hotaks444
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बदले की आग (भाग - 11)
मैने मधु को बालों से पाक'रा और उस'के होठों को आप'ने होंठों मैं कस लिया और उस'के होठों को चूस'ने लगा. रूचि मेरी पीठ मैं आई और उस'ने मेरी पीठ पर हाथ फेरना शुरू कर दिया. कभी वह मेरे चुत्तऱ पर हाथ फेर'ती तो कभी मेरी पीठ पर. मैं उन'की मा को और जोश से चोद'ने लगा..
विशाल बेटा देख मेरी दोनों बेटी अपनी मा की चुदाई देख रही हैं.. ओह... विशाल राजा बेटियों के साम'ने मुझे तेरे हल्लाबी लंड से चुद'ने में और ज़्यादा मज़ा आ रहा है. मैं और नहीं ठहर सक'ती, मैं झऱ'ने वाली हून. हा... देखो मेरी रन्डी बेटियों तुम्हारी मा झऱ'ने वाली है और फिर वह झऱ'ने लगी. एक पल तक वह झऱ्ति रही. जब वह झऱ चुकी तो उस'की टाँगें नीचे गिर गयी. अब मैने भी उस'की चूत से अपना लंड निकाला और मधु के मूँ'ह में दे दिया.
यह ले साली चूस तेरी मा का माल लगा है इस पर, स्वाद ले आप'नी मा के माल का जिस'से तू बनी है, चल चूस इस मस्ताने लंड को और वह मेरे लौऱे को मूँ'ह में ले छाप छाप कर'ती चूस'ने लगी. ऊपर से ले कर मेरे आन्डोन तक उस'ने मेरे लंड से अपनी मा का सारा माल सॉफ कर दिया था. चाची की टाँगें अब भी मेरे दोनों तरफ थी. वह अपनी बेटी को मेरा लंड चूस'ते हुए देख रही थी. जब'की रूचि मेरे पीठ पे थी. वह अब पीठ से ही दोनों हाथ मेरे दोनों तरफ कर'के मेरी छ्चाटी को सहला रही थी. जब उस'ने मेरा लंड सॉफ कर दिया तो मैने रूचि को पीच्चे से पकऱ कर आगे लाया और उसे कुतिया की तरह किया.
अब रूचि अपनी मा के बाजू मैं कुतिया की तरह चोपाया बनी थी.. मैं उस'की मा की टाँगों से बाहर आया और रूचि के पीच्चे हो गया. अब मेरा लंड रूचि की गान्ड के पास था. मैने मधु से कहा की,
तबले से मक्खन लाओ वह समझ गयी की मैं रूचि की गान्ड मारूँगा. वह फॉरन मक्खन ले आई. रूचि'ने कहा की,
विशाल मेरी गान्ड मेरी मा के साम'ने मारो'गे, आह,,, क्या मज़ा आएगा? मैने मधु से कहा की,
मेरे लौऱे पर और रूचि की गान्ड के च्छेद पर मक्खन लगाओ. उस'ने वैसे ही किया. चाची अब भी अपनी बेटी को कुतिया की तरह बनी देख रही थी. जब मधु'ने मेरे लंड और रूचि की गान्ड में मक्खन लगा दिया तो मैं बोला,
अब मेरा लंड अपनी बहन के गान्ड के च्छेद पर रख. वह किसी दासी की तरह मेरा हर हुकाँ मान रही थी. उन'की मा देख रही थी.. के अब क्या होगा, जब मेरा लंड रूचि की गान्ड पर वह रख चुकी तो उस'ने मेरी तरफ देखा. मैने मधु की आँखों मैं देख'ते हुए अपना लंड रूचि की गान्ड मैं डालना शुरू किया. जैसे ही मेरे लौऱे का सुपारा उस'की गान्ड के च्छेद मैं गया उस'ने एक ज़ोर की दर्द भारी सिस'कारी दी,
ऊूुुुुुउउइईईई, बहुत दर्द हो रहा है. मैं रुका नहीं आप'ने लंड को आख़िर तक उस'की गान्ड मैं धकेल दिया. जब मेरा पूरा लंड उस'की गान्ड मैं चला गया तो मैने हल्के हल्के झट्के लगा'ने शुरू किया. उस'की मा अब भी अपनी बेटी को गान्ड मरवााती देख रही थी. रूचि को अब मुझ से गान्ड मरवा'ने मैं इतना दर्द नहीं हो रहा था क्योंकि मैं उस'की गान्ड काई बार ले चुका था. मधु अब भी मेरे पास बैठी थी. वह अपनी बहन के चुत्तऱ पर हाथ फ़ायर रही थी. रूचि मुझे अब तेज चोद'ने को बोल रही थी..
