिता- आहह…मज़ा…एयेए…ग्ग्ग...
ययय्या…आहह…..आहह..आह...

मैं-ऐसे ही मज़े…लो…यीहह….टेक इट……

स्मिता-आहह..आह..तेज..तेजज्ज़..तेजज…..ऊहह…….म्मा

मैं-यस..बेबी….एस….टेक इट....फ़ील्ल..इट…बेबी

स्मिता-आअहह….फास्ट..फास्ट,,,उउंम..आअहह….फास्ट,….ईीस…यईी.स…ऊओ


मैं 10 मिनिट से स्मिता को पूरी तेज़ी से चोद रहा था….स्मिता फिर से चुदाई की मस्ती मे झड़ने लगी…
 
स्मिता-आहह...म्मायन्न्न...आइी...ऊहह...एसस्स...येस्स..आहह

ऑर स्मिता झड़ने लगी ऑर चुदाई की आवाज़े बदलने लगी...

आअहह…आह..यईीसस…..उउंम…फ़फफुऊूउक्च..फ्फक्च…फ्फूककच्छ……ईएहह..ईएहह..आअहह..ऊहह…आहह..आह…
.फ्फक्च्छ..फ़्फुूककच्छ..आहह..अहहह….आअहह

ऐसी आवाज़ो के साथ स्मिता झड रही थी ऑर मैं उसको चोदे जा रहा था……..

और सोनी अपनी बीवी की चूत से निकलते चूत रस को देख कर गरम हो रहा था....जो कि स्मिता की चूत से उसकी जाघो पर बह रहा था....

जब स्मिता झाड़ चुकी तो थोड़ी थकि हुई लगने लगी और मैने उसे चोदना बंद किया ऑर उसकी चूत से लंड निकाला और सोफे पर बैठ गया…..

स्मिता भी मेरे पास आई ऑर झुक कर मेरे लंड को मुँह मे भर के चूसने लगी…..

स्मिता की खुली हुई चूत बिल्कुल सोनी के सामने थी...और सोनी अपनी बीवी का रंडीपन देख कर और ज़्यादा रोमांचित हो उठा....

मेरा लंड तो खड़ा ही था…स्मिता की चुसाइ ने पूरा कड़क कर दिया…

फिर स्मिता ने लंड को मुँह से निकाला ऑर कहा…

स्मिता-अब रेडी हूँ…जल्दी से चोदो मेरी चूत फिर से गरम हो गई.....

मैं-ओके..आ जा सवारी करवा दूं.…

ऑर मेरे कहते ही स्मिता मेरी गोद मे आकर बैठ गई ओर लंड के दोनो साइड पैर रख कर लंड को चूत मे भरते हुए मेरी जाघो पर बैठ गई..

मैने देर ना करते हुए उसकी गान्ड पकड़ कर नीचे से धक्के मारना चालू किया ऑर स्मिता मेरे सीने पर झुक कर उपर से गान्ड उछाल-उछाल कर लंड को चूत मे लेने लगी….

स्मिता-आहह..आहह..येस्स..येस्स्स…कब्से तड़प रही थी…आअहह..ऐसी चुदाई को…ऊहह…येस..येस्स…

मैं-यह..बेबी….तेज़ी से उछलो…आहह…ऐसे ही ऑर तेज..

स्मिता-यस..यस..यस….आहह….ये ..लो…ओर…तेजज्ज़..ह्म…ऑर तीज्ज्ज..

ऑर स्मिता चुदाई मे मस्त हो कर जितना तेज हो सके उतना मेरे लंड पर उछलने लगी और सोनी ये नज़ारा देख कर सोचने लगा कि उसकी बीवी कितनी प्यासी थी....

स्मिता-उम्म्म…आहह...आहह...येस्स...एस्स..फास्ट..फास्ट...फास्ट.....उउउम्म्म्म....

ठाआप्प..त्ताप्प..उउउंम…ईसस्स…आहह..त्तप्प..त्ताप्प्प..त्ततापप्प..त्त्टहाहप्प्प…उउंम….उउंम्म…उउउंम..त्ताप्प…त्ततापाप…त्ताप्प..

स्मिता की गान्ड मेरी जाघो पर टकरा रही थी ऑर स्मिता पूरे जोश के साथ अपनी चुदाइ करवा रही थी…..

स्मिता-आअहह..आहह…ऊहह..येस्स…क्या लंड है..आहह…..एस…येस्स…चोदो…चोदो…ज़ोर से....

मैं-ये ले मेरी रानी…तेज़ी से..ले..अंदर तक…

फिर थोड़ी देर बाद स्मिता की स्पीड कम हो गई..वो थक गई थी...

