Desikahani हालत की मारी औरत की कहानी - Page 8 - SexBaba
  • From this section you can read all the hindi sex stories in hindi font. These are collected from the various sources which make your cock rock hard in the night. All are having the collections of like maa beta, devar bhabhi, indian aunty, college girl. All these are the amazing chudai stories for you guys in these forum.

    If You are unable to access the site then try to access the site via VPN Try these are vpn App Click Here

Desikahani हालत की मारी औरत की कहानी

गतान्क से आगे.....................

जिसके कारण मुझे दर्द का अहसास नही हो रहा था. चूत से पानी बह-2 कर अभी की उंगली पर जा रहा था. जो मेरी गांद के छेद मे अंदर बाहर हो रही थी. जिससे अभी की उंगली मेरी चूत के काम रस से भीग कर चिकनी हो रही थी. और अभी अब पूरी उंगली को अंदर बाहर करने लगा.

चूत चाटने के कारण उठ रही मस्ती मे दर्द को नज़र अंदाज़ करती जा रही थी. फिर अचानक अभी ने मेरी गांद के छेद से उंगली निकाल ली. मुझे मेरी गांद का छेद खुला हुआ महसूस हो रहा था . जो धीरे-2 बंद हो रहा था. इससे पहले के मेरी गांद का छेद सिकुर कर बंद होता. अभी ने मेरे चुतड़ों को फैला कर मेरी गांद के छेद पर अपनी जीभ को लगा दिया.

जैसे ही मेरी गांद के छेद पर अभी की जीभ लगी. मे बेड से अपनी गांद को उछालने लगी. मुझे ऐसे लग रहा था. जैसे मेरी साँस रुक जाएगी. और मेरा पूरा बदन अकड़ गया.

मे: अहह बाबू जीईई कय्या कर रहे हू ओह ओह्ह्ह्ह ओह ओह कहन्णन्न् पर्ररर जीईएभह घुसााअ रहे हूऊ अहह माआ उंह उंघह उंघह उंघह

और मुझे साँस लेने के लिए भी मुस्किल होने लगी. मेरे बदन मे कंपन शुरू हो गया. और चूत से पानी की नदी जैसी बह निकली. अभी ने अपने हाथ की दो उंगलयों से मेरी गांद के छेद को फैला दिया. जिससे वो अपनी जीभ की नोक को मेरी गांद के छेद अंदर डाल कर रगड़ने लगा. मे पागलो की तरहा अपनी चुचियो को मसलने लगी. और बाबू जी को गिड़गिदाते हुए गांद के छेद से जीभ बाहर निकालने के लिए बोलती रही.

पर फिर अभी खड़ा हो गया. और अपने लंड के सुपाडे को मेरी चूत के छेद पर टिका दिया. जैसे ही गरम सुपाड़ा मेरी चूत के छेद पर लगा. मेरी चूत उसे अपने अंदर लेने के लिए तडप उठी.

मे: हाआअँ बाबू जीई जल्दी सीए घुसाआ डूऊ अपना लौदा. ह मेरीए चूत्त्त्त्त्त्त कब से पानी छोडर्र्र्र रही है.

अभी मेरी बात को सुन कर मुस्कुराने लगा. और मेरी टाँगों को घुटनो से मोड़ कर उठा कर फैला दिया. और अपनी कमर को पूरी ताक़त से हिलाया. लंड फतच-2 की आवाज़ मे एक ही बार मे पूरा घुस्स गया. और मेरी बच्चे दानी पर जा टकराया. मे पहले से बहुत गरम हो चुकी थी.

और अभी ने मेरी टाँगों को उठाए हुए. बेड के साथ खड़े हुए तेज़ी से धक्के लगाने चालू कर दिए. लंड गीला होने के कारण तेज़ी से अंदर बाहर होने लगा. और अभी के लंड का मोटा और गरम सुपाड़ा मेरी चूत की दीवारों पर रगड़ खाने लगा. मे मस्ती मे पागल हो चुकी थी. और अभी को चीख -2 कर और ज़ोर से चोदने के लिए कह रही थी.

अभी भी अपने लंड को बहुत तेज़ी से अंदर बाहर कर रहा था. अभी के लगातार धक्को ने मेरी चूत की दीवारों का कचूमर निकाल दिया. और मेरा बदन अकड़ने लगा. और मेरी चूत से पानी की नदी बह निकली और मेरी कमर झटके खाने लगी. मे सिर्फ़ 3 4 मिनट की चुदाई मे ही झाड़ गयी थी.