विशाल और चोदो मेरी गान्ड हान्ं और तेज मज़ा आ रहा है. आ मधु मेरे पास और रूचि आप'ने हाथ उस'की चूत पर ले गयी. रूचि'ने मधु की चूत सहलानी शुरू कर दी. बीच बीच में वह अपनी छोटी बहन की चूत में अंगुल भी कर देती. रूचि इस'से और मस्त हो गई. अब वह मेरे हर झट्के के साथ ही अपनी गान्ड को पीच्चे की तरफ धकेल रही थी और वह अब जोश मैं औऊल फ़ाऊल बक रही थी..
विशाल देख मेरी मा को कैसे रन्डी की तरह अपनी बेटी की चुदाई देख रही है.. देख मा तेरी बेटी की गान्ड मैं विशाल का लंड है.. विशाल क्या मा की गान्ड मारी थी तुम ने, साली बऱी मट'का मट'का के चल'ती है. तेज हाय माआआ क्या विशाल से गान्ड मरवाई है की नहीं. विशाल और तेजज़्ज़्ज. क्या मज़ा है रे तेरे लौऱे मैं देख ना मेरी मा भी तेरे लौऱे की आशिक़ हो गयी है. कैसे चूत उठा उठा के छुड़वा रही थी तुम से. ऊह और 2 या 3 मिनिट बाद ही वह झऱ गयी. .
और फिर अपनी मा के पास ही पेट के बाल गिर गयी. तेज तेज साँसें ले रही थी. मेरे झऱ'ने मैं बहुत वक़्त था. मैने मधु को पकऱ के आप'ने नीचे लिट दिया. उस'की टाँगों मैं आ गया. मेरा लंड पर अब भी मक्खन लगा था. मैने मधु की टाँगों को आप'ने कंधों पर रखा और लौऱे को उस'की चूत के च्छेद पर टीका एक ही झट्के में पूरा लंड उस'की चूत में धंसा दिया. उस'के मूँ'ह से चीख निकल गयी..
उईईईई.... मेरीए माआ इस'ने तेरी बेटी को मार डाला. मैने अब उसे धुंवा धार तरीके से चॉड्ना चालू कर दिया था. वह एक पल तक तो दर्द से चिल्लती रही फिर उसे भी मज़ा मिलना शुरू हो गया. अब वह दर्द से नहीं उत्तेजना से सिसक रही थी..
विशाल और चोद मुझे. Pहाऱ डाल मेरी चूत को. अब माआ को मेरे लिए किसी बऱे लौऱे वाले का रिश्ता देखना होगा क्योंकि अब छ्छो'ते लौऱे का मुझे मज़ा नहीं मिलेगा. विशाल काश तुम मेरे पति हो'ते हाअ. मैं सारी ज़िंद'गी तुम्हारे कदमों मैं गुज़ार देती हाअ. विशाल मार मेरी चूत और ज़ोर से. माआअ देख विशाल जैसा ही पति देखना मेरे लिए. ऊह.. लंड भी विशाल जैसा ही देखना, चाहे तो खुद चुद'वा के भी देख लेना. कितना मज़ा दे रहा है तेरी बेटी को और अब रूचि भी सीधी हो गयी थी. दोनों मा बेटी देख रही थी. मधु की चुदाई देख चाची अब फिर से गरम हो गयी थी क्योंकि वह अपनी चूत को मसल रही थी. मैने मधु को और जोश से चॉड्ना शुरू कर दिया जिस'से वह ज़ोर ज़ोर के कामुक सिस'कारी दे रही थी..
