hotaks444
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कुछ देर पहले का फ्लॅशबॅक...........
वसीम अपने घर से निकला और अकरम उसके पीछे लग गया....
यहाँ मैं अपने घर से निकला और सरद मेरा पीछा करने लगा....
यहाँ वसीम पार्क मे पहुचा और उसने सोनू और सोनम को वहाँ मिलने बुलाया ....
यहाँ मैं संजू के घर से निकल कर संजू को ढूढ़ने अमर के घर जाने लगा.....
तभी मुझे कार मे अकरम का कॉल आया...उसने मुझे पार्क मे आने को कहा तो मैने कार, पार्क की तरफ घुमा दी...
सरद ने तब तक अपने भाई के भेजे गये शूटर को रास्ते से उठा लिया और मेरे पीछे पार्क जाने लगा....
यहाँ पार्क मे जब सोनू और सोनम वसीम से मिले तो वसीम ने सोनू से मुझे शूट करने का बोला...
सोनू हैरान हुआ...पर वो ये सोचने लगा कि मुझे कॉल कर के बता देगा और बचा भी लेगा...वैसे भी अंकित तो अभी है ही नही....
पर वसीम ने सोनम की कनपटी पर पिस्टल लगा कर सोनू से ही मुझे कॉल करवा दिया....
( कॉल पर )
सोनू- हेलो...अंकित...
मैं- हाई सोनू...क्या हाल है...
सोनू- मैं ठीक हूँ तू बता...
( वसीम ने पिस्टल को सोनम के सिर पर दबाया और सोनू से ये पूछने बोला कि अंकित अभी कहाँ है...)
मैं- मैं ठीक हूँ भाई....
सोनू- ओके ....अच्छा तू कहाँ है अभी...
मैं- अभी...अभी तो रोड पर हूँ....क्यो...
सोनू- रोड पर...पर कहाँ...
मैं- क्या हुआ...कोई बात है क्या...ओह हाँ...अरे सॉरी यार...वो तुम्हारे प...
सोनू(बीच मे)- वो छोड़...ये बता कि है कहाँ ...
मैं- यार..क्या बोलू...अभी मैं फ्रेंड से मिलने जा रहा हूँ...
सोनू- कहाँ पर...
मैं- वो...****** पार्क है ना...वहाँ...
( वसीम ने सोनू से फ़ोन रखने को कहा...)
सोनू- ओह...ओके तू मिल ले फ्रेंड से...मैं बाद मे कॉल करता हूँ...बाइ...
मैं- ब्ब...कट कर दिया...बड़ी जल्दी मे था....
जैसे ही सोनू ने कॉल किया तभी वसीम बोला...
वसीम- आज खुदा भी मेरे साथ है...साला यही आ रहा है मरने....
सोनू- क्क..क्या मतलब...
वसीम- मतलब ये कि तू आज उसे मेरे सामने शूट करेगा...
सोनू- पर कैसे ...आइ मीन मेरी गन..
वसीम(बीच मे )- ये ले चाबी...मेरी कार मे है...जा ले आ...और अपना फ़ोन दे कर जा...और याद रखना...कोई भी होशियारी की तो तेरी बेहन की कनपटी का भुर्ता बन जायगा...
सोनू- नही. .ओके...मैं लाता हूँ..लाता हूँ...
सोनम- भाई...
सोनू- डोंट वरी...मैं तुम्हे कुछ नही होने दूँगा...सब ठीक होगा..ट्रस्ट मी...
फिर सोनू जा कर गन ले आया और वो तीनो पार्क मे एक जगह छिप कर खड़े हो गये और मेरा वेट करने लगे....
यहाँ मैं पार्क मे पहुँचा और अकरम के साथ एक पेड़ की छाया मे चला गया...
और सरद अपने शूटर के साथ वसीम और उसके शूटर को ढूँढने लगा.....
मैं जब अकरम से मिला तो वो बहुत परेशान दिख रहा था ...
मैं- क्या हुआ...इतना परेशान क्यो है...
अकरम- क्या बोलू यार...कुछ समझ नही आ रहा....
मैं- क्या...मुझसे कुछ कहने मे तुझे झिझक होने लगी...क्या हो गया तुझे...तू वही अकरम है ना...
अकरम- हाँ...मैं वही अकरम हूँ...पर हालात बदहाल चुके है...