मे: ाओह बाबू जीईए आजज्ज कई दीनो क्ीईए बाद मेरीए छूतततत ने पानी छोड़ाा है ऑश बाबू जीईए मैईएन अपेके लौदी के बिना नही रहह सकती.

अभी कुछ बोल नही रहा था. अभी ने अपना लंड चूत से बाहर निकाला और बेड के दूसरी तरफ चला गया. और वहाँ से तेल की बॉटल उठा कर ले आया. मुझे कुछ समझ मे नही आ रहा था. कि अभी करने क्या वाला है.

जैसे ही अभी मेरे पास आया. और वो बेड पर चढ़ गया.

अभी: चल ऊपेर आ कर उल्टी हो जा.

मे बेड के ऊपेर होकर उल्टी लेट गयी. अभी ने मेरे पेट के नीचे दो तकये लगा दिए. जिससे मेरी गांद ऊपेर की ओर निकल आई.

मे: पर्रर बाबू जीए आप कर क्या रहे हैं.

अभी: आज मे तेरी गांद मारने वाला हूँ. देख आज मे तेरी गांद कैसे फड़ता हूँ.

मे अभी की बात को सुन कर घबरा गयी. और सीधे होने लगी. इससे पहले के मे सीधी हो पाती अभी मेरी जाँघो के ऊपेर दोनो तरफ पैर करके बैठ गया. और मे अभी के वजन के कारण नीचे दब गयी. पेट के नीचे तकिये होने के कारण मेरी गांद बाहर की तरफ निकली हुई थी.

मे: नही बाबू जीई मेनईए वाहा कभी लुंदड़ नही लिया है.

अभी: कोई बात नही फिर आज ले लेना,

मे: बाबू जी मे आपके हाथ जोड़ रही हूँ. मुझे छोड़ दो. आपका लंड बहुत मोटा है. मेरी गांद फॅट जाएगी.

अभी: चुप कर साली तेरी मा की चूत मे लंड डालूं. बस चुप चाप लेटी रह नही तो फिर सारी उमेर मेरे लौदे के लिए तरसती रहे गी. चल अपने हाथों से अपनी गांद को फैला. मे तेरी गांद के छेद को तेल लगा कर चिकना करता हूँ.
 
मे अभी के आगे बेबस हो चुकी थी. लंड की चाहत मे मेने अपने हाथों को पीछे लेजा कर अपने चुतड़ों को पकड़ कर दोनो तरफ फैला दिया. अभी ने तेल की बॉटल से मेरी गांद के छेद पर तेल की धार डालनी शुरू कर दी. जब मेरे चूतड़ और गांद का छेद तेल से सन गया. तो अभी ने बॉटल को बेड की रेस्ट सीट पर रख दिया. और मेरे चुतड़ों पर लगे हुए तेल को मेरी गांद के छेद के पास मलने लगा. और फिर अपने हाथ की एक उंगली को मेरी गांद के छेद मे धीरे-2 अंदर बाहर करके तेल को मेरी गांद के छेद के अंदर तक लगाने लगा. मेरी गुदा की दीवारों पर सरसारहात सी होने लगी.

मे बस अपने होंटो को दाँतों मे दबाए हुए अपने चुतड़ों को फैला कर रखने की कोशिश कर रही थी. और अभी बार -2 मेरे चुतड़ों पर फेले हुए तेल से अपनी उंगली को भीगो कर मेरी गांद के छेद मे अंदर बाहर कर रहा था. अब मुझे अभी की उंगली से कोई दर्द नही हो रहा था.

जब अभी ने ढेर सारा तेल मेरी गांद के छेद के अंदर तक लगा दिया. तब वो अपने लंड को मेरे चुतड़ों पर रगड़ने लगा. चुतड़ों पर बचा हुआ तेल अभी के लंड पर लगने लगा.

अभी: चल अब तैयार हो जा. ज़्यादा नखरे करने के ज़रूरत नही है समझी.

मे: ठीक है बाबू जी पर धीरे-2 करना. मे पहली बार अपनी गांद मे लंड ले रही हूँ. कहीं मेरी गांद फॅट ना जाए.

अभी: ठीक है ठीक है. मे ध्यान से करूँगा.

और फिर अभी ने मेरे ऊपेर हुए चुतड़ों के बीच मेरी गांद के छेद पर अपने लंड का सुपाड़ा रख दिया. जैसे ही मेरी गांद के छेद पर अभी के लंड का सुपाड़ा लगा. मेरे बदन मे मस्ती की लहर दौड़ गयी. और दिमाग़ मे ये ख्याल आने लगा. जब अभी का मुन्सल सा लंड मेरी गांद के टाइट छेद मे जाएगा. तो कितना दर्द हो गा.