विशाल क्या लंड हाईईईई. मैं पागल हो जवँगी.. ऊह.. माआ देख अपनी बेटी को. ऊह.. कैसे छुड़वा रही है.. विशाल मैं झऱ'ने वाली हून. कुच्छ 10 मिनिट की चुदाइ के बाद वह झऱ'ने लगी.
हाय मेरी चुदैल माआ मैं झऱ रही हून.. देख तेरी बेटी झऱ रही है.. ऊह और वह शांत हो गयी झऱ'ने के बाद पर मैं अब भी नहीं झऱ था. अब मैने चाची पर तवाज्जू दी. मैने मधु की चूत से लंड निकाला और चाची के पास गया. मैने चाची को कुतिया की तरह होने को बोला वह फॉरन ही कुतिया की तरह चोपाया हो गयी. मैने रूचि से मक्खन माँगा तो उस'ने मुझे मक्खन दिया और बोली,
लगता है मा की गान्ड आज लौऱे का मज़ा लेगी. उस'ने आप'ने ही हाथों से अपनी मा की गान्ड के च्छेद पर मक्खन लगाया और मेरा लंड तो पहले से ही मधु की चूत के माल से भरा था. मैने चाची की गान्ड के च्छेद पर लंड रखा और एक झट्क मारा. वह दर्द से चिल्ला उठि.
मैं मार गयी.. मैने दूसरा झट्क दिया जिस'से वह फिर चिल्ला'ने लगी..
विशाल हा'य ! निकालो. बहुत दर्द हो रहा है. वी माआ. मैने एक और झट्क दिया जिस'से मेरा लंड चाची की सन्कऱी गान्ड मैं आधा तक उतार गया. आंटी की चीखें निकल गयी वह चिल्ला रही थी..
मैं मार गाइ. मेरी गान्ड फॅट गयी. ओई. मैं मार जवँगी. हा'य ! विशाल मेरे पर रहम कर. . मैं तो उस'की दर्द भारी चीखैईं सुन के और मज़े मैं आ गया. मैने झट्के पे झट्के देता रहा अब तक मेरा पूरा लंड उस'की गान्ड मैं नहीं चला गया. चाची की आँखों मैं आँसू थे. वह दर्द के मारे रो रही थी. मैं बिना रुके गान्ड मराई करता रहा और वह दर्द से चिल्लाटी रही. फिर मैने रूचि को कहा की,
रन्डी अपनी मा की चूत को सहला, उसे अंगुल कर, उस'ने अपनी मा को अंगुल चुदाई करनी चालू कर दी. एक या दो मिनिट के बाद ही उसे मज़ा आ'ने लगा अब चाची अपनी गान्ड को पीच्चे को मार रही थी. जिस'से मेरा लंड पूरा उस'की गान्ड मैं घुस रहा था. वह उत्तेजना मैं सिसक रही थी..
विशाल अब मज़ा आ रहा है. शाबास ! और तेज चोद मेरी गान्ड को. रूचि बेटी देख मैने भी आज अपनी गान्ड मैं लंड ले लिया है.. वह भी घोरे का लंड, कितना बऱ लंड है.. . इश्स दौरान मधु हमें देख रही थी. मैं पूरे जोश से चाची की गान्ड मार रहा था. फिर कुच्छ वक़्त के बाद ही चाची झऱ'ने लगी..
