- Joined
- Dec 5, 2013
- Messages
- 11,318
मैं अबू की बात सुनके के शरमाता हुआ उन के पास जा क बैठ गया तो अबू ने अपना बाज़ू मेरे दोनो कंधों पे फैला दिया और बोले देखो यार विक्की अब तुम मुझ से इतना शरमाया नहीं करो अब हम सिर्फ़ बाप बेटा ही नहीं बल्कि बहुत अच्छे दोस्त और राज़ दार भी बन चुके हैं
और फिर तुम जवान हो मज्ब्बोत हो... ...और... अच्छा ..ही की तुम ..एस काम मै ...मेरे जैसे ..नहीं हो.....
मैने सर उठा के अबू की तरफ देखा जो की अभी हल्का सा मुस्कुरा रहे थे तो मैने हाँ मैं सर हिला दिया और उस के बाद थोड़ी देर वेसे ही हम लोग गुप शुप करते रहे
तो अबू किसी काम से उठे तो मैने बाजी को अम्मी के बारे मैं पूछा की अब उन का क्या करना है क्यूं क अम्मी से हुयी बात मैं बाजी को बता चुका था तो बाजी ने कहा भाई
तुम कोई टेन्सन नहीं लो मैने अबू को सब कुछ बता दिया है अब जो भी करना है अबू को ही करना है
बाजी से बात कर के मैं थोडा रिलॅक्स हो गया की चलो अबू को भी पता चल गया है की अम्मी को हम पे शक हो गया है और
अब अबू खुद ही अम्मी से भी निपट लेंगे इस लिए मैं आराम से चारपाई पे लेट गया बाजी के करीब ही कुछ देर तक मैं ऐसे ही लेता रहा तो बाजी ने कहा क्यूं भाई कुछ मज़ा भी आया बिल्लो के साथ या फिर टाइम ही खराब हुआ तुम्हारा मैं... नहीं बाजी सच कहों तो मज़ा तो आया है लेकिन जितना मज़ा आप के साथ करने से मिलता है उतना मज़ा बिल्लो के साथ नहीं आया
बाजी... विक्की लगता है की तू ना पक्का बहनचोद बन गया है कामीने तुझे इतनी अच्छी लड़की के साथ भी मज़ा नहीं आया
मैं... हाँ बाजी बहनचोद तो मैं बन ही चुका हूँ तो फिर क्यूं ना अपनी ही बहन से पूरी तरह मज़ा लिया जाए
बाजी... अच्छा अब ये बता के क्या इरादा है तेरा मैं... यार बाजी मैं सोच रहा था के अगर अबू अम्मी को सेट कर दूँ तो हम ज़रा खुल के एंजाय कर सकैं गे क्यू फिर हमें किसी किस्म की टेन्सन नहीं रहे गी और हम घर पे भी मज़ा कर सकैंगे
बाजी.... क्यूं भाई घर मैं सिर्फ़ अम्मी ही तो नहीं होती फरीदा और फ़रज़ाना भी तो होती हैं उन का क्या करोगे
मैं... यार बाजी जब एक बहन को चोद के बहन चोद बन ही चुका हूँ तो बाकी 2 की चुत का मज़ा भी लेने की कोशिश करूँगा
बाजी... मेरी बात सुनके के हेरनी से मेरी तरफ देखते हो बोली भाई कहीं तुम्हारा दिमाग तो खराब नहीं हो गया पता है की अगर उन मैं से किसी एक साथ भी कोई हरकत की ना तुमने तो तो सारा काम खराब हो सकता है
मैने बाजी की बात सुनके के उन्हें बिल्लो से होने वाली फ़रज़ाना के बारे मैं बात बताई तो बाजी भी काफ़ी हेरान हुयी और साथ थोड़ी परेशान भी हो गई और बोली लेकिन भाई फ़रज़ाना तो अभी काफ़ी छोटी है कहीं कोई मसाला ना हो जाए