अभी: तैयार है ना.

मे: जी बाबू जी पर्र. अहह मररर गइई मआराअ डाला रीई जालिम. ऑश बाहर निकल लो बाबू जीई बहुत दर्द हूओ रहा है. मेरे गान्ड अह्ह्ह्ह फॅट गाईए ओह्ह्ह बाबू जी.

अभी: चुप साली चिल्ला क्यों रही है. सारा मुहल्ला इकट्ठा करेगी क्या.

मे: क्या करूँ बाबू जीईए ओह बहुत दर्द हो रहा है.

अभी: साली अभी आधा लंड भी नही घुस्सा है.

मे अभी की बात को सुन कर एक दम से चोंक गयी. अगर अभी का आधा लंड नही घुस्सा था. फिर पूरा लंड मेरे गांद मे जाने से तो पक्का मेरी गांद फॅट जाएगी. मे अभी ये सोच ही रही थी. कि अभी ने एक और जबरदस्त धक्का मारा . अभी के लंड का मोटा सुपाड़ा मेरी गांद के छेद को और फेलाता हुआ अंदर घुस्स गया. मे दर्द से तिलमिला उठी. पर मैने इस बार अपनी आवाज़ को दबा लिया. और मेरे मुँह से सिर्फ़ सीईईईईई अहह ही निकल पाया.

दर्द के मारे मेरी पीठ पर पसीना आने लगा था. जब अभी ने मुझे दर्द मे देखा तो वो मेरे ऊपेर लेट गया. और मेरे माथे पर लटक रही बालों के लातों को ठीक करते हुए. मुझे प्यार से सहलाने लगा.

अभी: बस मेरे जान हो गया. बस थोड़ा सा और बाकी है. अहह सच मे आज तूने मुझे खुस कर दिया है.

मे: (दर्द को सहते हुए) बाबू जी आप अब तो खुस हो ना.

अभी: हां मेरी जान. बस देखना अब जब भी मे तुम्हारी गांद मारूँगा. तुम्हें दर्द नही होगा.

और अभी मेरे कानो को अपने दाँतों और होंटो से दबाते हुए धीरे-2 अपनी कमर हिला कर अपने लंड को मेरी गांद के अंदर बाहर करने लगा. धीरे-2 मेरा दर्द कम हो रहा था, और अभी के धक्को की स्पीड मेरी गांद के छेद मे बढ़ रही थी.

मे: आहह बाबू जी कुच्छ तो रहम करो. मेरीई तो फॅट गयी है.

अभी: बस मेरी रानी थोड़ा सा और से लो.

और अभी मेरी गांद के छेद मे लगतार अपने लंड को अंदर बाहर किए जा रहा था.

अभी: अह्ह्ह्ह मेरी रांद्ड़ मेरा पानी निकलने वाला है.

मे: बाबू जीए प्लस्स मेरी चूत मे निकालना.

अभी: अच्छा चल जल्दी सीधे हो.

और अभी ने अपना लंड मेरी गांद के छेद से बाहर निकाल लिया. मेरी गांद के छेद मे फिर हल्का सा दर्द हुआ. पर लंड को फिर से चूत मे लेने के लिए मे मचल रही थी. मे जल्दी से सीधी पीठ के बल लेट गयी. और अपनी टाँगों को ऊपेर की ओर उठा लिया. अभी ने अपने लंड को मेरी चूत के छेद पर रखा और अंदर पेल कर तेज़ी से धक्के लगाने लगा. कुछ ही पलों मे अभी झाड़ कर हाफने लगा. और मेरे ऊपेर निढाल हो कर गिर गया.

जैसे अभी थोड़ा नॉर्मल हुआ. अभी मेरे ऊपेर से उठ कर अपने कपड़े पहन कर बाहर चला गया. मे कुछ देर बाद बेड से उठी और अपनी नाइटी पहन कर बाहर आने लगी. जैसे ही मे चलने को हुई. तो दर्द से मेरा बुरा हाल हो गया. मे लड़खड़ाते हुए बाथरूम मे पहुच कर हाथ पैर धोने लगी. गांद मे टीस सी उठ रही थी. चलने मे भी दिक्कत हो रही थी.
 
मे किसी तरहा किचन मे पहुचि और खाना डालने लगी. तभी नेहा भी अंदर आ गयी. मे दर्द के कारण चिड़चिड़ी सी हो गयी. और अपना गुस्सा नेहा पर उतारने लगी.