विशाल मैं झऱ रही हून.. तेजज मार. आह देख रूचि बेटी तेरी मा झऱ रही है. आ उः और वह झऱ गयी क्योंकि उस'की गान्ड बहुत सन्कऱी थी. मुझे भी पूरा मज़ा मिल रहा था. अब मैं भी झऱ'ने के करीब था. मैने कहा की,
मेरी रागिनी रानी मैं भी झऱ'ने वाला हून.. लेकिन तेरी गान्ड मैं नहीं झऱून्ग. मैं तो अपनी रानी रूचि के मूँ'ह में झऱून्ग. रूचि आ मेरे लौऱे को चूस और मैने अपना लंड चाची की गान्ड से निकाल के रूचि के मूँ'ह में दे दिया..
और उस'ने मेरे लौऱे को पूरा ऊपर से नीचे तक अपनी जीभ से चाट्न शुरू किया. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. फिर उस'ने अपना मूँ'ह खोला और मेरे लौऱे को आप'ने मूँ'ह में ले कर चूस'ने लगी..
रूचि अपनी मा के गान्ड से निकाला हुआ लंड कैसे लगा तुम्हें स्वाद मैं. चूस इस मस्ताने लंड को.. रन्डी चूस इस मस्ताने लंड को.. ऊह.. तेरी मा की गान्ड से निकाला हुआ लंड है. मैं झऱ'ने लगा वह और जोश से छूसा कर रहही थी. मेरे सारा माल उस'के मूँ'ह में गायब हो रहा था. उस'ने एक बूँद भी ज़ाया नहीं किया. सारा पी गयी. जब मैं झऱ चुका तो उस'ने मेरा लंड आप'ने मूँ'ह से निकाला और आप'ने होंठों पर जीभ फेर'ने लगी. साथ ही अपनी मा और बहन को देख रही थी. मैं अब नीचे लेट था. उन तीनो'ने मुझे घेर रखा था. मैं सोच रहा था की आज तो मा और बेटियों की खूब ली मैने लेकिन अभी तो सुरुआत है. मैं अपनी जगह से उठा और बेड रूम मैं चला गया. मुझे आप'ने दोस्तों को फोन भी तो करना था प्लान के मुताबिक और फिर उन्हें चाची के घर जाके कौशल को भी पकऱ के साथ लाना था.
मैने मधु को बालों से पाक'रा और उस'के होठों को आप'ने होंठों मैं कस लिया और उस'के होठों को चूस'ने लगा. रूचि मेरी पीठ मैं आई और उस'ने मेरी पीठ पर हाथ फेरना शुरू कर दिया. कभी वह मेरे चुत्तऱ पर हाथ फेर'ती तो कभी मेरी पीठ पर. मैं उन'की मा को और जोश से चोद'ने लगा..
विशाल बेटा देख मेरी दोनों बेटी अपनी मा की चुदाई देख रही हैं.. ओह... विशाल राजा बेटियों के साम'ने मुझे तेरे हल्लाबी लंड से चुद'ने में और ज़्यादा मज़ा आ रहा है. मैं और नहीं ठहर सक'ती, मैं झऱ'ने वाली हून. हा... देखो मेरी रन्डी बेटियों तुम्हारी मा झऱ'ने वाली है और फिर वह झऱ'ने लगी. एक पल तक वह झऱ्ति रही. जब वह झऱ चुकी तो उस'की टाँगें नीचे गिर गयी. अब मैने भी उस'की चूत से अपना लंड निकाला और मधु के मूँ'ह में दे दिया.
यह ले साली चूस तेरी मा का माल लगा है इस पर, स्वाद ले आप'नी मा के माल का जिस'से तू बनी है, चल चूस इस मस्ताने लंड को और वह मेरे लौऱे को मूँ'ह में ले छाप छाप कर'ती चूस'ने लगी. ऊपर से ले कर मेरे आन्डोन तक उस'ने मेरे लंड से अपनी मा का सारा माल सॉफ कर दिया था. चाची की टाँगें अब भी मेरे दोनों तरफ थी. वह अपनी बेटी को मेरा लंड चूस'ते हुए देख रही थी. जब'की रूचि मेरे पीठ पे थी. वह अब पीठ से ही दोनों हाथ मेरे दोनों तरफ कर'के मेरी छ्चाटी को सहला रही थी. जब उस'ने मेरा लंड सॉफ कर दिया तो मैने रूचि को पीच्चे से पकऱ कर आगे लाया और उसे कुतिया की तरह किया.