मैने जल्दी ही उसे गोद से उतारा और बाजू मे लिटा कर साइड से लंड उसकी चूत मे डाल दिया…

और उसकी जाँघ को दबा कर तेज़ी से चोदने लगा…
स्मिता-ऊहह…आअहह…मारो…ज़ोर से…आहह….आहह.....

मैं-यस….बेबी…टेक इट..टेक इट…

स्मिता-आहह…तेज करो…मेरा पति..आहह….मुझे देख रहा…आअहह…ऊहह…फास्ट...फास्ट...

मैं-ऐसी गरम बीवी हो....ईएह...उसको चुदाई तो देखने दे...

स्मिता-आअहह..आअहह…वो नही कहता तो...आअहह...तुम कैसे चोद पाते…ऊहह…आअहह….ज़ोर से,…

मैं स्मिता को तेज़ी से चोदे जा रहा था और स्मिता अपने पति को देखते हुए चीख रही थी...और सोनी भी मस्त हो चुका था....

स्मिता---उउम्म्म्म…..उउंम्म….उउउंम्म….उउउम्म्म्ममह

मैने स्मिता को आगे धक्का मारता ऑर स्मिता अपनी गान्ड को आगे धकेल्ति…ओर उसकी गनन्ड मेरी जाघो पर टकरा कर थाप मारती....और हर थप की आवाज़ ...सोनी के लंड को झटका देती....

मैं स्मिता को कुछ देर और तेज़ी से चोदता रहा ओर वो झड़ने के करीब आ गई....

स्मिता-ऊहह..म्म्माऔ…म्मैमईन्न…फ्फीयरर..सीए..आऐईइ..आहह…त्तीज्ज्ज…यएएसस..येस्स…ऊवार..तीज्ज…ऊहहूओ

ऑर ऐसी आवाज़े करती हुई स्मिता फिर से झड़ने लगी ऑर मैने वैसे ही स्पीड से उसे चोदना चालू रखा फॅक-फॅक की आवाज़े फिर से गूज़्ने लगी...

स्मिता-ऊहह….आअहह..अहहह..आ..ऊहह..ऊहह….ऊहह…

आअहह……अह्ह्ह्ह..त्ताप्प्प..त्तताप्प…फ़फफुककच्छ....फ़फफूूककच..आअहह..त्ताप्प्प….फ़फफूूक्चह…ऊओह..ईससस्स..आअहह
…यईएहह…बेबी…..आअहह..ऊहह
 
ऐसी ही आवाज़े होती रही ऑर मैं स्मिता को चोदता रहा……जब मैं झड़ने के करीब आ गया तो मैने कहा…

मैं-आअहह..बेबी…मैं आ रहा हूँ…कहाँ डालु…

स्मिता-आअहह...मुझे चखना है…मेरे मुँह मे…ऊओह…डाअल्ल्लूओ....

मैने तुरंत ही स्मिता को छोड़ दिया और स्मिता उठ कर घुटनो पर नीचे बैठ गई ओर मेरे लंड को मुँह मे भर कर हाथ से आगे पीछे करने लगी,,,,

थोड़ी देर बाद मैं झड़ने लगा,,,,ऑर स्मिता ने मेरा लंड रस पीना शुरू कर दिया...और थोड़ा रस मुँह से निकाल कर उसके बूब्स पर आ गया.....

स्मिता मुँह मे भरे लंड रस को पी गई और टपक चुके लंड रस को बूब्स पर मलने लगी ऑर थोड़ा -2 चाटने लगी....

स्मिता अपनी मस्ती मे लंड रस से खेल रही थी और ये सब देख कर सोनी शर्मिंदा हो रहा था...

आज उसे लग रहा था कि उसने अपनी बीवी को कभी चुदाई की असली ख़ुसी नही दी....

चुदाई कर के मैं सोफे पर बैठ गया और स्मिता भी आ कर मेरी गोद मे बैठ गई ओर मुझे किस करने लगी…...

स्मिता-मज़ा आ गया ..सच मे…मेरे पति ने ऐसा कुछ कभी नही किया था…

मैं-ह्म्म..पर मेरे मज़े का क्या…

स्मिता-क्यो तुम्हे मज़ा नही आया…

मैं-आया..पर जब तक मैं गान्ड ना मारु…मेरा मज़ा अधूरा रहता है…

स्मिता-ओह…ऐसा…तो वो इक्षा भी पूरी कर लो...मेरा पति भी देख लेगा कि गान्ड असली मर्द ही मार पाते है....

मैं-हाहाहा...ज़रूर....पर अभी टाइम नही...वैसे भी अब तुम मेरी रखेल हो...कभी भी मार लेगे.....

स्मिता- ओके...