मे: उठ गयी सहज़ादी.

नेहा: हां क्या हुआ माँ.

मे: आज कल मे देख रही हूँ. तूँ कुछ ज़्यादा ही बाबू जी के साथ चिपकी रहती है. काम काज कुछ करती नही. और बस हर टाइम बाबू जी का लंड चूत मे लिए रहती है. मुझे क्या तुमने अपनी नौकरानी समझ रखा है.

नेहा: (गुस्से से) अच्छा अभी-2 जो तुम बाबू जी का लौदा अपनी गांद मे लेकर उन्हे खुस कर रही थी. वो उन्हे अपने काबू मे करने के लिए बोलो ना.

मे नेहा की बात को सुन कर शर्मा गयी. और अपनी नज़रें नीचे कर ली. इसका मतलब नेहा ने मुझे अपनी गांद मरवाते हुए देख लिया था. फिर नेहा ने अपने होंटो पर मुस्कान लाते हुए मुझे अपनी बाहों मे भर लिया.

नेहा: मा तुम तो बेकार के नाराज़ हो रही हो. मे तुम्हें पता है कितना प्यार करती हूँ.

मे: अच्छा कितना प्यार करती हो.

और नेहा ने मेरी नाइटी के ऊपेर से मेरी चूत को मसलते हुए. मेरे होंटो पर अपने होन्ट रख दिए. मे एक दम से चोंक गयी. मुझे इस बात का बिकुल अंदाज़ा नही था कि नेहा ऐसी हरकत भी कर सकती है.

मेने कुछ पलों के लिए नेहा को पीछे धकेलने की कॉसिश की. पर नेहा लगतार मेरी चूत को नाइटी के ऊपेर से मसल रही थी. और कुछ पलों बाद मुझे मज़ा आने लगा. और मे भी नेहा को अपनी बाहों मे कस लया. और नेहा के होटो को किस करने लगी.

जब हम दोनो थोड़ी देर बाद अलग हुए. तो मे नेहा से नज़रें नही मिला पा रही थी. नेहा के होंटो पर शरारती मुस्कान थी.

नेहा: मा एक बात कहूँ मनोगी.

मे: हां बोलो क्या बात है (शरमाते हुए)

नेहा: अपनी गांद का छेद दिखाओ ना.

मे: पागल हो गयी है क्या बेशरम चुप कर.

नेहा तब तक नीचे घुटनो के बल बैठ कर मेरी नाइटी ऊपेर उठा चुकी थी. और मे उसे कंधों से पीछे धकेलने की कॉसिश कर रही थी. उसने मेरी जाँघो मे कसी हुई चूत की फांकों पर अपने होंटो को रख दिया. और मेरे मुँह से आ निकल गयी.

मे: आहह बेटा क्या कर रही हाई ओह्ह्ह्ह छोडर्र्र मुझे.

और मेरी जांघे ना चाहते हुए भी खुलने लगी. और मेने अपनी आँखें बंद कर ली.

नेहा: ( मेरी चूत से मुँह हटाते हुए) मा एक बार दिखा दो ना.

मे: नेहा तूँ ऐसे क्यों कर रही है.

नेहा: बस एक बार दिखा दो ना.

और नेहा मुझे मेरी जाँघो से पकड़ कर घुमाने लगी. मे वासना के नशे मे अंधी हो कर घूम गयी. और अपनी गांद नेहा की तरफ कर दी. नेहा ने मेरे चुतड़ों को पकड़ कर फैला दिया. और देखने लगी.

नेहा: ओह्ह्ह माआअ बाबू जी ने तो सच मे आपकी गांद फाड़ दी देखो ना गांद का छेद कैसे सूज कर लाल हो गया है.

मे: अब बस करू बेटा. मुझे शरम आ रही है.

नेहा: अर्रे मा अब इसपर दवाई तो लगा दूं.

इससे पहले के मे कुछ समझ पाती नेहा ने मेरी गांद के छेद को जीभ निकाल कर चाटना शुरू कर दिया, मे एक दम मस्त हो गयी. और किचन के सेल्फ़ पर झुक गयी.

मे: ओह नही ये ये क्या कर र्है हाई ओह्ह्ह्ह छोडर्र्र्र बुसस्स्स्स कार्ररर आब्ब्ब्ब

और नेहा मेरी किसी बात पर ध्यान दिए बिना मेरी गांद के छेद को छोड़ कर मेरी चूत को चाटने लगी. नेहा 5 मिनट तक लगतार मेरी चूत को चाटती रही. और मेरी छूट ने फिर से अपना लावा उगलना चालू कर दिया. मे वहीं खड़ी-2 झाड़ गयी.