मैं- हालात कभी ऐसे नही बदहाल सकते कि एक दोस्त को दूसरे दोस्त से झिझक हो...समझा...जो भी है...बोल दे...
अकरम- ह्म्म..थॅंक्स...
मैं- थॅंक्स के बच्चे...बोल भी अब...
अकरम- यार...तू सही था...वसीम ख़ान के बारे मे....वो सही आदमी नही है...
मैं(हैरानी से)- वसीम ख़ान...ऐसा भी क्या हो गया जो तू अपने डॅड का नाम लेने लगा...
अकरम- डॅड..हहा...वो भी बताउन्गा...पर अभी ये सुन ले जो मुझे पता चला....
मैं- ह्म्म..बता...
अकरम- मुझसे घर मे एक सीक्रेट रूम मिला...और वहाँ ऐसा बहुत कुछ मिला...जिससे साबित होता है कि तू सही था...वसीम ख़ान अच्छा आदमी नही...और वो तेरे पीछे हाथ धोकर पड़ा है...
मैं- क्या देखा तूने...बता मुझे....
अकरम(एक मोबाइल दे कर)- इसमे कुछ वीडियो है...तू देख ...फिर बात करेंगे....
मैने अकरम से मोबाइल लिया और सारे वीडियो देखने लगा....
वीडियो देख कर मुझे कुछ डाउट हुए पर मैं चुप रहा...क्योकि मैं कन्फर्म नही था....
अकरम- तू इनमे से किसी को जानता है...
मैं- नही...पर मैं पता कर लूँगा....
अकरम- ओके...तो तू पता कर...फिर बाकी बारें भी बताउन्गा...
मैं- तू अभी बोल सकता है...
अकरम(मुस्कुरा कर)- भरोशा नही क्या...
मैं(हंस कर)- अपने आप से ज़्यादा....
फिर मैने गौर किया कि अकरम कुछ मायूस सा है...तो मैने उसका मूड ठीक करने का सोचा.....
मैं- वैसे आज मेरी निकल कर के आया तू...हाँ...सेम टी-शर्ट...
अकरम(मुस्कुरा कर)- हाँ यार...कमाल हो गया ना...
मैं- ह्म..हम कॅप लगा ले तो कोई पहचान भी नही सकता...ये देख...
फिर मैने अकरम और अपना कॅप लगा दिया और अपने चश्मे भी चढ़ा लिए...
अकरम- ह्म्म ...अब पूरे सेम है...हाहाहा....चल अब...
मैं- हाँ..
और जैसे ही हम चले तो मेरा शूलेशस निकल गया और मैं उसे ठीक करने लगा...और अकरम पेड़ से निकल कर सामने आया...
अकरम को देख कर वसीम को मेरा कंफ्यूज़न हुआ...कपड़े देख कर...उसने पिस्टल को सोनम के सिर पर दबाया और सोनू को फाइयर करने का इशारा किया...
सोनू ने भी सोच लिया कि गोली गर्दन के बाजू से चला देता हूँ...
तभी सरद ने सोनू को देख लिया और अपने शूटर को सोनू को मारने को कहा.....
सरद के शूटर ने निशाना लगाया और फाइयर करने के पहले सोनम ने उसे देख लिया...
सोनम अपने भाई को बचाने उसके सामने आई और तब तक सरद का शूटर फाइयर कर चुका था...गोली सोनम के सीने पर लगी...
सोनम के आगे आने से सोनू का बॅलेन्स बिगड़ा और जो गोली वो गर्दन के बाजू से निकाल रहा था...वो अकरम की गर्दन चीरते हुए निकल गई...
गोली लगते ही सोनम और अकरम चीख उठे...
सोनू , सोनम को देख कर उसे संभालने लगा...तभी वसीम की नज़र अकरम पर गई...गोली लगते ही उसका सिर हिला और उसका कॅप और चश्मा निकल गया ...
वसीम ने जब अकरम को देखा तो वो सुन्न पड़ गया...
यहा मैं अकरम की चीख सुन कर भागा और उसे ऐसी हालत मे देख कर हैरान रह गया...
मैने अकरम को उठाया और कार तक भागा...तभी वहाँ सोनू भी सोनम को ले कर अपनी कार तक आ गया था...
हमने कोई बात नही की बस कार को हॉस्पिटल की तरफ दौड़ा दिया...
सरद अपने शूटर के साथ गोली लगते ही भाग गया था...और वसीम वही सुन्न हालत मे ज़मीन पर बैठा अफ़सोस कर रहा था........