अब रूचि अपनी मा के बाजू मैं कुतिया की तरह चोपाया बनी थी.. मैं उस'की मा की टाँगों से बाहर आया और रूचि के पीच्चे हो गया. अब मेरा लंड रूचि की गान्ड के पास था. मैने मधु से कहा की,
तबले से मक्खन लाओ वह समझ गयी की मैं रूचि की गान्ड मारूँगा. वह फॉरन मक्खन ले आई. रूचि'ने कहा की,
विशाल मेरी गान्ड मेरी मा के साम'ने मारो'गे, आह,,, क्या मज़ा आएगा? मैने मधु से कहा की,
मेरे लौऱे पर और रूचि की गान्ड के च्छेद पर मक्खन लगाओ. उस'ने वैसे ही किया. चाची अब भी अपनी बेटी को कुतिया की तरह बनी देख रही थी. जब मधु'ने मेरे लंड और रूचि की गान्ड में मक्खन लगा दिया तो मैं बोला,
अब मेरा लंड अपनी बहन के गान्ड के च्छेद पर रख. वह किसी दासी की तरह मेरा हर हुकाँ मान रही थी. उन'की मा देख रही थी.. के अब क्या होगा, जब मेरा लंड रूचि की गान्ड पर वह रख चुकी तो उस'ने मेरी तरफ देखा. मैने मधु की आँखों मैं देख'ते हुए अपना लंड रूचि की गान्ड मैं डालना शुरू किया. जैसे ही मेरे लौऱे का सुपारा उस'की गान्ड के च्छेद मैं गया उस'ने एक ज़ोर की दर्द भारी सिस'कारी दी,
ऊूुुुुुउउइईईई, बहुत दर्द हो रहा है. मैं रुका नहीं आप'ने लंड को आख़िर तक उस'की गान्ड मैं धकेल दिया. जब मेरा पूरा लंड उस'की गान्ड मैं चला गया तो मैने हल्के हल्के झट्के लगा'ने शुरू किया. उस'की मा अब भी अपनी बेटी को गान्ड मरवााती देख रही थी. रूचि को अब मुझ से गान्ड मरवा'ने मैं इतना दर्द नहीं हो रहा था क्योंकि मैं उस'की गान्ड काई बार ले चुका था. मधु अब भी मेरे पास बैठी थी. वह अपनी बहन के चुत्तऱ पर हाथ फ़ायर रही थी. रूचि मुझे अब तेज चोद'ने को बोल रही थी..
विशाल और चोदो मेरी गान्ड हान्ं और तेज मज़ा आ रहा है. आ मधु मेरे पास और रूचि आप'ने हाथ उस'की चूत पर ले गयी. रूचि'ने मधु की चूत सहलानी शुरू कर दी. बीच बीच में वह अपनी छोटी बहन की चूत में अंगुल भी कर देती. रूचि इस'से और मस्त हो गई. अब वह मेरे हर झट्के के साथ ही अपनी गान्ड को पीच्चे की तरफ धकेल रही थी और वह अब जोश मैं औऊल फ़ाऊल बक रही थी..
विशाल देख मेरी मा को कैसे रन्डी की तरह अपनी बेटी की चुदाई देख रही है.. देख मा तेरी बेटी की गान्ड मैं विशाल का लंड है.. विशाल क्या मा की गान्ड मारी थी तुम ने, साली बऱी मट'का मट'का के चल'ती है. तेज हाय माआआ क्या विशाल से गान्ड मरवाई है की नहीं. विशाल और तेजज़्ज़्ज. क्या मज़ा है रे तेरे लौऱे मैं देख ना मेरी मा भी तेरे लौऱे की आशिक़ हो गयी है. कैसे चूत उठा उठा के छुड़वा रही थी तुम से. ऊह और 2 या 3 मिनिट बाद ही वह झऱ गयी. .