और फिर मैने स्मिता को अंदर भेज दिया और खुद फ्रेश हो कर रेडी हो गया....

मैं- ओके सोनी...चलता हूँ...अब तो रोज ही आना होगा...मेरी रखेल जो है यहाँ...

फिर मैं गेट तक आया और रुक गया...

मैं- सोनी...अब से तुम्हारी जॉब और तुम्हारा नाम वैसा ही होगा..जैसा पहले था...

सोनी(चौंक कर)- एम्म..मतलब..??

मैं- कल से मेरा दूसरा ऑफीस जाय्न करो..सेम पोस्ट पर...

सोनी- अंकित...

सोनी खुशी से हैरान था...उसके मुँह से कोई शब्द नही निकल पाया....

मैं- हाँ...तुम्हारी वही इमेज होगी जो आज तक थी...और तेरी बीवी भी तेरी ही रहेगी...अब खुशहाल जिंदगी जियो....

सोनी(खुशी से रोते हुए)- थॅंक यू...थॅंक यू अंकित...थॅंक यू....

मैं- पर याद रखना....1 पैसे की भी गद्दारी की ...तो इस बार ..नो टाइम...तो आरगु....ओन्ली पनिशमेंट...समझा...चल बाइ...

सोनी खुशी के आँसू बहा रहा था और मैं वहाँ से निकल आया...
 
कार मे बैठे हुए मैं सोच रहा था ...कि मैने आज क्या किया...

मैने सोनी को जलालत की हद तक जॅलील किया...और फिर माफ़ भी कर दिया...क्या सोनी इससे खुश रहेगा...या फिर कुछ आक्षन लेगा...

वेल...मुझे जो समझ मे आया...मैने कर दिया....

आइ डोंट नो ....एम आइ आ गुड पर्सन...ऑर बॅड....????????????????
फिर मैं घर आया और सोनी के साथ की गई हरक़त के बारे मे सोचता हुआ सो गया......

सुबह जब जगा तो संजू मेरे सामने खड़ा हुआ था....असल मे उसी ने मुझे जगाया था....

मैं(आँख मलते हुए)- तू...सुबह-सुबह....क्या हुआ भाई ...

संजू- अबे...होना क्या है...आज स्कूल चलना है....

मैं- स्कूल...हाँ यार...काफ़ी दिन हो गये स्कूल की सकल देखे...

संजू- ह्म्म..और इसी लिए प्रिन्सिपल ने तुझे लाने को बोला है...

मैं- क्या...प्रिन्सिपल ने...मर गये...साला बहुत सुनायगा....

संजू- हाँ...वो तो है...तो जल्दी से रेडी हो जा...और हाँ...अकरम भी आ रहा है...

मैं- ह्म्म...तो रुक...अभी रेडी होता हूँ....

फिर मैं रेडी हुआ और अकरम और संजू के साथ स्कूल निकल गया....

जाते ही प्रिन्सिपल ने अच्छी-ख़ासी क्लास ले ली...बट मैने डॅड के ऑफीस की बात बता कर अपने आप को कुछ हद तक बचा लिया....पर आज मुझे फुल टाइम स्कूल मे निकालना था...ताकि प्रिन्सिपल खुश हो जाए...

लंच तक तो सब ठीक रहा...बट उसके बाद मैं बोर होने लगा...बट मजबूरी थी...इसलिए लाइब्ररी मे पढ़ने के बहाने रेस्ट करने चला गया....

मैं वहाँ बुक खोल कर रेस्ट ही कर रहा था कि रूबी आ गई...और मुझे देखते ही शरमाने लगी...

मैं- अब इसको क्या हुआ...ये लड़किया भी ना...

रूबी(मेरे पास आ कर)- ऐसे क्या देख रहे है...भूल गये क्या ...??

मैं- ना..नही तो...कैसी हो...

रूबी- यहाँ कैसे बताऊ...

मैं- मतलब...??

रूबी- अरे ..सुनो...आपको पता है कि मेरा हाल क्या है...

मैं- नही तो...क्या हुआ...

रूबी- क्या हुआ...आपने मुझे सेक्स की आदत लगा दी...और अब भूल गये....

मैं- ओह...तो ये बात है...

रूबी- ह्म्म्म...कुछ करो ना...

मैं- देखो...ये जगह इस सब के लिए ठीक नही...बाद मे मिलना...

रूबी- यहाँ सिर्फ़ मैं और आप ही है...

मैं- ओह गॉड...इतनी गर्मी...तुम कह रही हो कि यहाँ करूँ....

रूबी(सिर हिला कर)- हमम्म...

मैं- पागल है क्या...किसी ने देख लिया तो बॅंड बज जाएगी...

रूबी- कुछ नही होगा...कोई अंदर आएगा तो पहले ही पता चल जायगा...

