Incest Kahani दीदी और बीबी की टक्कर - Page 6 - SexBaba
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Incest Kahani दीदी और बीबी की टक्कर

[quote='भाई जो वैद्य ने आपको दवाई और तेल लिख के दिया था क्या आप मुझे उसका नाम बता सकते है ,मेरी भी स्थिति बिल्कुल आपके जैसी है जब  आपका लन्ड छोटा था,प्लीज मेरी मदद करदो भाई|]
मेरा मन किया कि काश दीदी मेरा लंड का पानी पी ले…और वही हुआ…दीदी ने मेरे लंड का पूरा पानी अपने मुँह में ले लिया..लेकिन उसमे से कुछ बाहर गिरा तो उसने अपने हाथ लगा लिए नीचे और फिर हाथ से बाकी का रस भी चाट लिया…दीदी ने मुझे तो मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा तोहफा दे दिया था…मेरा लंड पहली बार किसी ने चूसा और चाटा और उसका पानी भी पिया…में तो दीदी का गुलाम बन गया….

फिर हम दोनो ने अपने अपने शरीर धोए और बाहर आ गये.

आज दीदी ने मेरे जीवन का सबसे बड़ा सुख दिया था मैं अपने लंड को चुसवाना चाहता था लेकिन मेरी बीबी स्वेता ने आज तक मेरे लंड को छुआ भी नही लेकिन आज दीदी ने लंड चूसने के साथ लंड का पूरा पानी भी पी गयी आज मैं दीदी का गुलाम हो गया बाथरूम से निकलते ही मैं अपने रूम मे घुस गया थोड़ी देर मे ऑफीस जाने के लिए रेडी हो गया ओर रूम से बाहर निकला ड्रॉयिंग रूम मे सोफे पर बैठ गया थोड़ी देर मे दीदी अपने रूम मे से बाहर निकली वो गजब की संदर लग रही थी उनके हाथ मे एक थाली था उन्होने ब्लॅक साड़ी पहनी हुई थी ब्लॅक ब्लाउज सिर पर पल्लू नही था इसीलिए आगे का नज़रा सॉफ दिखाई दे रहा था ब्लाउज पारदर्शी था दीदी ने अंदर ब्रा नही पहनी थी उनकी चुचिया डीप कट ब्लाउज मे आधी से ज़यादा दिखाई दे रही थी होंठो पे लाल रंग की लिपस्टिक बाल खुले हुए थे.
दीदी ने थाली नीचे रख दी मेने थाली मे देखा

थोड़ी मिठाई, सिंदूर, एक मंगलसूत्र, मेने फिर से दीदी के चेहरे की तरफ देखा दीदी का चेहरा गुलाब की तरह खिला हुआ था
वो बहुत मुस्कुरा रही थी मैने दीदी की ओर देखा

तभी दीदी बोली' मैं कैसी लग रही हूँ.

राज- बहुत ही हसीन लग रही हो दीदी

दीदी मेरे होंठो पर अपने हाथ रखते हुए' दीदी नही सिर्फ़ अनिता'

राज- लेकिन मैं आपको नाम से कैसे पुकार सकता हूँ. आप मेरी वाइफ थोड़ी हो

दीदी धीरे से बोलते हुए' तो बना लो ना'

मैं दीदी की ओर देखते हुए' क्या बोली होश मे तो हो दीदी'

दीदी कुच्छ नही बोली थाली से मंगलसूत्र उठाई ओर मेरे सामने करते हुए ' ये लो भाई आज मेरे गले मे मंगलसूत्र पहनाकर मुझे अपनी दीदी से बीवी बना लो'

राज- नही दीदी ये नही हो सकता मैं स्वेता के साथ धोखा नही कर सकता

दीदी मेरी बात सुनकर एकदम गुस्सा हो गयी' क्यो नही बना सकते मुझे चोद सकते हो तो क्या मुझे अपनी बीवी नही बना सकते. क्या मुझे जिंदगी भर अपनी रखेल बनाकर रखना चाहते हो. अपनी रंडी बनाकर मुझे चोदना चाहते हो. क्या तुम अपनी दीदी की एक इच्छा पूरी नही कर सकते ठीक है अब तो मर्ज़ी है मुझे कोठे पर लेजा कर बेच दो. मुझे रंडी बना दो.
दीदी की आँखो से आँसू बहने लगे

वो मेरे पैरो मे गिर पड़ी उनके आँसुओ से मेरे दिल फटने लगा. मेने तुरंत दीदी को कंधो से पकड़ कर उठाया. मेने दीदी की आँखो मे देखा उनकी आँखो से आँसू बहे जा रहे थे मेने तुरंत थाली से एक चुटकी सिंदूर उठाया दीदी की माँग मे भर दिया


दीदी के आँसू अपने आप रुक गये मेने फिर मंगलसूत्र लिया दीदी के गले मे बाँध दिया.