और फिर अपनी मा के पास ही पेट के बाल गिर गयी. तेज तेज साँसें ले रही थी. मेरे झऱ'ने मैं बहुत वक़्त था. मैने मधु को पकऱ के आप'ने नीचे लिट दिया. उस'की टाँगों मैं आ गया. मेरा लंड पर अब भी मक्खन लगा था. मैने मधु की टाँगों को आप'ने कंधों पर रखा और लौऱे को उस'की चूत के च्छेद पर टीका एक ही झट्के में पूरा लंड उस'की चूत में धंसा दिया. उस'के मूँ'ह से चीख निकल गयी..
उईईईई.... मेरीए माआ इस'ने तेरी बेटी को मार डाला. मैने अब उसे धुंवा धार तरीके से चॉड्ना चालू कर दिया था. वह एक पल तक तो दर्द से चिल्लती रही फिर उसे भी मज़ा मिलना शुरू हो गया. अब वह दर्द से नहीं उत्तेजना से सिसक रही थी..
विशाल और चोद मुझे. Pहाऱ डाल मेरी चूत को. अब माआ को मेरे लिए किसी बऱे लौऱे वाले का रिश्ता देखना होगा क्योंकि अब छ्छो'ते लौऱे का मुझे मज़ा नहीं मिलेगा. विशाल काश तुम मेरे पति हो'ते हाअ. मैं सारी ज़िंद'गी तुम्हारे कदमों मैं गुज़ार देती हाअ. विशाल मार मेरी चूत और ज़ोर से. माआअ देख विशाल जैसा ही पति देखना मेरे लिए. ऊह.. लंड भी विशाल जैसा ही देखना, चाहे तो खुद चुद'वा के भी देख लेना. कितना मज़ा दे रहा है तेरी बेटी को और अब रूचि भी सीधी हो गयी थी. दोनों मा बेटी देख रही थी. मधु की चुदाई देख चाची अब फिर से गरम हो गयी थी क्योंकि वह अपनी चूत को मसल रही थी. मैने मधु को और जोश से चॉड्ना शुरू कर दिया जिस'से वह ज़ोर ज़ोर के कामुक सिस'कारी दे रही थी..
विशाल क्या लंड हाईईईई. मैं पागल हो जवँगी.. ऊह.. माआ देख अपनी बेटी को. ऊह.. कैसे छुड़वा रही है.. विशाल मैं झऱ'ने वाली हून. कुच्छ 10 मिनिट की चुदाइ के बाद वह झऱ'ने लगी.
हाय मेरी चुदैल माआ मैं झऱ रही हून.. देख तेरी बेटी झऱ रही है.. ऊह और वह शांत हो गयी झऱ'ने के बाद पर मैं अब भी नहीं झऱ था. अब मैने चाची पर तवाज्जू दी. मैने मधु की चूत से लंड निकाला और चाची के पास गया. मैने चाची को कुतिया की तरह होने को बोला वह फॉरन ही कुतिया की तरह चोपाया हो गयी. मैने रूचि से मक्खन माँगा तो उस'ने मुझे मक्खन दिया और बोली,
लगता है मा की गान्ड आज लौऱे का मज़ा लेगी. उस'ने आप'ने ही हाथों से अपनी मा की गान्ड के च्छेद पर मक्खन लगाया और मेरा लंड तो पहले से ही मधु की चूत के माल से भरा था. मैने चाची की गान्ड के च्छेद पर लंड रखा और एक झट्क मारा. वह दर्द से चिल्ला उठि.
मैं मार गयी.. मैने दूसरा झट्क दिया जिस'से वह फिर चिल्ला'ने लगी..
विशाल हा'य ! निकालो. बहुत दर्द हो रहा है. वी माआ. मैने एक और झट्क दिया जिस'से मेरा लंड चाची की सन्कऱी गान्ड मैं आधा तक उतार गया. आंटी की चीखें निकल गयी वह चिल्ला रही थी..