मैं- वो कैसे...??

रूबी- मेरी फ्रेंड बाहर खड़ी है...वो बता देगी...

मैं- हे साला...तू तो पूरी तैयारी से आई है...हाँ...

रूबी- ह्म्म..मैने आपको आते देख लिया था...

मैं- ओह..पर मेडम का क्या...वो तो होगी ही...

रूबी- वो काउंटर छोड़ के कहीं नही जाती...और हम बुक सेल के पास करेंगे...

मैं- तू ना...तू पागल हो गई है...

रूबी- प्ल्ज़ भैया...बहुत मन है...देखो ना..

और रूबी उपेर से ही अपने एक बूब को मसल्ने लगी....

मैं- तुम लोग ना चाहते हुए भी मूड बना देती हो...

रूबी(मुस्कुरा कर)- हाँ भैया...अब मान भी जाओ...प्ल्ज़्ज़...

मैं(मन मे)- सेक्स के लिए इतनी बेताबी...ये क्या कर दिया मैने...चोदता ही नही तो ठीक था...अब भुग्तो...

रूबी- चलो ना भैया...टाइम कम है...

मैं(मुस्कुरा कर)- तू नही मानेगी..हाँ...अच्छा चल..पर याद रखना..फस गये तो तू पछताएगी...

रूबी- नही फसूगी...मेरी गारंटी...

मैं- तो चल फिर...देखु तेरी गर्मी...आजा...

और मैं रूबी के साथ बुक सेल की तरफ आ गया...

हम बुक सेल के बीच मे थे...हमे बाहर से आने वाला देख नही सकता था...पर हम सबको देख सकते थे...
 
वहाँ आते ही रूबी ने मुझे बाहों मे जाकड़ लिया और चूमने लगी.....

मैं- अरे...साला टाइम कम है और तुझे फुल रोमॅन्स सूझ रहा है...जल्दी से प्यास बुझा और निकलते है....

रूबी- ह्म्म्मे....तो घर पर आ कर रोमांस करना..ओके...

मैं- ओके...अभी तो जल्दी कर...मेरा लंड खड़ा होने लगा है....

रूबी ने झट से नीचे बैठ कर मेरा लंड आज़ाद किया और चूसने लगी....

थोड़ी देर मे ही उसने लंड चूज़ कर तैयार कर दिया.....

मैं- अब आजा...तेरी आग बुझाता हू...

और मैने रूबी को आगे झुका कर नीचे से नंगा किया और लंड चूत के अंदर.....

रूबी- आऐईयइ.....माररर गई...

मैं- अब जल्दी मे तो मारेगी ही....अब चुपचाप मज़ा कर..

और मैने कमर पकड़ कर चुदाई शुरू कर दी....और जब तक चोदता रहा तब तक रूबी झड नही गई...

रूबी के झड़ने के बाद भी मैने चुदाई नही रोकी....और जोरदार चुदाई चालू रखी...

और चुदाई का संग्राम हम दोनो के झड़ने के साथ ख़त्म हुआ....

हम दोनो के झाड़ते ही रूबी फिर से मेरे लंड को चूसने लगी...और जब जी भर के लंड चूस लिया तो उठ कर मेरे गले लग गई...

मैं- अब खुश है ना...स्कूल मे भी चुदवा के मानी तू...

रूबी- ह्म्म..आप सच मे बहुत अच्छे है....जल्दी मान जाते है...

मैं- चल...मस्का मत मार...वो तो मेरा भी मन हो गया था इसलिए...

रूबी- ह्म्म..पर आपको मेरी एक बात माननी होगी...

मैं- कौन सी बात...??

रूबी- पहले प्रोमिस करो कि ना नही कहोगे....

मैं- देख...ऐसे प्रोमिस नही करता मैं...काम बोल फिर देखुगा...

रूबी- ओके...तो आपको मेरे घर आना है...

मैं- अच्छा...और किस लिए...तेरी गान्ड मारने...

रूबी- वो तो आपकी ही है..मार लेना...पर आपको आना होगा...प्ल्ज़..ना नही कहना...मुझे आपसे बहुत खास काम है...

मैं- खास काम...बताओ तो...

रूबी- नही..आप घर आएँगे तभी बताउन्गी...प्ल्ज़ भैया...आ जाना ना...

मैं- ऊओककक...आ जौगा...बस...पर टाइम मिलेगा तब...

रूबी- प्रोमिस...

मैं- ह्म्म्मप....ओके..प्रोमिस...जल्दी आउगा...टाइम मिलते ही...

रूबी- थॅंक यू....मैं इंतज़ार कारूगी...

मैं- ओके ओके...अब चलेगी भी...
 
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