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वसीम अपने घर से निकला और अकरम उसके पीछे लग गया....
यहाँ मैं अपने घर से निकला और सरद मेरा पीछा करने लगा....
यहाँ वसीम पार्क मे पहुचा और उसने सोनू और सोनम को वहाँ मिलने बुलाया ....
यहाँ मैं संजू के घर से निकल कर संजू को ढूढ़ने अमर के घर जाने लगा.....
तभी मुझे कार मे अकरम का कॉल आया...उसने मुझे पार्क मे आने को कहा तो मैने कार, पार्क की तरफ घुमा दी...
सरद ने तब तक अपने भाई के भेजे गये शूटर को रास्ते से उठा लिया और मेरे पीछे पार्क जाने लगा....
यहाँ पार्क मे जब सोनू और सोनम वसीम से मिले तो वसीम ने सोनू से मुझे शूट करने का बोला...
सोनू हैरान हुआ...पर वो ये सोचने लगा कि मुझे कॉल कर के बता देगा और बचा भी लेगा...वैसे भी अंकित तो अभी है ही नही....
पर वसीम ने सोनम की कनपटी पर पिस्टल लगा कर सोनू से ही मुझे कॉल करवा दिया....
( कॉल पर )
सोनू- हेलो...अंकित...
मैं- हाई सोनू...क्या हाल है...
सोनू- मैं ठीक हूँ तू बता...
( वसीम ने पिस्टल को सोनम के सिर पर दबाया और सोनू से ये पूछने बोला कि अंकित अभी कहाँ है...)
मैं- मैं ठीक हूँ भाई....
सोनू- ओके ....अच्छा तू कहाँ है अभी...
मैं- अभी...अभी तो रोड पर हूँ....क्यो...
सोनू- रोड पर...पर कहाँ...
मैं- क्या हुआ...कोई बात है क्या...ओह हाँ...अरे सॉरी यार...वो तुम्हारे प...
सोनू(बीच मे)- वो छोड़...ये बता कि है कहाँ ...
मैं- यार..क्या बोलू...अभी मैं फ्रेंड से मिलने जा रहा हूँ...
सोनू- कहाँ पर...
मैं- वो...****** पार्क है ना...वहाँ...
( वसीम ने सोनू से फ़ोन रखने को कहा...)
सोनू- ओह...ओके तू मिल ले फ्रेंड से...मैं बाद मे कॉल करता हूँ...बाइ...
मैं- ब्ब...कट कर दिया...बड़ी जल्दी मे था....
जैसे ही सोनू ने कॉल किया तभी वसीम बोला...
वसीम- आज खुदा भी मेरे साथ है...साला यही आ रहा है मरने....
सोनू- क्क..क्या मतलब...
वसीम- मतलब ये कि तू आज उसे मेरे सामने शूट करेगा...
सोनू- पर कैसे ...आइ मीन मेरी गन..
वसीम(बीच मे )- ये ले चाबी...मेरी कार मे है...जा ले आ...और अपना फ़ोन दे कर जा...और याद रखना...कोई भी होशियारी की तो तेरी बेहन की कनपटी का भुर्ता बन जायगा...
सोनू- नही. .ओके...मैं लाता हूँ..लाता हूँ...
सोनम- भाई...
सोनू- डोंट वरी...मैं तुम्हे कुछ नही होने दूँगा...सब ठीक होगा..ट्रस्ट मी...
फिर सोनू जा कर गन ले आया और वो तीनो पार्क मे एक जगह छिप कर खड़े हो गये और मेरा वेट करने लगे....
यहाँ मैं पार्क मे पहुँचा और अकरम के साथ एक पेड़ की छाया मे चला गया...
और सरद अपने शूटर के साथ वसीम और उसके शूटर को ढूँढने लगा.....
मैं जब अकरम से मिला तो वो बहुत परेशान दिख रहा था ...
मैं- क्या हुआ...इतना परेशान क्यो है...
अकरम- क्या बोलू यार...कुछ समझ नही आ रहा....
मैं- क्या...मुझसे कुछ कहने मे तुझे झिझक होने लगी...क्या हो गया तुझे...तू वही अकरम है ना...
अकरम- हाँ...मैं वही अकरम हूँ...पर हालात बदहाल चुके है...
मैं- हालात कभी ऐसे नही बदहाल सकते कि एक दोस्त को दूसरे दोस्त से झिझक हो...समझा...जो भी है...बोल दे...