दोस्तो उसके बाद तो चुदाई घर मे आम सी बात हो गयी. तकरीबेन एक महीने बाद मुझे मेरे मासिक आने बंद हो गये. जब अभी को मेने उसके बारे मे बताया. तो वो थोड़ा सा परेशान हो गया. और उसने मुझे नेहा के बारे मे भी यहीं बताया. के नेहा भी शायद पेट से है. फिर अगले दिन चल कर अभी ने मेरा और नेहा का चेक अप करवाया. और हम दोनो की रिपोर्ट्स पॉज़िटिव आई. जिसे सुन कर अभी थोड़ा सा परेशान हो गया.

मे: बाबू जी अगर आप कहें तो मे और नेहा अपना अबॉर्षन करवा लेती हैं.

अभी: नही -2 इसकी कोई ज़रूरत नही मे कुछ सोचता हूँ.

और उसी दिन शाम को अभी ने अपने पापा से फोन पर बात की. और दो दिनो बाद अभी के पापा और मम्मी घर पर आ गये. अभी ने अपने मम्मी पापा को अपने और नेहा के बारे मे बता दिया. और ये भी बता दिया. कि वो नेहा से प्यार करता है. और नेहा पेट से है. जिसपर अभी के पापा अभी पर बहुत नाराज़ हुए. और कुछ नाराज़गी के बाद अभी की नेहा से शादी करने के लिए राज़ी हो गये. और अगले हफ्ते ही नेहा की शादी अभी से करवा कर फिर से अमेरिका वापिस चले गये. अभी की मम्मी घर पर थी.

इस लिए मे अभी से कोई बात नही कर पे. अभी ने नेहा का मॅटर तो सॉल्व कर लिया था. इसीलिए मेने अभी से फिर से बात की. और अभी ने जो मुझे कहा उसे करना मेरे लिए मुस्किल तो ज़रूर था. पर मेरे पास और कोई रास्ता नही था.

अभी ने अपना घर बेच कर किसी और जगह घर ले लिया. वहाँ के आस पास के लोग अभी और हमारे बारे मे कुछ नही जानते थी. बस लोगो को इतना पता था. कि एक नया शादी शुदा जोड़ा उनके पड़ोस मे रहने आया हुआ है. और लड़के की साँस भी साथ मे कुछ दिन रहने के लिए आई है.

लोगो से अंजान होने के कारण हमारे घर कोई भी आता जाता नही था. जब मुझे 5 वाँ महीना लगा तो मेने घर से निकलना छोड़ दिया. क्योंकि अब मेरा पेट बाहर निकलने लगा था. मेने अगले 4 महीने घर के अंदर ही गुज़ारे. यहाँ तक कि मे रात को बाहर भी नही जाती थी. डॉक्टर मुझे और नेहा को घर पर आकर ही चेक कर जाता था. सब कुछ नॉर्मल चल रहा था. और 9 महीनो बाद मेने एक लड़की और नेहा ने एक लड़के को जनम दिया. अभी बहुत खुस था. हम दोनो की डिलीवेरी भी घर पर हुई.

और उसने अपने मम्मी पापा को फोन पर ट्विन्स होने के बारे मे झूट बोल दिया. जिससे लगे कि नेहा ने ही दोनो बच्चो को जनम दिया है. अभी ने सब कुछ इतने अच्छे से अरेंज किया था कि. किसी को कानो कान खबर नही होने दी.

जिंदगी बस यूँ ही कट रही थी. हम दोनो के बच्चे अब एक महीने के हो चुके थे. अभी के मम्मी पापा भी अपने ग्रांड सन और डॉटर को देख कर जा चुके थे. और उसके बाद से लेकर आज तक मे और नेहा अभी के साथ रह रहे हैं. और अभी ने भी अपनी ज़िम्मेदारियो को बखूबी निभाया है,

दोस्तो ये थी मेरी नेहा और अभी की कहानी.उम्मीद है आप लोगो को पसंद आई हो गी. अब मे रचना आप से विदा लेती हूँ. इस उम्मीद से कि जिस ने भी मेरी दास्तान को पढ़ा है.वो मुझे हमेशा याद रखेंगें

दोस्तो मैं राज शर्मा की भी आभारी हूँ जिन्होने मेरी कहानी को हिन्दी मे अपने ब्लॉग पर स्थान दिया नमस्कार
 
Back
Top