मैने भी बाजी को दिलासा दिया और कहा बाजी मैं अगर कुछ करूँगा भी तो ये ख्याल ज़रूर रखों गा के कोई मसाला ना हो जाए बाजी मेरी बात सुनके के चुप हो गई और किसी सोच मैं पड़ गई और फिर एक लंबी सी साँस लेते हो बोली ठीक है भाई लेकिन ख्याल करना के कोई गडबड ना हो जाए और उठ के साइड को चल दी और मैं अकेला लेता रह गया
बाजी के जाने के कोई 15 20 मिनट के बाद ही अम्मी भी खाना ले के आ गई और मुझे अकेला देख के बोली क्या बात है बेटा यहाँ इस तरह क्यूं लेते हो हो तुम्हारे अबू और फरी कहाँ हैं नज़र नहीं आ रही
मैं जल्दी से उठ के बैठ गया और अम्मी को देख के बोला के अबू तो काफ़ी देर से कहीं गये हैं और बाजी अभी कोई 15 मिनट पहले ही कहीं गई है
अम्मी ने खाना चारपाई पे रखा और रूम से एक चटाई ला के छाव मैं बिछा दी और खाना वहाँ रख के पानी भी भर के रखा और
अबू और बाजी को बुलाने चल दी अम्मी के जाने के बाद मैं उठा और हाथ मूह धो के वापिस मुड़ा तो देखा के बाजी अकेली चली आ रही थी और अम्मी अबू के साथ कुछ पीछे खड़ी थी और दोनो कुछ बात भी कर रहे थे बाजी के आते ही
मैने बाजी से पूछा के बाजी आप को कुछ अंदाज़ा है के अम्मी और अबू के दरमियाँ क्या बात हो रही है
मेरी बात सुनके के बाजी ने बड़ी अजीब नज़रों से मेरी तरफ देखा और बोली थोडा सबर करो फिर तुम्हें भी पता चल जाएगा और ट्यूबबेल से हाथ मूह धो के चताई पे आ के बैठ गई
मैं भी खामोशी से बाजी के पास जा के बैठ गया और अबू और अम्मी का इंतजार करने लगा जो की कोई 10 मिनट बाद आए उस के बाद हम ने मिल के खाना खाया
जिसके दरमियान अम्मी बार बार मेरी तरफ बड़ी मीठी नज़रों से भी देख रही थी जिससे की मुझे बड़ी उलझन मैं हो रही थी
और फिर तुम जवान हो मज्ब्बोत हो... ...और... अच्छा ..ही की तुम ..एस काम मै ...मेरे जैसे ..नहीं हो.....
मैने सर उठा के अबू की तरफ देखा जो की अभी हल्का सा मुस्कुरा रहे थे तो मैने हाँ मैं सर हिला दिया और उस के बाद थोड़ी देर वेसे ही हम लोग गुप शुप करते रहे
तो अबू किसी काम से उठे तो मैने बाजी को अम्मी के बारे मैं पूछा की अब उन का क्या करना है क्यूं क अम्मी से हुयी बात मैं बाजी को बता चुका था तो बाजी ने कहा भाई
तुम कोई टेन्सन नहीं लो मैने अबू को सब कुछ बता दिया है अब जो भी करना है अबू को ही करना है
बाजी से बात कर के मैं थोडा रिलॅक्स हो गया की चलो अबू को भी पता चल गया है की अम्मी को हम पे शक हो गया है और
अब अबू खुद ही अम्मी से भी निपट लेंगे इस लिए मैं आराम से चारपाई पे लेट गया बाजी के करीब ही कुछ देर तक मैं ऐसे ही लेता रहा तो बाजी ने कहा क्यूं भाई कुछ मज़ा भी आया बिल्लो के साथ या फिर टाइम ही खराब हुआ तुम्हारा मैं... नहीं बाजी सच कहों तो मज़ा तो आया है लेकिन जितना मज़ा आप के साथ करने से मिलता है उतना मज़ा बिल्लो के साथ नहीं आया
बाजी... विक्की लगता है की तू ना पक्का बहनचोद बन गया है कामीने तुझे इतनी अच्छी लड़की के साथ भी मज़ा नहीं आया