अकरम- ह्म्म..थॅंक्स...
मैं- थॅंक्स के बच्चे...बोल भी अब...
अकरम- यार...तू सही था...वसीम ख़ान के बारे मे....वो सही आदमी नही है...
मैं(हैरानी से)- वसीम ख़ान...ऐसा भी क्या हो गया जो तू अपने डॅड का नाम लेने लगा...
अकरम- डॅड..हहा...वो भी बताउन्गा...पर अभी ये सुन ले जो मुझे पता चला....
मैं- ह्म्म..बता...
अकरम- मुझसे घर मे एक सीक्रेट रूम मिला...और वहाँ ऐसा बहुत कुछ मिला...जिससे साबित होता है कि तू सही था...वसीम ख़ान अच्छा आदमी नही...और वो तेरे पीछे हाथ धोकर पड़ा है...
मैं- क्या देखा तूने...बता मुझे....
अकरम(एक मोबाइल दे कर)- इसमे कुछ वीडियो है...तू देख ...फिर बात करेंगे....
मैने अकरम से मोबाइल लिया और सारे वीडियो देखने लगा....
वीडियो देख कर मुझे कुछ डाउट हुए पर मैं चुप रहा...क्योकि मैं कन्फर्म नही था....
अकरम- तू इनमे से किसी को जानता है...
मैं- नही...पर मैं पता कर लूँगा....
अकरम- ओके...तो तू पता कर...फिर बाकी बारें भी बताउन्गा...
मैं- तू अभी बोल सकता है...
अकरम(मुस्कुरा कर)- भरोशा नही क्या...
मैं(हंस कर)- अपने आप से ज़्यादा....
फिर मैने गौर किया कि अकरम कुछ मायूस सा है...तो मैने उसका मूड ठीक करने का सोचा.....
मैं- वैसे आज मेरी निकल कर के आया तू...हाँ...सेम टी-शर्ट...
अकरम(मुस्कुरा कर)- हाँ यार...कमाल हो गया ना...
मैं- ह्म..हम कॅप लगा ले तो कोई पहचान भी नही सकता...ये देख...
फिर मैने अकरम और अपना कॅप लगा दिया और अपने चश्मे भी चढ़ा लिए...
अकरम- ह्म्म ...अब पूरे सेम है...हाहाहा....चल अब...
मैं- हाँ..
और जैसे ही हम चले तो मेरा शूलेशस निकल गया और मैं उसे ठीक करने लगा...और अकरम पेड़ से निकल कर सामने आया...
अकरम को देख कर वसीम को मेरा कंफ्यूज़न हुआ...कपड़े देख कर...उसने पिस्टल को सोनम के सिर पर दबाया और सोनू को फाइयर करने का इशारा किया...
सोनू ने भी सोच लिया कि गोली गर्दन के बाजू से चला देता हूँ...
तभी सरद ने सोनू को देख लिया और अपने शूटर को सोनू को मारने को कहा.....
सरद के शूटर ने निशाना लगाया और फाइयर करने के पहले सोनम ने उसे देख लिया...
सोनम अपने भाई को बचाने उसके सामने आई और तब तक सरद का शूटर फाइयर कर चुका था...गोली सोनम के सीने पर लगी...
सोनम के आगे आने से सोनू का बॅलेन्स बिगड़ा और जो गोली वो गर्दन के बाजू से निकाल रहा था...वो अकरम की गर्दन चीरते हुए निकल गई...
गोली लगते ही सोनम और अकरम चीख उठे...
सोनू , सोनम को देख कर उसे संभालने लगा...तभी वसीम की नज़र अकरम पर गई...गोली लगते ही उसका सिर हिला और उसका कॅप और चश्मा निकल गया ...
वसीम ने जब अकरम को देखा तो वो सुन्न पड़ गया...
यहा मैं अकरम की चीख सुन कर भागा और उसे ऐसी हालत मे देख कर हैरान रह गया...
मैने अकरम को उठाया और कार तक भागा...तभी वहाँ सोनू भी सोनम को ले कर अपनी कार तक आ गया था...
हमने कोई बात नही की बस कार को हॉस्पिटल की तरफ दौड़ा दिया...
सरद अपने शूटर के साथ गोली लगते ही भाग गया था...और वसीम वही सुन्न हालत मे ज़मीन पर बैठा अफ़सोस कर रहा था........
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