मैं मार गाइ. मेरी गान्ड फॅट गयी. ओई. मैं मार जवँगी. हा'य ! विशाल मेरे पर रहम कर. . मैं तो उस'की दर्द भारी चीखैईं सुन के और मज़े मैं आ गया. मैने झट्के पे झट्के देता रहा अब तक मेरा पूरा लंड उस'की गान्ड मैं नहीं चला गया. चाची की आँखों मैं आँसू थे. वह दर्द के मारे रो रही थी. मैं बिना रुके गान्ड मराई करता रहा और वह दर्द से चिल्लाटी रही. फिर मैने रूचि को कहा की,
रन्डी अपनी मा की चूत को सहला, उसे अंगुल कर, उस'ने अपनी मा को अंगुल चुदाई करनी चालू कर दी. एक या दो मिनिट के बाद ही उसे मज़ा आ'ने लगा अब चाची अपनी गान्ड को पीच्चे को मार रही थी. जिस'से मेरा लंड पूरा उस'की गान्ड मैं घुस रहा था. वह उत्तेजना मैं सिसक रही थी..
विशाल अब मज़ा आ रहा है. शाबास ! और तेज चोद मेरी गान्ड को. रूचि बेटी देख मैने भी आज अपनी गान्ड मैं लंड ले लिया है.. वह भी घोरे का लंड, कितना बऱ लंड है.. . इश्स दौरान मधु हमें देख रही थी. मैं पूरे जोश से चाची की गान्ड मार रहा था. फिर कुच्छ वक़्त के बाद ही चाची झऱ'ने लगी..
विशाल मैं झऱ रही हून.. तेजज मार. आह देख रूचि बेटी तेरी मा झऱ रही है. आ उः और वह झऱ गयी क्योंकि उस'की गान्ड बहुत सन्कऱी थी. मुझे भी पूरा मज़ा मिल रहा था. अब मैं भी झऱ'ने के करीब था. मैने कहा की,
मेरी रागिनी रानी मैं भी झऱ'ने वाला हून.. लेकिन तेरी गान्ड मैं नहीं झऱून्ग. मैं तो अपनी रानी रूचि के मूँ'ह में झऱून्ग. रूचि आ मेरे लौऱे को चूस और मैने अपना लंड चाची की गान्ड से निकाल के रूचि के मूँ'ह में दे दिया..
और उस'ने मेरे लौऱे को पूरा ऊपर से नीचे तक अपनी जीभ से चाट्न शुरू किया. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. फिर उस'ने अपना मूँ'ह खोला और मेरे लौऱे को आप'ने मूँ'ह में ले कर चूस'ने लगी..
रूचि अपनी मा के गान्ड से निकाला हुआ लंड कैसे लगा तुम्हें स्वाद मैं. चूस इस मस्ताने लंड को.. रन्डी चूस इस मस्ताने लंड को.. ऊह.. तेरी मा की गान्ड से निकाला हुआ लंड है. मैं झऱ'ने लगा वह और जोश से छूसा कर रहही थी. मेरे सारा माल उस'के मूँ'ह में गायब हो रहा था. उस'ने एक बूँद भी ज़ाया नहीं किया. सारा पी गयी. जब मैं झऱ चुका तो उस'ने मेरा लंड आप'ने मूँ'ह से निकाला और आप'ने होंठों पर जीभ फेर'ने लगी. साथ ही अपनी मा और बहन को देख रही थी. मैं अब नीचे लेट था. उन तीनो'ने मुझे घेर रखा था. मैं सोच रहा था की आज तो मा और बेटियों की खूब ली मैने लेकिन अभी तो सुरुआत है. मैं अपनी जगह से उठा और बेड रूम मैं चला गया. मुझे आप'ने दोस्तों को फोन भी तो करना था प्लान के मुताबिक और फिर उन्हें चाची के घर जाके कौशल को भी पकऱ के साथ लाना था.