फिर मैं वहाँ नही रुका तुरंत ऑफीस के लिए निकल गया. बिना नाश्ता किए दीदी के रोना बंद हो गया था. मैने दिनभर बैचेनी से ऑफीस मे बिताया नाश्ता भी नही किया किसी काम मे मन नही लग रहा था. पेट मे चूहे कूद रहे थे लेकिन खाने को मन नही कर रहा था. तभी मुझे दीदी का ख्याल आया दीदी की माँग मे सिंदूर तो भर दिया लेकिन अब स्वेता से कैसे सुलटुन्गा . मेरा दिमाग़ फटने लगा. शाम को जब घर लौटा तो ड्रॉयिंग रूम मे जाकर सोफे पर बैठ गया. तभी दीदी आई उनकी चाल ही बदल गयी थी बिल्कुल धीरे-धीरे किसी नयी नवेली दुल्हन की तरह आई सर पर पल्लू रखी हुई थी डीप कट ब्लाउज पहनी हुई थी मंगलसूत्र उनकी दोनो चुचियो के बीच मे लटक रहा था. बहुत ही हसीन लग रही थी.


लेकिन मेरे इधर भूख के मारे पेट मे चूहे कूद रहे थे. मेरा मुँह सूखा हुआ था क्योकि जब खाना नही मिलता है तो कुच्छ भी करने को दिल नही कर रहा था

दीदी मेरे सामने आकर रुक गयी मेरे चेहरे की तरफ ध्यान से देखने लगी मैं भी उनकी आँखो मे देख रहा था दीदी थोड़ी देर मेरी आँखो मे देखने लगी फिर उठ कर किचन की तरफ चली गयी आज दीदी बदली-बदली सी लग रही थी.

मैं सोफे पर से खामोशी से उठा ओर अपने रूम मे आकर कपड़े बदले लगा कपड़े बदल रूम से बाहर निकाला ऑर बाथरूम घुस गया

बाथरूम से फ्रेश होने के बाद जब बाहर आया दीदी प्लेट मे नाश्ता लिए हुए सोफे पर बैठी हुई थी. मैं खामोशी से सोफे पर जाकर बैठ गया. मैने प्लेट मे देखा नाश्ता रखा हुआ था

दीदी भी पूरी तरह खामोश थी उसने चुपचाप नाश्ता मे से एक कौर बनाया ऑर मेरे मुँह के सामने कर दिया मैने ना चाहते हुए भी मुँह खोल दिया. दीदी ने नाश्ता मुँह मे डाल दिया मैं चुपचाप खाना खाने लगा था. दीदी का प्यार देख कर मैं एमोशनल हो गया ऑर मेरी आँखो से दो बूँद आँसू टपक पड़े. दीदी ने मेरे आँसू पोछे ओर इशारे से बोली कि मैं चुपचाप खाना खाउ.

खाना खाने के बाद दीदी ने प्लेट उठाई ऑर किचन मे लेकर चली गयी. लेकिन खाना खाने के बाद ना जाने क्यो मुझे नशा छाने लगा. ऑर मैं सोफे पर लेट गया. तभी दीदी किचन की तरफ से आ गई . दीदी को देखकर मैं बैठ गया दीदी जब सामने आई. तो दीदी- आपको परेशान होने की कोई ज़रूरत नही जबतक आप नही कहेंगे तबतक मैं आपको स्पर्श भी नही करूँगी.

इतना बोलते ही दीदी वहाँ से जाने लगी मैं खड़ा हुआ ऑर दीदी को खिचकर अपने सीने से चिपका लिया. दीदी ने अपना मुँह मेरे सीने मे छुपा लिया मेरी पीठ पर अपनी दोनो बाहों को कसते हुए चिपक गयी. मैं दीदी की पीठ को सहलाने लगा.बहुत देर तक हम गले से लगे रहे कोई नही बोल रहा था.............................
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