मैं... हाँ बाजी बहनचोद तो मैं बन ही चुका हूँ तो फिर क्यूं ना अपनी ही बहन से पूरी तरह मज़ा लिया जाए
बाजी... अच्छा अब ये बता के क्या इरादा है तेरा मैं... यार बाजी मैं सोच रहा था के अगर अबू अम्मी को सेट कर दूँ तो हम ज़रा खुल के एंजाय कर सकैं गे क्यू फिर हमें किसी किस्म की टेन्सन नहीं रहे गी और हम घर पे भी मज़ा कर सकैंगे
बाजी.... क्यूं भाई घर मैं सिर्फ़ अम्मी ही तो नहीं होती फरीदा और फ़रज़ाना भी तो होती हैं उन का क्या करोगे
मैं... यार बाजी जब एक बहन को चोद के बहन चोद बन ही चुका हूँ तो बाकी 2 की चुत का मज़ा भी लेने की कोशिश करूँगा
बाजी... मेरी बात सुनके के हेरनी से मेरी तरफ देखते हो बोली भाई कहीं तुम्हारा दिमाग तो खराब नहीं हो गया पता है की अगर उन मैं से किसी एक साथ भी कोई हरकत की ना तुमने तो तो सारा काम खराब हो सकता है
मैने बाजी की बात सुनके के उन्हें बिल्लो से होने वाली फ़रज़ाना के बारे मैं बात बताई तो बाजी भी काफ़ी हेरान हुयी और साथ थोड़ी परेशान भी हो गई और बोली लेकिन भाई फ़रज़ाना तो अभी काफ़ी छोटी है कहीं कोई मसाला ना हो जाए
मैने भी बाजी को दिलासा दिया और कहा बाजी मैं अगर कुछ करूँगा भी तो ये ख्याल ज़रूर रखों गा के कोई मसाला ना हो जाए बाजी मेरी बात सुनके के चुप हो गई और किसी सोच मैं पड़ गई और फिर एक लंबी सी साँस लेते हो बोली ठीक है भाई लेकिन ख्याल करना के कोई गडबड ना हो जाए और उठ के साइड को चल दी और मैं अकेला लेता रह गया
बाजी के जाने के कोई 15 20 मिनट के बाद ही अम्मी भी खाना ले के आ गई और मुझे अकेला देख के बोली क्या बात है बेटा यहाँ इस तरह क्यूं लेते हो हो तुम्हारे अबू और फरी कहाँ हैं नज़र नहीं आ रही
मैं जल्दी से उठ के बैठ गया और अम्मी को देख के बोला के अबू तो काफ़ी देर से कहीं गये हैं और बाजी अभी कोई 15 मिनट पहले ही कहीं गई है
अम्मी ने खाना चारपाई पे रखा और रूम से एक चटाई ला के छाव मैं बिछा दी और खाना वहाँ रख के पानी भी भर के रखा और
अबू और बाजी को बुलाने चल दी अम्मी के जाने के बाद मैं उठा और हाथ मूह धो के वापिस मुड़ा तो देखा के बाजी अकेली चली आ रही थी और अम्मी अबू के साथ कुछ पीछे खड़ी थी और दोनो कुछ बात भी कर रहे थे बाजी के आते ही
मैने बाजी से पूछा के बाजी आप को कुछ अंदाज़ा है के अम्मी और अबू के दरमियाँ क्या बात हो रही है
मेरी बात सुनके के बाजी ने बड़ी अजीब नज़रों से मेरी तरफ देखा और बोली थोडा सबर करो फिर तुम्हें भी पता चल जाएगा और ट्यूबबेल से हाथ मूह धो के चताई पे आ के बैठ गई
मैं भी खामोशी से बाजी के पास जा के बैठ गया और अबू और अम्मी का इंतजार करने लगा जो की कोई 10 मिनट बाद आए उस के बाद हम ने मिल के खाना खाया
जिसके दरमियान अम्मी बार बार मेरी तरफ बड़ी मीठी नज़रों से भी देख रही थी जिससे की मुझे बड़ी उलझन मैं हो रही थी